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Solutions 53th -55th B.P.S.C (P.T.) Previous Year Solved Paper - 2010 1 - B सध घाट सयता (हड़पा सयता) के अतगत अहमदाबाद िजले (ग जरात) के नकट भोगवा नद के तट पर सरागवाला ाम के नकट िथत लोथल बदरगाह नगर क सवथम खोज डा. एस. आर. राव ने 1957 ई. म क थी। यह थल पिचमी एशया से यापार का म ख बदगाह था। यहाँ क सवाधक सध उपलिध हड़पाकालन बदरगाह के अतरत वशट म दभाड , उपकरण , बाट एवं माप तथा पाषाण उपकरण ह। लोथल के प व भाग म िथत बदरगाह (गोद) का औसत आकार 214 × 36 मीटर तथा गहराई 3.3 मीटर है। यहाँ से मेसोपोटामया क बेलनाकार म हर ात ह ई है। 2 - C मारग त थम क म के बाद कदग त शासक बना। ग त साट कदग ने ह को परािजत कया था। उसके वारा शासन क बागडोर सँभालते ह ह ण (लेछ) ने उस पर आमण कया। कदग त क ण पर सफलता का ग णगान ज नागढ़ अभलेख म मलता है। 3 - D कहण कमीर के सध संक त कव एवं इतहासकार थे। लोहार वंश के शासक हष के दरबार म कहण ऊँचे पद पर थे। उहने अपने वयात थ राजतरंगणी क रचना अितम लोहार शासक जयसंह के समय म क , िजसम कमीर के इतहास का तथवार एवं यविथत उलेख कया है। राजतरंगणी म क 8 तरंग एवं 8000 लोक ह। यह प तक 12वीं सद म लखी गयी। 4 - A दामन थम शक प शासक था। उसने सातवाहन नरेश शातकण को दो बार परात कया तथा यादव पर भी वजय ात क , नागढ़ अभलेख म भी पता चलता ह क उसके सााय म ग जरात , सौरा , कछ , उर ककण , सध घाट के देश मालवा और मारवाड़ सिमलत थे। उलेखनीय है क यह अभलेख अशोक का है , िजस पर दामन ने अपना लेख लखवाया। 5 - A महावीर वामी का जम वैशाल के नकट क डाम (विजसंघ गणराय) के ात क क के धान सधाथ के यहाँ 540 ई.प . म ह आ था। इह जैनय के 24व व अितम तीथकर तथा जैन धम के वातवक संथापक क प म जाना जाता है। इहने पंचशील सधात का तपादन कया। इहने मचय को नैतक ग ण म जोड़ दया। 6 - C
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  • Solutions 53th -55th B.P.S.C (P.T.) Previous Year Solved Paper - 2010

    1 - B �स�ध ुघाट� स�यता (हड़�पा स�यता) के अ�तग�त अहमदाबाद िजले (गुजरात) के �नकट भोगवा नद� के तट पर सरागवाला �ाम के �नकट ि�थत लोथल ब�दरगाह नगर क� सव��थम खोज डा. एस. आर. राव ने 1957 ई. म� क� थी। यह �थल पि�चमी ए�शया से �यापार का �मखु ब�दगाह था। यहाँ क� सवा��धक ��स�ध उपलि�ध हड़�पाकाल�न ब�दरगाह के अ�त�र�त �व�श�ट मदृभा�ड , उपकरण , बाट एवं माप तथा पाषाण उपकरण ह�। लोथल के पवू� भाग म� ि�थत ब�दरगाह (गोद�) का औसत आकार 214 × 36 मीटर तथा गहराई 3.3 मीटर है। यहाँ से मेसोपोटा�मया क� बेलनाकार महुर �ा�त हुई है। 2 - C कुमारगु�त �थम क� म�ृय ुके बाद �क�दगु�त शासक बना। गु�त स�ाट ‘�क�दगु�त ’ ने हूण� को परािजत �कया था। उसके �वारा शासन क� बागडोर सँभालत ेह� हूण� (�ले�छ�) ने उस पर आ�मण �कया। �क�दगु�त क� �ूण� पर सफलता का गुणगान जनूागढ़ अ�भलेख म� �मलता है। 3 - D क�हण क�मीर के ��स�ध सं�कृत क�व एवं इ�तहासकार थे। लोहार वंश के शासक हष� के दरबार म� क�हण ऊँचे पद पर थे। उ�ह�ने अपने �व�यात ��थ ‘राजतरं�गणी ’ क� रचना अि�तम लोहार शासक जय�सहं के समय म� क� , िजसम� क�मीर के इ�तहास का �त�थवार एवं �यवि�थत उ�लेख �कया है। राजतरं�गणी म� कुल 8 तरंग एवं 8000 �लोक ह�। यह प�ुतक 12वीं सद� म� �लखी गयी। 4 - A ��दामन �थम शक ��प शासक था। उसने सातवाहन नरेश शातकण� को दो बार परा�त �कया तथा यादव� पर भी �वजय �ा�त क� , जनूागढ़ अ�भलेख म� भी पता चलता ह� �क उसके सा�ा�य म� गुजरात , सौरा�� , क�छ , उ�र� क�कण , �स�ध ुघाट� के �देश मालवा और मारवाड़ सि�म�लत थे। उ�लेखनीय है क� यह अ�भलेख अशोक का है , िजस पर ��दामन ने अपना लेख �लखवाया। 5 - A महावीर �वामी का ज�म वशैाल� के �नकट कु�ड�ाम (वि�जसंघ गणरा�य) के �ातकृ कुल के �धान �स�धाथ� के यहाँ 540 ई.प.ू म� हुआ था। इ�ह� ज�ैनय� के 24व� व अि�तम तीथ�कर तथा जनै धम� के वा�त�वक सं�थापक क� �प म� जाना जाता है। इ�ह�ने पंचशील �स��धात का ��तपादन �कया। इ�ह�ने ��मचय� को न�ैतक गुण म� जोड़ �दया। 6 - C

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  • महा�मा ब�ुध अपने जीवन के अि�तम पड़ाव म� �हर�यवती नद� के तट पर ि�थत कुशीनारा पहँुचे। जहाँ पर 483 ई.प.ू म� 80 वष� क� अव�था म� कुशीनारा (पावापरु�) म� का�त �क अमाव�या को इनक� म�ृय ुहो गई। इसे बौ�ध धम� पर�परा म� ‘महाप�र�नवा�ण ’ के नाम से जाना जाता है। 7 - B महा�मा ब�ुध ने अपना �थम उपदेश (धम�च��वत�न) सारनाथ (ऋ�षप�नम) म� �दया था िजसम� उनके पांच �ा�मण सं�यासी �म� शा�मल थे। 8 - C मगध क� �ारि�भक राजधानी राजगहृ (�ग�र�ज) थी। जनै व परुाण ��थ� के अनसुार उदा�यन ने पाट�लप�ु (कुसमुपरु) नामक नगर क� �थापना क� तथा उसे अपनी राजधानी बनाया। 9 - B अजातश� ु( 493 ई.प.ू- 461 ई.प.ू) हय�क वंश का शासक था। उसे ‘कु�णक ’ भी कहा जाता ह� �य��क वह अपने �पता �ब�बसार क� ह�या कर मगध के राज�सहंासन पर बठैा था। अजातश� ुक� ह�या भी उसके प�ु उदा�यन �वारा क� गई। 10 - D ततृीय बौ�ध संगी�त मौय� स�ाट अशोक के काल म� 251 ई.प.ू म� पाट�लप�ु म� बलुाई गयी थी , िजसके अ�य� मो�ग�लप�ु�त�स थे।

    11 - A कुतबु�ुद�न ऐबक गुलाम वंश का �थम शासक था। उसे ह� भारत म� तकु� रा�य का सं�थापक माना जाता है। वह �द�ल� का �थम तकु� शासक था। महु�मद गोर� क� म�ृय ुके बाद चूँ�क उसका कोई प�ु नह�ं था , इस�लए लाहौर क� जनता ने महु�मद गोर� के ��त�न�ध कुतबु�ुद�न ऐबक को लाहौर का शासन करने का �नम��ण �दया। ऐबक ने लाहौर पहँुचकर जनू , 1206 ई. म� अपना रा�या�भषके कराया। अपने शासन के 4 वष� बाद ह� 1210 ई. म� लाहौर म� चौगान (पोलो) खेलत ेसमय घोड़ ेसे �गरने के कारण ऐबक क� म�ृय ुहो गई। 12 - B अलाउ�द�न �खलजी के आ�मण के समय रामच�� देव देव�ग�र का शासक था। अलाउदद�न �वारा 1296 ई. म� देव�ग�र के �व��ध �कए गए अ�भयान क� सफलता पर वहाँ के शासक रामच�� देव ने ��त वष� कर देने वायदा �कया था। पर�त ुरामच�� देव के प�ु शंकरदेव (�सहंनदेव) के ह�त�ेप से वा�ष�क कर का भगुतान रोक �दया गया। अतः अलाउ�द�न ने

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  • अपने नाइब म�लक काफूर के नेत�ृव म� एक सेना को देव�ग�र पर आ�मण करने हेत ुभेजा। भयानक लटूपाट के बाद रामच�� ने आ�मसमप�ण कर �दया। रामच�� के स�ुतान के सम� ��ततु होने पर स�ुतान ने उसके साथ उदारता का �यवहार �कया और ‘रायरायन ’ क� उपा�ध �दान क�। उसे स�ुतान ने गुजरात के नवसार� क� जागीर एवं लाख �वण� टंके देकर वापस भेज �दया। 13 - D अकबर ने अपने शासन काल म� अनेक सधुार �कए। मगुल स�ाट अकबर ने 1562 ई. म� दास �था , अग�त 1563 ई. म� तीथ�या�ा-कर (�व�भ�न तीथ� �थान� पर लगने वाला कर) तथा 1564 ई. म� जिजया-कर को समा�त कर �दया था। 14 - B �फरोजशाह तगुलक �वारा �था�पत ‘दार-उल-सफा ’ एक खरैाती अ�पताल (द�वान-ए-खरैात) था। इसम� कोई भी �न:श�ुक इलाज करवा सकता था। उसने एक रोजगार द�तर भी �था�पत �कया था , जो बेरोजगार �यि�तय� को काय� �दलाता था। 15 - A ‘�थायी ब�दोब�त ’ जमींदार� के साथ �कया गया। �थायी ब�दोब�त को ‘जमींदार� �था ’ के नाम से भी जाना जाता है। इसके अ�तग�त स�पणू� ���टश भारत के �े�फल का लगभग 19 ��तशत भाग इसम� सि�म�लत था। इस �यव�था के अ�तग�त जमींदार िज�ह� भ-ू�वामी के �प म� मा�यता �ा�त थी। 1786 ई. म� कान�वा�लस बंगाल का गव�नर जनरल बना। इसने जे�स �ा�ट एवं सर जॉन शोर ने नवीन लगान �यव�था पर �वचार-�वमश� �कया। 1790 ई. म� कान�वा�लस ने दस वष�य �यव�था को लागू �कया। 1793 ई. म� इस �यव�था को बंगाल , �बहार एवं उड़ीसा म� �थायी कर �दया गया और काला�तर म� इस उ�र �देश , बनारस ख�ड एवं उतर� कना�टका म� भी लागू �कया गया। �थायी भ�ूमकर �यव�था त�काल�न ���टश भारत क� लगभग 19% भ�ूम पर लागू क� गई। इस �यव�था के अ�तगत� जमींदार� से मालगुजार� के �प म� एक �नि�चत आय हमेशा के �लए �नि�चत कर ल� जाती थी। जमींदार �कसान से वसलेू गए लगान का 10/11 भाग सरकार� कोष म� जमा करता था तथा शषे 1/11 भाग अपने खच� , प�र�म व दा�य�व के �लए अपने पास रख लेता था। जमींदार भ�ूम को बेच सकता था और रहम व दान म� दे सकता था। 16 - A आचाय� केशवच�� क� महारा�� या�ा से �भा�वत होकर महादेव गो�व�द रानाड ेऔर आ�माराम पा�डुरंग ने 1857 ई. म� ब�बई म� ‘�ाथ�ना समाज ’ क� �थापना क� थी। इसका उ�दे�य जा�त �था का �वरोध , ��ी-प�ुष के �ववाह क� आय ुम� व�ृ�ध , �वधवा �ववाह , ��ी �श�ा का �ो�साहन आ�द था। �ाथ�ना समाज सं�था के सहयोग से ह� काला�तर म� ‘द�लत जा�त म�डल ’, ‘समाज सेवा संघ ’ तथा ‘द�कन �श�ा संघ ’ क� �थापना हुई। 17 - D राजा राममोहन राय �थम भारतीय थे , िज�ह�ने सबसे पहले भारतीय समाज म� �या�त म�ययगुीन बरुाइय� के �वरोध म� आ�दोलन चलाया। उनके नवीन �वचार� के कारण ह� उ�ह� 19वीं शता�द� के भारत म� ‘पनुजा�गरण आ�दोलन ’ का जनक माना जाता है। उ�ह�ने 20 अग�त , 1828 ई. को कलक�ा म� ‘��म समाज ’ क� �थापना क�। ��म समाज �ह�द ूधम� का �थम सधुार आ�दोलन था। राजा राममोहन राय ने एके�वरवाद म� �व�वास �य�त करत ेहुए

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  • म�ूत�पजूा एवं अवतारवाद का �वरोध �कया। उ�ह�ने धम�-��थ� को मानवीय अ�तरा��मा तथा तक� से ऊपर नह�ं माना। उ�ह�ने 1814 ई. म� ‘आ�मीय सभा ’ तथा 1815 ई. म� ‘वेदा�त कॉलेज ’ क� �थापना क�। 18 - D 1 जनवर� , 1923 ई. को �चतरंजन दास ने मोतीलाल नेह� , �व�ठलभाई पटेल , मदन मोहन मालवीय और जयकर के साथ �मलकर इलाहाबाद म� कां�ेस के �खलाफ ‘कां�ेस �खलाफत पाट� ’ िजसे सामा�यतः �वरा�य पाट� (�वराज दल) के नाम से जाना जाता था , क� �थापना क�। िजसके अ�य� �च�रंजन दास और स�चव मोतीलाल नेह� बनाए गए। �वराजवा�दय� ने �वधानम�डल� के चनुाव लड़ने व �वधानम�डल� म� पहँुचकर सरकार क� आलोचना करने क� रणनी�त बनाई। 19 - A 1875 ई. म� मडैम एच.पी. �लाव�सक� तथा कन�ल आ�काट ने �ययूाक� म� ‘�थयोसा�फकल सोसाइट� ’ क� �थापना क�। इसका उ�दे�य धम� को आधार बनाकर समाज सेवा करना , धा�म�क एवं भाईचारे क� भावना को बढ़ाना , �ाचीन धम� दश�न एवं �कसान के अ�ययन को सहयोग करना था। भारत म� इसे फैलाने का �ेय ऐनी बेसे�ट को था। �थयोसा�फकल सोसाइट� ने भारत म� 1882 ई. म� आ�यार (म�ास) म� अपना अ�तरा����य काया�लय खोला था। �वतं�ता आ�दोलन म� इस सोसाइट� ने मह�वपणू� भ�ूमका �नभाई। 20 - B बाल गंगाधर �तलक महान ्�वत��ता सेनानी थे। उनका ��स�ध नारा है- ‘‘�वराज हमारा ज�म�स�ध अ�धकार है , िजसे म� लेकर रहँूगा ’’। मा�डले (बमा�) क� जेल म� कारावास के दौरान बाल गंगाधर �तलक ने ‘गीता रह�य ’ नामक प�ुतक क� रचना क�। इसी दौरान उ�ह�ने ‘आक� �टक होम ऑफ द वेदाज ’ भी �लखी। उ�ह�ने अपने �म� �चपलणुकर एवं आगरकर के सहयोग से 1881 ई. म� ‘द मराठा ’ (अ�ेंजी) एवं ‘केसर� ’ (मराठ�) नामक सा�ता�हक प�� का स�पादन �कया। 21 - B काँ�ेस ने ‘�वराज ’ ��ताव वष� 1905 ई. म� पा�रत �कया था। इस ��ताव का �मखु उ�दे�य ‘�वशासन स�ुनि�चत करना ’ था। 1905 ई. म� हुए काँ�ेस के बनारस अ�धवेशन क� अ�य�ता करत ेहुए गोपाल कृ�ण गोखले ने �वदेशी और ब�ह�कार आ�दोलन का समथ�न �कया था। 1906 ई. म� कलकता म� हुए काँ�ेस अ�धवेशन क� अ�य�ता करत ेहुए दादाभाई नौरोजी ने पहल� बार ‘�वराज ’ क� माँग ��ततु क� थी। कां�ेस के मंच से ‘�वराज ’ क� माँग सव��थम दादाभाई नौरोजी ने रखी थी। 22 - A �ा�तीय सरकार� का गठन भारत सरकार अ�ध�नयम 1935 के तहत ्�कया गया था। �ा�तीय �वषय� पर �व�ध बनाने का अ�धकार �ा�त� को �दया गया था तथा �ा�त क� काय�पा�लका शि�त गवन�र म� �न�हत थी। इस अ�ध�नयम के कुल 321 धाराएँ एवं 10 स�ूचय� का समावेश था। इसक� म�ुय �वशषेताएँ इस �कार थी- 1. के�� म� �वधै शासन क� �यव�था 2. अ�खल भारत संघ क� �यव�था 3. �ा�त� म� �वधै शासन समा�त कर �ा�तीय �वाय�ता क� �यव�था 4. �ा�तीय �वधानम�डल� का �व�तार 5. �ा�त� म� मता�धकार का �व�तार 6. �ववाद� के �नपटारे के �लए संघीय �यायालय अि�तम �यायालय नह�ं था। अि�तम �यायालय ��वी

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  • काउि�सल थी। 7. बमा� (�यांमार) का भारत से पथृ�करण 8. एक संघीय �यायालय एवं भारतीय �रजव� ब�क क� �थापना 23 - A भारतीय सं�वधान को 26 जनवर� के �दन लागू करने का �नण�य इस�लए �कया गया , कां�ेस ने इसी �त�थ को 1930 ई. म� भारत के �थम �वत��ता �दवस के �प म� मनाया था। 26 जनवर� , 1930 ई. को भारतीय रा���य कां�ेस ने पणू� �वत��ता क� माँग क� थी और ��येक 26 जनवर� को �वत��ता के पवू� तक �वत��ता �दवस के �प म� मनाया जाता था। 24 - C ‘‘�वराज मेरा ज�म�स�ध अ�धकार है और म� इसे लेकर रहँूगा ’’ - यह कथन बाल गंगाधर �तलक का है। इ�ह�ने होम�ल आ�दोलन म� मह�वपणू� योगदान �दया। �तलक ने 1916 ई. म� लखनऊ म� हुए कां�ेस के अ�धवेशन म� �वरा�य क� माँग करत ेहुए कहा था। 1916 ई. म� सव��थम बेले�टाइन �शरोल �वारा इ�ह� ‘भारतीय अशाि�त का जनक ’ कहा गया। 25 - D म�ास महाजन सभा क� �थापना 1884 ई. म� हुई थी। म�ास के यवुा नेताओ ंएम.वी राघव , पे�रयार , जी स�ु�म�यम अ�यर , पी. आन�दाचाय� ने 1884 ई. म� म�ास महाजन सभा क� �थापना क� थी। इसका एक स�मेलन �दस�बर , 1884 ई. से 2 जनवर� 1885 ई. तक हुआ। इस समय �वधानप�रषद� के �व�तार , इनम� भारतीय� के ��त�न�ध�व , �यायपा�लका और राज�व एक� करने वाल� सं�थाओ ंके पथृ�करण क� माँग क� गई थी। 26 - C भारतीय रा���य कां�ेस का �थम अ�धवेशन 28 �दस�बर , 1885 ई. को 12 बजे ब�बई (अब म�ुबई) ि�थत गोकुलदास तजेपाल सं�कृत कॉलेज के भवन म� आयोिजत हुआ था िजसम� कुल 72 सद�य� ने �ह�सा �लया था। इस अ�धवेशन क� अ�य�ता �योमेश च�� बनज� ने क� थी। पहले भारतीय रा���य कां�ेस का यह �थम अ�धवेशन पणेु म� आयोिजत होना था , ले�कन वहाँ �लेग फैल जाने के कारण पनूा से इसे ब�बई �थाना�त�रत कर �दया गया। 27 - A लॉड� माउ�टबेटन �वत�� भारत �थम गवन�र-जनरल थे , जब�क �वत�� भारत के पहले भारतीय गवन�र-जनरल सी. राजगोपालाचार� थे। भारत के अि�तम गवन�र जनरल लॉड� �व�लयम ब�ैटकं थे। 28 - B असहयोग आ�दोलन कलक�ा म� कां�ेस के �वशषे अ�धवेशन ( 1920 ई.) म� पास हुआ। महा�मा गांधी �वारा इस आ�दोलन क� श�ुआत 1 अग�त , 1920 ई. को हुई , जो 1922 ई. तक चला। यह आ�दोलन महा�मा गाँधी के नेत�ृव म� �कया गया पहला जन आ�दोलन था। यह आ�दोलन तीन �मखु माँग� के �लए �ार�भ �कया गया था- 1. �खलाफत का �ववाद 2. ज�लयाँवाला बाग ह�याका�ड के �व��ध �याय 3. �वराज क� �ाि�त गोरखपरु के चौर�-चौरा का�ड के कारण गाँधीजी ने 12 फरवर� , 1922 ई. को बारदोल� म� हुई एक बठैक म� असहयोग आ�दोलन को समा�त करने का �नण�य �लया और आ�दोलन समा�त हो गया। 29 - C

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  • मॉ�टे�य-ूचे�सफोड� क� �रपोट� भारत सरकार अ�ध�नयम 1919 का आधार बनी। भारत सरकार अ�ध�नयम 1919 को मॉ�टे�य ूने संसद �वारा �न�म�त सरकार और भारत के ��त�न�धय� �वारा �न�म�त सरकार के बीच सेत ुक� सं�ा द�। इस अ�ध�नयम क� मह�वपणू� �वशषेता थी- �ा�त� म� �वधै शासन �णाल� को लागू करना। इसे 8 �ा�त� म� लागू �कया गया था। 30 - C लाला लाजपत राय को ‘शरे-ए-पंजाब ’ के नाम से जाना जाता था। इनका ज�म 1865 ई. म� पंजाब म� हुआ था। वे एक स�चे रा��वाद� थे। ये भारत के �मखु �वतं�ता सेनानी और कां�ेस पाट� के गरम दल के �मखु नेता थे। 1920 ई. म� कां�ेस के कलक�ा अ�धवेशन क� अ�य�ता लाला लाजपत राय ने क� थी। 1923 ई. म� उ�ह�ने सी.आर. दास और मोतीलाल नेह� के साथ �मलकर ‘�वरा�य दल ’ क� �थापना क� थी। 17 नव�बर , 1928 ई. को साइमन कतीशन का �वरोध करत ेहुए लाठ� चाज� म� लगी गहर� चोट के कारण उनक� म�ृय ुहो गई थी। 31 - B गाँधी-इर�वत समझौता 1931 ई. म� हुआ था। इस समझौता को ‘�द�ल� समझौता ’ के नाम से भी जाता है। तजे बहादरु स� ूऔर एम. आर. जयकर के �यास� से हुए इस समझौत ेहेत ुगाँधी जी एवं इर�वन के म�य 17 फरवर� , 1931 ई. से वाता� �ार�भ हुई थी। इस समझौत ेपर कां�ेस �वारा 1931 ई. म� कराची अ�धवेशन के दौरान महुर लगाई गई थी। इसके साथ ह� कां�ेस ‘स�वनय अव�ा आ�दोलन ’ समा�त करने के �लए तयैार हो गई , साथ ह� ‘��वतीय गोलमेज स�मेलन ’ म� भाग लेने क� भी हाँ कर द� गई। 32 - C 1932 ई. म� तीसरा गोलमेज स�मेलन हुआ था।

    कां�ेस ने ततृीय स�मेलन का ब�ह�कार �कया था। 33 - A इस �ाि�तकार� संगठन क� �थापना बी. डी. सावरकर ने 1904 ई. म� क� थी। इस संगठन का महारा�� के �ि�तकार� संघ� म� �थम �थान था। अ�भनव भारत समाज मिैजनी के त�ण इटल� के नमनेू पर एक गु�त सभा थी। 1899 ई. म� ना�सक म� गणप�त उ�सव के दौरान ‘�म� मेला ’ संगठन क� �थापना हुई थी। इसके �मखु सद�य गणेश सावरकर तथा बी. डी. सावरकर (सावरकर ब�ध)ु थे। यह� संगठन काला�तर म� अ�भनव भारत समाज के �प म� प�रव�त�त हो गया। 34 - D

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  • 14 जलुाई , 1942 ई. को वधा� मे आयोिजत कां�ेस काय� स�म�त क� बठैक म� ‘भारत छोड़ो आ�दोलन ’ पर एक ��ताव पा�रत �कया गया। ब�बई म� कां�ेस अ�धवेशन म� भारत छोड़ो ��ताव को थोड़ ेबहुत संशोधन के बाद 8 अग�त , 1942 ई. को पास कर �दया। इसी अ�धवेशन म� भाषण देत ेहुए गाँधी जी ने अपने स�बोधन म� कहा था , म� आपको एक म�� देता हँू- ‘करो या मरो ’, िजसका अथ� था �क ‘हम भारत को आजाद कराएँगे या इस समाज म� अपनी जान दे द�गे। ’ 35 - B �ी द�पनारायण �सहं के �य�न� से �बहार �ा�तीय कां�ेस का दसूरा अ�धवेशन हुआ। वे �वत�� भारत म� �बहार रा�य क� �वधानसभा के �थम अ�य� और स��य �वत��ता सेनानी थे। 36 - D भारतीय रा���य कां�ेस का 27वाँ अ�धवेशन पटना के बाँक�परु म� 1912 ई. म� हुआ था। इसक� अ�य�ता आर. एल. मधलुकर ने क� थी। 37 - A �बहार �टुड�ेट कॉ��े�स का 16वाँ अ�धवेशन 1921 ई. म� हजार�बाग म� हुआ था। 38 - C फतहेपरु , कानपरु एवं भागलपरु शहर गंगा नद� के �कनारे ि�थत है। उ�रकाशी गंगा नद� के �कनारे ि�थत नह�ं है। 39 - A अमतृसर एवं �शमला लगभग एक ह� अ�ांश पर ि�थत ह� , �क�त ुइनक� जलवाय ुम� �भ�नता देखने को �मलती है। ऐसा दोन� क� सम�ु तल से ऊँचाई म� �भ�नता के कारण होता है। �शमला सम�ु तल से 2000 मीटर से भी अ�धक ऊँचाई पर अवि�थत है। 40 - A देश म� �ाचीनकाल क� गो�डवाना शलै� म� कुल कोयले का 98% भाग पाया जाता है। जब�क ततृीयक अथवा ट�श�यर� यगुीन कोयला मा� 2% है। झारख�ड म� कोयले क� खान� झ�रया , बोकारो , �ग�रडीह , रामगढ़ , उ�र� एवं द��ण करनपरुा , औरंगा , ललम�टया , डा�टनगंज , हटार इ�या�द म� अवि�थत ह�। झ�रया कोयला �े� 450 वग� �कमी. �े� म� �व�ततृ है एवं यहा ँरा�य का लगभग 50% कोयला का उ�ख�न �कया जाता है। 41 - A �े�फल क� �ि�ट से भारत के �थम तीन बड़ ेरा�य �मशः राज�थान ( 3,42,239 वग� �कमी.) , म�य �देश ( 3,08,245 वग� �कमी.) तथा महारा�� ( 3,07,713 वग� �कमी.) ह�। गोवा �े�फल क� �ि�ट से भारत का सबसे छोटा रा�य है िजसका �े�फल 3702 वग� �कमी. है। 42 - D

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  • देश के कुल गेहँू उ�पादन का लगभग 35.39% अकेले उ�र �देश करता है। उ�र �देश का कुल खा�या�न उ�पादन म� भी पहला �थान है। ग�ना एवं आल ूके उ�पादन म� भी उ�र �देश का देश म� पहला �थान है। दसूरे व तीसरे �थान पर पंजाब व ह�रयाणा है। 43 - A ग�ना उ�पादन म� भारत के तीन अ�णी रा�य इस �कार ह�-

    44 - C भारत म� अनसु�ूचत जा�त ( SC) के लोग� क� सवा��धक जनसं�या उ�र �देश रा�य म� पाई जाती है। 2001 ई. क� जनगणना के अनसुार रा�य क� कुल जनसं�या म� अनसु�ूचत जा�त क� �ह�सेदार� 21.1% (35,148,377) है। 45 - B भारतीय कोयला उ�योग क� म�ुय सम�याएँ �न�न�ल�खत ह�: ( i) �न�न को�ट का कोयला एवं कोयला संचालन म� बाधा ( ii) को�कंग-कोयला के आयात पर बढ़ती �नभ�रता ( iii) धलुाई सं�थान� क� उपयोग �मता मे कमी ( iv) काय� संचालन क�मत� उपरो�त म� से सभी सह� ह�। 46 - D द�ुमट� �म�ट� म� बाल ूकण , �चकना कण एवं पांश ुकण तीन� �मलत ेह�। व�ततुः लोम �म�ट� तीन� का उपयु��त �म�ण है। 47 - C बलईु �म�ट� म� पानी सोखने क� अ�धक �मता होती है , िजससे वहाँ ि�थत पौध� को पानी क� अ�धक आव�यकता पड़ती है। 48 - D लोम �म�ट� म� को�शका सबसे अ�धक �भावशाल� होती है। 49 - B वेगनर का महा�वीपीय �भाव �स�धा�त इस त�य को �स�ध करता है �क महा�वीप , �ववत��णक ��या के प�रणाम�व�प अलग हुए। अ��ेड वेगनर ने 1921 ई. म� स�पणू� �व�व क� जलवाय ुप�रवत�न स�ब�धी सम�या को सलुझाने के �लए अपना ‘महा�वीपीय �वाह �स�धा�त ’ ��ततु �कया। उनके अनसुार काब�नीफेरस यगु म� �व�व के स�पणू� महा�वीप एक म� �मले थे , िजसे उ�ह�ने ‘पिै�जया ’ नाम �दया। इस �थलख�ड के चार� ओर ि�थत �वशाल जल भाग ‘पे�थालासा ’ के नाम से था। काला�तर म� ‘पिै�जया ’ के �वख�डन होने से तथा �वखि�डत भाग के �वा�हत होने से �व�भ�न महा�वीप� और महासागर� क� वत�मान ि�थ�त

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  • �ा�त हुई है। 1962 ई. म� हैर� हेस ने महा�वीपीय भाग� से स�बि�धत अपना �लेट �ववत��नक �स�धा�त ��ततु �कया। िजसके अनसुार सभी महा�वीप एवं महासागर �व�भ�न �लेट� के ऊपर ि�थत ह�। जो हमेशा संचरणशील ह�। इनक� ग�त के कारण ह� महा�वीप� एवं महासागर� का वत�मान �व�प �यवि�थत हुआ। 50 - D सयू� के चार� ओर च�कर लगाने वाले �व�भ�न �ह� , उप�ह� , धमूकेतओु ं, �ु��ह� तथा अ�य अनेक आकाशीय �प�ड� के समहू या प�रवार को सौरम�डल कहत ेह�। अतः �नहा�रका सौरमंडल का भाग नह�ं है। तार� के बीच बादल , धलू , हाइ�ोजन गैस , ह��लयम गैस और अ�य आय�नत गैस� को मलू �प से नीहा�रका ( Nibulae) कहा जाता है। 51 - B अरब सागर के पानी क� औसत लवणता या खारापन लगभग 35ppt है। वा�तव म� सम�ु�� क� औसत लवणता 35 ppt होती है। 52 - B का�हरा (�म��) का समय �ीन�वच से दो घ�टा आगे है। अतः इसक� ि�थ�त पवू� देशा�तर पर होगी। 53 - D तकला मकान म��थल चीन म� 38∘ उ�र� अ�ांश से 41∘ उ�र� अ�ांश तथा 78∘ पवू� देशा�तर से 88∘ पवू� देशा�तर के म�य ता�रम बे�सन म� है। इसके उ�र म� �यानशान पव�त तथा द��ण म� �यनुलनू पव�त है। इसक� औसत ऊँचाई 600 मी. है। यह म��थल लगभग 3,20,000 वग� �कमी. �े� म� फैला हुआ है। इस म��थल म� बालकुा �तपू� के �नर�तर बदलत ेरहने का �व�प �दखाई देता है। यह �व�व के बड़ ेम��थल� म� से एक है। 54 - A बाब-अल-मनदेव जलसं�ध �ह�द महासागर और लाल सागर को अलग करती है। इसक� ि�थ�त यमन और िजबतूी के म�य है। 55 - B नाइ�ट� ई�ट �रज ( 90 East Ridge) �ह�द महासागर म� अवि�थत है। यह लगभग 5,000 �कमी. ल�बी है। 56 - B �सडनी शहर ऑ��े�लया के �य ूसाउथ वे�स �ा�त म� ि�थत है। ‘केनबरा ’ आ��े�लया क� राजधानी ह� , ‘वे�लगंटन ’ �यजूील�ैड क� राजधानी , सउद� अरब क� राजधानी ‘�रयाद ‘ है। �सडनी आ��े�लया का सबसे बड़ा एवं सबसे परुाना शहर है। यह शहर मरे-डा�ल�ग बे�सन का सबसे अ�धक स�ुदर शहर है। 57 - C चीन �व�व म� सबसे अ�धक कोयला उ�पादन करने वाला देश है। कोयला हमारा सबसे बड़ा ख�नज संसाधन है , �व�व म� कोयला उ�पादन के मामले म� चीन और अमेर�का के बाद भारत

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  • का तीसरा �थान है। कोयले के सं�चत भ�डार क� �ि�ट से अमेर�का का �थम �थान है। इसके बाद �मशः �स , चीन , ऑ��े�लया एवं भारत का �थान आता है। 58 - C वलन ��या पव�त-�नमा�णकार� बल का प�रणाम है। प�ृवी के आ�त�रक भाग म� उ�प�न अ�तजा�त बल� के �ै�तज संचलन �वारा धरातल�य च�टान� क� कठोरता , कोमलता , दबाव एवं संपीडन के प�रणाम�व�प लहर� के �प म� पड़ने वाले मेड़� को वलन-��या ( Folding) कहा जाता है। िजससे व�लत पव�त� का �नमा�ण होता ह�। जसेै- �हमालय , रॉवी , इ�डीज। ये �व�व के सबसे नवीन पव�त ह�। 59 - A प�ृवी सागर�य जल म� �मलने वाल� लवणता का �मखु ��ोत है। �थानीय भाग� से �वा�हत होकर सागर� म� �गरने वाल� न�दयाँ और सागर�य लहर� से तट�य भाग� के �कए जाने वाले अपरदन के प�रणाम�व�प लवण� क� कुछ न कुछ मा�ा �नर�तर महासागर� म� �मलती रहती है। अतः सागर�य जल म� लवणता क� मा�ा म� व�ृ�ध होती जा रह� है। अनमुान के अनसुार न�दयाँ ��तवष� लगभग 16 करोड़ मी��क टन लवण �थल�य भाग� से महासागर� म� बहाकर ले जाती ह�। 60 - A ऊजा� के वा�ण�यक ��ोत� म� �वश�ुधतः शि�त , कोयला , तले , जल-�व�यतु , गैस और यरेू�नयम शा�मल ह�। 61 - B �बहार , म�य �देश तथा �हमाचल �देश म� 2010 ई. तक �थानीय �नकाय� म� म�हलाओ ंका आर�ण 50% कर �दया गया। उ�त रा�य� के अ�त�र�त राज�थान उ�राख�ड , छ�ीसगढ तथा म�णपरु रा�य� के �थानीय �नकाय� म� म�हलाओ ंका आर�ण 50% कर �दया गया है। 62 - C �श�ा के अ�धकार को भारतीय सं�वधान के अ�तग�त एक मौ�लक अ�धकार का भी दजा� �दान �कया गया है। देश म� 6 से 14 वष� तक क� आय ुके सभी ब�च� को वष� 2010 ई. तक आठवीं क�ा तक स�तोषजनक �नःश�ुक और गुणव�ापरक �ाथ�मक �श�ा उपल�ध कराने के अहम ्उददे�य को लेकर वष� 2000-01 म� ‘सव� �श�ा अ�भयान ’ क� घोषना क� गई थी। इसे अब भारतीय सं�वधान के अ�तग�त मौ�लक अ�धकार क� �ेणी म� रखा गया है। भारतीय संसद �वारा 86व� सं�वधान संशोधन के मा�यम से अन�ुछेद 21 म� संशोधन कर 21A जोड़ा गया है। सभी सरकार� �व�यालय� म� 6 से 14 वष� तक क� आय ुवग� के ब�च� को म�ुत �श�ा द� जाएगी और �नजी �श�ा सं�थान अपने यहाँ कुल सीट� के 25% बालक� को म�ुत �श�ा �दान कर�गे। 63 - A भारतीय सं�वधान म� संशोधन करके 1 अ�लै , 2010 ई. को �श�ा का अ�धकार जोड़ा गया। 64 - A

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  • वत�मान समय म� भारतीय सं�वधान म� 395 अन�ुछेद , 22 भाग एवं 12 अनसु�ूचयाँ है। मलू सं�वधान म� 395 अन�ुछेद , 22 भाग एवं 8 अनसु�ूचयाँ शा�मल थीं। इस �कार 4 अनसु�ूचया ँअ�धक हो गयी ह�। 65 - C संसद म� �न�न सदन को लोक सभा एवं उ�च सदन या �थम सदन को रा�य सभा कहत ेह�। रा�य सभा के सद�य� क� अ�धक-से-अ�धक सं�या 250 हो सकती है। वत�मान म� यह सं�या 245 है। इनम� 12 सद�य रा��प�त �वारा मनोनीत �कए जात ेह�। 12 सद�य� को भारत के रा��प�त �वारा सा�ह�य , �व�ान , कला तथा समाज सेवा के �े� म� �वशषे �ान वाले �यि�तय� को मनोनीत �कया जाता है। 66 - B लोक लेखा स�म�त अपनी �रपोट� लोकसभा अ�य� को ��ततु करती है। इस स�म�त को �ा�कलन स�म�त क� जड़ुवाँ बहन भी कहा जाता है। इस स�म�त के 22 सद�य होत ेह� , िजनम� से 15 सद�य लोकसभा के सद�य� तथा 7 सद�य रा�यसभा के सद�य� �वारा एक वष� के �लए �नवा��चत �कए जात ेह�। 1967 ई. म� �था�पत �नयम के अनसुार इस स�म�त के अ�य� के �प म� �वप� के �कसी सद�य को �नय�ुत �कया जाता ह�। यह स�म�त भारत के �नय��क महालेखा पर��क �वारा �दया गया लेखा पर��ण स�ब�ध� क� जाँच करती है। 67 - B धन-�वधेयक क� श�ुआत केवल लोकसभा म� ह� होती है। लोकसभा �वारा पा�रत �कए जाने पर उसे रा�यसभा म� पेश �कया जाता है। धन �वधेयक के स�ब�ध म� रा�य सभा को केवल �सफा�रश� करने का अ�धकार है। यह लोकसभा पर �नभ�र करता है �क वह रा�यसभा क� �सफा�रश को �वीकार करे या नह�ं। िजसे मानने के �लए लोक सभा बा�य नह�ं है। इसके �लए रा�य सभा को 14 �दन समय �मलता हैा। य�द इस समय म� �वधेयक वापस नह�ं होता , तो पा�रत समझा जाता है। रा�यसभा , लोकसभा �वारा पा�रत धन-�वधेयक म� संशोधन नह�ं कर सकती है। कोई �वधेयक धन �वधेयक है अथवा नह�ं इसका �नण�य लोकसभा अ�य� करता है। भारतीय सं�वधान के अन�ुछेद 110 के अनसुार धन �वधेयक को रा��प�त क� सहम�त से लोकसभा म� पेश �कया जाता है। धन-�वधेयक पर रा��प�त अपनी सहम�त देने के �लए बा�य है तथा उसे पनु�व�चार हेत ुनह�ं लौटा सकता है। 68 - A भारतीय सं�वधान �वारा �द� संवधैा�नक �नराकरण का अ�धकार गैर-नाग�रक� अथा�त �वदे�शय� को भी उपल�ध है। 69 - A भारतीय सं�वधान के अन�ुछेद 352 के अनसुार भारत के रा��प�त �वारा रा���य आपातकाल क� घोषणा क� जा सकती ह�। 44व� सं�वधान संशोधन �वारा यह उदघोषणा स�पणू� भारत म� या उसके �कसी भाग म� क� जा सकती है। अन�ुछेद 356 के तहत ्रा�य� म� रा��प�त शासन क� उदघोषणा क� जाती है तथा अन�ुछेद 360 के तहत ्रा��प�त �वारा देश के �व�ीय आपात क� उदघोषणा क� जाती है। अभी तक 3 बार रा���य आपात ्क� घोषणा क� जा चकु� है। 70 - D

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  • भारतीय सव��च �यायालय का गठन 1950 ई. म� �कया गया था। यह देश का उ�चतम �यायालय है , िजसम� अपील क� जा सकती है। सव��च �यायालय कोट� माश�ल को छोड़ अ�य �कसी भी उ�च �यायालय या अदालत� क� सनुवाई कर सकता है। 71 - B रा�यपाल , रा�य सरकार� का संवधैा�नक �मखु होता है , वह ��य� �प से अथवा अधीन�थ अ�धका�रय� के मा�यम से इसका उपयोग करता है। रा�य क� काय�पा�लका का �मखु रा�यपाल होता है , जो मि��प�रष� क� सलाह के अनसुार काय� करता है। कुछ मामल� के रा�यपाल को �ववेका�धकार �दया गया है , वह मि��प�रष� क� सलाह के �बना काय� करता है। यह �ावधान ज�म-ूक�मीर को छोड़कर सभी रा�य� के �लए लागू होता है। 72 - A CDP एवं NES के पनुग�ठन के �लए 1957 ई. म� रा���य �वकास प�रष� ( NDC) �वारा बलव�त राय मेहता स�म�त क� �थापना क� गई थी। इस स�म�त ने �ामीण �थानीय सरकार क� ��-�तर�य �णाल� का सझुाव �दया था। इस स�म�त क� �सफा�रश� को 1 अ�लै , 1958 ई. को लागू �कया गया और इस �सफा�रश के आधार पर राज�थान रा�य क� �वधान सभा ने 2 �सत�बर , 1959 ई. को पंचायती राज अ�ध�नयम पा�रत �कया। इस अ�ध�नयम के आधार पर 2 अ�टूबर , 1959 ई. को राज�थान के नागौर िजले म� ��-�तर�य पंचायती राज का उदघाटन �कया गया। 73 - B बलवंत राय मेहता �सफा�रश� के आधार पर �था�पत पंचायती राज �यव�था म� कई क�मया ँउ�प�न हो गई , िज�ह� दरू करने के �लए �सफा�रश करने हेत ु 1977 ई. म� अशोक मेहता स�म�त का जनता पाट� सरकार �वारा गठन �कया गया था। अशोक मेहता स�म�त ने पंचायती राज �णाल� क� ��व-�तर�य सरकार क� �सफा�रश क� थी। इस स�म�त ने 1978 ई. म� अपनी �रपोट� के�� सरकार को स�पी थी। �रपोट� म� कुल 132 �सफा�रश� क� गई थी। 74 - D क� � सरकार के भार� उ�योग एवं साव�ज�नक उ�यम म��ालय �वारा ‘लघ ुर�न ’ �ेणी- I उ�योग को अ�धकतम 500 करोड़ �पये धनरा�श तक क� �व�ीय �वाय�ता द� गई है। 75 - C भारत म� ��त �यि�त ऊजा� क� खपत वष� 1994 ई. म� 243 �क�ा के बराबर थी। 76 - D भारत म� सव��थम तले/ऊजा� संकट 1970 ई. और 1980 ई. के दौरान उ�प�न हुआ था। 77 - B भारत म� रा�य �व�यतु बोड� क� �व�ीय ��णता के �न�न�ल�खत कारण ह�- ( i) कृ�ष तथा घरेल ूउपभो�ताओ ंको उ�पादन-लागत से कम क�मत पर �बजल� का �व�य करना। ( ii) �सारण तथा सं�वतरण हा�नय� का काफ� �यादा होना। ( iii) रा�य �व�यतु बोड� के �लए वा�णि�यक �वाय�ता म� कमी होना। ( iv) रा�य सरकार� �वारा �व�यतु बोड� के मा�यम से सामािजक प�रदान नी�तय� को ��या�वयन �कया जाना।

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  • 78 - C भारतीय अथ��यव�था �म��त अथ��यव�था के नाम से जानी जाती है। भारतीय अथ��यव�था म� साव�ज�नक �े� के साथ-साथ �नजी �े� ( Private Sector) के सह-अि�त�व को मह�ा �दान क� गई है। इसी कारण भारतीय अथ��यव�था को �म��त अथ��यव�था क� सं�ा द� गई है , �य��क यहाँ पर साव�ज�नक �े� और �नजी �े� दोन� क� �मलकर �वकास के काय� कर रहे ह�। 79 - B जनता दल पाट� क� के�� म� स�ा�ढ़ सरकार ने पाँचवी पंचवष�य योजना को उसक� अव�ध के एक वष� पवू� ह� अथा�त ्चार वष� ( 1974-78 ई.) म� ह� समा�त करके 1 अ�लै , 1978 ई. से एक नई योजना �ार�भ कर द� थी। इस योजना को ‘चल योजना ’ अथवा ‘अनवरत योजना ’ (Rolling plan) नाम �दया गया था। इसके तहत चाल ूवष� के �लए एक योजना होती थी , िजसम� वा�ष�क बजट शा�मल होता था। यह अथ��यव�था क� आव�यकतानसुार ��तवष� संशो�धत होती थी। 80 - A भारत म� योजना आयोग का गठन 15 माच� , 1950 ई. म� परामश�दा�ी व �वशषे� सं�था के �प म� सरकार के एक �लेख �वारा �कया गया था। योजना आयोग का अ�य� �धानमं�ी होता था। यह गैर संवधैा�नक �नकाय था। इसम� भारत के ��येक रा�य के म�ुयमं�ी भी सद�य होत ेथे। अब इसके �थान पर वत�मान मोद� सरकार �वारा ‘नी�त आयोग ’ बना �दया गया है। 81 - B सौर �व�करण 400-7000 nm के परास म� �दखायी देता है। सौर �व�करण के �भाव से ना�भक�य गैस� का वा�पीकरण हो जाता है 82 - B ख�नज ( Minerals) म�ुयतः अकाब��नक ठोस ( Inorganic solids) का �ा�प होत ेह�। ख�नज होने के �लए पदाथ� का कठोर एवं ���टल�य होना अ�त आव�यक है। ख�नज स�पदा क� उपल�धता क� �ि�ट से भारत क� गणना �व�व के ख�नज संसाधन स�प�न देश� म� क� जाती है। भारत क� भगू�भ�क संरचना म� �ाचीन �ढ़ भखू�ड़� का सवा��धक योगदान है। 83 - C �ाकृत त�व म� से एक ह� �कार का परमाण ु�मलत ेह�। 84 - B खाने के नमक का �नमा�ण मजबतू अ�ल एवं मजबतू �ार क� पर�पर अ�भ��या से होता है। इसका रासाय�नक नाम सो�डयम काब�नेट है। इसक� रासाय�नक अ�भ��या को �न�न �कार से दशा� सकत ेह�: 85 - C नमक य�ुत �म�ट� (�ार�य �म�ट�) म� उगने वाले पौधे हैलोफाइ�स के नाम से जाने जात ेह�। हैलोफाइट नामक पौधे �चरु मा�ा म� दलदल और क�चड़ �ल�ैस म� उगत ेह�। म��थल�य

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  • �े�� म� उगने वाले पौधे को जीरोफाइ�स कहा जाता ह�। जल म� उगने वाले पौधो को जलोध�भद के नाम से जाना जाता ह�। 86 - D पया�वरण का �नमा�ण जीवीय घटक� ( Biotic Factors), अजवै घटक� ( Abiotic Factors) तथा भ-ूआकृ�तक घटक� ( Physiographic Factors) इ�या�द सभी से होता है। 87 - D संवहनी पौध� ( Vascular Plants) म� पानी जाइलम ऊतक क� सहायता से ऊपर चढता है। यह एक ज�टल ऊतक ह� जो जड़ , तना तथा प�ी म� ि�थत संवहन पलू� म� मौजदू रहत ेह�। इ�ह� जल संवाहक ऊतक भी कहा जाता है। इनका काय� जड़� से अवशो�षत जल एवं ख�नज लवण� को पौध� के �व�भ�न अगं� म� पहँुचाना है। 88 - C पौध� म� फूल बनने का उ�द�पन प�ी (पण�) �हण करती है। पौधे के प�ुप बनने का उ�द�पन �काश�ाह� वण�क फाइटो�ोम के �वारा �हण �कया जाता है तथा यह वण�क प�ी म� पाया जाता है , �य��क इसी भाग से प��याँ �काश संशलेषण ( Photosynthesis) करके अपना भोजन

    बनाती ह�। 89 - C सहज �णाल� का प�रव��धन �णाल� क� �वपोषी ��या है। 90 - D आनवुं�शकता और �वचरण का अ�ययन आनवुं�शक कहलाता है। आनवुं�शक� जीव �व�ान क� वह शाखा है िजसम� वंशाग�त , वंशाग�त के �नयम , कारक� तथा �व�भ�नताओ ंका अ�ययन �कया जाता है। जेने�ट�स या आनवुंशक� वे ल�ण ह� जो पीढ़�-दर पीढ़� संच�रत होत ेह�। आनवुं�शकता के बारे म� सव��थम जानकार� आि��या �नवासी �ेगर जान मे�डले ने द� थी। 91 - C मे�डले का आनवुं�शकता का �स�धांत ल��गक जनन ( Sexual reproduction) पर आधा�रत है �ेगर जान मे�डले ( 1822-1884 ई.) को ‘आनवुं�शक� का �पता ’ कहत ेह�। उ�ह�ने मटर के पौधे पर अपना �योग �कया था। 92 - C �नषचेन के फल�व�प य�ुमनज बनता है जो प�रव�त�त होकर �णू बनाता है तथा प�ुप का बीजांड बीज म� प�रव�त�त हो जाता है। य�ुमनज का बनना एवं प�रवत�न दोन� ��याएँ बीजांड म� होती ह�। इस तरह �णू बीज म� बनता है। जब एक �णू अकुं�रत होना श�ु करता ह� तथा बीज से बाहर आता है तो इसे अकुंरण कहा जाता है। 93 - C �काश-सं�लेषण क� ��या पौध� के हरे भाग म� पाए जाने वाले �लोरो�ला�ट म� स�प�न होती है। पौध� म� जल , �काश पण�ह�रत एवं काब�न डाइ-ऑ�साइड (CO2) क� उपि�थ�त म�

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  • काब�हाइ��ेस के �नमा�ण क� ���या को �काश सं�लेषण कहा जाता है। इसे �हल ��या ( Hill Reaction) भी कहत ेह�। �लोरो�ला�ट पौध� क� प��य� म� �वधमान रहत ेह�। 94 - D ल��गक जनन से आनवुं�शक �वचरण जीन के सि�म�ण , �ोमोसोम के बदलाव , जीन के �म�ण आ�द के मा�यम से होता है। 95 - C ‘�बल तथा मे�लडंा गे�स फाउ�डशेन ’ �वारा �था�पत भारत के �लए काय��म ‘AVAHAN’ एच.आई.वी./ए�स ( HIV/AIDS) के ��तरोध के �लए काय�रत है। 96 - C भारत म� 2-G �पे��म घोटाल कां�ेस नेत�ृव वाल� यपूीए सरकार के शासनकाल म� 122 लाइस�स के म�ुदे 2-G म� 35 क�प�नय� को कम म�ूय क� �पे��म उपल�ध कराने से स�बि�धत था। ‘2-G �पे��म ’ म� अ�र ‘G’ का अथ� ��वतीय जनरेशन ( 2nd Generation) है। 97 - D पवू� के���य म��ी �ी ए. राजा का स�ब�ध ��वड़ मनेु� कणगम ( DMK) नामक राजनी�तक दल से है। 15वीं लोक सभा म� नील�गर� (त�मलनाडु) �े� से संसद चनेु जाने पर उ�ह� सचूना �ौ�यो�गक� मं�ी बनाया गया। राजा को 2-G �पे��म घोटाला के कारण अपने पद से �याग-प� देना पड़ा। वे इस क�थत घोटाले म� म�ुय आरोपी ह�। 98 - D �ट�को ( TISCO) संय�� झारख�ड रा�य म� जमशदेपरु म� ि�थत है। इसे ‘टाटानगर ’ या ‘�ट�ल �सट� ’ भी कहा जाता है। इसक� �थापना 1907 ई. म� जमशदे जी टाटा के �वारा क� गई थी। यह �नजी �े� म� काय�रत लौह इ�पात संय�� ह�। 99 - D x – [y – {z – (x – y + z)}] = x – [y – (z – x + y – z)] = x – [y + x – y] = x – x = 0 100 - A ��नानसुार , f(x) = log x ∴f(y)=logy अब , f(x) + f(y) = log x + log y = log (xy) = f(xy) 101 - B उपरो�त आकँड़� का आरोह� �म म� रखने पर , 2, 4, 6, 8, 10, 12, 14, 16 यहाँ कुल अकं� क� सं�या = 8 = N (माना) जो�क सम है।

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  • 102 - C माना �क ,

    103 - D

    अभी�ट �े�फल =

    (जहाँ r = ���या) = वग� सेमी. = 7.54 वग� सेमी. 104 - C व�ृाकार पथ का प�रमाप =

    (जहाँ r = ���या)

    मी. 105 - D

    अभी�ट �नद�शांक =(4−42,682) =(02,142) =(0, 7) 106 - A

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  • ��नानसुार �दया गया समीकरण , ⇒(D2−3D2)=e5x अथा�त ् (D−1)(D−2)y=e5x अतः

    C.F. y=C1exC 2e 2x P.I.=1(D−2)(D−1)e5x=[1(D−2)−1(D−1)]e5x =1(D−2)e5x−1(D−1)e5x =e2x∫e 5x.e−2xdx −e x∫e5x.e −xdx =e2x(e3x 3)−e x(e4x 4) =e5x 3−e5x4 =e5x 12 अतः �दए गए समीकरण का मानक समीकरण है- y=C1exC2e2x112e5x 107 - C

    उपरो�त ΔPQR म� , ∠Q=120∘;PQ =PR ∴∠Q =∠R [समान भजुा के आधार के कोण बराबर होत ेह�] ∴PQR=180∘ [��भजु के तीन� कोण� का योगफल 180∘ होता है] ∴120∘∠Q ∠Q =180∘ ∴2∠Q =180∘−120∘ ∴∠Q=60∘2=30∘ ∴∠Q=30∘ तथा ∠R=30∘ 108 - B

    =limn→∞[(ax −1x)(bx −1x)] =loge(a)−loge(b ) =logeab 109 - B 2001 ई. क� जनगणना के अनसुार , �बहार भारत का तीसरा सबसे बड़ा रा�य है। 2001 ई. म� �बहार रा�य क� कुल जनसं�या 8,29,98,509 थी जो�क 2011 ई. क� जनगणना म� बढकर 10,38,04,637 हो गई है। 2011 ई. क� जनगणना के अि�तम आकँड़� के अनसुार भारत के

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  • सवा��धक जनसं�या वाले 5 रा�य �न�न �कार ह�-

    110 - A भारत क� 2001 ई. क� जनगणना के अनसुार , �बहार रा�य क� कुल जनसं�या 8,29,98,509 है। 2011 ई. क� जनगणना के अनसुार �बहार रा�य क� कुल जनसं�या 10,38,04,637 है। 2011 ई. क� जनगणना के अनसुार �बहार क� जनसं�या देश क� कुल जनसं�या का 8.57% है। 111 - B पवू� म�य रेलवे �े� का म�ुयालय हाजीपरु (�बहार) म� ि�थत है। इसक� �थापना 1 अ�टूबर , 2002 ई. को हुई थी। इसक� �थापना त�काल�न रेलवे मं�ी राम�वलास पासवान ने क� थी। यह �थान केले के उ�पादन के �लए भी ��स�ध है। 112 - A �बहार म� उ�योग� का क�म�नर द�तर , �वकास भवन , बेल� रोड , पटना- 800001 म� ि�थत है। 113 - C उ�र �बहार हाल के वष� म� अपनी बाढ़ �वभी�षका के �लए ��स�ध रहा है। बाढ़ इस �े� क� आम सम�या है। उ�र �बहार क� भ�ूम कृ�ष सम�ृ�ध के �लए भी जानी जाती है। 114 - D पटना शहर रा���य राजमाग�- 2 (NH-2) पर ि�थत नह�ं है। पटना के पास से रा���य राजमाग� NH-19, NH-30, NH-31 और NH-83 गुजरत ेह�। �बहार म� यह रा���य राजमाग� बरह� , शरेघाट� , डहेर� ओन-सोन , औरंगाबाद , मो�हनया एवं सासाराम से गुजरता है। इस रा���य राजमाग� क� �बहार म� कुल ल�बाई 392 �कमी. है। 115 - A पटना ि�थत जय�काश अ�तरा����य हवाई अ�डा काठमा�डू (नेपाल) , नई �द�ल� , कोलकाता , म�ुबई , लखनऊ , वाराणसी तथा राँची से सीधे जड़ुा हुआ है। 116 - D �बहार म� इि�डयन एयरलाइ�स (अब एयर इि�डया) , सहारा एयरलाइ�स (अब जेट लाइट एयरलाइ�स) , रॉयल एयरलाइ�स , इि�डगो , �कंग�फशर , जेट एयरवेज आ�द �वारा �वमान सेवाएँ उपल�ध कराई जाती ह�। 117 - D

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  • योजना आयोग के अनसुार 1993-94 म� �बहार म� गर�बी रेखा के नीचे ( BPL) क� जनसं�या 35 ��तशत है , जब�क 2004-05 म� �बहार म� 41.4 ��तशत जनसं�या गर�बी रेखा के नीचे जीवनयापन कर रह� ह�। 118 - C �बहार म� य�य�प ‘जमींदार� ’ सां�व�धक �प से 1952 ई. म� हटा द� गई थी तथा�प भ-ू�नय��ण का सामािजक आधार �धान जा�त के �ह�द ूके हाथ� म� रह गया। 119 - A �बहार रा�य के �वभाजन (नव�बर , 2000 ई.) से पवू� कुल 6 औ�यो�गक �े� �वकास �ा�धकरण थे। ये �ा�धकरण आ�द�यपरु , बोकारो , पटना , राँची , दरभंगा एवं मजु�फरपरु म� अवि�थत थे। 120 - A इि�ट�ेटेड इ��ा���चरल डवेलपमे�ट ( IID) �बहार रा�य म� �नया�तो�मखुी इकाइय� क� �थापना के �लए अपे��त उ�च-�तर�य अवसंचरना�मक स�ुवधाओ ंके �नमा�ण पर �यान देती है। 121 - D जनवर� 1894 ई. से ‘�बहार टाइ�स ’ का �काशन श�ु हुआ। 1906 ई. म� �बहार टाइ�स का नाम प�रव�त�त करके ‘�बहार� ’ रखा गया। ‘�बहार� ’ समाचार-प� का स�पादन बाब ूमाहे�वर �साद ने �कया था। 122 - A राजकुमार श�ुल मरुल� भरहवा नामक गाँव के वासी थे। ये च�पारण के एक ��स�ध �कसान नेता थे। इ�ह�ने गाँधीजी को 1917 ई. म� च�पारण भ�ूम और �कसान� के ��त नील को�ठय� के मा�लक� के अ�याचार के �व��ध �यान केि��त कराया था। गांधी जी के �बहार बलुाने म� राजकुमार श�ुल ने मह�वपणू� भ�ूमका �नभायी थी। 123 - B �ी �नवारण च�� दासगु�ता प�ु�लया से स�ब�धत थे। 124 - C कँुवर �सहं का ज�म भोजपरु िजले के जगद�शपरु गाँव म� हुआ था। 25 जलुाई , 1857 ई. को दानापरु के स�ैनक� ने �व�ोह कर �दया , तदपुरा�त �व�ो�हय� ने कँुवर �सहं को अपना नेता घो�षत कर �दया। ये �मखु अमर सेनानी व जगद�शपरु के जमींदार थे। एक वष� से अ�धक समय तक �बहार तथा उ�र �देश के �े�� म� अ��ज� क� स�ा को �भावह�न बनाए रखने तथा कई य�ुध� म� क�पनी क� सेना को परािजत करने के प�चात इनक� म�ुय ुय�ुध म� घायल होने के कारण हुई। उनके भाई अमर �सहं ने भी उनका सहयोग �कया था। 125 - A लॉड� स�ये�� �साद �स�हा �बहार-उड़ीसा के �थम भारतीय गवन�र थे। 1919 ई. के भारत सरकार अ�ध�नयम के अ�तग�त �था�पत �बहार सरकार के गवन�र के �प म� 29 �दस�बर , 1920 ई. को उ�ह�ने पद �हण �कया। इ�ह�ने 1921 ई. म� इस पद से �यागप� दे �दया।

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  • 126 - B �यांमार म� लोकतं� क� समथ�क रा���य ल�ग (एन.एल.डी.) क� नेता आगं-सान-स-ूक� को वष� 2009 ई. का शां�त और समझौत ेके �लए महा�मा गांधी अ�तरा����य परु�कार �दान �कया गया। 127 - B 2011 ई. क� जनगणना म� फोटो , अगँुल� के �नशान तथा आखँ क� पतुल� के ��त�च�ण के �लए �कसी �यि�त क� �यनूतम आय ु 15 वष� �नधा��रत क� गई है। वत�मान म� मतदान क� आय ु 18 वष� �नधा��रत क� गयी है। 128 - A के���य मि��म�डल �वारा अग�त 2010 ई. को देश के 6 रा�य� म� अ�खल भारतीय आय�ुव��ान सं�थान ( AIIMS) के समक� सं�थान बनाने का �नण�य �लया गया। ये 6 रा�य ह�- �बहार , छ�ीसगढ़ , म�य �देश , ओ�डशा , राज�थान तथा उ�राख�ड। 129 - D अग�त 2010 ई. को ‘नशैनल इले�शन वाच ’ �वारा सभी राजनी�तक दल� म� कां�ेस को सबसे अ�धक धनी बताया गया। 1885 ई. म� कां�ेस क� �थापना ए. ओ. �ूाम ने क� थी। िजसक� वत�मान अ�य�ा �ीमती सो�नया गाँधी ह�। 130 - C

    131 - D मालद�व के मि��म�डल �वारा हाल ह� म� पानी के अ�दर हुई एक बठैक ने द�ुनया-भर का �यान अपनी ओर आकृ�ट �कया। यह बठैक सम�ु के जल-�तर म� �नर�तर हो रह� व�ृ�ध के कारण भ�व�य म� आने वाल� �वपदा के ��त �व�व समदुाय का �यान आकृ�ट करने के उ�दे�य से आयोिजत क� गई थी। 132 - D ��स�ध अमर�क� प��का ‘�यजू वीक ’ �वारा 2010 ई. म� �व�व के सव��े�ठ देश� क� सचूी के �म म� �फनल�ैड का �थम �थान था , जब�क इस प��का �वारा भारत क� 78व� �म म� रखा गया है।

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  • 133 - B ‘द�ुनया के �व�व�व�यालय के अकाद�मक �म 2010’ म� �थम �थान य.ूएस.ए. के हाव�ड� �व�व�व�यालय का था। द�ुनया के 15 �े�ठ �व�व�व�यालय� म� 11 �व�व�व�यालय य.ूएस.ए. के तथा 4 ��टेन के ह�। यह आकलन चीन के शंघाई िजयाओ त�ग �व�व�व�यालय का है। �व�व के �व�व�व�यालय� क� अकाद�मक र��कंग 6 �व�भ�न मानक� के आधार पर �व�व�व�यालय �वारा ��तवष� 2003 ई. से क� जाती रह� है। वष� 2010 ई. क� ऐसी र��कंग जो वष� 2009 ई. के �लए है , म� शीष� �थान अमे�रका के हाव�ड� �व�व�व�यालय का है। �पछले लगातार 8 वष� से हाव�ड� �व�व�व�यालय का �थान सव��च रहा है। दसूरे �थान पर ��टेन का कैि��ज �व�व�व�यालय है। 134 - B �ांस क� संसद ने 14 �सत�बर , 2010 ई. को एक काननू बनाकर ‘बकुा� ’ को ��तबि�धत कर �दया। �ांस क� सीनेट म� पा�रत �बल के मतुा�बक �ांस म� �कसी साव�ज�नक �थान पर बकुा� पहनने क� मनाह� होगी चाहे �यि�त �कसी भी धम� का �य� न हो। इस �बल को �नचले सदन म� जलुाई 2010 ई. म� पास कर �दया गया था। 135 - B झारख�ड के म�ुयमं�ी अजु�न म�ुडा (भाजपा) ने अपने �नकटतम झारख�ड �वकास मोचा� के ��त�व��वी को 17,000 मत� से परािजत �कया। �ी अजु�न म�ुडा ने 11 �सत�बर , 2010 ई. को झारख�ड के म�ुयमं�ी के �प म� शपथ ल�। उ�ह� 81 सद�यीय �वधान सभा के 45 �वधायक� का समथ�न �ा�त था। 136 - C �ी. पी. जे. थामस को 7 �सत�बर , 2010 ई. को ‘के���य सतक� ता आय�ुत ’ �नय�ुत �कया गया है। पी. जे. थामस 1973 ई. बचै के भारतीय �शास�नक सेवा केरल कैडर के अ�धकार� है। 137 - B 16व� ए�शयाई खेल� म� भारत का पदक ता�लका म� छठा �म रहा। इन खेल� म� भारत ने 14 �वण� , 17 रजत एवं 33 काँ�य स�हत कुल 64 पदक �ा�त �कए। 138 - A �व�ान के �े� म� ��ति�ठत शाि�त�व�प भटनागर परु�कार 2010 ई. पाने वाल� �थम म�हला स�ुी शभुा तोले का स�ब�ध टाटा इ��ट��यटू ऑफ फ�डामे�टल �रसच� , म�ुबई से है। 139 - C अमर�का क� ‘�यजू वीक प��का ’ ने डॉ. मनमोहन �सहं को हाल ह� म� �व�व राजनेता स�मान 2010 से स�मा�नत �कया गया है। 140 - D रा��म�डल खेल , 2010 ई. म� भारत ने कुल 101 पदक जीत।े इनम� से ट�म खेल , म�हला और प�ुष� को �मशः 1, 36 व 64 पदक �मले। पदक ता�लका म� भारत का दसूरा �थान रहा। 177 पदक �ा�त कर आ��े�लया इस खेल म� �थम �थान पर रहा।

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  • 141 - A �यरू�ड कप फुटबॉल खेल से स�बि�धत है। इस टूना�मे�ट क� श�ुआत 1888 ई. म� हुई। यह भारत का �ाचीनतम फुटबॉल टूना�मे�ट है। इसक� श�ुआत मलू�प से भारत म� तनैात ���टश स�ैनक� के मनोरंजन के �लए क� गई थी। 142 - B 12431-��वे��म से��ल राजधानी ए�स�ेस �नजाम�ुद�न से ��वे��म तक 3149 �कमी. दरू�

    तय करती है। 143 - A अ�तरा����य �याय


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