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Class - 5 Term - 1 April & May...Class - 5 Term - 1 June –3 व | व थ स ष ट w नम...

Date post: 25-Nov-2020
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Class - 5 Term -1 April & May पाठ–1 | (क) (ख) (ग) (घ) | | 1 :- (क) ? | (ख) - ? | (ग) ? | (घ) देश नया जीवन कै से पाता है? अनुशासन से देश नया जीवन पाता है| 2 :- 3 :- (क) , | |
Transcript
  • Class - 5Term - 1 April & May

    पाठ–1

    |–

    (क) –(ख) –(ग) –(घ) –

    ||

    1 :-(क) ?

    |(ख) - ?

    |(ग) ?

    |(घ) देश नया जीवन कैसे पाता है?

    अनुशासन से देश नया जीवन पाता है|2 :-

    3 :-(क) , |

    |

  • (ख) , -गाथा गाता|

    |4 ( ) लगाओ :-

    (क) ?

    (ख) ?शीश

    (ग) ?

    (घ) ?अनुशासन

    1 :-(क) – सुबह रात सवेरा उषा(ख) हाथ – भर(ग) नमन – शमन(घ) – मन उर अंतर हर(ड) धरा – धर

    2 ‘वान’ :-बलवान, धनवान, गुणवान, दयावान

    3 :-

    पाठ – 2

    |

  • –(क) - माहौल(ख) कामयाबी – सफलता(ग) अनुरोध –(घ) – मंिज़ल

    ||

    1 :-(क) ?

    ||

    (ख) आस- ?12

    , आस- |(ग) ?

    201058

    |(घ) ?

    |

    रहा|2 , -

    (क) ॰ ॰ सी॰चलाती थी|

    - ?(ख) ,

    |?

    (ग) 2014 |

  • ?(घ) |

    |?

    (ड) - |है|

    ?

    3 -[ पहलवानी, मेहनत, असंभव, , आँगनबाड़ी ]

    (क) असंभव काम |(ख) माँ आँगनबाड़ी चलाती थी|(ग) पहलवानी |(घ) मेहनत |(ड) अपने खेल के |

    4 लगाओ -(क) ?

    (ख) ?

    (ग) ?कोच

    (घ) ?2014

    5 -(क) सुख * दखु(ख) *(ग) संभव * असंभव(घ) सफलता * असफलता(ड) अपना * पराया(च) *

  • भाषा,1 -

    (क) --

    (ख) -दो –

    (ग) -

    (घ) ‘ रोमन ’ ---------- |

    2 ?, , वह|

    3 ? -|

    जैसे – मेरा नाम सीमा है| | शाम को खेलने जाऊँगी|4 भाषाओं -

    – रोमन–

    – फ़ारसीपंजाबी –

    5 22 -

    1 2 3 45 पंजाबी 6 7 89 10 तेलगूु 11 1213 14 बोड़ो 15 1617 मलयालम 18 19 2021 गुजराती 22

  • 6 भाषाओं -– –

    गुजरात – –असम – – पंजाबी

    - / –

    1 -(क) -

    , ,(ख) बहुत सुंदर है| (पद) है -

    (ग) ‘ मधुर ‘ -मधुरता,

    2 ? -, ,

    | उदाहरण – माता, |3 ? उदाहरण -

    , दोष, ,होता है, | उदाहरण – बचपन, मोटापा, |

    4 ,-

    रमेश, | , बनावट और| वे खुशी से झूम उठे|

    ,|

    – रमेश, , मोहन, ताजमहल, आगरा,– बहन, , भाई, , माताजी,– सुंदरता, बनावट, ,

  • 5 -(क) सजावट बहुत सुंदर है| (सजाना)(ख) कमला ने | ( )(ग) चौड़ाई मापो| (चौड़ा)(घ) | ( )

    70 -

    “ , ”–

    माना गया है||

    | समय| |

    | सोचकर समय| -भी

    | बहुत| -साथ समय पर खेलना भी

    चा | अपमान सहना पड़ता है||

    “काल करे सो आज कर आज करे सो अबकब|”

    – , ,

  • -|

    || -

    | , ,, अनाचार, होता है|

    – कैसा शासन, अनुशासन| –| |

    नुशासन ,चढ़ता जाता है|

    1 ?|

    2 ?|

    3 ?-

    करना|4 , ?

    होता, , , अनाचार,|

    5 ? |–

    6 ?,

    चढ़ता जाता है|7 -

    **

  • Class - 5

    Term - 1 June

    पाठ–3

    वाचन व अथथ स्पष्टीकरण

    ननम्ननिनखत शब्दों के अथथ निनखए तथा ककन्हीं दो शब्दों का वाक्यों में प्रयोग कीनजए|

    शब्द – अथथ

    (क) सदवै - हमेशा

    (ख) अवगुण – दोष

    (ग) िोकनप्रय – सबका नप्रय

    (घ) कृनिम – बनावटी

    वाक्य रचना

    बच्चों को सदवै बड़ों की बात माननी चानहए|

    दसूरों के अवगुण देखने से पहिे स्वयं के अवगुण दखेने चानहए|

    1 ननम्ननिनखत प्रश्नों के उत्तर निनखए :-

    (क) आज प्िानस्टक का प्रयोग ककन-ककन रूपों में हो रहा ह?ै

    उत्तर आज पेन से िेकर वायुयान तक में ककसी न ककसी रूप में प्िानस्टक का प्रयोग होता ह|ै

    भारी-भरकम फनीचर के स्थान पर प्िानस्टक के हल्के-फुल्के फनीचर ने तथा िोह,े तांब े

    और पीति के बतथनों के स्थान पर रंग-नबरंगे बतथनों ने िे निया ह|ै

    (ख) प्िानस्टक के उपयोग स ेक्या-क्या हाननयााँ हैं?

    उत्तर पूणथतया नष्ट न होने के कारण प्िानस्टक नमट्टी की उपजाऊ शनि को कम करता ह|ै

    प्िानस्टक की थैनियााँ पशुओं के पेट में जाकर उनकी जान के निए खतरा बनती हैं,

    नानियों और सीवर में जाकर रुकावट पैदा करती हैं नजससे गंदा पानी सड़कों पर बहन े

    िगता ह ैऔर कई बीमाररयों का कारण बनता ह|ै

    (ग) प्िानस्टक के उपयोग में कौन-सी सावधाननयााँ अननवायथ ह?ै

    उत्तर प्िानस्टक के उपयोग में ननम्ननिनखत सावधाननयााँ अननवायथ ह ै– प्िानस्टक की थैनियों के

    स्थान पर कागज़, कपड़े या जूट के थैिे का प्रयोग करें| खाने-पीने के सामान निए सफ़ेद

    या रंगहीन थैनियों का प्रयोग करें| प्िानस्टक की थैनियों को इधर-उधर न फें ककर

    कूड़ेदान में फें कना चानहए| प्िानस्टक की बोति, नगिास आकद को तोड़कर कूड़ेदान में

    डािना चानहए अथाथत इधर-उधर नहीं फें कना चानहए|

  • (घ) प्िानस्टक की थैनियों स ेपशओुं को क्या हानन होती है?

    उत्तर प्िानस्टक की थैनियााँ पशुओं के पेट में जाकर उनकी जान के निए खतरा बनती हैं|

    (ड) प्िानस्टक क्या ह?ै

    उत्तर प्िानस्टक एक ऐसा कृनिम पदाथथ ह,ै जो अनेक रसायनों के नमश्रण से मनुष्य द्वारा

    ननर्ममत ककया गया ह|ै

    2 सही वाक्य पर तथा गित वाक्य पर × का ननशान िगाओ :-

    (क) प्राकृनतक वस्तुओं का स्थान आज प्िानस्टक ने िे निया ह|ै ()

    (ख) आज प्िानस्टक हमारे जीवन का अननवायथ अंग बन गया ह|ै ()

    (ग) प्रकृनत ने ही प्िानस्टक का ननमाथण ककया ह|ै (×)

    (घ) प्िानस्टक को दोबारा उपयोग में नहीं िाया जा सकता| (×)

    (ड) खाने-पीने के सामान के निए रंगीन थैनियों का प्रयोग करें| (×)

    3 सही शब्द चनुकर वाक्य परेू करो :-

    { पानी, सावधाननयों, उपजाऊ, भयभीत, नष्ट }

    (क) पोिीनथन की थैनियों को पानी में न बहाएाँ|

    (ख) प्िानस्टक के खतरे ने पूरे नवश्व को भयभीत कर रखा ह|ै

    (ग) प्िानस्टक के उपयोग से भूनम की उपजाऊ शनि नष्ट हो जाती है|

    (घ) वैज्ञाननक नष्ट होने वािे प्िानस्टक की खोज में िगे हैं|

    (ड) प्िानस्टक के उपयोग में सावधाननयों का पािन ननतांत आवश्यक ह|ै

    4 सही उत्तर पर िगाओ -

    (क) कौन-सी वस्तु आजकि िकड़ी की अपेक्षा प्िानस्टक से अनधक बनाई जाती ह?ै

    उत्तर कुसी

    (ख) कौन-सी वस्तु आजकि धातु की अपेक्षा प्िानस्टक से अनधक बनाई जाती ह?ै

    उत्तर नडब्बे

    (ग) प्िानस्टक कैसा पदाथथ ह?ै

    उत्तर कृनिम

    (घ) ननम्ननिनखत में से अप्राकृनतक वस्तु को छााँटो-

    उत्तर प्िानस्टक

  • भाषा की बात

    1 कदए गए शब्दों को समझो और निखो-

    प्रकृनत + इक = प्राकृनतक धमथ + इक = धार्ममक

    इनतहास + इक = ऐनतहानसक अथथ + इक = आर्मथक

    व्यवसाय + इक = व्यावसानयक वषथ + इक = वार्मषक

    2 कदए गए शब्दों के नवशषेण निखो-

    शब्द नवशषेण शब्द नवशषेण

    प्रकृनत प्राकृनतक कागज़ कागज़ी

    पेट भरपेट भय भयानक

    जि जिीय मानव मानवता

    3 नवपरीताथथक शब्दों स ेनमिान कीनजए :-

    भारी हल्का

    कृनिम प्राकृनतक

    ननमाथण नवध्वंस

    सुनवधा असुनवधा

    िाभदायक हाननकारक

    सावधानी असावधानी 4 कदए गए शब्दों का वाक्यों में प्रयोग कीनजए :-

    सुनवधाजनक – सुनवधाजनक जीवन जीने के अिग मज़े हैं|

    बहुपयोगी - प्रकृनत ने कई बहुपयोगी वस्तुएाँ मनुष्य को प्रदान की ह|ै

    िोकनप्रय – भारत की िोकनप्रय कहाननयााँ नवश्वभर में प्रनसद्ध हैं|

    सफिता – मेहनत करने पर सफिता अवश्य नमिती ह|ै

    व्याकरण-सजं्ञा के नवकारक तत्व

    लिग

    संज्ञा शब्द के नजस रूप से यह ज्ञात हो कक वह पुरुष जानत का है या स्त्री जानत का, उसे

    लिग कहते हैं|

    1 सही उत्तर वाि ेनवकल्प पर सही () का ननशान िगाइए

    (क) लिग कहते हैं-

    उत्तर पुरुष या स्त्री जानत का बोध करने वािे शब्द रूप को

    (ख) लहदी में लिग के भेद होते हैं-

    उत्तर दो- स्त्रीलिग, पुलल्िग

  • (ग) ककताब, रात, सड़क आकद शब्द हैं-

    उत्तर स्त्रीलिग

    (घ) अनभनेता का स्त्रीलिग होगा-

    उत्तर अनभनेिी

    2 अप्राणीवाचक सजं्ञा का लिग ननधाथरण ककस आधार पर ककया जा सकता ह?ै सरि नवनध

    का उल्िेख कीनजए-

    उत्तर अप्राणीवाचक संज्ञा शब्दों के साथ नवशेषण या किया शब्द िगाकर लिग का ननधाथरण

    ककया जा सकता ह,ै जैसे- बड़ा कमरा, पेन टूट गई आकद|

    3 ननम्ननिनखत शब्दों के पलुल्िग रूप निनखए-

    स्त्रीलिग पुलल्िग स्त्रीलिग पुलल्िग

    सेनवका सेवक लसहनी लसह

    सम्राज्ञी सम्राट सेठानी सेठ

    ग्वानिन ग्वािा नानयका नायक

    मोरनी मोर तपनस्वनी तपस्वी

    दवेी दवे नौकरानी नौकर

    नचनड़या नचड़ा पुिी पुि

    4 रंगीन शब्दों का लिग पररवतथन कर वाक्य में प्रयोग कीनजए-

    अध्यापक पढ़ा रह ेहैं| अध्यानपका पढ़ा रही हैं|

    बंदररया पेड़ पर बैठी ह|ै बंदर पेड़ पर बैठा ह|ै

    नपताजी आए हैं| माताजी आई हैं|

    आचायाथ नहीं आई| आचायथ नहीं आए|

    नानाजी बाहर गए हैं| नानीजी बाहर गई हैं|

    कनव कनवताएाँ निखता ह|ै कवनयिी कनवताएाँ निखती ह|ै

    5 वाक्यों को सही शब्द द्वारा परूा कीनजए-

    (क) दादी जी की छड़ी कािी ह|ै (कािा/कािी)

    (ख) दादा जी का छाता कािा ह|ै (कािा/कािी)

    (ग) उनका मकान बड़ा ह|ै (बड़ा/बड़ी)

    (घ) वह झोपड़ी बड़ी ह|ै (बड़ा/बड़ी)

    (ड) यह नचि अच्छा ह|ै (अच्छा/अच्छी)

    (च) यह तस्वीर अच्छी ह|ै (अच्छा/अच्छी)

    (छ) रतन की कमीज़ नई ह|ै (नया/नई)

    (झ) नानाजी का कुरता नया ह|ै (नया/नई)

  • 6 ननम्ननिनखत शब्दों के सही स्त्रीलिग रूप पर सही का () ननशान िगाइए-

    (क) चूहा – चूहों चूनहया चुनहया ()

    (ख) हाथी – हनथनी () हानथनी हाथीनी

    (ग) कनव – कनविी कवनयिी () कनवनयिी

    (घ) सम्राट – सम्राज्ञी () साम्राज्ञी स्रामाज्ञी

    (ड) गुड्डा – गुनड़या () गुड्डी गुनड्डया

    7 ननम्ननिनखत शब्दों के आग ेउनका लिग निनखए तथा उनका वाक्यों में इस प्रकार प्रयोग

    कीनजए कक उनका लिग स्पष्ट हो जाए-

    (क) दधू - पुलल्िग – मुझे ठंडा दधू पसंद ह|ै

    (ख) चाय - स्त्रीलिग – चाय ठंडी हो गई ह|ै

    (ग) पैर - पुलल्िग – मेरे पैर ददथ कर रह ेह|ै

    (घ) टांग - स्त्रीलिग – उसकी टांग टूट गई ह|ै

    (ड) दरवाज़ा - पुलल्िग – दरवाज़ा खुि गया ह|ै

    (च) नखड़की – स्त्रीलिग – हवा से नखड़की खुि गई ह|ै

  • कियात्मक कायथ

    अनौपचाररक पि

    अपने नमि/सखी को जन्मकदन की बधाई देते हुए पि निनखए|

    ए-302, सत्कार फ्िेट्स

    मोटेरा

    अहमदाबाद, गुजरात

    कदनांक : 23 जून 2020

    नप्रय नमि आरव

    सप्रेम नमस्ते

    तुम कैसे हो? मैं यहााँ पर ठीक हाँ| ईश्वर से यही दआु करता हाँ कक तुम हमेशा खुश रहो|

    कुछ कदन पहिे तुम्हारा पि नमिा था पर मैं तुम्हें जवाब नहीं द ेपाया था क्योंकक मेरी

    परीक्षा चि रही थी| तुम्हारी पढ़ाई कैसी चि रही ह?ै मुझे याद ह ैदो कदन बाद तुम्हारा

    जन्मकदन ह ैमेरी और मेरे माता-नपता की तरफ से तुम्हें जन्मकदन की बहुत-बहुत बधाई

    हो| ईश्वर तुम्हें जीवन में सारी खुनशयााँ द ेयही हमारी दआु ह|ै पि के साथ मैं तुम्हें एक

    घड़ी भी उपहार में भेज रहा हाँ| आशा ह,ै तुम्हें पसंद आएगी| अपना जन्मकदन खूब अच्छे

    से मनाना| पि द्वारा बताना कक उपहार कैसा िगा और जन्मकदन कैसे मनाया?

    अब मैं पि समाप्त करता हाँ पि का जवाब जल्दी दनेा| अंकि-आंटी को मेरा प्रणाम

    कहना, लचकी को प्यार दनेा|

    तुम्हारा नमि

    नमन

    अभ्यास हतेु – ग्रीष्मावकाश में अपने नमि को घर पर बुिाने हतेु पि निनखए|

  • Class - 5

    Term - 1 July

    पाठ–5

    हवा और आग

    �न�न�ल�खत श�द� के अथ� �ल�खए तथा �क�ह�ं दो श�द� का वा�य� म� �योग

    क�िजए|

    श�द – अथ�

    (क) हताश – �नराश

    (ख) वतृांत – घटना वण�न

    (ग) आ�चय� – हैरानी

    (घ) आ�ह – �नवेदन

    वा�य रचना :-

    जीवन म� कभी हताश मत होना|

    उसने मुझे घर आने का आ�ह �कया|

    1 �न�न�ल�खत ��न� के उ�र �ल�खए :-

    (क) अकबर ने दरबार� चापलूस� को �या-�या काम स�पे?

    उ�र अकबर ने दरबार� चापलूस� म� से एक दरबार� को कागज़ म� हवा को बाधँ कर लाने

    तथा दसूरे दरबार� को आग कागज़ म� भरकर लाने का काम स�पा|

    (ख) बीरबल ने दोन� दरबा�रय� को �या सलाह द�?

    उ�र बीरबल ने दोन� दरबा�रय� को एक-एक �ड�बा �दया और कहा ये �ड�बे राजा को

    भ�ट म� देना और कहना �क जो काम आपने हम� स�पे थे, वे हम करके लाए ह�|

    (ग) �ड�बे से कौन-कौन सी चीज़� �नकल�ं?

    उ�र पहले �ड�बे म� से कागज़ का पंख �नकला और दसूरे म� से कागज़ क� एक लालटेन,

    मोमब�ी और �दयासलाई �नकल�|ं

    (घ) दरबा�रय� ने हताश होकर अंत म� �या �कया?

    उ�र अंत म� हताश होकर दरबार� बीरबल के पास गए और उसके पैर� म� �गर पड़|े

    2 सह� वा�य पर तथा गलत वा�य पर × का �नशान लगाओ :-

    (क) अकबर को चापलूसी बहुत पसंद थी| (×)

    (ख) अकबर ने चापलूस� को सबक �सखाने का �न�चय �कया| ()

    (ग) स�ाट अकबर ने दोन� दरबा�रय� को एक-एक �ड�बा �दया| (×)

    (घ) दसूरे �ड�बे म� कागज़ का एक पंखा �नकला| (×)

  • (ड) बादशाह अकबर बीरबल से खुश रहते थे| ()

    3 सह� श�द चुनकर वा�य पूरे करो :-

    { बीरबल, ख़ुशी-ख़ुशी, �व�च�, डाँटकर, जान-बूझकर }

    (क) बादशाह ने दो �व�च� काय� बताए|

    (ख) हमने जान-बूझकर ये मुसीबत मोल ले ल�|

    (ग) दोन� दरबार� ख़ुशी-ख़ुशी घर लौट आए|

    (घ) बादशाह समझ गए �क यह बीरबल का काम है|

    (ड) अकबर ने दरबा�रय� को डाँटकर �वदा कर �दया|

    4 सह� उ�र पर लगाओ -

    (क) अकबर को कौन-सा काय� �बलकुल पसंद नह�ं था?

    उ�र चापलूसी

    (ख) दसूरे �ड�बे म� कौन-सी चीज़ �नकल�?

    उ�र कागज़ क� लालटेन, मोमब�ी, �दयासलाई

    (ग) दरबा�रय� को �कसने सलाह द�?

    उ�र बीरबल ने

    भाषा क� बात

    1 पाठ म� से ��या श�द� को चुनकर �ल�खए :-

    कहा सुनकर सोचना मुसकराए

    आए �गर पड़े �नकला बताना

    2 नीचे �दए अनेक श�द� के �लए एक श�द �लखो :-

    (क) ��त�दन होने वाला – दै�नक

    (ख) जो सब कुछ जानता हो – सव��

    (ग) जो मांस खाता हो – मांसाहार�

    (घ) जो पढ़ना-�लखना जानता हो – सा�र

    (ड) �च� बनाने क� कला – �च�कला

    3 पढ़कर समझो और �फर �लखो :-

    गुणह�न – गुण से ह�न राजसभा – राजा क� सभा

  • सुख-दखु – सुख और दखु �वचारम�न – �वचार म� म�न

    अ�यास :-

    घुड़दौड़ – घोड़� क� दौड़

    पाप-पु�य – पाप और पु�य

    देशवासी – देश का वासी

    वेद-पुराण – वेद और पुराण

    भारतर�न – भारत का र�न

    �याकरण-सं�ा के �वकारक त�व

    वचन

    स�ंा या सव�नाम क� सं�या बताने वाले श�द �प ह� वचन कहलाते ह�|

    1 सह� उ�र वाले �वक�प पर सह� () का �नशान लगाइए

    (क) सं�ा या सव�नाम क� सं�या का बोध कराने वाले श�द �प को ______ कहते ह�-

    उ�र वचन

    (ख) वचन के भेद ह�-

    उ�र दो

    (ग) ब�ला श�द का बहुवचन होगा-

    उ�र ब�ले

    (घ) दवाई श�द का बहुवचन है-

    उ�र दवाइयाँ

    (ड) सं�ा या सव�नाम के िजस �प से �कसी �यि�त या व�तु के एक से अ�धक होने

    का बोध होता है, उसे कहते ह�-

    उ�र बहुवचन

    2 वचन �कसे कहते ह�?

    उ�र सं�ा या सव�नाम क� सं�या बताने वाले श�द �प ह� वचन कहलाते ह�|

    3 एकवचन और बहुवचन म� उदाहरण स�हत अंतर �प�ट क�िजए -

    उ�र एकवचन- सं�ा या सव�नाम के इस �प से �यि�त या व�तु के एक होने का बोध

    होता है| जैसे- कपड़ा सूख रहा है|

    बहुवचन- सं�ा या सव�नाम के इस �प से �यि�त या व�तु के एक से अ�धक

    होने का बोध होता है| जैसे- कपड़े सूख रहे ह�|

  • 4 �न�न�ल�खत श�द� के बहुवचन �प �ल�खए -

    टोल� – टो�लयाँ बु�ढ़या – बु�ढ़याँ

    बहू – बहुएँ ताल� – ता�लयाँ

    चाबी – चा�बयाँ क�वता – क�वताएँ

    5 �न�न�ल�खत श�द� के एकवचन �प �ल�खए -

    न�दयाँ – नद� म�हलाएँ – म�हला

    डा�लयाँ – डाल� लताएँ – लता

    दवाइया ँ– दवाई तबले – तबला

    6 को�ठक म� �लखे श�द� के उ�चत �प से �र�त �थान भ�रए -

    (क) �यार� म� अनेक पौधे उगे हुए थ|े (पौधा)

    (ख) व ेवहाँ आते ह� ह�गे| (वह)

    (ग) बँूद� टपक रह� ह�| (बूँद)

    (घ) इस सड़क म� बहुत ग�ढे ह�| (ग�ढा)

    7 �न�न�ल�खत वा�य� को बहुवचन म� बदलकर �ल�खए -

    (क) अलमार� म� कपड़ा रख दो|

    अलमा�रय� म� कपड़े रख दो|

    (ख) छा� ने त�वीर बनाई|

    छा�� ने त�वीर� बनाई|

    (ग) बहन राखी बाँध रह� है|

    बहन� रा�खयाँ बाँध रह� ह�|

    (घ) यह संतरा मीठा है|

    ये संतरे मीठे ह�|

    कारक

    1 सह� उ�र वाले �वक�प पर सह� () का �नशान लगाइए

    (क) कारक क� �वभि�तय� का अ�य नाम है-

    उ�र परसग�

    (ख) ‘का’, ‘क�’, ‘के’ �वभि�त-�च�न ह�-

  • उ�र संबंध कारक के

    (ग) कारक के भेद ह�-

    उ�र आठ

    (घ) ‘अ�धकरण कारक’ के परसग� ह�-

    उ�र म�, पर

    2 कारक �कसे कहते ह�?

    उ�र सं�ा या सव�नाम पद� का ��या के साथ स�ब�ध बताने वाले श�द� को कारक

    कहते ह�|

    3 कारक के �कतने भेद ह�? उनके नाम �ल�खए|

    उ�र कारक के मु�य आठ भेद ह�- कता�, कम�, करण, सं�दान, अपादान, संबंध,

    अ�धकरण, संबोधन|

    4 �न�न�ल�खत वा�य� म� उ�चत कारक �च�न लगाकर वा�य पूरे क�िजए :-

    (क) सुलेखा ने चाकू से फल काटा|

    (ख) वह प��सल से �च� बना रह� है|

    (ग) यह पु�तक मेरे भाई क� है|

    (घ) �पताजी कमरे म� ह�|

    (ड) कार क� चाबी मेज़ पर रखी है|

    (च) मेहमान को पानी �पलाओ|

    (छ) अ�यापक ने छा�� के �लए समय �नकाला|

    5 �न�न�ल�खत परसग� का �योग करके वा�य बनाइए :-

    म�- बगीचे म� फूल �खले ह�|

    पर- मेज़ पर पु�तक रखी है|

    को- मेरे भाई को बुलाओ|

    के �लए- माँ बेटे के �लए उपहार लाई है|

    से- चाकू से सेब काटो|

    ने- राम ने सीता को बुलाया|

    क�- मेरे �म� क� घड़ी खो गई|

    अरे!- अरे! ये �या कर रहे हो?

    र�- मेर� माँ बुला रह� है|

    6 �न�न�ल�खत कहानी म� उ�चत कारक �च�न लगाइए :-

    एक बार एक बूढ़ा �कसान बहुत बीमार हो गया| उस के चार पु� थ,े जो सदा

    आपस म� लड़ते रहते थ|े इस�लए उसे उन क� बहुत �चतंा रहती थी| उस ने अनेक

  • बार उ�ह� �मलकर �यार से रहने को कहा, पर वे उस क� बात पर �यान न देते|

    अंत म� उसे एक युि�त सूझी| उस ने उ�ह� बुलाया| उस क� खाट के नीचे लक�ड़य�

    का एक बड़ा ग�ठर पड़ा था| उस ने उ�ह� वह ग�ठर तोड़ने के �लए कहा| सबने

    बार�-बार� से उसे तोड़ने क� को�शश क�, पर तोड़ न सके| तब बूढ़े �कसान ने ग�ठर

    खोल देने के �लए कहा, ऐसा करने पर उसने उन सब को एक के बाद एक लकड़ी

    तोड़ने के �लए कहा तो सब ने अकेल� लकड़ी को आसानी से तोड़ �दया| तब उस

    बूढ़े ने उ�ह� समझाया-“य�द तुम पर�पर �मलकर रहोगे तो तु�हारा कोई कुछ न

    �बगाड़ सकेगा| य�द आपस म� लड़ते रहोगे, तो इस अकेल� लकड़ी क� भां�त, तु�ह�

    कोई भी हा�न पहँुचा सकता है|” बूढ़े �कसान क� बात उस के पु�� को समझ आ

    गई| वे बोले, “आज से हम कभी भी नह�ं लड़�गे और आपस म� �मल-जुलकर रह�गे|”

    7 सह� कारक-�च�न �र�त �थान� म� भ�रए :-

    (क) राम को बुखार है| (म�, को)

    (ख) द�वार पर मत �लखो| (म�, पर)

    (ग) राम क� माताजी बीमार ह�| (के, क�)

    (घ) नद� का जल बहुत ठंडा है| (के, का)

    (ड) म�न े�गलास नह�ं तोड़ा| (मुझ,े म�ने)

    (च) सबको मेर� नम�ते कहना| (सबको, सबम�)

    (छ) वह गाड़ी से कानपुर गया| (पर, से)

    (ज) यह बात �दनेश से पूछो| (को, से)

    (झ) सड़क पर मत खेलो| (म�, पर)

    (ञ) ब�चे छत पर बैठे ह�| (पर, म�)

    ��या�मक काय�

    अनौपचा�रक प�

    अपने दादा-दाद� को गायन ��तयो�गता म� �थम पुर�कार �मलने क� बात बताते

    हुए प� �ल�खए|

  • ए-302, स�कार �ले�स

    मोटेरा

    अहमदाबाद, गुजरात

    �दनांक : 20 जुलाई 2020

    आदरणीय दादा जी

    सादर चरण �पश�

    आप कैसे ह�? हम सब यहाँ पर ठ�क ह�| ई�वर से यह� दआु करते ह� �क आप

    हमेशा खशु व �व�थ रह�| हम सभी आप को व दाद� को बहुत याद करते ह�|

    कुछ �दन पहले आपका प� �मला था पर म� आपको जवाब नह�ं दे पाया था �य��क

    मेर� पर��ा चल रह� थी| मेरे इस बार सभी �वषय� म� अ�छे अंक आएँगे बस आप

    के आशीवा�द क� ज़�रत है| दादाजी आप को पता है हमारे �व�यालय म� गायन

    ��तयो�गता भी थी िजसम� कुल 50 �व�या�थ�य� ने भाग �लया था तीन चरण म�

    ��तयो�गता का आयोजन हुआ और म�ने सभी चरण म� जीत हा�सल कर �थम

    पुर�कार �ा�त �कया| हमारे �व�यालय के �धाना�यापक ने मुझे �ॉफ� �दान क�|

    सभी ने मेरे सुर� क� व गायन कला क� तार�फ़ क�| मेरा ये हुनर आप के �ो�साहन

    क� देन है| आप अपना �याल रखना|

    अब म� प� समा�त करता हँू| प� का जवाब ज�द� देना| दाद� को बोलना म� उ�ह�

    बहुत याद करता हँू और ज�द� ह� उनसे �मलने आउँगा|

    आपका पोता

    नमन

    अ�यास हेतु – अपने �पता जी को पर��ा क� तैयार� के बारे म� बताते हुए प�

    �ल�खए|

  • �च� वण�न

    नीचे �दए �च� का वण�न 60-70 श�द� के अनु�छेद म� क�िजए|

    यह �च� एक समु� के �कनारे का है| ग�म�य� क� छु��टयाँ चल रह� ह�| ब�चे

    छु��टय� का मज़ा लेने गोवा गए ह�| �दन का समय है| सूरज तेज़ी से चमक रहा है,

    पर समु� के �कनारे के कारण ठंडी हवा चल रह� है| ब�च� को गम� का अहसास

    नह�ं हो रहा है| आसमान म� बादल भी इधर-उधर घूम रहे ह�| प�ी भोजन क�

    तलाश म� उड़ रहे ह�| नायरा खेल कर थक गई है इस�लए आराम कुस� पर सो गई

    है| रंिजता पानी म� तैरने के मज़े ले रह� है| आकाश �म�ट� से अपना घर बना रहा

    है| अनीश आकाश के �लए पानी भरकर ला रहा है| मछ�लयाँ पानी म� खेल रह� ह�|

    केकड़ा भी अपने �शकार क� तलाश म� बैठा है| �च�ड़या घ�सला बनाने के �लए

    �तनका एक��त कर रह� है| सभी ब�चे आनंद उठा रहे ह�|

  • Class - 5 Term - 1 August पाठ – 7

    आपसी प्रेम निम्िलिखित शब्दों के अर्थ लिखिए तर्ा ककन्हीं दो शब्दों का वाक्यों में प्रयोग

    कीजिए| शब्द – अर्थ

    (क) सुप्रभात – मंगलमय सुबह (ख) परिचय – जान-पहचान (ग) शौक – प्रबल इच्छा (घ) लोकगीत – साधािण जनता में प्रचललत पिंपिागत गीत

    वाक्य रचिा :- सुबह उठकि मैं सभी को सुप्रभात बोलता ह ूँ| उसने अपना परिचय अलग अदंाज़ में ददया| 1 निम्िलिखित प्रश्िों के उत्तर लिखिए :-

    (क) कक्षा में अध्यापपका िे अपिा पररचय कैसे ददया? उत्ति कक्षा में अध्यापपका ने अपना नाम प्रभा शमाा बताया तथा वह देश की िाजधानी

    ददल्ली की िहने वाली है औि उनकी नई कक्षाध्यापपका के रूप में उन्हें दहदंी पढ़ाएगी|

    (ि) गीता अय्यर कौि ्ै? उसकी मााँ उसके िनमददि पर क्या भेिती ्ै? उत्ति गीता अय्यि कक्षा की मॉननटि है| उसकी माूँ उसके जन्मददन पि सब बच्चों के

    ललए इडली-सांभि बनाकि भेजती है| (ग) राकेश गडकरह क्या बििा चा्ता ्ै? उसे क्या िेििे का शौक ्ै? उत्ति िाकेश गडकिी बड़ा होकि चचककत्सक बनना चाहता है| उसे किकेट खेलने का शौक

    है| (घ) रींिि रेशलमया क्ााँ का र्िे वािा ्ै? उसे क्या इच्छा र्ती ्ै? उत्ति िंजन िेशलमया गुजिात के बड़ोदिा शहि का िहने वाला है| उसे पुस्तकें पढ़ने व

    गिबा नतृ्य किने का शौक है| 2 स्ह वाक्य पर तर्ा गित वाक्य पर × का निशाि िगाओ :-

    (क) प्रभा शमाा संस्कृत की अध्यापपका हैं| (×) (ख) िंजन िेशलमया को कनााटक संगीत बहुत अच्छा लगता है| (×)

  • (ग) संतोष को लोकगीत सुनने का बहुत शौक है| (×) (घ) गीता पंजाब की िहने वाली है| (×) (ड) गीता अय्यि कक्षा की मॉननटि है| ()

    3 स्ह शब्द चिुकर वाक्य पूरे करो :- { कायाित, एक-एक, िाजधानी, भितनाट्यम, बहुत }

    (क) मैं देश की रािधािी ददल्ली की िहने वाली ह ूँ| (ख) श्रीमती सुधा चंद्रन से मैं भरतिाट्यम सीख िही ह ूँ| (ग) मेिे पपता सेना मुख्यालय में कायथरत हैं| (घ) मुझ ेआप सबसे लमलकि ब्ुत ख़शुी हुई| (ड) अब आप एक-एक किके अपना परिचय दें|

    4 स्ह उत्तर पर िगाओ -

    (क) नई अध्यापपका कहाूँ की िहने वाली हैं? उत्ति ददल्ली की (ख) ककसके पपता सेना मुख्यालय में हैं? उत्ति िाकेश के (ग) कक्षा में सबसे ज़्यादा हूँसमुख कौन था? उत्ति जगजीत

    भाषा की बात

    1 निम्िलिखित वाक्यों में से कियापवशषेण शब्द चुिकर लिखिए :- (क) आप एक-एक किके अपना परिचय दें| एक-एक (ख) हम सब लमल-बाूँटकि खाते हैं| लमल-बाूँटकि (ग) हम सब लमल-जुलकि िहते हैं| लमल-जुलकि (घ) कक्षा अध्यापपका धीिे-धीिे चल िही थीं| धीिे-धीिे

    2 समाि अर्थ वािे शब्द लििो :-

    प्रभात – सुबह प्रातः ददि – ददवस वाि स्वागत – सत्काि आवभगत िनम -जीवन उत्पपत्त ितृ्य - नाच नतान शषे – बाकी बचा-खचुा

  • 3 दो वाक्यों को िोड़कर एक वाक्य बिाओ :- (क) मैं तुम्हािी नई कक्षा अध्यापपका ह ूँ| मेिा नाम प्रभा शमाा है|

    मैं प्रभा शमाा तुम्हािी नई कक्षा अध्यापपका ह ूँ| (ख) मेिा नाम गीता अय्यि है| मैं तलमलनाडु के एक गाूँव की िहने वाली ह ूँ|

    मैं गीता अय्यि तलमलनाडु के एक गाूँव की िहने वाली ह ूँ| (ग) मुझ ेपुस्तकें पढ़ने का शौक है| मुझ ेनतृ्य किने का शौक है|

    मुझ े पुस्तकें पढ़ने व नतृ्य किने का शौक है| 4 सही पवकल्प पि लगाओ :-

    (क) ‘अध्यापपका’ शब्द का पवलोम है - अध्यापक

    (ख) ‘घंटी’ शब्द का बहुवचन है - घींदियााँ

    पाठ – 8 कोयि

    निम्िलिखित शब्दों के अर्थ लिखिए तर्ा ककन्हीं दो शब्दों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए|

    शब्द – अर्थ (क) समाूँ – दृश्य, नज़ािा (ख) कोमल – मुलायम (ग) ननिाला – अजीब (घ) मनोहि – सुंदि

    वाक्य रचिा :- सुबह का समाूँ मनोहि होता है| जोकि का िंग-ढंग ही ननिाला होता है| 1 निम्िलिखित प्रश्िों के उत्तर लिखिए :-

    (क) कपव िे कोयि की क्या प्चाि बताई ्ै? उत्ति कोयल ददखने में काली होती है| पत्तों के पीछे नछपकि, डाली पि बठैकि पंचम सुि

    में गाना गाती है| (ि) कोयि कब मतवािह ्ोकर झूमिे िगती ्ै? उत्ति जब चािों ओि िंग-बबिंगे फ ल खखल जाते हैं| जजनकी खशुब से खशुब दाि हवा बहने

  • लगती है जजससे सभी ददशाएूँ महकने लगती हैं| तब कोयल मतवाली होकि झ मने लगती है|

    (ग) कैसा समााँ मि को िुभािे वािा ्ोता ्ै? उत्ति स िज के गिमाते ही सदी कम हो जाती है तब समाूँ ननिाला हो जाता है औि मन

    को लुभाने लगता है| (घ) वकृ्षों की शोभा कब बढ़ िाती ्ै? उत्ति वकृ्षों की शोभा बसींत ऋत ुमें िए पत्तों के आिे पर तर्ा िई कोमि कलियों के

    खिििे पर बढ़ िाती ्ै| 2 कपवता की पींजक्तयााँ पूरह कीजिए :- पवद्याथी स्वयं किेंगे

    3 स्ह वाक्य पर तर्ा गित वाक्य पर × का निशाि िगाओ :- (क) कोयल गाती हुई डाली-डाली कफिती है| () (ख) कोयल पीह -पीह का शब्द किती है| (×) (ग) जाड़ा कम होने पि मौसम थोड़ा अच्छा हो जाता है| () (घ) सभी पक्षी अपनी ही धनु में ऐंठे िहते हैं| (×) (ड) वसंत ऋतु में ददशाएूँ महकने लगती हैं| () 4 स्ह उत्तर पर िगाओ -

    (क) हिे पत्तों में कौन नछपी बैठी है? उत्ति कोयल (ख) पेड़ ककससे लद जाते हैं? उत्ति फलों से, फललयों से, कललयों से (ग) पंचम सुि में कौन गाता है? उत्ति कोयल

    भाषा की बात

    1 निम्िलिखित वाक्यों में आए कारकों को रेिाींककत करो :- (क) कोयल पंचम सुि में गा िही है| (ख) कोयल ने मीठी वाणी से सबका मन मोह ललया| (ग) बाग़ में भाूँनत-भाूँनत के फ ल खखले हैं| (घ) पेड़ पि कोयल बैठी है| 2 िीच ेददए शब्दों का वाक्यों में प्रयोग करो - स िज – स िज आसमान में चमक िहा है|

  • ननिाला – बसंत ऋतु में समाूँ ननिाला हो जाता है| मनोहि – बगीच ेका दृश्य मनोहि है| ददशा – सभी ददशाएूँ खशुब से महकने लगती हैं| सुि – कोयल पंचम सुि में गाती है|

    3 िए शब्द बिाओ - िाज्य स्विाज्य अधीन स्वाधीन जन स्वजन तंत्र स्वतंत्र पुस्तक पुस्तकालय काया कायाालय दहम दहमालय पवद्या पवद्यालय सवथिाम

    1 स्ह उत्तर वािे पवकल्प पर स्ह () का निशाि िगाइए - (क) कुछ, कोई शब्द उदाहिण हैं - उत्ति अननश्चयवाचक सवानाम के (ख) ‘सवानाम’ में सवा का अथा है - उत्ति सबका (ग) सवानाम के भेद हैं - उत्ति छह

    2 सवथिाम ककसे क्ते ै्ं? उत्ति संज्ञा के स्थान पि प्रयोग ककए जाने वाले शब्द सवानाम कहलाते हैं|

    3 सवथिाम के ककतिे भेद ै्ं? उिके िाम लिखिए - उत्ति सवानाम के कुल छह भेद हैं :

    1. पुरुषवाचक सवानाम 2. ननश्चयवाचक सवानाम 3. अननश्चयवाचक सवानाम

    स्व

    आलय

  • 4. संबंधवाचक सवानाम 5. प्रश्नवाचक सवानाम 6. ननजवाचक सवानाम 4 निम्िलिखित सवथिामों का प्रयोग करते ्ुए एक-एक वाक्य लिखिए - वह – वह मेिा छोटा भाई है| तुम – तुम यहाूँ से चले जाओ| मैं – मैं आज ददल्ली जा िहा ह ूँ| यह – यह तो मेिी पुस्तक है|

    5 निम्िलिखित वाक्यों में आए सवथिाम शब्दों को छाींदिए तर्ा लिखिए कक वे ककि सींज्ञाओीं के लिए प्रयुक्त ककए गए ै्ं -

    सींज्ञा सवथिाम (क) िाम बाज़ाि गया औि उसने वहाूँ केले खिीदे| िाम , बाज़ाि उसने, वहाूँ (ख) िेशमा ने कहा कक वह खाना नहीं खाएगी| िेशमा वह (ग) प्रीनत ने कहा, “मेिी ककताब मत लो|” प्रीनत मेिी (घ) कपवता स्क ल नहीं आई| उसकी तबीयत ख़िाब है| कपवता उसकी (ड) पप्रया ने कहा कक वह अपने-आप घि चली जाएगी| पप्रया वह, अपने-आप

    6 कोष्ठक में ददए गए सवथिामों के स्ह रूप से वाक्य पूरे कीजिए -

    (क) मुझ ेभ ख लगी है| (मैं) (ख) क्या, यह ककताब तुम््ारह है? (तुम) (ग) क्या, तुमने खाना बनाने के ललए ककसी को बुलाया? (कोई) (घ) क्या, आप िे मुझ ेबुलाया? (आप) (ड) यह ्मारह स्क ल है| (हम) 7 निम्िलिखित वाक्यों में आए सवथिाम शब्दों के भेद लिखिए - omit

    8 निम्िलिखित वाक्यों में सवथिामों के प्रयोग में अशुद्धधयााँ ्ो गई ै्ं, उन े्ं शुद्ध करके लिखिए _

    (क) मैंने आज पवद्यालय नहीं जाना| मुझ ेआज पवद्यालय नहीं जाना|

    (ख) मैं मेिा काम कि िहा ह ूँ| मैं अपना काम कि िहा ह ूँ|

    (ग) यह अच्छे व्यजक्त हैं| ये अच्छे व्यजक्त हैं|

    (घ) वह ने खाना नहीं खाया है|

  • उस ने खाना नहीं खाया है| (ड) गुरु जी, तुम खाना खा लो|

    गुरु जी, आप खाना खा लो|

    पवशषेण 1 स्ह उत्तर वािे पवकल्प पर स्ह () का निशाि िगाइए

    (क) ‘साहसी सैननक’ में पवशषे्य है - उत्ति सैननक (ख) पवशषेण कहलाते हैं - उत्ति संज्ञा या सवानाम की पवशषेता बताने वाले शब्द (ग) ‘लड़ना’ शब्द का पवशषेण है - उत्ति लड़ाक (घ) जो संज्ञा या सवानाम के गुण-दोष, िंग-रूप के बािे में बताते हैं, वे कहलात ेहैं - उत्ति गुणवाचक पवशषेण

    2 पवशषेण ककसे क्ते ै्ं? उत्ति संज्ञा या सवानाम की पवशषेता बताने वाले शब्द पवशषेण कहलाते हैं|

    3 पवशषे्य ककसे क्ते ै्ं? उदा्रण सद्त उत्तर दहजिए - उत्ति जजन शब्दों की पवशषेता बताई जाती है, वे पवशषे्य कहलाते हैं| उदाहिण –लालची

    आदमी, दो लीटि द ध, सुंदि फ ल 4 निम्िलिखित वाक्यों में से पवशषेण और पवशषे्य छााँिकर लिखिए :- पवशषेण पवशषे्य

    (क) काली बबल्ली िास्ता काट गई| काली बबल्ली (ख) आलसी क्लका सो िहा है| आलसी क्लका (ग) म खा व्यजक्त से लमत्रता हाननकािक होती है| म खा व्यजक्त (घ) एक ककलो अगं ि लाना| एक ककलो अगं ि (ड) पपवत्र नदी का आदि किो| पपवत्र नदी (च) िानी लक्ष्मीबाई वीिांगना थीं| वीिांगना िानी लक्ष्मीबाई

    5 निम्िलिखित शब्दों से पवशषे्य बिाइए :- भाित – भाितीय भ ख – भ खा नमक – नमकीन

  • सच – सच्चा नगि – नगिीय भीति – भीतिी प्याि – प्यािा ललख – ललखखत पाप – पापी ज्ञान – ज्ञानी वषा – वापषाक िंग – िंगीन देश – देशी शहि – शहिी वह – वैसा किया

    1 स्ह उत्तर वािे पवकल्प पर स्ह () का निशाि िगाइए - (क) ‘शिे दहाड़ िहा है’ वाक्य में कियापद है - उत्ति दहाड़ िहा है (ख) जो किया दो कमा िखती है, उसे कहते हैं - उत्ति द्पवकमाक किया (ग) अकमाक किया वाला वाक्य है - उत्ति िोहन िो िहा है|

    2 किया ककसे क्ते ै्ं? उत्ति जजन शब्दों से ककसी काया के किने या होने का बोध हो, वे किया कहलाते हैं|

    3 कमथ के आधार पर किया के ककतिे भेद ै्ं? उिके िाम लिखिए - उत्ति कमा के आधाि पि किया के दो भेद हैं :

    1. सकमाक 2. अकमाक 4 निम्िलिखित वाक्यों में प्रयोग की गई कियाओीं को प्चािकर लििें तर्ा बताएीं कक

    वे सकमथक ै्ं अर्वा अकमथक :- वाक्य किया सकमाक / अकमाक

    (क) पपताजी भीति बैठे हैं| बैठे हैं अकमाक (ख) िोमा गहृकाया कि िही है| गहृकाया कि िही है सकमाक (ग) लशल्पी सो िही है| सो िही है अकमाक (घ) माूँ प जा कि िही हैं| प जा कि िही हैं सकमाक (ड) मुझ ेएक पुस्तक चादहए| चादहए सकमाक (च) िमन कहानी पढ़ िहा है| पढ़ िहा है सकमाक (छ) घोड़ा दौड़ िहा है| दौड़ िहा है अकमाक (ज) वे सो िहे हैं| सो िहे हैं अकमाक 5 निम्िलिखित वाक्यों में उधचत किया का प्रयोग कीजिए :-

    (क) माली ने पौधों को पानी ददया| (ख) अध्यापक ने पाठ समझाया|

  • (ग) धोनी ने शानदाि छक्का मािा| (घ) मेिे लमत्र ने मुझ ेफ़ोन ककया| (ड) वह मेिे ललए उपहाि लाई| (च) हम मैच जीत गए| 6 ददए गए किया शब्दों का वाक्य में प्रयोग कीजिए :-

    गाता है – वह हमेशा मधिु आवाज़ में गाता है| उठ गया – आज मैं जल्दी उठ गया| चला गया – िाघव आज घि जल्दी चला गया| खिीद ललया – हमने नया घि खिीद ललया| तोड़ते हैं – पेड़ से हम पके फल ही तोड़ते हैं|

    7 निम्िलिखित वाक्यों में किया शब्दों को रेिाींककत कीजिए :- (क) सुकृनत खेल िही है| (ख) प्रनतमा झ ला झ ल िही है| (ग) चचड़ड़याूँ उड़ िही हैं| (घ) पानी बह िहा है| (ड) नौकिानी झाड़ लगा िही है| (च) पपताजी ने लैपटॉप खिीदा है| 8 निम्िलिखित वाक्यों को शुद्ध करके लिखिए :-

    (क) मैंने खाना खाऊंगा| मैंने खाना खा ललया है|

    (ख) मैं स्क ल जाता है| मैं स्क ल जाता ह ूँ|

    (ग) माूँ बच्च ेको प्याि किता है| माूँ बच्च ेको प्याि किती है|

    (घ) बंदि पेड़ पि झ ल िही है| बंदि पेड़ पि झ ल िहा है|

    (ड) हम लंच कि ललए हैं| हम लंच कि चकेु हैं|

    कियात्मक कायथ

    धचत्र वणथि

  • िीच ेददए धचत्र का वणथि 60-70 शब्दों के अिुच्छेद में कीजिए|

    यह चचत्र एक कक्षा का है| गमी की छुट्दटयों के बाद पवद्यालय खलेु हैं| बच्च ेकाफ़ी ददनों के बाद अपने लमत्रों से लमलकि बड़ ेखशु हैं| कक्षा में घड़ी लगी हुई है| मेज़ पि ग्लोब व पुस्तक िखी हुई है| बोडा पि कुछ भी ललखा हुआ नहीं है| कुछ पुस्तकें अलमािी के अदंि व कुछ उसके ऊपि िखी हुई हैं| अध्यापपका कक्षा में नहीं हैं इसललए बच्च ेमौज़-मस्ती कि िहे हैं| कुछ बच्च ेगुब्बािे से खेल िहे हैं तो कुछ अपनी पुजस्तका से कागज़ फाड़कि उसके हवाई-जहाज़ बनाकि उड़ा िहे हैं| ककसी भी बच्च ेका पढ़ने का म ड नहीं है| सभी बच्चों ने िंग-बबिंगे कपड़ ेपहने हुए हैं| सभी बच्च ेपवद्यालय से घि जाने की घंटी बजने का इंतज़ाि कि िहे हैं| सही में, बच्चों की दनुनया ही ननिाली होती है|

    अपदठत कावयाींश / पद्याींश निम्िलिखित कावयाींश को पढ़कर प्रश्िों के उत्तर लिखिए - गांधी, नतलक, सुभाष, जवाहि का प्यािा यह देश है। जजयो औि जीने दो का सबको देता संदेश है।। प्रहिी बनकि खड़ा दहमालय जजसके उत्ति द्वाि पि। दहदं महासागि दक्षक्षण में इसके ललए पवशषे है।।

    लगी ग ूँजने दसों ददशाएूँ वीिों के यशगान से। हमें लमली आज़ादी वीि शहीदों के बललदान से।।

    सजीवन मयंक

  • प्रश्ि 1 य् प्यारा देश ककसका ्ै?

    उत्ति यह प्यािा देश गांधी, नतलक, सुभाष, जवाहि का है| प्रश्ि 2 य् ्में क्या सींदेश देता ्ै?

    उत्ति जजयो औि जीने दो का, यह हमें संदेश देता है| प्रश्ि 3 ् मारे देश के उत्तर द्वार पर प्र्रह बिकर कौि िड़ा ्ै?

    उत्ति हमािे देश के उत्ति द्वाि पि प्रहिी बनकि दहमालय खड़ा है| प्रश्ि 4 दसों ददशाएाँ कैसे गूाँििे िगीीं?

    उत्ति दसों ददशाएूँ वीिों के यशगान से ग ूँजने लगीं| प्रश्ि 5 ् में आज़ादह कैसे लमिह?

    उत्ति हमें आज़ादी वीि शहीदों के बललदान से लमली| प्रश्ि 6 इस कपवता के कपव का िाम लिखिए|

    उत्ति सजीवन मयंक

  • Class - 5 Term – II OCTOBER पाठ– 9

    बुराई के बदले भलाई निम्िललखित शब्दों के अर्थ ललखिए तर्ा ककन्हीं दो शब्दों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए|

    शब्द – अर्थ (क) उत्तीर्ण-परीक्षा में पास (ख) शे्रष्ठ-बढ़िया,उत्तम (ग) तबादला-बदली (घ) करतूत – बुरे काम

    वाक्य रचिा :- मैं कक्षा में अच्छे अकंों से उत्तीर्ण हो गई| मेरे पपताजी का तबादला हो गया है|

    1 निम्िललखित प्रश्िों के उत्तर ललखिए :- (क) सभी ववद्यार्ी रवीींद्र से क्यों परेशाि र्े? उत्तर सभी पिद्यार्थी रिींद्र से इसललए परेशान रे्थ क्योंकक दसूरों को चििाने और सताने में

    रिींद्र को पिशषे आनंद लमलता र्था| (ि) रवीींद्र की अपेक्षा पींकि कैसा लड़का र्ा? उत्तर रिींद्र की अपेक्षा पंकज एक ढ़दवयांग लड़का र्था तर्था िह पिाई में बहुत होलशयार

    र्था| (ग) पींकि के दिुी ्ोिे का क्या कारण र्ा? उत्तर रिींद्र प्रायः पंकज को सुना-सुना कर कहता र्था–“लंगड़ूदीन बजािे बीन| घड़ी में बज

    गए सािे तीन||” तर्था कक्षा के बोर्ण पर ललखा देख कक-पिद्यालय का सिोत्तम धािक-पंकज कुमार| यह सब देख-सुनकर पंकज दखुी हो उठता र्था|

    (घ) पींकि िे रवीींद्र की िाि कैसे बचाई? उत्तर पंकज ने रिींद्र को अस्पताल पहुुँिाया, उसके ललए मंगलकामना की तर्था उसके

    माता-पपता को भी सूिना दी|

    2 स्ह वाक्य पर तर्ा गलत वाक्य पर × का निशाि लगाओ :- (क) पंकज हर समय कोई-न-कोई शरारत करता र्था| (×)

  • (ख) दसूरों को सताने में रिींद्र को पिशषे आनंद आता र्था| () (ग) पंकज बहुत होलशयार र्था| () (घ) रिींद्र के माता-पपता ने पंकज को बहुत धन्यिाद ढ़दया| () (र्) रिींद्र पिद्यालय का सिोत्तम धािक र्था| (×)

    3 स्ह शब्द चिुकर वाक्य पूरे करो :- { अपाह्ि, सामानय, ववरोध, धनयवाद }

    (क) िह पढाई में एक सामानय पिद्यार्थी र्था। (ख) ककसी में ढ़हम्मत नहीं र्थी कक उसका ववरोध कर सके। (ग) रिींद्र के माता-पपता ने पंकज को बहुत धनयवाद ढ़दया। (घ) िह चितंतत र्था कक िह उसके जैसा अपाह्ि न हो जाए।

    4 स्ह उत्तर पर लगाओ :- (क) क्या करने में रिींद्र को पिशषे आनंद आता र्था? उत्तर उपयुणक्त सभी (ख) पंकज पढाई में कैसा र्था? उत्तर होलशयार (ग) रिींद्र की दघुणटना ककससे हुई? उत्तर कार से

    भाषा की बात 1 िीच ेललिी पींजक्तयों में सींज्ञा शब्दों को रेिाींककत करो :-

    रवीींद्र के माता-वपता ने पींकि को बहुत –बहुत धनयवाद ढ़दया। आज उसी की िजह से उनका पुत्र मतृ्यु के मुुँ् से लौट आया र्था। जब रवीींद्र को पता िला कक पंकज ने ही उसे अस्पताल तक पहुुँिाया है,तो उसकी आुँिों से आुँसू बह तनकले।

    2 उचचत कारक-चचह्िों द्वारा वाक्यों को पूरा करो :- [ का, में, के ललए, पर, िे ]

    (क) पंकज िे रिींद्र की मदद की| (ख) रिींद्र कक्षा पाुँि का छात्र र्था| (ग) िह रिींद्र के ललए चितंतत र्था| (घ) अध्यापक उस पर गिण करते रे्थ|

  • (र्) िह पंकज के रास्ते में फुटबॉल उछाल रहा र्था|

    3 पाठ से छाुँटकऱ अिुस्वार और अिुिालसक वाले शब्द ललिो :- अिुस्वार अिुिालसक पंकज पाुँि आनंद मुुँह ढ़दवयांग पहुुँिाया दंर् आुँस ू

    4 हदए गए शब्दों के ववलोम शब्द ललिो :- सामान्य × पिलशष्ट,पिशेष निीन × प्रािीन उत्तीर्ण × अनुत्तीर्ण जन्म × मतृ्यु प्रसन्न × खखन्न,अप्रसन्न सुखी × दखुी

    पाठ–10 बादलों का घर : मेघालय

    निम्िललखित शब्दों के अर्थ ललखिए तर्ा ककन्हीं दो शब्दों का वाक्यों में प्रयोग

    कीजिए| शब्द – अर्थ

    (क) धरोहर - अमानत (ख) पूजनीय - पूजा के योग्य (ग) पुरार् – एक धमण ग्रंर्थ (घ) आजीपिका - रोज़गार

    वाक्य रचिा :- हमें भारतीय संस्कृतत की धरोहर को संभाल कर रखना है| आज मैंने पूजनीय दादाजी को पत्र ललखा|

    1 निम्िललखित प्रश्िों के उत्तर ललखिए :- (क) मेघालय को ‘ बादलों का घर ’ क्यों क्ा गया ्ै? उत्तर मौसमी हिाओं से आए बादलों को यहाुँ घाटी में काफ़ी समय तक रुकना पड़ता है,

    इसललए मेघालय को ‘बादलों का घर ’ कहा जाता है|

  • (ि) मेघालय में ककि-ककि समुदायों के लोग र्ते ै्ं? उत्तर मेघालय में मुख्य रूप से तीन समुदाय खासी, गारो और जयंततया के लोग रहते हैं|

    इनके अततररक्त कुछ बंगाली, असलमया और नेपाली लोग भी रहते हैं| (ग) चरेापूुँिी की क्या ववशषेता ्ै? उत्तर िरेापूुँजी दतुनया में सबसे अचधक िषाण िाला स्र्थान है| यहाुँ िषण के अचधकांश महीनों

    में िषाण होती रहती है तर्था िषाण के कारर् यहाुँ की घाढ़टयाुँ गहरी ि घने जंगलों से भरी पड़ी हैं|

    (घ) मात ृसत्तात्मक समाि का क्या अर्थ ्ै? समझाइए| उत्तर मात ृसत्तात्मक समाज का अर्थण है कक बेढ़टयों के नाम पर िंश िलता है और िे ही

    संपपत्त की उत्तराचधकाररर्ी होती हैं| 2 स्ह वाक्य पर तर्ा गलत वाक्य पर × का निशाि लगाओ :-

    (क) मेघालय का क्रमबद्ध इततहास सोलहिीं शताब्दी से लमलता है| () (ख) मेघालय राज्य में बेढ़टयों के नाम पर िंश िलता है| () (ग) मेघालय के जन-जीिन में खेलों का पिशषे महत्ि है| () (घ) गरबा को मेघालय का राष्रीय नतृ्य कहा है| (×)

    3 स्ह शब्द चिुकर वाक्य पूरे करो :- { िेलकूद, कृवष, मेघालय, वरदाि }

    (क) मेघालय मुख्य रूप से कृवष प्रधान राज्य है| (ख) मेघालय को प्रकृतत का अनमोल वरदाि है| (ग) संगीत और नतृ्य तो मेघालय का जीिन है| (घ) मेघालय के जन-जीिन में िेलकूद का पिशषे महत्ि है|

    4 स्ह उत्तर पर लगाओ :- (क) संसार में सबसे अचधक िषाण कहाुँ होती है? उत्तर भोलसनराम में (ख) मेघालय की 80 प्रततशत आबादी ककस पर तनभणर है? उत्तर खेतीबाड़ी पर (ग) मेघालय की राजधानी कहाुँ है? उत्तर लशलांग

  • भाषा की बात 1 इस पाठ में कुछ िग् एक शब्द का दो बार प्रयोग ्ुआ ्ै; िैसे – क्हीं - क्हीं,

    अलग-अलग आहद| ये युग्म-शब्द क्लाते ै्ं| युग्म का अर्थ ्ोता ्ै – िोड़ा| युग्म-शब्द कई प्रकार के ्ोते ै्ं; िैस-े

    1 एक ही शब्द के जोड़ े–अलग-अलग 2 सार्थणक के सार्थ तनरर्थणक शब्द के जोड़ े– देख-भाल 3 पिपरीत शब्द के जोड़ े– सुख-दखु

    तीिों प्रकार के तीि - तीि युग्म शब्द ललिो :- अपने - अपने कीड़ े- मकोड़ े जीत - हार कही ं– कही ं रीतत - ररिाज़ जन्म - मतृ्यु अलग - अलग जन - जीिन सुख - दखु

    2 िीच ेललिे वाक्यों में ववशषेण शब्दों को रेिाींककत करो :- मेघालय की जलिायु आद्रथ है| िषाण की अचधकता के कारर् यहाुँ की घाढ़टयाुँ ग्रह ि घि ेजंगलों से भरह पड़ी हैं| यहाुँ इतने घिे िन हैं कक िींगलह जानिर भी उन्हें पार नहीं कर पाते| िनों में िूुँिार जानिर, ज़्रहले साुँप और कीड़ े–मकोड़ ेभरे हुए हैं|

    3 िीच ेमूल शब्द ललिे ै्ं| इिसे तीि-तीि िए शब्द बिाओ :- (क) लोक- लोकगीत लोककर्था लोकनायक (ख) नाम- नामिीन नामांककत नामकरर् (ग) उच्ि – उच्िस्तरीय उच्िाररत उच्िायुक्त (घ) धमण- धालमणक धमणतनरपेक्ष धमणगुरु (र्.) आढ़द – आढ़दिासी आढ़दकाल आढ़दत्य

    4 िीच ेहदए वाक्यों के वचि बदलो :- (क) असम में अहोम राजा का शासन र्था| उत्तर असम में अहोम राजाओं का शासन र्था| (ख) यहाुँ की घाटी जंगलों से भरी पड़ी है| उत्तर यहाुँ की घाढ़टयाुँ जंगलों से भरी पड़ी हैं| (ग) यहाुँ के लोग अततचर्थ का स्िागत सुपारी से करत ेहैं| उत्तर यहाुँ के लोग अततचर्थयों का स्िागत सुपारी से करते हैं|

  • (घ) मेघालय को प्रकृतत का अनमोल िरदान लमला है| उत्तर मेघालय को प्रकृतत के अनमोल िरदान लमले हैं|

    काल 1 स्ह उत्तर वाले ववकल्प पर स्ह () का निशाि लगाइए :-

    (क) कक्रया का िह रूप, जजससे उसके इसी समय में होने का पता िले, उसे कहते हैं- उत्तर ितणमान काल (ख) भूतकाल उस काल को कहते हैं,जजसमें- उत्तर कक्रया के बीते हुए समय में होने का पता िले|

    (ग) काल के प्रकार होते हैं- उत्तर तीन

    2 काल ककसे क्ते ै्ं? उत्तर कक्रया के जजस रूप से काम के होने के समय का बोध हो, उसे काल कहते हैं|

    3 काल के ककतिे भेद ै्ं? प्रत्येक के दो-दो उदा्रण दहजिए:- उत्तर काल के कुल तीन भेद हैं|

    1. भूतकाल:- कल मुझ ेजाना र्था|, िह आया र्था| 2. वतथमाि काल:- लड़की ललख रही है|, िह खा रहा है| 3. भववष्यत काल:- िह कल आएगा|, बाररश होगी|

    4 निम्िललखित वाक्यों में प्रयुक्त काल को प्चािकर ललखिए :-

    (क) शायद आज आुँधी आए|


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