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अनुक्रम णकाrbi.org.in/hindi1/Upload/content/PDFs/NOTI0401012016_AN.pdf3 अन...

Date post: 31-Mar-2021
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42
3 अन म�णका सं �वषयवत ठ सं 1 ा�धक त यापा�रय� वारा �वदेशी म ा जार� करना 2 2 ेणी II ा�धक त यापा�रय� वारा �वदेशी म ा जार� करना 3 3 �नवासी अलग- अलग यितय� के �लए �वेषण स �वधाएं 4 3.1 याा 5 3.2 वेतन का �वेषण 6 3.3 �नवासी अलग- अलग यितय� वारा अ�नवासी भारतीय �नकट संबं�धय� के �च�कसा यय को प रा करना 7 3.4 भारत म� ा�धक त यापा�रय� वारा अंतरा�य े �डट काड / अंतरा�य डे �बट काड / टोर वैय काड आ�द 7 4 अय के �लए �वेषण स �वधाएं 10 4.1 उपहार / दान 10 4.2 भारत म� आवासीय लैट या वा�णियक लाट क�ब� के �लए �वदेशी एज�ट� को कमीशन 10 4.3 परामश� सेवाओं के �लए �वेषण 10 4.4 �नगमनप व यय क� �तप �त के �लए �वेषण 11 4.5 �वदेशी म ा म� श क का भ गतान तावास से संब शै��क संथान 11 4.6 �वदेशी ट�वी मी�डया कं पनी के संह�त अ�भदान के भ गतान के �लए �वेषण 11 4.7 भारत म� �नपा�दत क� जाने वाल� प�रयोजनाओं के �लए �वदेशी ा म� बो�लयां 11
Transcript
  • 3

    अनुक्रम�णका

    क्रम

    सं

    �वषयवस्तु पषृ्ठ सं

    1 प्रा�धकृत व्यापा�रय� द्वारा �वदेशी मुद्रा जार� करना 2

    2 शे्रणी II प्रा�धकृत व्यापा�रय� द्वारा �वदेशी मुद्रा जार� करना 3

    3 �नवासी अलग- अलग व्यिक्तय� के �लए �वपे्रषण सु�वधाएं 4

    3.1 यात्रा 5

    3.2 वेतन का �वपे्रषण 6

    3.3 �नवासी अलग- अलग व्यिक्तय� द्वारा अ�नवासी भारतीय �नकट

    संबं�धय� के �च�कत्सा व्यय को पूरा करना

    7

    3.4 भारत म� प्रा�धकृत व्यापा�रय� द्वारा अंतरार्ष्ट्र�य के्र�डट काडर् /

    अंतरार्ष्ट्र�य ड�ेबट काडर् / स्टोर वैल्यू काडर् आ�द

    7

    4 अन्य के �लए �वपे्रषण सु�वधाएं 10

    4.1 उपहार / दान 10

    4.2 भारत म� आवासीय फ्लैट या वा�णिज्यक प्लाट क� �बक्र� के �लए

    �वदेशी एज�ट� को कमीशन

    10

    4.3 परामश� सेवाओं के �लए �वपे्रषण 10

    4.4 �नगमनपूवर् व्यय क� प्र�तपू�त र् के �लए �वपे्रषण 11

    4.5 �वदेशी मुद्रा म� शुल्क का भुगतान – दतूावास से संबद्ध शै��क

    संस्थान

    11

    4.6 �वदेशी ट�वी मी�डया कंपनी के संग्रह�त अ�भदान के भुगतान के

    �लए �वपे्रषण

    11

    4.7 भारत म� �नष्पा�दत क� जाने वाल� प�रयोजनाओं के �लए �वदेशी

    मुद्रा म� बो�लया ं

    11

  • 4

    4.8 �वदेशी टेल�फोन काडर् क� �बक्र� 11

    4.9 �वदेशी तकनीक� करार� का उदार�करण 11

    4.10 भारत म� टे्रडमाकर् या फ्र� चाईज क� खर�द के �लए �वपे्रषण के �लए

    �वदेशी मुद्रा का आहरण

    12

    4.11 एज�ट� द्वारा टूर व्यवस्थाओं के �लए �वपे्रषण 12

    5 गारंट� जार� करना- सेवा का आयात 13

    6 प्रा�धकृत व्यिक्तय� को प�रचालनात्मक अनदेुश 13

    7 आय कर 14

    अनुबंध II – एफ ई एम (सी ए ट�) �नयम 2000 15

    अनुबंध 2 – फामर् ए 2 23

    प�र�शष्ट 33

  • 5

    1. प्रा�धकृत व्यापा�रय� द्वारा �वदेशी मुद्रा जार� करना

    1.1 भारत म� �नवासी व्यिक्तय� को �व�भन्न चालू खाता लेनदेन� के �लए �वदेशी मुद्रा जार�

    करने के �लए, प्रा�धकृत व्यापार� ब�क �वदेशी मुद्रा प्रबंध अ�ध�नयम, 1999 क� धारा 5 के अधीन

    �नयम� से मागर्दशन प्राप्त कर�गे जो भारत सरकार क� �दनांक 3 मई 2000 (अनु-I) क�

    अ�धसूचना सं जीएसआर 381 (ई) द्वारा अ�धसू�चत �वदेशी मुद्रा प्रबंध (चालू खाता लेनदेन)

    �नयम, 2000 (बाद म� उन्ह� �नयम कहा जाएगा) म� व�णर्त ह� । उक्त �नयम� के अनुसार,

    अनुसूची I म� सूचीबद्ध लेनदेन� क� कुछ शे्र�णया ं स्पष्ट रूप से प्र�तबं�धत ह� । अनसूुची II म�

    शा�मल लेनदेन� के �लए �व�नयम क� अनुम�त प्रा�धकृत व्यापार� द्वारा द� जा सकती है बशत� �क

    आवेदक ने भारत सरकार के संबं�धत मंत्रालय / �वभाग का अनुमोदन प्राप्त कर �लया हो ।

    �नयम� क� अनसूुची III म� शा�मल लेनदेन� के �लए, �व�न�दर्ष्ट सीमाओं से अ�धक के �वपे्रषण के

    �लए �रज़वर् ब�क का पूवर् अनमुोदन आवश्यक होगा। अनुसूची III म� �व�न�दर्ष्ट प्रारं�भक सीमा तक

    �वदेशी मुद्रा जार� करने का कायर् प्रा�धकृत व्यापार� ब�क� को स�प �दया गया है । अनुसूची III म�

    �नधार्�रत सीमा से अ�धक �वदेशी मुद्रा जार� करने के �लए सभी आवेदन �रज़वर् के संबं�धत �वदेशी

    मुद्रा के �ेत्रीय कायार्लय को भेजे जाएंगे िजसके अ�धकार �ेत्र म� आवेदक कायर् कर रहा है ।

    1.2 �वदेशी मुद्रा के ‘आहरण’ म� अंतरार्ष्ट्र�य के्र�डट काड� (आईसीसी), अंतरार्ष्ट्र�य ड�ेबट काड�

    (आईडीसी), एट�एम काड�, आ�द का प्रयोग शा�मल है । अन्य बात� के साथ – साथ ‘मुद्रा’ म�

    आईसीसी,आईडीसी तथा एट�एम काडर् शा�मल ह� । तदनुसार, अ�ध�नयम के अधीन जार� सभी

    �व�नयम, �नयम तथा �नवेश आईसीसी, आईडीसी तथा एट�एम काडर् के प्रयोग पर लागू ह�गे ।

    1.3 नेपाल तथा भूटान क� यात्रा तथा उनके �नवा�सय� के साथ लेनदेन करने के �लए �वदेशी

    मुद्रा जार� करने क� अनुम�त नह�ं है ।

  • 6

    1.4 प्र�तबंध

    �वदेशी मुद्रा प्रबंध अ�ध�नयम, 1999 के अधीन लाटर� योजनाओं म� �कसी भी रूप म� भाग

    लेने के �लए �वपे्रषण प्र�तबं�धत ह� । इसके अलावा, ये प्र�तबंध �व�भन्न नाम� से वद्यमान जसेै

    �क मुद्रा प�रचलन योजना या प्राइज मनी/ अवाडर् आ�द के �वपे्रषण पर भी लागू ह�गे ।

    1.5 कपटपूणर् प्रस्ताव:

    धोखेबाज लोग� से पत्र�,ई मेल, मोबाईल फोन,SMS आ�द, से सस्ती �न�धया ंउपलब्ध कराने के

    छ्द्म प्रस्ताव हाल ह� म� भरमार हो गई है । �रज़वर् ब�क के जाल� पत्र शीषर् पर तथा क�थत रूप से

    उसके शीषर् कायर्पालक�/ उच्च अ�धका�रय� के हस्ता�र से पत्र ल�यबद्ध व्यिक्तय� को भेजे जा रहे

    ह� । बहुत से �नवासी ऐसे प्रस्ताव� के �शकार बन गए ह� और इस प्र�क्रया म� बहुत सारा धन खो

    बैठे ह� । �रज़वर् ब�क ने �प्रटं तथा अन्य इलैक्ट्रा�नक मी�डया के माध्यम से ऐसे छद्म योजनाओं /

    प्रस्ताव� के बारे म� जनता को कई बार सचेत �कया है ।

    धोखेबाज भोलेभाले लोग� से प्रसंस्करण शुल्क / लेनदेन शुल्क / कर अनापित्त प्रभार / बदलाव

    प्रभार समाशोधन शुल्क, आ�द के नाम से �व�भन्न शीष� के अधीन धन मागं रहे ह�। धोखाधड़ी के

    �शकार व्यिक्तय� को भारत म� ब�क� म� खात� म� रा�श जमा करवाने के �लए मना �कया जाता है

    और ऐसी रा�शया ँ तुरंत �नकाल ल� जाती ह� । लेनदेन आ�द प्रभार� क� प्रािप्त के �लए �व�भन्न

    ब�क व्यिक्त या स्वा�मत्व संस्थान� के नाम म� बहुत से खाते खोले जा रहे ह� । इस�लए, ए डी

    शे्रणी-I के ब�क पयार्प्त सावधानी बरत� और ऐसे खाते खोलते समय या लेनदेन� क� अनमु�त देने म�

    अ�त�रक्त रूप से सतकर् रह� । भारत म� �नवासी कोई भी व्यिक्त भारत से बाहर प्रत्य� / अप्रत्य�

    रूप से ऐसे भुगतान करने / �वपे्रषण करने के �लए �वदेशी मुद्रा प्रबंध अ�ध�नयम, 1999 का

    उल्लंघन करने के �लए कारर्वाई करने का पात्र होगा, साथ ह� केवाईसी / एएमएल मानक� का

    उल्लंघन करने के �लए कारर्वाई का पात्र होगा । भारतीय �रज़वर् ब�क भारत म� �कसी व्यिक्त /

    कंपनी / न्यास के नाम म� कोई खाता नह� ंरखता ।

  • 7

    2. प्रा�धकृत व्यापार� शे्रणी II द्वारा �वदेशी मुद्रा जार� करना

    पयार्प्त �वदेशी मुद्रा सु�वधाएं तथा कुशल ग्राहक सेवा उपलब्ध कराने के �लए भारतीय �रज़वर्

    ब�क ने गैर – व्यापा�रक चालू खाता लेनदेन करने के �लए प्रा�धकृत व्यापार� शे्रणी II को लाइस�स

    जार� करने का �नणर्य �लया है । तदनुसार, प्रा�धकृत व्यापार� – शे्रणी II �नम्न�ल�खत गैर –

    व्यापा�रक चालू खाता लेनदेन करने के �लए �वदेशी मुद्रा जार� करने / �वपे्र�षत करने के �लए

    प्रा�धकृत �कए गए ह�:

    क) �नजी यात्रा,

    ख) �वदेशी एज�ट� / प्रमुख पा�टर्य� / होटल� को टूर आपरेटर� / यात्रा एज�टो द्वारा �वपे्रषण,

    ग) कारोबार� यात्रा,

    घ) वैिश्वक सम्मेलन� तथा �व�शष्ट प्र�श�ण म� भाग लेने का शुल्क,

    ङ) अंतरार्ष्ट्र�य प्र�तस्पधार्ओं (प्र�श�ण प्रायोजन तथा प्राइज धन के �लए भाग लेने के �लए

    �वपे्रषण,

    च) �फल्म शू�टगं,

    छ) �वदेश म� �च�कत्सा,

    ज) क्रय को मजदरू� का �वतरण,

    झ) �वदेश म� �श�ा,

    ञ) �वदेश म� �वश्व�वद्यालय� के साथ शै��क संबद्धता व्यवस्था के अधीन �वपे्रषण,

    ट) भारत म� तथा �वदेश म� आयोिजत पर��ा के शुल्क के �लए �वपे्रषण तथा जी आर ई, ट�

    ओ ई एफ एल, आ�द के �लए अ�त�रक्त स्कोर रा�श के �लए,

    ठ) �वदेशी नौकर� आवेदन� के �लए �नयोजन तथा प्रसंस्करण, आकलन शुल्क,

    ड) आप्रवास तथा आप्रवास परामशर् शुल्क,

    ढ) इच्छुक अप्रवा�सय� के �लए कौशल / �वश्वसनीयता आकलन,

    ण) वीसा शुल्क,

  • 8

    त) पुतर्गाल� / अन्य सरकार� द्वारा यथावा�ंछत दस्तावेज� के पंजीकरण के �लए प्रसंस्करण

    शुल्क,

    थ) अंतरार्ष्ट्र�य संगठन� को पंजीकरण / अ�भयान / सदस्यता शुल्क।

    3. �नवासी अलग – अलग व्यिक्तय� के �लए �वपे्रषण सु�वधाएं:

    चालू खाता लेनदेन� के �लए �वपे्रषण (अथार्त �नजी यात्रा; उपहार / दान; रोजगार के �लए

    �वदेश जाना; आप्रवास; �वदेश म� �नकट संबं�धय� का �नवार्ह; कारोबार� �ट्रप; �वदेश म� �च�कत्सा;

    �वदेश म� अध्ययन) जो �नवासी व्यिक्तय� को �वदेशी मुद्रा प्रबंध (चालू खाता लेनदेन) संशोधन

    �नयम 2015 �दनाकं 26 मई 2015 क� अनुसूची III के पैरा 1 के अधीन उपलब्ध ह�। 26 मई

    2015 से उदार�कृत �वपे्रषण योजना (एलआरएस) क� प्र�त वषर् 2,50,000 अमे�रक� डालर क�

    योजना म� �न�हत ह� (एलआरएस पर अनुदेश 1 जनवर� 2016 क� उदार�कृत �वपे्रषण योजना पर

    मास्टर �नदेश पर उपलब्ध ह� । 2,50,000 अमर�क� डालर से अ�धक �वदेशी मुद्रा जार� करने के

    �लए �रज़वर् ब�क का पूवर् अनुमोदन आवश्यक है ।

    3.1 यात्रा:

    3.1.1 यात्री को बेची जा रह� समग्र �वदेशी मुद्रा (2,50,000 अमर�क� डालर प्र�त वषर्) �वदेशी मुद्रा

    नोट तथा �सक्क� के रूप म� �व�नयम �नम्नानुसार सीमा तक �कया जा सकता है ।

    i. इराक, ल��बया, इस्ला�मक �रपिब्लक ऑफ ईरान, र�शयन फेडरेशन तथा स्वतंत्र

    देश� के गणतंत्र से इतर देश� क� यात्रा पर जा रहे यात्री – प्र�तयात्रा 3000 अमर�क� डालर

    या उसके बराबर से अन�धक।

    ii. इराक या ल��बया को जा रहे यात्री – प्र�तयात्रा 5000 अमर�क� डालर या उसके

    बराबर से अन�धक।

    iii. इस्ला�मक �रपिब्लक ऑफ ईरान, र�शयन फेडरेशन तथा स्वतंत्र देश� के कामनवैल्थ

    के अन्य गणतंत्र – पूर� �वदेशी मुद्रा जार� क� जाए।

  • 9

    iv. हज / उमराह क� तीथर्यात्रा पर जा रहे यात्री – पात्रता क� पूर� रा�श नकद� म� या भारत

    क� हज स�म�त द्वारा �व�न�दर्ष्ट सीमा तक – जार� कर द� जाए।

    3.1.2 प्रस्ता�वत देश� क� यात्रा के �लए यात्री के अनुरोध पर होटल आवास, टूर व्यवस्थाओं, आ�द

    के �लए प्रा�धकृत व्यापार� एक यथो�चत सीमा तक �वदेशी मुद्रा �वपे्र�षत कर सकते ह� । इसके

    अलावा, भारत से बाहर रेल/ सड़क / पानी प�रवहन प्रभार स�हत भारतीय या�त्रय� के �लए टूर से

    सबं�धत व्यय तथा यूरो रेल, पास / �टकट�, आ�द, तथा �वदेशी होटल / हवाई यात्रा प्रभार

    2,50,000 अमर�क� डालर क� नई सीमा म� शा�मल कर �लए गए ह� ।

    3.1.3 �वदेशी मुद्रा के अभ्यपर्ण के �लए अव�ध

    i. य�द �कसी �व�शष्ट प्रयोजन के �लए खर�द� गई �वदेशी मुद्रा उस प्रयोजन के �लए

    प्रयुक्त नह� ंक� जाती, तो वह सबं�धत �नयम� / �व�नयम� के अधीन अनुमत �कसी

    और प्रयोजन के �लए प्रयुक्त क� जा सकती है ।

    ii. �कसी भी �नवासी व्यिक्त को प्रािप्त / वसूल� / क्रय / अ�भग्रहण / वापसी क� तार�ख

    से 180 �दन के भीतर प्राप्त / वसूल / अव्य�तत / अप्रयुक्त �वदेशी मुद्रा अभ्य�पर्त करने

    का सामान्य अ�धकार प्राप्त है ।

    नोट: जहा ंकोई व्यिक्त अव्य�तत / अप्रयकु्त �वदेशी मुद्रा के अभ्यपर्ण के �लए प्रा�धकृत व्यिक्त से 180 �दन क� �नधार्�रत अव�ध के बाद संपकर् करता है, तो प्रा�धकृत व्यिक्त �वदेशी मुद्रा खर�दने के �लए केवल इस आधार पर �क �नधार्�रत अव�ध समाप्त हो गई है, खर�दने से मना न करे ।

    iii. 180 �दन क� उदार�कृत एक समान समय सीमा केवल �नवासी व्यिक्तय� और

    वस्तुओं और सेवाओं से इतर �ेत्र� के �लए है । अन्य सभी मामल� म�, अभ्यपर्ण

    आवश्यकता के संबंध म� �व�नयम / �नदेश अप�रव�तर्त रह�गे (अ�धसूचना सं एफइएमए

    9/2000 – आर बी �दनांक 3 मई 2000, समय – समय पर यथा संशो�धत)।

    https://old.rbi.org.in/hindi/scripts/Notifications.aspx?Id=1746&Mode=0https://old.rbi.org.in/hindi/scripts/Notifications.aspx?Id=1746&Mode=0

  • 10

    3.1.4 अव्य�यत �वदेशी मुद्रा

    वापस आ रहा यात्री अपने पास 2000 अमर�क� डालर क� समग्र सीमा तक 180 �दन के

    बाद �वदेशी मुद्रा, यात्री चेक तथा कर�सी नोट तथा �बना �कसी सीमा के �वदेशी �सक्के रख सकता

    है । इस प्रकार रख ल� गई �वदेशी मुद्रा यात्री द्वारा बाद म� �वदेश यात्रा के �लए प्रयुक्त क� जा

    सकती है ।

    3.2 वेतन का �वपे्रषण

    कोई व्यिक्त जो �नवासी है ले�कन भारत म� स्थायी �नवासी नह� ंहै और

    क. पा�कस्तान से इतर �कसी �वदेशी राज्य का नाग�रक है; या

    ख.भारत का नाग�रक है, जो �वदेशी कंपनी के कायार्लय या शाखा या सहायक कंपनी या

    भारत म� ऐसी कंपनी के संयुक्त उद्यम के कायार्लय या शाखा म� प्र�त�नयुिक्त पर है,

    अपनी �नवल वेतन तक �वपे्रषण कर सकता है (कर� क� कटौती, भ�वष्य �न�ध तथा अन्य

    कटौ�तय� के बाद)

    स्पष्ट�करण : इस मद के प्रयोजन के �लए, कोई व्यिक्त जो अपने रोजगार या �व�शष्ट अव�ध के �लए प्र�त�नयुिक्त पर है (चाहे उसक� अव�ध कुछ भी हो) या �व�शष्ट कायर् या �नयोजन, िजसक�

    अव�ध तीन वषर् से अ�धक नह�ं हो, �नवासी है ले�कन स्थायी �नवासी नह�।ं

    3.3 �नवासी व्यिक्तय� द्वारा अ�नवासी भारतीय �नकट संबं�धय� का �च�कत्सा व्यय पूरा करना

    जहा ं�कसी अ�नवासी भारतीय �नकट संबंधी (कंपनी अ�ध�नयम, 1956 क� धारा 6 म� यथा

    प्रभा�षत) का �च�कत्सा व्यय �कसी �नवासी व्यिक्त द्वारा उठाया जाता है, ऐसा व्यय �नवासी से

    �नवासी को लेनदेन होने के कारण अ�धसूचना सं एफ ई एफ ए 16 / 2000 – आर बी �दनाकं 3

    मई, 2000 के �व�नयम 2 (i) के अधीन “उससे संबं�धत सेवाओं” के अधीन कवर �कया जाए ।

  • 11

    3.4 भारत म� प्रा�धकृत व्यापा�रय� द्वारा अंतरार्ष्ट्र�य काडर् / अंतरार्ष्ट्र�य ड�ेबट काडर् / स्टोर वैल्यू

    काडर् आ�द

    3.4.1 अंतरार्ष्ट्र�य के्र�डट काडर्

    i. �वदेशी मुद्रा प्रबंध (चालू खाता लेनदेन) �नयम, 2000 के �नयम 5 म� �न�हत प्रबंध

    भारत से बाहर दौरे पर �नवा�सय� द्वारा व्यय के �लए भुगतान के �लए अतंरार्ष्ट्र�य के्र�डट

    काडर् के प्रयोग पर लागू नह�ं ह�गे ।

    ii. �नवासी इंटरनेट पर �कसी भी प्रयोजन के �लए आईसीसी का प्रयोग कर सकते ह�

    िजसके �लए भारत म� �कसी प्रा�धकृत व्यापार� से �वदेशी मुद्रा खर�द� जा सकती है । उदाहरण

    के �लए पुस्तक� का आयात, डाउनलोड �कए जा सकने वाले साफ्टवेअर क� खर�द या �वदेशी

    व्यापार नी�त (एफ ट� पी) के अधीन �कसी अन्य अनुमत मद का आयात ।

    iii. इंटरनेट पर या अन्यथा आईसीसी का प्र�तबं�धत मद� जसेै �क लाटर� �टकट,

    प्र�तबं�धत प�त्रकाओं, स्वीपस्टेक म� भाग लेने, काल ब�क सेवाओं, आ�द के �लए प्रयोग नह� ं �कया

    जा सकता क्य��क ऐसी मद� / ग�त�व�धय� के �लए �वदेशी मुद्रा के आहरण क� अनुम�त नह�ं है

    iv. इंटरनेट के माध्यम से आईसीसी के प्रयोग के �लए कोई समग्र सीमा अलग से नह�ं

    है ।

    v. भारत म� �कसी प्रा�धकृत व्यापार� के साथ या �वदेश म� �कसी ब�क के साथ, जैसा �क

    वतर्मान �वदेशी मुद्रा �व�नयम� के अधीन अनुमत है, �वदेशी मुद्रा खाते रखने वाले �नवासी

    व्यिक्त, �वदेशी ब�क� तथा अन्य �वख्यात एज��सय� से आईसीसी प्राप्त करने के �लए स्वतंत्र

    ह�। भारत म� या �वदेश म�, काडर् पर प्रभार, काडर्धारक के �वदेशी मुद्रा खाते (खात� म� रखी

    �न�धय� म� से या भारत से, केवल ब�क के माध्यम से जहां काडर् धारक का चालू या बचत

    खाता है, से �वपे्रषण, य�द कोई हो, म� से �दए जा सकते ह� । इस प्रयोजन के �लए �वपे्रषण

  • 12

    �वदेश म� काडर् जार� करने वाल� एज�सी को सीधे भी भेजा जा सकता है, और �कसी अन्य

    पाट� को नह� ं। लागू सीमा काडर् जार� करने वाले ब�क� द्वारा �नधार्�रत ऋण सीमा होगी ।

    इस सु�वधा के अधीन �रज़वर् ब�क द्वारा कोई �वपे्रषण, य�द कोई हो क� मौ�द्रक सीमा

    �नधार्�रत नह�ं क� गई है ।

    vi. नेपाल तथा भूटान म� �वदेशी मुद्रा म� भुगतान करने के �लए आईसीसी के प्रयोग क�

    अनुम�त नह�ं है ।

    vii. ए डी, एनआरआई / पीआईओ को �रज़वर् ब�क के पूवर् अनुमोदन के �बना आईसीसी

    जार� कर सकते ह� बशत� �क आईसीसी के प्रयोग पर प्रभार का संबं�धत एनआरआई / पीआईओ

    द्वारा आवक �वपे्रषण� या (एनआरई)खात� / (एफ सी एन आर) खात� म� रखे शषे� म� से �नपटान

    �कया जाए ।

    3.4.2. अंतरार्ष्ट्र�य ड�ेबट काडर् (आईडीसी)

    i. �वदेशी मुद्रा म� व्यापार करने के �लए प्रा�धकृत ब�क आईडीसी जार� कर सकते ह�

    िजनका प्रयोग �नवासी द्वारा उसके �वदेश म� दौरे के दौरान नकद� आहरण के �लए या �कसी

    व्यापा�रक स्थापना के भुगतान के �लए �कया जा सकता है । आईडीसी प्रयोग केवल चालू

    खाता लेनदेन� के �लए अनुमत है और समय – समय पर यथासंशो�धत �नयम� क� अनुसूची म�

    उल्लेख �कए गए अनुसार इन काड� के प्रयोग पर भुगतान क� सीमा लागू है ।

    ii. आई डी सी का प्रयोग इंटरनेट पर प्र�तबं�धत मद� जसेै �क लाटर� �टकट,

    प्र�तबं�धत प�त्रकाओं, स्वीपस्टेक म� भाग लेने, काल ब�क सेवाओं, आ�द के �लए प्रयोग

    नह� ं �कया जा सकता क्य��क ऐसी मद� / ग�त�व�धय� के �लए �वदेशी मुद्रा के आहरण क�

    अनुम�त नह�ं है ।

  • 13

    3.4.3. हवाई �टकट� के भुगतान के �लए के्र�डट / ड�ेबट काडर् का प्रयोग

    कुछ मामल� म� जहां �टकट के �लए भुगतान �नवा�सय� द्वारा के्र�डट / ड�ेबट काडर् से �कया

    जाता है, काडर् कंप�नया ँभारत म� प�रचालन कर रह� �वदेशी कंप�नय� को सु�वधा दे रह� है �क

    अपनी पसंद के देश और मुद्रा का भारतीय रुपय� म� हवाई �टकट� क� �बक्र� के �लए चयन कर

    सक� । ऐसे लेनदेन� म�, �वदेशी ब�क काडर् जार� करने वाल� कंपनी से अपने वोस्ट्रो खाते म� भारत

    म� प्रा�धकृत व्यापार� ब�क के पास रखे खाते म� �न�धया ँप्राप्त करता है या �वदेश म� रखे अपने

    �वदेशी मुद्रा खाते म� प्राप्त करता है और �वदेशी कंपनी को �वदेश म� �वदेशी मुद्रा खाते म� भुगतान

    कर देता है । �वदेशी हवाई कंप�नय� द्वारा अपनाई जा रह� यह प्रथा �वदेशी मुद्रा प्रबंध

    अ�ध�नयम, 1999 के वतर्मान उपबंध� के अनुरूप नह� ंहै । इस�लए शे्रणी I - ब�क �वदेशी कंप�नय�

    को सू�चत कर द� �क भारत म� हवाई �टकट� क� �बक्र� के �नबटान के �लए �वदेशी ब�क� का प्रयोग

    करने क� प्रथा समाप्त कर द� ।

    3.4.4. स्टोर वैल्यू काडर् / चाजर् काडर् / स्माटर् काडर्, आ�द

    प्रा�धकृत डीलर ब�क �वदेश म� �नजी / कारोबार� यात्रा पर जा रहे �नवा�सय� को स्टोर वैल्यू

    काडर्/चाजर् काडर्/स्माटर् काडर् जार� कर सकते ह� जो �वदेशी व्यापा�रक प्र�तष्ठान� को भुगतान करने

    और एट�एम ट�मर्नल� से नकद� �नकालने के �लए प्रयोग �कए जाते ह� । ऐसे काडर् जार� करने के

    �लए �रज़वर् ब�क से पूवार्नुमती आवश्यक नह� ंहै। तथा�प, ऐसे काड� का प्रयोग अनुमत चालू खाता

    लेनदेन� तक सी�मत है और समय – समय पर यथासंशो�धत एफईएम (सीएट�) �नयम, 2000 म�

    �नधार्�रत सीमा के अधीन ह�गे ।

    3.4.5 पूवर्दत्त यात्रा काडर् पर अप्रयुक्त शषे का �वमोचन

    जो �नवासी भारतीय अपने यात्रा काडर् खर�दते ह�, उन्ह� अप्रयुक्त शषे क� वापसी �पछले लेनदेन के

    10 �दन बाद ह� क� जाएगी और तदनुसार, यह शतर् “प्रयोक्ता गाइड” म� उिल्ल�खत है । चंू�क यह

    अपे��त है �क ये काडर्, नकद� / यात्रा चेक� का स्थान ल�गे, प्रयोक्त को उपलब्ध सु�वधाएं उसी

  • 14

    प्रकार क� ह�गी । तदनुसार, सभी प्रा�धकृत व्यिक्त �नवासी भारतीय� द्वारा अनुरोध करने पर इन

    काड� म� उपयुक्त बकाया रा�श तुरंत �वमो�चत कर�गे बशत� �क �नम्न�ल�खत रा�शया ँरखे जाएं ।

    i. जो खाते प्रा�धकृत ह� और �वमोचन क� तार�ख से संबं�धत �नपटान चक्र तक दावे

    र�हत / �नपटान नह� ंहोते ;

    ii. संबं�धत �नपटान चक्र पूरा होने तक पाइपलाइन लेनदेन पूरा करने के �लए 100

    अमर�क� डालर से अन�धक एक छोटा सा शषे; तथा

    iii. रुपय� म� देय भारत म� लेनदेन शुल्क / सेवा कर

    iv. जो रा�श प्रा�धकृत है ले�कन िजसके �लए दावा नह�ं �कया गया । प्राप्तकतार्

    द्वारा �नबटान नह� ं �कया गया है, ऐसे काड� को जार� करने वाला ऐसी रा�शया ँ

    प्राप्तकतार्ओं द्वारा �नधार्�रत �नबटान फे्रमवकर् म� प्रसंस्करण / �नबटान होने तक रख

    सकता है ।

    4 अन्य के �लए �वपे्रषण सु�वधाएं

    4.1 उपहार / दान

    अलग – अलग व्यिक्तय� से इतर व्यिक्तय� को �पछले तीन �वत्तीय वषर् म� उनके �वदेश

    मुद्रा अजर्न के एक प्र�तशत तक या 5,000,000 अमर�क� डालर तक, जो भी कम हो, का �वपे्रषण

    करने के �लए सामान्य अनुम�त उपलब्ध है ।

    क) �वख्यात शै��क संस्थान� म� पीठ क� स्थापना

    ख) �न�धय� म� अंशदान (शै��क संस्थान द्वारा प्रव�तर्त �नवेश �न�ध न हो तथा

    ग) दान देने वाल� कंपनी क� ग�त�व�ध के �ेत्र म� तकनीक� संस्थान या �नकाय या संघ

    को अंशदान के �लए । इससे अ�धक, अ�त�रक्त �वपे्रषण के �लए �रज़वर् ब�क का पूवर्

    अनुमोदन आवश्यक है । ऊपर �व�न�दर्ष्ट प्रयोजन� से इतर प्रयोजन� के �लए �वपे्रषण के

  • 15

    आवेदन क) �पछले 3 वषर् म� उनके �वदेशी मुद्रा अजर्न के �ववरण ख)कंपनी क� ग�त�व�धय�

    के बारे म� सं��प्त पषृ्ठभू�म, ग)दान का प्रयोजन तथा घ) कंपनी को संभा�वत लाभ1 के

    �ववरण स�हत मुख्य महाप्रबंधक, भारतीय �रज़वर् ब�क,क� द्र�य कायार्लय, �वदेशी मुद्रा �वभाग,

    �वदेशी �नवेश प्रभाग (ई पी डी), क� द्र�य कायार्लय भवन, मंुबई-400001 को अगे्र�षत �कए

    जाएं ।

    4.2 भारत म� आवासीय फ्लैट या वा�णिज्यक प्लाट क� �बक्र� के �लए �वदेश म� एज�ट� को

    कमीशन

    अलग – अलग व्यिक्तय� से इतर व्यिक्तय� द्वारा �वपे्रषण के �लए �रज़वर् ब�क का पूवर् अनमुोदन

    आवश्यक है । य�द भारत म� आवासीय फ्लैट या वा�णिज्यक प्लाट क� �बक्र� के �लए �वदेश म�

    एज�ट को प्र�त लेनदेन के �लए कमीशन 25,000 अमर�क� डालर या आवक �वपे्रषण के पाँच

    प्र�तशत से अ�धक है, जो भी अ�धक हो ।

    4.3 परामश� सेवाओं के �लए �वपे्रषण

    अलग – अलग व्यिक्तय� से इतर व्यिक्तय� द्वारा �वपे्रषण के �लए �रज़वर् ब�क का पूवर्

    अनुमोदन आवश्यक है य�द मूलभूत प�रयोजनाओं के संबंध म� प्र�त प�रयोजना क� परामश� सेवाओं

    के �लए �वपे्रषण 10,000,000 अमर�क� डालर और भारत से बाहर प्राप्त परामश� सेवाओं के �लए

    1,000,000 प्र�तपू�त र् प�रयोजना अमर�क� डालर से अ�धक है।

    स्पष्ट�करण:- इस उप – पैराग्राफ के प्रयोजन के �लए अ�भव्यक्त “मूलभूत” का अ�भप्राय यथा संशो�धत एफ ई एम ए अ�धसूचना 3 / 2000 – आर बी �दनाकं 3 मई 2000 के पैरा 1(iv)(A)(a) म� प�रभा�षत अनुसार होगा ।

    1. आशोधन म� हटा �दया गया है ।

    https://old.rbi.org.in/hindi/scripts/Notifications.aspx?Id=1778&Mode=0

  • 16

    4.4 �नगमनपूवर् व्यय क� पुनः प्र�तपू�त र् के �लए �वपे्रषण

    भारत म� �कसी संस्थान द्वारा �नगमनपूवर् व्यय क� पुनः प्र�तपू�त र् के �लए अलग – अलग

    व्यिक्तय� से इतर �कसी व्यिक्त द्वारा भारत म� लाये गए �नवेश के पाचँ प्र�तशत या 1,00,000

    अमर�क� डालर, जो भी उच्चतर, से अ�धक हो �रज़वर् ब�क का पूवर् अनुमोदन आवश्यक होगा ।

    4.5 �वदेशी मुद्रा म� शुल्क का भुगतान – दतूावास से संबद्ध शै��क संस्थान

    प्रा�धकृत व्यापार� �वदेशी दतूावास� के प्रशास�नक �नयंत्रण के अधीन �वद्यालय� / शै��क

    संस्थाओं को शुल्क के भुगतान के �लए �वदेशी मुद्रा बेच सकते ह� ।

    4.6 �वदेशी ट� वी मी�डया कंपनी को संग्रह�त अ�भदान के भुगतान के �लए �वपे्रषण

    प्रा�धकृत व्यापार� – �रज़वर् ब�क क� पूवर् अनुम�त के �बना भारत म� �वदेशी ट�वी मी�डया

    कंपनी के केबल आपरेटर या संग्रहण एज�ट को भारत म� संग्रह�त अ�भदान / �वदेश ट�वी चैनल पर

    �व�ापन के �लए पात्र �व�ापक� से प्राप्त �व�ापन प्रभार� के �वपे्रषण क� अनुम�त दे सकते ह� ।

    4.7 भारत म� �नष्पा�दत क� जाने वाल� प�रयोजनाओं के �लए �वदेशी मुद्रा म� बो�लयां

    भारत म� �नवासी व्यिक्तय� को वैिश्वक बो�लय� के संबंध म� जहां क� द्र�य सरकार ने भारत

    म� �नष्पा�दत करने के �लए ऐसी प�रयोजनाओं को प्रा�धकृत �कया है,�वदेशी मुद्रा म� देयता लेने

    तथा �वदेशी मुद्रा म� भुगतान करने या प्राप्त करने क� अनुम�त है । ऐसे मामल� म�, प्रा�धकृत

    व्यापार� उस संबं�धत �नवासी भारतीय कंपनी को �वदेशी मुद्रा बेच सकते ह� िजसे सं�वदा द� गई है

    4.8 �वदेशी टेल�फ़ोन काडर् क� �बक्र�

    प्रा�धकृत व्यापार� टेल�फ़ोन काडर् को जार� करने वाल� को, अपना कमीशन घटा कर, ऐसे

    काड� क� �बक्र� आय के �वपे्रषण को �वदेशी संगठन� के भारतीय एज�ट� को �वपे्रषण क� अनुम�त दे

    सकते ह� ।

  • 17

    4.9 �वदेशी तकनीक� सहयोग व्यवस्थाओं का उदार�करण

    वा�णज्य और उधोग मंत्रालय, भारत सरकार क� अनुम�त के �बना ए डी शे्रणी- I ब�क

    तकनीक� सहयोग व्यवस्थाओं के अधीन रॉयल्ट� के भुगतान तथा एकमुश्त भुगतान के �लए

    व्यिक्तय� को �वदेशी मुद्रा के आहरण क� अनुम�त दे सकते ह� ।

    4.10 भारत म� टे्रडमाकर् या फ्र� चाइज़ खर�दने के �लए �वदेशी मुद्रा का आहरण

    ए डी शे्रणी I ब�क, व्यिक्त को भारत म� टे्रडमाकर् या फ्र� चाइज़ खर�दने के �लए �रज़वर् ब�क क�

    अनुम�त के �बना �वदेशी मुद्रा के आहरण क� अनुम�त दे सकते ह� ।

    4.11 एज�ट� द्वारा टूर व्यवस्था करने के �लए �वपे्रषण

    4.11.1 प्रा�धकृत व्यापार� होटल आवास उपलब्ध करने या भारत से यात्रा के �लए आय व्यवस्था

    करने के �लए �वदेश म� होटल / एज�ट�, आ�द से टाय-अप रखने वाल� को �वपे्रषण कर सकते ह�

    बशत� �क प्रा�धकृत व्यापार� इस बात से संतुष्ट हो �क लागू �नयम�, �व�नयम� तथा �नवेश के

    अनुसार �वपे्रषण संबं�धत यात्री द्वारा �कसी प्रा�धकृत व्यिक्त (�वदेश म� �नजी यात्रा के �लए

    आहरत �वदेशी मुद्रा स�हत) से खर�द� गई मुद्रा म� से �कया जा रहा है ।

    4.11.2 प्रा�धकृत व्यापार� भारत म� उन एज�ट� के नाम म� �वदेशी मुद्रा खाते खोल सकते ह�

    िजनका होटल आवास या भारत से या�त्रय� के �लए टूर व्यवस्था करने के �लए �वदेश म� होटल� /

    एज�ट� से टाय अप व्यवस्था है ।

    बशत�

    i) खाते म� के्र�डट �नम्न�ल�खत जमा करवाने के कारण है

    क) या�त्रय� से �वदेशी मुद्रा म� संग्रहण; तथा

    ख) बु�कंग / टूर व्यवस्था, आ�द को रद्द करने के कारण भारत से बाहर से प्राप्त �रफ़ंड;

    तथा

  • 18

    ii) �वदेशी मुद्रा म� ड�ेबट भारत से बाहर होटल आवास / टूर व्यवस्था, आ�द के भुगतान के

    �लए है ।

    4.11.3 प्रा�धकृत व्यापार� �रज़वर् ब�क के पूवर् अनुमोदन के �बना कमीशन / माकर् अप घटा कर

    एज�ट को देय टूर प�रचालक को भारत से बाहर रेल / सड़क / जल / प�रवहन प्रभार के �लए

    लागत क� �वपे्रषण क� अनुम�त दे सकता है । भारत म� पास / �टकट क� �बक� या तो भारतीय

    रूपये म� या �वदेश म� यात्रा के �लए जार� �वदेशी मुद्रा के �वरुद्ध �कया जा सकता है ।

    4.11.4 प्रा�धकृत व्यापार� के माध्यम से अ�ग्रम भुगतान / प्र�तपू�त र् के �वरुद्ध भारत तथा पड़ोसी

    देश जसेै �क नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका, आ�द क� यात्रा कर रहे �वदेशी पयर्टक� के �लए भारत म�

    यात्रा एज�ट� द्वारा व्यवस्था �कए गए, ऐसी समे�कत टूर व्यवस्था के �लए भारत म� प्राप्त आं�शक

    �वदेशी मुद्रा, हो सकता है �क इन देश� म� यात्रा एज�ट� और होटल वाल� द्वारा द� गई सेवाओं के

    �लए, भारत से इन देश� को �वपे्र�षत करनी पड़ े। प्रा�धकृत व्यापार� यह सत्यापन करने के बाद

    �क पड़ोसी देश� को �वपे्र�षत क� जा रह� रा�श (पहले से टूर के �लए �वपे्रषण स�हत, य�द कोई हो)

    वास्तव म� भारत को �वपे्र�षत रा�श से अ�धक नह� ं है और �हता�धकार� के आवास का देश

    पा�कस्तान नह� ंहै, �वपे्रषण क� अनुम�त दे सकते ह� ।

    5 गारंट� जार� करना – सेवा का आयात

    5.1 ए डी शे्रणी- I ब�क� को �नवासी ग्राहक जो �क सेवा आयातक है क� ओर से अ�नवासी सेवा

    प्रदाता के प� म� या बराबर रा�श 500,000 अमर�क� डालर से अन�धक रा�श के �लए गारंट� जार�

    करने क� अनुम�त है, बशत�

    i) ए डी शे्रणी- I ब�क लेनदेन क� सदाशयत के बारे म� संतुष्ट है,

    ii) ए डी शे्रणी –I ब�क यथासमय सेवाओं के आयात के �लए दस्तावेजी प्रमाण क�

    प्रस्तु�त सु�निश्चत करता है ।

  • 19

    iii) गारंट� का उद्दशे्य �नवासी तथा अ�नवासी के बीच सं�वदा के कारण प्रत्यस्त

    सं�वदागत देयता को सु�निश्चत करना है ।

    5.2 �कसी सरकार� �ेत्र क� कंपनी या भारत सरकार / राज्य सरकार� के �वभाग / उपक्रम के

    मामले म� 100,000 अमर�क� डालर या उसके बराबर क� रा�श से अ�धक क� रा�श के �लए गारंट�

    जार� करने के �लए �वत्त मंत्रालय, भारत सरकार से अनुमोदन प्राप्त करना आवश्यक होगा ।

    6. प्रा�धकृत व्यिक्तय� को प�रचालनगत अनुदेश

    6.1 �रज़वर् ब�क ऐसे दस्तावेज �नधार्�रत नह�ं करेगा जो �व�भन्न लेनदेन�, �वशषेकर चालू खाता

    लेनदेन� के �लए �वपे्रषण क� अनुम�त देते समय प्रा�धकृत व्यिक्तय� द्वारा सत्या�पत �कए जाने

    चा�हए ।

    6.2 अ�ध�नयम क� धारा 10 क� उप-धारा 5 म� �न�हत उपबंध� के अनुसार, �कसी व्यिक्त क�

    ओर से �वदेशी मुद्रा म� कोई लेनदेन करने से पहले, प्रा�धकृत व्यापार� के �लए आवश्यक है �क

    िजस व्यिक्त क� ओर से लेनदेन �कया जा रहा है, उससे एक घोषणा तथा अन्य सूचना प्राप्त करे

    िजससे वह यथो�चत रूप से संतुष्ट हो �क लेनदेन से अ�ध�नयम के उपबंध� या �कसी �नयम या

    �व�नयम या अ�धसूचना या �नवेश या अ�ध�नयम के अधीन पा�रत �कसी आदेश का उल्लंघन नह� ं

    होगा । लेनदेन करने से पहले प्रा�धकृत व्यापार� प्राप्त सूचना/ दस्तावेज संभाल कर रख� ता�क

    �रज़वर् ब�क द्वारा सत्यापन �कया जा सके । आवेदन म� सह� �ववरण देने क� िज़म्मेदार� उस

    आवेदक क� होगी िजसने ऐसे �वपे्रषण के प्रयोजन के संबंध म� �ववरण सत्या�पत �कए ह� ।

    6.3 िजस व्यिक्त क� ओर से लेनदेन �कया जा रहा है, प्रा�धकृत व्यिक्त को मना कर देता है

    या आवश्यकता के संबंध म� संतोषजनक अनुपालन नह� ंदेता, तो वह �ल�खत रूप म� लेनदेन करने

    से इनकार कर देगा और य�द वह समझता है �क उस व्यिक्त द्वारा उल्लंघन / बचने क� मंशा है,

    तो मामले क� सूचना �रज़वर् ब�क को देगा ।

  • 20

    6.4 मध्यवत� व्यापार के संबंध म� आयात और �वपे्रषण से इतर भुगतान के �लए, आवेदक फामर्

    ए 2 (अनुबंध 2) भरेगा । फामर् ए 2 तथा संबं�धत दस्तावेज़ प्रा�धकृत व्यिक्तय� द्वारा एक वषर्

    क� अव�ध के �लए रखे जाएंगे ता�क उनके आंत�रक लेखापर��क द्वारा सत्यापन �कया जा सके ।

    6.5 25,000 अमर�क� डालर से अन�धक के चालू खाता लेनदेन करने के �लए प्रा�धकृत व्यापार�

    आवेदक से एक आसान सा पत्र ले ल� िजसम� आवेदक का नाम और पता और �हता�धकार�,

    �वपे्र�षत क� जाने वाल� रा�श और �वपे्रषण का उद्दशे्य �दया जाएगा । तथा�प, यह इस शतर् के

    अधीन है �क भुगतान आवेदक के ब�क खाते पर आह�रत चेक या मांग ड्राफ्ट से �कया जाता है ।ए

    डी ब�क डम्मी ए – 2 तैयार कर�गे ता�क वे भुगतान संतुलन के �लए सांिख्यक�य सूचना के �लए

    �वपे्रषण का उद्दशे्य दे सक� ।

    6.6. 2�व�वध �वपे्रषण को सु�वधाजनक बनाने और कागजी कारर्वाई को कम करने के �लए

    ग्राहक� को इंटरनेट ब��कंग सु�वधाएं उपलब्ध करा रहे प्रा�धकृत व्यापार� ए2 क� ऑनलाइन प्रस्तु�त

    क� अनुम�त द� । इसके अलावा, य�द और जब आवश्यक हो, वे दस्तावेज� क� अपलो�डगं /

    प्रस्तु�त भी सु�निश्चत कर� । फेमा,1999 के अधीन वतर्मान �नयम� या �व�नयम� क� स्वीकायर्ता

    स्था�पत क� जा सके । िजन �वपे्रषण� के �लए �कसी दस्तावेज़ क� आवश्यकता नह�ं है (उदाहरण

    के �लए एलआरएस के अधीन कुछेक लेनदेन) वे फामर् ए 2 मात्र के आधार पर कर �दए जाएं ।

    शुरुआत के तौर पर, ऑनलाइन प्रस्तु�त के आधार पर �वपे्रषण व्यिक्तय� के �लए 25,000

    अमर�क� डालर (या उसके बराबर) तथा कंप�नय� के �लए 1,00,000 अमर�क� डालर (या उसके

    बराबर) तक क� सीमा तक उपलब्ध ह�गे । यह ध्यान म� रखा जाए �क एफईएमए क� धारा 10(5)

    के अनुसार �वपे्रषण प्रा�धकृत व्यापार� ब�क क� संतुिष्ट क� शतर् पर ह�गे । तदनुसार, प्रा�धकृत

    व्यापार� ब�क सां�व�धक / �व�नयामक उपबंध� क� प�र�ध के भीतर ग्राहक� के �लए लेनदेन� को

    सहज बनाने के �लए ग्राहक इंटरफेस के �लए यथो�चत �दशा�नद�श तैयार कर� । प्रा�धकृत व्यापार�

    ब�क� द्वारा प्रौधो�गक� तथा / या प�रचालन कायर्�व�धय� म� यथो�चत प�रवतर्न तुरंत �कए जाएं ।

    2 ऐपी(डीआईआर श्रंखला) प�रपत्र 50 �दनांक 11 फरवर�, 2016 के द्वारा जोडा गया

    https://www.rbi.org.in/hindi/Scripts/Notifications.aspx?Id=5369&Mode=0

  • 21

    7. आय कर अनापित्त

    अ�नवासी को �वपे्रषण क� अनमु�त देते समय स्रोत पर कर काटने के संबंध म� �रज़वर् ब�क

    फेमा के अधीन कोई अनुदेश जार� नह� ंकरेगा । प्रा�धकृत व्यापार� के �लए लागू कर कानून� का

    पालन करना अ�नवायर् होगा ।

  • 22

    अनुबन्ध– 1

    �वदेशी �वदेशी मुद्रा प्रबंध (चालू खाता लेनदेन) �नयम, 2000 अ�धसूचना सं जी.एस.आर. 381 (ई)

    �दनांक 3 मई, 2000 (समय – समय पर यथासंशो�धत)

    �वदेशी मुद्रा प्रबंध अ�ध�नयम, 1999 क� धारा 5 तथा उप – धारा (1) तथा धारा 46 क� उप –

    धारा (2) के खडं (क) द्वारा प्रदत्त शिक्तय� का उपयोग करते हुए और �रज़वर् ब�क से परामशर्

    करके, केन्द्र सरकार जन�हत आवश्यक समझ ेजाने के कारण, �नम्न�ल�खत �नयम बनाती है,

    नामत: -

    1. लघु शीषर् और प्रारंभ –

    (1) ये �नयम �वदेशी मुद्रा प्रबंध (चालू खाता लेनदेन) �नयम, 2000 कहलाये जाएंगे,

    (2) ये 1 जून, 2000 से प्रभावी ह�गे

    2. प�रभाषाएं – इन �नयम�, जब तक �क संदभर् से अन्यथा अ�भपे्रत न हो:

    क) “अ�ध�नयम” का अ�भप्राय है �वदेशी मुद्रा प्रबंध अ�ध�नयम, 1999 (1999 का 42)

    ख) “आहरण” का अ�भप्राय है �कसी प्रा�धकृत व्यिक्त से �वदेशी मुद्रा का आहरण

    और इसम� साख पत्र खोलना या अंतरार्ष्ट्र�य के्र�डट काडर् का प्रयोग या अंतरार्ष्ट्र�य ड�ेबट काडर्

    या एट�एम या �कसी भी नाम से कोई अन्य वस्तु िजसका प्रभाव �वदेशी मुद्रा क� देयता

    उत्पन्न करना है ;

    ग) “अनुसूची” का अ�भप्राय है इन �नयम� के साथ संलग्न अनुसूची;

    घ) इन �नयम� म� प�रभा�षत न �कए गए शब्द� और अ�भव्यिक्तय�, ले�कन

    अ�ध�नयम म� प�रभा�षत, का अ�भप्राय अ�ध�नयम म� �दए गए अ�भप्राय ह�गे ।

  • 23

    3. �वदेशी मुद्रा के आहरण पर प्र�तबंध – �कसी भी व्यिक्त द्वारा �नम्न�ल�खत प्रयोजन� के

    �लए �वदेशी मुद्रा का आहरण प्र�तबं�धत है, नामत:

    क) अनुसूची I म� �व�न�दर्ष्ट कोई लेनदेन ; या

    ख) नेपाल तथा / या भूटान क� यात्रा ; या

    ग) नेपाल या भूटान म� �नवासी �कसी व्यिक्त के साथ लेनदेन बशत� �क खंड(ग) म�

    प्र�तबंध को �रज़वर् ब�क द्वारा �वशषे या सामान्य आदेश से छूट दे द� जाए ।

    4. भारत सरकार का पूवर् अनुमोदन – कोई भी व्यिक्त अनुसू�चत II म� शा�मल �कसी लेनदेन

    के �लए �वदेशी मुद्रा आह�रत नह�ं करेगा;

    बशत� �क यह �नयम वहां लागू नह�ं होगा जहा ंभुगतान �वपे्रषक के आर एफ सी खात� म�

    रखी �न�धय� म� से �कया गया हो ।

    5. �रज़वर् ब�क का पूवर् अनमुोदन

    अनुसूची III म� शा�मल लेनदेन� के �लए �वदेशी मुद्रा का प्रत्येक आहरण उसम� उिल्ल�खत

    अनुसार �नयं�त्रत होगा ।

    बशत� �क यह �नयम वहा ंलागू नह� ंहोगा जहा ंभुगतान �वपे्रषक के आर एफ सी खाते म�

    रखी �न�धय� म� से �कया गया हो ।

    6. (1) �नयम 4 या �नयम 5 म� कुछ होते हुए भी वह �वपे्रषक के �वदेशी मुद्रा अजर्क �वदेशी मुद्रा

    खाता(ईईएफसी) खात� म� रखी �न�धय� म� से आहरण पर लागू नह�ं होगा ।

    (2) उप – �नयम (1) म� कुछ होते हुए भी �नयम (4) या �नयम (5) के अधीन लगाए गए

    प्र�तबंध जार� रह�गे जहा ंईईएफसी खाते म� से आहरण अनुसूची II क� मद संख्या 10 और 11 या

    अनुसूची III क� मद संख्या 3, 4, 11, 16 तथा 17 म� �व�न�दर्ष्ट प्रयोजन के �लए है ।

  • 24

    7. भारत से बाहर रहते समय अंतरार्ष्ट्र�य के्र�डट काडर् का प्रयोग

    �नयम 5 म� �न�हत कुछ भी भारत से बाहर दौरे पर ऐसे व्यिक्त द्वारा खचर् को पूरा करने

    के �लए व्यिक्त द्वारा भुगतान के �लए अतंरार्ष्ट्र�य काडर् के प्रयोग पर लागू नह�ं होगा ।

  • 25

    अनुसूची I

    ऐसे लेनदेन जो प्र�तबं�धत ह� (�नयम 3 देख�)

    1. लाटर� जीत म� से �वपे्रषण।

    2. रे�सगं / राइ�डगं, आ�द या अन्य �कसी से आय का �वपे्रषण।

    3. लाटर� �टकट, प्र�तबं�धत / विजर्त प�त्रकाओं,फुटबाल पूल्स, स्वीपस्टेक, आ�द क� खर�द के

    �लए �वपे्रषण।

    4. भारतीय कंप�नय� क� �वदेश म� संयुक्त उद्यम� / पूणर् स्वा�मत्व वाल� सहायक संस्थाओं म�

    ईिक्वट� �नवेश के �लए �कए गए �नयार्त पर कमीशन का भुगतान।

    5. �कसी ऐसी कंपनी द्वारा लाभाशं का �वपे्रषण िजस पर लाभांश संतुलन क� आवश्यकता

    लागू है ।

    6. रूपी स्टेट के्र�डट रूट के अधीन �नयार्त पर कमीशन का भुगतान, �सवाय चाय और तंबाकू

    के �नयार्त के बीजक मूल्य के 10% तक कमीशन ।

    7. टेल�फोन क� “काल बॅक स�वर्सेज” से संबं�धत भुगतान।

    8. नॉन – रेसीड�ट स्पैशल रूपी (खाता) योजना म� धा�रत �न�धय� पर ब्याज आय का �वपे्रषण

  • 26

    अनुसूची II

    ऐसे लेनदेन िजनके �लए क� द्र�य सरकार का पूवर् अनमुोदन आवश्यक है (�नयम 4 देख�)

    �वपे्रषण का प्रयोजन

    भारत सरकार के मंत्रालय (�वभाग का नाम िजसका अनुमोदन आवश्यक है

    1. सासं्कृ�तक दौरे

    मानव संसाधन �वकास मंत्रालय (�श�ा तथा संस्कृ�त �वभाग)

    2. पयर्टन के संवधर्न से इतर प्रयोजन� के �लए �वदेशी �प्रटं मी�डया म� �व�ापन राज्य सरकार तथा उसक� सावर्ज�नक �ेत्र के उपक्रम� द्वारा �वदेशी �नवेश तथा अंतरार्ष्ट्र�य बोल� (10,000 अमर�क� डालर से अ�धक)

    �वत्त मंत्रालय (आ�थर्क कायर् �वभाग)

    3. सावर्ज�नक �ेत्र के उपक्रम द्वारा चाटर्र �कए गए वैसल का मालभाड़ा

    भूतल मंत्रालय (चाटर्�रगं �वगं)

    4. सी.आइ.एफ. आधार पर (अथार्त एफ.ओ.बी. और एफ.ए.एस. आधार से इतर) सरकार� �वभाग या पी.एस.यू. द्वारा समुद्र प�रवहन से आयात का भुगतान

    भूतल मंत्रालय (चाटर्�रगं �वगं)

    5. �वदेश म� अपने एज�टो को �वपे्रषण कर रहे बहु�वध प�रवहन प�रचालक

    नौवहन के महा�नदेशक से पंजीकरण प्रमाणपत्र

  • 27

    6. ट्रासंप�डर के �कराया प्रभार का पे्रषण क) ट� वी चैनल� ख) इंटरनेट सेवा प्रदाताओं द्वारा

    सूचना और प्रसारण मंत्रालय (संचार और सूचना प्रद्यो�गक मंत्रालय)

    7. नौवहन के महा�नदेशक द्वारा �नधार्�रत दर से कन्टेनर �डटेन्शन प्रभार का �वपे्रषण

    भूतल मंत्रालय (नौवहन का महा�नदेशक)

    8. हटा �दया गया है

    9. अंतरार्ष्ट्र�य / राष्ट्र�य / राज्य स्तर के खेलकूद �नकाय� से इतर �कसी व्यिक्त द्वारा �वदेश म� प्राइज़ मनी / खेलकूद ग�त�व�ध का �वपे्रषण य�द रा�श 100,000 अमे�रक� डॉलर से अ�धक है

    मानव संसाधन �वकास (मंत्रालय युवा ग�त�व�ध तथा खेलकूद �वभाग)

    10. हटा �दया गया है

    11. पी एंड आई क्लब क� सदस्यता के �लए �वपे्रषण

    �वत्त मंत्रालय (बीमा प्रभाग)

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    अनुसूची III (�नयम 5 देख�)

    भारत सरकार क� अ�धसूचना सं जी.एस.आर. 426 (ई) �दनाकं 26 मई, 2015 द्वारा अ�धसू�चत

    अलग – अलग व्यिक्तय� के �लए सु�वधाएं -

    1 2,50,000 अमर�क� डालर क� सीमा तक अलग – अलग व्यिक्त �नम्न�ल�खत प्रयोजन� के

    �लए �वदेशी मुद्रा सु�वधा ले सकते ह� । �नम्न�ल�खत प्रयोजन� के �लए उक्त सीमा से अ�धक

    �कसी अ�त�रक्त �वपे्रषण के �लए भारतीय �रज़वर् ब�क का पूवर् अनुमोदन आवश्यक होगा ।

    i) �कसी देश का �नजी दौरा (नेपाल और भूटान को छोड़ कर)

    ii) उपहार या दान

    iii) रोजगार के �लए �वदेश जाना

    iv) आप्रवासन

    v) �वदेश म� �नकट संबं�धय� का �नवार्ह

    vi) कारोबार के �लए या सम्मेलन म� या �व�शष्ट प्र�श�ण या �च�कत्सा व्यय को पूरा

    करने के �लए व्यय, �वदेश म� चेक – अप या �च�कत्सा चेक – अप के �लए �वदेश जाने के

    �लए अट�डने्ट के तौर पर जाने के �लए

    vii) �वदेश मे �च�कत्सा के �लये व्यय

    viii) �वदेश मे अध्ययन

    ix) कोई अन्य चालू खाता व्यय

    बशत� �क मद संख्या (iv), (vii) तथा (viii) पर उिल्ल�खत प्रयोजन� के �लए, व्यिक्त य�द

    उत्प्रवास के देश, इलाज करने वाला �च�कत्सा संस्थान या �वश्व�वधालय के कहने पर एफ ई एम

    https://old.rbi.org.in/hindi/scripts/Notifications.aspx?Id=1744&Mode=0

  • 29

    ए अ�धसूचना 1/ 2000 – आर बी. �दनाकं 3 मई, 2000 के �व�नयम 4 के अनुसार उदार�कृत

    �वपे्रषण योजना के अधीन सीमा से अ�धक �वदेशी मुद्रा ले सकता है ।

    बशत� यह भी �क य�द व्यिक्त �कसी �वत्तीय वषर् म� उदार�कृत �वपे्रषण योजना के अधीन

    �वपे्रषण योजना के अधीन �वपे्रषण करता है, तो ऐसे व्यिक्त के �लए लागू सीमा 2,50,000

    अमर�क� डालर (दो सौ और पचास हजार मात्र) से �वपे्र�षत रा�श क� सीमा तक कम हो जाएगी ।

    बशत� यह भी �क य�द व्यिक्त �नवासी है ले�कन स्थायी रूप से भारत म� �नवासी नह� ंहै

    और

    क) पा�कस्तान से इतर �कसी �वदेशी राज्य का नाग�रक है; या

    ख) भारत का नाग�रक है जो ऐसी �वदेशी कंपनी या सहायक कंपनी या संयुक्त उद्यम के

    कायार्लय या शाखा म� प्र�त�नयुक्त है,

    अपने �नवल वेतन क� सीमा तक (कर� क� कटौती,भ�वष्य �न�ध तथा अन्य कटौ�तय� के

    बाद) �वपे्रषण कर सकता है

    स्पष्ट�करण इस मद के प्रयोजन के �लए, कोई व्यिक्त जो अपने रोजगार या �व�शष्ट अव�ध के

    �लए प्र�त�नयुिक्त पर है (चाहे उसक� अव�ध कुछ भी हो) या �व�शष्ट कायर् या �नयोजन

    िजसक� अव�ध तीन वषर् से अ�धक नह� ंहो �नवासी है ले�कन स्थायी �नवासी नह�ं:

    बशत� यह भी �क �कसी अलग व्यिक्त से इतर व्यिक्त, आवश्यक प�रवतर्न� के साथ, उपयुर्क्त

    प्रयोजन� के �लए उक्त उदार�कृत �वपे्रषण सीमा के भीतर �वदेशी मुद्रा का लाभ उठा सकता है ।

    अलग – अलग व्यिक्त से इतर व्यिक्त के �लए:-

    2.�नम्न�ल�खत प्रयोजन� के �लए �रज़वर् ब�क का पूवर् अनुमोदन आवश्यक होगा ।

    i) �पछले तीन �वत्तीय वषर् म� उनके �वदेशी मुद्रा अजर्न के एक प्र�तशत तक या

    5,000000 अमे�रक� डालर तक, जो भी कम हो

    क) �वख्यात शै��क संस्थान� म� पीठ क� स्थापना,

    https://old.rbi.org.in/hindi/scripts/Notifications.aspx?Id=1744&Mode=0

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    ख) �न�धय� म� अंशदान (�नवेश �न�ध न हो) संस्थानो द्वारा प्रव�तर्त

    ग) दान देने वाल� कंपनी क� ग�त�व�ध के �ेत्र म� तकनीक� संस्थान या

    �नकाय या संघ को अशंदान के �लए

    ii) भारत म� आवासीय फ्लैट या वा�णिज्यक प्लाट क� �बक्र� के �लए

    �वदेश म� एज�ट को प्र�त लेनदेन के �लए कमीशन 25,000 अमे�रक� डालर या आवक

    �वपे्रषण के पांच प्र�तशत से अ�धक, जो अ�धक हो, कमीशन

    iii)मूलभूत प�रयोजनाओ के सम्बंध मे प्र�त प�रयोजना मे परामशर् सेवा के

    �लये 10,000,000 अमर�क� डालर से अ�धक �वपे्रषण और भारत से

    बाहर प्राप्त प्र�त प�रयोजना 1,000,000 अमर�क� डालर

    स्पष्ट�करण:-इस उप – पैराग्राफ के प्रयोजन के �लए अ�


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