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जीवन एक है › Life_is_a_Journey...ज वन एक य ह व : Dr. Bill Mounce...

Date post: 07-Jun-2020
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जीवन एक याा है वा: Dr. Bill Mounce अनुवादक बिच िसं ह आप तक लाया गया आपके िके ारा
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  • जीवन एक यात्रा ह ै

    वक्ता: Dr. Bill Mounce

    अनुवादक बिचत्र िसंह

    आप तक लाया गया आपके िमत्रों के द्वारा

  • Table of Contents

    १. हम आपके पिरवतर्न को दहुराते है 3

    2. वस्तुयों में अब बदलाव आने वाला है 13

    ३. जब आप ठोकर खाते है 22

    4. परमेश्वर को सुनना 33

    5. परमेश्वर से बात करना 45

    6. परमेश्वर के िवषय में और ज्यादा सीखना 54

    7. यीशु के िवषय में िक वह कौन है 63

    8. यीशु ने क्या िकया 73

    9. पिवत्र आत्मा के िवषय में 82

    10. परमेश्वर के साथ चलना 92

    11. इकठे चलना 104

    १२. दसूरों को अपने साथ चलने के िलए बुलाना 113

    �2

    जीवन एक यात्रा है
Copyright © 2015 Dr. Bill Mounce and BiblicalTraining.org

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    https://www.biblicaltraining.org/life-journey/bill-mounce/hindi

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  • Chapter 1

    १. हम आपके पिरवतर्न को दहुरात ेहै

    मैं आपके साथ आप जो नए िवश्वासी ह ैआपके पिरवतर्न के िवषय में बात करके शुरू करना चाहता हँू ! मैं आपके िनणर्य की आपके साथ ख़ुशी मनाना चाहता हँू, और मैं देखना चाहता हँू िक क्या आपके कोई बुिनयादी प्रश्न हैं? और मैं आपको समझाना चाहता हँू िक आप इस बात को जान पाएं िक जब आप यीशु के चेले बने तो क्या हुआ - जब आप परमेश्वर िक संतान बन गए. अगर आप को िकसी बात िक समझ नही आ रही तो आप कृपया अपने पास बैठे व्यिक्त से पूछें, वह आपको समझा देंगे. और इस बात को भी जािनए िक आने वाले ११ सप्ताहों में, मैं आपको इन सभी बातों का िववरण दूंगा िजनके िवषय में मैं आज बात कर रहा हँू! यदिप बहुत सी ऐसी पंिक्तया और अध्याय हैं, यहाँ पर मैं जा सकता हँू, मैं अपनी बातचीत की बुिनयाद हर समय के प्रिसद्ध वाक्य के ऊपर रखना चाहता हँू, यीशु की एक बात िजसको पूर ेसंसार भर के बहुत से लोग जानते हैं, और वह ह ैयूहन्ना ३:१६, "क्योंिक परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा िक उसन ेअपना एकलौता पुत्र दे िदया, तािक जो कोई उस पर िवशवास रखे वह नष्ट न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाये. जैस ेमैं अपके पिरवतर्न के अनुभव के बार ेमें बात करता हँू, मैं यूहन्ना ३:१६ का इस्तेमाल करना चाहूगंा और इसे मैं टुकड़ो में बांटना चाहँूगा।

    "क्योंिक परमेश्वर ने जगत से इतना प्रेम िकया"

    यहां देखें िक जो शुरुआत में यीशु ने बात कही ह ैवह इस तथ्य को बहाल करती ह ैिक एक परमेश्वर ह।ै परमेश्वर कोई अवैयिक्तक ताकत, िकस्मत अथवा प्रकृित माता नही ह।ै

    परमेश्वर एक व्यिक्तगत परमेश्वर ह।ै इस प्रेमी परमेश्वर ने जगत को बनाया और िजतने भी लोग इस संसार में रहते हैं उनकी उसने सृिष्ट की। बाइिबल बताती ह ैिक उसने लोगों को अपने रूप में बनाया, तािक और वस्तुओ ंके साथ हमारी हमार ेसृिष्टकतार् के साथ संगित हो सके और उसके साथ हमारा िरश्ता हो सके। एक कुत्ते का परमेश्वर के साथ िरश्ता नहीं हो सकता। आप और मैं उसके स्वरूप में बनाय ेगए थे और हमे बनाया गया था हम बनाये गए थे िक हम उसके साथ संगित कर सकें , जुड़ सकें और अपने सृिष्टकतार् के साथ िरश्ता बना सकें । हमार ेपहले माता िपता आदम और हव्वा बाग़ में परमेश्वर के साथ चला करते थे। इसके बावजूद िक हम क्या सुनते हैं, सृष्टी कोई इत्तफ़ाक से नहीं ह,ै और न ही यह कोई अचानक हुआ भुमंडलीय पागलपन ह,ै हम कोई आिदकालीन झाग नहीं ह ैजो िकनार ेपर आकर साफ़ हो गए और लाखों वषोर्ं के बाद हम मनुष्य बन गए। हमें सृिष्ट की सबसे उत्तम रचना बनाया गया। हमे परमेश्वर के द्वारा जान बूझ कर बनाया गया। उत्तिप्त १ और २ में सृिष्ट की जो कहानी ह ै(बाइिबल के पहले २ पाठ) वह मनुष्य की सृिष्ट की और इशारा करती ह।ै आपको और मुझको अथर् और उदे्दश्य के साथ बनाया गया था, और उस उदे्दश्य और अथर् का एक िहस्सा ह ैिक हम अपने सृिष्टकतार् के साथ संगित में, जुड़े हुए और िरश्ते में जीवन जीते हैं। िफर कुछ भयंकर घटना इस संसार के साथ

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  • घटी, और हमे यह जानना आवश्यक ह ैिक इससे परमेश्वर चिकत नही हुए; परमेश्वर न ेइसस ेपहले िक कुछ भी बनाया था, वह जानते थे िक यह होगा, िफर भी उन्होंने सब कुछ बनाया। आदम और हव्वा जो िक हमार ेपहले माता िपता थे उन्हें एक छोटा सा िनयम िदया गया था : बाग़ के सभी वृक्षों में से तुम एक वृक्ष से नहीं खा सकते हो। मैं सोचता हँू िक िकतनी बार आदम को स्वगर् में क्षमा मांगनी पड़ेगी, "मैं जानता हँू, मैं क्षमा चाहता हँू, मैं क्षमा चाहता हँू। मुझे एक ही काम करना था..... " मैं खुश हँू िक मैं आदम नहीं हँू। एक ही िनयम था िजसका उन्होंने पालन करना था। और उस एक िनयम का पालन करने के द्वारा वह परमेश्वर को िदखा सकते थे िक वह परमेश्वर से िकतना प्रेम करते थे। परमेश्वर के िनयम पालन करने के द्वारा, वह कह रह ेहोते, " हाँ हम आपके प्रभुत्व के अधीन हैं।" "आप परमेश्वर हैं हम नहीं हैं। " िफर भी जैस ेहम उत्पित्त उसके ३ अध्याय में पढते हैं की आदम और हव्वा ने जानबूझ कर उस एक िनयम को तोड िदया - उन्होंने पाप िकया और उस एक वृक्ष के फल को खा िलया। उस पाप का पिरणाम यह हुआ की वह परमेश्वर स ेअलग हो गये। वह शरीरक तौर पर अलग बाग में से बाहर िनकाल िदए जाने की वजह से हुए, परन्तु उनके ह्रदय में वह परमेश्वर से भी अलग हो गए। वह परमेश्वर के शत्रु बन गए और उससे दरू हो गये। भिवष्यवक्ता यशायाह ने कहा, " परन्तु तुम्हार ेअधमर् के कामों ने तुम को तुम्हार ेपरमेश्वर से अलग कर िदया ह,ै और तुम्हार ेपापों के कारण उस का मुँह तुम से ऐसा िछपा ह ैिक वह नहीं सुनता। " (यशायाह ५९:२)

    हम हमार ेपिवत्र परमेश्वर से अलग हो गए हैं, हमार ेपिवत्र सृिष्टकतार् से; और यह ह ैपाप का पिरणाम। परमेश्वर से अलग होकर जीवन जीन ेकी सज़ा मृत्यु ह;ै जो िक वास्तव में अनंत अलगाव ह।ै बाइिबल कहती ह ै" क्योंिक पाप की मजदरूी तो मृत्य ुह"ै परमेश्वर से सदैव अलगाव। जो आदम और हव्वा के िलए सत्य था वह अब सभी लोगों के िलए सत्य ह।ै बाइिबल कहती ह,ै "इसिलये िक सब न ेपाप िकया ह ैऔर परमेश्वर की मिहमा से रिहत हैं।" सब ने पाप िकया ह,ै हर एक ने वह िकया ह ैजो परमेश्वर न ेहमे करने के िलए नहीं कहा था। इसिलए हम में से प्रत्येक मसीह के कायर् के िबना, िजस के बार ेमें हम कुछ समय में सीखेंगे, हमार ेसृिष्टकतार् से अलग, िवरोध से भरा हुआ जीवन जीते। हमारा परमेश्वर जो की प्रेम का परमेश्वर ह,ै वह न्याय का भी परमेश्वर ह।ै न्याय का परमेश्वर पिवत्र परमेश्वर के िवरोध में पाप को दंड िदए िबना नहीं जाने देगा, इस िलए पाप और अलग होने की सज़ा ह।ै यदिप सुसमाचार यह ह ैकी िजतना हमारा परमेश्वर न्याय का परमेश्वर ह ैउतना ही वह प्रेम का परमेश्वर भी ह।ै

    "िक उसने अपना एकलोता पुत्र दे िदया"

    यीशु यूहन्ना ३:१६ में आग ेकहते हैं, "परमेश्वर न ेजगत से इतना प्रेम िकया िक उसन ेदे िदया" इस तरह से उसने प्रेम िकया: उसने अपना एकलोता पुत्र दे िदया िक वह पृथ्वी पर आकर एक पिवत्र जीवन जीय े और कू्रस पर मर जाये"

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  • १. kूस पर वाs*वकता म. kा 0आ था?

    कू्रस पर वास्तिवकता में क्या हुआ था? एक व्यिक्त के वहां मर जान ेसे ज्यादा क्या हुआ था। यीश ुने एक पिवत्र जीवन बसर िकया। यीश ुके जीवन में एक भी पाप नही था। इसिलए जब वह मर,े उनकी मृत्यु उनके पापों की कीमत नहीं थी, क्योंिक उन्होंन ेएक भी पाप नही िकया था, परन्तु उनकी मृत्यु आपके पापों और मेर ेपापों की कीमत बन गयी। क्योंिक उनकी मृत्य ुहमार ेपापों की कीमत बन गई, अब हमार ेिलए क्षमा उपलब्ध हैं। यशायाह ने मसीह के समय से ७०० से अिधक वषर् पहले िलख िदया था िक कू्रस पर क्या होगा; यह एक आश्चयर्जनक भिवष्यवाणी ह।ै " िनश्चय उसने (यीशु ने ) हमार ेरोगों को सह िलया और हमार ेही द:ुखों को उठा िलया; तौभी हम ने उसे परमेश्वर का मारा-कूटा और ददुर्शा में पड़ा हुआ समझा।" यीश ुन ेरोगों और दखुों उठा िलया और सोचते हैं िक परमेश्वर उसके ऊपर क्रोिधत ह।ै " परन्तु वह" यीशु "हमार ेही अपराधो के कारण घायल िकया गया, वह हमार ेअधमर् के कामों के हतेु कुचला गया; हमारी ही शािन्त के िलये उस पर ताड़ना" सज़ा "पड़ी िक उसके कोड़े खाने से हम चंग ेहो जाएं। हम तो सब के सब भेड़ों की नाईं भटक गए थे; हम में से हर एक ने अपना अपना मागर् िलया; और यहोवा न ेहम सभों के अधमर्" पाप "का बोझ उसी" यीशु " पर लाद िदया॥"

    (यशायाह ५३:४-६) नए िनयम में, प्रेिरत पौलुस िलखता ह,ै "जब हम पापी ही थे तभी मसीह हमार ेिलये मरा" यीशु ने एक पिवत्र जीवन िजया। उसकी मृत्यु उसके पापों की कीमत नही थी। और इसिलए उसकी मृत्यु एक स्रोत बन गई िजसके द्वारा आपके और मेर ेपाप क्षमा हो सके। क्षमा अब उपलबध ह।ै हमार ेपापों की वजह स ेपरमेश्वर और हमार ेबीच में एक खाई ह।ै यीशु की मृत्यु ने उस खाई के ऊपर पुल बना िदया ह।ै यीश ुजो कू्रस पर मरा उसकी वजह से परमेश्वर के साथ िरश्ता सम्भव हो पाया ह।ै यीशु के कू्रस पर मरन ेकी वजह से यह संभव हो पाया ह ैकी आप और मैं घर वािपस जा सकें और बाग में िफर से परमेश्वर के साथ चल सकें । जब मैं यह सुनता हँू, तो मेर ेमन में एक प्रश्न आता ह;ै यह पृथ्वी पर कैसे संभव हो हो सकता ह?ै (हालांिक जब आप इसके बार ेमें सोचते हैं तो उत्तर पृथ्वी पर नहीं ह)ै कैसे संभव ह ैिक एक मनुष्य की मृत्य अभी आदमीओ,ं औरतों और बच्चों के पापों की कीमत दे सकती ह?ै यह कैसे सम्भव ह?ै इसका उत्तर ह,ै "मुझे नहीं पता" बाइिबल पूरी तरह से इसका िववरण नहीं देती ह ैकी यह कैसे होता ह,ै परन्तु कम से कम दो िहस्सों में यह उत्तर देती ह ैकी यह कैसे सम्भव ह ैकी यीशु की मृत्य ुहमार ेपापों की कीमत दे सकती ह।ै

    २. परमे5र का कृपाल ुhd

    एक उत्तर तो यह ह ैिक यह परमेश्वर के कृपाल ुह्रदय में दफन ह।ै यह परमेश्वर की करुणा और अनुग्रह की वजह स ेह।ै आप और मैं इस योग्य नहीं थे की हम क्षमा ले पाते। यीशु न ेपुछा, "एक मनुष्य अपन ेप्राण के बदले क्या ?" उत्तर ह,ै कुछ भी नहीं। आप और मेर ेपास कुछ भी नही ह ैजो हम कर सकते हैं। िकसी भी मात्रा में कोई धािमर्क काम नही ह ैजो हम कर सकते ह,ै और चाह ेहम िकतना भी अपने पड़ोसी से अचे्छ बन जाएँ वह काफी नही ह ैिक हमे हमार ेपापों स ेक्षमा िमल सके। इसका उत्तर परमेश्वर के कृपालु हृद्य में दफन ह।ै हम समझते हैं िक हम मुिक्त के योग्य नही थ,े परन्तु परमेश्वर ने अपनी करुणा और भलाई जो िक हम अयोग्य पािपयों

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  • के प्रित थी के द्वारा िनणर्य िलया िक एक पिवत्र बिलदान दसुर ेमनुष्यों के पापों की कीमत दे सकता ह ै- यह ह ैकरुणा ! पूर ेपुराने नेम से कू्रस तक पूरा बिलदान का जो ढांचा था वह इस िलए गया था िक वह हम ेिसखाए की एक पिवत्र बिलदान की मृत्य ुके द्वारा दसुर ेके पापों की कीमत दी जा सकती ह।ै परमेशवर कृपालु परमेश्वर ह।ै

    ३. यीशु कौन ह?ै

    दसूरा िहस्सा िजस में यह उत्तर िमलता ह ैिक यीशु की मृत्यु आप के और मेर ेपापों की कीमत दे सकती ह,ै यह कैसे सम्भव ह,ै यह इस प्रश्न में िलपटा हुआ ह ैिक यीशु कौन ह।ै सम्पूणर् मनुष्य ह,ै और यह उसके देह धारण करने के कारण हुआ की वह संसार के पापों को उठा सकता था और आपके और मेर ेपापों की कीमत दे सकता था। अगर मैं पाप रिहत जीवन व्यतीत करता और उसके पश्चात मै मर जाता तो क्या मैं आपके पापों की कीमत दे सकता था? यीशु को पूरी तरह से परमेश्वर होना था, क्योंिक िसफर् परमेश्वर ही पापों की कीमत के बोझ को उठा सकता था। जब यीश ुकू्रस पर लटका हुआ था, परमेश्वर ने उसे पाप बना िदया, बाइिबल बताती ह।ै यह िसफर् यही नही था िक उसको दंड िदया गया, परन्तु उसे वास्तव में पाप बनाया गया। यीशु को पूरा पाप बनाया गया जो िक सभी लोगों ने कभी िकये थे अथवा करेंगे। िकसी भी मनुष्य का इस बोझ को िकसी भी तरह से उठाना असंभव था। यीश ुको मनुष्य होना आवश्यक था िक वह मनुष्य हो की वह आपके और मेर ेऔर सभी लोगों के कभी भी िकये हुए पापों को उठा सके। िफर भी परमेश्वर के ह्रदय में कुछ और भी था जो कहता था की अगर तुम मनुष्य जाती के िलए बिलदान देने जा रह ेहो तो तुम्ह ेकुछ और भी करना होगा, तुम्ह ेमनुष्य बनना होगा। इसिलए यीशु को पूरी तरह से मनुष्य बनना पड़ा था िक वह मनुष्य जाती के पापों को उठा सकें ।इब्रािनयों की पुस्तक में लेखक िलखता हैं, "यीशु को हर तरह से अपने भाईयों की तरह बनना पडा , िक वह प्रािश्चत कर सके और तुम्हार ेपापों के िलए बिलदान दे सके।" मैं ऐसे पूरी तरह से समझता नही हँू िक यीश ुकी मृत्यु मेर ेऔर आपके पापों की कीमत कैस ेदे सकती ह.ै यदिप मैं यह जानता हँू िक यह परमेश्वर के कृपालु ह्रदय में िलप्त हुआ ह।ै और यह िक परमेश्वर को खुद बिलदान का प्रयोजन करना पड़ा, परन्तु उसे यह एक मनुष्य के रूप में देना पड़ा ताँ िक वह सारी मनुष्य जाती के पापों को क्षमा कर दे।

    "और जो कोई उस पर िवशवास कर"े

    "क्योंिक परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा िक उस ने अपना एकलौता पुत्र दे िदया, तािक जो कोई उस पर िवश्वास कर,े वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए।" (यूहन्ना ३:१६)

    १. जो कोई *वशवास कर े

    यह शब्द "जो कोई" बहुत ही अिनवायर् ह ैजां नहीं? यह कहता ह ैिक यीश ुिकसी को भी बचा सकते हैं। जब यीशु ने कू्रस से अंितम शब्द पुकार,े "काम पूरा हुआ" और िफर उन्होंन ेमृत्यु में अपन ेिसर झुका िलया, उन्होंन ेजो कहा उसका अथर् था िजस ेवह समझते थे। उन्होंने उस काम को पूरा कर िदया िजसके िलए िपता परमेश्वर ने उन्हें

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  • पृथ्वी पर भेजा था, और वह था लोगों के पापों के िलया बिलदान देना। उन्होंन ेने अपना काम अच्छी तरह से पूरा िकया। उन्होंने ने इसे पूरा िकया

    और अब जब हम क्षमा के िलए दोहार लगाते हैं, चाह ेहमने कुछ भी िकया हो और चाह ेहम कुछ भी करें, परमेश्वर योग्य ह ैिक वह हमे क्षमा कर,े "जो कोई उस पर िवश्वास कर"े वह यह भी कह सकते थे "जो कोई मुझ पर िवशवास करगेा" यह अिनवायर् ह ैकी हम "उसे" जाने, यह व्यिक्तगत सवर्नाम ह।ै यह जो नीचे िलखे हुए हैं इनमे से कुछ भी मसीिहयत नही ह।ै

    * मसीिहयत धमर् नही ह ै - धमर् की पिरभाषा ह ैिक लोग परमेश्वर को ढंूढते हैं।

    * मसीिहयत कोई दशर्न (िफलासफी) नही ह ै, यह कुछ अचे्छ िवचारों का संगम नहीं ह।ै

    * मसीिहयत िशक्षाओ ंका समूह नही ह।ै

    * मसीिहयत कोई चचर् िबिलं्डग नही ह ैअथवा कोई संस्था अथवा सोचने का धािमर्क मागर् नही ह।ै

    * मसीिहयत कोई हाँ या नहीं की सूची नहीं ह।ै

    *मसीिहयत कोई आित्मक संकोच नही ह ैयहां पर हम जादईु प्राथर्नाएं नही करते हैं या रोते हुए हाथ उठाते ह ैऔर हम सोचते ह,ै यही सब कुछ ह।ैमसीिहयत ह ैिक हम यीशु पर िवशवास करते हैं; यह व्यिक्तगत परमेश्वर के साथ सम्बन्ध ह ै- यह िरश्ता यीशु ने जो कू्रस पर आपके और मेर ेिलए िकया उसकी वजह से संभव हो पाया। मसीिहयत वह िरश्ता ह ैयहा ंपर हम घर जाते हैं; हम वािपस बाग में जाकर हमार ेसृिष्टकतार् और हमार ेपरमेश्वर के साथ िफर से चलते हैं

    २. साधारण “*व5सी” नही

    "जो कोई उस पर िवश्वास कर.े...."इस बात को देिखये यीशु जहा ँयह नहीं कहते हैं, "जो कोई िवशवास कर"े बाइिबल का िवश्वास, बाइिबल की आस्था और बाइिबल का भरोसा यह सब िहंदी के शब्द हैं जो एक ही संकल्पना को प्रस्तुत करते ह।ै बाइिबल का िवश्वास बौिद्धक अनुमित नही ह,ै यह यीश ुपर िवश्वास करना नही ह।ै बाइिबल का िवश्वास आिस्तकवाद भी नही ह,ै जो िवश्वास करना ह ैिक परमेश्वर मौजूद ह।ै वास्तव में अगर कोई कहता ह ैिक वह मसीही ह,ै वह यीशु पर िवश्वास करता ह,ै वह िवश्वास करता ह ैिक परमेश्वर ह,ै एक उत्तर ह:ै तो क्या! दषु्ट आत्माएँ भी िवश्वास करती हैं और कांपती ह।ै जब दषु्ट आत्माएं यीश ुको आते हुए देखती ह,ै वो जानती ह ैिक वह कौन ह ैऔर वह पुकार कर कहती ह,ै "ह ेपरमेश्वर के पिवत्र जन, क्या तू हम ेदःुख देने के िलए आया ह?ै" दषु्ट आत्माएं आिस्तक होतीं हैं; वह जानती हैं िक परमेश्वर ह।ै वह जानती ह ैिक यीशु कौन ह,ै िफर भी वह अनंत काल तक नरक की आग में जलेंगी। बाइिबल का िवश्वास बौिद्धक अनुमित नही ह,ै न ही यह आिस्तकवाद ह,ै न ही यह िवश्वास करना ह ैिक परमेश्वर हमारी चोटों और पीडा को दरू कर देगा।

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  • बाइिबल का िवश्वास यह नहीं ह ैिक परमेश्वर हमार ेजीवन को बदल देगा और हमे उदेश्य और आनंद दे देगा, यह उसके िहस्से ह,ै परन्तु इनमे से कुछ भी पिरवतर्न नही ह।ै पिरवतर्न का अनुभव उन लोगों को िमलता ह ैजो यीशु मसीह पर िवश्वास करते ह।ै

    ३. *व5ास करना

    बाइिबल का यह िहस्सा यूनानी भाषा में िलखा गया था, यीशु अपनी रीती से हटकर कुछ बहुत ही बुरी व्याकरण का इस्तेमाल करते हैं िक वह अपनी तकर् को प्रस्तुत कर सकें । सार ेदजर् िकये गए यूनानी सािहत्य में िकसी ने इस पद का इस्तेमाल नही िकया जो यीशु यहां कर रहें ह।ै अगर हम इसका वास्तव में अनुवाद करें तो यह ऐसे होगा, "जो कोई उस में िवश्वास कर"े यह भयंकर यूनानी भाषा ह,ै मगर शानदार धमर् िशक्षा ह।ै बाइिबल का िवश्वास यह कहता ह ैिक हम अब अपने ऊपर िवश्वास नहीं करते ह।ै

    बाइिबल के िवश्वास का अथर् ह ैिक हमने अपने भरोस ेको अपने से हटकर यीशु पर लगा िदया ह।ै बाइिबल के िवश्वास का अथर् ह ैकी हमन ेअपने ऊपर नहीं बिल्क यीशु के ऊपर भरोसा करने की वचनबद्धता की ह।ै बाइिबल के िवश्वास का अथर् ह ैिक अपने आप को अपने प्रेमी सृिष्टकतार् की बाँहों में सौंप देना, पूरी तरह से उस पर भरोसा करना: पापों की क्षमा के िलए, मुिक्त के िलए, देखभाल के िलए, सहायता के िलए और सभी वस्तुओ ंके िलए िजनकी हमे मनुष्य होने के नाते आवश्यकता हैं। बाइिबल के िवश्वास का अथर् ह ैिक हमन ेअपन ेआप को परमेश्वर की करुणा भरी बाँहों में डाल िदया ह ैऔर हर बात के िलए उस पर िवश्वास करते ह,ै और यह यीशु पर िवश्वास करने से कहीं ज्यादा ह ैया नही?

    ४. भजन संKहता २३

    बाइिबल में से एक सब स ेिप्रय पद ह ैिजसे भजन संिहता की पुस्तक में पाया जाता ह।ै भजन संिहता के २३ अध्याय में हमे पता चलता ह ैिक यीशु कौन ह।ै अगर हम सवर्नाम को प्रितबािधत करें तो हमे पता चलना शुरू हो जाता ह ैिक यीशु पर िवश्वास करन ेका अथर् क्या ह।ै भजनकार िलखता ह,ै " यहोवा मेरा चरवाहा ह"ै आप उस िरश्ते के बार ेमें सोचें जो िक मुखर्, भोली, बदबूदार, काँटनेवाली, लात मार भेड और चरवाह ेमें पाया जाता ह।ै " यहोवा मेरा चरवाहा ह,ै मुझ ेकुछ घटी न होगी" यहां पर सवर्नाम आता ह,ै " वह मुझे हरी हरी चराइयों में बैठाता ह;ै वह मुझे सुखदाई जल के झरने के पास ले चलता ह;ै वह मेर ेजी में जी ले आता ह।ै धमर् के मागोर् में वह अपने नाम के िनिमत् मेरी अगुवाई करता ह।ै

    चाह ेमैं घोर अन्धकार स ेभरी हुई तराई में होकर चलूं, तौभी हािन से न डरंूगा," क्योंिक मैं मजबूत, आजाद व्यिक्त हँू और मैं जीवन की हर चुनौती का सामना कर सकता हँू जो मेर ेऊपर आती ह?ै नहीं ! "चाह ेमैं घोर अन्धकार से भरी हुई तराई में होकर चलू,ं तौभी हािन से न डरंूगा, क्योंिक तू" परमेश्वर " मेर ेसाथ रहता ह;ैतेर ेसोंटे और तेरी लाठी स ेमुझे शािन्त िमलती ह॥ै तू मेर ेसताने वालों के सामने मेर ेिलये मेज िबछाता ह;ै तू ने मेर ेिसर पर तेल मला

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  • ह,ै मेरा कटोरा उमण्ड रहा ह।ै िनश्चय भलाई और करूणा जीवन भर मेर ेसाथ साथ बनी रहेंगी; और मैं यहोवा के धाम" उसकी उपिस्थित में " सदा वास करँूगा" भजनसंिहता २३:१-६

    जब हम भजन २३ को इस तरह से पढ़ते हैं, तो हम यह महसूस करना शुरू करते हैं की मसीिहयत, चेलापन, और यीशु के पीछे चलना क्या ह ै, यह इस बात को समझना ह ैकी हम तो मुखर्, पापी भेड हैं िजन्ह ेएक चरवाह ेकी आवश्यकता ह।ै हमारा चरवाहा न िसफर् हमार े िलए क्षमा का प्रयोजन करता ह,ै वणर् वह हमार ेिलए हर वस्तु का प्रयोजन करता ह ैिजसकी हमे आवश्यकता ह।ै सुखदाई जल, हरी चराइयें , और हमार ेशत्रुओ ंसे सुरक्षा। "क्योंिक परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा िक उस ने अपना एकलौता पुत्र दे िदया, तािक जो कोई उस पर िवश्वास कर,े वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए।" जो कोई अपना भरोसा यीशु पर ले आता ह.ै… (यूहन्ना ३:१६)

    ५. मु*k ऐसी कोई वsु नही ह ैOजसे हम कमा सकत ेह ै

    मुिक्त ऐसी कोई वास्तु नहीं ह ैिजसे हम कमा सकते ह।ै एक बहुत ही महत्वपूणर् पिरणाम ह ैिजस को मैं आपके सामने लाना चाहता हँू , अगर हम यूहन्ना ३:१६ के इस पद को समझना चाहते ह।ै अगर हम समझते हैं िक मुिक्त कोई ऐसी वस्तु नहीं िजस ेहम कमा सकते ह,ै वरन यह कुछ ह ैजो परमेश्वर हमार ेिलए करते ह,ै तो यह समझना बहुत ही आसान हो जाता ह ैिक मुिक्त धािमर्क कायर् करन ेके द्वारा प्राप्त नही होती, मुिक्त िवश्वास के द्वारा िमलती ह।ै जब आप और मैं यीश ुमसीह के िशष्य बन ेतो हम अपने हाथों को अचे्छ कामों से भर कर नही लाय ेथे और हम ने यह नहीं कहा,

    *"देखो तुम मेर ेकजर्दार हो"

    * " मैंने अपनी पत्नी को कुछ देर से नही पीटा"

    * " मैंने अपन ेकुत्ते के कुछ देर लात नहीं मारी"

    * " मैंने कुछ देर स ेइनकम टैक्स की चोरी नहीं की"

    * "मैं कुछ समय के िलए चचर् में भी गया और मैंने १ डॉलर चचर् में िपछले वषर् भेंट के रूप में भी िदया"

    हम अपने हाथों में कुछ पकडकर परमेश्वर के सामने नहीं आते िक जैसे इनस ेहम अपनी मुिक्त जा पापों की क्षमा खरीद सकते ह।ै जब हम समझ जाते ह ैिक मुिक्त क्या ह,ै तो हम समझते ह ैिक यह साधारण िवश्वास के द्वारा ह।ै मुिक्त ह ैजब हम भरोसा कर के यीशु की बांहों में छलांग लगा देते ह ैऔर वह हमे पकड़ लेता ह ैऔर हमे बचा लेता ह।ै बाइिबल कहती ह,ै " क्योंिक पाप की मजदरूी तो मृत्यु ह,ै परन्तु परमेश्वर का वरदान हमार ेप्रभु मसीह यीशु में अनन्त जीवन ह॥ै" हम बचाये जाते ह ैऔर यीशु के िशष्य उस कामों के द्वारा नहीं िजन्ह ेहम करते ह ैिक हम जैसे परमेश्वर के पक्ष को खरीद लेंगे, वरन िवश्वास करन ेके द्वारा िक जो परमेश्वर ने मसीह में िकया ह ैिजसे

    �9

  • हम अपने आप के िलए नहीं कर सकते थे। पौलुस इिफिसयों की क्लीस्या को िलखते हुए कहता ह,ै " क्योंिक िवश्वास के द्वारा अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ ह,ै और यह तुम्हारी ओर से नहीं, वरन परमेश्वर का दान ह।ै और न कमोर्ं के कारण, ऐसा न हो िक कोई घमण्ड कर।े (इिफिसयों २:८-९)

    एक गीत ह ैिजसके शब्द इस प्रकार ह,ै " क्योंिक पापरिहत मुिक्तदाता मर गया, मेरा पापी प्राण आज़ाद हो गया, क्योंिक परमेश्वर जो धमीर् ह ैउसन ेउसकी (यीशु) और देखा और मुझे क्षमा कर िदया" यह भजन िलखने वाला और यीश ुमसीह के सच्च ेिशष्य यह समझते हैं िक हम इसिलए क्षमा नहीं िकये गए क्योंिक हमने कुछ ऐसे काम िकय ेथे, वरन परमेश्वर ने यीशु मसीह के द्वारा कुछ ऐसा काम िकया ह।ै िपता परमेश्वर जो धमीर् और न्यायी ह,ै वह

    संतुष्ट हो गया और वह अपनी करुणा के द्वारा हमार ेपापों को नहीं देखता वरन यीशु की पूणर्ता को देखता ह ैऔर िजस व्यवहार के हम योग्य थे हम से वैसा व्यवहार नही करता परन्तु हम से वैसा व्यवहार करता ह ैिजसके यीश ुयोग्य ह।ै मुिक्त ऐसा कुछ भी नही ह ैजो हम अपने िलए कर सकते ह,ै मुिक्त ह ैजो परमेश्वर ने हमार ेिलए िकया ह,ै और हम िवश्वास और भरोस ेके द्वारा उसका प्रितउत्तर देते ह ैकी यह ऐसे ही ह।ै

    ६. मु*k ह ैयीशु पर *व5ास करना

    िजस रीित से आप और मैं मसीही बन ेअथवा यीशु के िशष्य बने - चाह ेआप कोई भी भाषा इस्तेमाल करना चाह े- यह धािमर्क कामो के द्वारा परमेश्वर का पक्ष कमाने से नहीं हुआ। आप और मै यीशु मसीह के िशष्य इस बात का िवश्वास करने के द्वारा बन ेिक यीशु वह ह ैजो उसने कहा िक वह ह ैऔर इस बात पर िवशवास करने के द्वारा के उसने िकया जो उसने कहा िक उसन ेिकया, हम िवश्वास करत ेह ैिक यीशु वह ह ैजो वह कहते ह ैिक वह ह।ै यीशु ने कहा "मागर् और सच्चाई और जीवन मैं ही हू;ं िबना मेर ेद्वारा कोई िपता के पास नहीं पहुचं सकता। " हम िवश्वास करते ह ैिक केवल यीशु ही पापों की क्षमा प्रदान कर सकते ह ै, और वह ही सृिष्टकतार् के साथ संगित और िरश्ता बनाने में प्रवेश करवा सकते ह,ै उसके िबना हम अपने पापों में मर जाएंगे और उसस ेदरू एक नरक नाम की जगह पर अनंत काल तक जीवन व्यतीत करेंगे। हम िवश्वास करते हैं िक उन्होंन ेजो कहा वह हैं। हम िवश्वास करते ह ैिक जो कुछ उन्होंने कहा िक उन्होंने िकया तो उन्होंन ेिकया और कुछ उन्होंन ेकहा िक वह करेंगे तो वह करेंगे। यीशु ने कहा, " मैं इसिलये नहीं आया िक मेरी सेवा टहल करी जाए, परन्तु इसिलय ेआया िक मैं सेवा टहल करँू और बहुतों की छुडौती के िलये अपन ेप्राण दे॥" हम िवश्वास करते ह ैिक यीशु ने हमारी छुड़ौती, कीमत दे दी ह ैिक वह हमार ेपापों से हमारी स्वतंत्रता सुरिक्षत कर ले। हम िवश्वास करते ह ैिक जब यीशु ने पुकार कर कहा, "काम पूरा हुआ" तो उन्होंने ने कू्रस पर काम पूरा कर िदया और अब हमार ेपाप क्षमा हो सकते ह ैऔर हम अब हमार ेसृिष्टकतार् के पास पहँुच सकते ह।ै िशष्य वह ह ैजो िवश्वास करते ह ैिक जो यीश ुने कहा वह वास्तव में वही हैं और जो उन्होंन ेकहा िक वह करेंग ेतो उन्होंने वास्तव में वही िकया।

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  • "नाश न हो वरन अनंत जीवन पाएं"

    "क्योंिक परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा िक उस ने अपना एकलौता पुत्र दे िदया, तािक जो कोई उस पर िवश्वास कर,े वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए।" (यूहन्ना ३:१६) अगर हम अपने सृिष्टकतार् से अलग होकर अपना जीवन जीते ह,ै तो एक ही संभािवत िवकल्प हमार ेपास शेष रह जाता ह ैऔर वह ह ैनाश होना। नकर् एक बहुत ही वास्तिवक स्थान ह,ै और हमने इसका यहां पर स्वाद चख कर देखा ह ैजा नहीं? नकर् एक वास्तिवक स्थान ह ैऔर मैं एक ही बात कहना चाहता हँू, "आप वहां जाना नहीं चाहेंगे। " यीशु इस िलए मर गए िक हम ेनाश न होना पडे , परन्तु हमार ेपास अनंत जीवन हो - अनंत जीवन। हम जानते ह ैिक मृत्यु सत्य के जीवन में प्रवेश करने का मागर् ह ैिजसमे हम हमार ेसृिष्टकतार् के साथ सम्पूणर् संगित में चले जायेंगे। सबसे िबंदास बात जो िक सुसमाचार के बार ेमें ह ैिक आप और मैं मृत्यु से पहले अनंत जीवन के कुछ लाभों का लुफ्त उठा सकते ह।ै क्योंिक हमने नया जन्म जो पा िलया ह।ै हमारा नए भाई बहनों के साथ एक नया पिरवार ह।ै हमार ेिलए स्वगर् में एक नई मीरास ह ैजो हमारा इन्तजार कर रही ह।ै हम अभी परदेशी हैं जो इस पृथ्वी पर हैं परन्तु हमारी नागिरकता स्वगर् की ह।ै हम अपन ेजीवन को आगे देखते हुए बसर कर रहें ह,ै हम घर जाना चाहते ह ैऔर िफर से परमेश्वर के साथ बाग़ में चलना चाहते ह।ै यद्यिप यहां पर लगातार पीडा रहगेी, यहा ंपर लगातार दःुख रहेंगे, हमार ेचारों और मृत्यु रहगेी। परन्तु अंदाज़ा लगाइए? हमार ेनयें िवश्वास के िलए हम ेस्ताव का सामना करना पडेगा। हमार ेिमत्र नही समझ पाएंग ेिक हम क्यों बदल गए हैं। हम वैसे बन जायेंगे जैसे पौलुस ने कहा, "हम उनके िलए मृत्यु की मीठी सुगन्ध हैं। " परन्तु हम परमेश्वर के िलए सुगन्ध ह।ै मेर ेऔर आपके िलए नया जीवन और सच्चा आनंद होगा , ऐसा आनंद िजसके द्वारा हम अपन ेजीवन की पिरिस्थितओ ंके पार देख पाएंगे। यह सच्चा आनंद ह ैजो की इस सच्चाई पर आधािरत ह ैिक हमार ेप्राणों का खालीपन हमार ेसृिष्टकतार् के द्वारा भर िदया गया ह।ै " क्योंिक परमेश्वर न ेजगत से ऐसा प्रेम रखा िक उस ने अपना एकलौता पुत्र दे िदया, तािक जो कोई उस पर िवश्वास कर,े वह नाश न हो, परन्त ुअनन्त जीवन पाए।" (यूहन्ना ३:१६)

    कीमत को आंक ले

    यीशु ने यह भी कहा की इस से पहले िक आप उस पर िवश्वास करन ेका िनणर्य लें, आप को कीमत को आंकना होगा क्योंिक कुछ बातें पहली सी नहीं रह जाएँगी - वह रह नही सकतीं। मुिक्त पूरी तरह स ेमुफ्त ह ैऔर हम पूरी तरह से इसके योग्य नही हैं। ऐसा कुछ भी नहीं जो हम करके इस ेकमा सकते हैं। परन्तु जब हम यीश ुमसीह के िशष्य बनने का िनणर्य लेत ेहैं, इसके िलए हमे हर बात की कीमत देनी पडेगी, क्योंिक िशष्यता प्रभु यीश ुमसीह की प्रभुता के तहत िशष्यता ह।ै पौलुस कहता ह,ै "तुम अपने नहीं हो" क्यों ? इसका उत्तर ह ैिक क्योंिक हम दाम देकर मोल िलये गए ह ै, इसिलये अपनी देह के द्वारा हम परमेश्वर की मिहमा करें। पतरस कहता ह,ै " क्योंिक तुम जानते हो, िक तुम्हारा िनकम्मा चाल-चलन जो बाप दादों से चला आता ह ैउस से तुम्हारा छुटकारा चान्दी सोने अथार्त नाशमान वस्तुओ ंके द्वारा नहीं हुआ।" यीशु का लहू वह कीमत थी जो परमेश्वर ने आपको और मुझे नकर् के गडे्ढ से छुड़ाने के िलए कीमत दी। अब हम जो यीशु के िशष्य ह ैउसके ह,ै मिहमा करें। पतरस कहता ह,ै "

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  • क्योंिक तुम जानते हो, िक तुम्हारा िनकम्मा चाल-चलन जो बाप दादों से चला आता ह ैउस से तुम्हारा छुटकारा चान्दी सोने अथार्त नाशमान वस्तुओ ंके द्वारा नहीं हुआ।" यीशु का लहू वह कीमत थी जो परमेश्वर ने आपको और मुझे नकर् के गडे्ढ स ेछुड़ाने के िलए कीमत दी। अब हम जो यीश ुके िशष्य ह ैउसके ह,ै और यह एक ऐसा जीवन ह ैिजसमे पाप का अत्याचार टूट गया ह ैऔर पाप की जो हमार ेऊपर प्रभुता थी वह टूट गई ह।ै न िसफर् हमार ेपास स्वतंत्रता और आनंद के जीवन हैं, वरन अब हम उसकी मिहमा की प्रभुता में रहत ेह।ै

    चाह ेहम खाते ह ैअथवा पीत ेह,ै जो कुछ भी हम करते ह,ै हम परमेश्वर की मिहमा के िलए करें। इस िलए हमने कीमत को िगण िलया ह ैऔर हम न ेआनंद के साथ यीशु के पीछे चलने का िनणर्य िकया ह।ै जब हमन ेयह िनणर्य ले िलया ह,ै परमेश्वर का पिवत्र आत्मा हमार ेजीवन में आ गया ह ैऔर उसन ेहम ेनया जीवन प्रदान कर िदया ह,ै हमे नए लोग बना िदया ह ैऔर हमे नया जन्म िदया ह,ै हम ने िफर से जन्म ले िलया ह।ै परमेश्वर का आत्मा हमार ेभीतर रहता ह ैऔर वह हमारी अगुवाई करता ह ैऔर वह हमे बदलने की शिक्त प्रदान करता ह।ै

    परमेश्वर का लक्ष्य

    परमेश्वर का आपके जीवन के िलए जो लक्ष्य ह ैवह ह ैकी हम में बदलाव आये . उसकी इच्छा यह ह ैिक हम जैसे पहली िदखते थे वैसे न िदखें और हम उसके पुत्र यीशु जैसे िदखने लगें। पौलुस हमे बताता ह ैिक हम अंश अंश करके मिहमा से मिहमा में बदलते जाते ह,ै और यह हमार ेजीवन में पिवत्र आत्मा का कायर् ह ै, जो िक हमें बदलने की चाहत देते हैं और हम ेबदलने की योग्यता देते ह।ै बाइिबल इन फलों को आत्मा के फल बताती ह।ै जैसे परमेश्वर के आत्मा का कायर् हमार ेभीतर चल रहा ह,ै हमार ेजीवन एक ऐसा प्रेम िदखाना शुरू कर देता ह ैजो पहले कभी नही होता ह।ै हमारा जीवन गहरी शांित को समझना शुरू कर देती ह ैजो पहले कभी महसूस नहीं की थी।

    हमार ेपास प्रेम, आनन्द, मेल, धीरज,  और कृपा, भलाई, िवश्वास, नम्रता, और संयम हैं, और क्योंिक पाप का अत्याचार टूट चूका ह ैऔर हम परमेश्वर की सेवा करन ेके िलए स्वतन्त्र ह;ै वह कायर् कर रहा ह,ै हमें नई चाहते देता ह ैऔर उन्हें पूरा करन ेकी योग्यता भी देता ह।ै हमने क्या िकया ह ैिक हमने िशष्यता के नय ेजीवन में पहले कदम उठाये हैं। परमेश्वर ने जगत को बनाया, उसन ेजगत को प्रेम िकया, उसन ेअपना पुत्र जगत के िलये दे िदया, और उसका पुत्र जगत के िलए मर गया, तािक िजस िकसी ने अपना भरोसा यीशु पर रखा वह सृिष्टकतार् के साथ आनंदमय िरश्ते का आनंद उठा पायेगा। मेर ेभाई और बहन परमेश्वर के पिरवार में आपका स्वागत ह।ै

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  • Chapter 2

    2. वस्तुयों में अब बदलाव आने वाला है

    पिरवितर् त लोग

    िपछली बार मैंने पिरवतर्न के पश्चात जो सचाई ह ैउस के िवषय में बात की थी, अब्ब कुछ बातें बदलेंगी। मैंने यह भी बात की थी िक पिरवतर्न के बार ेमें यह सच्चाई ह ैिक हम नयें जीवन में जन्म लेतें ह ै– एक नयें तरह के जीवन में। आज की सुबह मेरा प्रभाव इस सच्चाई के ऊपर ह ैिक नयें िवश्वासी का नया जीवन िभन्न ह,ै और यह ह ैभी, और यह पिरवतर्न से पहल ेके जीवन स ेिभन्न होना भी चािहए। मैं इस बात पर जोर देना चाहता हँू िक हम बदल चुके हैं और बदले हुए लोग अलग रीती स ेव्यवहार करते ह।ै

    परमे5र से अलग

    जो मैं कहने जा रहा हँू इसस ेिकसी को झटका नही लगना चािहए। कुछ समय के िलए अपने पिरवतर्न के िवषय में सोचें और स्मरण करें िक हमार ेपिरवतर्न के समय क्या हुआ था। हम इस बात को भली भांित समझते हैं िक हम परमेश्वर से अलग हुए पड़े थे। हम इस बात की समझ तक पहँुच गए थे िक हम पापी थे। हम ने इस बात को समझ िलया ह ैिक यीशु की कू्रस पर जो मृत्यु हुई उसने हमार ेपापों की कीमत दे दी तािक हमार ेपापों की क्षमा प्राप्त कर सकें । हमने इस बात को िनश्चय समझ िलया िक पहल ेहमारा परमेश्वर के साथ सबंध नहीं था, परन्तु हमार ेपिरवतर्न के पश्चात हम परमेश्वर के साथ सबंध में जीते ह,ै और अब वह हमारा िपता ह ैऔर हम उसकी संतान हैं। यदिप हम केवल इन्ही तथ्यों पर ही गौर करें, तो हम कहेंगे, “बेशक मेरा नय ेजीवन एक िवश्वासी के रूप में िभन्न होगा; यह िभन्न इसिलए होगा क्योंिक मैं िभन्न हो गया हँू”

    पSाताप

    हम ने इस बात को पूरी तरह से समझ िलया ह ैिक पिरवतर्न में हम पश्चाताप के िलए बुलाये गये थे – बहुत से तरीकों में से यह एक तरीका ह ैिजस के द्वारा बाइिबल पिरवतर्न का िववरण देती ह ै। प्रेिरतों के कायर् ३:१९-२० पतरस लोगों से बात कर रहा ह ैऔर उन्हें कहता ह,ै “इसिलये, मन िफराओ और लौट आओ िक तुम्हार ेपाप िमटाए जाएं, िजस से प्रभु के सम्मुख से िवश्रािन्त के िदन आएं” यिद हम पश्चाताप के अथर् के ऊपर िवचार करें, तो हम इस बात को एक तरफ देखत ेह ैिक इसका अथर् ह ैिक हम यीशु के प्रित अपने िवचार को बदलते हैं िक वह कौन ह ैऔर उसने क्या िकया ह।ै पिरवतर्न में हमने अपनी सोच को बदला ह ैिक यीशु िसफर् एतहािसक व्यिक्त नही ह ैबल्की वह परमेश्वर ह;ै यह ह ैपश्चाताप। पश्चाताप, दसूरी तरफ न िसफर् अपने मन को बदलना ह,ै वरन यह अपने जीवन और हमार ेकामों को बदलने िक प्रितबद्धता भी ह।ै पश्चाताप पापों की और पीठ घुमाना और परमेश्वर की और मुड़ने की प्रितबद्धता ह।ै मैं सोचता हँू िक पश्चाताप का सब स ेस्पष्ट िववरण 1 िथस्सलुनीिकयों की पुस्तक में

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    http://www.wordproject.org/bibles/in/52/1.htm

  • पाया जाता ह।ै पोलुस न ेिसफर् चार या पांच महीने पहले िथस्सलुनीिकयों में प्रचार िकया था, यह एक िबलकुल नई कलीिसया थी और उस ेवहां स ेबहुत जल्दी जाना पड़ा। उसने िथस्सलुनीिकयों की कलीिसया को यह वचन िलखे, उनका िववरण आप १ िथस्सलुनीिकयों १:९ में पाते हैं, “तुम कैसे मूरतों से परमेश्वर की ओर िफर ेतािक जीवते और सच्चे परमेश्वर की सेवा करो। पश्चाताप इसी के िवषय में ह”ै

    अपने मन को बदलना और उसके पश्चात एक प्रितबद्धता करना िक मैं अपने कामों को बदलूँगा। जब हम पश्चाताप के िवचार को समझ लेते हैं, तो िफर हम यह कहेंग,े “अब बेशक मेरा जीवन एक नय ेिवश्वासी के रूप में बदलना चािहए क्योंिक अब मैं िभन्न हँू ।

    पाप म. मुदU, मसीह म. जीवत

    शायद हमारी बातचीत में, हम ने यह भी समझा, जैसे पोलुस के शब्द इिफ्सयो की कलीिसया के िलए थे, िक हमार ेपिरवतर्न के पश्चात हम मुदार् थे, हम अपने पाप में मुदार् थे । हालांिक जब हम परमेश्वर की संतान बन गए, तो उसने हमे जीवत कर िदया; िकतनी अनोखी तस्वीर ह,ै हैं या नही? सबसे बुिनयादी बात, िक हम क्या ह ैउसका मूलतत्व, मौिलक रूप से और मूल रूप स ेबदल िदया गया ह।ैहम मुदार् थे परन्तु अब हम जीवत ह!ै अवश्य ही एक जीवत मनुष्य का जीवन मौिलक रूप से मुदार् मनुष्य के जीवन से िभन्न होगा । ठीक ह?ै जो लोग जीवत ह ैउनका जीवन के अनुभव उन लोगों से जो मुदार् ह ैउनसे िभन्न होंगे । शायद हमन ेइस बात को तब समझ िलया था जब हम मसीही बने थे और अब हम कहते ह,ै “बेशक मेरा िवश्वासी के रूप में मेरा नया जीवन बदलने जा रहा ह,ै क्योंिक मैं बदल गया था; अब मैं वैसा नहीं रह सकता हँू” जब हम इन बातों पर प्रितिबंिबत करते ह ैिक जब हम मसीही बने तो हमने क्या समझा, तो हम अचरज नहीं करते ह ैजब हमे बाइिबल बताती ह ैिक हमारा जीवन हमार ेिलए बदलने जा रहा ह।ै

    आ. क्या हुआ?

    जब मैंने इस िवषय के ऊपर मनन िकया तो मैंने उन सभी बातों के बार ेमें सोचना शुरू िकया जो मेर ेयीश ुमसीह के िशष्य बनने के समय घिटत हुई। वास्तव में मैं जब सात वषर् िक आयु में मसीह बना तो मेर ेसाथ बहुत सी बातें घिटत हुई िजनके बार ेमें एक सात वषर् का बच्चा समझ नहीं सकता ह।ै मैं हमारी पूरी समझ िक सहायता करना चाहता हँू – हमारी पिरवतर्न की तस्वीर, और हम में से कई लोगों के िलए यह समीक्षा होगी। शायद में स ेकुछ लोग जो अपने िवशवास में नये ह,ै हमारा यह प्रितउत्तर होगा, “यह हुआ!” “परमेश्वर ने यह मेर ेिलए िकया?” “मैं तो यह जानता ही नहीं था!” यह तो कमाल की बात ह!ै” मैं चाहता हँू िक आप सभी यह महसूस करें, िक िजतना ज्यादा मैं उस बदलाव को देखता हँू और समझता हँू जो परमेश्वर ने मेर ेभीतर िकया ह-ै चाह ेमैंने इस ेअपने पिरवतर्न के समय समझा या नहीं- उतना ही हम स्वभािवक रूप से यह समझेंगे िक हमारा जीवन पहले जीवन से िभन्न होना चािहए। हमारा िवश्वािसयों के रूप में जीवन िभन्न होगा क्योंिक हम िभन्न ह।ै

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  • पVरवतWन के पूवW

    मुझे अनुमित दे िक मैं आपको बता सकंू िक पिरवतर्न के पूवर् क्या हुआ: क्या आप जानते ह ैिक यह परमेश्वर था िजस ने आप को अपनी और खीचा? क्या आप समझते हैं िक जब हम ने शुरू िकआ, अथवा शायद पिहली बार, जब आपने दोषी महसूस िकया, या आपन ेसोचा, “ ओह यह सही नही था!” और िफर अचानक हमन ेयह महसूस करना शुरू िकया िक हम ेक्षमा की आवश्यकता ह?ै यदिप एक सप्ताह पहल ेही हमन ेयही िकया था और हम ने दोषी महसूस नही िकया था। क्या आप जानते ह ैिक उस वक्त परमेश्वर हमार ेजीवन में कायर् कर रहा था? हम उस समय आित्मक रीती से मुदार् थे और हम दोषी महसूस नहीं करते थे। क्या कोई मुदार् व्यिक्त दोषी महसूस करता ह।ै नही, ऐसा नही होता ह।ै यह परमेश्वर था जो हमार ेजीवन में कायर् कर रहा था, वह हमे अपनी और खींच रहा था। जब हमने यह महसूस करना शुरू िकया िक हम खाली हैं और हमन ेअधूरापन महसूस करना शुरू कर िदया, यह सोचते हुए, “ मेर ेजीवन में कुछ अधूरा ह”ै, यह कोई सव्भािवक बात नही थी, यह परमेश्वर था जो आपको कह रहा था, “मैंने तुझे अपने िलए बनाया और मैंन ेतेर ेह्रदय में एक खली जगह रख दी और मैं ही हँू जो उस खालीपन को भर सकता हँू, खेल कूद उस ेनहीं भर सकता ह,ै धन उसे नहीं भर सकता ह,ै लोकिप्रयता उसे भर नही सकती ह,ै तू कुछ भी कोिशश कर के देख सकता ह,ै मेर ेिसवाय ऐसा कुछ नहीं ह ैजो इस खालीपन को भर सकता ह”ै । जब हमने इन बातों को समझना शुरू कर िदया, िफर यह हमारा कायर् नही था, वरन परमेश्वर हमार ेबीच में काम कर के हमे अपनी और खींच रहा था। यीशु ने कहा, “कोई मेर ेपास नहीं आता ह,ै वरन वही िजसे मेरा िपता भेजता ह ैऔर वही उसे खींचता ह”ै वास्तव में जब हम ने मसीह के दावो का सम्ह्ना िकया और उसने हमे कहा िक हम उस पर िवश्वास कर,े क्या आप जानते ह ैिक जो िवश्वास िजसके द्वारा हमन ेप्रितउत्तर िदया वह परमेश्वर की और स ेवरदान था? इिफ्सओ ं२:८ में पोलुस इफ्सुस िक कलीिसया को कहता ह,ै “8 क्योंिक िवश्वास के द्वारा अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ ह,ै और यह (मुिक्त का कायर्) तुम्हारी ओर से नहीं, वरन परमेश्वर का दान ह”ै और िफर भी हम ने इसे पूरी तरह से नहीं समझा, यह परमेश्वर था जो कायर् कर रहा था, हमे खींच रहा था, कायल कर रहा था, उत्सािहत कर रहा था, और लोगों को जीवन में लेकर आ रहा था जैसे वह हम ेअपनी और खींच रहा था।

    *व5ास म. p*तउtर

    आिखरकार, जब हम िवश्वास करन ेके िनणर्य का सामना करते हैं, तो हम ने अपन ेवास्तव के पिरवतर्न में िवश्वास में प्रितउत्तर िदया – उस खास पल में, तो हम बचाए गए। हम अन्धेर ेके राज्य से बचाए गए और हम ज्योित के राज्य में लाये गये; तो हमन ेअपनी िनष्ठा को बदल िदया और हमारा पाप पूरी तरह से माफ़ कर िदया। ऐसा कुछ भी नहीं ह ैिक जो िक हमे परमेश्वर िक योग्यता से बाहर कर दे िक वह मुझे मेर ेपापों से माफ़ कर दे, यह ह ैकू्रस में समथर् और योग्यता। हम धमीर् ठिहराए गये थे। धमीर् बनना एक कानूनी बात ह ैिजसका अथर् ह ैसब प्रकार के दोष और पाप से अपराधमुक्त हो जाना; परमेश्वर जो न्यायी ह,ै उसने हमे माफ़ कर िदया। हम सब प्रकार के दोष से मुक्त हो गये। क्योंिक कू्रस के ऊपर यीशु िक म्रत्यु ने हमार ेपाप के िवरोध परमेश्वर के कोप को िनगल िलया ता िक हम दोष रिहत बन कर खड़े रह सकें ; अब न्यायी के सम्हने हमार ेऊपर दोष लगाने वाला कोई नही ह।ै हमने छुटकारा पा िलया। छुटकारा पाना गुलामी का एक शब्द ह ैयहा ँपर यीश ुिक कू्रस पर म्रत्यु ने हमारी आज़ादी के

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    http://dict.hinkhoj.com/words/meaning-of-%25e0%25a4%25b2%25e0%25a5%258b%25e0%25a4%2595%25e0%25a4%25aa%25e0%25a5%258d%25e0%25a4%25b0%25e0%25a4%25bf%25e0%25a4%25af%25e0%25a4%25a4%25e0%25a4%25be-in-english.html

  • िलए कीमत चूका दी, तािक अब हम पाप की प्रभुता के अधीन न रह सकें । आप और मुझे छुटकारा दे िदया गया। हम पिवत्र कर िदए गये। शायद हम सदा ऐस ेन कर सकें , परन्तु हम पिवत्र बना िदए गये। यीश ुिक पिवत्रता और उसकी धािमर्कता हमे दे दी गयी. यह सब कुछ हुआ जब िबल्लीमौन्स ने खा, “हा”ँ और यह सब कुछ आप के िलए हो गया जब आपने यीशु ने मसीह के दावों को हाँ कर दी।

    ३.एक नई सृ\]

    रुकें और भी ह!ै परमेश्वर ने ऐसा होन ेिदया िक हम नये जन्म पायें। उसन ेहमें नई सृिष्ट बना िदया, नय ेलोग व् उसने हमे अपनी संतान के रूप में गोद िलया, वह हमे नयें पिरवार में ले आया यहा ँपर हमारा नय ेिपता ह,ै भाई बहन ह,ै नई मीरास ह,ै और एक नये घर ह।ै यह संसार हमारा घर नही ह,ै मेरी और आपकी नागिरकता स्वगर् की ह।ै यह यहा ँकी नही ह।ै िफर परमेश्वर ने हमें पिवत्र आत्मा िदया िक वह हम ेउत्सािहत कर,े हमारी अगुवाई कर,े और हमें यह गारटंी दे िक जो यीश ुने वायदा िकया ह ैवह वास्तव में पूरा होगा। क्या आपको पता ह?ै मैं बाइिबल के कई पन्ने पढ़ सकता हँू जब बाइिबल लगातार एक तस्वीर पेश करने िक कोिशस कर रही ह,ै वह उसका िजसका िववरण हो नहीं सकता ह ैउसका िववरण देने िक कोिशश करती ह।ै सच्चाई यह ह ैिक हमारा जीवन अलग होने जा रहा ह।ै हमारा जीवन पहले जैसा नही रह सकता ह ैक्योंिक हम पहले जैसे नही रह गए ह,ैयह ऐसे ही ह।ै इसका िववरण एक बहुत ही सामथीर् पद देता ह ैऔर वह ह ैरोम ६। पोलुस को िवशवािसओ ंके जीवन में पाप के मुदे्द, परमेश्वर के िनयम तोड़ने के मुदे्द का सम्ह्ना करना था। दसुर ेशब्दों में हम आज्ञा ना मानने वाले लोगों के साथ क्या करें? रोम ६:२ में वह अपने उत्तर को देता ह,ै “हम जो पाप के िलए मर गए हैं, कैसे इसमें जी सकते ह?ै” यही बात ह ैजो मैं कहन ेकी कोिशश करता आया हँू। जब हम इस बात को देखते ह ैिक पिरवतर्न के वक्त क्या हुआ और कैसे इस भाषा का इस्तेमाल िकया गया िक हम “पाप के िलए मर गये ह,ै हम पाप करने में कैसे लगे रह सकते ह?ै” मैं बदल गया, इसिलए , मेरा जीवन इसके साथ बदल जाना चािहए” उसके अथर् का िव


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