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B A HINDI14.139.185.6/website/SDE/Layout_Contemporary_trends_in_Hindi... · , का इन नई...

Date post: 11-Oct-2019
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37
CONTEMPORARY TRENDS IN HINDI LITERATURE V SEMESTER Core Course B A HINDI (2014 Admission onwards - CUCBCSS) UNIVERSITY OF CALICUT SCHOOL OF DISTANCE EDUCATION Calicut University P.O, Malappuram Kerala, India 673 635. 588
Transcript
  • CONTEMPORARY TRENDSIN HINDI LITERATURE

    V SEMESTER

    Core Course

    B A HINDI(2014 Admission onwards - CUCBCSS)

    UNIVERSITY OF CALICUTSCHOOL OF DISTANCE EDUCATION

    Calicut University P.O, Malappuram Kerala, India 673 635.

    588

  • School of Distance Education

    Contemporary Trends in Hindi Literature Page 2

    UNIVERSITY OF CALICUT

    SCHOOL OF DISTANCE EDUCATIONV Semester

    STUDY MATERIAL

    Core Course

    B.A. HINDI(2014 Admission onwards – CU-CBCSS)CONTEMPORARY TRENDS IN HINDI LITERATURE

    Prepared by

    Smt. Vanaja K.G.Head of the Department,Associate Professor,Department of Hindi,Zamorin’s Guruvayurappan College,Calicut.

    Layout: Computer Section, SDE©

    Reserved

  • School of Distance Education

    Contemporary Trends in Hindi Literature Page 3

    CONTENTS PAGES

    MODULE - 1 05

    MODULE - 2 08

    MODULE - 3 18

    MODULE - 4 27

  • School of Distance Education

    Contemporary Trends in Hindi Literature Page 4

    CONTENTS

    Module-1.New trends in Hindi Literature- an Introduction

    Module -2.1. -2.गैस-3. शाम4. ड-े

    Module -3.5. चौका डढे सौ-ओम6. - सशुीला टकभोरे7.सािजश- सरूज पाल चौहान8.वतैरणी- नीरा परमार

    Module -4. कहानी एवं09. पोखर-10. का अंत-11. - चमन12.कुहरे का कफ़न- अवतार पाल

  • School of Distance Education

    Contemporary Trends in Hindi Literature Page 5

    Module-1.

    New trends in Hindi Literature- an Introduction

    समाज के बदलते देश- का हर अपनाअपना नया गढ़न करता है। समाज का यह कभी-कभी परुानी परंपराओंको तोडते हुए, कभी कुछ नयापन लाते हुए, कभी एकदम नये को करतेहुए होता है। इन को रखकर इन अपनेकुछ समेटते हुए नई के कट कराते , परक

    , का इन नई आते इनअभी तक का इनके -रंग, गणु-दोष, - , - सभीहो

    परक

    आंदोलन का एक सामािजक है जो केसे है। मलू से यह सामािजक संबंधो से है।कई का जोर असमानता और के

    पर बल देते,

    का असमानता एवंको समझना तथा इसके पदैा होने वाले भेदभाव और

    संतुलन के पर इसके असर करना है। संबधंीका जोर संबंधी , घरेलू , अवकाश, समान

    वेतन संबंधी , यौन , भेदभाव एवं यौन पर रहता है। कालत से रचनाएँ होती रहती है।

  • School of Distance Education

    Contemporary Trends in Hindi Literature Page 6

    , , ,

    का नाम आते

    ओं पर लेखनसे माना

    कारण , , समानता तथाअछूत

    से आए ने आम जनता तक अपनी भावनाओं, पीडाओं, -को , , , , , , कथाओं के म से

    पहंुचाया।

    , यानी

    ,,

  • School of Distance Education

    Contemporary Trends in Hindi Literature Page 7

    एक, सशुीला टाकभौरे,

    सरूज पाल चौहान,

    -

    , ,का

    जीव- -लता - पश-ु

    ,,

    ,, ,

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    Contemporary Trends in Hindi Literature Page 8

    Module -2.

    , , -

    - ,गैस,शाम,

    1. -

    -

    - है। व के जमींदार-जातीय

    25 और मजदरू- -

    १० १९४४( , उ. .)

    .एन.डी. .ई से

    जे.जे.पढ़ाई के

  • School of Distance Education

    Contemporary Trends in Hindi Literature Page 9

    - , -'जागरण'

    अब तक नौ कहानी संकलन, तीन , एक लेख-संकलन, एक ,एक बाल , चार बालकथा- , छह हो है।गुजराती दो 'हाइना ऐंड अदर '

    के ' ' का भी है।त 'एक ज़मीन अपनी' के संगठन

    मुंबई 'रेण'ु से अकादमी१९९६ के से और २००० अपने आवां के

    य॰ूके॰ कथा से-कहानी का सारांश

    सभुाष और - है।

    बहुत खुशीवह

    वह अपने बोस डा.ँ

    ,

  • School of Distance Education

    Contemporary Trends in Hindi Literature Page 10

    रात भर,

    ,.

    - “ -करता। जानता हँू,डा.ँ .....करत ेहु , ?

    ,अनभुवी,,

    हो गई?”,

    .। तब

    - “ , सभुाष!.... , ! कान खोलकर सनु लो,

    ”। इतना कहकरछोड़कर दरवाज़े से बाहर हो गई।

    । ऐऔरत को

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    Contemporary Trends in Hindi Literature Page 11

    Paragraph questions –

    1.

    एक सरका

    ....औरव है,

    2. गैस--

    ,जीवन, परंपरा, ,

    -सन ्1943 वाराणसी '' से

    1972 ,' ' 1975 19 से भी

    , , ,,

  • School of Distance Education

    Contemporary Trends in Hindi Literature Page 12

    -'मेरे सं ', 'सबुह के इंतज़ार तक', ' ', 'कथा', ' ' ' ', ' ' और '

    '

    कहानी का सारांश-

    -धपू करने,

    कोयले, ,है। ,देखभाल ,

    का डाँट-फटकार भी सनुना पडता है।

    -,बड ेघर के लोग थे। -सा आरामदायक घर,

    साफ़-सधुरा, -

    ,आसमान के

    यह सनुकर

    लाचार होकर सीधे सहनी साहब । उनसे भीबहुत कुछ अननुय-

  • School of Distance Education

    Contemporary Trends in Hindi Literature Page 13

    ‘ ’

    हँू, ......उलटे बौखला कर उबल पडा। उसने

    - -बाद चाल ूहोगी...।

    कुछ - को जडवत ्संयम पायी। सामने के दकूान से थोड ेकोयले

    तुलवायी, ,, वाले से लौट चलने को कहा।

    ,जाकर कमाता है।के जैसे बाहर जाकर कमाती है। काम उसी का भी उसके जैसे या उससे बढ़कर

    - रना पडता है।

  • School of Distance Education

    Contemporary Trends in Hindi Literature Page 14

    3. -

    -

    ( - 1934, नसीराबाद, )एवं .ए.

    एवं पीएच.डी. -

    'जोधा मीरा' 1978- 'टपरेवाले', 'नीलोफर', ' '। अब तक उनके

    12 उप , 15 , ,एक

    ' ', ' 'एवं पंजाब, , , और

    इंदौरकहानी का सारांश-

    संजीव

  • School of Distance Education

    Contemporary Trends in Hindi Literature Page 15

    संजीव और

    घर-,

    से गपशप मारता हुआ रात के दस बजे लौटता

    हो जाता है।

    ,शालू

    ,चौका गीला।देखा और कहा- वह

    , , वह मीरासे चीखने-

    ,-“तो? ? ?” यह

    संजीव बाहर चला गया।

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    Contemporary Trends in Hindi Literature Page 16

    ,शाल ूभखेू,खोले कुछ देर

    कुछ सनुने, देखने या समझनेबन जाता है।

    4. -

    -,

    , , , माता, -ड ेयानी माता

    हरअनभुा ने

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    Contemporary Trends in Hindi Literature Page 17

    नहा-धोकर आयी तो -

    डूब गयी। उसने याद

    ‘ ’,तो

    , , ,

    -

    ?? -बाप

    -

    कमरे से बाहर आयी ।

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    Contemporary Trends in Hindi Literature Page 18

    Module -3

    5. चौका डढ़े सौ- ओम30 जून 1950 (

    ) ने अपनीदेहरादनू

    ,

    समय तकसे डॉ॰ भी -

    जूठन

    ,1997

    ‘जूठन’बे

    समय से भारतीय समाज- ‘चहूड़ा’-

    दरअसल,

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    Contemporary Trends in Hindi Literature Page 19

    -कहानी का सारांश

    वह अपने माँ को देखने जा रहा है। तब उसे अपना भतूकाल

    समाज के सारे भेद-

    ,

    ,दवाइयाँ

    -स

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    Contemporary Trends in Hindi Literature Page 20

    पढाई-

    -लगाके रख

    जी-

    6. - सशुीला टाकभौरेज :4 1954, बानापरुा, मालवा, होशंगाबाद (म. .)भाषा: : ,कहानी, नाटक या:ँ

    : बूँद और खारे मोती, तुमने उसे कब पहचाना, यह तुम भी जानो, हमारेका सरूज

    : टूटता वहम,: रंग और : म. . अकादमी सेवा

    कहानी का सारांश-

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    Contemporary Trends in Hindi Literature Page 21

    शलैजा रखा था। -सलोनी, मासमू- ,

    - 1960 सबसे‘ ’ -‘

    थे। -से-

    गाँव के हर तरह के,फ़ोटो, नाम,

    हमारा सब मान- पढ़ा-

    ने, इतना शोरगुल मचा

    ?

    -थे। -कूद चल रहे थे। खेल-

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    Contemporary Trends in Hindi Literature Page 22

    -खो- -कूद के

    –धाम,

    -मामी के घर पहँूचाने को अपने बेटे से कह

    अलग नए- - “ -सा- , ” - “हेमलता

    ?” -नवयवुक,

    - है- ,परंपरा को?

    सकेगी। ?माँ के य

    ,,पढ़ती रहँूगी,

    ,

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    Contemporary Trends in Hindi Literature Page 23

    - - - ,अपनी मा ँऔर नानी के सामने कहने लगी-

    - “ , मगर इसकेपहले त ूखूब पढ़ाई कर ले,घर नौकर रख लेना”।

    7. सािज़श-सरूजपाल चौहान:20 1955, , (उ. .)भाषा: :कहानी,

    : : , , कब होगी वह भोर,, बाल मधरु गीत। कहानी : कब आएगा : , ।

    : , रमाकांत कहानीकहानी का सारांश-

    अपनी.ए.

    -लेकर र

    कई तरह का बहाना बनाकरकरवाया

    - - -पढा-

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    Contemporary Trends in Hindi Literature Page 24

    , -

    ने-

    ,

    --

    बनाया।

    -

    कदरू- -

    ।“मनचाहे पेशे देना होगा- रखने सािज़श -

    ”--पाँव फूल गए। इसी बीच

    -पर-, मनेैजर

    , वह

    -“

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    Contemporary Trends in Hindi Literature Page 25

    -नक़ुसान

    लोन देकर

    ”।

    8. वतैरणी-नीरा परमारनीरा परमार

    जानेवाले डोम- -

    डोम-

    -दादाओं से सीखा था। बडा होने पर उसनेडा समझदार हुआ तो उसने पाया

    -ऊँच ेमकान,,

    उसका अपनातो सपने से भी बाहर थी।

    -

    -,

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    Contemporary Trends in Hindi Literature Page 26

    -“साहेब,सब को दरू दरू जाना पडता है। एक कँुआ जो सरकार ने बहुत पहले बनवाया था, कैसे

    -

    , के लोग असीस देत”े।-

    -रहा था। उसलेना। अभी जाकर अपना काम

    -। धीरे धीरे भीड भी छँटने लगी। तब साहस

    करके घसु गया। उसनेकाशी काशीनाथ मंगत ूऔर

    कुछ न कुछ हो जाएगा। यह सनुकर

    आ पधारे।-

    जात-कुजात के बीच पानी भरने जाना पडता है। आँगन के कुएँ का पानी बहुत नीच ेहै।,असीसते।

    कुछ बाग-

    –दो

    तक ऐसा बँटवारा कायम है,

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    Module - 4.

    9. - कहानी का सारांशख उनका १९४८ इलाहाबाद

    हुआ। उ मे । फ़ारसी भाषा व एम ए करने के, , फ़ारसी, , भाषाओं पर पकड़ है। वह

    ईरानी समाज और के कला व२००८ अपने कुइयाँजान के य॰ूके॰ कथा से

    का।- अब तक दस कहानी संकलन, छह , तीन लेख-संकलन,

    सात के फ़ारसी से अनवुाद, ' ', ' ' का ईरानी ,' ' के लेखन अंक तथा ' ' के नाम से

    का 'जहाँ लहू रोते ' के नाम से का एकपर अब तक 'वापसी', 'सरज़मीन' और ' ' के

    नाम से तीन और 'मा'ँ, 'तडप', 'आया बसंत ',' ', 'सेमलका ' तथा ' ' नामक के छह का -

    - २००८ कुइयाँजान के य॰ूके॰ कथा सेत।

    ,-दरवाज़े के परदे,परुाना सोफा,

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    Contemporary Trends in Hindi Literature Page 28

    श ,पानी,-

    होने के कारण दो- पहनना भी पडता है। कैलाश और

    , ,

    तन-मन-धन को होम करता रहता

    ।-

    ,

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    Contemporary Trends in Hindi Literature Page 29

    10. --

    िजसने इस तालाब को अपनी संजीवनी, , --

    ,

    था।-रेख

    तालाब

    -,

    डल का होता था।-

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    Contemporary Trends in Hindi Literature Page 30

    बतौर इनाम उस-

    रता था। वह अपने को पानी काया पानी के ऊपर

    , , , कोचाई का झट बलुावा आ जाता।, उसे कोचाई कर

    डालता था। इस -

    जाएगा,तेज़ी से बढ़ते

    ड़ यानी

    -गया। कोचाई मंडल मौन

    कोचाई नेकहा-“ ”। उसका

    -भरा जंगल बसेगा।

  • School of Distance Education

    Contemporary Trends in Hindi Literature Page 31

    - “

    ,

    , ”।

    कोचाई को लेकर डोगरे साहब चला

    वहाँ रोका गया। इस बीच उसने दस-

    ,वह

    ,डोजर,

    - –“ ”।

    डुबोने चला गया था।

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    Contemporary Trends in Hindi Literature Page 32

    11. --

    19 1956,को( )

    - कहानी संकलन: : बीन ू का सपनाबाल कहानी संकलन: खीर का पेड़, फौजी का बेटा, ,

    , । : , देश हमारा,, बढ़े चलो। : हड़ताल

    : , , नीला आसमान।, ,

    , भपूनारा

    कहानी का सारांश-

    ‘ ’

    , , , ,

  • School of Distance Education

    Contemporary Trends in Hindi Literature Page 33

    गया। वे अपने आप को ज़मींखेती, हल- ,

    पहँूचाते – --

    खेती-करत ेथे। लाख मेहनत,

    से परेू फ-

    , , - , लेखक के चाचाजी- -

    गया। इस बीच चाचाजी भी खेती –

    हुआ, -ढंग से खेती कर

    -

    -कुछ

    फसल तो, -

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    Contemporary Trends in Hindi Literature Page 34

    -

    का

    -

    .बी.,

    -इलाज और सेवा-

    -बासन, -चादर, - , जातँा-साथ-बन गया।

    क दयनीय थी। बँटवारे के

    चलना पडा,

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    Contemporary Trends in Hindi Literature Page 35

    12.कुहरे का कफ़न-

    - सन ् 1970 को इटावा के(उ. .) हुआ। एम.ए.,और बी.एड.मलूतः वे लघकुथा लेखन - लगभग तीन

    2009 (कुशीनगर)‘ ’

    कहानी का साराँश-कुहरे

    - -न--

    गया। कुएँ-बावडी, पोखर-

    ,

    -,

    -सधुरे

  • School of Distance Education

    Contemporary Trends in Hindi Literature Page 36

    लजाती-सकुचाती नयी-सबेरे गनेशी लाल को

    ,, ,

    टोकना बडा अशभु होता है। भगवान का नाम लेकर गनेशी आगे बढ़ गया।

    -दरू तक फैले बज़ंर खेत पड े थे। तरह तरह के सोच-

    -उतरता वह-

    गयी।

    लगा। वह बोला-,

    था। अचानक तज़े रेला आया और भगदड मच गयी। गने भरपरु

    जब गनेशी को होश आया ,

    के सखेू चहेरे,उघड ेबदन, ,

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    Contemporary Trends in Hindi Literature Page 37

    पहचानने लगा

    -सा सखू चकेु आम के पेडके पास पहँूचा। वह पडे पर चढ़ गया। अपने गमछे का

    टकर गाँठ-और झलू गया। कुहरा और तज़े पड़ने लगा था...को कफ़न पहना रहा हो।

    , , हो रहा है। इसी


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