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1582 GI/2020 (1) रजजरी सं. डी.एल.- 33004/99 REGD. NO. D. L.-33004/99 xxxGIDHxxx xxxGIDExxx ऄसाधारण EXTRAORDINARY भाग IIखड 3ईप-खड (ii) PART II—Section 3—Sub-section (ii) ाजधकार से काजित PUBLISHED BY AUTHORITY पयाावरण, वन और जलवायु पᳯरवतान मंालय ऄजधसूचना नइ ᳰदली, 23 माच2020 का.. 1199(ऄ).कीय सरकार, पयाावरण (संरण) ऄजधजनयम, 1986 (1986 का 29) कᳱ धारा 3 कᳱ ईप-धारा (1) और धारा (2) के खंड (V) ारा दत िजिय का योग करते ए, भारत के ᳰकसी भी भाग म कुछ पᳯरयोजना को अरंभ करने या मता पᳯरवधान को ऄतवाजलत करने ऐसी जवधमान पᳯरयोजना के जवतार और अधुजनकᳱकरण पर कजतपय जनबंधन और जतषेध ऄजधरोजपत करने के जलए पयाावरण संघात जनधाारण ऄजधसूचना का. . 1533 तारीख 14 जसतंबर, 2006 और आसके पातवती संिोधन को ऄजधांत करते ए जनजलजखत ऄजधसूचना जारी करने का ताव करती है और जसे पयाावरण (संरण) जनयम, 1986 के जनयम 5 के ईपजनयम (3) कᳱ ऄपेानुसार, जनता कᳱ जानकारी के जलए, जनको आससे भाजवत होने कᳱ संभावना है काजित ᳰकया जाता है और यह सूचना दी जाती है ᳰक ईि ाऱप ऄजधसूचना पर ईस तारीख से , जस तारीख को आस ऄजधसूचना के राजप कᳱ जतयां जनता को ईपलध करा दी जाती है , 60 ᳰदन कᳱ ऄवजध कᳱ समाज पर या ईसके पात जवचार ᳰकया जाएगा; ाऱप ऄजधसूचना म ऄतᳶव ताव पर कोइ अेप करने या सुझाव देने म जहतब कोइ भी जि आह आस कार जवजनद ऄवजध के भीतर जलजखत ऱप से कीय सरकार के जवचाराथ, सजचव, पयाावरण, वन और जलवायु पᳯरवतान मंालय, आंᳰदरा पयाावरण भवन, जोरबाग रोड. ऄलीगंज, नइ ᳰदली – 110 003 को भेज सकता है या आसे इमेल पता [email protected] पर भेज सकता है। सं . 1071] नइ ᳰदली, सोमवार, माच23, 2020/चै 3, 1942 No. 1071] NEW DELHI, MONDAY, MARCH 23, 2020/CHAITRA 3, 1942 सी.जी.-डी.एल.-अ.-11042020-219035 CG-DL-E-11042020-219035
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  • 1582 GI/2020 (1)

    रजजस्ट्री स.ं डी.एल.- 33004/99 REGD. NO. D. L.-33004/99

    xxxGIDHxxx xxxGIDExxx

    ऄसाधारण

    EXTRAORDINARY

    भाग II—खण् ड 3—ईप-खण् ड (ii)

    PART II—Section 3—Sub-section (ii)

    प्राजधकार स ेप्रकाजित

    PUBLISHED BY AUTHORITY

    पयाावरण, वन और जलवाय ुपररवतान मतं्रालय

    ऄजधसचूना

    नइ ददल्ली, 23 माचा 2020

    का.अ. 1199(ऄ).—कें द्रीय सरकार, पयाावरण (संरक्षण) ऄजधजनयम, 1986 (1986 का 29) की धारा 3 की

    ईप-धारा (1) और धारा (2) के खंड (V) द्वारा प्रदत िजियों का प्रयोग करत ेहुए, भारत के दकसी भी भाग में कुछ

    पररयोजनाओं को अरंभ करन ेया क्षमता पररवधान को ऄन्तवाजलत करने ऐसी जवधमान पररयोजनाओं के जवस्ट्तार

    और अधुजनकीकरण पर कजतपय जनबंधन और प्रजतषेध ऄजधरोजपत करने के जलए पयाावरण संघात जनधाारण

    ऄजधसूचना का. अ. 1533 तारीख 14 जसतंबर, 2006 और आसके पश्चातवती संिोधनों को ऄजधक्ांत करत े हुए

    जनम्नजलजखत ऄजधसूचना जारी करने का प्रस्ट्ताव करती ह ैऔर जजसे पयाावरण (संरक्षण) जनयम, 1986 के जनयम 5 के

    ईपजनयम (3) की ऄपेक्षानुसार, जनता की जानकारी के जलए, जजनको आससे प्रभाजवत होने की संभावना ह ैप्रकाजित

    दकया जाता ह ैऔर यह सूचना दी जाती ह ै दक ईि प्रारूप ऄजधसूचना पर ईस तारीख से, जजस तारीख को आस

    ऄजधसूचना के राजपत्र की प्रजतयां जनता को ईपलब्ध करा दी जाती है, 60 ददन की ऄवजध की समाजि पर या ईसके

    पश्चात जवचार दकया जाएगा;

    प्रारूप ऄजधसूचना में ऄन्तर्ववष्ट प्रस्ट्ताव पर कोइ अक्षेप करने या सुझाव देने में जहतबद्ध कोइ भी व्यजि आन्हें आस प्रकार

    जवजनर्ददष्ट ऄवजध के भीतर जलजखत रूप से कें द्रीय सरकार के जवचाराथा, सजचव, पयाावरण, वन और जलवायु पररवतान

    मंत्रालय, आंददरा पयाावरण भवन, जोरबाग रोड. ऄलीगंज, नइ ददल्ली – 110 003 को भेज सकता ह ैया आसे इमेल पता

    [email protected] पर भेज सकता ह।ै

    स.ं 1071] नइ ददल्ली, सोमवार, माचा 23, 2020/चैत्र 3, 1942

    No. 1071] NEW DELHI, MONDAY, MARCH 23, 2020/CHAITRA 3, 1942

    सी.जी.-डी.एल.-अ.-11042020-219035CG-DL-E-11042020-219035

  • 2 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(ii)]

    प्रारूप अजधसचूना

    केन्द्रीय सरकार न,े भारत के तत्कालीन पयाावरण और वन मतं्रालय की ऄजधसूचना सं. का. अ. 1533 (ऄ)

    तारीख 14 जसतम्बर, 2006 (जजसे आसमें आसके पश्चात इअइएए ऄजधसूचना 2006 कहा गया ह)ै द्वारा इअइएए

    ऄजधसूचना 2006 की ऄनुसूची में सूचीबद्ध भारत के दकसी भी भाग में कुछ पररयोजनाओं के अरंभ करन ेया क्षमता

    पररवधान को ऄन्तवाजलत करन ेऐसी जवद्यमान पररयोजनाओं के जवस्ट्तार या अधुजनकीकरण पर तब तक कजतपय ितें

    और पाबंददयों को ऄजधरोजपत दकया जा सकता था जब तक इअइएए ऄजधसूचना, 2006 तथा पश्चातवती संिोधनों

    में जवजनर्ददष्ट प्रदक्या के ऄनुसार, यथाजस्ट्थजत, मंत्रालय, या राज्य स्ट्तरीय पयाावरण संघात जनधाारण प्राजधकारी या

    जजला स्ट् तरीय पयाावरण समाघात प्राजधकारी द्वारा पूवा पयाावरण ऄनापजि प्रदान नहीं कर ददया गया था;

    ऄब न्यायालयों और राष्ट्रीय हररत ऄजधकरणों की प्रदक्या, जवकें द्रीकरण और कायाान्वयन को सरल बनाने के

    जलए समय-समय पर इअइए ऄजधसूचना, 2006 के जलए ऄनेक संिोधन जारी दकए गए हैं| यद्यजप इअइएए

    ऄजधसूचना, 2006 प्रस्ट्ताजवत पररयोजनाओं के कारण पयाावरण संघातों को जनधाारण करके ऐसे अवश्यक

    पयाावरणीय सुरक्षापायों को साकार करने में सहायक हुइ ह ै जजनमें जनयोजन प्रक्म पर ही पूवा पयाावरण ऄनापजि

    ऄपेजक्षत ह,ै ऄतः कें द्रीय सरकार ऑनलाआन प्रणाली के कायाान्वयन, प्रदक्या के और प्रत्यायोजन, सुव्यवजस्ट्थकरण,

    मानकीकरण, अदद के माध्यम से आस प्रदक्या को ऄजधक पारदिी तथा समीचीन बनाने की वांछा करती है;

    और मंत्रालय ने छह मास की समय सीमा सजहत मामलों के ईल्लघंन के मलू्यांकन के जलए प्रदक्या

    ऄजधकजथत करने वाली ऄजधसूचना सं.का.अ. 804(ऄ) तारीख 14 माचा, 2017 जारी की थी। ईि ऄजधसूचना न े

    ऐसी पररयोजनाओं के ईल्लंघन को पररभाजषत दकया जजन्होंने संजनमााण काया अरंभ दकया ह ै या पूवा पयाावरण

    ऄनापजि के जबना ईत्पाद-जमश्रण में जवस्ट्तार या अधुजनकीकरण या पररवतान दकया ह;ै

    तथाजप, आस प्रकार के होने वाल ेईल्लघंन जवजनयामक प्राजधकरणों द्वारा मूल्यांकन या मानीटरी या जनरीक्षण

    की प्रदक्या के दौरान भजवष्य में सामने अ सकत ेहैं। ऄतः मंत्रालय, िीघ्राजतिीघ्र पयाावरण के जहत में पररयोजनाओं के

    ऐसे ईल्लंघन को जवजनयमों के ऄन्तगात लान े के जलए प्रदक्या ऄजधकजथत करना अवश्यक समझती ह ै न दक ईन्हें

    ऄजनयंजत्रत और जनबााध छोड़ना, जो पयाावरण के जलए ऄजधक खतरनाक होगा

    और जहन्दसु्ट्तान कॉपर जलजमटेड बनाम भारत संघ के मामल ेमें ईनकी ररट याजचका (जसजवल) सं. 2364 में

    माननीय झारखंड ईच्च न्यायालय के अदेि तारीख 28 नवम्बर, 2014 में, ऄन्य बातों के साथ-साथ यह ऄजभजनधााररत

    दकया गया दक पयाावरण ऄनापजि के प्रस्ट्ताव के जलए जवचार की ईसके गणुागणु के अधार पर समीक्षा की जानी

    चाजहए जो पयाावरण संबंधी जवजधयों के ऄजभकजथत ईल्लंघन के जलए प्रस्ट्ताजवत दकसी कारावाइ से स्ट् वतंत्र हो;

    और मलू अवेदन संख्या 837/2018 संदीप जमिल बनाम पयाावरण, वन और जलवायु पररवतान मंत्रालय

    और ऄन्य के मामले में मूल अवेदन सं. 837/2018 में माननीय राष्ट्रीय हररत ऄजधकरण ने यह ऄजभजनधााररत दकया

    था दक मंत्रालय पूवा पयाावरण ऄनापजि की ितों के ऄनुपालन के जलए मानीटरी तंत्र को सुदढ़ृ करेगा;

    और केन्द्रीय सरकार, पयाावरण (संरक्षण) ऄजधजनयम, 1986 की धारा 3 की ईपधारा (1) और ईपधारा (2)

    के खंड (V) के साथ परठत पयाावरण (संरक्षण) जनयम, 1956 के ईप-जनयम (3) के खंड (घ) या जनयम 5 द्वारा प्रदि

    िजियों का प्रयोग करत ेहुए और पश्चातवती संिोधनों के साथ परठत ऄजधसूचना सं. का.अ.1533 (ऄ) तारीख 14

    जसतम्बर, 2006, ऄजधसूचना सं.का.अ.190 (ऄ) तारीख 20 जनवरी, 2016 का.अ. 4307 (ऄ) तारीख 29 नवम्बर,

    2019 का.अ.750 (ऄ) तारीख 17 फरवरी, 2020 को ईन बातों के जसवाय ऄजधक्ान्त करत े हुए जजन्हें ऐसे

    ऄजधक्मण से पूवा दकया गया ह ैया करने से लोप दकया गया ह ैआस प्रारूप ऄजधसूचना को प्रकाजित करती ह।ै

    1. सजंक्षि नाम और प्रारंभः

    i. आस ऄजधसूचना का संजक्षि नाम पयाावरण संघात जनधाारण ऄजधसूचना, 2020 (जजसे आसमें आसके पश्चात “इ

    ए अइ” ऄजधसूचना 2020 कहा गया ह)ै ह।ै

    ii. यह ऄजधसूचना राजपत्र में आसके ऄजन्तम प्रकािन की तारीख को प्रवृि होगी।

    2. ऄजधसचूना का लाग ूहोनाः यह ऄजधसूचना सम्पूणा भारत जजसके ऄन्तगात राज्य क्षेत्रीय सागर खंड भी हैं, को लाग ू

    होगी।

    3. पररभाषाए:ं आस ऄजधसूचना में, जब तक संदभा से ऄन्यथा ऄपजेक्षत न हो, पदों को जनम्नानुसार पररभाजषत

    दकया गया ह।ै

  • [भाग II—खण् ड 3(ii)] भारत का राजपत्र : ऄसाधारण 3

    (1) “प्रत्याजयत पयाावरणीय सघंात जनधाारण परामिी सगंठन (जजसे आसमें आसके पश्चात ‘एसीओ’ कहा गया ह)ै”

    एक ऐसा संगठन ह ैजो भारतीय गणुविा पररषद ्(क्यूसीअइ) के राष्ट्रीय जिक्षा और प्रजिक्षण प्रत्यायन बोडा

    (एन ए बी इ टी) या दकसी ऄन्य ऄजभकरण, जो मंत्रालय द्वारा समय-समय पर ऄजधसूजचत दकया जाए, से

    प्रत्याजयत ह;ै

    (2) ‘‘ऄजधजनयम’’ से पयाावरण (संरक्षण) ऄजधजनयम, 1986 (1986 का ऄजधजनयम सं. 29) ऄजभप्रेत ह ै

    (3) “मलू्याकंन” से जवजहत प्ररूप(पों) में अवेदन और सभी दस्ट्तावेजों जजनमें इअइएए ररपोटा भी ह,ै पूवा

    पयाावरण ऄनापजि प्रदान करने के जलए मलू्यांकन सजमजत द्वारा लोक परामिों के पररणाम की जवस्ट्तृत

    संवीक्षा ऄजभप्रेत ह ै

    (4) “मलू्याकंन सजमजत” से यथा-जस्ट्थजत, केन्द्रीय स्ट्तर की जविेषज्ञ मूल्यांकन सजमजत या राज्य स्ट्तरीय जविेषज्ञ

    मूल्यांकन सजमजत या संघ राज्य क्षेत्रीय जविेषज्ञ मूल्यांकन सजमजत या जजला स्ट्तरीय जविेषज्ञ मूल्यांकन

    सजमजत ऄजभप्रेत ह।ै

    (5) “अधार रेखा अकंड़े” (जजसे आसमें आसके पश्चात बीएलडी कहा गया है) से पूवा- पररयोजना या पूवा जवस्ट्तार

    पयाावरणीय पररदशृ्य को जचजत्रत करन ेवाल ेअकंड़े ऄजभप्रेत हैं जजनमें स्ट्थल (लों) पर और ऄध्ययन क्षेत्र में

    प्रस्ट्ताजवत पररयोजना की वायु, जल, भूजम, वनस्ट्पजत, प्राजणजात, सामाजजक अर्वथक अदद से संबंजधत अकंड़े

    भी हैं

    (6) “सीमा क्षते्र” से भारत के सीमावती देिों के साथ वास्ट्तजवक जनयतं्रण रेखा से 100 दक.मी. अकािीय दरूी के

    ऄन्तगात अने वाला क्षेत्र ऄजभप्रेत ह ै

    (7) “जनर्वमत क्षते्र” से एक साथ आकटे्ठ तलों जजनके ऄन्तगात का तहखाना और ऄन्य सेवा क्षेत्र भी हैं जनर्वमत या

    अच्छाददत क्षेत्र ऄजभप्रेत ह ैजजसका भवनों या संजनमााण पररयोजनाओं में प्रस्ट्ताव दकया गया है;

    (8) “ईत्कृष्ट तलकषाण” से जविाल पोतों की सहायता करन ेके ईदे्दश्य से पोत पररवहन मागा सृजजत करने या गहरे

    बनाने के जलए समुद्र तल से ऄदजूषत सामग्री को हटाने की एकबारगी प्रदक्या ऄजभप्रेत ह।ै आसके ऄन्तगात

    पिनों या बन्दरगाहों और चैनलों के भीतर बाहर तलकषाण दक्या-कलाप भी ह;ै

    (9) प्रवगा ‘क’ से आस ऄजधसूचना की ऄनुसूची के स्ट्तंभ (3) में यथा-सूचीबद्ध पररयोजनाएं या दक्याकलाप

    ऄजभप्रेत हैं;

    (10) प्रवगा ‘ख’ से आस ऄजधसूचना की ऄनुसूची के स्ट्तंभ (4) में यथा-सूचीबद्ध पररयोजनाएं या दक्याकलाप

    ऄजभप्रेत हैं;

    (11) प्रवगा ‘ख2’ से आस ऄजधसूचना की ऄनुसूची के स्ट्तंभ (5) में यथा-सूचीबद्ध पररयोजनाएं या दक्याकलाप

    ऄजभप्रेत हैं;

    (12) “कें द्रीय प्रदषूण जनयतं्रण बोडा” (जजसे आसमें आसके पश्चात “सीपीसीबी” कहा गया ह)ै एक ऐसा बोडा ह ैजजसे

    जल (प्रदषूण जनवारण और जनयंत्रण) ऄजधजनयम 1974 (1974 का 6) के ऄधीन गरठत दकया गया ह;ै

    (13) “हररत भवन जनमााण प्रमाणपत्र” से एकीकृत प्राकृजतक वास जनधाारण (जीअरअइएचए) के जलए हररत रेटटग

    के रेटटग कायाक्म, भारतीय उजाा और पयाावरण जडजाआन में नतेृत्व (एलइइडी) वृहिर दक्षताओं के जडजाआन

    में ईत्कृष्टता या समय-समय पर मंत्रालय द्वारा जारी दकसी तृतीय पक्षकार हररत भवन जनमााण रेटटग

    प्रणाली के ऄधीन जारी प्रमाणपत्र ऄजभप्रेत है;

    (14) “कलस्ट्टर” से आस ऄजधसूचना के पैरा 24 के ईप-पैरा (3) में ददए गए मानदंड के ऄनुसार खानों या पट्टों के

    समूह द्वारा बनाया गया कोइ क्षते्र ऄजभप्रेत ह;ै

    (15) “कलस्ट्टर प्रमाणपत्र” जनदेिक खान और भूजवज्ञान या दकसी ऄन्य सक्षम प्राजधकारी द्वारा जारी दकए गए

    खानों या पट्टों के कलस्ट्टर के जलए प्रमाणपत्र ह;ै

    (16) “कॉरपोरेट पयाावरण ईिरदाजयत्व” (जजसे आसमें आसके पश्चात ‘सीइअर’ कहा गया ह)ै इएमपी का भाग ह ै

    जजसके पररयोजना प्रस्ट्तावक को लोक परामिा के दौरान ईठाए गए मुद्दों पर और/या इअइएए ऄध्ययन के

  • 4 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(ii)]

    दौरान दकए गए जनधाारण अधाररत सामाजजक अवश्यकता पर अधाररत पररयोजना की जनकटस्ट्थ

    पररजस्ट्थजतयों में पयाावरण सुरक्षा के जलए कजतपय दक्याकलाप करने के जलए अदिे ददया जाता है;

    (17) “तटीय जवजनयामक जोन” (जजसे आसमें आसके पश्चात ् ‘सीअरजेड’ कहा गया ह)ै वह जोन ह ै जजसे तटीय

    जवजनयामक जोन ऄजधसूचनाएं 2019 और समय-समय पर दकए गए पश्चातवती संिोधनों के ऄधीन

    ऄजधसूजचत दकया गया ह;ै

    (18) “सकंटमय प्रदजूषत क्षते्र” से समय-समय पर केन्द्रीय प्रदषूण जनयंत्रण बोडा द्वारा पहचान दकए गए औद्योजगक

    कलस्ट्टर या क्षेत्र ऄजभप्रेत ह;ै

    (19) “जजला या प्रभागीय स्ट्तर जविषेज्ञ मलू्याकंन सजमजत” (जजसे आसमें आसके पश्चात ‘डीइएसी’ कहा गया ह)ै

    ऄजधजनयम की धारा 23 के ऄधीन प्रदि िजियों को प्रयोग करत ेहुए एसइअइएए या यूटीअइएए द्वारा

    जजला स्ट्तर या प्रभागीय स्ट्तर पर आसे जनर्ददष्ट पररयोजनाओं के पयाावरण मलू्यांकन के जलए राज्य सरकार या

    संघ राज्य क्षेत्र प्रिासन को जसफाररि पर आस ऄजधसूचना के प्रयोजन के जलए और समुजचत जसफाररिें करन े

    के जलए गरठत जविेषज्ञों की एक सजमजत हैं;

    (20) “जजला सवके्षण ररपोटा” से ऐसी ररपोटा ऄजभप्रेत ह ैजो ऄजधवृजद्ध या भण्डारों के क्षेत्रों की जजसमें खनन दकया

    जाता ह ैपहचान के जलए और कटाव के क्षेत्रों की पहचान तथा ऄवसंरचनात्मक संरचनाओं और संस्ट्थापनों

    की समीपस्ट्थता जहां खनन को प्रजतजषद्ध दकया जाए तथा पुनः पूर्वत की वार्वषक दर की संगणना और ईस

    क्षेत्र में खनन के पश्चात पनुः पूर्वत के जलए समय ऄनुज्ञात करन ेके जलए जजल ेमें भूजवज्ञान या ससचाइ जवभाग

    या वन जवभाग या लोक जनमााण जवभाग या भूजमजल बोडा या सुदरू संवेदनिील जवभाग या खनन जवभागों

    अदद द्वारा तैयार की जाती ह;ै

    (21) “पाररजस्ट्थजतकी सवंदेनिील क्षते्र (जजसे आसमें आसके पश्चात ‘इएसए’ कहा गया ह)ै” ऐसे क्षेत्र हैं जो पयाावरण

    (संरक्षण) ऄजधजनयम 1986 की धारा 3 की ईपधारा (2) और समय-समय पर पश्चातवती संिोधनों के

    ऄधीन ऄजधसूजचत दकए गए हैं;

    (22) “पाररजस्ट्थजतकी सवंदेनिील क्षते्र (जजसे आसमें आसको पश्चात ‘इ एस ए’ कहा गया ह)ै” ऐसे क्षेत्र हैं जो

    पयाावरण (संरक्षण) ऄजधजनयम 1986 की धारा 3 की ईपधारा (2) और समय-समय पर पश्चातवती

    संिोधनों के ऄधीन ऄजधसूजचत दकए गए हैं

    (23) “पयाावरण सघंात जनधाारण (जजसे आसमें आसके पश्चात ‘इअइएए’ कहा गया ह)ै ररपोटा” ऐसा दस्ट्तावेज ह ैजो

    जवजनयामक प्राजधकरण द्वारा जवजहत सौंपे गए कृत् यों पर अधाररत तथा आसे ऄजधसूचना के पररजिष्ट-10 में

    दी गइ साधारण संरचना के ऄनुसार प्रस्ट्ताजवत पररयोजना के जलए एसीओ के माध्यम से पररयोजना

    प्रस्ट्तावक द्वारा तैयार दकया जाता ह ै

    क. “प्रारूप इअइएए ररपोटा” लोक परामिा के प्रयोजन के जलए जवजनयामक प्राजधकरण के जनदिेों के

    ऄनुसार तैयार की गइ इअइएए ररपोटा है;

    ख. “ऄजन्तम इअइएए ररपोटा” लोक परामिा जजसमें मूल्यांकन के प्रयोजन के जलए जनता द्वारा ईठाए

    गए जवषयों का सम्यकतः समाधान करन े वाल े न् यूनीकरण ईपाय, समयबद्ध काया योजना

    पररयोजना प्रस्ट्तावक द्वारा आसमें की गइ प्रजतबद्धताओं के जलए बजटीय ईपबंध भी है, के पश्चात

    तैयार की गइ इअइ ररपोटा ह;ै

    (24) “इअइएए समन्वयक” एक सेक्टरीय जविेषज्ञ और कायाात्मक क्षते्र जविेषज्ञों का समन्वयक ह ैऔर जो एसीओ

    द्वारा प्रत्याजयत ह।ै

    (25) “पयाावरण प्रबधंन क्षते्र योजना (जजसे आसमें आसके पश्चात ‘इएमपी’ कहा गया ह)ै ररपोटा” आस ऄजधसूचना के

    पररजिष्ट - XI में दी गइ साधारण संरचना के ऄनुसार प्रस्ट्ताजवत पररयोजना के जलए ऐसीओ के माध्यम से

    पररयोजना प्रस्ट्तावक द्वारा तैयार दकया गया दस्ट्तावेज है;

    (26) “जवस्ट्तार” से ऄनुसूची या यथाजस्ट्थजत ऄजभप्राि पूवा इसी या पूवा इपी में संबंजधत पररयोजना के जलए

    जवजनर्ददष्ट सीमाओं से परे क्षमता पररवधान वाला पररयोजना को यथा लागू खान पट्टा क्षेत्र या पररयोजना

  • [भाग II—खण् ड 3(ii)] भारत का राजपत्र : ऄसाधारण 5

    क्षेत्र संवधानीय कमान क्षेत्र या जनर्वमत क्षेत्र या लंबाइ या संख्या या जनन क्षमता या ईत्पादन क्षमता या

    अद्योपान्त या प्रबंध क्षमता अदद में बोडा वृजद्ध ऄजभप्रेत ह।ै खनन पररयोजनाओं या दक्याकलाप की दिा में

    खान पटे्ट के क्षेत्र या ईत्पादन क्षमता में दकसी वृजद्ध को जवस्ट्तार के रूप में समझा जाए;

    (27) “जविषेज्ञ मलू्याकंन सजमजत” (जजसे आसमें आसके पश्चात ‘इएसी’ कहा गया ह)ै मंत्रालय द्वारा आसे जनर्ददष्ट की

    गइ पररयोजनाओं के मलू्यांकन के जलए और समुजचत जसफाररिें करन े के जलए केन्द्रीय स्ट्तर पर गरठत

    जविेषज्ञों की सजमजत ह;ै

    (28) “प्ररूप” से आस ऄजधसूचना से संलग्न प्ररूप (प्ररूप) ऄजभप्रेत ह ै(हैं);

    (29) “कायाात्मक क्षते्र जविषेज्ञ” (जजसे आसमें आसके पश्चात ‘एफएइ’ कहा गया ह)ै एसीओ द्वारा प्रत्याजयत जविेषज्ञ

    ह ैऔर जो एसीओ के साथ काया करता ह ैया आसके साथ पनैजलत है;

    (30) “साधारण िता (जजसे आसमें आसके पश्चात जीसी कहा गया ह)ै से यह ऄजभप्रते ह ैदक समूह ‘ख1’ में जवजनर्ददष्ट

    दकसी पररयोजना या दक्याकलाप नीचे (क) या (ख) में ईजल्लजखत क्षेत्रों में यदद पणूातः या भागतः ऄवजस्ट्थत

    हो, प्रवगा में पररवतान के जबना केन्द्रीय स्ट्तर पर मलू्यांकन दकया जाएगा:-

    क. जनम्नजलजखत की सीमा से ऄनसूुची की मद सं. 3, 5, 32, 33 की बाबत 10 दक.मी. के ऄन्दर और

    ऄन् य मदों के मामल ेमें 5 दक. मी. के ऄंदर -

    (i) संरजक्षत क्षेत्र; या

    (ii) सकंटमय प्रदजूषत क्षेत्र; या

    (iii) पाररजस्ट्थजतकी संवेदनिील क्षेत्र; या

    (iv) ऄन्तर राज् यीय या संघ राज्य क्षते्र

    ख. जनम्नजलजखत की सीमा के ऄन्दर

    (i) ऄत्यन्त प्रदजूषत क्षेत्र या

    (ii) पाररजस्ट्थजतकी संवेदनिील क्षेत्र

    (31) “द्वीप तटीय जवजनयामक जोन (जजसे आसमें आसके पश्चात ‘अइसीअरजेड’ कहा गया ह)ै” ऐसा जोन ह ैजजसे

    द्वीप तटीय जवजनयामक जोन ऄजधसूचना, 2019 और समय-समय पर दकए गए संिोधनों के ऄधीन

    ऄजधसूजचत दकया गया ह।ै

    (32) “ऄनरुक्षण तलकषाण” से नौवहन, संजनमााण या संदक्यात्मक प्रयोजनों के जलए (जल के) समुजचत सुरजक्षत

    गहराइ को बनाए रखने के जलए जवद्यमान नौवहन चैनलों, घाटों, झूलने वाले बांध घाट से झुण्ड़ों या तल

    छटों के अवजधक रूप से हटाया जाना ऄजभप्रेत ह;ै

    (33) “सकू्ष्म लघ ुऔर मध्यम ईद्यम” से सूक्ष्म, लघु और माध्यम ईद्यम जवकास ऄजधजनयम, 2006 (2006 का

    ऄजधजनयम स.ं 27) और आसके पश्चातवती संिोधन के ऄधीन पररभाजषत पररयोजना ऄजभप्रते ह;ै

    (34) “खजनज सज्जीकरण” से ऐसी प्रदक्या ऄजभप्रेत ह ै जजसके द्वारा भौजतक या भौजतक-रासायजनक पृथककरण

    प्रदक्या के माध्यम से ऄयस्ट्क के मूल्यवान घटक साजन्द्रत दकए जाते हैं;

    (35) “मतं्रालय” से भारत सरकार का पयाावरण वन और जलवायु पररवतान मंत्रालय ऄजभप्रेत ह;ै

    (36) “अधजुनकीकरण” प्रदक्या या प्रौद्योजगकी में पररवतान या कच्ची सामग्री जमश्रण या ईत्पाद जमश्रण में पररवतान

    या मागाावरोध जनवारण या काया ददवसों की संख्या में वृजद्ध या जवद्यमान खान पट्टा क्षते्र जजनके जलए

    जवजनयामक प्राजधकरण द्वारा यथा-जस्ट्थजत पूवा इसी या पूवा इपी मंजूर दकए जात ेहैं में ईत्खनन की दर में

    वृजद्ध सजहत पररयोजना में सयतं्र और मिीनरी की ईपयोग क्षमता में वृजद्ध;

    (37) “ऄननपुालन” से पररयोजना के जलए पूवा पयाावरण ऄनापजि या पूवा पयाावरण ऄनुज्ञा में जवजनयामक

    प्राजधकरण द्वारा जवजहत जनबंधनों और ितों का ऄनुपालन ऄजभप्रेत ह;ै

  • 6 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(ii)]

    (38) “ऄजधसजूचत औद्योजगक सपंदा” से ऐसे औद्योजगक संपदा ऄजभप्रेत हैं जजनमें पाका ; प्रक्षेत्र; के्षत्र; जनयाात

    प्रसंस्ट्करण जोन (इपीजेड) जविेष अर्वथक जोन (सेज); जैव प्रौद्योजगकी पाका , चमड़ा प्रक्षेत्र तटीय अर्वथक

    जोन (सीइजेड); जविेष जवजनधान क्षेत्र (एसअइअर); राष्ट्रीय जवजनधान और जवजनमााण जोन

    (एनअइएमजेड); औद्योजगक कलस्ट्टर पेरोजलयम, रसायन और पेरो रसायन जवजनधान क्षेत्र

    (पीसीपीअइअर); भी ह ैजो केन्द्रीय सरकार या राज्य सरकार द्वारा संघ राज्य क्षेत्र प्रिासन द्वारा 14

    जसतम्बर, 2006 से पहले ऄजधसूजचत दकए गए हैं या जजन्होंने इअइएए ऄजधसूचना 2006 या आस

    ऄजधसूचना के ऄधीन यथा अददष्ट पूवा पयाावरण ऄनापजि प्राि कर ली ह;ै

    (39) “सरंजक्षत क्षते्र” से वन्यजीव (संरक्षण) ऄजधजनयम, 1972 (1972 का 53) और, समय-समय पर आसके

    पश्चातवती संिोधनों के ऄधीन यथा-ऄजधसूजचत क्षेत्र ऄजभप्रेत ह;ै

    (40) “पवूा पयाावरण ऄनापजि (जजसे आसमें आसके पश्चात पवूा-इसी कहा गया ह)ै से प्रवगा ‘क’ प्रवगा ‘ख1’ और प्रवगा

    ‘ख2’ पररयोजनाओं, जजन्हें ऄनसूुची में यथा-जवजनर्ददष्ट मूल्यांकन सजमजत के समक्ष रखा जाना ऄपेजक्षत ह,ै के

    जलए मलू्यांकन सजमजत की जसफाररिों पर जवजनयामक प्राजधकरण की ऄनापजि या सहमजत ऄजभप्रेत है;

    (41) “पवूा पयाावरण ऄनजु्ञा (जजसे आसमें आसके पश्चात पवूा-इपी कहा गया ह)ै” से प्रवगा ‘ख2’ की बाबत ऄनुसूची में

    ‘क’ सूचीबद्ध प्रस्ट्ताजवत पररयोजना जजसे ऄनुसूची में यथा-जवजनर्ददष्ट मूल्यांकन सजमजत के समक्ष नहीं रखा

    जाना ऄपेजक्षत ह,ै को कायााजन्वत करने के जलए जवजनयामक प्राजधकरण की ऄनजु्ञा या सहमजत ऄजभप्रेत ह;ै

    (42) “पवूा पयाावरण ऄनापजि िता” से ऐसी पररयोजना के जलए जवजनयामक प्राजधकरण द्वारा जवजहत िता ऄजभप्रेत

    ह ैजजनके जलए पूवा पयाावरण ऄनापजि या पूवा पयाावरण ऄनुज्ञा की वांछा की गइ है

    क. “जवजनर्ददष्ट ितों” से मलू्यांकन सजमजत द्वारा जवजहत मामला दर मामला अधार पर, यदद कोइ हो

    जवजनर्ददष्ट पररयोजना या ऄवस्ट्थान संबंधी िता ऄजभप्रेत ह ैऔर

    ख. “मानक ितों” से यथाजस्ट्थजत पवूा-इसी या पूवा-इपी प्रदान करते समय जनयत करने के जलए समय-

    समय पर मंत्रालय द्वारा जवजहत िता ऄजभप्रेत हैं| तथाजप, ऐसी ितें मूल्यांकन सजमजत द्वारा (पूवा

    इसी के मामल ेमें और जवजनयामक प्राजधकरण द्वारा (पूवा-इपी के मामल ेमें) मामला दर मामला

    अधार पर मूल्यांकन के दौरान सम्यक तत्परता पर ईपांतररत की जा सकें गी।

    (43) “पररयोजना” से पररयोजना या कोइ दक्याकलाप ऄजभप्रेत ह;ै

    (44) “पररयोजना ऄवजध” से पररयोजना की कालावजध ऄजभप्रेत ह ैजजसमें (i) संजनमााण या संस्ट्थापन या स्ट्थापन

    या प्रजतष्ठापन (ii) प्रचालन और (iii) व् यजतररक् तता या पररयोजना संपन् न होन े के बाद बन्द करना या

    जवखंजडत करना िाजमल ह;ै

    (45) “पररयोजना प्रस्ट्तावक” से ऐसा व्यजष्ट या लोक या प्राआवेट ऄजस्ट्तत्व या प्राआवेट ऄजस्ट्तत्व ऄजभप्रेत ह ैजो

    पररयोजना के कायाकलापों पर पूणा जनयंत्रण रखता ह ैऔर कंपनी के बोडा जनदेिक या ऐसे ऄजस्ट्तत्व या फमा

    या न् यास या सीजमत दाजयत्व या भागीदारी या संयुि ईद्यम या जविेष प्रयोजन माध् यम के सक्षम प्राजधकारी

    द्वारा केन्द्रीय सरकार या राज्य सरकार या स्ट्थानीय सरकार द्वारा पररयोजना के कायाकलापों का प्रबंध करन े

    के जलए समयिः प्राजधकृत ह ैया जनयुजि की गइ ह ैऔर आस ऄजधसूचना के प्रयोजन के जलए जवजनयामक

    प्राजधकारी के समक्ष पत्राचार करने तथा दस्ट्तावेजों को जनष्पाददत करने के जलए सम्यकतः प्राजधकृत या

    जनयुि गया ह;ै

    (46) “लोक परामिा” से ऐसी प्रदक्या ऄजभप्रते ह ैजजसके द्वारा ऐसे स्ट्थानीय प्रभाजवत व्यजियों और ऄन्य व्यजियों

    जजनका पररयोजना के पयाावरणीय संघात में युजियिु पण ह ैपररयोजना जडजाआन करत ेसमय ऐसे सभी

    ताजत्वक जचन्ताओं को समुजचत रूप से ध्यान में रखने की दजृष्ट से ऄजभजनश्चय दकए जात ेह;ै

    (47) “जवजनयामक प्राजधकरण” से मतं्रालय या राज्य स्ट्तरीय पयाावरण संघात जनधाारण प्राजधकरण या संघ राज्य

    क्षेत्र स्ट्तरीय पयाावरण संघात जनधाारण प्राजधकरण ऄजभप्रेत ह;ै

    (48) “ऄनसुचूी” से आस ऄजधसूचना से संलग्न ऄनुसूची ऄजभप्रेत ह;ै

  • [भाग II—खण् ड 3(ii)] भारत का राजपत्र : ऄसाधारण 7

    (49) “जवस्ट्तारण” से पूवा-इसी की वांछा करन ेवाली पररयोजना के जलए इअइएए ररपोटा को तैयार करन ेके जलए

    जवजनयामक प्राजधकरण द्वारा सौंपे गए कृत् य ऄवधारण करन ेकी प्रदक्या ऄजभप्रेत ह;ै

    (50) “गौण धात ुजवज्ञानी” से ईत्पादन प्रदक्या ऄजभप्रेत ह ैजो ऄयस्ट्क कटौती प्रदक्या, स्ट्कै्प, ईद्धरण और ईद्योग के

    जलए जवजनवेि के रूप में जिजलका के ईत्पादन के साथ अरंभ होती ह ैऔर आसके ईत्पाद ऄद्धा तैयार ईत्पाद

    या तैयार ईत्पाद होते हैं;

    (51) “ऄत्यन्त प्रदजूषत क्षते्र” से औद्योजगक कलस्ट्टर या क्षेत्र ऄजभप्रते हैं जजसकी पहचान समय-समय पर केन्द्रीय

    प्रदषूण जनयंत्रण बोडा द्वारा ऄत्यन्त प्रदजूषत क्षेत्र के रूप में होती है;

    (52) “राज्य स्ट्तरीय जविषेज्ञ मलू्याकंन सजमजत (जजसे आसमें आसके पश्चात ‘एसइएसी’ कहा गया ह)ै” से आस

    ऄजधसूचना के प्रयोजन राज्य स्ट्तर पर मंत्रालय द्वारा आसको जनर्ददष्ट पररयोजनाओं के पयाावरण मूल्यांकन के

    जलए और समुजचत जसफाररिें करने के जलए आस ऄजधसूचना के प्रयोजन के जलए गरठत जविषेज्ञों की सजमजत

    ऄजभप्रेत ह;ै

    (53) “राज्य प्रदषूण जनयतं्रण बोडा (जजसे आसमें आसके पश्चात ‘एसपीसीबी’ कहा गया ह)ै” जल (प्रदषूण जनवारण

    और जनयंत्रण) ऄजधजनयम 1974 (1974 का 6) के ऄधीन गरठत बोडा ह;ै

    (54) “राज्य स्ट्तरीय पयाावरण सघंात जनधाारण प्राजधकरण (जजसे आसमें आसके पश्चात ‘एसइअइएए’ कहा गया ह)ै”

    से पयाावरण (संरक्षण) ऄजधजनयम 1986 की धारा 3 की ईपधारा (3) के ऄधीन केन्द्रीय सरकार द्वारा

    गरठत प्राजधकरण ऄजभप्रेत ह;ै

    (55) “ऄध्ययन क्षते्र” से यथा जस्ट्थजत प्रवगा ‘क’ के ऄन्तगात अने वाली पररयोजना की सीमा के आदा-जगदा 10 दक.मी.

    या प्रवगा ‘ख’ के ऄन्तगात अन ेवाली पररयोजना की सीमा के आदा-जगदा 5 दक.मी. की अकािीय दरूी के भीतर

    जनकट असपास का क्षेत्र ऄजभप्रते ह;ै

    (56) “सौंप ेगए कृत् य” (जजसे आसमें आसके पश्चात ‘टीओअर’ कहा गया ह)ै” से ‘इअइएए’ ररपोटा तैयार करन ेके

    प्रयोजन के जलए पररयोजना हते ुजवजनयामक प्राजधकरण द्वारा जवजहत जवस्ट्तृत कायाक्षेत्र ऄजभप्रेत है;

    क. “जनर्ददष् ट सौंप ेगए कृत् य” से इअइएए ररपोटा के तैयार दकए जाने के जलए अवश्यक समझ ेगए,

    मूल्यांकन सजमजत द्वारा जवजहत जवजनर्ददष्ट पररयोजना या ऄवस्ट्थान जवजनर्ददष्ट सौंपे गए कृत् य

    ऄजभप्रेत ह;ै और

    ख. “मानक सौंप ेगए कृत् य” से ऄनुसूची में सूचीबद्ध पररयोजनाओं की बाबत इअइएए ररपोटा के तैयार

    दकए जाने के जलए समय-समय पर मंत्रालय द्वारा जारी मानक सौंपे गए कृत् य ऄजभप्रेत ह;ै

    (57) “सघं राज्य क्षते्र स्ट्तर की जविषेज्ञ मलू्याकंन सजमजत (जजसे आसमें आसके पश्चात ‘यूटीइएसी’ कहा गया ह)ै” से

    आसे जनर्ददष्ट पररयोजनाओं के पयाावरणीय मूल्यांकन के जलए और समुजचत जसफाररिें करने के जलए मंत्रालय

    द्वारा संघ राज्य क्षेत्र स्ट्तर पर आस ऄजधसूजचना के प्रयोजन के जलए गरठत जविेषज्ञों की सजमजत ऄजभप्रेत है;

    (58) “सघं राज्य क्षते्र स्ट्तर की पयाावरण सघंात जनधाारण प्राजधकरण (जजसे आसमें आसके पश्चात ‘यूटीइअइएए’ कहा

    गया ह)ै” से पयाावरण (संरक्षण) ऄजधजनयम, 1986 की धारा 3 की ईपधारा (3) के ऄधीन मंत्रालय द्वारा

    गरठत प्राजधकरण ऄजभप्रेत ह;ै

    (59) “सघं राज्य क्षते्र प्रदषूण जनयतं्रण सजमजत (जजसे आसमें आसके पश्चात ‘यूटीपीसीसी’ कहा गया ह)ै” से जल

    प्रदषूण जनवारण और जनयंत्रण ऄजधजनयम 1974 के ऄधीन गरठत सजमजत ऄजभप्रेत ह;ै और

    (60) “ईल् लघंन” से ऐसे मामल ेऄजभप्रेत ह ैजजनमें पररयोजनाओं ने यथा जस्ट्थजत पूवा-इसी या पूवा-इपी ऄजभप्राि

    दकए जबना पूवा-इसी में जवजनर्ददष्ट सीमा से परे स्ट्थल पर या तो संजनमााण काया या संस्ट्थापन या ईत्खनन जो

    भी पहले हो, अरंभ कर ददया ह ैया ईत्पादन और/या पररयोजन, क्षेत्र का जवस्ट्तार दकया ह।ै

    4. पवूा पयाावरणीय ऄनापजि या पवूा पयाावरणीय ऄनजु्ञा की ऄपके्षा :

    (1) प्रवगा ‘क’ प्रवगा ‘ख1’ और ‘ख2’ के ऄधीन ऄनुसूची में सूचीबद्ध पररयोजनाओं या दक्याकलापों का जवस्ट्तार

    या अधुजनकीकरण सजहत नइ पररयोजनाएं या दक्याकलापों में जजन् हें ऄनुसूची में यथा जवजनर्ददष्ट मूल्यांकन

  • 8 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(ii)]

    सजमजत के समक्ष रखा जाना ऄपेजक्षत ह,ै स्ट्थल पर दकसी संजनमााण काया या संस्ट्थापना या स्ट्थापना या

    ईत्खनन, जो भी पहल ेहो, के प्रारंभ से पूवा, या पूवा में स्ट्वीकृत, यथाजस्ट्थजत, पूवा इसी या पूवा इसी में जवजनर्ददष्ट

    सीमा से परे ईत्पादन और / या पररयोजना क्षेत्र जवस्ट्तार करन ेसे पूवा संबंजधत जवजनयामक प्राजधकारी से पूवा

    पयाावरण ऄनापजि ऄपेजक्षत होगी।

    (2) ख2 प्रवगा के ऄधीन ऄनुसूची में सूचीबद्ध पररयोजना या दक्याकलापों के जवस्ट्तार या अधुजनकीकरण सजहत

    नइ पररयोजनाओं या दक्याकलापों में जजन्हें ऄनुसूची में यथा जवजनर्ददष्ट मलू्यांकन सजमजत के समक्ष रखा

    जाना ऄपेजक्षत ह,ै स्ट्थल पर दकसी संजनमााण काया या संस्ट् थापन या स्ट्थापना या ईत्खनन, जो भी पहल ेहो, के

    अरंभ से पूवा, या पूवा में स्ट्वीकृत, यथाजस्ट्थजत पूवा-इसी या पूवा इपी में जवजनर्ददष्ट सीमा से परे ईत्पादन और /

    या पररयोजना क्षेत्र का जवस्ट्तार करन े से पूवा संबंजधत जवजनयामक प्राजधकरण से पूवा पयाावरण ऄनुज्ञा

    ऄपेजक्षत होगी।

    (3) तथाजप, यह स्ट्पष्ट दकया जाता ह ै दक आस ऄजधसूचना में प्रयोजन के जलए ‘संजनमााण काया’ में बाड़ लगाकर

    भूजम सुरजक्षत करना या घेरा दीवार, सुरक्षा गारद(दों) के जलए ऄस्ट्थायी िडे, दकसी वृक्ष की कटाइ दकए

    जबना भूजम समतल दकया जाना, भूजम के जलए ऄपेजक्षत भू-तकनीकी ऄन्वेषण, यदद कोइ हो, सजम्मजलत नहीं

    ह।ै

    5. पररयोजनाओं और दक्याकलापों का प्रवगीकरण :-

    (1) ऄनुसूची म े सूचीबद्ध सभी पररयोजनाएं तीन प्रवगो ऄथाात प्रवगा ‘क’, प्रवगा ‘ख1’ और प्रवगा ‘ख2’ में

    जवभाजजत ह ै जो संभाव्य सामाजजक और पयाावरणीय संघात तथा आन संघातों के स्ट्थाजनक जवस्ट्तार पर

    अधाररत ह।ै

    (2) ऄनुसूची मे प्रवगा ‘क’ के ऄधीन सभी पररयोजनाओं में, जजनमें जवद्यमान पररयोजनाओं का जवस्ट्तार तथा

    अधुजनकीकरण भी िाजमल ह,ै मंत्रालय से पूवा इसी ऄपेजक्षत होगा।

    3. ऄनुसूची मे प्रवगा ‘ख1’ के ऄधीन सभी पररयोजनाओं में, जजनमें जवद्यमान पररयोजनाओं का जवस्ट्तार तथा

    अधुजनकीकरण भी िाजमल ह,ै दकन्तु आनके ऄन्तगात वे पररयोजनाएं नही ह ैजो आस ऄजधसूचना के खंड 3 के

    ईपखंड (30) के ऄधीन पररभाजषत साधारण ितों को परूा करती ह,ै यथाजस्ट्थजत, एसइअइएए या

    यूटीइअइएए से पूवा इसी ऄपेजक्षत होगा।

    (4) ऄनुसूची में प्रवगा ‘ख1’ के ऄधीन सभी पररयोजनाओं में, जजनमें जवद्यमान पररयोजनाओं का जवस्ट्तार और

    अधुजनकीकरण भी िाजमल हैं, और जो आस ऄजधसूचना के खंड (30) के ऄधीन पररभाजषत साधारण ितो

    को पूरा करती हैं, पररयोजना के प्रवगा में कोइ पररवतान दकए जबना मंत्रालय से पूवा – इसी ऄपजेक्षत होगा।

    (5) प्रवगा ‘ख2’ के ऄधीन सभी पररयोजनाओं में, जजन्हें ऄनुसूची में यथाजवजनर्ददष्ट मलू्यांकन सजमजत के समक्ष

    रखा जाना ऄपेजक्षत ह,ै यथाजस्ट्थजत एसइअइएए या यूटीइअइएए से पूवा इसी ऄपेजक्षत होगा।

    (6) प्रवगा ‘ख2’ के ऄधीन सभी ऄन्य पररयोजनाओं (ईपरोि ईपखंड (5) के ऄधीन जवजनर्ददष्ट पररयोजनाओं से

    जभन्न पररयोजनाएं) में, यथाजस्ट्थजत, एसइअइएए या यूटीइअइएए से पूवा इपी ऄपेजक्षत होगा। य े

    पररयोजनाएं मूल्यांकन सजमजत के समक्ष रखी जाएगंी।

    (7) केन्द्रीय सरकार द्वारा यथा-ऄवधाररत राष्ट्रीय रक्षा और सुरक्षा से संबंध रखन ेवाली या ऄन्य रणनीजतक

    महत्वों को ऄन्तवाजलत करने वाली पररयोजनाओं में, पररयोजना के प्रवगा में दकसी पररवतान के जबना

    मंत्रालय से, यथाजस्ट्थजत, पूवा इसी या पूवा इपी ऄपेजक्षत होगा। आसके ऄजतररि, ऐसी पररयोजनाओं से

    संबंजधत कोइ जानकारी सावाजजनक ऄजधकार क्षेत्र में नहीं रखी जाएगी।

    6. जविेषज्ञ मूल्यांकन सजमजत (इएसी)

    (1) इएसी जनम्नजलजखत पात्रता मानदंडों को परूा करने वाल ेजविेषज्ञों से ही जमलकर बनगेी :-

    (क) ऄहाता: व्यजि के पास दकसी मान्यता प्राि जवश् वजवद्यालय से जवज्ञान या वाजणज्य या कला या

    जवजध या कारोबार प्रिासन या कृजष या ईद्यान कृजष या ऄथािास्त्र में स्नातकोिर जडग्री या

  • [भाग II—खण् ड 3(ii)] भारत का राजपत्र : ऄसाधारण 9

    प्रौजधजगकी या आंजीजनयरी या वास्ट्तुजवद में स्नातक जडग्री या वृजतक प्रमाणन (सी.ए., सी.एस. और

    सी.एम.ए.) होनी चाजहए।

    (ख) अय:ु मूल्याकंन सजमजत के जलए नाम जनदेिन की तारीख को 70 वषा से कम अय ुका हो।

    (ग) ऄनभुव: नीचे ददए सुसंगत क्षेत्रों में 15 वषा का ऄनुभव रखता हो।

    (i) पयाावरण गणुवत् ता : पयाावरण गुणवत् ता से संबंजधत डाटा के मापन, मानीटरी, जवश्लेषण

    और जनवाचन में जविेषज्ञ);

    (ii) सके्टरीय पररयोजना प्रबधंन : सेक्टरों ऄथाात खनन, प्राकृजतक संसाधनों का

    जनष्कषाण, ससचाइ, जवधुत ईत्पादन, परमाणु ईजाा, प्राथजमक प्रसंस्ट्करण, सामग्री ईत्पादन,

    सामग्री प्रसंस्ट्करण जवजनमााण, फेब्रीकेिन, भौजतक ऄवंसरचना जजसमें पयाावरण सेवाएं भी

    हैं, में पररयोजना प्रबंध या प्रसंस्ट्करण या संदक्याओं या सुजवधाओं के प्रबंध म ेजविेषज्ञ;

    (iii) पयाावरण सघंात जनधाारण प्रदक्या: इअइए को संचाजलत करन ेतथा दक्याजन्वत करन ेऔर

    इएमपी तैयार करने और ऄन्य प्रबंध योजनाओं में जविेषज्ञ तथा जो इअइए प्रदक्या में

    प्रयुि भजवष्य सूचक तकनीकों और यन्त्रों की जविेषज्ञता तथा जानकारी रखत ेहैं;

    (iv) जोजखम जनधाारण या व्यावसाजयक स्ट्वस्ट््य;

    (v) जीव जवज्ञान (वनस्ट्पजत और जीव जन्तु संबंधी प्रबंधन) या वाजनकी या वन्य जीव या

    समुद्रीय जवज्ञान;

    (vi) पयाावरण ऄथािास्त्र जजसके साथ पररयोजना मूल्यांकन का ऄनभुव रखता हो;

    (vii) प्रदषूण जनवारण या न्यूनीकरण या पयाावरणीय जवज्ञान;

    (viii) लोक प्रिासन या प्रबंध जजसके ऄन्तगात जवजभन्न जवकासात्मक सेक्टर और पयाावरण

    जवषय भी हैं;

    (ix) पयाावरण जवजध, और

    (x) सामाजजक संघात जनधाारण या पुनवाास और पुनस्ट् थाापन

    (2) इएसी की पदावजध तीन वषा से ऄजधक नहीं होगी।

    (3) इएसी की संख्या पन्द्रह जनयजमत सदस्ट्यों जजनमें ऄध्यक्ष और सजचव भी हैं, से ऄजधक नहीं होगी। तथाजप,

    ऄध्यक्ष सजमजत की जवजिष्ट बैठक के जलए सुसंगत क्षेत्र में सदस्ट्य (यों) के रूप में जविेषज्ञ (ज्ञों) को सहयोजजत

    कर सकेगा।

    (4) ऄध्यक्ष या सभापजत ऐसा प्रजतजष्ठत व्यजि होगा जो पयाावरण नीजत संबंधी जवषयों में, प्रबंधन में या जवजभन्न

    जवकासात्मक सेक्टरों से संबंजधत लोक प्रिासन में ऄनुभव रखता हो।

    (5) ऄध्यक्ष या सभापजत सदस्ट्यों में से दकसी एक सदस्ट्य को ईपाध्यक्ष या ईप सभापजत नाम जनदेजित करेगा जो

    ऄध्यक्ष या सभापजत की ऄनुपजस्ट्थजत में इएसी की ऄध्यक्षता करेगा।

    (6) सदस्ट्य जजसमें ऄध्यक्ष या सभापजत भी है, की ऄजधकतम पदावजध मूल्यांकन सजमजत या प्राजधकरण में से

    दकसी एक सजमजत या प्राजधकरण में तीन वषा या ईसके भाग की दो पदावजधयों के जलए होगा; ऄध्यक्ष या

    सभापजत और सदस्ट्य आस ऄजधसूचना के ऄधीन गरठत एक से ऄजधक प्राजधकरण या सजमजत में साथ-साथ

    काया नहीं करेंगे।

    (7) ऄध्यक्ष या सभापजत और सदस्ट्यों के कायाकाल को कायाकाल की समाजि से पूवा कारण के जबना और मंत्रालय

    द्वारा संचाजलत ईजचत जांच के जबना मनमाने ढंग से कम नही दकया जा सकेगा।

    (8) एक से ऄजधक जविेषज्ञ मलू्यांकन सजमजतयों का जैसा मंत्रालय द्वारा ठीक समझा जाए, गठन दकया सकेगा।

    (9) संबंजधत इएसी के प्रजधकृत सदस्ट्य ऐसी पररयोजना से संबंजधत दकसी स्ट्थल का जनरीक्षण कर सकें गे जजसके

    संबंध में जवस्ट् तारण या मलू् यांकन के प्रयोजनाथा पूवा पयाावरणी ऄनापजि मांगी गइ हो और पररयोजना

  • 10 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(ii)]

    प्रस्ट्तावक को कम से कम सात ददन की पूवा सूचना दी गइ हो, जो जनरीक्षण के जलए अवश्यक सहयोग की

    व्यवस्ट्था करेगा।

    (10) इएसी सामूजहक ईिरदायी के जसद्धान्त पर काया करेगी। ऄध्यक्ष प्रत्येक मामले में सवासम्मजत बनाने का

    भरसक प्रयास करेगा और यदद सवासम्मजत नहीं बन पाती ह ैतो बहुमत का ऄजभमत ऄजभभावी होगा। परन्त ु

    यदद जवजनश्चय बहुमत द्वारा दकया जाता ह,ै पक्ष और जवपक्ष में, ऄजभमतों के ब्यौरें कायावृत में ऄजभजलजखत

    दकए जाएंगे

    (11) जनदेिक या वैज्ञाजनक ‘इ’ या समतुल्य की पंजि से ऄन्यून पंजि का मंत्रालय का प्रजतजनजध सजमजत के सदस्ट्य-

    सजचव के रूप में काया करेगा।

    (12) इएसी प्रत्येक मास में कम से कम एक बार बैठक करेगी।

    (13) मंत्रालय, समय समय पर इएसी के गठन के जलए ऄनुसरण की जाने वाली प्रदक्या जारी करेगा।

    7. राज्य स्ट्तरीय पयाावरण सघंात जनधाारण प्राजधकरण या सघं राज्य क्षते्र स्ट्तरीय पयाावरण सघंात जनधाारण

    प्राजधकरण

    (1) एसइअइएए या यूटीइअइएए तीन सदस्ट्यों से जमलकर बनगेा जजसमें ऄध्यक्ष या सभापजत और सदस्ट्य

    सजचव होंगे। सदस्ट्य सजचव संबंजधत राज्य सरकार या संघ राज्य प्रिासन का ऐसा सेवारत ऄजधकारी होगा

    जो राज्य सरकार या संघ राज्य क्षेत्र में जनदेिक या समतलु्य पंजि से ऄन्यून पंजि का नहीं होगा। सदस्ट्य

    सजचव से प्रत्यािा की जाती ह ैदक वह पयाावरण जवजधयों से सुपररजचत हो।

    (2) एसइअइएए या यूटीइअइएए का कायाकाल तीन वषों के जलए होगा। तथाजप, और जब कभी अवश्यक और

    समीचीन समझे, मंत्रालय जवद्यमान प्राजधकरण के कायाकाल को तीन मास से ऄनजधक की ऄवजध के जलए

    बढ़ा सकेगा।

    (3) ऄध्यक्ष या सभापजत ऐसा प्रजतजष्ठत व्यजि होगा जो पयाावरण नीजत संबद्ध जवषयों में, प्रबंध में, जवजभन्न

    जवकासात्मक सेक्टरों से संबंजधत लोक प्रिासन में ऄनुभव रखता हो। ऄहाता; अयु और ऄनुभव आस

    ऄजधसूचना के खंड 6 के ईपखंड (1) में ददए गए मानदंड के ऄनुसार होगा।

    (4) गैर सरकारी सदस्ट्य जजसमें ऄध्यक्ष या सभापजत भी ह,ै का ऄजधकतम कायाकाल मलू्याकंन सजमजत या

    प्राजधकरण में दकसी एक सजमजत या प्राजधकरण में तीन वषा या ईसके भाग की दो पदावजधयों के जलए होगा,

    ऄध्यक्ष या सभापजत और सदस्ट्य आस सूचना के ऄधीन एक से ऄजधक गरठत प्राजधकरण या सजमजत में साथ-

    साथ काया नहीं करेगा।

    (5) ऄध्यक्ष या सभापजत और सदस्ट्यों के कायाकाल को कायाकाल की समाजि से पूवा कारण के जबना और संबंजधत

    राज्य या संघ राज्य क्षेत्र द्वारा संचाजलत ईजचत जांच के जबना मनमाने ढंग से कम नहीं दकया जा सकेगा।

    (6) राज्य सरकार या संघ राज्य क्षते्र प्रिासन सदस्ट्यों और ऄध्यक्ष के नाम जवद्यमान प्राजधकरण के कायाकाल की

    समाजि से कम से कम पैंतालीस ददन पूवा मंत्रालय को भेजेगा और मंत्रालय जवद्यमान प्राजधकरण के कायाकाल

    की समाजि से पहल ेआस ऄजधसूचना के प्रयोजनों के जलए एसइअइएए या यूटीइअइएए का एक प्राजधकरण

    के रूप में गठन करेगा।

    (7) यदद राज्य सरकार या संघ राज्य क्षेत्र प्रिासन जवद्यमान प्राजधकरण के कायाकाल की समाजि से पूवा

    पैंतालीस ददन पहले मंत्रालय को सदस्ट्यों तथा ऄध्यक्ष के नाम भेजने में ऄसफल रहता है, तो मंत्रालय, आस

    ऄजधसूचना के प्रयोजनों के जलए एसइअइएए या यूटीइअइएए का राज्य सरकार या संघ राज्य क्षेत्र प्रिासन

    को जनर्ददष्ट दकए जबना, एक प्राजधकरण के रूप में गठन करेगा।

    (8) एसइअइएए या यूटीइअइएए के सभी जवजनश्चय बैठक में दकए जाएंगे और सामान्य रूप से सवासम्मत होंगे।

    परन्त ुयदद जवजनश्चय बहुमत द्वारा दकया जाता ह,ै पक्ष और जवपक्ष में ऄजभमतों के ब्यौरे कायावृत में स्ट्पष्ट रूप

    से ऄजभजलजखत दकए जाएगंे और ईसकी एक प्रजत मंत्रालय को भेजी जाएगी।

    (9) एसइअइएए या यूटीइअइएए प्रत्येक मास में कम से कम एक बार बैठक करेगा।

  • [भाग II—खण् ड 3(ii)] भारत का राजपत्र : ऄसाधारण 11

    8. राज्य या सघं राज्य क्षते्र या जजला स्ट्तरीय जविषेज्ञ मलू्याकंन सजमजत

    (1) एसइएसी या यूटीइएसी या डीइएसी के ऄध्यक्ष या सभापजत या सदस्ट्यों की ऄहाता, अयु और ऄनुभव आस

    ऄजधसूचना के खंड 6 के ईपखंड (1) में ददए गए मानदंड के ऄनुसार होगी।

    (2) एसइएसी या यूटीइएसी या डीइएसी के ऄन्य मानदडं और कृत्य आस ऄजधसूचना के खंड 6 के ईपखंड (2) से

    ईपखंई (10) तक में ददए गए मानदंड के ऄनुसार होंगे।

    (3) राज्य सरकार या संघ राज्य क्षते्र प्रिासन का एक प्रजतजनजध, जो राज्य सरकार या संघ राज्य क्षेत्र में जनदेिक

    या समतुल्य पंजि से ऄन्यनू पंजि का न हो, एसइएसी या यूटीइएसी के मामले में, सजमजत के सजचव के रूप

    में काया करेगा।

    (4) राज्य प्रदषूण जनयतं्रण बोडा या संघ राज्य क्षेत्र प्रदषूण जनयतं्रण सजमजत का कोइ ऄजधकारी डीइएसी के

    सजचव के रूप में काया करेगा।

    (5) डीइएसी का पुनगाठन जजला प्रिासन या राज्य सरकार या संघ राज्य क्षेत्र प्रिासन द्वारा भेजे गए नामों के

    अधार पर एसइअइएए या यूटीइअइएए द्वारा प्रत्येक तीन वषा के पश्चात दकया जाएगा।

    (6) एसइएसी या यूटीइएसी का पनुगठान केन्द्रीय सरकार द्वारा राजपत्र ऄजधसूचना के माध्यम से प्रत्येक तीन

    वषा के पश्चात दकया जाएगा। जब कभी अवश्यक और समीचीन समझा जाए, मंत्रालय तीन मास से ऄजधक

    की ऄवजध के जलए जवद्यमान सजमजत के कायाकाल को बढ़ा सकेगा।

    (7) राज्य सरकार या संघ राज्य क्षते्र प्रिासन, जवद्यमान एसइएसी या यूटीइएसी के कायाकाल के समाजि से कम

    से कम 45 ददन पहले सदस्ट्यों एवं ऄध्यक्ष के नाम मंत्रालय को भेजेगा और मंत्रालय, जवद्यमान सजमजत के

    कायाकाल की समाजि से पूवा आस ऄजधसूचना के प्रयोजनो के जलए एसइएसी या यूटीइएसी का गठन करेगा।

    (8) यदद राज्य सरकार या संघ राज्य क्षेत्र प्रिासन, जवद्यमान एसइएसी या यूटीइएसी के कायाकाल के समाजि से

    कम से कम 45 ददन पूवा सदस्ट्यों एवं ऄध्यक्ष के नाम मंत्रालय को नहीं भेजता ह ैतो मंत्रालय, राज्य सरकार

    या संघ राज्य क्षेत्र प्रिासन को जनर्ददष्ट दकए जबना, आस ऄजधसूचना के प्रयोजनों के जलए मलू्यांकन सजमजत के

    रूप में एसइएसी या यूटीइएसी का गठन करेगा।

    (9) यदद जजला प्रिासन या राज्य सरकार या संघ राज्य क्षेत्र प्रिासन, जवद्यमान डीइएसी के कायाकाल के समाजि

    से 45 ददन पूवा डीइएसी के सदस्ट्यों और ऄध्यक्ष के नाम यथाजस्ट्थजत एसइअइएए या यूटीइअइएए को नहीं

    भेजता ह ैतो यथाजस्ट्थजत, एसइअइएए या यूटीइअइएए, जजला प्रिासन या राज्य सरकार या संघ राज्य क्षेत्र

    प्रिासन को जनर्ददष्ट दकए जबना, आस ऄजधसूचना के प्रयोजनों के जलए मूल्यांकन सजमजत के रूप में डीइएसी

    का गठन करेगा।

    (10) आसके ऄजतररि, यदद यथाजस्ट्थजत, संबंजधत एसइअइएए या यटूीइअइएए, समय -समय पर मंत्रालय द्वारा

    ऄजधसूजचत समयावजध के भीतर डीइएसी का गठन करने में ऄसफल रहता ह ैतो मंत्रालय ऐसे सदस्ट्यों से

    जमलकर बनी सुसंगत डीएएसी जो वह ठीक समझ ेका गठन ईतनी ऄवजध (कम से कम छह मास) के जलए

    करेगा। जब तक यथाजस्ट्थजत, संबंजधत एसइअइएए या यूटीइअइएए संबंजधत एसइइसी का गठन नहीं कर

    देता ह।ै

    (11) मंत्रालय, प्रिासजनक सुजवधा के कारणों और प्रस्ट्तावों के िीघ्र जनपटान के जलए राज्य या संघ राज्य क्षेत्र के

    जलए एक से ऄजधक एसइएसी या यूटीआएसी का गठन कर सकेगा।

    (12) एसइएसी या यूटीइएसी प्रत्येक मास में कम से कम एक बार बैठक करेगी।

    9. तकनीकी जविषेज्ञ सजमजत :-

    (1) तकनीकी जविेषज्ञ सजमजत, पयाावरण (संरक्षण) ऄजधजनयम, 1986 की धारा 3 की ईपधारा (3) के ऄधीन

    केन्द्रीय सरकार द्वारा गरठत की जाएगी जो ऄजधकतम 10 सदस्ट्यों, जजनमें ऄध्यक्ष सभापजत और सदस्ट्य

    सजचव भी ह,ै से जमलकर बनगेी।

  • 12 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(ii)]

    (2) तकनीकी जविेषज्ञ सजमजत वैज्ञाजनक जसद्धान्तों पर पररयोजना का प्रवगीकरण या पुनःप्रवगीकरण, जजसमें

    प्रदक्याओं का सरलीकरण, समय-समय पर मंत्रालय द्वारा आस ऄजधसूचना के प्रयोजनों सजमजत को

    समनुदेजित ऄन्य काया भी हैं, अरंभ करेगी।

    (3) सजमजत का कायाकाल पांच वषा का होगा।

    (4) तकनीकी जविेषज्ञ सजमजत के प्राजधकृत सदस्ट्य, मंत्रालय द्वारा पररयोजना प्रस्ट


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