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May 1-15 TERM EXAM.docxset B.pdfविशेषण शब्दों से फनी...

Date post: 15-Jul-2020
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May 1-15 माकयण िमा –( सकभमक ि मा , अकभमक ि मा ) आज हभ िमा की ऩरयबषा, िमा के बेद, कभम के आधाय ऩय िमा के बेद सकभमक िमा औय अकभमक िमा (Sakarmak Kriya or Akarmak Kriya), सकभमक िमा के बेद, सकभमक िमा की ऩहचान, अकभमक िमा की ऩहचान, यचना के आधाय ऩय िमा के बेद साभाम िमा, सॊम त िमा, नाभधात िमा, ेयणाथमक िमा, मकालरक िमा के फाये भ ऩगड़ेगे | िमा की ऩरयबषा जस शद से कसी कामम के कयने मा होने का फोध हो, उह िमा कहते ह | जैसे फचे खेर यहे ह। हा चर यही है। जरिमाॊ फात कय यही है। दादाजी अखफाय ऩ यहे है। धात - िमा का भ र ऩ धात कहराता है। धात के साथ नामम जोड़कय िमा का साभाम ऩ फनता है। जैसे लरख + ना = लरखना चर = चर+ ना = चरना = ऩ+ ना = ऩना िमा के बेद
Transcript
  • May 1-15

    व्माकयण क्रिमा – ( सकभमक क्रिमा, अकभमक क्रिमा )

    आज हभ क्रिमा की ऩरयबषा, क्रिमा के बेद, कभम के आधाय ऩय क्रिमा के बेद – सकभमक क्रिमा औय अकभमक क्रिमा (Sakarmak Kriya or Akarmak Kriya), सकभमक क्रिमा के बेद, सकभमक क्रिमा की ऩहचान, अकभमक क्रिमा की ऩहचान, यचना के आधाय ऩय क्रिमा के बेद – साभान्म क्रिमा, सॊमकु्त क्रिमा, नाभधात ुक्रिमा, प्रेयणाथमक क्रिमा, ऩरू्मकालरक क्रिमा के फाये भें ऩगड़गेे |

    क्रिमा की ऩरयबषा – जजस शब्द से क्रकसी कामम के कयन ेमा होने का फोध हो, उन्हें क्रिमा कहत ेहैं |

    जैसे – फच्च ेखेर यहे हैं। हर्ा चर यही है। जरिमाॊ फातें कय यही है। दादाजी अखफाय ऩढ़ यहे है।

    धात-ु क्रिमा का भरू रूऩ धात ुकहराता है। धात ुके साथ “ना” प्रत्मम जोड़कय क्रिमा का साभान्म रूऩ फनता है।

    जैसे – लरख + ना = लरखना चर = चर+ ना = चरना ऩढ़ = ऩढ़+ ना = ऩढ़ना

    क्रिमा के बेद

  • 1- कभम के आधाय ऩय 2- यचना के आधाय ऩय

    कभम के आधाय ऩय क्रिमा के बेद

    1. सकभमक क्रिमा (Sakarmak Kriya) 2. अकभमक क्रिमा (Akarmak Kriya)

    सकभमक क्रिमा (Sakarmak Kriya)

    जजस क्रिमा का पर कभम ऩय ऩड़ता है, उसे सकभमक क्रिमा कहत ेहैं।

    जैसे- बार्ना कहानी ऩड़ती है। भोहन पुटफॉर खेरता है। सकभमक क्रिमा की ऩहचान

    क्रिमा के साथ क्मा, क्रकसे, क्रकसको शब्द रगाकय प्रश्न कयने ऩय मदद उत्तय की प्राजतत होती है तो उसे सकभमक क्रिमा कहते हैं।

    जैसे- ऩलुरस ने चोय को ऩीटा। प्रश्न – क्रकसे/ क्रकसको को ऩीटा उत्तय – चोय (कभम)

    नेहा ऩरुतक ऩढ़ यही है। प्रश्न – क्मा, यही है? उत्तय – ऩरुतक( कभम)

    सकभमक क्रिमा के बेद (Sakarmak Kriya ke bhed) 1. एककभमक क्रिमा 2. द्वर्कभमक क्रिमा

  • 1. एककभमक क्रिमा – जजस क्रिमा का एक कभम हो, उसे एककभमक क्रिमा कहते हैं।

    जैसे – भोहन न ेसाइक्रकर चराई। प्रश्न – क्मा चराई? उत्तय – साइक्रकर (एककभम)

    2. द्विकभमक क्रिमा – जजस क्रिमा भें दो कभम हो उसे द्वर्कभमक क्रिमा कहत ेहैं।

    जैसे – नीयजा ने वर्रे्क को ऩरुतक दी।

    प्रश्न – क्मा दी? उत्तय – ऩरुतक (भखु्मकभम)

    प्रश्न – क्रकसको दी? उत्तय – वर्रे्क को दी (गौणकभम)

    अकभमक क्रिमा (Akarmak Kriya)

    जजस क्रिमा के साथ कभम नहीॊ होता है तथा क्रिमा का प्रबार् लसर्म कताम ऩय ऩड़ता है उसे अकभमक क्रिमा कहत ेहैं|

    अथामत – बफना कभम के → जजस क्रिमा का पर सीधा कताम ऩय ऩड़ता है उसे अकभमक क्रिमा कहत ेहैं

    जैसे – भभता हॊस यही है। फच्चा यो यहा है। याहुर उठ गमा।

  • अकभमक क्रिमा की ऩहचान

    क्रिमा से ऩहरे „क्मा‟, क्रकसे, क्रकसको शब्द रगाकय प्रश्न कयने ऩय मदद नहीॊ लभरता तो क्रिमा अकभमक होती है।

    → प्रश्न कयन ेऩय मदद उत्तय… “कताम” की प्राजतत होती है तो बी क्रिमा अकभमक होती है।

    जैसे- फच्चा सो गमा। प्रश्न – “क्मा” सो गमा। उत्तय – फच्चा( कताम)

    सॊयचना की दृष्टट से क्रिमा के बेद

    सॊयचना की दृजटट से क्रिमा के ननम्नलरखखत ऩाॊच बेद हैं। 1. साभान्म क्रिमा 2. सॊमकु्त क्रिमा 3. नाभधात ुक्रिमा 4. प्रेयणाथमक क्रिमा 5. ऩरू्मकालरक क्रिमा

    1. साभान्म क्रिमा – जजस र्ाक्म भें एक क्रिमा होती है उसे साभान्म क्रिमा कहत ेहैं। जैसे- सीता न ेयोटी खाई। याभ गमा।

    2. सॊमकु्त क्रिमा – जफ दो मा दो से अधधक क्रिमाएॉ लभरकय क्रकसी ऩणूम क्रिमा को फनाती हैं, तफ रे् सॊमकु्त क्रिमाएॉ कहराती हैं। जैसे- भाताजी न ेप्रसाद फाॊट ददमा। वऩताजी आ गए हैं।

  • 3. नाभधात ुक्रिमा – सॊऻा, सर्मनाभ औय वर्शषेण शब्दों से फनने र्ारी क्रिमाओॊ को नाभधात ुक्रिमा कहते हैं | जैसे- सॊऻा शब्दों से फनी क्रिमाएॊ- हाथ= हधथमाना राज= रजजमाना गाॊठ= गदठमाना

    सिमनाभ शब्दों से फनी क्रिमाएॊ- यॊग= यॊगना अऩना= अऩनाना विशषेण शब्दों से फनी क्रिमाएॊ- गभम= गभामना तोतरा = तुतराना

    4. प्रेयणाथमक क्रिमा – जहाॉ कताम कामम को रर्मॊ न कयके, क्रकसी दसूये से कयर्ाता है, र्हाॉ प्रयेणाथमक क्रिमा होती है | जैसे – भारक्रकन नौकयानी से फतमन साप कयर्ाती है। पे्रयणाथमक क्रिमा के दो रूऩ हैं। 1. प्रथभ प्रेयणाथमक 2. द्वर्तीम प्रेयणाथमक

    1. प्रथभ प्रेयणाथमक – जफ कताम रर्मॊ प्रयेक फनकय अन्म क्रकसी को कामम कयने की पे्रयणा देता है उसे प्रथभ पे्रयणाथमक क्रिमा कहत ेहैं। जैसे – भैं आऩको कहानी सनुाऊॊ गी।

    2. द्वितीम प्रयेणाथमक – जफ कताम रर्मॊ कामम भें सजम्भलरत न होकय अन्म क्रकसी से कामम कयर्ाता है उसे द्वर्तीम पे्रयणाथमक कहत ेहैं। जैसे – भाताजी नौकय से सपाई कयिाती है। र्ह अध्माऩक से फेटी को गीता ऩढ़िाता है।

  • 5. ऩिूमकालरक क्रिमा ( Purvakalik Kriya ) → क्रकसी बी र्ाक्म भें भखु्म क्रिमा से ऩहरे र्ारी क्रिमा ऩरू्मकालरक क्रिमा कहराती है | जैसे – भकेुश खाना खाकय सो गमा | अननर ऩढ़कय खेरने रगा | क्रिमा औय बेद केर्र ऩढे़ औय सभझ।े

    अभ्मास 2

  • प्रश्न 4

  • प्रश्न 5

    अभ्मास 2 प्रश्न 1 से 5 व्माकयण कॉऩी भें कयो।

  • प्रश्न प्रधानाचामम को दो ददन के अर्काश के लरए प्राथमना ऩि लरखो। (मे ऩि आऩ व्माकयण कॉऩी भें कयो। औऩचारयक ऩि का प्रारूऩ बी कॉऩी भें लरखना है।

  • अऩदठत काव्माॊश प्र0 ननम्नलरखखत काव्माॊश ऩढ़ो औय ऩछेू गमे प्रश्नो के उत्तय व्माकयण कॉऩी भें लरखो।

  • May 16-31 ऩाठ 3 दहभारम की फेदटमाॉ

    Question 1:

    नददमों को भाॉ भानने की ऩयॊऩया हभाये महाॉ कार्ी ऩुयानी है। रेक्रकन रेखक नागाजुमन उन्हें औय क्रकन रूऩों भें देखते हैं ? Answer:

    रेखक नददमों को भाॉ भानने की ऩयऩॊया से ऩहरे इन नददमों को रिी के सबी रूऩों भें देखता है जजसभें र्ो उसे फेटी के सभान प्रतीत होती है। इसलरए तो रेखक नददमों को दहभारम की फेटी कहता है। कबी र्ह इन्हें प्रेमसी की बाॊनत प्रेभभमी कहता है, जजस तयह से एक प्रेमसी अऩने वप्रमतभ से लभरने के लरए आतुय है उसी तयह मे नददमाॉ सागय से लभरने को आतुय होती हैं, तो कबी रेखक को उसभें भभता के रर्रूऩ भें फहन के सभान प्रतीत होती है जजसके सम्भान भें र्ो हभेशा हाथ जोड़े शीश झुकाए खड़ा यहता है।

    Question 2:

    लसॊधु औय ब्रह्भऩुि की क्मा वर्शेषताएॉ फताई गई हैं ? Answer:

    इनकी वर्शेषताएॉ इस प्रकाय है:- (i) लसॊधु औय ब्रह्भऩुि मे दोनों ही भहानदी हैं। (ii) इन दोनों भहानददमों भें सायी नददमों का सॊगभ होता है। (iii) मे बौगोलरक र् प्राकृनतक दृजटट से फहुत भहत्र्ऩूणम नददमाॉ हैं। मे डेल्टापाभम कयने के लरए, भत्सम ऩारन, चार्र की पसर र् जर स्रोत का उत्तभ साधन है। (iv) मे दोनों ही ऩौयाखणक नददमों के रूऩ भें वर्शेष ऩूज्मनीम र् भहत्र्ऩूणम हैं।

    Question 3:

    काका कारेरकय ने नददमों को रोकभाता क्मों कहा है ? Answer:

    नददमों को रोकभाता कहने के ऩीछे काका कारेरकय का नददमों के प्रनत सम्भान है। क्मोंक्रक मे नददमाॉ हभाया आयजम्बक कार से ही भाॉ की बाॊनत

  • बयण-ऩोषण कयती आ यही है। मे हभें ऩीने के लरए ऩानी देती है तो दसूयी तयप इसके द्र्ाया राई गई ऊऩजाऊ लभट्टी खेती के लरए फहुत उऩमोगी होती है। मे भछरी ऩारन भें बी फहुत उऩमोगी है अथामत ् मे नददमाॉ सददमों से हभायी जीवर्का का साधन यही है। दहन्द ूधभम भें तो मे नददमाॉ ऩौयाखणक आधाय ऩय बी वर्शेष ऩूजनीम है। दहन्द ुधभम भें तो जीर्न की अजन्तभ मािा बी इन्हीॊ से लभरकय सभातत हो जाती है। इसलरए मे हभाये लरए भाता के सभान है जो सफका कल्माण ही कयती है।

    Question 4:

    दहभारम की मािा भें रेखक ने क्रकन-क्रकन की प्रशॊसा की है ? Answer:

    रेखक ने दहभारम मािा भें ननम्नलरखखत की प्रशॊसा की है – (i) दहभारम की अनुऩभ छटाॊ की। (ii) दहभारम से ननकरे र्ारी नददमों की अठखेलरमों की। (iii) उसकी फयर् से ढकी ऩहाड़ड़मों की सुदॊयता की। (iv) ऩेड़-ऩौधों से बयी घादटमों की। (v) देर्दाय, चीड़, सयो, धचनाय, सपैदा, कैर से बये जॊगरों की।

    Question 2:

    ननजीर् र्रतुओॊ को भानर्-सॊफॊधी नाभ देने से ननजीर् र्रतुएॉ बी भानो जीवर्त हो उठती हैं। रेखक ने इस ऩाठ भें कई रथानों ऩय ऐसे प्रमोग क्रकए हैं, जैसे- (क) ऩयॊतु इस फाय जफ भैं दहभारम के कॊ धे ऩय चढ़ा तो रे् कुछ औय रूऩ भें साभने थीॊ। (ख) काका कारेरकय ने नददमों को रोकभाता कहा है। • ऩाठ से इसी तयह के औय उदाहयण ढूॉ दढ़ए।

    Answer:

    (i) सॊभ्ाॊत भदहरा की बाॉनत र्े प्रतीत होती थीॊ।

    (ii) जजतना की इन फेदटमों की फार रीरा देखकय।

  • (iii) फढेू़ दहभारम की गोद भें फजच्चमाॉ फनकय मे कैसे खेर कयती हैं।

    (iv) दहभारम को ससयु औय सभदु्र को दाभाद कहने भें कुछ बी खझझक नहीॊ होती है।

    Question 3:

    वऩछरी कऺा भें आऩ वर्शेषण औय उसके बेदों से ऩरयचम प्रातत कय चुके हैं। नीचे ददए गए वर्शेषण औय वर्शेटम (सॊऻा) का लभरान कीजजए-

    ऩाठ 4 कठऩुतरी

    Question 1:

    कठऩुतरी को गुरसा क्मों आमा? Answer:

    कठऩुतरी को गुरसा इसलरए आमा क्मोंक्रक र्ो धागे भें फॊधी हुई ऩयाधीन है औय र्ह रर्तॊिता की इच्छा यखती है।

    Question 2:

    कठऩुतरी को अऩने ऩाॉर्ों ऩय खड़ी होने की इच्छा है, रेक्रकन र्ह क्मों नहीॊ खड़ी होती? Answer:

    कठऩुतरी को अऩने ऩाॉर्ों ऩय खड़ी होने की इच्छा है रेक्रकन र्ह खड़ी नहीॊ होती कमोंक्रक र्ह धागे से फॊधी हुई होती है, उसके अन्दय रर्तॊिता के लरए रड़ने की ऺभता नहीॊ है औय अऩने ऩैयो ऩय खड़े होने की शजक्त बी नहीॊ है।

    Question 3:

    ऩहरी कठऩुतरी की फात दसूयी कठऩुतलरमों को क्मों अच्छी रगी ? Answer:

  • ऩहरी कठऩुतरी की फात दसूयी कठऩुतलरमों को अच्छी रगी क्मोंक्रक ऩहरी कठऩुतरी रर्तॊि होने की फात कय यही थी औय दसूयी कठऩुतलरमाॉ बी फॊधन से भुक्त होकय आजाद होना चाहती थीॊ।

    Question 4:

    ऩहरी कठऩुतरी ने रर्मॊ कहा क्रक-‘मे धागे/क्मों हैं भेये ऩीछे-आगे?/इन्हें तोड़ दो;/भुझे भेये ऩाॉर्ों ऩय छोड़ दो।’-तो क्रपय र्ह धचॊनतत क्मों हुई क्रक-‘मे कैसी इच्छा/भेये भन भें जगी?’ नीचे ददए र्ाक्मों की सहामता से अऩने वर्चाय व्मक्त कीजजए- •उसे दसूयी कठऩुतलरमों की जजम्भेदायी भहसूस होने रगी। •उसे शीघ्र रर्तॊि होने की धचॊता होने रगी। •र्ह रर्तॊिता की इच्छा को साकाय कयने औय रर्तॊिता को हभेशा फनाए यखने के उऩाम सोचने रगी। •र्ह डय गई, क्मोंक्रक उसकी उम्र कभ थी। Answer:

    ऩहरी कठऩुतरी ने अऩनी इच्छा तो व्मक्त कय दी क्रक भुझे रर्तॊि होना है। रेक्रकन फाद भें उसे अऩनी जजम्भेदायी भहसूस होती है क्रक रर्तॊि होने की ऺभता उसभें नहीॊ है। अकेरे रर्तॊि होना एक अरग फात है तथा दसूयों को बी रर्तॊि कयर्ाना एक अरग फात है। उसे रगा उसकी उम्र अबी इतनी नहीॊ है क्रक र्ो सफकी जजम्भेदायी उठा सके।

    Question 1:

    ‘फहुत ददन हुए / हभें अऩने भन के छॊ द छुए।’- इस ऩॊजक्त का अथम औय क्मा हो सकता है? अगरे ऩटृठ ऩय ददए हुए र्ाक्मों की सहामता से सोधचए औय अथम लरखखए- (क) फहुत ददन हो गए, भन भें कोई उभॊग नहीॊ आई। (ख) फहुत ददन हो गए, भन के बीतय कवर्ता-सी कोई फात नहीॊ उठी, जजसभें छॊ द हो, रम हो। (ग) फहुत ददन हो गए, गाने-गुनगुनाने का भन नहीॊ हुआ। (घ) फहुत ददन हो गए, भन का दखु दयू नहीॊ हुआ औय न भन भें खुशी आई।

  • Answer:

    भन के छॊ द से महाॉ तात्ऩमम भन की खुशी से है। अथामत ्महाॉ कठऩुतलरमाॉ कहती हैं क्रक फहुत ददनों से हभने अऩनी भजी से अऩनी खुशी के लरए कुछ नहीॊ क्रकमा। इसी कायण से हभाये भन की इच्छाएॉ खत्भ हो गई हैं, हभाये भन का दखु दयू नहीॊ हुआ।

  • र्सॊत ऩाठ 3 औय 4 के प्रश्न उत्तय र्सॊत कॉऩी भें कयो।

    भहाबायत

    देर्व्रत ऩाठ से ऩाॊडर्ो की यऺा ऩाठ तक ऩढ़ो। 1 गनतवर्धध (activity) क्रकसी ऩर्मतीम रथर का सधचि र्णमन आठ - दस र्ाक्मों भें र्सॊत कॉऩी भें लरखो। 2 दहॊदी करेंडय के अनुसाय भहीनो के नाभ र्सॊत कॉऩी भें लरखो। 3 ‘कोयोना राक्डाउन फढ़ने से आऩ खुश हैं मा दु् खी’ 30-40 शब्दों भें अऩने वर्चाय लरखो।


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