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jftLVªh lö Mhö ,yö&33004@99 - NCGTC · 2020. 4. 17. · 1868 GI/2016 (1) jftLVªh lö Mhö...

Date post: 03-Oct-2020
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22
1868 GI/2016 (1) jftLVªh la ö Mhö ,yö&33004@99 REGD. NO. D. L.-33004/99 vlk/kj.k EXTRAORDINARY Hkkx II—[k.M 3mi&[k.M (ii) PART II—Section 3—Sub-section (ii) izkf/dkj ls izdkf'kr PUBLISHED BY AUTHORITY la- 932] ubZ fnYyh] ea xyokj] vçS y 19] 2016@pS=k 30] 1938 No. 932] NEW DELHI, TUESDAY, APRIL 19, 2016/CHAITRA 30 , 1938 . n~ 1.
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  • 1868 GI/2016 (1)

    jftLVªh laö Mhö ,yö&33004@99 REGD. NO. D. L.-33004/99

    vlk/kj.k EXTRAORDINARY

    Hkkx II—[k.M 3—mi&[k.M (ii) PART II—Section 3—Sub-section (ii)

    izkf/dkj ls izdkf'kr PUBLISHED BY AUTHORITY

    la- 932] ubZ fnYyh] eaxyokj] vçSy 19] 2016@pS=k 30] 1938 No. 932] NEW DELHI, TUESDAY, APRIL 19, 2016/CHAITRA 30 , 1938

    िव� त

    िव� तिव� त

    िव� त म�ंालय

    म�ंालय म�ंालय

    म�ंालय

    (

    ((

    (िव� ती

    िव� तीिव� ती

    िव� तीय सेवाएं िवभाग

    य सेवाएं िवभागय सेवाएं िवभाग

    य सेवाएं िवभाग)

    ))

    )

    अिधसचूना

    अिधसचूनाअिधसचूना

    अिधसचूना

    नई �द� ली, 18 अैल, 2016

    का

    काका

    का.

    आआ

    आ.

    ..

    .

    1443

    14431443

    1443(अ)

    (अ)(अ)

    (अ).

    ..

    .—मंि�मंडल क� �दनांक 06 जनवरी, 2016 को �ई बैठक के काय�वृ! त #ारा �दये गये

    अनुमोदन के अनुसरण म( क( ) सरकार धानमं�ी मु)ा योजना (पीएमएमवाई) के अंतग�त दान �कये गये ऋण0 को

    गारंटी दान करन ेके उ3े4 य से एतn~#ारा िन5 निलिखत योजना बनाती ह।ै

    अयाय

    अयाय अयाय

    अयाय I

    II

    I

    �� ता

    �� ता�� ता

    �� तावना

    वनावना

    वना

    1. शीष�क और आरंभ होन ेक� तारीखशीष�क और आरंभ होन ेक� तारीखशीष�क और आरंभ होन ेक� तारीख

    शीष�क और आरंभ होन ेक� तारीख

    i. यह योजना सू8म इकाई ऋण गारंटी िनिध (सीजीएफएमयू) के नाम से जानी जाएगी।

    ii. यह भारत सरकार #ारा अिधसूिचत तारीख स ेवृ! त होगी और इस योजना के अ=तग�त 8 अैल,

    2015 से > वीकृत सू8म ऋण िन?िलिखत आधार पर कवर �कए जाएगँे।

    iii. इस िनिध का मुDय उ3े4य पा� सू8म इकाइय0 को सू8म िवE दान करन ेम( संलF बGक0/गैर बGHकग

    िवEीय कंपिनय0/सू8 म िवE स>ंथाJ/अ=य िवEीय मKयवLतय0 #ारा > वीकृत िविनMदN सीमा तक के

    ऋण0 के िलए गारंटी दनेा होगा।

  • 2 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(ii)]

    2.

    2. 2.

    2. प रभाषाएँ

    प रभाषाएँप रभाषाएँ

    प रभाषाए ँ

    इस योजना के उ3े4य स-े

    i.

    ‘‘

    ‘िनिध

    िनिधिनिध

    िनिध’

    ’’

    ’ स े अिभेत ह ै भारत सरकार #ारा >थािपत सू8म इकाई ऋण गारंटी िनिध (सीजीएफएमयू),

    िजसका उ34ेय बGक0/गैर-बGHकग िवEीय कंपिनय0/ अ�प िवE स>ंथाJ /अ=य िवEीय मKयवLतय0 #ारा

    पा� उधारकता�J को दान �कए गए अ�प ऋण0 के ित भुगतान क� गारंटी दनेा ह।ै

    ii. ‘’एनसीजीटीसी’’ का अथ� कंपनी अिधिनयम, 1956 के अंतग�त िविभ= न ऋण गारंटी िनिधय0 को संचािलत

    करने के िलए = यासी के Oप म( भारत सरकार #ारा 28 माच�, 2014 को > थािपत राR Sीय ऋण गारंटी

    = यास कंपनी, भारत सरकार #ारा > थािपत, समय-समय पर > थािपत क� जान ेवाली कंपनी ह।ै

    iii. "पोट�फोिलयो" से अिभाय ह,ै पीएमएमवाई के शुभारंभ क� ितिथ अथा�त ्अैल 08, 2015 को या उसके

    बाद पा� सू8म मंजूर संचयी ऋण, िज=ह( ऋणदा�ी स>ंथा क� बिहय0 म( एक अनज�क आि>त के Oप म(

    वगYकृत नहZ �कया गया ह।ै पोट�फोिलयो म( तदनुOपी मंजूर ऋण क� रािश क� प[रणित पोट�फोिलयो

    बनने के (आधार वष�) िवEीय वष� क� समाि] पर होगी। तदनसुार, नया पोट�फोिलयो अनुवतY िवEीय

    वष� के आरंभ से शुO होगा।

    iv. पोट�फोिलयो के आधार वष�" का अथ� ह ैार5भ का वष� और पोट�फोिलयो को मूत� Oप दान करने का वष�।

    दसूरे श^द0 म(, वह िवEीय वष� िजसम( पोट�फोिलयो बनाया गया ह।ै

    v. "पोट�फोिलयो को मूत� Oप दान करन े क� ितिथ" िवEीय वष� क� समाि] (31 माच�) ह,ै िजसम(

    पोट�फोिलयो बनाया गया (आधार वष�) ह।ै

    vi. "पोट�फोिलयो क� अविध" पोट�फोिलयो के �_>टलीकरण क� तारीख क� समाि] स ेपूण� 3 िवEीय वष� हG।

    अतः, पोट�फोिलयो क� कुल अविध आधार वष� सिहत तीन पूण� िवEीय वष� होगी।

    vii. चूक क� रािश", से अिभाय गरै-िनRपा�दत आि>त (एनपीए) क� रािश से ह,ै भारतीय [रजव� बGक के

    �दशा-िनदश̀0 के अनुसार, जो खाता अ�प ऋण के मूत�Oप पोट�फोिलयो के भीतर एनपीए बनने क�

    तारीख स ेिनर=तर 6 महीने क� अविध से अिघक एनपीए बना रहता ह।ै

    viii. ऋण-दाता सं>था के िलए ‘‘‘

    ‘#याज दर

    #याज दर#याज दर

    #याज दर’

    ’’

    ’ से अिभेत ह ै वह दर जो उस ऋण-दाता सं>था ने भारतीय

    [रज़व� बGक के �दशािनदश̀ानुसार समय-समय पर घोिषत क� हो, िजसके आधार पर ऋण पर लाग ू

    ^याज-दर का िनधा�रण �कया जाएगा।

    ix.

    ““

    “उ

    उउ

    उधारकता�

    धारकता�धारकता�

    धारकता�”

    ””

    ” से अिभेत ह ैअ�प ऋण लेने के िलए ऋण-दाता सं>था से ऋण द>तावेज़ िनRपा�दत करन े

    वाली सू8म इकाई।

    x.

    ‘’

    ‘’‘’

    ‘’सपंा()क �ितभिूत

    सपंा()क �ितभिूतसपंा()क �ितभिूत

    सपंा()क �ितभिूत”

    ””

    ” से अिभेत ह ैवह ितभूित जो ाथिमक ितभूित/ उधारकता�/सह-उधारकता� के

    cिdगत दािय!व के अित[रd दान क� गई हो।

    xi.

    ““

    “अ+प ऋण

    अ+प ऋणअ+प ऋण

    अ+प ऋण”

    ””

    ” से अिभेत ह ैऋण-दाता सं>था #ारा पा� उधारकता� को ऋण के Oप म( दी गई िवEीय

    सहायता (वत�मान म( 10 लाख fपए), जो भारतीय [रज़व� बGक #ारा िविनMदN �दशा-िनदश̀0 के अनुOप

    हो।

  • ¹Hkkx IIµ[k.M 3(ii)º Hkkjr dk jkti=k % vlk/kj.k 3

    धानमं�ी मु)ा योजना के त!वावधान म(, म)ुा िल. न ेअपने ारंिभक उ!पाद/योजनाJ का िनमा�ण कर िलया

    ह।ै इन उ!पाद0 को ‘िशशु’, ‘�कशोर’ और ‘तfण’ नाम �दया गया ह,ै िजनस ेलाभgाही सू8म इकाई/उhमी क�

    संवृिi/िवकास तथा िनिधक आव4यकताJ और उनके अगले चरण के उjयन/सवंृिi के संदभ� िब=द ुका hोतन

    होता ह।ै

    • िशशु: 50,000 तक के ऋण0 को कवर �कया जाता ह।ै

    • �कशोर : f. 50,000/- से ऊपर और f. 5 लाख तक के ऋण0 हतेु

    • तfण : f. 5 लाख से ऊपर और f 10 लाख तक के ऋण0 हतेु

    इसके अलावा

    इसके अलावाइसके अलावा

    इसके अलावा,

    ,,

    ,

    पीएमजडेीवाई खात ेके अतंग�त � वी

    पीएमजडेीवाई खात ेके अतंग�त � वीपीएमजडेीवाई खात ेके अतंग�त � वी

    पीएमजडेीवाई खात ेके अतंग�त � वीकृत 5

    कृत 5कृत 5

    कृत 5,

    ,,

    ,000 2पए का ओवर4ा5ट ऋण भी

    000 2पए का ओवर4ा5ट ऋण भी000 2पए का ओवर4ा5ट ऋण भी

    000 2पए का ओवर4ा5ट ऋण भी

    ऋण गारंटी िनिध

    ऋण गारंटी िनिध ऋण गारंटी िनिध

    ऋण गारंटी िनिध

    के अतंग�त कवर 7कए जान ेहते ुपा� होगा।

    के अतंग�त कवर 7कए जान ेहते ुपा� होगा।के अतंग�त कवर 7कए जान ेहते ुपा� होगा।

    के अतंग�त कवर 7कए जान ेहते ुपा� होगा।

    xii “

    xii “xii “

    xii “पा� उधारकता�

    पा� उधारकता�पा� उधारकता�

    पा� उधारकता�”

    ””

    ” से अिभेत ह ैएमएसएमईडी अिधिनयम म( प[रभािषत, 2006 को शािमल न �कया जाए।

    ऋण क� िविनMदN सीमा f. 10 लाख अथवा ऐसी कोई अ=य रािश होगी जो समय-समय पर िनिध #ारा

    िनधा�[रत क� गई हो। इसके अलावा, पीएमजेडीवाई खाते के अंतग�त > वीकृत 5,000 fपए का ओवरpाqट

    ऋण भी ऋण गारंटी िनिध के अंतग�त कवर �कए जाने हतुे पा� होगा।

    xiii. “गारंटी कवर” स ेअिभेत ह ैऋण-दा�ी स>ंथा #ारा दान क� गई ऋण सुिवधा के सबंंध म( चूक क� रािश के

    आधार पर ित पोट�फोिलयो अिधकतम कवर उपल^ ध ह।ै चूक क� पहली 5% रािश का वहन पा� ऋणदा�ी

    स>ं थान #ारा �कया जाएगा। 5% से अिधक क� चूक क� रािश (य�द लागू हो) का िनपटान यथानुपात आधार

    पर 50% क� हद तक िनिध #ारा �कया जाएगा जो �क �कसी लेखापरीrा #ारा जारी पा� दाता रािश क�

    पुिN करने वाले माणप� के ाि] के अK यधीन होगा।

    xiv. “पा� ऋणदा�ी सं>था” से अिभेत ह ैकोई बGक अथवा अ�प िवE स>ंथा (एमएफआई)/ गरै-बGHकग िवEीय

    कंपनी (एनबीएफसी)/ अ=य िवEीय मKयवतY जो िनिध क� बंधन सिमित #ारा समय-समय पर िविधवत

    अनुमो�दत पा�ता मानदडं के अनुOप हो, और सू8म इकाइय0 को ऋण-दायगी का कारोबार करती हो।

    xv. “सद>य ऋणदा�ी सं>था(ए)ँ” से अिभेत ह ै कोई बGक अथवा अ�प िवE स>ंथा (एमएफआई)/ गैर-बGHकग

    िवEीय कंपनी (एनबीएफसी)/ अ=य िवEीय मKयवतY जो िनिध क� बंधन सिमित #ारा समय-समय पर

    िविधवत अनुमो�दत पा�ता मानदडं के अनुOप हो, और सू8म इकाइय0 को ऋण-दायगी का कारोबार

    करती हो और िजसन े गारंटी ा] करन े के िलए िनिध के साथ करार िनRपा�दत �कया हो। िनिध काय�-

    िनRपादन क� समीrा के उपरा=त ऋणदा�ी सं>था म( से �कसी को भी सूची से हटा सकती ह।ै

    xvi. “महsवपूण� तारीख” से अिभेत ह ैवह तारीख, जब पा� उधारकता� के सबंंध म( कवर क� गई रािश पर गारंटी

    शु�क ऋणदा�ी सं>था #ारा िनिध को दये हो जाती ह।ै

    xvii. “गरै-िनRपादक आि>त” से आशय ऐसी आि>त स े ह ै जो भारतीय [रज़व� बGक #ारा समय-समय पर जारी

    अनुदशे0 और �दशा-िनदश̀0 के अनुसार गैर-िनRपादक आि>त के Oप म( वगYकृत हो।

    xviii. “योजना” का अथ� ह ैस8ूम इकाई ऋण गारंटी िनिध।

  • 4 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(ii)]

    अयाय

    अयाय अयाय

    अयाय II

    IIII

    II

    योजना का दायरा और सीमा

    योजना का दायरा और सीमायोजना का दायरा और सीमा

    योजना का दायरा और सीमा

    3.

    3. 3.

    3. िनिध ;ारा गारं टयाँ

    िनिध ;ारा गारं टयाँिनिध ;ारा गारं टयाँ

    िनिध ;ारा गारं टया ँ

    i. योजना के अ=य ावधान0 के दायरे म( रहते �ए, िनिध ऐसी ऋणदा�ी सं>था #ारा पा� सू8म इकाई को दE

    ऋण0 के संदभ� म( ऋणदा�ी सं>था #ारा दान �कए गए अ�प ऋण0 क� चुकौती म( चूक के ित गारंटी दान

    करने का वचन दतेी ह,ै िजसने इस उ3े4य के िलए िनिध के साथ आव4यक करार िनRपा�दत �कया हो।

    ii. िनिध को यह िववेकािधकार ा] ह ै �क वह �कसी ऋणदा�ी स>ंथा #ारा भेजे गए �कसी ऐसे >ताव को

    >वीकार अथवा अ>वीकार करे जो अ=य दिृNय0 से योजना के िनबंधन0 व शतu क� पूLत करता ह।ै

    4.

    4. 4.

    4. योजना के अतंग�त

    योजना के अतंग�त योजना के अतंग�त

    योजना के अतंग�त पा�

    पा� पा�

    पा� अ+प ऋण

    अ+प ऋणअ+प ऋण

    अ+प ऋण

    िनिध सद>य ऋणदा�ी स>ंथा(J) #ारा पा� उधारकता� को दान क� गई िविनMदN सीमा (वत�मान म( f. 10

    लाख) के अ�प ऋण0 को कवर करेगी, बशत ̀ऋणदा�ी सं>था ऐसे मंजूर �कए गए ऋण0 के सबंंध म( गाटY कवर

    के उस समयाविध म( और �_यानुसार आवेदन करे जो इस उ3े4य के िलए िनिध #ारा िविनMदN हो। साथ ही

    यह शत� भी ह ै�क महsवपूण� तारीख को खाते म( ऋणदा�ी स>ंथा के ित कोई अितदये न हो और/अथवा ऋण

    को ऋणदा�ी सं>था क� बिहय0 म( गैर-िनRपादक आि>त न वगYकृत �कया गया हो। साथ ही, �

    साथ ही, �साथ ही, �

    साथ ही, �धानम�ंी जनधन

    धानम�ंी जनधन धानम�ंी जनधन

    धानम�ंी जनधन

    योजना के अंतग�त मजंरू क� गई 2. 5,000

    योजना के अंतग�त मजंरू क� गई 2. 5,000योजना के अंतग�त मजंरू क� गई 2. 5,000

    योजना के अंतग�त मजंरू क� गई 2. 5,000/

    //

    /-

    --

    -

    क� ओवर4ा5ट ऋण रािश भी ऋण गारंटी योजना के अतंग�त

    क� ओवर4ा5ट ऋण रािश भी ऋण गारंटी योजना के अतंग�त क� ओवर4ा5ट ऋण रािश भी ऋण गारंटी योजना के अतंग�त

    क� ओवर4ा5ट ऋण रािश भी ऋण गारंटी योजना के अतंग�त

    कवर 7कए जान ेक� पा� होगी।

    कवर 7कए जान ेक� पा� होगी।कवर 7कए जान ेक� पा� होगी।

    कवर 7कए जान ेक� पा� होगी।

    यह नोट �कया जा सकता ह ै �क पीएमएमवाई के अंतग�त अ� प ऋण िजसम( पीएमजेडीवाई के अंतग�त

    ओवरpाqट शािमल ह,ै िजसका संिवतरण 8 अैल, 2015 से �कया गया ह,ै योजना के अंतग�त गारंटी कवर के

    िलए पा� होगा ।

    िनिध अपने िववकेानुसार उन सद>य ऋणदा�ी सं>थाJ और/अथवा योजनाJ क� एक सूची अनुमो�दत/तैयार

    करेगी, िजनके िलए गारंटी कवर उपल^ध होगा, अथवा ऐसी नकारा!मक सचूी अनुमो�दत/तैयार करेगी, िजनके

    िलए गारंटी कवर उपल^ध नहZ होगा।

    5.

    5. 5.

    5. योजना के अतंग�त अपा� अ+प ऋण

    योजना के अतंग�त अपा� अ+प ऋणयोजना के अतंग�त अपा� अ+प ऋण

    योजना के अतंग�त अपा� अ+प ऋण

    िन?िलिखत अ�प ऋण इस योजना के अंतग�त गारंटी दनेे के िलए पा� नहZ ह0गेः-

    i. ऐसा अ�प ऋण, िजसस े संबिंधत जोिखम0 को �कसी अ=य सं>था #ारा प[रचािलत/संचािलत �कसी योजना के

    अंतग�त अित[रd Oप से कवर �कया गया ह,ै उस सीमा तक जहाँ तक जोिखम को कवर �कया गया ह।ै

    ii. ऐसा अ�प ऋण, िजसस े संबिंधत जोिखम0 को सरकार अथवा �कसी साधारण बीमाकता� अथवा बीमा, गारंटी

    अथवा rितपूLत का cवसाय करन ेवाल े�कसी अ=य cिd अथवा cिdय0 के संघ #ारा अित[रd Oप से कवर

    �कया गया ह,ै उस सीमा तक जहाँ तक जोिखम को कवर �कया गया ह।ै

    iii. ऐसा अ�प ऋण जो वत�मान म( भावी �कसी काननू अथवा के=) सरकार अथवा भारतीय [रज़व� बGक #ारा जारी

    िनदशे0 अथवा अनुदशे0 के अनुOप अथवा उनके ावधान0 क� अनुOपता म( न हो।

    iv. ऋणदा�ी स>ंथा #ारा मंजूर �कया गया ऐसा ऋण जो सrम ािधकारी #ारा ऐसे ऋण0 के िलए िनधा�[रत ^याज

    दर0 अथवा ऐसी अ=य दर के अनुOप न हो जो िनिध क� बंधन सिमित #ारा समय-समय पर िनMदN क� गई हो,

    वह गारंटी कवर के िलए अह� नहZ होगा। �क=तु चिलत ^याज-दर के प[रद4ृय, ऋणदा�ी सं>थाJ क� आधार

    दर0 तथा भारतीय [रज़व� बGक क� ऋण नीितय0 को Kयान म( रखते �ए िनिध ऐसी अिधकतम सीमा को समय-

    समय पर संशोिधत कर सकती ह।ै

    6.

    6. 6.

    6. ऋणदा�ी सं�था ;ारा करार िन@पा7दत 7कया जाना

    ऋणदा�ी सं�था ;ारा करार िन@पा7दत 7कया जानाऋणदा�ी सं�था ;ारा करार िन@पा7दत 7कया जाना

    ऋणदा�ी सं�था ;ारा करार िन@पा7दत 7कया जाना

    कोई ऋणदा�ी सं>था अपने #ारा दE अ�प ऋण के संबंध म( तब तक गारंटी क� हकदार नहZ होगी, जब तक

    उसने उd िनिध #ारा अपेिrत Oप म( उd िनिध के साथ ऐसा करार न �कया हो, जो ऋणदा�ी सं>था #ारा

  • ¹Hkkx IIµ[k.M 3(ii)º Hkkjr dk jkti=k % vlk/kj.k 5

    दE सभी पा� अ�प ऋण0 को उd योजना के अंतग�त गारंटी के ज[रए कवर करने के िलए हो, िजसके िलए

    योजना म( ावधान �कया गया ह।ै

    7.

    7. 7.

    7. योजना के अतंग�त

    योजना के अतंग�त योजना के अतंग�त

    योजना के अतंग�त अ+ प

    अ+ पअ+ प

    अ+ प

    ऋणदा�ी सं�था

    ऋणदा�ी सं�थाऋणदा�ी सं�था

    ऋणदा�ी सं�थाA का उ� त

    A का उ� तA का उ� त

    A का उ� तरदािय� व

    रदािय� वरदािय� व

    रदािय� व

    i. ऋणदा�ी स>ंथा भारतीय [रजव� बGक/िनिध #ारा जारी �दशािनदश̀0 के अनुसार अ�प ऋण0 का मू�यांकन

    करेगी और ऋण दनेे संबंधी सामा=य सावधानी के साथ उधारकता� के खाते(त0) का सचंालन करेगी।

    ii. आधार वष� के दौरान पोट�फोिलयो के एक भाग के Oप म( ऋणदा�ी सं> था 08 अैल, 2015 को अथवा उसके

    बाद भावी �ई > वीकृितय0 के बदले दान �कए गए अपने सभी बकाया ऋण0 को एक ितमाही क� समाि]

    (माच�, जून, िसत5 बर तथा �दस5 बर को समाw त ितमाही) का जोड़ करेगी तथा सुिनिyत करेगी �क

    पोट�फोिलयो के लागू रहने के दौरान अ� प ऋण खाते के सबंंध म( गारंटी कवर दनेे के िलए एनसीजीटीसी #ारा

    आव4 यक जानकारी > तुत क� जाए।

    iii. एमएलआई को सांिविधक लखेापरीrक माणप�/बंधन माण प�, > तुत करना होगा िजसम( िन5 निलिखत

    मािणत होगा :

    (क) पोट�फोिलयो के सभी खात े08 अैल, 2015 क� ितिथ के उपरांत > वीकृत पा� अ� प ऋण0 के अनुOप ह।ै

    (ख) ारि5भक पोट�फोिलयो म( कवर �ए सभी खात0 के साथ-साथ बाद म( पोट�फोिलयो म( शािमल �कए गए नए

    खाते, मानक खाते हG।

    (ग) सभी खाते जो �क पोट�फोिलयो के भीतर एनपीए बन गए हG तथा िजनके िलए दावा दायर नहZ �कया गया ह ै

    को उस पोट�फोिलयो म( शािमल �कया जाना ह ैिजस पर गारंटी शु� क दये ह।ै

    iv. सांिविधक लेखापरीrक/बधंन पोट�फोिलयो क� अविध/के चालू रहने के दौरान ! येक वष� क� 31 माच� क�

    ि>थित के अनुसार �_ि>टलाइजड पोट�फोिलयो क� अनुयो| य रािश को पोट�फोिलयो के �_ि>टलाइजेशन क�

    ितिथ स े! येक िव! त वष� क� दसूरी ितमाही तक मािणत करेगा।

    v. ऋणदा�ी स>ंथा उधारकता� खाते क� गहनता से िनगरानी करेगी और चुकौती के िलए अनुवत�न करेगी।

    vi. उd िनिध #ारा ऋणदा�ी सं>था को गारंटी दाव0 का भगुतान कर दनेे स ेऋणदा�ी स>ंथा उधारकता� से ऋण

    क� संपूण� बकाया रािश, लागू ^याज सिहत, वसूल करन े के उEरदािय!व स े �कसी भी Oप म( मुd नहZ हो

    जाती। ऋणदा�ी स>ंथा सभी आव4यक सावधानी बरतेगी और उधारकता� स ेाwय अ�प ऋण क� संपूण� रािश

    के िलए उधारकता� पर अवलंब बनाए रखगेी और बकाया रािश क� वसूली के िलए आव4यक कार�वाई आरंभ

    करेगी, िजसमे उd िनिध #ारा सूिचत क� गई कार�वाई भी शािमल ह।ै

    vii. ऋणदा�ी स>ंथा उन िनदश̀0 का पालन करेगी, िज=ह( गारंटीकृत खात0 म( वसूली सगुम बनाने के िलए अथवा

    ऋण गारंटीकता� के Oप म( अपने िहत0 क� सुरrा के िलए उd िनिध समय-समय पर जारी करना ठीक समझे

    और ऋणदा�ी सं>था ऐसे िनदश̀0 का पालन करने के िलए आबi होगी।

    viii. ऋणदा�ी स>ंथा �कसी भी गारंटीकृत खात ेके संबंध म( ाwयरािशय0 क� वसूली तथा उd िनिध के िहत0 क�

    रrा के िलए सभी संभव तरीको से वैसा ही }म करेगी जसैा �क वह सामा=य Oप से तब करती जब उd िनिध

    #ारा कोई गारंटी न दी गई होती। ऋणदा�ी स>ंथा गारंटी लाग ूकरन ेस ेपहले या बाद म( �कसी भी ऐसी भूल-

    चूक से िवशेष Oप से बचेगी, जो गारंटीकता� के Oप म( िनिध के िहत को ितकूल Oप से भािवत करे।

    ऋणदा�ी स>ंथा #ारा उd िनिध को तब िवशेष Oप से सूिचत �कया जाना चािहए, जब वह कोई ऐसा

    समझौता या cव>था करे, िजसका भाव cिdगत गारंटी([टय0) अथवा ाथिमक ितभूित का उ=मोचन या

    अिध!याग हो। इसके अित[रd, ऋणदा�ी सं>था उधारकता� के साथ �कसी करार म( एक शत� िनधा�[रत करके

    अथवा अ=यथा उd िनिध या उसक� िनयुd एज(सी के िलए यह अिधकार सुरिrत करेगी �क िनिध #ारा

    चूककता� उधारकता�J के नाम और िववरण कािशत �कए जा सक( ।

    ix.

    ix.ix.

    ix. ऋणदा�ी स>ंथा आधार वष� सिहत ! येक िव! त वष� क� समाि] पर िनिध #ारा यथा िविनधा�[रत तरीके म(

    लेनदने > तर पर पोट�फोिलयो के काय�िनR पादन क� समीrा उपल^ ध कराएगा।

  • 6 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(ii)]

    अयाय

    अयाय अयाय

    अयाय III

    IIIIII

    III

    शु+क सरंचना

    शु+क सरंचनाशु+क सरंचना

    शु+क सरंचना

    8.

    8. 8.

    8. शु+क गारंटी

    शु+क गारंटीशु+क गारंटी

    शु+क गारंटी

    i. गारंटी कवरेज ाw त करने के िलए, उधारदा�ी स>ं था के सद> य िन5 नानुसार गारंटी श�ु क अदा कर(गे :

    (क) आधार वष� (पोट�फोिलयो िनमा�ण का वष�) के दौरानआधार वष� (पोट�फोिलयो िनमा�ण का वष�) के दौरानआधार वष� (पोट�फोिलयो िनमा�ण का वष�) के दौरान

    आधार वष� (पोट�फोिलयो िनमा�ण का वष�) के दौरान गारंटी शु� क का भुगतान पूरे वष� या बािधत अविध

    अथा�त उ! तरवतY वष� के 31 माच� तक, जैसा भी मामला हो, के सबंंध म( सू8 म ऋण पोट�फोिलयो के ितमाही

    सृिजत शेष रािश क� बकाया रािश क� तदनुOप रािश > वीकृत करने पर �कया जाएगा। यह नोट �कया जाए

    �क ऐसे > वीकृत मामल,े िज= ह( पोट�फोिलयो के चाल ूरहने के दौरान र3/पुनभु�गतान/पवू�भुगतान/अिधकार म(

    िलया गया हो, के सबंंध म( पोट�फोिलयो के अंतग�त ऐस े > वीकृत मामल0 के संबंध म( कोई गारंटी श�ु क

    भा[रत नहZ �कया जाएगा और कोई गारंटी कवर लागू नहZ होगा।

    (ख) बाद के वषH मIबाद के वषH मIबाद के वषH मI

    बाद के वषH मI-गारंटी शु� क का भुगतान बकाया पोट�फोिलयो के चालू रहने के दौरान िनधा�[रत पोट�फोिलयो

    क� शेष रािश (एनपीए म( प[रवLतत खाते सिहत) के अनुOप > वीकृत रािश पर �कया जाएगा और गारंटी

    िव! तीय वष� के अंत तक वैध होगी। पोट�फोिलयो म( एनपीए खात0 के संबंध म( गारंटी शु� क का भुगतान ऐसे

    खात0 के सबंधं म( दावा दज� �कए जान ेतक जारी रहगेा, जो रािश के संबंध म( िनिध #ारा िनधा�[रत ^ याज

    दर पर या जोिखम अिधक म�ू य िनधा�रण के संबंध शु� क आधार/समय-समय पर िनिध #ारा संदLभत तारीख

    पर या िनMदR ट दर पर ऐसी रािश के संबंध म( िनधा�[रत हो, पर आधा[रत होगा,5 मॉडल के सबंंध म(

    जोिखम आधा[रत गारंटी शु� क संघटक अनबंुध म( �दया गया ह।ै

    िनधा�रण क� तारीख से तीसरे वष� क� समाि] क� ि>थित के अनुसार पोट�फोिलयो को अंितम Oप स े

    िनधा�[रत एव ं समाw त �कया जाएगा। तीसरे वष� के अंत म( समाw त पोट�फोिलयो क� शेष रािश को नया

    पोट�फोिलयो माना जाएगा और उधारदा�ी सं> था के िनण�य पर उस ेउस वष� के मौजूदा पोट�फोिलयो के साथ

    समे�कत �कया जा सकेगा।

    ii. ितमाही समाw त होने के 16 �दन0 के भीतर गारंटी शु� क का भगुतान �कया जाएगा। एमएलए को ितमाही क�

    समाि] के प4 चात 7 �दन0 के भीतर एक बंधन माणप� > तुत करना अपिेrत होगा। त! प4 चात

    एनसीजीटीसी #ारा बंध माणप� ाw त होन ेके 3 �दन0 के भीतर एक ऋण गारंटी मांग अनरुोध [टw पणी

    (सीजीडीएएन) तैयार करेगा और त! प4 चात सीजीडीएएन के जारी होने के 3 �दन0 के भीतर गारंटी शु� क दये

    होगा।

    iii. पोट�फोिलयो के अंतग�त उन सभी मामल0 िजनके सबंंध म( एमएलआई #ारा गारंटी शु� क का भुगतान �कया

    गया ह ैको ऋण गारंटी योजना के अंतग�त कवर �कया जाएगा जो पा� सू8 म ऋण पोट�फोिलयो के अंतग�त

    ऋण खात0 के अK यधीन ह0गे।

    iv. िनिध अपन े िववेक स े जोिखम आधा[रत मू�यन अथा�त् िभj-िभj ऋणदा�ी स>ंथाJ के िलए िभj िभj

    गारंटी शु�क भा[रत कर सकती ह,ै जो संबंिधत एमएलआई के पोट�फोिलयो के काय�-िनR पादन पर आधा[रत

    िनिध के अनुभव के आधार पर उनक� _ेिडट रेटग, एनपीए >तर, दावा अदायगी अनुपात, भौगोिलक

    िव>तार, आ�द तथा ऐस ेही अ=य मानदडं0 पर आधा[रत होगा।

  • ¹Hkkx IIµ[k.M 3(ii)º Hkkjr dk jkti=k % vlk/kj.k 7

    v. परंतु यह और �क िनधा�[रत समय अथवा ऐसी शतu पर िनिध #ारा सहमत िव>ता[रत समय के भीतर गारंटी

    शु�क का भगुतान न होन े पर, ऐसी ऋण सुिवधा क� गारंटी के सबंंध म( उd िनिध क� दयेता उन ऋण

    सुिवधाJ के संबधं म( समा] हो जाएगी, िजनके ित शु�क दये ह ैऔर उसका भुगतान नहZ �कया गया ह।ै

    vi. पा� ऋणदा�ी सं>था #ारा दये गारंटी शु�क के बराबर रािश इसके #ारा अपने िववकेािधकार स े पा�

    उधारकता� से वसूल क� जा सकती ह।ै

    vii. ऋणदा�ी स>ंथा #ारा एक बार उd िनिध को अदा कर �दया गया गारंटी शु�क वापसी योय नहZ होगा।

    इसक� वापसी अपवाद>वOप केवल िन?िलिखत प[रि>थितय0 म( हो सकेगी :

    • अ! यिधक िवेषण

    • उसी पोट�फोिलयो के ित एक से अिधक बार �कया गया िवेषण

    • शु�क अिgम Oप से अदा कर �दया गया हो Hकतु आवेदन उd योजना के अतंग�त गारंटी कवर

    हतेु अनमुो�दत न हो आ�द

    अयाय

    अयाय अयाय

    अयाय IV

    IVIV

    IV

    गारं टयाँ

    गारं टयाँगारं टयाँ

    गारं टयाँ

    9.

    9. 9.

    9. गारंटी क�

    गारंटी क� गारंटी क�

    गारंटी क� सीमा

    सीमासीमा

    सीमा

    i. ‘थम हािन ‘पोट�फोिलयो गारंटी’, > वOप म(’ जहां एमएलआई के िनधा�[रत पोट�फोिलयो क� पहली चूक क� 5% रािश का

    वहन एमएलआई #ारा �कया जाएगा और और इस कारण इसे दावा हतेु शािमल नहZ �कया जाएगा। शेष भाग म( से,

    गारंटी क� सीमा पोट�फोिलयो म( चूक क� रािश के अिधकतम 50% तक या आनुपाितक आधार पर समय-समय पर

    िनिध #ारा िनधा�[रत ितशतता तक होगी।

    ii. गारंटी कवर का आरंभ गारंटी शु� क क� अदायगी क� तारीख होगा और यह गारंटी स8ू म ऋण क� सम> त अविध

    तक या पोट�फोिलयो क� समाि] तक, जो भी पहले हो, जारी रहगेी, जो गारंटी यु त पोट�फोिलयो के वाLषक

    नवीकरण पर आधा[रत होगा।

    iii. एमएलआई संबंधी समg गारंटी भुगतान समय-समय पर िन िध #ारा िनधा�[रत जोिखम मानदडं/अदायगी सीमा

    से स5 बi होगा।

    अयाय

    अयाय अयाय

    अयाय V

    VV

    V

    दावे

    दावेदावे

    दावे

    10.

    10. 10.

    10. गारंटी आJत 7कया जाना

    गारंटी आJत 7कया जानागारंटी आJत 7कया जाना

    गारंटी आJत 7कया जाना

    (i) ऋणदा�ी स>ंथा सू8 म ऋण0 के िनधा�[रत (�_ि>टलाइजड) पोट�फोिलयो म( से 6 चकू क� रािश के संबंध

    म( गारंटी को आत कर सकती ह ैजो �क पोट�फोिलयो के िनधा�रण (�_ि>टलाइजशेन) क� ितिथ के 1 वष�

    के उपरांत तथा तदपुरांत ! येक िव! तीय वष� क� समाि] पर गारंटी क� पहली rित क� शत� के अK यधीन ह।ै

    (ii) एमएलआई एक सांिविधक लेखापरीrक/बंधन माणप� > तुत करेगी िजसम( इस बात क� पुिN होगी

    �क अ� प ऋण के संबंध म( ऋणदा�ी स>ंथा को अदा क� जाने वाली दये रािश का भुगतान नहZ �कया

    गया ह ैतथा दयेताJ को ऋणदा�ी स>ंथा #ारा गैर िनR पादक आि>त के Oप म( वगYकृत कर �दया गया

    ह।ै बशत ̀�क ऋणदा�ी स>ंथा उ त अ� प ऋण के संबंध म( िनिध पर न तो कोई दावा करेगी अथवा न ही

  • 8 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(ii)]

    करने क� पा� होगी। य�द उ त ऋण सुिवधा के संबंध म( �ई हािन िनिध #ारा जारी �दशािनदश̀0 के

    िवपरीत अथवा उ� लंघन म( क� गयी कार�वाइ�य0/िलए गए िनण�य0 के कारण �ई हो। माणप� म( थम

    हािन के सबंंध म( एमएलआई #ारा वहन क� गयी रािश के ितशत का भी उ� लखे होगा।

    (iii) ऋणदा�ी स>ंथा #ारा दावा उस कार और उतनी समय सीमा म( >तुत �कया जाना चािहए, जो उस

    सबंंध म( िनिध #ारा िविनMदR ट हो।

    (iv) िनिध, ऋणदा�ी सं>था #ारा >तुत पा� दाव0 का भगुतान 60 �दन के भीतर करेगा, बशत` दावे सही

    और सभी कार से पूण� पाए जाते हG। िनिध, ऋणदा�ी सं>था को 60 �दन से अिधक के िवल5ब क�

    अविध के िलए दावा रािश पर चिलत बGक दर पर ^याज का भुगतान करेगा।�कसी दावे का भगुतान हो

    जाने पर ऐसा माना जाएगा �क िनिध संबिंधत उधारकता� के सबंंध म( लागू गारंटी के कारण अपनी सभी

    दयेताJ से मु त हो गया ह।ै

    v. य�द अ�प ऋण के मू�यांकन/नवीकरण/अनुवत�न/संचालन के मामले म( कोई कमी रही हो अथवा दावे का

    >तुतीकरण एक से अिधक बार �कया गया हो अथवा ऋणदा�ी सं>था ने दावे के िनपटान के संबंध म(

    कोई तया!मक सूचना िछपाई हो तो ऋणदा�ी सं>था, िनिध #ारा जारी क� गई रािश और उसके सबंंध

    म( िनिध #ारा िनMदN दर स ेदडा!मक ^याज क� रािश लौटाने के िलए बाKय होगी। ऋणदा�ी सं>था

    उd दडा!मक ^याज का भुगतान िनिध #ारा माँग �कए जाने पर, िनिध #ारा ारंिभक दावा जारी

    करने क� तारीख से लेकर दावा-रािश लौटाने तक क� तारीख के िलए करेगी।

    11.

    11. 11.

    11.

    �दK दावL के कारण अिधकारL

    �दK दावL के कारण अिधकारL�दK दावL के कारण अिधकारL

    �दK दावL के कारण अिधकारL

    और वसिूलयL का ��यासन (सMगशेन)

    और वसिूलयL का ��यासन (सMगशेन)और वसिूलयL का ��यासन (सMगशेन)

    और वसिूलयL का ��यासन (सMगशेन)

    i. ऋणदा�ी स>ंथा िनिध को वसूली सबंंधी अपने यास0, वसूली और वह सम>त सूचना दान करेगी जो

    उससे समय-समय पर माँगी जाए अथवा अपेिrत हो।

    ii. वसूल क� गई और िनिध को दये सम>त रािश िबना �कसी िवलबं के िनिध को अदा क� जाएगी, और य�द

    िनिध को दये कोई रािश िजस �दन पहली बार वसूल क� गई थी, उस तारीख से 30 �दन से अिधक

    अविध के िलए अदE रहती ह ै तो उस पर ऋणदा�ी सं>था #ारा िनिध को बधंन सिमित #ारा

    िविनMदN दर से ^याज अदा �कया जाएगा।

    अ या

    अ याअ या

    अ याय

    य य

    य VI

    VIVI

    VI

    �बधंन

    �बधंन�बधंन

    �बधंन

    सघंटन

    सघंटनसघंटन

    सघंटन

    िनिध क� एक बंध सिमित होगी, िजसक� िनयुिd िनिध के अव> थापक0 #ारा क� जाएगी। सिचव, एमएसएमई

    इसके पदने अK यr ह0गे, संयु त सिचव, डीएफएस (जो मु)ा (िसडबी) बGक के िनदशेक मंडल म( िनदशेक हो), अK यr

    मु)ा (िसडबी) बGक, मुD य काय�कारी अिधकारी, मु)ा (िसडबी) बGक, मुD य काय�कारी अिधकारी, एनसीजीटीसी इसके

    सद> य सिचव / सयंोजक ह0ग ेतथा इस rे� के दो िवशेष0 को बंधन सिमित #ारा सहयोिजत �कया जाएगा।

    उ त के अनुसार पदने rमता म( िनयु त सद> य, केवल तभी तक सद> य रह(गे, जब तक �क व ेउस पद पर ह0 तथा

    उनके पद से हटने पर उनका उ! तरवतY अिधकारी िबना �कसी कार�वाई या लेखन के सद> य बन जाएगा ।

    अव> थापक, य�द आव4 यक हो, तो �कसी नए कापरेट िनकाय को शािमल करते �ए या अ= यथा बंध सिमित का

    संघटन बदल सकते हG तथा तब तक बंध सिमित के मौजदूा सद> य जारी रह(गे ।

  • ¹Hkkx IIµ[k.M 3(ii)º Hkkjr dk jkti=k % vlk/kj.k 9

    इस िनिध के सद> य भारत के िनवासी ह0गे । �कसी सद> य के > थाई Oप से भारत से बाहर जाने अथवा भारत

    सरकार के मत म( बीमारी या अश तता के कारण0 या �दमागी अrमता के कारण �कसी सद> य के इस पद पर काय�

    करने म( असrम या rमतारिहत हो जाने पर, उस सद> य का पद [र त हो जाएगा। एक सहयोिजत सद>य सरकार

    को िलिखत Oप म( सात �दन का नो[टस दने ेके बाद �कसी भी समय सवेा-िनवृE हो सकता ह ैऔर य�द वह बधंन

    सिमित का अKयr नहZ ह,ै नो[टस क� एक ित अKयr को भी भेजी जाएगी।

    �बधं सिमित के �काय�

    �बधं सिमित के �काय��बधं सिमित के �काय�

    �बधं सिमित के �काय�

    बंध सिमित इस योजना क� समीrा तथा यापक नीितगत पहलुJ पर एनसीजीटीसी के िनदशेक मंडल को

    अपेिrत �दशािनदश̀ उपल^ ध कराने हतेु िज5 मेदार होगी। चूं�क एनसीजीटीसी म( सभी संबंिधत िहतधारक0 स े

    ितिनिध रह(गे, अत: एनसीजीटीसी का िनदशेक मंडल इस योजना के नीितगत पहलुJ के संबंध म( सrम

    ािधकारी होगा।

    अ या

    अ याअ या

    अ याय

    य य

    य VII

    VIIVII

    VII

    िविवध

    िविवधिविवध

    िविवध

    1. गारंटी क� मागं 7कए जान े के बाद ऋणदा�ी स�ं था

    गारंटी क� मागं 7कए जान े के बाद ऋणदा�ी स�ं थागारंटी क� मागं 7कए जान े के बाद ऋणदा�ी स�ं था

    गारंटी क� मागं 7कए जान े के बाद ऋणदा�ी स�ं था को �ाN त

    को �ाN त को �ाN त

    को �ाN त रािश का ऋण सिुवधा के संदभ� मI रािश का

    रािश का ऋण सिुवधा के संदभ� मI रािश का रािश का ऋण सिुवधा के संदभ� मI रािश का

    रािश का ऋण सिुवधा के संदभ� मI रािश का

    िविनयोजन

    िविनयोजन िविनयोजन

    िविनयोजन

    इस योजना के ावधान0 के अनुसार चूक क� रािश के ित ऋणदा�ी स>ं था को िनिध #ारा रािश जारी कर

    �दए जाने के बाद, य�द ऋणदा�ी स>ं था #ारा जारी वसलूी काय�वािहय0 के फल> वOप वह रािश क� वसूली कर लेती

    ह,ै तो ऐसी रािश िनिध के पास जमा कराई जानी होगी । ऐसा करते समय ऋणदा�ी सं> था #ारा रािश क� वसूली

    हतेु वहन क� गई िविधक लागत0 के ित समायोजन कर िलया जाएगा ।

    2.

    2.2.

    2.

    कितपय मामलL मI िनिध के दािय� वL

    कितपय मामलL मI िनिध के दािय� वLकितपय मामलL मI िनिध के दािय� वL

    कितपय मामलL मI िनिध के दािय� वL का समापन

    का समापन का समापन

    का समापन

    i. य�द इस योजना के अंतग�त गारंटीकृत ऋण हतेु ऋणदा�ी सं> था के ित �कसी उधारकता� के दािय! व �कसी अ= य

    उधारकता� को अंत[रत या समनुदिेशत �कए जाते हG तथा य�द उस उधारकता� क� पा�ता क� शत तथा ऋण क�

    रािश या अ= य कोई ऐसी िनबंधन या शत, जो योजना के अंतग�त ऋण को गारंटी दनेे हतेु अिनवाय� ह0, उ त अंतरण

    या समनुदशेन के बाद सतंुR ट न होती ह0, तो इस ऋण के संदभ� म( गारंटी ऐस ेअतंरण या समनुदशेन क� ितिथ स े

    समाw त समझी जाएगी ।

    ii. य�द कोई उधारकता� योजना के अंतग�त ऋण मंजूर करने हतुे अपा� हो जाता ह,ै तो �कसी ऋणदा�ी सं> था #ारा

    उसे मंजूर �कए गए ऋण के संदभ� म( िनिध का दािय! व, उधारकता� के इस कार अपा� होने क� ितिथ तक

    ऋणदा�ी स>ं था के ित उधारकता� के दािय! व तक सीिमत होगा, बशत̀, तथािप यह इस योजना के अंतग�त िनिध

    हतेु िनयत दािय! व क� सीमाJ तक हो ।

    3.

    3. 3.

    3. िववरिणया ंएव ंिनरीOण

    िववरिणया ंएव ंिनरीOण िववरिणया ंएव ंिनरीOण

    िववरिणया ंएव ंिनरीOण

    i. ऋणदा�ी स>ं था ऐसी िववरिणयां और सूचना > तुत करेगी, जैसी �क इस िनिध को योजना के अंतग�त् गारंटी के

    सबंंध म( अपेिrत हो ।

    ii. ऋणदा�ी स>ं था िनिध को ऐसे सभी द> तावेज, रसीद(, माणप� एव ंअ= य लेख भी > ततु करेगी, जैस े�क िनिध

    को अपेिrत ह0 तथा यह पुिN मानी जाएगी �क इन द> तावेज0, रसीद0, माणप�0 व अ= य लेख0 क�

    िवषयव> तुए ंस! य हG, बशत` कोई दावा अ> वीकृत नहZ होगा तथा ऋणदा�ी स>ं था या इसके �कसी अिधकारी के

    ित सावना से �कए गए �कसी काय� के ित कोई दािय! व आबi नहZ होगा।

  • 10 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(ii)]

    iii. जहां तक योजना के उ34े य0 हतुे आव4 यक हो, िनिध को यह अिधकार होगा �क वह अंितम सं> था या ऋणदा�ी

    स>ं था के �कसी उधारकता� का िनरीrण कर सके अथवा लेखा बिहय0 क� ितया ंया अ= य अिभलेख0 (अिgम0 के

    संचलन के सबंंध म( सामा= य अनुदशे0 वाली �कसी अनुदेश पुि>तका या मैनुअल या प[रप� सिहत) क� मांग कर

    सके । ऐसा िनरीrण िनिध के अिधका[रय0 अथवा िनिध #ारा िनरीrण के उ3े4 य से िनयु त �कसी अ= य यिd

    के माK यम से �कया जा सकता ह ै। ऋणदा�ी सं> था का ! येक अिधकारी या अ= य कम�चारी या उधारकता�, जो

    ऐसा करने क� ि>थित म( हो, िनिध के अिधका[रय0 या िनरीrण हतेु िनयु त कोई यिd, जैसा भी मामला हो,

    को लेखा पुि>तकाए ंव अ= य अिभलेख तथा सूचना उपल^ ध कराएंग,े जो भी उनके पास ह0 ।

    4.

    4. 4.

    4.

    योजना के अतंग�त लगाई गई शतH का ऋणदा�ी स�ं था

    योजना के अतंग�त लगाई गई शतH का ऋणदा�ी स�ं थायोजना के अतंग�त लगाई गई शतH का ऋणदा�ी स�ं था

    योजना के अतंग�त लगाई गई शतH का ऋणदा�ी स�ं था पर बा य

    पर बा य पर बा य

    पर बा यकारी होना

    कारी होना कारी होना

    कारी होना

    i. िनिध #ारा दी गई कोई भी गारंटी योजना के ावधान0 #ारा इस कार संचािलत होगी, जैसे �क यह ऐसी

    गारंटी �दए जाने वाले द> तावेज0 म( ही िलखा गया हो ।

    ii. ऋणदा�ी स>ं था, जहां तक संभव हो, यह सुिनिyत करेगी �क योजना के अतंग�त गारंटीकृत �कसी खाते से

    संबंिधत �कसी करार क� शत, इस योजना के ावधान0 के िवfi न ह0, तथािप, �कसी अ= य द> तावेज या

    करार म( �कसी भी ावधान के बावजूद, ऋणदा�ी सं> था िनिध के सबंंध म( योजना के अतंग�त लागू शतu स े

    आबi रहगेी ।

    5.

    5. 5.

    5. आशोधन और छूट

    आशोधन और छूट आशोधन और छूट

    आशोधन और छूट

    (i) िनिध को > वयं इस योजना म( आशोधन, िनर> तीकरण अथवा ित> थापन करने का अिधकार ह,ै �क= तु �फर भी,

    ऐसे आशोधन, िनरस् तीकरण अथवा ित> थापन के भावी होने क� तारीख तक योजना के अंतग�त जारी क� गई

    गारंटी से सबंंिधत अिधकार अथवा दािय! व इससे भािवत नहZ ह0गे।

    (ii) इसम( िनिहत �कसी बात के होते �ए भी िनिध को �कसी ऐस ेखात ेके सबंंध म( िनबंधन और शतu म( प[रवत�न

    करने का अिधकार ह,ै िजसम( ऐसे प[रवत�न क� तारीख को �कसी कार क� गारंटी का िनग�मन/आहवान नहZ �कया

    गया हो।

    (iii) योजना के िनर> त होन ेक� ि>थित म( योजना के अंतग�त कवर क� गई सुिवधाJ के संबंध म( िनिध का �कसी दाव े

    के ित कोई दािय! व नहZ होगा, य�द ऋणदा�ी सं> थाए ँयोजना म( �दए गए ावधान0 को ऐसे िनर> तीकारण के

    लागू होने क� तारीख से पहले अनुपालन नहZ करती हG।

    6

    66

    6. P या

    . P या. P या

    . P याQ या

    Q याQ या

    Q या

    योजना के �कसी भी ावधान अथवा उसम( �दए गए �कसी भी िनदश̀ या अनुदशे या > पR टीकरण क� याD या के बारे

    म( य�द कोई 4 न उठता ह,ै तो िनिध का िनण�य अंितम होगा।

    7

    77

    7. अनपूुरक एव ंसामाR य

    . अनपूुरक एव ंसामाR य. अनपूुरक एव ंसामाR य

    . अनपूुरक एव ंसामाR य �ावधान

    �ावधान �ावधान

    �ावधान

    ऐसे मामले, िजसका उ� लेख योजना म( नहZ �कया गया ह,ै के सबंंध म( िनिध को यह अिधकार होगा �क वह योजना

    के योजन हतेु आव4 यक ऐसे अनुपूरक0 अथवा अित[र त ावधान0 को शािमल कर सके या ऐसे िनदश̀ या

    > पR टीकरण जारी कर सके।

    [फा...

    . सं.

    ..

    . 27/04/2015-

    --

    -आई एफ-

    --

    -II वा� यूम II]

    पंकज जैन, सयंुd सिचव (आई. एफ.)

  • ¹Hkkx IIµ[k.M 3(ii)º Hkkjr dk jkti=k % vlk/kj.k 11

    सलं�क

    सलं�क सलं�क

    सलं�क

    जोिखम आधा रत गारंटी शु+क घटक

    जोिखम आधा रत गारंटी शु+क घटकजोिखम आधा रत गारंटी शु+क घटक

    जोिखम आधा रत गारंटी शु+क घटक

    1.

    1.1.

    1. अनसुिूचत वािणिTयकअनसुिूचत वािणिTयकअनसुिूचत वािणिTयक

    अनसुिूचत वािणिTयक

    बUक

    बUकबUक

    बUक

    मजंरू रािश क� 1

    मजंरू रािश क� 1मजंरू रािश क� 1

    मजंरू रािश क� 1%

    %%

    %

    मानक आधार दर (एसबीआर)

    मानक आधार दर (एसबीआर) मानक आधार दर (एसबीआर)

    मानक आधार दर (एसबीआर) ;

    ;;

    ;

    तथा

    तथातथा

    तथा

    गारंटीकृत संिवभाग म� एन

    गारंटीकृत संिवभाग म� एनगारंटीकृत संिवभाग म� एन

    गारंटीकृत संिवभाग म� एनपीए पर जोिखम �ीिमयम

    पीए पर जोिखम �ीिमयमपीए पर जोिखम �ीिमयम

    पीए पर जोिखम �ीिमयम

    दावा भगुतान अनुपात पर जोिखम �ीिमयम

    दावा भगुतान अनुपात पर जोिखम �ीिमयम दावा भगुतान अनुपात पर जोिखम �ीिमयम

    दावा भगुतान अनुपात पर जोिखम �ीिमयम

    एनपीए �ितशत

    एनपीए �ितशतएनपीए �ितशत

    एनपीए �ितशत

    जोिखम �ीिमयम

    जोिखम �ीिमयमजोिखम �ीिमयम

    जोिखम �ीिमयम

    दावा भगुतान अनुपात

    दावा भगुतान अनुपातदावा भगुतान अनुपात

    दावा भगुतान अनुपात

    जोिखम �ीिमयम

    जोिखम �ीिमयमजोिखम �ीिमयम

    जोिखम �ीिमयम

    0-2%

    शू�य

    0-2%

    शू�य

    >2-3% एसबीआर का 5% >2-3% एसबीआर का 5%

    >3-6% एसबीआर का 10% >3-6% एसबीआर का 10%

    >6-9% एसबीआर का 15% >6-9% एसबीआर का 15%

    >9-12% एसबीआर का 20% >9-12% एसबीआर का 20%

    >12-15% एसबीआर का 25% >12-15% एसबीआर का 25%

    2.

    2.2.

    2. एमएफ़आईएमएफ़आईएमएफ़आई

    एमएफ़आई

    मजंरू रािश क� 1

    मजंरू रािश क� 1मजंरू रािश क� 1

    मजंरू रािश क� 1%

    %%

    %

    मानक आधार दर (एसबीआर)

    मानक आधार दर (एसबीआर) मानक आधार दर (एसबीआर)

    मानक आधार दर (एसबीआर) ;

    ;;

    ;

    तथा

    तथातथा

    तथा

    ऋण �ेणीिनधा"रण

    ऋण �ेणीिनधा"रण ऋण �ेणीिनधा"रण

    ऋण �ेणीिनधा"रण /

    //

    /#ेड पर जोिखम

    #ेड पर जोिखम #ेड पर जोिखम

    #ेड पर जोिखम

    �ीिमयम

    �ीिमयम�ीिमयम

    �ीिमयम

    गारंटीकृत सिंवभाग म� एनपीए पर

    गारंटीकृत सिंवभाग म� एनपीए पर गारंटीकृत सिंवभाग म� एनपीए पर

    गारंटीकृत सिंवभाग म� एनपीए पर

    जोिखम �ीिमयम

    जोिखम �ीिमयमजोिखम �ीिमयम

    जोिखम �ीिमयम

    दावा भगुतान

    दावा भगुतानदावा भगुतान

    दावा भगुतान

    अनुपात पर जोिखम

    अनुपात पर जोिखम अनुपात पर जोिखम

    अनुपात पर जोिखम

    �ीिमयम

    �ीिमयम�ीिमयम

    �ीिमयम

    ऋण �ेणीिनधा"रण

    ऋण �ेणीिनधा"रणऋण �ेणीिनधा"रण

    ऋण �ेणीिनधा"रण/

    //

    /

    #ेड

    #ेड#ेड

    #ेड

    जोिखम �ीिमयम

    जोिखम �ीिमयमजोिखम �ीिमयम

    जोिखम �ीिमयम एनपीए �ितशत

    एनपीए �ितशत एनपीए �ितशत

    एनपीए �ितशत

    जोिखम �ीिमयम

    जोिखम �ीिमयमजोिखम �ीिमयम

    जोिखम �ीिमयम दावा भगुतान

    दावा भगुतान दावा भगुतान

    दावा भगुतान

    अनुपात

    अनुपातअनुपात

    अनुपात

    जोिखम

    जोिखम जोिखम

    जोिखम

    �ीिमयम

    �ीिमयम�ीिमयम

    �ीिमयम

    एमएफ़आर1/समक

    शू�य

    0-2%

    शू�य

    0-2%

    शू�य

    एमएफ़आर2/समक

    एसबीआर से

    ऊपर 15%

    >2-3%

    एसबीआर का

    5%

    >2-3%

    एसबीआर का

    5%

    एमएफ़आर3/समक

    एसबीआर से

    ऊपर 30%

    >3-6%

    एसबीआर का

    10%

    >3-6%

    एसबीआर का

    10%

    एमएफ़आर4/समक

    एसबीआर से

    ऊपर 40%

    >6-9%

    एसबीआर का

    15%

    >6-9%

    एसबीआर का

    15%

    एमएफ़आर5/समक

    एसबीआर से

    ऊपर 50%

    >9-12%

    एसबीआर का

    20%

    >9-12%

    एसबीआर का

    20%

    - -

    >12-15%

    एसबीआर का

    25%

    >12-15%

    एसबीआर का

    25%

    3.

    3.3.

    3. गरै गरै गरै

    गरै ब&'कग िव( कंपनी

    ब&'कग िव( कंपनी ब&'कग िव( कंपनी

    ब&'कग िव( कंपनी

    एनबीएफसी – एएफसीज एवं एलसीज

    मंजूर रािश क* 1

    मंजूर रािश क* 1मंजूर रािश क* 1

    मंजूर रािश क* 1%

    %%

    %

    मानक आधार दर (एसबीआर)

    मानक आधार दर (एसबीआर) मानक आधार दर (एसबीआर)

    मानक आधार दर (एसबीआर) ;

    ;;

    ;

    तथा

    तथातथा

    तथा

    ऋण �ेणीिनधा"रण

    ऋण �ेणीिनधा"रण ऋण �ेणीिनधा"रण

    ऋण �ेणीिनधा"रण /

    //

    /#ेड पर जोिखम

    #ेड पर जोिखम #ेड पर जोिखम

    #ेड पर जोिखम

    �ीिमयम

    �ीिमयम�ीिमयम

    �ीिमयम

    गारंटीकृत संिवभाग म� एनपीए पर

    गारंटीकृत संिवभाग म� एनपीए पर गारंटीकृत संिवभाग म� एनपीए पर

    गारंटीकृत संिवभाग म� एनपीए पर

    जोिखम �ीिमयम

    जोिखम �ीिमयमजोिखम �ीिमयम

    जोिखम �ीिमयम

    दावा भगुतान अनुपात पर जोिखम

    दावा भगुतान अनुपात पर जोिखम दावा भगुतान अनुपात पर जोिखम

    दावा भगुतान अनुपात पर जोिखम

    �ीिमयम

    �ीिमयम�ीिमयम

    �ीिमयम

    ेिडट रे�टग/

    �े�डग

    जोिखम �ीिमयम एनपीए �ितशत जोिखम �ीिमयम दावा भुगतान

    अनुपात

    जोिखम �ीिमयम

    एएए/ समतु�य शू�य 0-2% शू�य 0-2%

    एए/ समतु�य एसबीआर से ऊपर

    15%

    >2-3% एसबीआर का 5% >2-3% एसबीआर का 5%

  • 12 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(ii)]

    ए/ समतु�य एसबीआर से ऊपर

    30%

    >3-6% एसबीआर का 10% >3-6% एसबीआर का

    10%

    बीबीबी

    (+)/समतु�य

    एसबीआर से ऊपर

    40%

    >6-9% एसबीआर का 15% >6-9% एसबीआर का

    15%

    बीबी

    (-)/समतु�य

    एसबीआर से ऊपर

    50%

    >9-12% एसबीआर का 20% >9-12% एसबीआर का

    20%

    - - >12-15% एसबीआर का 25% >12-15% एसबीआर का

    25%

    4.

    4.4.

    4. O�ेीय WाO�ेीय WाO�ेीय Wा

    O�ेीय Wामीण बUक

    मीण बUक मीण बUक

    मीण बUक –

    ––

    जोिखम आधा रत गारंटी श+ुक घटक

    जोिखम आधा रत गारंटी श+ुक घटकजोिखम आधा रत गारंटी श+ुक घटक

    जोिखम आधा रत गारंटी श+ुक घटक

    मजंरू रािश क� 1

    मजंरू रािश क� 1मजंरू रािश क� 1

    मजंरू रािश क� 1%

    %%

    %

    मानक आधार दर (एसबीआर)

    मानक आधार दर (एसबीआर) मानक आधार दर (एसबीआर)

    मानक आधार दर (एसबीआर) ;

    ;;

    ;

    तथा

    तथातथा

    तथा

    गारंटीकृत सिंवभाग मI एनपीए पर जोिखम �ीिमयम

    गारंटीकृत सिंवभाग मI एनपीए पर जोिखम �ीिमयमगारंटीकृत सिंवभाग मI एनपीए पर जोिखम �ीिमयम

    गारंटीकृत सिंवभाग मI एनपीए पर जोिखम �ीिमयम

    दावा भुगतान अनुपात पर जोिखम �ीिमयम

    दावा भुगतान अनुपात पर जोिखम �ीिमयम दावा भुगतान अनुपात पर जोिखम �ीिमयम

    दावा भुगतान अनुपात पर जोिखम �ीिमयम

    एनपीए �ितशत

    एनपीए �ितशतएनपीए �ितशत

    एनपीए �ितशत

    जोिखम �ीिमयम

    जोिखम �ीिमयमजोिखम �ीिमयम

    जोिखम �ीिमयम

    दावा भुगतान अनुपात

    दावा भुगतान अनुपातदावा भुगतान अनुपात

    दावा भुगतान अनुपात

    जोिखम �ीिमयम

    जोिखम �ीिमयमजोिखम �ीिमयम

    जोिखम �ीिमयम

    0-2%

    शू=य

    0-2%

    शू=य

    >2-3% एसबीआर का 10% >2-3% एसबीआर का 10%

    >3-6% एसबीआर का 20% >3-6% एसबीआर का 20%

    >6-9% एसबीआर का 30% >6-9% एसबीआर का 30%

    >9-12% एसबीआर का 40% >9-12% एसबीआर का 40%

    >12-15% एसबीआर का 50% >12-15% एसबीआर का 50%

    5.

    5.5.

    5. सहकारी बUक सहकारी बUक सहकारी बUक

    सहकारी बUक –

    ––

    जोिखम आधा रत गारंटी श+ुक

    जोिखम आधा रत गारंटी श+ुकजोिखम आधा रत गारंटी श+ुक

    जोिखम आधा रत गारंटी श+ुक घटक

    घटक घटक

    घटक

    मजंरू रािश क� 1.00

    मजंरू रािश क� 1.00मजंरू रािश क� 1.00

    मजंरू रािश क� 1.00%

    %%

    %

    मानक आधार दर (एसबीआर)

    मानक आधार दर (एसबीआर) मानक आधार दर (एसबीआर)

    मानक आधार दर (एसबीआर) ;

    ;;

    ;

    तथा

    तथातथा

    तथा

    गारंटीकृत सिंवभाग मI एनपीए पर जोिखम �ीिमयम

    गारंटीकृत सिंवभाग मI एनपीए पर जोिखम �ीिमयमगारंटीकृत सिंवभाग मI एनपीए पर जोिखम �ीिमयम

    गारंटीकृत सिंवभाग मI एनपीए पर जोिखम �ीिमयम

    दावा भुगतान अनुपात पर जोिखम �ीिमयम

    दावा भुगतान अनुपात पर जोिखम �ीिमयम दावा भुगतान अनुपात पर जोिखम �ीिमयम

    दावा भुगतान अनुपात पर जोिखम �ीिमयम

    एनपीए �ितशत

    एनपीए �ितशतएनपीए �ितशत

    एनपीए �ितशत

    जोिखम �ीिमयम

    जोिखम �ीिमयमजोिखम �ीिमयम

    जोिखम �ीिमयम

    दावा भुगतान अनुपात

    दावा भुगतान अनुपातदावा भुगतान अनुपात

    दावा भुगतान अनुपात

    जोिखम �ीिमयम

    जोिखम �ीिमयमजोिखम �ीिमयम

    जोिखम �ीिमयम

    0-2%

    शू=य

    0-2%

    शू=य

    >2-3% एसबीआर का 10% >2-3% एसबीआर का 10%

    >3-6% एसबीआर का 20% >3-6% एसबीआर का 20%

    >6-9% एसबीआर का 30% >6-9% एसबीआर का 30%

    >9-12% एसबीआर का 40% >9-12% एसबीआर का 40%

    >12-15% एसबीआर का 50% >12-15% एसबीआर का 50%

    नोटः

    नोटःनोटः

    नोटः-

    --

    -

    � ितवष� सभी सद>य ऋणदा�ी स>ंथाJ (एमएलआई) क� गारंटी शु�क क� समीrा गत िवEीय वष� क�

    _ेिडट रेटग/gेडग/दावा भगुतान अनुपात के आधार पर क� जाएगी। तदनुसार, सभी नए मामल0 के संदभ�

    म( संशोिधत अhतन शु�क सरंचना लागू होगी।

    � कुल दावा भुगतान अनुपात क� उतम सीमा ारंिभक >वीकृत गारंटी सीमा का 15% होगा, ता�क सद>य

    ऋणदा�ी स>ंथाए ँलाभ0 का साि5यक िवतरण और सुदढ़ृ ऋण ब=धन सुिनिyत कर सक( ।

  • ¹Hkkx IIµ[k.M 3(ii)º Hkkjr dk jkti=k % vlk/kj.k 13

    ‘अिधलाभ दावा नहZ’ के िलए शु�क संरचना म( ो!साहन / [रयायत( अ=तLनिहत हG। हालां�क, ारंिभक वषu म(,

    जैसे �क 2-3 वषu म(, चूँ�क एनपीए/दावे का िववरण >थािपत नहZ �कया गया ह,ै अतः एनपीए के जोिखम

    ीिमयम/दावा भगुतान अनुपात क� गणना _ेिडट रेटग/gेडग के पैमाने के अनुOप क� जाएगी। >तािवत ीिमयम

    दर0/भार को बाजार क� ि>थितय0/काय�-णािलय0 / भारत सरकार क� सहायता के आधार पर बंधन सिमित #ारा

    बदला जा सकता ह।ै

    MINISTRY OF FINANCE

    (Department of Financial Services)

    NOTIFICATION

    New Delhi, the 18th April 2016

    S.O. 1443(E).—In pursuance of the approval of the Cabinet vide its minutes of the meeting dated

    6th January 2016, the Central Government hereby makes the following scheme for the purpose of providing

    guarantees to loans extended under Pradhan Mantri Mudra Yojana (PMMY).

    CHAPTER I

    INTRODUCTION

    1. Title and date of commencement

    i. The Scheme shall be known as the Credit Guarantee Fund for Micro Units (CGFMU).

    ii. It shall come into force from the date notified by the Government of India and micro loans sanctioned since 8

    th April, 2015 with features covered under the Scheme.

    iii. The broad objective of the Fund would be to guarantee loans up to the specified limit sanctioned by Banks / NBFCs / MFIs / other financial intermediaries engaged in providing credit facilities to eligible

    micro units.

    2. Definitions

    For the purposes of this Scheme –

    i. "Fund" means the Credit Guarantee Fund for Micro Units (CGFMU) set up by Government of India with the purpose of guaranteeing payment against default in micro loans extended to eligibl


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