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ISWK SHARING KNOWLEDGE - iswkoman.com पिली स्त्री –नि...

Date post: 29-Oct-2020
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ISWK SHARING KNOWLEDGE Class IX Subject- Hindi Second Language Topic- ©ISWK संवाद लेखन {Dialogue Writing} By- आचाय स शील शाय
Transcript
  • ISWK SHARING KNOWLEDGE

    Class IX

    Subject- Hindi Second Language

    Topic-

    ©ISWK

    संवाद लेखन {Dialogue Writing}

    By- आचार्य सशुील शर्ाय

  • संवाद लेखन

    --------ववषय – एक दृष्टि में------

    ववषयवस्तु - 2सवंादों की सिीकता - 2भाषा - 1कुल अंक = 5

  • संवाद लेखनसाहित्य की अन्य ववधाओं की तरि सवंाद लेखन एक मित्त्वपूर्ण ववधा िै l साहित्य की लगभग सभी ववधाओं में सवंाद की उपयोगगता िोती िै l

    वि किानी िो या उपन्यास, इनकी ववषय-वस्तु का आधार प्राय: सवंाद िी िोते िैं l सवंाद दो या दो से अगधक व्यष्ततयों के मध्य की गई बातचीत या वाताणलाप िैं l

    सवंाद लेखन एक कला िै, ष्िसमें ननरंतर अभ्यास से ननपुर्ता प्राप्त की िा सकती िै l नािक और एकांकी सवंादों से िी बनते िैं l

  • ❖संवादों की भाषा अत्यंत सरल, सुबोध, सुग्राह्य और स्वाभाववक िोनी चाहिए l

    ❖ववषय से सम्बंगधत सरस और रोचक संवाद आकषणक िोते िैं l

    ❖संवादों में आत्मीयता लाने के ललए उगचत संबोधनों का प्रयोग ककया िाना चाहिए l

    ❖पात्रों के ववचार, िाव–भाव तथा ववलभन्न मुद्राओं आहद को कोटठक में ललखना चाहिए l

  • ❑संवादों का अनावश्यक ववस्तार तथा औपचाररकता अपेक्षित निीं िै l

    ❑संवाद लेखन में उगचत ववराम-गचह्नों का प्रयोग अननवायण िै l

    ❑कथावस्तु की आधार-भूलम तथा पात्रों की पटृठभूलम, उनकी लििा और स्वभाव को ध्यान में रखते िुए संवाद लेखन ककया िाना चाहिए l

    ❑किाननयों तथा प्रसंगों को संवाद में बदला िा सकता िै l

  • संवाद लेखन

    के कुछ उिािरर्

  • यात्री और बस चालक के बीच िुआ संवाद

    यात्री – भाई l बस ककतने बिे चलेगी ?

    चालक – साढ़े पााँच बिे l

    यात्री – लेककन साढ़े पााँच तो बि गए िैं, किर देरी तयों ?

    चालक – बस चलने वाली िै l

    यात्री – आिकल बसों के चलने का कोई समय निीं िै l ये आपकी इच्छा से चलती िैं l

    चालक – आप बबना विि िी मझुसे बिस कर रिे िैं l िमारी बसों का समय िै और िम उसी के अनुसार चलते िैं l

  • पुरुषों तथा ष्स्त्रयों के बीच िल संकि से सम्बंगधत संवाद पिला पुरुष – ( लसर हिला कर ) पानी अभी तक निीं आया | तया िोगा प्रभु ! पिली स्त्री – रािा के आदमी किते िैं कक पीने का पानी ख़त्म िोने को िै |

    दसूरा पुरुष – और खेती को सींचने वाली निरें भी तो सूख गई िैं | दसूरी स्त्री – ताल िी सूख गया तो निरें कैसे चलेंगी ? पिला पुरुष – निरें निीं चलेंगी तो खेत सूख िाएाँगे |

    दसूरा पुरुष – ताल िैं तो निरें िैं | पिली स्त्री – निरें िैं तो खेत िैं | खेत िैं तो अन्न िै |पिला पुरुष – ताल िै तो बबिली िै | बबिली िै तो कारखाने िैं |दसूरा पुरुष – न खेत, न कारखाने |

    दसूरी स्त्री – न पानी, न बबिली |पिली स्त्री – इसका मतलब भूख- प्यास |पिला पुरुष – इसका मतलब मौत |

    (सब एक – दसूरे को देखते िैं, किर एक साथ बोलते िैं |)सब – तालाबों के सूखने का मतलब िै मौत िम सबको खा िाएगी | िम सब मर िायेंगे |

  • रे्घा और ननशा सहपाठी हैं l अनंिर् परीक्षा के ददन दोनों वािाय कर रही हैं l

    मेघा – ननिा ! कैसी िो ? तुम्िारे पेपर कैसे िुए ? ननिा – यि तो पररर्ाम िी बताएगा l मेघा – मैं तुमसे पररर्ाम निीं, मैं तो यि पूछ रिी िूाँ कक पेपर कैसे िुए ? ननिा – गणर्त तो अच्छा िुआ पर ववज्ञान में भौनतकी का एक प्रश्न छूि गया l

    और तुम्िारे कैसे िुए ?मेघा – मेरे तो अच्छे िुए िैं l गणर्त और ववज्ञान में तो मैं पूरी तरि संतुटि िूाँ l

    परन्तु इनके पररर्ाम का मुझे भरोसा निीं रिता l ननिा – िााँ, सिी कि रिी िो l कभी – कभी पररर्ाम एकदम ववपरीत आते िैं l

    िायद इसी का नाम परीिा रख छोड़ा िै l मेघा – िायद ! अच्छा चलती िूाँ lननिा – िााँ, चलो, किर लमलेंगे l

  • दरूदशयन के कार्यक्रर्ों की गणुवत्ता पर पपिा-पुत्री का संवाद l

    वपता – आिकल दरूदिणन पर कायणक्रमों की िोड़ में अच्छे – बुरे का ध्यान निीं रि गया िै l पुत्री - िााँ वपतािी ! ऐसा िी िै, पर कुछ अच्छे भी िैं l वपता – िो सकता िै l पुत्री - वपतािी ! कुछ कायणक्रम ज्ञानवध्दणक भी आते िैं पर किल्मी कायणकमक की तो

    बाढ़–सी आ गई िै l वपता – इन किल्मी कायणकमक के कारर् िी लाखों-करोड़ों ववद्यागथणयों को िानन िो रिी िै l पुत्री - यि तो सच िै l वपता – मेरे ववचार से ऐसे कायणक्रम बनने चाहिए ष्िनसे ववद्यागथणयों का भला िो l पुत्री - िााँ वपतािी अगर ऐसे कायणक्रम बने तो ननष्श्चत िी ववद्यागथणयों का भला िोगा l

  • आयुि और भावेि नवीं किा में पढ़ते िैं माचण की परीिाएाँ चल रिी िैं l इधर भारत–पाक कक्रकेि िृंखला का अनंतम मचै िै l दोनों मचै देखना चािते िैं, परंतु पढ़ाई के दबाव से भी डरते िैं l उनमें िुई वाताण की कल्पना कीष्िए और ललणखए l आयुि- भावेि ! आि िृंखला का अंनतम मैच िै l देखेगा ? भावेि- और छोडूाँगा तया ? अवश्य देखूाँगा l आयुि- यार िीमें तो दोनों धुआाँधार िैं l मज़ा आएगा l भावेि- िााँ ! आिकल तो ववराि भी पूरी िामण में िै और अष्श्वन भी l

    उसकी किरकी एक बार चल िाए तो पााँच-छ: णखलाड़ी गए समझो l आयुि- वैसे, भारत की िीम इस बार कािी संतुललत और मिबूत िै l भावेि- िााँ यार, भारतीय िीम का िवाब निीं l आयुि- इस बार िमारी िीतने की सम्भावना बिुत प्रबल िै l भावेि- िााँ, सो तो िै, अच्छा चलता िूाँ, किर लमलते िैं l

    {दोनों िाते िैं}


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