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Urdu Geo Version · हरफ़े-आग़ाज़...

Date post: 06-Oct-2020
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तारीख़ी सहायफ़ असल इबरानी और अरामी मतन से नया उ तरजुमा उ िजयो वरन
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  • तारीख़ी सहायफ़असल इबरानी और अरामी मतन से नया उदूर् तरजुमा

    उदूर् िजयो वरझ़न

  • The Historical Books. Joshua-Esther in Modern UrduTranslated from the Original Hebrew and Aramaic

    Urdu Geo Version (Hindi script)

    © 2019 Urdu Geo Versionwww.urdugeoversion.com

    This work is licensed under a Creative Commons Attribution- NonCommercial - NoDerivatives 4.0 International Public License.

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  • तारीख़ी सहायफ़यशअु 1क़ुज़ात 34रूत 68१-समएुल 73२-समएुल 118१-सलातीन 158

    २-सलातीन 203१-तवारीख़ 248२-तवारीख़ 288अज़रा 338नहिमयाह 352आस्तर 373

  • हरफ़े-आग़ाज़

    अज़ीज़ क़ारी! आपके हाथ में िकताबे-मुक़द्दस का नया उदूर् तरजुमा है। यह इलाही िकताब इनसानके िलए अल्लाह तआला का कलाम है। इसमें इनसान के साथ अल्लाह की मुहब्बत और उसकेिलए उस की मरज़ी और मनशा का इज़हार है।

    िकताबे-मुक़द्दस पुराने और नए अहदनामे का मजमुआ है। पुराना अहदनामा तौरेत, तारीख़ीसहायफ़, िहकमत और ज़बूर के सहायफ़, और अंिबया के सहायफ़ पर मुश्तिमल है। नयाअहदनामा इंजीले-मुक़द्दस का पाक कलाम है।

    पुराने अहदनामे की असल ज़बान इबरानी और अरामी और नए अहदनामे की यूनानी है। ज़ेरे-नज़र मतन इन ज़बानाें का बराहे-रास्त तरजुमा है। मुतरिजम ने हर मुमिकन कोिशश की है िकअसल ज़बानाें का सहीह सहीह मफ़हूम अदा करे।

    पाक कलाम के तमाम मुतरिजमीन को दो सवालाें का सामना है : पहला यह िक असल मतनका सहीह सहीह तरजुमा िकया जाए। दूसरा यह िक िजस ज़बान में तरजुमा करना मक़सूद होउस की ख़ूबसूरती और चाशनी भी बरक़रार रहे और पाक मतन के साथ वफ़ादारी भी मुतअिस्सरन हो। चुनाँचे हर मुतरिजम को फ़ैसला करना होता है िक कहाँतक वुह लफ़्ज़ बलफ़्ज़ तरजुमाकरे और कहाँतक उदूर् ज़बान की सेहत, ख़ूबसूरती और चाशनी को मदे्द-नज़र रखते हुए क़दरेआज़ादाना तरजुमा करे। मुख़्तिलफ़ तरजुमाें में जो बाज़ औक़ात थोड़ा-बहत फ़रक़ नज़र आताहै उसका यही सबब है िक एक मुतरिजम असल अलफ़ाज़ का ज़्यादा पाबंद रहा है जबिक दूसरेने मफ़हूम को अदा करने में उदूर् ज़बान की िरआयत करके क़दरे आज़ाद तरीक़े से मतलब कोअदा करने की कोिशश की है। इस तरजुमे में जहाँ तक हो सका असल ज़बान के क़रीब रहने कीकोिशश की गई है। याद रहे िक सुर्िख़याँ और उनवानात मतन का िहस्सा नहीं हैं। उनको महज़क़ारी की सहूलत की ख़ाितर िदया गया है।

    चँूिक असल ज़बानाें में अंिबया के िलए इज़्ज़त के वुह अलक़ाब इस्तेमाल नहीं िकए गए िजनकाआज-कल िरवाज है, इसिलए इलहामी मतन के एहतराम को मलहूज़े-ख़ाितर रखते हुए तरजुमेमें अलक़ाब का इज़ाफ़ा करने से गुरेज़ िकया गया है।

    िकताबे-मुक़द्दस में मज़कूर जवाहरात का तरजुमा जदीद साइंसी तहक़ीक़ात के मुतािबक़ िकयागया है।

    चँूिक वक़्त के साथ साथ नाप-तोल की िमक़दारें क़दरे बदल गइर्ं इसिलए तरजुमे में उनकीअदायगी में ख़ास मुिश्कल पेश आई।

  • 6जहाँ रूह का लफ़ज़ सीग़ाए-मुज़क्कर में अदा िकया गया है वहाँउससे मुराद रूहुल-क़ुद्स यानी

    ख़ुदा का रूह है। जब वुह और मानाें में मुस्तामल है तब मामूल के मुतािबक़ सीग़ाए-मुअन्नसइस्तेमाल हुआ है।

    इंजीले-मुक़द्दस में बपितस्मा देने का लुग़वी मतलब ग़ोता देना है। िजस शख़्स को बपितस्मािदया जाता है उसे पानी में ग़ोता िदया जाता है।

    बारी तआला के फ़ज़ल से इंजीले-मुक़द्दस के कई उदूर् तरजुमे दस्तयाब हैं। इन सबका मक़सदयही है िक असल ज़बान का मफ़हूम अदा िकया जाए। इनका आपस में मुक़ाबला नहीं है बिल्कमुख़्तिलफ़ तरजुमाें का एक दूसरे के साथ मुवाज़ना करने से असली ज़बान के मफ़हूम की गहराईऔर वुसअत सामने आती है और याें मुख़्तिलफ़ तरजुमे िमलकर कलामे-मुक़द्दस की पूरी तफ़्हीममें मुअिवन सािबत होते हैं।

    अल्लाह करे िक यह तरजुमा भी उसके िंज़दा कलाम का मतलब और मक़सद और उस कीवुसअत और गहराई को ज़्यादा सफ़ाई से समझने में मदद का बाइस बने।

    नािशरीन

  • यशुअ

    रब यशअु को राहनमुाई कीिज़म्मेदारी साैंपता है

    1 रब के ख़ािदम मूसा की मौत के बादरब मूसा के मददगार यशुअ िबन नून सेहमकलाम हुआ। उसने कहा, 2“मेरा ख़ािदममूसा फ़ौत हो गया है। अब उठ, इस पूरी क़ौमके साथ दिरयाए-यरदन को पार करके उसमुल्क में दािख़ल हो जा जो मैं इसराईिलयाेंको देने को हँू। 3िजस ज़मीन पर भी तू अपनापाँव रखेगा उसे मैं मूसा के साथ िकए गएवादे के मुतािबक़ तुझे दँूगा। 4तुम्हारे मुल्क कीसरहद्दें यह हाेंगी : जुनूब में नजब का रेिगस्तान,िशमाल में लुबनान, मशिरक़ में दिरयाए-फ़ुरातऔर मग़िरब में बहीराए-रूम। िहत्ती क़ौम कापूरा इलाक़ा इसमें शािमल होगा। 5तेरे जीते जीकोई तेरा सामना नहीं कर सकेगा। िजस तरह मैंमूसा के साथ था, उसी तरह तेरे साथ भी हँूगा।मैं तुझे कभी नहीं छोड़ँूगा, न तुझे तकर् करँूगा।

    6मज़बूत और िदलेर हो, क्याें िक तू ही इसक़ौम को मीरास में वह मुल्क देगा िजसका मैं नेउनके बापदादा से क़सम खाकर वादा िकयाथा। 7लेिकन ख़बरदार, मज़बूत और बहुत िदलेरहो। एहितयात से उस पूरी शरीअत पर अमलकर जो मेरे ख़ािदम मूसा ने तुझे दी है। उससेन दाइर्ं और न बाइर्ं तरफ़ हटना। िफर जहाँकहीं भी तू जाए कामयाब होगा। 8जो बातेंइस शरीअत की िकताब में िलखी हैं वह तेरे

    मँुह से न हटें। िदन-रात उन पर ग़ौर करता रहतािक तू एहितयात से इसकी हर बात पर अमलकर सके। िफर तू हर काम में कामयाब औरख़ुशहाल होगा।

    9मैं िफर कहता हँू िक मज़बूत और िदलेर हो।न घबरा और न हौसला हार, क्याें िक जहाँ भीतू जाएगा वहाँ रब तेरा ख़ुदा तेरे साथ रहेगा।”

    मलु्क में दािख़ल होने की तैयािरयाँ10िफर यशुअ क़ौम के िनगहबानाें से

    मुख़ाितब हुआ, 11“ख़ैमागाह में हर जगहजाकर लोगाें को इत्तला दें िक सफ़र के िलएखाने का बंदोबस्त कर लें। क्याें िक तीन िदन केबाद आप दिरयाए-यरदन को पार करके उसमुल्क पर क़ब्ज़ा करें गे जो रब आपका ख़ुदाआपको िवरसे में दे रहा है।”

    12िफर यशुअ रूिबन, जद और मनस्सी केआधे क़बीले से मुख़ाितब हुआ, 13“यह बातयाद रखें जो रब के ख़ािदम मूसा ने आपसेकही थी, ‘रब तुम्हारा ख़ुदा तुमको दिरयाए-यरदन के मशिरक़ी िकनारे पर का यह इलाक़ादेता है तािक तुम यहाँ अमनो-अमान के साथरह सको।’ 14अब जब हम दिरयाए-यरदन कोपार कर रहे हैं तो आपके बाल-बच्चे और मवेशीयहीं रह सकते हैं। लेिकन लािज़म है िक आपकेतमाम जंग करने के क़ािबल मदर् मुसल्लह होकरअपने भाइयाें के आगे आगे दिरया को पार करें ।

  • यशुअ 1:15 2आपको उस वक़्त तक अपने भाइयाें की मददकरना है 15जब तक रब उन्हें वह आराम न देजो आपको हािसल है और वह उस मुल्क परक़ब्ज़ा न कर लें जो रब आपका ख़ुदा उन्हें दे रहाहै। इसके बाद ही आपको अपने उस इलाक़े मेंवापस जाकर आबाद होने की इजाज़त होगी जोरब के ख़ािदम मूसा ने आपको दिरयाए-यरदनके मशिरक़ी िकनारे पर िदया था।”

    16उन्हाें ने जवाब में यशुअ से कहा, “जो भीहुक्म आपने हमें िदया है वह हम मानें गे औरजहाँ भी हमें भेजें गे वहाँ जाएंगे। 17िजस तरहहम मूसा की हर बात मानते थे उसी तरहआपकी भी हर बात मानें गे। लेिकन रब आपकाख़ुदा उसी तरह आपके साथ हो िजस तरह वहमूसा के साथ था। 18जो भी आपके हुक्म कीिख़लाफ़वरज़ी करके आपकी वह तमाम बातेंन माने जो आप फ़रमाएँगे उसे सज़ाए-मौत दीजाए। लेिकन मज़बूत और िदलेर हाें !”

    यरीहू शहर में इसराईली जाससू

    2 िफर यशुअ ने चुपके से दो जासूसाें कोिशत्तीम से भेज िदया जहाँ इसराईलीख़ैमागाह थी। उसने उनसे कहा, “जाकर मुल्कका जायज़ा लें , ख़ासकर यरीहू शहर का।” वहरवाना हुए और चलते चलते एक कसबी के घरपहँुचे िजसका नाम राहब था। वहाँ वह रात केिलए ठहर गए। 2लेिकन यरीहू के बादशाह कोइत्तला िमली िक आज शाम को कुछ इसराईलीमदर् यहाँ पहँुच गए हैं जो मुल्क की जासूसीकरना चाहते हैं। 3यह सुनकर बादशाह ने राहबको ख़बर भेजी, “उन आदिमयाें को िनकाल दोजो तुम्हारे पास आकर ठहरे हुए हैं , क्याें िक यहपूरे मुल्क की जासूसी करने के िलए आए हैं।”

    4लेिकन राहब ने दोनाें आदिमयाें को छुपारखा था। उसने कहा, “जी, यह आदमी मेरे पासआए तो थे लेिकन मुझे मालूम नहीं था िक कहाँसे आए हैं। 5जब िदन ढलने लगा और शहरके दरवाज़ाें को बंद करने का वक़्त आ गया तो

    वह चले गए। मुझे मालूम नहीं िक िकस तरफ़गए। अब जल्दी करके उनका पीछा करें । ऐनमुमिकन है िक आप उन्हें पकड़ लें।” 6हक़ीक़तमें राहब ने उन्हें छत पर ले जाकर वहाँ पर पड़ेसन के डंठलाें के नीचे छुपा िदया था। 7राहब कीबात सुनकर बादशाह के आदमी वहाँ से चले गएऔर शहर से िनकलकर जासूसाें के ताक़्क़ुब मेंउस रास्ते पर चलने लगे जो दिरयाए-यरदन केउन कम-गहरे मक़ामाें तक ले जाता है जहाँ उसेपैदल उबूर िकया जा सकता था। और ज्याेंहीयह आदमी िनकले, शहर का दरवाज़ा उनकेपीछे बंद कर िदया गया।

    8जासूसाें के सो जाने से पहले राहब ने छतपर आकर 9उनसे कहा, “मैं जानती हँू िक रबने यह मुल्क आपको दे िदया है। आपके बारे मेंसुनकर हम पर दहशत छा गई है, और मुल्कके तमाम बािंशदे िहम्मत हार गए हैं। 10क्याें िकहमें ख़बर िमली है िक आपके िमसर से िनकलतेवक़्त रब ने बहरे-क़ुलज़ुम का पानी िकस तरहआपके आगे ख़ुश्क कर िदया। यह भी हमारेसुनने में आया है िक आपने दिरयाए-यरदनके मशिरक़ में रहनेवाले दो बादशाहाें सीहोनऔर ओज के साथ क्या कुछ िकया, िक आपनेउन्हें पूरी तरह तबाह कर िदया। 11यह सुनकरहमारी िहम्मत टूट गई। आपके सामने हम सबहौसला हार गए हैं , क्याें िक रब आपका ख़ुदाआसमानो-ज़मीन का ख़ुदा है। 12अब रब कीक़सम खाकर मुझसे वादा करें िक आप उसीतरह मेरे ख़ानदान पर मेहरबानी करें गे िजस तरहिक मैं ने आप पर की है। और ज़मानत के तौरपर मुझे कोई िनशान दें 13िक आप मेरे माँ-बाप,मेरे बहन-भाइयाें और उनके घरवालाें को िंज़दाछोड़कर हमें मौत से बचाए रखें गे।”

    14आदिमयाें ने कहा, “हम अपनी जानाें कोज़मानत के तौर पर पेश करते हैं िक आपमहफ़ूज़ रहें गे। अगर आप िकसी को हमारे बारेमें इत्तला न दें तो हम आपसे ज़रूर मेहरबानी

  • 3 यशुअ 3:10और वफ़ादारी से पेश आएँगे जब रब हमें यहमुल्क अता फ़रमाएगा।”

    15तब राहब ने शहर से िनकलने में उनकीमदद की। चँूिक उसका घर शहर की चारदीवारीसे मुलिहक़ था इसिलए आदमी िखड़की सेिनकलकर रस्से के ज़रीए बाहर की ज़मीन परउतर आए। 16उतरने से पहले राहब ने उन्हेंिहदायत की, “पहाड़ी इलाक़े की तरफ़ चलेजाएँ। जो आपका ताक़्क़ुब कर रहे हैं वह वहाँआपको ढँूड नहीं सकें गे। तीन िदन तक यानीजब तक वह वापस न आ जाएँ वहाँ छुपे रहना।इसके बाद जहाँ जाने का इरादा है चले जाना।”

    17आदिमयाें ने उससे कहा, “जो क़समआपने हमें िखलाई है हम ज़रूर उसके पाबंदरहें गे। लेिकन शतर् यह है 18िक आप हमारेइस मुल्क में आते वक़्त िक़रिमज़ी रंग का यहरस्सा उस िखड़की के सामने बाँध दें िजसमें सेआपने हमें उतरने िदया है। यह भी लािज़म हैिक उस वक़्त आपके माँ-बाप, भाई-बहनें औरतमाम घरवाले आपके घर में हाें । 19अगर कोईआपके घर में से िनकले और मार िदया जाए तोयह हमारा क़ुसूर नहीं होगा, हम िज़म्मेदार नहींठहरें गे। लेिकन अगर िकसी को हाथ लगायाजाए जो आपके घर के अंदर हो तो हम ही उसकी मौत के िज़म्मेदार ठहरें गे। 20और िकसी कोहमारे मामले के बारे में इत्तला न देना, वरनाहम उस क़सम से आज़ाद हैं जो आपने हमेंिखलाई।”

    21राहब ने जवाब िदया, “ठीक है, ऐसा हीहो।” िफर उसने उन्हें रुख़सत िकया और वहरवाना हुए। और राहब ने अपनी िखड़की केसाथ मज़कूरा रस्सा बाँध िदया।

    22जासूस चलते चलते पहाड़ी इलाक़े में आगए। वहाँ वह तीन िदन रहे। इतने में उनकाताक़्क़ुब करनेवाले पूरे रास्ते का खोज लगाकरख़ाली हाथ लौटे। 23िफर दोनाें जासूसाें नेपहाड़ी इलाक़े से उतरकर दिरयाए-यरदन कोपार िकया और यशुअ िबन नून के पास आकर

    सब कुछ बयान िकया जो उनके साथ हुआ था।24उन्हाें ने कहा, “यक़ीनन रब ने हमें पूरा मुल्कदे िदया है। हमारे बारे में सुनकर मुल्क के तमामबािंशदाें पर दहशत तारी हो गई है।”

    इसराईली दिरयाए-यरदनको उबरू करते हैं

    3 सुबह-सवेरे उठकर यशुअ और तमामइसराईली िशत्तीम से रवाना हुए। जबवह दिरयाए-यरदन पर पहँुचे तो उसे उबूर निकया बिल्क रात के िलए िकनारे पर रुकगए। 2वह तीन िदन वहाँ रहे। िफर िनगहबानाेंने ख़ैमागाह में से गुज़रकर 3लोगाें को हुक्मिदया, “जब आप देखें िक लावी के क़बीलेके इमाम रब आपके ख़ुदा के अहद का संदूक़उठाए हुए हैं तो अपने अपने मक़ाम से रवानाहोकर उसके पीछे हो लें । 4िफर आपको पताचलेगा िक कहाँ जाना है, क्याें िक आप पहलेकभी वहाँ नहीं गए। लेिकन संदूक़ के तक़रीबनएक िकलोमीटर पीछे रहें और ज़्यादा क़रीब नजाएँ।”

    5यशुअ ने लोगाें को बताया, “अपने आपकोमख़सूसो-मुक़द्दस करें , क्याें िक कल रब आपकेदरिमयान हैरतअंगेज़ काम करेगा।”

    6अगले िदन यशुअ ने इमामाें से कहा, “अहदका संदूक़ उठाकर लोगाें के आगे आगे दिरयाको पार करें ।” चुनाँचे इमाम संदूक़ को उठाकरआगे आगे चल िदए। 7और रब ने यशुअसे फ़रमाया, “मैं तुझे तमाम इसराईिलयाें केसामने सरफ़राज़ कर दँूगा, और आज ही मैं यहकाम शुरू करँूगा तािक वह जान लें िक िजसतरह मैं मूसा के साथ था उसी तरह तेरे साथभी हँू। 8अहद का संदूक़ उठानेवाले इमामाें कोबता देना, ‘जब आप दिरयाए-यरदन के िकनारेपहँुचें गे तो वहाँ पानी में रुक जाएँ’।”

    9यशुअ ने इसराईिलयाें से कहा, “मेरे पासआएँ और रब अपने ख़ुदा के फ़रमान सुन लें।10आज आप जान लें गे िक िंज़दा ख़ुदा आपके

  • यशुअ 3:11 4दरिमयान है और िक वह यक़ीनन आपके आगेआगे जाकर दूसरी क़ौमाें को िनकाल देगा,ख़ाह वह कनानी, िहत्ती, िहव्वी, फ़िरज़्ज़ी,िजरजासी, अमोरी या यबूसी हाें । 11यह याेंज़ािहर होगा िक अहद का यह संदूक़ जो तमामदुिनया के मािलक का है आपके आगे आगेदिरयाए-यरदन में जाएगा। 12अब ऐसा करें िकहर क़बीले में से एक एक आदमी को चुन लेंतािक बारह अफ़राद जमा हो जाएँ। 13िफरइमाम तमाम दुिनया के मािलक रब के अहदका संदूक़ उठाकर दिरया में जाएंगे। और ज्याेंहीवह अपने पाँव पानी में रखें गे तो पानी का बहावरुक जाएगा और आनेवाला पानी ढेर बनकरखड़ा रहेगा।”

    14चुनाँचे इसराईली अपने ख़ैमाें को समेट-कर रवाना हुए, और अहद का संदूक़ उठाने-वाले इमाम उनके आगे आगे चल िदए।15फ़सल की कटाई का मौसम था, और दिरयाका पानी िकनाराें से बाहर आ गया था। लेिकनज्याेंही संदूक़ को उठानेवाले इमामाें ने दिरयाके िकनारे पहँुचकर पानी में क़दम रखा 16तोआनेवाले पानी का बहाव रुक गया। वह उनसेदूर एक शहर के क़रीब ढेर बन गया िजसकानाम आदम था और जो ज़रतान के नज़दीकहै। जो पानी दूसरी यानी बहीराए-मुरदार कीतरफ़ बह रहा था वह पूरी तरह उतर गया।तब इसराईिलयाें ने यरीहू शहर के मुक़ािबलदिरया को पार िकया। 17रब का अहद कासंदूक़ उठानेवाले इमाम दिरयाए-यरदन के बीचमें ख़ुश्क ज़मीन पर खड़े रहे जबिक बाक़ी लोगख़ुश्क ज़मीन पर से गुज़र गए। इमाम उस वक़्ततक वहाँ खड़े रहे जब तक तमाम इसराईिलयाेंने ख़ुश्क ज़मीन पर चलकर दिरया को पार नकर िलया।

    यादगार पत्थर

    4 जब पूरी क़ौम ने दिरयाए-यरदन कोउबूर कर िलया तो रब यशुअ से

    हमकलाम हुआ, 2“हर क़बीले में से एक एकआदमी को चुन ले। 3िफर इन बारह आदिमयाेंको हुक्म दे िक जहाँ इमाम दिरयाए-यरदन केदरिमयान खड़े हैं वहाँ से बारह पत्थर उठाकरउन्हें उस जगह रख दो जहाँ तुम आज रातठहरोगे।”

    4चुनाँचे यशुअ ने उन बारह आदिमयाें कोबुलाया िजन्हें उसने इसराईल के हर क़बीले सेचुन िलया था 5और उनसे कहा, “रब अपनेख़ुदा के संदूक़ के आगे आगे चलकर दिरयाके दरिमयान तक जाएँ। आपमें से हर आदमीएक एक पत्थर उठाकर अपने कंधे पर रखे औरबाहर ले जाए। कुल बारह पत्थर हाें गे, इसराईलके हर क़बीले के िलए एक। 6यह पत्थर आपकेदरिमयान एक यादगार िनशान रहें गे। आइंदाजब आपके बच्चे आपसे पूछें गे िक इन पत्थराेंका क्या मतलब है 7तो उन्हें बताना, ‘यह हमेंयाद िदलाते हैं िक दिरयाए-यरदन का बहावरुक गया जब रब का अहद का संदूक़ उसमेंसे गुज़रा।’ यह पत्थर अबद तक इसराईल कोयाद िदलाते रहें गे िक यहाँ क्या कुछ हुआ था।”

    8इसराईिलयाें ने ऐसा ही िकया। उन्हाें नेदिरयाए-यरदन के बीच में से अपने क़बीलाेंकी तादाद के मुतािबक़ बारह पत्थर उठाए,िबलकुल उसी तरह िजस तरह रब ने यशुअको फ़रमाया था। िफर उन्हाें ने यह पत्थर अपनेसाथ लेकर उस जगह रख िदए जहाँ उन्हें रातके िलए ठहरना था। 9साथ साथ यशुअ ने उसजगह भी बारह पत्थर खड़े िकए जहाँ अहदका संदूक़ उठानेवाले इमाम दिरयाए-यरदन केदरिमयान खड़े थे। यह पत्थर आज तक वहाँपड़े हैं। 10संदूक़ को उठानेवाले इमाम दिरयाके दरिमयान खड़े रहे जब तक लोगाें ने तमामअहकाम जो रब ने यशुअ को िदए थे पूरे न करिलए। याें सब कुछ वैसा ही हुआ जैसा मूसा नेयशुअ को फ़रमाया था।

    लोग जल्दी जल्दी दिरया में से गुज़रे। 11जबसब दूसरे िकनारे पर थे तो इमाम भी रब का

  • 5 यशुअ 5:8संदूक़ लेकर िकनारे पर पहँुचे और दुबारा क़ौमके आगे आगे चलने लगे। 12और िजस तरहमूसा ने फ़रमाया था, रूिबन, जद और मनस्सीके आधे क़बीले के मदर् मुसल्लह होकर बाक़ीइसराईली क़बीलाें से पहले दिरया के दूसरेिकनारे पर पहँुच गए थे। 13तक़रीबन 40,000मुसल्लह मदर् उस वक़्त रब के सामने यरीहू केमैदान में पहँुच गए तािक वहाँ जंग करें । 14उसिदन रब ने यशुअ को पूरी इसराईली क़ौम केसामने सरफ़राज़ िकया। उसके जीते जी लोगउसका याें ख़ौफ़ मानते रहे िजस तरह पहलेमूसा का।

    15िफर रब ने यशुअ से कहा, 16“अहदका संदूक़ उठानेवाले इमामाें को दिरया में सेिनकलने का हुक्म दे।” 17यशुअ ने ऐसा हीिकया 18तो ज्याेंही इमाम िकनारे पर पहँुच गएपानी दुबारा बहकर दिरया के िकनाराें से बाहरआने लगा।

    19इसराईिलयाें ने पहले महीने के दसवें िदनaदिरयाए-यरदन को उबूर िकया। उन्हाें ने अपनेख़ैमे यरीहू के मशिरक़ में वाक़े िजलजाल मेंखड़े िकए। 20वहाँ यशुअ ने दिरया में से चुनेहुए बारह पत्थराें को खड़ा िकया। 21उसनेइसराईिलयाें से कहा, “आइंदा जब आपकेबच्चे अपने अपने बाप से पूछें गे िक इन पत्थराेंका क्या मतलब है 22तो उन्हें बताना, ‘यह वहजगह है जहाँ इसराईली क़ौम ने ख़ुश्क ज़मीनपर दिरयाए-यरदन को पार िकया।’ 23क्याें िकरब आपके ख़ुदा ने उस वक़्त तक आपके आगेआगे दिरया का पानी ख़ुश्क कर िदया जब तकआप वहाँ से गुज़र न गए, िबलकुल उसी तरहिजस तरह बहरे-क़ुलज़ुम के साथ िकया था जबहम उसमें से गुज़रे। 24उसने यह काम इसिलएिकया तािक ज़मीन की तमाम क़ौमें अल्लाह कीक़ुदरत को जान लें और आप हमेशा रब अपनेख़ुदा का ख़ौफ़ मानें ।”

    5 यह ख़बर दिरयाए-यरदन के मग़िरब मेंआबाद तमाम अमोरी बादशाहाें औरसािहली इलाक़े में आबाद तमाम कनानीबादशाहाें तक पहँुच गई िक रब ने इसराईिलयाेंके सामने दिरया को उस वक़्त तक ख़ुश्क करिदया जब तक सबने पार न कर िलया था। तबउनकी िहम्मत टूट गई और उनमें इसराईिलयाेंका सामना करने की जुरर्त न रही।

    िजलजाल में ख़तना2उस वक़्त रब ने यशुअ से कहा, “पत्थर

    की छुिरयाँ बनाकर पहले की तरह इसराई-िलयाें का ख़तना करवा दे।” 3चुनाँचे यशुअने पत्थर की छुिरयाँ बनाकर एक जगह परइसराईिलयाें का ख़तना करवाया िजसका नामबाद में ‘ख़तना पहाड़’ रखा गया। 4बात यह थीिक जो मदर् िमसर से िनकलते वक़्त जंग करनेके क़ािबल थे वह रेिगस्तान में चलते चलते मरचुके थे। 5िमसर से रवाना होनेवाले इन तमाममदार्ें का ख़तना हुआ था, लेिकन िजतने लड़काेंकी पैदाइश रेिगस्तान में हुई थी उनका ख़तनानहीं हुआ था। 6चँूिक इसराईली रब के ताबे नहींरहे थे इसिलए उसने क़सम खाई थी िक वहउस मुल्क को नहीं देखें गे िजसमें दूध और शहदकी कसरत है और िजसका वादा उसने क़समखाकर उनके बापदादा से िकया था। नतीजे मेंइसराईली फ़ौरन मुल्क में दािख़ल न हो सकेबिल्क उन्हें उस वक़्त तक रेिगस्तान में िफरनापड़ा जब तक वह तमाम मदर् मर न गए जोिमसर से िनकलते वक़्त जंग करने के क़ािबलथे। 7उनकी जगह रब ने उनके बेटाें को खड़ािकया था। यशुअ ने उन्हीं का ख़तना करवाया।उनका ख़तना इसिलए हुआ िक रेिगस्तान मेंसफ़र के दौरान उनका ख़तना नहीं िकया गयाथा।

    8पूरी क़ौम के मदार्ें का ख़तना होने के बाद वहउस वक़्त तक ख़ैमागाह में रहे जब तक उनके

    aयानी अपै्रल में ।

  • यशुअ 5:9 6ज़ख़म ठीक नहीं हो गए थे। 9और रब ने यशुअसे कहा, “आज मैंने िमसर की रुसवाई तुमसेदूर कर दी है।”a इसिलए उस जगह का नामआज तक िजलजाल यानी लुढ़काना रहा है।

    10जब इसराईली यरीहू के मैदानी इलाक़े मेंवाक़े िजलजाल में ख़ैमाज़न थे तो उन्हाें ने फ़सहकी ईद भी मनाई। महीने का चौधवाँ िदन था,11और अगले ही िदन वह पहली दफ़ा उस मुल्ककी पैदावार में से बेख़मीरी रोटी और अनाज केभुने हुए दाने खाने लगे। 12उसके बाद के िदनमन का िसलिसला ख़त्म हुआ और इसराईिलयाेंके िलए यह सहूलत न रही। उस साल से वहकनान की पैदावार से खाने लगे।

    फ़िरश्ते से यशअु की मलुाक़ात13एक िदन यशुअ यरीहू शहर के क़रीब था।

    अचानक एक आदमी उसके सामने खड़ा नज़रआया िजसके हाथ में नंगी तलवार थी। यशुअने उसके पास जाकर पूछा, “क्या आप हमारेसाथ या हमारे दुश्मनाें के साथ हैं?”

    14आदमी ने कहा, “नहीं, मैं रब के लशकरका सरदार हँू और अभी अभी तेरे पास पहँुचाहँू।”

    यह सुनकर यशुअ ने िगरकर उसे िसजदािकया और पूछा, “मेरे आक़ा अपने ख़ािदम कोक्या फ़रमाना चाहते हैं?”

    15रब के लशकर के सरदार ने जवाब में कहा,“अपने जूते उतार दे, क्याें िक िजस जगह परतू खड़ा है वह मुक़द्दस है।” यशुअ ने ऐसा हीिकया।

    यरीहू की तबाही

    6 उन िदनाें में इसराईिलयाें की वजह सेयरीहू के दरवाज़े बंद ही रहे। न कोईबाहर िनकला, न कोई अंदर गया। 2रब ने यशुअसे कहा, “मैं ने यरीहू को उसके बादशाह औरफ़ौजी अफ़सराें समेत तेरे हाथ में कर िदया है।

    3जो इसराईली जंग के िलए तेरे साथ िनकलें गेउनके साथ शहर की फ़सील के साथ साथचलकर एक चक्कर लगाओ और िफर ख़ैमागाहमें वापस आ जाओ। छः िदन तक ऐसा ही करो।4सात इमाम एक एक नरिंसगा उठाए अहदके संदूक़ के आगे आगे चलें। िफर सातवें िदनशहर के िगदर् सात चक्कर लगाओ। साथ साथइमाम नरिंसगे बजाते रहें । 5जब वह नरिंसगाेंको बजाते बजाते लंबी-सी फँूक मारें गे तो िफरतमाम इसराईली बड़े ज़ोर से जंग का नारालगाएँ। इस पर शहर की फ़सील िगर जाएगीऔर तेरे लोग हर जगह सीधे शहर में दािख़लहो सकें गे।”

    6यशुअ िबन नून ने इमामाें को बुलाकर उनसेकहा, “रब के अहद का संदूक़ उठाकर मेरे साथचलें। और सात इमाम एक एक नरिंसगा उठाएसंदूक़ के आगे आगे चलें।” 7िफर उसने बाक़ीलोगाें से कहा, “आएँ, शहर की फ़सील के साथसाथ चलकर एक चक्कर लगाएँ। मुसल्लहआदमी रब के संदूक़ के आगे आगे चलें।”

    8सब कुछ यशुअ की िहदायात के मुता-िबक़ हुआ। सात इमाम नरिंसगे बजाते हुए रबके आगे आगे चले जबिक रब के अहद का संदूक़उनके पीछे पीछे था। 9मुसल्लह आदिमयाें मेंसे कुछ बजानेवाले इमामाें के आगे आगे औरकुछ संदूक़ के पीछे पीछे चलने लगे। इतने मेंइमाम नरिंसगे बजाते रहे। 10लेिकन यशुअ नेबाक़ी लोगाें को हुक्म िदया था िक उस िदनजंग का नारा न लगाएँ। उसने कहा, “जब तकमैं हुक्म न दँू उस वक़्त तक एक लफ़्ज़ भी नबोलना। जब मैं इशारा दँूगा तो िफर ही ख़ूबनारा लगाना।” 11इसी तरह रब के संदूक़ नेशहर की फ़सील के साथ साथ चलकर चक्करलगाया। िफर लोगाें ने ख़ैमागाह में लौटकर वहाँरात गुज़ारी।

    aलफ़्ज़ी तरजुमा : लुढ़काकर दूर कर दी है।

  • 7 यशुअ 7:212-13अगले िदन यशुअ सुबह-सवेरे उठा,

    और इमामाें और फ़ौिजयाें ने दूसरी मरतबा शहरका चक्कर लगाया। उनकी वही तरतीब थी।पहले कुछ मुसल्लह आदमी, िफर सात नरिंसगेबजानेवाले इमाम, िफर रब के अहद का संदूक़उठानेवाले इमाम और आिख़र में मज़ीद कुछमुसल्लह आदमी थे। चक्कर लगाने के दौरानइमाम नरिंसगे बजाते रहे। 14इस दूसरे िदन भीवह शहर का चक्कर लगाकर ख़ैमागाह में लौटआए। उन्हाें ने छः िदन तक ऐसा ही िकया।

    15सातवें िदन उन्हाें ने सुबह-सवेरे उठकरशहर का चक्कर याें लगाया जैसे पहले छः िदनाेंमें , लेिकन इस दफ़ा उन्हाें ने कुल सात चक्करलगाए। 16सातवें चक्कर पर इमामाें ने नरिंसगाेंको बजाते हुए लंबी-सी फँूक मारी। तब यशुअने लोगाें से कहा, “जंग का नारा लगाएँ, क्याें िकरब ने आपको यह शहर दे िदया है। 17शहरको और जो कुछ उसमें है तबाह करके रब केिलए मख़सूस करना है। िसफ़र् राहब कसबी कोउन लोगाें समेत बचाना है जो उसके घर में हैं।क्याें िक उसने हमारे उन जासूसाें को छुपा िदयािजनको हमने यहाँ भेजा था। 18लेिकन अल्लाहके िलए मख़सूस चीज़ाें को हाथ न लगाना,क्याें िक अगर आप उनमें से कुछ ले लें तो अपनेआपको तबाह करें गे बिल्क इसराईली ख़ैमागाहपर भी तबाही और आफ़त लाएँगे। 19जो कुछभी चाँदी, सोने, पीतल या लोहे से बना है वहरब के िलए मख़सूस है। उसे रब के ख़ज़ाने मेंडालना है।”

    20जब इमामाें ने लंबी फँूक मारी तोइसराईिलयाें ने जंग के ज़ोरदार नारे लगाए।अचानक यरीहू की फ़सील िगर गई, और हरशख़्स अपनी अपनी जगह पर सीधा शहर मेंदािख़ल हुआ। याें शहर इसराईल के क़ब्ज़े मेंआ गया। 21जो कुछ भी शहर में था उसे उन्हाें नेतलवार से मारकर रब के िलए मख़सूस िकया,ख़ाह मदर् या औरत, जवान या बुज़ुगर्, गाय-बैल,भेड़-बकरी या गधा था।

    22िजन दो आदिमयाें ने मुल्क की जासूसी कीथी उनसे यशुअ ने कहा, “अब अपनी क़समका वादा पूरा करें । कसबी के घर में जाकर उसेऔर उसके तमाम घरवालाें को िनकाल लाएँ।”23चुनाँचे यह जवान आदमी गए और राहब,उसके माँ-बाप, भाइयाें और बाक़ी िरश्तेदाराें कोउस की िमलिकयत समेत िनकालकर ख़ैमागाहसे बाहर कहीं बसा िदया। 24िफर उन्हाें ने पूरेशहर को और जो कुछ उसमें था भस्म करिदया। लेिकन चाँदी, सोने, पीतल और लोहेका तमाम माल उन्हाें ने रब के घर के ख़ज़ाने मेंडाल िदया। 25यशुअ ने िसफ़र् राहब कसबी औरउसके घरवालाें को बचाए रखा, क्याें िक उसनेउन आदिमयाें को छुपा िदया था िजन्हें यशुअ नेयरीहू भेजा था। राहब आज तक इसराईिलयाेंके दरिमयान रहती है।

    26उस वक़्त यशुअ ने क़सम खाई, “रब कीलानत उस पर हो जो यरीहू का शहर नए िसरे सेतामीर करने की कोिशश करे। शहर की बुिनयादरखते वक़्त वह अपने पहलौठे से महरूम होजाएगा, और उसके दरवाज़ाें को खड़ा करतेवक़्त वह अपने सबसे छोटे बेटे से हाथ धोबैठेगा।”

    27याें रब यशुअ के साथ था, और उस कीशोहरत पूरे मुल्क में फैल गई।

    अकन का गनुाह

    7 लेिकन जहाँ तक रब के िलए मख़सूसचीज़ाें का ताल्लुक़ था इसराईिलयाें नेबेवफ़ाई की। यहूदाह के क़बीले के एक आदमीने उनमें से कुछ अपने िलए ले िलया। उसकानाम अकन िबन करमी िबन ज़बदी िबन ज़ारहथा। तब रब का ग़ज़ब इसराईिलयाें पर नािज़लहुआ।

    2यह याें ज़ािहर हुआ िक यशुअ ने कुछआदिमयाें को यरीहू से अई शहर को भेज िदयाजो बैतेल के मशिरक़ में बैत-आवन के क़रीब है।उसने उनसे कहा, “उस इलाक़े में जाकर उस

  • यशुअ 7:3 8की जासूसी करें ।” चुनाँचे वह जाकर ऐसा हीकरने लगे। 3जब वापस आए तो उन्हाें ने यशुअसे कहा, “इसकी ज़रूरत नहीं िक तमाम लोगअई पर हमला करें । उसे िशकस्त देने के िलए दोया तीन हज़ार मदर् काफ़ी हैं। बाक़ी लोगाें को नभेजें वरना वह ख़ाहमख़ाह थक जाएंगे, क्याें िकदुश्मन के लोग कम हैं।” 4चुनाँचे तक़रीबन तीनहज़ार आदमी अई से लड़ने गए। लेिकन वह अईके मदार्ें से िशकस्त खाकर फ़रार हुए, 5औरउनके 36 अफ़राद शहीद हुए। अई के आदिमयाेंने शहर के दरवाज़े से लेकर शबरीम तक उनकाताक़्क़ुब करके वहाँ की ढलान पर उन्हें मारडाला। तब इसराईली सख़्त घबरा गए, औरउनकी िहम्मत जवाब दे गई।

    6यशुअ ने रंिजश का इज़हार करके अपनेकपड़ाें को फाड़ िदया और रब के संदूक़ केसामने मँुह के बल िगर गया। वहाँ वह शामतक पड़ा रहा। इसराईल के बुज़ुगार्ें ने भी ऐसाही िकया और अपने सर पर ख़ाक डाल ली।7यशुअ ने कहा, “हाय, ऐ रब क़ािदरे-मुतलक़!तूने इस क़ौम को दिरयाए-यरदन में से गुज़रनेक्याें िदया अगर तेरा मक़सद िसफ़र् यह था िकहमें अमोिरयाें के हवाले करके हलाक करे?काश हम दिरया के मशिरक़ी िकनारे पर रहनेके िलए तैयार होते! 8ऐ रब, अब मैं क्या कहँूजब इसराईल अपने दुश्मनाें के सामने से भागआया है? 9कनानी और मुल्क की बाक़ी क़ौमेंयह सुनकर हमें घेर लेंगी और हमारा नामो-िनशान िमटा देंगी। अगर ऐसा होगा तो िफर तूख़ुद अपना अज़ीम नाम क़ायम रखने के िलएक्या करेगा?”

    10जवाब में रब ने यशुअ से कहा, “उठकरखड़ा हो जा! तू क्याें मँुह के बल पड़ा है?11इसराईल ने गुनाह िकया है। उन्हाें ने मेरेअहद की िख़लाफ़वरज़ी की है जो मैं ने उनकेसाथ बाँधा था। उन्हाें ने मख़सूसशुदा चीज़ाें मेंसे कुछ ले िलया है, और चोरी करके चुपकेसे अपने सामान में िमला िलया है। 12इसी

    िलए इसराईली अपने दुश्मनाें के सामने क़ायमनहीं रह सकते बिल्क पीठ फेरकर भाग रहेहैं। क्याें िक इस हरकत से इसराईल ने अपनेआपको भी हलाकत के िलए मख़सूस करिलया है। जब तक तुम अपने दरिमयान से वहकुछ िनकालकर तबाह न कर लो जो तबाही केिलए मख़सूस है उस वक़्त तक मैं तुम्हारे साथनहीं हँूगा। 13अब उठ और लोगाें को मेरे िलएमख़सूसो-मुक़द्दस कर। उन्हें बता देना, ‘अपनेआपको कल के िलए मख़सूसो-मुक़द्दस करना,क्याें िक रब जो इसराईल का ख़ुदा है फ़रमाताहै िक ऐ इसराईल, तेरे दरिमयान ऐसा मालहै जो मेरे िलए मख़सूस है। जब तक तुम उसेअपने दरिमयान से िनकाल न दो अपने दुश्मनाेंके सामने क़ायम नहीं रह सकोगे।’

    14कल सुबह को हर एक क़बीला अपनेआपको पेश करे। रब ज़ािहर करेगा िकक़ुसूरवार शख़्स कौन-से क़बीले का है। िफरउस क़बीले के कंुबे बारी बारी सामने आएँ।िजस कंुबे को रब क़ुसूरवार ठहराएगा उसकेमुख़्तिलफ़ ख़ानदान सामने आएँ। और िजसख़ानदान को रब क़ुसूरवार ठराएगा उसकेमुख़्तिलफ़ अफ़राद सामने आएँ। 15जो रब केिलए मख़सूस माल के साथ पकड़ा जाएगा उसेउस की िमलिकयत समेत जला देना है, क्याें िकउसने रब के अहद की िख़लाफ़वरज़ी करकेइसराईल में शमर्नाक काम िकया है।”

    16अगले िदन सुबह-सवेरे यशुअ ने क़बी-लाें को बारी बारी अपने पास आने िदया।जब यहूदाह के क़बीले की बारी आई तो रबने उसे क़ुसूरवार ठहराया। 17जब उस क़बीलेके मुख़्तिलफ़ कंुबे सामने आए तो रब नेज़ारह के कंुबे को क़ुसूरवार ठहराया। जबज़ारह के मुख़्तिलफ़ ख़ानदान सामने आए तोरब ने ज़बदी का ख़ानदान क़ुसूरवार ठहराया।18आिख़रकार यशुअ ने उस ख़ानदान कोफ़रदन फ़रदन अपने पास आने िदया, औरअकन िबन करमी िबन ज़बदी िबन ज़ारह पकड़ा

  • 9 यशुअ 8:10गया। 19यशुअ ने उससे कहा, “बेटा, रबइसराईल के ख़ुदा को जलाल दो और उस कीसताइश करो। मुझे बता दो िक तुमने क्यािकया। कोई भी बात मुझसे मत छुपाना।”

    20अकन ने जवाब िदया, “वाक़ई मैं ने रबइसराईल के ख़ुदा का गुनाह िकया है। 21मैं नेलूटे हुए माल में से बाबल का एक शानदारचोग़ा, तक़रीबन सवा दो िकलोग्राम चाँदी औरआधे िकलोग्राम से ज़ायद सोने की इर्ं ट ले लीथी। यह चीज़ें देखकर मैं ने उनका लालच िकयाऔर उन्हें ले िलया। अब वह मेरे ख़ैमे की ज़मीनमें दबी हुई हैं। चाँदी को मैं ने बाक़ी चीज़ाें के नीचेछुपा िदया।”

    22यह सुनकर यशुअ ने अपने बंदाें को अकनके ख़ैमे के पास भेज िदया। वह दौड़कर वहाँपहँुचे तो देखा िक यह माल वाक़ई ख़ैमे कीज़मीन में छुपाया हुआ है और िक चाँदी दूसरीचीज़ाें के नीचे पड़ी है। 23वह यह सब कुछ ख़ैमेसे िनकालकर यशुअ और तमाम इसराईिलयाेंके पास ले आए और रब के सामने रख िदया।24िफर यशुअ और तमाम इसराईली अकन िबनज़ारह को पकड़कर वादीए-अकूर में ले गए।उन्हाें ने चाँदी, िलबास, सोने की इर्ं ट, अकनके बेटे-बेिटयाें , गाय-बैलाें , गधाें , भेड़-बकिरयाेंऔर उसके ख़ैमे ग़रज़ उस की पूरी िमलिकयतको उस वादी में पहँुचा िदया।

    25यशुअ ने कहा, “तुम यह आफ़त हम परक्याें लाए हो? आज रब तुम पर ही आफ़तलाएगा।” िफर पूरे इसराईल ने अकन को उसकेघरवालाें समेत संगसार करके जला िदया।26अकन के ऊपर उन्हाें ने पत्थराें का बड़ा ढेरलगा िदया जो आज तक वहाँ मौजूद है। यहीवजह है िक आज तक उसका नाम वादीए-अकूरयानी आफ़त की वादी रहा है।

    इसके बाद रब का सख़्त ग़ज़ब ठंडा हो गया।

    अई की िशकस्त

    8 िफर रब ने यशुअ से कहा, “मत डर औरमत घबरा बिल्क तमाम फ़ौजी अपनेसाथ लेकर अई शहर पर हमला कर। क्याें िकमैं ने अई के बादशाह, उस की क़ौम, उसके शहरऔर मुल्क को तेरे हाथ में कर िदया है। 2लािज़महै िक तू अई और उसके बादशाह के साथ वहकुछ करे जो तूने यरीहू और उसके बादशाह केसाथ िकया था। लेिकन इस मरतबा तुम उसकामाल और मवेशी अपने पास रख सकते हो।हमला करते वक़्त शहर के पीछे घात लगा।”

    3चुनाँचे यशुअ पूरे लशकर के साथ अई परहमला करने के िलए िनकला। उसने अपनेसबसे अचे्छ फ़ौिजयाें में से 30,000 को चुनिलया और उन्हें रात के वक़्त अई के िख़लाफ़भेजकर 4हुक्म िदया, “ध्यान दें िक आप शहरके पीछे घात लगाएँ। सबके सब शहर के क़रीबही तैयार रहें । 5इतने में मैं बाक़ी मदार्ें के साथशहर के क़रीब आ जाऊँगा। और जब शहर केलोग पहले की तरह हमारे साथ लड़ने के िलएिनकलें गे तो हम उनके आगे आगे भाग जाएंगे।6वह हमारे पीछे पड़ जाएंगे और याें हम उन्हेंशहर से दूर ले जाएंगे, क्याें िक वह समझें गे िकहम इस दफ़ा भी पहले की तरह उनसे भाग रहेहैं। 7िफर आप उस जगह से िनकलें जहाँ आपघात में बैठे हाें गे और शहर पर क़ब्ज़ा कर लें।रब आपका ख़ुदा उसे आपके हाथ में कर देगा।8जब शहर आपके क़ब्ज़े में होगा तो उसे जलादेना। वही करें जो रब ने फ़रमाया है। मेरी इनिहदायात पर ध्यान दें ।”

    9यह कहकर यशुअ ने उन्हें अई की तरफ़ भेजिदया। वह रवाना होकर अई के मग़िरब में घात मेंबैठ गए। यह जगह बैतेल और अई के दरिमयानथी। लेिकन यशुअ ने यह रात बाक़ी लोगाें केसाथ ख़ैमागाह में गुज़ारी। 10अगले िदन सुबह-सवेरे यशुअ ने आदिमयाें को जमा करके उनकाजायज़ा िलया। िफर वह इसराईल के बुज़ुगार्ें

  • यशुअ 8:11 10के साथ उनके आगे आगे अई की तरफ़ चलिदया। 11जो लशकर उसके साथ था वह चलतेचलते अई के सामने पहँुच गया। उन्हाें ने शहर केिशमाल में अपने ख़ैमे लगाए। उनके और शहरके दरिमयान वादी थी।

    12जो शहर के मग़िरब में अई और बैतेलके दरिमयान घात लगाए बैठे थे वह तक़रीबन5,000 मदर् थे। 13याें शहर के मग़िरब औरिशमाल में आदमी लड़ने के िलए तैयार हुए।रात के वक़्त यशुअ वादी में पहँुच गया।

    14जब अई के बादशाह ने िशमाल मेंइसराईिलयाें को देखा तो उसने जल्दी जल्दीतैयािरयाँ कीं। अगले िदन सुबह-सवेरे वह अपनेआदिमयाें के साथ शहर से िनकला तािकइसराईिलयाें के साथ लड़े। यह जगह वादीए-यरदन की तरफ़ थी। बादशाह को मालूम नहुआ िक इसराईली शहर के पीछे घात में बैठे हैं।15जब अई के मदर् िनकले तो यशुअ और उसकालशकर िशकस्त का इज़हार करके रेिगस्तानकी तरफ़ भागने लगे।

    16तब अई के तमाम मदार्ें को इसराईिलयाेंका ताक़्क़ुब करने के िलए बुलाया गया, औरयशुअ के पीछे भागते भागते वह शहर से दूरिनकल गए। 17एक मदर् भी अई या बैतेल मेंन रहा बिल्क सबके सब इसराईिलयाें के पीछेपड़ गए। न िसफ़र् यह बिल्क उन्हाें ने शहर कादरवाज़ा खुला छोड़ िदया।

    18िफर रब ने यशुअ से कहा, “जो शमशेरतेरे हाथ में है उसे अई के िख़लाफ़ उठाए रख,क्याें िक मैं यह शहर तेरे हाथ में कर दँूगा।”यशुअ ने ऐसा ही िकया, 19और ज्याेंही उसनेअपनी शमशेर से अई की तरफ़ इशारा िकयाघात में बैठे आदमी जल्दी से अपनी जगह सेिनकल आए और दौड़ दौड़कर शहर पर झपटपड़े। उन्हाें ने उस पर क़ब्ज़ा करके जल्दी से उसेजला िदया।

    20जब अई के आदिमयाें ने मुड़कर नज़रडाली तो देखा िक शहर से धुएँ के बादल उठ रहे

    हैं। लेिकन अब उनके िलए भी बचने का कोईरास्ता न रहा, क्याें िक जो इसराईली अब तकउनके आगे आगे रेिगस्तान की तरफ़ भाग रहे थेवह अचानक मुड़कर ताक़्क़ुब करनेवालाें पर टूटपड़े। 21क्याें िक जब यशुअ और उसके साथ केआदिमयाें ने देखा िक घात में बैठे इसराईिलयाेंने शहर पर क़ब्ज़ा कर िलया है और िक शहरसे धुआँ उठ रहा है तो उन्हाें ने मुड़कर अईके आदिमयाें पर हमला कर िदया। 22साथसाथ शहर में दािख़ल हुए इसराईली शहर सेिनकलकर पीछे से उनसे लड़ने लगे। चुनाँचे अईके आदमी बीच में फँस गए। इसराईिलयाें नेसबको क़त्ल कर िदया, और न कोई बचा, नकोई फ़रार हो सका। 23िसफ़र् अई के बादशाहको िंज़दा पकड़ा और यशुअ के पास लायागया।

    24अई के मदार्ें का ताक़्क़ुब करते करते उनसबको खुले मैदान और रेिगस्तान में तलवारसे मार देने के बाद इसराईिलयाें ने अई शहरमें वापस आकर तमाम बािंशदाें को हलाक करिदया। 25उस िदन अई के तमाम मदर् और औरतेंमारे गए, कुल 12,000 अफ़राद। 26क्याें िकयशुअ ने उस वक़्त तक अपनी शमशेर उठाएरखी जब तक अई के तमाम बािंशदाें को हलाकन कर िदया गया। 27िसफ़र् शहर के मवेशी औरलूटा हुआ माल बच गया, क्याें िक इस दफ़ा रबने िहदायत की थी िक इसराईली उसे ले जासकते हैं।

    28यशुअ ने अई को जलाकर उसे हमेशा केिलए मलबे का ढेर बना िदया। यह मक़ाम आजतक वीरान है। 29अई के बादशाह की लाशउसने शाम तक दरख़्त से लटकाए रखी। िफरजब सूरज डूबने लगा तो यशुअ ने अपने लोगाेंको हुक्म िदया िक बादशाह की लाश को दरख़्तसे उतार दें । तब उन्हाें ने उसे शहर के दरवाज़े केपास फें ककर उस पर पत्थर का बड़ा ढेर लगािदया। यह ढेर आज तक मौजूद है।

  • 11 यशुअ 9:11ऐबाल पहाड़ पर अहद की तजदीद

    30उस वक़्त यशुअ ने रब इसराईल के ख़ुदाकी ताज़ीम में ऐबाल पहाड़ पर क़ुरबानगाहबनाई 31िजस तरह रब के ख़ािदम मूसा नेइसराईिलयाें को हुक्म िदया था। उसने उसे मूसाकी शरीअत की िकताब में दजर् िहदायात केमुतािबक़ बनाया। क़ुरबानगाह के पत्थर तराशेबग़ैर लगाए गए, और उन पर लोहे का आलान चलाया गया। उस पर उन्हाें ने रब को भस्महोनेवाली और सलामती की क़ुरबािनयाँ पेशकीं।

    32वहाँ यशुअ ने इसराईिलयाें की मौजूदगीमें पत्थराें पर मूसा की शरीअत दुबारा िलखदी। 33िफर बुज़ुगार्ें , िनगहबानाें और क़ािज़याेंके साथ िमलकर तमाम इसराईली दो गुरोहाेंमें तक़सीम हुए। परदेसी भी उनमें शािमल थे।एक गुरोह गिरज़ीम पहाड़ के सामने खड़ा हुआऔर दूसरा ऐबाल पहाड़ के सामने। दोनाें गुरोहएक दूसरे के मुक़ािबल खड़े रहे जबिक लावीके क़बीले के इमाम उनके दरिमयान खड़े हुए।उन्हाें ने रब के अहद का संदूक़ उठा रखा था। सबकुछ उन िहदायात के ऐन मुतािबक़ हुआ जो रबके ख़ािदम मूसा ने इसराईिलयाें को बरकत देनेके िलए दी थीं।

    34िफर यशुअ ने शरीअत की तमाम बाताेंकी ितलावत की, उस की बरकात भी औरउस की लानतें भी। सब कुछ उसने वैसा हीपढ़ा जैसा िक शरीअत की िकताब में दजर् था।35जो भी हुक्म मूसा ने िदया था उसका एकभी लफ़्ज़ न रहा िजसकी ितलावत यशुअ नेतमाम इसराईिलयाें की पूरी जमात के सामने नकी हो। और सबने यह बातें सुनीं। इसमें औरतें ,बच्चे और उनके दरिमयान रहनेवाले परदेसी सबशािमल थे।

    िजबऊनी यशअु को धोका देते हैं

    9 इन बाताें की ख़बर दिरयाए-यरदन केमग़िरब के तमाम बादशाहाें तक पहँुची,

    ख़ाह वह पहाड़ी इलाक़े, मग़िरब के नशेबीपहाड़ी इलाक़े या सािहली इलाक़े में लुबनानतक रहते थे। उनकी यह क़ौमें थीं : िहत्ती,अमोरी, कनानी, फ़िरज़्ज़ी, िहव्वी और यबूसी।2अब यह यशुअ और इसराईिलयाें से लड़ने केिलए जमा हुए।

    3लेिकन जब िजबऊन शहर के बािंशदाें कोपता चला िक यशुअ ने यरीहू और अई के साथक्या िकया है 4तो उन्हाें ने एक चाल चली। अपनेसाथ सफ़र के िलए खाना लेकर वह यशुअके पास चल पड़े। उनके गधाें पर ख़स्ताहालबोिरयाँ और मै की ऐसी पुरानी और िघसी-फटीमशकें लदी हुई थीं िजनकी बार बार मरम्मतहुई थी। 5मदार्ें ने ऐसे पुराने जूते पहन रखे थेिजन पर जगह जगह पैवंद लगे हुए थे। उनकेकपड़े भी िघसे-फटे थे, और सफ़र के िलए जोरोटी उनके पास थी वह ख़ुश्क और टुकड़े टुकड़ेहो गई थी। 6ऐसी हालत में वह यशुअ के पासिजलजाल की ख़ैमागाह में पहँुच गए। उन्हाें नेउससे और बाक़ी इसराईली मदार्ें से कहा, “हमएक दूर-दराज़ मुल्क से आए हैं। आएँ, हमारेसाथ मुआहदा करें ।”

    7लेिकन इसराईिलयाें ने िहिव्वयाें से कहा,“शायद आप हमारे इलाक़े के बीच में कहींबसते हैं। अगर ऐसा है तो हम िकस तरह आपसेमुआहदा कर सकते हैं?”

    8वह यशुअ से बोले, “हम आपकी िख़दमतके िलए हािज़र हैं।”

    यशुअ ने पूछा, “आप कौन हैं और कहाँसे आए हैं?” 9उन्हाें ने जवाब िदया, “आपकेख़ािदम आपके ख़ुदा के नाम के बाइस एकिनहायत दूर-दराज़ मुल्क से आए हैं। क्याें िकउस की ख़बर हम तक पहँुच गई है, और हमनेवह सब कुछ सुन िलया है जो उसने िमसर में10और दिरयाए-यरदन के मशिरक़ में रहनेवालेदो बादशाहाें के साथ िकया यानी हसबोन केबादशाह सीहोन और बसन के बादशाह ओजके साथ जो अस्तारात में रहता था। 11तब हमारे

  • यशुअ 9:12 12बुज़ुगार्ें बिल्क हमारे मुल्क के तमाम बािंशदाें नेहमसे कहा, ‘सफ़र के िलए खाना लेकर उनसेिमलने जाएँ। उनसे बात करें िक हम आपकीिख़दमत के िलए हािज़र हैं। आएँ, हमारे साथमुआहदा करें ।’ 12हमारी यह रोटी अभी गरम थीजब हम इसे सफ़र के िलए अपने साथ लेकरआपसे िमलने के िलए अपने घराें से रवाना हुए।और अब आप ख़ुद देख सकते हैं िक यह ख़ुश्कऔर टुकड़े टुकड़े हो गई है। 13और मै की इनमशकाें की िघसी-फटी हालत देखें। भरते वक़्तयह नई और लचकदार थीं। यही हमारे कपड़ाेंऔर जूताें की हालत भी है। सफ़र करते करतेयह ख़त्म हो गए हैं।”

    14इसराईिलयाें ने मुसािफ़राें का कुछ खानािलया। अफ़सोस, उन्हाें ने रब से िहदायत नमाँगी। 15िफर यशुअ ने उनके साथ सुलह कामुआहदा िकया और जमात के राहनुमाआें नेक़सम खाकर उस की तसदीक़ की। मुआहदेमें इसराईल ने वादा िकया िक िजबऊिनयाें कोजीने देगा।

    16तीन िदन गुज़रे तो इसराईिलयाें कोपता चला िक िजबऊनी हमारे क़रीब हीऔर हमारे इलाक़े के ऐन बीच में रहतेहैं। 17इसराईली रवाना हुए और तीसरे िदनउनके शहराें के पास पहँुचे िजनके नामिजबऊन, कफ़ीरा, बैरोत और िक़िरयत-यारीम थे। 18लेिकन चँूिक जमात के राह-नुमाआें ने रब इसराईल के ख़ुदा की क़समखाकर उनसे वादा िकया था इसिलए उन्हाें नेिजबऊिनयाें को हलाक न िकया। पूरी जमातराहनुमाआें पर बुड़बुड़ाने लगी, 19लेिकन उन्हाें नेजवाब में कहा, “हमने रब इसराईल के ख़ुदा कीक़सम खाकर उनसे वादा िकया, और अब हमउन्हें छेड़ नहीं सकते। 20चुनाँचे हम उन्हें जीनेदें गे और वह क़सम न तोड़ें गे जो हमने उनकेसाथ खाई। ऐसा न हो िक अल्लाह का ग़ज़बहम पर नािज़ल हो जाए। 21उन्हें जीने दो।” िफरफ़ैसला यह हुआ िक िजबऊनी लकड़हारे और

    पानी भरनेवाले बनकर पूरी जमात की िख़दमतकरें । याें इसराईली राहनुमाआें का उनके साथवादा क़ायम रहा।

    22यशुअ ने िजबऊिनयाें को बुलाकर कहा,“तुमने हमें धोका देकर क्याें कहा िक हमआपसे िनहायत दूर रहते हैं हालाँिक तुम हमारेइलाक़े के बीच में ही रहते हो? 23चुनाँचे अबतुम पर लानत हो। तुम लकड़हारे और पानीभरनेवाले बनकर हमेशा के िलए मेरे ख़ुदा केघर की िख़दमत करोगे।”

    24उन्हाें ने जवाब िदया, “आपके ख़ािदमाें कोसाफ़ बताया गया था िक रब आपके ख़ुदा नेअपने ख़ािदम मूसा को क्या हुक्म िदया था, िकउसे आपको पूरा मुल्क देना और आपके आगेआगे तमाम बािंशदाें को हलाक करना है। यहसुनकर हम बहुत डर गए िक हमारी जान नहींबचेगी। इसी िलए हमने यह सब कुछ िकया।25अब हम आपके हाथ में हैं। हमारे साथ वहकुछ करें जो आपको अच्छा और ठीक लगताहै।”

    26चुनाँचे यशुअ ने उन्हें इसराईिलयाें सेबचाया, और उन्हाें ने िजबऊिनयाें को हलाकन िकया। 27उसी िदन उसने िजबऊिनयाें कोलकड़हारे और पानी भरनेवाले बना िदयातािक वह जमात और रब की उस क़ुर-बानगाह की िख़दमत करें िजसका मक़ाम रबको अभी चुनना था। और यह लोग आज तकयही कुछ करते हैं।

    अमोिरयाें की िशकस्त

    10 यरूशलम के बादशाह अदूनी-िसद्क़ को ख़बर िमली िक यशुअने अई पर याें क़ब्ज़ा करके उसे मुकम्मल तौरपर तबाह कर िदया है िजस तरह उसने यरीहूऔर उसके बादशाह के साथ भी िकया था। उसेयह इत्तला भी दी गई िक िजबऊन के बािंशदेइसराईिलयाें के साथ सुलह का मुआहदा करकेउनके दरिमयान रह रहे हैं। 2यह सुनकर वह और

  • 13 यशुअ 10:21उस की क़ौम िनहायत डर गए, क्याें िक िजबऊनबड़ा शहर था। वह अहिमयत के िलहाज़ से उनशहराें के बराबर था िजनके बादशाह थे, बिल्


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