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1 तीमथियुसु - Dusty Sandals · PDF fileमें गलत श शक्ा...

Date post: 30-Jan-2018
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1 तीमुथियुस खकः पौलुस, जो यीशु मसीह का एक शषय था। समयः लगभग 64 ए.डी. क आस पास विषयः इस प क शलख जान समय चच की सखया काफी ब चुकी थी। इसशलए मसीह मानन वालो उशचत वयवहार, अनुशासन और न तव क बारतमाम शन उठ रह । इस समबन पौलुस न तीमु. को दो प और तीतुस को एक प शलखा था। वह यीशु मसीह का रत था और उसन यीशु मसीह क अशकार क साथ पवआतमा की रणा स शलखा था।
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1 तीमथियसलखकः

पौलस, जो यीश मसीह का एक शशषय था।

समयःलगभग 64 ए.डी. क आस पास

विषयःइस पतर क शलख जान क समय चचच की सखया काफी बढ चकी थी। इसशलए मसीह

क मानन वालो क उशचत वयवहार, अनशासन और नततव क बार म तमाम परशन उठ रह थ। इस समबनध म पौलस न तीम. को दो पतर और तीतस को एक पतर शलखा था। वह यीश मसीह का परररत था और उसन यीश मसीह क अशधकार क साथ पववतर आतमा की पररणा स शलखा था।

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1 पौलस की ओर स, जो हमार मक‍तदाता परमशवर और हमारी आशा मसीह यीश

की आजा स मसीह यीश का परररत ह,2 तीमशथयस क, नाम जो ववशवास म

मरा सचा बटा ह, वपता परमशवर और हमार परभ मसीह यीश की ओर स तमह असीम कपा (अनगरह), दया, और शाकनत वमलती रह।

3 मन मवकदवनया को जात समय तमह

समझाया था वक इवफसस म रह कर कछ लोगो को आजा दो, वक व दसरी कोई शशका (शसदानत) न शसखाए। 4 उन ऐसी झठी कहावनयो और अनवगवनत वशावशलयो पर अपना धयान न लगाए, शजनस झगड होत ह, जो परमशवर की उस योजना क अनसार नही ह, जो ववशवास स समबनध रखती ह। 5 आजा का मकसद (उदशय) यह ह वक शद मन, अचछ वववक और कपट रवहत ववशवास

1:1 “मक‍तदाता”- यहा पौलस कहता ह वक परमशवर हमार उदारकताच ह। (तीतस 2:13) और दसर सथानो म वह कहता ह वक यीश हमार उदारकताच ह। एक बार विर स ‍या यह इस बात का सबत नही वक यीश मसीह परमशवर ह? यशा. 44:11 दख। अनय पदो को दख शजनस यह मालम होता ह वक यीश परमशवर ह (वफशल. 2:6)। “आशा”- ववशवासी क अकनतम उदार क आशवासन का एक मातर आधार मसीह ही ह। (कल. 1:26; रोवम. 5:2)। “परररत”- रोवम. 1:1; गल. 1:1.1:2 “तीमशथयस”- पर.काम 16:1. “बटा”- आकतमक पतर न वक दह का। “हमार परभ”- लका 2:11; वफशल. 2:10-11 क नोटस दख। “असीम कपा”- साधारणतया पौलस ‘अनगरह और शाकनत’ (रोवम. 1:7 आवद) शलखता ह। कवल तीमशथयस को शलख दो पतर और तीतस को शलख पतर म वह शबद दया को जोड दता ह। मसीह की सवा म तीमशथयस और तीतस दोनो पर समय लग हए थ। ‍या दसरो की तलना म इन लोगो को दया की अशधक आवशयकता ह? याकब 3:1 दख।1:3 इस स यह मालम होता ह वक तीमशथयस इवफसस क चचच म अगवा था और शायद मखय अगवा था (चचच समबकनधत बातो क ववषय म वह कवल इसी को शलखता ह)। उस इस बात का अशधकार था वक वह चचच म गलत शशका को मना कर। “कोई और शशका” का मतलब उस शशका स ह, जो मसीह दारा परररतो पर परगट वकए गए सतय क ववरोध म थी। जो अशधकार परमशवर न परररतो को वदया था, उसक कारण परररतो न इस सतय को शसखाया था। इस पर ववशवास

करना सभी ववशवाशसयो क शलय जररी भी था (4:16; गल. 1:6-12; रोवम. 6:17 और यहदा 3 स तलना कर)।

परमशवर न पासबानो और अगवो को ठहराया ह वक व चचच की दखभाल कर (पर.काम 20:28-31)। उनको उस परमशवर क सतय क ववरोध म जो उनह शसखान क शलय वदया ह, इजाजत नही दनी चावहए। यवद व दत ह तो ववशवास क परवत गदार ह, शजसस कलीशसयाओ को बडी हावन होती ह। शजस परकार उस समय क ववशवासी, परररतो की शशका क परवत समवपचत थ, आज क मसीवहयो को समवपचत होना चावहए (पर.काम 2:42)। तीतस और तीमशथयस को शलख गए तीन खतो म सही शसदानतो और शशका पर जोर डाला गया ह - पद 10; 4:6,13,16; 5:17; 6:1,3; 2 तीम. 3:10,16; 4:2-3; तीतस 1:9; 2:1,7,10 दख।1:4 “कहावनयो और अनवगवनत वशावशलयो”- ऐसी खोखली कहावनया और वशावशलया (शायद यहदी) जो वक बाईबल म नही ह उनकी ओर पौलस इशारा कर रहा ह। तीतस 1:14 स तलना कर। ऐसी शशकाए पथवी पर परमशवर क काम क शलय मददगार नही ह। परमशवर का कायच कवल उनही लोगो क दारा हो सकता ह, जो उनक वचन पर ववशवास करत ह और दसरो को उनक ववषय म शसखात ह।1:5 “शद मन”- मती 5:8; 1 पतर. 1:22. “अचछ वववक”- पद 19; 3:9; पर.काम 23:1; 24:16. 4:2 स तलना कर। “वनषकपट ववशवास”- गल. 5:6; 1 करर. 2:4-5. यह बहाना बनान वाल ववशवास स फकच ह जो कपटी लोगो क पास होता ह। पौलस क अनसार इन तीनो बातो क बगर, जसा परम होना चावहए, नही होगा। यहा तक वक उस परम कहना भी उशचत नही।

689 1 तीमशथयस 1:5

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स परम उतपनन हो। 6  इन को छोडकर कई लोग विरकर बकार की बातो म भटक गए ह। 7 व धावमचक शशकक (वनयमशासतर क शसखान वाल) तो बनना चाहत ह , परनत जो बात कहत और शजन पर जोर डालकर बोलत ह, उनको समझत भी नही।

8 लवकन हम जानत ह वक यवद कोई वनयम शासतर (वयवसथा) को सही तरीक स काम म लाए, तो यह भला ह। 9 यह जानकर वक वनयमशासतर ववशवासी (सजाम‍त ठहराए वयक‍त) क शलए नही, परनत अधवमचयो, मनमाना आचरण करन

वालो, भक‍तहीनो, पावपयो, अपववतर और अशद लोगो, मा-बाप की हतया करन वालो, हतयारो, 10 वयावभचाररयो, परषगावमयो, मनषय क बचन वालो, झठो, और झठी शपथ खान वालो, और इन को छोड खर सदश क सब ववरोशधयो क शलए ठहराया गया ह। 11  यही धनयवाद क योगय परमशवर की मवहमा क उस ससमाचार क अनसार ह, जो मझ सपदच वकया गया ह।

12  म अपन परभ मसीह यीश का शजनहोन मझ योगयता दी ह, धनयवाद करता ह

“परम”- पौलस उस यनानी शबद का उपयोग करता ह शजस परमशवर अपन लोगो स चाहत ह और उनह दत ह ('अगाप’ 1 करर. 13:1)। परतयक ववशवासी का यह मकसद होना चावहए वक वह ऐसा परम कर जसा मसीह न वकया (यहनना 13:34 आवद)। यह शसफच मनषय की भावना नही ह, न ही इसका समबनध अशदता या सवाथच की इचछा स ह।1:6 पाचव पद म हम मसीही ववशवास की मखय बात वदखती ह शजस परमशवर चाहत ह वक उसक लोग अनभव कर। यह खद की बात ह वक आज बहत स व मसीही, जो मसीही होन का दावा करत ह, बकार बातो की ओर मडत ह, और इन खास बातो को हलका-िलका समझत ह।1:7 “धावमचक...ह”- व मनषयो क दारा इजजत चाहत ह। मती 23:5-12; अययब 3:1. व आकतमक सचाई स अनजान ह वकनत चाहत यह ह वक दसर लोग उनह बशदमान समझ। कछ लोग वकतन आतमववशवास और साहस स उन ववषयो क समबनध म बोलत ह, शजनक बार म उनह बहत कम जान ह।1:8 “वनयम भल ह”- रोवम. 7:12. यह लोगो क लाभ क शलय परमशवर दारा दी गई ह। यहा वनयम का अथच ह वह रीवत, वनयम या ववशधया जो मसा दारा वदए गए ह (वनगच. अधयाय 2)। व भल ह, वकनत उदार का मागच नही ह, न ही व पववतर जीवन क शलय बल परदान करत ह। लोगो क मह बद करन क शलय परमशवर इसका उपयोग करत ह (रोवम. 3:19-20)। उनह यह महसस करान क शलय मी वक उनह यीश की माफ करन वाल क रप म जररत ह (गल. 3:24-25)।1:9‑10 “ववशवासी”- पौलस उन लोगो की

ओर इशारा करता ह जो मसीह म ववशवासी ह और परमशवर की इचछानसार जीत ह। उनह वनयमशासतर की आवशयकता नही वक वह उनह कायल कर, रोक, या दणड द। जसा परमशवर चाहत ह, व भी चाहत ह वक वनयमशासतर की धावमचकता उन म परी हो (रोवम. 8:4)। दषट वयक‍त की बात अलग ह।1:10 “खर सदश”- पद 3.1:11 यह दख वक खर उपदश स उसका मतलब ‍या ह। सही शशका मसीह क सनदश की पवषट करगी, गलत शशका इसक ववपरीत होगी। “धनयवाद क योगय परमशवर”- 6:15 असीवमत मातरा म उनक पास शाकनत, आननद और पववतरता आवद ह, जो वह चाहत ह वक लोग मसीह म अनभव कर। “मवहमा क उस ससमाचार”- 2 करर. 4:4 स तलना कर। मरकस 1:1; 1 करर. 15:1-8 म ससमाचार पर नोटस दख। “जो मझ”- 1 करर. 9:17; गल. 2:7.1:12‑17 पौलस बताता ह वक मवहमा क ससनदश न उसक जीवन म कस कायच वकया, और शकरगजारी एव बडाई उस परमशवर को दता ह शजनका ससमाचार यह ह। वह अपन जीवन म जानता था वक ससमाचार मक‍त क शलय परमशवर की शक‍त ह। रोवम. 1:16. उसन वह सतय दसरो को बतान का परयतन नही वकया, शजसका सवय उसन अनभव नही वकया था (जस कछ लोग करत ह)।1:12 “म...धनयवाद करता ह”- इवफ. 5:20; 1 शथसस. 5:18. भजन 7:17; 50:14-15; 56:12; लवय. 7:12-13. शाकनत - कल. 1:11,29; वफशल. 4:13; इवफ. 3:16; 6:10; 2 करर. 12:9-10.

1 तीमशथयस 1:6 690

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वक उनहो न मझ भरोसमनद समझकर अपनी सवा क शलए ठहराया। 13 म तो पहल वननदा करन वाला , सतान वाला , और अनयाय करन वाला था, तौभी मझ पर दया हई , ‍योवक मन मातर धावमचक जोश म वबना-समझ-बझ , अजानता क साथ य काम वकए थ। 14 हमार परभ महान की कपा उस ववशवास और परम

क साथ जो मसीह यीश म ह, मझ पर बहतायत स हई ।

15 यह बात सच और हर परकार स सवीकार करन क योगय ह वक मसीह यीश अपराशधयो को मक‍त दन क शलए दवनया म आए , शजनम सब स बडा म ह । 16  परनत मझ पर इसशलए दया हई वक मझ सब स बड अपराधी म यीश मसीह अपनी

“भरोसमनद”- इसका अथच ह वक मसीह न पहल ही स जान शलया था वक परररत पौलस वनय‍त वकया जाएगा और ववशवसनीय होगा। जो लोग मसीह की सवा करत ह, उनक ववशवसनीय होन क बार म बाईबल काफी जोर डालती ह (मती 24:45; 25:21; लका 16:10-12; 1 करर. 4:2)। हर तरह की बईमानी और गदारी मसीह क नाम पर कलक ह।1:13 “वननदा करन वाला”- उसन इस बात स इनकार वकया था वक यीश उदारकताच और परमशवर क पतर थ और यह परमशवर की वननदा थी (मती 9:3 क नोटस दख)। “सतान वाला”- पर.काम 8:1-3; 9:1-2; 22:4-5; 1 करर. 15:9-10; गल. 1:13; वफशल. 3:6. “अनधर करन वाला”- यनानी शबद एक गससल और उदणडी वयक‍त की ओर सकत करता ह जो शबद या कायच दारा या दोनो ही तरह दसरो को नकसान पहचाना चाहता ह। “मझ पर दया हई”- उस दया की ही आवशयकता थी और परतयक वयक‍त को भी ह (लका 18:13; रोवम. 3:9,19; तीतस 3:3-5) और वह सब कछ जो वह दन म आनकनदत होता ह (रोवम. 11:32; इवफ. 2:4; मीका 7:8)। “अजानता की दशा म वबना समझ बझ”- पर.काम 26:9; और 23:1 दख। वह सोचता था वक मसीवहयो को सतान म वह अचछा काम कर रहा था। (यहनना 16:2 स तलना कर)। वह जानबझ कर उस जान का इनकार नही कर रहा था शजस परमशवर न उस वदया था। जब लोग जानबझ कर और जानत बझत मसीह क महान सनदश का वतरसकार करत ह, व अपन आप को दया क दायर स बाहर जान क खतर म डाल दत ह (मती 12:22-34; इबा. 2:2-3; 6:4-8; 10:26-31; 12:25-29; नीवत. 1:22-33 स तलना कर)।1:14 “महान कपा”- यहनना 1:14,16; रोवम.

1:7; 2 करर. 8:9. “बहतायत स हयी”- रोवम. 5:20-21. ववशवास और परम मसीह म ह। उनकी कपा उनह मनषयो क पास लाती ह। जब हम उन स एक हो जात ह, तभी सचमच म ससमाचार पर ववशवास करत ह और उन स परम करत ह। यह सभी मसीह दारा परापत वरदान ह (वफशल. 1:29; गल. 2:8; गल. 5:22; रोवम. 5:5)।1:15 “हर परकार...योगय”- 3:1; 4:9; 2 तीम. 2:11; तीतस 3:8. “मसीह...आए”- उनका नाश करन नही - मती 1:1; 9:13; लका 19:10; यहनना 6:51; रोवम. 5:8. हम सभी गनाहगार ह (रोवम. 3:9,19,23)। यवद मसीह ससार म न आत तो लोगो क शलय मक‍त कभी भी सभव नही थी (पर.काम 4:12)। “सब स बडा म ह”- इवफ. 3:8. पौलस अपन समय म महान वयक‍त था। इन पदो म वह अपन बार म बताता ह। पौलस यह नही कह रहा ह वक वह अधमच म लौट रहा ह, और दसरो की तलना म अशधक बराई कर रहा ह। वह यह बतान का परयतन कर रहा था वक जनम स ही उसम बरा सवभाव ह। (गल. 5:16-17; रोवम. 7:16-17) उस मालम था वक परान समय म इस दषट सवभाव न उस ‍या-‍या करन पर मजबर वकया था। वह यह भी जानता था वक बहतायत की कपा ही उस मक‍त द सकती ह, और अनत तक बचाए रख सकती ह। हम अपन बार म ‍या सोचत ह? इस सवाल का उतर बहत आवशयक ह। (लका 18:9-14 स तलना कर)।1:16 पौलस जो वक सभी बर लोगो का मशखया था, उस पर दया वदखाकर और उस बचाकर मसीह न यह वदखा वदया वक वह एक दषट वयक‍त को भी बचा सकत ह। वकसी को यह नही सोचना चावहए वक बहत बरा ह और मसीह की दया एव शक‍त स पर ह।

691 1 तीमशथयस 1:16

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परी सहनशीलता वदखाए, तावक जो लोग उन (यीश मसीह) पर अननत जीवन क शलए ववशवास करग, उनक शलए म एक नमना बन। 17 अब सनातन राजा अथाचत अववनाशी, अनदख और बशदमान परमशवर का आदर और मवहमा आन वाल सभी यगो तक होता रह। ऐसा ही हो।

18 ह बट, तीमशथयस, उन भववषयदाशणयो क अनसार जो पहल तमहार ववषय म की गयी थी, तमहार शलए मरा आदश यह ह वक तम उनक अनसार अचछी लडाई को

लडत रहो, 19 और ववशवास और उस अचछ वववक को सभाल कर रखो, शजस दर करन की वजह स वकतनो का ववशवास रपी जहाज डब गया । 20  उनही म स वहमनयस और शसकनदर ह, शजनह मन शतान क सपदच कर वदया ह, वक उनह परमशवर की वननदा न करन का पाठ शसखाया जाए।

2 अब म सब स पहल यह वबनती करता ह वक वबनती, पराथचना, वनवदन , और

धनयवाद सब मनषयो क शलए वकए जाए। “परी सहनशीलता”- 2 पतर. 3:9,15. यवद मसीह दषट, वनबचल, मखच लोगो क साथ धीरज नही रखत, तो कोई भी बच नही सकता था। “अननत जीवन”- यहनना 3:15-16. मसीह पर ववशवास करन क दारा हम इस परापत कर सकत ह। यहनना 1:12-13; 3:36. “नमना”-परमशवर लोगो को कस बलात ह इसका पौलस नमना था। मक‍त पान क शलय जस पौलस न परकाश दखा, सभी को दखन की जररत नही। वकनत हम सभी को वह दया और कपा परापत करन की आवशयकता ह, जो उसन हाशसल की।1:17 “सनातन”- 6:16; रोवम. 1:23. “राजा”- भजन 10:16; 24:10; 45:1; 47:2; परका. 19:16. “अनदख”- यहनना 1:18. “बशदमान”- रोवम. 11:33; 16:27; 1 करर. 1:25; कल. 2:2-3; यहदा 25. “मवहमा”- लोगो को उनक पापो स बचान क शलय मातर एक सच परमशवर को आदर परशसा वमलगी। पौलस यही चाहता भी था वक कवल परमशवर को आदर वमल। इवफ. 1:6,12,14; 2:9 स तलना कर।1:18 “भववषयदाशणयो”- रोवम. 12:6; 1 करर. 12:28; 14:3. यह सपषट ह वक परमशवर न जब तीमशथयस को सवा क शलय बलाया, तब परमशवर न पौलस को यह योगयता दी (या दसर भववषयदाणी करन वाल को) तावक वह परमशवर की बलाहट को समझ और उस बताए। पर.काम 13:1-2 स तलना कर। “अचछी लडाई लडता रह”- 6:12; 2 तीम. 4:7; इवफ. 6:11.

1:19 पद 5. यहा वववक और ववशवास का समबनध दख। अथाचत ववशवास एव बराई स बचाव क बीच। अचछा वववक पान का एक तरीका ह, उन बातो को करन स इनकार करना, जो वववक मना करता ह। “ववशवास रपी जहाज डब गया”- ‘उनका’ ववशवास नही, यनानी म ‘उनका’ शबद नही ह। ववशवास मसीही सचाई का वह भाग ह शजस परमशवर न परगट वकया और परररतो न शसखाया। वकसी भी हालत म सच ववशवाशसयो का ववशवास रपी जहाज डबता नही ह। इबा. 10:39; लका 22:31-32; यहनना 10:27. परनत व लोग जो मसीही होन का दावा करत ह, व ववशवास की शशकाओ क जहाज को डबाकर गलत शशका म िस सकत ह।1:20 पौलस न उन लोगो क नाम लन म वहचवकचाहट नही वदखायी, जब उसन जान शलया वक कलीशसयाओ को चतावनी दना आवशयक ह। 2 तीम. 2:17; 4:14-15 भी दख। “मन शतान क सपदच कर वदया”- 1 करर. 5:4-5 स तलना कर। शतान क ववषय म 1 इवत. 21:10; मती 4:1-10:; यहनना 8:44 आवद पर नोटस दख। मती भजन 10:16 म वननदा पर नोटस दख।2:1 “वबनती, पराथचना, वनवदन”- इवफ. 6:18; वफशल. 4:6; 1 शथसस. 5:17 म पराथचना (दआ) पर और पद दख। “धनयवाद”- इवफ. 5:20; कल. 1:12; 2:7; 3:16; 4:2; 1 शथसस. 5:18; लवय. 7:12-13; भजन 7:17; 50:14-15; 56:12 आवद। “सब मनषयो”- हमारी दआए हमार ररशतदारो और वमतरो क छोट स घर तक सीवमत नही रहनी चावहए।

1 तीमशथयस 1:17 692

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2 राजाओ (नताओ), अशधकाररयो और सब ऊच पद वालो क शलए इसशलए वक हम शाकनतपवचक और चन क साथ सारी भक‍त और परमशवर क परवत भय य‍त आदर क साथ जीवन वबता सक। 3 यह हमार मक‍तदाता परमशवर को अचछा लगता, और भाता भी ह, 4 वह यह चाहत ह वक सब मनषयो को मक‍त वमल और व सचाई को अचछी तरह पहचान ल। 5 ‍योवक परमशवर एक ही ह, और परमशवर और मनषयो क बीच म भी

एक ही वबचौशलया (मधयसथ) ह, अथाचत मसीह यीश जो मनषय बन, 6 शजनहोन अपन आपको सब क छटकार क दाम म द वदया, और इसकी गवाही सही समय पर दी गयी।

7 म सच कहता ह, झठ नही बोलता, वक म इसी शलए सदश दन वाला, परररत, अनयजावतयो क शलए ईमान (ववशवास) और सचाई का उपदशक ठहराया गया ।

8 इसशलए म चाहता ह वक हर कही मनषय वबना गसस और वववाद क पववतर हाथो

2:2 पौलस कहता ह वक शासको की आलोचना नही, उनक शलय पराथचना करो। वह यह सकत करता ह वक मसीही ववशवाशसयो की दआए एक दश को परभाववत कर सकती ह। यह तब भी सच ह जब वक अशधकारी मसीह को मानन वाल नही ह, यहा तक वक ववरोधी भी हो सकत ह। (ऐसा पौलस क वदनो म हआ करता था)। शायद कछ दशो म ववशवाशसयो क शाकनत स न रहन का कारण यह ह वक जसा करना चावहए, व अपन अशधकाररयो क शलय पराथचना नही करत।2:3 मक‍त पाए हए और न पाए हए लोगो क शलय दआ करन स परमशवर खश होत ह। शजन बातो स परमशवर खश होत ह, ववशवाशसयो को व ही बात करनी चावहए।2:4 दवनया म परतयक वयक‍त क परवत परमशवरीय दवषटकोण का यहा एक सपषट कथन ह। वह चाहत ह वक मसीह क बार म सचाई परतयक वयक‍त जान और मक‍त परापत कर। 4:10; यहनना 1:29; 3:16; रोवम. 11:32; 2 करर. 5:19; 2 पतर. 3:9; 1 यहनना 2:1; यहज. 18:32; 1 यहनना 4:8; मती 23:37; यहनना 3:19-20; 5:40; 2 शथसस. 2:10-12; रोवम. 8:29 क नोटस दख।2:5 “परमशवर एक ही ह”- 1:17; 1 करर. 8:6; इवफ. 4:6; यशा. 44:6,8; 45:12. दसर सथानो पर पौलस न शसखाया था वक मसीह वतरएकतव क एक वयक‍त ह। रोवम. 9:5; वफशल. 2:6,11; कल. 1:15; 2:9; तीतस 2:13. वह सतय का खडन नही कर रहा ह; वकनत यहा पर मसीह क इनसान होन, दह म आन की बात कर रहा ह। (यहनना 1:14; वफशल. 2:7-8; इबा. 2:14,17)। “वबचौशलया”- नए वनयम म यह पद कवल यही और इबा. 8:6; 9:15; 12:24, म उपयोग वकया गया ह। यही सतय सभी सथानो म अलग शबदो म ह। यहनना 14:6,13,14; रोवम. 5:1-2; इवफ. 2:18; इबा. 4:14-16; 7:25; 10:19-22; 13:15; 1 यहनना 2:1.

इसशलए वक यीश परमशवर और मनषय दोनो ही ह, वह दोनो ही को समझत ह और दोनो ही पर अपन हाथ रख सकत ह, और शजस परकार क मधयसथ की कामना अययब न की थी, वह हो सकत ह। (अययब 9:32-35)। कोई भी दसरा वयक‍त, सत या ईशवर, परमशवर और इनसान क बीच मधयसथ नही हो सकता। इसशलए वक यीश शसद वबचवई ह, वकसी दसर की जररत नही ह। यवद मसीही ववशवासी और सभी मनषय इस बात को मान लत, तो इस पथवी पर एक बडा फकच होता।2:6 “सब क”- मसीह सभी लोगो क शलय दाम भर चक ह और सपणच ससार क छटकार क शलय उनहो न कीमत चकाया ह। जब लोग वबना उदार क मरत ह, तब यह उनका दोष ह, परभ यीश का नही। “छटकार क दाम”- मती 20:28; रोवम. 3:24-25; गल. 1:4. “सही समय”- गल. 4:4.2:7 “अनयजावतयो”- गल. 2:7-8;। “ठहराया गया”- एक बार विर स पौलस इस सतय पर जोर डालता ह वक इस कायच क शलय परमशवर न उस बलाया ह तावक वह सतय शसखाए। गल. 1:11-12.2:8 “वववाद(सनदह)”- यनानी शबद ‘तकच करन’ या ‘वहचवकचात हए परशन करन’ को दशाचता ह - याकब 1:6-8. “पववतर हाथो”- भजन 26:6; यशा. 1:15; याकब 4:8 स तलना कर। यवद हम चाहत ह वक परमशवर हमारी पराथचना का उतर द, तो वनशचित कर वक हम वकसी पाप को तो पकड हए नही ह। परमशवर की ओर अशद हाथो को उठाना उसकी बइजजती करना ह। दसरो क परवत करोध हमारी पराथचनाओ म रकावट लाता ह। मती 6:12,14,15; इवफ. 4:23,31,32; कल. 3:13,15; याकब 1:6-8 स तलना कर।

693 1 तीमशथयस 2:8

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को उठाकर पराथचना वकया कर।9 वस ही कसतरया भी शालीनता और सयम

क साथ सहावन वसतरो स अपन आप को सवार, न वक बाल गथन, और सोन, और मोवतयो, और कीमती कपडो स, लवकन भल कामो स अपन आप को सजाए। 10 जो मवहलाए सवय को धममी और भल काम करन वाली समझती ह उनको यह वाशजब भी ह।

11 मवहलाओ को चपचाप परी आधीनता स सीखना चावहए। 12 म यह भी कहता ह वक मवहलाए न उपदश कर , और न परष पर आजा चलाए, परनत चपचाप रह। 13  ‍योवक आदम पहल, उसक बाद हववा बनाई गई। 14 और आदम बहकाया न गया, परनत सतरी बहकान म आकर अपराशधनी हई। 15  लवकन यवद व (कसतरया) सयम सवहत ववशवास, परम, और पववतरता म

“पववतर हाथो को उठाकर”- यहदी और दसरी जावत क लोगो की हाथो को उठाकर पराथचना करन की रीवत सामानय थी। पौलस यह नही कहना चाहता वक वकसी ववशष कसथवत म पराथचना करन म कोई ववशषता ह। मती 14:19; 26:39; लका 18:13; यहनना 17:1; पर.काम 1:14; की तलना 2:1; 20:36 स कर।2:9‑10 ‍या परमशवर को इस स कछ लना-दना ह वक कसतरया कपड वकस परकार पहनती ह? वनशचित रीवत स, इसशलए उसन पौलस को उभारा वक वह इस परकार शलख। यशा. 3:16-23 स तलना कर। 1 पतर. 3:3-4 भी दख। जो कसतरया ववशवासी ह, उनको ठीक स वसतर पहनन चावहए ‍योवक यह आवशयक नही वक व ससाररक कसतरयो की नकल कर तावक लोग उनह दख या परष उनकी ओर आकवषचत हो। व ऐस ससार म रहती ह जहा गरीब और मोहताज वबना समशचत भोजन और वसतरो क ह। उनक परभ और उदारकताच न (मती 9:20; 2 करर. 8:9) उनह ऐस जीवन क शलय बलाया ह शजसम सवय स इनकार ह, न वक सवाथच - मती 10:38-39; लका 14:33.

गरीबो को धन दना या बाईबल शसखान क शलय धन लगाना अशधक बहतर ह, बजाए सोन क गहन और कीमती कपडो म खचच करना। परमशवर चाहत ह वक मसीह को मानन वाल परष और सतरी नमर, शालीन और सनतोष रखन वाल हो (6:6-8) और पथवी पर ढर धन इकटा करन क बजाए सवगच म धन रख (मती 6:19-21; मती 6:19-21)। सभी ववशवाशसयो को यह समझना चावहए वक उनह अचछ कामो क गहन और कपड पहनन ह।2:11‑12 “चपचाप”- 1 करर. 14:34,35. “आधीनता”- 1 करर. 11:3,7-10.2:12 “उपदश कर”- सावचजवनक शशका म जब परष उपकसथत होत थ। यह कसतरयो का कायच नही

ह। वकनत उनह कम उमर की कसतरयो को शसखाना चावहए (तीतस 2:3-5)। नए वनयम म हमार पास एक मवहला का उदाहरण ह जो अकल म एक परष को वचन शसखाती थी (पर.काम 18:26), वकनत परररतो क काम का लखक उस पर कोई वटपपणी नही करता ह।2:13‑14 दो ऐस कारण ह शजनह पौलस बतलाता ह वक सावचजवनक रीवत स कसतरयो को ‍यो नही शसखाना चावहए, न ही परषो पर अशधकार रखना चावहए। दोनो ही कारणो का समबनध उस समय क रीवत-ररवाज या परष रोमी सामराजय म ‍या उशचत सोचत थ, उस स था। पहला कारण यह ह वक परमशवर न परष को पहल बनाया - उतपवत 2:17-18,21,22. पौलस कहता ह वक परमशवर न इस तरह वदखा वदया, वक सतरी क ऊपर वह अशधकार रख, यह परमशवर की योजना ह।

दसरी बात यह वक सतरी बहकायी गयी थी, परष नही, (उतपवत 3:1-6)। ऐसा लगता ह वक पौलस यह सलाह द रहा ह वक बाईबल स समबकनधत बातो म परषो स अशधक कसतरयो क बहकन की सभावना ह। यह इस बात को शसद करता ह, वक उनह यह अनमवत ‍यो नही वमलनी चावहए, वक व परषो पर अशधकार रख या कलीशसया म उनह शशकक का सथान परापत हो।2:14 “अपराशधनी”- पौलस यह नही कह रहा वक आदम अपराधी नही ठहरा (रोवम. 5:12-14), वकनत यह वक हववा न पहल अपराध वकया।2:15 परसव की पीडा हववा की अनाजाकाररता का पररणाम ह - उतपवत 3:16. यहा उन कसतरयो क शलय उतसाहवधचक शबद ह, शजनहोन मसीह पर भरोसा वकया और अपन जीवन क दारा अपन ववशवास का परमाण दती ह। यनानी भाषा म यहा ‘सोडजा’ शबद का इसतमाल हआ ह, शजसक अनक अथच ह जस उदार, कलयाण, सरका आवद। बच उपनन करन स उदार पान की बात मखचता ह।

1 तीमशथयस 2:9 694

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कसथर रह, तो बचो को जनम दन क समय म सरका पाएगी।

3 यह बात सच ह वक जो दख-रख करन वाला (पासबान) बनना चाहता ह, वह

भल काम की इचछा करता ह। 2 इसशलए

चावहए वक दख-रख (चरवाही) करन वाला, आरोप म‍त , और एक ही पतनी का पवत , सयमी, सशील, सभय, महमान नवाजी करन वाला , और शसखान म वनपण हो। 3 शराबी या मारपीट करन वाला न हो, पसो का लोभी न हो , बकलक कोमल सवभाव का

3:1‑7 यनानी शबद “ओवरशसयर” (एवपसकोपोस, शजसका अनवाद क.ज.वी. ससकरण म ‘वबशप’ वकया गया ह), नय वनयम म कवल पाच बार उपयोग वकया गया ह - पर.काम 20:28; वफशल. 1:1; 1 तीम. 3:2; तीतस 1:7; 1 पतर. 2:25. यह दो यनानी शबदो का वमशरण ह शजसका अथच ह “जो दखभाल करता ह”। इस शबद का उपयोग सथानीय कलीशसया क अगवो क शलय वकया गया ह (पर.काम 20:17; की 20:28; वफशल. 1:1 स तलना कर). दखरख करन का कायच, या वबशप का काम इस पथवी पर सब स सममाननीय कायच ह और जो इस परकार स करत ह उनक शलय परवतिल ह - 1 पतर. 4:1-4. इसशलए वक यह पद इतना महतवपणच ह, इसक शलए आवशयक योगयताए भी ऊची ह। यवद कलीशसयाए इन योगयताओ को अनदखा करती ह और दसरी योगयताओ क आधार पर अगवो का चनाव करती ह, व कलीशसयाई जीवन म बडी गलती पर ह और सवय को परशावनयो म डाल दगी।3:2 “आरोप म‍त”- शजस वयक‍त को कलीशसया इस पद क योगय समझती ह, उस पववतर ईमानदार और नवतक जीवन जीना चावहए वक उसक ऊपर वकसी गलत कायच क शलए उगली उठायी न जा सक। “एक ही पतनी का पवत”- उन वदनो म एक स अशधक पतनी रखना आम बात थी। यह सभव था वक ऐस परष शजनकी एक स अशधक पकतनया थी, मसीह क शशषय बन गए थ। ऐस वयक‍त को अगव का सथान नही वमलना चावहए। अगवो को परी कलीशसया (चचच) क शलय ऐसा नमना होना चावहए, शजनह लोग अपना आदशच बना सक (1 पतर. 5:3)। आरमभ स मनषय क शलय यह परमशवर की योजना थी, वक एक परष की एक ही पतनी हो - उतपवत 3:22-24; मती 19:3-9. कछ लोग सोचत ह वक ‘एक ही पतनी का पवत’ का मतलब ह वक ऐसा अगवा शजसका दसरी बार वववाह न हआ हो। दसर लोग सोचत ह वक पौलस यह शसखा रहा था वक अवववावहत

परषो को अगव (दख-रख करन वाल) नही होना चावहए, जब वक वह सवय अवववावहत था (1 करर. 12:28; 2 करर. 11:28)।, विर भी एक दख-रख करन वाल स उसका पद ऊचा था शजसक अनतगचत वह अनको मणडशलयो क ऊपर था। ‍या हम इस सभावना क ववषय म सोचत ह वक वह वयक‍त शजसन 1 करर. 7:1,8,26,27,32-34 शलखा, यह शसखा रहा ह वक अवववावहत परषो को दख-रख करन वाला नही बनना चावहए? पद 4 पर नोटस दख। “सयमी”- अपनी इचछाओ को आधीन करना। “सशील”- 1 करर. 9:17; 2 तीम. 1:7. “सभय”- यह पयाचपत नही वक मातर परमशवर क वचन को जान या शसखाए, हम उसक अनसार करना चावहय। “महमान नवाजी करन वाला”- उस लोगो को अपन घर म सवागत करना चावहय और दया वदखानी चावहय - इबा. 13:2. तीतस म यह और अशधक कठोर शबदो म ह - “सवा क चाहन वाल” - जो पहनाई या सवा करन म वदलचसपी लता ह, न वक उस परापत करन म। सवाथचवश स अपन आपको दसर उन लोगो स बचाना नही चावहय शजनह उसकी जररत ह। “शसखान म वनपण”- बाईबल शसखान क शलए अगवो को बाईबल का जान होना चावहय - यवद व सवय बाईबल नही जानत तो दसरो को ‍या शसखाएग। उनक पास परमशवर दारा दी गई शसखान की योगयता भी होनी चावहय।3:3 “शराबी”- वपयककड न हो, शराब का आदी न हो। रोवम. 14:21 और इवफ. 5:12 हम सववोतम शसदानत दत ह। परतयक वयक‍त को सवय को परमशवर क परवत समवपचत करना चावहय, न वक दास क। “लोभी न हो”- 6:6-10; मती 6:24; लका 16:13-14. यवद इन सभी शसदानतो को लाग वकया जाए, तो आज कलीशसया स वकतन अगव वनकाल वदय जाएग?

695 1 तीमशथयस 3:3

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हो । वह झगडाल और लालची भी न हो । 4 वह अपन घर का अचछा इनतजाम करता हो, और उसक बच परी आधीनता क साथ उसका आदर करत हो। 5 जब कोई अपन ही घर का परबनध करना न जानता हो, तो परमशवर की कलीशसया (चचच) की

दखभाल कस करगा? 6 दसरी बात यह, वक दख रख करन वाला नया शशषय न हो , ऐसा न हो, वक घमणड स भरकर शतान क समान सजा पाए। 7 बाहर वालो क बीच उसकी गवाही अचछी हो , ऐसा न हो वक वनकनदत होकर शतान क िद म िस जाए।

“कोमल हो, झगडाल नही”- 2 तीम. 2:24-25; मती 11:29. “झगडाल”- वकसी भी परकार स परमशवर क सवको को गाली नही दनी चावहय। न ही दसरो को पसा दकर ऐसा करना चावहय। जो ऐसा करता ह, उस मसीही नही कहलाना चावहय, न ही उस मणडली म अगवाई करन का सथान वदया जाए। “और न लालची हो”- जो वयक‍त धन या समपवत बईमानी या गलत तरीक स लता ह, उस नततव का कायच नही वदया जाना चावहय। इतना ही नही, ऐसी कोई भी इचछा उस सदा क शलय नाश कर सकती ह - 6:5; यहनना 12:6. परतयक मसीही लालच स जो ववष समान ह, वकनारा कर।3:4 अपन घर का अचछा इनतजाम करता हो, और बचो को सारी गभीरता स आधीन रखता हो - तीतस 1:6 दख। यवद कोई इनसान अपन घर म सही सथान नही गरहण करता ह, तो वह कलीशसया की सही रीवत स अगवाई करन क लायक भी नही ह। यह इस बात को वनधाचररत करन क शलय अचछा पमाना ह, वक कोई वयक‍त दखरख करन क योगय ह या नही। ‍या इसका अथच यह ह, वक वववावहत होन क बाद यवद उसकी सतान नही ह, तो वह दखरख करन वाला नही बन सकता? नही ऐसा नही ह। पौलस का अथच यह ह, वक उस अपन बचो को वश म करना चावहय। पद 2 स तलना कर।

“एक ही पतनी का पवत” - यवद पौलस यह नही कह रहा ह वक दखरख करन वाल क पास बच होन ही चावहय, तो वह यह भी नही कह रहा ह, वक उस वववावहत होना ही चावहय। दोनो बात एक ही दायर की ह।3:6 “नया शशषय न हो”- पौलस तरनत कहता ह .... ‍यो? यह बहतर ह वक दखरख करन वाला नया ववशवासी न हो, बजाए इसक वक ऐस लोगो

को वनय‍त वकया जाए, शजनह अनभव न हो। इसक पहल वक ववशवाशसयो को नततव का काम सौपा जाए, उनह आकतमक रप स तरककी करना, परमशवर क सतय म मजबत हो जाना चावहय। नही तो व दसरो को शसखा नही पाएग, न ही अगवाई कर पाएग। यह भी वक आकतमक शशश, शजनह नततव की शजममदारी दी जाती ह, घमणड स िल न जाए। “शतान क समान सजा”- अथच यह हो सकता ह, शतान वनरनतर ववशवाशसयो पर दोष लगाता ह (परका. 12:10)। यवद वह चचच क अगव म घमणड और कपट दखता ह, तो उस परमशवर क सामहन दोष लगान का अवसर वमलता ह। मती 4:1 म शतान पर नोटस दख।3:7 “बाहर...हो”- कल. 4:5; 1 शथसस. 4:12; 1 करर. 10:32; 1 पतर. 2:12; मती 5:16. सच पछ तो यह बहत जररी ह। इसका अथच ह वक उसका जीवन, मातर शबद नही, उन लोगो क शलए गवाही होना चावहए। यवद एक मणडली ऐस वयक‍त को अगवा वनय‍त करती ह, जो समाज म दषटता और अनवतकता का जीवन जीता ह, तो व ऐसा कर क उस पर दोष लगाकर परी कलीशसया क शलए शमच का कारण बन सकत ह। यह उनक शलए एक ठोकर का कारण होगा, जो लोग मसीह पर ववशवास करना और कलीशसया का अग बनना चाहग। “शतान क िद”- तलना कर लका 22:31,33; भजन 91:3; 124:7; 2 तीम. 2:26. तीतस 1:6-9 म एक बार विर पौलस अगव म आवशयक गणो की सची दता ह। जो तीमशथयस क पहल पतर क पहल अधयाय म वदखाई दती ह। यह भी वक अगवो क बचो को ववशवासयोगय होना चावहए, न वक अनाजाकारी। उस बहत जलद गससा नही आना चावहए, नीच कमाई का परमी नही होना चावहए। वह पववतर और सचा हो और ववशवसनीय वचन को पकड कर रखता हो।

1 तीमशथयस 3:4 696

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8 वस ही सवको को भी सममानीय होना चावहए। व दोरगी, शराबी और पसो क लालची न हो , 9 लवकन ववशवास क भद को शद वववक स सभाल । 10 इनह भी पहल परखा जाए , उसक बाद यवद वनदवोष वनकल, तो सवक का काम कर।

11  इसी परकार स उनकी पकतनयो को भी आदरणीय होना चावहए, वननदा करन वाली नही, परनत सयमी और सब बातो म ववशवासयोगय हो।

12  सवक एक ही पतनी क पवत हो और अपन बचो पर उशचत वनगरानी रखत हो

और अपन घरो की शजममदारी वनभाना जानत हो। 13  ‍योवक जो सवक का काम अचछी तरह स कर चक ह, व लोगो स इजजत पात ह और मसीह यीश म उनक भरोस क कारण उनका आतमववशास बढता ह।

14 म तमहार पास जलदी आन की आशा रखन पर भी य बात तमह इसशलए शलखता ह, 15 वक अगर मर आन म दर हो, तो तम जान लो वक परमशवर क घर म, जो जीववत परमशवर की कलीशसया (चचच) ह और सतय का खभा और नीव ह, उसम कसा वयवहार करना चावहए। 16 इस म

3:8 “सवक”- डीकनस - यह यनानी शबद स वनकला ह शजसका अथच ह ‘सवा करना।’ आरकमभक कलीशसया म अगव दखरख करन वाल या वबशप और सवक हआ करत थ। वफशल. 1:1. अगवो का कायच था कलीशसया क आकतमक जीवन को दखना और वचन की शशका दना (पद 2)। सवक दसर कायच भी करत थ। पर.काम 6:1-6 स तलना कर। “सममाननीय”- यवद लोग आदर क योगय नही ह, तो चचच म आदर पान क भी योगय नही ह। “शराबी...न हो”- इस समबनध म कलीशसया म छोट स छोट सवक को भी उतना ही ईमानदार होना चावहए शजतना वक परधान रखवाल को - पद 3. कलीशसया म या वकसी भी ससथा म, दषट लोग एक समसया उतपनन कर सकत ह और सदसयो का आकतमक और भौवतक नकसान कर सकत ह। दख की बात यह ह वक अगवपन की इन योगयताओ क बार म सतकच ता नही बरती जाती ह।3:9 “ववशवास क भद को शद वववक स सभाल”- 1:5,19. ववशवास क रहसय का अथच ह परमशवर का यह जान वक ‍या ववशवास करना चावहए। सवक एव अनय कलीशसया क अगव (और परतयक सदसय) को ईमानदारी स इस सतय पर भरोसा करना चावहए और मातर शबदो तक सीवमत न रह।3:10 “इनह भी पहल परखा जाए”- इस स पहल वक वकसी वयक‍त को चचच म शजममदारी दी जाए, वनय‍त करन वालो को यह आशवासन होना चावहए वक वह इस पद क योगय ह। यवद

वह अयोगय वयक‍त को पद द या इस आशा स वदए गए उदशय क अलावा वकसी और उदशय स पद द, तो चचच म समसया होगी।3:11 सवको की पतनी या ऐसी मवहला शजसक पास चचच म शजममदारी ह, उस समाज म सममानीय होना चावहए। (रोवम. 16:1)।3:12 - 2:4.3:13 मजबत और वनशचित ववशवास उनको वमलगा जो मसीह की सवा ईमानदारी स करत ह और अपन कायच क परवत समवपचत ह। इबा. 6:10-11 स तलना कर।3:15 “परमशवर क घर”- का अथच शायद चचच ह - इवफ. 2:19; इबा. 3:6 शजस चचच की सथापना परमशवर न की ह और वह उसका पोषण करत ह इवफ. 3:14-15; 5:32; मती 12:46-50; इबा. 2:11. जसा वक परतयक पररवार म होता ह, परमशवर क पररवार म भी होता ह, वयक‍त को वयवहार करना जानना चावहए। “सतय...नीव”- यहा पौलस वकसी सथानीय चचच या वकसी और क बार म नही कह रहा ह। मसीह इस चचच का शसर और नीव ह (इवफ. 1:22-23; 2:20,22; 1 करर. 3:11; कल. 1:18)। इस मसीह अपन शलए बना रह ह (मती 16:18), और व इस मणडली क अग ह (यहनना 1:12-13; 3:3-8; 1 करर. 12:12-13)। यही मातर एक कलीशसया (चचच) ह, जो परमशवर क सतय की ठोस नीव पर बनी ह। परमशवर क हाथो म यह मणडली ‘खमभा और नीव’ बनती ह, जो ससार क सामन परमशवर क वचन (सतय) को रखती ह। यह सतय की नीव बनती ह, ‍योवक मसीह इसक शसर ह और इसकी नीव भी।

697 1 तीमशथयस 3:16

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कोई शक नही वक खर जीवन (भक‍त) का भद गमभीर ह अथाचत परमशवर जो दह म आए , उनक वायद पववतर आतमा क दवारा सच ठहर, सवगचदतो को वदखाई वदए, गर-यहवदयो म उनका सनदश सनाया गया, दवनया म उन पर ववशवास वकया गया , और मवहमा म ऊपर उठाए गए।

4 लवकन आतमा सपषटता स कहता ह, वक आन वाल समयो म बहत लोग

भरमान वाली आतमाओ और दषटातमाओ की शशकाओ पर मन लगाकर ववशवास स बहक जाएग। 2  व पाखणड क साथ झठ बोलग , उनका वववक मानो जलत हए लोह स दागा गया हो। 3  व शादी (वववाह) करन स रोकग और खान की

3:16 “खर जीवन (भक‍त) का भद”- पौलस उन लोगो क वयवहार क बार म बात कर रहा ह जो परमशवर और उसकी कलीशसया क ह। जस परमशवर न दसर सतय को परगट वकया ह, यह एक रहसय ह (रोवम. 16:25-26; इवफ. 3:2-6; 5:32; कल. 1:26-27)। बाईबल रहसय एक ऐसा सतय ह, शजस मनषय तब तक नही जान सकता जब तक वक परमशवर उस परगट न कर। यनानी शबद भक‍त का अथच ह सादगी, शरदा। इसका अथच ह परमशवर दारा दी गई शशका क अनसार, परमशवर क परवत आदर भाव क साथ जीना - तलना कर 2:2; 4:7-8; 6:3,5,6,11; 2 तीम. 3:5; तीतस 1:1. “दह म”- यहनना 1:14; रोवम. 8:3; इबा. 2:14; 10:5. “आए(वह जो दह म परगट हए)”- परमशवर, मसीह म शरीर म होकर आए - यहनना 1:14. “आतमा”- मती 3:16; 12:28; यहनना 1:32-34; रोवम. 1:4. मसीह क जीवन म और उनक मर हओ स जी उठन म, परमशवर क आतमा न यह परगट वकया, वक मसीह पववतर वनषकलक और परमशवर क पववतर बट ह। “सवगचदत”- उतपवत 16:7. मसीह क जनम क समय म सवगचदत उपकसथत थ, जगल म उनकी परीका क समय और उनक जी उठन एव सवगच पर उठाए जान क समय भी (लका 2:9-15; मरकस 1:13; मती 28:5; पर.काम 1:10-11 इबा. 1:6)। “गर-यहवदयो म”- मती 28:18-19; इवफ. 3:8-9; कल. 1:23. “ववशवास वकया गया”- पर.काम 4:4; 5:14; 9:42; 11:21; 14:1; 17:12; 18:8; 19:18; 21:20. “मवहमा”- लका 24:51; पर.काम 1:9; इवफ. 1:20-21.4:1 “आतमा”- परमशवर क आतमा न भववषय को परगट वकया। यशा. 46:10. परमशवर जानत थ वक झठ उपदशक और शशकक उठ खड होग,

इसशलए बाईबल म बहत सथान पर उनहो न चतावनी दी थी। मती 7:15; 24:4-5,24; पर.काम 20:29-30; रोवम. 16:16-17; 2 करर. 11:13-15; 2 तीम. 3:1; 4:3; 2 पतर. 2:1 आवद। “भरमान वाली आतमाए”- मती 4:24. हम यह समझना ह वक आतमाओ क अनदख ससार म कछ आतमाए मसीवहयो को झठ शसदानत शसखाकर परमशवर क सतय स गमराह करती ह। इवफ. 6:11-12 स तलना कर। “ववशवास”- यह अथच उस सचाई स ह, शजस परमशवर न परगट वकया, वह सतय शजस सच ववशवाशसयो न गरहण वकया।4:2 पौलस उन लोगो स पररचय कराता ह, शजनह कलीशसया म झठी शशका िलान क शलए दषटातमाए उपयोग करती ह। “झठ बोलग- यह आवशयक नही वक शजन बातो को व शसखात ह, उन पर सवय भरोसा करत हो। उनह झठ बोलन म कोई कवठनाई नही होती ह। इस तरह व वदखा दत ह वक वकसकी सतान ह - यहनना 8:44. ‘दागा हआ वववक’ ऐसा ह जो मरा हआ ह, शानत ह। इवफ. 4:19 स तलना कर।4:3 हम यह नही सोचना चावहए वक य दो बात ह जो झठ शशकक करन क शलए मना करत ह। इसक अलावा और भी ह। वकनत य दो, यह शसखान क शलए काफी ह वक उनकी शशका परमशवर क वचन पर नही ह। सच पछ तो व अपनी शशकाओ को बाईबल स ऊची वदखात ह। सभी गलत शशकाओ क बार म यह सब स खतरनाक शशका ह। “शादी (वववाह) करन स रोकग”- दख उतपवत 1:27-28; 2:22-24; मती 19:4-6; इबा. 13:4. रोकना एक कठोर शबद ह। 1 करर. अधयाय 7 म (1 करर. 7:2,25,26 आवद) जो भाषा उसन इसतमाल की ह, उस स तलना कर। कलीशसया म समसया क बावजद पौलस न वववाह करन स

1 तीमशथयस 4:1 698

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कछ वसतओ स परहज करन की आजा दग, शजनह परमशवर न इसशलए बनाया वक ववशवासी, और सतय क पहचानन वाल, धनयवाद क साथ खाए। 4  इसका कारण यह ह वक परमशवर दारा बनायी गयी हर वसत अचछी ह और कछ भी असवीकार करन क लायक नही, यवद उस शकरगजारी (धनयवाद) क साथ खाया जाए, 5  ‍योवक वह परमशवर क वचन और पराथचना क

दारा शद हो जाती ह।6 अगर तम भाइयो को इस बार म समझात

रहोग, तो मसीह यीश क अचछ सवक ठहरोग और ववशवास और उस अचछ उपदश की बातो स, जो तम मानत आए हो, तमहारा पालन-पोषण और ववकास होता रहगा। 7 लवकन अशद (परमशवर रवहत) और बवढयो की सी कहावनयो स बच रहो, और पववतर जीवन की ओर यतन

मना नही वकया, वकनत सलाह दी। इबा. 13:4 भी दख। इस पथवी पर वकसी को ईशवरीय अशधकार नही ह, वक वकसी को वववाह करन स रोक। बाईबल म कही ऐसी सलाह नही ह। यहा पौलस कहता ह वक यह शशका परमशवर स नही, वकनत दषटातमाओ और झठ भववषद‍ताओ की ओर स आती ह। “खान”- उतपवत 1:29; 9:3; मरकस 7:19; पर.काम 10:9,16; रोवम. 14:14,20. ‘आजा द’ शबद पर धयान द। भोजन क समबनध म लोगो को आजा दना वक व ‍या खाए या ‍या न खाए, बाईबल की शशका क अनसार नही ह। रोवम. 14 म पौलस न जो शसखाया उस स तलना कर। बाईबल म नय टसटामनट क आधार पर कोई ऐसा भोजन नही शजस खाना मना वकया गया ह। इस पथवी क सभी भागो म कछ लोग कछ परकार क भोजन को न खान, शादी (वववाह) आवद को न करन को आकतमकता और पववतरता का परतीक समझत ह। शायद यही कारण ह वक दषटातमाए सोचती ह वक ऐसी शशकाए दी जाए। व सदा पववतरता और धावमचकता क समबनध म झठी और बबाचदी करन वाली शशका को िलाना चाहती ह। साथ ही व यह चाहती ह वक लोग परमशवर क जीववत वचन पर स धयान हटाकर भोजन और सनयासवाद, शरीर को पीडा दन वाली और अपन आप को इनकार करन वाली बातो को परोतसाहन द। कल. 2:20,23 स तलना कर। यह शशका वक वसतए हम परमशवर क सामन गरहणयोगय बनाती ह, दषट आतमा की ओर स ह। हमारा गरहण वकया जाना, यीश पर ववशवास करन क दारा और हमार जीवन का उसम होन क दारा ह। इसक अलावा और कोई आजा नही ह। इस छोड और कोई धावमचकता की आवशयकता नही ह।

“धनयवाद”- मती 14:19; 26:26; रोवम. 14:6; कल. 2:6-7; 1 शथसस. 5:18.4:4 उतपवत 1:1,31 । पौलस रोवमयो को याद वदला रहा ह वक सभी चीजो को रचन वाल परमशवर ह। बनाई हई वसतओ म कछ भी बरा नही ह। वववाह आवद जो परमशवर न वनय‍त वकया ह, उस न करना पववतरता और आकतमकता नही ह।4:5 परमशवर क वचन म मनषय क इसतमाल क शलए हर तरह क भोजन को ठहराया ह। धनयवाद की पराथचना उस वयक‍त क शलए भोजन को शद और पववतर करती ह, जो यह पराथचना करता ह।4:6 “यीश क अचछा सवक”- अपन मन, हदय और आतमा स इस परकार का बनन क शलए कलीशसया म परतयक परकार क शशकक, परचारक, अगव को परयास करना चावहए। यवद व ऐसा चाहत ह तो इस सतय को उनह पकड रहना ह और ववशवास एव साहस क साथ दसरो को बताना ह।4:7 “अशद (परमशवर रवहत)”- 1:4. “बवढयो की सी कहावनयो”- पौलस का अथच उन कहावनयो स था जो सतय नही थी। शजनका कोई इवतहास नही था, और न ही वासतववकता। “खरा जीवन”- पौलस एक ऐस यनानी शबद का उपयोग करता ह जो मसीही ववशवास को वयवहाररक जीवन म परगट करन को वदखाता ह, यह ववशवास का जीवन ह शजस परतयक मसीही ववशवासी को जीना चावहए। इसका मतलब हआ वक उनह ऐसा करन क शलए सवय को शसखाना ह, अनशाशसत करना ह। इबा. 5:14; 1 करर. 9:24-27 स तलना कर। मसीह क सवक को चावहए वक मानशसक एव शारीररक रीवत स उसी परकार अपन आपको परशशशकत कर, जस एक पहलवान शारीररक बातो म अपन आप को करता ह।

699 1 तीमशथयस 4:7

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स बढत जाओ। 8 ‍योवक शारीररक वयायाम का लाभ सीवमत ह, पर पववतर जीवन सब बातो क शलए फायदमनद ह, ‍योवक इस समय क और आन वाल जीवन का वायदा भी इसी म ह ।

9 और यह बात सच और हर तरह स मानन क योगय ह। 10 हम इसीशलय महनत करत ह और वननदा सहत ह, ‍योवक हम जीववत परमशवर पर भरोसा रखत ह, जो सब लोगो

क खासकर ववशवाशसयो क मक‍तदाता ह।11 इन बातो की आजा दो और उनह

शसखात रहो । 12 कोई तमहारी जवानी को तचछ न समझन पाए, लवकन बातचीत, चाल-चलन, परम, आतमा म, ववशवास और पववतरता म ववशवाशसयो क शलए नमना बन जाओ। 13 मर आन तक पढन, और उपदश और शसखान म लग रहो। 14 उस वरदान (ईनाम) क ववषय म जो तम म ह, और

4:8 “इस...ह”- भक‍त इस वतचमान और भववषय म आशीष लाती ह। कमा न पाए हए वयक‍त को अशधकार नही वक वह इस ससार म और आन वाल ससार म परमशवर स कछ आशा रख।4:10 “महनत”- 1 करर. 15:10; कल. 1:29. “जीववत परमशवर”- 3:15. मसीह म ववशवासी क पास ‘जीववत परमशवर’ एक ‘जीववत आशा’ ह (1 पतर. 1:3)। “मक‍तदाता(उदारकताच)”- पौलस यह नही कह रहा ह वक सभी लोग कमा पाएग। वह यह कह रहा ह वक वही ह जो दसरो की तब तक रका करत ह, परबध करत ह, जब तक व इस पथवी पर ह (पर.काम 14:17; 17:25-27)। इतना ही नही, वह सभी को अननत मक‍त दत ह और कमा करन क शलए तयार ह, इसीशलए हर परकार स उदारकताच ह (1:1)।4:11 “इन बातो”- 4:3 जसी बात नही, लवकन ऐसी शजनह परमशवर न परगट वकया। वकसी भी कलीशसयाई अगव का यह अशधकार नही वक वह ऐसा कछ शसखाए, जो वचन म नही ह। “आजा...रहो”- मसीह क सच सवक अशधकार क साथ बोल सकत ह। उनह ऐसा करना भी चावहय। व पथवी पर मसीह क समान ह। आकतमक बातो म सतय क समबनध म उनक पास परमशवर का जान ह। व बढी कसतरयो की कहावनया और सनदहसपद शशकाए नही दत ह। उनह यह नही वदखाना चावहय वक व सदह वाली बात शसखा रह ह। दख 1 पतर. 1:1.4:12 “जवानी”- इवफसस की मणडली म दसर लोगो की तलना म तीम. कम उमर का रहा होगा। लवकन परमशवर न उस उस पद पर रखा तावक अशधकार क साथ व सच वचन द और वकसी को भी मौका न द वक कम उमर का होन क कारण तचछ ठहराया जाए। “परम...पववतरता”- पौलस मसीही जीवन क

शलय बातो की सची दता ह। यह सभव नही वक इन म स वकसी एक को वनकाल वदया जाए और विर भी उस परकार का जीवन रह। दख की बात यह ह वक कछ परचारक एक या दो म रशच वदखात ह, वकत दसरो की अनदखी करत ह। “नमना बन”- परतयक मसीही अगव को आदशच होना चावहय (1 पतर. 5:3; 1 करर. 11:1; वफशल. 3:17; 1 शथसस. 3:7)। यवद वह एक अचछा नमना नही ह, तो उस अगवा नही बनना चावहय।4:13 “पढन”- यहा इस शबद का अथच ह - वचन का चचच या आराधनालय म पढा जाना। जब यहदी सामवहक आराधना क शलय आया करत थ, तब ऐसा व वकया करत थ। लका 4:16-17; एजा 8:1-3; पर.काम 13:15 दख। मणडली बनन क बाद यह अभयास उनहो न जारी रखा (कल. 4:16-17; 1 शथसस. 5:27)। यह अभयास उन वदनो इसशलए अचछा था, ‍योवक हर एक मसीही क पास बाईबल नही थी। यवद होती भी, तौभी परतयक पढ नही सकता था। आज भी ससार क अनक सथानो म बाईबल का सावचजवनक रप स पढा जाना फायदमनद शसद हो सकता ह। “शसखान”- एक पासटर का काम सनदश दना एव शसखाना ह। सनदश दन का मकसद ह इचछा और वववक तक पहचन क साथ ही सनन वाल क मन तक पहचना। मसीही ववशवास की सचाइयो को शसखाना शशका ह। परायः ववशवाशसयो क मन (वदमाग) तक पहचना इसका लकय होता ह (हालावक इचछा को अनदखा नही वकया जा सकता)। मसीही पासटर क जीवन म इन दोनो का महतव ह।4:14 “वरदान”- 2 तीम. 1:6. पौलस आकतमक योगयता की बात करता ह। दख रोवम. 12:6-8; 1 करर. 1:7; 12:4-11,28; 14:1.

1 तीमशथयस 4:8 700

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भववषयदाणी क दारा अगवो क हाथ रखत समय तम न पाया था, लापरवाह मत रहो।

15 उन बातो को सोचत रहो और उनही म अपना परा धयान लगाए रहो, तावक तमहारी तरककी सब पर परगट हो। अपन और अपन उपदश क ववषय म सावधान रहो। 16 इन बातो म कसथर बन रहो, ‍योवक अगर ऐसा करत रहोग तो तम अपन, और अपन सनन वालो क शलए भी मक‍त का

कारण बनोग।

5 वकसी बढ को न डाटो, लवकन उनह वपता जानकर, जवानो को भाई जानकर

2 और बढी कसतरयो को माता जानकर समझा दो। जवान मवहलाओ को परी पववतरता स बहन जानकर समझा दो।

3 उन ववधवाओ को इजजत दो जो सचमच म ववधवा ह 4  यवद वकसी ववधवा क बच

“भववषयदाणी क दारा”- 1:18. पववतर आतमा की पररणा स भववषयदाणी का वकया जाना पववतर आतमा दारा वदया गया ईमान ह (1 करर. 14:29-31)। “अगवो क हाथ रखत समय”- यह उस समय हआ जब इवफसस म अगव इकट हए और सवकाई क शलय उस अलग वकया (पर.काम 13:3 स तलना कर)। वबना हाथ रख परमशवर लोगो को वरदान और योगयताए द सकत ह और दत ह। वकत कलीशसया (चचच) म हाथ रखन की ववशध लोगो की ववशष सवा की वनपणता क शलय परमशवर और ववशवाशसयो क बीच एकता और शाकनत को वदखाती ह। “लापरवाह”- परमशवर दारा वदए गए वकसी वरदान को हलकी-फलकी बात समझना समभव ह। तलना कर मती 25:24-27.4:15 “परा”- जो सवा पर मन स नही की जाती, परमशवर को खश नही कर सकती। मसीह क परतयक सवक क पास वही तज इचछा होनी चावहय, जो पौलस क पास थी। पर.काम 20:24; कल. 1:29.4:16 मसीह क परतयक सवक को धयान रखना चावहय वक वह कसा जीवन जीता ह, ‍या शसखाता ह। यवद हमारी शशका ठीक नही ह तो पववतर जीवन जीन का कोई अथच नही ह। यवद हमारा जीवन पववतर नही ह तो सही शसदानत शसखान का कोई अथच नही। “अपन...कारण”- यहज. 33:6,9. कवल परमशवर बचान वाल ह (1:1)। पौलस मानता था वक तीम. मक‍त पा चका ह, नया जनम पा चका ह, उसन अननत जीवन गरहण वकया ह (1:2)। ससदश दन और जीववत रहन क तरीक क दारा परमशवर क सवक, उदार नही परापत कर सकत (इवफ. 2:8-9)। वकत परमशवर की सहायता स व सही जीवन जीन की शजममदारी परी कर सकत ह (वफशल. 2:12)। यह बहत जररी ह (कल. 1:23; इबा. 3:6,14; 6:12)।

अपनी और अपनी शशका की चौकसी कर क व अपन आपको गभीर ताडना स बचा सकत ह। यनानी शबद, शजसका अनवाद ‘मक‍त’ वकया गया ह इसका अथच पाप स मक‍त क साथ-साथ अनक खतरो और बीमाररयो स बचना ह।

इसका अथच ह वक परमशवर क हाथो म ववशवासयोगय सवक एक हशथयार ह। परमशवर उस दसरो क उदार क अनभव म लान क शलय उपयोग करता या उनक ववशवास म आग बढन म सहायक होगा। ‍या मनषय क शलय इस स बढकर कोई कायच ह?5:1‑2 मसीह न शजस पासटर को कलीशसया क ऊपर दखरख करन वाला ठहराया ह, उसक पास अशधकार ह। उस एक तानाशाह क समान चचच पर शासन नही करना चावहय। उस यह जानना चावहय वक चचच एक पररवार और घर क समान ह - 3:15 और उसी क आधार पर वयवहार कर।5:3 पासटर और मणडली का यह उतरदावयतव ह, वक मणडली क वनधचनो की दखरख की जाए। यह उस समय अशधक ह जब ऐसी वनधचन ववधवाए ह शजनक पास कोई साधन नही ह, या कायच नही कर सकती।5:4 बच और नाती-पोत की जो शजममदारी बढ लोगो क परवत ह, उस पर धयान द।

जसा परमशवर को पसद ह, उस परकार स जीवन वबताकर परमशवर क परवत अपन समपचण को वदखाए। यह परतयक ववशवासी क शलय वकतना महतवपणच ह। हम न कवल सच पर भरोसा करना चावहय, वकत वनकटवतमी लोगो क मधय उसका अभयास भी करना चावहय। परमशवर की कही हई बातो को हम न कवल जानना चावहय, जो कछ उनहो न कहा ह, वह करना भी चावहय। परमशवर को खश करन का यही एक तरीका ह। यवद बच या नाती-पोत जो ववधवा की मदद कर सकत ह, और नही करत, व परमशवर क ववरोध म दषटता (अपराध) कर रह ह।

701 1 तीमशथयस 5:4

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या नाती-पोत हो, तो व पहल अपन ही खानदान क साथ योगय बताचव करना, और अपन माता-वपता आवद को उशचत आदर (हक) दना सीख, यह परमशवर को अचछा लगता ह। 5  जो सचमच म ववधवा ह और उसका कोई नही, वह परमशवर पर आशा रखती ह। वह रात-वदन वबनती और पराथचना म लवलीन रहती ह। 6 परनत जो भोग ववलास म पड गई, वह जीत जी मर गई ह । 7 इन बातो की भी आजा वदया करो तावक व वनदवोष रह। 8 यवद कोई अपनो की और ववशष करक अपन घरान की जररतो पर धयान न द, तो वह ववशवास स हट गया ह, और अववशवासी स भी अशधक बरा ह।

9 उसी ववधवा का नाम शलखा जाए , जो

साठ वषच स कम की न हो, और एक ही पवत की पतनी रही हो, 10 और भल काम म उसका अचछा नाम रहा हो, शजसन बचो का पालन-पोषण वकया हो, महमानो की सवा की हो, पववतर लोगो क पाव धोए हो, दशखयो की सहायता की हो, और हर एक भल काम म मन लगाया हो।

11  लवकन जवान ववधवाओ क नाम न शलखना, ‍योवक जब व मसीह की शखलाफत करक सख-ववलास म पड जाती ह, तो वववाह करना चाहती ह, 12 और जीवन भर ववधवा रहन क फसल को तोडन की दोषी ठहरती ह 13  इसक साथ ही साथ व घर-घर विरकर आलसी होना सीखती ह, और कवल आलसी ही नही, वकनत बकवास और बराई करती

“हक दना सीख”- बच सोच सकत ह वक माता-वपता क परवत हमारी कोई शजममदारी नही ह, वकत इस ववषय पर परमशवर क ववचार वभनन ह।5:5 पौलस मसीही ववधवाओ क ववषय कह रहा ह। यवद व जररत म ह और उनकी मदद करन वाला कोई नही ह, तब चचच क वकसी वयक‍त को उनकी सहायता करनी चावहय। दसरो की आवशयकता परी करन का यह एक तरीका ह।5:6 “जीत जी मर गई ह”- इसका अथच ह वक ऐसा वयक‍त परमशवर क जीवन स अलग ह, आकतमक मतय की दशा म ह (इवफ. 2:1; 4:12)। यह मातर उन सभी ववधवाओ क बार म सच नही ह, जो भोग-ववलास म जीती ह, वकत सब क बार म जो ऐसा करता ह। चाह कोई जीववत वदखता ह, यवद मसीह म नही ह, तो मरा हआ ह। जो लोग परमशवर क बजाए भोग-ववलास क शलय जीववत ह, यह सोच सकत ह, वक व जीववत ह लवकन ऐसा नही ह। दख वयमच. 17:9.5:8 “ववशवास”- यहा इस शबद का इसतमाल पौलस मसीही ववशवास और जीवन क शलय करता ह। इसका कनदर परम ह। यवद कोई परम म नही चलता, तो वह मसीह का इकार कर रहा ह (1 यहनना 3:16-18; 4:7-8)। मसीह का इकार करन वाल बहत स अववशवासी भी अपन जररतमद ररशतदारो की दखभाल करत ह। ‍या मसीह क शशषय अपनी इस शजममदारी स

वकनारा कर सकत ह?5:9‑10 “नाम शलखा जाए”- पौलस यह नही कर रहा ह वक 60 स कम आय की ववधवाए जो जररत म ह, उनकी सशध नही लनी चावहय। यह भी नही वक ऐसी ववधवा जो आवशयकता रहन क बावजद यवद इन शततो को परा नही करती ह, उसकी सहायता नही की जानी चावहय। इसशलए इस सची म शजन ववधवाओ की बात की गई ह, य व ह, शजनह वकसी सवा क शलय वनय‍त वकया गया ह। इन ववधवाओ को कछ शततो को भी परा करना चावहय, जसा अगव और सवको को कलीशसया की कछ शत त परी करनी ह (3:1-12)।5:11‑12 सची म शजन ववधवाओ क नाम ह, उनह मसीह क परवत समवपचत और सवा क शलय चचच दारा अलग वकया जाना चावहय। पनववचवाह बरा नही ह, वकत मसीह की सवा क शलय समवपचत ववधवाए यवद विर स वववाह कर, तो व परी तरह स सवा नही कर पाएगी या विर सवकाई छोड दगी। शजस काम को करन की परवतजा की गई ह, यवद उस छोड वदया जाए तो यह एक छोटा अपराध नही ह। इस कारणवश ऐसी ववधवाओ पर परमशवर का दणड आ सकता ह।5:13 यही कारण ह वक नवजवान ववधवाओ को कलीशसया म सवकाई क शलय वनय‍त नही वकया जाना चावहय।

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रहती और दसरो क काम म दखलअदाजी करती ह और अनशचत बात बोलती ह। 14  इसशलए म यह चाहता ह वक जवान ववधवाए वववाह कर और बचो को जनम द और घर की शजममदाररया ल, और वकसी ववरोधी को बदनाम करन का अवसर न द। 15  ‍योवक बहत सी बहककर शतान क पीछ हो चकी ह।

16  यवद वकसी ववशवासी या ववशवाशसनी क यहा ववधवा हो, तो वही उनकी मदद कर, वक चचच पर भार न हो, तावक चचच उनकी सहायता कर सक, जो सचमच ववधवाए ह।

17 जो अगव अचछा परबनध करत ह,

ववशष करक व जो वचन सनान और शसखान म महनत करत ह, दो गन आदर क योगय समझ जाए। 18  ‍योवक बाइबल म शलखा ह वक दावन वाल बल का मह न बानधना, ‍योवक मजदर अपनी मजदरी का हककदार ह।

19  यवद वकसी पराचीन पर दोष लगाया जाता ह, तो वबना दो या तीन गवाहो क न सनो। 20  अपराध करन वालो को सब क सामन डाटो, तावक और लोग भी डर।

21  परमशवर, और मसीह यीश, और चन हए सवगचदतो को उपकसथत जानकर म तमह चतावनी दता ह वक तम मन खोलकर इन बातो को माना करो, और कोई काम

5:14 पौलस कह रहा ह वक जवान ववधवाओ क शलय बहतर ह वक व विर स वववाह कर, बजाए इसक वक कलीशसया की सवा क शलय समपचण कर, परवतजा तोड और विर सवा छोडकर वववाह कर। “ववरोधी”- जो मसीह या कलीशसया क ववरोध म ह। इस परकार क लोग मसीवहयो की आलोचना करन और उन म कमी ढढन का परयतन करत ह। मसीवहयो को ऐसा अवसर नही दना चावहय।5:15 ऐसा लगता ह वक कछ ववधवाओ न कलीशसया म सवा क शलय अपना वचन वदया था, वकत बाद म यौन इचछाओ की गलाम बन गई (पद 11) और सवा छोड दी। “शतान क पीछ”- परमशवर की इचछा को तचछ जानकर, शारीररक अवभलाषाओ क पीछ जान स व शतान की सवा कर रही थी। इस ससार क आमोद-परमोद और दषटता क पीछ जाना अपन सब स बड शतर क पीछ जाना ह। 1 इवत. 21:1 और मती 4:1-2 म शतान पर नोटस दख।5:16 जो मवहलाए अपन सग समबकनधयो म ववधवाओ की सहायता करन क योगय ह, उनह दसर लोगो क समान शजममदारी लनी ह। पद 4 और 8 स तलना कर।5:17 “दो गन आदर”- अगला पद वदखाता ह वक पौलस का मतलब आशथचक सहायता क साथ दसर परकार क सममान स भी ह।5:18 वयव. 22:4; लका 10:7; 1 करर. 9:9-12. 5:19 कभी-कभी मसीह का एक वनदवोष सवक

कछ गलत कायच क शलए या वकसी और बात क शलय दोषी ठहराया जाता ह। यवद दसर लोग इस बात पर ववशवास कर ल, तो उसकी सवा परभाववत हो सकती ह। इसशलए पौलस यहा पर बशदमानी की सलाह दता ह। “दो या तीन”- वयव. 19:15; मती 18:16; 2 करर. 13:1.5:20 चचच की शदता और पववतरता बनाए रखन क शलय अनशासन की आवशयकता ह, यवद पाप का सामना कर क सावचजवनक रीवत स डाट न लगाई जाए तो वह मणडली को नाश कर सकती ह। पर.काम 5:1-11; 1 करर. 5:1-5,13; मती 18:15-17. परमशवर क लोगो क मन म पाप क परवत भय उतपनन करन क शलय सब क सामन उसका खलासा करना चावहय। हालावक यह कायच सावधानी स साथ करन क साथ-साथ दोषी वयक‍त क परवत परमशवरीय परम को भलना नही चावहय।5:21 यहा पौलस वकतना जोर डालकर शलखता ह। वह जानता था वक चचच म पकपात करना एक आम बात ह। बहत स चचच क अगव पाप करन वाल ररशतदारो और वनकट क वमतरो क पाप को ढाकन का परयतन करत ह। जब वक सामन लाकर डाट जान की जररत ह। दसर लोगो क साथ व बरहमी का वयवहार करत ह। यह वबलकल गलत ह और इस स कलीशसया की हावन हो सकती ह। पौलस की सलाह को परतयक मसीह क सवक को मानना चावहय।

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पकपात स न करना।22 वकसी पर जलदी हाथ न रखना और

दसरो क गनाहो म भागी न होना। अपन आपको पववतर बनाए रखो।

23 भववषय म कवल पानी ही पीन वाल न रहो, पर अपन पट क खराब होन और अपन बार-बार बीमार होन क कारण थोडा-थोडा अगर का रस (दाखरस) भी काम म लाया करो।

24  वकतन मनषयो क बर काम परगट हो जात ह, और इनसाफ क शलए पहल स पहच जात ह, लवकन कछ क साथ ऐसा नही होता, उनकी बराई बाद म वदखती ह। 25 वस ही वकतनो क भल काम भी

वदखाई दत ह, और जो ऐस नही होत, व भी शछप नही सकत।

6 शजतन लोग गलामी क बनधन म ह, व अपन-अपन सवामी को बड आदर क

योगय जान, तावक परमशवर क नाम और उपदश की वननदा न हो। 2  और शजनक सवामी ववशवासी ह, इनह व भाई होन क कारण तचछ न जान, बकलक उनकी और भी सवा कर, ‍योवक शजनकी सवा की जा रही ह, व यीश को मानन वाल ह और यीश उन को चाहत ह। इन बातो क बार म उपदश वदया करो और समझात रहो।

3 यवद कोई और ही तरह का उपदश दता 5:22 “हाथ”- 4:14; 2 तीम. 1:6. पौलस शायद अगवो और सवको की वनयक‍त क ववषय कह रहा ह। यवद वबना इन लोगो की वनय‍त अगवो और सवको क रप म की जाती ह, जो वक पाप म जीवन वबता रह ह, तो वनयक‍त करन वाल शजममदार होग। चचच क अगवो को सवय पववतर जीवन जीन क साथ पववतर जीवन जीन वालो को ही वनय‍त करना चावहय।5:23 “बार-बार बीमार होन क कारण”- ववशवाशसयो की बीमारी और सवासथय क ववषय म बात करत समय इन पदो पर धयान वदया जाना चावहय। 2 तीम. 4:2; वफशल. 2:27; 2 करर. 12:7-10 स तलना कर। यह सभव ह वक तीम. की शारीररक समसया अशद पानी पीन स थी। ऐसी कसथवत म थोडा सा अगर का रस वमलाकर पीना लाभकारी होता। उन वदनो पीन क पानी म थोडा सा पराना अगर का रस वमलाना एक आम बात थी। यहा धयान द शबद ‘थोडा’ दख 3:3,8; उतपवत 9:21; नीवत. 20:2; 23:30-31.5:24‑25 कभी-कभी लोगो क सामन न हमार अचछ कायच और न बर कायच वदखाई पडत ह। कछ समय क शलय मनषय शछप पापो को या अचछ कायतो को वकया करत ह (भजन 9:8; सभो. 12:14; मती 6:1-4)। इस कारणवश कलीशसया क अगवो को अधयक या सवक वनय‍त करत समय सावधानी बरतनी चावहय। अनत म जो कछ लोग करत ह, वह सब परगट वकया जाएगा - मती 10:26; लका 8:17; 12:2-3; रोवम. 2:16; 1 करर. 4:5.6:1 इवफ. 6:5-6 (नोटस); कल. 3:22;

तीतस 2:9; 1 पतर. 2:18. “वननदा”- यवद मसीही सवक या गलाम अपन माशलक या सवामी क परवत आदर न वदखाए, वकत बलवा कर तो लोग सोच सकत ह वक मसीही समाज म यह अनमवत ह। इस परकार मसीही नौकरो दारा शजस परमशवर की आराधना की जाती ह, उनकी वननदा होगी।6:2 यह सभव ह वक व मसीही गलाम एव सवक जो अपन सवामी को भला समझकर अपन काम म ढील हो सकत ह। वकसी भी कायच म वकसी भी मसीही को ऐसा करना शोभा नही दता ह। ‍या गलामो क शलय यह सभव ह वक व अपन सवामी स परम रख? हा, मसीह म यह सभव ह - गल. 3:28; कल. 3:11. यहनना 13:34 म मसीह की आजा सभी ववशवाशसयो को सभी पररकसथवतयो म परम करन की दी गई थी। “भाई”- जब एक सवामी या नौकर (गलाम) मसीह पर ववशवास लाता ह, तो वह आकतमक भाई ह।6:3‑4 यवद कोई ....अनसार ह - 1,3,10,11; 4:1. यहा पौलस उन लोगो क बार म शलख रहा ह जो मातर नाम स मसीही कहलात ह, वकत यह दसरो पर भी लाग होता ह। शजस सतय को उसन परररतो पर परगट वकया था, उसी की जररत पर वह जोर डाल रहा ह। कछ लोग कहत ह वक उनकी बशद और जान इन शसदानतो पर उनह ववशवास करन स रोकता ह। सच तो यह ह वक शजस कारणवश लोग मसीह क सतय को असवीकार करत ह वह अशधक जान नही ह, वकत कम जानना ह। व अशधक शशशकत हो

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ह, और खरी बातो को, अथाचत हमार परभ यीश मसीह की बातो को और उस उपदश को नही मानता, शजसम सही चालचलन की खास अहवमयत ह,, 4 तो वह वयक‍त घमणडी हो गया ह, और कछ नही जानता, वरन उसम वववाद और शबदो पर तकच करन का सवभाव ह। इस सवभाव क कारण डाह, और झगड, और वननदा की बात, बर-बर सनदह 5 और उन लोगो म बकार

क लडाई-झगड होन लगत ह। ऐस लोग शजनकी बशद वबगड गई ह और सतय स खाली हो गए ह, व समझत ह वक भक‍त (मसीही सवा) कमाई का तरीका ह।

6  लवकन शाकनत (सनतोष) क साथ आकतमक जीवन बडी कमाई ह। 7  ‍योवक न हम जगत म कछ लाए ह और न कछ ल जा सकत ह। 8  यवद हमार पास खान और पहनन को हो, तो इनही पर सनतोष

सकत ह, वकत आकतमक बातो म उनक पास कछ समझ नही ह। व अधकार और अजानता म ह - यहनना 3:1,9,20; 1 करर. 1:18-22; 2 करर. 4:4; इवफ. 4:18. हालावक उनक पास बशद की शरआत ही नही ह (नीवत. 1:7), व घमणडी ह और सोचत ह वक बशदमान ह।6:4 “तकच करन का सवभाव”- जो लोग आकतमक रीवत स रोगी ह, पौलस उनकी कसथवत क ववषय म बता रहा ह। परमशवर का वह सतय जो उनह ठीक कर सकता ह, उस गरहण करन क बजाए व सतय क ववरोध म लडन क शलय तयार हो जात ह।6:5 “बशद वबगड गई ह”- 2 तीम. 3:8. एक मन जो परमशवर क सतय का ववरोध करता ह, आकतमक बातो क ववषय म ठीक रीवत स नही सोचता ह। एक बडी आशीष, एक नया मन ह, जो मसीह हम दत ह (रोवम. 12:2; कल. 3:10)। “सतय स खाली”- सतय उनक सामन था। उनहो न इस सतय पर ववशवास वकया। वकत उनहो न शतान को मौका वदया वक वह उनक मनो स सतय को चरा ल जाए। तलना कर मती 13:18-19.

धयान द वक व लोग जो मसीही कहलात ह, अपन भरषट मनो को परगट करत ह - उनक शलय मसीही होन का दावा करना, दसरो स धन परापत करन का दसरा कोई लाभ परापत करन का साधन होता ह। पर.काम 8:18-23; यहनना 12:6; 2 पतर. 2:15; यहदा 11. जो कछ उनक पास ह उस मसीह क शलय छोडन क बजाए (लका 14:25-27,33; वफशल. 3:8), व मसीह क लोगो स जो कछ परापत कर सकत ह, उस लना चाहत ह। यह एक भयकर बात ह वक ऐसा मन मसीही कलीशसयाओ और ससथाओ क लोगो म होता

ह। कछ लोग धन परापत करन क शलय झठ बोलत, चरात ह और धोखा दन क शलय भी तयार हो जात ह। व यह भल गए ह (यवद उनह कभी याद था) वक झठा होन स बहतर वनधचन होना ह (नीवत. 19:22)।6:6 वफशल. 4:11-12; इबा. 13:5 । मसीह क ववशवासी को पहल भौवतक वसतओ म नही, वकत आकतमक बातो म धनी होना चावहय। इसी म उनका अननतकालीन लाभ (मती 6:19-21) ह। परमशवर पर भरोसा रखन स सतोष वमलता ह। सनतषट रहन का मागच यह ह वक हम भरोसा कर वक परमशवर न हम सववोतम सथान, पद और पररकसथवत म रखा ह। उनहो न हम वह सब वदया ह, शजसकी हम जररत ह, न कम, न अशधक।

सतोष हम शशकायत करन और लोभी इचछाओ क (जो मवतच पजा क बराबर ह) पीछ जान स बचाता ह - इवफ. 5:5; कल. 3:5. इस स हम भौवतक वसतओ क दारा वनयवतरत नही वकय जाएग। परमशवर क जन क शलय सतोष एक आवशयक ततव ह। सतोष नही रखना हमार परवत परमशवर क मागतो और वयवहार की आलोचना करता ह। यह परमशवर क परवत कडकडान क पाप की ओर ल जाता ह (वनगच. 14:11-12; 15:22-24; 16:2-3,8; वगनती 14:3)।6:7 अययब 1:21; भजन 49:16-20; सभो. 5:15 । पथवी पर रहत समय हम शजन बातो को सवगच भजत ह, व ही हमार शलय बचत ह (मती 6:19-26)।6:8 पौलस का अथच उन बातो स ह जो जीवन क शलय सचमच म जररी ह। यहा वह अपन घर होन तक की बात नही करता ह - सभवतः इसशलए वक इस पथवी पर वयक‍त सार जीवन भर वबना घर क रह सकता ह।

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करना चावहए। 9  लवकन जो अमीर होना चाहत ह, व ऐसी परीका, और िद और बहत सी बकार की और नकसानदायक वासनाओ म िसत ह, जो मनषयो को वबगाड दती ह और बबाचदी क समदर म डबा दती ह। 10  ‍योवक पसो का लोभ सब तरह की बराइयो की जड ह, शजस पान की कोशशश करत हए कई लोग ववशवास स भटक गए और अपन आप को तरह-तरह क दखो स पीवडत कर वदया ह।

11 परनत ह परमशवर क जन, तम इन बातो स भागो और अचछ चालचलन, आराधना क जीवन, ववशवास, परम, धीरज और नमरता का पीछा करो। 12 ववशवास की अचछी कशती लडो और उस अननत जीवन को थाम रहो , शजसक शलए तमह बलाया गया, और बहत गवाहो क सामन अचछा अगीकार वकया था। 13  म तमह परमशवर क जो सब वसतओ को जीवन परदान करत ह , और मसीह यीश क सामन, शजनहोन पकनतयस

6:9 लोग (यहा तक वक कछ मसीही ववशवासी) सोच सकत ह वक धन क पीछ दौडत चल जाना बशदमानी ह। वकत ऐस लोग सच म धोख म ह और सवचनाश क रासत म ह। धन की लालसा शतान दारा लाया गया जाल ह, एक परीका जो हम नाश करन क शलय ह। यह इचछा कभी भी सतोष नही लाती ह। वकत जस-जस वसतए बढती जाती ह, यह बढती जाती ह और अनत म बबाचदी लाती ह (मती 7:13; 2 शथसस. 1:8-9; भजन 49:20; 73:18-19)। इसक कछ उदाहरण दख - बालाम (2 पतर. 2:15), गहजी (2 राजा 5:20-27), यहदा (मती 26:14-16; यहनना 12:4-6)। ‍या हम भी उनही क समान नाश हो जाना चाहत ह? यवद नही, तो उनक समान अपनी इचछाओ को अपना जीवन वश म करन न द।6:10 धन का परम सारी बराइयो की जड ह। ‍योवक यह परमशवर और आकतमक बातो स हटाकर भौवतक बातो म लगा दता ह। मती 6:22-24. धन स परम परमशवर स घणा करना ह। यवद हम मती 22:37 म दी गई आजा को मान तो हमार मन म धन क परवत कोई सथान नही होगा। दसरी ओर, यवद हम धन क परम को अपन ऊपर शासन करन दग, तो हमार भीतर परमशवर क परवत परम क शलय कोई सथान न होगा। अनक बराइयो म एक (सब स परमख) दषटातमाओ क रप म यहदा इसकररयोती को भी धन क परम न वगराया (यहनना 6:70-71; 12:6; मती 26:14-16)। “ववशवास स भटक गए”- पद 21; 1:19; 4:1; 5:8. शजन लोगो क शलय धन उनका परमशवर ह, उनह मसीह क रासत को अपनान की कोई इचछा नही होगी। व अपनी-अपनी राह ल लग।

“दखो स पीवडत”- दौलत क पीछ भागना और दख और ‍लश क पीछ जाना एक ही बात ह। सपवत अपन परवमयो को दख, असतषटता, अननत हावन और बबाचदी दती ह। याकब 5:1-3; मती 19:22; लका 6:24-25; 12:16-21; और 16:19-31 दख।6:11 मसीही क परतयक सवक को धन सपवत लोभ की परीका स भागना चावहय। यवद ऐसा नही होता ह तो व शतान क चगल म िस जाएग (पद 9)। हम सभी अपनी पीठ उसकी ओर कर और उस धन सपवत की - परमशवर क आतमा क िल (गल. 5:22-23) लालसा कर को शजसकी बात पौलस करता ह। यवद हम ऐसा करग तो हम जीवन की जररतो क ववषय म परशान नही होना पडगा (मती 6:23; वफशल. 4:19)। हम सतोष भी वमलगा।6:12 “कशती”- इवफ. 6:10-18; 1 करर. 9:26; 2 तीम. 4:7. “अननत जीवन”- पद 18; और 3:16 पर नोटस दख। “थाम रहो”- अननत जीवन की आशीष परमशवर न हमारी पहच म रखी ह और हम उनह अपन शलए ल लना चावहए। सही मसीही जीवन सतय जीवन ह, वबना उदशय का नही। परमशवर न हम मसीह म तमाम आशीष दी ह (इवफ. 1:3)। जरर ह वक हम उनह जान, ल ल और लाभ उठाए। “अचछा अगीकार”- मती 10:32-33; रोवम. 10:9-10; 1 यहनना 4:15 स तलना कर।6:13 5:21. “जीवन परदान करत ह”- पर.काम 17:25.

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वपलातस क सामन अचछा अगीकार वकया, यह ह‍म दता ह, 14 वक तम हमार सवामी यीश मसीह क आन तक इस आजा को वनषकलक और वनदवोष रखो। 15 इस वह ठीक समयो म वदखाएग, जो परमधनय और एक मातर शासक और राजाओ क राजा, और अशधकाररयो क अशधकारी ह। 16  और अमरता कवल उनही की ह, और वह ऐसी रोशनी म रहत ह, शजन तक कोई भी नही पहच सकता, न उनह वकसी इनसान न दखा ह, और न कभी दख सकता ह। उनका मान-सममान और राजय यगानयग

रहगा। ऐसा ही हो।17  इस ससार क धनवानो को आजा दो,

वक व अवभमानी न हो और चचल धन पर आशा न रख, परनत परमशवर पर आशा रख, जो हमार सख क शलए सब कछ बहतायत स दत ह । 18  व भलाई कर, और भल कामो म अमीर बन। साथ ही साथ दन क शलए तयार और सहायता करन म आग हो ; 19 इस तरह स भववषय क शलय व अपना खजाना इकटा करग, जो वक एक मजबत बवनयाद होगी, तावक व असली शजनदगी का सवाद ल सक।

“वपलातस”- मती 27:2. यहनना 18:36-37 म मसीह दारा वदए गए अगीकार को दख।6:14 “यीश...आन”- यीश मसीह क दोबारा आन (2 तीम. 4:1,8; तीतस 2:13; इबा. 9:28; मती 24:30-31; पर.काम 1:11)। “आजा”- शायद पौलस का अथच उस सपणच जीवन स ह शजस परभ न शशषयो क शलए वनय‍त वकया ह। वनशचित रीवत स 11,12 पद म वही ववषय ह।6:15 “ठीक समय”- मती 24:36. तलना कर गल. 4:4; यहनना 7:30. जो कछ भी परमशवर करत ह, उसक शलए उनक पास एक समय ह। यहा पौलस परमशवर को एक “सारी सवषट का शासक, राजाओ का राजा और परभओ का परभ कहता ह।” परका. 1:7 म शलखा ह वक परभ यीश पथवी क राजाओ क अशधपवत ह और परका. 19:16 म उनह “राजाओ क राजा और परभओ क परभ” कहा गया ह। ‍या यहा कोई ववरोधाभास ह? वबलकल नही। सपषट बात यह ह वक यीश परमशवर ह और दवनया म दह रप धारण कर आए। यहनना 1:1,14; वफशल. 2:6 आवद पद दख।6:16 1:17 दख. “रोशनी”- 1 यहनना 1:5; यहनना 1:4-5.6:17 यह सभव ह वक धनी यह सोचन लग वक उनह परमशवर की आवशयकता नही ह। तलना कर भजन 49:6; 73:3-12. “चचल धन”- नीवत. 23:4-5; 28:20. जो कछ परमशवर न मनषय को परापत करन क योगय बनाया ह, वह सब उस स ल सकत ह। जो लोग परमशवर पर धयान नही दत, उनक साथ यही

होना अचछा ह। “सख क शलए”- सभो. 2:24-26; पर.काम 14:17. जो कछ परमशवर न लोगो को वदया ह, वह चाहत ह वक व उसका आननद उठाए। वह नही चाहत ह वक व उनका आननद उठाना बरा समझ। इसका यह अथच नही वक जब दसर वनधचनता म ह, हम अनाप शनाप पसा उडाए। 2 करर. 8:13-14. “बहतायत स दत ह”- 2 करर. 9:8; वफशल. 4:19. परमशवर कजस नही वक अपन पास रख रह। जो कछ हम आखो स दखत ह, लोग या भौवतक वसतए, उन पर हमारी आशा और भरोसा नही होना चावहए।6:18‑19 मती 19:21; 6:19-20; लका 14:33; लका 12:21. “भल कामो म अमीर”- भल काम सचा आकतमक धन ह। तलना कर मती 25:19; लका 19:15; 2 करर. 9:15. जो लोग अपना धन अपन ऊपर खचच कर रह ह, व सच पछ तो फक रह ह। “उदार और सहायता दन म ततपर”- अभी हम जो करत ह, दत ह, उन सब का हमार अननत भववषय पर परभाव ह। मती 25:19; लका 19:15 इन वचनो स तलना कर। यह बड दख की बात ह वक बहत स लोग जो अपन धन स कछ कर सकत थ, अपन शलए उपयोग करत ह, या ऐसी बातो पर शजनका कछ अननत मलय नही ह। 2 करर. 9:15 म दन क ववषय पर कछ पद दख।

707 1 तीमशथयस 6:19

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20 ह तीमशथयस, जो शशका तमह सौपी गयी ह, उसकी रखवाली करो , और शजस जान को जान कहना ही भल ह , उसक अशद बकवास और ववरोध की बातो

स दर रहो। 21 बहत स लोग इस जान का अगीकार करक , ववशवास स भटक गए ह । तम पर असीम कपा (अनगरह) बनी रह।

6:20 “उसकी रखवाली करो”- 2 तीम. 2:14. परमशवर क वचन की शजन सचाइयो को परमशवर न परगट वकया, पौलस उन बातो क ववषय कह रहा ह। उन बातो को उस बहत कीमती समझना चावहए और दखना ह, न शतान और न कोई, उनह हम स ल ल। “जान को जान कहना ही भल ह”- पद 3,4; कल. 2:8; 1 करर. 1:17-25.6:21 “अगीकार करक”- रोवम. 1:22 स तलना

कर। कछ लोग दावा करत ह वक व बड बशदमान ह और उनह ससमाचार की आवशयकता नही ह। व बबाचदी की सीमा पर ह। “ववशवास स भटक गए ह”- पद 14; 4:1. “असीम कपा”(अनगरह) - मसीह का सवक कवल परमशवर की शतचहीन कपा स ही उन बातो को अपन जीवन म लाग कर सकता ह जो इस पतर म दी गई ह।

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