कूल ब च के लए तु त
भारतीय संिवधान और राज यव था
2
िवषय-सूची (1/2)
क. ाचीन भारत म गणरा य का इितहास i. गणरा य क कालाविधii. मह वपणू गणतं रा यiii. शासन यव था:
(क) गणतं के कार (ख) कायकारी संरचना (ग) लोकतांि क ि याएं
ख. संिवधान या ह?ैi. लोकतं म संिवधान क आव यकता ii. भारतीय संिवधानiii. संिवधान के अंग
ग. संिवधान का िनमाणi. हमारे संिवधान के सं थापक ii. संिवधान सभा
पृ सं या-4-9
10-15
16-18
3
िवषय-सूची (2/2)
घ. संिवधान क आव यक िवशेषताएंi. तावना (उ िेशका) ii. मलू अिधकार, कत य और रा य नीित के िनदशक त व iii. संघीय संरचना और सं थाएं
(क) कायपािलका (ख) िवधाियका (ग) यायपािलका (घ) वतं संवैधािनक सं थाएं : भारत का िनयं क और महालेखा
परी क, भारत का िनवाचन आयोग, संघ लोक सेवा आयोगiv. रा य
(क) रा य कायपािलका (ख) रा य िवधाियका(ग) रा य यायपािलका
v. संघ और रा य के बीच संबंध
पृ सं या-19-36
ाचीन भारत म गणरा य का इितहासक
1. ाचीन भारत म गणरा य का इितहास
i. गणरा य क कालाविधii. मह वपणू गणतं रा यiii. शासन यव था
(क) गणतं के कार (ख) कायकारी संरचना (ग) लोकतांि क ि याए ं
ाचीन भारत म गणरा य का इितहास
5
भारत के ाचीन गणरा य िव के सबसे परुाने गणरा य ह
भारतीय गणरा य सबसे परुाने ह l
ाचीन गणरा य या ‘जनपद’ जैसे वैशाली, किपलव त,ु िमिथला आिद 600 ई. पवू म सि य थे । यात इितहासकार डॉ. के.पी. जयसवाल का मानना ह ै िक
ाचीन भारत म गणतं क अवधारणा सरकार क रोमन या यनूानी गणतं णाली स ेपरुानी ह ै।
ोत : 1. ह द ूपो लट – ए कॉ ट यूशनल ह ऑफ इं डया इन ह द ूटाइ स - ो. पी. जयसवाल 2. ए ह ऑफ इं डया पो ल टकल आइडीयास - ो. यू.एन. घोशाल 3. रपि लक इन एि सयंट इं डया -जे.पी. शमा
600 BC ई.
340 BC ई.
375 AD ई.
400 AD ई.
भारत के उ र-पि म िह से म पाये
जाते ह
अ माकस, मालव,
ु क, अजुनयान और मुिशकस के गणतं रा य यूनानी राजा
िसकंदर के िखलाफ लड़ते ह
चं गु मौय भारत क राजनीितक
एकता के िलए सभी गणतं रा य पर
िवजय ा करते ह
गणतं रा य - मालव, युधेह अजुनयान, और
म ा पि मी भारत म पाये जाते ह
गणतांि क रा य का कालविध
ाचीन भारत म मह वपूण गणरा य
600 ई. पूव के मह वपूण महाजनपद.स.ं कुल / वंश गणतं रा य वतमान थान
1 ल वी वशैाल पटना बहार के उ र म
2 शा य क पलव तु उ र नेपाल
3 म ल पावा -4 म ल कुशीनगर -5 कोला राम ाम द ण-पवू नेपाल
6 भ ग संसाम ी पवू उ र देश
7 मौय पप लवन हमालय तलहट
8 कालमा सपुतु -9 वदेह म थला नेपाल सीमा-रेखा
10 घवा कस कोलंगा नेपाल सीमा-रेखा
6
वतमान िबहार और नेपाल सीमा के पास कि त है
वतमान भारत का राजनी तक मान च
ोत : 1. ह द ूपो लट – ए कॉ ट यूशनल ह ऑफ इं डया इन ह द ूटाइ स - ो. पी. जयसवाल 2. ए ह ऑफ इं डया पो ल टकल आइडीयास - ो. यू.एन. घोशाल 3. रपि लक इन एि सयंट इं डया -जे.पी. शमा
गणतं क शासन यव था (1/3)
7
ाचीन भारत म गणरा य के कार
रा य-गणरा य / िनगम
एका मक
‘राजतं ’- ि य अिभजात वग या िवशु कुल के चयिनत प रवार शासन म भाग लेते ह ।
रा य-गणरा य /जनपद
सघंीय
‘लोकतं ’-गण या लोग शासन म भाग लेते ह
लोकतं और राजतं का िम ण- प रवार शासन के साथ कुल शासन
तीन कार के लोकतं :- लोकतं / अिभजात वग / िमि त
ोत : 1. ह द ूपो लट – ए
कॉ ट यूशनल ह ऑफ इं डया इन ह द ूटाइ स - ो. पी. जयसवाल
2. ए ह ऑफ इं डया पो ल टकल आइ डयास - ो. यू.एन. घोषाल
3. रपि लक इन एि सयंट इं डया -जे.पी. शमा
गणतं क शासन यव था (2/3)
'राजा' - कायकारी मुख(राजा वंशानुगत या िनवािचत)
राजन ’- मंि प रषद (िवधानसभा के सद य ारा िनवािचत)
सभा के सद य ( य या अ य प से ‘गण’ ारा िनवािचत )
'गण' - वय क जनसं या
सेना के कमांडर-इन-चीफ
कोषपाल
8
िवधायी/कायकारी संरचना
ोत : 1. ह द ूपो लट – ए कॉ ट यूशनल ह
ऑफ इं डया इन ह द ूटाइ स - ो. पी. जयसवाल
2. ए ह ऑफ इं डया पो ल टकल आइ डयास - ो. यू.एन. घोषाल
3. रपि लक इन एि सयंट इं डया - जे.पी. शमा
गणतं क शासन यव था (3/3)
शासन का अिधकार
• शासन का अिधकार रा य के तय काननू के अनुसार
िनणय ि या
• मतदान णाली के मा यम से िनणय िलए जाते थे
कानून बनाने का अिधकार
• कुछ रा य ने केवल ि य प रवार को काननू बनाने और कायका रणी के सद य का चनुाव करने का अिधकार िदया
• अ य रा य ने संयु प रवार के मखु को यह अिधकार िदया
• शषे रा य ने सभी पु ष-वय क आबादी को अिधकार िदया
चुनाव और मतदान
• िविभ न रा य म शासन के तहत
िविभ न मतदान यो यताए,ं चनुाव के तरीके और े थे
शासन करने क शि
• कुछ रा य ने थानीय सभा को अपने-अपने शासन क दखे-भाल के िलए यापक वतं ता दी थी - रा य स ेसंबंिधत मामल को थानीय सभाओ ं के िनवािचत ितिनिधय ारा तय िकया जाता था;
• अ य रा य म, परेू रा य को संचािलत करने क शि यां एक िनवािचत क ीय सभा और कायपािलका के पास थी
येक गणतं ने चनुाव के िलए एक यापक ितमान का पालन िकया, सभी नाग रक या उनके समहू को शासन म भाग लेने और काननू को तैयार करने और रा य के शासन के िलए ाथिमक ि थितय के प म लोकतांि क ि याओ ंका पालन करने क अनमुित दी।
यही शासन सरंचना भारतीय सांिवधािनक गणरा य क न व है 9
लोकतांि क ि याएं
संिवधान या है ? ख
1. संिवधान या ह ै?
i. जातं म संिवधान क आव यकता
ii. भारतीय संिवधान : प रभाषा, संरचना और मु य
िवशेषताएं
iii. संिवधान के अंग
भारत के संिवधान के िहंदी अनुवाद पर ह ता र करने के िलए
ी जी.एस. गु ा क अ य ता म 22 जनवरी, 1950 को
काउंिसल हाउस, नई िद ली म िवशेष अनुवाद सिमित क
बैठक
लोकतं म संिवधान क आव यकता और मह व
लोकतं म सरकार के िलए संिवधान एक पिव पु तक ह-ै यह संसदीय लोकतं का काय करने के
िलए एक ठोस न व रखता ह ै।
संिवधान एक दशे का सबसे बड़ा काननू होता ह ै। बाक सब काननू इसी के आधार पर बनते ह ।
संिवधान वह द तावेज़ ह ैजो हमारे समाज का मलूभतू व प दशाता ह ै।
संिवधान िनयम का एक समलू ह ैजो समाज क रचना के िलए मह वपणू ह ै।
दशे क राजनीितक यव था को तय करना संिवधान का एक अहम काय ह ै। खासकर िनणय
ि या के िनयम
11
संिवधान अपने नाग रक को या दान करता ह ै?
संिवधान के ोत
1. भारतीय संिवधान का नाम अमे रका के संिवधान से
े रत ह ै2. संवैधािनक पद के नाम
और काय ि िटश संिवधान से े रत है
या आप जानते ह ?
अमे रका: मौिलक अिधकार, उपरा पित, वतं एव ंिन प यायालय, यायिक पनुिवलोकन, सव च यायालय का गठन एवं शि यां, सव च व उ च यायालय के यायाधीश को हटाने को िविध ।
ि टेन: संसदीय शासन िविध िनमाण ि या, एकल नाग रकता संसदीय िवशेषािधकार, मंि मंडल का लोकसभा के ित सामिूहक उ रदािय व औपचा रक धान के प म रा पित ।
कनाडा, 1935 ए ट: संघा मक यव था, अविश शि य (Re-sidual power) को क को पास होना ।
आयरलै ड: नीित िनदशक त व जमनी, 1935 ए ट : आपात उपल ध सोिवयत सघं ( स): मौिलक कत य पंचवष य योजना ।
ांस: गणत ऑ ेिलया: समवत सचूी, तवाना क भाषा, क रा य के बीच संबंध तथा शि य का िवभाजन दि ण अ का: संिवधान संशोधन क ि या । जापान: काननू ारा थािपत श दावली
12
भारतीय सिंवधान
भारतीय संिवधान एक बिुनयादी काननू ह ैजो भारत क मलूभतू राजनैितक संरचना को िनधा रत करता ह-ै एक संसदीय लोकतं के साथ-साथ एक संघीय गणरा य
यह भारतीय गणतं के 3 अगं - कायपािलका, िवधाियका और यायपािलका और उनक शि य को प प स ेप रभािषत करता ह ैऔर साथ ही साथ उनक िज मेदा रय को भी िनधा रत करता ह ै।
भारत का संिवधान उसे सचुा और जीवंत प से काय करन ेके िलए मागदिशका दतेा ह ै। िनरंतर िवकिसत हो रह ेभारत का संिवधान गितशील ह,ै और उसक बदलती ज रत और आव यकताओ ं को परूा करने के िलए खदु को बदलते समय के अनकूुल बनाता ह ै।
िव कासबसे लंबा
िवषय
भारतीय संिवधान क मलू ित म 251 पृ ह - यह दिुनया म सबसे िव ततृ संिवधान है
वतमान म 395 अनु छेद, 22 भाग और 12 अनसुिूचयां शािमल ह
इसम अभी तक 103 संशोधन हो चकेु ह
संशोधन
13
प रभाषा, संरचना और मु य िवशेषताएं
पहली अनुसूची : इसम भारतीय संघ के घटक रा य और संघीय े का उ लेख ह ै।
दूसरी अनुसूची : इसम भारतीय राज यव था के िविभ न पदािधका रय को ा होने वाले वेतन भ ेन और पशन आिद का उ लेख िकया गया ह ै।
तीसरी अनुसूची : इसम िविभ न पदािधका रय ारा पद हण के समय ली जाने वाली शपथ का उ लेख ह ै।
चौथी अनुसूची : इसम िविभ न रा य तथा संघीय े का रा यसभा म ितिनिध व का िववरण िदया गया ह ै।
पाँचवी अनुसूची : इसम िविभ न अनुसिूचत जाितय और अनुसिूचत जंजाितय के शासन और िनयं ण के बारे म उ लेख ह ै।
छठी अनुसूची : इसम असम, मेघालय, ि परुा और िमजोरम रा य के जनजाित े के शासन के बारे म ावधान ह ।
सातव अनुसूची : इसम संघ सचूी (97 िवषय), रा य सचूी (66 िवषय) और सवमत सचूी (47 िवषय) के िवषय का उ लेख िकया गया ह ै।
आठव अनुसूची : इसम भारत क 22 भाषाओ ंका उ लेख िकया गया ह ै।
नवीन अनुसूची : इसके अंतगत रा य ारा संपि के अिध हण क िविधय का उ लेख िकया गया ह ै।
दसव अनुसूची : इसम दल-बदल स ेसंबंिधत ावधान का उ लेख ह ै।
यारहव अनुसूची : इस अनुसचूी के आधार पर ‘पंचायती राज यव था’ को संवैधािनक दजा दान िकया गया ह ै।
बरहव अनुसूची : इस अनुसचूी के आधार पर शहरी े क थानीय वशासन सं थाओ ंका उ लेख कर उ ह संवैधािनक दजा दान िकया ह ै।
भारतीय सिंवधान संिवधान क अनसुिूचयां
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भारतीय सिंवधान के रोचक त यभारतीय संिवधान परूी तरह से हाथ से िलखा और िडज़ाइन िकया गया है
संिवधान क मलू पांडुिलिप चमप पर िलखी गई थी, िजसक माप 16 हजार 22 इचं ह,ै जीवनकाल एक हजार साल का और इसका वजन 3.75 िकलो ाम था ।
आधिुनक भारतीय कला के एक अ णी ी न द लाल बोस ने संिवधान के हर पृ के िकनार (बॉडर) को िडजाइन िकया और इ ह कला मक ढंग स ेसजाया ।
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सुलेख कला म वीण ी ेम िबहारी नारायण रायज़ादा ने अकेले, वयं अपने
हाथ से पूरा संिवधान िलखा । हालाँिक इस काय को पूरा करने म उ ह 6 महीने
लगे, िफर भी उ ह ने अपने काम के िलए कोई मेहताना नह िलया ।
संिवधान का िनमाणग
1. हमारे संिवधान का िनमाण
i. संिवधान सभा
ii. हमारे संिवधान के सं थापक
13.12.46 को संिवधान सभा के उ ाटन स को संबोिधत करते हए
पंिडत जवाहरलाल नेह
संिवधान सभा
1946 म संिवधान के िनमाण के िलए संिवधान सभा क थापना क गई
संिवधान को तैयार करने म 2 साल, 11 महीने और 18 िदन का समय लगा
संिवधान सभा म ांतीय िवधान सभाओ ंके 299 िनवािचत सद य थे
संिवधान सभा म मसौदा सिमित सिहत 13 सिमितयां थ
संिवधान 26 नव बर, 1949 को बनकर तैयार हो गया और इसी िदन 284 अ य और सद य ने इस पर ह ता र िकए
हालांिक संिवधान 26 नव बर, 1949 को तैयार हो गया था, परंत ुइसके अिधकतर भाग को 26 जनवरी, 1950 को लाग ूिकया गया ।
इसिलए 26 जनवरी, 1950 को थम गणतं ता िदवस मनाया गया । संिवधान सिमित के अ य डॉ.राज साद अ य सद य के
साथ
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भारत के संिवधान का मसौदा तैयार करने के िलए गिठत
हमारे संिवधान के सं थापक
• संिवधान सभा के अ य
• 24 जनवरी 1950 को संिवधान सभा के अिंतम स वतं भारत के पहल ेरा पित के
प म चनु ेगए
• उ ह दसूरे कायकाल (1950-1962) के िलए पनु: िनवािचत होने वाले एकमा रा पित होने का गौरव ा हआ ।
डॉ. राजे साद • 'संिवधान के जनक' के प म जाने जाने वाले
डॉ. अंबेडकर ने संिवधान क िनमाण ि या म अ णी भिूमका िनभाई
• वह िवधानसभा क सबस ेमह वपणू सिमित - मसौदा सिमित के अ य थे ।
• वह वतं भारत के िलए संिवधान का ा प तैयार करन ेके िलए वयं िज मेदार थ े।
• 1947 म वतं भारत के पहले काननू मं ी के प म िनयु हए ।
डॉ. बी.आर. अ बेडकर
सरदार व लभ भाई पटेल • सरदार व लभभाई पटेल संिवधान सभा के मखु सद य थे
• 500 से अिधक रयासत को भारतीय संघ म शािमल करने म उनका मह वपणू योगदान था । 18
भारत क संिवधान-िनमाण ि या म मु य आंकड़े
संिवधान क आव यक िवशेषताएंघघ. संिवधान क आव यक िवशेषताएंi. तावना (उ िेशका) ii. मलू अिधकार, कत य और रा य नीित के िस ांतiii. संघीय संरचना और सं थान
(क) कायपािलका (ख) िवधाियका (ग) यायपािलका (घ) संवैधािनक िनकाय: सीएजी, ईसीआई, यपूीएससी
iv. रा य(क) रा य कायपािलका (ख) रा य िवधाियका(ग) रा य यायपािलका
v. संघ और रा य के बीच संबंध
आव यक िवशेषताए-ं तावना (उ ेिशका)तावना येक भारतीय नाग रक क ग रमा का आ ासन दतेी है
तावना
• एक संि प रचया मक व य िजसम रा के लोग के िलए िदशा-िनदश के साथ-साथ संिवधान के िस ांत को ततु िकया गया ह ै।
• तावना वह मखुपृ ह ै जो परेू संिवधान पर काश डालता ह ै और िजसम उन मौिलक मू य , दशन और लोकाचार का उ लेख होता ह,ै िजन पर हमारा संिवधान आधा रत और िनिमत ह ै।
• इसम मलू अिधकार (िवचार, अिभ यि , िव ास, धम और उपासना क वतं ता) और मलू कत य ( याय, सामािजक, आिथक और राजनीितक) दोन ही
शािमल ह ।
• संिवधान का संपणू ढाँचा और राजनीितक णाली क संरचना, तावना म सि मिलत संवैधािनक मू य क र ा और संवधन करती ह ै।
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i
मूल कत य क प रभाषा
• मलू अिधकार, नाग रक के िलए दशे के ित उनके मलू, नैितक और अिनवाय कत य को िनधा रत करते ह ।
• स मान, गव, सिह णतुा, शांित, िवकास और स ाव के मखु मू य पर संकि त ह ।
• संिवधान के भाग-IV क म िदए गए ह ।
मूल कत य क आव यकता
• अिधकार और कत य एक दसूरे के परूक ह ।
• जहाँ अिधकार होते ह, वहां कत य भी होते ह
• कत य के िबना अिधकार के बारे म सोचा नह जा सकता
11 म
लू कत
य
21
iiI – मलू कत य
1. संिवधान का पालन करना, रा ीय वज और रा गान का स मान करना
2. भारत क सं भुता, एकता और अखंडता को बनाए रखना
3. सामंज य और आपसी भाईचारे क भावना संवधन करना
4. ाकृितक पयावरण को संरि त करना
5. सावजिनक संपि क सरु ा करना और िहसंा का प र याग करना
6. िश ा के िलए अवसर दान करना
7. वतं ता सं ाम के िवचार का अनरु ण करना
8.दशे क र ा करना और रा को सेवा दनेा
9. सामािसक सं कृित क गौरवशाली परंपरा को बनाए रखना
10. वै ािनक सोच और मानवतावाद आिद को िवकिसत करना
11. उ कृ ता के िलए यास करना
आव यक िवशेषताए-ं मौिलक कत य, अिधकार और िनदशक त व
मलू अ धकार मलू अ धकार
(1) समानता का अ धकार
(2) वतं ता का अ धकार
(3) शोषण के व ध अ धकार (4) धा मक वतं ता का अ धकार
(5) सं कृ त और श ा संबंधी अ धकार
(6) सां वधा नक उपचार का अ धकार
• मलू अिधकार वे पारंप रक नाग रक और राजनीितक अिधकार ह जो मानव अिधकार क सावभौिमक घोषणा-प म िदए गए ह
• संिवधान के भाग-III म मलू अिधकार िदए गए ह
• ये अिधकार संिवधान के भाग-3 म अिंकत ह ।
22
iiII- मलू अिधकार
आव यक िवशेषताए-ं मौिलक कत य, अिधकार और िनदशक त व
• अनु छेद 38 – रा य लोक क याण क अिभविृ के िलए सामािजक यव था बनाएगा ।
• अनु छेद 39 क- समान याय और िन:शु क िविधक सहायता• अनु छेद 40- ाम पंचायत का संगठन • अनु छेद 41- कुछ दशाओ ंम काम, िश ा और लोक सहायता पाने का अिधकार • अनु छेद 42 – काम क यायसंगत और मानवोिचत दशाओ ं का तथा सिूत
सहायता का उपल ध । • अनु छेद 43- कमकार के िलए िनवाह मजदरूी, आिद • अनु छेद 44- नाग रक के िलए एक समान िसिवल संिहता • अनु छेद 45- बालक के िलए िन:शु क और अिनवाय िश ा• अनु छेद 49 - रा ीय मह व के मारक और थान का संर ण • अनु छेद 50 – कायपािलका से यायपािलका का पथृ करण • अनु छेद 51 अतंरा ीय शांित और सरु ा क अिभविृ
संिवधान के भाग IV म अनु छेद 36 से 51 तक रा य के नीित िनदशक त व का वणन ह ै।
रा य नीित के िनदशक त व रा य को सशुासन दान करने और लोक क याण सिुनि त करने
के िलए कुछ दािय व का िनवहन करने के िलए िदए गए िनदश ह
23
iiआव यक िवशेषताए-ं मौिलक कत य, अिधकार और िनदशक त व III- िनदशक त व
आव यक िवशेषताए:ं राज यव था
3 संगठन
िवधाियका म हमारे िनवािचत ितिनिध होते ह ।
यायपािलका –
उ चतम यायालय उ च यायालय अधीन थ यायालय
24
संिवधान के 3 अंग/शासन के 3 क धiii
कायपािलका ऐसे लोग का समूह है जो कानून को लागू करने और शासन चलाने का काम देखता है ।
कायपािलका -
भारत के रा पित भारत के उपरा पित मंि मंडल
यायालय क यव था को यायपािलका कहा जाता है ।
िवधाियका -
भारत के रा पित भारतीय संसद
• रा य सभा (रा य क प रषद)• लोक सभा
क. कायपािलका (1/2)
25
iii
रा प त
1. रा पित भारत का सांिवधािनक अ य ह ै।2. रा पित कायपािलका का औपचा रक धान ह ै3. उनका िनवाचन दोन सदन और रा य क िवधान
सभाओ ंके िनवािचत सद य ारा िकया जाता ह ै। 4. रा पित का कायकाल - 5 वष
आव यक िवशेषताएं : संघीय संरचना
संघ क कायपािलका म रा पित, उप-रा पित और मंि प रषद होते ह
5. संघ क संपणू कायकारी शि रा पित म िनिहत होती ह,ै िजनम िन निलिखत शि यां भी शािमल ह:ै• अिधका रय के मा यम से सीधे कायकारी शि याँ• उ चतम यायालय और उ च यायालय के यायाधीश जैसे
रा य के उ च अिधका रय को िनयु करने क शि याँ• सश बल के सव च कमांडर के प म सै य शि यां• मा / िवलंबन आिद क शि• राजदतू क िनयिु सिहत राजनियक शि यां• दोन सदन को बलुाने क शि य सिहत अ य िवधायी
शि याँ• आपातकालीन शि याँ
26
iii
उप रा प त
1. रा यसभा के सभापित2. उनका िनवाचन दोन सदन और रा य क
िवधान सभाओ ंके िनवािचत सद य ारा िकया जाता ह ै।
संसद का मं मंडल
1. मंि मंडल कायपािलका क वा तिवक धान होती ह ै2. मंि प रषद या मंि मंडल (कैिबनेट) रा पित को सहायता और
सलाह दतेा ह;ै रा पित, कैिबनेट क सलाह पर काय करते ह । 3. रा पित ारा िनयु िकए गए धान मं ी इसके अ य होते ह 4. मं ी प रषद म मंि य क िनयिु धान मं ी क सलाह पर
रा पित ारा क जाती है5. मंि प रषद सामिूहक प से लोकसभा के ित उ रदायी होती है6. धानमं ी, मंि प रषद और रा पित के बीच जानकारी दनेे का
काय करते ह ।
आव यक िवशेषताएं : संघीय संरचना
संघ क कायपािलका म रा पित, उप-रा पित और मंि प रषद होते ह
क. कायपािलका (2/2)
ख. िवधाियका : संसद एवं िवधानसभा (1/2)
आव यक िवशेषताए ं: संघीय संरचना
संसद भारत क संघीय िवधाियका ह,ै संसद के तीन अगं होते ह – रा पित, लोक सभा एवं रा य सभा
लोकसभा और रा यसभा, दोन को िव ीय मामल को छोड़कर, सभी े म समान शि और ि थित ा है
संसद के 3 मु य काय होते ह :• रा ीय सरकार का चनुाव करना • सरकार को िनयंि त करना, मागदशन दनेा और जानकारी दनेा • काननू बनाना
रा य टार पर संसद को िवधान सभा कहा जाता ह।ै इसके अंग होते ह रा यपाल एवं िवधान सभा दशे के कुछ रा य म िवधान प रषद का भी योजन ह ै
रा पित
लोक सभा रा य सभा
iii
27
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iii
रा प त
• दोन सदन क बैठक बलुा सकते ह • रा य और लोकसभा दोन को
िनलंिबत कर सकते ह लिेकन केवल लोकसभा को भगं कर सकते ह
• दोन सदन ारा पा रत िबल को काननू बनने के िलए रा पित के अनमुोदन क आव यकता होती है
• येक वष सभा स क शु आत म एक साथ समवेत दोन सदन म अिभभाषण कर सकते ह
रा य सभा • इसे “काउंिसल ऑफ टेट्स” या उ च सदन भी कहा
जाता ह ै। यह रा य िवधानसभाओ ंके 245 सद य का ितिनिध व करता ह ै। इसम 12 सद य रा पित ारा
मनोनीित िकए जाते ह । • इसम सभापित (उप-रा पित) और उप- सभापित
(िनवािचत) होते ह • सद यता क अविध - 6 वष होती ह ै।
• यह संघीय संसद का िनचला अथवा लोकि य सदन ह ै। • नाग रक ारा य तौर पर 552 सद य चनेु जाते ह: 530 रा य से और
20 क शािसत दशे से• सद यता अविध - 5 वष• अ य और उपा य , दोन िनवािचत• 3 वािषक स : बजट स (फरवरी-मई), मानसनू स (जलुाई-िसतंबर) और
शीतकालीन स (नवंबर-िदसंबर)
लोक सभा
ख. िवधाियका : संसद एवं िवधानसभा (2/2)
आव यक िवशेषताए ं: संघीय संरचना
29
1. संघ क यायपािलका म शीष पर उ चतम यायालय के साथ-साथ एक कृत यायपािलका णाली होती है
2. यायपािलका क मु य भिूमका:
• िववाद का िनपटारा
• याियक समी ा
• काननू क र ा और मौिलक अिधकार का ि या वयन
iiiग. यायपािलका (1/2)
आव यक िवशेषताए ं: संघीय संरचना
• भारतीय याियक पदानु म म सव च थान - रा ीय याियक णाली का शीष
• संिवधान का सव च या याकार• नाग रक के मलू अिधकार का संर क• िसिवल और दांिडक मामल म अपील
का अिंतम यायालय • रा पित ारा िनयु भारत के मु य
यायाधीश इसके मखु होते ह ।
उ चतम यायालय
उ च यायालय
अधीन थ यायालय
उ चतम यायालय
30
iii
• उ च यायालय, भारतीय याियक पदानु म म उ चतम यायालय से नीचे आते ह
• भारत के येक रा य म एक उ च यायालय ह;ै संसद, काननू ारा, दो या अिधक रा य के िलए एक साझा उ च यायालय थािपत कर सकती है
• 17 रा य उ च यायालय• 4 साझा उ च यायालय :
1. गौहाटी उ च यायालय (7 पवू र रा य का साझा यायालय)2. कलक ा उ च यायालय (अडंमान और िनकोबार ीप समहू का
संयु रा संघ)3. बॉ बे उ च यायालय (गोवा और सघ रा य े दमन और दीव
और दादरा और नागर हवेली के िलए साझा यायालय)4. चंडीगढ़ उ च यायालय (पंजाब और ह रयाणा के िलए साझा
यायालय)
उ च यायालय अधीन थ यायालय
• अधीन थ यायालय णाली उ च यायालय के नीचे आती ह ै
ग. यायपािलका (2/2)
आव यक िवशेषताए ं: संघीय संरचना
भारतीय चनुाव आयोग (ईसीआई)
आव यक िवशेषताए:ं संवैधािनक पदािधकारी: सीएजी, ईसीआई, यूपीएससी
• यह संसद, रा य िवधानसभाओ ं और रा पित और उपरा पित के कायालय के िलए सभी चनुाव का िनदशन और िनयं ण करता है
संघ लोक सेवा आयोग (यपूीएससी )
• संघ सरकार और रा य सरकार म िनयिु के िलए परी ा क योजना बनाने का काय संघ लोक सेवा आयोग ारा िकया जाता ह ै।
• आयोग के अ य तथा अ य सद य क िनयिु रा पित करता ह ै।
• अिधका रय क िनयुि , थानांतरण, पदो नित और अनशुासना मक मामल से संबंिधत मामल म सरकार को सलाह दतेा ह ै ।
िनयं क महालेखा परी क (CAG)
• िनयं क महालेखा-परी क और भारतीय लखेा परी ा और लेखा िवभाग (IAAD), भारत के सव च लेखा परी ा सं थान (SAI) ह ।
• संिवधान ारा रा के िलए लेखा परी क के प म अिधदिेशत ह ।
• जवाबदहेी सिुनि त करने के िलए साधन ह ।
• राज व सं ह, सहायता / अनदुान ाि य और सरकार (क और रा य ) के यय का लेखा-जोखा रखता ह ।
• रा पित ारा िनयु िकए जाते ह, कायिविध 6 वष ह ै।
iii
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संिवधान म कई सं थागत तं जैसे यायपािलका, सतकता िनकाय
और एक वतं सव च लेखा परी ा सं थान (SAI) अिनवाय
वतं संवैधािनक सं थाएं
आव यक िवशेषताए ं- रा य
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रा य के िलए ावधान, संघ पैटन का
अनसुरण करते ह, हालांिक कुछ रा य
को िवशेष दजा ा ह ै और कुछ
रा य के िलए िवशेष ावधान ह
क सरकार क तरह, रा य सरकार भी
संसदीय णाली का अनसुरण करती है
येक रा य का एक सांिवधािनक मखु (कायकारी)
होता ह ैऔर मंि प रषद के ित जवाबदहेी होती ह ै।
रा य कायपािलका का अ य , रा पित ारा िनयु
रा यपाल होता है
हालांिक रा यपाल संवैधािनक मुख ह, लेिकन मं ी
वा तिवक कायकारी शि का योग करते ह; येक
रा य म मंि य क सं या िवधानसभा क कुल सद यता
के 15% तक सीिमत ह ै।
iv
रा य म शासन संरचना रा य क कायपािलका (रा यपाल + मं ी प रषद)
क. रा य कायपािलका
े ीय िनवाचन े से अिधकतम 500 िनवािचत सद य से यु होती है ।
चुने गए अ य और उपा य इसके मुख होते ह
अविध - 5 वष
िवधान सभा के अिधकतम 1/3 सद य से िमलकर होती
है ।
सभापित और उप- सभापित भी होते ह
अ य / सभापित और उपा य / उप सभापित ारा
अ य ता क जाती है
रा य िवधान सभा
रा य िवधान प रषद
ख. रा य िवधाियका
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आव यक िवशेषताए-ं रा य iv
रा य िवधानमंडल म रा यपाल और िवधान सभा शािमल ह
कुछ रा य म दो सदन हो सकते ह- िवधानसभा (लोकसदन) और िवधान प रषद (रा य सदन)
रा य सचूी म व तओु ंपर काननू बनाने के िलए रा य िवधानमंडल के पास िवशेष अिधकार े है
ग. रा य यायपािलका (1/2)
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आव यक िवशेषताए-ं रा य iv
रा य यायपािलका म एक उ च यायालय और अधीन थ यायालय क एक णाली होती है
रा य यायपािलका म उ च यायालय और अधीन थ यायालय क एक णाली होती है
उ च यायालय, रा य याियक णाली के शीष पर होते ह ।
याय शासन म बहत मह वपणू भिूमका िनभाते ह; यापक अिधका रता रखत ेह ।
कई उ च यायालय म अलग-अलग े ीय अिधका रता के साथ एक मखु बच और अ य बच होती ह ।
मु य यायाधीश- उ च यायालय के शासिनक अिधकारी होते ह ।
उ च यायालय
ब बई उ च यायालय
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आव यक िवशेषताए-ं रा य iv
रा य यायपािलका म उ च यायालय और अधीन थ यायालय क एक णाली होती है
अधीन थ यायपािलका, याियक णाली का एक बहत मह वपणू खडं ह,ै य िक यह लोग के सबसे
िनकट ह ै– यायपािलका, अधीन थ यायपािलका के मा यम से लोग के साथ िनकट संपक म आती है
उ च यायालय, संबंिधत रा य म अधीन थ यायपािलका के स मान और अखंडता को बनाए रखते ह
अधीन थ यायालय क णाली म िजला यायालय, फा ट ैक कोट, फैिमली कोट आिद शािमल ह।
उ च यायालय और अधीन थ यायालय के संबंध म िवधायी शि , क और रा य के बीच िवत रत
होती ह
अधीन थ यायालय
ग. रा य यायपािलका (2/2)
संघ और रा य के बीच संबंध संघ सचूी, रा य सचूी और समवत सचूी
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भारत का संिवधान म संघ और उसके घटक रा य के बीच रा य क शि यां िवत रत ह ।
संिवधान क सातव अनसुचूी म 3 सिूचय संघ, रा य और समवत का यौरा िदया गया ह ै:
अनु छेद 246 म उ लेख ह ैिक संसद के पास संघ सचूी म गिणत िकसी भी िवषय के संबंध म िविध बनाने क अन य शि ह ैऔर रा य िवधानमंडल के पास रा य सचूी म गिणत िकसी भी िवषय के संबंध म िविध बनाने क शि ह ै।
समवत सचूी के िलए संघ और रा य िवधानसभा दोन काननू बना सकत ेह
संसद के काननू के अनपुालन को सिुनि त करने के िलए रा य क कायकारी शि यां
रा य को िदशा दनेे के िलए क ीय
ािधकारी
शासिनक संबंधिवधायी संबंध
संघ, अनदुान के मा यम से रा य को िव ीय सहायता
दान करता और कर आय म िह सेदारी दतेा ह ै।
िव ीय संबंध
v
ध यवाद