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PANKAJ - Hindi Pracharini Sabha · 14 vkt fgUnh ftl Hkk"kk&lewg dk uke gS] mldk çkphure :i...

Date post: 17-Aug-2020
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PANKAJ PANKAJ MAGAZINE Publisher HINDI PRACHARINI SABHA Hindi Bhawan- Long Mountain Mauritius Phone/Fax: 2452112 Email [email protected] Website hindipracharinisabha.com PRESS FAMOUS PRINTING CO. LTD Calebasses-Pamplemousses MAURITIUS Phone: 2431025 ISSUE: 54 YEAR: 30 AUGUST 2018 ISSN: 1694-3503 आज की युवा पीढ़ी और हहदी भाषा विज़यरड भ हहॊदी डॉ. मोतत शभमा 52 27. विि भ हहॊदी कम चमयसमय ो. दीऩ कु . सस ॊह 57 28. विि हहॊदी सभेरन ........ ी ग. सुखरमर 60
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  • PANKAJ

    PANKAJ MAGAZINE

    Publisher HINDI PRACHARINI SABHA

    Hindi Bhawan- Long Mountain Mauritius

    Phone/Fax: 2452112

    Email

    [email protected]

    Website

    hindipracharinisabha.com

    PRESS

    FAMOUS PRINTING CO. LTD

    Calebasses-Pamplemousses

    MAURITIUS

    Phone: 2431025

    ISSUE: 54 YEAR: 30 AUGUST 2018 ISSN: 1694-3503

    आज की यवुा पीढ़ी और हहिंदी भाषा

    स्विट्ज़यरैंड भें हहॊदी डॉ. ज्मोतत शभमा 52

    27. विश्ि भें हहॊदी कम प्रचमयप्रसमय प्रो. प्रदीऩ कु. सस ॊह 57

    28. विश्ि हहॊदी सम्भेरन ........ श्री ग. सखुरमर 60

    mailto:[email protected]

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    सन्दशे

    मुझे यह जानकार हार्ददक प्रसन्नता हो रही है कक हहदी प्रचाररणी सभा ११वें ववश्व हहदी

    सम्मेलन के भहत्त्िऩूणा ऄवसर पर 'पंकज' पविका का प्रकाशन करने जा रही ह।ै भाषाइ संरक्षण,संवधधन व प्रचार-प्रसार के के्षि में हहदी प्रचाररणी सभा का गौरवशाली आवतहास रहा

    ह ै। सभा‘ भाषा गयी तो संस्कृवत गयी’ के धेय वाक्य के द्वारा ववश्व हहदी समुदाय को मनन

    करने के वलए बाध्य करनेवाली एक ऄनूठी संस्था रही ह।ै ऄपने भहत्त्िऩूणा प्रकाशनों तथा ऄन्य शैवक्षक व शैक्षवणक गवतवववधयों द्वारा सभा ने हहदी को वैवश्वक पहचान कदलाने में भी भहत्त्िऩूणा भूवमका वनभाइ ह।ै

    भूमंडलीकरण तथा सूचना प्रौद्योवगकी की ऄनंत संभावनाओं के बीच हहदी की बढ़ रही लोकवप्रयता व ईपादेयता

    ईसके सुखद भववष्य का ईद्घोष कर रही ह।ै 'पंकज' हहदी प्रचाररणी सभा की शैवक्षक व शैक्षवणक ईपलवधधयों का

    एक जीवंत दस्तावेज़ ह।ै ११वें ववश्व हहदी सम्मेलन के ऄवसर पर प्रकावशत पविका का यह ववशेष ऄंक ऄवश्य

    मील का पत्थर सावबत होगा, ऐसा मेरा ववश्वास ह।ै

    मैं 'पंकज' के सम्पादक मंडल को ईनके आस भगीरथ प्रयास के वलए हृदय की ऄतल गहराआयों से बधाइ देता हूँ और

    अशा करता हूँ कक अनेवाले वषों में सभा हहदी के वैवश्वक ईत्थान की कदशा में सतत प्रयत्नशील रहगेी और भाषाइ

    संस्कृवत की संवावहका बन, हहदी जगत को नयी कदशा प्रदान करेगी।

    प्रो. ववनोद कुमार वमश्र

    महासवचव

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    सॊदेश भॉयीशस भें आमोस्ित ११िें विश्ि हहॊदी सम्भेरन के अिसय ऩय हहॊदी प्रचमरयणी सबम को इस विशेष प्रकमशन के सरए फधमई देने हेतु दो शब्द सरखते हुए भझेु खुशी हो यही है।

    रोंग भमऊॉ टेन स्वथत हहॊदी प्रचमरयणी सबम की आधमय-बूसभ एक िहृद समॊवकृततक धयोहय ऩय यखी गई है तथम मह सॊवथम गत ९० िषों से अऩने उद्देश्म के प्रतत अडडग तनष्ठम के समथ अनियत कममायत यही है। मह उऩरस्ब्ध हय दृस्ष्ट से श्रमघ्म है। भॉयीशस भें हहॊदी की विकमस-ममत्रम के हय ऩड़मि ऩय

    भीर कम ऩत्थय कहरमने िमरी प्रत्मेक गततविधध भें हहॊदी प्रचमरयणी सबम की सक्रिम बूसभकम यही है।

    बमषम के प्रतत असीभ तनष्ठम यखनेिमरे हहॊदी-सेविमों द्िमयम सॊचमसरत इस सॊवथम कम, विशेष रूऩ से मिुकों के भध्म बमषम के प्रतत रगमि के ऩोषक के रूऩ भें,भॉयीशस भें हहॊदी-सशऺण की प्रक्रिमम को अविस्छिन्न फनमए यखने भें विशेष मोगदमन यहम है।

    इस दृस्ष्ट से भैं मह आशम यखती हूॉ क्रक सबम द्िमयम भमध्मसभक ऩमठशमरमओॊ भें ऩढ़ने िमरे मिुकों को ‘हहॊदी समहहत्म’के अध्ममन के प्रतत अधधक प्रोत्समहहत क्रकमम िमए। ऐसम आबमस होतम है क्रक मह विषम िमत्रों को कभ ही आकवषात कय यहम है। मह दबुमाग्मऩणूा है क्मोंक्रक नौििमनों के सरए शब्दों के सूक्ष्भ अथों की अछिी ऩकड़ आिश्मक है। अहितीय िहटरतमओॊ िमरे इस मगु भें उनकी अनबुूततमों के विवतमय को प्रततबफस्म्फत कय ऩमने के सरए, बमषम ऩय उनके अधधकमय को समधमयण से विसशष्ट तक की ममत्रम कयनी होगी। इसके सरए अछिे समहहत्म के ऩठन से फेहतय कोई भमध्मभ नहीॊ है।

    हहॊदी प्रचमरयणी सबम द्िमयम प्रकमसशत ‘ऩॊकि’ ने हहॊदी औय उसके प्रमोक्तमओॊ के विकमस के सरए एक वथमई भॊच प्रदमन क्रकमम है । भझेु विश्िमस है क्रक ऩॊकि द्िमयम नई ऩीढ़ी को हहॊदी भें सिृनमत्भक रेखन के सरए प्रोत्समहहत क्रकमम िम सकतम है। सरखने के सरए ऩढ़नम आिश्मक है औय भुझे इस फमत की विशेष प्रसन्नतम है क्रक इस सॊदेश के भमध्मभ से भैं मिुकों से मह अनयुोध कय ऩम यही हूॉ क्रक िे अछिम हहॊदी समहहत्म ऩढ़ें औय रेखन की ओय प्रितृ्त होने कम प्रममस कयें।

    आि िफ हभ ग्ममयहिें विश्ि हहॊदी सम्भरेन कम विमगत कयने के सरए तैममय हो यहे हैं, भॉयीशस को इस फमत कम गिा है क्रक मह सम्भेरन इस भमटी ऩय आमोस्ित हो यहम है, िहमॉ हहॊदी की िड़ें फहुत भज़फतू हैं। िहमॉ हहॊदी प्रचमरयणी सबम ने अन्म अग्रणी सॊवथमओॊ एिॊ व्मस्क्तमों के समथ सभरकय हहॊदी के दीऩ को िरमए यखम है । इस रौ को केिर िरमते नहीॊ यहनम है अवऩत ुइसके प्रकमश को विवतमय देनम है तमक्रक भॉयीशस रेखकों कम एक नमम सभहू, प्रततबमओॊ की एक नई ऩीढ़ी विश्ि के समभने प्रवतुत कय सके; स्िसने हहॊदी को अऩनी करमत्भक असबव्मस्क्त की बमषम फनमई हो।

    भुझे ऩयूम विश्िमस है क्रक भॉयीशस, क्रििी एिॊ बमयत के रेखकों के करमत्भक ि िचैमरयक मोगदमन से प्रकमसशत ऩॊकि के इस अॊक को हहॊदी पे्रभी फहुत सम्भमन के समथ अऩनमएॉगे ।

    प्रमथानम है क्रक हहॊदी प्रचमरयणी सबम आगमभी सौ िषों औय उससे बी आगे तक इसी तनष्ठम के समथ हहॊदी के सरए कममायत यहे।

    श्रीभती सूमाकमस्न्त नयससभरू-गमममन भहमतनदेसशकम,

    भहमत्भम गमॊधी सॊवथमन ि यिीॊद्रनमथ ठमकुय सॊवथमन, भॉयीशस

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    Email: [email protected]

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    हैEmail: [email protected]

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    सत्मदेि प्रीतभ िी सभमि-सेिी है⃓ं हहॊदी ि बोिऩयुी कम प्रचमय कयते है⃓ं आऩ बोिऩयुी तथम हहॊदी भें येडडमो- टी.िी. प्रोग्रमभ-'चरो गमॉि घूभें' प्रवतुत कयते हैं, स्िसभें देश की ऐततहमससक झमॉक्रकममॉ दशमामी िमती हैं। आऩ आमा सबम के भॊत्री हैं। Email: [email protected]

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    “आददभ पे्रभी”

    भेये आहदभ पे्रभी, भैं हभेशम ही तुम्हमये सरए तनयमकमय,गीरी सभट्टी फनी यही, औय तुभ फने यहे कुम्बकमय... भुझसे, भुझभें ही गढ़ते यहे तुभ तभमभ भौसभ...

    कबी फसॊत सम सिम हदमम, कबी ऩतझड़ सम उिमड़ फैठे | कबी पूरों सम भहकम हदमम, तो कबी समये यॊग चुयम फैठे |

    कबी धचडड़मम फन भैं समयम आकमश नमऩ गई, कबी तुम्हमयम ही फीि फन तुभभें सभमॊ गई | तुम्हमयी घूभती धुयी ने भुझे असबव्मस्क्त दी,

    औय तुभने हदमम सघन अनुयमग | तुम्हमये हमथों के फीच घूभते हुए भैं,

    सफसे ऩहरे... एक दीमम फन िमनम चमहती थी |

    िो तुभको यौशन कय ऩमतम, िीिन के...

    िहटर, गहये, अॉधेये, दौय भें बी

    भुवकमतम हुआ िरतम यहतम तुम्हमये सरए | ऩय बरम भमटी की बी कोई िफमन हुआ कयती है

    क्मम ? सो...

    न भैं तुभको हमरे हदर सभझम ऩमई, औय तुभ तो थे ही तनये कुम्बकमय

    तुभ मे कैसे भहसूसते क्रक, तुभसे अरगमए िमते ही भैं टूट बी तो सकती थी...

    तुभने तो... सौंऩ हदमम भेयम तयमशम हुआ रूऩ

    क्रकसी औय के हिमरे | औय अऩने सरए क्रपय से रे

    आए... नई, तमिी

    गीरी सभट्टी...||

    कल्पना हसह

    शोधाथी (पी.एच.डी.)

    ज. नहेरु ववश्वववद्यालय,

    नइ कदल्ली

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    इततहमस समऺी है क्रक भॉरयशस भें हहन्दी-सशऺण, फठैकमओॊ के प्रमॊगन से तनकरकय विश्िविद्ममरमीम वतय ऩय ऩहुॉच गमम है | सन१्९७३ भें समॊसद भोहन प्रसमद शभमा िगदम्फी कम प्रवतमि स्िससे क्रक भमध्मसभक वकूरों भें बी हहन्दी कम अध्ममऩन हो, विधमन सबम ने विीकमय क्रकमम | उसी िषा हभमये यमष्रवऩतम सय सशिसमगय यमभगरुमभ, िो तत्कमरीन प्रधमन भन्त्री थे, ने घोवषत क्रकमम क्रक यमष्रीम भमध्मसभक वकूरों भें हहन्दी की ऩढ़मई कम श्रीगणेश हो | क्रपय क्मम ? तफ से हहन्दी के ऩठन-ऩमठन भें गततशीरतम आने रगी |

    प्रमथसभक सशऺम को ऩयूम कयने के फमद िफ िमत्र भमध्मसभक विद्ममरम भें प्रिेश कयतम है तो पॉभा १ (गे्रड ७) भें िह दमखखरम रेतम है ऩयन्तु प्रमथसभक वकूरों की तुरनम भें िहमॉ ऩय िमत्र प्रततहदन रगबग ऩचमस सभनट हहन्दी ऩढ़तम है िहीीँ भमध्मसभक वकूरों भें स्वथतत मह है क्रक सप्तमह भें पॉभा १ के िमत्रों के सरए भमत्र डेढ़ घण्टम तनधमारयत क्रकमम गमम है | पॉभा ३ तक के िमत्रों के सरए बी मही सभममिधध तनधमारयत है| इसकम कमयण मह है क्रक प्रमथसभक वकूरों की तुरनम भें भमध्मसभक विद्ममरमों भें अधधक विषमों कम ऩठन-ऩमठन होतम है | क्रपय बी हहन्दी कम ऩमठ्मिभ इस तयह से तनधमारयत क्रकमम गमम है क्रक िमत्रों कम बमवषक तथम फौद्धधक विकमस सॊबि हो सके | सशऺम एक फहुभुखी प्रक्रिमम है स्िसभें एक तयि सशऺक, दसूयी तयि सशऺमथी होतम है औय तीसये ध्रुि ऩय ऩमठ्मिभ को यखम गमम है | इसभें कोई सॊदेह नहीॊ है क्रक उधचत ऩमठ्मिभ के बफनम सशऺण अधयूम यह िमतम है | िमत्रों के सरए सस्म्भसरत ऩमठों भें विविधतम रमने हेत ुकवितम, रेख, सॊिमद, कहमनी आहद कई विधमओॊ कम बी सभमिेश क्रकमम गमम है | उल्रेखनीम विषमों कम चमन िमत्रों की रूधच, ऺभतमओॊ तथम आम ुको ध्ममन भें यखत ेहुए तैममय क्रकमम गमम है | इस दृस्ष्ट से हभमये अध्ममऩक फॊधुओॊ की विशषे बूसभकम की उऩेऺम नहीॊ की िम सकती | िमत्रों के श्रिण, िमचन, ऩठन औय रेखन िैसी आधमयबतू बमषमई कुशरतमओॊ को विकससत कयने हेत ु िे ऩयूम प्रममस कयते हैं | अध्ममऩक को िमत्रों की भनोिवृत्त, रूधच,

    िमैस्क्तक विसबन्नतमओॊ आहद कम ऩममाप्त ऻमन यखनम ऩड़तम है | हभमये अध्ममऩक फमर-भनोविऻमन कम ऩममाप्त ऻमन बी यखते हैं | कऺम भें िे शुद्ध उछचमयण, सरवऩ कम ऩिूा ऻमन, िमत्रों के सरए श्रुततरेख , सरखखत कममों के सुधमय , िमत्रों की सरखमिट के सॊशोधन , गरततमों के िगीकयण, िमत्रों के कममों ऩय िमैस्क्तक ध्ममन आहद बफ ॊदओुॊ ऩय फर देते हैं | हहन्दी सशऺण कम एक औय रक्ष्म िमत्रों के नतैतक भलू्मों कम विकमस कयमनम है | ऩढ़ने-सरखने के समथ-समथ िे अऩनी समॊवकृततक सम्ऩदम ि ऩयम्ऩयमगत भूल्मों से अिगत हों स्िससे क्रक उनकम चमरयबत्रक तनभमाण हो औय कमरमन्तय िे देश के अछिे नमगरयक फनें; इस हदशम ऩय बी ध्ममन हदमम िमतम है|

    उल्रेखनीम फमत मह है क्रक हहन्दी-सशऺण भें ऩमठ्मिभेत्तय गततविधधमों भें बी िमत्रों को प्रितृ्त क्रकमम िमतम है | उदमहयणविरूऩ समर भें ऩवुतक हदिस, ऩममाियण हदिस आहद से सम्फस्न्धत अनेक गततविधधममॉ होती यहती हैं | मह फमत तिऩी नहीॊ है क्रक ऩवुतक हदिस िो अॊतययमष्रीम वतय ऩय भनममम िमतम है, उससे िुड़ीॊ कऺमगत प्रततमोधगतमएॉ एक सप्तमह तक चरती हैं स्िसके दौयमन िमत्र-िमत्रमएॉ कवितम-ऩमठ, तनफन्ध रेखन मम श्रुततरेख आहद भें रूधच हदखमते हैं | फड़ी कऺमओॊ के िमत्र-िमत्रमएॉ हहन्दी भें बमषण-प्रततमोधगतम के द्िमयम अऩनी वप्रम ऩवुतक,कवितम मम वप्रम यचनमकमय ऩय अऩनम विचमय व्मक्त कयते हैं | हहन्दी विबमग से िुड़े अध्ममऩक ,प्रततमोधगतम भें आए शे्रष्ठ िमत्रों को सम्भमतनत बी कयते हैं | इसी तयह से सशऺम-भॊत्रमरम, हहन्दी प्रचमरयणी सबम, आमा सबम तथम अन्म सॊगठनों द्िमयम सभम-सभम ऩय रेखन तथम िमचन प्रततमोधगतम कम आमोिन क्रकमम िमतम है | इस ऺेत्र भें बमयत सयकमय कम बी मोगदमन प्रमप्त होतम है |

    मगु औय कमर के अनसुमय, िीिन की आिश्मकतमएॉ फदरती यहती हैं औय महद सशऺण भें ऩरयितान की सम्बमिनम नहीॊ होती तो िह सिाथम अनऩुमोगी औय अप्रमसॊधगक फनकय यह िमती | नमइन मय वकूरीॊग (Nine Year Schooling) के अॊतगात भमध्मसभक वतय ऩय हहन्दी

    भॉयीशस भें भाध्ममभक स्तय ऩय दहन्दी मशऺण - रेखयमिससॊह ऩॊडोही

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    सशऺण भें इस िषा से ऩरयितान दृस्ष्टगत होने रगम है | एक यमष्रीम ऩमठ्मिभ के ढमॉचे की नीॊि को बी तैममय क्रकमम गमम है | गे्रड ७ के िमत्रों के सरए नमी ऩमठ्मऩवुतक तनधमारयत है | मह ऩमयॊऩरयक बमषम-सशऺण की सीभम से हटकय िमत्रों के व्मस्क्तत्ि के सिमांगीण विकमस औय बमषमई कौशर तथम ऺभतम के विकमस भें तनस्श्चत रूऩ से एक भहत्त्िऩणूा बूसभकम तनबम यही है | मह ऩमठ्मऩवुतक, िमत्र-िमत्रमओॊ भें विचमय-विभशा की ऺभतम, समभमस्िक ऩरयिेश, स्िऻमसम एिॊ नतैतक भूल्मों के विकमस को बी नमम आममभ देकय हहन्दी बमषम-सशऺण की हदशम भें मगुमन्तकमयी ससद्ध हो यही है | चधचात ऩमठ्म ऩवुतक के विषमों कम चमन, िमत्रों की रूधच, ऺभतम तथम आम ु के अनरुूऩ क्रकमम गमम है | समथ ही समथ मह ऩमठ्मऩवुतक िमत्रों के िीिन-भूल्मों औय यचनमत्भक क्रिममओॊ को प्रोत्समहहत कयने के उद्देश्म से बी सरखी गमी है | विषमों भें विविधतम तथम योचकतम रमने के सरए कवितम, रेख, सॊिमद, कहमनी, एकमॊकी आहद कई विधमओॊ कम सभमिेश क्रकमम गमम है |

    समहहस्त्मक विधमओॊ के रूऩ भें ऩमठ यखने कम भरू प्रमोिन मह यहम है क्रक िमत्र िहमॉ समहहस्त्मक विशेषतमओॊ से ऩरयधचत हो सकें गे, िहमॉ उनभें सिृनशीरतम के प्रतत रुझमन औय उत्सुकतम बी उत्ऩन्न हो | विसबन्न ऩमठों की यचनम भें हितीय बमषम-सशऺण के ससद्धमन्तों एिॊ सशऺण-अधधगभ प्रक्रिममओॊ को बी ध्ममन भें यखम गमम है | ' सशऺण-सॊकेत ' कम उल्रेख, सशऺण-अधधगभ प्रक्रिममओॊ की सुगभतम एिॊ सशऺण-मोिनम की सहममतम के सरए क्रकए गए हैं | िमत्रों की रूधच को फढ़मिम देने के सरए म-ूटूफ (Youtube) से सॊफस्न्धत िीडडमो के फमये भें बी ऩयूी सचूनम दी गमी है स्िससे क्रक िमत्र अऩने ऻमन को फढ़म सके | सॊऻम, िचन, कमयक आहद बमषमगत ऩहरुओॊ के अधधक सुगभतमऩिूाक प्रवतुततकयण से ऩमठ अधधक ग्रमह्म होतम है | अनिुमद औय तमसरकम से सॊफस्न्धत प्रश्नों के अन्तगात शब्दों के समथ खेरते हुए िमत्र अधधक उत्सकुतमऩिूाक ऻमन अस्िात कयत ेहैं| इस भें कोई अऩिमद नहीॊ क्रक हहन्दी बमषम भें कुि अॊगे्रिी, उदूा, पमयसी आहद के शब्दों कम बी प्रमोग

    होने रग गमम है| इन शब्दों कम हहन्दी भें भमनकीकयण हो चुकम है |

    हभें कदमधचत इस फमत को नहीॊ बूरनम चमहहए क्रक आिकर विश्िव्ममऩीकयण कम दौय चर यहम है| इस प्रक्रिमम भें हभमये सशऺक भमनकीकयण को बी अऩने सशऺण कम आधमय फनम यहे हैं| एस.सी. ऩयीऺम के हहन्दी ऩमठ्मिभ के अन्तगात िमत्रों के सरए ऩत्र-रेखन, बमषण, रयऩोटा तथम तनफन्ध रेखन तनधमारयत है। विषम की विविधतम की दृस्ष्ट से तीन प्रकमय के विषमों ऩय प्रश्न हदए िमते हैं– विचमयमत्भक, िणानमत्भक तथम विियणमत्भक | विचमयमत्भक तनफन्धों भें बहुि-ऩऺ की प्रधमनतम यहती है इस दृस्ष्ट से िमत्रों को तका कम आश्रम रेनम ऩड़तम है| विषम विविधतम की दृस्ष्ट से दशान, सॊवकृतत, ऻमन-विऻमन , यमिनीतत आहद विषम होते हैं | क्रकसी विषम के ऩऺ मम विऩऺ ऩय बी विचमय प्रकट कयनम होतम है | िणानमत्भक तनफन्धों भें िमत्रों से अऩेऺम की िमती है क्रक िे कल्ऩनम-तत्त्ि को प्रधमनतम दें | फहुत-सी िवतुएॉ ऐसी होती हैं स्िनको हभने देखम है औय स्िनके फमये भें फहुत कुि िमनते हैं | इनकम विषम प्रमम् क्रकसी दृश्म, यभणीक वथमन, ऩिा-त्मोहमय,ममत्रम आहद से होतम है| विियणमत्भक तनफन्धों भें विषम कम विियणमत्भक तनरूऩण होतम है | सॊिमद रेखन के अन्तगात िोटे-िोटे योचक तथम सयर फोर-चमर की बमषम भें सरखे गए सॊिमदों को सरखने से िमत्रों भें नमटक के प्रतत रूधच फढ़ िमती है | दसूये प्रश्नऩत्र भें िमत्रों को हहन्दी से अॊगे्रिी तथम अॊगे्रिी से हहन्दी भें अनिुमद हदए िमते हैं | िमत्रों से अऩेऺम की िमती है क्रक स्रोत बमषम के विचमयों एिॊ बमिों को व्मक्त कयने के सरए स्िन असबव्मस्क्तमों कम प्रमोग हुआ है उनके सरए मथमसम्बि सभमन मम अधधक तनकट की असबव्मस्क्तमों की खोि रक्ष्म बमषम भें हो

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    तमक्रक अनिुमद सहि औय धमयमप्रिमह हो | िमत्रों को ससखममम िमतम है क्रक हय बमषम की अऩनी प्रकृतत होती है िो दसूयी बमषम से सबन्न यहती है | अत् अनिुमद कयत ेसभम रक्ष्म बमषम की प्रकृतत तथम सॊयचनम, व्ममकयण आहद ऩय विशेष ध्ममन देनम ऩड़तम है | भुहमियों के सरए महद रक्ष्म बमषम भें शब्द औय अथा की दृस्ष्ट िो सभमन भुहमिये नहीॊ सभरते हैं तो उस स्वथतत भें सभमन अथािमरे भुहमियों को ग्रहण कयनम ऩड़तम है |

    एच॰ एस॰ सी॰ के ऩमठमिभ के अॊतगात चमय प्रश्न ऩत्र यख ेगए हैं स्िनके अॊतगात अनिुमद, तनफॊध–रेखन, अऩहठत ऩमठ तथम हहॊदी समहहत्म हैं | समहहत्म से सम्फॊधधत िमरम प्रश्नऩत्र उनके सरए नमम होतम है; अत्िमत्रों को इसकी विशेष तैममयी कयनी ऩड़ती है | िमत्रों के सरए गद्म औय ऩद्म दोनों हैं | गद्म के अॊतगात कहमतनमों तथम नमटकों कम अध्ममन कयनम ऩड़तम है तो ऩद्म के अॊतगात उनके सरए यमभचरयतभमनस, सयूसमगय तथम िमममिमदी कमव्म से कुि सॊकसरत ऩद बी सस्म्भसरत हैं| प्रमप्त आॊकड़ों से इस फमत की ऩसु्ष्ट होती है क्रक हय समर रगबग तीन हज़मय िमत्र एस. सी. की ऩयीऺम भें हहॊदी विषम को रेते हैं औय एच. एस. सी. की ऩयीऺम भें रगबग तीन सौ ऩयीऺमथी होते हैं | अत् तनष्कषा रूऩ से कहम िम सकतम है क्रक भमध्मसभक विद्ममरमों भें हहॊदी सशऺण कम बविष्म उज्ज्िर है|

    रेखयमिससॊह ऩॊडोही पोन- 230 57834565

    Email: [email protected]

    अफ ऩछताने से क्मा !

    अफ ऩितमने से क्मम िफ धचडड़मम चुग गई खेत कयरी अऩनी भन भमनी कयरी अऩनी भन भमनी अफ ऩितमने से क्मम िफ धचडड़मम चुग गई खेत

    योते योते नमैन सूखी दय-दय बटके होकय दखुी रमख सभझमए, रमख भनमए ऩय क्रकसी कम एक न भमने सय ऩटकने से अफ क्मम, अफ ऩितमने से क्मम िफ धचडड़मम चुग गई खेत

    कय हदमम ऩतत को भिफयू रे गई फेटे को भमॉ से दयू िुड़म हदमम उन्हें भमॉ कम द्िमय घय िुड़म, िुड़म हदमम ऩरयिमय यहम न नमतम टूट गमम रयश्तम अफ ऩितमने से क्मम िफ धचडड़मम चुग गई खेत

    ऩमकय आज़मदी फनी दीिमनी रमरची रोबी फनी असबभमनी गिमॉ दी ऩतत सॊतमन गॉिमई ऩसेै गहने ऩमने की धुन भें बफखय गई ििमनी, सफ कुि रुट गई अफ ऩितमने से क्मम िफ धचडड़मम चुग गई खेत

    भभतम न दी,न हदमम फछचों को प्ममय बमषम न दी, न हदमम फछचों को सुसॊवकमय भमसभू, भिफयू बटक गए फछचे कुसॊग भें ऩड़ हुए, हो गए धभा से दयू भमॉ को िोड़, देश से दयू चरे गए िे फछचे, होकय भिफयू अफ ऩितमने से क्मम िफ धचडड़मम चुग गई खेत ।

    -भोहनरमर िगेसय ऩेचीत ज़ुरी

    भॉयीशस

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    (probation)

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    (vetting)

    (supervisory team)

    (Mauritius Examination Syndicate)

    (Diagnostic Remedial)

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    आि सिात्र विश्ि भें मिुम ऩीढ़ी की आिश्मकतम है क्मोंक्रक प्रत्मेक देश औय िमतत कम उद्देश्म है विश्ि-फॊधुत्ि की प्रमस्प्त | इसके सरए आिश्मक है त्ममग की, अऩरयग्रह धभा की, अध्ममत्भ औय सॊवकृतत के विकमस की | सभमि की उन्नतत मम अिनतत से मिुम ऩीढ़ी कम विकमस औय ह्रमस होतम है | इससरए सभमि भें मिुकों के िीिन की प्रक्रिमम

    को सभझनम चमहहए | आि के सन्दबा भें भूल्मों के विघटन की ओय दृस्ष्ट दौड़मएॉ तो हहॊदी बमषम के औधचत्म की ओय हभमयम ध्ममन फयफस चरम िमतम है |

    हभमये ऩिूािों ने अऩनी भमतबृमषम हहॊदी को प्रभुख वथमन देकय सोए हुए भॉयीशस की आॉखें खोरीॊ | महद हभमये ऩिूाज़ों ने भमतबृमषम के भहत्त्ि को न सभझम होतम तो हभ वितॊत्रतम ऩमने की कल्ऩनम बी नहीॊ कय ऩमत े | उन्होंने हहॊदी बमषम को सुयक्षऺत यखने के सरए अऩनम सफ कुि न्मौिमिय कय हदमम थम | उनके प्रममसों से आि हभमये देश भें हहॊदी पर-पूर यही है ऩयन्त ुइसके सॊयऺण एिॊ सॊिाधन भें मिुम ऩीढ़ी अऩनम उत्तयदमतमत्ि नहीॊ सभझती| महद मिुम ऩीढ़ी इस बमषम के भहत्त्ि को सभझती तो िमन ऩमती क्रक इस बमषम के अध्ममन से ही हभ अऩनी सॊवकृतत को फचम सकत े हैं | मह बमषम न केिर हभें सशक्षऺत कयती है अवऩतु िीिन भलू्मों से बी अिगत कयमती है | हहॊदी समहहत्म भें डुफकी रगमने िमरे नौििमन विमधीनतम कम भूल्म नहीॊ सभझते ियनम हहॊदी को ठुकयमकय िे इस तयह अऩने आत्भ-सम्भमन तथम विमसबभमन को नष्ट नहीॊ कयत े| व्मस्क्त को अनेक कष्ट सहकय बी अऩनी विमधीनतम की यऺम कयनी चमहहए | मह फमत आि की मिुम ऩीढ़ी के सरए कोई भहत्त्ि नहीॊ यखती | हहॊदी के फरफतेू्त ऩय हभमये ऩिूाि

    न केिर अऩने अधधकमय के प्रतत सिग हुए अवऩतु चुनमि भें बी भतदमन के अधधकमयी हुए | ऩरयणमभविरुऩ आप्रिमससमों की सॊतमनें तनिमाधचत हुईं स्िसके परविरुऩ इस देश की फमगडोय आि तक हभमये हमथों भें है | ऩय आि की मिुम ऩीढ़ी को इन अनभोर फमतों के प्रतत कोई भोह नहीॊ है |

    इस बमषम की शे्रष्ठतम मही है क्रक िो इसकम ऩठन-ऩमठन कयतम है िह िीिन-भूल्मों को आत्भसमत ् कयतम िमतम है क्मोंक्रक मह बमषम भस्वतष्क के समथ-समथ रृदम को बी ऩरयष्कृत कयती है | ऩरयणमभविरुऩ व्मस्क्त एक विवथ समभमस्िक प्रमणी फनकय उबयतम है औय िह वित् अछिमई की ओय उन्भुख होने रगतम है | िह सॊतुसरत िीिन िीने भें सभथा होतम है | आि की मिुम ऩीढ़ी को सछचे धभा की सशऺम, सत्म, अहहॊसम एिॊ शमस्न्त से िीने कम ऩमठ एकभमत्र हहॊदी बमषम के अनन्त समगय से प्रमप्त हो सकतम है | मह उल्रेखनीम है क्रक अऩने देश की सॊवकृतत बी भनषु्म के व्मिहमय भें प्रकट होती है | हहॊदी बमषम हभमयी सॊवकृतत कम प्रतीक है | इस बमषम भें तनहहत िीिन भूल्म व्मस्क्त के व्मिहमय को तनमॊबत्रत कयने भें सऺभ हैं | मिुम ऩीढ़ी अगय हहॊदी से प्ममय कय रे तो उसकी ऩमॉचों उॉगसरममॉ घी भें होंगी | फड़े दु् ख की फमत है क्रक आि की मिुम ऩीढ़ी हहॊदी को नगण्म सभझकय उसकी ओय यवत्तबय ध्ममन नहीॊ देती | िमवति भें निमिुक हहॊदी से क्रकसी प्रकमय कम सॊफॊधन हीॊ यखनम चमहते | स्िस नतैतक उन्नमन की हभ सफको आिश्मकतम ऩड़ती है िह हहॊदी बमषम से हभें प्रमप्त होगी। सॊवकमयों कम िमहन है हहॊदी बमषम | अतीत समऺी है क्रक हभमये ऩयदमदे प्रमकृततक ऩममाियण तथम समभमस्िक ऩममाियण को हहॊदी-सशऺम कम कें द्र फनमने औय सभवत ऻमन को हहॊदी बमषम के भमध्मभ से विकससत कयने ऩय फर देत ेथे | इस बमषम के सशऺण से फछचों की शमयीरयक एिॊ भमनससक क्रिममओॊ भें सभन्िम होतम है, िे श्रभ के भहत्त्ि को सभझते हैं औय व्मिहमरयक िीिन के सरए तैममय होते हैं | फछचों के समभने महद उछच आचयण औय उछच विचमयों के आदशा यखे िममेंगे तो िे उन्हें अनकुयण द्िमयम विमॊ ग्रहण कय रेंगे | हहॊदी बमषम भें इतनम फर

    आज की युवा पीढ़ी और हहिंदी भाषा डॉ. लक्ष्मी झमन

    डॉ. श्रीभती रक्ष्भी झभन - ऩी एच डी, डीरीट, भहमत्भम गमॊधी सॊवथमन भें िरयष्ठ व्ममख्ममतम हैं, फी. ए तथम एभ. ए के िमत्रों को ऩढ़मती हैं, समथ भें िमत्रमध्ममऩकों को प्रसशऺण बी दे यही हैं । आऩ समभमस्िक तथम धमसभाक कममों भें बी रुधच यखती हैं । हहॊदी के प्रचमय-प्रसमय भें मोगदमन के सरए आऩ “हहॊदी प्रचमरयणी सबम सम्भमन” से विबूवषत हुई हैं ।

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    अिश्म है क्रक अगय हभमयी मिुम ऩीढ़ी इसे अऩनम रे तो िह आिीिन इस बमषम से प्रीतत िोड़ रेगी | मह देखम गमम है क्रक ऩथ- भ्रष्ट होनेिमरे नौििमनों को सही यमवत ेऩय रमने के सरए हहॊदी-सशऺक कबी हमय नहीॊ भमनते | मह नहीॊ बूरनम चमहहए क्रक देश की फमगडोय नौििमनों के कन्धों ऩय होती है | देश के बमिी कणाधमयों को विमिरॊफी होकय अनशुमसन भें यहनम ि उनभें कत्ताव्मऩयममणतम की बमिनम अिश्म होनी चमहहए औए व्मस्क्त भें मे समये गणु हहॊदी समहहत्म के ऩठन-ऩमठन से आिमते हैं | अगय मिुम ऩीढ़ी हहॊदी को अऩनम रे तो फयुमइमों से अरग हो ऩमएगी | िह उत्तभ चरयत्र कम तनभमाण कय अऩने िीिन को समथाक फनम ऩममेंगे | व्ममिसमतमक विकमस की ओय फढ़ने के सरए मिुम ऩीढ़ी को विमिरॊफी होनम ही ऩड़तम है | हहॊदी कम ऩठन-ऩमठन कयने िमरे निमिुक कभाठ होकय अऩने रक्ष्म की ओय उन्भुख होते िममेंगे क्मोंक्रक इस बमषम कम उत्तभ गणु है सफ को ऩरयश्रभी फनमने की पे्रयणम देनम |

    हहॊदी की शस्क्त औय ऺभतम से हभ बरी-बमॊतत ऩरयधचत है| आि हहॊदी विश्ि बमषम के रूऩ भें भमन्मतम प्रमप्त कयने की ओय अग्रसय है | हभमये देश के सरए मह गिा की फमत है क्रक विश्ि हहॊदी सधचिमरम तथम अन्म सॊवथमएॉ हहॊदी कम प्रचमय-प्रसमय कयने औय हहॊदी को अधधकमरयक बमषम फनमने के सरए कममायत है | इस बमषम भें आमोस्ित कममािभ हभमयी एकतम भें िदृ्धध रमने कम एक भमध्मभ है | इसभें ििमन, िदृ्ध तथम फछचों सफकम, एक दसूये से िड़ुमि फढ़ेगम | ऩयन्तु दबुमाग्मिश िफ बी इन सॊवथमओॊ द्िमयम क्रकसी कममािभ कम आमोिन होतम है, तफ िहमॉ नौििमनों से अधधक िदृ्धिनों की सॊख्मम अधधक होती है | आि हहॊदी बमषम िहमॉ विश्ि के वियमट परक ऩय अऩने अस्वतत्ि को आकमय दे यही है िहमॉ हभमयी मिुम ऩीढ़ी उस बमषम से ऩीिम िुड़मने भें एकदभ आगे है | हभमयी मिुम ऩीढ़ी के सरए इससे अधधक प्रसन्नतम की फमत औय क्मम हो सकती है क्रक हभमयी सशऺण-प्रणमरी भें तीन बमषमओॊ को सीखने की िूट है | प्रमथसभक के फमद, भमध्मसभक ऩमठशमरमओॊ भें हहॊदी बमषम के ऩठन-ऩमठन कम ऩयूम प्रमिधमन है | मही नहीॊ विश्िविद्ममरमीम वतय तक बी नौििमन रोग हहॊदी की ऩढ़मई फड़ी आसमनी से कय

    सकते हैं ऩयन्तु इस वतय ऩय बी नौििमन तबी कदभ आगे फढ़मत े हैं िफ उनके ऩमस औय कोई विकल्ऩ नहीॊ होतम है|

    भहमत्भम गमॊधी सॊवथमन एिॊ अन्म सॊवथमओॊ से हहॊदी भें ऩबत्रकमएॉ प्रकमसशत होती यहती हैं ऩयन्तु नौििमनों को इन ऩबत्रकमओॊ भें रूधच नहीॊ | हभमये सरए क्रकतने दु् ख की फमत है क्रक देश भें हहॊदी कम प्रचमय-प्रसमय होते हुए बी महमॉ हहॊदी भें एक बी सभमचमय ऩत्र नहीॊ तनकमरम िमतम | इसके ऩीिे कमयण मही है क्रक मिुम ऩीढ़ी को हहॊदी के सभमचमय-ऩत्र से कोई रगमि नहीॊ| िफ सभमचमय ऩत्र की बफिी ही नहीॊ होगी तो क्रपय उसे तनकमरने कम कष्ट कौन कयेगम ? ऩिूा भें सभमचमय ऩत्र तनकमरे गए ऩयन्तु इन्हीॊ कमयणों के ऩरयणमभविरुऩ उनकम तनकरनम फॊद हो गमम |

    हहॊदी बमषम भें हय प्रकमय की सुविधम उऩरब्ध है | हहॊदी को विश्ि भॊच ऩय रे िमने भें अधधक सॊचमय भमध्मभों तथम प्रौद्मोधगकी कम विशेष मोगदमन है | रोग हहॊदी भें अॊतिमार तथम भोफमइर द्िमयम सॊदेशों कम आदमन-प्रदमन कयते हैं | ऩठन-ऩमठन से रेकय हहॊदी भें अनसुॊधमन की सुविधम उऩरब्ध है तो बी मिुम ऩीढ़ी इस बमषम के प्रतत अधधक रूधच नहीॊ हदखमती |

    हहॊदी पे्रभ की बमषम है, रृदम की बमषम है | हहॊदी विश्ि के रोगों को िोड़ने भें तथम एकसूत्र भें फमॉधने की ऺभतम यखती है| हहॊदी बमषम की सभठमस विश्ि शमस्न्त एिॊ विश्ि ऐक्म को फनमए यखने कम सन्देश पैरमती है | हहॊदी हभमयी सॊवकृतत औय िसधुैि कुटुम्फकभ कम आदशा प्रतीक फन यही है | तनवसॊदेह अगय मिुम ऩीढ़ी हहॊदी बमषम भें तनहहत भूल्मों को आत्भसमत कय रे तो िीिन उन्नत फनमने भें सपर हो ऩमएगी |

    डॉ. रक्ष्भी झभन िरयष्ठ व्ममख्ममतम

    भहमत्भम गमॉधी सॊवथमन भॉयीशस

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    ‘सॊवकृतत’ को बमषम की विकससत अिवथम कम द्योतक कहम िम सकतम है। भनषु्म के यहन-सहन औय फोरी बमषम के कमयण है सॊवकृतत परीबतू होती है। भमनि स्िस बौगोसरक ऩरयिेश औय प्रकृतत के समतनध्म भें िसेै- िैसे विचयण कयतम है,िसेै-िसेै उसकी फोरी औय बमषम तनखयने रगती है। विविध फोसरमों औय बमषमओॊ को विकससत कयने भें धभा के आध्ममस्त्भक एिॊ व्मिहमरयक विरूऩों की अहभ ्बूसभकम यही है। िैसम क्रक हभ सफ िमनते हैं क्रक अऩनी सहितम, सयरतम ज्ममदम से ज्ममदम प्रमोग औय व्मिहमय भें आत्भसमत ् क्रकए िमने के कमयण फोधगम्मतम ि सॊपे्रषणीमतम भें सहि ही गहयी िमऩ िोड़ िमती है।फोरी औय बमषम ही िह सेतु है िो आस-ऩड़ोस से रेकय देश विदेश तक िोड़ रेतम है। तनयॊतय ऩरयितानशीर होने के ऩरयणमभविरुऩ बमषम भें हभें सबन्नतम हदखरमई ऩड़ती है। इसीसरए बमषम के सॊदबा भें कहम गमम है “बमषम िह नीय के सभमन है िो अऩनी सॊपे्रषणीमतम औय सहितम के चरत ेही रोगों ऩय अऩनी असभट िमऩ िोड़ देती है। डॉ.बोरमनमथ ततिमयी की भमन्मतम है “बमषम, उछचमयण अिमि से उछचमरयत मम दृस्छिक ध्ितन-प्रतीकों की िह व्मिवथम है स्िसके द्िमयम एक सभमि के रोग आऩस भें बमिों औय विचमयों कम आदमन प्रदमन कयत े हैं।’’ अत् भमनि सभमि कम प्रत्मेक व्मिहमय एिॊ कममा बमषम द्िमयम ही सॊऩन्न होतम है।

    भमनि के विकमस एिॊ प्रगतत भें बमषम कम भहत्त्िऩणूा वथमन है। क्रकसी ने कहम बी है “ मह सभवत सॊसमय अॊधकमय भें सरऩटम यहतम,महद शब्दों की ज्मोतत से दीप्त न होतम।’’ समहहत्म औय सॊवकृतत को बरी-बमॊतत आत्भसमत कयने हेत ुबमषम कम गहन अध्ममन अत्मॊत आिश्मक है।ध्ितन प्रतीकों की व्मिवथम एक तयह से बमषम ही है।“कोई बी बमषम प्रौढ़,ऩरयतनस्ष्ठत मम समहहस्त्मक रूऩ ग्रहण कय रेने के उऩयमॊत स्वथय होने रगती है औय उसकम अॊततभ रूऩ तनस्श्चत सम हो िमतम है,ऩय उसी सभम उसको िो रूऩ समभमन्म फोरचमर के सरए प्रमोग भें चर यहम होतम है, उसकम प्रिमह व्ममऩक होने रगतम है। उसके प्रिमह भें कोई अियोध उत्ऩन्न नहीॊ होतम औय िह क्रकसी ऩहमड़ी नदी की

    तयह अविस्छिन्न रूऩ से अऩनी-अऩनी सहिती फोसरमों मम आगॊतुक बमषमओॊ के शब्द बॊडमय से तमर-भेर बफठम कय तनयॊतयतम फनमए यखतम है।बमषम के रूऩ स्वथय हो िमत ेहैं,ऩय बमषम अनॊत होती है।’’ बमषम भमत्र सॊपे्रषण कम ही समधन नहीॊ है फस्ल्क भमनिीम सॊिेदनम की असबव्मस्क्त कम एक सशक्त भमध्मभ है। व्मस्क्त के यहन-सहन,फमत व्मिहमय औय सॊवकमय उसकी फोरी औय बमषम से िमनी िमती है। भमनि के विकमस औय प्रगतत भें बमषम की अहभ बूसभकम होती है। बमषम ही िह अऩिूा शस्क्त है िो सहवत्रों िषों से प्रिमहभमन है।आॊतरयक ऊिमा से तनष्ऩन्न होने के कमयण ही प्रततकूर स्वथततमों भें बी इसके प्रमोग औय भहत्ि रूऩी प्रिमह को फमधधत नहीॊ क्रकमम िम सकतम। भनषु्म एक समभमस्िक प्रमणी होने के नमते अऩनी बमिनमओॊ औय िरूयतों को ऩणूा कयने हेत ुस्िन बमषम सॊकेतों को अऩनमने रगतम है धीये-धीये आगे चरकय िही असबव्मस्क्त कम एक भमनक रूऩ भें िमने िमनी रगती है। डॉ.रक्ष्भी कमॊत ऩमॊडे ने बी बमषम की भहत्तम को येखमॊक्रकत कयते हुए कहम है “बमयत के विसबन्न प्रमॊतों भें विसबन्न बमषमओॊ के फोरने िमरे ऩमए िमत ेहैं,क्रपय बी ऐसम नहीॊ है क्रक िह एक-दसूये से अऩरयधचत है।कहीॊ न कहीॊ से क्रकसी न क्रकसी रूऩ भें िसेै भमनि-भमनि कम सॊफॊध है,िसेै एक बमषम कम दसूयी बमषम के समथ होतम है औय मही बमषम िफ िनसॊऩका की बमषम फन िमती है तो हभमये समये क्रिमम-करमऩ उसी बमषम भें सॊचमसरत होने रगत ेहैं।’’३ अत् बमषम असबव्मस्क्त कम एक सशक्त भमध्मभ ही नहीॊ अवऩतु सॊदेश सॊिमहक कम बी कममा कयतम है। हभ देखते हैं क्रक देश विदेश भें धड़ल्रे से फोरी िमनेिमरी हहॊदी बमयत सॊघ की यमिबमषम औय यमष्र की सॊऩका बमषम है।आि दोनों ही बमषम कम दमतमत्ि गरुुतय है।यमिबमषम हो मम यमष्रबमषम दोनों को ही सॊिधैमतनक भमन्मतम है।‘हहॊदी’ भें ही िह समभर्थमा ज्ममदम दृस्ष्टगत होतम है िो श्रव्मभमतम ि बमवषत शब्दों की ओय हभमयम ध्ममन आकृष्ट कय एक तयह से हभें नई शस्क्त दी है। हभ सफ इस फमत से बरी-बमॊतत अिगत हैं क्रक स्िस हहॊदी बमषम की आि हभ फमत कय यहे

    विश्िबाषा की ओय अग्रसय दहॊदी - डॉ. अतनर ससॊह

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    हैं उसकम प्रमयॊसबक रूऩ एक तयह से भौखखक ही थम।िो बमिनमओॊ औय अनबुूततमों के एक तयह से भूतताभमन रूऩ ही है। हहॊदी के सॊदबा भें व्मिहमरयक रूऩ से विचमय कयते हुए डॉ.वििम कुरशे्रष्ठ ने ठीक ही सरखम है“बमषम समभमस्िक िवतु है औय उस के भमध्मभ से ही सबी समभमस्िक व्मिहमय सॊऩन्न होते हैं।महद बमषम कम सभमि के विविध कममों भें उऩमोग न क्रकमम िमए तो िह बमषम सीसभत हदशमओॊ भें ही विकमस कय ऩमएगी।हभमये देश भें आधुतनक प्रमोिनों के सरए आि स्िस हहॊदी को अऩनममम गमम है,उसके आधमय है-“हहॊदी एक अॊतयमाष्रीम बमषम है।’ ‘हहॊदी बमयतीम बमषमओॊ के सरए अग्रणी है।’ ‘हहॊदी तनिी ऺेत्र भें प्रमोिन ऩयक बमषम के रूऩ भें अऩनी उऩमोधगतम ससद्ध कयती है।”४ अत् हहॊदी कम रक्ष्म वऩष्ट रूऩ से ऩरयरक्षऺत होतम है।

    सॊवकृत से हहॊदी कम िन्भ होने के नमते ही सॊवकृत बमषम से फहुत से शब्दों कम हहॊदी भें आनम विमबमविक है।िन समभमन्म की आिश्मकतमनसुमय बमषम भें शब्दों के नि तनभमाण की प्रक्रिमम चरती यहती है। यमज्मसत्तम के ऩरयितान से बी नए-नए शब्दों कम आगभन होतम है।

    अयफी-पमयसी, अॊगे्रिी के शब्द आि हहॊदी बमषम भें घरु सभर गए हैं, उसके सरए सभ्मतम के विकमस के समथ-समथ यमिनीततक, समॊवकृततक बी उत्तयदममी है। बमषमगत ऩयहेि के सॊदबा भें डॉ.भमधि सोनटक्के ने ठीक ही कहम है “िफ सबन्न-बमषी यमष्र,प्रमन्त,िमतत मम ऺेत्र एक दसूये के सॊऩका भें आते हैं तो दोनों ही एक दसूये से कुि-न-कुि शब्द रेते हैं। हहॊदी भें देशी तथम विदेशी बमषम के कई शब्द आए हैं, आ यहे हैं,िह इसी कमयण आि सॊचमय भमध्मभों के विकमस के कमयण सॊऩणूा विश्ि के देश एक-दसूये के इतने कयीफ आए हैं क्रक अफ कोई बी बमषम अन्म बमषमओॊ के शब्दों से ऩयहेि नहीॊ कय सकेगी। हहॊदी अऩने देश की यमष्रबमषम है, अत्बमयतीम अन्म बमषमओॊ के शब्द उसभें प्रमकु्त होने सहि नहीॊ अतनिममा बी हुआ है।”

    हहॊदी भें ही िह दभखभ है िो हहॊदवुतमन की यमष्रबमषम हो

    सकती है हहॊदी को ही मह गौयि प्रमप्त होनम चमहहए। हहॊदी अऩनी समिाबौसभकतम सयरतम,सिावप्रम औय व्ममऩकतम के कमयण ही आदमन-प्रदमन की दृस्ष्ट से बी सिाथम उऩमकु्त है। इसीसरए हहॊदी ही फोरचमर की बमषम होनी चमहहए। बरे आि अॊगे्रिी सशऺण सॊवथमएॊ िोय ऩकड़ यही हैं, अन्म बमषम बमवषमों के फीच बी उनकम फोरफमरम फढ़ यहम हो।बमयत ही नहीॊ सॊऩणूा विश्ि भें हहॊदी ही फोरचमर की बमषम के रूऩ भें तनयॊतय सम्भमन की दृस्ष्ट से देखी िम यही है। भहमत्भम गमॊधी ने बी यमष्रबमषम के रऺणों को इॊधगत कयते हुए कहम थम “बमषम िही शे्रष्ठ है इसको िनसभूह सहि भें सभझ रे।देहमती फोरी सफ सभझत ेहैं।बमषम कम भूर कयोड़ों भनषु्म रूऩी हहभमरम भें सभरेगम उसभें ही यहेगम। हहभमरम भें से तनकरती हुई गॊगम िी अनॊत कमर तक फहती यहेगी,ऐसे ही देहमती हहॊदी कम गौयि यहेगम औय िैसे िोटी सी ऩहमड़ी से तनकरम हुआ झयनम सूख िमतम है िसेै ही सॊवकृतभमी तथम पमयसीभमी हहॊदी की दशम होगी।”

    प्रौद्मोधगकी की दृस्ष्ट से ही नहीॊ हहॊदी आॊतरयक शस्क्त से अथमात हय दृस्ष्ट से एक सभदृ्ध बमषम है। हहॊदी कम प्रमोग कयने िमरों की सॊख्मम हदन ऩय हदन फढ़ती ही िम यही है। स्िस बमषम कम व्ममकयण विऻमन- सम्भत होगम औय स्िस बमषम की सरवऩ कॊ प्मटूय की सरवऩ होगी, िही बमषम सॊऩणूा विश्ि भें रोकवप्रमतम औय ख्ममतत प्रमप्त कयेगी । ‘हहॊदी’ की वियमटतम को येखमॊक्रकत कयते हुए डॉ.तनत्ममनॊद ऩमॊडे ने सरखम है “हहॊदी कम प्रचरन उत्तय बमयत भें तबी हुआ िफ हहॊदीतय प्रमॊत के तनिमससमों ने इसकी व्ममऩकतम, सहितम, फोधगम्मतम औय सयरतम देखकय इसे यमष्रबमषम के रूऩ भें प्रततवथमवऩत कयने कम सॊकल्ऩ क्रकमम। यमिमयमभ भोहनयमम तथम केशिचॊद्र सेन ने बमयतीम नििमगयण एिॊ भुस्क्त कमभनम हेतु हहॊदी को अऩनम भमध्मभ फनममम । फमफयूमि विष्णु ऩयमड़कय,रक्ष्भीनमयममण गदे, ततरक,गमॊधी िसैी हहॊदी बक्तों के चरते आि सॊचमय भमध्मभों भें हहॊदी कम एकित्र यमि । अहहॊदी बमषम बमषी यमज्मों के सॊत समहहत्मकमयों भें असभ के शॊकय देि, भहमयमष्र के नमभदेि, ऻमनेश्िय, गिुयमत के नयसी भेहतम ने अऩनी समधनम कम भमध्मभ हहॊदी को ही भमनम । विद्िमन भैक्सभरूय, डॉ. विसरमभ

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    केयी,पमदय कमसभर फलु्के, िे. एच. केरमग ने हहॊदी को अॊतययमष्रीम विरुऩ प्रदमन क्रकमम । इन रोगों की वऩष्ट धमयणम थी क्रक हहॊदी ‘िसु


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