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डेली न्यूज़ (19 Oct, 2020)इन ॐ म अ धक श गर ब जनस य...

Date post: 09-Dec-2020
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डेली डेली यूज़ यूज़ (19 Oct, 2020) drishtiias.com /hindi/current-affairs-news-analysis-editorials/news-analysis/19-10-2020/print पल पल रवर रवर एुरी एुरी डॉफन डॉफन िलस िलस केके लये लये : वड वाइडलाइफ फं ड, पल रवर एुरी, इंडो-पै■सिफक हपबैक डॉफन मेस मेस केके लये लये : COVID-19 और डॉफन क' सं(या वृ+ चचा चचा -य. -य. ? हाल ही आई एक ि रपोट के अनु सार, पल ि रवर एचुरी (Pearl River Estuary- PRE) चाइनीज़ ि पंक डॉिफन (Chinese Pink Dolphins) की संया वृि दे खी गई है इंडो-पैिसिफक हपबै क डॉिफन (Indo-Pacific Humpback Dolphins) को चाइनीज़ हाइट डॉिफन (Chinese White Dolphins) या ि पंक डॉिफन (Pink Dolphins) के भी जाना जाता है , जो उनकी %वचा के रं ग को दशाता है मुख मुख 0बदु 0बदु : पल ि रवर एचुरी (Pearl River Estuary- PRE): 1/21
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  • डेलीडेली यूज़यूज़ (19 Oct, 2020)drishtiias.com/hindi/current-affairs-news-analysis-editorials/news-analysis/19-10-2020/print

    पलपल रवररवर ए ुरीए ुरी मम डॉ फनडॉ फन

    ि ल सि ल स केके लयेलये:व ड वाइ डलाइफ फंड, पल रवर ए ुरी, इडंो-प■ैसिफक ह पबकैडॉ फन

    मे समे स केके लयेलये: COVID-19 और डॉ फन क सं या म वृ

    चचाचचा मम यय ?हाल ही म आई एक िरपोट के अनुसार, पल िरवर ए चुरी (Pearl River Estuary- PRE) म चाइनीज़ िपंकडॉि फन (Chinese Pink Dolphins) की सं या म वृि देखी गई है।

    इंडो-पैिसिफक ह पबैक डॉि फन (Indo-Pacific Humpback Dolphins) को चाइनीज़ हाइटडॉि फन (Chinese White Dolphins) या िपंक डॉि फन (Pink Dolphins) के प म भी जाना जाताहै, जो उनकी वचा के रंग को दशाता है।

    मुखमुख बदुबद:ु पल िरवर ए चुरी (Pearl River Estuary- PRE):

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    https://www.drishtiias.com/hindi/current-affairs-news-analysis-editorials/news-analysis/19-10-2020/print

  • इसम हॅा गकॅा ग, मकाओ के साथ-साथ शे ज़ेन, वांगझ ूऔर ड गग ूनामक मु य चीनी शहर शािमलह। इस े म लगभग 22 िमिलयन लोग रहते ह।पल िरवर डे टा (Pearl River Delta), PRE के आसपास का िनचला इलाका है जहाँ पल नदी (PearlRiver) दि ण चीन सागर म िमलती है।

    यह पृ वी पर दुिनया के सबसे घने शहरी े , गहन औ ोिगक े और सबसे य त िशिपंग लेनम से एक है।

    वतमान पिरदृ य:

    गौरतलब है िक डॉि फन जल म अपना रा ता खोजने के िलये इकोलोकेशन (Echolocation) का उपयोगकरते ह िकंतु पानी के जहाज़ अ सर उनके ारा रा ता खोजे जाने दौरान अवरोध उ प न करते ह और यहाँतक िक जहाज़ से टकराने के कारण कभी-कभी उनकी मृ यु भी हो जाती है।

    इकोलोकेशनइकोलोकेशन (Echolocation):इकोलोकेशन, विन तरंग एवं गूँज का उपयोग यह िनधािरत करने के िलये िकया जाता है िक आसपास केे म व तुएँ कहाँ अवि थत ह।चमगादड़ नेवीगेशन एवं अंधेरे म भोजन खोजने के िलये इकोलोकेशन का उपयोग करते ह।

    हालाँिक हॅा गकॅा ग और मकाओ के बीच जल म डॉि फन की सं या म वष 2020 म एक बदलाव देखागया है य िक COVID-19 महामारी के म ेनज़र तटीय घाट को बंद कर िदया गया था िजससे जलीययातायात म भी कमी आई थी।वै ािनक के अनुसार, PRE के जल म िपंक डॉि फन की सं या म लगभग एक-ितहाई वृि हुई है।

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    https://www.drishtiias.com/hindi/daily-updates/daily-news-editorials/fishing-in-troubled-waters-during-a-pandemic

  • इंडो-पैिसिफक ह पबैक डॉि फन (Indo-Pacific Humpback Dolphins):

    वै ािनक नाम: सौसा िचनिसस (Sousa Chinensis)पयावास े (Habitat Region):

    यह म य चीन के दि ण-पि चम से परेू दि ण-पवूी एिशया तक और म य चीन के पि चम सेबंगाल की खाड़ी तक के आसपास के वारनदमुख म उ चतम घन व म पाई जाती है। िविभ न े म इसका िवतरण खंिडत है अथात ्ये डॉि फन समुद तट से संबंिधत िव तृत जले से प ट प से अनुपि थत ह।

    डॉि फन के इस िवखंिडत िवतरण के बारे प ट नही ंहो पाया है िक यह ाकृितक है यामानव गितिविधय के कारण है।

    व ड वाइ डलाइफ फंड फॉर नेचर (WWF) का कहना है िक PRE म इन डॉि फन की सं या लगभग2500 है िकंतु युवा डॉि फन की िगरती सं या भिव य म इनकी सं या को कम कर सकती है।

    इनकी सं या म िपछले 15 वषो ंम 70-80% की िगरावट देखी गई है।

    खतरा: इन डॉि फनो ंको िन निलिखत घटको ंसे खतरा है: कृिष, औ ोिगक एवं शहरी दषूण से।अ यिधक म यन से।हवाई अड्ड के िव तार एवं आवासीय/कायालय िवकास के िलये पुल-िनमाण और भिूम िनमाणसिहत समुदी तटीय िनमाण के कारण।तेज़ फेरी सेवा के संचालन के साथ-साथ अ य जलीय पिरवहन से।

    भाव: उपयु त खतर से डॉि फन पर िन निलिखत भाव पड़ता है: डॉि फन के उपयु त िनवास थान को नुकसान।अवरोध एवं पोत हमल से डॉि फन की मृ यु। डॉि फन के वा य पर रासायिनक एवं विन दषूण का नकारा मक भाव।

    संर ण:IUCN की रेड िल ट म ‘इंडो-पैिसिफक ह पबैक डॉि फन’ को संवेदनशील (Vulnerable) ेणी मसचूीब िकया गया है।

    ोतोत: डाउनडाउन टूटू अथअथ

    पा र थतकपा र थतक गरीबीगरीबी कक अवधारणाअवधारणा

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    https://www.drishtiias.com/hindi/daily-updates/daily-news-analysis/humpback-dolphinshttps://www.drishtiias.com/hindi/images/uploads/1603111872_Dolphin.jpghttps://www.drishtiias.com/hindi/daily-updates/daily-news-analysis/ganges-river-dolphinhttps://www.drishtiias.com/hindi/daily-updates/daily-news-analysis/iucn-red-list

  • ि ल सि ल स केके लयेलये:पा र थतक गरीबी क अवधारणा, गरीबी उ मूलन के लये अतंरा ीयिदवस

    मे समे स केके लयेलये:पा र थतक गरीबी क अवधारणा

    चचाचचा मम यय ?17 अ तबूर, 2020 को 'गरीबी उ मलून के िलये अंतरा टीय िदवस' की 27वी ंवषगाँठ मनाई गई।

    मुखमुख बदुबद:ुसंयु त रा ट के ताव के मा यम से वष 1992 म इसकी शु आत की गई थी।वष 2020 म इस िदवस का िवषय था- "सभी के िलये सामािजक और पयावरणीय याय ाि त को एकसाथ काय िमलकर काय करना।"

    गरीबीगरीबी कक वतमानवतमान थतथत:िवगत 25 वषो म िव व म पहली बार COVID-19 महामारी के कारण गरीबी म वृि दज की गई है।गरीबी म होने वाली वृि ने देश को वतमान ‘आय आधािरत गरीबी मापन’ की प ित के थान पर अ यणाली को अपनाने पर िवचार करने को मजबरू िकया है।

    COVID-19 महामारी के कारण दुिनया म 115 िमिलयन से अिधक लोग 'गरीब की ेणी' म शािमल हो गएह तथा इनका सार सावभौिमक है। अथात ्इसम िवकिसत-िवकासशील, नगरीय-गामीण, यरूोप-एिशयासभी े के लोग शािमल ह।िव व बक के अनुमान के अनुसार, वष 2019 म येक 10 लोगो ंम से एक ‘अ यिधक गरीब’ (Extreme poor) ेणी म शािमल था।

    िव व वक के अनुसार, 1.90 अमेिरकी डॉलर ितिदन से कम आय तर को 'अ यिधक गरीबीरेखा' के प म जाना जाता था।

    पा र थतक यपा र थतक य गरीबीगरीबी (Ecological Poverty):'पािरि थितक अवनयन' (Ecological Degradation) के कारण लोग का आय तर भी भािवत होताहै। इस कार 'पािरि थितक अवनयन' जिनत 'आय गरीबी' (Income Poverty) को ‘पािरि थितक गरीबी’कहा जाता है।िविभ न अनुमान के अनुसार, िव व तर पर संपि म ' ाकृितक पूंजी' (Natural Capital) का 9ितशत योगदान है, लेिकन कम आय वाले देश म यह 47 ितशत है। यह िवकासशील और गरीब देशम ाकृितक संसाधन पर लोग की िनभरता को दशाता है। इस कार 'पािरि थितक अवनयन' से कमआय वाले देशो ंम गरीबी का तर सवािधक बढ़ता है। 'खा और कृिष संगठन' (FAO) के अनुसार, एक अरब से अिधक लोग वन पर आि त ह और उनम सेअिधकांश गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करते ह।

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  • भारत म 'वन े ' और 'गरीबी े ' के मैप म समानता देखने को िमलती है। भारत म सबसे अिधकगरीबी छ ीसगढ़, झारखंड और म य देश जैसे सवािधक वना छािदत े म देखने को िमलती है।िव व बक की 'गरीबी और साझा समृि ' िरपोट 2018 के अनुसार, गरीबी म कमी की दर धीमी हो गई है।िरपोट के अनुसार, िवगत दो दशक म दुिनया म गरीब के िवतरण म नाटकीय बदलाव आया है। यहपिरवतन, आिथक भलाई (Economic Well-being) के िलये पािरि थितकी के मह व को उजागर करताहै।

    वष 1990 म वैि वक गरीब के आधे से अिधक पवूी एिशया और शांत े से थे। दुिनया के 27सबसे गरीब देश म से 26 उप-सहारा अ ीका े से थे। वष 2002 म दुिनया के गरीब का िसफएक-चौथाई इस े से था लेिकन वष 2015 तक 50 ितशत से अिधक गरीब इस े से थे।

    गरीबीगरीबी काका बदलताबदलता प र यप र य: वतमान गरीबी के िवतरण को देखकर दो मु य िन कष िनकाले जा सकते ह।

    थम, अिधकांश गरीब जनसं या गामीण े ो ंम िनवास करती है।दसूरा, इन े की पािरि थितकी का बहुत अिधक अवनयन हो चुका है।

    इन े म अिधकांश गरीब जनसं या अपनी आजीिवका के िलये भिूम, जंगल और पशुधन जैसे ाकृितकसंसाधन पर िनभर है। उनकी संपणू अथ यव था (Economy) पािरि थितकी (Ecology) परआधािरत होती है। इस कार इन े म पािरि थितकी म ास, गरीबी का कारण बनता है।

    पा र थतकपा र थतक औरऔर अधका रताअधका रता काका मु ामु ा:ाकृितक संसाधन पर िनभर जनसं या के संबंध म एक असहज न यह है िक वे कौन-से कारण ह िजनकेकारण कृित पर िनभर लोग गरीब बने रहते ह?'जैव िविवधता और पािरि थितकी तं सेवाओं पर अंतर-सरकारी िव ान-नीित लेटफॉम' (IPBES) की'वैि वक मू यांकन िरपोट' के अनुसार, ाकृितक संसाधन से ा त होने वाली सेवाओं म वृि हुई है,जबिक िविनयमन और रखरखाव सेवाओं के ावधान म िगरावट आई है।वतमान कृित संर ण के यास िनरंतरता यथा- 'आइची जैव िविवधता ल य', ‘सतत ्िवकास ल य’-2030 आिद पयावरण अवनयन को रोकने के िलये अपया त ह।'संयु त रा ट पयावरण काय म' (UNEP) के एक अ ययन के अनुसार, िव व तर पर उ पािदत पूंजी मित हेड दोगुनी और मानव पूंजी म ित हेड लगभग 13% की वृि हुई है, लेिकन ित हेड ाकृितकपूंजी टॉक के मू य म लगभग 40% की िगरावट आई है (अविध वष 1992-2014)।

    अथात ्जो लोग पयावरण पर िनभर ह, उनकी संपि म िगरावट देखी गई है, िजससे गरीबी कोबढ़ावा िमलता है।

    आगेआगे कक राहराह:गरीबी उ मलून सिहत समग िव व के िवकास के िलये पािरि थितकी का मह व इस त य से लगाया जासकता है िक 169 सतत् िवकास ल यो ंम से 86 य या परो प से पयावरणीय ित को कम करनेया ाकृितक संसाधन और पािरि थितक सेवाओं की मह वपणू भिूमका पर ज़ोर देने के िलये लि त ह।सभी प म 'गरीबी उ मलून' के ल य को 10 वषो ंअथात वष 2030 तक ा त करना है। इस ल यको ा त करने के िलये ही 'सामािजक और पयावरणीय' याय को हमारी गरीबी उ मलून योजनाओं केमुख िह से के प म अपनाना चािहये।

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    https://www.drishtiias.com/hindi/printpdf/one-million-species-face-extinction-why-biodiversity-report-mattershttps://www.drishtiias.com/hindi/daily-updates/daily-news-analysis/zero-draft-global-biodiversity-framework#:~:text=%E0%A4%86%E0%A4%88%E0%A4%9A%E0%A5%80 %E0%A4%9C%E0%A5%88%E0%A4%B5 %E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%A7%E0%A4%A4%E0%A4%BE %E0%A4%B2%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B7%E0%A5%8D%E0%A4%AF%3A&text=%E0%A4%9C%E0%A5%88%E0%A4%B5 %E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%A7%E0%A4%A4%E0%A4%BE %E0%A4%85%E0%A4%AD%E0%A4%BF%E0%A4%B8%E0%A4%AE%E0%A4%AF %E0%A4%95%E0%A5%87 %E0%A4%8F%E0%A4%95,%E0%A4%A2%E0%A4%BE%E0%A4%81%E0%A4%9A%E0%A4%BE %E0%A4%89%E0%A4%AA%E0%A4%B2%E0%A4%AC%E0%A5%8D%E0%A4%A7 %E0%A4%95%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A4%BE %E0%A4%97%E0%A4%AF%E0%A4%BE %E0%A4%B9%E0%A5%88%E0%A5%A4https://www.drishtiias.com/hindi/to-the-points/paper2/sustainable-development-goals-sdghttps://www.drishtiias.com/hindi/daily-updates/daily-news-analysis/un-environment-and-nasa

  • हम गरीबी के पािरि थितक आयाम पर भी यान देने की आव यकता है। कृित पर िनभर लोग के िलयेाकृितक संसाधन तक पहुचँ और अिधकािरता उपाय को गरीबी उ मलून रणनीितय के कद म रखनाचािहये।

    ोतोत: डाउनडाउन टूटू अथअथ

    भारतभारत मम लगानुपातलगानुपात मम सुधारसुधार कक आव यकताआव यकता

    ि ल सि ल स केके लयेलये:भारत म लगानुपात, कुल जनन दर, त थापनTFR

    मे समे स केके लयेलये:भारत म लगानुपात

    चचाचचा मम यय ?हाल ही म धानमं ी की आिथक सलाहकार पिरषद के पवू अ य सी. रंगराजन ने युवा लोग तक जननवा य िश ा के साथ-साथ ‘लिगक समता मानदंड ’ की त काल पहँुच की आव यकता पर बल िदया है।

    मुखमुख बदुबद:ुिपछले कुछ समय से भारत म जनन मता घट रही है। 'सपल रिज टेशन िस टम' (SRS) सांि यकीयिरपोट म वष 2018 म 'कुल जनन दर' (Total Fertility Rate- TFR) 2.2 रहने का अनुमान लगायागया था।

    SRS देश का सबसे बड़ा जनसांि यकीय नमनूा सव ण है। यह सव ण रिज टार जनरल केकायालय ारा िकया गया है।

    भारतभारत मम TFR:देश म जनन मता म िगरावट जारी रहने की संभावना है और अनुमान है िक 2.1 का ित थापन TFRको ज द ही ा त कर िलया जाएगा।

    कुल जनन दर (TFR), सरल श द म कहा जाए तो एक मिहला के उसके जीवन म ज म लेनेवाले या ज म लेने की संभावना वाले कुल ब च की सं या को संदिभत करता है।ित मिहला लगभग 2.1 ब च के कुल जनन दर (TFR) को ‘ ित थापन’ (Replacement)

    TFR कहा जाता है।

    त थापनत थापन TFR काका मह वमह व:यिद ित थापन दर पर TFR लंबे समय तक बनी रहती है, तो येक पीढ़ी अपने आप को अंतरा टीयवासन के िबना अपने देश की जनसं या को संतुिलत कर देगी।

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  • बहुत से लोग का मानना है िक एक बार ित थापन दर पर TFR पहँुच जाने के बाद देश की जनसं याकुछ वषो ंम ि थर हो जाएगी या कम होने लगेगी।

    भारतभारत मम त थापनत थापन TFR केके कारणकारण:इसका कारण 'पापुलेशन मोमटम इफे ट' (Population Momentum Effect) न होकर बड़ी जनसं याका 15-49 वष के जनन आयु समहू म वेश करना है।

    ‘पापुलेशन मोमटम इफे ट’ का ता पय ज म और मृ यु दर म कमी अथवा वृि ारा जनसं यावृि की ाकृितक दर का भािवत होना है।

    उदाहरण के िलये केरल रा य ने ित थापन TFR का तर वष 1990 के आसपास ा त कर िलया था,लेिकन इसकी वािषक जनसं या वृि दर वष 2018 म लगभग 30 साल बाद भी 0.7% थी।

    चुनौतयाँचुनौतयाँ:ितगामी मानिसकता:

    केरल और छ ीसगढ़ के अलावा संभवतः सभी रा य म बेिटय की तुलना म बेटे को ाथिमकता दीजाती है। यह लोग के ितगामी मानिसकता को दशाता है। उदाहणतः लोग लड़िकय को दहेज से जोड़तेह।

    ौ ोिगकी का दु पयोग:

    अ टासाउंड जैसी स ती तकनीक का उपयोग िलंग चयन म करना।

    काननू के काया वयन म िवफलता:

    'गभधारण पवू और सव पवू िनदान-तकनीक (िलंग चयन ितषेध) अिधिनयम’ (Pre-Conception andPre-natal Diagnostic Techniques- PCPNDT), 1994 िलंग चयन को िनयंि त करने म िवफल रहाहै।

    िनर रता:

    15-49 वष की जनन आयु समहू की सा र मिहलाओं की तुलना म िनर र मिहलाओं की जनन दरअिधक होती है।

    लिगकलिगक सुधारसुधार केके लयेलये सुझावसुझाव:मिहला िश ा और आिथक समृि बढ़ाने की आव यकता है य िक आिथक ि थित म बदलाव सेिलंगानुपात सुधारने म मदद िमलेगी।युवा लोग तक सरकारी लिगक सुधार काय म की पहँुच से जनसं या वृि को कम करने तथा ज म केसमय िलंग-अनुपात सुधारने म मदद िमलेगी।मिहलाओं और ब च के ित संवेदनशीलता पर रोलआउट अिभयान, मिहला सुर ा सेल बनाना,सावजिनक पिरवहन सुिवधाओं म मिहलाओं की सुर ा सुिनि चत करना, साइबर- ाइम सेल बनानाआिद पहल को यापक तर पर लाग ूकरने की आव यकता है।

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  • िन कषिन कष:अनेक नीितय और काय म को लाग ूकरने के बावजदू भारत म मिहलाओं और बािलकाओं का वा यलगातार िन न तर का बना हुआ है। अत: मिहलाओं और ब च से संबंिधत नीितय का भावीकाया वयन तथा वा य सेवा तक पहँुच से लिगक अंतर को कम करने की आव यकता है।

    ोतोत: इंडयनइंडयन ए स ेसए स ेस

    इज़राइलइज़राइल-बहरीनबहरीन शांतशांत समझौतासमझौता

    ि ल सि ल स केके लयेलयेद अ ाहम एकॉड, तीन नकारा मक ■स ांत, ■स स डे वॉर

    मे समे स केके लयेलयेइज़राइल-बहरीन शांत समझौता और इसके िनिहताथ, अरब-इज़राइलसंबधं

    चचाचचा मम यय ?हाल ही म इज़राइल और बहरीन ने औपचािरक प से राजनियक संबंध थािपत कर िलये ह। यात य है िकबहरीन ने िसतंबर माह म इज़राइल के साथ शांित समझौते पर ह ता र करने की घोषणा की थी।

    मुखमुख बदुबदुउ लेखनीय है िक बहरीन, इज़राइल के साथ संबंध थािपत करने वाला अरब जगत का चौथा देश बनगया है। इससे पवू अग त माह म इज़राइल और संयु त अरब अमीरात ने ऐितहािसक 'द अबाहम एकॉड(The Abraham Accord) के तहत पणू राजनियक संबंध थािपत करने पर सहमित य त की थी। वही ंइससे पवू िम ने वष 1979 म तथा जॉडन ने वष 1994 म इज़राइल के साथ शांितपणू संबंधथािपत िकये थे।

    इज़राइलइज़राइल-बहरीनबहरीन शांतशांत समझौतासमझौताइस समझौते के अनुसार, बहरीन और इज़राइल एक-दसूरे के देश म अपने दतूावास थािपत करने के साथ-साथ पयटन, यापार, वा य और सुर ा समेत कई मह वपणू े म आपसी सहयोग को बढ़ावादगे।इस दौरान इज़राइली प ने कहा िक इज़राइल, बहरीन के िवदेश मं ालय के साथ सहयोग करेगा औरदोन देश के राजनियक को वीज़ा संबंधी आव यकताओं म छटू दान की जाएगी।

    कारणकारण

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  • य िप सऊदी अरब, जो िक अरब जगत का एक मह वपणू देश है, ने प ट कहा है िक वह इज़राइल केसाथ संबंध थािपत करने के प म नही ंहै, िकंतु अिधकांश िव लेषक मानते ह िक सऊदी अरब के िबनाबहरीन और इज़राइल के बीच िकसी भी कार का कोई भी समझौता परूा नही ंहो सकता है। इस तरह ईरान और सऊदी अरब के बीच बढ़ती े ीय ित ंि ता को इस राजनियक घटना म का एकमुख कारण माना जा सकता है।

    ईरान-सऊदी अरब िववाद: धािमक मतभेद के कारण अि त व म आए एक दशक पवू िववाद,िजसम ईरान वयं को िशया मुि लम शि त और सऊदी अरब वयं को सु नी मुि लम शि त केप म देखता है।

    यात य है िक वष 2011 म अरब ि ंग की शु आत के दौरान सऊदी अरब ने सरकार िवरोधी दशन कोदबाने के िलये बहरीन म अपने सैिनक भेजे थे। जानकार मानते ह िक इस समझौते से बहरीन को अपनीराजशाही स ा बनाए रखने म काफी मदद िमलेगी।

    समझौतेसमझौते केके िनिहताथिनिहताथ य िप िवशेष मानते ह िक अरब जगत के देश के साथ इज़राइल के संबंध इस े म शांित थािपतनही ंकर सकते ह, िकंतु यह समझौता इज़राइल और अरब जगत के संबंध को एक नया प देने की िदशाम काफी मह वपणू हो सकता है।इज़राइल और बहरीन के बीच हुए समझौते को ‘ थायी सुर ा तथा समृि की िदशा म एक मह वपणूकदम बताया जा रहा है।

    अरबअरब जगतजगत औरऔर इज़राइलइज़राइल केके संबधंसंबधं वष 1948 म यहिूदय ने वतं इज़राइल की घोषणा कर दी और इज़राइल एक देश बन गया, इसकेपिरणाम व प आस-पास के अरब रा य (इिज ट, जॉडन, इराक और सीिरया) ने इज़राइल पर आ मणकर िदया। यु के अंत म इज़राइल ने संयु त रा ट की िवभाजन योजना के आदेशानुसार ा त भिूम से भीअिधक भिूम पर अपना िनयं ण थािपत कर िलया।इसके प चात ्दोन देश के म य संघष तेज़ होने लगा और वष 1967 म िस ‘िस स डे वॉर’ (Six-DayWar) हुआ, िजसम इज़राइली सेना ने गोलन हाइट्स, िसनाई ाय ीप, वे ट बक तथा पवूी ये शलम कोभी अपने अिधकार े म कर िलया।इसके बाद अरब देश ने खातमू म आयोिजत बैठक म ‘तीन नकारा मक िस ांत’ (Three Nos)’ काताव पेश िकया िजसके अंतगत ‘इज़राइल के साथ कोई शांित नही,ं इज़राइल के साथ कोई वाता नहीं

    और इज़राइल को िकसी कार की मा यता नही’ं का ावधान था।हालाँिक इस िस ांत को दरिकनार करते हुए िम तथा जॉडन ने इज़राइल के साथ संबंध थािपतकर िलये।

    वष 2000 म दसूरा इंितफादा (Intifida) अथात सै य संघष हुआ, इसम इज़राइल और िफिल तीन केबीच िहंसा शु हो गई, िजसके बाद अरब जगत और इज़राइल के बीच संबंध और भी खराब हो गए।

    9/21

  • हालाँिक बीते कुछ वषो ंम अरब जगत और इज़राइल के संबंध म काफी हद तक सुधार िदखाई दे रहा है।इज़राइल के साथ संबंध थािपत करने म मु यतः वे देश शािमल ह, जो ईरान को एक बड़े खतरे के पम देखते ह।

    वष 2015 म संयु त अरब अमीरात (UAE) ने अब ूधाबी अंतरा टीय अ य ऊजा एजसी(International Renewable Energy Agency) म इज़राइल को शािमल होने की अनुमित दीथी।गाज़ा म हमास (Hamas) के भु व वाले े म संघष िवराम के िलये कतर ने इज़राइल केसाथ िमलकर काय िकया है।वष 2018 म इज़राइल के धानमं ी बजािमन नेत याह ूने ओमान की या ा की थी।

    अरबअरब जगतजगत औरऔर इज़राइलइज़राइल केके संबधंसंबधं काका मह वमह वअरब जगत के िलये

    इज़राइल के साथ संबंध थािपत करने वाले खाड़ी देश के िलये इज़राइल इस े म संयु तरा य अमेिरका की घटती भिूमका के िव एक बचाव की तरह है।साथ ही अरब जगत के देश के िलये इज़राइल, आधुिनक तकनीक के साथ आिथक तौर पर समृएक मह वपणू यापािरक भागीदार हो सकता है।

    इज़राइल के िलयेइज़राइल के िलये खाड़ी देश के साथ संबंध थािपत करना, इस े म अपने अलगाव को कमकरने का एक यास है। इसके अलावा इज़राइल अरब देश के साथ संबंध थािपत कर ‘अरबबनाम इज़राइल’ के यु को ‘अरब बनाम ईरान’ यु के प म पिरवितत करना चाहता है।

    भारतभारत कक भूिमकाभूिमकाहाल के वषो ंम भारत और खाड़ी देश के संबंध म बहुत सुधार देखने को िमला है, साथ ही इज़राइल केसाथ भी र ा सिहत कई अ य े म भारत ने बड़ी साझेदारी की है। खाड़ी े के देश, ऊजा (खिनज तेल) और वासी कामगार हेतु रोज़गार की दृि ट से भारत के िलयेबहुत ही मह वपणू ह। इस समझौते से े म ि थरता के यास को बल िमलेगा जो भारत के िलये एकसकारा मक संकेत है। इस समझौते से खाड़ी े के देश म भारत की राजनीितक पकड़ और अिधक मज़बतू होगी।

    आगेआगे कक राहराहमाना जा रहा है िक इस समझौते के कारण खाड़ी े के अ य देश भी संयु त अरब अमीरात और बहरीनका अनुसरण कर इज़राइल के साथ संबंध थािपत करने पर िवचार कर सकते ह। इस े म थायी शांित के िलये िशया और सु नी तथा फारिसय (Persian) एवं अरब के बीच संतुलनको बनाए रखना बहुत ही आव यक होगा।भारत को इस े के उभरते बाज़ार म अपने ह त ेप को बढ़ाने का यास करना चािहये।

    ोतोत: दद हदूहदू

    खाखा उपभोगउपभोग परपर रपोटरपोट: ड यूड यूएफड यूड यूएफ10/21

  • ि ल सि ल स केके लयेलये:व ड वाइ डलाइफ फंड, बडग कव: द र टोरिेटव पावर ऑफ ेनेट-बे ड डाइ सरपोट

    मे समे स केके लयेलये: खा उपभोग पटैन और पयावरणीय त

    चचाचचा मम यय ? 9 अ तबूर, 2020 को व ड वाइ डलाइफ फंड (World Wildlife Fund) ारा ‘बिडंग कव: द िर टोरेिटव पावरऑफ लेनेट-बे ड डाइट्स’ (Bending the Curve: The Restorative Power of Planet-Based Diets)नामक िरपोट कािशत की गई।

    रपोटरपोट सव णसव ण: इस िरपोट म 147 देश और 6 े म खा उपभोग के पैटन और 75 देश के रा टीय दैिनक आहारिदशा-िनदश (National Dietary Guidelines- NDGs) का िव तृत िव लेषण तुत िकया गया है।इसम येक देश और े के िलये िविभ न पयावरणीय एवं वा य संकेतक पर आहार के भाव कामू यांकन िकया गया।

    मुखमुख बदुबद:ुिव व म खा उपभोग के पैटन यापक प से िभ न होते ह और इनम बड़े पैमाने पर असमानता पाईजाती है।

    सबसे अमीर एवं सबसे गरीब देश म िविभ न खा उपभोग पैटन देखे जाते ह। जैसे- यरूोपीयदेश (1,800 गाम/िदन) म अ ीकी देश (1,200 गाम/िदन) की तुलना म ितिदन लगभग 600गाम अिधक भोजन गहण िकया जाता है। हालाँिक अ पपोषण और मोटापा लगभग सभी देश को भािवत करता है। अ य देश की तुलनाम सबसे गरीब देश म कम वजन वाले लोग की दर 10 गुना अिधक है। जबिक सबसे अमीर देश म अिधक वजन/मोटापे से ग त लोग की दर 5 गुना तक अिधक है।

    मुखमुख चताएँचताएँ:कम एवं म यम आय वाले देश म समय से पहले मृ यु (Premature Deaths) का कारण अ वा यकरआहार, यनूतम उपभोग के साथ-साथ अिधकतम उपभोग है।भारत को खा म होने वाले पिरवतन का पता लगाने म अितिर त सावधानी बरतने की आव यकता हैय िक ‘हेि थयर एंड लैनेट- डली डाईट’ (Healthier and Planet-Friendly Diet) म बदलावऔर बड़े पैमाने पर उपभोग म हुई वृि के कारण जैव िविवधता म कमी देखी जा रही है।

    देश को अपनी पोषण संबंधी आव यकताओं को परूा करने के िलये फल , सि जय और डेयरीउ पाद की खपत बढ़ानी होगी।

    सुझावसुझाव: 11/21

  • इस े म संतुलन बनाने की आव यकता है िक देश अपने भोजन के साथ-साथ लांट -बे ड डाईट(Plant-based Diet) की ओर िश ट हो जाएँ, जो समय की आव यकता है।

    हालाँिक आहार म यह पिरवतन िविभ न देश को अलग-अलग तरह से भािवत करेगा। कुछ देश को पशु- ोत खा पदाथो ं(Animal-source Foods) की अपनी खपत को कमकरने की आव यकता होगी, तो दसूरी ओर कुछ देश को उ ह बढ़ाने की आव यकता होसकती है।

    आहार को लेकर यह थाना तरण न केवल िकसी भी भोजन के अिधक उपभोग को रोककर मानव वा यम सुधार करेगा बि क अब तक हुई जैिवक ित को भी सकारा मक प से पिरवितत कर देगा औरपयावरणीय वा य म सुधार करेगा।

    अिधक लांट-बे ड आहार म बदलाव से काबन उ सजन म 30%, व यजीव की हािन म 46%,कृिष भिूम के उपयोग म 41% और अकाल मृ यु म 20% की कमी आएगी।

    एक संधारणीय पयावरण एवं मानव वा य जीवन शैली म बदलाव ारा ा त िकया जा सकता है िजसमिन निलिखत खा पदाथ शािमल ह:

    अिधक धारणीय आहार अिधक लांट-बे ड फूड और कम एिनमल-बे ड फूड व थ एवं थानीय प से िवकिसत और यनूतम संसािधत आहारआहार म एका मकता के बजाय अिधक िविवधता

    भारत सिहत िव व के अनेक देश को केवल घरेल ूउ पादन पर िनभर नही ंहोना चािहये। जैव िविवधता संप न देश को अिधक उपज एवं कम जैव िविवधता वाले रा ट से भोजन आयात करनाचािहये।

    ैनेटैनेट-बे डबे ड डाई सडाई स इ पै टइ पै ट एंडएंड ए शनए शन कैलकुलेटरकैलकुलेटर

    (Planet-Based Diets Impact and Action Calculator):

    WWF ने एक नया लेटफॉम लॉ च िकया है िजसे ‘ लैनेट-बे ड डाइट्स इ पै ट एंड ए शन कैलकुलेटर’(Planet-Based Diets Impact and Action Calculator) के नाम से जाना जाता है।

    इससे कोई भी अपने उपभोग की गणना कर सकता है और पयावरण पर उनके आहार से होने वालेभाव का पता लगा सकता है।

    यह लेटफॉम रा टीय तर के भाव को भी दशाता है। यह दुिनया म कही ंभी रहने वाले लोग को यह पता लगाने म मदद करेगा िक या उनका आहार उनकेसाथ-साथ उनके पयावरण के िलये भी अ छा है।

    ोतोत: डाउनडाउन टूटू अथअथ

    आधुिनकआधुिनक दासतादासता परपर संयुसंयु रारा कक रपोटरपोट

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  • ि ल सि ल स केके लयेलये:आधुिनक दासता, देवदासी था

    मे समे स केके लयेलये: मिहला सश करण से संबंधत मु े और सरकार केयास

    चचाचचा मम यय ?हाल ही म संयु त रा ट ारा जारी एक िरपोट के अनुसार, वतमान म िव व म लगभग 29 िमिलयन मिहलाएँआधुिनक दासता (Modern Slavery) की िशकार ह।

    मुखमुख बदुबद:ु‘ टै ड ऑड्स’ (Stacked Odds) शीषक से कािशत इस िरपोट के अनुसार, वैि वक तर पर 130 म 1मिहला आधुिनक दासता की िशकार है। मानव इितहास म िकसी अ य समय की तुलना म वतमान म सबसे अिधक लोग िकसी-न-िकसी कार कीदासता के िशकार ह।िरपोट के अनुसार, यौन शोषण के सभी पीिड़त म से 99% मिहलाएँ ह, इसी कार ज़बरन िववाह औरबंधुआ मज़दरूी के पीिड़त म मशः 84% व 58% मिहलाएँ ही ह ।

    आधुिनकआधुिनक दासतादासता (Modern Slavery): आधुिनक दासता का आशय िकसी यि त की वतं ता को यवि थत प से हटाने की उस ि या से है,जहाँ एक यि त ारा अपने यि तगत या िव ीय लाभ के िलये िकसी दसूरे यि त का शोषण िकयाजाता है।

    COVID-19 औरऔर आधुिनकआधुिनक दासतादासता:COVID-19 महामारी ने िव व भर म सबसे कमज़ोर वग के लोग को आधुिनक दासता की था की तरफऔर अिधक धकेल िदया है। COVID-19 महामारी के दौरान िव व भर म ज़बरन और बाल िववाह के मामल के साथ िमक केशोषण के मामल म भारी वृि देखने को िमली है।

    भारतभारत कक थतथत:

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    https://www.drishtiias.com/hindi/mains-practice-question/question-550https://www.drishtiias.com/estore/study-material/state-pcs-study-materials-hindi/cgpsc-csat-prelims-hindi

  • इस िरपोट म भारत म आधुिनक दासता के मामल म वृि के िलये जाितगत भेदभाव को एक मुखकारण बताया गया है।इसके साथ ही िरपोट म भारत को वष 2019 म लड़क के ज म के ित सबसे अिधक पवूागह वाले िव वके शीष 10 देश म 5व थान पर रखा गया था।िरपोट के अनुसार, िलंगानुपात म अ ाकृितक िवकृित के कारण भारत और चीन म िववाह के िलये लड़िकयकी त करी के मामले देखने को िमले ह।इस िरपोट म भारत के कुछ िह स म चिलत देवदासी था पर िचंता य त की गई है, िरपोट के अनुसार,इस था म शािमल 98% लड़िकयाँ घरेल ूिहंसा और लगभग 92% लड़िकयाँ बाल मज़दरूी की िशकाररही ह।िरपोट के अनुसार, असम के चाय बागान और दि ण भारत के कताई कारखान म लड़िकय के बंधुआमज़दरू के प म काय करने के मामले सामने आए ह।

    समाधानसमाधान : िरपोट के अनुसार, मिहलाओं और लड़िकयो ंके बीच आधुिनक दासता के खतरो ंको कम करने के िलये मु यप से िन निलिखत तीन बातो ंपर यान िदया जाना चािहये।

    1. मिहलाओं की िश ा तक पहँुच म सुधार।2. लड़िकय को आिथक और यावसाियक अवसर दान करना।3. िलंग-प पात से जुड़े नज़िरये को बदलने के िलये समुदाय के साथ काय करना।

    भारतभारत सरकारसरकार केके यासयास: कद सरकार ारा देश म क या भणू ह या के मामल को रोकने, लड़िकय को गुणव ापणू िश ा उपल धकराने के िलये ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ काय म की शु आत की गई है।इसके साथ ही मिहलाओं को य बिकंग णाली से जोड़ने म ‘ धानमं ी जन धन योजना’ की भिूमकाभी मह वपणू रही है।काय थल पर मिहलाओं के शोषण को रोकने के िलये िवशाखा िदशा-िनदश (Vishaka Guidelines) केसाथ ही कई अ य मह वपणू यास िकये गए ह।बचच् को यौन अपराध से सुर ा दान करने के िलये वष 2019 म कद सरकार ारा 'बाल यौन अपराधसंर ण काननू 2012' (पोक्सो) म आव यक संशोधन को मंज़रूी दी गई है।COVID महामारी के दौरान मिहलाओं की सुर ा और क याण सुिनि चत करने के िलये िचिक सा,मनोवै ािनक, काननूी, पुिलस और आ य सुिवधाएँ दान करने वाले वन टॉप सटर जैसे कई उपायिकये गए।

    अ यअ य वै कवै क यासयास:‘वॅाक ी’ और संयु त रा ट के ‘एवरी वुमन एवरी चाइ ड’ ारा आधुिनक दासता को समा त करने केिलये एक वैि वक काय म की शु आत की जा रही है।

    यह अिभयान बाल िववाह और ज़बरन िववाह की था को समा त करने की मांग करता है,गौरतलब है िक वतमान म िव व के 136 देश म इस था को गैर-काननूी घोिषत नही ंिकया गयाहै।साथ ही यह शोषण की ‘कफाला’ जैसी काननूी णािलय के उ मलून की मांग करता है।

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    https://www.drishtiias.com/hindi/daily-updates/daily-news-analysis/devadasi-custom-still-prevalenthttps://www.drishtiias.com/hindi/mains-practice-question/question-584https://www.drishtiias.com/hindi/daily-updates/daily-news-analysis/law-against-sexual-harassment-at-workhttps://www.drishtiias.com/hindi/daily-updates/daily-news-analysis/stringent-punishment-for-sexual-crimes-against-childrenhttps://www.drishtiias.com/hindi/printpdf/prelims-facts-27-04-2019#3

  • ोतोत: टाइ सटाइ स ऑफऑफ इंडयाइंडया

    भारतभारत मम कककक कक जातयाँजातयाँ

    ि ल सि ल स केके लयेलये:कक क जातयाँ,भारतीय ाणी िव ान सव ण, जवै-भौगो लके

    मे समे स केके लयेलये:जवै-भौगो लक े

    चचाचचा मम यय ?हाल ही म 'भारतीय ाणी िव ान सव ण' (Zoological Survey of India-ZSI) ारा भारत म ि कंक कीजाितय के िवतरण पर ‘ि कंक इन इंिडया’ नामक पु तक जारी की गई।

    मुखमुख बदुबद:ुयह पु तक भारत के सभी 11 ‘जैव-भौगोिलक े ’ (Bio-geographic Zone) म ि लं स कीजाितय के िवतरण का एक जाितवृ ीय (Phylogenetic) और जैव-भौगोिलक िव लेषण तुतकरती है।पु तक म ि लं स की जाितय पर िबिटश युग से लेकर वतमान तक के ऐितहािसक अ ययन परिव तृत िववरण तुत िकया गया है।

    कककक (Skinks) जातयाँजातयाँ:

    पिरवार: ि कनकेड, फाइलम: कॉडटा, म: वामाटा, वग: रेि टिलया।यह छोटे या अनुपि थत अंग के साथ िचकना शरीर वाली िछपकली है।इसकी जाितयाँ आमतौर पर रेतीले मैदान , उ णकिटबंधीय और समशीतो ण े म पाई जाती ह।ि कंक अ यिधक सतक, फुतीली जाित है जो िविभ न कार के कीड़ और छोटे अकशे की जीव कोभोजन के प म ा त करने के िलये तेज़ी से आगे ह।

    सपसप सेसे भ ताभ ता :15/21

    https://www.drishtiias.com/hindi/printpdf/dna-forensics-a-vital-tool-in-cracking-wildlife-crimeshttps://www.drishtiias.com/hindi/images/uploads/1603101139_Skinks.jpg

  • ि कंक जाितय म कम अंग या परूी तरह से अंग का अभाव पाया जाता है, अत: ये सपो ंके समानरगकर चलती ह।सपो ंसे िमलती-जुलती चाल के कारण लोग की इसके ित गलत धारणा है िक ये िवषैले होते ह। इसीकारण इन ािणय म से कई को लोग ारा मार िदया जाता है।

    भारतभारत मम क सक स जातयाँजातयाँ:

    िव व भर म ि कं स की 1,602 जाितयाँ पाई जाती ह िजनम से 4% से भी कम जाितयाँ भारत म पाईजाती ह।भारत म ि कं स की 62 जाितयाँ पाई जाती ह िजनम से 57% (33 जाितयाँ) थािनक ह।पि चमी घाट म ि कं स की कुल 24 जाितयाँ पाई जाती ह, िजनम से 18 जाितयाँ थािनक ह।द कन ाय ीपीय े म कुल 19 जाितयाँ पाई जाती ह, िजनम से 13 थािनक ह।उ र-पवू म ि कंक की कुल 14 कंकाल जाितय को िरकॉड िकया गया ह िजनम से दो जाितयाँ थािनकह।

    क सक स केके जेनेराजेनेरा:भारत म पाए जाने वाले ि कं स के 16 जेनेरा म से चार जेनेरा थािनक ह।

    जेनेरा, समान ल ण वाले पशुओं, पौध आिद का वग होता है, जो पिरवार (Family) से छोटाऔर जाित (Species) से बड़ा होता है।

    िस सोिफस (एक जाित के साथ) और बरकुिड़या (दो जाितय के साथ) पवूी तट की पहािड़य औरतटीय मैदान म पाए जाने वाले जेनेरा ह।ओिडशा के िच का झील म बरकुड ीप (Barkud Island) म बरकूिडया इंसुिलिरस जेनेरा पाया जाता है।कै टिलया (Kaestlea) जेनेरा की पाँच जाितयाँ पि चमी घाट और िर टेला की चार जाितयाँ पि चमीघाट के दि णी भाग म थािनक ह।

    मह वमह व:ि कं स की जाितय के वगीकरण के दृि टकोण से पु तक का काशन मह वपणू है और पु तक काकाशन कृित के ित उ साही लोग के बीच िच पैदा करेगी।

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    https://www.drishtiias.com/hindi/images/uploads/1603101252_skink-species-distribution.jpg

  • ि कं स की जाितय के बारे म लोग को सटीक जानकारी दान करने से इन जाितय के बारे म गलतधारणाओं को दरू करने म मदद िमलेगी।

    ोतोत: दद हदूहदू

    बोडोलडबोडोलड रा यरा य आंदोलनआंदोलन

    ि ल सि ल स केके लयेलये:ऑल इंडया बोडो पीपु स नेशनल लीग फॉर बोडोलड टेटहुड, बोडोलड टे रटो रयल काउं■सल

    मे समे स केके लयेलये: बोडोलड रा य आंदोलन क पृ भूिम, कारण एवं इस सम या के समाधान के लये सरकार ारा िकये गएयास

    चचाचचा मम यय ?हाल ही म एक नए संगठन ‘ऑल इंिडया बोडो पीपु स नेशनल लीग फॉर बोडोलड टेटहुड’(All India BodoPeople’s National League for Bodoland Statehood) ारा ‘बोडोलड टेिरटोिरयल काउिंसल’ (BodolandTerritorial Council-BTC) के चुनाव से पहले ‘बोडोलड रा य आंदोलन’ (Bodoland StatehoodMovement) की शु आत/पुन ार( Revival ) करने की घोषणा की गई है।

    मुखमुख बदुबद:ु बोडोज़ के बारे म: यह असम म अिधसिूचत अनुसिूचत जनजाितय का सबसे बड़ा समुदाय है। बोडो-कचारी समहू (Larger Umbrella of Bodo-Kachari) के प म असम की कुल आबादी म बोडोसमुदाय की लगभग 5-6% जनसं या िनवास करती है।

    बोडोबोडो रा यरा य आंदोलनआंदोलन केके बारेबारे मम:

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    https://www.drishtiias.com/hindi/images/uploads/1603103206_Bodoland-Territorial-Region.jpg

  • वष 1967-68: बोडो रा य के िलये सव थम संगिठत मांग असम के राजनीितक दल ‘मैदानी आिदवासीपिरषद’( Plains Tribals Council of Assam) ारा की गई।वष 1986: ‘सश समहू बोडो िस योिरटी फोस’(The armed group Bodo Security Force) काउदय हुआ, िजसने बाद म वयं को ‘नेशनल डेमो े िटक ं ट ऑफ बोडोलड’ (National DemocraticFront of Bodoland-NDFB) म त दील कर िलया। इस संगठन को हमल , ह याओं एवं लोग सेज़बरन वसलूी म शािमल माना जाता है। बाद म इस गुट का िवभाजन हो गया।वष 1987: ‘ऑल बोडो टूडट्स यिूनयन’ (All Bodo Students Union -ABSU) ारा बोडो रा य कीमांग िफर से उठाई गई।

    असम आंदोलन (1979-85) िजसकी पिरणित ‘असम समझौते’ के प म हुई, ने ‘असिमया लोगो’ं(Assamese People) के िलये सुर ा एवं सुर ा उपाय की मांग को संबोिधत िकया तथा इसनेबोडो समुदाय को उनकी पहचान की र ा के िलये एक आंदोलन शु करने म मह वपणू भिूमकाअदा की।

    1990 का दशक: भारतीय सुर ा बलो ं(Indian security forces) ारा NDFB के िव यापक तरपर अिभयान चलाया गया, इसने बाद म भटूान की सीमा पर पलायन कर िलया।

    2000 के ारंिभक दशक म NDFB को भटूान म भारतीय सेना (Indian Army) और रॉयलभटूान सेना (Royal Bhutan Army) ारा चलाए गए कठोर आतंकवाद िवरोधी अिभयान कासामना करना पड़ा।

    सरकारीसरकारी ह त ेपह त ेप:वष 1993 का बोडो समझौता/अकॉड : वष 1987 के ABSU के नेतृ व वाले आंदोलन का समापन वष1993 के बोडो समझौते ारा हुआ , िजसने ‘बोडोलड वाय पिरषद’ (Bodoland AutonomousCounciI-BAC) का माग श त िकया, लेिकन ABSU ारा वयं को इस समझौते से बाहर करते हुएिफर से एक अलग रा य की मांग की गई।वष 2003 का बोडो समझौता/अकॉड: 2003 म दसूरा बोडो समझौता चरमपंथी समहू ‘बोडो िलबरेशनटाइगर फोस’ (Bodo Liberation Tiger Force- BLTF) एवं कद तथा रा य सरकार के म य संप नहुआ िजसे ‘बोडोलड टेिरटोिरयल काउिंसल’ (Bodoland Territorial Council- BTC) ारा लाग ूिकयागया।

    BTC संिवधान की छठी अनुसचूी के तहत एक वाय िनकाय है।BTC के अंतगत आए े को ‘बोडो ादेिशक वाय िज़ला’ (Bodo TerritorialAutonomous District- BTAD) कहा जाता है।

    वष 2020 का समझौता: कद सरकार ारा बोडो मु े के ‘ थायी’ समाधान के िलये रा य सरकार औरिविभ न बोडो समहू सिहत नेशनल डेमो े िटक ं ट ऑफ बोडोलड (NDFB) के चार गुट के साथ एकि प ीय समझौते पर ह ता र िकये गए िजसके कुछ मु य ावधान इस कार ह:

    यह समझौता ‘BTAD के े म पिरवतन’ (Alteration of Area of BTAD) एवं ‘BTAD केबाहर बोडो के िलये ावधान’ (Provisions for Bodos Outside BTAD) दान करता है।BTAD का नाम बदलकर ‘बोडोलड टेिरटोिरयल रीजन’ (Bodoland Territorial Region-BTR)कर िदया गया।यह BTC के िलये अिधक िवधायी, कायकारी, शासिनक और िव ीय शि तय का ावधानकरता है।NDFB के आ मसमपण कर चुके आतंकवािदय के पुनवास की यव था करना तथा े केिवकास के िलये 1500 करोड़ पए के एक िवशेष िवकास पैकेज का ावधान।

    18/21

    https://www.drishtiias.com/hindi/daily-updates/daily-news-analysis/cabinet-approves-high-level-panel-to-implement-assam-accordhttps://www.drishtiias.com/hindi/loksabha-rajyasabha-discussions/inner-line-permit-2#:~:text=

  • वतमानवतमान बोडोलडबोडोलड रा यरा य आंदोलनआंदोलन काका पुन ारपुन ार:नए संगठन के अनुसार, नया समझौता (2020) बोडो लोग के साथ एक िव वासघात है। यह समझौतावतमान म BTC के तहत िनधािरत े को कम करता है।

    यह समझौता 50% से अिधक गैर-बोडो लोग को BTR गावँो ंसे बाहर करने का ावधानकरता है एवं वष 2003 के समझौते के बाद BTC मानिच से बाहर हुए 50% से अिधक बोडोगाँव के लोग को शािमल करता है।

    आगेआगे कक राहराह:इस समझौते म शािमल ह ता रक ाओं पर दबाव होगा िक वे समझौते के सफल काया वयन कोसुिनि चत करने के िलये कोई रा ता िनकाल िजसके िलये ासंिगक संगठन के समथन की आव यकताहोगी।इसके अलावा गैर-बोडो समुदाय जैसे- कोच-राजबंगिशय , आिदवािसय तथा धािमक एवं भाषायीअ पसं यक ारा नवीनतम समझौते के िवरोध ने आशंकाओं को ज म िदया है। अगर समय रहते उनकीिशकायत का समाधान नही ंिकया जाता है, तो असम म नृजातीय समहू म िवभेदीकरण की सम या औरगंभीर हो जाएगी। इस कार इस समझौते की सफलता BTR म पावर-शेयिरंग यव था का काय करनेवाले िहतधारक म िनिहत होगी िज ह ‘आिधप य पर िवशेषािधकार’ (Privileges Equity overHegemony) ा त है ।असम के बोडो हाटलड (Bodo Heartland) े म शांित तब तक बनी रहेगी जब तक िक सभी साझासमावेशी शि तयाँ एवं शासन मॉडल, छठी अनुसचूी के ावधान के तहत िवकिसत नही ंहो जाते ह।

    ोतोत: दद हदूहदू

    COVID-19 सं मणसं मण केके चरमचरम बदुबद ुकक समािसमाि

    ि ल सि ल स केके लयेलये:िवभागीय सिमतयाँ

    मे समे स केके लयेलये:िवभ संसदीय सिमतयाँ तथा उनक आव यकता, COVID-19 सं मण तथाभारत

    चचाचचा मम यय ?िव ान और ौ ोिगकी िवभाग की एक सिमित ारा िकये गए "COVID-19 इंिडया नेशनल सुपरमॉडल"(COVID-19 India National Supermodel) नामक अ ययन के अनुसार, भारत म COVID-19 महामारीिसतंबर माह म सं मण के चरम िबंदु को पार कर गई है और यिद वतमान झान जारी रहता है, तो फरवरी तक" यनूतम मामले" ह गे।

    मुखमुख बदुबद:ु19/21

  • COVID-19 महामारी के भिव य को लेकर गिठत सात सद यीय िवशेष सिमित ारा िकये गए अ ययनके आधार पर कुछ िन कष तुत िकये गए ह।"COVID-19 इंिडया नेशनल सुपरमॉडल" नामक मॉडिलंग अ ययन, सिमित ारा गिणत औरमहामारी िव ािनय के िव लेषण के पिरणाम के आधार पर िकया गया है।भारत और अंतरा टीय तर के िविभ न समहू ारा महामारी के कई गिणतीय मॉडल-आधािरत अनुमानलगाए गए ह।

    अ ययनअ ययन केके िन कषिन कष:

    अ ययन के अनुसार, भारत म अगले वष की शु आत तक 106 लाख सं िमत के ठीक होने की उ मीद हैऔर िदसंबर म 50,000 से कम सि य मामले होने की उ मीद है।भारतीय आयुिव ान अनुसंधान पिरषद (Indian Council of Medical Research- ICMR) ने अग तम अपने नवीनतम सीरो-सव ण म अनुमान लगाया था िक भारत म लगभग 7% वय क आबादी वायरससे सं िमत है।सिमित के अनुसार, कई शहर म छोटे तर पर िकये गए सीरो सव ण के अनुसार, आबादी म 22 से30% के बीच एंटीबॉडी सार िदखा।सिमित के अनुसार, अग त म लगभग 14% आबादी के सं िमत होने की संभावना थी।सिमित के अनुसार, COVID-19 महामारी िसतंबर माह म सं मण के चरम िबंदु को पार कर गई है लेिकनयह िन नगामी वृि केवल तभी जारी रहेगी जब हम सुर ा मक उपाय का योग करते रहगे।भारत म पहले से ही सं मण के चरम िबंदु को पार कर जाने का एक संभािवत कारण वायरस के ितअलग-अलग लोग की बदलती संवेदनशीलता हो सकती है।वायरस से सं िमत कुछ लोग बीमारी िवकिसत करते ह और कुछ लोग केवल एंटीबॉडी िवकिसत करतेह। सिमित के अनुसार, ‘हड इ यिूनटी’ िवकिसत करने के िलये 60 -70% आबादी को सं िमत होने कीआव यकता होगी।अगर भारत म कोई लॉकडाउन लाग ूनही ंहोता तो जनू तक 40-147 लाख तक सि य सं मण के मामलेदेखे जाते और 1 अ ैल या मई से शु होने वाले लॉकडाउन म जुलाई तक 30-40 लाख सं मण केमामल का चरम िबंदु देखा जाता।यापक लॉकडाउन के साथ िविभ न सुर ा ोटोकॉल जैसे- मा क पहनना, सामािजक दरूी को एक साथलाग ूकरना आिद ने भारत को कई अ य देश की तुलना म बेहतर ि थित म पहँुचाया है।

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  • मौजदूा यि तगत सुर ा ोटोकॉल को पणू प से जारी रखने की आव यकता है। अ यथा सं मण मतेज़ी से वृि देखने को िमलेगी। िवशेष प से बंद थान म भीड़भाड़ से बचना, ब च तथा 65 वष सेऊपर के वृ यि तय की िवशेष देखभाल और इससे भी अिधक मह वपणू सह- णता वाले यि तयको अितिर त सतक रहने की आव यकता है।

    ोतोत-दद हदूहदू

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    डेली न्यूज़ (19 Oct, 2020)पर्ल रिवर एश्चुरी में डॉल्फिनप्रिलिम्स के लिये:मेन्स के लिये:चर्चा में क्यों?प्रमुख बिंदु:इकोलोकेशन (Echolocation):स्रोत: डाउन टू अर्थ

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