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REFRENCE WEB. LINKS FOR SANSKRIT LEARNING BASED …€¦ · 4 – भा 1न /कुछ नही...

Date post: 13-Oct-2020
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REFRENCE WEB. LINKS FOR SANSKRIT LEARNING BASED ACTIVITES https://www.mycoaching.in/2019/01/shabd-roop-list.html link for शदऩाणि https://www.rbsesolutions.com/class-6-sanskrit-vyaakaran-shabd-roop-prakaranam/ - link for शदऩाणि https://www.mycoaching.in/2019/07/sanskrit-names-of-animals-and-birds.html - link for animal and birds names https://www.sanskritvarta.com/daily-use-household-things-name-in-sanskrit/ Daily Use Items & Household Things Name In Sanskrit Language https://www.youtube.com/watch?v=_wqcgri_NXs&t=243s link for Sanskrit VARNAMALA https://www.youtube.com/watch?v=MIqt8CiRQis link for VARNAMALA SONG https://www.youtube.com/watch?v=vsY7C5WF9qA - link for Sanskrit language speaking practice https://www.youtube.com/watch?v=77Zyl_nPC6Y link for dhatu rupani ( 5 lakaras) https://www.youtube.com/watch?v=Y8xn_Gzuaks - link for SANSKRIT NUMBERS https://www.youtube.com/watch?v=cYCc55k_Uvg - - link for SANSKRIT NUMBERS https://www.learncbse.in/ncert-solutions-for-class-7-sanskrit/ - RUCHIRA -1 (CLASS- 6 th ) https://www.learncbse.in/ncert-solutions-for-class-7-sanskrit/ - RUCHIRA -2 (CLASS- 7 th ) https://www.learncbse.in/ncert-solutions-for-class-8-sanskrit/ - RUCHIRA -3 (CLASS- 8 th )
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  • REFRENCE WEB. LINKS FOR SANSKRIT LEARNING BASED ACTIVITES

    https://www.mycoaching.in/2019/01/shabd-roop-list.html link for शब्दरूऩाणि

    https://www.rbsesolutions.com/class-6-sanskrit-vyaakaran-shabd-roop-prakaranam/ - link for शब्दरूऩाणि

    https://www.mycoaching.in/2019/07/sanskrit-names-of-animals-and-birds.html - link for animal and

    birds names

    https://www.sanskritvarta.com/daily-use-household-things-name-in-sanskrit/ Daily Use Items &

    Household Things Name

    In Sanskrit Language

    https://www.youtube.com/watch?v=_wqcgri_NXs&t=243s link for Sanskrit VARNAMALA

    https://www.youtube.com/watch?v=MIqt8CiRQis link for VARNAMALA SONG

    https://www.youtube.com/watch?v=vsY7C5WF9qA - link for Sanskrit language

    speaking practice

    https://www.youtube.com/watch?v=77Zyl_nPC6Y – link for dhatu rupani ( 5 lakaras)

    https://www.youtube.com/watch?v=Y8xn_Gzuaks - link for SANSKRIT NUMBERS

    https://www.youtube.com/watch?v=cYCc55k_Uvg - - link for SANSKRIT NUMBERS

    https://www.learncbse.in/ncert-solutions-for-class-7-sanskrit/ - RUCHIRA -1 (CLASS- 6th)

    https://www.learncbse.in/ncert-solutions-for-class-7-sanskrit/ - RUCHIRA -2 (CLASS- 7th)

    https://www.learncbse.in/ncert-solutions-for-class-8-sanskrit/ - RUCHIRA -3 (CLASS- 8th)

    https://www.mycoaching.in/2019/01/shabd-roop-list.htmlhttps://www.rbsesolutions.com/class-6-sanskrit-vyaakaran-shabd-roop-prakaranam/https://www.mycoaching.in/2019/07/sanskrit-names-of-animals-and-birds.htmlhttps://www.sanskritvarta.com/daily-use-household-things-name-in-sanskrit/https://www.youtube.com/watch?v=_wqcgri_NXs&t=243shttps://www.youtube.com/watch?v=MIqt8CiRQishttps://www.youtube.com/watch?v=vsY7C5WF9qAhttps://www.youtube.com/watch?v=77Zyl_nPC6Yhttps://www.youtube.com/watch?v=Y8xn_Gzuakshttps://www.youtube.com/watch?v=cYCc55k_Uvghttps://www.learncbse.in/ncert-solutions-for-class-7-sanskrit/https://www.learncbse.in/ncert-solutions-for-class-7-sanskrit/https://www.learncbse.in/ncert-solutions-for-class-8-sanskrit/

  • NEELKANTH VIDYAPEETH RESIDENTIAL SCHOOL HYDERABAD HINDI, TELUGU & SANSKRIT

    Class 7

    ननदेश :

    1- ननम्नलऱणित कायय ऩत्रक में लऱणित और मौणिक गहृकायय ददया गया है |

    2 – जजसमें प्रनतददन एक लऱणित और एक मौणिक गहृ कायय करना अननवायय है |

    3 - लऱणित और मौणिक गहृ कायय की ऩूियता के लऱए आगामी ऩरीऺा में ऩाॉच अॊक ननधायररत हैं |

    िॊड – क अऩदित गदयाॊश

    प्रश्न : 1 - ननम्नलऱणित अऩदित गदयाॊश को ऩढ़कर नीच ेददए गए प्रश्नों के उत्तर लऱणिए |

    (i) यावण रॊका का याजा था | ऐसा भाना जाता है कक उसकी नगयी स्वणण – नगयी थी | उसका सीधा – सा अथण मह है कक उसका याज्म अत्मॊत सभदृ्ध था | उसे हभ दशानन कहत ेहैं अथाणत दस ससय वारा | इसका वास्तववक अथण मह है कक वह अत्मॊत फुवद्धभान था – चाय वेदों औय छहो प्रकाय के दशणन का ऻाता था | वह इतना सभदृ्ध , फुवद्धभान एवॊ ववद्ववान औय शक्ततशारी था कक साया सॊसाय उसके साभने ससय झुकाता था , ऩयॊतु श्रद्धावश नहीॊ , बमवश | ऐसी भान्मता है कक स्वमॊ ब्रह्भा द्वाया प्रदत्त अभयतत्व उसे प्राप्त था | देखा जाए तो इस सभस्त सॊसाय भें उसके सरए कुछ बी अप्राप्म नहीॊ था | स्वाबाववक भानवीम गुणों के अबाव ने उसे दानव मा याऺस फना ददमा था | न उसभें दमा थी , न ऺभा , न सहनशीरता औय न ही अच्छे – फुये कभों का ऻान | इसीसरए याभ के साथ मुद्ध कयत ेहुए उसकी हाय बी हुई औय उसके जीवन का अॊत बी हुआ |

    (क) रावि को दशानन कहने का वास्तववक तात्ऩयय क्या है ?

    (ि) सारा सॊसार उसके सामने लसर क्यों झुकाता था ?

    (ग) रावि दानव या राऺस क्यों बन गया ?

    (घ) रावि के ऩराभव का प्रमिु कारि क्या था ?

    (च) रावि की नगरी ककसकी बनी थी ?

    (छ) रावि को ककसने अमरत्व प्रदान ककया था ?

    (ii) सोनजुही भें रगी ऩीरी करी को देखकय अनामास ही उस छोटे जीव का स्भयण हो आमा , जो इस रता की सघन हयीततभा भें तछऩकय फैठता था औय भेये तनकट ऩहुॉचत ेही कॊ धे ऩय कूदकय भुझ ेचौंका देता था | तफ भुझ ेकरी की खोज यहती थी , ऩय आज उस रघु प्राण की खोज है , ऩयन्तु वह तो इस सोनजुही की जड़ भें सभट्टी भें सभर गमा है | एक ददन भैंने सवेये देखा – दो कौए एक गभरे के चायो ओय अऩनी चोंचों से छुआ – छुऔवर जैसा खेर खेर यहे हैं | तनकट जाकय देखा , गगरहयी का छोटा सा फच्चा है , क्जसभें कौए अऩना सुरब आहाय खोज यहे हैं | वह तनश्चषे्ट

  • - सा गभरे से गचऩटा ऩडा था | भैंने उसे हौरे से उठाकय रुई से यतत ऩोंछकय घावों ऩय ऩेंसससरन का भयहभ रगामा | हभ उसे गगल्रू फुराने रगे |

    (क) सोनजुही में ऱगी कऱी को देिकर ऱेणिका को ककसकी याद आई ?

    (ि) ऱेणिका ने एक ददन सवेरे क्या देिा ?

    (ग) ऱेणिका ने गगल्ऱू को ककस जस्थनत में देिा ?

    (घ) ऱेणिका ने गगल्ऱू का उऩचार कैसे ककया ?

    (च) कौए क्या कर रहे थे ?

    (छ) सोनजुही की जड़ में कौन लमट्टी में लमऱ गया ?

    (iii) जुम्भन शेख औय अरगू चौधयी फहुत ऩुयाने सभत्र थे | उनकी सभत्रता तफ से चरी आ यही थी , जफ वे फारक थे | दोनों को एक दसूये ऩय इतना ववश्वास था कक तीथण औय हज़ जाते सभम एक दसूये को अऩना घय – फाय सौंऩ जात ेथे | जुम्भन शेख की एक फूढ़ी भौसी थी , क्जसकी कुछ जभीन थी | जुम्भन शेख के अरावा उसका कोई नहीॊ था | जुम्भन शेख ने चाराकी से वह जभीन अऩने नाभ कयवा री औय वादा ककमा था कक जफ तक वह क्ज़ॊदा है , वह उसे खखराता – वऩराता यहेगा | जफ तक जभीन उसके नाभ न हो गई , तफ तक भौसी का खूफ आदय – सत्काय हुआ , रेककन जफ जभीन जुम्भन शेख के नाभ हो गई , साया आदय धया का धया यह गमा | जुम्भन की ऩत्नी कयीभन उसे योदटमों के साथ गासरमाॉ बी खूफ देती | जुम्भन शेख फुदढ़मा से जल्दी से ऩीछा छुड़ाना चाहता था | इस योज – योज की करह से ऊफकय भौसी ने जुम्भन से कहा , “फेटा भहीने भें भुझ ेकुछ रुऩमे दे ददमा कयो , भैं अऩना खाना अरग ऩका सरमा करॉ गी |”

    (क) गदयाॊश में ककसकी लमत्रता का वियन ककया गया है ?

    (ि) बूढ़ी मौसी ने अऩनी जमीन जुम्मन शेि के नाम क्यों कर दी ?

    (ग) जुम्मन शेि ने जमीन अऩने नाम ऩर करवाने से ऩूवय बूढ़ी मौसी से क्या वादा ककया ?

    (घ) जुम्मन शेि की ऩत्नी का व्यवहार बूढ़ी मौसी के प्रनत कैसा था ?

    (च) बूढ़ी मौसी ने जुम्मन शेि से क्या माॉगा ?

    (छ) अऱगू चौधारी और जुम्मन शेि आऩस में क्या थे ?

    (iv) सभाज की दवूषत व्मवस्था रयश्वत को प्रोत्साहन देती है | अल्ऩ वेतन ऩाने वारा व्मक्तत ऩरयवाय का खचण न चरा ऩाने के कायण कबी – कबी भन भें कभजोय हो जाता है , इसीसरए वह रयश्वत के भाध्मभ से ऩारयवारयक व्मम की ऩूततण हेतु इस फुयाई को अऩने ऩल्रे फाॉध फैठता है | उसे इस फात का बरी – बाॉतत ऻान है कक ऩाऩ की कभाई कबी नहीॊ परती , ऩयन्तु एक फाय कीचड भें पॉ स जाने ऩय वह इसे छोंड नहीॊ ऩाता | ऐसे बी व्मक्तत हैं जो अऩने ऩड़ोसी की सॊऩन्नता देखकय उसकी ऩर कयना चाहत े हैं | उनके अऩने साधन तो सीसभत हैं , इससरए रयश्वत रेकय व ेसभऩन्नता की होड़ की सॊबावनाएॊ ढूॉढने रगत ेहैं |

  • (क) ररश्वत को प्रोत्साहन कहाॉ से लमऱता है ?

    (ि) अल्ऩ वेतन ऩाने वाऱा व्यजक्त ररश्वत क्यों ऱेता है ?

    (ग) अनेक व्यजक्त ररश्वत ऱेने की तऱाश में क्यों रहत ेहैं ?

    (घ) ऩूनतय , सम्ऩन्नता व प्रोत्साहन शब्दों के अथय लऱणिए |

    (च) ऱोग अऩने ऩड़ोसी व्यजक्त की सम्ऩन्नता देिकर उसकी ऩऱ क्यों करना चाहत ेहैं ?

    (छ) इस गदयाॊश का उऩुक्त शीषयक लऱणिए |

    (v) गॊगा तो ववशेषकय बायत की नदी है | रोगों की उस ऩय अऩाय श्रद्धा है | उसके साथ बायत की जातीम स्भतृतमाॉ , उसकी आशाएॉ औय आकाॊऺाएॉ तथा उनकी जम – ऩयाजम औय उसके ववजम के गीत जुड़ े हुए हैं | मह गॊगा मुगों ऩुयानी बायतीम सॊस्कृतत औय सभ्मता का प्रतीक यही हैं | मह गॊगा जो अनादद कार से फहती चरी आ यही है , कपय बी फनी हुई है – वही गॊगा की गॊगा |

    (क) गॊगा ववशेषकर कौन – से देश की नदी है ?

    (ि) गॊगा ककसकी प्रतीक रही है ?

    (ग) गॊगा नदी ऩर ऱोगों की अऩार श्रदृ्धा क्यों है ?

    (घ) स्मनृतयाॉ और आकाॊऺाएॉ शब्दों के अथय लऱणिए |

    (च) अनादद काऱ से क्या बहती चऱी आ रही है ?

    (छ) इस गदयाॊश का उगचत शीषयक लऱणिए |

    िॊड – (ि) व्यावहाररक व्याकरि

    प्रश्न : 2 – (i) ननम्नलऱणित अशुद्ध शब्दों को शुद्ध करके लऱणिए |

    1 – सप्तादहक - 2 – अधीन – 3 – नयाज़ - 4 – भुनी – 5 – ऩक्त्न - 6 – ऩरयऺा - 7 – श्रीभतत - 8 – बफभायी - 9 – दहॊद ु- 10 – साधु – 11 – तमोंकी – 12 – सैना – 13 – व्रऺ – 14 – फाॊसुयी – 15 – हॊसी – 16 – प्रथक – 17 – बोगोसरक – 18 – ऩोधा – 19 – क्रऩा – 20 –प्रशाद

    (ii) ननम्नलऱणित वाक्यों में प्रयुक्त सवयनाम शब्दों को छाॊटकर लऱणिए |

    1 – उसने ववदेश जाने की अनुभतत भाॉगी |

    2 – भैं बाई के साथ जाऊॉ गा |

    3 – वऩता जी ने तुम्हें फुरामा है |

  • 4 – भाॉ ने कुछ नहीॊ खामा है |

    5 – दीवाय के ऩीछे कोई खडा है |

    6 – याजीव की भाता जी ने भुझ ेबोजन ददमा |

    7 – भैं कऺा भें प्रथभ आमा |

    8 – वऩता जी ने भुझ ेऩुस्तकें दीॊ |

    9 - तुम्हाया एहसान भैं कबी नहीॊ बूर सकता |

    10 – भैं आज खेरने नहीॊ जा सकूॉ गा |

    11 – मे खखरौने अक्षऺत के हैं |

    12 – हभाया ववद्मारम सभीऩ ही है |

    13 - भैं कर ऩुस्तक भेरा देखने गई |

    14 – दधू भें कुछ गगय गमा है |

    15 – भुझ ेअऩनी बूर का एहसास हो गमा है |

    (iii) ननम्नलऱणित वाक्यों में ववशेषि व ववशे य छाॉटकर लऱणिए |

    1 – यभेश ने रार कभीज़ ऩहनी है |

    2 – भैं भीठे आभ रेकय आऊॉ गा |

    3 – योटी जरी हुई है |

    4 – नहाने के सरए गभण ऩानी यखा है |

    5 – भहर फहुत सुॊदय है |

    6 – इभायत कापी ऊॉ ची है |

    7 – रकडडमाॉ ज्मादा गीरी है |

    8 – यभेश फहुत इभानदाय है |

    9 - भेया बाई फहुत ऩरयश्रभी है |

    10 – यीना बफरकुर ठीक है |

    11 – उसे थोड़ी सी भीठी चटनी चादहए |

  • 12 – भेया घय छोटा है |

    13 – ताज़े पर राना |

    14 – आभ खटे्ट हैं |

    15 – गुजयात भें अनेक प्राचीन भॊददय हैं |

    (iv) ननम्नलऱणित वाक्यों में किया ऩहचानकर लऱणिए |

    1 – फच्चा योता है |

    2 – भीना हॉसती है |

    3 – यीना ऩुस्तक ऩढ़ती है |

    4 – यभेश गेंद से खेरता है |

    5 - सशऺक ववद्मारम जाता है |

    6 – फासरकाएॉ दौड़ती हैं |

    7 – वह पुटफॉर खेरता है |

    8 – भीना बोजन ऩकाती है |

    9 - अभन दधू ऩीता है |

    10 – वह ससताय फजाती है |

    11 – वषाण हो यही है |

    12 – नौकय साभान राने गमा |

    13 – भाता जी कामाणरम से रौट आईं |

    14 – अॊसशका ने बोजन कय सरमा |

    15 - येरगाड़ी चर ऩडी |

    (v) ननम्नलऱणित शब्दों को भाववाचक सॊऻा में बदऱकर लऱणिए -

    1 – अऩना - 2 – अच्छा – 3 - प्रबु - 4 – फुया - 5 – दहन्द ू- 6 – गॊबीय - 7 – व्मक्तत – 8 – रड़का – 9 – नेता – 10 – स्वाभी – 11 – इॊसान - 12 – याष्र - 13 – सजाना – 14 – सुगॊध – 15 – प्मास –

    प्रश्न – 3 - ननम्नलऱणित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में लऱणिए |

  • 1 – श्री कृष्ण ककस देश भें ऩदैा हुए थे ?

    2 – हभाये देश का नाभ बायत कैसे ऩडा ?

    3 – गॊगा अऩने ककतने ऩुत्रों को ऩानी भें फहा चुकी थी ?

    4 – गॊगा के आठवें ऩुत्र का नाभ तमा था ?

    5 – सत्मवती के दोनों ऩुत्रों के तमा नाभ थे ?

    6 – बीष्भ ने काशी नयेश की क्जन तीन ऩुबत्रमों का अऩहयण ककमा, उनके नाभ सरखखए |

    7 - अॊफा ककसको अऩना ऩाती भान चुकी थी ?

    8 – ववदयु ककसके फेटे थे ?

    9 - कुॊ ती का ऩहरा नाभ तमा था ?

    10 – कुॊ ती ने ककस देवता का आह्वान ककमा था ?

    11 – धतृयाष्र के ककतने ऩुत्र औय ककतनी ऩुबत्रमाॉ थी ?

    12 – ऩाॊडू के ककतने फेटे थे उनके नाभ सरखखए |

    13 – एकरव्म ककसकी प्रततभा फनाकय अभ्मास ककमा कयता था ?

    14 – कृष्ण को ककस – ककस नाभ से ऩुकाया जाता था ?

    15 – भहायाज मुगधक्ष्ठय ने कौन सा मग्म कयवामा ?

    16 – इॊद्र ने कणण से तमा भाॉगा ?

    17 – कौयवों का सेनाऩतत कौन था ?

    18 – ऩाॊडवों का के सेनाऩतत कौन थे ?

    19 – कणण का सायथी कौन था ?

    20 – स्वगण से धभणयाज को रेने कौन आमा था ?

    िॊड – (ग) लऱणित व्याकरि

    प्रश्न : 4 – ननम्नलऱणित ववषयों में अनुच्छेद लऱणिए |

    1 – वृऺ ायोऩण का भहत्व – वृऺ हभाये जीवनदाता , वन भहोत्सव , वृऺ ों से राब

  • 2 – याष्रबाषा दहन्दी – याष्रबाषा का तात्ऩमण , प्रततभा की आवश्मकता , सपरता का यहस्म , तनयॊतय प्रमास से रक्ष्म प्राक्प्त

    3 – भहॊगाई की भाय – कायण , उत्ऩन्न सभस्माएॉ , योकने के उऩाम

    4 - देशबक्तत – देशबक्तत का अथण , देश के प्रतत कतणव्म , सच्च ेदेशबतत के गुण , बाईचाये की बावना ,

    5 – भधुय वचन है औषगध कटुक वचन हैं तीय – ईश्वय का वयदान , कटु वचन का प्रबाव , भधुय वचन के राब

    प्रश्न : 5 – ननम्नलऱणित गचत्रों को देिकर अऩने शब्दों में उसका वियन कीजजए |

    (I), (ii), (iii), (iv) , (v)

    ii )

    ii

    iiii

    iiiii

  • िॊड – (घ) मौणिक कायय

    प्रश्न : 6 – (i) ववसबन्न दहॊदी सभाचाय ऩत्र ऩढ़ें , जैसे- दहन्दीसभराऩ , वाताण , अभयउजारा , याष्रीम सहाया , दैतनक जागयण आदद |

    (ii) ववसबन्न टी वी चैनरों ऩय दहन्दी सभाचाय सुनें , जैसे – आजतक , ए . फी. ऩी. न्मूज ,एन . डी . टी वी , जी न्मूज , स्टाय बायत आदद |

    (iii) टी वी ऩय आने वारे ववसबन्न दहॊदी धायावादहक देखें जैसे – याभामण , भहाबायत , चाणतम , शक्ततभान आदद |

    (iv) दहॊदी गद्म की ववसबन्न ऩुस्तकें ऩढ़ें , जैसे - पे्रयणाप्रद कहातनमाॉ , नाटक , उऩन्मास , जोतस , कोसभतस आदद |

    (v) दहन्दी के देशबक्तत गीत व बक्ततभम बजन सुने |

    **************

    NEELKANTH VIDYAPEETH RESIDENTIAL SCHOOL HYDERABAD Department of Telugu

    Class VII Holiday/Lock down Work Subject: 3rd Language Telugu

    1. Daily one poem Read,Write and learn from వేమన వతకము/షుమతీ వతకము లో భాఴముతో ఒక

    దయము కంఠషథము చేయండ,ి

    2. Practise తెలుగు ఴరణమాల ఒక సహరి కరమములో వహాయండ.ి

  • 3. సలుు లకు గుణ ంతాలు వహాయండి(క-ఱ ). (Vowel Diacritics) for all Consonants in one table.

    4. తాి దనిము ర ండు సలుు లకు ఒతతు లతో ది దాలు వహాయండి. Write 10 words daily with two conjunct

    Consonants క ,చ - ట ,త -, ,గ - జ ,డ - ద , బ - మ ,య -ర ,ల - ఴ ,వ -శ ,ష -స ,ళ -క్ష ,ఱ

    5. అతుిసలుు లకు ఒతతు లతో ద ిదాలువహాయండి. Write10 words each for all Consonants with their

    conjuncts in one table.

    6. తాిరోజు మూడు,నాలుగు అక్షరహల దాలు ద ివహాయండి.Daily Write three/four letter words at least

    ten.

    7. తెలుగు మాషములు, ఋతతఴులు తిథులుమరియుతలెుగు షంఴతసరముల పేరును చదఴండ,ి రహయండి.

    మరియు కంఠషథము చయేండి. (Read,write and learn Names of Months,Seasons years and dates

    in Telugu)

    8. మన దవేము పరేు, దేవములోతు నగరముల పరేుు , గ్హర మముల పేరుు తలెుగులో రహయండి.

    చెటు పరేుు , ూల పరేుు , ండు పేరుు మరయిు బంధుతాాలు (ఉదాసరణకు అమమ , నాని …) తెలుగులో

    రహయండి.write the name of our country, states, cities and villages in telugu write the names of plants, trees, flowers and fruits in telugu subject wise .

    9. తెలుగులో యాభ నైుండి ఴంద ఴరకు అంక లు నరేఴండి మరయిు రహయండి.

    Write and learn telugu numerals in telugu 50 to 100.

    10. బంధుఴులమితతాల ఇరుగుతృొ రుగు వహర ిపరేుు సకేరించి వహాయండి.

    .write the names of relatives,friends, neighbours.

    11. తెలుగు వహరహు తికా చదఴండి దవిహకహయలు వహాయండి.

    .Read telugu daily and write at least 10 sentences.

    12. తూతి కథలు,హాషయకథలు ంచతంత ాకథలు, బాలరహమాయణము, బాలభారతము ము చదఴండి.

    మీకు నచిినవి సొ ంతమాటలలోవహాయండి.

    Read Moral, Comic, Mythological stories either online/ off line https://pinterest.com write interesting one in your own words.

    Note: The given work should be done in a notebook with date. It should be submitted to the teacher on the school opening day. You can use web links given under for support. Or of your choice. 1.www.tagc.org 2.www.vikaspedia.in 3chotakids.com 4.telugucorner Dear Students do it with fun. It is useful to continue touch with language and start the new year with confidence. Make learning as fun. Parents are requested to support and guide the kids in completing the work happily.

    -0-

    https://pinterest.com/http://www.tagc.org/

  • NEELKANTH VIDYAPEETH RESIDENTIAL SCHOOL HYDERABAD SANSKRIT

    पठित अवबोधनम ्

    खण्ी-क

    1.प्र- अधोलिलखत गद्यांशां पठित्वय उत्तरयलि लिखत.

    क) एकलममन् नदीतीरे एकः जम्बुवृक्षः आसीत्। तलममन् वृक्षे एकः वयनरः प्रलतवसलत मम। सः लनत्यां

    जम्बूफियलन खयदलत मम। एकः मकरः तमययां नद्यम् अवसत्। वयनरः प्रलतददनां तममै जम्बूफियलन

    अयच्छत्। एवां मकरः वयनरमय लमत्रम् अभवत्। तयलन फियलन खयददत्वय मकरमय भययया

    अलचन्तयत्- “अहो यः प्रलतददनां ईदशृयलन मधुरयलि फियलन खयदलत तमय हृदयम् अलतमधुरां

    भलवष्यलत” इलत।

    एकपदेन उत्तरत -

    1. नदीतीरे कः आसीत्? उ) ..............................................................

    2. वयनरः लनत्यां कयलन खयदलतमम? उ)...............................................................

    3. तलममन् वृक्षे कः प्रलतवसलतमम? उ)...............................................................

    4. कः वयनरमय लमत्रम ्अभवत्? उ)...............................................................

    पिूावयक्येन उत्तरत -

    5. मकरः कुत्र अवसत्? उ)

    .......................................................................................

    6. मकरमय भययया दकम् अलचन्तयत् ?

    उ)........................................................................

    यथय लनदशेम ्उत्तरत -

    7. “मधरुयलि फियलन”अत्र लवशेषिपदां दकम?् उ)

    ......................................................

    8. “अयच्छत”्अत्र कः िकयरः अलमत? उ)

    ...................................................... ख) सांसयरे सवा प्रयिीनयां कृते वृक्षयः एव जीवनयधयरयः। वृक्षः सवेभ्यः प्रयिवययुां ददयलत । वृक्षयः न केविां

    प्रयिवययुां तथय फियलन, पत्रयलि, छयययां अलप ददयलत । वृक्षैः पृथवी समतुल्यां भवलत । अममयलभः छयययां

    दत्वय सः आतपे लतष्टलत । अतः वृक्षः परोपकयरी इलत वदलन्त ।

    एकपदेन उत्तरत-

    क) प्रयिीनयां कृते जीवनयधयरयः के ? उ) ....................................................

  • ख) वृक्षैः पथृवी कक भवलत ? उ) ....................................................

    पिूावयक्येन उत्तरत-

    ग) वृक्षः कक कक ददयलत ?

    उ)...................................................................................

    घ) वृक्षः कीदशृः इलत वदलन्त ?

    उ)…….....................................................................

    यथयलनधशेम ्उत्तरत-

    ङ) “वृक्षयः” पदमय एकवचनम् दकम ?(वृक्षौ / वक्षः) उ)

    ......................................

    च) “सः आतपे लतष्टलत” अत्र सः कः? (वृक्षः / नदी ) उ)

    ......................................

    छ) वकृ्षः परोपकयरी अत्र लवशेषि पदां दकम् ? (वृक्षः / परोपकयरी)उ)

    ......................................

    “वकृ्षयः एव जीवनयधयरयः” अत्र अव्यय पदां दकम?् (वृक्षः / एव) उ)

    .....................................

    ग) व्ययघ्रः अममयकां रयष्ट्र-पशुः । अतीव मनोहरः अयम् । अमय शरीरे पीत-कृष्ि वियाः पांक्तयः लनतरयां

    शोभन्ते। कदयलचत् अयां भीकर वनेषु लनभायां लवहरलत मम। व्ययघ्र जयतत सवानयशयत् रलक्षतुां वन पययावरि –

    मन्त्रयियः अनेकयन् उपयययन् करोलत। अममयकां वन सम्पतत्त रलक्षतव्यय, दशेमय रयष्ट्रपशुः चयलप रक्षिीयः ।

    पिूावयक्यने उत्तरत-

    अ) अममयकां रयष्ट्रपशुः कः ? उ(...............................................................................

    आ) व्ययघ्रः वनेषु कथां लवहरलत मम?

    उ(...............................................................................

    इ) व्ययघ्र जयतत रलक्षतुां कः उपयययन् करोलत ?

    उ(........................................................................

    ई) अममयकां दकम् रलक्षतव्यय, कः रक्षिीयः? उ (

    .......................................................................

    य़थयलनदशेम् उत्तरत-

    उ) “अयां भीकर वनषेु लनभायां लवहरलत “ अत्र लवशेषि पदम् ( )

    क) अयां ख) भीकरां ग) लवहरलत

    ऊ) “अत्यलधक” पदमय लविोमपदां दकम् ( )

  • क) अत्यल्पम् ख) अलतहीनम् ग) अलतअलधकम्

    ङ) भयरतदशेः कृलषप्रधयन-दशेः । अनेके जनयः ग्रयमेषु लनवसलन्त। कृषकयः कृलष कययाम् कवालन्त । कृषकयः अन्नयलन च

    उत्पयदयलन्त। अन्नां लवनय जीवनां नयलमत। अतः ग्रयमयियां कृषकयियां च महत्वम् अलमत। ग्रयमेषु जनयः मवगृहषेु लमथत्वय

    कयययालि कवालन्त। यथय – िौहकयरः िौहकययाम् करोलत, कुम्भकयरः घायन् रचयलन्त ।

    एकपदने उत्तरत-

    1. भयरतदशेः कीदशृ दशेः ? उ)…............................................

    2. अनेके जनयः कुत्र लनवसलन्त? उ)................................................

    3. अन्नां लवनय कक नयलमत? उ)................................................

    4. कृषकयः कयलन उत्पयदयलन्त? उ)................................................

    पिूावयक्यने उत्तरत

    5. िौहकयरः ,कुम्भकयरः कक

    कुवालन्त?उ)...........................................................................

    6. ग्रयमेषु जनयः कक कवालन्त? उ)

    .......................................................................... य़थयलनदशेम ्उत्तरत-

    7. “अन्नां लवनय जीवनां नयलमत“ अत्र अव्ययपदां दकम् ? ( )

    ख) अन्नां ख) जीवनां ग) लवनय

    8 . ग्रयमषेु - इलत पदमय लवभलक्तः कः ? ) (

    क (तृतीयय ख (पममी ग (सममी

    खण्ीः-ख (रचनयत्मक कययाम)्

    2प्र. लचत्रां दषृ््वय मञ्जषूय सहययने वयक्ययलन रचयत-

    मञ्जषूय- कन्दकेुन, पलत्रकयम्, समुद्रतामय, नौकयः,

    कुवालन्त

    1.इदां ....................... लचत्रम् अलमत।

    2. लचत्र ेद्वौ बयिकौ ...................... क्रीीतः ।

    3. समुद्र जि ेअनेकयः ...................... लवहरलन्त।

    4. केचन पययााकयः समुद्र ेस्नयनां ........................।

    5. एकः बयिकः .......................... पिलत ।

  • मञ्जषूय- धयरयलन्त, आरोहलन्त, वृलष्टम,् बयियः, बसययनमय

    अ) इदां लचत्रां ............................. अलमत ।

    आ) लचत्रे अनेके ..................सलन्त ।

    इ) तत्र .................... आगच्छलन्त मम।

    ई) ते सवे छत्रम् ...........................।

    उ) ते बयियः बसययनम् .........................।

    मञ्जषूय-पवातयः,ययनम,् उद्यनमय, मनोहरम्, कन्दकेुन

    अ) इदां लचत्रां एकमय ............................ अलमत ।

    आ) लचत्रे बयियः ............................. क्रीीलन्त ।

    इ) एकः बयियः सैकि ...................... चयियलत

    मम।

    ई) लचत्रे दरूतः .............................सलन्त ।

    उ) उद्यनमय लचत्रम् अलत ............................ अलमत।

    ग्रन्थयियमय,मौनने,पमुतकयलन,आगच्छलन्त, ज्ञयनदययकम्

    अ) इदां लचत्रां एकमय ............................ अलमत ।

    आ) लचत्रे अनेकयलन ............................. सलन्त ।

    इ) सवे छयत्रयः ...................... पुमतकयलन पिलन्त।

    ई) लशक्षकयः अलप पठितुम् .............................।

    उ) अतः ग्रन्थयियमय लचत्रम्

    ............................ अलमत।

    खण्ीः-ग (अनपु्रयक्त व्ययकरिम)्

    4प्र. ठरक्तमथयनषे ुसमलुचत लवभतक्त योजयत-(बयिकः-पुां) एकवचनम ् लद्ववचनम ् बहुवचनम ्

  • प्रथमय लवभलक्तः - ............... ............... ............... लद्वतीयय लवभलक्तः - ............... ............... ............... तृतीयय लवभलक्तः - ............... ............... ............... चतुथी लवभलक्तः - ............... ............... ............... पममी लवभलक्तः - ............... ............... ............... षष्टी लवभलक्तः - ............... ............... ............... सममी लवभलक्तः - ............... ............... ............... ठरक्तमथयनषे ुसमलुचत लवभतक्त योजयत-(बयलिकय) एकवचनम ् लद्ववचनम ् बहुवचनम ् प्रथमय लवभलक्तः - ............... ............... ............... लद्वतीयय लवभलक्तः - ............... ............... ............... तृतीयय लवभलक्तः - ............... ............... ............... चतुथी लवभलक्तः - ............... ............... ............... पममी लवभलक्तः - ............... ............... ............... षष्टी लवभलक्तः - ............... ............... ............... सममी लवभलक्तः - ............... ............... ............... ठरक्तमथयनषे ुसमलुचत लवभतक्त योजयत-(मलुन) एकवचनम ् लद्ववचनम ् बहुवचनम ् प्रथमय लवभलक्तः - ............... ............... ............... लद्वतीयय लवभलक्तः - ............... ............... ............... तृतीयय लवभलक्तः - ............... ............... ............... चतुथी लवभलक्तः - ............... ............... ............... पममी लवभलक्तः - ............... ............... ............... षष्टी लवभलक्तः - ............... ............... ............... सममी लवभलक्तः - ............... ............... ...............

    ठरक्तमथयनषे ुसमलुचत लवभतक्त योजयत-(गरुु -नपुां) एकवचनम ् लद्ववचनम ् बहुवचनम ् प्रथमय लवभलक्तः - ............... ............... ............... लद्वतीयय लवभलक्तः - ............... ............... ............... तृतीयय लवभलक्तः - ............... ............... ............... चतुथी लवभलक्तः - ............... ............... ............... पममी लवभलक्तः - ............... ............... ............... षष्टी लवभलक्तः - ............... ............... ............... सममी लवभलक्तः - ............... ............... ...............

  • 5प्र. ठरक्तमथयनषे ुसमलुचत धयतरुूपां योजयत- (िा्/ िा्ृ/िङ्-िकयरयः) - (हस,् नम,् गम)्

    िा्-िकयरः

    एकवचनम ् लद्ववचनम ् बहुवचनम ् प्रथम परुुष - ................ ................ ................ मध्यम परुुष - ................ ................ ................ उत्तम परुुष - ................ ................ ................ एकवचनम ् लद्ववचनम ् बहुवचनम ् प्रथम परुुष - ................ ................ ................ मध्यम परुुष - ................ ................ ................ उत्तम परुुष - ................ ................ ................

    एकवचनम ् लद्ववचनम ् बहुवचनम ् प्रथम परुुष - ................ ................ ................ मध्यम परुुष - ................ ................ ................ उत्तम परुुष - ................ ................ ................

    िृा्-िकयरः

    एकवचनम ् लद्ववचनम ् बहुवचनम ् प्रथम परुुष - ................ ................ ................ मध्यम परुुष - ................ ................ ................ उत्तम परुुष - ................ ................ ................ एकवचनम ् लद्ववचनम ् बहुवचनम ् प्रथम परुुष - ................ ................ ................ मध्यम परुुष - ................ ................ ................ उत्तम परुुष - ................ ................ ................

    एकवचनम ् लद्ववचनम ् बहुवचनम ् प्रथम परुुष - ................ ................ ................ मध्यम परुुष - ................ ................ ................ उत्तम परुुष - ................ ................ ................

    िङ्-िकयरः

    एकवचनम ् लद्ववचनम ् बहुवचनम ् प्रथम परुुष - ................ ................ ................ मध्यम परुुष - ................ ................ ................ उत्तम परुुष - ................ ................ ................ एकवचनम ् लद्ववचनम ् बहुवचनम ् प्रथम परुुष - ................ ................ ................

  • मध्यम परुुष - ................ ................ ................ उत्तम परुुष - ................ ................ ................

    एकवचनम ् लद्ववचनम ् बहुवचनम ् प्रथम परुुष - ................ ................ ................ मध्यम परुुष - ................ ................ ................ उत्तम परुुष - ................ ................ ................ 6प्र. मञ्जषूयतः पदयलन लचत्वय सांख्ययनयां परुतः लिखत-

    25- .................................. 46- .................................... 73-...................................

    18- ................................... 39- .................................. 84- ..................................

    37- .................................... 79-................................... 63- ...................................

    28- .................................. 15-................................... 94- ...................................

    27- .................................... 79-................................... 63- ...................................

    68- .................................. 25-................................... 34- ...................................

    14- .................................. 27- .................................... 69-...................................

    53- ................................... 48- .................................. 23 ....................................

    पठन ऄभ्यासः (Learning work)

    छात्र-पतिज्ञा

    भारिम् ऄस्माकम् मािभूृतमः वयं सव ेपरस्परं भ्रािरः भतगन्याश्च ।

    ऄस्माकं मािभूृतमः प्राणभे्योsतप तप्रयिरा भवति ।

    ऄस्याः समदृ्धौ, तवतवध संस्कृिौ च वयं समन्यामह े।

    वयं ऄस्याः सयुोगयाः ऄतधकाररणो भतविुं सदा प्रयिमानाः भवम्े ।

    वयम् ऄस्माकम् मािातपिरौ गरुुजनांश्च समानयमे ।

    सववः सह तिष्टिया व्यवहरेम ।

  • भारिं भारिीयांश्च तवश्वासपात्रािां भतविुं प्रतिज्ञां कुममः ।

    िषेां एव कल्याण,े समदृ्धौ च ऄस्माकं सखंु तनतहिमतस्ि ।

    जयि ुभारिम् – जयिसंुस्कृिम् ।

    भोजनमन्त्रम ्

    अहॊ वैश्वानरो भूत्वा प्राणिनाॊ देहमागश्रत्। प्रािाऩानसमायुक्त् ऩचाम्यन्नॊ चतुववयधम।्।

    ब्रह्माऩयिॊ ब्रह्म हवव् ब्रह्माग्नौ ब्रह्मिा हुतम ्। ब्रह्मैव तेन गन्तव्यॊ ब्रह्मकमयसमागधना ॥

    ॐप्रािाय स्वाह - OM pranayaswaha

    ॐअऩानाय स्वाह - OM apanayaswaha

    ॐव्यानाय स्वाह - OM vyanayaswaha

    ॐउदानाय स्वाह - OM udanayaswaha

    ॐसमानाय स्वाह - OM samanayaswaha

  • ॐब्रम्हिे स्वाह - OM brahamanayswaha

    ॐ शाजन्त् शाजन्त् शाजन्त् Notes: written work should be submitted to the respective subject

    teacher on re-opening day.

    05 Marks of weightage will be considered for internal assessment.


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