Banwasi Sewa Ashram – Banwasi Sewa Ashram · 2019. 6. 23. · Swarna Jayanti smarika...

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अजय श◌ेखर गोिवनद्परु, वायातरुर्ा) िजलासोनभदर्­231 221 उतत्र पर्देश भारत) 

 

 

Swarna Jayanti smarika 

संरकष्क डॉ. रािगणी पर्ेम (O सरव्ािधकार सरुकि्षत 7 नवमब्र, 2006 

कंखटुरारह्जड् ­ रामिनवास पाणड्ेय बनवासी सेवा आश◌र्म गोिवनद्परु, सोनभदर् बनवासी सेवा आश◌र्म गोिवनद्परु, वायातरुर्ा) । िजलासोनभदर्­231 221 उतत्र पर्देश मदुर्क 

तारा पि्रंिटंग वकर्स् कमचछ्ा, रथयातर्ागरुबुाग रोड वाराणसी  

 

 

 

केएल. कोचर संयकुत् सिचव एवं उपराषट्र्पित के पर्ेस सलाहकार दरूभाष : 23016344, 23016422 फैकस् : 23018124 

उप­राषट्र्पित सिचवालय नई िदलल्ी ­ 110011 Vice­PRESIDENTs SECRETRIAT 

बनवासी सेवा आश◌र्म,गोिवनद्परु, सोनभदर्, दव्ारा अपनी सथ्ापना के 50 वरष् परूण् करने के अवसर पर सव्रण् जयनत्ी समारोह का आयोजन िकया जा रहा है। इस उपराषट्र्पितजी बनवासी सेवा आश◌र्म की िनरनत्र पर्गित तथा पर्काशि◌त सम्ािरका नई िदलल्ी . . . . . . . ­ ­ ­ ­ ­ ­ ­ ­ ­ ­ (कोचर) 21 अगसत्, 26 

(4)  

 

गोिवनद्परु, सोनभदर् अपनी सव्रण् जयनत्ी के अवसर पर एक सम्ािरका का ­ पर्काशन करने जा रहा है। भारत गांवों का देश है। आधिुनक यगु में भी यहाँ की 76 पर्ितशत जनता खेतीिकसानी पर िनरभ्र है। हमारा मानना है िक देश की खशुहाली एवं िवकास का रासत्ा खेत एवं खिलहान से होकर जाता है। हमारी सरकार ने गांवोंगर्ामीणों के िवकास के िलये 71 पर्ितशत बजट की वय्वसथ्ा के साथ उनकी उपज का उिचत मलूय् िदलाने हेत ुसघन पर्यास िकये हैं जो िकसी भी सरकार दव्ारा पर्देश में पहली बार िकया गया। 

उतत्र पर्देश के पर्थम मखुय्मंतर्ी भारतरतन् गोिवनद् बलल्भ पंत की पर्ेरणा से गांधीवादी दरश्न पर आधािरत गर्ामसव्राजय् की सथ्ापना हेत ुइस संसथ्ा दव्ारा जो सतत ्लगन से कारय् िकये गये, वह अतय्नत् 

जनपद सोनभदर् िवकास की दषृि्ट से िपछड़ा कष्ेतर् है।                 हमने इसके िवकास के िलये परय्ापत् धनराशि◌ की               वय्वसथ्ा की है, िजसमें यातायात, िचिकतस्ा, शि◌कष्ा सिहत               अनय् कष्ेतर्ों में िविभनन् कारय् हो रहे हैं। इस कष्ेतर्                   के िलये लोगों के िलये रोजगार हेत भुिूमसेना योजना                 तथा सरुकष्ाबलों में भरत्ी हेत रुावटस्गंज में भरत्ी               केनद्र् भी खोला है। जररूत इस बात की है िक इस कष्ेतर्                       के भटके हयुे यवुाओं को समाज की मखुय्धारा में लाया                   जाये, इसके िलये सामािजक संगठन, सव्यंसेिवयों एवं             समाज के जागरकू लोगों के सहयोग से सफलता िमली है। 

मझुे िवश◌व्ास है िक बनवासी सेवा आश◌र्म दव्ारा               पर्काशि◌त सम्ािरका में ऐसे लेख एवं सामगर्ी पर्काशि◌त               होगी, जो गर्ामसव्राजय् की अवधारणा को और मजबतू बनाने                 

में सहायक िसदध् होगी तथा इस कष्ेतर् के िनवािसयों के                   िवकास के िलये मददगार सािबत होगी। सव्रण् जयनत्ी सम्ािरका के सफल पर्काशन के िलये मेरी हारि्दक श◌भुकामनाएँ (5)  

 

िवजय िसंह ­ कारय्ालय : 09, नवीन भवन पतन्ांक : सी डी­138/अधय्कष्पी सी एल05 िदनांक : 16.10.06 

बड़े ही हरष् का िवषय है िक बनवासी सेवा आश◌र्म, गोिवनद्परु,                     सोनभदर् अपने सव्रण् जयनत्ी के अवसर पर सम्ािरका पर्काशि◌त                 कर रहा है। उकत् सम्ािरका इस कष्ेतर् में समाज सेवा से जडु़े                       संसथ्ाओंवय्कि्तयों के िलये पर्ेरणासर्ोत का काम करेगी तथा               उनका पथ पर्दरश्न होगा। पर्काशक मणड्ल को मेरी ओर से                   श◌भुकामनाएँ 

 حالياًिवजय िसंह) 

िवधायकअधय्कष्ः पर्ोजेकट्स् कारपोरेशन (6)  

 

मझुे यह जानकर अपार हरष् हो रहा है िक बनवासी सेवा आश◌र्म, गोिवनद्परु की सव्रण् जयनत्ी के अवसर पर एक सम्ािरका का पर्काशन िकया जा रहा है। वसत्तुः बनवासी सेवा आश◌र्म,गोिवनद्परु की सथ्ापना राषट्र्नायक सव्० गोिवनद् बलल्भ पनत्जी ने िजन उदद्ेश◌य्ों को लेकर िकया था, उन उदद्ेश◌य्ों की परूि्त आश◌र्म के संचालकों के िनरनत्र किठन पिरश◌र्म से हईु है। आश◌र्म के परूव् संचालक सव्० पर्ेमभाईदव्ारा जनपदके वनवािसयों,िगिरवािसयों एवं आिदवािसयों के सामािजक, श◌ैकि्षक एवं आरि्थक उनन्ित की िदश◌ा में आश◌र्म की ओर से अनेक महतव्परूण् कारय् िकये गये हैं एवं आज भी वरत्मान संचालकपर्बनध्क रािगणी बहन दव्ारा भी इसी िदश◌ा में कारय् िकया जा रहा है। आश◌र्म की कारय् पर्णाली राषट्र्िपता महातम्ा गांधी के िवचारों एवं आदरश्◌ों का बोध कराती है। 

बनवासी सेवा आश◌र्म, गोिवनद्परु ने घरेल एूवं कटुीर उदय्ोगों,                 हथकरघा आिद को अपनाकर समसत् देशवािसयो को यह बताने का                   पर्यतन् िकया है िक आज भी गाँधीवादी जीवन दरश्न उतना ही                     पर्ासंिगक है। आश◌र्म की खय्ाित का पता इस बात से चलता है िक                         आश◌र्म में देश, पर्देश ही नहीं अिपत िुवदेश से भी सव्यं सेवी                       संसथ्ाएँ, समाज सधुारक एवं िवचारक अधय्यन एवं भर्मण के िलये                   

आते रहते हैं। मझुे आश◌ा ही नहीं वरनप्रूण् िवश◌व्ास है िक जनपद के 

गांवों में रहने वाली जनता आश◌र्म के कारय्ों से पर्ेरणा लेकर समसत् सामािजक बरुाइयों को दरू करते हयुे अपनी आरि्थक एवं सामािजक उनन्ित के पथ पर अगर्सर होगी। मैं बनवासी सेवा आश◌र्म,गोिवनद्परु के िनरनत्र पर्गित पथ पर बढ़ने की मंगल कामना करता हूँ। (िसंह) िजलािधकारीसोनभदर् (7) ­  

 

िदनांक : 28 जलुाई, 2006 

संदेश 

बनवासी सेवा आश◌र्म को नजदीक से देखने का दो बार अवसर पर्ापत् हआु। इनकी कष्मता, कारय्पर्णाली एवं इनकी वय्वहार कशुलता को देखकर काफी पर्भािवत हआु हूँ वय्कि्त के अनद्र देशपर्ेम की भावना को जागतृ करने एवं सव्ावलमब्ी बनाने की 

अदि्वतीय कष्मता देखने को िमली। इतने िपछड़े कष्ेतर् में दढृ़ता से अपने िमशन को फलीभतू करने में लगा संगठन व उसके 

कारय्करत्ाओं को राषट्र्ीय िनरम्ाण में योगदान देने के िलये भिूरभिूर पर्श◌ंसा की 

जाती है, खासकर डॉ० रािगणी पर्ेम एवं सशु◌र्ी श◌भुा की 

को जानने के िलये पर्शि◌कष्गुण आते रहे हैं। भिवषय् में कामना करता हूँ िक गैर सरकारी संगठनों से जडु़ने के िलये पिुलस िवभाग को भी पहल करनी चािहये। सोनभदर् पिुलस को आपके संगठन दव्ारा िदये गये 

सहयोग का मैं हदृय से आभार पर्कट करता हूँ तथा संगठन के समसत्जनों की तहेिदल से पर्श◌ंसा करता हूँ अपेकष्ा करता हूँ िक बनवासी सेवा आश◌र्म अपनी गितिविधयों को सोन के उतत्री अंचल में भी पर्भावी ढंग , से चलाने, राषट्र्भावना को िवकिसत करने एवं जनता पिुलस समब्नध्ों को मधरु बनाने के िलये अपने अमलूय् सझुाव भी देंगे। ­ , रघबुीर लाल) बनवासी सेवा आश◌र्म, गोिवनद्परु ­ ­ (8)