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3598 GI/2017 (1) jftLVªh laö Mhö ,yö&33004@99 REGD. NO. D. L.-33004/99 vlk/kj.k EXTRAORDINARY Hkkx II—[k.M 3mi&[k.M (ii) PART II—Section 3—Sub-section (ii) izkf/dkj ls izdkf'kr PUBLISHED BY AUTHORITY la- 1606] ubZ fnYyh] cq/okj] twu 7] 2017@T;s"B 17] 1939 No. 1606] NEW DELHI, WEDNESDAY, JUNE 7, 2017/JYAISTHA 17, 1939 पयाᭅवरण पयाᭅवरण पयाᭅवरण पयाᭅवरण, , , , वन वन वन वन और और और और जलवायु जलवायु जलवायु जलवायु पᳯरवतᭅन पᳯरवतᭅन पᳯरवतᭅन पᳯरवतᭅन मंालय मंालय मंालय मंालय अिधसूचना अिधसूचना अिधसूचना अिधसूचना नई ᳰद᭨ली, 7 जून, 2017 का.आ. का.आ. का.आ. का.आ. 181 181 181 1813(अ) (अ) (अ) (अ).—एक ᮧाᱧप अिधसूचना, भारत के राजप, असाधारण मᱶ भारत सरकार के पयाᭅवरण, वन और जलवायु पᳯरवतᭅन मंालय कᳱ अिधसूचना सं. का.आ. 3332(अ), तारीख 9 ᳰदस᭥बर, 2015 ᳇ारा उन सभी िᲦयᲂ से, िजनके उससे ᮧभािवत होने कᳱ संभावना थी, उस तारीख से, िजसको उᲦ अिधसूचना से युᲦ राजप कᳱ ᮧितयां जनता को, उपल᭣ध करा दी गई थᱭ, साठ ᳰदन कᳱ अविध के भीतर आᭃेप और सुᭃाव आमंित करते ᱟए एक ᮧाᱧप अिधसूचना ᮧकािशत कᳱ गई थी; और उᲦ राजप, कᳱ ᮧितयां जनता को तारीख 9 ᳰदस᭥बर, 2015 को उपल᭣ध करा दी गई थᱭ ; और, उᲦ ᮧाᱧप अिधसूचना के ᮧ᭜युᱫर मᱶ िᲦयᲂ और पणधाᳯरयᲂ से कोई टीका ᳯट᭡पिणयां/आᭃेप और सुᭃाव ᮧा नहᱭ ᱟए थे; और, िहमाचल ᮧदेश के सोलन िजले मᱶ िथत मज़थाल व᭠यजीव अभयार᭛य जो 31° 15’ उ. से 31° 18’ उ. के बीच अᭃांश तथा 76°57’ पू. से 77°02’ पू. देशा᭠तर के बीच 37.71 वगᭅ ᳰकलोमीटर ᭃे मᱶ फै ला ᱟआ है । और, इस अभयार᭛य का अिभᮧाय ᮧचुर जैिवक जीवजंतु और वनपितयᲂ का वणᭅन करना है । चीर (क ै टᳯरयस वािलिसची), तᱶदुआ (पᱶथेरा पाडᭅस), साँभर (ᱧसा यूनीलोर), घोरल (नामोरेडस एसपी), मुंजक (नामोरेडस एसपी), काला भालू (उसᭅस अमेᳯरकन) कᳱ मुय ᮧजाितयाँ हᱹ । और, देवदार ᮧमुख पौधे ᮧजाितयां हᱹ और अ᭠य ᮧजाितयᲂ मᱶ बान-ओक (Ფ ै रसस ᭨यूकोᮝीकोफोरा), कैल (िपनास एसपी), चीर (िपनस रॉसबरी), केनथ (पायरस पिशया), कच वृᭃ (बबड़ी क े टचु ), क᭓नर (बूनीया वेᳯरएगेट) दमू (बेरबेरीस अᳯरताटा), पाजा (नास क ै सरोए᭙स), िशशम (डा᭨बᳶगया सीसू ), सानान, जामुन (साइज़ीिगयम किमनी), फेगरा (ᳰफकस पा᭨माट), अमलतास (क ै िसया ᳰफ़᭗टुला), आम (मंिगफ े रा इंिडका), िबᱟल (ᮕूया ऑᳯटवा) आᳰद है।
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  • 3598 GI/2017 (1)

    jftLVªh laö Mhö ,yö&33004@99 REGD. NO. D. L.-33004/99

    vlk/kj.k EXTRAORDINARY

    Hkkx II—[k.M 3—mi&[k.M (ii) PART II—Section 3—Sub-section (ii)

    izkf/dkj ls izdkf'kr PUBLISHED BY AUTHORITY

    la- 1606] ubZ fnYyh] cq/okj] twu 7] 2017@T;s"B 17] 1939 No. 1606] NEW DELHI, WEDNESDAY, JUNE 7, 2017/JYAISTHA 17, 1939

    पयावरणपयावरणपयावरणपयावरण, , , , वनवनवनवन औरऔरऔरऔर जलवायुजलवायुजलवायुजलवायु प रवतनप रवतनप रवतनप रवतन मं ालयमं ालयमं ालयमं ालय

    अिधसचूनाअिधसचूनाअिधसचूनाअिधसचूना नई द ली, 7 जून, 2017

    का.आ.का.आ.का.आ.का.आ. 1811811811813333(अ)(अ)(अ)(अ).—एक ा प अिधसूचना, भारत के राजप , असाधारण म भारत सरकार के पयावरण, वन और जलवायु प रवतन मं ालय क अिधसूचना सं. का.आ. 3332(अ), तारीख 9 दस बर, 2015 ारा उन सभी ि य से, िजनके उससे भािवत होने क संभावना थी, उस तारीख से, िजसको उ अिधसूचना से यु राजप क ितयां जनता को, उपल ध करा दी गई थ , साठ दन क अविध के भीतर आ ेप और सु ाव आमंि त करते ए एक ा प अिधसूचना कािशत क गई थी;

    और उ राजप , क ितयां जनता को तारीख 9 दस बर, 2015 को उपल ध करा दी गई थ ;

    और, उ ा प अिधसूचना के यु र म ि य और पणधा रय से कोई टीका ट पिणयां/आ ेप और सु ाव ा नह ए थ;े

    और, िहमाचल देश के सोलन िजले म ि थत मज़थाल व यजीव अभयार य जो 31° 15’ उ. से 31° 18’ उ. के बीच अ ांश तथा 76°57’ पू. से 77°02’ प.ू देशा तर के बीच 37.71 वग कलोमीटर े म फैला आ ह ै।

    और, इस अभयार य का अिभ ाय चुर जैिवक जीवजंतु और वन पितय का वणन करना ह ै । चीर (कैट रयस वािलिसची), तदआु (पथरेा पाडस), साँभर ( सा यूनी लोर), घोरल (नामोरेडस एसपी), मंुजक (नामोरेडस एसपी), काला भालू (उसस अमे रकन) क मु य जाितयाँ ह ।

    और, देवदार मुख पौधे जाितयां ह और अ य जाितय म बान-ओक ( ै रसस यूको ीकोफोरा), कैल (िपनास एसपी), चीर (िपनस रॉ सबरी), केनथ (पायरस पिशया), कच वृ (बबड़ी केटचु), क नर (बूनीया वे रएगेट) दमू (बेरबेरीस अ र ताटा), पाजा ( ुनास कैसरोए स), िशशम (डा ब गया सीसू), सानान, जामुन (साइज़ीिगयम किमनी), फेगरा ( फकस पा माट), अमलतास (कैिसया फ़ टुला), आम (मंिगफेरा इंिडका), िब ल ( ूया ऑ टवा) आ द ह।ै

  • 2 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(ii)]

    और, मज़थाल व यजीव अभयार य सोलन म आंिशक हासमान सतलुज नदी के दि ण तट म और िहमाचल दशे के िशमला िजला म पि मी िहमालयी े के अंतगत 575 मी से 1985 मी, के ऊपर सीमां कत ह ै । यह उपो णीय मानसून जलवायु े ह ै। िहमालयी चीर पाइन (पीनस रो सबरगही), बेन औक, ( यूर स िलयूको कोफोरा)वन और उपो णीय भूहर झाड़ी मु य वन पित के कार ह।ै अभयार य म मु य ाकृितकवास का बड़ा खंड लंबी घास के साथ ि टप दि ण पूव ढाल आव िवक ण वनारोिपत के साथ क ण िचल, बेन-ओक और तगंघाटी म िमि त चौड़ीप ी वन और िनचला े समािव ह ै।

    और, मज़थाल व यजीव अभयार य के चार ओर के े को, िजसका िव तार और सीमाएं इस अिधसूचना के पैरा 1 म िविन द ह, पयावरण क दिृ से पा रि थितक संवेदी जोन के प म सुरि त और संरि त करना तथा उ पा रि थितक संवेदी जोन म उ ोग या उ ोग के वग के चालन तथा सं करण करन ेको ितिष करना आव यक ह;ै

    अतः, अब, के ीय सरकार, पयावरण (संर ण) िनयम, 1986 के िनयम 5 के उपिनयम (3) के साथ प ठत पयावरण (संर ण) अिधिनयम, 1986 (1986 का 29) क धारा 3 क उपधारा (1), उपधारा (2) के खंड (v) और खंड (xiv) और उप धारा (3) ारा द शि य का योग करत े ए, िहमाचल देश रा य म मज़थाल व यजीव अभयार य क सीमा के 0 मीटर से 2 कलोमीटर चार ओर तक के िव ता रत े को मज़थाल व यजीव अभयार य पा रि थितक संवेदी जोन (िजसे इसम इसके प चात ्पा रि थितक संवेदी जोन कहा गया ह)ै के प म अिधसूिचत करती ह,ै िजसका िववरण िन ानुसार ह,ै अथात ्:--

    1. पा रि थितकपा रि थितकपा रि थितकपा रि थितक संवदेीसंवदेीसंवदेीसंवदेी जोनजोनजोनजोन काकाकाका िव तारिव तारिव तारिव तार औरऔरऔरऔर उसकउसकउसकउसक सीमाएंसीमाएंसीमाएंसीमाएं--(1) पा रि थितक संवेदी जोन मज़थाल व यजीव अभयार य क सीमा के चार शू य से 2.252 कलोमीटर तक िव ता रत ह।ै पा रि थितक संवेदी जोन क ओर से व यजीव अभयार य के उ र-पूव भाग पर सतलुज नदी पर उपनदी ढलान क उपि थित और उ र-पि मी भाग क ओर से सतलजु बेिसन नदी पर केओएल बांध के संिनमाण से ह।ै पा रि थितक संवेदी जोन का े 12.68 वग कलोमीटर ह।ै

    (2) भू-िनदशांक के साथ पा रि थितक संवेदी जोन म िवभािजत मज़थाल व यजीव अभयार य का मानिच उपाबधंउपाबधंउपाबधंउपाबधं I I I I के प म उपाब ह ै।

    (3) पा रि थितक संवेदी जोन के अतंगत आन ेवाले ाम क सूची के साथ मु य िब दु के भू-िनदशांक उपाबधंउपाबधंउपाबधंउपाबधं IIIIIIII के प म उपाब ह ै।

    2222.... पा रि थितकपा रि थितकपा रि थितकपा रि थितक संवदेीसंवदेीसंवदेीसंवदेी जोनजोनजोनजोन केकेकेके िलएिलएिलएिलए आचंिलकआचंिलकआचंिलकआचंिलक महायोजनामहायोजनामहायोजनामहायोजना ––––(1) रा य सरकार, पा रि थितक संवेदी जोन के योजन के िलए राजप म इस अिधसूचना के अंितम काशन क तारीख से दो वष क अविध के भीतर, थानीय ि य के परामश से, इस अिधसूचना म संल न अनुबंध के सामंज य से आंचिलक महायोजना तैयार करेगी ।

    (2) आंचिलक महायोजना के ारा तैयार कए गए अिधसूचना म उ लेिखत शत के अनु प ह गे और पयावरणीय भाव भी शािमल ह गे।

    (3) आचंिलक महायोजना रा य सरकार म स म ािधकारी ारा अनुमो दत होगी ।

    (4) पा रि थितक संवेदी जोन के िलए आचंिलक महायोजना इस अिधसूचना म िविन द ट प म ऐसी रीित से रा य सरकार तथा सुसंगत क ीय और रा य िविधय के सामंज य म भी तथा क ीय सरकार ारा जारी मागिनदश का िस ांत, य द कोई ह , ारा तैयार होगी ।

    (5) आंचिलक महायोजना, रा य सरकार के सभी संब िवभाग के परामश से तैयार होगी, अथात:्--

    (i) पयावरण ;

    (ii) वन ;

    (iii) नगर िवकास ;

    (iv) पयटन ;

    (v) नगरपािलका ;

    (vi) राज व ;

  • ¹Hkkx IIµ[k.M 3(ii)º Hkkjr dk jkti=k % vlk/kj.k 3

    (vii) कृिष ;

    (viii) सचाई;

    (ix) लोक िनमाण िवभाग; और

    (x) िहमाचल देश रा य दषूण िनयं ण बोड। (6) आंचिलक महायोजना अनुमो दत िव मान भू-उपयोग, अवसंरचना और याकलाप पर कोई िनबधन अिधरोिपत नह करेगी जब तक क इस अिधसूचना म िविन द ट न हो और आचंिलक महायोजना सभी अवसंरचना और

    याकलाप म और अिधक द ता और पा रि थितक अनुकूलता का संवधन करेगी ।

    (7) आंचिलक महायोजना म अना छा दत े के जीण ार, िव मान जल िनकाय के संर ण, आवाह े के बंधन, जल-संभर के बंधन, भूतल जल के बंधन, मृदा और नमी संर ण, थानीय समुदाय क आव यकता तथा

    पा रि थितक और पयावरण से संबंिधत ऐसे अ य पहलू , िजन पर यान देना आव यक ह,ै के िलए उपबंध ह गे ।

    (8) आंचिलक महायोजना सभी िव मान पूजा थल , ाम और नगरीय बंदोब त , वन के कार और क म , जनजाित े , कृिष े , ऊपजाऊ भूिम, ह रत े जैसे उ ान और उसी कार के थान, उ ान कृिष े , फलोउ ान, झील और अ य जल िनकाय का अ यकंन करेगी और मानिच ारा सम थत होगा। इस योजना के मानिच ारा िव मान और तािवत भूिम के उपयोग का िववरण कया जाएगा ।

    (9) आंचिलक महायोजना, पा रि थितक संवेदी जोन म िवकास को िविनयिमत करेगी और थानीय समुदाय क जीवकोपाजन के िलए पा रि थितक अनुकूल को सुिनि चत करने के िलए, उस अिधसूचना म िविन द याकलाप को

    ितिष , िविनयिमत या ो त करेगी ।

    (10) आंचिलक महायोजना इस अिधसूचना म दए गए उपबंध के संबंध म अपन ेकाय के बाहर ल ेजाने के िलए िनगरानी सिमित के िलए एक संदभ द तावेज तैयार करेगी ।

    3. रा यरा यरा यरा य सरकारसरकारसरकारसरकार ाराारााराारा कएकएकएकए जानेजानेजानेजाने वालेवालेवालेवाले उपाउपाउपाउपायययय-------- रा य सरकार इस अिधसूचना के उपबंध को भावी करने के िलए िन िलिखत उपाय करेगी, अथात् :-

    (1)(1)(1)(1) भूभभूूभू----उपयोग उपयोग उपयोग उपयोग ---- पा रि थितक संवेदी जोन म वन , उ ान-कृिष े , कृिष े , आमोद- मोद के योजन के िलए िचि हत कए गए पाक और खुले थान का वािणि यक और औ ोिगक संब िवकास याकलाप के िलए उपयोग या संप रवतन

    नह होगा :

    परंत ु पा रि थितक संवेदी जोन के भीतर कृिष भूिम का संप रवतन, मानीटरी सिमित क िसफा रश पर और रा य सरकार के पूव अनुमोदन से, थानीय िनवािसय क आवासीय ज रत को पूरा करन ेके िलए और पैरा 4 क सारणी के तंभ (2) के अधीन सूचीब याकलाप को पूरा करन ेके िलए अनु ात ह गे, अथात ्:-

    (i) पा रि थितक अनुकूल पयटन याकलाप के िलए पयटक के अ थायी आवासन के िलए पा रि थितक अनुकूल आरामगाह जैसे टट, लकड़ी के मकान आ द ;

    (ii) िव मान सड़क को चौड़ा करना और उ ह सुदढृ करना तथा नई सड़क का संिनमाण;

    (iii) दषूण उ प न करन ेवाले लघु उ ोग;

    (iv) वषा जल संचय; और;

    (ii) ामीण उ ोग, सुिवधा भंडार और थानीय सुिवधा सिहत कुटीर उ ोग:

    परंत ुयह और भी क रा य सरकार के पूव अनुमोदन तथा संिवधान के अनु छेद 244 और त समय वृ िविध के उपबंध के अनुपालन के िबना, िजसके अंतगत अनुसूिचत जनजाित और अ य परंपरागत वन िनवासी (वन अिधकार क

  • 4 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(ii)]

    मा यता) अिधिनयम, 2006 (2007 का 2) भी ह,ै वािणि यक या उ ोग िवकास याकलाप के िलए जनजातीय भूिम का उपयोग अनु ात नह होगा:

    परंत ुयह और भी क पा रि थितक संवेदी जोन के भीतर भू-अिभलेख म उपसंजात कोई ु ट, मानीटरी सिमित के िवचार ा करने के प ात ्रा य सरकार ारा येक मामले म एक बार संशोिधत होगी और उ ु ट के संशोधन क सूचना क ीय सरकार के पयावरण, वन और जलवायु प रवतन मं ालय को देनी होगी ।

    परंत ुयह और भी क उपयु ु ट का संशोधन म इस उप पैरा के अधीन यथा उपबंिधत के िसवाय कसी भी दशा म भू-उपयोग का प रवतन सि मिलत नह होगा ।

    परंत ुयह और भी क िजससे ह रत े म जैसे वन े , कृिष े आ द म कोई पा रणािमक कटौती नह होगी और अन यु त या अनु पादक कृिष े म पुन: वनीकरण करन ेके यास कए जाएंगे ।

    ((((2222)))) ाकृितक जल ोताकृितक जल ोताकृितक जल ोताकृितक जल ोत - आचंिलक महायोजना म सभी ाकृितक जल ोत क पहचान क जाएगी और उनके संर ण और पुन भूतकरण के िलए योजना सि मिलत होगी और रा य सरकार ारा ऐसे े पर या उनके िनकट िवकास याकलाप

    ितिष करन ेके िलए ऐसी रीित से मागिनदश तैयार कए जाएंगे ।

    ((((3333)))) पयटन पयटन पयटन पयटन –––– (क) पा रि थितक संवेदी जोन के भीतर पयटन संबंधी याकलाप पयटन महायोजना के अनुसार ह ग ेजो क आंचिलक महायोजना के भाग प म होगी ।

    (ख) पयटन महायोजना पयटन िवभाग िहमाचल देश सरकार ारा रा य और वन िवभाग िहमाचल देश सरकार के परामश से तैयार होगी ।

    (ग) पयटन महायोजना आंचिलक महायोजना के एक घटक के प म जाना जायेगा ।

    (घ) पयटन संबंधी याकलाप िन निलिखत के अधीन िविनयिमत ह ग,े अथात ्:-

    (i) पा रि थितक अनुकूल पयटन याकलाप से संबंिधत पयटक के अ थायी अिधभोग के िलए वास सुिवधा के िसवाय मज़थाल व यजीव अभयार य क सीमा से एक कलोमीटर के भीतर पा रि थितक संवेदी जोन के िव तार तक इनम जो भी िनकट ह,ै होटल और रसोट अनु ात नह होगा। परंतु, उ अभयार य क सीमा से एक कलोमीटर से परे और पा रि थितक संवेदी जोन के िव तार तक सभी नए होटल और रसोट क थापना पयटन

    महायोजना के अनुसार पा रि थितक पयटन सुिवधा के िलए पूव अ यां कत तथा पदािभिहत े म ही अनु ात कए जाएंगे;

    (ii) पा रि थितक संवेदी जोन के भीतर सभी नए पयटन याकलाप या िव मान पयटन याकलाप का िव तार क सरकार के पयावरण, वन और जलवायु प रवतन मं ालय के मागदशक िस ांत के ारा तथा रा ीय या संर ण ािधकरण, ारा जारी पा रि थितक पयटन (समय-समय पर यथा संशोिधत) मागदशक िस ांत के अनुसार, पा रि थितक पयटन, पा रि थितक िश ा और पा रि थितक िवकास को मह व देते ए पा रि थितक संवेदी जोन क वहन मता के अ ययन पर आधा रत होगा;

    (iii) आंचिलक महायोजना का अनुमोदन कए जाने तक, पयटन के िलए िवकास और िव मान पयटन याकलाप के िव तार को वा तिवक थल िविन द संवी ा तथा मानीटरी सिमित क िसफा रश पर आधा रत संबंिधत िविनयामक ािधकरण ारा अनु ात कया होगा ।

    ((((4444)))) नसै गकनसै गकनसै गकनसै गक िवरासतिवरासतिवरासतिवरासत -------- पा रि थितक संवेदी जोन म मह वपूण नैस गक िवरासत के सभी थल जैसे सभी जीन कोश आरि त े , शैल िवरचनाएं, जल पात , झरन , घाटी माग , उपवन , गुफाएं, थल , मण, अ रोहण, पातो आ द क पहचान क जाएगी और उ ह संरि त कया जाएगा तथा उनक सुर ा और संर ा के िलए इस अिधसूचना के काशन क तारीख से छह मास के भीतर, उपयु योजना बनाएगी और ऐसी योजना आंचिलक महायोजना का भाग होगा ।

  • ¹Hkkx IIµ[k.M 3(ii)º Hkkjr dk jkti=k % vlk/kj.k 5

    (5)(5)(5)(5) मानव िन मत मानव िन मत मानव िन मत मानव िन मत िवरासत थिवरासत थिवरासत थिवरासत थल ल ल ल ---- पा रि थितक संवेदी जोन म भवन , संरचना , िश प-त य, ऐितहािसक, कला मक और सां कृितक मह व के े क पहचान करनी होगी और इस अिधसूचना के काशन क तारीख से छह माह के भीतर उनके संर ण क योजनाएं तैयार करनी होगी तथा आंचिलक महायोजना म सि मिलत क जाएगी ।

    (6) व व व विन दषूणिन दषूणिन दषूणिन दषूण – पा रि थितक संवेदी जोन म विन दषूण के िनयं ण के िलए रा य सरकार िबहार रा य का दषूण िनयं ण बोड विन दषूण (िविनयमन और िनयं ण) िनयम 2000 के अनुसार पयावरणीय (संर ण) अिधिनयम, 1986, अंतगत तैयार करेगा ।

    (7) वायुवायुवायुवायु दषूणदषूणदषूणदषूण - पा रि थितक संवेदी जोन म, वायु दषूण के िनयं ण के िलए िविनयम वायु ( दषूण िनवारण और िनयं ण) अिधिनयम, 1981 (1981 का 14) और उसके अधीन बनाए गए िनयम के उपबंध के अनुपालन म ह ग े।

    (8) बिह ावबिह ावबिह ावबिह ाव काकाकाका िन सारणिन सारणिन सारणिन सारण - पा रि थितक संवेदी जोन म उपचा रत बिह ाव का िन सारण साधारण मानक के िलए पयावरणीय दिूषत आ छा दत के िन सारण के अंतगत पयावरणीय (संर ण) अिधिनयम, 1986 और उसके अधीन बनाए गए िनयम के उपबंध के अनुसार होगा ।

    ((((9999)))) ठोसठोसठोसठोस अपिश अपिश अपिश अपिश -------- ठोस अपिश का िनपटान िन िलिखत प म होगा--

    (i) पा रि थितक संवेदी जोन म ठोस अपिश का िन सारण, समय-समय पर संशोिधत ठोस अपिश ट बंधन िनयम, 2016, जो भारत सरकार के पयावरण, वन और जलवायु प रवतन मं ालय क अिधसूचना सं. का.आ. 1357(अ) तारीख 8 अ लै, 2016 ारा कािशत कए गए थ,े के उपबंध के अनुसार कया जाएगा ;

    (ii) अकाबिनक साम ी का िनपटान पा रि थितक संवेदी जोन के बाहर पहचान कए गए थल पर कसी पयावरणीय वीकृत रीित म होगा ;

    (iii) पा रि थितक संवेदी जोन म ठोस अपिश ट को जलाना या भ मीकरण और भूिम भराव अनु ात नह होगा।

    (10) जवै िच क सीजवै िच क सीजवै िच क सीजवै िच क सीय अपिश टय अपिश टय अपिश टय अपिश ट- पा रि थितक संवेदी जोन म जैव िच क सीय अपिश का िनपटान भारत सरकार के पयावरण, वन और जलवायु प रवतन मं ालय क समय-समय पर यथासंशोिधत अिधसूचना सं.का.िन 343 (अ), तारीख 28 माच 2016 ारा कािशत जैव िच क सीय अपिश बंध िनयम, 2016 के उपबंध के अनुसार कया जाएगा ।

    (i) पा रि थितक संवेदी जोन म कोई सामा य उपचार सुिवधा या जलाया जाना अनु ात नह कया जाएगा ।

    (ii) पा रि थितक संवेदी जोन के भीतर पहले से ही िव मान ि अ पताल या िनजी वा थय के , संरि त े पर िवप रत भाव को दरू करने के िलए पया अपिश उपचार णाली का उपबंध कया जाएगा।

    ((((11111111)))) लाि टकलाि टकलाि टकलाि टक अपिशअपिशअपिशअपिश बधंनबधंनबधंनबधंन: : : : ---- पा रि थितक संवेदी जोन म लाि टक अपिश बंध का िनपटान भारत सरकार के पयावरण, वन और जलवायु प रवतन मं ालय क समय-समय पर यथासंशोिधत अिधसूचना सं.का.िन 340(अ), तारीख 18 माच, 2016 ारा कािशत लाि टक अपिश बंध िनयम 2016 के उपबंध के अनुसार कया जाएगा।

    (12)(12)(12)(12) िनमाणिनमाणिनमाणिनमाण औरऔरऔरऔर िव वसंिव वसंिव वसंिव वसं अपिशअपिशअपिशअपिश बधंनबधंनबधंनबधंन: : : : ---- पा रि थितक संवेदी जोन म संिनमाण और िव वंस अपिश बंध का िनपटान भारत सरकार के पयावरण, वन और जलवायु प रवतन मं ालय क समय-समय पर यथासंशोिधत अिधसूचना सं.का.िन 317(अ), तारीख 29 माच, 2016 ारा कािशत संिनमाण और िव वंस बंध िनयम, 2016 के उपबंध के अनुसार कया जाएगा ।

    (13) ईईईई––––अपिशअपिशअपिशअपिश ::::---- पा रि थितक संवेदी जोन म ई–अपिश बंध का िनपटान भारत सरकार के पयावरण, वन और जलवायु प रवतन मं ालय क समय-समय पर यथासंशोिधत ारा कािशत ई–अपिश बंध िनयम, 2016 के उपबंध के अनुसार कया जाएगा।

    (14) यानीययानीययानीययानीय प रवहन: प रवहन: प रवहन: प रवहन: ---- प रवहन क यानीय गितिविधयां आवास के अनुकूल िविनयिमत ह गी और इस संबंध म आंचिलक महायोजना म िवशेष उपबंध अिधकिथत कए जाएंगे और आंचिलक महायोजना के तैयार होने और रा य सरकार के स म

  • 6 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(ii)]

    ािधकारी ारा के अनुमो दत होने तक, मानीटरी सिमित सुसंगत अिधिनयम और उसके अधीन बनाये िनयम तथा िविनयम के अनुसार यानीय गितिविधय के अनुपालन को मानीटर करेगी ।

    (15) औ ोिगक ईकाइयांऔ ोिगक ईकाइयांऔ ोिगक ईकाइयांऔ ोिगक ईकाइयां: : : : ---- (क) तािवत पा रि थितक संवेदी जोन के भीतर नए का आधा रत उ ोग के कसी थापन क अनु ा िविध के अनुसार थािपत िव मान का आधा रत उ ोग के िसवाए नह दी जाएगी |

    (ख) तािवत पा रि थितक संवेदी जोन के भीतर जल, वायु, मृदा, विन दषूण का रत करन ेवाल े कसी नए उ ोग के कसी थापन क अनु ा नह दी जाएगी |

    (16) अगर यह आव यक समझता ह,ै इस अिधसूचना के उपाबंध को भावी करन ेम के ीय सरकार और रा य सरकार, अ य उपाय िन द करेगा।

    4444.... पा रि थितकपा रि थितकपा रि थितकपा रि थितक सवंदेीसवंदेीसवंदेीसवंदेी जोनजोनजोनजोन मममम ितिषितिषितिषितिष औरऔरऔरऔर िविनयिमतिविनयिमतिविनयिमतिविनयिमत याकलापयाकलापयाकलापयाकलाप कककक सूचीसूचीसूचीसूची ---- पा रि थितक संवेदी जोन म सभी याकलाप पयावरण (संर ण) अिधिनयम, 1986 (1986 का 29) के उपबंध ारा शािसत ह ग ेऔर नीचे दी गई तािलका

    म िविन द रीित म िविनयिमत ह गे, अथात ्:-

    सारणीसारणीसारणीसारणी

    मममम स.ंस.ंस.ंस.ं याकलापयाकलापयाकलापयाकलाप टीकाटीकाटीकाटीका---- ट पणीट पणीट पणीट पणी

    (1) (2) (3)

    ितिषितिषितिषितिष याकलापयाकलापयाकलापयाकलाप ::::

    1. वािणि यक खनन, प थर उ खनन और अपघषण इकाईया।

    (क) सभी कार के नए तथा िव मान खनन (लघ ुऔर वृहत खिनज), प थर उ खनन और तोड़न ेक इकाईय को ि गत उपभोग के िलए मकान के स िनमाण या मर मत के िलए और भूिम को खोदने या मकान के िलए देसी टाइ स या ट के िनमाण के ितिनदश से थानीय िनवािसय के सदभािवक घरेल ू आव यकता के िसवाए ितिष कया जाएगा ;

    (ख) खनन सं याएं, माननीय उ तम यायालय क रट यािचका (िसिवल) सं. 1995 का 202 टी.एन. गौडाबमन िथ मूलपाद बनाम भारत सरकार के मामले म आदेश तारीख 4.8.2006 और रट यािचका (सी) सं. 2012 का 435 गोवा फाउंडेशन बनाम भारत सरकार के मामल े म तारीख 21.04.2014 के अतं रम आदेश के अनुसरण म सवदा चालन होगा ।

    2. आरा मील क थापना। पा रि थितक संवेदी जोन के भीतर नई और िव मान आरा मील का िव तार अनु ात नह होगा ।

    3. कसी प रसंकटमय पदाथ का उपयोग या उ पादन या सं करण।

    लाग ूिविधय के अनुसार ितिष (अ यथा उपबंिधत के िसवाय) ।

    4. जल या वायु या मृदा या विन दषूण का रत करन ेवाले उ ोग क थापना ।

    कोई नई या पा रि थितक संवेदी जोन म दषूण फैलान ेवाल ेउ ोग के िव तार क अनुमित दी जाएगी। क ीय दषूण िनयं ण बोड ारा फरवरी, 2016 म जारी दशािनदश के अनुसार पा रि थितक संवेदी जोन के भीतर िसफ गैर- दिूषत उ ोग क अनुमित दी जाएगी, इसके अित र , गैर दषूणकारी लघ ुउ ोग को बढ़ावा दया जाएगा ।

  • ¹Hkkx IIµ[k.M 3(ii)º Hkkjr dk jkti=k % vlk/kj.k 7

    5. नए वृहत तापीय और जल-िव ुतीय प रयोजना ।

    लाग ूिविधय के अनुसार ितिष (अ यथा उपबंिधत के िसवाय) ।

    6. जलावन लकड़ी का वािणि यक उपयोग। लाग ूिविधय के अनुसार ितिष (अ यथा उपबंिधत के िसवाय) ।

    7. लाि टक बैग का उपयोग । लाग ूिविधय के अनुसार ितिष (अ यथा उपबंिधत के िसवाय) ।

    8. पयटन से संबंिधत याकलाप जैसे गम वायु गु बार , हलेीका टर, ोन, माइ ोलाइट आ द ारा पा रि थितक संवेदी जोन े के ऊपर से उड़ना जैसे

    याकलाप करना।

    लाग ूिविधय के अनुसार ितिष (अ यथा उपबंिधत के िसवाय) ।

    9. मछली पकड़ना । लाग ूिविधय के अनुसार ितिष (अ यथा उपबंिधत के िसवाय) ।

    10. ाकृितक जल िनकाय या भू- े म अनुपचा रत बिह ाव और ठोस अपिश का िन सारण।

    लाग ूिविधय के अनुसार ितिष (अ यथा उपबंिधत के िसवाय) ।

    11. कूड़ा-करकट यन । लाग ूिविधय के अनुसार ितिष (अ यथा उपबंिधत के िसवाय) ।

    12. ठोस अपिश िनपटान थल क थापना और िलए ठोस और जैव िच क सा अपिश के िलए सामा य जलाए जान ेक सुिवधा ।

    पा रि थितक संवेदी जोन म ठोस अपिश क कोई नई ठोस अपिश िनपटान थल और अपिश उपचा रत/ सं करण सुिवधा क अनुमित नह ह ै । औ ोिगक या और वा य ित ान और अ पताल आ द से उ प कसी भी ठोस अपिश के उपचार के िलए सामा य या

    ि गत भ मीकरण क सुिवधा के और सं थापन को ितिष कया जाएगा ।

    13. फम , कॉप रेट, कंपिनय ारा बड़े पैमाने पर वािणि यक पशुधन संपदा और कु कुट फाम क थापना ।

    थानीय ज रत को परूा करने के िलए लाग ू िविधय के अनुसार ितिष (अ यथा उपबंिधत के िसवाय) ह गे।

    14. ट भ क थापना करना। लागू िविधय के अनुसार ितिष (अ यथा उपबंिधत के िसवाय) ह गे । िविनयिमत याकलापिविनयिमत याकलापिविनयिमत याकलापिविनयिमत याकलाप

    15. होटल और िव ाम थल का वािणि यक थापन।

    पा रि थितक पयटन याकलाप संबंधी क लघु अ थायी संरचना के िलए संरि त े क सीमा से एक कलोमीटर के भीतर या पा रि थितक संवेदी जोन के िव तार तक, इनम जो भी िनकट ह,ै नए वािणि यक होटल और रसोट अनु ात ह ग,े अ यथा नह ।

    परंत,ु संरि त े से एक कलोमीटर से परे या पा रि थितक संवेदी जोन के िव तार तक जो भी नजदीक हो सभी नए पयटक याकलाप या िव मान याकलाप का िव तार पयटन महायोजना और यथा लाग ूमागदश िस ांत के अनु प होगा।

    16. सि माण याकलाप। संरि त े क सीमा से एक कलोमीटर के भीतर या पा रि थितक संवेदी जोन के िव तार तक, जो भी िनकट हो, कसी भी कार का वािणि यक संिनमाण अनु ात नह कया जाएगा: परंत ु थानीय लोग को परैा 6 के उप पैरा (1) म सूचीब

    याकलाप सिहत उनके आवासीय उपयोग के िलए उनक भूिम म संिनमाण करन ेक अनुमित भवन उपिविधय के अनुसार दी जाएगी । (i) िव मान सड़क को चौड़ा करना और उ ह सुदढृ करना तथा नई

    सड़क का संिनमाण;

  • 8 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(ii)]

    (ii) बुिनयादी ढांच और नाग रक सुिवधा का संिनमाण और नवीकरण;

    (iii) कुटीर उ ोग िजसके अतंगत ामीण उ ोग ह; सुिवधाजनक भ डार और थानीय सुख सुिवधा जो पा रि थितक पयटन िजस म सहायक हो ह वास; और

    (iv) इस अिधसूचना म संव धत याकलाप क सूची :

    17. खाई का मैदान। नए खाई खोदने के मैदान का थािपत कया जाना ितिष ह ै| पुरान ेखाई के मैदान लाग ूिविधय के अधीन िविनयिमत कए जाएं |

    18. ाकृितक जल िनकाय या सतही े म उपचा रत बिह ाव का िन सारण ।

    उपचा रत अपिश जल/बिह ाव का िन सारण जल िनकाय म वेश नह दया जाएगा और उपचा रत जल के पुन:च ण और

    पुन:उपयोग के िलए यास कए जाएंग े और उपचा रत अपिश जल/बिह ाव को िन सारण लागु िविधय के अनुसार िविनयिमत कया जाएगा।

    19. वायु और यानीय दषूण। लाग ूिविधय के अधीन िविनयिमत ह ग े।

    20. विन दषूण। लाग ूिविधय के अधीन िविनयिमत ह ग े।

    21. भू-जल क िनकासी । लाग ूिविधय के अधीन िविनयिमत ह ग े।

    22. वृ क कटाई । (क) रा य सरकार म स म ािधकारी क पूव अनुमित के िबना वन, सरकारी या राज व या िनजी भूिम पर या वन म कही वृ क कटाई नह होगी । (ख) वृ क कटाई संबंिधत क ीय या रा य अिधिनयम या उसके अधीन बनाए गए िनयम के उपबंध के अनुसार िविनयिमत होगी ।

    23. वासी चरवाह।े लाग ूिविधय और आंचिलक महायोजना के अनुसार िविनयिमत ह ग े।

    24. मौजूदा ित ान। लाग ूिविधय के अधीन िविनयिमत ह ग े।

    25. िव ुत केबल और दरूसंचार टावर का प रिनमाण और केबल िबछाना और अ य बुिनयादी ढांचे ।

    लाग ूिविधय के अधीन िविनयिमत ह ग े। भूिमगत केबल को बढ़ावा

    दया जाएगा।

    26. िव मान सड़क को चौड़ा करना और उ ह सुदढृ करना ।

    लाग ूिविधय िनयम तथा िविनयम और उपल ध मागदशक िस ांत के अनुसार यूनीकरण क उपाय के साथ कया जाएगा।

    27. होटल और लॉज के िव मान प रसर म बाड लगाना।

    लाग ूिविधय के अधीन िविनयिमत होगा । व यजीव के मु त संचलन को अनु ात करन े के िलए पा रि थितक संवेदी जोन के भीतर होटल या अ य वािणि यक थापन अपनी प रसंपि तय म काटेदार से बाड नह लगाएंग ेऔर कोई भी बाड़ एक मीटर से ऊंची नह होगी । कोई िव मान बाड़, जो इस अनुबंध का अनुपालन नह करती ह,ै को आंचिलक महायोजना म व णत समय-सीमा के अनुसार उपांत रत कया जाएगा ।

    28. सावजिनक अिधकार । लाग ूिविधय के अधीन िविनयिमत ह ग े।

    29. लघ ुचारा सं हण। लाग ूिविधय के अधीन िविनयिमत ह ग े।

    30. सभी रा ते और िव मान सड़क के प म बने रहग े।

    लाग ूिविधय के अधीन िविनयिमत ह ग े।

    31. कृिष णाली म बल बदलाव। लाग ूिविधय के अधीन िविनयिमत ह ग े।

  • ¹Hkkx IIµ[k.M 3(ii)º Hkkjr dk jkti=k % vlk/kj.k 9

    32. ाकृितक जल संसाधन का वािणि यक उपयोग िजसम भूिमगत जल संचयन भी सि मिलत ह ै।

    लाग ूिविधय के अधीन िविनयिमत ह ग े।

    33. राि म यािनक यातायात का संचलन। लाग ूिविधय के अधीन वािणि यक योजन के िलए िविनयिमत ह ग े।

    34. िवदेशी जाितय को लाना। लाग ूिविधय के अधीन िविनयिमत ह ग े।

    35. वािणि यक साइनबोड और हो डग। लाग ूिविधय के अधीन िविनयिमत ह ग े।

    36. पहाड़ी ढाल और नदी तट का संर ण । लाग ूिविधय के अधीन िविनयिमत ह ग े।

    37. वन उ पाद और गरै का ठ वन उ पाद (एन टी एफ पी) का सं हण ।

    लाग ूिविधय के अधीन िविनयिमत ह ग े।

    38. नाग रक सुिवधा सिहत बुिनयादी ढांचे।

    लागू िविधय िनयम और िविनयम तथा उपल ध मागदशक यूनीकरण क उपाय के साथ कया जाएगा।

    39. खुल ेकुआ, बोर कुआ, आ द के िलए कृिष और अ य उपयोग ।

    िविनयिमत और उपयु ािधकारी ारा याकलाप क स ती से मानीटरी क जाएगी।

    40. ठोस अपिश ट बंधन। लाग ूिविधय के अधीन िविनयिमत ह ग े।

    41. पा रि थितक पयटन। लाग ूिविधय के अधीन िविनयिमत ह ग े।

    संवसंवसंवसंव धधधधतततत यायायायाकलापकलापकलापकलाप

    42. थानीय समुदाय ारा चल रही कृिष और बागवानी था के साथ पशुपालन, पशुपालन कृिष और मछली पालन ।

    लाग ूिविधय के अधीन अनु ात ह ग े।

    43. जैिवक खेती। स य प से बढ़ावा दया जाएगा ।

    44. सभी गितिविधय के िलए ह रत ौ ोिगक को हण करना ।

    स य प से बढ़ावा दया जाएगा ।

    45. दषूण उ प न करन ेवाले लघु उ ोग । फरवरी, 2016 म के ीय दषूण िनयं ण बोड ारा जारी उ ोग के वग करण के अनुसार सफेद वग के प म करार दये गए गरै

    दषूणकारी उ ोग और गरै प रसंकटमय, लघ ु और सेवा उ ोग, कृिष, उ ान कृिष, पु प कृिष या पा रि थितक संवेदी जोन से देशीय साम ी से उ पाद का उ पादन करने वाला कृिष आधा रत स म

    ािधकारी ारा अनु ात कया जाएगा।

    46. वषा जल संचयन । स य प से बढ़ावा दया जाएगा ।

    47. कुटीर उ ोग िजसके अंतगत ामीण कारीगर आ द भी ह।

    स य प से बढ़ावा दया जाएगा ।

    48. नवीकरणीय ऊजा ोत का उपयोग । बायोगैस, सौर काश इ या द को बढ़ावा दया जाना ह ै।

    49. कृिष वािनक । स य प से बढ़ावा दया जाएगा ।

    50. पा रि थितक अनुकूल प रवहन का उपयोग ।

    स य प से बढ़ावा दया जाएगा ।

    51. कौशल िवकास । स य प से बढ़ावा दया जाएगा ।

    52. िन ीकृत भूिम या वन या आवास क बहाली ।

    स य प से बढ़ावा दया जाएगा ।

    53. पयावरणीय जाग कता । स य प से बढ़ावा दया जाएगा ।

  • 10 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(ii)]

    5555. . . . मानीटरीमानीटरीमानीटरीमानीटरी सिमितसिमितसिमितसिमित—(1) क ीय सरकार, पा रि थितक संवेदी जोन के भावी मानीटरी के िलए एक मानीटरी सिमित का गठन करेगी जो िन िलिखत से िमलकर बनेगी, अथात ्:-

    (i) िजला उपायु , सोलन -अ य ;

    (ii) िहमाचल देश सरकार ारा नामिन द ट येक मामले म तीन वष क अविध के िलए पा रि थितक और पयावरण े का एक िवशेष -

    -सद य;

    (iii) पयावरण के े म काय करन ेवाले गैर सरकारी संगठन (िजसके अंतगत िवरासत संर ण भी ह)ै का येक मामले म तीन वष क अविध के िलए भारत सरकार ारा नामिन द एक ितिनिध -

    -सद य;

    (iv) सद य सिचव एवं सद य, िहमाचल देश रा य जैव िविवधता बोड -सद य;

    (v) कायकारी अिभय ता, िहमाचल देश रा य दषूण िनयं ण बोड, -सद य;

    (vi) व र नगर योजनाकार -सद य;

    (vii) वन उप संर क (व यजीव), िशमला -सद य;

    (viii) भागीय वन अिधकारी (रा य े ीय), कुिनहर -सद य-सिचव

    6. 6. 6. 6. िनदश शत िनदश शत िनदश शत िनदश शत ––––

    (1) मानीटरी सिमित का कायकाल अिधसूचना जारी करने क तारीख से तीन वष क अविध के िलए होगा।

    (2) मािन टरी सिमित इस अिधसूचना के उपबंध के अनुपालन को मानीटर करेगी ।

    (3) पा रि थितक संवेदी जोन म भारत सरकार के त कालीन पयावरण और वन मं ालय क अिधसूचना सं. का.आ. 1533(अ) तारीख 14 िसतंबर, 2006 क अनुसूची के अधीन सि मिलत याकलाप और इस अिधसूचना के पैरा 4 के अधीन

    ितिष गितिविधय के िसवाय आन ेवाल ेऐसे याकलाप क दशा म वा तिवक िविन द थलीय दशा पर आधा रत मानीटरी सिमित ारा संवी ा क जाएगी और उ अिधसूचना के उपबंध के अधीन पूव पयावरण िनकासी के िलए के ीय सरकार के पयावरण, वन और जलवायु प रवतन मं ालय को िन द क जाएगी । उ ोग क केवल ेत ेिणय को "उ ोग , 2016 का वग करण" के िलए सीपीसीबी ारा जारी दशािनदश म िन द के प म माना जाएगा।

    (4) इस अिधसूचना के पैरा 4 के अधीन यथा िविन द ितिष याकलाप के िसवाय, भारत सरकार के पयावरण और वन मं ालय क अिधसूचना सं यांक का.आ. 1533(अ) तारीख 14 िसतंबर, 2006 क अिधसूचना के अनुसूची के अधीन ऐसे याकलाप , िज ह सि मिलत नह कया गया ह,ै परंत ु पा रि थितक संवेदी जोन म आत े ह, ऐसे याकलाप क वा तिवक िविन द थलीय दशा पर आधा रत मानीटरी सिमित ारा संवी ा क जाएगी और उसे संब िविनयामक

    ािधकरण को िन द कया जाएगा ।

    (5) मानीटरी सिमित का सद य-सिचव या संब आयु ऐसे ि के िव , जो इस अिधसूचना के कसी उपबंध का उ लघंन करता ह,ै पयावरण (संर ण) अिधिनयम, 1986 क धारा 19 (1986 का 29) के अधीन प रवाद फाइल करन ेके िलए स म होगा।

    (6) मानीटरी सिमित म ा दर मु ा के आधार पर अपे ा पर िनभर रहत े ए संब िवभाग के ितिनिधय या िवशेष , औ ोिगक संगम या संब पणधा रय के ितिनिधय को अपन ेिवचार-िवमश म सहायता के िलए आमंि त कर सकेगी ।

    (7) मानीटरी सिमित येक वष क 31 माच तक क अपनी वा षक कारवाई रपोट रा य के मु य व य जीव वाडन को उपाबधंउपाबधंउपाबधंउपाबधं III म उपबंिधत प िवधान के अनुसार उ त वष के 30 जून तक ततु करेगी ।

    (8) के ीय सरकार का पयावरण, वन और जलवायु प रवतन मं ालय मानीटरी सिमित को अपन े कृ य के भावी िनवहन के िलए समय-समय पर ऐसे िनदेश दे सकेगा, जो वह ठीक समझे ।

  • ¹Hkkx IIµ[k.M 3(ii)º Hkkjr dk jkti=k % vlk/kj.k 11

    7777.... इस अिधसूचना के उपबंध को भाव देने के िलए क ीय सरकार और रा य सरकार अित र त उपाय, य द कोई ह , िविन द ट कर सकगे ।

    8.8.8.8. भारत के माननीय उ तम यायालय या उ यायालय या रा ीय ह रत ािधकरण ारा पा रत कोई आदेश या पा रत होन ेवाले कसी आदेश, य द कोई ह , के अधीन, इस अिधसूचना के उपबंध ह गे ।

    [फा. सं. 25/125/2015-ईएसजेड-आर ई]

    लिलत कपूर, वै ािनक ‘‘‘‘जी’’’’

    उपाबधंउपाबधंउपाबधंउपाबधं I

    मज़थाल व यजीव अभयार यमज़थाल व यजीव अभयार यमज़थाल व यजीव अभयार यमज़थाल व यजीव अभयार य,,,, िहमाचल देश का मानिचिहमाचल देश का मानिचिहमाचल देश का मानिचिहमाचल देश का मानिच

  • 12 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(ii)]

    उपाबधंउपाबधंउपाबधंउपाबधं I-(क)(क)(क)(क)

    मज़थाल व यजीमज़थाल व यजीमज़थाल व यजीमज़थाल व यजीव अभयार य क सीमा के भूव अभयार य क सीमा के भूव अभयार य क सीमा के भूव अभयार य क सीमा के भू----िनदशाकंिनदशाकंिनदशाकंिनदशाकं

    मज़थाल व यजीव अभयार य के पा रि थितक सवंदेी जोन के भूमज़थाल व यजीव अभयार य के पा रि थितक सवंदेी जोन के भूमज़थाल व यजीव अभयार य के पा रि थितक सवंदेी जोन के भूमज़थाल व यजीव अभयार य के पा रि थितक सवंदेी जोन के भू----िनदशाकंिनदशाकंिनदशाकंिनदशाकं

    . स.ं. स.ं. स.ं. स.ं अ ाशंअ ाशंअ ाशंअ ाशं देशातंरदेशातंरदेशातंरदेशातंर

    1. 31° 18’ 48.554”उ 76° 55’ 42.777”पू

    2. 31° 18’ 21.21” उ 76° 56’ 23.182” पू

    3. 31° 18’ 26.783” उ 76° 55’ 46.282” पू

    4. 31° 19’ 25.459” उ 76° 57’ 52.431” पू

    5. 31° 18’ 45.202” उ 76° 58’ 19.767” पू

    6. 31° 18’ 24.906”उ 76° 57’ 19.77” पू

    . स.ं. स.ं. स.ं. स.ं अ ाशंअ ाशंअ ाशंअ ाशं देशातंरदेशातंरदेशातंरदेशातंर

    1. 31° 19’ 21.313”उ 76° 55’ 29.615”पू

    2. 31° 19’ 21.324”उ 76° 56’ 9.141” पू

    3. 31° 18’ 31.828”उ 76° 56’ 46.318” पू

    4. 30° 25’ 26.135”उ 77° 32’ 58.847” पू

    5. 31° 18’ 45.202”उ 76° 57’ 19.367” पू

    6. 31° 17’ 51.479”उ 77° 0’ 3.026” पू

    7. 31° 16’ 9.828”उ 77° 2’ 24.654” पू

    8. 31° 14’ 58.286”उ 77° 2’ 17.294” पू

    9. 31° 15’ 39.57”उ 77° 0’ 17.979” पू

    10. 31° 17’ 22.126”उ 76° 58’ 15.493” पू

    11. 31° 18’ 14.37”उ 76° 55’ 36.956” पू

    12. 31° 18’ 26.783”उ 76° 55’ 46.282” पू

    13. 31° 18’ 48.554”उ 76° 56’ 23.182” पू

    14. 31° 18’ 56”उ 76° 54’ 28.606” पू

    15. 31° 19’ 26.997”उ 76° 54’ 47.273” पू

  • ¹Hkkx IIµ[k.M 3(ii)º Hkkjr dk jkti=k % vlk/kj.k 13

    7. 31° 18’ 48.576” उ 76° 56’ 43.778” पू

    8. 31° 18’ 14.37” उ 77° 55’ 36.956” पू

    9. 31° 17’ 29.992”उ 76° 55’ 19.383” पू

    10. 31° 15’ 5.898” उ 76° 59’ 41.717” पू

    11. 31° 14’ 55.047” उ 77° 1’ 7.427” पू

    12. 31° 16’ 8.045” उ 77° 2’ 38.746” पू

    उपाबधंउपाबधंउपाबधंउपाबधं II

    मज़थाल व यजीव अभयार यमज़थाल व यजीव अभयार यमज़थाल व यजीव अभयार यमज़थाल व यजीव अभयार य के पा रि थितक सवंदेी के पा रि थितक सवंदेी के पा रि थितक सवंदेी के पा रि थितक सवंदेी जोन के अतंगत आन ेवाल े ाम क सचूीजोन के अतंगत आन ेवाल े ाम क सचूीजोन के अतंगत आन ेवाल े ाम क सचूीजोन के अतंगत आन ेवाल े ाम क सचूी

    ाम के नामाम के नामाम के नामाम के नाम अ ाशंअ ाशंअ ाशंअ ाशं देशातंरदेशातंरदेशातंरदेशातंर

    मीनदराज 31°16'3.59"उ 77° 2'33.54"प ू

    ज मू 31°14'27.22"उ 77° 2'5.07"प ू

    दौ द 31°14'53.87"उ 77° 0'48.68"प ू

    सरयाली 31°14'42.22"उ 77° 0'33.63"प ू

    छनगदयाती 31°15'0.80"उ 77° 0'19.87"प ू

    पारली धार 31°15'13.24"उ 77° 0'10.10"प ू

    वरली धार 31°15'18.82"उ 76°59'52.32"पू

    बनौनी 31°15'23.72"उ 76°59'30.80"पू

    ाल 31°15'36.16"उ 76°59'49.39"पू

    सेवरा 31°15'29.77"उ 76°59'10.51"पू

    परीयाब 31°15'34.33"उ 76°59'22.56"पू

    टून बधार 31°16'23.54"उ 76°58'21.51"पू

    जनदोई 31°16'56.44"उ 76°58'48.06"पू

    सकोर 31°17'8.23"उ 76°58'12.57"पू

    चमरोल बाला 31°16'44.76"उ 76°57'2.64"पू

    बुघार 31°17'7.31"उ 76°56'18.41"पू

    जनदरेहर 31°17'13.57"उ 76°56'36.17"पू

  • 14 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(ii)]

    उपाबधंउपाबधंउपाबधंउपाबधं III

    पा रि थितकपा रि थितकपा रि थितकपा रि थितक संवदेीसंवदेीसंवदेीसंवदेी जोनजोनजोनजोन मानीटरीमानीटरीमानीटरीमानीटरी सिमितसिमितसिमितसिमित ---- क गई कारवाईक गई कारवाईक गई कारवाईक गई कारवाई क रपोट का प िवधानक रपोट का प िवधानक रपोट का प िवधानक रपोट का प िवधान

    1. बैठक क सं या और ितिथ ।

    2. बैठक का कायवृत : कृपया मु य उ लेखनीय बदु का वणन कर । बैठक के कायवृ त को एक पृथक अनुबंध म उपाब कर ।

    3. आंचिलक महायोजना क तैयारी क ाि थित िजसके अंतगत पयटन महायोजना।

    4. भू-अिभलेख म सदृ य ु टय के सुधार के िलए यौहार कए गए मामल का सारांश ।

    5. पयावरण समाघात िनधारण अिधसूचना, 2006 के अधीन आने वाली गितिविधय क संिव ा के मामल का सारांश । यौरे एक पथृक् उपाबंध के प म उपाब कए जा सकते ह ।

    6. पयावरण समाघात िनधारण अिधसूचना, 2006 के अधीन न आने वाली गितिविधय क संिव ा के मामल का सारांश । यौरे एक पथृक् उपाबंध के प म उपाब कए जा सकते ह ।

    7. पयावरण (संर ण) अिधिनयम, 1986 क धारा 19 के अधीन दज क गई िशकायत का सारांश ।

    8. कोई अ य मह वपूण िवषय ।

    MINISTRY OF ENVIRONMENT, FOREST AND CLIMATE CHANGE

    NOTIFICATION

    New Delhi, the 7th June, 2017

    (Majathal Wildlife Sanctuary, Himachal Pradesh)

    S.O. 1813(E).—WHEREAS, a draft notification was published in the Gazette of India, Extraordinary, vide notification of the Government of the India in the Ministry of Environment, Forest and Climate Change wide number S.O. 3332(E) dated the 9th December, 2015, inviting objections and suggestions from all persons likely to be affected thereby within the period of sixty days from date on which copies of the Gazette containing the said notification were made available to the public;

    AND WHEREAS, the copies of the Gazette were made available to the public on dated the 9th December, 2015;

    AND WHEREAS, no comments/objections and suggestions were received from persons and stakeholders in response to the draft notification;

    AND WHEREAS, the Majathal Wildlife Sanctuary located in Solan District, Himachal Pradesh and lying between Latitude 31015’ N to 31018’ N and Longitude 76057’ E to 77002’ E is spread over an area of 37.71 Square kilometres.

    AND WHEREAS, the flora and fauna represent rich biological significance of this Sanctuary. The key species are Cheer (Catreus wallichii), Leopard (Panthera pardus), Sambar (Rusa unicolor), Ghoral (Naemorhedus sp.), barking deer (Muntiacus sp.), Black Bear (Ursus americanus);

    AND WHEREAS, Deodar is the dominant plant species and other species includes Ban-oak (Quercus leucotrichophora), Kail (Pinus sp.), Chir (Pinus roxburghii), Kainth (Pyrus pashia), Cutch tree (Acacia catechu), Kachnar (Bauhinia variegate), Daroo (Berberis aristata), Paja (Prunus cerasoides), Shisham (Dalbergia sissoo), Sanan, Jamun (Syzygium cumini), Fegra (Ficus palmate), Amaltas (Cassia fistula), Mango (Mangifera indica), Bihul (Grewia optiva), etc.

    AND WHEREAS, the Majathal Wildlife Sanctuary is bordering the southern bank of river Satluj partly falling in Solan and partly in Shimla District of Himachal Pradesh in Western Himalayan region within an altitude of 575m to 1985m above msl. The area has subtropical Monsoon climate. Himalayan Chir pine (Pinus Roxburghii), Ban Oak (Quercus leucotrichophora), forest and sub tropical Euphorbia scrub are the major vegetation types. Major habitat in the sanctuary comprises steep south eastern slopes covered with large patches of tall grass sparsely forested with Chir, Ban Oak and mixed broadleaved forests in ravines and low lying areas.

  • ¹Hkkx IIµ[k.M 3(ii)º Hkkjr dk jkti=k % vlk/kj.k 15

    AND WHEREAS, it is necessary to conserve and protect the area the extent and boundaries of which is specified in paragraph 1 of this notification around the boundary of the protected area of Majathal Wildlife Sanctuary as Eco-sensitive Zone from ecological and environmental point of view and to prohibit industries or class of industries or and their operations and processes in the said Eco-sensitive Zone;

    NOW THEREFORE, in exercise of the power conferred by sub-section(1) and clauses (v) and (xiv) of sub-section (2) and sub-section (3) of section 3 of the Environment (Protection) Act 1986 (29 of 1986) read with sub-rule (3) of rule 5 of the Environment (Protection) Rules, 1986, the Central Government hereby notifies an area with an extent ranging from 0 metres to 2 kilometres around the boundary of Majathal Wildlife Sanctuary in the State of Himachal Pradesh as the Majathal Wildlife Sanctuary Eco-sensitive Zone (herein after referred to as the Eco-sensitive Zone) details of which are as under, namely:—

    1. Extent and boundaries of Eco-sensitive Zone.—(1)The extent of Eco-sensitive Zone varies from zero to 2.252 kilometres from the boundary of the Majathal Wildlife Sanctuary. zero ESZ towards the North-eastern side of the wildlife sanctuary is due to the presence of precipitous slopes on the river Satluj and towards the North-western side is due to the construction of KOL dam on the river Satluj basin. The area of the Eco- sensitive Zone is 12.68 sq. km.

    (2) The map of Majathal Wildlife Sanctuary demarcating the Eco-sensitive Zone along with the geo co-ordinates are appended as Annexure I.

    (3) The list of villages falling within Eco-sensitive Zone along with geo coordinates of the prominent points is appended as Annexure II.

    2. Zonal Master Plan for the Eco-sensitive Zone.—(1) The State Government shall, for the purpose of the Eco-sensitive Zone prepare, a Zonal Master Plan, within a period of two years from the date of publication of this notification in the Official Gazette, in consultation with local people and adhering to the stipulations given in this notification.

    (2) The Zonal Master Plan so prepared shall commensurate with the stipulation specified in the Notification and include the environmental implications.

    (3) The Zonal Master Plan shall be approved by the Competent Authority in the State Government.

    (4) The Zonal Master Plan for the Eco-sensitive Zone shall be prepared by the State Government in such manner as is specified in this notification and also in consonance with the relevant Central and State laws and the guidelines issued by the Central Government, if any.

    (5) The Zonal Master Plan shall be prepared in consultation with all concerned State Departments, namely:-

    (i) Environment;

    (ii) Forest;

    (iii) Urban Development;

    (iv) Tourism;

    (v) Municipal;

    (vi) Revenue;

    (vii) Agriculture;

    (viii) Irrigation;

    (ix) Public Works Department; and

    (x) Himachal Pradesh State Pollution Control Board.

    (6) The Zonal Master Plan shall not impose any restriction on the approved existing land use, infrastructure and activities, unless so specified in this notification and the Zonal Master Plan shall factor in improvement of all infrastructure and activities to be more efficient and eco-friendly.

    (7) The Zonal Master plan shall provide for restoration of denuded areas, conservation of existing water bodies, management of catchment areas, watershed management, groundwater management, soil and moisture conservation, needs of local community and such other aspects of the ecology and environment that need attention.

    (8) The Zonal Master Plan shall demarcate all the existing worshipping places, villages and urban settlements, types and kinds of forests, tribal areas, agricultural areas, fertile lands, green areas such as parks and like places, horticultural areas, orchards, lakes, wetlands and other water bodies and also with supporting maps. The Plan shall be supported by Maps giving details of existing and proposed land use features.

  • 16 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(ii)]

    (9) The Zonal Master Plan shall regulate development in Eco-sensitive Zone and shall follow prohibited, regulated and promoted activities specified in the Notification so as to ensure Eco-friendly development for livelihood security of local communities.

    (10) The Zonal Master Plan shall be a reference document for the Monitoring Committee for carrying out its functions with respect to the provisions given in this notification.

    3. Measures to be taken by State Government.—The State Government shall take the following measures for giving effect to the provisions of this notification, namely:—

    (1) Landuse.—Forests, horticulture areas, agricultural areas, parks and open spaces earmarked for recreational purposes in the Eco-sensitive Zone shall not be used or converted into areas for commercial or industrial related development activities:

    Provided that the conversion of agricultural lands within the Eco-sensitive Zone may be permitted on the recommendation of the Monitoring Committee, and with the prior approval of the State Government, to meet the residential needs of local residents, and for the activities listed in column (2) of the Table in paragraph 4, namely:—

    (i) Eco-friendly cottages for temporary occupation of tourists, such as tents, wooden houses, for Eco-friendly tourism activities;

    (ii) Widening and strengthening of existing roads and construction of new roads;

    (iii) Small scale industries not causing pollution;

    (iv) Rainwater harvesting; and

    (v) Cottage industries including village industries, convenience stores and local amenities:

    Provided further that no use of tribal land shall be permitted for commercial and industrial development activities without the prior approval of the State Government and without compliance of the provisions of article 244 of the Constitution or the law for the time being in force, including the Scheduled Tribes and other Traditional Forest Dwellers (Recognition of Forest Rights) Act, 2006 (2 of 2007):

    Provided also that any error appearing in the land records within the Eco-sensitive Zone shall be corrected by the State Government, after obtaining the views of the Monitoring Committee, once in each case and the correction of said error shall be intimated to the Central Government in the Ministry of Environment, Forest and Climate Change:

    Provided also that the above correction of error shall not include change of land use in any case except as provided under this sub-paragraph:

    Provided also that there shall be no consequential reduction in green area, such as forest area and agricultural area and efforts shall be made to reforest the unused or unproductive agricultural areas.

    (2) Natural Springs.— The catchment areas of all natural springs shall be identified and plans for their conservation and rejuvenation shall be incorporated in the Zonal Master Plan and the catchment management plan shall be drawn up by the State Government in such a manner as to prohibit or and restrict development activities within the catchment areas.

    (3) Eco-Tourism.—(a) The activity relating to tourism within the Eco-sensitive Zone shall be as per Eco-Tourism Master Plan, which shall form part of the Zonal Master Plan.

    (b) The Eco-Tourism Master Plan shall be prepared by the Department of Tourism, Government of Himachal Pradesh in consultation with Department of Revenue and Forests, Government of Himachal Pradesh.

    (c) The Tourism Master Plan shall form a component of the Zonal Master Plan.

    (d) The activities relating to tourism shall be regulated as under, namely.—

    (i) No new construction of hotels and resorts shall be allowed within 1 km from the boundary of the Majathal Wildlife Sanctuary or upto the extent of the ESZ whichever is nearer. However, beyond the distance of 1 km from the boundary of the Wildlife Sanctuary till the extent of the Eco-Sensitive Zone, the establishment of new hotels and resorts shall be allowed only in pre-defined and designated areas for Eco-tourism facilities as per Tourism Master Plan:

    (ii) all new tourism activities or expansion of existing tourism activities within the Eco-sensitive Zone shall be in accordance with the guidelines issued by the Central Government in the Ministry of Environment, Forest and Climate Change and the eco-tourism guidelines issued by National Tiger Conservation Authority (as amended from time to time) with emphasis on eco-tourism;

    (iii) until the Zonal Master Plan is approved, development for tourism and expansion of existing tourism activities shall be permitted by the concerned regulatory authorities based on the actual site specific scrutiny and recommendation of the Monitoring Committee.

  • ¹Hkkx IIµ[k.M 3(ii)º Hkkjr dk jkti=k % vlk/kj.k 17

    (4) Natural Heritage.—All sites of valuable natural heritage in the Eco-sensitive Zone such as the gene pool reserve areas, rock formations, waterfalls, springs, gorges, groves, caves, points, walks, rides, cliffs, etc. shall be identified and preserved and plan shall be drawn up for their protection and conservation, within six months from the date of publication of this notification and such plan shall form part of the Zonal Master Plan.

    (5) Man-made heritage sites.—Buildings, structures, artefacts, areas and precincts of historical, architectural, aesthetic, and cultural significance shall be identified in the Eco-sensitive Zone and plans for their conservation shall be prepared within six months from the date of publication of this notification and incorporated in the Zonal Master Plan.

    (6) Noise pollution.—The Environment Department of the State Government or Bihar State Pollution Control Board shall implement the regulations for control of noise pollution in the Eco-sensitive Zone in accordance with the provisions stipulated of The Noise Pollution (Regulation And Control) Rules, 2000 under the Environment (Protection) Act, 1986.

    (7) Air pollution.—Regulations for the control of air pollution in the Eco-Sensitive Zone in accordance with the provisions of the Air (Prevention and Control of Pollution) Act, 1981 (14 of 1981) and rules made thereunder shall be complied with.

    (8) Discharge of effluents.—The discharge of treated effluent in Eco-sensitive Zone shall be in accordance with the provisions of the General Standards for Discharge of Environmental Pollutants covered under Environmental (Protection) Act, 1986 and rules made therein.–

    (9) Solid wastes.—Disposal of solid wastes shall be as under:—

    (i) the solid waste disposal in Eco-sensitive Zone shall be carried out as per the provisions of the Solid Waste Management Rules, 2016 published by the Government of India in the Ministry of Environment, Forest and Climate Change vide notification number S.O. 1357(E), dated the 8th April, 2016 as amended from time to time;

    (ii) the inorganic material may be disposed in an environmental acceptable manner at site identified outside the Eco-sensitive Zone;

    (iii) no burning or incineration of solid wastes and establishment of landfills shall be permitted in the Eco-sensitive Zone.

    (10) Bio-medical waste.—The bio-medical waste disposal in the Eco-sensitive Zone shall be carried out as per the provisions of the Bio-Medical Waste Management Rules, 2016 published by the Government of India in the Ministry of Environment, Forest and Climate Change vide notification number G.S.R. 343(E), dated the 28th March, 2016, as amended from time to time.

    (i) No common treatment facility or incineration shall be permitted within the Eco Sensitive Zone;

    (ii) Individual hospitals or private health centres already existing within the Eco Sensitive Zone should provide adequate waste treatment system to avoid adverse impact on the Protected Area.

    (11) Plastic Waste Management.—The Plastic Waste Management in the Eco-sensitive Zone shall be carried out as per the provisions of the Plastic Waste Management Rules, 2016 published by the Government of India in the Ministry of Environment, Forest and Climate Change vide notification number G.S.R. 340(E), dated the 18th March, 2016, as amended from time to time.

    (12) Construction and Demolition Waste Management.—The Construction and Demolition Waste Management in the Eco-sensitive Zone shall be carried out as per the provisions of the Construction and Demolition Waste Management Rules, 2016 published by the Government of India in the Ministry of Environment, Forest and Climate Change vide notification number G.S.R. 317(E), dated the 29th March, 2016, as amended from time to time.

    (13) E-waste.—The E- Waste Management in the Eco-sensitive Zone shall be carried out as per the provisions of the E-Waste Management Rules, 2016 published by the Government of India in the Ministry of Environment, Forest and Climate Change and as amended from time to time.

    (14) Vehicular traffic.—The vehicular movement of traffic shall be regulated in a habitat friendly manner and specific provisions in this regard shall be incorporated in the Zonal Master Plan and till such time as the Zonal Master plan is prepared and approved by the Competent Authority in the State Government, the Monitoring Committee shall monitor compliance of vehicular movement under the relevant Acts and the rules and regulations made thereunder.

    (15) Industrial units.—(a) No establishment of new wood based industries within the proposed Eco-sensitive zone shall be permitted except the existing wood based industries set up as per the law.

    (b) No establishment of any new industry causing water, air, soil, noise pollution within the proposed Eco-sensitive Zone shall be permitted.

    (15) The Central Government and the State Government shall specify other measures, if it considers necessary, in giving effect to the provisions of this notification.

  • 18 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(ii)]

    4. List of activities prohibited or to be regulated or promoted within the Eco-sensitive Zone.—All activities in the Eco-sensitive Zone shall be governed by the provisions of the Environment (Protection) Act, 1986 (29 of 1986) and the rules made thereunder and shall be regulated in the manner specified in the Table below, namely:—

    Sl. No. Activity Remarks (1) (2) (3)

    Prohibited Activities 1. Commercial Mining, stone quarrying

    and crushing units. (a) All new and existing (minor and major minerals), stone quarrying and crushing units are prohibited with immediate effect except for meeting the domestic needs of bona fide local residents including digging of earth for construction or repair of houses and for manufacture of country tiles or bricks for housing and for other activities.

    (b) The mining operations shall be carried out in accordance with the order of the Hon’ble Supreme Court dated 04.08.2006 in the matter of T.N. Godavarman Thirumulpad Vs. UOI in W.P.(C) No. 202 of 1995 and dated 21.04.2014 in the matter of Goa Foundation Vs. UOI in W.P.(C) No. 435 of 2012.

    2. Setting of new saw mills. No new or expansion of existing saw mills shall be permitted within the Eco-sensitive Zone.

    3. Use or production or processing of any hazardous substances.

    Prohibited (except as otherwise provided) as per applicable laws.

    4. Setting up of industries causing water or


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