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Copyright © 2020, Lallan SinghAll rights reserved.

No part of this publication may be reproduced or transmitted in any form or by any means, electronic or mechanical, including photocopy, recording or any information storage and retrieval system now known or to be invented,

without permission in writing from the publisher, except by a reviewer who wishes to quote brief passages in connection with a review written for

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Published in India by Prowess Publishing, YRK Towers, Thadikara Swamy Koil St, Alandur,

Chennai, Tamil Nadu 600016

Library of Congress Cataloging in Publication

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ISBN: 978-1-5457-5349-1

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भोरह�रया भोजपुरी भजन-माला  v

अनकु्रमणिका

प्रतिभा केहू के मोहिाज ना होखे xvii

प्रशस्ति पत्र xix

प्रशस्ति-पत्र xxi

तिशेष आभार xxiii

भ०सं० विषय पृष्ठ-सं०

१ गणशे-िंदना, रउरा मंगलकारी 1

२ सरस्विी िंदना: (मौललक रचना), जगि के मािा हईं 2

३ सरस्विी भजन, जग जननी जग 3

४ भजन (बजृलाल ब्रह्मबाबा), बाबा बजृलाल ब्रह्म 5

५ धन जन सब कुछ छोड़ि के 6

६ प्रार्थना, पार कर भि से 7

७ भजन, जब से, उर में बसल बा 8

८ भजन, का भइले हमसे कसूर 9

९ तनगु्थन, नइया खेि ए मलाहािा 11

१० भजन, तबहारी जी, प्रमेिे के 12

११ गुरु के मडहमा, गुरु के, देन 13

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vi  ललन िसहं (व्ास)

१२ भजन, नािा जो़िब जडहये 14

१३ भजन, सब पाप कटेला 15

१४ मायािी संसार, जीि के जंजाल 16

१५ मनुष्य के नादानी, तनपटे नादान मूढ़ 17

१६ भजन, आिे सुतन भक्त के पुकार 18

१७ भजन (जन-जन के पुकार) 19

१८ चेिािनी, उमर िोरे डदन डदन तबिल जािा 20

१९ सतं्ग, अइल अकेला संगे 21

२० भजन, हरर जी से, लागल रह 22

२१ परोपकार, परम पुरुष परमेश्वर 23

२२ भजन, बनल बतिया बकेार में 24

२३ नासमझी, राम जाने कडहया ले 25

२४ अहंकार के निीजा, बाि बाि में अड़ि जइब 27

२५ तनगु्थन, आिे के बरेर अकेला 28

२६ भजन, काहे नर िन पाके 29

२७ तनराशा, भइनी तनराश जग में 30

२८ तनगु्थन, रहनी मगन बेखाबारािा 32

२९ मनुष्य के दबु्थलिा, कह ए संघतिया 33

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भोरह�रया भोजपुरी भजन-माला  vii

३० भजन, मन खुद के बचा के 34

३१ भजन, छोड़ि िोहरा चरन के 35

३२ तनगु्थन, जग में दू डदन के 36

३३ गुरु िंदना, नाइला सर सौ बार 37

३४ भजन, रउरा, करुना तनधान हईं 38

३५ भजन, संि समागम हरर चचा्थ से 39

३६ भजन, मोरे मनिा रे 40

३७ भजन, जग जाडहर शास्त्रन में ललखल 41

३८ गंगा मडहमा, धन्य भूमम भारि के 42

३९ भजन (खेमटा), प्रभु के भजतनया में 43

४० तिश्वकमा्थ-भजन, शीश निाईं, अरज सुनाईंं 44

४१ भजन, कइल कमाई किनो 45

४२ भजन, जब िक माललक के 46

४३ भूल-भुलइया, मन के भुलाइ ललहल 47

४४ हिाशा के दद्थ, जजनीगी जहर भइलल 48

४५ भजन (पूिवी), करुणा के सागर हि 50

४६ भजन (खेमटा), मोरे कीि्थन भजन में 51

४७ भजन, िोरी तबसरे सुरतिया ना 52

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viii  ललन िसंह (व्ास)

४८ भजन (भक्त के साध), ह ेप्रभु आपन 53

४९ भजन (पूिवी), अइसन स्वाद ना पिनी 54

५० भजन (हकीकि), जिन लउकिा 55

५१ छठी मइया के गीि, ढर-ढर लोर 57

५२ छठी मइया के गीि, बंहगी लेके चल 58

५३ छठी मइया के गीि (सोहर), मन में अटल 59

५४ छठी मइया के गीि (पारम्पररक), सूप नररयर 60

५५ देिी भजन (सीरंजनी), आहो जग जननी 61

५६ देिी-भजन, टन-टन घंटा 62

५७ देिी भजन, हाहाकार मचल बा सबके 63

५८ देिी भजन, किने के सब कुछ 64

५९ देिी-भजन, मंगल करनी 65

६० देिी-गीि, लाले-लाले चुनरी 66

६१ देिी भजन, देिी माई हो 67

६२ देिी-भजन, छोटी मुटी नीममया 68

६३ िैष्णि देिी भजन, सुतन के सोहरि 70

६४ भजन, शैर-माई के ममिा के किना बखान ह 71

६५ देिी-भजन, रचना पालन िहूी कर 72

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भोरह�रया भोजपुरी भजन-माला  ix

६६ देिी-भजन, जनम-जनम के भाग्य 73

६७ देिी-भजन, मइहर िाली माई 74

६८ देिी भजन, (शैर-) जय हो भिानी 75

६९ देिी-भजन, जय बोल जय बोल 77

७० देिी-भजन, चारु ओरर चचिईं 78

७१ देिी-भजन, ि ूकल्ानी 79

७२ देिी-भजन, जनम जनम के कीडट 80

७३ देिी भजन, डदन राति अंखखयन के 81

७४ देिी-गीि, भोर ही से खा़ि 82

७५ देिी-भजन (िैष्णौ देिी), िोहरे चरन के 83

७६ देिी-भजन, पि्थि के पुिरी 84

७७ देिी-भजन, जगमग जरे दीप 85

७८ देिी-भजन, माई शरन में 86

७९ देिी-भजन, जय-जय मा ँ 87

८० देिी-भजन, जय हो शेरािाली 89

८१ देिी-भजन (very fast धनु), दूर-दूर से 90

८२ देिी-भजन, गइया के गोबरे 91

८३ देिी-भजन, िोरे चरन शरन 92

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x  ललन िसहं (व्ास)

८४ हनुमान-भजन, जय हो अंजनीकुमार 93

८५ हनुमान जी की आरिी, गाि, पिन-िनय 94

८६ हनुमान-भजन, शंकर सुिन केशरीनंदन 96

८७ भोला-भजन, आजा ह ेबाबा 97

८८ भोला भजन, भोलेजी से मागँी 98

८९ भोला भजन, कडहया ले नेडहया 99

९० भोला भजन, महा मृतंुजय महादेि एह 100

९१ भोला भजन, अतिनाशी कैलाश के 101

९२ भोला भजन, कडहया ले असरे 102

९३ शशि तििाह, हाला बा चल 103

९४ भोला भजन, पुआ-पू़िी छोड़ि 105

९५ भोला भजन (सोहर), गेरुआ में िन मन 106

९६ भोला भजन, िोहरा चरन के 107

९७ भोला भजन, चल चल सखी 108

९८ भोला भजन, कडहया ले जजनीगी 109

९९ भोला भजन, भीर भइल भोला 110

१०० भोला भजन, हर हर महादेि् 111

१०१ भोला भजन, रडह रडह मनिा 112

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भोरह�रया भोजपुरी भजन-माला  xi

१०२ भोला भजन (कािँर गीि), लचके कमररया 113

१०३ कृष्ण-जन्म की पूि्थ-संध्ा, असुर तनकंदन 114

१०४ कृष्ण-जन्म, सुतनये देिकी 115

१०५ कृष्ण-जन्म सोहर, भादो के अष्टमी 116

१०६ पूिना-बध, झलेू पलना 117

१०७ पूिना-बध, पूिना बतन के 119

१०८ श्ाम भजन, कान्ा, हमरा गली 120

१०९ भरम में, आिाना डदन से बा़ि 122

११० कृष्ण-भजन, यमुना के िट पर 123

१११ धनु: बगल िाली, घर से ललया के जाली 124

११२ कृष्ण-लीला, सुन ए यशोदा 126

११३ कृष्ण-लीला, यमुना के िट पर िंशीिट 128

११४ श्ीकृष्ण-लीला, झठूहंू के लाहारा 129

११५ पूिवी, बतन के कसइया कंस करे तनरिंश 131

११६ कृष्ण-सुदामा, डहि से दागा 132

११७ द्ोपदी-चीर-हरण (पूबवी), बतन के बचेारी 134

११८ कृष्ण-लीला, साचँ मान हमरो 136

११९ बधाई-गीि, भइले यशोदा का लालना 137

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xii  ललन िसंह (व्ास)

१२० श्ाम-भजन, चचि के चुरा के 138

१२१ श्ाम तिरह गीि, श्ाम तबना 140

१२२ श्ाम-तिरह गीि: (पूबवी), प्रीतिया लगा के होई 141

१२३ कुब्ा पर कृपा, प्रमे के प्ाला 142

१२४ कृष्ण तिरह गीि, एक डदन बरीस लाग े 144

१२५ धनु: पारम्पररक पीड़ियंा गीि, प्रीतिया लगाइ तबसराइ 146

१२६ श्ाम-तिरह, जोड़ि ललहल नािा 147

१२७ राम-केिट-प्रसंग, मागँी नाि न 148

१२८ लक्ष्मण के शक्क्त लागला पर भगिान 150

१२९ श्ीरामजी के आरिी, उिार ए सखी 152

१३० सेिरी के तनष्ा, सुतन के अिइया 153

१३१ देश भक्क्त गीि (खेमटा), इ तिरंगा ह 155

१३२ राष्टट्ीय गीि, दोसरा से कम 156

१३३ देश भक्क्त-गीि, अपना ििन 156

१३४ अिीि के याद, सोचच-सोचच रह े 157

१३५ इन्ातनयि के खून, गं्र के ललखल 159

१३६ राष्टट्ीय-गीि, झर-झर लोर 160

१३७ राष्टट्ीय गीि (आजादी के जश्न), देशिा के शान 161

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भोरह�रया भोजपुरी भजन-माला  xiii

१३८ राष्टट्ीय गीि, दतुनया में अइसन 163

१३९ राष्टट्ीय गीि, आपुस में फूट भइल 164

१४० आजादी के उन्माद, सखी हो आज 165

१४१ देश के स्थिति, कहे के ि कहिालो 166

१४२ संगीि के सजाईं, संगीि के सजाईं 167

१४३ आखखरी-प़िाि, डहयरा हहरे हर 169

१४४ गीि, बटेी बोझ ना हइ सर के 170

१४५ बमेारी ना महामारी, जानािा महा प्रलय हो जाई 172

१४६ माई के काराजा (गजल), छोड़ि िोहारा के 174

१४७ दम्भ, फे़ि रुख ना जहिा ँ 175

१४८ फज्थ, रह ेके बा दतुनया में 176

१४९ पुत्रहीनं गृहम ्शून्यम ् 177

१५० लोक-गीि, शहर ना सोहाला सइंया 178

१५१ रस ही अलग ह, अल्ह़ि जिानी के 179

१५२ शशक्ा पररयोजना गीि, हार में मशाल लेके 180

१५३ हाला बा हिाला के, रायफल बनू्क ससक्सर 182

१५४ गीि, बझुाि ेनइखे 183

१५५ डोली से तिदाई, अब नाही ममली डोललया कहार 184

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xiv  ललन िसंह (व्ास)

१५६ भ्ूण-हता, कहले कहाि नाही ं 185

१५७ सोहर, कईके गिन अगहन में 186

१५८ डदल, आदमी के डदल दररया ह 188

१५९ आपन बाि, बहुि ेडदलदार ममलल 189

१६० बटेी के तिदाई-गीि, ए माई, किने कसूरिा 191

१६१ गीि, माई के जीउिा जइसे गाइके 192

१६२ बटेी के तिदाई गीि, हामारा अभामगनी 194

१६३ दददे-डदल, प्रीतिया लगा लेला केहू 195

१६४ तनगु्थन, आस नइखे तिश्वास नइखे 196

१६५ लोक गीि, घर अइले परदेशी 197

१६६ लोक गीि, बीि ेजतन असो के 198

१६७ िर के आरिी, जूटल शुभ लगन शुभ घररया 199

१६८ अब भोर हो गइल, संिररया रे 200

१६९ गजल, सच्ी साधना 201

१७० दोतिी के दहलीज, बतन के आपन 202

१७१ भजन, जब टूटी जाई 203

१७२ गज़ल, आपन अब िक रहल 205

१७३ गीि, मनिा में भइल काहे 206

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भोरह�रया भोजपुरी भजन-माला  xv

१७४ राष्टट्ीय-गीि, झर-झर लोर ढरे 207

१७५ मानििा के लोप, सगरो बा मचल देख 208

१७६ राष्टट्ीय-गीि, भारि मा ँके चरण-धलूल से 209

१७७ जमाना के दोष, बदलल जमाना 211

१७८ तिरडहनी के दद्थ, अइले िसंि कंि 212

१७९ कललयगु के फेरा, का का ि ेदेखइब े 213

१८० द ुडदनिा नािा, चल चल सखखया छो़ि 214

१८१ कललयगुी इयारी, िाह रे इयारी 216

१८२ देिी गीि, नि नि रुप में नि दगुा्थ के 217

१८३ आसरा के दीया, राि डदन हम 218

१८४ हिा के झोकंा, आइल झोकंा अइसन 219

१८५ गजल, सोच में बानी नादानी 220

१८६ लोक-गीि (खेमटा), कहीलंा ििन मान तपया 221

१८७ अहंकार के निीजा, िोहरे तिनाश खातिर 222

१८८ राष्टट्ीय गीि, गािँे-गािँे शहर-शहर 223

१८९ बरखा बहार, ररमजझम बरसन लाग े 224

१९० कजरी, मोरे रामा झलूा झलुावे िनिारी 225

१९१ कजरी, मोरे रामा ररम जझम 226

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xvi  ललन िसंह (व्ास)

१९२ भोला भजन, बोल बम बोल बम 227

१९३ आरिी, आरिी उिारी ंरघुबर के 228

१९४ सोहर, काहािंा में जनमे कन्इया 229

१९५ राष्टट्ीय गीि, हार में तिरंगा 231

१९६ नािा स्वारर के, जग में स्वाररिश बा नािा 232

१९७ भोला भजन, चल सखी देखख आईं 233

१९८ कृष्ण-तिरह-गीि (पूिवी), प्रीतिया लगा के गइल 234

१९९ मिलब के यार, मिलब के एह दतुनया में 236

२०० भजन, भजन में मन िोहरो ना लागल 237

२०१ तनगु्थन, डोललया कहार ले 238

२०२ तनगु्थन, जग झूठा 239

२०३ देिी भजन, चलु चलु सखखया रे 240

२०४ तनगु्थन, कब का हो जाई भाई 242

२०५ दहजे के दंश, ब़िका जातन अइनी दअुरा पर 243

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भोरह�रया भोजपुरी भजन-माला  1

गिेश-िंदना—(१)

रउरा मंगलकारी तिघ्नहारी, हईं ए गनेश जी,

मािा पाि्थिी तपिा मत्रपुरारी ए गनेश जी।

सब देििन में रउरा, पहीले पुजाईंला,

तबग़िल काम रउरा, पल में बनाईंला।

देनी, किनो संकट के रउरा, टारी ए गनेश जी,

मािा पाि्थिी तपिा ।

हईं लम्ोदर गजिदन तिनायक,

ससमधि सदन रउरा, सब तिसध लायक।

एकदंि राउर मूस के, सिारी ए गनेश जी,

मािा पाि्थिी तपिा ।

मडहमा बढ़ाई डदहनी, बाप महिारी के,

ज ेके बचाइतब ओहके, दतुनया में मारी के।

छोड़ि रउरा के दोसर के, उबारी ए गनेश जी,

मािा पाि्थिी तपिा ।

बमुधि बल से लक्ष्मी रउरा, घर में बसाईंला,

लडुिन के भोग रउरा, प्रमे से लगाईंला।

रउरा एको पल “ललन” के जतन, तबसारी ंए गनेश जी,

मािा पाि्थिी तपिा ।

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2  ललन िसहं (व्ास)

सरस्विी िंदना: (मौललक रचना)—(२)

जगि के मािा हईं, केहू ना समान रउरा।

जगि के मािा हईं, केहू ना समान रउरा,

सभा में आ बचा ली,ं आज शान मान रउरा,

जगि के मािा ।

नजर के कोर राउर,

बनािे तबग़िल बाउर।

मूढ़ भी ग्यानी बने,

नीच भी मानी बने।

अइसने महान रउरा, जगि के मािा हईं ,

केहू ना ।

ज ेपािल हरदम ठोकर,

दया पा अइसन ओकर।

जहा ँओकरे पर झमूे,

चरन ओकरे आ चूमे।

हईं दयािान रउरा, जगि के मािा हईं,

केहू ना ।

छुिि ममट्ी हो मँूगा,

बनेला िक्ता गूँ गा।

मति के फेरर देनी,

होनी के टेरर देनी।

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भोरह�रया भोजपुरी भजन-माला  3

करी ंकल्ान रउरा जगि के मािा हईं,

केहू ना ।

“ललन” तबनिी बा मोरी,

ग्यान से भरर दी ंझोरी।

िाणी में िाणी आईं,

लगन डदल के पुराईं।

मोरे अरमान रउरा, जगि के मािा हईं,

केहू ना ।

संिाद: नाम मंररा मंद मति, चेरर कैकयी केरर।

अयश तपटारी िाडह करर, गई मगरा मति फेरर।।

एहीजा भी मति फेरे िाला काम सरस्विी ही कइली हा।

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सरस्विी भजन—(३)

धनु: (बागी बललया बरामद होके आइल बा)

जग जननी जग जाडहर िोहसे, राख सभा बीच पानी,

स्वर के देिी स्वर में समाजा, कही ंजगुल जोरर पानी,

बानी, बानी असरे में फेरब ूनजर जननी,

लेब ूकडहयो ना कडहयो खबर जननी।।

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4  ललन िसहं (व्ास)

उजबुकु गंिार बानी तनपटे नादान हो।

बमुधिया के हीन बानी, कुछु के ना ज्ान हो।

काललयो दास से ब़ि हमरा के, मूरख लोगिा जाने,

कइद माफ जो भइल होखे, भूल जाने अनजाने,

जाने, जाने कब होई दया के असर जननी,

लेब ूकडहयो ना कडहयो खबर जननी।।

ममिा के आचंर माई, कबले ओढ़इब?ू

अन्री कोठररया में डदयना जरइब।ू

काया कल्प होखे में माई, अब कािना डदन लागी?

मन के मइलल धोिाई कडहया, इ भूि भािंरर भागी?

जागी, जामग जाई भाग कबले संिर जननी,

लेब ूकडहयो ना कडहयो खबर जननी।।

िहरा ईशारा तबन डहले ना एको पािा,

िहरा से बडढ़के के बा भाग्य तिधािा।

जकेरे पर ि ूफेर नजर उ बनेला पंडडि ज्ानी,

“ललन” लगन बा अभी बनाल आपन दया तनशानी,

जानी, जानी छो़िब ूना एकउ कसर जननी,

लेब ूकडहयो ना कडहयो खबर जननी।।

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भोरह�रया भोजपुरी भजन-माला  5

भजन (बृजलाल ब्रह्मबाबा)—(४)

(धनु: लागे िाली बतिया ना बोल मोरे राजा हो)

बाबा बजृलाल ब्रह्म, बाबा के शरतनया, गोहार करीलंा, हो गोहार करीलंा,

जोरर हारािा, नाइ मारािा, इजहार करीलंा, हो पुकार करीलंा।

श्धिा तिस्वास राखख, आिे ज ेपाजँारािा,

ितनको ना शक ओकर, पूजलेा आसारािा हो पूजलेा आसारािा।

मडहमा महान जाने, गइँया जािारािा, बार-बार करीलंा हो पुकार करीलंा।

जोरर हारािा, नाइ मारािा ।

काम जब ना करेले, दिइया ओझइया,

कई देले चंगा बाबा, लेि ेइनीकर नइया हो, लेि ेइनीकर नइया।

दीन दखुखयन पर हरदम, रहेले सहइया नमस्ार करीलंा, नमस्ार करीलंा।

जोरर हारािा, नाइ मारािा ।

रोिि ज ेआिे बाबा, दर से हँसि जाला,

करसु चमत्ार गुनिा, घर-घर में गािाला,

घर-घर में गािाला।

सभ केहू कहे इनीकर, लीला ह तनराला,

हम तबचार करीलंा, हो तबचार करीलंा,

जोरर हारािा, नाइ मारािा ।

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6  ललन िसहं (व्ास)

हारर राडक आइल बानी, दतुनया का डर से,

बाबा हो बचइह हमके, बाउर नजर से हो, बाउर नजर से।

नेडहया के डोर ना टूटे, “ललन”, अबर से, इंिजार करीलंा, इंिजार करीलंा,

करी ंसपना साकार हो पुकार करीलंा, हो पुकार करीलंा,

जोरर हारािा नाइ मारािा ।

# # #

तनगु्थन

धन जन सब कुछ छोड़ि के—(५)

धन जन सब कुछु छोड़ि के, एक डदन डोली उडठ जाई,

धन जन सब कुछु छोड़ि के, एक डदन डोली उडठ जाई,

का होई कामाईल धन संगोरर के, जबडक संगही ना जाई।

डदनािा धाराईल रह,े गरभे में माई का,

ब्रह्भा के ललखल टाकँी, केहुओ ममटाई का?

तप्रय पररजन से, मँुह मोड़ि के, एक डदन डोली उडठ जाई,

रही सभे बइठले अगोरर के, नाही रोकले रोकाई।

गािाना के डदनािा, मुहुि्थ तनयाराई,

करे के ना परी खुदे, हो जाई तिदाई,

जोरल सनेडहया के िोड़ि के, एक डदन डोली उडठ जाई

का होई तपजं़िा झंझोरर के,

सुगना जब उड़ि जाई।

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भोरह�रया भोजपुरी भजन-माला  7

धनी भा गरीब होई, ममली मरकीन हो,

डट्ेस मखमली नाही,ं ममली टेरलीन हो,

नािा “ललन” तपयिे से जोड़ि के, एक डदन डोली उडठ जाई,

संइया ँपूछीहें अखँखया गं़िोरर के, िब का देब ि ूसफाई?

# # #

प्रार्थना—(६)

पार कर भि से मोरी नइया, रघुरइया आजा,

आहो रघुरइया आजा, आहो रघुरइया आजा,

बहलेा पिन चउअइया, रघुरइया आजा।।

गहरी नडदया, अगम बहे धारा,

बहुि ेचकोह नाही,ं लउके डकनारा।

ना बा पििार ना खेिइया, रघुरइया आजा।।

चारु ओरर चचिईं, ना डदखेला सहारा,

जीि घब़िािा बानी, बनल बचेारा।

डहिो ममि होखे ना सहइया, रघुरइया आजा।।

नाम लेि कादो भि, ससनु् सुखाला,

जनम जनम के महा, पाप भी धोिाला।

बरेर-बरेर परिानी पइया,ं रघुरइया आजा।।

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8  ललन िसहं (व्ास)

धीरीजा के बाधं नार, अब टूटल जािा,

पुरजन पररजन, सब छूटल जािा।

“ललन” दीन दखुखयन के भइया, रघुरइया आजा।

बहलेा पिन चउअइया, रघुरइया आजा।।

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भजन—(७)

जब से, उर में बसल बा, सकल नार के,

उनुके धनु में पागल मन, मगन हो गइल।

सुख सोहरि ब़िाई, ममली ना ममली,

हमरा खातिर रिन धन, भजन हो गइल,

जब से, —

बहु मंजजला अटंारी, सिारी भी ना,

पद पदिी भी ना, असधकारी भी ना।

बस एक ही भरोसा बा, तिश्वास भी,

जान प्रभु से पीरीतिया, सघन हो गइल,

जब से, —

जब िक उिरी ना रुप धन, मद के नशा,

िब िक संिरी ना किई, जीिन के दशा।

भूलल प्रभु के रमिल मन, जंजाल में,

मान, मानि जीिन के, पिन हो गइल,

जब से, —

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भोरह�रया भोजपुरी भजन-माला  9

खुद अपना के चचन्, चचन्ाि जनी,

कडह के अइल का कइल, बिाि िनी।

पाके अनमोल रिन, ना जिन कइल,

मन बउरे में काहें, मगन हो गइल?

जब से, —

लागे कीि्थन भजन मे ना, कौ़िी छदाम,

ममली एहीजो भा ओहीजो, अलौडकक आराम।

मुक्त होइब िहंुू, कुल पररिार भी,

भाि उम़िल ि गद-गद, “ललन” हो गइल,

जब से, —

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भजन—(८)

का भइले हमसे कसूर हो, नजररया से दूर कइल भगिन

दूर कइल भगिन हो दूर कइल भगिन,

नजररया से ।

पाप पुण्य के इ दू डगररया,

जगह जगह माया के नगररया।

िहूी ि बनिल हजूर हो, नजररया से दूर ।

का भइले हमसे ।

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10  ललन िसहं (व्ास)

ओही रे डगररया में, हम भूलल गइनी,

ओही रे नगररया में हम अझरुइनी।

फंसस गइनी होके मजबरू हो, नजररया से दूर ।

बालापन हम खेलल गँििनी,

मति जिानी में मौज उ़ििनी।

सीखनी ना नीमन सहूर हो, नजररया से दूर ।

किने अधम नीच पािकी के िरल,

ग्ाह के मारर गजराज के उबरल।

मोरा बरेी हो गइल तनठूर हो, नजररया से दूर ।

गरीबनेिाज हि दखुखयन के भइया,

बीच भँिर से मोरी पार कर नइया।

भि के मलाहािा मसहूर हो, नजररया से दूर ।

“ललन” अनारी के आस पुराि,

कर जोरर तबनइला दगुु्थन दरुाि।

भर भाि भक्क्त भरपूर हो, नजररया से दूर ।

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भोरह�रया भोजपुरी भजन-माला  11

वनगु्थन—(९)

नइया खेि ए मलाहािा भइया धीरे-धीरे।

डगमग डोलतिया नइया बसुेमार,

हो मलाहािा भइया धीरे-धीरे।

नइया खेि ।

छप-छप करे जल नइया के कोर हो,

उठल िफूान चउिइया के जोर हो।

जल अगम बहलेा जोरदार,

हो मलाहािा भाइया धीरे-धीरे।

नइया खेि ।

अिघट घाट पाट लमहर लागिा,

देखख के चकोह िन रररर कापँिा।

कइसे पार लागी बोझल भारी भार,

हो मलाहािा भइया धीरे धीरे।

नइया खेि ।

जजनीगी के रंग भंग हो जाई जानािा,

“व्ास ललन” मन काहे पछिािा।

अब एकही बा आसरा िोहार,

हो मलाहािा भाइया धीरे-धीरे।

नाइया खेि ।

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12  ललन िसहं (व्ास)

भजन—(१०)

तबहारी जी, प्रमेिे के भोग लगािे,

ओहीज ेिास करे भक्त जहँिा, हरर चचा्थ तनि गािे,

तबहारी जी ।

भाि अभाि भले हो अटंारी मेि्ा ममष्ान्न ना भािे,

ना भािे, मेिा ममष्ान्न नाभािे।

बासी साग तिदरु घर जाके, अहगरर के प्रभु पािे,

तबहारी जी ।

ऊँच जाति भारी िपसी के, ऋतषगन दम्भ देखािे,

देखािे, ऋतषगन दम्भ देखािे।

सब के टारर सेिरी के बइररया, खा तनज धाम ससधािे,

तबहारी जी ।

द्ोपदी होके अधीर सभा में, कृष्ण कृष्ण गोहरािे,

गोहरािे, कृष्ण कृष्ण गोहरािे।

सुनि टेर ना देर लगािे, नंगे पउँिा धािे,

तबहारी जी ।

प्रमे दीिानी मीरा रानी, श्ाम सुन्र के रीझािे,

रीझािे, श्ाम सुन्र के रीझािे।

कहे “ललन” राणा तिष प्रभुजी, छन में अम्िृ बनािे,

तबहारी जी ।

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