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संसदय समाचार -...

Date post: 01-Jan-2020
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राय सभा ससदीय समाचार भाग - 2 .48245-48251] सोमवार, 28 फरवरी 2011 .48245 विधायी अनुभाग अननयत नदन वाले ताव सूची सया 3 नयम 170 के अधीन राय सभा सदय ी राजकु मार धूत के नाम से गृहीत ताव ी राजकुमार धूत ारा: 3. "यह सभा सरकार से आह करती है क वह भारत के सं कवधान के अनुछेद 44 के उपबंध के अनुसार तथा इस मामले पर भारत के उचतम यायालय की हाल ही की समुततय के आलोक म आम नागकरक संकहता लागू करे।" 4. "यह सभा सरकार से आह करती है क वह कबना कोई समय नट कए पूरे देश म गौ-हया पर कतबंध लगाए।" 5. "इस सभा का यह मत है क सभी अंत:-रायीय नकदय का रारीयकरण कया जाए ताक संबंकधत राय के बीच जल का यायोकचत कवतरण सुकनचचत ककया जा सके।" 6. "इस तय को यान म रखते हुए क देश म लाख आवासी बांलादेशी अवैध तरीके से देश म वेश कर गए ह और देश के कवकभन भाग म बस गए ह और जघय अपराध सकहत कवकभन अपराध म संकलत ह तथा हमारे देश से कमव संबंध नह रखने वाले देश के कलए जासूसी कर रहे ह, यह सभा सरकार से आह करती है क ऐसे अवैध आवाकसय की
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  • राज्य सभा

    संसदीय समाचार भाग - 2

    सं.48245-48251] सोमवार, 28 फरवरी 2011

    सं.48245 विधायी अनुभाग अननयत नदन वाले प्रस्ताव

    सूची संख्या 3 ननयम 170 के अधीन राज्य सभा सदस्य श्री राजकुमार धूत के नाम

    से गृहीत प्रस्ताव

    श्री राजकुमार धूत द्वारा:

    3. "यह सभा सरकार से आग्रह करती है कक वह भारत के संकवधान के अनुच्छेद 44 के उपबंधों के अनुसार तथा इस मामले पर भारत के उच्चतम न्यायालय की हाल ही की समुक्ततयों के आलोक में आम नागकरक संकहता लागू करे।"

    4. "यह सभा सरकार से आग्रह करती है कक वह कबना कोई समय नष्ट ककए पूरे देश में गौ-हत्या पर प्रकतबंध लगाए।"

    5. "इस सभा का यह मत है कक सभी अंत:-राज्यीय नकदयों का राष्रीयकरण ककया जाए ताकक संबंकधत राज्यों के बीच जल का न्यायोकचत कवतरण सुकनक्चचत ककया जा सके।"

    6. "इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कक देश में लाखों आप्रवासी बागं्लादेशी अवैध तरीके से देश में प्रवेश कर गए हैं और देश के कवकभन्न भागों में बस गए हैं और जघन्य अपराध सकहत कवकभन्न अपराधों में संकलप्त हैं तथा हमारे देश से कमत्रवत् संबंध नहीं रखने वाले देशों के कलए जासूसी कर रहे हैं, यह सभा सरकार से आग्रह करती है कक ऐसे अवैध आप्रवाकसयों की

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    पहचान के कलए प्राथकमकता के आधार पर पूरे देश में एक सामूकहक अकभयान चलाये तथा उन्हें देश से बाहर कनकाले।"

    7. "इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कक देश में हजारों कवदेशी नागकरक, कवशेषकर पाककस्तानी नागकरक जो वीजा की अवकध समाप्त हो जाने पर भी देश में ठहरे हुए हैं और पाककस्तान की आई. एस. आई. तथा कवकभन्न आतंकवादी समूहों के कलए कायय करते हुए भारत-कवरोधी गकतकवकधयों में शाकमल हैं, यह सभा सरकार से अनुरोध करती है कक वह देश में कनधाकरत अवकध से अकधक समय से रह रहे कवदेशी नागकरकों का पता लगाने के कलए एक गंभीर अकभयान चलाए और उनके कवरूद्ध उकचत कारयवाई करते हुए प्राथकमकता के आधार पर उन्हें उनके देश वापस भेजे।"

    8. "इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कक देश में, कवशेषकर राष्रीय राजधानी के्षत्र में युवकतयों और मकहलाओं के साथ बलात्कार के मामलों में लगातार वृकद्ध हो रही है कजससे उन बेकसूर युवकतयों और मकहलाओं का जीवन बबाद हो जाता है, यह सभा सरकार से आग्रह करती है कक वह भारतीय दंड संकहता में समुकचत संशोधन कर बलात्काकरयों के कलए मृत्युदंड का उपबंध करे।"

    9. "यह सभा सरकार से आग्रह करती है कक वह केन्रीय सरकार के कवकभन्न मंत्रालयों और कवभागों में लाखों करतत पड़े पदों पर भती करे ताकक देश के युवाओं में बढ़ रही बेरोजगारी और असंतोष को रोका जा सके।"

    10. "इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कक देश के कवकभन्न भागों, कवशेषकर महाराष्र, आंध्र प्रदेश, कनाटक, तकमलनाडु, पंजाब आकद में उनकी फसलों के कनरंतर खराब होने तथा बैंकों, कारपोरेट्स, महाजनों आकद से कलए गए ऋणों का भुगतान करने में असमथयता की वजह से बड़ी संख्या में ककसानों ने आत्महत्या की है, यह सभा सरकार से आग्रह करती है कक वह देश में ककसानों के समक्ष उत्पन्न समस्याओं को दूर करने पर ध्यान दे तथा उनके कलए एक अन्य कवशेष पैकेज घोकषत करे ताकक वे आत्महत्या न करें, बक्कक जीवन को खुशीपूवयक जी सकें ।"

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    11. "इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कक सरकार की अकधप्राक्प्त नीकत पूरी तरह से कवफल हो गई है कजससे बड़े पैमाने पर ककसानों का शोषण हो रहा है और इससे कृषक समुदाय मे भारी असंतोष व्याप्त है, यह सभा सरकार से आग्रह करती है कक वह अपनी अकधप्राक्प्त नीकत की समीक्षा करे और ककसानों के समग्र कहत में इसकी खाकमयों को दूर करे।"

    12. "इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कक प्राकृकतक आपदाओं, चाहे वह सूखा हो या बाढ़, ओलावृक्ष्ट, चक्रवात, सुनामी आकद से ककसान सबसे अकधक प्रभाकवत होते हैं, कजन्हें इनके कारण फसल, पशुधन आकद का नुकसान होता है और भारी नुकसान होने के कारण ये कजय के बोझ तले दब जाते हैं, यह सभा सरकार से अनुरोध करती है कक वह ककसानों के कहत में एक दीघयकाकलक नीकत तैयार करे और उसे कायाक्न्वत करे ताकक जब कभी प्राकृकतक आपदा आए, तो ककसान इससे कम से कम प्रभाकवत हों।"

    13. "यह सभा सरकार से आग्रह करती है कक वह ककसानों के ककयाण के कलए देश में ककसान वृद्धावस्था पेंशन योजना को लागू एव ंकायाक्न्वत करे ताकक तत्काल प्रभाव से एक हजार रुपए माकसक पेंशन की व्यवस्था हो सके।"

    14. "सभा का यह मत है कक भारत के संकवधान में संशोधन करके कायय के अकधकार को मौकलक अकधकार बनाया जाए।"

    15. "यह सभा सरकार से आग्रह करती है कक वह देश के बेरोजगार युवकों को रोजगार कमलने तक उन्हें तत्काल प्रभाव से बेरोजगारी भते्त का भगुतान करे।"

    16. "सभा का यह मत है कक भारत के संकवधान में संशोधन करके आवास के अकधकार को मौकलक अकधकार बनाया जाए ।"

    17. "इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कक जब कभी ककसान ककसी कजन्स चाहे वे अनाज हों, सक्जजया ं हों, गन्ना हों, कपास हो, मसाले आकद हों, की अत्यकधक पैदावार करते हैं तो ऐसे कजन्सों की कीमतें बाजार में काफी कम हो जाती हैं कजससे ककसान अपने उत्पादों को औने-पौने दाम पर बेचने

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    को मजबूर हो जाते हैं और उनकी सभी आशाएं धूकमल हो जाती हैं परन्तु केन्र सरकार तब तक हस्तके्षप नहीं करती है जब तक कक संबंकधत राज्यों से अनुरोध प्राप्त नहीं हो जाता है, यह सभा सरकार से आग्रह करती है कक वह संबंकधत राज्यों से औपचाकरक अनुरोध की प्रतीक्षा ककए कबना अकनवायय रूप से बाजार में हस्तके्षप करे जब कभी अत्यकधक पैदावार होती है ।"

    18. "इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कक हाल में वकरष्ठ नागकरक अपराकधयों से असुरकक्षत हो गए हैं जो वकरष्ठ नागकरकों को लटूने के कलए कनशाना बना रहे हैं और इस प्रकक्रया में देश के कवकभन्न भागों कवशेषकर राष्रीय राजधानी के्षत्र में असहाय वकरष्ठ नागकरकों को गंभीर रूप से घायल कर रहे हैं अथवा उनकी हत्या भी कर दे रहे हैं और पुकलस उदासीनता के कारण वकरष्ठ नागकरकों के कवरूद्ध अपराधों को कनयंकत्रत करने में असमथय है, यह सभा सरकार से आग्रह करती है कक वह वकरष्ठ नागकरकों के कलए अचूक सुरक्षा व्यवस्था करे ताकक वे अपने जीवन के अंकतम चरण में शाकंतपूवयक जीवन कर सके।"

    19. "यह सभा राष्रीय राजधानी के्षत्र और देश के अन्य भागों में ससथेकटक दूध और दूध उत्पादों के व्यापक कवकनमाण और कबक्री पर अपनी गहरी वेदना और गंभीर कचन्ता व्यतत करती है कजससे अनकभज्ञ उपभोतताओं कवशेषकर कनदोष बच्चों की कजन्दगी खतरे में है, यह सभा सरकार से आग्रह करती है कक वह उनके कलए, जो अनकभज्ञ जनता को जहर बेचकर पैसा बना रहे हैं, मृत्यु दंड सकहत सख्त सजा का प्रावधान करे और उनके कवरूद्ध सख्त कारयवाई करे कजन पर अवैध एवं खतरनाक व्यापार को रोकने की कजम्मेदारी है।"

    20. "यह सभा बेईमान और लालची लोगों द्वारा देश के कवभन्न भागों में जीवन रक्षक दवाओं सकहत नकली दवाओं के व्यापक पैमाने पर कवकनमाण और कबक्री कजससे लाखों प्रभाकवत लोगों के स्वास्थ्य और जीवन को खतरा हो रहा है, पर अपनी गंभीर कचन्ता व्यतत करती है। यह सभा सरकार से आग्रह करती है कक वह दोषी व्यक्ततयों के कवरूद्ध सख्त कारयवाई करे और

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    इस खतरे को रोकने हेतु मृत्यु दंड सकहत सख्त सजा का प्रावधान करे।"

    21. "यह सभा देश के बाजारों में ख्याकतप्राप्त कंपकनयों के ब्ाडेंड नामों सकहत नकली एवं डुक्प्लकेट उपभोतता वस्तुओं की बाढ़, कजससे अनकभज्ञ उपभोतताओं को मूखय बनाया जाता है एवं धोखा कदया जाता है और साथ ही ख्याकतप्राप्त कंपकनयों के गुडकवल नाम एवं लाभ प्रभाकवत हो रहा है, पर अपनी गरही कचन्ता व्यतत करती है, यह सभा सरकार से आग्रह करती है कक वह अपराकधयों को सख्त सजा और ऐसे अपराकधयों की सपंकत्तयों एवं पकरसंपकत्तयों को जजत करने का प्रावधान करके इस खतरे को कनयंकत्रत करे।"

    22. "इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कक देश में स्वास्थ्य संबंधी देखभाल काफी महंगी हो गयी है और गरीब लोगों, जो अपनी कचककत्सा नहीं करा सकते, की पहंुच से बाहर हो गयी और उन्हें अपनी बीमाकरयों के कष्ट को भगुतना पड़ता है, यह सभा सरकार से आग्रह करती है कक वह देश में गरीबों को प्राथकमकता के आधार पर सस्ती कचककत्सा उपलजध कराए।"

    23. "इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कक अत्यकधक बेरोजगारी के कारण देश के युवाओं तथा कशकक्षत युवाओं के बीच अशाकंत, क्रोध एवं कंुठा है, और ये युवावगय राष्र कवरोध एवं असामाकजक तत्वों की ओर आकर्षषत हो जाते हैं, यह सभा सरकार से आग्रह करती है कक वह अकधकाकधक रोजगार अवसरों को सृकजत करे और अपनी नीकतयों में इस कायय को सवयश्रेष्ठ प्राथकमकता देते हुए युवाओं के बीच बेरोजगारी का उन्मूलन करे।"

    24. "यह सभा देश भर में क्स्थत सरकार द्वारा चलाए जा रहे अस्पतालों, औषधालयों, स्वास्थ्य केन्रों में जीवन रक्षक औषकधयों, कचककत्सा उपकरण, जांच मशीनों और अन्य उपस्करों सकहत मूलभतू सुकवधाओं तथा औषकधयों की कमी पर अपनी गंभीर सचता व्यतत करती है और सरकार से अनुरोध करती है कक सरकार द्वारा चलाए जा रहे सावयजकनक स्वास्थ्य केन्रों को गरीब रोकगयों हेतु श्रेष्ठ सेवाएं प्रदान करने में सक्षम बनाने के कलए प्राथकमकता के आधार पर इस मुदे्द का समाधान करे।"

    25. "इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कक राष्रीय मलेकरया उन्मूलन काययक्रम

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    महाराष्र कवशेषकर मुम्बई और बाकी देश में वस्तुत: असफल हो गया है कजसके पकरणामस्वरूप दूरस्थ, ग्रामीण और जनजातीय के्षत्रों में मलेकरया के मामलों में अत्यकधक वृकद्ध हुई है कजससे काफी जानें गई हैं, यह सभा सरकार से अनुरोध करती है कक प्राथकमकता के आधार पर देश से मलेकरया का उन्मूलन करने के कलए प्रभावी कदम उठाए एवं मुम्बई एवं महाराष्र राज्य के अन्य कहस्सों में मलेकरया के उन्मूलन हेतु महाराष्र को कवशेष केन्रीय सहायता प्रदान करे ।"

    26. "यह सभा सस्ता ।"

    27. "यह सभा सरकार से अनुरोध करती है कक सक्म्मकलत और प्रभावी जागरुकता अकभयानों तथा सरकार द्वारा चलाए जा रहे अस्पतालों में उनको प्रभावी उपचार प्रदान करके देश में घातक एड्स के प्रसार पर रोक लगाए ।"

    28. "इस सभा की यह राय है कक महाराष्र में मुम्बई में भारत के उच्चतम न्यायालय की एक स्थायी न्यायपीठ स्थाकपत की जाए ।"

    29. "इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कक मलेकरया, डेंगू, कचकनगुकनया, जापानी मक्स्तष्क की सूजन, फाइलेकरया संबंधी आकद रोगवाहक जकनत बीमाकरया ं देश भर में तेजी से फैल रही हैं और कवशेष रूप से महाराष्र, आन्ध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राष्रीय राजधानी के्षत्र आकद में काफी अकधक संख्या में लोगों की जान ले रही है, यह सभा सरकार से अनुरोध करती है कक देश में रोगवाहक जकनत बीमाकरयों को रोकने के कलए उकचत और प्रभावी कदम उठाए ।"

    30. "इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कक प्राथकमक स्वास्थ्य केन्र ग्रामीण आबादी को अत्यकधक अपेकक्षत स्वास्थ्य देख रेख प्रदान कर रहे हैं, कजनमें सामान्यतया पुरूष कचककत्सक काययरत होते हैं और यह बात लड़ककयों और मकहला रोकगयों को स्वास्थ्य देखभाल से वंकचत कर रही है जोकक शमय

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    के कारण पुरूष कचककत्सक को अपनी व्यक्ततगत बीमारी नहीं बता सकती हैं, यह सभा सरकार से देश के ग्रामीण के्षत्रों में प्राथकमक स्वास्थ्य देखभाल केन्रों में मकहला कचककत्सकों की तैनाती और मकहला स्त्री रोग कवशेषज्ञों के कनयकमत दौरों को सुकनक्चचत करने का अनुरोध करती है ताकक मकहला रोकगयों को इन केन्रों में पयाप्त उपचार सुकवधा कमल सके।"

    31. "इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कक लाखों कामगार महाराष्र और देश के अन्य भागों के तटवती के्षत्रों में मछली प्रसंस्करण के्षत्र में काययरत हैं जोकक मछकलयों को संभालते हुए गंभीर त्वचा बीमाकरयों से संक्रकमत हो जाते हैं और अन्य समस्याएं पैदा हो जाती हैं तथा समुकचत कचककत्सा सुकवधाओं के अभाव में दुख झेलते हैं, यह सभा सरकार से अनुरोध करती हे कक ऐसे कामगारों के बचाव में आगे आए और प्राथकमकता के आधार पर उन्हें अपेकक्षत कचककत्सा तथा अन्य सुकवधाएं कन:शुकक उपलजध कराए ।"

    32. "यह सभा इस तथ्य पर अपनी गंभीर सचता व्यतत करती है कक स्वतंत्रता के छह दशकों से ज्यादा समय बीत जाने के पचचात् भी देश भर में सुरकक्षत पेयजल की भारी कमी है जबकक बहुमूकय वषा-जल और देश की नकदयों का पानी समुर में व्यथय चला जाता है, और सरकार से अनुरोध करती है कक इस समस्या पर गंभीर रूप से कवचार करे ताकक एक कनक्चचत समय-सीमा में इस समस्या पर काबू पाया जा सके।"

    33. "यह सभा महाराष्र के कवकभन्न भागों और बाकी देश में, जहां अनेक के्षत्र भजूल के कलए 'डाकय ज़ोन' बन गए हैं, भजूल के कनरंतर कम होते स्तर और ऐसे भजूल पर खकनजों के कवषैले प्रभावों पर अपनी गंभीर सचता व्यतत करती है और सरकार से अनुरोध करती है कक एक समय-सीमा में इस समस्या पर काबू पाने के कलए तालाब, कुओं, बावली और जल संचयन के अन्य उपायों जैसे जल संचयन के परंपरागत उपायों को बढ़ावा दे।"

    34. "इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कक मंुबई की लोक रेलगाकड़या ंवास्तव में उन मंुबईवाकसयों की जीवन रेखा है, जो रेनों की कमी जैसी कवकभन्न समस्याओं का सामना करते हैं, कजसके फलस्वरूप याकत्रयों की भारी भीड़ हो जाने से अनेक याकत्रयों को ऐसी रेलगाकड़यों के दरवाजों पर लटककर

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    यात्रा करने पर कववश होना पड़ता है, कजसके कारण प्राय: जानलेवा दुघयटनाएं और जेब काटने, चोरी होने, मकहलाओं के साथ छेड़खानी, छीना-झपटी, लटू-खसोट जैसी आपराकधक गकतकवकधया ं होती हैं और पटकरयों का सीमा से अकधक उपयोग, और रेलवे स्टेशनों पर अस्वच्छतापूणय क्स्थकतया ंइत्याकद बन जाती हैं; यह सभा सरकार से मंुबई की लोकल रेनों से सफर करने वाले लोगों की समस्याओं को प्राथकमकता के आधार पर हल करने का आग्रह करती है।"

    35. "इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कक लाखों लोग पेयजल, कबजली, मल-कनकाली व्यवस्था, शौचालय, स्वास्थ्य देखभाल, इत्याकद जैसी नागकरक सुकवधाओं के कबना अत्यंत दयनीय पकरक्स्थकतयों में देश के कवकभन्न भागों में मकलन बक्स्तयों और झुग्गी झोपकड़यों के समूहों में रह रहे हैं, यह सभा सरकार से आग्रह करती है कक वह प्राथकमकता के आधार पर एक राष्रीय मकलन बस्ती नीकत की घोषणा करे और मकलन बक्स्तयों तथा झुग्गी-झोपकड़यों के समूहों में आवासीय पकरक्स्थकतयों को युद्ध-स्तर पर सुधारे।"

    36. "यह सभा मंुबई और देश के अन्य समुरतटीय के्षत्रों में प्रदूषणयुतत, अस्वास्थ्यप्रद और अव्यवक्स्थत क्स्थकतयों पर अपनी गहरी सचता व्यतत करती है और सरकार से आग्रह करती है कक प्राथकमकता के आधार पर एक कायय योजना के अधीन इन समुरों तटों की सफाई कराए और ऐसे समुर तटों पर तटीय पययटन का कवकास करे ।"

    37. "यह सभा नाकसक और महाराष्र के अन्य भागों के उन प्याज उत्पादकों की दुदयशा पर अपनी सचता व्यतत करती है, कजन्हें उत्तम गुणवत्ता वाली प्याज की भरपूर फसल उगाने के बावजूद अपने उत्पादों का लाभकारी मूकय नहीं कमल पाता है और सरकार से समय-समय पर 'नेफेड' के माध्यम से कबचौकलयों को दूर रखने और अकनवायय बाज़ार हस्तके्षप योजना लागू करते हुए महाराष्र के प्याज उत्पादकों के कहतों की सुरक्षा करने का आग्रह करती है ताकक उन्हें अपने उत्पादों का लाभकारी मूकय प्राप्त हो सके।"

    38. "इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कक महाराष्र देश में चीनी के सबसे बड़े

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    उत्पादक राज्यों में से एक है और राज्य में गन्ने की व्यापक खेती की जाती है, कजसके फलस्वरूप गन्ना उत्पादकों को अलाभकारी मूकयों के रूप में, प्राकृकतक आपदाओं के कारण उपज में कमी इत्याकद के फलस्वरूप अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ा है, यह सभा सरकार से आग्रह करती है कक वह प्राथकमकता के आधार पर एक पैकेज के माध्यम से राज्य के गन्ना उत्पादकों की समस्याओं को हल करे ।"

    39. "यह सभा सरकार से महाराष्र और देश के अन्य भागों में कपास उत्पादकों की दुदयशा पर ध्यान देने और युद्ध स्तर पर उनकी समस्याओं को हल करने का आग्रह करती है ।"

    40. "इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कक महाराष्र सवोत्तम ककस्म के आम व अंगूरों और कवशेष रूप से अपने बागानों की श्रृंखला के माध्यम से अकफोंसों आमों का उत्पादन करता है और इन उत्पादों में से अकधकाशं को बहुमूकय कवदेशी मुरा कमाने हेतु कवदेशों में कनयात ककया जाता है, सकतु हाल ही में प्राकृकतक आपदाओं और अन्य कारणों से राज्य में आम और अंगूर के उत्पादन पर प्रकतकूल प्रभाव पड़ा है, कजसके फलस्वरूप इन उत्पादों का कनयात प्रभाकवत हुआ है, यह सभा सरकार से महाराष्र में इन बागानों की समस्याओं को हल करने का आग्रह करती है ताकक राज्य से आमों और अंगूरों के उत्पादन और कनयात को बढ़ावा कदया जा सके ।"

    41. "यह सभा कुपोषण, भुखमरी और रोगों के कारण महाराष्र के आकदवासी के्षत्रों में हजारों बच्चों की मृत्यु पर अपनी गहरी सचता व्यतत करती है और सरकार से राज्य के आकदवासी के्षत्रों में असामकयक मौतों को रोकने हेतु सही उपायों को लागू करने का आग्रह करती है ।"

    42. "इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कक महाराष्र में लाखों बीड़ी कमयकार हैं जो कक शोषण के अकतकरतत तपेकदक, अस्थमा, कैं सर इत्याकद जैसे कवकभन्न रोगों के रूप में स्वास्थ्य संबंधी खतरों का सामना कर रहे हैं, यह सभा सरकार से बीड़ी कमयकारों की समस्याओं का समयबद्ध रूप में समाधान करने और उन्हें शोषण और रोगों से बचाने का आग्रह करती है ।"

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    43. "यह सभा देश में लाखों खेकतहर श्रकमकों की दुदयशा और उनके शोषण पर गंभीर सचता व्यतत करती है और सरकार से कबना समय गंवाए उनके ककयाण हेतु एक कानून बनाने का आग्रह करती है ।"

    44. "यह सभा महाराष्र में आर्षथक कवकास के साथ-साथ रोजगार के अकधक अवसर उत्पन्न करने के कलए राज्य में और अकधक कृकष आधाकरत उद्योग स्थाकपत करने का आग्रह करती है ।"

    45. "यह सभा सरकार से महाराष्र के मराठवाड़ा, कवदभय और कोंकण के्षत्रों में कपछड़ेपन को समाप्त करने और उनके समग्र कवकास हेतु एक आर्षथक पैकेज घोकषत करने का आग्रह करती है ।"

    46. "यह सभा सरकार से महाराष्र के मराठवाड़ा, कवदभय और कोंकण के्षत्रों में त्वकरत औद्योकगकीकरण सुकनक्चचत करने का आग्रह करती है ताकक उनके कपछड़ेपन को समाप्त ककया जा सके।"

    47. "इस सभा का यह मत है कक महाराष्र और देश के अन्य भागों में ककसानों को कन:शुकक कबजली प्रदान की जाए और उनके ऋणों को तत्काल माफ ककया जाए।"

    48. "इस सभा का यह मत है कक सरकार को तत्काल प्रभाव से देश भर में सभी वकरष्ठ नागकरकों को एक हजार रूपए प्रकतमाह की दर से वृद्धावस्था पेंशन प्रदान करनी चाकहए।"

    49. "यह सभा सरकार से देश के लघु उद्योग के्षत्र, जो कक बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर प्रदान करता है, की समस्याओं का एक समयसीमा के भीतर हल करने की कसफाकरश करती है ।"

    50. "यह सभा सरकार से महाराष्र और देश के अन्य भागों में हथकरघा बुनकरों की दुदयशा को दूर करने और प्राथकमकता के आधार पर उनके कलए ककयाणकारी योजनाएं और सुरक्षात्मक उपायों को कायाक्न्वत करने की कसफाकरश करती है।"

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    51. "यह सभा सरकार से महाराष्र और देश के अन्य भागों के तटीय के्षत्रों हेतु एक कवशेष कवकास योजना बनाने और इसे प्राथकमकता के आधार पर कायाक्न्वत करने का आग्रह करती है ।"

    52. "यह सभा सरकार से महाराष्र में पययटन की संभावनाओं का लाभ उठाने और राज्य में व्यापक पैमाने पर पययटन को प्रोत्साकहत करने का आग्रह करती है।"

    53. "इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कक महाराष्र राज्य में बड़ी संख्या में ऐसे गावं हैं जहा ंडाक और दूरसंचार सुकवधाएं नहीं हैं, यह सभा सरकार से प्राथकमकता के आधार पर संपूणय ग्रामीण महाराष्र में इन सुकवधाओं को उपलजध कराने का आग्रह करती है।"

    54. "यह सभा सरकार से देश में खादी और ग्रामोद्योग के्षत्र, कजसकी क्स्थकत अत्यंत दयनीय है, का पुनरूद्वार करने का आग्रह करती है ।"

    55. "यह सभा सरकार से महाराष्र के मत्स्य पालन उद्योग को, कजसमें बड़े पैमाने पर आवचयक क्षमता है, बढ़ावा देने की कसफाकरश करती है।"

    56. "इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कक स्वाधीनता के छह से अकधक दशकों के बाद भी महाराष्र और शेष देश की अकधकतर जनजातीय आबादी अभी भी कपछड़ी, अकशकक्षत, अन्धकवचवासी है और साहूकारों, धमाचायों, वन कर्षमयों तथा अन्य व्यक्ततयों द्वारा उनका शोषण ककया जा रहा है, यह सभा सरकार से आग्रह करती है कक वह देश में जनजातीय आबादी के कवकास के कलए एक व्यापक योजना बनाए और उसे युद्ध स्तर पर लागू करे।"

    57. "यह सभा इस तथ्य पर गंभीर कचन्ता व्यतत करती है कक महाराष्र में और कवशेषकर इसके ग्रामीण और जनजातीय के्षत्रों में वयस्क साक्षरता काययक्रम अकधक सफल नहीं हो पाया है और सरकार से यह आग्रह करती है कक वह राज्य में साक्षरता का प्रसार करने के कलए कवशेष कायय योजना बनाए और उसे प्राथकमकता देकर लागू करे।"

    58. "इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कक महाराष्र के हजारों कवद्यालयों में या

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    तो अपना भवन नहीं है या जहां भी कवद्यालय भवन हैं, वे जीणय-शीणय तथा खतरनाक अवस्था में हैं कजनसे कवद्यार्षथयों एवं कशक्षकों को गम्भीर खतरा हो सकता है, और ऐसे अकधकतर कवद्यालयों में बुकनयादी सुकवधाओं यथा स्वच्छ पेय जल, शौचालयों, चार दीवाकरयों, पयाप्त संख्या में कशक्षकों, डेस्कों, बेंचों, इत्याकद का अभाव है, यह सभा सरकार से आग्रह करती है कक वह राज्य के कवद्यालयों में आवचयक अवसंरचना उपलबध कराने के के कलए राज्य को पयाप्त केन्रीय अनुदान प्रदान करे।"

    59. "इस सभा की राय है कक सरकार को प्रत्येक आतंकवाद-पीकड़त व्यक्तत और उन कनदोष व्यक्ततयों को, जो देश में पुकलस की गोलीबारी से मारे जाते हैं, कम से कम पांच लाख रूपए के मुआवजे का तत्काल प्रभाव से भगुतान करना चाकहए।"

    60. "यह सभा देश में यौन कर्षमयों और कवशेषकर असामाकजक तत्वों द्वारा देह-व्यापार में धकेली गई मासूम लड़ककयों की दशा पर गम्भीर कचन्ता व्यतत करती है और सरकार से आग्रह करती है कक वह देश से बाल वेचयावृकत्त का कड़ाई से उन्मूलन करे।"

    61. "यह सभा सरकार से कसफाकरश करती है कक वह शहरी के्षत्रों में ऐसे अनाथ, बेघर,यायावर, बेसहारा बच्चों के कलए, जो कूड़ा बीनकर, कभक्षावृकत्त कर, छोटे-मोटे अपराध कर कनवाह करते हैं, ककयाणकारी योजनाएं लागू करे ताकक वे भी बड़े होकर समाज के प्रकतक्ष्ठत नागकरक बन सकें ।"

    62. "यह सभा सरकार से आग्रह करती है कक वह देश में समयबद्ध तरीके से बाल श्रम का उन्मूलन करे ताकक बच्चे अपने बचपन का आनंद उठा सकें ।"

    63. "यह सभा देश में बढ़ते वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण और ध्वकन प्रदूषण पर अपनी गहरी कचन्ता व्यतत करती है ओर सरकार से आग्रह करती है कक वह प्रदूषण को प्राथकमकता के आधार पर कनयंकत्रत करे।"

    64. "यह सभा देश में खाद्य तेलों और दालों सकहत समस्त खाद्य वस्तुओं तथा

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    आवचयक वस्तुओं की तेजी से बढ़ती कीमतों, कजनसे आम आदमी पर प्रकतकूल प्रभाव पड़ रहा है, पर अपनी गहरी कचन्ता व्यतत करती है और सरकार से आग्रह करती है कक वह बढ़ती कीमतों को प्राथकमकता के आधार पर कनयंकत्रत करे।"

    65. "यह सभा सरकार से कसफाकरश करती है कक वह देश में आम आदमी और कनधयनतम व्यक्ततयों की सहायताथय लागू की गई सावयजकनक कवतरण प्रणाली की पूणयतया समीक्षा करे और उसमें व्याप्त ककमयों को प्राथकमकता के आधार पर दूर करे।"

    66. "यह सभा सरकार से आग्रह करती है कक वह महाराष्र और शेष देश में बंजर भकूम के कवकास के कलए एक कायय योजना बनाए ताकक उसे कवकास के कलए एक कायय योजना बनाए ताकक उसे एक कनधाकरत समय-सीमा के भीतर कृकष योग्य बनाया जा सके।"

    67. "यह सभा देश में शारीकरक चुनौकतयों से ग्रस्त व्यक्ततयों में व्याप्त गम्भीर बेरोजगारी पर अपनी गहरी कचन्ता व्यतत करती है और सरकार से आग्रह करती है कक वह उनकी समस्याओ का प्राथकमकता के आधार पर समाधान करे।"

    68. "यह सभा की राय है कक सरकार को देश भर में कवधवाओं के कलए प्राथकमकता के आधार पर ककयाणकारी उपाय आरंभ करने चाकहए।"

    69. "यह सभा सरकार से कसफाकरश करती है कक वह देश भर में उन अनाथालयों को केन्रीय अनुदान प्रदान करे कजन्हें अब तक केन्रीय अनुदान प्रदान नहीं ककया गया है कजससे देश में अनाथ बच्चों के पुनवास में सहायता कमल सके।"

    70. "यह सभा सरकार से आग्रह करती है कक वह देश में मानकसक चुनौकतयों से ग्रस्त व्यक्ततयों का पुनवास करे ताकक वे एक अच्छा जीवन जी सकें ।"

    71. "यह सभा मकहला आबादी और कवशेषकर ग्रामीण जनजातीय तथा सुदूर के्षत्रों की मकहला आबादी में कनरन्तर व्याप्त अकशक्षा पर अपनी गंभीर कचन्ता व्यतत करती है और सरकार से आग्रह करती है कक वह उन्हें प्राथकमकता

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    के आधार पर कशकक्षत बनाने के कलए कवशेष योजनाएँ आरम्भ करे।"

    72. "यह सभा सरकार से कसफाकरश करती है कक वह महाराष्र राज्य की प्रदूकषत नकदयों की एक समय-सीमा के भीतर सफाई कराने के कलए एक कायययोजना बनाए।"

    73. "यह सभा देश में काफी अकधक मात्रा में जाली नोटों के पकरचालन पर, कजससे अथयव्यवस्था पर असर पड़ रहा है, अपनी गहरी कचन्ता व्यतत करती है और सरकार से आग्रह करती है कक वह इस खतरे का प्रभावी रूप से मुकाबला करे।"

    74. "यह सभा सरकार से कसफाकरश करती है कक वह टेलीकवजन चैनलों पर परोसी जा रही अचलीलता पर तत्काल प्रकतबंध लगाए।"

    75. "यह सभा देश में कवदु्यत की भारी कमी पर कवचार करे।"

    76. "यह सभा सरकार से कसफाकरश करती है कक वह महाराष्र में हस्तकशकप और अन्य परम्परागत ग्रामीण उद्योगों को व्यापक स्तर पर बढ़ावा दे।"

    77. "यह सभा सरकार से आग्रह करती है कक वह महराष्र की सभी केन्र-प्रायोकजत ससचाई पकरयोजनाओं को समय पर पूरा करे।"

    78. "यह सभा कवकवध कारणों से हॉकी और अन्य खेलों के कगरते स्तर पर अपनी गहरी कचन्ता व्यतत करती है और सरकार से आग्रह करती है कक वह देश में खेतों को व्यापक रूप से बढ़ावा दे।"

    79. "यह सभा सरकार से आग्रह करती है कक वह प्रत्यक्ष कवदेशी कनवेश (एफ.डी.आई.) को स्वीकृकत प्रदान करने में उत्पन्न अवरोधों और लाल फीताशाही को दूर करे तयोंकक इनसे देश में संभाकवत प्रत्यक्ष कवदेशी कनवेश बाकधत हो रही है।"

    80. "यह सभा प्रकतक्ष्ठत केन्रीय संस्थाओं और संगठनों की कवकभन्न प्रवेश परीक्षाओं तथा प्रकतयोकगता परीक्षाओं के प्रचन पत्रों के लीक होने, कजसके कारण परीक्षा प्रणाली की सत्यता ही खंकडत हो गई है, पर अपनी गंभीर कचन्ता व्यतत करती है और सरकार से आग्रह करती है कक वह देश में

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    एक पुख्ता परीक्षा प्रणाली कवककसत करे। "

    81. "यह सभा देश में और कवशेषकर महाराष्र में संगकठत माकफया कजसे कानून का कोई डर नहीं है, जो मनमाड में एक सहायक कलेतटर की हाल में हुई हत्या से स्पष्ट है, पेरोकलयम उत्पादों में बड़े पैमाने पर की जा रही कमलावट पर अपनी गंभीर कचन्ता व्यतत करती है और सरकार से आग्रह करती है कक वह देश में पेरोकलयम उत्पादों के कमलावटखोरों के कवरूद्ध कड़ी कारयवाई करे।"

    82. "इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए कक- (क) देश में तटीय के्षत्र सुरक्षा की दृक्ष्ट से संवेदनशील हैं, जो मुम्बई के

    26/11 आतंकी हमले, जब पाककस्तानी आतंकवादी समुरी मागय से मुम्बई में प्रवेश कर गए थे और लक्षद्वीप द्वीपसमूहों में समुरी डाकुओं की हाल में हुई कगरफ्ताकरयों और समुरी घोंघा (सी तयूकम्बर), लकड़ी और अन्य समुरी उत्पादों को चुराने के कलए कवदेकशयों द्वारा अंडमान सागर पर बार-बार ककए गए आक्रमणों से स्पष्ट है,

    (ख) भारतीय मछुआरे, जब मछली पकड़ने के कलए समुर में जाते हैं, तो गुजरात में पाककस्तानी सैकनकों द्वारा और तकमलनाडु में श्रीलंकाई सैकनकों द्वारा प्राय: मार कदए जाते हैं या कगरफ्तार कर कलए जाते हैं;

    (ग) समुरी मागय देश में अवैध आप्रवाकसयों और घुसपैकठयों के कलए पंसदीदा मागय भी है,

    यह सभा सरकार से आग्रह करती है कक वह राष्र की तटीय सुरक्षा पर अकधक ध्यान दे और प्राथकमकता आधार पर उसकी सुरक्षा के कलए पुख्ता इंतजाम करे।"

    83. "यह सभा सरकार से आग्रह करती है कक वह मुम्बई और देश के शेष भागों में पटरी पर रहने वाले लोगों के कलए एक ककयाण और पुनवास योजना तैयार करे और इसे प्राथकमकता आधार पर कायाक्न्वत करे।"

    84. "इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कक अकधकांश राज्य सरकारों ने कशक्षा का अकधकार अकधकनयम को कक्रयाक्न्वत करने में अपनी असमथयता व्यतत

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    की है तयोंकक इसमें भारी खचय शाकमल है और वे संसाधनों की कमी का सामना कर रही हैं, यह सभा सरकार से आग्रह करती है कक वे देश भर में इस अकधकनयम के कक्रयान्वयन पर आने वाले समस्त खचय को वहन करे जैसाकक राज्यों द्वारा मांग की जा रही है।"

    . 48246

    राज्य सभा द्वारा 221वें सत्र के दौरान नकए गए कायय का सारांश

    25 फरवरी, 2011 को सदस्यों को अन्य संसदीय पत्रों के साथ-साथ दौ सौ इतकीसवें सत्र के दौरान 'राज्य सभा द्वारा ककए गए कायय का साराशं' नामक पुक्स्तका की प्रकतया ंपकरचाकलत की गईं।

    ------------ सं.48247 विल ऑविस

    शुक्रवार, 25 फरवरी, 2011 को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान नवधेयकों की

    प्रगनत क्रम सं.

    नवधेयक का नाम प्रभारी सदस्य प्रगनत

    गैर सरकारी सदस्यों के नवधेयक

    1. अकधकरणों और आयोगों के अध्यक्ष तथा सदस्य (सेवाकनवृकत्त आयु) कवधेयक, 2010.

    श्री महेन्र मोहन 25 फरवरी, 2011 को पुर:स्थाकपत।

    2. पकरवार में कौटुक्म्बक व्यकभचार और यौन उत्पीड़न(अपराध)) कवधेयक, 2010.

    श्री महेन्र मोहन 25 फरवरी, 2011 को पुर:स्थाकपत।

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    3. संसद के अकधकनयम (नागालैंड पर लागू ककया जाना) कवधेयक, 2010.

    श्री खेककहो मी 25 फरवरी, 2011 को पुर:स्थाकपत।

    4. संकवधान (संशोधन) कवधेयक, 2010 (अनुच्छेद 53 के संशोधनाथय)

    श्री शान्ताराम लक्ष्मण नायक

    25 फरवरी, 2011 को पुर:स्थाकपत।

    5. गन्ना उत्पादक (लाभकारी मूकय और ककयाण) कवधेयक, 2010.

    श्री शादी लाल बत्रा 25 फरवरी, 2011 को पुर:स्थाकपत।

    6. जनसंख्या क्स्थरीकरण कवधेयक, 2010.

    श्री शादी लाल बत्रा 25 फरवरी, 2011 को पुर:स्थाकपत।

    7. ग्रामीण कवदु्यतीकरण प्राकधकरण कवधेयक, 2010.

    श्री शादी लाल बत्रा 25 फरवरी, 2011 को पुर:स्थाकपत।

    8. कभक्षावृकत्त कनवारण कवधेयक, 2010.

    श्री कुमार कचयप

    25 फरवरी, 2011 को पुर:स्थाकपत।

    9. संकवधान (संशोधन) कवधेयक, 2010 (अनुच्छेद 16 के संशोधनाथय)

    श्री नरेन्र कुमार कचयप

    25 फरवरी, 2011 को पुर:स्थाकपत।

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    10. संकटग्रस्त ककसान

    (कवशेष सुकवधाएँ, संरक्षा और ककयाण) कवधेयक, 2010.

    . अकखलेश दास गुप्ता

    25 फरवरी, 2011 को पुर:स्थाकपत।

    11. आजीकवका अजयन की स्वतंत्रता कवधेयक, 2010.

    . अकखलेश दास गुप्ता

    25 फरवरी, 2011 को पुर:स्थाकपत।

    12. अनकधकृत कालोकनयां, मकलन और झुग्गी बक्स्तया ं (ककयाण, बुकनयादी सुकवधाएं और अन्य प्रावधान) कवधेयक, 2010.

    . अकखलेश दास गुप्ता

    25 फरवरी, 2011 को पुर:स्थाकपत।

    13. कनराकश्रत और उपेकक्षत मकहला (ककयाण) कवधेयक, 2010.

    श्री अवतार ससह करीमपुरी

    25 फरवरी, 2011 को पुर:स्थाकपत।

    14. गरीबी रेखा से नीचे रह रहे व्यक्ततयों के कलए स्वास्थ्य बीमा कवधेयक, 2010.

    श्री अवतार ससह करीमपुरी

    25 फरवरी, 2011 को पुर:स्थाकपत।

    15. खान और खकनज (कवकनयमन और कवकास) संशोधन कवधेयक, 2010.

    श्री श्रीगोपाल व्यास 25 फरवरी, 2011 को पुर:स्थाकपत।

    16. शैक्षकणक संस्थाओं में शारीकरक दंड का उत्सादन कवधेयक, 2010.

    श्री पी. राजीव 25 फरवरी, 2011 को पुर:स्थाकपत।

    17. संकवधान (संशोधन) सरदार सुखदेव 25 फरवरी, 2011 को

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    कवधेयक, 2011 (अनुच्छेद 25 के संशोधनाथय)

    ससह सढडसा पुर:स्थाकपत।

    18. परीक्षा-पूवय कोसचग सेंटर कवकनयामक प्राकधकरण कवधेयक, 2010.

    श्री मोहन ससह 25 फरवरी, 2011 को पुर:स्थाकपत।

    19. जवाबदेही जयूरो कवधेयक, 2010.

    श्री मोहन ससह 25 फरवरी, 2011 को पुर:स्थाकपत।

    20. संकवधान (संशोधन) कवधेयक, 2010 (नए अनुच्छेद 51ख का अंत:स्थापन)

    श्री मोहन ससह 25 फरवरी, 2011 को पुर:स्थाकपत।

    21. एकातंता का अकधकार कवधेयक, 2010.

    श्री राजीव चन्रशेखर

    25 फरवरी, 2011 को पुर:स्थाकपत।

    22. नतसली सहसा के कृत्यों के पीकड़त (राहत और पुनवास) कवधेयक, 2010.

    श्री राजीव चन्रशेखर

    25 फरवरी, 2011 को पुर:स्थाकपत।

    23. नवीकरणीय ऊजा (संवधयन और अकनवायय उपयोग) कवधेयक, 2010.

    श्री राजीव चन्रशेखर

    25 फरवरी, 2011 को पुर:स्थाकपत।

    24. संकवधान (संशोधन) कवधेयक, 2006 (नए अनुच्छेद 371ञ का अंत:स्थापन)

    श्री के.बी. शणप्पा कवधेयक को 25 फरवरी, 2011 को सभा की अनुमकत से वापस कलया गया।

    . 48248 प्रविक्षण प्रकोष्ठ

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    राज्य सभा के नए सदस्यों हेतु पारस्पनरक संवाद सत्र

    राज्य सभा के नए सदस्यों हेतु बृहस्पकतवार, 3 माचय, 2011 को मध्याह्न पचचात् 3.00 बजे से मध्याह्न पचचात् 5.00 बजे तक संसद भवन के कमरा संख्या-62 में "बजटीय पत्रों और अनुदान मागंों को समझना" कवषय पर एक पारस्पकरक संवाद सत्र आयोकजत ककया जाएगा। कवत्त मंत्रालय का एक वकरष्ठ अकधकारी इस कवषय पर सदस्यों को जानकारी प्रदान करेगा। नव कनवाकचत/नाम-कनदेकशत सदस्य जो कवशेषकर कवभाग संबंकधत स्थायी सकमकतयों द्वारा अनुदान मागंों की जाचं की दृक्ष्ट से इसमें रूकच रखते हैं, इस काययक्रम में उपक्स्थत हो सकते हैं। 2. ककसी भी प्रचन के बारे में प्रकशक्षण प्रकोष्ठ, कमरा सं.-228'क' कद्वतीय तल, संसदीय सौध (दूरभाष. 23034248) से संपकय ककया जा सकता है।

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    सं. 48249 प्रविक्षण प्रकोष्ठ

    राज्य सभा के सदस्यों और उनके वैयक्ततक स्टाफ हेतु कंप्यूटर क्तलननक

    राज्य सभा सकचवालय द्वारा एन.आई.सी. के सहयोग से 7 से 11 माचय, 2011 तक प्रकतकदन दो सत्रों में एफ बी-15, जी-जलॉक, संसद गं्रथालय भवन में कंप्यूटर क्तलकनक का आयोजन ककया जा रहा है। प्रात:कालीन सत्र सदस्यों के वैयक्ततक स्टाफ के कलए मध्याह्न पूवय 10.30 बजे से मध्याह्न पचचात् 1.00 बजे तक होगा और सायंकालीन सत्र राज्य सभा के सदस्यों के कलए मध्याह्न पचचात् 2.30 बजे से मध्याह्न पचचात् 5.00 बजे तक होगा। एन.आई.सी. के अकधकारी/इंजीकनयर कंप्यूटर संबंधी बुकनयादी प्रकशक्षण देंगे तथा सदस्यों और उनके वैयक्ततक स्टाफ को राज्य सभा की वेबसाइट और अन्य सरकारी वेबसाइटों की कवशेषताओं से अवगत भी कराएंगे और इंटरनेट का लाभ उठाने अथवा कंप्यूटर संबंधी ककन्हीं अन्य मामलों में पेश आ रही प्रचालनगत/तकनीकी ककठनाइयों का समाधान भी करेंगे।

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    2. सदस्यों से अनुरोध है कक वे इस सुकवधा का लाभ उठाएं।

    3. सदस्य अपने वैयक्ततक स्टाफ में से भी कुछ लोगों को प्रकशक्षण सत्र के कलए प्रकतकनयुतत कर सकते हैं। सदस्यों से अनुरोध है कक वे इस प्रकार प्रकतकनयुतत ककए जाने वाले अपने वैयक्ततक स्टाफ को इस आशय का प्राकधकार पत्र दें। वैयक्ततक स्टाफ के ऐसे कमयचारी कजनके पास प्रवेश पत्र नहीं हैं, उन्हें प्राकधकार पत्र के साथ पी एल बी स्वागत कायालय से संपकय करने की सलाह दें ताकक उन्हें प्रवेश कमल सके। ककसी भी ककठनाई की क्स्थकत में, प्रकशक्षण प्रकोष्ठ, कमरा सं. 228क, कद्वतीय तल, संसदीय सौध (दूरभाष 23034248) से संपकय ककया जा सकता है।

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    सं. 48250 प्रश्नों की सूचनाओं के बैलट के पनरणाम

    राज्य सभा की 16 माचय, 2011 को होने वाली बैठक के कलए 28 फरवरी, 2011 को म.प. 3.00 बजे तक प्राप्त ताराकंकत और अताराकंकत प्रचनों की सूचनाओं के संबंध में 28 फरवरी, 2011 को अपर सकचव (वी. जी.) की उपक्स्थकत में बैलट कराया गया।

    सदस्यों की सूचना हेतु ताराकंकत प्रचनों के बैलट के पकरणाम को सूचना कायालय में रखा गया है और बाहरी लॉबी में सूचना पट्ट पर भी लगाया गया है।

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    सं. 48251 सविवि अनुभाग (पवििहन औि पययटन)

    नवभाग संबंनधत पनरवहन, पययटन और संस्कृनत संबंधी संसदीय स्थायी सनमनत के

    मुनित प्रनतवेदनों का पनरचालन

    सदस्यों को सूकचत ककया जाता है कक कवभाग संबंकधत पकरवहन, पययटन और संस्कृकत संबंधी संसदीय स्थायी सकमकत के कनम्नकलकखत प्रकतवेदन (अंगे्रज़ी तथा कहन्दी में) राज्य सभा सकचवालय के प्रकाशन पटल पर उपलजध हैं-

    (i) जम्मू और कचमीर में पययटन के संवधयन के संबंध में सकमकत के एक सौ

    चालीसवें प्रकतवेदन में अंतर्षवष्ट अपनी कसफाकरशों अथवा समुक्ततयों पर सरकार द्वारा की-गई-कारयवाई के संबंध में एक सौ बावनवा ँप्रकतवेदन;

    (ii) राष्रमंडल खेल 2010 के कलए पययटन अवसंरचना का कवकास और सुख सुकवधाओं के संबंध में सकमकत के एक सौ उनचासवें प्रकतवेदन में अंतर्षवष्ट अपनी कसफाकरशों अथवा समुक्ततयों पर सरकार द्वारा की-गई-कारयवाई के संबंध में एक सौ कतरपनवा ँप्रकतवेदन;

    (iii) पययटन मंत्रालय की अनुदान मागंों (2010-2011) के संबंध में एक सौ चौवनवा ँप्रकतवेदन;

    (iv) सड़क पकरवहन और राजमागय मंत्रालय की अनुदान मांगों (2010-2011) के संबंध में एक सौ पचपनवा ँप्रकतवेदन;

    (v) पोत पकरवहन मंत्रालय की अनुदान मागंों (2010-11) के संबंध में एक सौ छप्पनवा ँप्रकतवेदन;

    (vi) संस्कृकत मंत्रालय की अनुदान मागंों (2010-11) के संबंध में एक सौ सत्तावनवा ँप्रकतवेदन;

    (vii) नागर कवमानन मंत्रालय की अनुदान मांगों (2010-11) के संबंध में एक सौ अट्ठावनवा ँप्रकतवेदन;

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    (viii) बंगलौर और हैदराबाद कवमानपत्तनों को बंद करने के संबंध में सकमकत के एक सौ इकतीसवें प्रकतवेदन में अंतर्षवष्ट अपनी कसफाकरशों अथवा समुक्ततयों पर सरकार द्वारा की-गई-कारयवाई के संबंध में एक सौ उनसठवा ँप्रकतवेदन;कवमानपत्तनों के आधुकनकीकरण के संबंध में एक सौ इकतालीसवा ँप्रकतवेदन; और कनजी कवमानपत्तनों के काययकरण के संबंध में एक सौ बयालीसवा ँप्रकतवेदन; और

    (ix) राष्रीय सड़क संरक्षा और यातायात प्रबंधन बोडय कवधेयक, 2010 के संबंध में एक सौ साठवा ँप्रकतवेदन।

    2. सदस्यों से अनुरोध है कक वे सकमकत के उतत प्रकतवेदनों की प्रकतया ँप्राप्त कर लें।

    नववेक कुमार अक्ननहोत्री,

    िहासविि।


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