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Saahityam dec14 jan feb 15

Date post: 08-Apr-2016
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Saahityam Holi Special Issue साहित्यम होली विशेषाङ्क
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साहियम दिसबर 2014, जनवरी-फ़रवरी 2015 - वष 1 - अङ्क 8 – होली दवशेाङ्क दहि तानी सादहय सेवाष एक शैशव-यास अतजालीय पिकज / सकलक सपजदक – नवीन सी. चत वेदी
Transcript
Page 1: Saahityam dec14 jan feb 15

साहितयम दिसमबर 2014 जनवरी-फ़रवरी 2015 - वरष

1 - अङक 8 ndash होली दवशराङक

दहििसतानी सादहतय सवारष एक शशव-परयास

अनतरजालीय पतरिकज सङकलक समपजदक ndash नवीन सी चतवदी

मन मलङग हलस हहया दर होय दख-ददद सावन हिररया झमिी फागन फड़क मदद

कह सन का बरा न मानो ndash य होली का महीना ह भया हमार बरज म िो होली याहन

एक पररपरद उतसव एक ऐसा उतसव हजस म साल भर मन म जो अवाञछनीय अनपहिि अ-सरस भावनाए उमगिी रहिी ह उनह रङगो क साथ बहा दन वाला पवद शायद इसीहलय इस म नशा और गाहलया अमक सीमा को धयान म रखि हय वीवीकायद ह हम म स अहाकानश को याद होगा हकस िरह हमार नगर-क़वीब-गाव क बड़-बजगद न हसरद सीमा म रहि हय मन स मलङग बनि थ बहकक अनय सदवीयो को भी ममहकनिन शक़ल म महवीिया करन की खली छट दि थ

होली क तयौहार की बड़ी अनोखी रीि मह काला करि हय जिलाि ह परीि

दहनया जहान म इस िरह क और भी पवद मनाय जाि ह कल हमला कर नीरस-जीवन-चयाद क भार स मानव-समाज हनरतसाहहि न हो जाय इसहलय समाज-वतताओ न समय-पररहवीथहि-ववीि-दश-काल-वािावरर इतयाहद को धयान म रखि हय अपनी-अपनी सहहलयिो क अनसार हवहभनन पवो को मिद-रप परदान हकया हमार समय क हवहशषट-हवचारक आदररीय राजनर रञजन जी इस हवषय पर बड़ ही अहाकार क साथ बाि करि ह पवद याहन तयौहार याहन रहवीटवल बोल िो

अगर हिनदगी काया ह िो उपटन ह तयौहार शाशवि जीवन दशदन का अवगाहन ह तयौहार

हवकल हरदय म समबल जाग थका बदन भी सरपट भाग कसा भी हो कोई हनठकला

तयौहारो म हहकल लाग हनज रहच क अनसार सभी को दि ह रजगार इसीहलय िो कहि ह दःख-भञजन ह तयौहार

चौखट पर जब आि उतसव ख़हशयो को बरसाि उतसव

नारी और गहवीथी का औहचतय-सार समझाि उतसव

जीवन की ख़शहाली का ह यही सही आाार जगिीिल म ररशिो का अहभननदन ह तयौहार

इनस ही जीवन म रहि ह सदाचार-सौहादद समहि ह

इनक हबना वीथल ह जीवन य ह िो जीवन म गहि ह

इनकी महहमा अदभि अनपम अहवचल अपरमपार परगहि-पनथ-पररवहि हि परोतसाहन ह तयौहार

ामो का सङकाय हहनद ह

ितवो का अहभ-पराय हहनद ह सहवचारो का परथम पररिा

पवो का पयादय हहनद ह हवशव गर का मान िभी िो दिा ह सनसार मानव म मौिद ईश का वनदन ह तयौहार

बरज म वसनि क आगमन क साथ ही होली का वािावरर उमगन लगिा था अलग-अलग वीथलो क जनि [उपरवी वयहियो क हलय यही वीनह-हसि समबोान उहचि मालम होिा ह] अलग-अलग िरीक़ स न हसरद आननद लटि थ बहकक सामन वाल को भी आननद-रस स िर-ब-िर करि थ lsquoथrsquo सायास हलखा ह चहक अब िो वीव-आननद ही सवोपरर परिीि होिा ह होली को ल कर बचपन की कछ वीमहिया -

कहा गई व महवीिया कहा गई वह मौज व कशर की कयाररया गोबर वाल हौज गोबर वाल हौज बीच डबकी लगवाना

कि पर lsquoपागलrsquo वाली िख़िी लटकाना याद आ रहा ह हम जो करि थ अकसर

बीच सड़क पर एक रपया कील ठोक कर

आओ हदखलाए िमह सीन और इक यार लकला जी क हजवीम पर करिी अर शलवार

करिी अर शलवार ाार जब हनकल बाब साड़ और कछ बछड़ हो जाए बक़ाब इस डर स हाथो को पीछ बाा डोल

हगर सकिी ह गद अगर हाथो को खोल

होिा ही ह हर बरस अपना िो य हाल जस ही फागन लग हदल की बदल चाल हदल की बदल चाल हाल कछ य होिा ह लगिा ह दहनया मना अर हदल िोिा ह

फागन म िौ भया ऐसौ रङग चढ ह भङग हपए हबन ह दहनया खस-रङग लग ह

होली क तयौहार की बड़ी अनोखी रीि मह काला करि हय जिलाि ह परीि जिलाि ह परीि रङगदारी करि ह

साि पशि की ऐसी की िसी करि ह करि ह सतकार गाहलयो को गा-गा कर लहकन सनन वाल को भी हसा-हसा कर

जीजा-साली या हक हफर दवर-भाभी सङग

होली क तयौहार म हखलि ही ह रङग हखलि ही ह रङग अङग-परतयङग हभगो कर

िाई जी हसिी ह फफाजी को ाो कर लहकन िब स अब म इिना अनिर आया पहल मन रगि थ - अब रगि ह काया

सब क हदल ग़मगीन ह बकल सब सनसार ममहकन हो िो इस बरस कछ ऐसा हो यार कछ ऐसा हो यार पयार की बहगया महक हजन की डाली-डाली पर हदलवाल चहक ख़हशयो को दलराए ग़मो को पीछ ठल ऐसी अब क साल साल भर होली खल

िो हर साल की िरह इस साल भी होली पर कया हकया जाय ndash यह मन म हवचार चल रहा था भाई कमलश पाणडय और हफरोि मिफरर ndash य दो ऐस साथी ह जो हक जब-जब म थकन लगिा ह िो य दौनो िथा कछ और भी lsquoअजञाि-हवाािाrsquo मझ मरा रिद याद हदला दि ह बरज-गजल-सङरह ldquoपखराज हबा म उड़ रए एrdquo का परकाशन पररवार म कई माङगहलक परसङग कारोबारी मसरहरयाि क अलावा पल-पल बदलि मौसम न भी वीवावीय को हगरा कर इस बार बहि परशान हकया ख़र अब अङक ल कर आप क सामन उपहवीथि ह ररवरी क दसर हफ़ि म िय हआ हक आगामी अङक को होली हवशषाङक क वीवरप म हनकाला जाय सभी साहथयो को ररमाइणड हकया इिन कम समय म हजस स जो बन पड़ा िक़रीबन सब ही न सहयोग हकया इस अङक की ख़ाहसयि ह मरी कहिन lsquoगहड़याrsquo याहन अचदना चिवदी बचपन क बाद इस स कभी हमलना नही हो पाया अनिजादल ही पर मलाक़ाि हई और इस का आलख ल कर आय कमलश पाणडय जी -

अचदना चिवदी

होली का नाम सनि ही हम अपन मोहकल चचचा---- की याद बड़ी जोरो स आ जािी ह | वस िो हमार चाचा जी बड़ ही शाि शरीफ आदमी टाइप थ पर होली का मौसम

आि याहन फागन शर होि ही चचा क भीिर कोई शिान सा घस जाव था और हफर शर होिी चचा की शिाहनया | चचा क खराफािी हदमाग म ऐसी ऐसी शिाहनया आिी हक मजाल ह कोई हकिना भी होहशयार हो िो भी उनक हमल स बच नही पािा | उनकी एक टोली बन जािी और हफर शर होिा

नाक म दम करन का दौर | यहद कोई चचा को डाट या उनक मा बाबा स उनकी हशकायि कर िो चचा ऐसा सबक हसखाि हक वो ससरा परी हजदगी चचा क रवीि म आन की हहममि ना करिा | एक बार हमार मौहकल क ही रामचरर काका न चचा की हशकायि उनक हपिाजी स कर दी और चचा को पड़ी मार | चचा का खन खौल गया अपनी बनदर टोली क साथ हमलकर रामचरर काका को सबक हसखान की सोची| चचा न गली स गाय का गोबर उठाया और एक दौन म रख बाहर चाट वाल क पास गए उस रपय हदए और बोल ldquoइस पर दही सौठ चटनी सब डार द ज एक दम दही बड़ा जसो लगनो चाहहएrdquo चाट वाला उनह जानिा था चप चाप दौना सजाया और द हदया | हफर चचा न एक बचच को पकड़ा और उसक हाथो वो गोबर वाला दही बड़ा रामचरर काका क पास हभजवा हदया | काका खान क शौकीन थ सो अडौस पडौस वाल कछ ना कछ भजि रहि थ | बचच न कहा ldquoकाका य मा न भजा हrdquo काका न चटट स दौना लपका और गपप स चममच भर क मह म डाला हजस गहि स दही बड़ा मह म गया उसकी दगनी गहि स वाहपस भी आ गया | अब िो बचार काका हलक म उगहलया द द कर उहकटया कर रह थ और चचा टोली िाहलया पीट पीट कर हस रही थी और काका रग हबरगी गाहलया बरसा रह थ | परा मोहकला इस फरी की हफकम का आनद ल रहा था | पर य पकका था अब काका हमार चचचा क रवीि म िो नही आएगा | य चचचा और उनकी बनदर टोली होली जलान क हलए गाि बजाि चदा मागन आिी ldquoपसा दगी जभी टर गनई िौ िर घर म मस मर गrdquo और जो आनाकानी करिा उसक घर का लकड़ी का सामान ल जाकर फक डालिी | हकसी की चारपाई िो हकसी क हकबाड़ उखार कर ल जाि इसहलए सब चपचाप चदा दि | होली की हमठाई क नाम पर हकिनो को भाग की बफी या लडड हखला डालि और मला करवा दि | कभी पीली हमटटी स मवावाटी बना कर हखलाि | पर महकल म उनकी ही कौिक कथाए चलिी | पर चचचा हदल क भी बहि अचछ थ हमारी मा की िो बहि इजजि करि | हमारी मा कभी होली नही खलिी थी ऐसा नही था हक मा को होली पसद नही उस वि सयि पररवार थ सबकी पसद क पकवान बनान क चककर म मा परा हदन रसोई म ही रहिी | चचचा न कई बार कहा भाभी होली खलो न पर मा हर बार मना कर दिी पापा भी कहि पर मा मना कर दिी और िो और रसोई स बाहर भी नही आिी हक कोई रग ना लगा द | पापा का शायद मन करिा मा को रग लगान का पर सब को दखकर चप ही रहि य बाि चचचा न िाड़ ली थी | एक बार होली वाल हदन हमार घर एक सनदर सी महहला आई उसन सलवार सट पहना हआ था खब मक अप भी हकया था हम बचचो स बोली ldquoजरा अपनी मममी को बलाना बटाrdquoकहना आपकी सहली आई ह | हमन मा को बोला मा रसोई म ही थी सहली का नाम सनकर दौडी आई | अभी मा पहचानन की कोहशश ही कर रही थी हक उस सनदर महहला न मा क ऊपर खब सारा गलाल डाल हदया मा न भी एकदम स उनक हाथ स गलाल छीन कर उनक ऊपर गलाल डाल हदया िभी पापा भी आ गए हफर िो उस हदन मा न खब होली खली | बाद जब पिा चला हक वो सहली और कोई नही चचा ही थ य पलान उनहोन पापा और हमार चाचा क साथ हमलकर बनाया था | उस वाकय को सोच कर मा आज िक हसिी ह |

कछ भी कहो चचचा पर मोहकल की जान थ यहद चचचा नही होि िो होली होली जसी किई नही होिीज िो हम पिा चल ही गया जब चचचा की नौकरी लग गयी और वो दसर शहर चल गए| शर म िो होली पर घर आि हफर आना कम हो गया और हम भी शादी होकर अपन ससराल हवदा हो गए | पर चचचा की याद आि ही हम अपन मायक की होली याद जरर आ जािी ह | अबकी हम मथरा गए िो चचचा हमल गए हम दख बड़ खश हए और बोल ldquoलाली कसी ह री ि हकतत साल म दखी हrdquo मन छटि ही कहा ldquoचचचा म िो ठीक ह ज बिाओ वहा शहर म भी वस ही होली मनाि हो नाrdquo मरी बाि सनि ही चचचा उदास हो गए और बोल ldquoलाली होली िो हो ली मन कहा ldquoकया मिलब चाचा rdquo िो चाचा बोल ldquoशहरो का आदमी िो रोटी और पानी क हलए हदनभर खट रहा ह | पीन को िो महशकल स पानी हमलिा ह होली कस खलग और कस रग छडाएग | इतती महगाई म कस होली जलायग और कस पकवान बनायग | और हकसक सग होली मनाए जब हम य भी नही पिा हक पडौस क घर म कौन रह रहा ह सो बटा होली िो हो ली | याहन हम जो खलनी थी खल चक चचचा की आखो म उदासी थी हमारी आखो म परान चचचा और परानी होली थी | दखा छोटी सी गहड़या हकिनी सयानी हो गयी ह खस रह बटा भौि बहिया आहटदकल पिवायौ िन वस होली पर हकसी वररषठ को वररषठ कहना अहिशय गररषठ अपराा होिा ह हफर भी आइय अपन रप क एक वररषठ सदवीय हजनह सिीश सकसना क नाम स जान हलया जािा ह आइय की क़लम की बलौस ाार का आननद उठाया जाय -

सिीश सकसना

अपन घर म ही आखो पर कसी पटटी बाा रखी ह

इन लोगो न जान कब स मन म रहजश पाल रखी ह

इस होली पर कयो न सलगि हदल क य अगार बझा द मटठी भर कछ रग फागन म अपन घर म भी हबखरा द

हकिना ददद हदया अपनो को

हजनस हमन चलना सीखा हकिनी चोट लगाई उनको

हजनस हमन हसना सीखा वीनहहल आखो क आस कभी नही जग को हदख पाय इस होली पर घर म आकर कछ गलाब क फल चिा ल

जब स घर स दर गए हो ढोल नगाड़ बसर लगि

हबन पयारो क मीठी गहझया उड़ि रग सब फीक लगि

मटठी भर गलाल फागन म फीक चहरो को महका द सबक सग ठहाका लकरअपन घर को वीवगद बना ल

नमन कर

गर घटालो क पाव छऊ

भिहनयो क राजनीहि क मककारो नान स खली होली ह आओ छीट मार रग क बरा न मानो होली ह

गर ह गड स चला शककर गर क गर

पटाय जाकर गरभाई स राज पछकर गर की गया दह ली ह जहा हमला मौका दवर न जम क खली होली ह

घघट हटा क पग बनािी हहदी खश हो नाम कमािी

पि महथली सममख इसक अकसर भरि पानी ह हवहवीकी और कबाब न कस हसक खली होली ह

अामद करक ामद हसखाि ान पान क कमद हसखाि

निर बचाककस उसनदा म गोली घोली ह खददर पहन क निाओ न दश म खली होली ह

सिीश भाई क बलॉग पर जाए िो आप को हलखा हमलगा हक ldquoमा की दवा को चोरी करि बचच की वदना हलखगाrdquo एक अलग ही सोच वाल सिीश भाई हठामी रचनाकार ह बनान इनह वीवीकायद नही और भया होली हवशषाङक भी बनानो को उिनी िवज़िोह दना भी नही चाहिा होली ह िो बस होली क रङगो का मिा लि ह बस आइय पहल कछ कावय कहियो को पिि ह और हफर एक सटायर

इवीमि िदी ndash हशरा किगावी

ह होली रगो का तयोहार य रग बाट ह सब म पयार

न इन म दवष घोलना

य सदर भावो का सचार ह इक दज की य मनहार

न इन म दवष घोलना

ह होली नररि स इकार हदलो क बीच न हो वयापार

न इन म दवष घोलना

ह हपचकारी वो परम की ाार हगरा द नररि की दीवार

न इन म दवष घोलना

ह इन रगो क अथद हिार नही ह कवल य बौछार

न इन म दवष घोल

अनपमा हिपाठी

फागन की ऋि घर आई

परकहि गाय माविी

और बहार राग हर स ऐसा हछटका

फाग क अनराग का पराग

हदय छद हए वीवचछद मद मद महआ की गा

िोड़िी मन िटबा

हनशा रागवनिी हदवस परागवि अलमवीि मामास दख

वहनिा लाजवि

पलाश मन रग रगा पषप पखहड़यो स रगोली सजाई

हककी-फलकी बािो म स हावीय को िाड़ कर और हफर उस बग़र भौड़ा हय पाठको को गदगदान क हलय इवीिमाल करन क उपकरम ही को वयङय कहि ह भाई आलोक पराहरक ऐस ही वयङयकार ह जो हक बड़ी ही आसानी स पाठको क पट म गलगली मचा दि ह और कही-कही हम सोचन क हलय मिबर भी कर दि ह आइय उन क एक वयङयालख का आननद लि ह

होली क पासवडद - आलोक पराहरक

हजर वो वि गया जब शबद की वडद की कीमि होिी थी अब िो कीमि पासवडद की ह साफटवयर कारोबारी भी हनकल हलय ह नय ाा करन क हलए सो नयी कहानी सामन आयी गोहपयो स कहा गया हक इार मीहडया बहि माकट फर डली हो हलया ह आपक होली डास की फटज ल जािा ह फोकटी म और टीवी पर हदखा हदखाकर उनस इहशिहार वसलिा ह

करोड़ो म आप अपन होली डास को पासवडद परोटकटड कर लो जी होली डास का पासवडद दन क हम हसफद लाखो लग और मीहडया को वो पासवडद बिान क िम करोड़ो वसलना पर िब िो हमार वाल बाल भी हमार साथ डास ना कर पायग-गोहपयो न आशका जिायी नो पराबलम हम िमह पासवडद दग िम हजस चाहोगी उस य पासवडद द दना वह िमहार साफटवयर म इस फीड करगा और िम डास शर कर दोगी-टकनीकल एकसपटद न बिाया पर अगर हम पासवडद भल गय िो-सरल गोहपयो न सहज आशका रखी िो िम हमार कवीटमर कयर पर फोन कर लना दसरा पासवडद हमल जायगा टमसद एड कडीशनस एपलाई यानी पचास हजार रपय आपको दन होग पचास हजार रपय दन वाली बाि बहि ाीम स कही गयी गोहपया ियार हो गयी लाखो दकर पासवडद खरीद हलय करोड़ो कमान की उममीद म साफटवयर वाल हनकल हलय जाकर गोहपयो क पासवडद बिा हदय अमररकनो और उनस कहा हक आप इन पासवडो क सहार गोहपयो क साथ डास कर उनकी शहटग कर हफर उनह महग अमररकन चनलो पर हदखाय अमररकनो को पासवडद बिान क करोड़ो डालर वसलसाफटवयर वालो न होली क आसपास सीन य हआ हक बरजमडल म हसफद अमररकन गर गोहपयो क साथ डास कर रह थ गोहपया अहनचछक थी पर चहक उनक साफटवयर स अमररकनो का पासवडद मच कर गया था इसहलए वो खद ब खद डास कर रही थी और हआ य था हक गोहपया अपन पासवडद खद भल गयी थी गोहपयो न कवीटमर कयर सटर पर फोन कहा िो सीन य हआ- हलो म गोपी नबर वन बोल रही ह कया मरी बाि कवीटमर कयर एकजीकयहटव स हो सकिी ह जी कवीटमर कयर पर सपकद करन क हलए ानयवाद आपका हदन शभ हो आप अपनी जनमहिहथ बिाय जी जनमहिहथ िो मझ याद नही ह अर िो आप अपना पन काडद नबर बिाय

जी पन काडद िो मर पास ह ही नही ओक हफर िो आप को हमार नजदीकी दफिर म जाकर एक फामद भरना होगा िब आपको नया पासवडद कररयर स भजा जायगा पर जब िक य सब होगा होली हनकल जायगी मरी कमाई क सार चास खतम हो लग दहखय म िो आपको परोसीजर बिा रही ह होली हनकलगी या दीवाली हनकलगी य मझ नही पिा ओफफो जब आपक एकजीकयहटव पासवडद बचन आय थ िब िो बहि ही िमीज स बाि कर रह थ आप िो बहि बदिमीजी स बाि कर रही ह दहखय िमीज का सारा कोटा हम राहक बनान म खचद कर दि ह उसक बाद हमार पास हसफद बदिमीजी ही बचिी ह म आपको परोसीजर बिा चकी ह आप उस फालो कर ओफफो डास िो होली पर करना ह उसक बाद डास कयो करना दहखय अब िो डास साल भर चलिा रहिा ह कोई ना कोई फकशन होिा ह उसम डास कर सकिी ह हमारी सहयोगी कपनी िमाम शाहदयो म रौनक लगान क हलए अचछ डासर सपलाई करिी ह आप उस कपनी म अपना रहजवीरशन करा द पर साल आपको डास क आफर हमलि रहग ओफफो आप बाि नही समझ रही ह हम िो होली क मवीिी वाला डास करि ह हनमदल सहज आनद क हलए दहखय हनमदल सहज जस शबद जो आप बोल रही ह य िो अचछ नाम ह हनमदल नाम स घी या मकखन बचा जा सकिा ह कोई सि इस पर अपना कारोबार पहल ही चला गय ह सहज हकसी योग का बराड हो सकिा ह आप चाह िो य नाम रहजवीटर करा सकिी ह इस सबा म आप हमारी सहयोगी कपनी स मदद ल सकिी ह वह बहि सवीि भावो म आपको सहवदस द दगी ओफफो आप िो मझ कछ ना कछ बचन पर आमादा ह आप मरी पराबलम को साकव कीहजय ना चहलय मरी अपन हकसी सीहनयर कवीटमर कयर एकजीकयहटव स बाि कराइय दहखय िमा कर अभी हमार सार कवीटमर कयर आफीसर हकसी ना हकसी गोपी स बाि करन म हबजी ह आप राि को दो बज काल कीहजय िब वो फरी होग ओफफो राि को दो बज काल करन को कौन जगगा दहखय वो आपकी समवीया ह हमारी नही आपका हदन शभ हो और राि भी

इस होहलका कथा स हम य हशिा हमलिी ह हक कवीटमर कयर हडपाटदमट कवीटमर की कयर क हलए नही कपनी की कमाई की कयर करन भर क हलए होिा ह हम म स अहाकानश लोग पहरदमा वमदन जी क परककप lsquoअनभहिrsquo क बार म जानि होग ककपना जी उस परककप का एक महतवपरद हकरदार ह अनभहि को अनभहि हजस टीम न बनाया उस म ककपना जी का भी शमार होिा ह म इन स बस एक ही बार इन क खारघर हवीथि आवास पर हमला ह शायद एक दो बार फोन पर बाि हई हो वीवावीय को लगभग माि द चकी आदररीया ककपना जी साहहतय-सवा क हलय सदव ितपर रहिी ह साहहतय की हवहवा हवााओ म रचनातमक परयास करना इन का हपरय शगल ह आप क िप को नमन

ककपना रामानी

ऐ हवा रगो नहाओ आ गया फागन ाम मौसम की मचाओ आ गया फागन

दश स रठी हई ह राि पनम की

चाद को जाकर मनाओ आ गया फागन

वन चमन क फल आिर दख लो हकिन नह नयौिा दक आओ आ गया फागन

हफर रह ह मन-महदि सब बाल बहगया म झलना उनका झलाओ आ गया फागन

साज ह सरगम भी ह ियार ह घघर

िम सखी शभ गीि गाओ आ गया फागन

खग हवहग-व दो क जाकर कान म कह दो मोर कोयल को जगाओ आ गया फागन

िान हपचकारी खड़ी ह दवार पर होली परम की गगा बहाओ आ गया फागन

----------

फगनाहट स जाग उठी ह जग म होली

रग पलाशो स लकर जन

हए रगील साथ फब रह लाल हर

कसररया पील सख को मह हचिा रह रग

गील हसकर भग चिा पकवान हो गए

और रसील

हपचकारी पर हफदा हो रही कोरी चोली

फगनाहट स जाग उठी ह जग म होली

मौसम बदला नमद हवा न पाव पसार

खार जल क िाल हो गए मीठ सार

चस-चस कर आम कोहकला सर म कहकी

आए हमलन गल िमी स चाद हसिार

हररयारो स होड़ ल रह

ढम-ढम ढोली फगनाहट स जाग उठी ह

जग म होली

शहरो म डीज गावो म बजिी पजन

दश हो हक परदसपवद की

एक वही ान खिो म सरसो हखलिी

उदयानो कहलया कर कर म रस भर दिा

सखदाई फागन

आिा सग ामाल शगन की भरकर झोली

फगनाहट स जाग उठी ह जग म होली

------------ सार छद

रग हदवस फागन क

छनन पकया छनन पकया उड़ रग क बादल पीि गलाबी लाल हआ ह वसारा का आचल

छनन पकया छनन पकया यह ऋि सबको भाई भवरो की मनहार दखकर कली-कली इिराई

छनन पकया छनन पकया गमी घटाए िम की दख रही ह जलिी होली जाग राि पनम की

छनन पकया छनन पकया वन पलाश हफर दहक

रग सनहरा दख गगन म उड़ि पाखी बहक

छनन पकया छनन पकया हफर आम बौराया मोर कोहकला न बागो को सर म गीि सनाया

छनन पकया छनन पकया दखा दशय हवहगम

हपचकारी भर खग-मग लाए रग घोलकर अनपम

छनन पकया छनन पकया हई खब हखलवाई जब सहखयो न भग हमलाकर ठडई घोट हपलाई

छनन पकया छनन पकया गाए गीि शगन क

बार-बार जीवन म आए रग हदवस फागन क

अनिजादल पर lsquoछनन-पकयाrsquo को हमलोगो क बीच समभवि भाई योगराज परभाकर जी ल कर आय रामीर अञचल का साहननधय हजन लोगो को नसीब हआ हो वह जानि होग हक lsquoछनन पकयाrsquo या इस िरह क अनय िहकया कलामो क साथ हमार लोक-साहहतय म अपररहमि रचनाए हई ह और उन म स लगभग 99 अब लपत भी हो चली ह हम जसो को बावला कहन वालो का हम इसहलय बरा नही मानि चहक इस िरह की बािो को विदमान समय नोवीटाहकजया क नाम स जानिा ह याद आिा ह हम लोगो क बचपन म हवजञापन वाल हम बिाि थ हक नमक स दािन करन पर दाि ख़राब हो जाि ह और वही हवजञापन वाल अब हमार बचचो स पछ रह ह हक आप क टट-पवीट म नमक ह हक नही याहन आहख़रकार य लोग हमारी भोर को ख़चो क साथ शर करन म सफल हो ही गय ख़र समय न कब हकस की सनी ह जो हम लोगो ही की सनगा चहलय अब उस फरसहिया जी क सटायर स लतरनदोि हआ जाय -

ldquoएक रसबहकय की डायरीrdquo ndash अनप शकल उरद ररसहिया आजकल रसबक का जमाना ह लोग कछ भी करि ह उसका वीटटस FB पर डालि ह समोसा खा रह ह बोर हो रह ह अचछा लग रहा ह झझला रह ह बलॉकअनफ़र ड

कर हदया ऐसा रील कर रह ह वसा महसस हो रहा ह कछ हो रहा ह कछ-कछ हो रहा ह कछ भी हकया जाय अगर उसको रसबक पर न डाला जाय िो लगिा ह वो काम हआ ही नही रसबक वीटटस हबन सब सन हालाहक रसबक पर लोग सब कछ कह लि ह लहकन हरर भी बहि कछ रह जािा ह हजस शरारि क मार लोग साझा नही करि ऐस लोग अपन मन क भाव अपनी डायरी म हलखि ह ऐसी ही कछ डायररया हाथ लगी उनको दखकर लगा हक हकिना कछ छट जािा ह रसबक आन स उन डायररयो म स कछ क अश यहा परवीिि ह 1आज हरर उसन अपनी परोराइल हपक बदली बवकर को पिा नही हक परोराइल बदलन स शकल नही बदल जािी मन नही था लहकन लाइक करनी पड़ी हगकटी रील हो रहा ह रसबक क चलि हकतता झठ बोलना पड़िा ह 2उसन नयी रोटो लगायी ह हवा म उड़ि हय बाल दखकर मन हकया हक हलख- य बाल नही िर सर स बची-खची अकल हनकलकर बाहर भाग रही ह लहकन हरर हलखा नही उसको य खशरहमी हो जािी हक उसक पास भी अकल ह हकसी को कयो ाोख म रखना आख मदकर फोटो लाइक कर हदया

3उसन आज हकसी को बलॉक करन की उदघोषरा नही की मन हकया पछ हक िहबयि िो ठीक ह लहकन हरर नही पछा हकसी क पसदनल मटर म कया दखल दना हजतती दर म कमट हलखग उतत म दस ठो लाइक कर लग 4हपछल दस हदन स एक ही आईडी स रसबहकग करि-करि बोर हो रह ह खराब लग रहा ह सोचा था आज पकका नई आईडी बनायग लहकन नही बनाई य कया हो रहा मझ गगहलग करना पड़गी हक ऐसी मनहवीथहि को कया कहि ह कछ इमपरहसव कहि होग िो उसको अपना वीटटस बना लग - रीहलग हडटरमाइनड 5बलॉग दख रही ह आजकल वो मई उसका वीटटस सबस पहल लाइक करिी ह घोटाल क पीछ CAG की िरह उसक वीटटस स हचपकी रहिी ह पछना पड़गा उसस चककर कया ह आजकल चट भी नही करिा लगिा ह नई आईडी स चट करनी पड़गी य भी औरो की ही िरह ह 6आज उसन हरर कतत क साथ अपना रोट लगाया ह मन िो हकया मनका गााी को हलख द हक दहखय आपक रहि जानवरो क साथ हकतता िो अनयाय हो रहा ह लहकन हरर छोड़ हदया कमट हकया - (कतत का) रोटो बहि अचछा लग रहा ह बरकट क अदर वाली बाि मन म कही ही ही ही ही smile emoticon smile emoticon smile emoticon

7आजकल हजस दखो कहविा हलखन म लगा ह हकिना िो करर हो गय ह लोग शबदो क साथ अतयाचार दखकर मन दखी हो जािा ह कछ शबदो स बाि हई बचार कह रह थ -पिा होिा हक हमार साथ इतता बरहम सलक होगा िो हम हडकशनरी स भाग जाि रीहलग helliphelliphellip (खाली जगह रीिा स पछ कर भरगी उसको य सब अचछा आिा ह हक कब कस रील होना चाहहय ) 8िीन हदन स दषट न हकलो नही बोला सोचिा ह म पहल बोल माई रट मर पाच हजार दोवीि ह िीन हजार िीस रालोवर उस बवकर क िीन सौ इकवावन दोवीि गवीसा आ गया उसक वीटटस पर (हजसको पहल लाइक हकया था) जाकर वीटटस को सकड़ो बार हडसलाइकलाइक हकया वीटटस को हझझोड़ कर रख हदया कल रील हआ हरर वीटटस लगाया- भटटा चबा रह ह ठड़ा पीि हय smile emoticon

9कछ भाई लोग िो जञान की बाि इतती बवकरी स करि ह हक मन करिा ह एक उननाव क डौहडया गाव म खदाई क हलय लगी एक ठो जसीबी इनक हदमाग म भी लगा द सारी अकल का मलबा हनकाल क हदमाग को खाली कर द लहकन हरर लगिा ह कड़ा कड़दान म ही रह िो अचछा जमीन पर काह को रलाया जाय 10आज मड की भी छटटी थी छटटी मिलब सड समझकर मन टीना को सड वाली आईडी स हकलो बोल हदया वो घट भर िक मह रलाय रही िरह-िरह क बवकरी क आइकान भज कर उसको मनाना पड़ा य लड़हकया भी हकतती चजी होिी ह यार मन िो हकया हक वीटटस लगाऊ -टाहकग ट रल रीहलग इरीटटड लहकन हरर लगा वो समझ जायगी िो वीटटस लगाया- एनजवाइग सड रीहलग रट

11दोवीि बिा रहा था हक वो आजकल बहि वयवीि ह दो आईडी बनाई ह उसन दोनो पराानमहियो की िरर स रसबक पर जग लड़िा ह एक आईडी हकसी क हखलार वीटटस हलखिा ह दसरी स उसक हखलार िकद घट दो घट एक वीटटस पर कशिी लड़न क बाद अगला वीटटस लगा दिा ह बिा रहा था पराानमिी कोई बन उसका चमचा-इन-चीर बनना पकका ह राजयमिी क दज की आशा ह मन हकया उसको कह rsquoशखहचकली कही कrsquo लहकन rsquoरटrsquo कहक बॉय कह हदया वीटटस सटाया- रीहलग ररलकड 12भाईसाहब न बहि हदन स कोई वीटटस अपडट नही हकया आज एक लड़क को रसलाकर लगभग जबररयन समोसा हखला रह ह पकका दस हमनट क अदर वीटटस लगायग- आज एक भख को भोजन कराया सिषट महसस कर रहा ह म सोच रहा ह हक म कमट करगा ndash कया अजब पाखड ह लहकन मझ पिा ह हक म हकसी को हटद नही कर सकिा राइनली हदल पर पतथर रखकर हलखगा- मानविा की सचची सवा 13आज शाम एक फ़र ड का रोन आया कहा आज हकसी स रसबक बरकअप नही हआ िहबयि घबरा रही ह रीहलग लो मन कहा िो म कया कर िो उसन कहा यार ि ही मझस लवर बनकर बाि कर ल आईडीपासवडद भजा ह िरी मल म मन कहा -मझ इस सब झमल म नही पड़ना उसन हरर दोवीिी की कसम दी िो मझ दया आ गयी मन कहा अचछा चल लाग इन करि ह मरी हकवीमि अचछी लाइट चली गयी थी मन उसको एसएमएस हकया उसका जबाब आया -कोई नही मन खद दो बराउजर स चट करक बरक अप कर हलया िझ हहचहकचाहट हो रही थी अचछ स हो भी नही पािा िर स नाऊ रीहलग ररलकवीड मन वीटटस लगाया- कस-कस रस ह रसबक क रीहलग सरपराइजड ऐसी न जान हकिनी बाि डायरी म हलखी हई ह सबको यहा हलखना ठीक नही ह नमन बिा हदय आप अनदाजा लगाइय हक और कया-कया हलखा होगा डायररयो म आप भी रसबक डायरी हलखि हो िो शयर कररय अपन हवचार कोई हहचहकचाहट हो िो अनाम नाम स मझ भज दीहजय हम छाप दग आया न मिा और पिना चाहि ह इन को ठीक ह थोड़ी दर बाद पहल कछ और रचनााहमदयो को भी पि हलया जाय

डॉ (सशरी) शरद हसह

हदलो म रग भर द पयार का हफर इस दरा होली हक मौका द ही द दीदार का हफर इस दरा होली

न हशक़वा हो न कोई हो हगला इक-दसर क सग हमटा द दाग़ हर िक़रार का हफर इस दरा होली

ग़मो को दर सरका द खशी को साथ ल आय

रख माहौल बस इकरार का हफर इस दरा होली

महबबि की हसफाररश हो महबबि की इबादि हो रह तयोहार इक इसरार का हफर इस दरा होली

य होली म सभी क साथ होन का मिा आए

लग हर शख़स जयो पररवार का हफर इस दरा होली

सशीला हशवरार

कहा गए वो चग-डर अपनापन अनराग गीिो की रसाार हबन हकिना सना राग

ढोल-चग की गज पर मन उठिा था झम अब गहलया सनी हई कहा गई वो ाम

मवीिो की टोली नही नही वीवाग क रग बस टीवी म रह गया होली का हड़दग

रग हरिा म छा गए नील-पील-लाल

म हबरहन सखी रही मझको यही मलाल

मोहन अब रगि नही रााा िर गाल कलयग ह द वापर नही दहनया कर सवाल

सग अबीर-गलाल क मला कौन-सा रग लोग कह म बावरी जग स हई हनसग

सावररय क रग-सा हमला न दजा कोय िन लाग जो सावरा हर हदन होली होय

उसन य दखा मझ हई शमद स लाल

हसरि हदल म रह गई मलिी खब गलाल

ामनर कमार lsquoसजजनrsquo

िर भर चिकर जो हमट रग बड़ा बकार साि जनम िक साथ द वही रग िन डार

बदन रगा िो कया हकया मन को रग ल यार

मौका भी दवीिर भी होली का तयोहार

रगो क सग घोलकर कछ टट सवाद ऐसी होली खहलए बरसो आए याद

जाकर य सब स हमलो जस हमलि रग

कवल हपरयजन ही नही दशमन भी हो दग

रग सभी फीक पड़ जब आई मख लाज इन गालो क रग स आओ रग द आज

सख रगो स करो सिरगी ससार

पानी की हर बद को रखो सरहिि यार

फागन न आकर कहा अपन हदल का हाल गोरा मखड़ा ाप का हआ शमद स लाल

रग न हो िो परम भी रग दिा ससार परम न हो िो वयथद ह रगो का अबार

िझको रगन थी चली पीली पीली ाप गोरा िन छकर हई उजली उजली ाप

आखो आखो म चल सार रग गलाल

अपनी होली चल रही य ही सालो साल

ओबामा जी अगर हलकन हिदा होि िो

सजीव हनगम

सबह सबह चचचा अपन घर रपी िोप नली स गोल की िरह जो छट िो सीा हमार घर म आकर रट उनक हाथ म सबह का अखबार था और मह स दनादन ऐस शबद हनकल रह थ हजनह सन कर पहलस वाल भी शहमिदगी महसस करन लग ऐसी िबरदवीि गोलाबारी क सामन पड़ना अपन खद क अहिम सवीकार का इििाम करना जसा ही था इसहलए हम हाथ म सरद रमाल थाम उनक शाहबदक रप स ठडा होन की राह दखन लग थोड़ी दर बाद वह शभ घड़ी भी आ गयी और व उस अकसहशयन की िरह स शाि होकर बठ गए जो घर आय महमान पर भौक भौक कर थक गया हो मन हहममि करक पछा चचचा आप िो ओबामा की िरह स सभय आदमी थ य अचानक ओसामा कस बन गए यह सनि ही चचचा हफर स पाहकवीिानी फौहजयो की िरह स हबना कारर फायररग करन लग बोल नाम मि लो उस ओबामा का मर सामन जब अभी भारि आया था िो कया कया अरमान दख थ मन उसकी और अपनी दोवीिी क यह सोच सोच कर म हकिना खश था हक उस दोबारा यहा दख कर चीन हकिना जल रहा होगा पाहकवीिान हबलख रहा होगा यहा िक हक जब जाि जाि उसन हम हबन मागी सलाह द डाली िब भी मन उस पान क अडड पर खड़ हकसी दोवीि की चहलबािी समझ कर झल हलया था - पर उसन िो वहा जाकर भी - अमा िम अपनी िोि जसी चोच बद रखो य हम दो बड़ी हहवीियो क बीच का मामला ह उसम िम अरर जटली की िरह स बीच म घसन की कोहशश मि करो सषमा वीवराज की िरह स अलग ही रहो हम पिा ह हक उसन वहा जाकर भी हमारी िरफ इस बयान की हपचकारी मारी थी हक भारि म ााहमदक असहहषरिा इिनी बि गई ह हक यहद महातमा गााी हजदा होि िो व आहि होि - लहकन अब िो वहा भी hellip

- हा वही िो hellip बड़ा आया हम जञान दन वाला अब उसक अपन यहा ााहमदक असहहषरिा की ऐसी हरकि हो रही ह िो अब समझा ना अपन लोगो को हम जो जञान हदया था उस कॉपी पवीट करक अपन कपयटर जस दश क होम पज पर डाल न - सही कह रह ह आप पर य सब मझस कहन स कया फायदा - वो िो म भी जानिा ह िम जसा सवीि सट पहनन वाला इन सब बड़ी बड़ी बािो को कया समझगा य िो लाखो रपय का सट पहनन वालो क समझन की बाि ह - िो हफर उनह ही समझाईय न मर घर को कयो राज पथ बना कर 26 जनवरी का शहि परदशदन कर रह ह - हम यहा कोई शहि परदशदन करन नही आय ह बहकक राषर हहि म िमस एक कबादनी मागन क हलए आय ह कही गवीस म इनहोन इवीलाहमक वीटट जसा कोई आिकवादी सगठन न बना हलया हो और उसका पहला हफदायीन मझ ही बनान का न ठान हलया हो यह सोच कर मरी सास डर क मार अपन आप िोर िोर स अनलोम हवलोम करन लगी डरि डरि आवाि हनकली कसी कबादनी चचचा - हम थोड़ी दर क हलए क हलए िमहारा मोबाईल चाहहए - कयो भला - ओबामा स बाि करनी ह और उसस पछना ह हक आज अगर अबराहम हलकन हिदा होि िो व हकिना आहि होि लहकन मरी दशभहि न ही मझ मर मोबाईल क माधयम स अमररका स समबना ख़राब करन स रोक हदया मन मोबाईल म बलस न होन का कारगर बहाना बना हदया चचचा न दवादसा की िरह स अहिशय करोा स मझ घरा और हफर हकसी सचच मोबाईल ाारी दशभि की िलाश म हनकल गए

समीिा परवीर कशवा

रग लगाक ि न जा मझ रग लगाक अपन अग लगाल सावररया रhellip

पवन बसिी ि बनक सग बहा ल अपन हदल म बसा ल सावररया रhellip

फागन न जकफ खोली मदहोशी नभ म घोली

ाानी आकाश हआ ारिी भी उसकी होली

रगो स रग हमल सिरगी फल हखल पखरी लाज खोए

भवरा जो उसप डोल बाह पसार नदी क दोनो हकनार

इकदज को पकार बलम आजा रसावररया रhellip

लरज कपोल लाल सया रग गलाल भावभरा रग घला

िन मन हए सब लाल सजना क सग सखी

ऐस म रग रगी खद स ही परीि हई खद स ही जग हई

परीि लगाक अपनी नीद गवा क सजन सग बन गई म िो बावररया र सावररया रhellip

कावय करन को चल ह हम भरािा सच पछौ िौ हम कछ नही आिा 01

हफर ह हमन बहि िहनक लगाई

झट सो यो एक यहि बझ आई 02

एक शबद ह िाक अनक हवकार इनकौ कीज िजद- बनद वयवहार03

शबद-हवकार प पन-पन करौ परहार

ठोको- ठासौ और नक लउ हनहार 04

जस-जस शबद वीव- पकार सनाव िस-िस कावय पहि बन आव 05

अब िौ भईया हम ह कहव कहाए

मन ही मन यो मवीि मोद मनाए 06

एक हदन जमौ बड़ौ कावय वयापार कहव-कल कौ कछ कह आर न पार07

सब न अपन-अपन जब पाठ हकय

शरगार हावीय वीर रस क ठाट हकय08

अलकारन क अदभि उपयोग हकय वकरोहिन क हवलिर परयोग हकय09

छनदन सौ अनठ स अनबना हकय

चमतकहि क अतयि सपरबना हकय10

हमन ह हहममि अपनी नक न हारी कावय म कावय की यहि कह डारी11

अब हनरदय कौ अवसर जयो आयौ

हमरौ नाम उनन सवद- शरषठ सनायौ12

हलयौ पचन न हम पनः मच बलाय हदयौ टट जिन कौ एक हार हपराय13

िब व बोल मनद-वीवर य मद भाखा

नीच स आपकौ नमबर एक ह आका14

यह सब दखद दशय दखि घर-वारी घर पहचि ही वाकी हवकट सवारी15

बड़ चल हौ िम हनि कहव बनन कौ आयी न नक ह लाज या झठ रन कौ16

बालक भख घर सौ मस ह हफरि ह

टट ह पाि वसतरन क पबनद फटि ह17

मददि स हर बाररस यह छतत चआनी बस अब की बार ह सच फशद प आनी18

कहव-जन एक बाि म कहौ सहवचारी

मानौ न मानौ हौ अब आप अहाकारी19

रोजी-रोटी जब लौ नही हसि जगाड़ी कहव नही कबह कहव ननद अनाड़ी 20

- एन एल चिवदी नगीना उरद lsquoननदrsquo

साहहतयम पर आप लोग जो रसील और चटील वयङयालखो का रसावीवादन करि ह उस का हजममा भाई कमलश पाणडय जी न उठाया हआ ह कहन की आवशयकिा नही हक साहहतयम का कल कामकाज वीवहचछक और अविहनक ह आज क दौर म ऐस साहथयो का हमलना सौभाय ही कहा जायगा वस भी पसा सब कछ खरीद सकिा ह मगर समपदर की भावना नही कमलश जी वीवय भी एक बहिरीन वयङयकार ह कमलश जी क सटायसद की हवशषिा ldquoबारीक़ीrdquo ह आप बड़ ही हनराल अनदाि म पाठक को अपन साथ बहा ल जाि ह आइय कमलश जी क एक रसील और चटील वयङयालख का रसावीवादन करि ह-

फाहयान की हफकमी डायरी कमलश पाणडय

उस रोि फ-ची न बिाया हक भारि-भरमर पर जान स पहल वहा की कछ हफकम

दख ल िो पयादपत मागददशदन हमल सकिा ह फची कहिा ह हरकम हकसी भी समाज का दपदर होिी ह सो इनह दख लो सभव ह भारि जान की आवशयकिा ही न पड़ यही बठ-बठ भारि पर एक वहद रथ हलख सकि हो कल बािार स विदमान काल म बनी डि-दो सौ भारिीय हफकमो की सीडी क जलदवीय सवीकरर ल आया जो प-ईहचग क चोर-बािार म मोमो क एक पलट स भी सवीिी हमल गई आज परािः काल भजन-पजन क उपराि उनक अवलोकन क हलए बठ गया ह य एक नया ही ससार परिीि होिा ह फ-ची ठीक कहिा था हक चीन म फली भारि समबनाी भराहियो पर करद न ारो मझ सही मागददशदन दन वाल फ-ची को साावाद कहि हए अब आरमभ करिा ह एक आठ परहर स हनरिर भारिीय जीवन की इनरानषी छहवया दखि-दखि नि चहाया गए ह और महषिषक िो मानो हनहषकरय ही हो गया ह अभी थोड़ सरा-पान क उपराि जी

हकका हआ िो भारि- जो अब ईहनडया कहलान लगा ह ndash की आकहि कछ-कछ दहषटगोचर होन लगी ह य िो हनहिि ही ह हक इहणडया अतयि समि दश ह हफकम का नायक जो वीवय को आम-आदमी और हनादन मनषय बिािा ह एक बड़ स भवन म रहिा ह हडिाइनर परराान पहनिा ह चमकि वाहन पर यािायाि करिा ह और एक सनदरी स परम करिा ह कभी-कभी सदररयो की सखया एक स अहाक हो सकिी ह पर जब वह नतय रि होिा ह िो सदररया अनि होिी ह हजन ानाढय लोगो स उसकी शििा होिी ह उनक िो कया कहन उनकी जीवन शली चीन क समराट को भी लजा दन वाली ह वस अहाकाश हफकमो म नायक पहलस अहाकारी ह ऐसा परिीि होिा ह हक इहडया म सभी पहलस अहाकारी बनना चाहि ह हजसका कारर यही मालम होिा ह हक उनक घर और ठाट-बाट राजाओ स परहिवीपााद करि दीखि ह इसस िो यही लगिा ह हक इहडया म अब सवदहारा कोई नही बचा दो आम आदमी पर आााररि एक हफकम का अवलोकन करन क बाद इस हनषकषद पर जा पहचा ह हक इहडया क आम-आदमी सर-सपाट क शौकीन होि ह और परायः अपनी परहमका क साथ मनोरम वीथलो पर भरमरशील रहि ह उसकी परहमका वीवय को अतयि हनादन बिािी ह जो उसक अतयकप वसतरो को दख कर िो सतय परिीि होिा ह परनि जब उसक आभषरो और चरर पादका पर दहषट जािी ह िो थोड़ा सदह भी उतपनन होिा ह परायः य लोग कही आकाश स परसाररि होि सगीि पर गायन करन लगि ह िो हर बदलि लय क साथ वसतर वीथल और वाहनाहद बदल दि ह समहि का िब चरमोतकषद हदखिा ह जब य लोग गीि का हर अिरा हकसी अनय दश की भहम पर गाि ह और पलक झपकि ही उनह वहा पहचा दन वाला वाहन कही नही हदखिा हनिय ही वहा का हवजञान अभिपवद परगहि कर चका ह सभव ह वहा हर आम आदमी क पास अपना हनजी वाययान हो िीन आम आदमी की मोहक छहवयो वाल दशयो को दखि जी ही नही भरिा यह भी जञाि हआ हक इहडया एक अतयि सनदर दश ह जहा एक ही वीथल पर समर हहमाचछाहदि पवदि रहगवीिान और झरन ह कई एक वीथल िो ह-ब-ह हवीवटिरलड नामक दश क सामान ह य भी समभव ह हक आम आदमी क भरमर-लाभ हि इहडया म ही कही-कही यरोप-अमरीका आहद महादशो की परहिकहि रच ली गई ह गीिो क दशयो म िो य बाि एक दम हसि हो जािी ह जस ही नायक-नाहयका गायन परारमभ करि ह ढर-सारी सदररया नाचिी-गािी उनकी सगि करन आ जािी ह य भी वसतरो की दहषट स अतयि हनादन लगिी ह परनि हवीथहि पर गौर करन स वीपषट हो जािा ह हक ऐसा नही ह कया समरिट पर सट पहन कर जाया जािा ह या हक राहि-कलबो म बकाद ओि कर इसस य भी वीपषट ह हक इहडया म नाररयो को इचछा-नसार पहनन-ओढन घमन-हफरन नाचन-गान की वीविििा ह चार फची गलि कहिा ह हक इहडया म बहि गरीबी ह उस ऐसा कछ हरकम ही दखकर लगा था उसकी सलाह पर आज ऐसी कछ हरकम दखी इनम टट-फट घरो म कछ हभिक-परकार क पराहरयो का जीवन हदखाया गया था सकषम दहषट डालन पर इन बहवीियो क पीछ खड़ हवशाल महल हदख जाि थ जहा स कछ आम आदमी आकर इन बहवीियो को हगराना चाहि हदखाए गए थ पर उनका उदशय इन झोपहड़यो की जगह महल बना कर पर इहणडया को एकाकार कर दना था समयाभाव म इनका बनाना हदखाया नही जा सका एक राजनिा न बिाया हक गरीबी को परचाररि करन क पीछ हवरोाी राजनीहिक दलो का दषपरचार ह जो मझ सो सतय लगा मझ िो इसम

चीन का हवीि होन की भी समभावना हदखी कयोहक ऎसी एक हफकम म हनादन लोग बार-बार माओ का नाम ल रह थ पाच ऐसा परिीि होिा ह हक इहडया म सभय लोगो की भाषा हहनदी ह य भाषा अरजी क शबदो और वीथानीय भाषा क कारको स बनी ह हबना पि-हलख लोग कई वीथानीय भाषाए बोलि ह परायः लोग कवल अरिी भी बोलि पाए जाि ह पर आम िौर पर अरिी क दो एक वाकयो क बाद हहनदी पर उिर आन की परवहतत ह नाहयकाए और हसतरया अरिी बोलना पसद करिी ह पर जब वो हहनदी बोलिी ह िो भी धवहन अरिी-सी ही आिी ह ऐसा परिीि होिा ह हक उनह भाषा की दीिा मलिः अरिी म हमली ह और हहनदी उनहोन हकसी हहनदी हफकम म काम करन क उददशय स सीखी ह गान अहपि हहनदी म ही गाय जाि ह पर वहा और भी कई भाषाओ का मल हदख पड़िा ह एक गीि िो ऐसा था हजसम बड़-बड़ नगाड़ो की िाल पर पजाबी नामक भाषा म बहि सारी अरिी और थोड़ी हहनदी हमलाई गयी थी ऐस कछ गीिो क रचहयिा कोई lsquoयो योrsquo नामक महाकहव ह जो अपन गीिो म यवाओ को कम महदरा या मादक पदाथो क सवन करन जस सावीकाररक सदश दि रहि ह इन गीिो क भावाथद जो भी हो इसम कनयाओ का नतय अदभि ह- शबदो को समझ हबना ही सभी अथद वीपषट हो जाि ह छह आज दहिर इहडया की कछ हरकम दख कर पिा चला हक इहणडया क इस भखड म परष अहि-शहिशाली और नाररया खब भरी-परी होिी ह नायक िो इिना चपल होिा ह हक चशमा हसगरट या हपवीिौल जस उपकरर पलक झपकि ही अपन शरीर क हवहवा हहवीसो पर अिररि कर लिा ह इस नायक क एक आघाि स खलनायक कई पलो िक वायमडल म गोि खािा ह और कभी-कभी िो आकाश म ही हवलीन हो जािा ह उार नाररया रग-हबरग कलशो और इनरानषी आकहियो क बीच मादक नतय करिी रहिी ह वहा का एक नायक िो सवद-शहिमान ईशवर क समकि ह उसकी शहियो क हवषय म अनक हकवदहिया परचहलि ह जो फ-ची क अनसार रजनी-जोकस नामक रथ म सगहीि ह साि कछ राजनीहिक हरकम दख कर ऐसा परिीि हआ हक इहणडया म सभी निाओ की अपराा करन-करान म गहरी रहच ह परायः समाज म खलनायक निा ही होिा ह य लोग सरा-सदररयो हहथयारो सनदर परासादो और चमकि वाहनो क बीच ही रहना पसद करि ह आवशयकिा पड़न या न पड़न हकसी भी हवीथहि म हकसी की हततया कर दना इनक वाम-हवीि का कमद ह बलातकार हि इनह यो िो सभी हकवीम की नाररया पसद ह पर नायक की बहन या परहमका पर हवशष कपा रखि ह ऐसा लगिा ह हक इनकी हदनचयाद हकसी षडयि स आरमभ होकर हकसी हततया पर समापत होिी ह इनक अगरिक चीनी यि कला म हसिहवीि होि ह और अवसर पाि ही सााारर मानवो पर ईया-ऊआ करि टट पड़ि ह एक राजनिा की कररिा दख कर िो मरा हघघघी नामक अग बा ही गया इहडया म इनही अहिमानवो म स जनपरहिहनहा चनन का परावाान मालम होिा ह चन हलए जान क बाद य परायः शवि वसतर ाारर करि ह और सभाओ म भाषर दि हफरि ह पर अििः अपराा क सभी सि उनस ही जड़ होि ह चनाव एक रोचक अवसर होिा ह जब ढर सार वाहनो म लोग रग हबरगी झहडयो क साथ नारा लगाि घमि ह आठ इहडया का य रग दख कर िो दग रह गया ह एक मदान म लाल पील हार नील िातपयद य की सभी परकार क रगो स सराबोर हिारो मनषय एक साथ नतय कर रह ह सबक

वसतर शवि ह िाहक रगो की छाप गहरी उभर गाज-बाज क साथ एक समह गीि गाया जा रहा ह हजसम गोररयो की चोली पर रग डालन की परररा दी जा रही ह चनररया को हभगोन पर हवशष जोर ह सदररया परषो स जोड़ बना कर मादक नतय कर रही ह रग जो ह उड़ भी रह ह बौछार बन कर बरस रह ह और चहरो पर पोि भी जा रह ह इहडया की इस रगीन छहव को दख कर हपछली सारी छहवया ााली हो गई ह ऐसा परिीि हो रहा ह हक मानो परा दश एक ही रग म रगा ह भल ही वह हिारो रगो म वयि हो रहा हो पिा चला ह हक य एक तयौहार ह हजस होली कहि ह एक हदन पहल इहडया क लोग होहलका जलाि ह हजसम अपनी बराईयो की आहहि डालि ह मन भी आज इहडया की बरी छहव बनान वाली हपछली हफकमो की सीडी एकि कर उनकी होहलका जला दी और उसकी राख इन बरगलान वाली हरकम दखन की सलाह दन वाल फ-ची क मह पर मल आया आज इहणडया की यािा की ियारी परी कर ली ह दो हदनो क पिाि होली ह उस दख हबना इहडया की यािा कस समपरद होगी य ह कमलश पाणडय जी और य ह उन का अनोखा वाला रङग जो मझ बहद पसनद ह इस आहटदकल को चाह िो माि मनोरञजन क हलय भी पिा जा सकिा ह और अगर कोई वयहि समय हनकाल कर इस की थाह को नापना चाह िो नपप भी सकिा ह कमलश भाई जी क एक हमि ह हवनोद हमशर हवनोद जी ररसणटली बरसाना हो कर आय ह हवनोद जी न साहहतयम क हलय बरसान की होली की दो बहि ही सनदर-सनदर िवीवीर भजी ह हवनोद जी का बहि-बहि आभार य ह वह दो िवीवीर -

डा वी क भकला

हजजजा सग होली

लगा कर भोग महावीर को और चिा कर फल बिीसा बड़ भहिभाव स पि रह थ हम िो हनमान चाहलसा महावीर जब नाम सनाव

भि हपचास हनकट नही आव िभी मरी साहलया आ कर बोली खलग हम जीजजा सग होली और मरी हसटटीहपटटी गम होली कािर वीवर म हमन पकारा

ह हनमि अब िरा सहारा सन पकार मरी हनमानजी धयान म आए

और मझस य ररमाए वतस म िो ठहरा बाल बरहमचारी

कस हर म हवपदा िमहारी इस लरड़ म मझ न लाओ

िमहारी घहटया ह िमही बजाओ पड़ा सकट मोचन नाम भी झठा हदखा गए हनमानजी भी अगठा

मरी साहलओ न जी भर की मरी पिाई दिा रहा हाए म दहाई

िभी शरीमिी जी बाहर स आई मझ दखि ही हचलाई

अजी सनि हो जरा बाहर आओ कोई लरगा घर म घस आया ह

उस मार कर बाहर भगाओ ाीर स मन खखारा

अरी भागवान य म ह पहि िमहारा िो शरीमिी जी िनक कर बोली

वाह मर छला बहि भाए हो सबह सबह कहो हकसस

मह काला करवा कर आए हो मन अपनी करर गाथा उस सनाई

िो शरीमिी जी हभननाई और अपनी बहनो को आवाि लगाई

कया मरा ही पहि हमला था मह काला करन क हलए

िो वो बहयाई स बोली दीदी अगली होली म

िम हमार पहियो का मह काला कर दना िमहारा सारा हशकवा हमट जाएगा हहसाब एक दम बरोबर हो जाएगा

हमन कछ वि क हलए बाहर हनकलना बद कर ह

यह सोच कर हक अगर हकसी न पछा हक िमहारा मह हकसन काला हकया

िो कया जवाब दगा

हवजनर शमाद

सरहद स आया नही होली पर कय लाल मा की आख रग स करिी रही सवाल

आखो को भी ह हगला कर हशकायि गाल बरी ख़द आया नही हभजवा हदया गलाल

कौन बजाव फाग प ढोल नगाड़ चग चारो िरर उदाहसया गायब हई उमग

मौक़ा था पर यार न डाला नही गलाल

मरझाय स ही रह मर दोनो गाल

हरि म थ यार सब दशमन भी था दग मन उसक गाल पर लगा हदया जब रग

इििार क रग म गयी बावरी डब होली पर इसबार भी आया ना महबब

और अब ररसहिया जी का एक और ाास सटायर ाास इसहलय हक समझ म नही आ रहा हक इनह खाङरसी कहा जाय हक हफर भीजफी बाला

आजकल बचार कालान की मरन ह कोई भी घपला होिा ह काल ान पर िोहमि लगिी ह बलक मनी की थ-थ होिी ह जस निा चमच क हबना महनि चल क हबना आईपीएल हरहकसग क हबना

अारा लगिा ह वस ही कोई भी घपला काल ान की चचाद क हबना अारा लगिा ह घपला अगर कोई

आाहनक जहटल कहविा ह िो काला ान उसका आम जनिा की समझ म आन वाला सरल अनवाद ह घोटाला यहद कोई अबझ हसिाि ह िो काला ान उसकी सहज टीका ह जस पाहटदया चद क हबना निा लफ़राजी क हबना लखक अपनी उपिा का रोना रोय हबना नही रह पािा वस ही दहनया का कोई भी बड़ा ानाा हबना काल ान क नही पनप सकिा दहनया म हजिन भी मजबि ाना ह चाह वह हहथयार का हो ामद का हो या हरर हशिा का ही कयो न हो सबकी बहनयाद म काल ान की सीमनट लगी ह काला ान न हो िो हवीवस बक रवीस बक होकर रह जाय अपन दश म हपछल बीस सालो म हजतता हवकास हआ ह काला ान उसस कई गना जयादा बिा ह गहरि की भाषा म कह िो हकसी भी आाहनक समाज का हवकास उस समाज म मौजद कालान की मािा का समानपािी होिा ह इस सबक बावजद कालान को लोग इजजि की हनगाह स नही दखि कालाान कमान वाला िक खलआम उसकी आलोचना ही करिा ह राजनीहिजञ चनाव भल काल ान क सहार लड़ लहकन सावदजहनक रप स कालान की ऐसी बराई करि ह जस वामपथी दहिरपहथयो की करि ह अमररकी कयबा की करि ह पाहकवीिान वाल भारि की करि िरह ह अपन परहि दहनया का यह दवदातमक इजजिवाद दखकर बचार कालान क हदल पर कया बीििी होगी दहनया क ाोख को दखकर उसका मन भी हजया खान की िरह लटककर हनपट जान का करिा होगा उसका भी मन करिा होगा हक सरकारी गवाह बन जाय और सबकी पोल खोल द हक कस िमाम लोगो स उसक अिरग सबा रह कस लोगो न उसका सहारा हलया आग बि और सहारा हलया लहकन जब सरलिा क हकवीस सनान की बारी आयी िो शरय अपनी महनि लगन और बहि को हदया कालान क योगदान की सरासर उपिा कर दी यह वसा ही ह हक हकसी दश क इहिहास म राजा राहनयो क हकवीस हलख जाय लहकन महनिकश जनिा की कहानी गोलकर दी जाय लहकन हरर कालाान शायद यह सोचकर चप रह जािा होगा हक अपरााी कोई भी हो लहकन बराई उसी की होनी ह बइजजिी िो उसी की खराब होनी ह इसक बाद शायद वह यह सोचकर चपचाप अपनी करििो म जट जािा होगा हक आजनही िो कल उसको वह इजजि अवशय हमलगी हजसका वह हकदार ह उसको भी खल आम उिनी ही वीवीकायदिा हमलगी हजिनी की आज समाज म जाहिवाद सकीरदिा भाई भिीजावाद भायवाद और काहहली को हमली ह काला ान सोचिा होगा- जस बाहकयो क हदन बहर कया पिा वस ही उसक भी बहर

और साहथयो चलि-चलि अपनी जड़ो की ओर - बरहमलीन सनि कहव हशवदीन राम (जोशी) की सनि-वारी आप ही क आधयाहतमक हशषय आदररीय शरी हकशोर पारीक [खणडला] जी क सौजनय स

गोकल व बरसान की नार बजाय-बजाय बजा रही िारी अर वनदावन की बनी व बनी बनक ठनक अरी द रही गारी

शयाम को शयामा सजाय सजी अहो और गलाल लगावि पयारी हशवदीन व जोरी स जोरी हमलीबरज खलि होरी ह बाक हबहारी

मगल समगल सदा ही आननद रह नदलाल

ि गलाल डार दख सखी आ रही राा मिवाली आली चाली रग डारन को

गोहपया हनराली गाली शयाम को सना रही सन-सन क शयामलाल सग-सग गवाल बाल

बाजि मदग िाल राा जी गा रही कहिा हशवदीन लाल ऐसी गलाल उड़ी

बादर बन लाल लाली चह ओर छा रही

बरज वनदावन ााम रग स रगा रगीला हरा मोहिया लाल रग ह पयारा पीला

ाम ााम स खल खल रह होरी दखो शयामा शयाम सजान और सग गोरी दखो

चह ओर हपचकाररया रग-रग की ाार हशवदीन सरस रस रहसक जन पीव करर-करर पयार

राम गर गायर

भारि की लोक समपदा फागन की फाग - आचायद सजीव वमाद सहलल भारि हवहवावरी लोक सवीकहि स सपनन- समि परमपराओ का दश ह इन परमपराओ म स एक लोकगीिो की ह ऋि पररविदन पर उतसवामी भारिीय जन-

मानस गायन-वादन और निदन की हिवरी परवाहहि कर आनहदि होि ह फागन वषािि िथा चि वषादरमभ क साथ-साथ फसलो क पकन क समय क सचक भी ह दहिरायनी सयद जस ही मकर राहश म परवश कर उततरायरी होि ह इस महादवीप म हदन की लमबाई और िापमान दोनो की वहि होन की लोकमानयिा ह सयद पजन गड़-हिल स हनहमदि पकवाननो का सवन और पिगबाजी क माधयम स गगनचमबी लोकानद की अहभवयहि सवदि दखी जा सकिी हमकर सकराहि हखचड़ी बसाखी पोगल आहद हवहवा नामो स यह लोकपवद सकल दश म मनाया जािा ह पवदराज होली स ही मधयोततर भारि म फागो की बयार बहन लगिी ह बदलखड म फाग बजभहम म नटनागर की लीलाए हचहिि करि रहसया और बााई गीि अवा म राम-हसया की जगल जोड़ी की होली-करीड़ा जन सामानय स लकर हवहशषट जनो िक को रसानद म आपादमवीिक डबा दि ह राम अवा स हनकाकर बदली माटी पर अपनी लीलाओ को हववीिार दि हए लमब समय िक हवचरि रह इसहलए बदली मानस उनस एकाकार होकर हर पवद-तयौहार पर ही नही हर हदन उनह याद कर जय राम जी की कहिा ह कषर का नागो स सघषद और पाडवो का अजञािवास नमददाचली बनदल भहम पर हआ गौरा-बौरा िो बदलखड क अपन ह हशवजा हशवातमजा हशवसिा हशवहपरया हशव वीवदोभवा आहद सजञाओ स समबोहाि आननददाहयनी नमददा िट पर बमबहलयो क साथ-साथ हशव-हशवा की लीलाओ स यि फाग गयी जाना वीवाभाहवक ह बदली फागो क एकछि समराट ह लोककहव ईसरी ईसरी न अपनी परहमका रजउ को अपन कहितव म अमर कर हदया ईसरी न फागो की एक हवहशषट शली चौघहड़या फाग को जनम हदया हम अपनी फाग चचाद चौघहड़या फागो स ही आरमभ करि ह ईसरी न अपनी पराकि परहिभा स रामीर मानव मन क उचवासो को सर-िाल क साथ समहनवि कर उपहिि और अनचीनही लोक भावनाओ को इन फागो म हपरोया ह रसराज शर गार क सयोग और हवयोग दोनो पि इन फागो म अदभि माायद क साथ वहरदि ह सदयवीनािा यविी की कशराहश पर मा ईसरी गा उठि ह ईसरी रााा जी क कानो म झल रह िरकला को उन दो िारो की िरह बिाि ह जो रााा जी क मख चनर क सौदयद क आग फीक फड़ गए ह कानन डल राहाका जी क लग िरकला नीक आनदकद चद क ऊपर िो िारागर फीक ईसरी की आराधया राहाका जी सदरी होन क साथ-साथ दीनो-दहखयो क दखहिाद भी ह मय बल राि राहाका जी को कर आसरा की कौ दीनदयाल दीन दःख दखन हजनको मख ह नीकौ पहटया कौन सगर न पारी लगी दहिन पयारी रचक घटी-बड़ी ह नया सास कसी ढारी िन रई आन सीस क ऊपर शयाम घटा सी कारी ईसर परार खान ज पहटया जब स िकी उघारी

कहव पछिा ह हक नाहयका की मोहक चोहटया हकस सघड़ न बनायी ह चोहटया जरा भी छोटी-बड़ी नही ह और आिी-जािी सासो की िरह हहल-डल रही ह व नाहयका क शीश क ऊपर शयामल मघो की िरह छाई ह ईसरी न जब स इस अनावतत कशराहश की सनदरिा को दखा ह उनकी जान हनकली जा रही ह ईसर की नाहयका ननो स िलवार चलािी ह दोई ननन की िरवार पयारी हफर उबार अलपान गजरान हसरोही सलमान झख मार ऐच बार मयान घघट की द काजर की ाार ईसर शयाम बरकि रहहयो अहायार उहजयार िलवार का वार िो हनकट स ही हकया जा सकिा ह नायक दर हो िो कया हकया जाए कया नाहयका उस य ही जान दगी यह िो हो ही नही सकिा नाहयका हनगाहो को बरछी स भी अहाक पन िीर बनाकर नायक का हरदय भदिी ह छट नन-बार इन खोरन हिरछी भौह मरोरन नोकदार बरछी स पन चलि करज फोरन नायक बचारा बचिा हफर रहा ह पर नाहयका उस जान दन क मड म नही ह िलवार और िीर क बाद वह अपनी काहिल हनगाहो को हपवीिौल बना लिी ह अहखया हपवीिौल सी करक मारन चाि समर क गोली बाज दरद की दार गज कर दि निर क इिन पर भी ईसरी जान हथली पर लकर नवयौवना नाहयका का गबखान करि नही अघाि जबना कड़ आय कर गहलया बला कसी कहलया ना हम दख जमि जमी म ना माली की बहगया सोन कस िबक चि ह बरछी कसी भहलया ईसर हाथ सभार ाररयो फटट न जाव गहदया लोक ईसरी की फाग-रचना क मल म उनकी परहमका रजऊ को मानिी ह रजऊ न हजस हदन गारो क साथ गल म काली काच की गररयो की लहड़यो स बन ४ छटा और हबचौली काच क मोहियो का हिदान जसा आभषर और चोली पहहनी उसक रप को दखकर दीवाना होकर हार झलन लगा ईसरी कहि ह हक रजऊ क सौदयद पर मा हए हबना कोई नही रह सकिा हजयना रजऊ न पनो गारो हरनी हजया हबरानो छटा चार हबचौली पर भर हफर गरदानो

जबनन ऊपर चोली पर लटक हार हदवानो ईसर कान बटकन नइया दख लव चह जवानो ईसरी को रजऊ की हरन (हचिवन) और हसन (हसी) नही भलिी हवशाल यौवन मिवाली चाल इकहरी पिली कमर बार की िरह िानी भौह हिरछी निर भलाय नही भलिी व निर क बार स मरन िक को ियार ह इसी बहान रजऊ एक बार उनकी ओर दख िो ल ऐसा समपदर ईसरी क अलावा और कौन कर सकिा ह हमख़ा हबसरि नही हबसारी हरन-हसन िमारी जबन हवशाल चाल मिवारी पिरी कमर इकारी भौह कमान बान स िान निर हिरीछी मारी ईसर कान हमारी कोदी िनक हर लो पयारी ईसरी क हलय रजऊ ही सवदवीव ह उनका जीवन-मरर सब कछ रजऊ ही ह व परभ-वीमरर की ही िरह रजऊ का नाम जपि हए मरन की कामना करि ह इसहलए कछ हवदवान रजऊ की सासाररक परहमका नही आदया माि शहि को उनक दवारा हदया गया समबोान मानि ह जौ जी रजऊ रजऊ क लान का काऊ स कान जौलो रहन रहि हजदगी रजऊ क हि कमान पला भोजन कर रजौआ पाछ क मोय खान रजऊ रजऊ कौ नाम ईसरी लि-लि मर जान ईसरी रहचि सहसतरो फाग चार कहड़यो (पहियो) म बाी होन क कारन चौकहड़या फाग कही जािी ह इनम सौदयद को पान क साथ-साथ पजन और उसक परहि मन-परार स समहपदि होन क आधयातमजहनि भावो की सहलला परवाहहि ह रचना हवाान य फाग ४ पहियो म हनबि ह हर पहि म २ चरर ह हवषम चरर (१ ३ ५ ७ ) म १६ िथा सम चरर (२ ४ ६ ८) म १२ मािाए ह चरराि म परायः गर मािाए ह हकनि कही-कही २ लघ मािाए भी हमलिी ह य फाग छद परभाकर क अनसार महाभागवि जािीय नर र छद म हनबि ह इस छद म खड़ी हहदी म रचनाए मर पिन म अब िक नही आयी ह ईसरी की एक फाग का खड़ी हहदी म रपािरर दहखए हकस चिरा न छोटी गथी लगिी बहद पयारी हकहचि छोटी-बड़ी न उठ-हगर रही सास सम नयारी मकट समान शीश पर शोहभि कषर मघ सी कारी हलय ल रही जान कश-छहव जब स हदखी उघारी नर र छद म एक चिषपदी दहखए

बाि बनाई हकसन कसी कौन हनभाय वाद सब सच समझ रही ह जनिा कहा फदकि पयाद राजा कौन विीर कौन हकसक बद-नक इराद हजसको चाह सहलल हजिा मि चाह उस हरा द बनदली लोकरग की सािी ईसरी की फाग सजीव बदलखड क महानिम लोककहव ईसरी क कावय म लोकजीवन क सावीकहिक साहहहतयक सामाहजक पि परी जीवनििा और रचनातमकिा क साथ उदघाहटि हए ह ईसरी का वहशषटय यह ह हक व िथाकहथि सभराििा या पाहडतय स कय भाषा शली आहद उाार नही लि व दशज रामीर लोक मकयो और परमपराओ को इिनी वीवाभाहवकिा परगाििा और अपनतव स अहकि करि ह हक उसक सममख हशषटिा-शालीनिा ओिहि सजदनाारा हवपनन परिीि होन लगिी ह उनका साहहतय पवीिकाकार रप म नही शरहि परपरा म सन-गाकर सहदयो िक जीहवि रखा गया बदलखड क जन-मन समराट महान लोककहव ईसरी की फाग गय परपरा क कारर लोक-वीमहि और लोक-मख म जीहवि रही सकलनकिाद कवर शरी दगद हसह न १९३१ स १९४१ क मधय इनका सकलन हकया शरी इलाशकर गहा न ाौराद राम (जहा ईसरी लमब समय रह थ) हनवाहसयो स सनकर फागो का सकलन हकया अपिाकि कम परचहलि हनमन फागो म ईसरी क नसहगदक कारहयिी परहिभा क साथ-साथ बनदली लोक परपरा हावीया एव शरीनगरहपरयिा क भी दशदन होि ह कषर-भि ईसरी वनदावन की माटी का महातमय कहि हए उस दविाओ क हलए भी दलदभ बिाि ह अपनी कवीन जीभ स चाटी वनदावन की माटी दरलभ भई हमली ना उनखो दई दविन डाटी हमल ना सकी अनकन हार पाव की पररपाटी पायो वीवाग काह न नइया मीठी ह की खाटी बाही रज बजबाहसन lsquoईसरrsquo हहसदारी म बाटी कदम कञज म खड़ कनहया राहगीरो को रावीिा भला दि ह इसहलए पहथक जमना की राह ही भल गय ह अथादि जमना स नही जाि हकसी को भला कर मजा लन की लोकरीि को ईसरी अचछा नही मानि और कषर को सलाह दि ह हक हकसी स अहाक हसी अचछी नही होिी आली मनमोहन क मार जमना गल हबसार जब दखो जब खडो कञज म गह कदम की डार जो कोउ भल जाि ह रवीिा बरबस आन हबगार जादा हसी नही काऊ स जा ना रीि हमार

lsquoईसरrsquo कौन चाल अब चहलए ज िौ परी पार राि भर घर स बाहर रह कषर को अपनी सफाई म कछ कहन का अवसर हमल हबना lsquoछहलयाrsquo का हखिाब दना ईसरी क ही बस की बाि ह ओइ घर जाब मरहलयाबार जहा राि रय पयार हर बाट मनइया बठी कर नन रिनार अब िौ कौनऊ काम िमारो नइया भवन हमार lsquoईसरrsquo कषर नद क छौना िम छहलया बजबार फगआ हो और रााा न खल यह कस हो सकिा ह कषर सर ह िो रााा सवा सर दोनो की लीलाओ का सजीव वरदन करि ह ईसरी मानो सािाि दख रह हो रााा न कषर की लकटी-कमररया छीन ली िो कषर न रााा क हसर स सारी खीच ली इिना ही हो िो गनीमि होली की मवीिी चरम पर हई िो रााा नटनागर बन गयी और कषर को नारी बना हदया खल फाग राहाका पयारी बज खोरन हगराारी इन भर बाह बास को टारो उन मारो हपचकारी इनन छीनी लकहट मरहलया उन छीनी हसर सारी ब िो आय नद क लाला ज बषभान दलारी अपन बनी नटनागर lsquoईसरrsquo उन बनाओ नारी अटारी क सीिी चिि घघर हनशबद हो गए फलो की सज पर बनवारी की नीद लग गयी रााा क आि ही यशोदा क अनाड़ी बट की बीन (बासरी) चोरी हो गयी कसी सहज-सरस ककपना ह चोरी गइ बीन हबहारी की जसदा क लाल अनारी की जाहमन अमल जगल क भीिर आवन भइ रााा पयारी की नपर सबद सनाक हखच रय हछहड़या चड़ि अटारी की बड़ी गलाम सज फलन की लग गइ नीद मरारी की काि lsquoईसरीrsquo घोरा प स उठा लई बनवारी की कषर रााा और गोहपयो क चगल म फस गय ह गोहपयो न अपन मनभावन कषर को पकड़कर सतरी बनान का उपकरम करन म कोई कसर नही छोड़ी कषर की बनमाला और मरली छीनकर हसर पर साड़ी उिा दी गयी रााा न उनह सभी आभषरो स सजाकर कमर म लहगा पहना हदया और सहखयो क सग फागन मनान म लीन हो गयी ह शर गार और हावीय का ऐसा जीवि शबद हचि ईसरी ही खीच सकि ह पकर गोहपन क मनभावन लागी नार बनावन छीन लई बनमाल मरहलया सारी सीस उड़ावन

सकल अभषन सज राहाका कहट लहगा पहरावन नारी भस बना क lsquoईसरrsquo फगआ लगी मगावन ईसरी परहमका स हनवदन करा रह ह हक वह अपन िीख नयनो का वार न कर हजरह-बखिर कछ न कर सक ग और दख ही दखि नयन-बार हदल क पार हो जायगा हकसी गरी वदय की औषहा भी काम नही आएगी ईसरी क दवाई िो हपरयिमा का दशदन ही ह पररय की ऐसी परगाि रसहसि अहभवयहि अपनी हमसाल आप ह नना ना मारो लग जह मरम पार हो जह बखिर हझलम कहा का लह ढाल पार कर जह औषद मर एक ना लहगह बद गनी का कह कहि lsquoईसरीrsquo सन लो पयारी दरस दबाई दह हनमन फाग म ईसरी नयनो की कथा कहि ह जो परदशी स लगकर हबगड़ गय बबादद हो गय ह य नयना अा हसपाही ह जो कभी लड़कर नही हार इनको बहि नाि स काजल की रखा भर-भरकर पाला ह हकनि य खो गए और इनस बहि आसओ स नयी की नयी सारी भीग गयी ह कसी माहमदक अहभवयहि ह नना परदसी स लग क भय बरबाद हबगरक नना मोर सर हसपाही कबऊ ना हार लरक ज नना बार स पाल काजर रख भरक lsquoईसरrsquo भीज गई नई सारी खोवन असआ ढरक शरगार क हवरह पि का परहिहनहातव करिी यह फाग ईसरी और उनकी परहमका रजऊ क हबछड़न की वयथा-कथा कहिी ह हबछरी सारस कसी जोरी रजो हमारी िोरी सङगसङग रह हनहस-बासर गर हलपटिी सोरी सो हो गई सपन की बाि अन हस बोल कोरी कछ हदनन को हिया अबादो हम बिा दो गोरी जबलो लागी रह lsquoईसरीrsquo आसा जी की मोरी ईसरी की य फाग शर गार क हमलन-हवरह पिो का हचिर करन क साथ-साथ हावीय क उदातत पि को भी सामन लािी ह इनम हसी-मजाक हसना-बोलना सभी कछ ह हकनि मयादहदि कही भी अशलीलिा का लश माि भी नही ह ईसरी की य फाग २८ मािी नरनर छद म रहचि ह इनम १६-१२ पर यहि का ईसरी न परी िरह पालन हकया ह सम चररानि म गर की अहाकिा ह हकनि २ लघ भी परापय ह इक फाग म ४ ५ या ६ िक पहिया हमलिी ह एक फाग की सभी पहियो म सम चररानि समान ह जबहक हवषम चररानि म लघ-गर का कोई बान नही ह

हम न गर हवीन और ख़शब ही को िोला होिा हफर िो हर पड़ गलाबो स भी हकका होिा उदाहरर क रप म समझा जाय िो एक मिदबा य भी समझा जा सकिा ह हक परमपराए हमशा पड़ या हफर पौा की िरह होिी ह और उन पर लगन वाल फल और उन फलो की ख़शबए आाहनक हवचाराारा समान यहद हम आाहनक हवचारााराओ ही को सबकछ समझ बठ ग िो य फल और ख़शबए कया आसमान स टपक ग समझन वाल इशारो को बहि जकद समझग बाय द टाइम आप इस अङक को पि रह हो ममहकन ह दहनया का एक बड़ा हहवीसा आप को होली की बराइया हगना रहा हो हम इिना ही हनवदन कर ग हक ldquoसपrdquo की िरह-िरह सार-सार को गह और थोथ को उड़ा फ क नीर-िीर-हववक हम सब की ामहनयो म यगो-यगो स परवाहमान ह अपन हववक का सदपयोग करि हय अचछी बािो को आग बिाए हमठाइयो क कारोबाररयो दवारा परोस जा रह अशि माल स परहि करि वक़ि याद रह हक कडबरी भी कोई अमि नही ह हर गली क नककड़ पर रङग हपचकारी वग़रह बचन वाल हमार कटीर उदयोग क खवनहार ह आप सभी को सपररवार होली की शभ-कामनाए

खहशयो का वीवागि कर हर आगन हर दवार| कछ ऐसा हो इस बरस होली का तयौहार||

होली हवषयक और भी सामरी मसलन छद ग़िल हजल नज़म कहविा गीि-नवगीि रहसया आलख कहानी कथा वग़रह पिन क हलय यहा हकलक कर

Page 2: Saahityam dec14 jan feb 15

मन मलङग हलस हहया दर होय दख-ददद सावन हिररया झमिी फागन फड़क मदद

कह सन का बरा न मानो ndash य होली का महीना ह भया हमार बरज म िो होली याहन

एक पररपरद उतसव एक ऐसा उतसव हजस म साल भर मन म जो अवाञछनीय अनपहिि अ-सरस भावनाए उमगिी रहिी ह उनह रङगो क साथ बहा दन वाला पवद शायद इसीहलय इस म नशा और गाहलया अमक सीमा को धयान म रखि हय वीवीकायद ह हम म स अहाकानश को याद होगा हकस िरह हमार नगर-क़वीब-गाव क बड़-बजगद न हसरद सीमा म रहि हय मन स मलङग बनि थ बहकक अनय सदवीयो को भी ममहकनिन शक़ल म महवीिया करन की खली छट दि थ

होली क तयौहार की बड़ी अनोखी रीि मह काला करि हय जिलाि ह परीि

दहनया जहान म इस िरह क और भी पवद मनाय जाि ह कल हमला कर नीरस-जीवन-चयाद क भार स मानव-समाज हनरतसाहहि न हो जाय इसहलय समाज-वतताओ न समय-पररहवीथहि-ववीि-दश-काल-वािावरर इतयाहद को धयान म रखि हय अपनी-अपनी सहहलयिो क अनसार हवहभनन पवो को मिद-रप परदान हकया हमार समय क हवहशषट-हवचारक आदररीय राजनर रञजन जी इस हवषय पर बड़ ही अहाकार क साथ बाि करि ह पवद याहन तयौहार याहन रहवीटवल बोल िो

अगर हिनदगी काया ह िो उपटन ह तयौहार शाशवि जीवन दशदन का अवगाहन ह तयौहार

हवकल हरदय म समबल जाग थका बदन भी सरपट भाग कसा भी हो कोई हनठकला

तयौहारो म हहकल लाग हनज रहच क अनसार सभी को दि ह रजगार इसीहलय िो कहि ह दःख-भञजन ह तयौहार

चौखट पर जब आि उतसव ख़हशयो को बरसाि उतसव

नारी और गहवीथी का औहचतय-सार समझाि उतसव

जीवन की ख़शहाली का ह यही सही आाार जगिीिल म ररशिो का अहभननदन ह तयौहार

इनस ही जीवन म रहि ह सदाचार-सौहादद समहि ह

इनक हबना वीथल ह जीवन य ह िो जीवन म गहि ह

इनकी महहमा अदभि अनपम अहवचल अपरमपार परगहि-पनथ-पररवहि हि परोतसाहन ह तयौहार

ामो का सङकाय हहनद ह

ितवो का अहभ-पराय हहनद ह सहवचारो का परथम पररिा

पवो का पयादय हहनद ह हवशव गर का मान िभी िो दिा ह सनसार मानव म मौिद ईश का वनदन ह तयौहार

बरज म वसनि क आगमन क साथ ही होली का वािावरर उमगन लगिा था अलग-अलग वीथलो क जनि [उपरवी वयहियो क हलय यही वीनह-हसि समबोान उहचि मालम होिा ह] अलग-अलग िरीक़ स न हसरद आननद लटि थ बहकक सामन वाल को भी आननद-रस स िर-ब-िर करि थ lsquoथrsquo सायास हलखा ह चहक अब िो वीव-आननद ही सवोपरर परिीि होिा ह होली को ल कर बचपन की कछ वीमहिया -

कहा गई व महवीिया कहा गई वह मौज व कशर की कयाररया गोबर वाल हौज गोबर वाल हौज बीच डबकी लगवाना

कि पर lsquoपागलrsquo वाली िख़िी लटकाना याद आ रहा ह हम जो करि थ अकसर

बीच सड़क पर एक रपया कील ठोक कर

आओ हदखलाए िमह सीन और इक यार लकला जी क हजवीम पर करिी अर शलवार

करिी अर शलवार ाार जब हनकल बाब साड़ और कछ बछड़ हो जाए बक़ाब इस डर स हाथो को पीछ बाा डोल

हगर सकिी ह गद अगर हाथो को खोल

होिा ही ह हर बरस अपना िो य हाल जस ही फागन लग हदल की बदल चाल हदल की बदल चाल हाल कछ य होिा ह लगिा ह दहनया मना अर हदल िोिा ह

फागन म िौ भया ऐसौ रङग चढ ह भङग हपए हबन ह दहनया खस-रङग लग ह

होली क तयौहार की बड़ी अनोखी रीि मह काला करि हय जिलाि ह परीि जिलाि ह परीि रङगदारी करि ह

साि पशि की ऐसी की िसी करि ह करि ह सतकार गाहलयो को गा-गा कर लहकन सनन वाल को भी हसा-हसा कर

जीजा-साली या हक हफर दवर-भाभी सङग

होली क तयौहार म हखलि ही ह रङग हखलि ही ह रङग अङग-परतयङग हभगो कर

िाई जी हसिी ह फफाजी को ाो कर लहकन िब स अब म इिना अनिर आया पहल मन रगि थ - अब रगि ह काया

सब क हदल ग़मगीन ह बकल सब सनसार ममहकन हो िो इस बरस कछ ऐसा हो यार कछ ऐसा हो यार पयार की बहगया महक हजन की डाली-डाली पर हदलवाल चहक ख़हशयो को दलराए ग़मो को पीछ ठल ऐसी अब क साल साल भर होली खल

िो हर साल की िरह इस साल भी होली पर कया हकया जाय ndash यह मन म हवचार चल रहा था भाई कमलश पाणडय और हफरोि मिफरर ndash य दो ऐस साथी ह जो हक जब-जब म थकन लगिा ह िो य दौनो िथा कछ और भी lsquoअजञाि-हवाािाrsquo मझ मरा रिद याद हदला दि ह बरज-गजल-सङरह ldquoपखराज हबा म उड़ रए एrdquo का परकाशन पररवार म कई माङगहलक परसङग कारोबारी मसरहरयाि क अलावा पल-पल बदलि मौसम न भी वीवावीय को हगरा कर इस बार बहि परशान हकया ख़र अब अङक ल कर आप क सामन उपहवीथि ह ररवरी क दसर हफ़ि म िय हआ हक आगामी अङक को होली हवशषाङक क वीवरप म हनकाला जाय सभी साहथयो को ररमाइणड हकया इिन कम समय म हजस स जो बन पड़ा िक़रीबन सब ही न सहयोग हकया इस अङक की ख़ाहसयि ह मरी कहिन lsquoगहड़याrsquo याहन अचदना चिवदी बचपन क बाद इस स कभी हमलना नही हो पाया अनिजादल ही पर मलाक़ाि हई और इस का आलख ल कर आय कमलश पाणडय जी -

अचदना चिवदी

होली का नाम सनि ही हम अपन मोहकल चचचा---- की याद बड़ी जोरो स आ जािी ह | वस िो हमार चाचा जी बड़ ही शाि शरीफ आदमी टाइप थ पर होली का मौसम

आि याहन फागन शर होि ही चचा क भीिर कोई शिान सा घस जाव था और हफर शर होिी चचा की शिाहनया | चचा क खराफािी हदमाग म ऐसी ऐसी शिाहनया आिी हक मजाल ह कोई हकिना भी होहशयार हो िो भी उनक हमल स बच नही पािा | उनकी एक टोली बन जािी और हफर शर होिा

नाक म दम करन का दौर | यहद कोई चचा को डाट या उनक मा बाबा स उनकी हशकायि कर िो चचा ऐसा सबक हसखाि हक वो ससरा परी हजदगी चचा क रवीि म आन की हहममि ना करिा | एक बार हमार मौहकल क ही रामचरर काका न चचा की हशकायि उनक हपिाजी स कर दी और चचा को पड़ी मार | चचा का खन खौल गया अपनी बनदर टोली क साथ हमलकर रामचरर काका को सबक हसखान की सोची| चचा न गली स गाय का गोबर उठाया और एक दौन म रख बाहर चाट वाल क पास गए उस रपय हदए और बोल ldquoइस पर दही सौठ चटनी सब डार द ज एक दम दही बड़ा जसो लगनो चाहहएrdquo चाट वाला उनह जानिा था चप चाप दौना सजाया और द हदया | हफर चचा न एक बचच को पकड़ा और उसक हाथो वो गोबर वाला दही बड़ा रामचरर काका क पास हभजवा हदया | काका खान क शौकीन थ सो अडौस पडौस वाल कछ ना कछ भजि रहि थ | बचच न कहा ldquoकाका य मा न भजा हrdquo काका न चटट स दौना लपका और गपप स चममच भर क मह म डाला हजस गहि स दही बड़ा मह म गया उसकी दगनी गहि स वाहपस भी आ गया | अब िो बचार काका हलक म उगहलया द द कर उहकटया कर रह थ और चचा टोली िाहलया पीट पीट कर हस रही थी और काका रग हबरगी गाहलया बरसा रह थ | परा मोहकला इस फरी की हफकम का आनद ल रहा था | पर य पकका था अब काका हमार चचचा क रवीि म िो नही आएगा | य चचचा और उनकी बनदर टोली होली जलान क हलए गाि बजाि चदा मागन आिी ldquoपसा दगी जभी टर गनई िौ िर घर म मस मर गrdquo और जो आनाकानी करिा उसक घर का लकड़ी का सामान ल जाकर फक डालिी | हकसी की चारपाई िो हकसी क हकबाड़ उखार कर ल जाि इसहलए सब चपचाप चदा दि | होली की हमठाई क नाम पर हकिनो को भाग की बफी या लडड हखला डालि और मला करवा दि | कभी पीली हमटटी स मवावाटी बना कर हखलाि | पर महकल म उनकी ही कौिक कथाए चलिी | पर चचचा हदल क भी बहि अचछ थ हमारी मा की िो बहि इजजि करि | हमारी मा कभी होली नही खलिी थी ऐसा नही था हक मा को होली पसद नही उस वि सयि पररवार थ सबकी पसद क पकवान बनान क चककर म मा परा हदन रसोई म ही रहिी | चचचा न कई बार कहा भाभी होली खलो न पर मा हर बार मना कर दिी पापा भी कहि पर मा मना कर दिी और िो और रसोई स बाहर भी नही आिी हक कोई रग ना लगा द | पापा का शायद मन करिा मा को रग लगान का पर सब को दखकर चप ही रहि य बाि चचचा न िाड़ ली थी | एक बार होली वाल हदन हमार घर एक सनदर सी महहला आई उसन सलवार सट पहना हआ था खब मक अप भी हकया था हम बचचो स बोली ldquoजरा अपनी मममी को बलाना बटाrdquoकहना आपकी सहली आई ह | हमन मा को बोला मा रसोई म ही थी सहली का नाम सनकर दौडी आई | अभी मा पहचानन की कोहशश ही कर रही थी हक उस सनदर महहला न मा क ऊपर खब सारा गलाल डाल हदया मा न भी एकदम स उनक हाथ स गलाल छीन कर उनक ऊपर गलाल डाल हदया िभी पापा भी आ गए हफर िो उस हदन मा न खब होली खली | बाद जब पिा चला हक वो सहली और कोई नही चचा ही थ य पलान उनहोन पापा और हमार चाचा क साथ हमलकर बनाया था | उस वाकय को सोच कर मा आज िक हसिी ह |

कछ भी कहो चचचा पर मोहकल की जान थ यहद चचचा नही होि िो होली होली जसी किई नही होिीज िो हम पिा चल ही गया जब चचचा की नौकरी लग गयी और वो दसर शहर चल गए| शर म िो होली पर घर आि हफर आना कम हो गया और हम भी शादी होकर अपन ससराल हवदा हो गए | पर चचचा की याद आि ही हम अपन मायक की होली याद जरर आ जािी ह | अबकी हम मथरा गए िो चचचा हमल गए हम दख बड़ खश हए और बोल ldquoलाली कसी ह री ि हकतत साल म दखी हrdquo मन छटि ही कहा ldquoचचचा म िो ठीक ह ज बिाओ वहा शहर म भी वस ही होली मनाि हो नाrdquo मरी बाि सनि ही चचचा उदास हो गए और बोल ldquoलाली होली िो हो ली मन कहा ldquoकया मिलब चाचा rdquo िो चाचा बोल ldquoशहरो का आदमी िो रोटी और पानी क हलए हदनभर खट रहा ह | पीन को िो महशकल स पानी हमलिा ह होली कस खलग और कस रग छडाएग | इतती महगाई म कस होली जलायग और कस पकवान बनायग | और हकसक सग होली मनाए जब हम य भी नही पिा हक पडौस क घर म कौन रह रहा ह सो बटा होली िो हो ली | याहन हम जो खलनी थी खल चक चचचा की आखो म उदासी थी हमारी आखो म परान चचचा और परानी होली थी | दखा छोटी सी गहड़या हकिनी सयानी हो गयी ह खस रह बटा भौि बहिया आहटदकल पिवायौ िन वस होली पर हकसी वररषठ को वररषठ कहना अहिशय गररषठ अपराा होिा ह हफर भी आइय अपन रप क एक वररषठ सदवीय हजनह सिीश सकसना क नाम स जान हलया जािा ह आइय की क़लम की बलौस ाार का आननद उठाया जाय -

सिीश सकसना

अपन घर म ही आखो पर कसी पटटी बाा रखी ह

इन लोगो न जान कब स मन म रहजश पाल रखी ह

इस होली पर कयो न सलगि हदल क य अगार बझा द मटठी भर कछ रग फागन म अपन घर म भी हबखरा द

हकिना ददद हदया अपनो को

हजनस हमन चलना सीखा हकिनी चोट लगाई उनको

हजनस हमन हसना सीखा वीनहहल आखो क आस कभी नही जग को हदख पाय इस होली पर घर म आकर कछ गलाब क फल चिा ल

जब स घर स दर गए हो ढोल नगाड़ बसर लगि

हबन पयारो क मीठी गहझया उड़ि रग सब फीक लगि

मटठी भर गलाल फागन म फीक चहरो को महका द सबक सग ठहाका लकरअपन घर को वीवगद बना ल

नमन कर

गर घटालो क पाव छऊ

भिहनयो क राजनीहि क मककारो नान स खली होली ह आओ छीट मार रग क बरा न मानो होली ह

गर ह गड स चला शककर गर क गर

पटाय जाकर गरभाई स राज पछकर गर की गया दह ली ह जहा हमला मौका दवर न जम क खली होली ह

घघट हटा क पग बनािी हहदी खश हो नाम कमािी

पि महथली सममख इसक अकसर भरि पानी ह हवहवीकी और कबाब न कस हसक खली होली ह

अामद करक ामद हसखाि ान पान क कमद हसखाि

निर बचाककस उसनदा म गोली घोली ह खददर पहन क निाओ न दश म खली होली ह

सिीश भाई क बलॉग पर जाए िो आप को हलखा हमलगा हक ldquoमा की दवा को चोरी करि बचच की वदना हलखगाrdquo एक अलग ही सोच वाल सिीश भाई हठामी रचनाकार ह बनान इनह वीवीकायद नही और भया होली हवशषाङक भी बनानो को उिनी िवज़िोह दना भी नही चाहिा होली ह िो बस होली क रङगो का मिा लि ह बस आइय पहल कछ कावय कहियो को पिि ह और हफर एक सटायर

इवीमि िदी ndash हशरा किगावी

ह होली रगो का तयोहार य रग बाट ह सब म पयार

न इन म दवष घोलना

य सदर भावो का सचार ह इक दज की य मनहार

न इन म दवष घोलना

ह होली नररि स इकार हदलो क बीच न हो वयापार

न इन म दवष घोलना

ह हपचकारी वो परम की ाार हगरा द नररि की दीवार

न इन म दवष घोलना

ह इन रगो क अथद हिार नही ह कवल य बौछार

न इन म दवष घोल

अनपमा हिपाठी

फागन की ऋि घर आई

परकहि गाय माविी

और बहार राग हर स ऐसा हछटका

फाग क अनराग का पराग

हदय छद हए वीवचछद मद मद महआ की गा

िोड़िी मन िटबा

हनशा रागवनिी हदवस परागवि अलमवीि मामास दख

वहनिा लाजवि

पलाश मन रग रगा पषप पखहड़यो स रगोली सजाई

हककी-फलकी बािो म स हावीय को िाड़ कर और हफर उस बग़र भौड़ा हय पाठको को गदगदान क हलय इवीिमाल करन क उपकरम ही को वयङय कहि ह भाई आलोक पराहरक ऐस ही वयङयकार ह जो हक बड़ी ही आसानी स पाठको क पट म गलगली मचा दि ह और कही-कही हम सोचन क हलय मिबर भी कर दि ह आइय उन क एक वयङयालख का आननद लि ह

होली क पासवडद - आलोक पराहरक

हजर वो वि गया जब शबद की वडद की कीमि होिी थी अब िो कीमि पासवडद की ह साफटवयर कारोबारी भी हनकल हलय ह नय ाा करन क हलए सो नयी कहानी सामन आयी गोहपयो स कहा गया हक इार मीहडया बहि माकट फर डली हो हलया ह आपक होली डास की फटज ल जािा ह फोकटी म और टीवी पर हदखा हदखाकर उनस इहशिहार वसलिा ह

करोड़ो म आप अपन होली डास को पासवडद परोटकटड कर लो जी होली डास का पासवडद दन क हम हसफद लाखो लग और मीहडया को वो पासवडद बिान क िम करोड़ो वसलना पर िब िो हमार वाल बाल भी हमार साथ डास ना कर पायग-गोहपयो न आशका जिायी नो पराबलम हम िमह पासवडद दग िम हजस चाहोगी उस य पासवडद द दना वह िमहार साफटवयर म इस फीड करगा और िम डास शर कर दोगी-टकनीकल एकसपटद न बिाया पर अगर हम पासवडद भल गय िो-सरल गोहपयो न सहज आशका रखी िो िम हमार कवीटमर कयर पर फोन कर लना दसरा पासवडद हमल जायगा टमसद एड कडीशनस एपलाई यानी पचास हजार रपय आपको दन होग पचास हजार रपय दन वाली बाि बहि ाीम स कही गयी गोहपया ियार हो गयी लाखो दकर पासवडद खरीद हलय करोड़ो कमान की उममीद म साफटवयर वाल हनकल हलय जाकर गोहपयो क पासवडद बिा हदय अमररकनो और उनस कहा हक आप इन पासवडो क सहार गोहपयो क साथ डास कर उनकी शहटग कर हफर उनह महग अमररकन चनलो पर हदखाय अमररकनो को पासवडद बिान क करोड़ो डालर वसलसाफटवयर वालो न होली क आसपास सीन य हआ हक बरजमडल म हसफद अमररकन गर गोहपयो क साथ डास कर रह थ गोहपया अहनचछक थी पर चहक उनक साफटवयर स अमररकनो का पासवडद मच कर गया था इसहलए वो खद ब खद डास कर रही थी और हआ य था हक गोहपया अपन पासवडद खद भल गयी थी गोहपयो न कवीटमर कयर सटर पर फोन कहा िो सीन य हआ- हलो म गोपी नबर वन बोल रही ह कया मरी बाि कवीटमर कयर एकजीकयहटव स हो सकिी ह जी कवीटमर कयर पर सपकद करन क हलए ानयवाद आपका हदन शभ हो आप अपनी जनमहिहथ बिाय जी जनमहिहथ िो मझ याद नही ह अर िो आप अपना पन काडद नबर बिाय

जी पन काडद िो मर पास ह ही नही ओक हफर िो आप को हमार नजदीकी दफिर म जाकर एक फामद भरना होगा िब आपको नया पासवडद कररयर स भजा जायगा पर जब िक य सब होगा होली हनकल जायगी मरी कमाई क सार चास खतम हो लग दहखय म िो आपको परोसीजर बिा रही ह होली हनकलगी या दीवाली हनकलगी य मझ नही पिा ओफफो जब आपक एकजीकयहटव पासवडद बचन आय थ िब िो बहि ही िमीज स बाि कर रह थ आप िो बहि बदिमीजी स बाि कर रही ह दहखय िमीज का सारा कोटा हम राहक बनान म खचद कर दि ह उसक बाद हमार पास हसफद बदिमीजी ही बचिी ह म आपको परोसीजर बिा चकी ह आप उस फालो कर ओफफो डास िो होली पर करना ह उसक बाद डास कयो करना दहखय अब िो डास साल भर चलिा रहिा ह कोई ना कोई फकशन होिा ह उसम डास कर सकिी ह हमारी सहयोगी कपनी िमाम शाहदयो म रौनक लगान क हलए अचछ डासर सपलाई करिी ह आप उस कपनी म अपना रहजवीरशन करा द पर साल आपको डास क आफर हमलि रहग ओफफो आप बाि नही समझ रही ह हम िो होली क मवीिी वाला डास करि ह हनमदल सहज आनद क हलए दहखय हनमदल सहज जस शबद जो आप बोल रही ह य िो अचछ नाम ह हनमदल नाम स घी या मकखन बचा जा सकिा ह कोई सि इस पर अपना कारोबार पहल ही चला गय ह सहज हकसी योग का बराड हो सकिा ह आप चाह िो य नाम रहजवीटर करा सकिी ह इस सबा म आप हमारी सहयोगी कपनी स मदद ल सकिी ह वह बहि सवीि भावो म आपको सहवदस द दगी ओफफो आप िो मझ कछ ना कछ बचन पर आमादा ह आप मरी पराबलम को साकव कीहजय ना चहलय मरी अपन हकसी सीहनयर कवीटमर कयर एकजीकयहटव स बाि कराइय दहखय िमा कर अभी हमार सार कवीटमर कयर आफीसर हकसी ना हकसी गोपी स बाि करन म हबजी ह आप राि को दो बज काल कीहजय िब वो फरी होग ओफफो राि को दो बज काल करन को कौन जगगा दहखय वो आपकी समवीया ह हमारी नही आपका हदन शभ हो और राि भी

इस होहलका कथा स हम य हशिा हमलिी ह हक कवीटमर कयर हडपाटदमट कवीटमर की कयर क हलए नही कपनी की कमाई की कयर करन भर क हलए होिा ह हम म स अहाकानश लोग पहरदमा वमदन जी क परककप lsquoअनभहिrsquo क बार म जानि होग ककपना जी उस परककप का एक महतवपरद हकरदार ह अनभहि को अनभहि हजस टीम न बनाया उस म ककपना जी का भी शमार होिा ह म इन स बस एक ही बार इन क खारघर हवीथि आवास पर हमला ह शायद एक दो बार फोन पर बाि हई हो वीवावीय को लगभग माि द चकी आदररीया ककपना जी साहहतय-सवा क हलय सदव ितपर रहिी ह साहहतय की हवहवा हवााओ म रचनातमक परयास करना इन का हपरय शगल ह आप क िप को नमन

ककपना रामानी

ऐ हवा रगो नहाओ आ गया फागन ाम मौसम की मचाओ आ गया फागन

दश स रठी हई ह राि पनम की

चाद को जाकर मनाओ आ गया फागन

वन चमन क फल आिर दख लो हकिन नह नयौिा दक आओ आ गया फागन

हफर रह ह मन-महदि सब बाल बहगया म झलना उनका झलाओ आ गया फागन

साज ह सरगम भी ह ियार ह घघर

िम सखी शभ गीि गाओ आ गया फागन

खग हवहग-व दो क जाकर कान म कह दो मोर कोयल को जगाओ आ गया फागन

िान हपचकारी खड़ी ह दवार पर होली परम की गगा बहाओ आ गया फागन

----------

फगनाहट स जाग उठी ह जग म होली

रग पलाशो स लकर जन

हए रगील साथ फब रह लाल हर

कसररया पील सख को मह हचिा रह रग

गील हसकर भग चिा पकवान हो गए

और रसील

हपचकारी पर हफदा हो रही कोरी चोली

फगनाहट स जाग उठी ह जग म होली

मौसम बदला नमद हवा न पाव पसार

खार जल क िाल हो गए मीठ सार

चस-चस कर आम कोहकला सर म कहकी

आए हमलन गल िमी स चाद हसिार

हररयारो स होड़ ल रह

ढम-ढम ढोली फगनाहट स जाग उठी ह

जग म होली

शहरो म डीज गावो म बजिी पजन

दश हो हक परदसपवद की

एक वही ान खिो म सरसो हखलिी

उदयानो कहलया कर कर म रस भर दिा

सखदाई फागन

आिा सग ामाल शगन की भरकर झोली

फगनाहट स जाग उठी ह जग म होली

------------ सार छद

रग हदवस फागन क

छनन पकया छनन पकया उड़ रग क बादल पीि गलाबी लाल हआ ह वसारा का आचल

छनन पकया छनन पकया यह ऋि सबको भाई भवरो की मनहार दखकर कली-कली इिराई

छनन पकया छनन पकया गमी घटाए िम की दख रही ह जलिी होली जाग राि पनम की

छनन पकया छनन पकया वन पलाश हफर दहक

रग सनहरा दख गगन म उड़ि पाखी बहक

छनन पकया छनन पकया हफर आम बौराया मोर कोहकला न बागो को सर म गीि सनाया

छनन पकया छनन पकया दखा दशय हवहगम

हपचकारी भर खग-मग लाए रग घोलकर अनपम

छनन पकया छनन पकया हई खब हखलवाई जब सहखयो न भग हमलाकर ठडई घोट हपलाई

छनन पकया छनन पकया गाए गीि शगन क

बार-बार जीवन म आए रग हदवस फागन क

अनिजादल पर lsquoछनन-पकयाrsquo को हमलोगो क बीच समभवि भाई योगराज परभाकर जी ल कर आय रामीर अञचल का साहननधय हजन लोगो को नसीब हआ हो वह जानि होग हक lsquoछनन पकयाrsquo या इस िरह क अनय िहकया कलामो क साथ हमार लोक-साहहतय म अपररहमि रचनाए हई ह और उन म स लगभग 99 अब लपत भी हो चली ह हम जसो को बावला कहन वालो का हम इसहलय बरा नही मानि चहक इस िरह की बािो को विदमान समय नोवीटाहकजया क नाम स जानिा ह याद आिा ह हम लोगो क बचपन म हवजञापन वाल हम बिाि थ हक नमक स दािन करन पर दाि ख़राब हो जाि ह और वही हवजञापन वाल अब हमार बचचो स पछ रह ह हक आप क टट-पवीट म नमक ह हक नही याहन आहख़रकार य लोग हमारी भोर को ख़चो क साथ शर करन म सफल हो ही गय ख़र समय न कब हकस की सनी ह जो हम लोगो ही की सनगा चहलय अब उस फरसहिया जी क सटायर स लतरनदोि हआ जाय -

ldquoएक रसबहकय की डायरीrdquo ndash अनप शकल उरद ररसहिया आजकल रसबक का जमाना ह लोग कछ भी करि ह उसका वीटटस FB पर डालि ह समोसा खा रह ह बोर हो रह ह अचछा लग रहा ह झझला रह ह बलॉकअनफ़र ड

कर हदया ऐसा रील कर रह ह वसा महसस हो रहा ह कछ हो रहा ह कछ-कछ हो रहा ह कछ भी हकया जाय अगर उसको रसबक पर न डाला जाय िो लगिा ह वो काम हआ ही नही रसबक वीटटस हबन सब सन हालाहक रसबक पर लोग सब कछ कह लि ह लहकन हरर भी बहि कछ रह जािा ह हजस शरारि क मार लोग साझा नही करि ऐस लोग अपन मन क भाव अपनी डायरी म हलखि ह ऐसी ही कछ डायररया हाथ लगी उनको दखकर लगा हक हकिना कछ छट जािा ह रसबक आन स उन डायररयो म स कछ क अश यहा परवीिि ह 1आज हरर उसन अपनी परोराइल हपक बदली बवकर को पिा नही हक परोराइल बदलन स शकल नही बदल जािी मन नही था लहकन लाइक करनी पड़ी हगकटी रील हो रहा ह रसबक क चलि हकतता झठ बोलना पड़िा ह 2उसन नयी रोटो लगायी ह हवा म उड़ि हय बाल दखकर मन हकया हक हलख- य बाल नही िर सर स बची-खची अकल हनकलकर बाहर भाग रही ह लहकन हरर हलखा नही उसको य खशरहमी हो जािी हक उसक पास भी अकल ह हकसी को कयो ाोख म रखना आख मदकर फोटो लाइक कर हदया

3उसन आज हकसी को बलॉक करन की उदघोषरा नही की मन हकया पछ हक िहबयि िो ठीक ह लहकन हरर नही पछा हकसी क पसदनल मटर म कया दखल दना हजतती दर म कमट हलखग उतत म दस ठो लाइक कर लग 4हपछल दस हदन स एक ही आईडी स रसबहकग करि-करि बोर हो रह ह खराब लग रहा ह सोचा था आज पकका नई आईडी बनायग लहकन नही बनाई य कया हो रहा मझ गगहलग करना पड़गी हक ऐसी मनहवीथहि को कया कहि ह कछ इमपरहसव कहि होग िो उसको अपना वीटटस बना लग - रीहलग हडटरमाइनड 5बलॉग दख रही ह आजकल वो मई उसका वीटटस सबस पहल लाइक करिी ह घोटाल क पीछ CAG की िरह उसक वीटटस स हचपकी रहिी ह पछना पड़गा उसस चककर कया ह आजकल चट भी नही करिा लगिा ह नई आईडी स चट करनी पड़गी य भी औरो की ही िरह ह 6आज उसन हरर कतत क साथ अपना रोट लगाया ह मन िो हकया मनका गााी को हलख द हक दहखय आपक रहि जानवरो क साथ हकतता िो अनयाय हो रहा ह लहकन हरर छोड़ हदया कमट हकया - (कतत का) रोटो बहि अचछा लग रहा ह बरकट क अदर वाली बाि मन म कही ही ही ही ही smile emoticon smile emoticon smile emoticon

7आजकल हजस दखो कहविा हलखन म लगा ह हकिना िो करर हो गय ह लोग शबदो क साथ अतयाचार दखकर मन दखी हो जािा ह कछ शबदो स बाि हई बचार कह रह थ -पिा होिा हक हमार साथ इतता बरहम सलक होगा िो हम हडकशनरी स भाग जाि रीहलग helliphelliphellip (खाली जगह रीिा स पछ कर भरगी उसको य सब अचछा आिा ह हक कब कस रील होना चाहहय ) 8िीन हदन स दषट न हकलो नही बोला सोचिा ह म पहल बोल माई रट मर पाच हजार दोवीि ह िीन हजार िीस रालोवर उस बवकर क िीन सौ इकवावन दोवीि गवीसा आ गया उसक वीटटस पर (हजसको पहल लाइक हकया था) जाकर वीटटस को सकड़ो बार हडसलाइकलाइक हकया वीटटस को हझझोड़ कर रख हदया कल रील हआ हरर वीटटस लगाया- भटटा चबा रह ह ठड़ा पीि हय smile emoticon

9कछ भाई लोग िो जञान की बाि इतती बवकरी स करि ह हक मन करिा ह एक उननाव क डौहडया गाव म खदाई क हलय लगी एक ठो जसीबी इनक हदमाग म भी लगा द सारी अकल का मलबा हनकाल क हदमाग को खाली कर द लहकन हरर लगिा ह कड़ा कड़दान म ही रह िो अचछा जमीन पर काह को रलाया जाय 10आज मड की भी छटटी थी छटटी मिलब सड समझकर मन टीना को सड वाली आईडी स हकलो बोल हदया वो घट भर िक मह रलाय रही िरह-िरह क बवकरी क आइकान भज कर उसको मनाना पड़ा य लड़हकया भी हकतती चजी होिी ह यार मन िो हकया हक वीटटस लगाऊ -टाहकग ट रल रीहलग इरीटटड लहकन हरर लगा वो समझ जायगी िो वीटटस लगाया- एनजवाइग सड रीहलग रट

11दोवीि बिा रहा था हक वो आजकल बहि वयवीि ह दो आईडी बनाई ह उसन दोनो पराानमहियो की िरर स रसबक पर जग लड़िा ह एक आईडी हकसी क हखलार वीटटस हलखिा ह दसरी स उसक हखलार िकद घट दो घट एक वीटटस पर कशिी लड़न क बाद अगला वीटटस लगा दिा ह बिा रहा था पराानमिी कोई बन उसका चमचा-इन-चीर बनना पकका ह राजयमिी क दज की आशा ह मन हकया उसको कह rsquoशखहचकली कही कrsquo लहकन rsquoरटrsquo कहक बॉय कह हदया वीटटस सटाया- रीहलग ररलकड 12भाईसाहब न बहि हदन स कोई वीटटस अपडट नही हकया आज एक लड़क को रसलाकर लगभग जबररयन समोसा हखला रह ह पकका दस हमनट क अदर वीटटस लगायग- आज एक भख को भोजन कराया सिषट महसस कर रहा ह म सोच रहा ह हक म कमट करगा ndash कया अजब पाखड ह लहकन मझ पिा ह हक म हकसी को हटद नही कर सकिा राइनली हदल पर पतथर रखकर हलखगा- मानविा की सचची सवा 13आज शाम एक फ़र ड का रोन आया कहा आज हकसी स रसबक बरकअप नही हआ िहबयि घबरा रही ह रीहलग लो मन कहा िो म कया कर िो उसन कहा यार ि ही मझस लवर बनकर बाि कर ल आईडीपासवडद भजा ह िरी मल म मन कहा -मझ इस सब झमल म नही पड़ना उसन हरर दोवीिी की कसम दी िो मझ दया आ गयी मन कहा अचछा चल लाग इन करि ह मरी हकवीमि अचछी लाइट चली गयी थी मन उसको एसएमएस हकया उसका जबाब आया -कोई नही मन खद दो बराउजर स चट करक बरक अप कर हलया िझ हहचहकचाहट हो रही थी अचछ स हो भी नही पािा िर स नाऊ रीहलग ररलकवीड मन वीटटस लगाया- कस-कस रस ह रसबक क रीहलग सरपराइजड ऐसी न जान हकिनी बाि डायरी म हलखी हई ह सबको यहा हलखना ठीक नही ह नमन बिा हदय आप अनदाजा लगाइय हक और कया-कया हलखा होगा डायररयो म आप भी रसबक डायरी हलखि हो िो शयर कररय अपन हवचार कोई हहचहकचाहट हो िो अनाम नाम स मझ भज दीहजय हम छाप दग आया न मिा और पिना चाहि ह इन को ठीक ह थोड़ी दर बाद पहल कछ और रचनााहमदयो को भी पि हलया जाय

डॉ (सशरी) शरद हसह

हदलो म रग भर द पयार का हफर इस दरा होली हक मौका द ही द दीदार का हफर इस दरा होली

न हशक़वा हो न कोई हो हगला इक-दसर क सग हमटा द दाग़ हर िक़रार का हफर इस दरा होली

ग़मो को दर सरका द खशी को साथ ल आय

रख माहौल बस इकरार का हफर इस दरा होली

महबबि की हसफाररश हो महबबि की इबादि हो रह तयोहार इक इसरार का हफर इस दरा होली

य होली म सभी क साथ होन का मिा आए

लग हर शख़स जयो पररवार का हफर इस दरा होली

सशीला हशवरार

कहा गए वो चग-डर अपनापन अनराग गीिो की रसाार हबन हकिना सना राग

ढोल-चग की गज पर मन उठिा था झम अब गहलया सनी हई कहा गई वो ाम

मवीिो की टोली नही नही वीवाग क रग बस टीवी म रह गया होली का हड़दग

रग हरिा म छा गए नील-पील-लाल

म हबरहन सखी रही मझको यही मलाल

मोहन अब रगि नही रााा िर गाल कलयग ह द वापर नही दहनया कर सवाल

सग अबीर-गलाल क मला कौन-सा रग लोग कह म बावरी जग स हई हनसग

सावररय क रग-सा हमला न दजा कोय िन लाग जो सावरा हर हदन होली होय

उसन य दखा मझ हई शमद स लाल

हसरि हदल म रह गई मलिी खब गलाल

ामनर कमार lsquoसजजनrsquo

िर भर चिकर जो हमट रग बड़ा बकार साि जनम िक साथ द वही रग िन डार

बदन रगा िो कया हकया मन को रग ल यार

मौका भी दवीिर भी होली का तयोहार

रगो क सग घोलकर कछ टट सवाद ऐसी होली खहलए बरसो आए याद

जाकर य सब स हमलो जस हमलि रग

कवल हपरयजन ही नही दशमन भी हो दग

रग सभी फीक पड़ जब आई मख लाज इन गालो क रग स आओ रग द आज

सख रगो स करो सिरगी ससार

पानी की हर बद को रखो सरहिि यार

फागन न आकर कहा अपन हदल का हाल गोरा मखड़ा ाप का हआ शमद स लाल

रग न हो िो परम भी रग दिा ससार परम न हो िो वयथद ह रगो का अबार

िझको रगन थी चली पीली पीली ाप गोरा िन छकर हई उजली उजली ाप

आखो आखो म चल सार रग गलाल

अपनी होली चल रही य ही सालो साल

ओबामा जी अगर हलकन हिदा होि िो

सजीव हनगम

सबह सबह चचचा अपन घर रपी िोप नली स गोल की िरह जो छट िो सीा हमार घर म आकर रट उनक हाथ म सबह का अखबार था और मह स दनादन ऐस शबद हनकल रह थ हजनह सन कर पहलस वाल भी शहमिदगी महसस करन लग ऐसी िबरदवीि गोलाबारी क सामन पड़ना अपन खद क अहिम सवीकार का इििाम करना जसा ही था इसहलए हम हाथ म सरद रमाल थाम उनक शाहबदक रप स ठडा होन की राह दखन लग थोड़ी दर बाद वह शभ घड़ी भी आ गयी और व उस अकसहशयन की िरह स शाि होकर बठ गए जो घर आय महमान पर भौक भौक कर थक गया हो मन हहममि करक पछा चचचा आप िो ओबामा की िरह स सभय आदमी थ य अचानक ओसामा कस बन गए यह सनि ही चचचा हफर स पाहकवीिानी फौहजयो की िरह स हबना कारर फायररग करन लग बोल नाम मि लो उस ओबामा का मर सामन जब अभी भारि आया था िो कया कया अरमान दख थ मन उसकी और अपनी दोवीिी क यह सोच सोच कर म हकिना खश था हक उस दोबारा यहा दख कर चीन हकिना जल रहा होगा पाहकवीिान हबलख रहा होगा यहा िक हक जब जाि जाि उसन हम हबन मागी सलाह द डाली िब भी मन उस पान क अडड पर खड़ हकसी दोवीि की चहलबािी समझ कर झल हलया था - पर उसन िो वहा जाकर भी - अमा िम अपनी िोि जसी चोच बद रखो य हम दो बड़ी हहवीियो क बीच का मामला ह उसम िम अरर जटली की िरह स बीच म घसन की कोहशश मि करो सषमा वीवराज की िरह स अलग ही रहो हम पिा ह हक उसन वहा जाकर भी हमारी िरफ इस बयान की हपचकारी मारी थी हक भारि म ााहमदक असहहषरिा इिनी बि गई ह हक यहद महातमा गााी हजदा होि िो व आहि होि - लहकन अब िो वहा भी hellip

- हा वही िो hellip बड़ा आया हम जञान दन वाला अब उसक अपन यहा ााहमदक असहहषरिा की ऐसी हरकि हो रही ह िो अब समझा ना अपन लोगो को हम जो जञान हदया था उस कॉपी पवीट करक अपन कपयटर जस दश क होम पज पर डाल न - सही कह रह ह आप पर य सब मझस कहन स कया फायदा - वो िो म भी जानिा ह िम जसा सवीि सट पहनन वाला इन सब बड़ी बड़ी बािो को कया समझगा य िो लाखो रपय का सट पहनन वालो क समझन की बाि ह - िो हफर उनह ही समझाईय न मर घर को कयो राज पथ बना कर 26 जनवरी का शहि परदशदन कर रह ह - हम यहा कोई शहि परदशदन करन नही आय ह बहकक राषर हहि म िमस एक कबादनी मागन क हलए आय ह कही गवीस म इनहोन इवीलाहमक वीटट जसा कोई आिकवादी सगठन न बना हलया हो और उसका पहला हफदायीन मझ ही बनान का न ठान हलया हो यह सोच कर मरी सास डर क मार अपन आप िोर िोर स अनलोम हवलोम करन लगी डरि डरि आवाि हनकली कसी कबादनी चचचा - हम थोड़ी दर क हलए क हलए िमहारा मोबाईल चाहहए - कयो भला - ओबामा स बाि करनी ह और उसस पछना ह हक आज अगर अबराहम हलकन हिदा होि िो व हकिना आहि होि लहकन मरी दशभहि न ही मझ मर मोबाईल क माधयम स अमररका स समबना ख़राब करन स रोक हदया मन मोबाईल म बलस न होन का कारगर बहाना बना हदया चचचा न दवादसा की िरह स अहिशय करोा स मझ घरा और हफर हकसी सचच मोबाईल ाारी दशभि की िलाश म हनकल गए

समीिा परवीर कशवा

रग लगाक ि न जा मझ रग लगाक अपन अग लगाल सावररया रhellip

पवन बसिी ि बनक सग बहा ल अपन हदल म बसा ल सावररया रhellip

फागन न जकफ खोली मदहोशी नभ म घोली

ाानी आकाश हआ ारिी भी उसकी होली

रगो स रग हमल सिरगी फल हखल पखरी लाज खोए

भवरा जो उसप डोल बाह पसार नदी क दोनो हकनार

इकदज को पकार बलम आजा रसावररया रhellip

लरज कपोल लाल सया रग गलाल भावभरा रग घला

िन मन हए सब लाल सजना क सग सखी

ऐस म रग रगी खद स ही परीि हई खद स ही जग हई

परीि लगाक अपनी नीद गवा क सजन सग बन गई म िो बावररया र सावररया रhellip

कावय करन को चल ह हम भरािा सच पछौ िौ हम कछ नही आिा 01

हफर ह हमन बहि िहनक लगाई

झट सो यो एक यहि बझ आई 02

एक शबद ह िाक अनक हवकार इनकौ कीज िजद- बनद वयवहार03

शबद-हवकार प पन-पन करौ परहार

ठोको- ठासौ और नक लउ हनहार 04

जस-जस शबद वीव- पकार सनाव िस-िस कावय पहि बन आव 05

अब िौ भईया हम ह कहव कहाए

मन ही मन यो मवीि मोद मनाए 06

एक हदन जमौ बड़ौ कावय वयापार कहव-कल कौ कछ कह आर न पार07

सब न अपन-अपन जब पाठ हकय

शरगार हावीय वीर रस क ठाट हकय08

अलकारन क अदभि उपयोग हकय वकरोहिन क हवलिर परयोग हकय09

छनदन सौ अनठ स अनबना हकय

चमतकहि क अतयि सपरबना हकय10

हमन ह हहममि अपनी नक न हारी कावय म कावय की यहि कह डारी11

अब हनरदय कौ अवसर जयो आयौ

हमरौ नाम उनन सवद- शरषठ सनायौ12

हलयौ पचन न हम पनः मच बलाय हदयौ टट जिन कौ एक हार हपराय13

िब व बोल मनद-वीवर य मद भाखा

नीच स आपकौ नमबर एक ह आका14

यह सब दखद दशय दखि घर-वारी घर पहचि ही वाकी हवकट सवारी15

बड़ चल हौ िम हनि कहव बनन कौ आयी न नक ह लाज या झठ रन कौ16

बालक भख घर सौ मस ह हफरि ह

टट ह पाि वसतरन क पबनद फटि ह17

मददि स हर बाररस यह छतत चआनी बस अब की बार ह सच फशद प आनी18

कहव-जन एक बाि म कहौ सहवचारी

मानौ न मानौ हौ अब आप अहाकारी19

रोजी-रोटी जब लौ नही हसि जगाड़ी कहव नही कबह कहव ननद अनाड़ी 20

- एन एल चिवदी नगीना उरद lsquoननदrsquo

साहहतयम पर आप लोग जो रसील और चटील वयङयालखो का रसावीवादन करि ह उस का हजममा भाई कमलश पाणडय जी न उठाया हआ ह कहन की आवशयकिा नही हक साहहतयम का कल कामकाज वीवहचछक और अविहनक ह आज क दौर म ऐस साहथयो का हमलना सौभाय ही कहा जायगा वस भी पसा सब कछ खरीद सकिा ह मगर समपदर की भावना नही कमलश जी वीवय भी एक बहिरीन वयङयकार ह कमलश जी क सटायसद की हवशषिा ldquoबारीक़ीrdquo ह आप बड़ ही हनराल अनदाि म पाठक को अपन साथ बहा ल जाि ह आइय कमलश जी क एक रसील और चटील वयङयालख का रसावीवादन करि ह-

फाहयान की हफकमी डायरी कमलश पाणडय

उस रोि फ-ची न बिाया हक भारि-भरमर पर जान स पहल वहा की कछ हफकम

दख ल िो पयादपत मागददशदन हमल सकिा ह फची कहिा ह हरकम हकसी भी समाज का दपदर होिी ह सो इनह दख लो सभव ह भारि जान की आवशयकिा ही न पड़ यही बठ-बठ भारि पर एक वहद रथ हलख सकि हो कल बािार स विदमान काल म बनी डि-दो सौ भारिीय हफकमो की सीडी क जलदवीय सवीकरर ल आया जो प-ईहचग क चोर-बािार म मोमो क एक पलट स भी सवीिी हमल गई आज परािः काल भजन-पजन क उपराि उनक अवलोकन क हलए बठ गया ह य एक नया ही ससार परिीि होिा ह फ-ची ठीक कहिा था हक चीन म फली भारि समबनाी भराहियो पर करद न ारो मझ सही मागददशदन दन वाल फ-ची को साावाद कहि हए अब आरमभ करिा ह एक आठ परहर स हनरिर भारिीय जीवन की इनरानषी छहवया दखि-दखि नि चहाया गए ह और महषिषक िो मानो हनहषकरय ही हो गया ह अभी थोड़ सरा-पान क उपराि जी

हकका हआ िो भारि- जो अब ईहनडया कहलान लगा ह ndash की आकहि कछ-कछ दहषटगोचर होन लगी ह य िो हनहिि ही ह हक इहणडया अतयि समि दश ह हफकम का नायक जो वीवय को आम-आदमी और हनादन मनषय बिािा ह एक बड़ स भवन म रहिा ह हडिाइनर परराान पहनिा ह चमकि वाहन पर यािायाि करिा ह और एक सनदरी स परम करिा ह कभी-कभी सदररयो की सखया एक स अहाक हो सकिी ह पर जब वह नतय रि होिा ह िो सदररया अनि होिी ह हजन ानाढय लोगो स उसकी शििा होिी ह उनक िो कया कहन उनकी जीवन शली चीन क समराट को भी लजा दन वाली ह वस अहाकाश हफकमो म नायक पहलस अहाकारी ह ऐसा परिीि होिा ह हक इहडया म सभी पहलस अहाकारी बनना चाहि ह हजसका कारर यही मालम होिा ह हक उनक घर और ठाट-बाट राजाओ स परहिवीपााद करि दीखि ह इसस िो यही लगिा ह हक इहडया म अब सवदहारा कोई नही बचा दो आम आदमी पर आााररि एक हफकम का अवलोकन करन क बाद इस हनषकषद पर जा पहचा ह हक इहडया क आम-आदमी सर-सपाट क शौकीन होि ह और परायः अपनी परहमका क साथ मनोरम वीथलो पर भरमरशील रहि ह उसकी परहमका वीवय को अतयि हनादन बिािी ह जो उसक अतयकप वसतरो को दख कर िो सतय परिीि होिा ह परनि जब उसक आभषरो और चरर पादका पर दहषट जािी ह िो थोड़ा सदह भी उतपनन होिा ह परायः य लोग कही आकाश स परसाररि होि सगीि पर गायन करन लगि ह िो हर बदलि लय क साथ वसतर वीथल और वाहनाहद बदल दि ह समहि का िब चरमोतकषद हदखिा ह जब य लोग गीि का हर अिरा हकसी अनय दश की भहम पर गाि ह और पलक झपकि ही उनह वहा पहचा दन वाला वाहन कही नही हदखिा हनिय ही वहा का हवजञान अभिपवद परगहि कर चका ह सभव ह वहा हर आम आदमी क पास अपना हनजी वाययान हो िीन आम आदमी की मोहक छहवयो वाल दशयो को दखि जी ही नही भरिा यह भी जञाि हआ हक इहडया एक अतयि सनदर दश ह जहा एक ही वीथल पर समर हहमाचछाहदि पवदि रहगवीिान और झरन ह कई एक वीथल िो ह-ब-ह हवीवटिरलड नामक दश क सामान ह य भी समभव ह हक आम आदमी क भरमर-लाभ हि इहडया म ही कही-कही यरोप-अमरीका आहद महादशो की परहिकहि रच ली गई ह गीिो क दशयो म िो य बाि एक दम हसि हो जािी ह जस ही नायक-नाहयका गायन परारमभ करि ह ढर-सारी सदररया नाचिी-गािी उनकी सगि करन आ जािी ह य भी वसतरो की दहषट स अतयि हनादन लगिी ह परनि हवीथहि पर गौर करन स वीपषट हो जािा ह हक ऐसा नही ह कया समरिट पर सट पहन कर जाया जािा ह या हक राहि-कलबो म बकाद ओि कर इसस य भी वीपषट ह हक इहडया म नाररयो को इचछा-नसार पहनन-ओढन घमन-हफरन नाचन-गान की वीविििा ह चार फची गलि कहिा ह हक इहडया म बहि गरीबी ह उस ऐसा कछ हरकम ही दखकर लगा था उसकी सलाह पर आज ऐसी कछ हरकम दखी इनम टट-फट घरो म कछ हभिक-परकार क पराहरयो का जीवन हदखाया गया था सकषम दहषट डालन पर इन बहवीियो क पीछ खड़ हवशाल महल हदख जाि थ जहा स कछ आम आदमी आकर इन बहवीियो को हगराना चाहि हदखाए गए थ पर उनका उदशय इन झोपहड़यो की जगह महल बना कर पर इहणडया को एकाकार कर दना था समयाभाव म इनका बनाना हदखाया नही जा सका एक राजनिा न बिाया हक गरीबी को परचाररि करन क पीछ हवरोाी राजनीहिक दलो का दषपरचार ह जो मझ सो सतय लगा मझ िो इसम

चीन का हवीि होन की भी समभावना हदखी कयोहक ऎसी एक हफकम म हनादन लोग बार-बार माओ का नाम ल रह थ पाच ऐसा परिीि होिा ह हक इहडया म सभय लोगो की भाषा हहनदी ह य भाषा अरजी क शबदो और वीथानीय भाषा क कारको स बनी ह हबना पि-हलख लोग कई वीथानीय भाषाए बोलि ह परायः लोग कवल अरिी भी बोलि पाए जाि ह पर आम िौर पर अरिी क दो एक वाकयो क बाद हहनदी पर उिर आन की परवहतत ह नाहयकाए और हसतरया अरिी बोलना पसद करिी ह पर जब वो हहनदी बोलिी ह िो भी धवहन अरिी-सी ही आिी ह ऐसा परिीि होिा ह हक उनह भाषा की दीिा मलिः अरिी म हमली ह और हहनदी उनहोन हकसी हहनदी हफकम म काम करन क उददशय स सीखी ह गान अहपि हहनदी म ही गाय जाि ह पर वहा और भी कई भाषाओ का मल हदख पड़िा ह एक गीि िो ऐसा था हजसम बड़-बड़ नगाड़ो की िाल पर पजाबी नामक भाषा म बहि सारी अरिी और थोड़ी हहनदी हमलाई गयी थी ऐस कछ गीिो क रचहयिा कोई lsquoयो योrsquo नामक महाकहव ह जो अपन गीिो म यवाओ को कम महदरा या मादक पदाथो क सवन करन जस सावीकाररक सदश दि रहि ह इन गीिो क भावाथद जो भी हो इसम कनयाओ का नतय अदभि ह- शबदो को समझ हबना ही सभी अथद वीपषट हो जाि ह छह आज दहिर इहडया की कछ हरकम दख कर पिा चला हक इहणडया क इस भखड म परष अहि-शहिशाली और नाररया खब भरी-परी होिी ह नायक िो इिना चपल होिा ह हक चशमा हसगरट या हपवीिौल जस उपकरर पलक झपकि ही अपन शरीर क हवहवा हहवीसो पर अिररि कर लिा ह इस नायक क एक आघाि स खलनायक कई पलो िक वायमडल म गोि खािा ह और कभी-कभी िो आकाश म ही हवलीन हो जािा ह उार नाररया रग-हबरग कलशो और इनरानषी आकहियो क बीच मादक नतय करिी रहिी ह वहा का एक नायक िो सवद-शहिमान ईशवर क समकि ह उसकी शहियो क हवषय म अनक हकवदहिया परचहलि ह जो फ-ची क अनसार रजनी-जोकस नामक रथ म सगहीि ह साि कछ राजनीहिक हरकम दख कर ऐसा परिीि हआ हक इहणडया म सभी निाओ की अपराा करन-करान म गहरी रहच ह परायः समाज म खलनायक निा ही होिा ह य लोग सरा-सदररयो हहथयारो सनदर परासादो और चमकि वाहनो क बीच ही रहना पसद करि ह आवशयकिा पड़न या न पड़न हकसी भी हवीथहि म हकसी की हततया कर दना इनक वाम-हवीि का कमद ह बलातकार हि इनह यो िो सभी हकवीम की नाररया पसद ह पर नायक की बहन या परहमका पर हवशष कपा रखि ह ऐसा लगिा ह हक इनकी हदनचयाद हकसी षडयि स आरमभ होकर हकसी हततया पर समापत होिी ह इनक अगरिक चीनी यि कला म हसिहवीि होि ह और अवसर पाि ही सााारर मानवो पर ईया-ऊआ करि टट पड़ि ह एक राजनिा की कररिा दख कर िो मरा हघघघी नामक अग बा ही गया इहडया म इनही अहिमानवो म स जनपरहिहनहा चनन का परावाान मालम होिा ह चन हलए जान क बाद य परायः शवि वसतर ाारर करि ह और सभाओ म भाषर दि हफरि ह पर अििः अपराा क सभी सि उनस ही जड़ होि ह चनाव एक रोचक अवसर होिा ह जब ढर सार वाहनो म लोग रग हबरगी झहडयो क साथ नारा लगाि घमि ह आठ इहडया का य रग दख कर िो दग रह गया ह एक मदान म लाल पील हार नील िातपयद य की सभी परकार क रगो स सराबोर हिारो मनषय एक साथ नतय कर रह ह सबक

वसतर शवि ह िाहक रगो की छाप गहरी उभर गाज-बाज क साथ एक समह गीि गाया जा रहा ह हजसम गोररयो की चोली पर रग डालन की परररा दी जा रही ह चनररया को हभगोन पर हवशष जोर ह सदररया परषो स जोड़ बना कर मादक नतय कर रही ह रग जो ह उड़ भी रह ह बौछार बन कर बरस रह ह और चहरो पर पोि भी जा रह ह इहडया की इस रगीन छहव को दख कर हपछली सारी छहवया ााली हो गई ह ऐसा परिीि हो रहा ह हक मानो परा दश एक ही रग म रगा ह भल ही वह हिारो रगो म वयि हो रहा हो पिा चला ह हक य एक तयौहार ह हजस होली कहि ह एक हदन पहल इहडया क लोग होहलका जलाि ह हजसम अपनी बराईयो की आहहि डालि ह मन भी आज इहडया की बरी छहव बनान वाली हपछली हफकमो की सीडी एकि कर उनकी होहलका जला दी और उसकी राख इन बरगलान वाली हरकम दखन की सलाह दन वाल फ-ची क मह पर मल आया आज इहणडया की यािा की ियारी परी कर ली ह दो हदनो क पिाि होली ह उस दख हबना इहडया की यािा कस समपरद होगी य ह कमलश पाणडय जी और य ह उन का अनोखा वाला रङग जो मझ बहद पसनद ह इस आहटदकल को चाह िो माि मनोरञजन क हलय भी पिा जा सकिा ह और अगर कोई वयहि समय हनकाल कर इस की थाह को नापना चाह िो नपप भी सकिा ह कमलश भाई जी क एक हमि ह हवनोद हमशर हवनोद जी ररसणटली बरसाना हो कर आय ह हवनोद जी न साहहतयम क हलय बरसान की होली की दो बहि ही सनदर-सनदर िवीवीर भजी ह हवनोद जी का बहि-बहि आभार य ह वह दो िवीवीर -

डा वी क भकला

हजजजा सग होली

लगा कर भोग महावीर को और चिा कर फल बिीसा बड़ भहिभाव स पि रह थ हम िो हनमान चाहलसा महावीर जब नाम सनाव

भि हपचास हनकट नही आव िभी मरी साहलया आ कर बोली खलग हम जीजजा सग होली और मरी हसटटीहपटटी गम होली कािर वीवर म हमन पकारा

ह हनमि अब िरा सहारा सन पकार मरी हनमानजी धयान म आए

और मझस य ररमाए वतस म िो ठहरा बाल बरहमचारी

कस हर म हवपदा िमहारी इस लरड़ म मझ न लाओ

िमहारी घहटया ह िमही बजाओ पड़ा सकट मोचन नाम भी झठा हदखा गए हनमानजी भी अगठा

मरी साहलओ न जी भर की मरी पिाई दिा रहा हाए म दहाई

िभी शरीमिी जी बाहर स आई मझ दखि ही हचलाई

अजी सनि हो जरा बाहर आओ कोई लरगा घर म घस आया ह

उस मार कर बाहर भगाओ ाीर स मन खखारा

अरी भागवान य म ह पहि िमहारा िो शरीमिी जी िनक कर बोली

वाह मर छला बहि भाए हो सबह सबह कहो हकसस

मह काला करवा कर आए हो मन अपनी करर गाथा उस सनाई

िो शरीमिी जी हभननाई और अपनी बहनो को आवाि लगाई

कया मरा ही पहि हमला था मह काला करन क हलए

िो वो बहयाई स बोली दीदी अगली होली म

िम हमार पहियो का मह काला कर दना िमहारा सारा हशकवा हमट जाएगा हहसाब एक दम बरोबर हो जाएगा

हमन कछ वि क हलए बाहर हनकलना बद कर ह

यह सोच कर हक अगर हकसी न पछा हक िमहारा मह हकसन काला हकया

िो कया जवाब दगा

हवजनर शमाद

सरहद स आया नही होली पर कय लाल मा की आख रग स करिी रही सवाल

आखो को भी ह हगला कर हशकायि गाल बरी ख़द आया नही हभजवा हदया गलाल

कौन बजाव फाग प ढोल नगाड़ चग चारो िरर उदाहसया गायब हई उमग

मौक़ा था पर यार न डाला नही गलाल

मरझाय स ही रह मर दोनो गाल

हरि म थ यार सब दशमन भी था दग मन उसक गाल पर लगा हदया जब रग

इििार क रग म गयी बावरी डब होली पर इसबार भी आया ना महबब

और अब ररसहिया जी का एक और ाास सटायर ाास इसहलय हक समझ म नही आ रहा हक इनह खाङरसी कहा जाय हक हफर भीजफी बाला

आजकल बचार कालान की मरन ह कोई भी घपला होिा ह काल ान पर िोहमि लगिी ह बलक मनी की थ-थ होिी ह जस निा चमच क हबना महनि चल क हबना आईपीएल हरहकसग क हबना

अारा लगिा ह वस ही कोई भी घपला काल ान की चचाद क हबना अारा लगिा ह घपला अगर कोई

आाहनक जहटल कहविा ह िो काला ान उसका आम जनिा की समझ म आन वाला सरल अनवाद ह घोटाला यहद कोई अबझ हसिाि ह िो काला ान उसकी सहज टीका ह जस पाहटदया चद क हबना निा लफ़राजी क हबना लखक अपनी उपिा का रोना रोय हबना नही रह पािा वस ही दहनया का कोई भी बड़ा ानाा हबना काल ान क नही पनप सकिा दहनया म हजिन भी मजबि ाना ह चाह वह हहथयार का हो ामद का हो या हरर हशिा का ही कयो न हो सबकी बहनयाद म काल ान की सीमनट लगी ह काला ान न हो िो हवीवस बक रवीस बक होकर रह जाय अपन दश म हपछल बीस सालो म हजतता हवकास हआ ह काला ान उसस कई गना जयादा बिा ह गहरि की भाषा म कह िो हकसी भी आाहनक समाज का हवकास उस समाज म मौजद कालान की मािा का समानपािी होिा ह इस सबक बावजद कालान को लोग इजजि की हनगाह स नही दखि कालाान कमान वाला िक खलआम उसकी आलोचना ही करिा ह राजनीहिजञ चनाव भल काल ान क सहार लड़ लहकन सावदजहनक रप स कालान की ऐसी बराई करि ह जस वामपथी दहिरपहथयो की करि ह अमररकी कयबा की करि ह पाहकवीिान वाल भारि की करि िरह ह अपन परहि दहनया का यह दवदातमक इजजिवाद दखकर बचार कालान क हदल पर कया बीििी होगी दहनया क ाोख को दखकर उसका मन भी हजया खान की िरह लटककर हनपट जान का करिा होगा उसका भी मन करिा होगा हक सरकारी गवाह बन जाय और सबकी पोल खोल द हक कस िमाम लोगो स उसक अिरग सबा रह कस लोगो न उसका सहारा हलया आग बि और सहारा हलया लहकन जब सरलिा क हकवीस सनान की बारी आयी िो शरय अपनी महनि लगन और बहि को हदया कालान क योगदान की सरासर उपिा कर दी यह वसा ही ह हक हकसी दश क इहिहास म राजा राहनयो क हकवीस हलख जाय लहकन महनिकश जनिा की कहानी गोलकर दी जाय लहकन हरर कालाान शायद यह सोचकर चप रह जािा होगा हक अपरााी कोई भी हो लहकन बराई उसी की होनी ह बइजजिी िो उसी की खराब होनी ह इसक बाद शायद वह यह सोचकर चपचाप अपनी करििो म जट जािा होगा हक आजनही िो कल उसको वह इजजि अवशय हमलगी हजसका वह हकदार ह उसको भी खल आम उिनी ही वीवीकायदिा हमलगी हजिनी की आज समाज म जाहिवाद सकीरदिा भाई भिीजावाद भायवाद और काहहली को हमली ह काला ान सोचिा होगा- जस बाहकयो क हदन बहर कया पिा वस ही उसक भी बहर

और साहथयो चलि-चलि अपनी जड़ो की ओर - बरहमलीन सनि कहव हशवदीन राम (जोशी) की सनि-वारी आप ही क आधयाहतमक हशषय आदररीय शरी हकशोर पारीक [खणडला] जी क सौजनय स

गोकल व बरसान की नार बजाय-बजाय बजा रही िारी अर वनदावन की बनी व बनी बनक ठनक अरी द रही गारी

शयाम को शयामा सजाय सजी अहो और गलाल लगावि पयारी हशवदीन व जोरी स जोरी हमलीबरज खलि होरी ह बाक हबहारी

मगल समगल सदा ही आननद रह नदलाल

ि गलाल डार दख सखी आ रही राा मिवाली आली चाली रग डारन को

गोहपया हनराली गाली शयाम को सना रही सन-सन क शयामलाल सग-सग गवाल बाल

बाजि मदग िाल राा जी गा रही कहिा हशवदीन लाल ऐसी गलाल उड़ी

बादर बन लाल लाली चह ओर छा रही

बरज वनदावन ााम रग स रगा रगीला हरा मोहिया लाल रग ह पयारा पीला

ाम ााम स खल खल रह होरी दखो शयामा शयाम सजान और सग गोरी दखो

चह ओर हपचकाररया रग-रग की ाार हशवदीन सरस रस रहसक जन पीव करर-करर पयार

राम गर गायर

भारि की लोक समपदा फागन की फाग - आचायद सजीव वमाद सहलल भारि हवहवावरी लोक सवीकहि स सपनन- समि परमपराओ का दश ह इन परमपराओ म स एक लोकगीिो की ह ऋि पररविदन पर उतसवामी भारिीय जन-

मानस गायन-वादन और निदन की हिवरी परवाहहि कर आनहदि होि ह फागन वषािि िथा चि वषादरमभ क साथ-साथ फसलो क पकन क समय क सचक भी ह दहिरायनी सयद जस ही मकर राहश म परवश कर उततरायरी होि ह इस महादवीप म हदन की लमबाई और िापमान दोनो की वहि होन की लोकमानयिा ह सयद पजन गड़-हिल स हनहमदि पकवाननो का सवन और पिगबाजी क माधयम स गगनचमबी लोकानद की अहभवयहि सवदि दखी जा सकिी हमकर सकराहि हखचड़ी बसाखी पोगल आहद हवहवा नामो स यह लोकपवद सकल दश म मनाया जािा ह पवदराज होली स ही मधयोततर भारि म फागो की बयार बहन लगिी ह बदलखड म फाग बजभहम म नटनागर की लीलाए हचहिि करि रहसया और बााई गीि अवा म राम-हसया की जगल जोड़ी की होली-करीड़ा जन सामानय स लकर हवहशषट जनो िक को रसानद म आपादमवीिक डबा दि ह राम अवा स हनकाकर बदली माटी पर अपनी लीलाओ को हववीिार दि हए लमब समय िक हवचरि रह इसहलए बदली मानस उनस एकाकार होकर हर पवद-तयौहार पर ही नही हर हदन उनह याद कर जय राम जी की कहिा ह कषर का नागो स सघषद और पाडवो का अजञािवास नमददाचली बनदल भहम पर हआ गौरा-बौरा िो बदलखड क अपन ह हशवजा हशवातमजा हशवसिा हशवहपरया हशव वीवदोभवा आहद सजञाओ स समबोहाि आननददाहयनी नमददा िट पर बमबहलयो क साथ-साथ हशव-हशवा की लीलाओ स यि फाग गयी जाना वीवाभाहवक ह बदली फागो क एकछि समराट ह लोककहव ईसरी ईसरी न अपनी परहमका रजउ को अपन कहितव म अमर कर हदया ईसरी न फागो की एक हवहशषट शली चौघहड़या फाग को जनम हदया हम अपनी फाग चचाद चौघहड़या फागो स ही आरमभ करि ह ईसरी न अपनी पराकि परहिभा स रामीर मानव मन क उचवासो को सर-िाल क साथ समहनवि कर उपहिि और अनचीनही लोक भावनाओ को इन फागो म हपरोया ह रसराज शर गार क सयोग और हवयोग दोनो पि इन फागो म अदभि माायद क साथ वहरदि ह सदयवीनािा यविी की कशराहश पर मा ईसरी गा उठि ह ईसरी रााा जी क कानो म झल रह िरकला को उन दो िारो की िरह बिाि ह जो रााा जी क मख चनर क सौदयद क आग फीक फड़ गए ह कानन डल राहाका जी क लग िरकला नीक आनदकद चद क ऊपर िो िारागर फीक ईसरी की आराधया राहाका जी सदरी होन क साथ-साथ दीनो-दहखयो क दखहिाद भी ह मय बल राि राहाका जी को कर आसरा की कौ दीनदयाल दीन दःख दखन हजनको मख ह नीकौ पहटया कौन सगर न पारी लगी दहिन पयारी रचक घटी-बड़ी ह नया सास कसी ढारी िन रई आन सीस क ऊपर शयाम घटा सी कारी ईसर परार खान ज पहटया जब स िकी उघारी

कहव पछिा ह हक नाहयका की मोहक चोहटया हकस सघड़ न बनायी ह चोहटया जरा भी छोटी-बड़ी नही ह और आिी-जािी सासो की िरह हहल-डल रही ह व नाहयका क शीश क ऊपर शयामल मघो की िरह छाई ह ईसरी न जब स इस अनावतत कशराहश की सनदरिा को दखा ह उनकी जान हनकली जा रही ह ईसर की नाहयका ननो स िलवार चलािी ह दोई ननन की िरवार पयारी हफर उबार अलपान गजरान हसरोही सलमान झख मार ऐच बार मयान घघट की द काजर की ाार ईसर शयाम बरकि रहहयो अहायार उहजयार िलवार का वार िो हनकट स ही हकया जा सकिा ह नायक दर हो िो कया हकया जाए कया नाहयका उस य ही जान दगी यह िो हो ही नही सकिा नाहयका हनगाहो को बरछी स भी अहाक पन िीर बनाकर नायक का हरदय भदिी ह छट नन-बार इन खोरन हिरछी भौह मरोरन नोकदार बरछी स पन चलि करज फोरन नायक बचारा बचिा हफर रहा ह पर नाहयका उस जान दन क मड म नही ह िलवार और िीर क बाद वह अपनी काहिल हनगाहो को हपवीिौल बना लिी ह अहखया हपवीिौल सी करक मारन चाि समर क गोली बाज दरद की दार गज कर दि निर क इिन पर भी ईसरी जान हथली पर लकर नवयौवना नाहयका का गबखान करि नही अघाि जबना कड़ आय कर गहलया बला कसी कहलया ना हम दख जमि जमी म ना माली की बहगया सोन कस िबक चि ह बरछी कसी भहलया ईसर हाथ सभार ाररयो फटट न जाव गहदया लोक ईसरी की फाग-रचना क मल म उनकी परहमका रजऊ को मानिी ह रजऊ न हजस हदन गारो क साथ गल म काली काच की गररयो की लहड़यो स बन ४ छटा और हबचौली काच क मोहियो का हिदान जसा आभषर और चोली पहहनी उसक रप को दखकर दीवाना होकर हार झलन लगा ईसरी कहि ह हक रजऊ क सौदयद पर मा हए हबना कोई नही रह सकिा हजयना रजऊ न पनो गारो हरनी हजया हबरानो छटा चार हबचौली पर भर हफर गरदानो

जबनन ऊपर चोली पर लटक हार हदवानो ईसर कान बटकन नइया दख लव चह जवानो ईसरी को रजऊ की हरन (हचिवन) और हसन (हसी) नही भलिी हवशाल यौवन मिवाली चाल इकहरी पिली कमर बार की िरह िानी भौह हिरछी निर भलाय नही भलिी व निर क बार स मरन िक को ियार ह इसी बहान रजऊ एक बार उनकी ओर दख िो ल ऐसा समपदर ईसरी क अलावा और कौन कर सकिा ह हमख़ा हबसरि नही हबसारी हरन-हसन िमारी जबन हवशाल चाल मिवारी पिरी कमर इकारी भौह कमान बान स िान निर हिरीछी मारी ईसर कान हमारी कोदी िनक हर लो पयारी ईसरी क हलय रजऊ ही सवदवीव ह उनका जीवन-मरर सब कछ रजऊ ही ह व परभ-वीमरर की ही िरह रजऊ का नाम जपि हए मरन की कामना करि ह इसहलए कछ हवदवान रजऊ की सासाररक परहमका नही आदया माि शहि को उनक दवारा हदया गया समबोान मानि ह जौ जी रजऊ रजऊ क लान का काऊ स कान जौलो रहन रहि हजदगी रजऊ क हि कमान पला भोजन कर रजौआ पाछ क मोय खान रजऊ रजऊ कौ नाम ईसरी लि-लि मर जान ईसरी रहचि सहसतरो फाग चार कहड़यो (पहियो) म बाी होन क कारन चौकहड़या फाग कही जािी ह इनम सौदयद को पान क साथ-साथ पजन और उसक परहि मन-परार स समहपदि होन क आधयातमजहनि भावो की सहलला परवाहहि ह रचना हवाान य फाग ४ पहियो म हनबि ह हर पहि म २ चरर ह हवषम चरर (१ ३ ५ ७ ) म १६ िथा सम चरर (२ ४ ६ ८) म १२ मािाए ह चरराि म परायः गर मािाए ह हकनि कही-कही २ लघ मािाए भी हमलिी ह य फाग छद परभाकर क अनसार महाभागवि जािीय नर र छद म हनबि ह इस छद म खड़ी हहदी म रचनाए मर पिन म अब िक नही आयी ह ईसरी की एक फाग का खड़ी हहदी म रपािरर दहखए हकस चिरा न छोटी गथी लगिी बहद पयारी हकहचि छोटी-बड़ी न उठ-हगर रही सास सम नयारी मकट समान शीश पर शोहभि कषर मघ सी कारी हलय ल रही जान कश-छहव जब स हदखी उघारी नर र छद म एक चिषपदी दहखए

बाि बनाई हकसन कसी कौन हनभाय वाद सब सच समझ रही ह जनिा कहा फदकि पयाद राजा कौन विीर कौन हकसक बद-नक इराद हजसको चाह सहलल हजिा मि चाह उस हरा द बनदली लोकरग की सािी ईसरी की फाग सजीव बदलखड क महानिम लोककहव ईसरी क कावय म लोकजीवन क सावीकहिक साहहहतयक सामाहजक पि परी जीवनििा और रचनातमकिा क साथ उदघाहटि हए ह ईसरी का वहशषटय यह ह हक व िथाकहथि सभराििा या पाहडतय स कय भाषा शली आहद उाार नही लि व दशज रामीर लोक मकयो और परमपराओ को इिनी वीवाभाहवकिा परगाििा और अपनतव स अहकि करि ह हक उसक सममख हशषटिा-शालीनिा ओिहि सजदनाारा हवपनन परिीि होन लगिी ह उनका साहहतय पवीिकाकार रप म नही शरहि परपरा म सन-गाकर सहदयो िक जीहवि रखा गया बदलखड क जन-मन समराट महान लोककहव ईसरी की फाग गय परपरा क कारर लोक-वीमहि और लोक-मख म जीहवि रही सकलनकिाद कवर शरी दगद हसह न १९३१ स १९४१ क मधय इनका सकलन हकया शरी इलाशकर गहा न ाौराद राम (जहा ईसरी लमब समय रह थ) हनवाहसयो स सनकर फागो का सकलन हकया अपिाकि कम परचहलि हनमन फागो म ईसरी क नसहगदक कारहयिी परहिभा क साथ-साथ बनदली लोक परपरा हावीया एव शरीनगरहपरयिा क भी दशदन होि ह कषर-भि ईसरी वनदावन की माटी का महातमय कहि हए उस दविाओ क हलए भी दलदभ बिाि ह अपनी कवीन जीभ स चाटी वनदावन की माटी दरलभ भई हमली ना उनखो दई दविन डाटी हमल ना सकी अनकन हार पाव की पररपाटी पायो वीवाग काह न नइया मीठी ह की खाटी बाही रज बजबाहसन lsquoईसरrsquo हहसदारी म बाटी कदम कञज म खड़ कनहया राहगीरो को रावीिा भला दि ह इसहलए पहथक जमना की राह ही भल गय ह अथादि जमना स नही जाि हकसी को भला कर मजा लन की लोकरीि को ईसरी अचछा नही मानि और कषर को सलाह दि ह हक हकसी स अहाक हसी अचछी नही होिी आली मनमोहन क मार जमना गल हबसार जब दखो जब खडो कञज म गह कदम की डार जो कोउ भल जाि ह रवीिा बरबस आन हबगार जादा हसी नही काऊ स जा ना रीि हमार

lsquoईसरrsquo कौन चाल अब चहलए ज िौ परी पार राि भर घर स बाहर रह कषर को अपनी सफाई म कछ कहन का अवसर हमल हबना lsquoछहलयाrsquo का हखिाब दना ईसरी क ही बस की बाि ह ओइ घर जाब मरहलयाबार जहा राि रय पयार हर बाट मनइया बठी कर नन रिनार अब िौ कौनऊ काम िमारो नइया भवन हमार lsquoईसरrsquo कषर नद क छौना िम छहलया बजबार फगआ हो और रााा न खल यह कस हो सकिा ह कषर सर ह िो रााा सवा सर दोनो की लीलाओ का सजीव वरदन करि ह ईसरी मानो सािाि दख रह हो रााा न कषर की लकटी-कमररया छीन ली िो कषर न रााा क हसर स सारी खीच ली इिना ही हो िो गनीमि होली की मवीिी चरम पर हई िो रााा नटनागर बन गयी और कषर को नारी बना हदया खल फाग राहाका पयारी बज खोरन हगराारी इन भर बाह बास को टारो उन मारो हपचकारी इनन छीनी लकहट मरहलया उन छीनी हसर सारी ब िो आय नद क लाला ज बषभान दलारी अपन बनी नटनागर lsquoईसरrsquo उन बनाओ नारी अटारी क सीिी चिि घघर हनशबद हो गए फलो की सज पर बनवारी की नीद लग गयी रााा क आि ही यशोदा क अनाड़ी बट की बीन (बासरी) चोरी हो गयी कसी सहज-सरस ककपना ह चोरी गइ बीन हबहारी की जसदा क लाल अनारी की जाहमन अमल जगल क भीिर आवन भइ रााा पयारी की नपर सबद सनाक हखच रय हछहड़या चड़ि अटारी की बड़ी गलाम सज फलन की लग गइ नीद मरारी की काि lsquoईसरीrsquo घोरा प स उठा लई बनवारी की कषर रााा और गोहपयो क चगल म फस गय ह गोहपयो न अपन मनभावन कषर को पकड़कर सतरी बनान का उपकरम करन म कोई कसर नही छोड़ी कषर की बनमाला और मरली छीनकर हसर पर साड़ी उिा दी गयी रााा न उनह सभी आभषरो स सजाकर कमर म लहगा पहना हदया और सहखयो क सग फागन मनान म लीन हो गयी ह शर गार और हावीय का ऐसा जीवि शबद हचि ईसरी ही खीच सकि ह पकर गोहपन क मनभावन लागी नार बनावन छीन लई बनमाल मरहलया सारी सीस उड़ावन

सकल अभषन सज राहाका कहट लहगा पहरावन नारी भस बना क lsquoईसरrsquo फगआ लगी मगावन ईसरी परहमका स हनवदन करा रह ह हक वह अपन िीख नयनो का वार न कर हजरह-बखिर कछ न कर सक ग और दख ही दखि नयन-बार हदल क पार हो जायगा हकसी गरी वदय की औषहा भी काम नही आएगी ईसरी क दवाई िो हपरयिमा का दशदन ही ह पररय की ऐसी परगाि रसहसि अहभवयहि अपनी हमसाल आप ह नना ना मारो लग जह मरम पार हो जह बखिर हझलम कहा का लह ढाल पार कर जह औषद मर एक ना लहगह बद गनी का कह कहि lsquoईसरीrsquo सन लो पयारी दरस दबाई दह हनमन फाग म ईसरी नयनो की कथा कहि ह जो परदशी स लगकर हबगड़ गय बबादद हो गय ह य नयना अा हसपाही ह जो कभी लड़कर नही हार इनको बहि नाि स काजल की रखा भर-भरकर पाला ह हकनि य खो गए और इनस बहि आसओ स नयी की नयी सारी भीग गयी ह कसी माहमदक अहभवयहि ह नना परदसी स लग क भय बरबाद हबगरक नना मोर सर हसपाही कबऊ ना हार लरक ज नना बार स पाल काजर रख भरक lsquoईसरrsquo भीज गई नई सारी खोवन असआ ढरक शरगार क हवरह पि का परहिहनहातव करिी यह फाग ईसरी और उनकी परहमका रजऊ क हबछड़न की वयथा-कथा कहिी ह हबछरी सारस कसी जोरी रजो हमारी िोरी सङगसङग रह हनहस-बासर गर हलपटिी सोरी सो हो गई सपन की बाि अन हस बोल कोरी कछ हदनन को हिया अबादो हम बिा दो गोरी जबलो लागी रह lsquoईसरीrsquo आसा जी की मोरी ईसरी की य फाग शर गार क हमलन-हवरह पिो का हचिर करन क साथ-साथ हावीय क उदातत पि को भी सामन लािी ह इनम हसी-मजाक हसना-बोलना सभी कछ ह हकनि मयादहदि कही भी अशलीलिा का लश माि भी नही ह ईसरी की य फाग २८ मािी नरनर छद म रहचि ह इनम १६-१२ पर यहि का ईसरी न परी िरह पालन हकया ह सम चररानि म गर की अहाकिा ह हकनि २ लघ भी परापय ह इक फाग म ४ ५ या ६ िक पहिया हमलिी ह एक फाग की सभी पहियो म सम चररानि समान ह जबहक हवषम चररानि म लघ-गर का कोई बान नही ह

हम न गर हवीन और ख़शब ही को िोला होिा हफर िो हर पड़ गलाबो स भी हकका होिा उदाहरर क रप म समझा जाय िो एक मिदबा य भी समझा जा सकिा ह हक परमपराए हमशा पड़ या हफर पौा की िरह होिी ह और उन पर लगन वाल फल और उन फलो की ख़शबए आाहनक हवचाराारा समान यहद हम आाहनक हवचारााराओ ही को सबकछ समझ बठ ग िो य फल और ख़शबए कया आसमान स टपक ग समझन वाल इशारो को बहि जकद समझग बाय द टाइम आप इस अङक को पि रह हो ममहकन ह दहनया का एक बड़ा हहवीसा आप को होली की बराइया हगना रहा हो हम इिना ही हनवदन कर ग हक ldquoसपrdquo की िरह-िरह सार-सार को गह और थोथ को उड़ा फ क नीर-िीर-हववक हम सब की ामहनयो म यगो-यगो स परवाहमान ह अपन हववक का सदपयोग करि हय अचछी बािो को आग बिाए हमठाइयो क कारोबाररयो दवारा परोस जा रह अशि माल स परहि करि वक़ि याद रह हक कडबरी भी कोई अमि नही ह हर गली क नककड़ पर रङग हपचकारी वग़रह बचन वाल हमार कटीर उदयोग क खवनहार ह आप सभी को सपररवार होली की शभ-कामनाए

खहशयो का वीवागि कर हर आगन हर दवार| कछ ऐसा हो इस बरस होली का तयौहार||

होली हवषयक और भी सामरी मसलन छद ग़िल हजल नज़म कहविा गीि-नवगीि रहसया आलख कहानी कथा वग़रह पिन क हलय यहा हकलक कर

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इनकी महहमा अदभि अनपम अहवचल अपरमपार परगहि-पनथ-पररवहि हि परोतसाहन ह तयौहार

ामो का सङकाय हहनद ह

ितवो का अहभ-पराय हहनद ह सहवचारो का परथम पररिा

पवो का पयादय हहनद ह हवशव गर का मान िभी िो दिा ह सनसार मानव म मौिद ईश का वनदन ह तयौहार

बरज म वसनि क आगमन क साथ ही होली का वािावरर उमगन लगिा था अलग-अलग वीथलो क जनि [उपरवी वयहियो क हलय यही वीनह-हसि समबोान उहचि मालम होिा ह] अलग-अलग िरीक़ स न हसरद आननद लटि थ बहकक सामन वाल को भी आननद-रस स िर-ब-िर करि थ lsquoथrsquo सायास हलखा ह चहक अब िो वीव-आननद ही सवोपरर परिीि होिा ह होली को ल कर बचपन की कछ वीमहिया -

कहा गई व महवीिया कहा गई वह मौज व कशर की कयाररया गोबर वाल हौज गोबर वाल हौज बीच डबकी लगवाना

कि पर lsquoपागलrsquo वाली िख़िी लटकाना याद आ रहा ह हम जो करि थ अकसर

बीच सड़क पर एक रपया कील ठोक कर

आओ हदखलाए िमह सीन और इक यार लकला जी क हजवीम पर करिी अर शलवार

करिी अर शलवार ाार जब हनकल बाब साड़ और कछ बछड़ हो जाए बक़ाब इस डर स हाथो को पीछ बाा डोल

हगर सकिी ह गद अगर हाथो को खोल

होिा ही ह हर बरस अपना िो य हाल जस ही फागन लग हदल की बदल चाल हदल की बदल चाल हाल कछ य होिा ह लगिा ह दहनया मना अर हदल िोिा ह

फागन म िौ भया ऐसौ रङग चढ ह भङग हपए हबन ह दहनया खस-रङग लग ह

होली क तयौहार की बड़ी अनोखी रीि मह काला करि हय जिलाि ह परीि जिलाि ह परीि रङगदारी करि ह

साि पशि की ऐसी की िसी करि ह करि ह सतकार गाहलयो को गा-गा कर लहकन सनन वाल को भी हसा-हसा कर

जीजा-साली या हक हफर दवर-भाभी सङग

होली क तयौहार म हखलि ही ह रङग हखलि ही ह रङग अङग-परतयङग हभगो कर

िाई जी हसिी ह फफाजी को ाो कर लहकन िब स अब म इिना अनिर आया पहल मन रगि थ - अब रगि ह काया

सब क हदल ग़मगीन ह बकल सब सनसार ममहकन हो िो इस बरस कछ ऐसा हो यार कछ ऐसा हो यार पयार की बहगया महक हजन की डाली-डाली पर हदलवाल चहक ख़हशयो को दलराए ग़मो को पीछ ठल ऐसी अब क साल साल भर होली खल

िो हर साल की िरह इस साल भी होली पर कया हकया जाय ndash यह मन म हवचार चल रहा था भाई कमलश पाणडय और हफरोि मिफरर ndash य दो ऐस साथी ह जो हक जब-जब म थकन लगिा ह िो य दौनो िथा कछ और भी lsquoअजञाि-हवाािाrsquo मझ मरा रिद याद हदला दि ह बरज-गजल-सङरह ldquoपखराज हबा म उड़ रए एrdquo का परकाशन पररवार म कई माङगहलक परसङग कारोबारी मसरहरयाि क अलावा पल-पल बदलि मौसम न भी वीवावीय को हगरा कर इस बार बहि परशान हकया ख़र अब अङक ल कर आप क सामन उपहवीथि ह ररवरी क दसर हफ़ि म िय हआ हक आगामी अङक को होली हवशषाङक क वीवरप म हनकाला जाय सभी साहथयो को ररमाइणड हकया इिन कम समय म हजस स जो बन पड़ा िक़रीबन सब ही न सहयोग हकया इस अङक की ख़ाहसयि ह मरी कहिन lsquoगहड़याrsquo याहन अचदना चिवदी बचपन क बाद इस स कभी हमलना नही हो पाया अनिजादल ही पर मलाक़ाि हई और इस का आलख ल कर आय कमलश पाणडय जी -

अचदना चिवदी

होली का नाम सनि ही हम अपन मोहकल चचचा---- की याद बड़ी जोरो स आ जािी ह | वस िो हमार चाचा जी बड़ ही शाि शरीफ आदमी टाइप थ पर होली का मौसम

आि याहन फागन शर होि ही चचा क भीिर कोई शिान सा घस जाव था और हफर शर होिी चचा की शिाहनया | चचा क खराफािी हदमाग म ऐसी ऐसी शिाहनया आिी हक मजाल ह कोई हकिना भी होहशयार हो िो भी उनक हमल स बच नही पािा | उनकी एक टोली बन जािी और हफर शर होिा

नाक म दम करन का दौर | यहद कोई चचा को डाट या उनक मा बाबा स उनकी हशकायि कर िो चचा ऐसा सबक हसखाि हक वो ससरा परी हजदगी चचा क रवीि म आन की हहममि ना करिा | एक बार हमार मौहकल क ही रामचरर काका न चचा की हशकायि उनक हपिाजी स कर दी और चचा को पड़ी मार | चचा का खन खौल गया अपनी बनदर टोली क साथ हमलकर रामचरर काका को सबक हसखान की सोची| चचा न गली स गाय का गोबर उठाया और एक दौन म रख बाहर चाट वाल क पास गए उस रपय हदए और बोल ldquoइस पर दही सौठ चटनी सब डार द ज एक दम दही बड़ा जसो लगनो चाहहएrdquo चाट वाला उनह जानिा था चप चाप दौना सजाया और द हदया | हफर चचा न एक बचच को पकड़ा और उसक हाथो वो गोबर वाला दही बड़ा रामचरर काका क पास हभजवा हदया | काका खान क शौकीन थ सो अडौस पडौस वाल कछ ना कछ भजि रहि थ | बचच न कहा ldquoकाका य मा न भजा हrdquo काका न चटट स दौना लपका और गपप स चममच भर क मह म डाला हजस गहि स दही बड़ा मह म गया उसकी दगनी गहि स वाहपस भी आ गया | अब िो बचार काका हलक म उगहलया द द कर उहकटया कर रह थ और चचा टोली िाहलया पीट पीट कर हस रही थी और काका रग हबरगी गाहलया बरसा रह थ | परा मोहकला इस फरी की हफकम का आनद ल रहा था | पर य पकका था अब काका हमार चचचा क रवीि म िो नही आएगा | य चचचा और उनकी बनदर टोली होली जलान क हलए गाि बजाि चदा मागन आिी ldquoपसा दगी जभी टर गनई िौ िर घर म मस मर गrdquo और जो आनाकानी करिा उसक घर का लकड़ी का सामान ल जाकर फक डालिी | हकसी की चारपाई िो हकसी क हकबाड़ उखार कर ल जाि इसहलए सब चपचाप चदा दि | होली की हमठाई क नाम पर हकिनो को भाग की बफी या लडड हखला डालि और मला करवा दि | कभी पीली हमटटी स मवावाटी बना कर हखलाि | पर महकल म उनकी ही कौिक कथाए चलिी | पर चचचा हदल क भी बहि अचछ थ हमारी मा की िो बहि इजजि करि | हमारी मा कभी होली नही खलिी थी ऐसा नही था हक मा को होली पसद नही उस वि सयि पररवार थ सबकी पसद क पकवान बनान क चककर म मा परा हदन रसोई म ही रहिी | चचचा न कई बार कहा भाभी होली खलो न पर मा हर बार मना कर दिी पापा भी कहि पर मा मना कर दिी और िो और रसोई स बाहर भी नही आिी हक कोई रग ना लगा द | पापा का शायद मन करिा मा को रग लगान का पर सब को दखकर चप ही रहि य बाि चचचा न िाड़ ली थी | एक बार होली वाल हदन हमार घर एक सनदर सी महहला आई उसन सलवार सट पहना हआ था खब मक अप भी हकया था हम बचचो स बोली ldquoजरा अपनी मममी को बलाना बटाrdquoकहना आपकी सहली आई ह | हमन मा को बोला मा रसोई म ही थी सहली का नाम सनकर दौडी आई | अभी मा पहचानन की कोहशश ही कर रही थी हक उस सनदर महहला न मा क ऊपर खब सारा गलाल डाल हदया मा न भी एकदम स उनक हाथ स गलाल छीन कर उनक ऊपर गलाल डाल हदया िभी पापा भी आ गए हफर िो उस हदन मा न खब होली खली | बाद जब पिा चला हक वो सहली और कोई नही चचा ही थ य पलान उनहोन पापा और हमार चाचा क साथ हमलकर बनाया था | उस वाकय को सोच कर मा आज िक हसिी ह |

कछ भी कहो चचचा पर मोहकल की जान थ यहद चचचा नही होि िो होली होली जसी किई नही होिीज िो हम पिा चल ही गया जब चचचा की नौकरी लग गयी और वो दसर शहर चल गए| शर म िो होली पर घर आि हफर आना कम हो गया और हम भी शादी होकर अपन ससराल हवदा हो गए | पर चचचा की याद आि ही हम अपन मायक की होली याद जरर आ जािी ह | अबकी हम मथरा गए िो चचचा हमल गए हम दख बड़ खश हए और बोल ldquoलाली कसी ह री ि हकतत साल म दखी हrdquo मन छटि ही कहा ldquoचचचा म िो ठीक ह ज बिाओ वहा शहर म भी वस ही होली मनाि हो नाrdquo मरी बाि सनि ही चचचा उदास हो गए और बोल ldquoलाली होली िो हो ली मन कहा ldquoकया मिलब चाचा rdquo िो चाचा बोल ldquoशहरो का आदमी िो रोटी और पानी क हलए हदनभर खट रहा ह | पीन को िो महशकल स पानी हमलिा ह होली कस खलग और कस रग छडाएग | इतती महगाई म कस होली जलायग और कस पकवान बनायग | और हकसक सग होली मनाए जब हम य भी नही पिा हक पडौस क घर म कौन रह रहा ह सो बटा होली िो हो ली | याहन हम जो खलनी थी खल चक चचचा की आखो म उदासी थी हमारी आखो म परान चचचा और परानी होली थी | दखा छोटी सी गहड़या हकिनी सयानी हो गयी ह खस रह बटा भौि बहिया आहटदकल पिवायौ िन वस होली पर हकसी वररषठ को वररषठ कहना अहिशय गररषठ अपराा होिा ह हफर भी आइय अपन रप क एक वररषठ सदवीय हजनह सिीश सकसना क नाम स जान हलया जािा ह आइय की क़लम की बलौस ाार का आननद उठाया जाय -

सिीश सकसना

अपन घर म ही आखो पर कसी पटटी बाा रखी ह

इन लोगो न जान कब स मन म रहजश पाल रखी ह

इस होली पर कयो न सलगि हदल क य अगार बझा द मटठी भर कछ रग फागन म अपन घर म भी हबखरा द

हकिना ददद हदया अपनो को

हजनस हमन चलना सीखा हकिनी चोट लगाई उनको

हजनस हमन हसना सीखा वीनहहल आखो क आस कभी नही जग को हदख पाय इस होली पर घर म आकर कछ गलाब क फल चिा ल

जब स घर स दर गए हो ढोल नगाड़ बसर लगि

हबन पयारो क मीठी गहझया उड़ि रग सब फीक लगि

मटठी भर गलाल फागन म फीक चहरो को महका द सबक सग ठहाका लकरअपन घर को वीवगद बना ल

नमन कर

गर घटालो क पाव छऊ

भिहनयो क राजनीहि क मककारो नान स खली होली ह आओ छीट मार रग क बरा न मानो होली ह

गर ह गड स चला शककर गर क गर

पटाय जाकर गरभाई स राज पछकर गर की गया दह ली ह जहा हमला मौका दवर न जम क खली होली ह

घघट हटा क पग बनािी हहदी खश हो नाम कमािी

पि महथली सममख इसक अकसर भरि पानी ह हवहवीकी और कबाब न कस हसक खली होली ह

अामद करक ामद हसखाि ान पान क कमद हसखाि

निर बचाककस उसनदा म गोली घोली ह खददर पहन क निाओ न दश म खली होली ह

सिीश भाई क बलॉग पर जाए िो आप को हलखा हमलगा हक ldquoमा की दवा को चोरी करि बचच की वदना हलखगाrdquo एक अलग ही सोच वाल सिीश भाई हठामी रचनाकार ह बनान इनह वीवीकायद नही और भया होली हवशषाङक भी बनानो को उिनी िवज़िोह दना भी नही चाहिा होली ह िो बस होली क रङगो का मिा लि ह बस आइय पहल कछ कावय कहियो को पिि ह और हफर एक सटायर

इवीमि िदी ndash हशरा किगावी

ह होली रगो का तयोहार य रग बाट ह सब म पयार

न इन म दवष घोलना

य सदर भावो का सचार ह इक दज की य मनहार

न इन म दवष घोलना

ह होली नररि स इकार हदलो क बीच न हो वयापार

न इन म दवष घोलना

ह हपचकारी वो परम की ाार हगरा द नररि की दीवार

न इन म दवष घोलना

ह इन रगो क अथद हिार नही ह कवल य बौछार

न इन म दवष घोल

अनपमा हिपाठी

फागन की ऋि घर आई

परकहि गाय माविी

और बहार राग हर स ऐसा हछटका

फाग क अनराग का पराग

हदय छद हए वीवचछद मद मद महआ की गा

िोड़िी मन िटबा

हनशा रागवनिी हदवस परागवि अलमवीि मामास दख

वहनिा लाजवि

पलाश मन रग रगा पषप पखहड़यो स रगोली सजाई

हककी-फलकी बािो म स हावीय को िाड़ कर और हफर उस बग़र भौड़ा हय पाठको को गदगदान क हलय इवीिमाल करन क उपकरम ही को वयङय कहि ह भाई आलोक पराहरक ऐस ही वयङयकार ह जो हक बड़ी ही आसानी स पाठको क पट म गलगली मचा दि ह और कही-कही हम सोचन क हलय मिबर भी कर दि ह आइय उन क एक वयङयालख का आननद लि ह

होली क पासवडद - आलोक पराहरक

हजर वो वि गया जब शबद की वडद की कीमि होिी थी अब िो कीमि पासवडद की ह साफटवयर कारोबारी भी हनकल हलय ह नय ाा करन क हलए सो नयी कहानी सामन आयी गोहपयो स कहा गया हक इार मीहडया बहि माकट फर डली हो हलया ह आपक होली डास की फटज ल जािा ह फोकटी म और टीवी पर हदखा हदखाकर उनस इहशिहार वसलिा ह

करोड़ो म आप अपन होली डास को पासवडद परोटकटड कर लो जी होली डास का पासवडद दन क हम हसफद लाखो लग और मीहडया को वो पासवडद बिान क िम करोड़ो वसलना पर िब िो हमार वाल बाल भी हमार साथ डास ना कर पायग-गोहपयो न आशका जिायी नो पराबलम हम िमह पासवडद दग िम हजस चाहोगी उस य पासवडद द दना वह िमहार साफटवयर म इस फीड करगा और िम डास शर कर दोगी-टकनीकल एकसपटद न बिाया पर अगर हम पासवडद भल गय िो-सरल गोहपयो न सहज आशका रखी िो िम हमार कवीटमर कयर पर फोन कर लना दसरा पासवडद हमल जायगा टमसद एड कडीशनस एपलाई यानी पचास हजार रपय आपको दन होग पचास हजार रपय दन वाली बाि बहि ाीम स कही गयी गोहपया ियार हो गयी लाखो दकर पासवडद खरीद हलय करोड़ो कमान की उममीद म साफटवयर वाल हनकल हलय जाकर गोहपयो क पासवडद बिा हदय अमररकनो और उनस कहा हक आप इन पासवडो क सहार गोहपयो क साथ डास कर उनकी शहटग कर हफर उनह महग अमररकन चनलो पर हदखाय अमररकनो को पासवडद बिान क करोड़ो डालर वसलसाफटवयर वालो न होली क आसपास सीन य हआ हक बरजमडल म हसफद अमररकन गर गोहपयो क साथ डास कर रह थ गोहपया अहनचछक थी पर चहक उनक साफटवयर स अमररकनो का पासवडद मच कर गया था इसहलए वो खद ब खद डास कर रही थी और हआ य था हक गोहपया अपन पासवडद खद भल गयी थी गोहपयो न कवीटमर कयर सटर पर फोन कहा िो सीन य हआ- हलो म गोपी नबर वन बोल रही ह कया मरी बाि कवीटमर कयर एकजीकयहटव स हो सकिी ह जी कवीटमर कयर पर सपकद करन क हलए ानयवाद आपका हदन शभ हो आप अपनी जनमहिहथ बिाय जी जनमहिहथ िो मझ याद नही ह अर िो आप अपना पन काडद नबर बिाय

जी पन काडद िो मर पास ह ही नही ओक हफर िो आप को हमार नजदीकी दफिर म जाकर एक फामद भरना होगा िब आपको नया पासवडद कररयर स भजा जायगा पर जब िक य सब होगा होली हनकल जायगी मरी कमाई क सार चास खतम हो लग दहखय म िो आपको परोसीजर बिा रही ह होली हनकलगी या दीवाली हनकलगी य मझ नही पिा ओफफो जब आपक एकजीकयहटव पासवडद बचन आय थ िब िो बहि ही िमीज स बाि कर रह थ आप िो बहि बदिमीजी स बाि कर रही ह दहखय िमीज का सारा कोटा हम राहक बनान म खचद कर दि ह उसक बाद हमार पास हसफद बदिमीजी ही बचिी ह म आपको परोसीजर बिा चकी ह आप उस फालो कर ओफफो डास िो होली पर करना ह उसक बाद डास कयो करना दहखय अब िो डास साल भर चलिा रहिा ह कोई ना कोई फकशन होिा ह उसम डास कर सकिी ह हमारी सहयोगी कपनी िमाम शाहदयो म रौनक लगान क हलए अचछ डासर सपलाई करिी ह आप उस कपनी म अपना रहजवीरशन करा द पर साल आपको डास क आफर हमलि रहग ओफफो आप बाि नही समझ रही ह हम िो होली क मवीिी वाला डास करि ह हनमदल सहज आनद क हलए दहखय हनमदल सहज जस शबद जो आप बोल रही ह य िो अचछ नाम ह हनमदल नाम स घी या मकखन बचा जा सकिा ह कोई सि इस पर अपना कारोबार पहल ही चला गय ह सहज हकसी योग का बराड हो सकिा ह आप चाह िो य नाम रहजवीटर करा सकिी ह इस सबा म आप हमारी सहयोगी कपनी स मदद ल सकिी ह वह बहि सवीि भावो म आपको सहवदस द दगी ओफफो आप िो मझ कछ ना कछ बचन पर आमादा ह आप मरी पराबलम को साकव कीहजय ना चहलय मरी अपन हकसी सीहनयर कवीटमर कयर एकजीकयहटव स बाि कराइय दहखय िमा कर अभी हमार सार कवीटमर कयर आफीसर हकसी ना हकसी गोपी स बाि करन म हबजी ह आप राि को दो बज काल कीहजय िब वो फरी होग ओफफो राि को दो बज काल करन को कौन जगगा दहखय वो आपकी समवीया ह हमारी नही आपका हदन शभ हो और राि भी

इस होहलका कथा स हम य हशिा हमलिी ह हक कवीटमर कयर हडपाटदमट कवीटमर की कयर क हलए नही कपनी की कमाई की कयर करन भर क हलए होिा ह हम म स अहाकानश लोग पहरदमा वमदन जी क परककप lsquoअनभहिrsquo क बार म जानि होग ककपना जी उस परककप का एक महतवपरद हकरदार ह अनभहि को अनभहि हजस टीम न बनाया उस म ककपना जी का भी शमार होिा ह म इन स बस एक ही बार इन क खारघर हवीथि आवास पर हमला ह शायद एक दो बार फोन पर बाि हई हो वीवावीय को लगभग माि द चकी आदररीया ककपना जी साहहतय-सवा क हलय सदव ितपर रहिी ह साहहतय की हवहवा हवााओ म रचनातमक परयास करना इन का हपरय शगल ह आप क िप को नमन

ककपना रामानी

ऐ हवा रगो नहाओ आ गया फागन ाम मौसम की मचाओ आ गया फागन

दश स रठी हई ह राि पनम की

चाद को जाकर मनाओ आ गया फागन

वन चमन क फल आिर दख लो हकिन नह नयौिा दक आओ आ गया फागन

हफर रह ह मन-महदि सब बाल बहगया म झलना उनका झलाओ आ गया फागन

साज ह सरगम भी ह ियार ह घघर

िम सखी शभ गीि गाओ आ गया फागन

खग हवहग-व दो क जाकर कान म कह दो मोर कोयल को जगाओ आ गया फागन

िान हपचकारी खड़ी ह दवार पर होली परम की गगा बहाओ आ गया फागन

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फगनाहट स जाग उठी ह जग म होली

रग पलाशो स लकर जन

हए रगील साथ फब रह लाल हर

कसररया पील सख को मह हचिा रह रग

गील हसकर भग चिा पकवान हो गए

और रसील

हपचकारी पर हफदा हो रही कोरी चोली

फगनाहट स जाग उठी ह जग म होली

मौसम बदला नमद हवा न पाव पसार

खार जल क िाल हो गए मीठ सार

चस-चस कर आम कोहकला सर म कहकी

आए हमलन गल िमी स चाद हसिार

हररयारो स होड़ ल रह

ढम-ढम ढोली फगनाहट स जाग उठी ह

जग म होली

शहरो म डीज गावो म बजिी पजन

दश हो हक परदसपवद की

एक वही ान खिो म सरसो हखलिी

उदयानो कहलया कर कर म रस भर दिा

सखदाई फागन

आिा सग ामाल शगन की भरकर झोली

फगनाहट स जाग उठी ह जग म होली

------------ सार छद

रग हदवस फागन क

छनन पकया छनन पकया उड़ रग क बादल पीि गलाबी लाल हआ ह वसारा का आचल

छनन पकया छनन पकया यह ऋि सबको भाई भवरो की मनहार दखकर कली-कली इिराई

छनन पकया छनन पकया गमी घटाए िम की दख रही ह जलिी होली जाग राि पनम की

छनन पकया छनन पकया वन पलाश हफर दहक

रग सनहरा दख गगन म उड़ि पाखी बहक

छनन पकया छनन पकया हफर आम बौराया मोर कोहकला न बागो को सर म गीि सनाया

छनन पकया छनन पकया दखा दशय हवहगम

हपचकारी भर खग-मग लाए रग घोलकर अनपम

छनन पकया छनन पकया हई खब हखलवाई जब सहखयो न भग हमलाकर ठडई घोट हपलाई

छनन पकया छनन पकया गाए गीि शगन क

बार-बार जीवन म आए रग हदवस फागन क

अनिजादल पर lsquoछनन-पकयाrsquo को हमलोगो क बीच समभवि भाई योगराज परभाकर जी ल कर आय रामीर अञचल का साहननधय हजन लोगो को नसीब हआ हो वह जानि होग हक lsquoछनन पकयाrsquo या इस िरह क अनय िहकया कलामो क साथ हमार लोक-साहहतय म अपररहमि रचनाए हई ह और उन म स लगभग 99 अब लपत भी हो चली ह हम जसो को बावला कहन वालो का हम इसहलय बरा नही मानि चहक इस िरह की बािो को विदमान समय नोवीटाहकजया क नाम स जानिा ह याद आिा ह हम लोगो क बचपन म हवजञापन वाल हम बिाि थ हक नमक स दािन करन पर दाि ख़राब हो जाि ह और वही हवजञापन वाल अब हमार बचचो स पछ रह ह हक आप क टट-पवीट म नमक ह हक नही याहन आहख़रकार य लोग हमारी भोर को ख़चो क साथ शर करन म सफल हो ही गय ख़र समय न कब हकस की सनी ह जो हम लोगो ही की सनगा चहलय अब उस फरसहिया जी क सटायर स लतरनदोि हआ जाय -

ldquoएक रसबहकय की डायरीrdquo ndash अनप शकल उरद ररसहिया आजकल रसबक का जमाना ह लोग कछ भी करि ह उसका वीटटस FB पर डालि ह समोसा खा रह ह बोर हो रह ह अचछा लग रहा ह झझला रह ह बलॉकअनफ़र ड

कर हदया ऐसा रील कर रह ह वसा महसस हो रहा ह कछ हो रहा ह कछ-कछ हो रहा ह कछ भी हकया जाय अगर उसको रसबक पर न डाला जाय िो लगिा ह वो काम हआ ही नही रसबक वीटटस हबन सब सन हालाहक रसबक पर लोग सब कछ कह लि ह लहकन हरर भी बहि कछ रह जािा ह हजस शरारि क मार लोग साझा नही करि ऐस लोग अपन मन क भाव अपनी डायरी म हलखि ह ऐसी ही कछ डायररया हाथ लगी उनको दखकर लगा हक हकिना कछ छट जािा ह रसबक आन स उन डायररयो म स कछ क अश यहा परवीिि ह 1आज हरर उसन अपनी परोराइल हपक बदली बवकर को पिा नही हक परोराइल बदलन स शकल नही बदल जािी मन नही था लहकन लाइक करनी पड़ी हगकटी रील हो रहा ह रसबक क चलि हकतता झठ बोलना पड़िा ह 2उसन नयी रोटो लगायी ह हवा म उड़ि हय बाल दखकर मन हकया हक हलख- य बाल नही िर सर स बची-खची अकल हनकलकर बाहर भाग रही ह लहकन हरर हलखा नही उसको य खशरहमी हो जािी हक उसक पास भी अकल ह हकसी को कयो ाोख म रखना आख मदकर फोटो लाइक कर हदया

3उसन आज हकसी को बलॉक करन की उदघोषरा नही की मन हकया पछ हक िहबयि िो ठीक ह लहकन हरर नही पछा हकसी क पसदनल मटर म कया दखल दना हजतती दर म कमट हलखग उतत म दस ठो लाइक कर लग 4हपछल दस हदन स एक ही आईडी स रसबहकग करि-करि बोर हो रह ह खराब लग रहा ह सोचा था आज पकका नई आईडी बनायग लहकन नही बनाई य कया हो रहा मझ गगहलग करना पड़गी हक ऐसी मनहवीथहि को कया कहि ह कछ इमपरहसव कहि होग िो उसको अपना वीटटस बना लग - रीहलग हडटरमाइनड 5बलॉग दख रही ह आजकल वो मई उसका वीटटस सबस पहल लाइक करिी ह घोटाल क पीछ CAG की िरह उसक वीटटस स हचपकी रहिी ह पछना पड़गा उसस चककर कया ह आजकल चट भी नही करिा लगिा ह नई आईडी स चट करनी पड़गी य भी औरो की ही िरह ह 6आज उसन हरर कतत क साथ अपना रोट लगाया ह मन िो हकया मनका गााी को हलख द हक दहखय आपक रहि जानवरो क साथ हकतता िो अनयाय हो रहा ह लहकन हरर छोड़ हदया कमट हकया - (कतत का) रोटो बहि अचछा लग रहा ह बरकट क अदर वाली बाि मन म कही ही ही ही ही smile emoticon smile emoticon smile emoticon

7आजकल हजस दखो कहविा हलखन म लगा ह हकिना िो करर हो गय ह लोग शबदो क साथ अतयाचार दखकर मन दखी हो जािा ह कछ शबदो स बाि हई बचार कह रह थ -पिा होिा हक हमार साथ इतता बरहम सलक होगा िो हम हडकशनरी स भाग जाि रीहलग helliphelliphellip (खाली जगह रीिा स पछ कर भरगी उसको य सब अचछा आिा ह हक कब कस रील होना चाहहय ) 8िीन हदन स दषट न हकलो नही बोला सोचिा ह म पहल बोल माई रट मर पाच हजार दोवीि ह िीन हजार िीस रालोवर उस बवकर क िीन सौ इकवावन दोवीि गवीसा आ गया उसक वीटटस पर (हजसको पहल लाइक हकया था) जाकर वीटटस को सकड़ो बार हडसलाइकलाइक हकया वीटटस को हझझोड़ कर रख हदया कल रील हआ हरर वीटटस लगाया- भटटा चबा रह ह ठड़ा पीि हय smile emoticon

9कछ भाई लोग िो जञान की बाि इतती बवकरी स करि ह हक मन करिा ह एक उननाव क डौहडया गाव म खदाई क हलय लगी एक ठो जसीबी इनक हदमाग म भी लगा द सारी अकल का मलबा हनकाल क हदमाग को खाली कर द लहकन हरर लगिा ह कड़ा कड़दान म ही रह िो अचछा जमीन पर काह को रलाया जाय 10आज मड की भी छटटी थी छटटी मिलब सड समझकर मन टीना को सड वाली आईडी स हकलो बोल हदया वो घट भर िक मह रलाय रही िरह-िरह क बवकरी क आइकान भज कर उसको मनाना पड़ा य लड़हकया भी हकतती चजी होिी ह यार मन िो हकया हक वीटटस लगाऊ -टाहकग ट रल रीहलग इरीटटड लहकन हरर लगा वो समझ जायगी िो वीटटस लगाया- एनजवाइग सड रीहलग रट

11दोवीि बिा रहा था हक वो आजकल बहि वयवीि ह दो आईडी बनाई ह उसन दोनो पराानमहियो की िरर स रसबक पर जग लड़िा ह एक आईडी हकसी क हखलार वीटटस हलखिा ह दसरी स उसक हखलार िकद घट दो घट एक वीटटस पर कशिी लड़न क बाद अगला वीटटस लगा दिा ह बिा रहा था पराानमिी कोई बन उसका चमचा-इन-चीर बनना पकका ह राजयमिी क दज की आशा ह मन हकया उसको कह rsquoशखहचकली कही कrsquo लहकन rsquoरटrsquo कहक बॉय कह हदया वीटटस सटाया- रीहलग ररलकड 12भाईसाहब न बहि हदन स कोई वीटटस अपडट नही हकया आज एक लड़क को रसलाकर लगभग जबररयन समोसा हखला रह ह पकका दस हमनट क अदर वीटटस लगायग- आज एक भख को भोजन कराया सिषट महसस कर रहा ह म सोच रहा ह हक म कमट करगा ndash कया अजब पाखड ह लहकन मझ पिा ह हक म हकसी को हटद नही कर सकिा राइनली हदल पर पतथर रखकर हलखगा- मानविा की सचची सवा 13आज शाम एक फ़र ड का रोन आया कहा आज हकसी स रसबक बरकअप नही हआ िहबयि घबरा रही ह रीहलग लो मन कहा िो म कया कर िो उसन कहा यार ि ही मझस लवर बनकर बाि कर ल आईडीपासवडद भजा ह िरी मल म मन कहा -मझ इस सब झमल म नही पड़ना उसन हरर दोवीिी की कसम दी िो मझ दया आ गयी मन कहा अचछा चल लाग इन करि ह मरी हकवीमि अचछी लाइट चली गयी थी मन उसको एसएमएस हकया उसका जबाब आया -कोई नही मन खद दो बराउजर स चट करक बरक अप कर हलया िझ हहचहकचाहट हो रही थी अचछ स हो भी नही पािा िर स नाऊ रीहलग ररलकवीड मन वीटटस लगाया- कस-कस रस ह रसबक क रीहलग सरपराइजड ऐसी न जान हकिनी बाि डायरी म हलखी हई ह सबको यहा हलखना ठीक नही ह नमन बिा हदय आप अनदाजा लगाइय हक और कया-कया हलखा होगा डायररयो म आप भी रसबक डायरी हलखि हो िो शयर कररय अपन हवचार कोई हहचहकचाहट हो िो अनाम नाम स मझ भज दीहजय हम छाप दग आया न मिा और पिना चाहि ह इन को ठीक ह थोड़ी दर बाद पहल कछ और रचनााहमदयो को भी पि हलया जाय

डॉ (सशरी) शरद हसह

हदलो म रग भर द पयार का हफर इस दरा होली हक मौका द ही द दीदार का हफर इस दरा होली

न हशक़वा हो न कोई हो हगला इक-दसर क सग हमटा द दाग़ हर िक़रार का हफर इस दरा होली

ग़मो को दर सरका द खशी को साथ ल आय

रख माहौल बस इकरार का हफर इस दरा होली

महबबि की हसफाररश हो महबबि की इबादि हो रह तयोहार इक इसरार का हफर इस दरा होली

य होली म सभी क साथ होन का मिा आए

लग हर शख़स जयो पररवार का हफर इस दरा होली

सशीला हशवरार

कहा गए वो चग-डर अपनापन अनराग गीिो की रसाार हबन हकिना सना राग

ढोल-चग की गज पर मन उठिा था झम अब गहलया सनी हई कहा गई वो ाम

मवीिो की टोली नही नही वीवाग क रग बस टीवी म रह गया होली का हड़दग

रग हरिा म छा गए नील-पील-लाल

म हबरहन सखी रही मझको यही मलाल

मोहन अब रगि नही रााा िर गाल कलयग ह द वापर नही दहनया कर सवाल

सग अबीर-गलाल क मला कौन-सा रग लोग कह म बावरी जग स हई हनसग

सावररय क रग-सा हमला न दजा कोय िन लाग जो सावरा हर हदन होली होय

उसन य दखा मझ हई शमद स लाल

हसरि हदल म रह गई मलिी खब गलाल

ामनर कमार lsquoसजजनrsquo

िर भर चिकर जो हमट रग बड़ा बकार साि जनम िक साथ द वही रग िन डार

बदन रगा िो कया हकया मन को रग ल यार

मौका भी दवीिर भी होली का तयोहार

रगो क सग घोलकर कछ टट सवाद ऐसी होली खहलए बरसो आए याद

जाकर य सब स हमलो जस हमलि रग

कवल हपरयजन ही नही दशमन भी हो दग

रग सभी फीक पड़ जब आई मख लाज इन गालो क रग स आओ रग द आज

सख रगो स करो सिरगी ससार

पानी की हर बद को रखो सरहिि यार

फागन न आकर कहा अपन हदल का हाल गोरा मखड़ा ाप का हआ शमद स लाल

रग न हो िो परम भी रग दिा ससार परम न हो िो वयथद ह रगो का अबार

िझको रगन थी चली पीली पीली ाप गोरा िन छकर हई उजली उजली ाप

आखो आखो म चल सार रग गलाल

अपनी होली चल रही य ही सालो साल

ओबामा जी अगर हलकन हिदा होि िो

सजीव हनगम

सबह सबह चचचा अपन घर रपी िोप नली स गोल की िरह जो छट िो सीा हमार घर म आकर रट उनक हाथ म सबह का अखबार था और मह स दनादन ऐस शबद हनकल रह थ हजनह सन कर पहलस वाल भी शहमिदगी महसस करन लग ऐसी िबरदवीि गोलाबारी क सामन पड़ना अपन खद क अहिम सवीकार का इििाम करना जसा ही था इसहलए हम हाथ म सरद रमाल थाम उनक शाहबदक रप स ठडा होन की राह दखन लग थोड़ी दर बाद वह शभ घड़ी भी आ गयी और व उस अकसहशयन की िरह स शाि होकर बठ गए जो घर आय महमान पर भौक भौक कर थक गया हो मन हहममि करक पछा चचचा आप िो ओबामा की िरह स सभय आदमी थ य अचानक ओसामा कस बन गए यह सनि ही चचचा हफर स पाहकवीिानी फौहजयो की िरह स हबना कारर फायररग करन लग बोल नाम मि लो उस ओबामा का मर सामन जब अभी भारि आया था िो कया कया अरमान दख थ मन उसकी और अपनी दोवीिी क यह सोच सोच कर म हकिना खश था हक उस दोबारा यहा दख कर चीन हकिना जल रहा होगा पाहकवीिान हबलख रहा होगा यहा िक हक जब जाि जाि उसन हम हबन मागी सलाह द डाली िब भी मन उस पान क अडड पर खड़ हकसी दोवीि की चहलबािी समझ कर झल हलया था - पर उसन िो वहा जाकर भी - अमा िम अपनी िोि जसी चोच बद रखो य हम दो बड़ी हहवीियो क बीच का मामला ह उसम िम अरर जटली की िरह स बीच म घसन की कोहशश मि करो सषमा वीवराज की िरह स अलग ही रहो हम पिा ह हक उसन वहा जाकर भी हमारी िरफ इस बयान की हपचकारी मारी थी हक भारि म ााहमदक असहहषरिा इिनी बि गई ह हक यहद महातमा गााी हजदा होि िो व आहि होि - लहकन अब िो वहा भी hellip

- हा वही िो hellip बड़ा आया हम जञान दन वाला अब उसक अपन यहा ााहमदक असहहषरिा की ऐसी हरकि हो रही ह िो अब समझा ना अपन लोगो को हम जो जञान हदया था उस कॉपी पवीट करक अपन कपयटर जस दश क होम पज पर डाल न - सही कह रह ह आप पर य सब मझस कहन स कया फायदा - वो िो म भी जानिा ह िम जसा सवीि सट पहनन वाला इन सब बड़ी बड़ी बािो को कया समझगा य िो लाखो रपय का सट पहनन वालो क समझन की बाि ह - िो हफर उनह ही समझाईय न मर घर को कयो राज पथ बना कर 26 जनवरी का शहि परदशदन कर रह ह - हम यहा कोई शहि परदशदन करन नही आय ह बहकक राषर हहि म िमस एक कबादनी मागन क हलए आय ह कही गवीस म इनहोन इवीलाहमक वीटट जसा कोई आिकवादी सगठन न बना हलया हो और उसका पहला हफदायीन मझ ही बनान का न ठान हलया हो यह सोच कर मरी सास डर क मार अपन आप िोर िोर स अनलोम हवलोम करन लगी डरि डरि आवाि हनकली कसी कबादनी चचचा - हम थोड़ी दर क हलए क हलए िमहारा मोबाईल चाहहए - कयो भला - ओबामा स बाि करनी ह और उसस पछना ह हक आज अगर अबराहम हलकन हिदा होि िो व हकिना आहि होि लहकन मरी दशभहि न ही मझ मर मोबाईल क माधयम स अमररका स समबना ख़राब करन स रोक हदया मन मोबाईल म बलस न होन का कारगर बहाना बना हदया चचचा न दवादसा की िरह स अहिशय करोा स मझ घरा और हफर हकसी सचच मोबाईल ाारी दशभि की िलाश म हनकल गए

समीिा परवीर कशवा

रग लगाक ि न जा मझ रग लगाक अपन अग लगाल सावररया रhellip

पवन बसिी ि बनक सग बहा ल अपन हदल म बसा ल सावररया रhellip

फागन न जकफ खोली मदहोशी नभ म घोली

ाानी आकाश हआ ारिी भी उसकी होली

रगो स रग हमल सिरगी फल हखल पखरी लाज खोए

भवरा जो उसप डोल बाह पसार नदी क दोनो हकनार

इकदज को पकार बलम आजा रसावररया रhellip

लरज कपोल लाल सया रग गलाल भावभरा रग घला

िन मन हए सब लाल सजना क सग सखी

ऐस म रग रगी खद स ही परीि हई खद स ही जग हई

परीि लगाक अपनी नीद गवा क सजन सग बन गई म िो बावररया र सावररया रhellip

कावय करन को चल ह हम भरािा सच पछौ िौ हम कछ नही आिा 01

हफर ह हमन बहि िहनक लगाई

झट सो यो एक यहि बझ आई 02

एक शबद ह िाक अनक हवकार इनकौ कीज िजद- बनद वयवहार03

शबद-हवकार प पन-पन करौ परहार

ठोको- ठासौ और नक लउ हनहार 04

जस-जस शबद वीव- पकार सनाव िस-िस कावय पहि बन आव 05

अब िौ भईया हम ह कहव कहाए

मन ही मन यो मवीि मोद मनाए 06

एक हदन जमौ बड़ौ कावय वयापार कहव-कल कौ कछ कह आर न पार07

सब न अपन-अपन जब पाठ हकय

शरगार हावीय वीर रस क ठाट हकय08

अलकारन क अदभि उपयोग हकय वकरोहिन क हवलिर परयोग हकय09

छनदन सौ अनठ स अनबना हकय

चमतकहि क अतयि सपरबना हकय10

हमन ह हहममि अपनी नक न हारी कावय म कावय की यहि कह डारी11

अब हनरदय कौ अवसर जयो आयौ

हमरौ नाम उनन सवद- शरषठ सनायौ12

हलयौ पचन न हम पनः मच बलाय हदयौ टट जिन कौ एक हार हपराय13

िब व बोल मनद-वीवर य मद भाखा

नीच स आपकौ नमबर एक ह आका14

यह सब दखद दशय दखि घर-वारी घर पहचि ही वाकी हवकट सवारी15

बड़ चल हौ िम हनि कहव बनन कौ आयी न नक ह लाज या झठ रन कौ16

बालक भख घर सौ मस ह हफरि ह

टट ह पाि वसतरन क पबनद फटि ह17

मददि स हर बाररस यह छतत चआनी बस अब की बार ह सच फशद प आनी18

कहव-जन एक बाि म कहौ सहवचारी

मानौ न मानौ हौ अब आप अहाकारी19

रोजी-रोटी जब लौ नही हसि जगाड़ी कहव नही कबह कहव ननद अनाड़ी 20

- एन एल चिवदी नगीना उरद lsquoननदrsquo

साहहतयम पर आप लोग जो रसील और चटील वयङयालखो का रसावीवादन करि ह उस का हजममा भाई कमलश पाणडय जी न उठाया हआ ह कहन की आवशयकिा नही हक साहहतयम का कल कामकाज वीवहचछक और अविहनक ह आज क दौर म ऐस साहथयो का हमलना सौभाय ही कहा जायगा वस भी पसा सब कछ खरीद सकिा ह मगर समपदर की भावना नही कमलश जी वीवय भी एक बहिरीन वयङयकार ह कमलश जी क सटायसद की हवशषिा ldquoबारीक़ीrdquo ह आप बड़ ही हनराल अनदाि म पाठक को अपन साथ बहा ल जाि ह आइय कमलश जी क एक रसील और चटील वयङयालख का रसावीवादन करि ह-

फाहयान की हफकमी डायरी कमलश पाणडय

उस रोि फ-ची न बिाया हक भारि-भरमर पर जान स पहल वहा की कछ हफकम

दख ल िो पयादपत मागददशदन हमल सकिा ह फची कहिा ह हरकम हकसी भी समाज का दपदर होिी ह सो इनह दख लो सभव ह भारि जान की आवशयकिा ही न पड़ यही बठ-बठ भारि पर एक वहद रथ हलख सकि हो कल बािार स विदमान काल म बनी डि-दो सौ भारिीय हफकमो की सीडी क जलदवीय सवीकरर ल आया जो प-ईहचग क चोर-बािार म मोमो क एक पलट स भी सवीिी हमल गई आज परािः काल भजन-पजन क उपराि उनक अवलोकन क हलए बठ गया ह य एक नया ही ससार परिीि होिा ह फ-ची ठीक कहिा था हक चीन म फली भारि समबनाी भराहियो पर करद न ारो मझ सही मागददशदन दन वाल फ-ची को साावाद कहि हए अब आरमभ करिा ह एक आठ परहर स हनरिर भारिीय जीवन की इनरानषी छहवया दखि-दखि नि चहाया गए ह और महषिषक िो मानो हनहषकरय ही हो गया ह अभी थोड़ सरा-पान क उपराि जी

हकका हआ िो भारि- जो अब ईहनडया कहलान लगा ह ndash की आकहि कछ-कछ दहषटगोचर होन लगी ह य िो हनहिि ही ह हक इहणडया अतयि समि दश ह हफकम का नायक जो वीवय को आम-आदमी और हनादन मनषय बिािा ह एक बड़ स भवन म रहिा ह हडिाइनर परराान पहनिा ह चमकि वाहन पर यािायाि करिा ह और एक सनदरी स परम करिा ह कभी-कभी सदररयो की सखया एक स अहाक हो सकिी ह पर जब वह नतय रि होिा ह िो सदररया अनि होिी ह हजन ानाढय लोगो स उसकी शििा होिी ह उनक िो कया कहन उनकी जीवन शली चीन क समराट को भी लजा दन वाली ह वस अहाकाश हफकमो म नायक पहलस अहाकारी ह ऐसा परिीि होिा ह हक इहडया म सभी पहलस अहाकारी बनना चाहि ह हजसका कारर यही मालम होिा ह हक उनक घर और ठाट-बाट राजाओ स परहिवीपााद करि दीखि ह इसस िो यही लगिा ह हक इहडया म अब सवदहारा कोई नही बचा दो आम आदमी पर आााररि एक हफकम का अवलोकन करन क बाद इस हनषकषद पर जा पहचा ह हक इहडया क आम-आदमी सर-सपाट क शौकीन होि ह और परायः अपनी परहमका क साथ मनोरम वीथलो पर भरमरशील रहि ह उसकी परहमका वीवय को अतयि हनादन बिािी ह जो उसक अतयकप वसतरो को दख कर िो सतय परिीि होिा ह परनि जब उसक आभषरो और चरर पादका पर दहषट जािी ह िो थोड़ा सदह भी उतपनन होिा ह परायः य लोग कही आकाश स परसाररि होि सगीि पर गायन करन लगि ह िो हर बदलि लय क साथ वसतर वीथल और वाहनाहद बदल दि ह समहि का िब चरमोतकषद हदखिा ह जब य लोग गीि का हर अिरा हकसी अनय दश की भहम पर गाि ह और पलक झपकि ही उनह वहा पहचा दन वाला वाहन कही नही हदखिा हनिय ही वहा का हवजञान अभिपवद परगहि कर चका ह सभव ह वहा हर आम आदमी क पास अपना हनजी वाययान हो िीन आम आदमी की मोहक छहवयो वाल दशयो को दखि जी ही नही भरिा यह भी जञाि हआ हक इहडया एक अतयि सनदर दश ह जहा एक ही वीथल पर समर हहमाचछाहदि पवदि रहगवीिान और झरन ह कई एक वीथल िो ह-ब-ह हवीवटिरलड नामक दश क सामान ह य भी समभव ह हक आम आदमी क भरमर-लाभ हि इहडया म ही कही-कही यरोप-अमरीका आहद महादशो की परहिकहि रच ली गई ह गीिो क दशयो म िो य बाि एक दम हसि हो जािी ह जस ही नायक-नाहयका गायन परारमभ करि ह ढर-सारी सदररया नाचिी-गािी उनकी सगि करन आ जािी ह य भी वसतरो की दहषट स अतयि हनादन लगिी ह परनि हवीथहि पर गौर करन स वीपषट हो जािा ह हक ऐसा नही ह कया समरिट पर सट पहन कर जाया जािा ह या हक राहि-कलबो म बकाद ओि कर इसस य भी वीपषट ह हक इहडया म नाररयो को इचछा-नसार पहनन-ओढन घमन-हफरन नाचन-गान की वीविििा ह चार फची गलि कहिा ह हक इहडया म बहि गरीबी ह उस ऐसा कछ हरकम ही दखकर लगा था उसकी सलाह पर आज ऐसी कछ हरकम दखी इनम टट-फट घरो म कछ हभिक-परकार क पराहरयो का जीवन हदखाया गया था सकषम दहषट डालन पर इन बहवीियो क पीछ खड़ हवशाल महल हदख जाि थ जहा स कछ आम आदमी आकर इन बहवीियो को हगराना चाहि हदखाए गए थ पर उनका उदशय इन झोपहड़यो की जगह महल बना कर पर इहणडया को एकाकार कर दना था समयाभाव म इनका बनाना हदखाया नही जा सका एक राजनिा न बिाया हक गरीबी को परचाररि करन क पीछ हवरोाी राजनीहिक दलो का दषपरचार ह जो मझ सो सतय लगा मझ िो इसम

चीन का हवीि होन की भी समभावना हदखी कयोहक ऎसी एक हफकम म हनादन लोग बार-बार माओ का नाम ल रह थ पाच ऐसा परिीि होिा ह हक इहडया म सभय लोगो की भाषा हहनदी ह य भाषा अरजी क शबदो और वीथानीय भाषा क कारको स बनी ह हबना पि-हलख लोग कई वीथानीय भाषाए बोलि ह परायः लोग कवल अरिी भी बोलि पाए जाि ह पर आम िौर पर अरिी क दो एक वाकयो क बाद हहनदी पर उिर आन की परवहतत ह नाहयकाए और हसतरया अरिी बोलना पसद करिी ह पर जब वो हहनदी बोलिी ह िो भी धवहन अरिी-सी ही आिी ह ऐसा परिीि होिा ह हक उनह भाषा की दीिा मलिः अरिी म हमली ह और हहनदी उनहोन हकसी हहनदी हफकम म काम करन क उददशय स सीखी ह गान अहपि हहनदी म ही गाय जाि ह पर वहा और भी कई भाषाओ का मल हदख पड़िा ह एक गीि िो ऐसा था हजसम बड़-बड़ नगाड़ो की िाल पर पजाबी नामक भाषा म बहि सारी अरिी और थोड़ी हहनदी हमलाई गयी थी ऐस कछ गीिो क रचहयिा कोई lsquoयो योrsquo नामक महाकहव ह जो अपन गीिो म यवाओ को कम महदरा या मादक पदाथो क सवन करन जस सावीकाररक सदश दि रहि ह इन गीिो क भावाथद जो भी हो इसम कनयाओ का नतय अदभि ह- शबदो को समझ हबना ही सभी अथद वीपषट हो जाि ह छह आज दहिर इहडया की कछ हरकम दख कर पिा चला हक इहणडया क इस भखड म परष अहि-शहिशाली और नाररया खब भरी-परी होिी ह नायक िो इिना चपल होिा ह हक चशमा हसगरट या हपवीिौल जस उपकरर पलक झपकि ही अपन शरीर क हवहवा हहवीसो पर अिररि कर लिा ह इस नायक क एक आघाि स खलनायक कई पलो िक वायमडल म गोि खािा ह और कभी-कभी िो आकाश म ही हवलीन हो जािा ह उार नाररया रग-हबरग कलशो और इनरानषी आकहियो क बीच मादक नतय करिी रहिी ह वहा का एक नायक िो सवद-शहिमान ईशवर क समकि ह उसकी शहियो क हवषय म अनक हकवदहिया परचहलि ह जो फ-ची क अनसार रजनी-जोकस नामक रथ म सगहीि ह साि कछ राजनीहिक हरकम दख कर ऐसा परिीि हआ हक इहणडया म सभी निाओ की अपराा करन-करान म गहरी रहच ह परायः समाज म खलनायक निा ही होिा ह य लोग सरा-सदररयो हहथयारो सनदर परासादो और चमकि वाहनो क बीच ही रहना पसद करि ह आवशयकिा पड़न या न पड़न हकसी भी हवीथहि म हकसी की हततया कर दना इनक वाम-हवीि का कमद ह बलातकार हि इनह यो िो सभी हकवीम की नाररया पसद ह पर नायक की बहन या परहमका पर हवशष कपा रखि ह ऐसा लगिा ह हक इनकी हदनचयाद हकसी षडयि स आरमभ होकर हकसी हततया पर समापत होिी ह इनक अगरिक चीनी यि कला म हसिहवीि होि ह और अवसर पाि ही सााारर मानवो पर ईया-ऊआ करि टट पड़ि ह एक राजनिा की कररिा दख कर िो मरा हघघघी नामक अग बा ही गया इहडया म इनही अहिमानवो म स जनपरहिहनहा चनन का परावाान मालम होिा ह चन हलए जान क बाद य परायः शवि वसतर ाारर करि ह और सभाओ म भाषर दि हफरि ह पर अििः अपराा क सभी सि उनस ही जड़ होि ह चनाव एक रोचक अवसर होिा ह जब ढर सार वाहनो म लोग रग हबरगी झहडयो क साथ नारा लगाि घमि ह आठ इहडया का य रग दख कर िो दग रह गया ह एक मदान म लाल पील हार नील िातपयद य की सभी परकार क रगो स सराबोर हिारो मनषय एक साथ नतय कर रह ह सबक

वसतर शवि ह िाहक रगो की छाप गहरी उभर गाज-बाज क साथ एक समह गीि गाया जा रहा ह हजसम गोररयो की चोली पर रग डालन की परररा दी जा रही ह चनररया को हभगोन पर हवशष जोर ह सदररया परषो स जोड़ बना कर मादक नतय कर रही ह रग जो ह उड़ भी रह ह बौछार बन कर बरस रह ह और चहरो पर पोि भी जा रह ह इहडया की इस रगीन छहव को दख कर हपछली सारी छहवया ााली हो गई ह ऐसा परिीि हो रहा ह हक मानो परा दश एक ही रग म रगा ह भल ही वह हिारो रगो म वयि हो रहा हो पिा चला ह हक य एक तयौहार ह हजस होली कहि ह एक हदन पहल इहडया क लोग होहलका जलाि ह हजसम अपनी बराईयो की आहहि डालि ह मन भी आज इहडया की बरी छहव बनान वाली हपछली हफकमो की सीडी एकि कर उनकी होहलका जला दी और उसकी राख इन बरगलान वाली हरकम दखन की सलाह दन वाल फ-ची क मह पर मल आया आज इहणडया की यािा की ियारी परी कर ली ह दो हदनो क पिाि होली ह उस दख हबना इहडया की यािा कस समपरद होगी य ह कमलश पाणडय जी और य ह उन का अनोखा वाला रङग जो मझ बहद पसनद ह इस आहटदकल को चाह िो माि मनोरञजन क हलय भी पिा जा सकिा ह और अगर कोई वयहि समय हनकाल कर इस की थाह को नापना चाह िो नपप भी सकिा ह कमलश भाई जी क एक हमि ह हवनोद हमशर हवनोद जी ररसणटली बरसाना हो कर आय ह हवनोद जी न साहहतयम क हलय बरसान की होली की दो बहि ही सनदर-सनदर िवीवीर भजी ह हवनोद जी का बहि-बहि आभार य ह वह दो िवीवीर -

डा वी क भकला

हजजजा सग होली

लगा कर भोग महावीर को और चिा कर फल बिीसा बड़ भहिभाव स पि रह थ हम िो हनमान चाहलसा महावीर जब नाम सनाव

भि हपचास हनकट नही आव िभी मरी साहलया आ कर बोली खलग हम जीजजा सग होली और मरी हसटटीहपटटी गम होली कािर वीवर म हमन पकारा

ह हनमि अब िरा सहारा सन पकार मरी हनमानजी धयान म आए

और मझस य ररमाए वतस म िो ठहरा बाल बरहमचारी

कस हर म हवपदा िमहारी इस लरड़ म मझ न लाओ

िमहारी घहटया ह िमही बजाओ पड़ा सकट मोचन नाम भी झठा हदखा गए हनमानजी भी अगठा

मरी साहलओ न जी भर की मरी पिाई दिा रहा हाए म दहाई

िभी शरीमिी जी बाहर स आई मझ दखि ही हचलाई

अजी सनि हो जरा बाहर आओ कोई लरगा घर म घस आया ह

उस मार कर बाहर भगाओ ाीर स मन खखारा

अरी भागवान य म ह पहि िमहारा िो शरीमिी जी िनक कर बोली

वाह मर छला बहि भाए हो सबह सबह कहो हकसस

मह काला करवा कर आए हो मन अपनी करर गाथा उस सनाई

िो शरीमिी जी हभननाई और अपनी बहनो को आवाि लगाई

कया मरा ही पहि हमला था मह काला करन क हलए

िो वो बहयाई स बोली दीदी अगली होली म

िम हमार पहियो का मह काला कर दना िमहारा सारा हशकवा हमट जाएगा हहसाब एक दम बरोबर हो जाएगा

हमन कछ वि क हलए बाहर हनकलना बद कर ह

यह सोच कर हक अगर हकसी न पछा हक िमहारा मह हकसन काला हकया

िो कया जवाब दगा

हवजनर शमाद

सरहद स आया नही होली पर कय लाल मा की आख रग स करिी रही सवाल

आखो को भी ह हगला कर हशकायि गाल बरी ख़द आया नही हभजवा हदया गलाल

कौन बजाव फाग प ढोल नगाड़ चग चारो िरर उदाहसया गायब हई उमग

मौक़ा था पर यार न डाला नही गलाल

मरझाय स ही रह मर दोनो गाल

हरि म थ यार सब दशमन भी था दग मन उसक गाल पर लगा हदया जब रग

इििार क रग म गयी बावरी डब होली पर इसबार भी आया ना महबब

और अब ररसहिया जी का एक और ाास सटायर ाास इसहलय हक समझ म नही आ रहा हक इनह खाङरसी कहा जाय हक हफर भीजफी बाला

आजकल बचार कालान की मरन ह कोई भी घपला होिा ह काल ान पर िोहमि लगिी ह बलक मनी की थ-थ होिी ह जस निा चमच क हबना महनि चल क हबना आईपीएल हरहकसग क हबना

अारा लगिा ह वस ही कोई भी घपला काल ान की चचाद क हबना अारा लगिा ह घपला अगर कोई

आाहनक जहटल कहविा ह िो काला ान उसका आम जनिा की समझ म आन वाला सरल अनवाद ह घोटाला यहद कोई अबझ हसिाि ह िो काला ान उसकी सहज टीका ह जस पाहटदया चद क हबना निा लफ़राजी क हबना लखक अपनी उपिा का रोना रोय हबना नही रह पािा वस ही दहनया का कोई भी बड़ा ानाा हबना काल ान क नही पनप सकिा दहनया म हजिन भी मजबि ाना ह चाह वह हहथयार का हो ामद का हो या हरर हशिा का ही कयो न हो सबकी बहनयाद म काल ान की सीमनट लगी ह काला ान न हो िो हवीवस बक रवीस बक होकर रह जाय अपन दश म हपछल बीस सालो म हजतता हवकास हआ ह काला ान उसस कई गना जयादा बिा ह गहरि की भाषा म कह िो हकसी भी आाहनक समाज का हवकास उस समाज म मौजद कालान की मािा का समानपािी होिा ह इस सबक बावजद कालान को लोग इजजि की हनगाह स नही दखि कालाान कमान वाला िक खलआम उसकी आलोचना ही करिा ह राजनीहिजञ चनाव भल काल ान क सहार लड़ लहकन सावदजहनक रप स कालान की ऐसी बराई करि ह जस वामपथी दहिरपहथयो की करि ह अमररकी कयबा की करि ह पाहकवीिान वाल भारि की करि िरह ह अपन परहि दहनया का यह दवदातमक इजजिवाद दखकर बचार कालान क हदल पर कया बीििी होगी दहनया क ाोख को दखकर उसका मन भी हजया खान की िरह लटककर हनपट जान का करिा होगा उसका भी मन करिा होगा हक सरकारी गवाह बन जाय और सबकी पोल खोल द हक कस िमाम लोगो स उसक अिरग सबा रह कस लोगो न उसका सहारा हलया आग बि और सहारा हलया लहकन जब सरलिा क हकवीस सनान की बारी आयी िो शरय अपनी महनि लगन और बहि को हदया कालान क योगदान की सरासर उपिा कर दी यह वसा ही ह हक हकसी दश क इहिहास म राजा राहनयो क हकवीस हलख जाय लहकन महनिकश जनिा की कहानी गोलकर दी जाय लहकन हरर कालाान शायद यह सोचकर चप रह जािा होगा हक अपरााी कोई भी हो लहकन बराई उसी की होनी ह बइजजिी िो उसी की खराब होनी ह इसक बाद शायद वह यह सोचकर चपचाप अपनी करििो म जट जािा होगा हक आजनही िो कल उसको वह इजजि अवशय हमलगी हजसका वह हकदार ह उसको भी खल आम उिनी ही वीवीकायदिा हमलगी हजिनी की आज समाज म जाहिवाद सकीरदिा भाई भिीजावाद भायवाद और काहहली को हमली ह काला ान सोचिा होगा- जस बाहकयो क हदन बहर कया पिा वस ही उसक भी बहर

और साहथयो चलि-चलि अपनी जड़ो की ओर - बरहमलीन सनि कहव हशवदीन राम (जोशी) की सनि-वारी आप ही क आधयाहतमक हशषय आदररीय शरी हकशोर पारीक [खणडला] जी क सौजनय स

गोकल व बरसान की नार बजाय-बजाय बजा रही िारी अर वनदावन की बनी व बनी बनक ठनक अरी द रही गारी

शयाम को शयामा सजाय सजी अहो और गलाल लगावि पयारी हशवदीन व जोरी स जोरी हमलीबरज खलि होरी ह बाक हबहारी

मगल समगल सदा ही आननद रह नदलाल

ि गलाल डार दख सखी आ रही राा मिवाली आली चाली रग डारन को

गोहपया हनराली गाली शयाम को सना रही सन-सन क शयामलाल सग-सग गवाल बाल

बाजि मदग िाल राा जी गा रही कहिा हशवदीन लाल ऐसी गलाल उड़ी

बादर बन लाल लाली चह ओर छा रही

बरज वनदावन ााम रग स रगा रगीला हरा मोहिया लाल रग ह पयारा पीला

ाम ााम स खल खल रह होरी दखो शयामा शयाम सजान और सग गोरी दखो

चह ओर हपचकाररया रग-रग की ाार हशवदीन सरस रस रहसक जन पीव करर-करर पयार

राम गर गायर

भारि की लोक समपदा फागन की फाग - आचायद सजीव वमाद सहलल भारि हवहवावरी लोक सवीकहि स सपनन- समि परमपराओ का दश ह इन परमपराओ म स एक लोकगीिो की ह ऋि पररविदन पर उतसवामी भारिीय जन-

मानस गायन-वादन और निदन की हिवरी परवाहहि कर आनहदि होि ह फागन वषािि िथा चि वषादरमभ क साथ-साथ फसलो क पकन क समय क सचक भी ह दहिरायनी सयद जस ही मकर राहश म परवश कर उततरायरी होि ह इस महादवीप म हदन की लमबाई और िापमान दोनो की वहि होन की लोकमानयिा ह सयद पजन गड़-हिल स हनहमदि पकवाननो का सवन और पिगबाजी क माधयम स गगनचमबी लोकानद की अहभवयहि सवदि दखी जा सकिी हमकर सकराहि हखचड़ी बसाखी पोगल आहद हवहवा नामो स यह लोकपवद सकल दश म मनाया जािा ह पवदराज होली स ही मधयोततर भारि म फागो की बयार बहन लगिी ह बदलखड म फाग बजभहम म नटनागर की लीलाए हचहिि करि रहसया और बााई गीि अवा म राम-हसया की जगल जोड़ी की होली-करीड़ा जन सामानय स लकर हवहशषट जनो िक को रसानद म आपादमवीिक डबा दि ह राम अवा स हनकाकर बदली माटी पर अपनी लीलाओ को हववीिार दि हए लमब समय िक हवचरि रह इसहलए बदली मानस उनस एकाकार होकर हर पवद-तयौहार पर ही नही हर हदन उनह याद कर जय राम जी की कहिा ह कषर का नागो स सघषद और पाडवो का अजञािवास नमददाचली बनदल भहम पर हआ गौरा-बौरा िो बदलखड क अपन ह हशवजा हशवातमजा हशवसिा हशवहपरया हशव वीवदोभवा आहद सजञाओ स समबोहाि आननददाहयनी नमददा िट पर बमबहलयो क साथ-साथ हशव-हशवा की लीलाओ स यि फाग गयी जाना वीवाभाहवक ह बदली फागो क एकछि समराट ह लोककहव ईसरी ईसरी न अपनी परहमका रजउ को अपन कहितव म अमर कर हदया ईसरी न फागो की एक हवहशषट शली चौघहड़या फाग को जनम हदया हम अपनी फाग चचाद चौघहड़या फागो स ही आरमभ करि ह ईसरी न अपनी पराकि परहिभा स रामीर मानव मन क उचवासो को सर-िाल क साथ समहनवि कर उपहिि और अनचीनही लोक भावनाओ को इन फागो म हपरोया ह रसराज शर गार क सयोग और हवयोग दोनो पि इन फागो म अदभि माायद क साथ वहरदि ह सदयवीनािा यविी की कशराहश पर मा ईसरी गा उठि ह ईसरी रााा जी क कानो म झल रह िरकला को उन दो िारो की िरह बिाि ह जो रााा जी क मख चनर क सौदयद क आग फीक फड़ गए ह कानन डल राहाका जी क लग िरकला नीक आनदकद चद क ऊपर िो िारागर फीक ईसरी की आराधया राहाका जी सदरी होन क साथ-साथ दीनो-दहखयो क दखहिाद भी ह मय बल राि राहाका जी को कर आसरा की कौ दीनदयाल दीन दःख दखन हजनको मख ह नीकौ पहटया कौन सगर न पारी लगी दहिन पयारी रचक घटी-बड़ी ह नया सास कसी ढारी िन रई आन सीस क ऊपर शयाम घटा सी कारी ईसर परार खान ज पहटया जब स िकी उघारी

कहव पछिा ह हक नाहयका की मोहक चोहटया हकस सघड़ न बनायी ह चोहटया जरा भी छोटी-बड़ी नही ह और आिी-जािी सासो की िरह हहल-डल रही ह व नाहयका क शीश क ऊपर शयामल मघो की िरह छाई ह ईसरी न जब स इस अनावतत कशराहश की सनदरिा को दखा ह उनकी जान हनकली जा रही ह ईसर की नाहयका ननो स िलवार चलािी ह दोई ननन की िरवार पयारी हफर उबार अलपान गजरान हसरोही सलमान झख मार ऐच बार मयान घघट की द काजर की ाार ईसर शयाम बरकि रहहयो अहायार उहजयार िलवार का वार िो हनकट स ही हकया जा सकिा ह नायक दर हो िो कया हकया जाए कया नाहयका उस य ही जान दगी यह िो हो ही नही सकिा नाहयका हनगाहो को बरछी स भी अहाक पन िीर बनाकर नायक का हरदय भदिी ह छट नन-बार इन खोरन हिरछी भौह मरोरन नोकदार बरछी स पन चलि करज फोरन नायक बचारा बचिा हफर रहा ह पर नाहयका उस जान दन क मड म नही ह िलवार और िीर क बाद वह अपनी काहिल हनगाहो को हपवीिौल बना लिी ह अहखया हपवीिौल सी करक मारन चाि समर क गोली बाज दरद की दार गज कर दि निर क इिन पर भी ईसरी जान हथली पर लकर नवयौवना नाहयका का गबखान करि नही अघाि जबना कड़ आय कर गहलया बला कसी कहलया ना हम दख जमि जमी म ना माली की बहगया सोन कस िबक चि ह बरछी कसी भहलया ईसर हाथ सभार ाररयो फटट न जाव गहदया लोक ईसरी की फाग-रचना क मल म उनकी परहमका रजऊ को मानिी ह रजऊ न हजस हदन गारो क साथ गल म काली काच की गररयो की लहड़यो स बन ४ छटा और हबचौली काच क मोहियो का हिदान जसा आभषर और चोली पहहनी उसक रप को दखकर दीवाना होकर हार झलन लगा ईसरी कहि ह हक रजऊ क सौदयद पर मा हए हबना कोई नही रह सकिा हजयना रजऊ न पनो गारो हरनी हजया हबरानो छटा चार हबचौली पर भर हफर गरदानो

जबनन ऊपर चोली पर लटक हार हदवानो ईसर कान बटकन नइया दख लव चह जवानो ईसरी को रजऊ की हरन (हचिवन) और हसन (हसी) नही भलिी हवशाल यौवन मिवाली चाल इकहरी पिली कमर बार की िरह िानी भौह हिरछी निर भलाय नही भलिी व निर क बार स मरन िक को ियार ह इसी बहान रजऊ एक बार उनकी ओर दख िो ल ऐसा समपदर ईसरी क अलावा और कौन कर सकिा ह हमख़ा हबसरि नही हबसारी हरन-हसन िमारी जबन हवशाल चाल मिवारी पिरी कमर इकारी भौह कमान बान स िान निर हिरीछी मारी ईसर कान हमारी कोदी िनक हर लो पयारी ईसरी क हलय रजऊ ही सवदवीव ह उनका जीवन-मरर सब कछ रजऊ ही ह व परभ-वीमरर की ही िरह रजऊ का नाम जपि हए मरन की कामना करि ह इसहलए कछ हवदवान रजऊ की सासाररक परहमका नही आदया माि शहि को उनक दवारा हदया गया समबोान मानि ह जौ जी रजऊ रजऊ क लान का काऊ स कान जौलो रहन रहि हजदगी रजऊ क हि कमान पला भोजन कर रजौआ पाछ क मोय खान रजऊ रजऊ कौ नाम ईसरी लि-लि मर जान ईसरी रहचि सहसतरो फाग चार कहड़यो (पहियो) म बाी होन क कारन चौकहड़या फाग कही जािी ह इनम सौदयद को पान क साथ-साथ पजन और उसक परहि मन-परार स समहपदि होन क आधयातमजहनि भावो की सहलला परवाहहि ह रचना हवाान य फाग ४ पहियो म हनबि ह हर पहि म २ चरर ह हवषम चरर (१ ३ ५ ७ ) म १६ िथा सम चरर (२ ४ ६ ८) म १२ मािाए ह चरराि म परायः गर मािाए ह हकनि कही-कही २ लघ मािाए भी हमलिी ह य फाग छद परभाकर क अनसार महाभागवि जािीय नर र छद म हनबि ह इस छद म खड़ी हहदी म रचनाए मर पिन म अब िक नही आयी ह ईसरी की एक फाग का खड़ी हहदी म रपािरर दहखए हकस चिरा न छोटी गथी लगिी बहद पयारी हकहचि छोटी-बड़ी न उठ-हगर रही सास सम नयारी मकट समान शीश पर शोहभि कषर मघ सी कारी हलय ल रही जान कश-छहव जब स हदखी उघारी नर र छद म एक चिषपदी दहखए

बाि बनाई हकसन कसी कौन हनभाय वाद सब सच समझ रही ह जनिा कहा फदकि पयाद राजा कौन विीर कौन हकसक बद-नक इराद हजसको चाह सहलल हजिा मि चाह उस हरा द बनदली लोकरग की सािी ईसरी की फाग सजीव बदलखड क महानिम लोककहव ईसरी क कावय म लोकजीवन क सावीकहिक साहहहतयक सामाहजक पि परी जीवनििा और रचनातमकिा क साथ उदघाहटि हए ह ईसरी का वहशषटय यह ह हक व िथाकहथि सभराििा या पाहडतय स कय भाषा शली आहद उाार नही लि व दशज रामीर लोक मकयो और परमपराओ को इिनी वीवाभाहवकिा परगाििा और अपनतव स अहकि करि ह हक उसक सममख हशषटिा-शालीनिा ओिहि सजदनाारा हवपनन परिीि होन लगिी ह उनका साहहतय पवीिकाकार रप म नही शरहि परपरा म सन-गाकर सहदयो िक जीहवि रखा गया बदलखड क जन-मन समराट महान लोककहव ईसरी की फाग गय परपरा क कारर लोक-वीमहि और लोक-मख म जीहवि रही सकलनकिाद कवर शरी दगद हसह न १९३१ स १९४१ क मधय इनका सकलन हकया शरी इलाशकर गहा न ाौराद राम (जहा ईसरी लमब समय रह थ) हनवाहसयो स सनकर फागो का सकलन हकया अपिाकि कम परचहलि हनमन फागो म ईसरी क नसहगदक कारहयिी परहिभा क साथ-साथ बनदली लोक परपरा हावीया एव शरीनगरहपरयिा क भी दशदन होि ह कषर-भि ईसरी वनदावन की माटी का महातमय कहि हए उस दविाओ क हलए भी दलदभ बिाि ह अपनी कवीन जीभ स चाटी वनदावन की माटी दरलभ भई हमली ना उनखो दई दविन डाटी हमल ना सकी अनकन हार पाव की पररपाटी पायो वीवाग काह न नइया मीठी ह की खाटी बाही रज बजबाहसन lsquoईसरrsquo हहसदारी म बाटी कदम कञज म खड़ कनहया राहगीरो को रावीिा भला दि ह इसहलए पहथक जमना की राह ही भल गय ह अथादि जमना स नही जाि हकसी को भला कर मजा लन की लोकरीि को ईसरी अचछा नही मानि और कषर को सलाह दि ह हक हकसी स अहाक हसी अचछी नही होिी आली मनमोहन क मार जमना गल हबसार जब दखो जब खडो कञज म गह कदम की डार जो कोउ भल जाि ह रवीिा बरबस आन हबगार जादा हसी नही काऊ स जा ना रीि हमार

lsquoईसरrsquo कौन चाल अब चहलए ज िौ परी पार राि भर घर स बाहर रह कषर को अपनी सफाई म कछ कहन का अवसर हमल हबना lsquoछहलयाrsquo का हखिाब दना ईसरी क ही बस की बाि ह ओइ घर जाब मरहलयाबार जहा राि रय पयार हर बाट मनइया बठी कर नन रिनार अब िौ कौनऊ काम िमारो नइया भवन हमार lsquoईसरrsquo कषर नद क छौना िम छहलया बजबार फगआ हो और रााा न खल यह कस हो सकिा ह कषर सर ह िो रााा सवा सर दोनो की लीलाओ का सजीव वरदन करि ह ईसरी मानो सािाि दख रह हो रााा न कषर की लकटी-कमररया छीन ली िो कषर न रााा क हसर स सारी खीच ली इिना ही हो िो गनीमि होली की मवीिी चरम पर हई िो रााा नटनागर बन गयी और कषर को नारी बना हदया खल फाग राहाका पयारी बज खोरन हगराारी इन भर बाह बास को टारो उन मारो हपचकारी इनन छीनी लकहट मरहलया उन छीनी हसर सारी ब िो आय नद क लाला ज बषभान दलारी अपन बनी नटनागर lsquoईसरrsquo उन बनाओ नारी अटारी क सीिी चिि घघर हनशबद हो गए फलो की सज पर बनवारी की नीद लग गयी रााा क आि ही यशोदा क अनाड़ी बट की बीन (बासरी) चोरी हो गयी कसी सहज-सरस ककपना ह चोरी गइ बीन हबहारी की जसदा क लाल अनारी की जाहमन अमल जगल क भीिर आवन भइ रााा पयारी की नपर सबद सनाक हखच रय हछहड़या चड़ि अटारी की बड़ी गलाम सज फलन की लग गइ नीद मरारी की काि lsquoईसरीrsquo घोरा प स उठा लई बनवारी की कषर रााा और गोहपयो क चगल म फस गय ह गोहपयो न अपन मनभावन कषर को पकड़कर सतरी बनान का उपकरम करन म कोई कसर नही छोड़ी कषर की बनमाला और मरली छीनकर हसर पर साड़ी उिा दी गयी रााा न उनह सभी आभषरो स सजाकर कमर म लहगा पहना हदया और सहखयो क सग फागन मनान म लीन हो गयी ह शर गार और हावीय का ऐसा जीवि शबद हचि ईसरी ही खीच सकि ह पकर गोहपन क मनभावन लागी नार बनावन छीन लई बनमाल मरहलया सारी सीस उड़ावन

सकल अभषन सज राहाका कहट लहगा पहरावन नारी भस बना क lsquoईसरrsquo फगआ लगी मगावन ईसरी परहमका स हनवदन करा रह ह हक वह अपन िीख नयनो का वार न कर हजरह-बखिर कछ न कर सक ग और दख ही दखि नयन-बार हदल क पार हो जायगा हकसी गरी वदय की औषहा भी काम नही आएगी ईसरी क दवाई िो हपरयिमा का दशदन ही ह पररय की ऐसी परगाि रसहसि अहभवयहि अपनी हमसाल आप ह नना ना मारो लग जह मरम पार हो जह बखिर हझलम कहा का लह ढाल पार कर जह औषद मर एक ना लहगह बद गनी का कह कहि lsquoईसरीrsquo सन लो पयारी दरस दबाई दह हनमन फाग म ईसरी नयनो की कथा कहि ह जो परदशी स लगकर हबगड़ गय बबादद हो गय ह य नयना अा हसपाही ह जो कभी लड़कर नही हार इनको बहि नाि स काजल की रखा भर-भरकर पाला ह हकनि य खो गए और इनस बहि आसओ स नयी की नयी सारी भीग गयी ह कसी माहमदक अहभवयहि ह नना परदसी स लग क भय बरबाद हबगरक नना मोर सर हसपाही कबऊ ना हार लरक ज नना बार स पाल काजर रख भरक lsquoईसरrsquo भीज गई नई सारी खोवन असआ ढरक शरगार क हवरह पि का परहिहनहातव करिी यह फाग ईसरी और उनकी परहमका रजऊ क हबछड़न की वयथा-कथा कहिी ह हबछरी सारस कसी जोरी रजो हमारी िोरी सङगसङग रह हनहस-बासर गर हलपटिी सोरी सो हो गई सपन की बाि अन हस बोल कोरी कछ हदनन को हिया अबादो हम बिा दो गोरी जबलो लागी रह lsquoईसरीrsquo आसा जी की मोरी ईसरी की य फाग शर गार क हमलन-हवरह पिो का हचिर करन क साथ-साथ हावीय क उदातत पि को भी सामन लािी ह इनम हसी-मजाक हसना-बोलना सभी कछ ह हकनि मयादहदि कही भी अशलीलिा का लश माि भी नही ह ईसरी की य फाग २८ मािी नरनर छद म रहचि ह इनम १६-१२ पर यहि का ईसरी न परी िरह पालन हकया ह सम चररानि म गर की अहाकिा ह हकनि २ लघ भी परापय ह इक फाग म ४ ५ या ६ िक पहिया हमलिी ह एक फाग की सभी पहियो म सम चररानि समान ह जबहक हवषम चररानि म लघ-गर का कोई बान नही ह

हम न गर हवीन और ख़शब ही को िोला होिा हफर िो हर पड़ गलाबो स भी हकका होिा उदाहरर क रप म समझा जाय िो एक मिदबा य भी समझा जा सकिा ह हक परमपराए हमशा पड़ या हफर पौा की िरह होिी ह और उन पर लगन वाल फल और उन फलो की ख़शबए आाहनक हवचाराारा समान यहद हम आाहनक हवचारााराओ ही को सबकछ समझ बठ ग िो य फल और ख़शबए कया आसमान स टपक ग समझन वाल इशारो को बहि जकद समझग बाय द टाइम आप इस अङक को पि रह हो ममहकन ह दहनया का एक बड़ा हहवीसा आप को होली की बराइया हगना रहा हो हम इिना ही हनवदन कर ग हक ldquoसपrdquo की िरह-िरह सार-सार को गह और थोथ को उड़ा फ क नीर-िीर-हववक हम सब की ामहनयो म यगो-यगो स परवाहमान ह अपन हववक का सदपयोग करि हय अचछी बािो को आग बिाए हमठाइयो क कारोबाररयो दवारा परोस जा रह अशि माल स परहि करि वक़ि याद रह हक कडबरी भी कोई अमि नही ह हर गली क नककड़ पर रङग हपचकारी वग़रह बचन वाल हमार कटीर उदयोग क खवनहार ह आप सभी को सपररवार होली की शभ-कामनाए

खहशयो का वीवागि कर हर आगन हर दवार| कछ ऐसा हो इस बरस होली का तयौहार||

होली हवषयक और भी सामरी मसलन छद ग़िल हजल नज़म कहविा गीि-नवगीि रहसया आलख कहानी कथा वग़रह पिन क हलय यहा हकलक कर

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साि पशि की ऐसी की िसी करि ह करि ह सतकार गाहलयो को गा-गा कर लहकन सनन वाल को भी हसा-हसा कर

जीजा-साली या हक हफर दवर-भाभी सङग

होली क तयौहार म हखलि ही ह रङग हखलि ही ह रङग अङग-परतयङग हभगो कर

िाई जी हसिी ह फफाजी को ाो कर लहकन िब स अब म इिना अनिर आया पहल मन रगि थ - अब रगि ह काया

सब क हदल ग़मगीन ह बकल सब सनसार ममहकन हो िो इस बरस कछ ऐसा हो यार कछ ऐसा हो यार पयार की बहगया महक हजन की डाली-डाली पर हदलवाल चहक ख़हशयो को दलराए ग़मो को पीछ ठल ऐसी अब क साल साल भर होली खल

िो हर साल की िरह इस साल भी होली पर कया हकया जाय ndash यह मन म हवचार चल रहा था भाई कमलश पाणडय और हफरोि मिफरर ndash य दो ऐस साथी ह जो हक जब-जब म थकन लगिा ह िो य दौनो िथा कछ और भी lsquoअजञाि-हवाािाrsquo मझ मरा रिद याद हदला दि ह बरज-गजल-सङरह ldquoपखराज हबा म उड़ रए एrdquo का परकाशन पररवार म कई माङगहलक परसङग कारोबारी मसरहरयाि क अलावा पल-पल बदलि मौसम न भी वीवावीय को हगरा कर इस बार बहि परशान हकया ख़र अब अङक ल कर आप क सामन उपहवीथि ह ररवरी क दसर हफ़ि म िय हआ हक आगामी अङक को होली हवशषाङक क वीवरप म हनकाला जाय सभी साहथयो को ररमाइणड हकया इिन कम समय म हजस स जो बन पड़ा िक़रीबन सब ही न सहयोग हकया इस अङक की ख़ाहसयि ह मरी कहिन lsquoगहड़याrsquo याहन अचदना चिवदी बचपन क बाद इस स कभी हमलना नही हो पाया अनिजादल ही पर मलाक़ाि हई और इस का आलख ल कर आय कमलश पाणडय जी -

अचदना चिवदी

होली का नाम सनि ही हम अपन मोहकल चचचा---- की याद बड़ी जोरो स आ जािी ह | वस िो हमार चाचा जी बड़ ही शाि शरीफ आदमी टाइप थ पर होली का मौसम

आि याहन फागन शर होि ही चचा क भीिर कोई शिान सा घस जाव था और हफर शर होिी चचा की शिाहनया | चचा क खराफािी हदमाग म ऐसी ऐसी शिाहनया आिी हक मजाल ह कोई हकिना भी होहशयार हो िो भी उनक हमल स बच नही पािा | उनकी एक टोली बन जािी और हफर शर होिा

नाक म दम करन का दौर | यहद कोई चचा को डाट या उनक मा बाबा स उनकी हशकायि कर िो चचा ऐसा सबक हसखाि हक वो ससरा परी हजदगी चचा क रवीि म आन की हहममि ना करिा | एक बार हमार मौहकल क ही रामचरर काका न चचा की हशकायि उनक हपिाजी स कर दी और चचा को पड़ी मार | चचा का खन खौल गया अपनी बनदर टोली क साथ हमलकर रामचरर काका को सबक हसखान की सोची| चचा न गली स गाय का गोबर उठाया और एक दौन म रख बाहर चाट वाल क पास गए उस रपय हदए और बोल ldquoइस पर दही सौठ चटनी सब डार द ज एक दम दही बड़ा जसो लगनो चाहहएrdquo चाट वाला उनह जानिा था चप चाप दौना सजाया और द हदया | हफर चचा न एक बचच को पकड़ा और उसक हाथो वो गोबर वाला दही बड़ा रामचरर काका क पास हभजवा हदया | काका खान क शौकीन थ सो अडौस पडौस वाल कछ ना कछ भजि रहि थ | बचच न कहा ldquoकाका य मा न भजा हrdquo काका न चटट स दौना लपका और गपप स चममच भर क मह म डाला हजस गहि स दही बड़ा मह म गया उसकी दगनी गहि स वाहपस भी आ गया | अब िो बचार काका हलक म उगहलया द द कर उहकटया कर रह थ और चचा टोली िाहलया पीट पीट कर हस रही थी और काका रग हबरगी गाहलया बरसा रह थ | परा मोहकला इस फरी की हफकम का आनद ल रहा था | पर य पकका था अब काका हमार चचचा क रवीि म िो नही आएगा | य चचचा और उनकी बनदर टोली होली जलान क हलए गाि बजाि चदा मागन आिी ldquoपसा दगी जभी टर गनई िौ िर घर म मस मर गrdquo और जो आनाकानी करिा उसक घर का लकड़ी का सामान ल जाकर फक डालिी | हकसी की चारपाई िो हकसी क हकबाड़ उखार कर ल जाि इसहलए सब चपचाप चदा दि | होली की हमठाई क नाम पर हकिनो को भाग की बफी या लडड हखला डालि और मला करवा दि | कभी पीली हमटटी स मवावाटी बना कर हखलाि | पर महकल म उनकी ही कौिक कथाए चलिी | पर चचचा हदल क भी बहि अचछ थ हमारी मा की िो बहि इजजि करि | हमारी मा कभी होली नही खलिी थी ऐसा नही था हक मा को होली पसद नही उस वि सयि पररवार थ सबकी पसद क पकवान बनान क चककर म मा परा हदन रसोई म ही रहिी | चचचा न कई बार कहा भाभी होली खलो न पर मा हर बार मना कर दिी पापा भी कहि पर मा मना कर दिी और िो और रसोई स बाहर भी नही आिी हक कोई रग ना लगा द | पापा का शायद मन करिा मा को रग लगान का पर सब को दखकर चप ही रहि य बाि चचचा न िाड़ ली थी | एक बार होली वाल हदन हमार घर एक सनदर सी महहला आई उसन सलवार सट पहना हआ था खब मक अप भी हकया था हम बचचो स बोली ldquoजरा अपनी मममी को बलाना बटाrdquoकहना आपकी सहली आई ह | हमन मा को बोला मा रसोई म ही थी सहली का नाम सनकर दौडी आई | अभी मा पहचानन की कोहशश ही कर रही थी हक उस सनदर महहला न मा क ऊपर खब सारा गलाल डाल हदया मा न भी एकदम स उनक हाथ स गलाल छीन कर उनक ऊपर गलाल डाल हदया िभी पापा भी आ गए हफर िो उस हदन मा न खब होली खली | बाद जब पिा चला हक वो सहली और कोई नही चचा ही थ य पलान उनहोन पापा और हमार चाचा क साथ हमलकर बनाया था | उस वाकय को सोच कर मा आज िक हसिी ह |

कछ भी कहो चचचा पर मोहकल की जान थ यहद चचचा नही होि िो होली होली जसी किई नही होिीज िो हम पिा चल ही गया जब चचचा की नौकरी लग गयी और वो दसर शहर चल गए| शर म िो होली पर घर आि हफर आना कम हो गया और हम भी शादी होकर अपन ससराल हवदा हो गए | पर चचचा की याद आि ही हम अपन मायक की होली याद जरर आ जािी ह | अबकी हम मथरा गए िो चचचा हमल गए हम दख बड़ खश हए और बोल ldquoलाली कसी ह री ि हकतत साल म दखी हrdquo मन छटि ही कहा ldquoचचचा म िो ठीक ह ज बिाओ वहा शहर म भी वस ही होली मनाि हो नाrdquo मरी बाि सनि ही चचचा उदास हो गए और बोल ldquoलाली होली िो हो ली मन कहा ldquoकया मिलब चाचा rdquo िो चाचा बोल ldquoशहरो का आदमी िो रोटी और पानी क हलए हदनभर खट रहा ह | पीन को िो महशकल स पानी हमलिा ह होली कस खलग और कस रग छडाएग | इतती महगाई म कस होली जलायग और कस पकवान बनायग | और हकसक सग होली मनाए जब हम य भी नही पिा हक पडौस क घर म कौन रह रहा ह सो बटा होली िो हो ली | याहन हम जो खलनी थी खल चक चचचा की आखो म उदासी थी हमारी आखो म परान चचचा और परानी होली थी | दखा छोटी सी गहड़या हकिनी सयानी हो गयी ह खस रह बटा भौि बहिया आहटदकल पिवायौ िन वस होली पर हकसी वररषठ को वररषठ कहना अहिशय गररषठ अपराा होिा ह हफर भी आइय अपन रप क एक वररषठ सदवीय हजनह सिीश सकसना क नाम स जान हलया जािा ह आइय की क़लम की बलौस ाार का आननद उठाया जाय -

सिीश सकसना

अपन घर म ही आखो पर कसी पटटी बाा रखी ह

इन लोगो न जान कब स मन म रहजश पाल रखी ह

इस होली पर कयो न सलगि हदल क य अगार बझा द मटठी भर कछ रग फागन म अपन घर म भी हबखरा द

हकिना ददद हदया अपनो को

हजनस हमन चलना सीखा हकिनी चोट लगाई उनको

हजनस हमन हसना सीखा वीनहहल आखो क आस कभी नही जग को हदख पाय इस होली पर घर म आकर कछ गलाब क फल चिा ल

जब स घर स दर गए हो ढोल नगाड़ बसर लगि

हबन पयारो क मीठी गहझया उड़ि रग सब फीक लगि

मटठी भर गलाल फागन म फीक चहरो को महका द सबक सग ठहाका लकरअपन घर को वीवगद बना ल

नमन कर

गर घटालो क पाव छऊ

भिहनयो क राजनीहि क मककारो नान स खली होली ह आओ छीट मार रग क बरा न मानो होली ह

गर ह गड स चला शककर गर क गर

पटाय जाकर गरभाई स राज पछकर गर की गया दह ली ह जहा हमला मौका दवर न जम क खली होली ह

घघट हटा क पग बनािी हहदी खश हो नाम कमािी

पि महथली सममख इसक अकसर भरि पानी ह हवहवीकी और कबाब न कस हसक खली होली ह

अामद करक ामद हसखाि ान पान क कमद हसखाि

निर बचाककस उसनदा म गोली घोली ह खददर पहन क निाओ न दश म खली होली ह

सिीश भाई क बलॉग पर जाए िो आप को हलखा हमलगा हक ldquoमा की दवा को चोरी करि बचच की वदना हलखगाrdquo एक अलग ही सोच वाल सिीश भाई हठामी रचनाकार ह बनान इनह वीवीकायद नही और भया होली हवशषाङक भी बनानो को उिनी िवज़िोह दना भी नही चाहिा होली ह िो बस होली क रङगो का मिा लि ह बस आइय पहल कछ कावय कहियो को पिि ह और हफर एक सटायर

इवीमि िदी ndash हशरा किगावी

ह होली रगो का तयोहार य रग बाट ह सब म पयार

न इन म दवष घोलना

य सदर भावो का सचार ह इक दज की य मनहार

न इन म दवष घोलना

ह होली नररि स इकार हदलो क बीच न हो वयापार

न इन म दवष घोलना

ह हपचकारी वो परम की ाार हगरा द नररि की दीवार

न इन म दवष घोलना

ह इन रगो क अथद हिार नही ह कवल य बौछार

न इन म दवष घोल

अनपमा हिपाठी

फागन की ऋि घर आई

परकहि गाय माविी

और बहार राग हर स ऐसा हछटका

फाग क अनराग का पराग

हदय छद हए वीवचछद मद मद महआ की गा

िोड़िी मन िटबा

हनशा रागवनिी हदवस परागवि अलमवीि मामास दख

वहनिा लाजवि

पलाश मन रग रगा पषप पखहड़यो स रगोली सजाई

हककी-फलकी बािो म स हावीय को िाड़ कर और हफर उस बग़र भौड़ा हय पाठको को गदगदान क हलय इवीिमाल करन क उपकरम ही को वयङय कहि ह भाई आलोक पराहरक ऐस ही वयङयकार ह जो हक बड़ी ही आसानी स पाठको क पट म गलगली मचा दि ह और कही-कही हम सोचन क हलय मिबर भी कर दि ह आइय उन क एक वयङयालख का आननद लि ह

होली क पासवडद - आलोक पराहरक

हजर वो वि गया जब शबद की वडद की कीमि होिी थी अब िो कीमि पासवडद की ह साफटवयर कारोबारी भी हनकल हलय ह नय ाा करन क हलए सो नयी कहानी सामन आयी गोहपयो स कहा गया हक इार मीहडया बहि माकट फर डली हो हलया ह आपक होली डास की फटज ल जािा ह फोकटी म और टीवी पर हदखा हदखाकर उनस इहशिहार वसलिा ह

करोड़ो म आप अपन होली डास को पासवडद परोटकटड कर लो जी होली डास का पासवडद दन क हम हसफद लाखो लग और मीहडया को वो पासवडद बिान क िम करोड़ो वसलना पर िब िो हमार वाल बाल भी हमार साथ डास ना कर पायग-गोहपयो न आशका जिायी नो पराबलम हम िमह पासवडद दग िम हजस चाहोगी उस य पासवडद द दना वह िमहार साफटवयर म इस फीड करगा और िम डास शर कर दोगी-टकनीकल एकसपटद न बिाया पर अगर हम पासवडद भल गय िो-सरल गोहपयो न सहज आशका रखी िो िम हमार कवीटमर कयर पर फोन कर लना दसरा पासवडद हमल जायगा टमसद एड कडीशनस एपलाई यानी पचास हजार रपय आपको दन होग पचास हजार रपय दन वाली बाि बहि ाीम स कही गयी गोहपया ियार हो गयी लाखो दकर पासवडद खरीद हलय करोड़ो कमान की उममीद म साफटवयर वाल हनकल हलय जाकर गोहपयो क पासवडद बिा हदय अमररकनो और उनस कहा हक आप इन पासवडो क सहार गोहपयो क साथ डास कर उनकी शहटग कर हफर उनह महग अमररकन चनलो पर हदखाय अमररकनो को पासवडद बिान क करोड़ो डालर वसलसाफटवयर वालो न होली क आसपास सीन य हआ हक बरजमडल म हसफद अमररकन गर गोहपयो क साथ डास कर रह थ गोहपया अहनचछक थी पर चहक उनक साफटवयर स अमररकनो का पासवडद मच कर गया था इसहलए वो खद ब खद डास कर रही थी और हआ य था हक गोहपया अपन पासवडद खद भल गयी थी गोहपयो न कवीटमर कयर सटर पर फोन कहा िो सीन य हआ- हलो म गोपी नबर वन बोल रही ह कया मरी बाि कवीटमर कयर एकजीकयहटव स हो सकिी ह जी कवीटमर कयर पर सपकद करन क हलए ानयवाद आपका हदन शभ हो आप अपनी जनमहिहथ बिाय जी जनमहिहथ िो मझ याद नही ह अर िो आप अपना पन काडद नबर बिाय

जी पन काडद िो मर पास ह ही नही ओक हफर िो आप को हमार नजदीकी दफिर म जाकर एक फामद भरना होगा िब आपको नया पासवडद कररयर स भजा जायगा पर जब िक य सब होगा होली हनकल जायगी मरी कमाई क सार चास खतम हो लग दहखय म िो आपको परोसीजर बिा रही ह होली हनकलगी या दीवाली हनकलगी य मझ नही पिा ओफफो जब आपक एकजीकयहटव पासवडद बचन आय थ िब िो बहि ही िमीज स बाि कर रह थ आप िो बहि बदिमीजी स बाि कर रही ह दहखय िमीज का सारा कोटा हम राहक बनान म खचद कर दि ह उसक बाद हमार पास हसफद बदिमीजी ही बचिी ह म आपको परोसीजर बिा चकी ह आप उस फालो कर ओफफो डास िो होली पर करना ह उसक बाद डास कयो करना दहखय अब िो डास साल भर चलिा रहिा ह कोई ना कोई फकशन होिा ह उसम डास कर सकिी ह हमारी सहयोगी कपनी िमाम शाहदयो म रौनक लगान क हलए अचछ डासर सपलाई करिी ह आप उस कपनी म अपना रहजवीरशन करा द पर साल आपको डास क आफर हमलि रहग ओफफो आप बाि नही समझ रही ह हम िो होली क मवीिी वाला डास करि ह हनमदल सहज आनद क हलए दहखय हनमदल सहज जस शबद जो आप बोल रही ह य िो अचछ नाम ह हनमदल नाम स घी या मकखन बचा जा सकिा ह कोई सि इस पर अपना कारोबार पहल ही चला गय ह सहज हकसी योग का बराड हो सकिा ह आप चाह िो य नाम रहजवीटर करा सकिी ह इस सबा म आप हमारी सहयोगी कपनी स मदद ल सकिी ह वह बहि सवीि भावो म आपको सहवदस द दगी ओफफो आप िो मझ कछ ना कछ बचन पर आमादा ह आप मरी पराबलम को साकव कीहजय ना चहलय मरी अपन हकसी सीहनयर कवीटमर कयर एकजीकयहटव स बाि कराइय दहखय िमा कर अभी हमार सार कवीटमर कयर आफीसर हकसी ना हकसी गोपी स बाि करन म हबजी ह आप राि को दो बज काल कीहजय िब वो फरी होग ओफफो राि को दो बज काल करन को कौन जगगा दहखय वो आपकी समवीया ह हमारी नही आपका हदन शभ हो और राि भी

इस होहलका कथा स हम य हशिा हमलिी ह हक कवीटमर कयर हडपाटदमट कवीटमर की कयर क हलए नही कपनी की कमाई की कयर करन भर क हलए होिा ह हम म स अहाकानश लोग पहरदमा वमदन जी क परककप lsquoअनभहिrsquo क बार म जानि होग ककपना जी उस परककप का एक महतवपरद हकरदार ह अनभहि को अनभहि हजस टीम न बनाया उस म ककपना जी का भी शमार होिा ह म इन स बस एक ही बार इन क खारघर हवीथि आवास पर हमला ह शायद एक दो बार फोन पर बाि हई हो वीवावीय को लगभग माि द चकी आदररीया ककपना जी साहहतय-सवा क हलय सदव ितपर रहिी ह साहहतय की हवहवा हवााओ म रचनातमक परयास करना इन का हपरय शगल ह आप क िप को नमन

ककपना रामानी

ऐ हवा रगो नहाओ आ गया फागन ाम मौसम की मचाओ आ गया फागन

दश स रठी हई ह राि पनम की

चाद को जाकर मनाओ आ गया फागन

वन चमन क फल आिर दख लो हकिन नह नयौिा दक आओ आ गया फागन

हफर रह ह मन-महदि सब बाल बहगया म झलना उनका झलाओ आ गया फागन

साज ह सरगम भी ह ियार ह घघर

िम सखी शभ गीि गाओ आ गया फागन

खग हवहग-व दो क जाकर कान म कह दो मोर कोयल को जगाओ आ गया फागन

िान हपचकारी खड़ी ह दवार पर होली परम की गगा बहाओ आ गया फागन

----------

फगनाहट स जाग उठी ह जग म होली

रग पलाशो स लकर जन

हए रगील साथ फब रह लाल हर

कसररया पील सख को मह हचिा रह रग

गील हसकर भग चिा पकवान हो गए

और रसील

हपचकारी पर हफदा हो रही कोरी चोली

फगनाहट स जाग उठी ह जग म होली

मौसम बदला नमद हवा न पाव पसार

खार जल क िाल हो गए मीठ सार

चस-चस कर आम कोहकला सर म कहकी

आए हमलन गल िमी स चाद हसिार

हररयारो स होड़ ल रह

ढम-ढम ढोली फगनाहट स जाग उठी ह

जग म होली

शहरो म डीज गावो म बजिी पजन

दश हो हक परदसपवद की

एक वही ान खिो म सरसो हखलिी

उदयानो कहलया कर कर म रस भर दिा

सखदाई फागन

आिा सग ामाल शगन की भरकर झोली

फगनाहट स जाग उठी ह जग म होली

------------ सार छद

रग हदवस फागन क

छनन पकया छनन पकया उड़ रग क बादल पीि गलाबी लाल हआ ह वसारा का आचल

छनन पकया छनन पकया यह ऋि सबको भाई भवरो की मनहार दखकर कली-कली इिराई

छनन पकया छनन पकया गमी घटाए िम की दख रही ह जलिी होली जाग राि पनम की

छनन पकया छनन पकया वन पलाश हफर दहक

रग सनहरा दख गगन म उड़ि पाखी बहक

छनन पकया छनन पकया हफर आम बौराया मोर कोहकला न बागो को सर म गीि सनाया

छनन पकया छनन पकया दखा दशय हवहगम

हपचकारी भर खग-मग लाए रग घोलकर अनपम

छनन पकया छनन पकया हई खब हखलवाई जब सहखयो न भग हमलाकर ठडई घोट हपलाई

छनन पकया छनन पकया गाए गीि शगन क

बार-बार जीवन म आए रग हदवस फागन क

अनिजादल पर lsquoछनन-पकयाrsquo को हमलोगो क बीच समभवि भाई योगराज परभाकर जी ल कर आय रामीर अञचल का साहननधय हजन लोगो को नसीब हआ हो वह जानि होग हक lsquoछनन पकयाrsquo या इस िरह क अनय िहकया कलामो क साथ हमार लोक-साहहतय म अपररहमि रचनाए हई ह और उन म स लगभग 99 अब लपत भी हो चली ह हम जसो को बावला कहन वालो का हम इसहलय बरा नही मानि चहक इस िरह की बािो को विदमान समय नोवीटाहकजया क नाम स जानिा ह याद आिा ह हम लोगो क बचपन म हवजञापन वाल हम बिाि थ हक नमक स दािन करन पर दाि ख़राब हो जाि ह और वही हवजञापन वाल अब हमार बचचो स पछ रह ह हक आप क टट-पवीट म नमक ह हक नही याहन आहख़रकार य लोग हमारी भोर को ख़चो क साथ शर करन म सफल हो ही गय ख़र समय न कब हकस की सनी ह जो हम लोगो ही की सनगा चहलय अब उस फरसहिया जी क सटायर स लतरनदोि हआ जाय -

ldquoएक रसबहकय की डायरीrdquo ndash अनप शकल उरद ररसहिया आजकल रसबक का जमाना ह लोग कछ भी करि ह उसका वीटटस FB पर डालि ह समोसा खा रह ह बोर हो रह ह अचछा लग रहा ह झझला रह ह बलॉकअनफ़र ड

कर हदया ऐसा रील कर रह ह वसा महसस हो रहा ह कछ हो रहा ह कछ-कछ हो रहा ह कछ भी हकया जाय अगर उसको रसबक पर न डाला जाय िो लगिा ह वो काम हआ ही नही रसबक वीटटस हबन सब सन हालाहक रसबक पर लोग सब कछ कह लि ह लहकन हरर भी बहि कछ रह जािा ह हजस शरारि क मार लोग साझा नही करि ऐस लोग अपन मन क भाव अपनी डायरी म हलखि ह ऐसी ही कछ डायररया हाथ लगी उनको दखकर लगा हक हकिना कछ छट जािा ह रसबक आन स उन डायररयो म स कछ क अश यहा परवीिि ह 1आज हरर उसन अपनी परोराइल हपक बदली बवकर को पिा नही हक परोराइल बदलन स शकल नही बदल जािी मन नही था लहकन लाइक करनी पड़ी हगकटी रील हो रहा ह रसबक क चलि हकतता झठ बोलना पड़िा ह 2उसन नयी रोटो लगायी ह हवा म उड़ि हय बाल दखकर मन हकया हक हलख- य बाल नही िर सर स बची-खची अकल हनकलकर बाहर भाग रही ह लहकन हरर हलखा नही उसको य खशरहमी हो जािी हक उसक पास भी अकल ह हकसी को कयो ाोख म रखना आख मदकर फोटो लाइक कर हदया

3उसन आज हकसी को बलॉक करन की उदघोषरा नही की मन हकया पछ हक िहबयि िो ठीक ह लहकन हरर नही पछा हकसी क पसदनल मटर म कया दखल दना हजतती दर म कमट हलखग उतत म दस ठो लाइक कर लग 4हपछल दस हदन स एक ही आईडी स रसबहकग करि-करि बोर हो रह ह खराब लग रहा ह सोचा था आज पकका नई आईडी बनायग लहकन नही बनाई य कया हो रहा मझ गगहलग करना पड़गी हक ऐसी मनहवीथहि को कया कहि ह कछ इमपरहसव कहि होग िो उसको अपना वीटटस बना लग - रीहलग हडटरमाइनड 5बलॉग दख रही ह आजकल वो मई उसका वीटटस सबस पहल लाइक करिी ह घोटाल क पीछ CAG की िरह उसक वीटटस स हचपकी रहिी ह पछना पड़गा उसस चककर कया ह आजकल चट भी नही करिा लगिा ह नई आईडी स चट करनी पड़गी य भी औरो की ही िरह ह 6आज उसन हरर कतत क साथ अपना रोट लगाया ह मन िो हकया मनका गााी को हलख द हक दहखय आपक रहि जानवरो क साथ हकतता िो अनयाय हो रहा ह लहकन हरर छोड़ हदया कमट हकया - (कतत का) रोटो बहि अचछा लग रहा ह बरकट क अदर वाली बाि मन म कही ही ही ही ही smile emoticon smile emoticon smile emoticon

7आजकल हजस दखो कहविा हलखन म लगा ह हकिना िो करर हो गय ह लोग शबदो क साथ अतयाचार दखकर मन दखी हो जािा ह कछ शबदो स बाि हई बचार कह रह थ -पिा होिा हक हमार साथ इतता बरहम सलक होगा िो हम हडकशनरी स भाग जाि रीहलग helliphelliphellip (खाली जगह रीिा स पछ कर भरगी उसको य सब अचछा आिा ह हक कब कस रील होना चाहहय ) 8िीन हदन स दषट न हकलो नही बोला सोचिा ह म पहल बोल माई रट मर पाच हजार दोवीि ह िीन हजार िीस रालोवर उस बवकर क िीन सौ इकवावन दोवीि गवीसा आ गया उसक वीटटस पर (हजसको पहल लाइक हकया था) जाकर वीटटस को सकड़ो बार हडसलाइकलाइक हकया वीटटस को हझझोड़ कर रख हदया कल रील हआ हरर वीटटस लगाया- भटटा चबा रह ह ठड़ा पीि हय smile emoticon

9कछ भाई लोग िो जञान की बाि इतती बवकरी स करि ह हक मन करिा ह एक उननाव क डौहडया गाव म खदाई क हलय लगी एक ठो जसीबी इनक हदमाग म भी लगा द सारी अकल का मलबा हनकाल क हदमाग को खाली कर द लहकन हरर लगिा ह कड़ा कड़दान म ही रह िो अचछा जमीन पर काह को रलाया जाय 10आज मड की भी छटटी थी छटटी मिलब सड समझकर मन टीना को सड वाली आईडी स हकलो बोल हदया वो घट भर िक मह रलाय रही िरह-िरह क बवकरी क आइकान भज कर उसको मनाना पड़ा य लड़हकया भी हकतती चजी होिी ह यार मन िो हकया हक वीटटस लगाऊ -टाहकग ट रल रीहलग इरीटटड लहकन हरर लगा वो समझ जायगी िो वीटटस लगाया- एनजवाइग सड रीहलग रट

11दोवीि बिा रहा था हक वो आजकल बहि वयवीि ह दो आईडी बनाई ह उसन दोनो पराानमहियो की िरर स रसबक पर जग लड़िा ह एक आईडी हकसी क हखलार वीटटस हलखिा ह दसरी स उसक हखलार िकद घट दो घट एक वीटटस पर कशिी लड़न क बाद अगला वीटटस लगा दिा ह बिा रहा था पराानमिी कोई बन उसका चमचा-इन-चीर बनना पकका ह राजयमिी क दज की आशा ह मन हकया उसको कह rsquoशखहचकली कही कrsquo लहकन rsquoरटrsquo कहक बॉय कह हदया वीटटस सटाया- रीहलग ररलकड 12भाईसाहब न बहि हदन स कोई वीटटस अपडट नही हकया आज एक लड़क को रसलाकर लगभग जबररयन समोसा हखला रह ह पकका दस हमनट क अदर वीटटस लगायग- आज एक भख को भोजन कराया सिषट महसस कर रहा ह म सोच रहा ह हक म कमट करगा ndash कया अजब पाखड ह लहकन मझ पिा ह हक म हकसी को हटद नही कर सकिा राइनली हदल पर पतथर रखकर हलखगा- मानविा की सचची सवा 13आज शाम एक फ़र ड का रोन आया कहा आज हकसी स रसबक बरकअप नही हआ िहबयि घबरा रही ह रीहलग लो मन कहा िो म कया कर िो उसन कहा यार ि ही मझस लवर बनकर बाि कर ल आईडीपासवडद भजा ह िरी मल म मन कहा -मझ इस सब झमल म नही पड़ना उसन हरर दोवीिी की कसम दी िो मझ दया आ गयी मन कहा अचछा चल लाग इन करि ह मरी हकवीमि अचछी लाइट चली गयी थी मन उसको एसएमएस हकया उसका जबाब आया -कोई नही मन खद दो बराउजर स चट करक बरक अप कर हलया िझ हहचहकचाहट हो रही थी अचछ स हो भी नही पािा िर स नाऊ रीहलग ररलकवीड मन वीटटस लगाया- कस-कस रस ह रसबक क रीहलग सरपराइजड ऐसी न जान हकिनी बाि डायरी म हलखी हई ह सबको यहा हलखना ठीक नही ह नमन बिा हदय आप अनदाजा लगाइय हक और कया-कया हलखा होगा डायररयो म आप भी रसबक डायरी हलखि हो िो शयर कररय अपन हवचार कोई हहचहकचाहट हो िो अनाम नाम स मझ भज दीहजय हम छाप दग आया न मिा और पिना चाहि ह इन को ठीक ह थोड़ी दर बाद पहल कछ और रचनााहमदयो को भी पि हलया जाय

डॉ (सशरी) शरद हसह

हदलो म रग भर द पयार का हफर इस दरा होली हक मौका द ही द दीदार का हफर इस दरा होली

न हशक़वा हो न कोई हो हगला इक-दसर क सग हमटा द दाग़ हर िक़रार का हफर इस दरा होली

ग़मो को दर सरका द खशी को साथ ल आय

रख माहौल बस इकरार का हफर इस दरा होली

महबबि की हसफाररश हो महबबि की इबादि हो रह तयोहार इक इसरार का हफर इस दरा होली

य होली म सभी क साथ होन का मिा आए

लग हर शख़स जयो पररवार का हफर इस दरा होली

सशीला हशवरार

कहा गए वो चग-डर अपनापन अनराग गीिो की रसाार हबन हकिना सना राग

ढोल-चग की गज पर मन उठिा था झम अब गहलया सनी हई कहा गई वो ाम

मवीिो की टोली नही नही वीवाग क रग बस टीवी म रह गया होली का हड़दग

रग हरिा म छा गए नील-पील-लाल

म हबरहन सखी रही मझको यही मलाल

मोहन अब रगि नही रााा िर गाल कलयग ह द वापर नही दहनया कर सवाल

सग अबीर-गलाल क मला कौन-सा रग लोग कह म बावरी जग स हई हनसग

सावररय क रग-सा हमला न दजा कोय िन लाग जो सावरा हर हदन होली होय

उसन य दखा मझ हई शमद स लाल

हसरि हदल म रह गई मलिी खब गलाल

ामनर कमार lsquoसजजनrsquo

िर भर चिकर जो हमट रग बड़ा बकार साि जनम िक साथ द वही रग िन डार

बदन रगा िो कया हकया मन को रग ल यार

मौका भी दवीिर भी होली का तयोहार

रगो क सग घोलकर कछ टट सवाद ऐसी होली खहलए बरसो आए याद

जाकर य सब स हमलो जस हमलि रग

कवल हपरयजन ही नही दशमन भी हो दग

रग सभी फीक पड़ जब आई मख लाज इन गालो क रग स आओ रग द आज

सख रगो स करो सिरगी ससार

पानी की हर बद को रखो सरहिि यार

फागन न आकर कहा अपन हदल का हाल गोरा मखड़ा ाप का हआ शमद स लाल

रग न हो िो परम भी रग दिा ससार परम न हो िो वयथद ह रगो का अबार

िझको रगन थी चली पीली पीली ाप गोरा िन छकर हई उजली उजली ाप

आखो आखो म चल सार रग गलाल

अपनी होली चल रही य ही सालो साल

ओबामा जी अगर हलकन हिदा होि िो

सजीव हनगम

सबह सबह चचचा अपन घर रपी िोप नली स गोल की िरह जो छट िो सीा हमार घर म आकर रट उनक हाथ म सबह का अखबार था और मह स दनादन ऐस शबद हनकल रह थ हजनह सन कर पहलस वाल भी शहमिदगी महसस करन लग ऐसी िबरदवीि गोलाबारी क सामन पड़ना अपन खद क अहिम सवीकार का इििाम करना जसा ही था इसहलए हम हाथ म सरद रमाल थाम उनक शाहबदक रप स ठडा होन की राह दखन लग थोड़ी दर बाद वह शभ घड़ी भी आ गयी और व उस अकसहशयन की िरह स शाि होकर बठ गए जो घर आय महमान पर भौक भौक कर थक गया हो मन हहममि करक पछा चचचा आप िो ओबामा की िरह स सभय आदमी थ य अचानक ओसामा कस बन गए यह सनि ही चचचा हफर स पाहकवीिानी फौहजयो की िरह स हबना कारर फायररग करन लग बोल नाम मि लो उस ओबामा का मर सामन जब अभी भारि आया था िो कया कया अरमान दख थ मन उसकी और अपनी दोवीिी क यह सोच सोच कर म हकिना खश था हक उस दोबारा यहा दख कर चीन हकिना जल रहा होगा पाहकवीिान हबलख रहा होगा यहा िक हक जब जाि जाि उसन हम हबन मागी सलाह द डाली िब भी मन उस पान क अडड पर खड़ हकसी दोवीि की चहलबािी समझ कर झल हलया था - पर उसन िो वहा जाकर भी - अमा िम अपनी िोि जसी चोच बद रखो य हम दो बड़ी हहवीियो क बीच का मामला ह उसम िम अरर जटली की िरह स बीच म घसन की कोहशश मि करो सषमा वीवराज की िरह स अलग ही रहो हम पिा ह हक उसन वहा जाकर भी हमारी िरफ इस बयान की हपचकारी मारी थी हक भारि म ााहमदक असहहषरिा इिनी बि गई ह हक यहद महातमा गााी हजदा होि िो व आहि होि - लहकन अब िो वहा भी hellip

- हा वही िो hellip बड़ा आया हम जञान दन वाला अब उसक अपन यहा ााहमदक असहहषरिा की ऐसी हरकि हो रही ह िो अब समझा ना अपन लोगो को हम जो जञान हदया था उस कॉपी पवीट करक अपन कपयटर जस दश क होम पज पर डाल न - सही कह रह ह आप पर य सब मझस कहन स कया फायदा - वो िो म भी जानिा ह िम जसा सवीि सट पहनन वाला इन सब बड़ी बड़ी बािो को कया समझगा य िो लाखो रपय का सट पहनन वालो क समझन की बाि ह - िो हफर उनह ही समझाईय न मर घर को कयो राज पथ बना कर 26 जनवरी का शहि परदशदन कर रह ह - हम यहा कोई शहि परदशदन करन नही आय ह बहकक राषर हहि म िमस एक कबादनी मागन क हलए आय ह कही गवीस म इनहोन इवीलाहमक वीटट जसा कोई आिकवादी सगठन न बना हलया हो और उसका पहला हफदायीन मझ ही बनान का न ठान हलया हो यह सोच कर मरी सास डर क मार अपन आप िोर िोर स अनलोम हवलोम करन लगी डरि डरि आवाि हनकली कसी कबादनी चचचा - हम थोड़ी दर क हलए क हलए िमहारा मोबाईल चाहहए - कयो भला - ओबामा स बाि करनी ह और उसस पछना ह हक आज अगर अबराहम हलकन हिदा होि िो व हकिना आहि होि लहकन मरी दशभहि न ही मझ मर मोबाईल क माधयम स अमररका स समबना ख़राब करन स रोक हदया मन मोबाईल म बलस न होन का कारगर बहाना बना हदया चचचा न दवादसा की िरह स अहिशय करोा स मझ घरा और हफर हकसी सचच मोबाईल ाारी दशभि की िलाश म हनकल गए

समीिा परवीर कशवा

रग लगाक ि न जा मझ रग लगाक अपन अग लगाल सावररया रhellip

पवन बसिी ि बनक सग बहा ल अपन हदल म बसा ल सावररया रhellip

फागन न जकफ खोली मदहोशी नभ म घोली

ाानी आकाश हआ ारिी भी उसकी होली

रगो स रग हमल सिरगी फल हखल पखरी लाज खोए

भवरा जो उसप डोल बाह पसार नदी क दोनो हकनार

इकदज को पकार बलम आजा रसावररया रhellip

लरज कपोल लाल सया रग गलाल भावभरा रग घला

िन मन हए सब लाल सजना क सग सखी

ऐस म रग रगी खद स ही परीि हई खद स ही जग हई

परीि लगाक अपनी नीद गवा क सजन सग बन गई म िो बावररया र सावररया रhellip

कावय करन को चल ह हम भरािा सच पछौ िौ हम कछ नही आिा 01

हफर ह हमन बहि िहनक लगाई

झट सो यो एक यहि बझ आई 02

एक शबद ह िाक अनक हवकार इनकौ कीज िजद- बनद वयवहार03

शबद-हवकार प पन-पन करौ परहार

ठोको- ठासौ और नक लउ हनहार 04

जस-जस शबद वीव- पकार सनाव िस-िस कावय पहि बन आव 05

अब िौ भईया हम ह कहव कहाए

मन ही मन यो मवीि मोद मनाए 06

एक हदन जमौ बड़ौ कावय वयापार कहव-कल कौ कछ कह आर न पार07

सब न अपन-अपन जब पाठ हकय

शरगार हावीय वीर रस क ठाट हकय08

अलकारन क अदभि उपयोग हकय वकरोहिन क हवलिर परयोग हकय09

छनदन सौ अनठ स अनबना हकय

चमतकहि क अतयि सपरबना हकय10

हमन ह हहममि अपनी नक न हारी कावय म कावय की यहि कह डारी11

अब हनरदय कौ अवसर जयो आयौ

हमरौ नाम उनन सवद- शरषठ सनायौ12

हलयौ पचन न हम पनः मच बलाय हदयौ टट जिन कौ एक हार हपराय13

िब व बोल मनद-वीवर य मद भाखा

नीच स आपकौ नमबर एक ह आका14

यह सब दखद दशय दखि घर-वारी घर पहचि ही वाकी हवकट सवारी15

बड़ चल हौ िम हनि कहव बनन कौ आयी न नक ह लाज या झठ रन कौ16

बालक भख घर सौ मस ह हफरि ह

टट ह पाि वसतरन क पबनद फटि ह17

मददि स हर बाररस यह छतत चआनी बस अब की बार ह सच फशद प आनी18

कहव-जन एक बाि म कहौ सहवचारी

मानौ न मानौ हौ अब आप अहाकारी19

रोजी-रोटी जब लौ नही हसि जगाड़ी कहव नही कबह कहव ननद अनाड़ी 20

- एन एल चिवदी नगीना उरद lsquoननदrsquo

साहहतयम पर आप लोग जो रसील और चटील वयङयालखो का रसावीवादन करि ह उस का हजममा भाई कमलश पाणडय जी न उठाया हआ ह कहन की आवशयकिा नही हक साहहतयम का कल कामकाज वीवहचछक और अविहनक ह आज क दौर म ऐस साहथयो का हमलना सौभाय ही कहा जायगा वस भी पसा सब कछ खरीद सकिा ह मगर समपदर की भावना नही कमलश जी वीवय भी एक बहिरीन वयङयकार ह कमलश जी क सटायसद की हवशषिा ldquoबारीक़ीrdquo ह आप बड़ ही हनराल अनदाि म पाठक को अपन साथ बहा ल जाि ह आइय कमलश जी क एक रसील और चटील वयङयालख का रसावीवादन करि ह-

फाहयान की हफकमी डायरी कमलश पाणडय

उस रोि फ-ची न बिाया हक भारि-भरमर पर जान स पहल वहा की कछ हफकम

दख ल िो पयादपत मागददशदन हमल सकिा ह फची कहिा ह हरकम हकसी भी समाज का दपदर होिी ह सो इनह दख लो सभव ह भारि जान की आवशयकिा ही न पड़ यही बठ-बठ भारि पर एक वहद रथ हलख सकि हो कल बािार स विदमान काल म बनी डि-दो सौ भारिीय हफकमो की सीडी क जलदवीय सवीकरर ल आया जो प-ईहचग क चोर-बािार म मोमो क एक पलट स भी सवीिी हमल गई आज परािः काल भजन-पजन क उपराि उनक अवलोकन क हलए बठ गया ह य एक नया ही ससार परिीि होिा ह फ-ची ठीक कहिा था हक चीन म फली भारि समबनाी भराहियो पर करद न ारो मझ सही मागददशदन दन वाल फ-ची को साावाद कहि हए अब आरमभ करिा ह एक आठ परहर स हनरिर भारिीय जीवन की इनरानषी छहवया दखि-दखि नि चहाया गए ह और महषिषक िो मानो हनहषकरय ही हो गया ह अभी थोड़ सरा-पान क उपराि जी

हकका हआ िो भारि- जो अब ईहनडया कहलान लगा ह ndash की आकहि कछ-कछ दहषटगोचर होन लगी ह य िो हनहिि ही ह हक इहणडया अतयि समि दश ह हफकम का नायक जो वीवय को आम-आदमी और हनादन मनषय बिािा ह एक बड़ स भवन म रहिा ह हडिाइनर परराान पहनिा ह चमकि वाहन पर यािायाि करिा ह और एक सनदरी स परम करिा ह कभी-कभी सदररयो की सखया एक स अहाक हो सकिी ह पर जब वह नतय रि होिा ह िो सदररया अनि होिी ह हजन ानाढय लोगो स उसकी शििा होिी ह उनक िो कया कहन उनकी जीवन शली चीन क समराट को भी लजा दन वाली ह वस अहाकाश हफकमो म नायक पहलस अहाकारी ह ऐसा परिीि होिा ह हक इहडया म सभी पहलस अहाकारी बनना चाहि ह हजसका कारर यही मालम होिा ह हक उनक घर और ठाट-बाट राजाओ स परहिवीपााद करि दीखि ह इसस िो यही लगिा ह हक इहडया म अब सवदहारा कोई नही बचा दो आम आदमी पर आााररि एक हफकम का अवलोकन करन क बाद इस हनषकषद पर जा पहचा ह हक इहडया क आम-आदमी सर-सपाट क शौकीन होि ह और परायः अपनी परहमका क साथ मनोरम वीथलो पर भरमरशील रहि ह उसकी परहमका वीवय को अतयि हनादन बिािी ह जो उसक अतयकप वसतरो को दख कर िो सतय परिीि होिा ह परनि जब उसक आभषरो और चरर पादका पर दहषट जािी ह िो थोड़ा सदह भी उतपनन होिा ह परायः य लोग कही आकाश स परसाररि होि सगीि पर गायन करन लगि ह िो हर बदलि लय क साथ वसतर वीथल और वाहनाहद बदल दि ह समहि का िब चरमोतकषद हदखिा ह जब य लोग गीि का हर अिरा हकसी अनय दश की भहम पर गाि ह और पलक झपकि ही उनह वहा पहचा दन वाला वाहन कही नही हदखिा हनिय ही वहा का हवजञान अभिपवद परगहि कर चका ह सभव ह वहा हर आम आदमी क पास अपना हनजी वाययान हो िीन आम आदमी की मोहक छहवयो वाल दशयो को दखि जी ही नही भरिा यह भी जञाि हआ हक इहडया एक अतयि सनदर दश ह जहा एक ही वीथल पर समर हहमाचछाहदि पवदि रहगवीिान और झरन ह कई एक वीथल िो ह-ब-ह हवीवटिरलड नामक दश क सामान ह य भी समभव ह हक आम आदमी क भरमर-लाभ हि इहडया म ही कही-कही यरोप-अमरीका आहद महादशो की परहिकहि रच ली गई ह गीिो क दशयो म िो य बाि एक दम हसि हो जािी ह जस ही नायक-नाहयका गायन परारमभ करि ह ढर-सारी सदररया नाचिी-गािी उनकी सगि करन आ जािी ह य भी वसतरो की दहषट स अतयि हनादन लगिी ह परनि हवीथहि पर गौर करन स वीपषट हो जािा ह हक ऐसा नही ह कया समरिट पर सट पहन कर जाया जािा ह या हक राहि-कलबो म बकाद ओि कर इसस य भी वीपषट ह हक इहडया म नाररयो को इचछा-नसार पहनन-ओढन घमन-हफरन नाचन-गान की वीविििा ह चार फची गलि कहिा ह हक इहडया म बहि गरीबी ह उस ऐसा कछ हरकम ही दखकर लगा था उसकी सलाह पर आज ऐसी कछ हरकम दखी इनम टट-फट घरो म कछ हभिक-परकार क पराहरयो का जीवन हदखाया गया था सकषम दहषट डालन पर इन बहवीियो क पीछ खड़ हवशाल महल हदख जाि थ जहा स कछ आम आदमी आकर इन बहवीियो को हगराना चाहि हदखाए गए थ पर उनका उदशय इन झोपहड़यो की जगह महल बना कर पर इहणडया को एकाकार कर दना था समयाभाव म इनका बनाना हदखाया नही जा सका एक राजनिा न बिाया हक गरीबी को परचाररि करन क पीछ हवरोाी राजनीहिक दलो का दषपरचार ह जो मझ सो सतय लगा मझ िो इसम

चीन का हवीि होन की भी समभावना हदखी कयोहक ऎसी एक हफकम म हनादन लोग बार-बार माओ का नाम ल रह थ पाच ऐसा परिीि होिा ह हक इहडया म सभय लोगो की भाषा हहनदी ह य भाषा अरजी क शबदो और वीथानीय भाषा क कारको स बनी ह हबना पि-हलख लोग कई वीथानीय भाषाए बोलि ह परायः लोग कवल अरिी भी बोलि पाए जाि ह पर आम िौर पर अरिी क दो एक वाकयो क बाद हहनदी पर उिर आन की परवहतत ह नाहयकाए और हसतरया अरिी बोलना पसद करिी ह पर जब वो हहनदी बोलिी ह िो भी धवहन अरिी-सी ही आिी ह ऐसा परिीि होिा ह हक उनह भाषा की दीिा मलिः अरिी म हमली ह और हहनदी उनहोन हकसी हहनदी हफकम म काम करन क उददशय स सीखी ह गान अहपि हहनदी म ही गाय जाि ह पर वहा और भी कई भाषाओ का मल हदख पड़िा ह एक गीि िो ऐसा था हजसम बड़-बड़ नगाड़ो की िाल पर पजाबी नामक भाषा म बहि सारी अरिी और थोड़ी हहनदी हमलाई गयी थी ऐस कछ गीिो क रचहयिा कोई lsquoयो योrsquo नामक महाकहव ह जो अपन गीिो म यवाओ को कम महदरा या मादक पदाथो क सवन करन जस सावीकाररक सदश दि रहि ह इन गीिो क भावाथद जो भी हो इसम कनयाओ का नतय अदभि ह- शबदो को समझ हबना ही सभी अथद वीपषट हो जाि ह छह आज दहिर इहडया की कछ हरकम दख कर पिा चला हक इहणडया क इस भखड म परष अहि-शहिशाली और नाररया खब भरी-परी होिी ह नायक िो इिना चपल होिा ह हक चशमा हसगरट या हपवीिौल जस उपकरर पलक झपकि ही अपन शरीर क हवहवा हहवीसो पर अिररि कर लिा ह इस नायक क एक आघाि स खलनायक कई पलो िक वायमडल म गोि खािा ह और कभी-कभी िो आकाश म ही हवलीन हो जािा ह उार नाररया रग-हबरग कलशो और इनरानषी आकहियो क बीच मादक नतय करिी रहिी ह वहा का एक नायक िो सवद-शहिमान ईशवर क समकि ह उसकी शहियो क हवषय म अनक हकवदहिया परचहलि ह जो फ-ची क अनसार रजनी-जोकस नामक रथ म सगहीि ह साि कछ राजनीहिक हरकम दख कर ऐसा परिीि हआ हक इहणडया म सभी निाओ की अपराा करन-करान म गहरी रहच ह परायः समाज म खलनायक निा ही होिा ह य लोग सरा-सदररयो हहथयारो सनदर परासादो और चमकि वाहनो क बीच ही रहना पसद करि ह आवशयकिा पड़न या न पड़न हकसी भी हवीथहि म हकसी की हततया कर दना इनक वाम-हवीि का कमद ह बलातकार हि इनह यो िो सभी हकवीम की नाररया पसद ह पर नायक की बहन या परहमका पर हवशष कपा रखि ह ऐसा लगिा ह हक इनकी हदनचयाद हकसी षडयि स आरमभ होकर हकसी हततया पर समापत होिी ह इनक अगरिक चीनी यि कला म हसिहवीि होि ह और अवसर पाि ही सााारर मानवो पर ईया-ऊआ करि टट पड़ि ह एक राजनिा की कररिा दख कर िो मरा हघघघी नामक अग बा ही गया इहडया म इनही अहिमानवो म स जनपरहिहनहा चनन का परावाान मालम होिा ह चन हलए जान क बाद य परायः शवि वसतर ाारर करि ह और सभाओ म भाषर दि हफरि ह पर अििः अपराा क सभी सि उनस ही जड़ होि ह चनाव एक रोचक अवसर होिा ह जब ढर सार वाहनो म लोग रग हबरगी झहडयो क साथ नारा लगाि घमि ह आठ इहडया का य रग दख कर िो दग रह गया ह एक मदान म लाल पील हार नील िातपयद य की सभी परकार क रगो स सराबोर हिारो मनषय एक साथ नतय कर रह ह सबक

वसतर शवि ह िाहक रगो की छाप गहरी उभर गाज-बाज क साथ एक समह गीि गाया जा रहा ह हजसम गोररयो की चोली पर रग डालन की परररा दी जा रही ह चनररया को हभगोन पर हवशष जोर ह सदररया परषो स जोड़ बना कर मादक नतय कर रही ह रग जो ह उड़ भी रह ह बौछार बन कर बरस रह ह और चहरो पर पोि भी जा रह ह इहडया की इस रगीन छहव को दख कर हपछली सारी छहवया ााली हो गई ह ऐसा परिीि हो रहा ह हक मानो परा दश एक ही रग म रगा ह भल ही वह हिारो रगो म वयि हो रहा हो पिा चला ह हक य एक तयौहार ह हजस होली कहि ह एक हदन पहल इहडया क लोग होहलका जलाि ह हजसम अपनी बराईयो की आहहि डालि ह मन भी आज इहडया की बरी छहव बनान वाली हपछली हफकमो की सीडी एकि कर उनकी होहलका जला दी और उसकी राख इन बरगलान वाली हरकम दखन की सलाह दन वाल फ-ची क मह पर मल आया आज इहणडया की यािा की ियारी परी कर ली ह दो हदनो क पिाि होली ह उस दख हबना इहडया की यािा कस समपरद होगी य ह कमलश पाणडय जी और य ह उन का अनोखा वाला रङग जो मझ बहद पसनद ह इस आहटदकल को चाह िो माि मनोरञजन क हलय भी पिा जा सकिा ह और अगर कोई वयहि समय हनकाल कर इस की थाह को नापना चाह िो नपप भी सकिा ह कमलश भाई जी क एक हमि ह हवनोद हमशर हवनोद जी ररसणटली बरसाना हो कर आय ह हवनोद जी न साहहतयम क हलय बरसान की होली की दो बहि ही सनदर-सनदर िवीवीर भजी ह हवनोद जी का बहि-बहि आभार य ह वह दो िवीवीर -

डा वी क भकला

हजजजा सग होली

लगा कर भोग महावीर को और चिा कर फल बिीसा बड़ भहिभाव स पि रह थ हम िो हनमान चाहलसा महावीर जब नाम सनाव

भि हपचास हनकट नही आव िभी मरी साहलया आ कर बोली खलग हम जीजजा सग होली और मरी हसटटीहपटटी गम होली कािर वीवर म हमन पकारा

ह हनमि अब िरा सहारा सन पकार मरी हनमानजी धयान म आए

और मझस य ररमाए वतस म िो ठहरा बाल बरहमचारी

कस हर म हवपदा िमहारी इस लरड़ म मझ न लाओ

िमहारी घहटया ह िमही बजाओ पड़ा सकट मोचन नाम भी झठा हदखा गए हनमानजी भी अगठा

मरी साहलओ न जी भर की मरी पिाई दिा रहा हाए म दहाई

िभी शरीमिी जी बाहर स आई मझ दखि ही हचलाई

अजी सनि हो जरा बाहर आओ कोई लरगा घर म घस आया ह

उस मार कर बाहर भगाओ ाीर स मन खखारा

अरी भागवान य म ह पहि िमहारा िो शरीमिी जी िनक कर बोली

वाह मर छला बहि भाए हो सबह सबह कहो हकसस

मह काला करवा कर आए हो मन अपनी करर गाथा उस सनाई

िो शरीमिी जी हभननाई और अपनी बहनो को आवाि लगाई

कया मरा ही पहि हमला था मह काला करन क हलए

िो वो बहयाई स बोली दीदी अगली होली म

िम हमार पहियो का मह काला कर दना िमहारा सारा हशकवा हमट जाएगा हहसाब एक दम बरोबर हो जाएगा

हमन कछ वि क हलए बाहर हनकलना बद कर ह

यह सोच कर हक अगर हकसी न पछा हक िमहारा मह हकसन काला हकया

िो कया जवाब दगा

हवजनर शमाद

सरहद स आया नही होली पर कय लाल मा की आख रग स करिी रही सवाल

आखो को भी ह हगला कर हशकायि गाल बरी ख़द आया नही हभजवा हदया गलाल

कौन बजाव फाग प ढोल नगाड़ चग चारो िरर उदाहसया गायब हई उमग

मौक़ा था पर यार न डाला नही गलाल

मरझाय स ही रह मर दोनो गाल

हरि म थ यार सब दशमन भी था दग मन उसक गाल पर लगा हदया जब रग

इििार क रग म गयी बावरी डब होली पर इसबार भी आया ना महबब

और अब ररसहिया जी का एक और ाास सटायर ाास इसहलय हक समझ म नही आ रहा हक इनह खाङरसी कहा जाय हक हफर भीजफी बाला

आजकल बचार कालान की मरन ह कोई भी घपला होिा ह काल ान पर िोहमि लगिी ह बलक मनी की थ-थ होिी ह जस निा चमच क हबना महनि चल क हबना आईपीएल हरहकसग क हबना

अारा लगिा ह वस ही कोई भी घपला काल ान की चचाद क हबना अारा लगिा ह घपला अगर कोई

आाहनक जहटल कहविा ह िो काला ान उसका आम जनिा की समझ म आन वाला सरल अनवाद ह घोटाला यहद कोई अबझ हसिाि ह िो काला ान उसकी सहज टीका ह जस पाहटदया चद क हबना निा लफ़राजी क हबना लखक अपनी उपिा का रोना रोय हबना नही रह पािा वस ही दहनया का कोई भी बड़ा ानाा हबना काल ान क नही पनप सकिा दहनया म हजिन भी मजबि ाना ह चाह वह हहथयार का हो ामद का हो या हरर हशिा का ही कयो न हो सबकी बहनयाद म काल ान की सीमनट लगी ह काला ान न हो िो हवीवस बक रवीस बक होकर रह जाय अपन दश म हपछल बीस सालो म हजतता हवकास हआ ह काला ान उसस कई गना जयादा बिा ह गहरि की भाषा म कह िो हकसी भी आाहनक समाज का हवकास उस समाज म मौजद कालान की मािा का समानपािी होिा ह इस सबक बावजद कालान को लोग इजजि की हनगाह स नही दखि कालाान कमान वाला िक खलआम उसकी आलोचना ही करिा ह राजनीहिजञ चनाव भल काल ान क सहार लड़ लहकन सावदजहनक रप स कालान की ऐसी बराई करि ह जस वामपथी दहिरपहथयो की करि ह अमररकी कयबा की करि ह पाहकवीिान वाल भारि की करि िरह ह अपन परहि दहनया का यह दवदातमक इजजिवाद दखकर बचार कालान क हदल पर कया बीििी होगी दहनया क ाोख को दखकर उसका मन भी हजया खान की िरह लटककर हनपट जान का करिा होगा उसका भी मन करिा होगा हक सरकारी गवाह बन जाय और सबकी पोल खोल द हक कस िमाम लोगो स उसक अिरग सबा रह कस लोगो न उसका सहारा हलया आग बि और सहारा हलया लहकन जब सरलिा क हकवीस सनान की बारी आयी िो शरय अपनी महनि लगन और बहि को हदया कालान क योगदान की सरासर उपिा कर दी यह वसा ही ह हक हकसी दश क इहिहास म राजा राहनयो क हकवीस हलख जाय लहकन महनिकश जनिा की कहानी गोलकर दी जाय लहकन हरर कालाान शायद यह सोचकर चप रह जािा होगा हक अपरााी कोई भी हो लहकन बराई उसी की होनी ह बइजजिी िो उसी की खराब होनी ह इसक बाद शायद वह यह सोचकर चपचाप अपनी करििो म जट जािा होगा हक आजनही िो कल उसको वह इजजि अवशय हमलगी हजसका वह हकदार ह उसको भी खल आम उिनी ही वीवीकायदिा हमलगी हजिनी की आज समाज म जाहिवाद सकीरदिा भाई भिीजावाद भायवाद और काहहली को हमली ह काला ान सोचिा होगा- जस बाहकयो क हदन बहर कया पिा वस ही उसक भी बहर

और साहथयो चलि-चलि अपनी जड़ो की ओर - बरहमलीन सनि कहव हशवदीन राम (जोशी) की सनि-वारी आप ही क आधयाहतमक हशषय आदररीय शरी हकशोर पारीक [खणडला] जी क सौजनय स

गोकल व बरसान की नार बजाय-बजाय बजा रही िारी अर वनदावन की बनी व बनी बनक ठनक अरी द रही गारी

शयाम को शयामा सजाय सजी अहो और गलाल लगावि पयारी हशवदीन व जोरी स जोरी हमलीबरज खलि होरी ह बाक हबहारी

मगल समगल सदा ही आननद रह नदलाल

ि गलाल डार दख सखी आ रही राा मिवाली आली चाली रग डारन को

गोहपया हनराली गाली शयाम को सना रही सन-सन क शयामलाल सग-सग गवाल बाल

बाजि मदग िाल राा जी गा रही कहिा हशवदीन लाल ऐसी गलाल उड़ी

बादर बन लाल लाली चह ओर छा रही

बरज वनदावन ााम रग स रगा रगीला हरा मोहिया लाल रग ह पयारा पीला

ाम ााम स खल खल रह होरी दखो शयामा शयाम सजान और सग गोरी दखो

चह ओर हपचकाररया रग-रग की ाार हशवदीन सरस रस रहसक जन पीव करर-करर पयार

राम गर गायर

भारि की लोक समपदा फागन की फाग - आचायद सजीव वमाद सहलल भारि हवहवावरी लोक सवीकहि स सपनन- समि परमपराओ का दश ह इन परमपराओ म स एक लोकगीिो की ह ऋि पररविदन पर उतसवामी भारिीय जन-

मानस गायन-वादन और निदन की हिवरी परवाहहि कर आनहदि होि ह फागन वषािि िथा चि वषादरमभ क साथ-साथ फसलो क पकन क समय क सचक भी ह दहिरायनी सयद जस ही मकर राहश म परवश कर उततरायरी होि ह इस महादवीप म हदन की लमबाई और िापमान दोनो की वहि होन की लोकमानयिा ह सयद पजन गड़-हिल स हनहमदि पकवाननो का सवन और पिगबाजी क माधयम स गगनचमबी लोकानद की अहभवयहि सवदि दखी जा सकिी हमकर सकराहि हखचड़ी बसाखी पोगल आहद हवहवा नामो स यह लोकपवद सकल दश म मनाया जािा ह पवदराज होली स ही मधयोततर भारि म फागो की बयार बहन लगिी ह बदलखड म फाग बजभहम म नटनागर की लीलाए हचहिि करि रहसया और बााई गीि अवा म राम-हसया की जगल जोड़ी की होली-करीड़ा जन सामानय स लकर हवहशषट जनो िक को रसानद म आपादमवीिक डबा दि ह राम अवा स हनकाकर बदली माटी पर अपनी लीलाओ को हववीिार दि हए लमब समय िक हवचरि रह इसहलए बदली मानस उनस एकाकार होकर हर पवद-तयौहार पर ही नही हर हदन उनह याद कर जय राम जी की कहिा ह कषर का नागो स सघषद और पाडवो का अजञािवास नमददाचली बनदल भहम पर हआ गौरा-बौरा िो बदलखड क अपन ह हशवजा हशवातमजा हशवसिा हशवहपरया हशव वीवदोभवा आहद सजञाओ स समबोहाि आननददाहयनी नमददा िट पर बमबहलयो क साथ-साथ हशव-हशवा की लीलाओ स यि फाग गयी जाना वीवाभाहवक ह बदली फागो क एकछि समराट ह लोककहव ईसरी ईसरी न अपनी परहमका रजउ को अपन कहितव म अमर कर हदया ईसरी न फागो की एक हवहशषट शली चौघहड़या फाग को जनम हदया हम अपनी फाग चचाद चौघहड़या फागो स ही आरमभ करि ह ईसरी न अपनी पराकि परहिभा स रामीर मानव मन क उचवासो को सर-िाल क साथ समहनवि कर उपहिि और अनचीनही लोक भावनाओ को इन फागो म हपरोया ह रसराज शर गार क सयोग और हवयोग दोनो पि इन फागो म अदभि माायद क साथ वहरदि ह सदयवीनािा यविी की कशराहश पर मा ईसरी गा उठि ह ईसरी रााा जी क कानो म झल रह िरकला को उन दो िारो की िरह बिाि ह जो रााा जी क मख चनर क सौदयद क आग फीक फड़ गए ह कानन डल राहाका जी क लग िरकला नीक आनदकद चद क ऊपर िो िारागर फीक ईसरी की आराधया राहाका जी सदरी होन क साथ-साथ दीनो-दहखयो क दखहिाद भी ह मय बल राि राहाका जी को कर आसरा की कौ दीनदयाल दीन दःख दखन हजनको मख ह नीकौ पहटया कौन सगर न पारी लगी दहिन पयारी रचक घटी-बड़ी ह नया सास कसी ढारी िन रई आन सीस क ऊपर शयाम घटा सी कारी ईसर परार खान ज पहटया जब स िकी उघारी

कहव पछिा ह हक नाहयका की मोहक चोहटया हकस सघड़ न बनायी ह चोहटया जरा भी छोटी-बड़ी नही ह और आिी-जािी सासो की िरह हहल-डल रही ह व नाहयका क शीश क ऊपर शयामल मघो की िरह छाई ह ईसरी न जब स इस अनावतत कशराहश की सनदरिा को दखा ह उनकी जान हनकली जा रही ह ईसर की नाहयका ननो स िलवार चलािी ह दोई ननन की िरवार पयारी हफर उबार अलपान गजरान हसरोही सलमान झख मार ऐच बार मयान घघट की द काजर की ाार ईसर शयाम बरकि रहहयो अहायार उहजयार िलवार का वार िो हनकट स ही हकया जा सकिा ह नायक दर हो िो कया हकया जाए कया नाहयका उस य ही जान दगी यह िो हो ही नही सकिा नाहयका हनगाहो को बरछी स भी अहाक पन िीर बनाकर नायक का हरदय भदिी ह छट नन-बार इन खोरन हिरछी भौह मरोरन नोकदार बरछी स पन चलि करज फोरन नायक बचारा बचिा हफर रहा ह पर नाहयका उस जान दन क मड म नही ह िलवार और िीर क बाद वह अपनी काहिल हनगाहो को हपवीिौल बना लिी ह अहखया हपवीिौल सी करक मारन चाि समर क गोली बाज दरद की दार गज कर दि निर क इिन पर भी ईसरी जान हथली पर लकर नवयौवना नाहयका का गबखान करि नही अघाि जबना कड़ आय कर गहलया बला कसी कहलया ना हम दख जमि जमी म ना माली की बहगया सोन कस िबक चि ह बरछी कसी भहलया ईसर हाथ सभार ाररयो फटट न जाव गहदया लोक ईसरी की फाग-रचना क मल म उनकी परहमका रजऊ को मानिी ह रजऊ न हजस हदन गारो क साथ गल म काली काच की गररयो की लहड़यो स बन ४ छटा और हबचौली काच क मोहियो का हिदान जसा आभषर और चोली पहहनी उसक रप को दखकर दीवाना होकर हार झलन लगा ईसरी कहि ह हक रजऊ क सौदयद पर मा हए हबना कोई नही रह सकिा हजयना रजऊ न पनो गारो हरनी हजया हबरानो छटा चार हबचौली पर भर हफर गरदानो

जबनन ऊपर चोली पर लटक हार हदवानो ईसर कान बटकन नइया दख लव चह जवानो ईसरी को रजऊ की हरन (हचिवन) और हसन (हसी) नही भलिी हवशाल यौवन मिवाली चाल इकहरी पिली कमर बार की िरह िानी भौह हिरछी निर भलाय नही भलिी व निर क बार स मरन िक को ियार ह इसी बहान रजऊ एक बार उनकी ओर दख िो ल ऐसा समपदर ईसरी क अलावा और कौन कर सकिा ह हमख़ा हबसरि नही हबसारी हरन-हसन िमारी जबन हवशाल चाल मिवारी पिरी कमर इकारी भौह कमान बान स िान निर हिरीछी मारी ईसर कान हमारी कोदी िनक हर लो पयारी ईसरी क हलय रजऊ ही सवदवीव ह उनका जीवन-मरर सब कछ रजऊ ही ह व परभ-वीमरर की ही िरह रजऊ का नाम जपि हए मरन की कामना करि ह इसहलए कछ हवदवान रजऊ की सासाररक परहमका नही आदया माि शहि को उनक दवारा हदया गया समबोान मानि ह जौ जी रजऊ रजऊ क लान का काऊ स कान जौलो रहन रहि हजदगी रजऊ क हि कमान पला भोजन कर रजौआ पाछ क मोय खान रजऊ रजऊ कौ नाम ईसरी लि-लि मर जान ईसरी रहचि सहसतरो फाग चार कहड़यो (पहियो) म बाी होन क कारन चौकहड़या फाग कही जािी ह इनम सौदयद को पान क साथ-साथ पजन और उसक परहि मन-परार स समहपदि होन क आधयातमजहनि भावो की सहलला परवाहहि ह रचना हवाान य फाग ४ पहियो म हनबि ह हर पहि म २ चरर ह हवषम चरर (१ ३ ५ ७ ) म १६ िथा सम चरर (२ ४ ६ ८) म १२ मािाए ह चरराि म परायः गर मािाए ह हकनि कही-कही २ लघ मािाए भी हमलिी ह य फाग छद परभाकर क अनसार महाभागवि जािीय नर र छद म हनबि ह इस छद म खड़ी हहदी म रचनाए मर पिन म अब िक नही आयी ह ईसरी की एक फाग का खड़ी हहदी म रपािरर दहखए हकस चिरा न छोटी गथी लगिी बहद पयारी हकहचि छोटी-बड़ी न उठ-हगर रही सास सम नयारी मकट समान शीश पर शोहभि कषर मघ सी कारी हलय ल रही जान कश-छहव जब स हदखी उघारी नर र छद म एक चिषपदी दहखए

बाि बनाई हकसन कसी कौन हनभाय वाद सब सच समझ रही ह जनिा कहा फदकि पयाद राजा कौन विीर कौन हकसक बद-नक इराद हजसको चाह सहलल हजिा मि चाह उस हरा द बनदली लोकरग की सािी ईसरी की फाग सजीव बदलखड क महानिम लोककहव ईसरी क कावय म लोकजीवन क सावीकहिक साहहहतयक सामाहजक पि परी जीवनििा और रचनातमकिा क साथ उदघाहटि हए ह ईसरी का वहशषटय यह ह हक व िथाकहथि सभराििा या पाहडतय स कय भाषा शली आहद उाार नही लि व दशज रामीर लोक मकयो और परमपराओ को इिनी वीवाभाहवकिा परगाििा और अपनतव स अहकि करि ह हक उसक सममख हशषटिा-शालीनिा ओिहि सजदनाारा हवपनन परिीि होन लगिी ह उनका साहहतय पवीिकाकार रप म नही शरहि परपरा म सन-गाकर सहदयो िक जीहवि रखा गया बदलखड क जन-मन समराट महान लोककहव ईसरी की फाग गय परपरा क कारर लोक-वीमहि और लोक-मख म जीहवि रही सकलनकिाद कवर शरी दगद हसह न १९३१ स १९४१ क मधय इनका सकलन हकया शरी इलाशकर गहा न ाौराद राम (जहा ईसरी लमब समय रह थ) हनवाहसयो स सनकर फागो का सकलन हकया अपिाकि कम परचहलि हनमन फागो म ईसरी क नसहगदक कारहयिी परहिभा क साथ-साथ बनदली लोक परपरा हावीया एव शरीनगरहपरयिा क भी दशदन होि ह कषर-भि ईसरी वनदावन की माटी का महातमय कहि हए उस दविाओ क हलए भी दलदभ बिाि ह अपनी कवीन जीभ स चाटी वनदावन की माटी दरलभ भई हमली ना उनखो दई दविन डाटी हमल ना सकी अनकन हार पाव की पररपाटी पायो वीवाग काह न नइया मीठी ह की खाटी बाही रज बजबाहसन lsquoईसरrsquo हहसदारी म बाटी कदम कञज म खड़ कनहया राहगीरो को रावीिा भला दि ह इसहलए पहथक जमना की राह ही भल गय ह अथादि जमना स नही जाि हकसी को भला कर मजा लन की लोकरीि को ईसरी अचछा नही मानि और कषर को सलाह दि ह हक हकसी स अहाक हसी अचछी नही होिी आली मनमोहन क मार जमना गल हबसार जब दखो जब खडो कञज म गह कदम की डार जो कोउ भल जाि ह रवीिा बरबस आन हबगार जादा हसी नही काऊ स जा ना रीि हमार

lsquoईसरrsquo कौन चाल अब चहलए ज िौ परी पार राि भर घर स बाहर रह कषर को अपनी सफाई म कछ कहन का अवसर हमल हबना lsquoछहलयाrsquo का हखिाब दना ईसरी क ही बस की बाि ह ओइ घर जाब मरहलयाबार जहा राि रय पयार हर बाट मनइया बठी कर नन रिनार अब िौ कौनऊ काम िमारो नइया भवन हमार lsquoईसरrsquo कषर नद क छौना िम छहलया बजबार फगआ हो और रााा न खल यह कस हो सकिा ह कषर सर ह िो रााा सवा सर दोनो की लीलाओ का सजीव वरदन करि ह ईसरी मानो सािाि दख रह हो रााा न कषर की लकटी-कमररया छीन ली िो कषर न रााा क हसर स सारी खीच ली इिना ही हो िो गनीमि होली की मवीिी चरम पर हई िो रााा नटनागर बन गयी और कषर को नारी बना हदया खल फाग राहाका पयारी बज खोरन हगराारी इन भर बाह बास को टारो उन मारो हपचकारी इनन छीनी लकहट मरहलया उन छीनी हसर सारी ब िो आय नद क लाला ज बषभान दलारी अपन बनी नटनागर lsquoईसरrsquo उन बनाओ नारी अटारी क सीिी चिि घघर हनशबद हो गए फलो की सज पर बनवारी की नीद लग गयी रााा क आि ही यशोदा क अनाड़ी बट की बीन (बासरी) चोरी हो गयी कसी सहज-सरस ककपना ह चोरी गइ बीन हबहारी की जसदा क लाल अनारी की जाहमन अमल जगल क भीिर आवन भइ रााा पयारी की नपर सबद सनाक हखच रय हछहड़या चड़ि अटारी की बड़ी गलाम सज फलन की लग गइ नीद मरारी की काि lsquoईसरीrsquo घोरा प स उठा लई बनवारी की कषर रााा और गोहपयो क चगल म फस गय ह गोहपयो न अपन मनभावन कषर को पकड़कर सतरी बनान का उपकरम करन म कोई कसर नही छोड़ी कषर की बनमाला और मरली छीनकर हसर पर साड़ी उिा दी गयी रााा न उनह सभी आभषरो स सजाकर कमर म लहगा पहना हदया और सहखयो क सग फागन मनान म लीन हो गयी ह शर गार और हावीय का ऐसा जीवि शबद हचि ईसरी ही खीच सकि ह पकर गोहपन क मनभावन लागी नार बनावन छीन लई बनमाल मरहलया सारी सीस उड़ावन

सकल अभषन सज राहाका कहट लहगा पहरावन नारी भस बना क lsquoईसरrsquo फगआ लगी मगावन ईसरी परहमका स हनवदन करा रह ह हक वह अपन िीख नयनो का वार न कर हजरह-बखिर कछ न कर सक ग और दख ही दखि नयन-बार हदल क पार हो जायगा हकसी गरी वदय की औषहा भी काम नही आएगी ईसरी क दवाई िो हपरयिमा का दशदन ही ह पररय की ऐसी परगाि रसहसि अहभवयहि अपनी हमसाल आप ह नना ना मारो लग जह मरम पार हो जह बखिर हझलम कहा का लह ढाल पार कर जह औषद मर एक ना लहगह बद गनी का कह कहि lsquoईसरीrsquo सन लो पयारी दरस दबाई दह हनमन फाग म ईसरी नयनो की कथा कहि ह जो परदशी स लगकर हबगड़ गय बबादद हो गय ह य नयना अा हसपाही ह जो कभी लड़कर नही हार इनको बहि नाि स काजल की रखा भर-भरकर पाला ह हकनि य खो गए और इनस बहि आसओ स नयी की नयी सारी भीग गयी ह कसी माहमदक अहभवयहि ह नना परदसी स लग क भय बरबाद हबगरक नना मोर सर हसपाही कबऊ ना हार लरक ज नना बार स पाल काजर रख भरक lsquoईसरrsquo भीज गई नई सारी खोवन असआ ढरक शरगार क हवरह पि का परहिहनहातव करिी यह फाग ईसरी और उनकी परहमका रजऊ क हबछड़न की वयथा-कथा कहिी ह हबछरी सारस कसी जोरी रजो हमारी िोरी सङगसङग रह हनहस-बासर गर हलपटिी सोरी सो हो गई सपन की बाि अन हस बोल कोरी कछ हदनन को हिया अबादो हम बिा दो गोरी जबलो लागी रह lsquoईसरीrsquo आसा जी की मोरी ईसरी की य फाग शर गार क हमलन-हवरह पिो का हचिर करन क साथ-साथ हावीय क उदातत पि को भी सामन लािी ह इनम हसी-मजाक हसना-बोलना सभी कछ ह हकनि मयादहदि कही भी अशलीलिा का लश माि भी नही ह ईसरी की य फाग २८ मािी नरनर छद म रहचि ह इनम १६-१२ पर यहि का ईसरी न परी िरह पालन हकया ह सम चररानि म गर की अहाकिा ह हकनि २ लघ भी परापय ह इक फाग म ४ ५ या ६ िक पहिया हमलिी ह एक फाग की सभी पहियो म सम चररानि समान ह जबहक हवषम चररानि म लघ-गर का कोई बान नही ह

हम न गर हवीन और ख़शब ही को िोला होिा हफर िो हर पड़ गलाबो स भी हकका होिा उदाहरर क रप म समझा जाय िो एक मिदबा य भी समझा जा सकिा ह हक परमपराए हमशा पड़ या हफर पौा की िरह होिी ह और उन पर लगन वाल फल और उन फलो की ख़शबए आाहनक हवचाराारा समान यहद हम आाहनक हवचारााराओ ही को सबकछ समझ बठ ग िो य फल और ख़शबए कया आसमान स टपक ग समझन वाल इशारो को बहि जकद समझग बाय द टाइम आप इस अङक को पि रह हो ममहकन ह दहनया का एक बड़ा हहवीसा आप को होली की बराइया हगना रहा हो हम इिना ही हनवदन कर ग हक ldquoसपrdquo की िरह-िरह सार-सार को गह और थोथ को उड़ा फ क नीर-िीर-हववक हम सब की ामहनयो म यगो-यगो स परवाहमान ह अपन हववक का सदपयोग करि हय अचछी बािो को आग बिाए हमठाइयो क कारोबाररयो दवारा परोस जा रह अशि माल स परहि करि वक़ि याद रह हक कडबरी भी कोई अमि नही ह हर गली क नककड़ पर रङग हपचकारी वग़रह बचन वाल हमार कटीर उदयोग क खवनहार ह आप सभी को सपररवार होली की शभ-कामनाए

खहशयो का वीवागि कर हर आगन हर दवार| कछ ऐसा हो इस बरस होली का तयौहार||

होली हवषयक और भी सामरी मसलन छद ग़िल हजल नज़म कहविा गीि-नवगीि रहसया आलख कहानी कथा वग़रह पिन क हलय यहा हकलक कर

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नाक म दम करन का दौर | यहद कोई चचा को डाट या उनक मा बाबा स उनकी हशकायि कर िो चचा ऐसा सबक हसखाि हक वो ससरा परी हजदगी चचा क रवीि म आन की हहममि ना करिा | एक बार हमार मौहकल क ही रामचरर काका न चचा की हशकायि उनक हपिाजी स कर दी और चचा को पड़ी मार | चचा का खन खौल गया अपनी बनदर टोली क साथ हमलकर रामचरर काका को सबक हसखान की सोची| चचा न गली स गाय का गोबर उठाया और एक दौन म रख बाहर चाट वाल क पास गए उस रपय हदए और बोल ldquoइस पर दही सौठ चटनी सब डार द ज एक दम दही बड़ा जसो लगनो चाहहएrdquo चाट वाला उनह जानिा था चप चाप दौना सजाया और द हदया | हफर चचा न एक बचच को पकड़ा और उसक हाथो वो गोबर वाला दही बड़ा रामचरर काका क पास हभजवा हदया | काका खान क शौकीन थ सो अडौस पडौस वाल कछ ना कछ भजि रहि थ | बचच न कहा ldquoकाका य मा न भजा हrdquo काका न चटट स दौना लपका और गपप स चममच भर क मह म डाला हजस गहि स दही बड़ा मह म गया उसकी दगनी गहि स वाहपस भी आ गया | अब िो बचार काका हलक म उगहलया द द कर उहकटया कर रह थ और चचा टोली िाहलया पीट पीट कर हस रही थी और काका रग हबरगी गाहलया बरसा रह थ | परा मोहकला इस फरी की हफकम का आनद ल रहा था | पर य पकका था अब काका हमार चचचा क रवीि म िो नही आएगा | य चचचा और उनकी बनदर टोली होली जलान क हलए गाि बजाि चदा मागन आिी ldquoपसा दगी जभी टर गनई िौ िर घर म मस मर गrdquo और जो आनाकानी करिा उसक घर का लकड़ी का सामान ल जाकर फक डालिी | हकसी की चारपाई िो हकसी क हकबाड़ उखार कर ल जाि इसहलए सब चपचाप चदा दि | होली की हमठाई क नाम पर हकिनो को भाग की बफी या लडड हखला डालि और मला करवा दि | कभी पीली हमटटी स मवावाटी बना कर हखलाि | पर महकल म उनकी ही कौिक कथाए चलिी | पर चचचा हदल क भी बहि अचछ थ हमारी मा की िो बहि इजजि करि | हमारी मा कभी होली नही खलिी थी ऐसा नही था हक मा को होली पसद नही उस वि सयि पररवार थ सबकी पसद क पकवान बनान क चककर म मा परा हदन रसोई म ही रहिी | चचचा न कई बार कहा भाभी होली खलो न पर मा हर बार मना कर दिी पापा भी कहि पर मा मना कर दिी और िो और रसोई स बाहर भी नही आिी हक कोई रग ना लगा द | पापा का शायद मन करिा मा को रग लगान का पर सब को दखकर चप ही रहि य बाि चचचा न िाड़ ली थी | एक बार होली वाल हदन हमार घर एक सनदर सी महहला आई उसन सलवार सट पहना हआ था खब मक अप भी हकया था हम बचचो स बोली ldquoजरा अपनी मममी को बलाना बटाrdquoकहना आपकी सहली आई ह | हमन मा को बोला मा रसोई म ही थी सहली का नाम सनकर दौडी आई | अभी मा पहचानन की कोहशश ही कर रही थी हक उस सनदर महहला न मा क ऊपर खब सारा गलाल डाल हदया मा न भी एकदम स उनक हाथ स गलाल छीन कर उनक ऊपर गलाल डाल हदया िभी पापा भी आ गए हफर िो उस हदन मा न खब होली खली | बाद जब पिा चला हक वो सहली और कोई नही चचा ही थ य पलान उनहोन पापा और हमार चाचा क साथ हमलकर बनाया था | उस वाकय को सोच कर मा आज िक हसिी ह |

कछ भी कहो चचचा पर मोहकल की जान थ यहद चचचा नही होि िो होली होली जसी किई नही होिीज िो हम पिा चल ही गया जब चचचा की नौकरी लग गयी और वो दसर शहर चल गए| शर म िो होली पर घर आि हफर आना कम हो गया और हम भी शादी होकर अपन ससराल हवदा हो गए | पर चचचा की याद आि ही हम अपन मायक की होली याद जरर आ जािी ह | अबकी हम मथरा गए िो चचचा हमल गए हम दख बड़ खश हए और बोल ldquoलाली कसी ह री ि हकतत साल म दखी हrdquo मन छटि ही कहा ldquoचचचा म िो ठीक ह ज बिाओ वहा शहर म भी वस ही होली मनाि हो नाrdquo मरी बाि सनि ही चचचा उदास हो गए और बोल ldquoलाली होली िो हो ली मन कहा ldquoकया मिलब चाचा rdquo िो चाचा बोल ldquoशहरो का आदमी िो रोटी और पानी क हलए हदनभर खट रहा ह | पीन को िो महशकल स पानी हमलिा ह होली कस खलग और कस रग छडाएग | इतती महगाई म कस होली जलायग और कस पकवान बनायग | और हकसक सग होली मनाए जब हम य भी नही पिा हक पडौस क घर म कौन रह रहा ह सो बटा होली िो हो ली | याहन हम जो खलनी थी खल चक चचचा की आखो म उदासी थी हमारी आखो म परान चचचा और परानी होली थी | दखा छोटी सी गहड़या हकिनी सयानी हो गयी ह खस रह बटा भौि बहिया आहटदकल पिवायौ िन वस होली पर हकसी वररषठ को वररषठ कहना अहिशय गररषठ अपराा होिा ह हफर भी आइय अपन रप क एक वररषठ सदवीय हजनह सिीश सकसना क नाम स जान हलया जािा ह आइय की क़लम की बलौस ाार का आननद उठाया जाय -

सिीश सकसना

अपन घर म ही आखो पर कसी पटटी बाा रखी ह

इन लोगो न जान कब स मन म रहजश पाल रखी ह

इस होली पर कयो न सलगि हदल क य अगार बझा द मटठी भर कछ रग फागन म अपन घर म भी हबखरा द

हकिना ददद हदया अपनो को

हजनस हमन चलना सीखा हकिनी चोट लगाई उनको

हजनस हमन हसना सीखा वीनहहल आखो क आस कभी नही जग को हदख पाय इस होली पर घर म आकर कछ गलाब क फल चिा ल

जब स घर स दर गए हो ढोल नगाड़ बसर लगि

हबन पयारो क मीठी गहझया उड़ि रग सब फीक लगि

मटठी भर गलाल फागन म फीक चहरो को महका द सबक सग ठहाका लकरअपन घर को वीवगद बना ल

नमन कर

गर घटालो क पाव छऊ

भिहनयो क राजनीहि क मककारो नान स खली होली ह आओ छीट मार रग क बरा न मानो होली ह

गर ह गड स चला शककर गर क गर

पटाय जाकर गरभाई स राज पछकर गर की गया दह ली ह जहा हमला मौका दवर न जम क खली होली ह

घघट हटा क पग बनािी हहदी खश हो नाम कमािी

पि महथली सममख इसक अकसर भरि पानी ह हवहवीकी और कबाब न कस हसक खली होली ह

अामद करक ामद हसखाि ान पान क कमद हसखाि

निर बचाककस उसनदा म गोली घोली ह खददर पहन क निाओ न दश म खली होली ह

सिीश भाई क बलॉग पर जाए िो आप को हलखा हमलगा हक ldquoमा की दवा को चोरी करि बचच की वदना हलखगाrdquo एक अलग ही सोच वाल सिीश भाई हठामी रचनाकार ह बनान इनह वीवीकायद नही और भया होली हवशषाङक भी बनानो को उिनी िवज़िोह दना भी नही चाहिा होली ह िो बस होली क रङगो का मिा लि ह बस आइय पहल कछ कावय कहियो को पिि ह और हफर एक सटायर

इवीमि िदी ndash हशरा किगावी

ह होली रगो का तयोहार य रग बाट ह सब म पयार

न इन म दवष घोलना

य सदर भावो का सचार ह इक दज की य मनहार

न इन म दवष घोलना

ह होली नररि स इकार हदलो क बीच न हो वयापार

न इन म दवष घोलना

ह हपचकारी वो परम की ाार हगरा द नररि की दीवार

न इन म दवष घोलना

ह इन रगो क अथद हिार नही ह कवल य बौछार

न इन म दवष घोल

अनपमा हिपाठी

फागन की ऋि घर आई

परकहि गाय माविी

और बहार राग हर स ऐसा हछटका

फाग क अनराग का पराग

हदय छद हए वीवचछद मद मद महआ की गा

िोड़िी मन िटबा

हनशा रागवनिी हदवस परागवि अलमवीि मामास दख

वहनिा लाजवि

पलाश मन रग रगा पषप पखहड़यो स रगोली सजाई

हककी-फलकी बािो म स हावीय को िाड़ कर और हफर उस बग़र भौड़ा हय पाठको को गदगदान क हलय इवीिमाल करन क उपकरम ही को वयङय कहि ह भाई आलोक पराहरक ऐस ही वयङयकार ह जो हक बड़ी ही आसानी स पाठको क पट म गलगली मचा दि ह और कही-कही हम सोचन क हलय मिबर भी कर दि ह आइय उन क एक वयङयालख का आननद लि ह

होली क पासवडद - आलोक पराहरक

हजर वो वि गया जब शबद की वडद की कीमि होिी थी अब िो कीमि पासवडद की ह साफटवयर कारोबारी भी हनकल हलय ह नय ाा करन क हलए सो नयी कहानी सामन आयी गोहपयो स कहा गया हक इार मीहडया बहि माकट फर डली हो हलया ह आपक होली डास की फटज ल जािा ह फोकटी म और टीवी पर हदखा हदखाकर उनस इहशिहार वसलिा ह

करोड़ो म आप अपन होली डास को पासवडद परोटकटड कर लो जी होली डास का पासवडद दन क हम हसफद लाखो लग और मीहडया को वो पासवडद बिान क िम करोड़ो वसलना पर िब िो हमार वाल बाल भी हमार साथ डास ना कर पायग-गोहपयो न आशका जिायी नो पराबलम हम िमह पासवडद दग िम हजस चाहोगी उस य पासवडद द दना वह िमहार साफटवयर म इस फीड करगा और िम डास शर कर दोगी-टकनीकल एकसपटद न बिाया पर अगर हम पासवडद भल गय िो-सरल गोहपयो न सहज आशका रखी िो िम हमार कवीटमर कयर पर फोन कर लना दसरा पासवडद हमल जायगा टमसद एड कडीशनस एपलाई यानी पचास हजार रपय आपको दन होग पचास हजार रपय दन वाली बाि बहि ाीम स कही गयी गोहपया ियार हो गयी लाखो दकर पासवडद खरीद हलय करोड़ो कमान की उममीद म साफटवयर वाल हनकल हलय जाकर गोहपयो क पासवडद बिा हदय अमररकनो और उनस कहा हक आप इन पासवडो क सहार गोहपयो क साथ डास कर उनकी शहटग कर हफर उनह महग अमररकन चनलो पर हदखाय अमररकनो को पासवडद बिान क करोड़ो डालर वसलसाफटवयर वालो न होली क आसपास सीन य हआ हक बरजमडल म हसफद अमररकन गर गोहपयो क साथ डास कर रह थ गोहपया अहनचछक थी पर चहक उनक साफटवयर स अमररकनो का पासवडद मच कर गया था इसहलए वो खद ब खद डास कर रही थी और हआ य था हक गोहपया अपन पासवडद खद भल गयी थी गोहपयो न कवीटमर कयर सटर पर फोन कहा िो सीन य हआ- हलो म गोपी नबर वन बोल रही ह कया मरी बाि कवीटमर कयर एकजीकयहटव स हो सकिी ह जी कवीटमर कयर पर सपकद करन क हलए ानयवाद आपका हदन शभ हो आप अपनी जनमहिहथ बिाय जी जनमहिहथ िो मझ याद नही ह अर िो आप अपना पन काडद नबर बिाय

जी पन काडद िो मर पास ह ही नही ओक हफर िो आप को हमार नजदीकी दफिर म जाकर एक फामद भरना होगा िब आपको नया पासवडद कररयर स भजा जायगा पर जब िक य सब होगा होली हनकल जायगी मरी कमाई क सार चास खतम हो लग दहखय म िो आपको परोसीजर बिा रही ह होली हनकलगी या दीवाली हनकलगी य मझ नही पिा ओफफो जब आपक एकजीकयहटव पासवडद बचन आय थ िब िो बहि ही िमीज स बाि कर रह थ आप िो बहि बदिमीजी स बाि कर रही ह दहखय िमीज का सारा कोटा हम राहक बनान म खचद कर दि ह उसक बाद हमार पास हसफद बदिमीजी ही बचिी ह म आपको परोसीजर बिा चकी ह आप उस फालो कर ओफफो डास िो होली पर करना ह उसक बाद डास कयो करना दहखय अब िो डास साल भर चलिा रहिा ह कोई ना कोई फकशन होिा ह उसम डास कर सकिी ह हमारी सहयोगी कपनी िमाम शाहदयो म रौनक लगान क हलए अचछ डासर सपलाई करिी ह आप उस कपनी म अपना रहजवीरशन करा द पर साल आपको डास क आफर हमलि रहग ओफफो आप बाि नही समझ रही ह हम िो होली क मवीिी वाला डास करि ह हनमदल सहज आनद क हलए दहखय हनमदल सहज जस शबद जो आप बोल रही ह य िो अचछ नाम ह हनमदल नाम स घी या मकखन बचा जा सकिा ह कोई सि इस पर अपना कारोबार पहल ही चला गय ह सहज हकसी योग का बराड हो सकिा ह आप चाह िो य नाम रहजवीटर करा सकिी ह इस सबा म आप हमारी सहयोगी कपनी स मदद ल सकिी ह वह बहि सवीि भावो म आपको सहवदस द दगी ओफफो आप िो मझ कछ ना कछ बचन पर आमादा ह आप मरी पराबलम को साकव कीहजय ना चहलय मरी अपन हकसी सीहनयर कवीटमर कयर एकजीकयहटव स बाि कराइय दहखय िमा कर अभी हमार सार कवीटमर कयर आफीसर हकसी ना हकसी गोपी स बाि करन म हबजी ह आप राि को दो बज काल कीहजय िब वो फरी होग ओफफो राि को दो बज काल करन को कौन जगगा दहखय वो आपकी समवीया ह हमारी नही आपका हदन शभ हो और राि भी

इस होहलका कथा स हम य हशिा हमलिी ह हक कवीटमर कयर हडपाटदमट कवीटमर की कयर क हलए नही कपनी की कमाई की कयर करन भर क हलए होिा ह हम म स अहाकानश लोग पहरदमा वमदन जी क परककप lsquoअनभहिrsquo क बार म जानि होग ककपना जी उस परककप का एक महतवपरद हकरदार ह अनभहि को अनभहि हजस टीम न बनाया उस म ककपना जी का भी शमार होिा ह म इन स बस एक ही बार इन क खारघर हवीथि आवास पर हमला ह शायद एक दो बार फोन पर बाि हई हो वीवावीय को लगभग माि द चकी आदररीया ककपना जी साहहतय-सवा क हलय सदव ितपर रहिी ह साहहतय की हवहवा हवााओ म रचनातमक परयास करना इन का हपरय शगल ह आप क िप को नमन

ककपना रामानी

ऐ हवा रगो नहाओ आ गया फागन ाम मौसम की मचाओ आ गया फागन

दश स रठी हई ह राि पनम की

चाद को जाकर मनाओ आ गया फागन

वन चमन क फल आिर दख लो हकिन नह नयौिा दक आओ आ गया फागन

हफर रह ह मन-महदि सब बाल बहगया म झलना उनका झलाओ आ गया फागन

साज ह सरगम भी ह ियार ह घघर

िम सखी शभ गीि गाओ आ गया फागन

खग हवहग-व दो क जाकर कान म कह दो मोर कोयल को जगाओ आ गया फागन

िान हपचकारी खड़ी ह दवार पर होली परम की गगा बहाओ आ गया फागन

----------

फगनाहट स जाग उठी ह जग म होली

रग पलाशो स लकर जन

हए रगील साथ फब रह लाल हर

कसररया पील सख को मह हचिा रह रग

गील हसकर भग चिा पकवान हो गए

और रसील

हपचकारी पर हफदा हो रही कोरी चोली

फगनाहट स जाग उठी ह जग म होली

मौसम बदला नमद हवा न पाव पसार

खार जल क िाल हो गए मीठ सार

चस-चस कर आम कोहकला सर म कहकी

आए हमलन गल िमी स चाद हसिार

हररयारो स होड़ ल रह

ढम-ढम ढोली फगनाहट स जाग उठी ह

जग म होली

शहरो म डीज गावो म बजिी पजन

दश हो हक परदसपवद की

एक वही ान खिो म सरसो हखलिी

उदयानो कहलया कर कर म रस भर दिा

सखदाई फागन

आिा सग ामाल शगन की भरकर झोली

फगनाहट स जाग उठी ह जग म होली

------------ सार छद

रग हदवस फागन क

छनन पकया छनन पकया उड़ रग क बादल पीि गलाबी लाल हआ ह वसारा का आचल

छनन पकया छनन पकया यह ऋि सबको भाई भवरो की मनहार दखकर कली-कली इिराई

छनन पकया छनन पकया गमी घटाए िम की दख रही ह जलिी होली जाग राि पनम की

छनन पकया छनन पकया वन पलाश हफर दहक

रग सनहरा दख गगन म उड़ि पाखी बहक

छनन पकया छनन पकया हफर आम बौराया मोर कोहकला न बागो को सर म गीि सनाया

छनन पकया छनन पकया दखा दशय हवहगम

हपचकारी भर खग-मग लाए रग घोलकर अनपम

छनन पकया छनन पकया हई खब हखलवाई जब सहखयो न भग हमलाकर ठडई घोट हपलाई

छनन पकया छनन पकया गाए गीि शगन क

बार-बार जीवन म आए रग हदवस फागन क

अनिजादल पर lsquoछनन-पकयाrsquo को हमलोगो क बीच समभवि भाई योगराज परभाकर जी ल कर आय रामीर अञचल का साहननधय हजन लोगो को नसीब हआ हो वह जानि होग हक lsquoछनन पकयाrsquo या इस िरह क अनय िहकया कलामो क साथ हमार लोक-साहहतय म अपररहमि रचनाए हई ह और उन म स लगभग 99 अब लपत भी हो चली ह हम जसो को बावला कहन वालो का हम इसहलय बरा नही मानि चहक इस िरह की बािो को विदमान समय नोवीटाहकजया क नाम स जानिा ह याद आिा ह हम लोगो क बचपन म हवजञापन वाल हम बिाि थ हक नमक स दािन करन पर दाि ख़राब हो जाि ह और वही हवजञापन वाल अब हमार बचचो स पछ रह ह हक आप क टट-पवीट म नमक ह हक नही याहन आहख़रकार य लोग हमारी भोर को ख़चो क साथ शर करन म सफल हो ही गय ख़र समय न कब हकस की सनी ह जो हम लोगो ही की सनगा चहलय अब उस फरसहिया जी क सटायर स लतरनदोि हआ जाय -

ldquoएक रसबहकय की डायरीrdquo ndash अनप शकल उरद ररसहिया आजकल रसबक का जमाना ह लोग कछ भी करि ह उसका वीटटस FB पर डालि ह समोसा खा रह ह बोर हो रह ह अचछा लग रहा ह झझला रह ह बलॉकअनफ़र ड

कर हदया ऐसा रील कर रह ह वसा महसस हो रहा ह कछ हो रहा ह कछ-कछ हो रहा ह कछ भी हकया जाय अगर उसको रसबक पर न डाला जाय िो लगिा ह वो काम हआ ही नही रसबक वीटटस हबन सब सन हालाहक रसबक पर लोग सब कछ कह लि ह लहकन हरर भी बहि कछ रह जािा ह हजस शरारि क मार लोग साझा नही करि ऐस लोग अपन मन क भाव अपनी डायरी म हलखि ह ऐसी ही कछ डायररया हाथ लगी उनको दखकर लगा हक हकिना कछ छट जािा ह रसबक आन स उन डायररयो म स कछ क अश यहा परवीिि ह 1आज हरर उसन अपनी परोराइल हपक बदली बवकर को पिा नही हक परोराइल बदलन स शकल नही बदल जािी मन नही था लहकन लाइक करनी पड़ी हगकटी रील हो रहा ह रसबक क चलि हकतता झठ बोलना पड़िा ह 2उसन नयी रोटो लगायी ह हवा म उड़ि हय बाल दखकर मन हकया हक हलख- य बाल नही िर सर स बची-खची अकल हनकलकर बाहर भाग रही ह लहकन हरर हलखा नही उसको य खशरहमी हो जािी हक उसक पास भी अकल ह हकसी को कयो ाोख म रखना आख मदकर फोटो लाइक कर हदया

3उसन आज हकसी को बलॉक करन की उदघोषरा नही की मन हकया पछ हक िहबयि िो ठीक ह लहकन हरर नही पछा हकसी क पसदनल मटर म कया दखल दना हजतती दर म कमट हलखग उतत म दस ठो लाइक कर लग 4हपछल दस हदन स एक ही आईडी स रसबहकग करि-करि बोर हो रह ह खराब लग रहा ह सोचा था आज पकका नई आईडी बनायग लहकन नही बनाई य कया हो रहा मझ गगहलग करना पड़गी हक ऐसी मनहवीथहि को कया कहि ह कछ इमपरहसव कहि होग िो उसको अपना वीटटस बना लग - रीहलग हडटरमाइनड 5बलॉग दख रही ह आजकल वो मई उसका वीटटस सबस पहल लाइक करिी ह घोटाल क पीछ CAG की िरह उसक वीटटस स हचपकी रहिी ह पछना पड़गा उसस चककर कया ह आजकल चट भी नही करिा लगिा ह नई आईडी स चट करनी पड़गी य भी औरो की ही िरह ह 6आज उसन हरर कतत क साथ अपना रोट लगाया ह मन िो हकया मनका गााी को हलख द हक दहखय आपक रहि जानवरो क साथ हकतता िो अनयाय हो रहा ह लहकन हरर छोड़ हदया कमट हकया - (कतत का) रोटो बहि अचछा लग रहा ह बरकट क अदर वाली बाि मन म कही ही ही ही ही smile emoticon smile emoticon smile emoticon

7आजकल हजस दखो कहविा हलखन म लगा ह हकिना िो करर हो गय ह लोग शबदो क साथ अतयाचार दखकर मन दखी हो जािा ह कछ शबदो स बाि हई बचार कह रह थ -पिा होिा हक हमार साथ इतता बरहम सलक होगा िो हम हडकशनरी स भाग जाि रीहलग helliphelliphellip (खाली जगह रीिा स पछ कर भरगी उसको य सब अचछा आिा ह हक कब कस रील होना चाहहय ) 8िीन हदन स दषट न हकलो नही बोला सोचिा ह म पहल बोल माई रट मर पाच हजार दोवीि ह िीन हजार िीस रालोवर उस बवकर क िीन सौ इकवावन दोवीि गवीसा आ गया उसक वीटटस पर (हजसको पहल लाइक हकया था) जाकर वीटटस को सकड़ो बार हडसलाइकलाइक हकया वीटटस को हझझोड़ कर रख हदया कल रील हआ हरर वीटटस लगाया- भटटा चबा रह ह ठड़ा पीि हय smile emoticon

9कछ भाई लोग िो जञान की बाि इतती बवकरी स करि ह हक मन करिा ह एक उननाव क डौहडया गाव म खदाई क हलय लगी एक ठो जसीबी इनक हदमाग म भी लगा द सारी अकल का मलबा हनकाल क हदमाग को खाली कर द लहकन हरर लगिा ह कड़ा कड़दान म ही रह िो अचछा जमीन पर काह को रलाया जाय 10आज मड की भी छटटी थी छटटी मिलब सड समझकर मन टीना को सड वाली आईडी स हकलो बोल हदया वो घट भर िक मह रलाय रही िरह-िरह क बवकरी क आइकान भज कर उसको मनाना पड़ा य लड़हकया भी हकतती चजी होिी ह यार मन िो हकया हक वीटटस लगाऊ -टाहकग ट रल रीहलग इरीटटड लहकन हरर लगा वो समझ जायगी िो वीटटस लगाया- एनजवाइग सड रीहलग रट

11दोवीि बिा रहा था हक वो आजकल बहि वयवीि ह दो आईडी बनाई ह उसन दोनो पराानमहियो की िरर स रसबक पर जग लड़िा ह एक आईडी हकसी क हखलार वीटटस हलखिा ह दसरी स उसक हखलार िकद घट दो घट एक वीटटस पर कशिी लड़न क बाद अगला वीटटस लगा दिा ह बिा रहा था पराानमिी कोई बन उसका चमचा-इन-चीर बनना पकका ह राजयमिी क दज की आशा ह मन हकया उसको कह rsquoशखहचकली कही कrsquo लहकन rsquoरटrsquo कहक बॉय कह हदया वीटटस सटाया- रीहलग ररलकड 12भाईसाहब न बहि हदन स कोई वीटटस अपडट नही हकया आज एक लड़क को रसलाकर लगभग जबररयन समोसा हखला रह ह पकका दस हमनट क अदर वीटटस लगायग- आज एक भख को भोजन कराया सिषट महसस कर रहा ह म सोच रहा ह हक म कमट करगा ndash कया अजब पाखड ह लहकन मझ पिा ह हक म हकसी को हटद नही कर सकिा राइनली हदल पर पतथर रखकर हलखगा- मानविा की सचची सवा 13आज शाम एक फ़र ड का रोन आया कहा आज हकसी स रसबक बरकअप नही हआ िहबयि घबरा रही ह रीहलग लो मन कहा िो म कया कर िो उसन कहा यार ि ही मझस लवर बनकर बाि कर ल आईडीपासवडद भजा ह िरी मल म मन कहा -मझ इस सब झमल म नही पड़ना उसन हरर दोवीिी की कसम दी िो मझ दया आ गयी मन कहा अचछा चल लाग इन करि ह मरी हकवीमि अचछी लाइट चली गयी थी मन उसको एसएमएस हकया उसका जबाब आया -कोई नही मन खद दो बराउजर स चट करक बरक अप कर हलया िझ हहचहकचाहट हो रही थी अचछ स हो भी नही पािा िर स नाऊ रीहलग ररलकवीड मन वीटटस लगाया- कस-कस रस ह रसबक क रीहलग सरपराइजड ऐसी न जान हकिनी बाि डायरी म हलखी हई ह सबको यहा हलखना ठीक नही ह नमन बिा हदय आप अनदाजा लगाइय हक और कया-कया हलखा होगा डायररयो म आप भी रसबक डायरी हलखि हो िो शयर कररय अपन हवचार कोई हहचहकचाहट हो िो अनाम नाम स मझ भज दीहजय हम छाप दग आया न मिा और पिना चाहि ह इन को ठीक ह थोड़ी दर बाद पहल कछ और रचनााहमदयो को भी पि हलया जाय

डॉ (सशरी) शरद हसह

हदलो म रग भर द पयार का हफर इस दरा होली हक मौका द ही द दीदार का हफर इस दरा होली

न हशक़वा हो न कोई हो हगला इक-दसर क सग हमटा द दाग़ हर िक़रार का हफर इस दरा होली

ग़मो को दर सरका द खशी को साथ ल आय

रख माहौल बस इकरार का हफर इस दरा होली

महबबि की हसफाररश हो महबबि की इबादि हो रह तयोहार इक इसरार का हफर इस दरा होली

य होली म सभी क साथ होन का मिा आए

लग हर शख़स जयो पररवार का हफर इस दरा होली

सशीला हशवरार

कहा गए वो चग-डर अपनापन अनराग गीिो की रसाार हबन हकिना सना राग

ढोल-चग की गज पर मन उठिा था झम अब गहलया सनी हई कहा गई वो ाम

मवीिो की टोली नही नही वीवाग क रग बस टीवी म रह गया होली का हड़दग

रग हरिा म छा गए नील-पील-लाल

म हबरहन सखी रही मझको यही मलाल

मोहन अब रगि नही रााा िर गाल कलयग ह द वापर नही दहनया कर सवाल

सग अबीर-गलाल क मला कौन-सा रग लोग कह म बावरी जग स हई हनसग

सावररय क रग-सा हमला न दजा कोय िन लाग जो सावरा हर हदन होली होय

उसन य दखा मझ हई शमद स लाल

हसरि हदल म रह गई मलिी खब गलाल

ामनर कमार lsquoसजजनrsquo

िर भर चिकर जो हमट रग बड़ा बकार साि जनम िक साथ द वही रग िन डार

बदन रगा िो कया हकया मन को रग ल यार

मौका भी दवीिर भी होली का तयोहार

रगो क सग घोलकर कछ टट सवाद ऐसी होली खहलए बरसो आए याद

जाकर य सब स हमलो जस हमलि रग

कवल हपरयजन ही नही दशमन भी हो दग

रग सभी फीक पड़ जब आई मख लाज इन गालो क रग स आओ रग द आज

सख रगो स करो सिरगी ससार

पानी की हर बद को रखो सरहिि यार

फागन न आकर कहा अपन हदल का हाल गोरा मखड़ा ाप का हआ शमद स लाल

रग न हो िो परम भी रग दिा ससार परम न हो िो वयथद ह रगो का अबार

िझको रगन थी चली पीली पीली ाप गोरा िन छकर हई उजली उजली ाप

आखो आखो म चल सार रग गलाल

अपनी होली चल रही य ही सालो साल

ओबामा जी अगर हलकन हिदा होि िो

सजीव हनगम

सबह सबह चचचा अपन घर रपी िोप नली स गोल की िरह जो छट िो सीा हमार घर म आकर रट उनक हाथ म सबह का अखबार था और मह स दनादन ऐस शबद हनकल रह थ हजनह सन कर पहलस वाल भी शहमिदगी महसस करन लग ऐसी िबरदवीि गोलाबारी क सामन पड़ना अपन खद क अहिम सवीकार का इििाम करना जसा ही था इसहलए हम हाथ म सरद रमाल थाम उनक शाहबदक रप स ठडा होन की राह दखन लग थोड़ी दर बाद वह शभ घड़ी भी आ गयी और व उस अकसहशयन की िरह स शाि होकर बठ गए जो घर आय महमान पर भौक भौक कर थक गया हो मन हहममि करक पछा चचचा आप िो ओबामा की िरह स सभय आदमी थ य अचानक ओसामा कस बन गए यह सनि ही चचचा हफर स पाहकवीिानी फौहजयो की िरह स हबना कारर फायररग करन लग बोल नाम मि लो उस ओबामा का मर सामन जब अभी भारि आया था िो कया कया अरमान दख थ मन उसकी और अपनी दोवीिी क यह सोच सोच कर म हकिना खश था हक उस दोबारा यहा दख कर चीन हकिना जल रहा होगा पाहकवीिान हबलख रहा होगा यहा िक हक जब जाि जाि उसन हम हबन मागी सलाह द डाली िब भी मन उस पान क अडड पर खड़ हकसी दोवीि की चहलबािी समझ कर झल हलया था - पर उसन िो वहा जाकर भी - अमा िम अपनी िोि जसी चोच बद रखो य हम दो बड़ी हहवीियो क बीच का मामला ह उसम िम अरर जटली की िरह स बीच म घसन की कोहशश मि करो सषमा वीवराज की िरह स अलग ही रहो हम पिा ह हक उसन वहा जाकर भी हमारी िरफ इस बयान की हपचकारी मारी थी हक भारि म ााहमदक असहहषरिा इिनी बि गई ह हक यहद महातमा गााी हजदा होि िो व आहि होि - लहकन अब िो वहा भी hellip

- हा वही िो hellip बड़ा आया हम जञान दन वाला अब उसक अपन यहा ााहमदक असहहषरिा की ऐसी हरकि हो रही ह िो अब समझा ना अपन लोगो को हम जो जञान हदया था उस कॉपी पवीट करक अपन कपयटर जस दश क होम पज पर डाल न - सही कह रह ह आप पर य सब मझस कहन स कया फायदा - वो िो म भी जानिा ह िम जसा सवीि सट पहनन वाला इन सब बड़ी बड़ी बािो को कया समझगा य िो लाखो रपय का सट पहनन वालो क समझन की बाि ह - िो हफर उनह ही समझाईय न मर घर को कयो राज पथ बना कर 26 जनवरी का शहि परदशदन कर रह ह - हम यहा कोई शहि परदशदन करन नही आय ह बहकक राषर हहि म िमस एक कबादनी मागन क हलए आय ह कही गवीस म इनहोन इवीलाहमक वीटट जसा कोई आिकवादी सगठन न बना हलया हो और उसका पहला हफदायीन मझ ही बनान का न ठान हलया हो यह सोच कर मरी सास डर क मार अपन आप िोर िोर स अनलोम हवलोम करन लगी डरि डरि आवाि हनकली कसी कबादनी चचचा - हम थोड़ी दर क हलए क हलए िमहारा मोबाईल चाहहए - कयो भला - ओबामा स बाि करनी ह और उसस पछना ह हक आज अगर अबराहम हलकन हिदा होि िो व हकिना आहि होि लहकन मरी दशभहि न ही मझ मर मोबाईल क माधयम स अमररका स समबना ख़राब करन स रोक हदया मन मोबाईल म बलस न होन का कारगर बहाना बना हदया चचचा न दवादसा की िरह स अहिशय करोा स मझ घरा और हफर हकसी सचच मोबाईल ाारी दशभि की िलाश म हनकल गए

समीिा परवीर कशवा

रग लगाक ि न जा मझ रग लगाक अपन अग लगाल सावररया रhellip

पवन बसिी ि बनक सग बहा ल अपन हदल म बसा ल सावररया रhellip

फागन न जकफ खोली मदहोशी नभ म घोली

ाानी आकाश हआ ारिी भी उसकी होली

रगो स रग हमल सिरगी फल हखल पखरी लाज खोए

भवरा जो उसप डोल बाह पसार नदी क दोनो हकनार

इकदज को पकार बलम आजा रसावररया रhellip

लरज कपोल लाल सया रग गलाल भावभरा रग घला

िन मन हए सब लाल सजना क सग सखी

ऐस म रग रगी खद स ही परीि हई खद स ही जग हई

परीि लगाक अपनी नीद गवा क सजन सग बन गई म िो बावररया र सावररया रhellip

कावय करन को चल ह हम भरािा सच पछौ िौ हम कछ नही आिा 01

हफर ह हमन बहि िहनक लगाई

झट सो यो एक यहि बझ आई 02

एक शबद ह िाक अनक हवकार इनकौ कीज िजद- बनद वयवहार03

शबद-हवकार प पन-पन करौ परहार

ठोको- ठासौ और नक लउ हनहार 04

जस-जस शबद वीव- पकार सनाव िस-िस कावय पहि बन आव 05

अब िौ भईया हम ह कहव कहाए

मन ही मन यो मवीि मोद मनाए 06

एक हदन जमौ बड़ौ कावय वयापार कहव-कल कौ कछ कह आर न पार07

सब न अपन-अपन जब पाठ हकय

शरगार हावीय वीर रस क ठाट हकय08

अलकारन क अदभि उपयोग हकय वकरोहिन क हवलिर परयोग हकय09

छनदन सौ अनठ स अनबना हकय

चमतकहि क अतयि सपरबना हकय10

हमन ह हहममि अपनी नक न हारी कावय म कावय की यहि कह डारी11

अब हनरदय कौ अवसर जयो आयौ

हमरौ नाम उनन सवद- शरषठ सनायौ12

हलयौ पचन न हम पनः मच बलाय हदयौ टट जिन कौ एक हार हपराय13

िब व बोल मनद-वीवर य मद भाखा

नीच स आपकौ नमबर एक ह आका14

यह सब दखद दशय दखि घर-वारी घर पहचि ही वाकी हवकट सवारी15

बड़ चल हौ िम हनि कहव बनन कौ आयी न नक ह लाज या झठ रन कौ16

बालक भख घर सौ मस ह हफरि ह

टट ह पाि वसतरन क पबनद फटि ह17

मददि स हर बाररस यह छतत चआनी बस अब की बार ह सच फशद प आनी18

कहव-जन एक बाि म कहौ सहवचारी

मानौ न मानौ हौ अब आप अहाकारी19

रोजी-रोटी जब लौ नही हसि जगाड़ी कहव नही कबह कहव ननद अनाड़ी 20

- एन एल चिवदी नगीना उरद lsquoननदrsquo

साहहतयम पर आप लोग जो रसील और चटील वयङयालखो का रसावीवादन करि ह उस का हजममा भाई कमलश पाणडय जी न उठाया हआ ह कहन की आवशयकिा नही हक साहहतयम का कल कामकाज वीवहचछक और अविहनक ह आज क दौर म ऐस साहथयो का हमलना सौभाय ही कहा जायगा वस भी पसा सब कछ खरीद सकिा ह मगर समपदर की भावना नही कमलश जी वीवय भी एक बहिरीन वयङयकार ह कमलश जी क सटायसद की हवशषिा ldquoबारीक़ीrdquo ह आप बड़ ही हनराल अनदाि म पाठक को अपन साथ बहा ल जाि ह आइय कमलश जी क एक रसील और चटील वयङयालख का रसावीवादन करि ह-

फाहयान की हफकमी डायरी कमलश पाणडय

उस रोि फ-ची न बिाया हक भारि-भरमर पर जान स पहल वहा की कछ हफकम

दख ल िो पयादपत मागददशदन हमल सकिा ह फची कहिा ह हरकम हकसी भी समाज का दपदर होिी ह सो इनह दख लो सभव ह भारि जान की आवशयकिा ही न पड़ यही बठ-बठ भारि पर एक वहद रथ हलख सकि हो कल बािार स विदमान काल म बनी डि-दो सौ भारिीय हफकमो की सीडी क जलदवीय सवीकरर ल आया जो प-ईहचग क चोर-बािार म मोमो क एक पलट स भी सवीिी हमल गई आज परािः काल भजन-पजन क उपराि उनक अवलोकन क हलए बठ गया ह य एक नया ही ससार परिीि होिा ह फ-ची ठीक कहिा था हक चीन म फली भारि समबनाी भराहियो पर करद न ारो मझ सही मागददशदन दन वाल फ-ची को साावाद कहि हए अब आरमभ करिा ह एक आठ परहर स हनरिर भारिीय जीवन की इनरानषी छहवया दखि-दखि नि चहाया गए ह और महषिषक िो मानो हनहषकरय ही हो गया ह अभी थोड़ सरा-पान क उपराि जी

हकका हआ िो भारि- जो अब ईहनडया कहलान लगा ह ndash की आकहि कछ-कछ दहषटगोचर होन लगी ह य िो हनहिि ही ह हक इहणडया अतयि समि दश ह हफकम का नायक जो वीवय को आम-आदमी और हनादन मनषय बिािा ह एक बड़ स भवन म रहिा ह हडिाइनर परराान पहनिा ह चमकि वाहन पर यािायाि करिा ह और एक सनदरी स परम करिा ह कभी-कभी सदररयो की सखया एक स अहाक हो सकिी ह पर जब वह नतय रि होिा ह िो सदररया अनि होिी ह हजन ानाढय लोगो स उसकी शििा होिी ह उनक िो कया कहन उनकी जीवन शली चीन क समराट को भी लजा दन वाली ह वस अहाकाश हफकमो म नायक पहलस अहाकारी ह ऐसा परिीि होिा ह हक इहडया म सभी पहलस अहाकारी बनना चाहि ह हजसका कारर यही मालम होिा ह हक उनक घर और ठाट-बाट राजाओ स परहिवीपााद करि दीखि ह इसस िो यही लगिा ह हक इहडया म अब सवदहारा कोई नही बचा दो आम आदमी पर आााररि एक हफकम का अवलोकन करन क बाद इस हनषकषद पर जा पहचा ह हक इहडया क आम-आदमी सर-सपाट क शौकीन होि ह और परायः अपनी परहमका क साथ मनोरम वीथलो पर भरमरशील रहि ह उसकी परहमका वीवय को अतयि हनादन बिािी ह जो उसक अतयकप वसतरो को दख कर िो सतय परिीि होिा ह परनि जब उसक आभषरो और चरर पादका पर दहषट जािी ह िो थोड़ा सदह भी उतपनन होिा ह परायः य लोग कही आकाश स परसाररि होि सगीि पर गायन करन लगि ह िो हर बदलि लय क साथ वसतर वीथल और वाहनाहद बदल दि ह समहि का िब चरमोतकषद हदखिा ह जब य लोग गीि का हर अिरा हकसी अनय दश की भहम पर गाि ह और पलक झपकि ही उनह वहा पहचा दन वाला वाहन कही नही हदखिा हनिय ही वहा का हवजञान अभिपवद परगहि कर चका ह सभव ह वहा हर आम आदमी क पास अपना हनजी वाययान हो िीन आम आदमी की मोहक छहवयो वाल दशयो को दखि जी ही नही भरिा यह भी जञाि हआ हक इहडया एक अतयि सनदर दश ह जहा एक ही वीथल पर समर हहमाचछाहदि पवदि रहगवीिान और झरन ह कई एक वीथल िो ह-ब-ह हवीवटिरलड नामक दश क सामान ह य भी समभव ह हक आम आदमी क भरमर-लाभ हि इहडया म ही कही-कही यरोप-अमरीका आहद महादशो की परहिकहि रच ली गई ह गीिो क दशयो म िो य बाि एक दम हसि हो जािी ह जस ही नायक-नाहयका गायन परारमभ करि ह ढर-सारी सदररया नाचिी-गािी उनकी सगि करन आ जािी ह य भी वसतरो की दहषट स अतयि हनादन लगिी ह परनि हवीथहि पर गौर करन स वीपषट हो जािा ह हक ऐसा नही ह कया समरिट पर सट पहन कर जाया जािा ह या हक राहि-कलबो म बकाद ओि कर इसस य भी वीपषट ह हक इहडया म नाररयो को इचछा-नसार पहनन-ओढन घमन-हफरन नाचन-गान की वीविििा ह चार फची गलि कहिा ह हक इहडया म बहि गरीबी ह उस ऐसा कछ हरकम ही दखकर लगा था उसकी सलाह पर आज ऐसी कछ हरकम दखी इनम टट-फट घरो म कछ हभिक-परकार क पराहरयो का जीवन हदखाया गया था सकषम दहषट डालन पर इन बहवीियो क पीछ खड़ हवशाल महल हदख जाि थ जहा स कछ आम आदमी आकर इन बहवीियो को हगराना चाहि हदखाए गए थ पर उनका उदशय इन झोपहड़यो की जगह महल बना कर पर इहणडया को एकाकार कर दना था समयाभाव म इनका बनाना हदखाया नही जा सका एक राजनिा न बिाया हक गरीबी को परचाररि करन क पीछ हवरोाी राजनीहिक दलो का दषपरचार ह जो मझ सो सतय लगा मझ िो इसम

चीन का हवीि होन की भी समभावना हदखी कयोहक ऎसी एक हफकम म हनादन लोग बार-बार माओ का नाम ल रह थ पाच ऐसा परिीि होिा ह हक इहडया म सभय लोगो की भाषा हहनदी ह य भाषा अरजी क शबदो और वीथानीय भाषा क कारको स बनी ह हबना पि-हलख लोग कई वीथानीय भाषाए बोलि ह परायः लोग कवल अरिी भी बोलि पाए जाि ह पर आम िौर पर अरिी क दो एक वाकयो क बाद हहनदी पर उिर आन की परवहतत ह नाहयकाए और हसतरया अरिी बोलना पसद करिी ह पर जब वो हहनदी बोलिी ह िो भी धवहन अरिी-सी ही आिी ह ऐसा परिीि होिा ह हक उनह भाषा की दीिा मलिः अरिी म हमली ह और हहनदी उनहोन हकसी हहनदी हफकम म काम करन क उददशय स सीखी ह गान अहपि हहनदी म ही गाय जाि ह पर वहा और भी कई भाषाओ का मल हदख पड़िा ह एक गीि िो ऐसा था हजसम बड़-बड़ नगाड़ो की िाल पर पजाबी नामक भाषा म बहि सारी अरिी और थोड़ी हहनदी हमलाई गयी थी ऐस कछ गीिो क रचहयिा कोई lsquoयो योrsquo नामक महाकहव ह जो अपन गीिो म यवाओ को कम महदरा या मादक पदाथो क सवन करन जस सावीकाररक सदश दि रहि ह इन गीिो क भावाथद जो भी हो इसम कनयाओ का नतय अदभि ह- शबदो को समझ हबना ही सभी अथद वीपषट हो जाि ह छह आज दहिर इहडया की कछ हरकम दख कर पिा चला हक इहणडया क इस भखड म परष अहि-शहिशाली और नाररया खब भरी-परी होिी ह नायक िो इिना चपल होिा ह हक चशमा हसगरट या हपवीिौल जस उपकरर पलक झपकि ही अपन शरीर क हवहवा हहवीसो पर अिररि कर लिा ह इस नायक क एक आघाि स खलनायक कई पलो िक वायमडल म गोि खािा ह और कभी-कभी िो आकाश म ही हवलीन हो जािा ह उार नाररया रग-हबरग कलशो और इनरानषी आकहियो क बीच मादक नतय करिी रहिी ह वहा का एक नायक िो सवद-शहिमान ईशवर क समकि ह उसकी शहियो क हवषय म अनक हकवदहिया परचहलि ह जो फ-ची क अनसार रजनी-जोकस नामक रथ म सगहीि ह साि कछ राजनीहिक हरकम दख कर ऐसा परिीि हआ हक इहणडया म सभी निाओ की अपराा करन-करान म गहरी रहच ह परायः समाज म खलनायक निा ही होिा ह य लोग सरा-सदररयो हहथयारो सनदर परासादो और चमकि वाहनो क बीच ही रहना पसद करि ह आवशयकिा पड़न या न पड़न हकसी भी हवीथहि म हकसी की हततया कर दना इनक वाम-हवीि का कमद ह बलातकार हि इनह यो िो सभी हकवीम की नाररया पसद ह पर नायक की बहन या परहमका पर हवशष कपा रखि ह ऐसा लगिा ह हक इनकी हदनचयाद हकसी षडयि स आरमभ होकर हकसी हततया पर समापत होिी ह इनक अगरिक चीनी यि कला म हसिहवीि होि ह और अवसर पाि ही सााारर मानवो पर ईया-ऊआ करि टट पड़ि ह एक राजनिा की कररिा दख कर िो मरा हघघघी नामक अग बा ही गया इहडया म इनही अहिमानवो म स जनपरहिहनहा चनन का परावाान मालम होिा ह चन हलए जान क बाद य परायः शवि वसतर ाारर करि ह और सभाओ म भाषर दि हफरि ह पर अििः अपराा क सभी सि उनस ही जड़ होि ह चनाव एक रोचक अवसर होिा ह जब ढर सार वाहनो म लोग रग हबरगी झहडयो क साथ नारा लगाि घमि ह आठ इहडया का य रग दख कर िो दग रह गया ह एक मदान म लाल पील हार नील िातपयद य की सभी परकार क रगो स सराबोर हिारो मनषय एक साथ नतय कर रह ह सबक

वसतर शवि ह िाहक रगो की छाप गहरी उभर गाज-बाज क साथ एक समह गीि गाया जा रहा ह हजसम गोररयो की चोली पर रग डालन की परररा दी जा रही ह चनररया को हभगोन पर हवशष जोर ह सदररया परषो स जोड़ बना कर मादक नतय कर रही ह रग जो ह उड़ भी रह ह बौछार बन कर बरस रह ह और चहरो पर पोि भी जा रह ह इहडया की इस रगीन छहव को दख कर हपछली सारी छहवया ााली हो गई ह ऐसा परिीि हो रहा ह हक मानो परा दश एक ही रग म रगा ह भल ही वह हिारो रगो म वयि हो रहा हो पिा चला ह हक य एक तयौहार ह हजस होली कहि ह एक हदन पहल इहडया क लोग होहलका जलाि ह हजसम अपनी बराईयो की आहहि डालि ह मन भी आज इहडया की बरी छहव बनान वाली हपछली हफकमो की सीडी एकि कर उनकी होहलका जला दी और उसकी राख इन बरगलान वाली हरकम दखन की सलाह दन वाल फ-ची क मह पर मल आया आज इहणडया की यािा की ियारी परी कर ली ह दो हदनो क पिाि होली ह उस दख हबना इहडया की यािा कस समपरद होगी य ह कमलश पाणडय जी और य ह उन का अनोखा वाला रङग जो मझ बहद पसनद ह इस आहटदकल को चाह िो माि मनोरञजन क हलय भी पिा जा सकिा ह और अगर कोई वयहि समय हनकाल कर इस की थाह को नापना चाह िो नपप भी सकिा ह कमलश भाई जी क एक हमि ह हवनोद हमशर हवनोद जी ररसणटली बरसाना हो कर आय ह हवनोद जी न साहहतयम क हलय बरसान की होली की दो बहि ही सनदर-सनदर िवीवीर भजी ह हवनोद जी का बहि-बहि आभार य ह वह दो िवीवीर -

डा वी क भकला

हजजजा सग होली

लगा कर भोग महावीर को और चिा कर फल बिीसा बड़ भहिभाव स पि रह थ हम िो हनमान चाहलसा महावीर जब नाम सनाव

भि हपचास हनकट नही आव िभी मरी साहलया आ कर बोली खलग हम जीजजा सग होली और मरी हसटटीहपटटी गम होली कािर वीवर म हमन पकारा

ह हनमि अब िरा सहारा सन पकार मरी हनमानजी धयान म आए

और मझस य ररमाए वतस म िो ठहरा बाल बरहमचारी

कस हर म हवपदा िमहारी इस लरड़ म मझ न लाओ

िमहारी घहटया ह िमही बजाओ पड़ा सकट मोचन नाम भी झठा हदखा गए हनमानजी भी अगठा

मरी साहलओ न जी भर की मरी पिाई दिा रहा हाए म दहाई

िभी शरीमिी जी बाहर स आई मझ दखि ही हचलाई

अजी सनि हो जरा बाहर आओ कोई लरगा घर म घस आया ह

उस मार कर बाहर भगाओ ाीर स मन खखारा

अरी भागवान य म ह पहि िमहारा िो शरीमिी जी िनक कर बोली

वाह मर छला बहि भाए हो सबह सबह कहो हकसस

मह काला करवा कर आए हो मन अपनी करर गाथा उस सनाई

िो शरीमिी जी हभननाई और अपनी बहनो को आवाि लगाई

कया मरा ही पहि हमला था मह काला करन क हलए

िो वो बहयाई स बोली दीदी अगली होली म

िम हमार पहियो का मह काला कर दना िमहारा सारा हशकवा हमट जाएगा हहसाब एक दम बरोबर हो जाएगा

हमन कछ वि क हलए बाहर हनकलना बद कर ह

यह सोच कर हक अगर हकसी न पछा हक िमहारा मह हकसन काला हकया

िो कया जवाब दगा

हवजनर शमाद

सरहद स आया नही होली पर कय लाल मा की आख रग स करिी रही सवाल

आखो को भी ह हगला कर हशकायि गाल बरी ख़द आया नही हभजवा हदया गलाल

कौन बजाव फाग प ढोल नगाड़ चग चारो िरर उदाहसया गायब हई उमग

मौक़ा था पर यार न डाला नही गलाल

मरझाय स ही रह मर दोनो गाल

हरि म थ यार सब दशमन भी था दग मन उसक गाल पर लगा हदया जब रग

इििार क रग म गयी बावरी डब होली पर इसबार भी आया ना महबब

और अब ररसहिया जी का एक और ाास सटायर ाास इसहलय हक समझ म नही आ रहा हक इनह खाङरसी कहा जाय हक हफर भीजफी बाला

आजकल बचार कालान की मरन ह कोई भी घपला होिा ह काल ान पर िोहमि लगिी ह बलक मनी की थ-थ होिी ह जस निा चमच क हबना महनि चल क हबना आईपीएल हरहकसग क हबना

अारा लगिा ह वस ही कोई भी घपला काल ान की चचाद क हबना अारा लगिा ह घपला अगर कोई

आाहनक जहटल कहविा ह िो काला ान उसका आम जनिा की समझ म आन वाला सरल अनवाद ह घोटाला यहद कोई अबझ हसिाि ह िो काला ान उसकी सहज टीका ह जस पाहटदया चद क हबना निा लफ़राजी क हबना लखक अपनी उपिा का रोना रोय हबना नही रह पािा वस ही दहनया का कोई भी बड़ा ानाा हबना काल ान क नही पनप सकिा दहनया म हजिन भी मजबि ाना ह चाह वह हहथयार का हो ामद का हो या हरर हशिा का ही कयो न हो सबकी बहनयाद म काल ान की सीमनट लगी ह काला ान न हो िो हवीवस बक रवीस बक होकर रह जाय अपन दश म हपछल बीस सालो म हजतता हवकास हआ ह काला ान उसस कई गना जयादा बिा ह गहरि की भाषा म कह िो हकसी भी आाहनक समाज का हवकास उस समाज म मौजद कालान की मािा का समानपािी होिा ह इस सबक बावजद कालान को लोग इजजि की हनगाह स नही दखि कालाान कमान वाला िक खलआम उसकी आलोचना ही करिा ह राजनीहिजञ चनाव भल काल ान क सहार लड़ लहकन सावदजहनक रप स कालान की ऐसी बराई करि ह जस वामपथी दहिरपहथयो की करि ह अमररकी कयबा की करि ह पाहकवीिान वाल भारि की करि िरह ह अपन परहि दहनया का यह दवदातमक इजजिवाद दखकर बचार कालान क हदल पर कया बीििी होगी दहनया क ाोख को दखकर उसका मन भी हजया खान की िरह लटककर हनपट जान का करिा होगा उसका भी मन करिा होगा हक सरकारी गवाह बन जाय और सबकी पोल खोल द हक कस िमाम लोगो स उसक अिरग सबा रह कस लोगो न उसका सहारा हलया आग बि और सहारा हलया लहकन जब सरलिा क हकवीस सनान की बारी आयी िो शरय अपनी महनि लगन और बहि को हदया कालान क योगदान की सरासर उपिा कर दी यह वसा ही ह हक हकसी दश क इहिहास म राजा राहनयो क हकवीस हलख जाय लहकन महनिकश जनिा की कहानी गोलकर दी जाय लहकन हरर कालाान शायद यह सोचकर चप रह जािा होगा हक अपरााी कोई भी हो लहकन बराई उसी की होनी ह बइजजिी िो उसी की खराब होनी ह इसक बाद शायद वह यह सोचकर चपचाप अपनी करििो म जट जािा होगा हक आजनही िो कल उसको वह इजजि अवशय हमलगी हजसका वह हकदार ह उसको भी खल आम उिनी ही वीवीकायदिा हमलगी हजिनी की आज समाज म जाहिवाद सकीरदिा भाई भिीजावाद भायवाद और काहहली को हमली ह काला ान सोचिा होगा- जस बाहकयो क हदन बहर कया पिा वस ही उसक भी बहर

और साहथयो चलि-चलि अपनी जड़ो की ओर - बरहमलीन सनि कहव हशवदीन राम (जोशी) की सनि-वारी आप ही क आधयाहतमक हशषय आदररीय शरी हकशोर पारीक [खणडला] जी क सौजनय स

गोकल व बरसान की नार बजाय-बजाय बजा रही िारी अर वनदावन की बनी व बनी बनक ठनक अरी द रही गारी

शयाम को शयामा सजाय सजी अहो और गलाल लगावि पयारी हशवदीन व जोरी स जोरी हमलीबरज खलि होरी ह बाक हबहारी

मगल समगल सदा ही आननद रह नदलाल

ि गलाल डार दख सखी आ रही राा मिवाली आली चाली रग डारन को

गोहपया हनराली गाली शयाम को सना रही सन-सन क शयामलाल सग-सग गवाल बाल

बाजि मदग िाल राा जी गा रही कहिा हशवदीन लाल ऐसी गलाल उड़ी

बादर बन लाल लाली चह ओर छा रही

बरज वनदावन ााम रग स रगा रगीला हरा मोहिया लाल रग ह पयारा पीला

ाम ााम स खल खल रह होरी दखो शयामा शयाम सजान और सग गोरी दखो

चह ओर हपचकाररया रग-रग की ाार हशवदीन सरस रस रहसक जन पीव करर-करर पयार

राम गर गायर

भारि की लोक समपदा फागन की फाग - आचायद सजीव वमाद सहलल भारि हवहवावरी लोक सवीकहि स सपनन- समि परमपराओ का दश ह इन परमपराओ म स एक लोकगीिो की ह ऋि पररविदन पर उतसवामी भारिीय जन-

मानस गायन-वादन और निदन की हिवरी परवाहहि कर आनहदि होि ह फागन वषािि िथा चि वषादरमभ क साथ-साथ फसलो क पकन क समय क सचक भी ह दहिरायनी सयद जस ही मकर राहश म परवश कर उततरायरी होि ह इस महादवीप म हदन की लमबाई और िापमान दोनो की वहि होन की लोकमानयिा ह सयद पजन गड़-हिल स हनहमदि पकवाननो का सवन और पिगबाजी क माधयम स गगनचमबी लोकानद की अहभवयहि सवदि दखी जा सकिी हमकर सकराहि हखचड़ी बसाखी पोगल आहद हवहवा नामो स यह लोकपवद सकल दश म मनाया जािा ह पवदराज होली स ही मधयोततर भारि म फागो की बयार बहन लगिी ह बदलखड म फाग बजभहम म नटनागर की लीलाए हचहिि करि रहसया और बााई गीि अवा म राम-हसया की जगल जोड़ी की होली-करीड़ा जन सामानय स लकर हवहशषट जनो िक को रसानद म आपादमवीिक डबा दि ह राम अवा स हनकाकर बदली माटी पर अपनी लीलाओ को हववीिार दि हए लमब समय िक हवचरि रह इसहलए बदली मानस उनस एकाकार होकर हर पवद-तयौहार पर ही नही हर हदन उनह याद कर जय राम जी की कहिा ह कषर का नागो स सघषद और पाडवो का अजञािवास नमददाचली बनदल भहम पर हआ गौरा-बौरा िो बदलखड क अपन ह हशवजा हशवातमजा हशवसिा हशवहपरया हशव वीवदोभवा आहद सजञाओ स समबोहाि आननददाहयनी नमददा िट पर बमबहलयो क साथ-साथ हशव-हशवा की लीलाओ स यि फाग गयी जाना वीवाभाहवक ह बदली फागो क एकछि समराट ह लोककहव ईसरी ईसरी न अपनी परहमका रजउ को अपन कहितव म अमर कर हदया ईसरी न फागो की एक हवहशषट शली चौघहड़या फाग को जनम हदया हम अपनी फाग चचाद चौघहड़या फागो स ही आरमभ करि ह ईसरी न अपनी पराकि परहिभा स रामीर मानव मन क उचवासो को सर-िाल क साथ समहनवि कर उपहिि और अनचीनही लोक भावनाओ को इन फागो म हपरोया ह रसराज शर गार क सयोग और हवयोग दोनो पि इन फागो म अदभि माायद क साथ वहरदि ह सदयवीनािा यविी की कशराहश पर मा ईसरी गा उठि ह ईसरी रााा जी क कानो म झल रह िरकला को उन दो िारो की िरह बिाि ह जो रााा जी क मख चनर क सौदयद क आग फीक फड़ गए ह कानन डल राहाका जी क लग िरकला नीक आनदकद चद क ऊपर िो िारागर फीक ईसरी की आराधया राहाका जी सदरी होन क साथ-साथ दीनो-दहखयो क दखहिाद भी ह मय बल राि राहाका जी को कर आसरा की कौ दीनदयाल दीन दःख दखन हजनको मख ह नीकौ पहटया कौन सगर न पारी लगी दहिन पयारी रचक घटी-बड़ी ह नया सास कसी ढारी िन रई आन सीस क ऊपर शयाम घटा सी कारी ईसर परार खान ज पहटया जब स िकी उघारी

कहव पछिा ह हक नाहयका की मोहक चोहटया हकस सघड़ न बनायी ह चोहटया जरा भी छोटी-बड़ी नही ह और आिी-जािी सासो की िरह हहल-डल रही ह व नाहयका क शीश क ऊपर शयामल मघो की िरह छाई ह ईसरी न जब स इस अनावतत कशराहश की सनदरिा को दखा ह उनकी जान हनकली जा रही ह ईसर की नाहयका ननो स िलवार चलािी ह दोई ननन की िरवार पयारी हफर उबार अलपान गजरान हसरोही सलमान झख मार ऐच बार मयान घघट की द काजर की ाार ईसर शयाम बरकि रहहयो अहायार उहजयार िलवार का वार िो हनकट स ही हकया जा सकिा ह नायक दर हो िो कया हकया जाए कया नाहयका उस य ही जान दगी यह िो हो ही नही सकिा नाहयका हनगाहो को बरछी स भी अहाक पन िीर बनाकर नायक का हरदय भदिी ह छट नन-बार इन खोरन हिरछी भौह मरोरन नोकदार बरछी स पन चलि करज फोरन नायक बचारा बचिा हफर रहा ह पर नाहयका उस जान दन क मड म नही ह िलवार और िीर क बाद वह अपनी काहिल हनगाहो को हपवीिौल बना लिी ह अहखया हपवीिौल सी करक मारन चाि समर क गोली बाज दरद की दार गज कर दि निर क इिन पर भी ईसरी जान हथली पर लकर नवयौवना नाहयका का गबखान करि नही अघाि जबना कड़ आय कर गहलया बला कसी कहलया ना हम दख जमि जमी म ना माली की बहगया सोन कस िबक चि ह बरछी कसी भहलया ईसर हाथ सभार ाररयो फटट न जाव गहदया लोक ईसरी की फाग-रचना क मल म उनकी परहमका रजऊ को मानिी ह रजऊ न हजस हदन गारो क साथ गल म काली काच की गररयो की लहड़यो स बन ४ छटा और हबचौली काच क मोहियो का हिदान जसा आभषर और चोली पहहनी उसक रप को दखकर दीवाना होकर हार झलन लगा ईसरी कहि ह हक रजऊ क सौदयद पर मा हए हबना कोई नही रह सकिा हजयना रजऊ न पनो गारो हरनी हजया हबरानो छटा चार हबचौली पर भर हफर गरदानो

जबनन ऊपर चोली पर लटक हार हदवानो ईसर कान बटकन नइया दख लव चह जवानो ईसरी को रजऊ की हरन (हचिवन) और हसन (हसी) नही भलिी हवशाल यौवन मिवाली चाल इकहरी पिली कमर बार की िरह िानी भौह हिरछी निर भलाय नही भलिी व निर क बार स मरन िक को ियार ह इसी बहान रजऊ एक बार उनकी ओर दख िो ल ऐसा समपदर ईसरी क अलावा और कौन कर सकिा ह हमख़ा हबसरि नही हबसारी हरन-हसन िमारी जबन हवशाल चाल मिवारी पिरी कमर इकारी भौह कमान बान स िान निर हिरीछी मारी ईसर कान हमारी कोदी िनक हर लो पयारी ईसरी क हलय रजऊ ही सवदवीव ह उनका जीवन-मरर सब कछ रजऊ ही ह व परभ-वीमरर की ही िरह रजऊ का नाम जपि हए मरन की कामना करि ह इसहलए कछ हवदवान रजऊ की सासाररक परहमका नही आदया माि शहि को उनक दवारा हदया गया समबोान मानि ह जौ जी रजऊ रजऊ क लान का काऊ स कान जौलो रहन रहि हजदगी रजऊ क हि कमान पला भोजन कर रजौआ पाछ क मोय खान रजऊ रजऊ कौ नाम ईसरी लि-लि मर जान ईसरी रहचि सहसतरो फाग चार कहड़यो (पहियो) म बाी होन क कारन चौकहड़या फाग कही जािी ह इनम सौदयद को पान क साथ-साथ पजन और उसक परहि मन-परार स समहपदि होन क आधयातमजहनि भावो की सहलला परवाहहि ह रचना हवाान य फाग ४ पहियो म हनबि ह हर पहि म २ चरर ह हवषम चरर (१ ३ ५ ७ ) म १६ िथा सम चरर (२ ४ ६ ८) म १२ मािाए ह चरराि म परायः गर मािाए ह हकनि कही-कही २ लघ मािाए भी हमलिी ह य फाग छद परभाकर क अनसार महाभागवि जािीय नर र छद म हनबि ह इस छद म खड़ी हहदी म रचनाए मर पिन म अब िक नही आयी ह ईसरी की एक फाग का खड़ी हहदी म रपािरर दहखए हकस चिरा न छोटी गथी लगिी बहद पयारी हकहचि छोटी-बड़ी न उठ-हगर रही सास सम नयारी मकट समान शीश पर शोहभि कषर मघ सी कारी हलय ल रही जान कश-छहव जब स हदखी उघारी नर र छद म एक चिषपदी दहखए

बाि बनाई हकसन कसी कौन हनभाय वाद सब सच समझ रही ह जनिा कहा फदकि पयाद राजा कौन विीर कौन हकसक बद-नक इराद हजसको चाह सहलल हजिा मि चाह उस हरा द बनदली लोकरग की सािी ईसरी की फाग सजीव बदलखड क महानिम लोककहव ईसरी क कावय म लोकजीवन क सावीकहिक साहहहतयक सामाहजक पि परी जीवनििा और रचनातमकिा क साथ उदघाहटि हए ह ईसरी का वहशषटय यह ह हक व िथाकहथि सभराििा या पाहडतय स कय भाषा शली आहद उाार नही लि व दशज रामीर लोक मकयो और परमपराओ को इिनी वीवाभाहवकिा परगाििा और अपनतव स अहकि करि ह हक उसक सममख हशषटिा-शालीनिा ओिहि सजदनाारा हवपनन परिीि होन लगिी ह उनका साहहतय पवीिकाकार रप म नही शरहि परपरा म सन-गाकर सहदयो िक जीहवि रखा गया बदलखड क जन-मन समराट महान लोककहव ईसरी की फाग गय परपरा क कारर लोक-वीमहि और लोक-मख म जीहवि रही सकलनकिाद कवर शरी दगद हसह न १९३१ स १९४१ क मधय इनका सकलन हकया शरी इलाशकर गहा न ाौराद राम (जहा ईसरी लमब समय रह थ) हनवाहसयो स सनकर फागो का सकलन हकया अपिाकि कम परचहलि हनमन फागो म ईसरी क नसहगदक कारहयिी परहिभा क साथ-साथ बनदली लोक परपरा हावीया एव शरीनगरहपरयिा क भी दशदन होि ह कषर-भि ईसरी वनदावन की माटी का महातमय कहि हए उस दविाओ क हलए भी दलदभ बिाि ह अपनी कवीन जीभ स चाटी वनदावन की माटी दरलभ भई हमली ना उनखो दई दविन डाटी हमल ना सकी अनकन हार पाव की पररपाटी पायो वीवाग काह न नइया मीठी ह की खाटी बाही रज बजबाहसन lsquoईसरrsquo हहसदारी म बाटी कदम कञज म खड़ कनहया राहगीरो को रावीिा भला दि ह इसहलए पहथक जमना की राह ही भल गय ह अथादि जमना स नही जाि हकसी को भला कर मजा लन की लोकरीि को ईसरी अचछा नही मानि और कषर को सलाह दि ह हक हकसी स अहाक हसी अचछी नही होिी आली मनमोहन क मार जमना गल हबसार जब दखो जब खडो कञज म गह कदम की डार जो कोउ भल जाि ह रवीिा बरबस आन हबगार जादा हसी नही काऊ स जा ना रीि हमार

lsquoईसरrsquo कौन चाल अब चहलए ज िौ परी पार राि भर घर स बाहर रह कषर को अपनी सफाई म कछ कहन का अवसर हमल हबना lsquoछहलयाrsquo का हखिाब दना ईसरी क ही बस की बाि ह ओइ घर जाब मरहलयाबार जहा राि रय पयार हर बाट मनइया बठी कर नन रिनार अब िौ कौनऊ काम िमारो नइया भवन हमार lsquoईसरrsquo कषर नद क छौना िम छहलया बजबार फगआ हो और रााा न खल यह कस हो सकिा ह कषर सर ह िो रााा सवा सर दोनो की लीलाओ का सजीव वरदन करि ह ईसरी मानो सािाि दख रह हो रााा न कषर की लकटी-कमररया छीन ली िो कषर न रााा क हसर स सारी खीच ली इिना ही हो िो गनीमि होली की मवीिी चरम पर हई िो रााा नटनागर बन गयी और कषर को नारी बना हदया खल फाग राहाका पयारी बज खोरन हगराारी इन भर बाह बास को टारो उन मारो हपचकारी इनन छीनी लकहट मरहलया उन छीनी हसर सारी ब िो आय नद क लाला ज बषभान दलारी अपन बनी नटनागर lsquoईसरrsquo उन बनाओ नारी अटारी क सीिी चिि घघर हनशबद हो गए फलो की सज पर बनवारी की नीद लग गयी रााा क आि ही यशोदा क अनाड़ी बट की बीन (बासरी) चोरी हो गयी कसी सहज-सरस ककपना ह चोरी गइ बीन हबहारी की जसदा क लाल अनारी की जाहमन अमल जगल क भीिर आवन भइ रााा पयारी की नपर सबद सनाक हखच रय हछहड़या चड़ि अटारी की बड़ी गलाम सज फलन की लग गइ नीद मरारी की काि lsquoईसरीrsquo घोरा प स उठा लई बनवारी की कषर रााा और गोहपयो क चगल म फस गय ह गोहपयो न अपन मनभावन कषर को पकड़कर सतरी बनान का उपकरम करन म कोई कसर नही छोड़ी कषर की बनमाला और मरली छीनकर हसर पर साड़ी उिा दी गयी रााा न उनह सभी आभषरो स सजाकर कमर म लहगा पहना हदया और सहखयो क सग फागन मनान म लीन हो गयी ह शर गार और हावीय का ऐसा जीवि शबद हचि ईसरी ही खीच सकि ह पकर गोहपन क मनभावन लागी नार बनावन छीन लई बनमाल मरहलया सारी सीस उड़ावन

सकल अभषन सज राहाका कहट लहगा पहरावन नारी भस बना क lsquoईसरrsquo फगआ लगी मगावन ईसरी परहमका स हनवदन करा रह ह हक वह अपन िीख नयनो का वार न कर हजरह-बखिर कछ न कर सक ग और दख ही दखि नयन-बार हदल क पार हो जायगा हकसी गरी वदय की औषहा भी काम नही आएगी ईसरी क दवाई िो हपरयिमा का दशदन ही ह पररय की ऐसी परगाि रसहसि अहभवयहि अपनी हमसाल आप ह नना ना मारो लग जह मरम पार हो जह बखिर हझलम कहा का लह ढाल पार कर जह औषद मर एक ना लहगह बद गनी का कह कहि lsquoईसरीrsquo सन लो पयारी दरस दबाई दह हनमन फाग म ईसरी नयनो की कथा कहि ह जो परदशी स लगकर हबगड़ गय बबादद हो गय ह य नयना अा हसपाही ह जो कभी लड़कर नही हार इनको बहि नाि स काजल की रखा भर-भरकर पाला ह हकनि य खो गए और इनस बहि आसओ स नयी की नयी सारी भीग गयी ह कसी माहमदक अहभवयहि ह नना परदसी स लग क भय बरबाद हबगरक नना मोर सर हसपाही कबऊ ना हार लरक ज नना बार स पाल काजर रख भरक lsquoईसरrsquo भीज गई नई सारी खोवन असआ ढरक शरगार क हवरह पि का परहिहनहातव करिी यह फाग ईसरी और उनकी परहमका रजऊ क हबछड़न की वयथा-कथा कहिी ह हबछरी सारस कसी जोरी रजो हमारी िोरी सङगसङग रह हनहस-बासर गर हलपटिी सोरी सो हो गई सपन की बाि अन हस बोल कोरी कछ हदनन को हिया अबादो हम बिा दो गोरी जबलो लागी रह lsquoईसरीrsquo आसा जी की मोरी ईसरी की य फाग शर गार क हमलन-हवरह पिो का हचिर करन क साथ-साथ हावीय क उदातत पि को भी सामन लािी ह इनम हसी-मजाक हसना-बोलना सभी कछ ह हकनि मयादहदि कही भी अशलीलिा का लश माि भी नही ह ईसरी की य फाग २८ मािी नरनर छद म रहचि ह इनम १६-१२ पर यहि का ईसरी न परी िरह पालन हकया ह सम चररानि म गर की अहाकिा ह हकनि २ लघ भी परापय ह इक फाग म ४ ५ या ६ िक पहिया हमलिी ह एक फाग की सभी पहियो म सम चररानि समान ह जबहक हवषम चररानि म लघ-गर का कोई बान नही ह

हम न गर हवीन और ख़शब ही को िोला होिा हफर िो हर पड़ गलाबो स भी हकका होिा उदाहरर क रप म समझा जाय िो एक मिदबा य भी समझा जा सकिा ह हक परमपराए हमशा पड़ या हफर पौा की िरह होिी ह और उन पर लगन वाल फल और उन फलो की ख़शबए आाहनक हवचाराारा समान यहद हम आाहनक हवचारााराओ ही को सबकछ समझ बठ ग िो य फल और ख़शबए कया आसमान स टपक ग समझन वाल इशारो को बहि जकद समझग बाय द टाइम आप इस अङक को पि रह हो ममहकन ह दहनया का एक बड़ा हहवीसा आप को होली की बराइया हगना रहा हो हम इिना ही हनवदन कर ग हक ldquoसपrdquo की िरह-िरह सार-सार को गह और थोथ को उड़ा फ क नीर-िीर-हववक हम सब की ामहनयो म यगो-यगो स परवाहमान ह अपन हववक का सदपयोग करि हय अचछी बािो को आग बिाए हमठाइयो क कारोबाररयो दवारा परोस जा रह अशि माल स परहि करि वक़ि याद रह हक कडबरी भी कोई अमि नही ह हर गली क नककड़ पर रङग हपचकारी वग़रह बचन वाल हमार कटीर उदयोग क खवनहार ह आप सभी को सपररवार होली की शभ-कामनाए

खहशयो का वीवागि कर हर आगन हर दवार| कछ ऐसा हो इस बरस होली का तयौहार||

होली हवषयक और भी सामरी मसलन छद ग़िल हजल नज़म कहविा गीि-नवगीि रहसया आलख कहानी कथा वग़रह पिन क हलय यहा हकलक कर

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कछ भी कहो चचचा पर मोहकल की जान थ यहद चचचा नही होि िो होली होली जसी किई नही होिीज िो हम पिा चल ही गया जब चचचा की नौकरी लग गयी और वो दसर शहर चल गए| शर म िो होली पर घर आि हफर आना कम हो गया और हम भी शादी होकर अपन ससराल हवदा हो गए | पर चचचा की याद आि ही हम अपन मायक की होली याद जरर आ जािी ह | अबकी हम मथरा गए िो चचचा हमल गए हम दख बड़ खश हए और बोल ldquoलाली कसी ह री ि हकतत साल म दखी हrdquo मन छटि ही कहा ldquoचचचा म िो ठीक ह ज बिाओ वहा शहर म भी वस ही होली मनाि हो नाrdquo मरी बाि सनि ही चचचा उदास हो गए और बोल ldquoलाली होली िो हो ली मन कहा ldquoकया मिलब चाचा rdquo िो चाचा बोल ldquoशहरो का आदमी िो रोटी और पानी क हलए हदनभर खट रहा ह | पीन को िो महशकल स पानी हमलिा ह होली कस खलग और कस रग छडाएग | इतती महगाई म कस होली जलायग और कस पकवान बनायग | और हकसक सग होली मनाए जब हम य भी नही पिा हक पडौस क घर म कौन रह रहा ह सो बटा होली िो हो ली | याहन हम जो खलनी थी खल चक चचचा की आखो म उदासी थी हमारी आखो म परान चचचा और परानी होली थी | दखा छोटी सी गहड़या हकिनी सयानी हो गयी ह खस रह बटा भौि बहिया आहटदकल पिवायौ िन वस होली पर हकसी वररषठ को वररषठ कहना अहिशय गररषठ अपराा होिा ह हफर भी आइय अपन रप क एक वररषठ सदवीय हजनह सिीश सकसना क नाम स जान हलया जािा ह आइय की क़लम की बलौस ाार का आननद उठाया जाय -

सिीश सकसना

अपन घर म ही आखो पर कसी पटटी बाा रखी ह

इन लोगो न जान कब स मन म रहजश पाल रखी ह

इस होली पर कयो न सलगि हदल क य अगार बझा द मटठी भर कछ रग फागन म अपन घर म भी हबखरा द

हकिना ददद हदया अपनो को

हजनस हमन चलना सीखा हकिनी चोट लगाई उनको

हजनस हमन हसना सीखा वीनहहल आखो क आस कभी नही जग को हदख पाय इस होली पर घर म आकर कछ गलाब क फल चिा ल

जब स घर स दर गए हो ढोल नगाड़ बसर लगि

हबन पयारो क मीठी गहझया उड़ि रग सब फीक लगि

मटठी भर गलाल फागन म फीक चहरो को महका द सबक सग ठहाका लकरअपन घर को वीवगद बना ल

नमन कर

गर घटालो क पाव छऊ

भिहनयो क राजनीहि क मककारो नान स खली होली ह आओ छीट मार रग क बरा न मानो होली ह

गर ह गड स चला शककर गर क गर

पटाय जाकर गरभाई स राज पछकर गर की गया दह ली ह जहा हमला मौका दवर न जम क खली होली ह

घघट हटा क पग बनािी हहदी खश हो नाम कमािी

पि महथली सममख इसक अकसर भरि पानी ह हवहवीकी और कबाब न कस हसक खली होली ह

अामद करक ामद हसखाि ान पान क कमद हसखाि

निर बचाककस उसनदा म गोली घोली ह खददर पहन क निाओ न दश म खली होली ह

सिीश भाई क बलॉग पर जाए िो आप को हलखा हमलगा हक ldquoमा की दवा को चोरी करि बचच की वदना हलखगाrdquo एक अलग ही सोच वाल सिीश भाई हठामी रचनाकार ह बनान इनह वीवीकायद नही और भया होली हवशषाङक भी बनानो को उिनी िवज़िोह दना भी नही चाहिा होली ह िो बस होली क रङगो का मिा लि ह बस आइय पहल कछ कावय कहियो को पिि ह और हफर एक सटायर

इवीमि िदी ndash हशरा किगावी

ह होली रगो का तयोहार य रग बाट ह सब म पयार

न इन म दवष घोलना

य सदर भावो का सचार ह इक दज की य मनहार

न इन म दवष घोलना

ह होली नररि स इकार हदलो क बीच न हो वयापार

न इन म दवष घोलना

ह हपचकारी वो परम की ाार हगरा द नररि की दीवार

न इन म दवष घोलना

ह इन रगो क अथद हिार नही ह कवल य बौछार

न इन म दवष घोल

अनपमा हिपाठी

फागन की ऋि घर आई

परकहि गाय माविी

और बहार राग हर स ऐसा हछटका

फाग क अनराग का पराग

हदय छद हए वीवचछद मद मद महआ की गा

िोड़िी मन िटबा

हनशा रागवनिी हदवस परागवि अलमवीि मामास दख

वहनिा लाजवि

पलाश मन रग रगा पषप पखहड़यो स रगोली सजाई

हककी-फलकी बािो म स हावीय को िाड़ कर और हफर उस बग़र भौड़ा हय पाठको को गदगदान क हलय इवीिमाल करन क उपकरम ही को वयङय कहि ह भाई आलोक पराहरक ऐस ही वयङयकार ह जो हक बड़ी ही आसानी स पाठको क पट म गलगली मचा दि ह और कही-कही हम सोचन क हलय मिबर भी कर दि ह आइय उन क एक वयङयालख का आननद लि ह

होली क पासवडद - आलोक पराहरक

हजर वो वि गया जब शबद की वडद की कीमि होिी थी अब िो कीमि पासवडद की ह साफटवयर कारोबारी भी हनकल हलय ह नय ाा करन क हलए सो नयी कहानी सामन आयी गोहपयो स कहा गया हक इार मीहडया बहि माकट फर डली हो हलया ह आपक होली डास की फटज ल जािा ह फोकटी म और टीवी पर हदखा हदखाकर उनस इहशिहार वसलिा ह

करोड़ो म आप अपन होली डास को पासवडद परोटकटड कर लो जी होली डास का पासवडद दन क हम हसफद लाखो लग और मीहडया को वो पासवडद बिान क िम करोड़ो वसलना पर िब िो हमार वाल बाल भी हमार साथ डास ना कर पायग-गोहपयो न आशका जिायी नो पराबलम हम िमह पासवडद दग िम हजस चाहोगी उस य पासवडद द दना वह िमहार साफटवयर म इस फीड करगा और िम डास शर कर दोगी-टकनीकल एकसपटद न बिाया पर अगर हम पासवडद भल गय िो-सरल गोहपयो न सहज आशका रखी िो िम हमार कवीटमर कयर पर फोन कर लना दसरा पासवडद हमल जायगा टमसद एड कडीशनस एपलाई यानी पचास हजार रपय आपको दन होग पचास हजार रपय दन वाली बाि बहि ाीम स कही गयी गोहपया ियार हो गयी लाखो दकर पासवडद खरीद हलय करोड़ो कमान की उममीद म साफटवयर वाल हनकल हलय जाकर गोहपयो क पासवडद बिा हदय अमररकनो और उनस कहा हक आप इन पासवडो क सहार गोहपयो क साथ डास कर उनकी शहटग कर हफर उनह महग अमररकन चनलो पर हदखाय अमररकनो को पासवडद बिान क करोड़ो डालर वसलसाफटवयर वालो न होली क आसपास सीन य हआ हक बरजमडल म हसफद अमररकन गर गोहपयो क साथ डास कर रह थ गोहपया अहनचछक थी पर चहक उनक साफटवयर स अमररकनो का पासवडद मच कर गया था इसहलए वो खद ब खद डास कर रही थी और हआ य था हक गोहपया अपन पासवडद खद भल गयी थी गोहपयो न कवीटमर कयर सटर पर फोन कहा िो सीन य हआ- हलो म गोपी नबर वन बोल रही ह कया मरी बाि कवीटमर कयर एकजीकयहटव स हो सकिी ह जी कवीटमर कयर पर सपकद करन क हलए ानयवाद आपका हदन शभ हो आप अपनी जनमहिहथ बिाय जी जनमहिहथ िो मझ याद नही ह अर िो आप अपना पन काडद नबर बिाय

जी पन काडद िो मर पास ह ही नही ओक हफर िो आप को हमार नजदीकी दफिर म जाकर एक फामद भरना होगा िब आपको नया पासवडद कररयर स भजा जायगा पर जब िक य सब होगा होली हनकल जायगी मरी कमाई क सार चास खतम हो लग दहखय म िो आपको परोसीजर बिा रही ह होली हनकलगी या दीवाली हनकलगी य मझ नही पिा ओफफो जब आपक एकजीकयहटव पासवडद बचन आय थ िब िो बहि ही िमीज स बाि कर रह थ आप िो बहि बदिमीजी स बाि कर रही ह दहखय िमीज का सारा कोटा हम राहक बनान म खचद कर दि ह उसक बाद हमार पास हसफद बदिमीजी ही बचिी ह म आपको परोसीजर बिा चकी ह आप उस फालो कर ओफफो डास िो होली पर करना ह उसक बाद डास कयो करना दहखय अब िो डास साल भर चलिा रहिा ह कोई ना कोई फकशन होिा ह उसम डास कर सकिी ह हमारी सहयोगी कपनी िमाम शाहदयो म रौनक लगान क हलए अचछ डासर सपलाई करिी ह आप उस कपनी म अपना रहजवीरशन करा द पर साल आपको डास क आफर हमलि रहग ओफफो आप बाि नही समझ रही ह हम िो होली क मवीिी वाला डास करि ह हनमदल सहज आनद क हलए दहखय हनमदल सहज जस शबद जो आप बोल रही ह य िो अचछ नाम ह हनमदल नाम स घी या मकखन बचा जा सकिा ह कोई सि इस पर अपना कारोबार पहल ही चला गय ह सहज हकसी योग का बराड हो सकिा ह आप चाह िो य नाम रहजवीटर करा सकिी ह इस सबा म आप हमारी सहयोगी कपनी स मदद ल सकिी ह वह बहि सवीि भावो म आपको सहवदस द दगी ओफफो आप िो मझ कछ ना कछ बचन पर आमादा ह आप मरी पराबलम को साकव कीहजय ना चहलय मरी अपन हकसी सीहनयर कवीटमर कयर एकजीकयहटव स बाि कराइय दहखय िमा कर अभी हमार सार कवीटमर कयर आफीसर हकसी ना हकसी गोपी स बाि करन म हबजी ह आप राि को दो बज काल कीहजय िब वो फरी होग ओफफो राि को दो बज काल करन को कौन जगगा दहखय वो आपकी समवीया ह हमारी नही आपका हदन शभ हो और राि भी

इस होहलका कथा स हम य हशिा हमलिी ह हक कवीटमर कयर हडपाटदमट कवीटमर की कयर क हलए नही कपनी की कमाई की कयर करन भर क हलए होिा ह हम म स अहाकानश लोग पहरदमा वमदन जी क परककप lsquoअनभहिrsquo क बार म जानि होग ककपना जी उस परककप का एक महतवपरद हकरदार ह अनभहि को अनभहि हजस टीम न बनाया उस म ककपना जी का भी शमार होिा ह म इन स बस एक ही बार इन क खारघर हवीथि आवास पर हमला ह शायद एक दो बार फोन पर बाि हई हो वीवावीय को लगभग माि द चकी आदररीया ककपना जी साहहतय-सवा क हलय सदव ितपर रहिी ह साहहतय की हवहवा हवााओ म रचनातमक परयास करना इन का हपरय शगल ह आप क िप को नमन

ककपना रामानी

ऐ हवा रगो नहाओ आ गया फागन ाम मौसम की मचाओ आ गया फागन

दश स रठी हई ह राि पनम की

चाद को जाकर मनाओ आ गया फागन

वन चमन क फल आिर दख लो हकिन नह नयौिा दक आओ आ गया फागन

हफर रह ह मन-महदि सब बाल बहगया म झलना उनका झलाओ आ गया फागन

साज ह सरगम भी ह ियार ह घघर

िम सखी शभ गीि गाओ आ गया फागन

खग हवहग-व दो क जाकर कान म कह दो मोर कोयल को जगाओ आ गया फागन

िान हपचकारी खड़ी ह दवार पर होली परम की गगा बहाओ आ गया फागन

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फगनाहट स जाग उठी ह जग म होली

रग पलाशो स लकर जन

हए रगील साथ फब रह लाल हर

कसररया पील सख को मह हचिा रह रग

गील हसकर भग चिा पकवान हो गए

और रसील

हपचकारी पर हफदा हो रही कोरी चोली

फगनाहट स जाग उठी ह जग म होली

मौसम बदला नमद हवा न पाव पसार

खार जल क िाल हो गए मीठ सार

चस-चस कर आम कोहकला सर म कहकी

आए हमलन गल िमी स चाद हसिार

हररयारो स होड़ ल रह

ढम-ढम ढोली फगनाहट स जाग उठी ह

जग म होली

शहरो म डीज गावो म बजिी पजन

दश हो हक परदसपवद की

एक वही ान खिो म सरसो हखलिी

उदयानो कहलया कर कर म रस भर दिा

सखदाई फागन

आिा सग ामाल शगन की भरकर झोली

फगनाहट स जाग उठी ह जग म होली

------------ सार छद

रग हदवस फागन क

छनन पकया छनन पकया उड़ रग क बादल पीि गलाबी लाल हआ ह वसारा का आचल

छनन पकया छनन पकया यह ऋि सबको भाई भवरो की मनहार दखकर कली-कली इिराई

छनन पकया छनन पकया गमी घटाए िम की दख रही ह जलिी होली जाग राि पनम की

छनन पकया छनन पकया वन पलाश हफर दहक

रग सनहरा दख गगन म उड़ि पाखी बहक

छनन पकया छनन पकया हफर आम बौराया मोर कोहकला न बागो को सर म गीि सनाया

छनन पकया छनन पकया दखा दशय हवहगम

हपचकारी भर खग-मग लाए रग घोलकर अनपम

छनन पकया छनन पकया हई खब हखलवाई जब सहखयो न भग हमलाकर ठडई घोट हपलाई

छनन पकया छनन पकया गाए गीि शगन क

बार-बार जीवन म आए रग हदवस फागन क

अनिजादल पर lsquoछनन-पकयाrsquo को हमलोगो क बीच समभवि भाई योगराज परभाकर जी ल कर आय रामीर अञचल का साहननधय हजन लोगो को नसीब हआ हो वह जानि होग हक lsquoछनन पकयाrsquo या इस िरह क अनय िहकया कलामो क साथ हमार लोक-साहहतय म अपररहमि रचनाए हई ह और उन म स लगभग 99 अब लपत भी हो चली ह हम जसो को बावला कहन वालो का हम इसहलय बरा नही मानि चहक इस िरह की बािो को विदमान समय नोवीटाहकजया क नाम स जानिा ह याद आिा ह हम लोगो क बचपन म हवजञापन वाल हम बिाि थ हक नमक स दािन करन पर दाि ख़राब हो जाि ह और वही हवजञापन वाल अब हमार बचचो स पछ रह ह हक आप क टट-पवीट म नमक ह हक नही याहन आहख़रकार य लोग हमारी भोर को ख़चो क साथ शर करन म सफल हो ही गय ख़र समय न कब हकस की सनी ह जो हम लोगो ही की सनगा चहलय अब उस फरसहिया जी क सटायर स लतरनदोि हआ जाय -

ldquoएक रसबहकय की डायरीrdquo ndash अनप शकल उरद ररसहिया आजकल रसबक का जमाना ह लोग कछ भी करि ह उसका वीटटस FB पर डालि ह समोसा खा रह ह बोर हो रह ह अचछा लग रहा ह झझला रह ह बलॉकअनफ़र ड

कर हदया ऐसा रील कर रह ह वसा महसस हो रहा ह कछ हो रहा ह कछ-कछ हो रहा ह कछ भी हकया जाय अगर उसको रसबक पर न डाला जाय िो लगिा ह वो काम हआ ही नही रसबक वीटटस हबन सब सन हालाहक रसबक पर लोग सब कछ कह लि ह लहकन हरर भी बहि कछ रह जािा ह हजस शरारि क मार लोग साझा नही करि ऐस लोग अपन मन क भाव अपनी डायरी म हलखि ह ऐसी ही कछ डायररया हाथ लगी उनको दखकर लगा हक हकिना कछ छट जािा ह रसबक आन स उन डायररयो म स कछ क अश यहा परवीिि ह 1आज हरर उसन अपनी परोराइल हपक बदली बवकर को पिा नही हक परोराइल बदलन स शकल नही बदल जािी मन नही था लहकन लाइक करनी पड़ी हगकटी रील हो रहा ह रसबक क चलि हकतता झठ बोलना पड़िा ह 2उसन नयी रोटो लगायी ह हवा म उड़ि हय बाल दखकर मन हकया हक हलख- य बाल नही िर सर स बची-खची अकल हनकलकर बाहर भाग रही ह लहकन हरर हलखा नही उसको य खशरहमी हो जािी हक उसक पास भी अकल ह हकसी को कयो ाोख म रखना आख मदकर फोटो लाइक कर हदया

3उसन आज हकसी को बलॉक करन की उदघोषरा नही की मन हकया पछ हक िहबयि िो ठीक ह लहकन हरर नही पछा हकसी क पसदनल मटर म कया दखल दना हजतती दर म कमट हलखग उतत म दस ठो लाइक कर लग 4हपछल दस हदन स एक ही आईडी स रसबहकग करि-करि बोर हो रह ह खराब लग रहा ह सोचा था आज पकका नई आईडी बनायग लहकन नही बनाई य कया हो रहा मझ गगहलग करना पड़गी हक ऐसी मनहवीथहि को कया कहि ह कछ इमपरहसव कहि होग िो उसको अपना वीटटस बना लग - रीहलग हडटरमाइनड 5बलॉग दख रही ह आजकल वो मई उसका वीटटस सबस पहल लाइक करिी ह घोटाल क पीछ CAG की िरह उसक वीटटस स हचपकी रहिी ह पछना पड़गा उसस चककर कया ह आजकल चट भी नही करिा लगिा ह नई आईडी स चट करनी पड़गी य भी औरो की ही िरह ह 6आज उसन हरर कतत क साथ अपना रोट लगाया ह मन िो हकया मनका गााी को हलख द हक दहखय आपक रहि जानवरो क साथ हकतता िो अनयाय हो रहा ह लहकन हरर छोड़ हदया कमट हकया - (कतत का) रोटो बहि अचछा लग रहा ह बरकट क अदर वाली बाि मन म कही ही ही ही ही smile emoticon smile emoticon smile emoticon

7आजकल हजस दखो कहविा हलखन म लगा ह हकिना िो करर हो गय ह लोग शबदो क साथ अतयाचार दखकर मन दखी हो जािा ह कछ शबदो स बाि हई बचार कह रह थ -पिा होिा हक हमार साथ इतता बरहम सलक होगा िो हम हडकशनरी स भाग जाि रीहलग helliphelliphellip (खाली जगह रीिा स पछ कर भरगी उसको य सब अचछा आिा ह हक कब कस रील होना चाहहय ) 8िीन हदन स दषट न हकलो नही बोला सोचिा ह म पहल बोल माई रट मर पाच हजार दोवीि ह िीन हजार िीस रालोवर उस बवकर क िीन सौ इकवावन दोवीि गवीसा आ गया उसक वीटटस पर (हजसको पहल लाइक हकया था) जाकर वीटटस को सकड़ो बार हडसलाइकलाइक हकया वीटटस को हझझोड़ कर रख हदया कल रील हआ हरर वीटटस लगाया- भटटा चबा रह ह ठड़ा पीि हय smile emoticon

9कछ भाई लोग िो जञान की बाि इतती बवकरी स करि ह हक मन करिा ह एक उननाव क डौहडया गाव म खदाई क हलय लगी एक ठो जसीबी इनक हदमाग म भी लगा द सारी अकल का मलबा हनकाल क हदमाग को खाली कर द लहकन हरर लगिा ह कड़ा कड़दान म ही रह िो अचछा जमीन पर काह को रलाया जाय 10आज मड की भी छटटी थी छटटी मिलब सड समझकर मन टीना को सड वाली आईडी स हकलो बोल हदया वो घट भर िक मह रलाय रही िरह-िरह क बवकरी क आइकान भज कर उसको मनाना पड़ा य लड़हकया भी हकतती चजी होिी ह यार मन िो हकया हक वीटटस लगाऊ -टाहकग ट रल रीहलग इरीटटड लहकन हरर लगा वो समझ जायगी िो वीटटस लगाया- एनजवाइग सड रीहलग रट

11दोवीि बिा रहा था हक वो आजकल बहि वयवीि ह दो आईडी बनाई ह उसन दोनो पराानमहियो की िरर स रसबक पर जग लड़िा ह एक आईडी हकसी क हखलार वीटटस हलखिा ह दसरी स उसक हखलार िकद घट दो घट एक वीटटस पर कशिी लड़न क बाद अगला वीटटस लगा दिा ह बिा रहा था पराानमिी कोई बन उसका चमचा-इन-चीर बनना पकका ह राजयमिी क दज की आशा ह मन हकया उसको कह rsquoशखहचकली कही कrsquo लहकन rsquoरटrsquo कहक बॉय कह हदया वीटटस सटाया- रीहलग ररलकड 12भाईसाहब न बहि हदन स कोई वीटटस अपडट नही हकया आज एक लड़क को रसलाकर लगभग जबररयन समोसा हखला रह ह पकका दस हमनट क अदर वीटटस लगायग- आज एक भख को भोजन कराया सिषट महसस कर रहा ह म सोच रहा ह हक म कमट करगा ndash कया अजब पाखड ह लहकन मझ पिा ह हक म हकसी को हटद नही कर सकिा राइनली हदल पर पतथर रखकर हलखगा- मानविा की सचची सवा 13आज शाम एक फ़र ड का रोन आया कहा आज हकसी स रसबक बरकअप नही हआ िहबयि घबरा रही ह रीहलग लो मन कहा िो म कया कर िो उसन कहा यार ि ही मझस लवर बनकर बाि कर ल आईडीपासवडद भजा ह िरी मल म मन कहा -मझ इस सब झमल म नही पड़ना उसन हरर दोवीिी की कसम दी िो मझ दया आ गयी मन कहा अचछा चल लाग इन करि ह मरी हकवीमि अचछी लाइट चली गयी थी मन उसको एसएमएस हकया उसका जबाब आया -कोई नही मन खद दो बराउजर स चट करक बरक अप कर हलया िझ हहचहकचाहट हो रही थी अचछ स हो भी नही पािा िर स नाऊ रीहलग ररलकवीड मन वीटटस लगाया- कस-कस रस ह रसबक क रीहलग सरपराइजड ऐसी न जान हकिनी बाि डायरी म हलखी हई ह सबको यहा हलखना ठीक नही ह नमन बिा हदय आप अनदाजा लगाइय हक और कया-कया हलखा होगा डायररयो म आप भी रसबक डायरी हलखि हो िो शयर कररय अपन हवचार कोई हहचहकचाहट हो िो अनाम नाम स मझ भज दीहजय हम छाप दग आया न मिा और पिना चाहि ह इन को ठीक ह थोड़ी दर बाद पहल कछ और रचनााहमदयो को भी पि हलया जाय

डॉ (सशरी) शरद हसह

हदलो म रग भर द पयार का हफर इस दरा होली हक मौका द ही द दीदार का हफर इस दरा होली

न हशक़वा हो न कोई हो हगला इक-दसर क सग हमटा द दाग़ हर िक़रार का हफर इस दरा होली

ग़मो को दर सरका द खशी को साथ ल आय

रख माहौल बस इकरार का हफर इस दरा होली

महबबि की हसफाररश हो महबबि की इबादि हो रह तयोहार इक इसरार का हफर इस दरा होली

य होली म सभी क साथ होन का मिा आए

लग हर शख़स जयो पररवार का हफर इस दरा होली

सशीला हशवरार

कहा गए वो चग-डर अपनापन अनराग गीिो की रसाार हबन हकिना सना राग

ढोल-चग की गज पर मन उठिा था झम अब गहलया सनी हई कहा गई वो ाम

मवीिो की टोली नही नही वीवाग क रग बस टीवी म रह गया होली का हड़दग

रग हरिा म छा गए नील-पील-लाल

म हबरहन सखी रही मझको यही मलाल

मोहन अब रगि नही रााा िर गाल कलयग ह द वापर नही दहनया कर सवाल

सग अबीर-गलाल क मला कौन-सा रग लोग कह म बावरी जग स हई हनसग

सावररय क रग-सा हमला न दजा कोय िन लाग जो सावरा हर हदन होली होय

उसन य दखा मझ हई शमद स लाल

हसरि हदल म रह गई मलिी खब गलाल

ामनर कमार lsquoसजजनrsquo

िर भर चिकर जो हमट रग बड़ा बकार साि जनम िक साथ द वही रग िन डार

बदन रगा िो कया हकया मन को रग ल यार

मौका भी दवीिर भी होली का तयोहार

रगो क सग घोलकर कछ टट सवाद ऐसी होली खहलए बरसो आए याद

जाकर य सब स हमलो जस हमलि रग

कवल हपरयजन ही नही दशमन भी हो दग

रग सभी फीक पड़ जब आई मख लाज इन गालो क रग स आओ रग द आज

सख रगो स करो सिरगी ससार

पानी की हर बद को रखो सरहिि यार

फागन न आकर कहा अपन हदल का हाल गोरा मखड़ा ाप का हआ शमद स लाल

रग न हो िो परम भी रग दिा ससार परम न हो िो वयथद ह रगो का अबार

िझको रगन थी चली पीली पीली ाप गोरा िन छकर हई उजली उजली ाप

आखो आखो म चल सार रग गलाल

अपनी होली चल रही य ही सालो साल

ओबामा जी अगर हलकन हिदा होि िो

सजीव हनगम

सबह सबह चचचा अपन घर रपी िोप नली स गोल की िरह जो छट िो सीा हमार घर म आकर रट उनक हाथ म सबह का अखबार था और मह स दनादन ऐस शबद हनकल रह थ हजनह सन कर पहलस वाल भी शहमिदगी महसस करन लग ऐसी िबरदवीि गोलाबारी क सामन पड़ना अपन खद क अहिम सवीकार का इििाम करना जसा ही था इसहलए हम हाथ म सरद रमाल थाम उनक शाहबदक रप स ठडा होन की राह दखन लग थोड़ी दर बाद वह शभ घड़ी भी आ गयी और व उस अकसहशयन की िरह स शाि होकर बठ गए जो घर आय महमान पर भौक भौक कर थक गया हो मन हहममि करक पछा चचचा आप िो ओबामा की िरह स सभय आदमी थ य अचानक ओसामा कस बन गए यह सनि ही चचचा हफर स पाहकवीिानी फौहजयो की िरह स हबना कारर फायररग करन लग बोल नाम मि लो उस ओबामा का मर सामन जब अभी भारि आया था िो कया कया अरमान दख थ मन उसकी और अपनी दोवीिी क यह सोच सोच कर म हकिना खश था हक उस दोबारा यहा दख कर चीन हकिना जल रहा होगा पाहकवीिान हबलख रहा होगा यहा िक हक जब जाि जाि उसन हम हबन मागी सलाह द डाली िब भी मन उस पान क अडड पर खड़ हकसी दोवीि की चहलबािी समझ कर झल हलया था - पर उसन िो वहा जाकर भी - अमा िम अपनी िोि जसी चोच बद रखो य हम दो बड़ी हहवीियो क बीच का मामला ह उसम िम अरर जटली की िरह स बीच म घसन की कोहशश मि करो सषमा वीवराज की िरह स अलग ही रहो हम पिा ह हक उसन वहा जाकर भी हमारी िरफ इस बयान की हपचकारी मारी थी हक भारि म ााहमदक असहहषरिा इिनी बि गई ह हक यहद महातमा गााी हजदा होि िो व आहि होि - लहकन अब िो वहा भी hellip

- हा वही िो hellip बड़ा आया हम जञान दन वाला अब उसक अपन यहा ााहमदक असहहषरिा की ऐसी हरकि हो रही ह िो अब समझा ना अपन लोगो को हम जो जञान हदया था उस कॉपी पवीट करक अपन कपयटर जस दश क होम पज पर डाल न - सही कह रह ह आप पर य सब मझस कहन स कया फायदा - वो िो म भी जानिा ह िम जसा सवीि सट पहनन वाला इन सब बड़ी बड़ी बािो को कया समझगा य िो लाखो रपय का सट पहनन वालो क समझन की बाि ह - िो हफर उनह ही समझाईय न मर घर को कयो राज पथ बना कर 26 जनवरी का शहि परदशदन कर रह ह - हम यहा कोई शहि परदशदन करन नही आय ह बहकक राषर हहि म िमस एक कबादनी मागन क हलए आय ह कही गवीस म इनहोन इवीलाहमक वीटट जसा कोई आिकवादी सगठन न बना हलया हो और उसका पहला हफदायीन मझ ही बनान का न ठान हलया हो यह सोच कर मरी सास डर क मार अपन आप िोर िोर स अनलोम हवलोम करन लगी डरि डरि आवाि हनकली कसी कबादनी चचचा - हम थोड़ी दर क हलए क हलए िमहारा मोबाईल चाहहए - कयो भला - ओबामा स बाि करनी ह और उसस पछना ह हक आज अगर अबराहम हलकन हिदा होि िो व हकिना आहि होि लहकन मरी दशभहि न ही मझ मर मोबाईल क माधयम स अमररका स समबना ख़राब करन स रोक हदया मन मोबाईल म बलस न होन का कारगर बहाना बना हदया चचचा न दवादसा की िरह स अहिशय करोा स मझ घरा और हफर हकसी सचच मोबाईल ाारी दशभि की िलाश म हनकल गए

समीिा परवीर कशवा

रग लगाक ि न जा मझ रग लगाक अपन अग लगाल सावररया रhellip

पवन बसिी ि बनक सग बहा ल अपन हदल म बसा ल सावररया रhellip

फागन न जकफ खोली मदहोशी नभ म घोली

ाानी आकाश हआ ारिी भी उसकी होली

रगो स रग हमल सिरगी फल हखल पखरी लाज खोए

भवरा जो उसप डोल बाह पसार नदी क दोनो हकनार

इकदज को पकार बलम आजा रसावररया रhellip

लरज कपोल लाल सया रग गलाल भावभरा रग घला

िन मन हए सब लाल सजना क सग सखी

ऐस म रग रगी खद स ही परीि हई खद स ही जग हई

परीि लगाक अपनी नीद गवा क सजन सग बन गई म िो बावररया र सावररया रhellip

कावय करन को चल ह हम भरािा सच पछौ िौ हम कछ नही आिा 01

हफर ह हमन बहि िहनक लगाई

झट सो यो एक यहि बझ आई 02

एक शबद ह िाक अनक हवकार इनकौ कीज िजद- बनद वयवहार03

शबद-हवकार प पन-पन करौ परहार

ठोको- ठासौ और नक लउ हनहार 04

जस-जस शबद वीव- पकार सनाव िस-िस कावय पहि बन आव 05

अब िौ भईया हम ह कहव कहाए

मन ही मन यो मवीि मोद मनाए 06

एक हदन जमौ बड़ौ कावय वयापार कहव-कल कौ कछ कह आर न पार07

सब न अपन-अपन जब पाठ हकय

शरगार हावीय वीर रस क ठाट हकय08

अलकारन क अदभि उपयोग हकय वकरोहिन क हवलिर परयोग हकय09

छनदन सौ अनठ स अनबना हकय

चमतकहि क अतयि सपरबना हकय10

हमन ह हहममि अपनी नक न हारी कावय म कावय की यहि कह डारी11

अब हनरदय कौ अवसर जयो आयौ

हमरौ नाम उनन सवद- शरषठ सनायौ12

हलयौ पचन न हम पनः मच बलाय हदयौ टट जिन कौ एक हार हपराय13

िब व बोल मनद-वीवर य मद भाखा

नीच स आपकौ नमबर एक ह आका14

यह सब दखद दशय दखि घर-वारी घर पहचि ही वाकी हवकट सवारी15

बड़ चल हौ िम हनि कहव बनन कौ आयी न नक ह लाज या झठ रन कौ16

बालक भख घर सौ मस ह हफरि ह

टट ह पाि वसतरन क पबनद फटि ह17

मददि स हर बाररस यह छतत चआनी बस अब की बार ह सच फशद प आनी18

कहव-जन एक बाि म कहौ सहवचारी

मानौ न मानौ हौ अब आप अहाकारी19

रोजी-रोटी जब लौ नही हसि जगाड़ी कहव नही कबह कहव ननद अनाड़ी 20

- एन एल चिवदी नगीना उरद lsquoननदrsquo

साहहतयम पर आप लोग जो रसील और चटील वयङयालखो का रसावीवादन करि ह उस का हजममा भाई कमलश पाणडय जी न उठाया हआ ह कहन की आवशयकिा नही हक साहहतयम का कल कामकाज वीवहचछक और अविहनक ह आज क दौर म ऐस साहथयो का हमलना सौभाय ही कहा जायगा वस भी पसा सब कछ खरीद सकिा ह मगर समपदर की भावना नही कमलश जी वीवय भी एक बहिरीन वयङयकार ह कमलश जी क सटायसद की हवशषिा ldquoबारीक़ीrdquo ह आप बड़ ही हनराल अनदाि म पाठक को अपन साथ बहा ल जाि ह आइय कमलश जी क एक रसील और चटील वयङयालख का रसावीवादन करि ह-

फाहयान की हफकमी डायरी कमलश पाणडय

उस रोि फ-ची न बिाया हक भारि-भरमर पर जान स पहल वहा की कछ हफकम

दख ल िो पयादपत मागददशदन हमल सकिा ह फची कहिा ह हरकम हकसी भी समाज का दपदर होिी ह सो इनह दख लो सभव ह भारि जान की आवशयकिा ही न पड़ यही बठ-बठ भारि पर एक वहद रथ हलख सकि हो कल बािार स विदमान काल म बनी डि-दो सौ भारिीय हफकमो की सीडी क जलदवीय सवीकरर ल आया जो प-ईहचग क चोर-बािार म मोमो क एक पलट स भी सवीिी हमल गई आज परािः काल भजन-पजन क उपराि उनक अवलोकन क हलए बठ गया ह य एक नया ही ससार परिीि होिा ह फ-ची ठीक कहिा था हक चीन म फली भारि समबनाी भराहियो पर करद न ारो मझ सही मागददशदन दन वाल फ-ची को साावाद कहि हए अब आरमभ करिा ह एक आठ परहर स हनरिर भारिीय जीवन की इनरानषी छहवया दखि-दखि नि चहाया गए ह और महषिषक िो मानो हनहषकरय ही हो गया ह अभी थोड़ सरा-पान क उपराि जी

हकका हआ िो भारि- जो अब ईहनडया कहलान लगा ह ndash की आकहि कछ-कछ दहषटगोचर होन लगी ह य िो हनहिि ही ह हक इहणडया अतयि समि दश ह हफकम का नायक जो वीवय को आम-आदमी और हनादन मनषय बिािा ह एक बड़ स भवन म रहिा ह हडिाइनर परराान पहनिा ह चमकि वाहन पर यािायाि करिा ह और एक सनदरी स परम करिा ह कभी-कभी सदररयो की सखया एक स अहाक हो सकिी ह पर जब वह नतय रि होिा ह िो सदररया अनि होिी ह हजन ानाढय लोगो स उसकी शििा होिी ह उनक िो कया कहन उनकी जीवन शली चीन क समराट को भी लजा दन वाली ह वस अहाकाश हफकमो म नायक पहलस अहाकारी ह ऐसा परिीि होिा ह हक इहडया म सभी पहलस अहाकारी बनना चाहि ह हजसका कारर यही मालम होिा ह हक उनक घर और ठाट-बाट राजाओ स परहिवीपााद करि दीखि ह इसस िो यही लगिा ह हक इहडया म अब सवदहारा कोई नही बचा दो आम आदमी पर आााररि एक हफकम का अवलोकन करन क बाद इस हनषकषद पर जा पहचा ह हक इहडया क आम-आदमी सर-सपाट क शौकीन होि ह और परायः अपनी परहमका क साथ मनोरम वीथलो पर भरमरशील रहि ह उसकी परहमका वीवय को अतयि हनादन बिािी ह जो उसक अतयकप वसतरो को दख कर िो सतय परिीि होिा ह परनि जब उसक आभषरो और चरर पादका पर दहषट जािी ह िो थोड़ा सदह भी उतपनन होिा ह परायः य लोग कही आकाश स परसाररि होि सगीि पर गायन करन लगि ह िो हर बदलि लय क साथ वसतर वीथल और वाहनाहद बदल दि ह समहि का िब चरमोतकषद हदखिा ह जब य लोग गीि का हर अिरा हकसी अनय दश की भहम पर गाि ह और पलक झपकि ही उनह वहा पहचा दन वाला वाहन कही नही हदखिा हनिय ही वहा का हवजञान अभिपवद परगहि कर चका ह सभव ह वहा हर आम आदमी क पास अपना हनजी वाययान हो िीन आम आदमी की मोहक छहवयो वाल दशयो को दखि जी ही नही भरिा यह भी जञाि हआ हक इहडया एक अतयि सनदर दश ह जहा एक ही वीथल पर समर हहमाचछाहदि पवदि रहगवीिान और झरन ह कई एक वीथल िो ह-ब-ह हवीवटिरलड नामक दश क सामान ह य भी समभव ह हक आम आदमी क भरमर-लाभ हि इहडया म ही कही-कही यरोप-अमरीका आहद महादशो की परहिकहि रच ली गई ह गीिो क दशयो म िो य बाि एक दम हसि हो जािी ह जस ही नायक-नाहयका गायन परारमभ करि ह ढर-सारी सदररया नाचिी-गािी उनकी सगि करन आ जािी ह य भी वसतरो की दहषट स अतयि हनादन लगिी ह परनि हवीथहि पर गौर करन स वीपषट हो जािा ह हक ऐसा नही ह कया समरिट पर सट पहन कर जाया जािा ह या हक राहि-कलबो म बकाद ओि कर इसस य भी वीपषट ह हक इहडया म नाररयो को इचछा-नसार पहनन-ओढन घमन-हफरन नाचन-गान की वीविििा ह चार फची गलि कहिा ह हक इहडया म बहि गरीबी ह उस ऐसा कछ हरकम ही दखकर लगा था उसकी सलाह पर आज ऐसी कछ हरकम दखी इनम टट-फट घरो म कछ हभिक-परकार क पराहरयो का जीवन हदखाया गया था सकषम दहषट डालन पर इन बहवीियो क पीछ खड़ हवशाल महल हदख जाि थ जहा स कछ आम आदमी आकर इन बहवीियो को हगराना चाहि हदखाए गए थ पर उनका उदशय इन झोपहड़यो की जगह महल बना कर पर इहणडया को एकाकार कर दना था समयाभाव म इनका बनाना हदखाया नही जा सका एक राजनिा न बिाया हक गरीबी को परचाररि करन क पीछ हवरोाी राजनीहिक दलो का दषपरचार ह जो मझ सो सतय लगा मझ िो इसम

चीन का हवीि होन की भी समभावना हदखी कयोहक ऎसी एक हफकम म हनादन लोग बार-बार माओ का नाम ल रह थ पाच ऐसा परिीि होिा ह हक इहडया म सभय लोगो की भाषा हहनदी ह य भाषा अरजी क शबदो और वीथानीय भाषा क कारको स बनी ह हबना पि-हलख लोग कई वीथानीय भाषाए बोलि ह परायः लोग कवल अरिी भी बोलि पाए जाि ह पर आम िौर पर अरिी क दो एक वाकयो क बाद हहनदी पर उिर आन की परवहतत ह नाहयकाए और हसतरया अरिी बोलना पसद करिी ह पर जब वो हहनदी बोलिी ह िो भी धवहन अरिी-सी ही आिी ह ऐसा परिीि होिा ह हक उनह भाषा की दीिा मलिः अरिी म हमली ह और हहनदी उनहोन हकसी हहनदी हफकम म काम करन क उददशय स सीखी ह गान अहपि हहनदी म ही गाय जाि ह पर वहा और भी कई भाषाओ का मल हदख पड़िा ह एक गीि िो ऐसा था हजसम बड़-बड़ नगाड़ो की िाल पर पजाबी नामक भाषा म बहि सारी अरिी और थोड़ी हहनदी हमलाई गयी थी ऐस कछ गीिो क रचहयिा कोई lsquoयो योrsquo नामक महाकहव ह जो अपन गीिो म यवाओ को कम महदरा या मादक पदाथो क सवन करन जस सावीकाररक सदश दि रहि ह इन गीिो क भावाथद जो भी हो इसम कनयाओ का नतय अदभि ह- शबदो को समझ हबना ही सभी अथद वीपषट हो जाि ह छह आज दहिर इहडया की कछ हरकम दख कर पिा चला हक इहणडया क इस भखड म परष अहि-शहिशाली और नाररया खब भरी-परी होिी ह नायक िो इिना चपल होिा ह हक चशमा हसगरट या हपवीिौल जस उपकरर पलक झपकि ही अपन शरीर क हवहवा हहवीसो पर अिररि कर लिा ह इस नायक क एक आघाि स खलनायक कई पलो िक वायमडल म गोि खािा ह और कभी-कभी िो आकाश म ही हवलीन हो जािा ह उार नाररया रग-हबरग कलशो और इनरानषी आकहियो क बीच मादक नतय करिी रहिी ह वहा का एक नायक िो सवद-शहिमान ईशवर क समकि ह उसकी शहियो क हवषय म अनक हकवदहिया परचहलि ह जो फ-ची क अनसार रजनी-जोकस नामक रथ म सगहीि ह साि कछ राजनीहिक हरकम दख कर ऐसा परिीि हआ हक इहणडया म सभी निाओ की अपराा करन-करान म गहरी रहच ह परायः समाज म खलनायक निा ही होिा ह य लोग सरा-सदररयो हहथयारो सनदर परासादो और चमकि वाहनो क बीच ही रहना पसद करि ह आवशयकिा पड़न या न पड़न हकसी भी हवीथहि म हकसी की हततया कर दना इनक वाम-हवीि का कमद ह बलातकार हि इनह यो िो सभी हकवीम की नाररया पसद ह पर नायक की बहन या परहमका पर हवशष कपा रखि ह ऐसा लगिा ह हक इनकी हदनचयाद हकसी षडयि स आरमभ होकर हकसी हततया पर समापत होिी ह इनक अगरिक चीनी यि कला म हसिहवीि होि ह और अवसर पाि ही सााारर मानवो पर ईया-ऊआ करि टट पड़ि ह एक राजनिा की कररिा दख कर िो मरा हघघघी नामक अग बा ही गया इहडया म इनही अहिमानवो म स जनपरहिहनहा चनन का परावाान मालम होिा ह चन हलए जान क बाद य परायः शवि वसतर ाारर करि ह और सभाओ म भाषर दि हफरि ह पर अििः अपराा क सभी सि उनस ही जड़ होि ह चनाव एक रोचक अवसर होिा ह जब ढर सार वाहनो म लोग रग हबरगी झहडयो क साथ नारा लगाि घमि ह आठ इहडया का य रग दख कर िो दग रह गया ह एक मदान म लाल पील हार नील िातपयद य की सभी परकार क रगो स सराबोर हिारो मनषय एक साथ नतय कर रह ह सबक

वसतर शवि ह िाहक रगो की छाप गहरी उभर गाज-बाज क साथ एक समह गीि गाया जा रहा ह हजसम गोररयो की चोली पर रग डालन की परररा दी जा रही ह चनररया को हभगोन पर हवशष जोर ह सदररया परषो स जोड़ बना कर मादक नतय कर रही ह रग जो ह उड़ भी रह ह बौछार बन कर बरस रह ह और चहरो पर पोि भी जा रह ह इहडया की इस रगीन छहव को दख कर हपछली सारी छहवया ााली हो गई ह ऐसा परिीि हो रहा ह हक मानो परा दश एक ही रग म रगा ह भल ही वह हिारो रगो म वयि हो रहा हो पिा चला ह हक य एक तयौहार ह हजस होली कहि ह एक हदन पहल इहडया क लोग होहलका जलाि ह हजसम अपनी बराईयो की आहहि डालि ह मन भी आज इहडया की बरी छहव बनान वाली हपछली हफकमो की सीडी एकि कर उनकी होहलका जला दी और उसकी राख इन बरगलान वाली हरकम दखन की सलाह दन वाल फ-ची क मह पर मल आया आज इहणडया की यािा की ियारी परी कर ली ह दो हदनो क पिाि होली ह उस दख हबना इहडया की यािा कस समपरद होगी य ह कमलश पाणडय जी और य ह उन का अनोखा वाला रङग जो मझ बहद पसनद ह इस आहटदकल को चाह िो माि मनोरञजन क हलय भी पिा जा सकिा ह और अगर कोई वयहि समय हनकाल कर इस की थाह को नापना चाह िो नपप भी सकिा ह कमलश भाई जी क एक हमि ह हवनोद हमशर हवनोद जी ररसणटली बरसाना हो कर आय ह हवनोद जी न साहहतयम क हलय बरसान की होली की दो बहि ही सनदर-सनदर िवीवीर भजी ह हवनोद जी का बहि-बहि आभार य ह वह दो िवीवीर -

डा वी क भकला

हजजजा सग होली

लगा कर भोग महावीर को और चिा कर फल बिीसा बड़ भहिभाव स पि रह थ हम िो हनमान चाहलसा महावीर जब नाम सनाव

भि हपचास हनकट नही आव िभी मरी साहलया आ कर बोली खलग हम जीजजा सग होली और मरी हसटटीहपटटी गम होली कािर वीवर म हमन पकारा

ह हनमि अब िरा सहारा सन पकार मरी हनमानजी धयान म आए

और मझस य ररमाए वतस म िो ठहरा बाल बरहमचारी

कस हर म हवपदा िमहारी इस लरड़ म मझ न लाओ

िमहारी घहटया ह िमही बजाओ पड़ा सकट मोचन नाम भी झठा हदखा गए हनमानजी भी अगठा

मरी साहलओ न जी भर की मरी पिाई दिा रहा हाए म दहाई

िभी शरीमिी जी बाहर स आई मझ दखि ही हचलाई

अजी सनि हो जरा बाहर आओ कोई लरगा घर म घस आया ह

उस मार कर बाहर भगाओ ाीर स मन खखारा

अरी भागवान य म ह पहि िमहारा िो शरीमिी जी िनक कर बोली

वाह मर छला बहि भाए हो सबह सबह कहो हकसस

मह काला करवा कर आए हो मन अपनी करर गाथा उस सनाई

िो शरीमिी जी हभननाई और अपनी बहनो को आवाि लगाई

कया मरा ही पहि हमला था मह काला करन क हलए

िो वो बहयाई स बोली दीदी अगली होली म

िम हमार पहियो का मह काला कर दना िमहारा सारा हशकवा हमट जाएगा हहसाब एक दम बरोबर हो जाएगा

हमन कछ वि क हलए बाहर हनकलना बद कर ह

यह सोच कर हक अगर हकसी न पछा हक िमहारा मह हकसन काला हकया

िो कया जवाब दगा

हवजनर शमाद

सरहद स आया नही होली पर कय लाल मा की आख रग स करिी रही सवाल

आखो को भी ह हगला कर हशकायि गाल बरी ख़द आया नही हभजवा हदया गलाल

कौन बजाव फाग प ढोल नगाड़ चग चारो िरर उदाहसया गायब हई उमग

मौक़ा था पर यार न डाला नही गलाल

मरझाय स ही रह मर दोनो गाल

हरि म थ यार सब दशमन भी था दग मन उसक गाल पर लगा हदया जब रग

इििार क रग म गयी बावरी डब होली पर इसबार भी आया ना महबब

और अब ररसहिया जी का एक और ाास सटायर ाास इसहलय हक समझ म नही आ रहा हक इनह खाङरसी कहा जाय हक हफर भीजफी बाला

आजकल बचार कालान की मरन ह कोई भी घपला होिा ह काल ान पर िोहमि लगिी ह बलक मनी की थ-थ होिी ह जस निा चमच क हबना महनि चल क हबना आईपीएल हरहकसग क हबना

अारा लगिा ह वस ही कोई भी घपला काल ान की चचाद क हबना अारा लगिा ह घपला अगर कोई

आाहनक जहटल कहविा ह िो काला ान उसका आम जनिा की समझ म आन वाला सरल अनवाद ह घोटाला यहद कोई अबझ हसिाि ह िो काला ान उसकी सहज टीका ह जस पाहटदया चद क हबना निा लफ़राजी क हबना लखक अपनी उपिा का रोना रोय हबना नही रह पािा वस ही दहनया का कोई भी बड़ा ानाा हबना काल ान क नही पनप सकिा दहनया म हजिन भी मजबि ाना ह चाह वह हहथयार का हो ामद का हो या हरर हशिा का ही कयो न हो सबकी बहनयाद म काल ान की सीमनट लगी ह काला ान न हो िो हवीवस बक रवीस बक होकर रह जाय अपन दश म हपछल बीस सालो म हजतता हवकास हआ ह काला ान उसस कई गना जयादा बिा ह गहरि की भाषा म कह िो हकसी भी आाहनक समाज का हवकास उस समाज म मौजद कालान की मािा का समानपािी होिा ह इस सबक बावजद कालान को लोग इजजि की हनगाह स नही दखि कालाान कमान वाला िक खलआम उसकी आलोचना ही करिा ह राजनीहिजञ चनाव भल काल ान क सहार लड़ लहकन सावदजहनक रप स कालान की ऐसी बराई करि ह जस वामपथी दहिरपहथयो की करि ह अमररकी कयबा की करि ह पाहकवीिान वाल भारि की करि िरह ह अपन परहि दहनया का यह दवदातमक इजजिवाद दखकर बचार कालान क हदल पर कया बीििी होगी दहनया क ाोख को दखकर उसका मन भी हजया खान की िरह लटककर हनपट जान का करिा होगा उसका भी मन करिा होगा हक सरकारी गवाह बन जाय और सबकी पोल खोल द हक कस िमाम लोगो स उसक अिरग सबा रह कस लोगो न उसका सहारा हलया आग बि और सहारा हलया लहकन जब सरलिा क हकवीस सनान की बारी आयी िो शरय अपनी महनि लगन और बहि को हदया कालान क योगदान की सरासर उपिा कर दी यह वसा ही ह हक हकसी दश क इहिहास म राजा राहनयो क हकवीस हलख जाय लहकन महनिकश जनिा की कहानी गोलकर दी जाय लहकन हरर कालाान शायद यह सोचकर चप रह जािा होगा हक अपरााी कोई भी हो लहकन बराई उसी की होनी ह बइजजिी िो उसी की खराब होनी ह इसक बाद शायद वह यह सोचकर चपचाप अपनी करििो म जट जािा होगा हक आजनही िो कल उसको वह इजजि अवशय हमलगी हजसका वह हकदार ह उसको भी खल आम उिनी ही वीवीकायदिा हमलगी हजिनी की आज समाज म जाहिवाद सकीरदिा भाई भिीजावाद भायवाद और काहहली को हमली ह काला ान सोचिा होगा- जस बाहकयो क हदन बहर कया पिा वस ही उसक भी बहर

और साहथयो चलि-चलि अपनी जड़ो की ओर - बरहमलीन सनि कहव हशवदीन राम (जोशी) की सनि-वारी आप ही क आधयाहतमक हशषय आदररीय शरी हकशोर पारीक [खणडला] जी क सौजनय स

गोकल व बरसान की नार बजाय-बजाय बजा रही िारी अर वनदावन की बनी व बनी बनक ठनक अरी द रही गारी

शयाम को शयामा सजाय सजी अहो और गलाल लगावि पयारी हशवदीन व जोरी स जोरी हमलीबरज खलि होरी ह बाक हबहारी

मगल समगल सदा ही आननद रह नदलाल

ि गलाल डार दख सखी आ रही राा मिवाली आली चाली रग डारन को

गोहपया हनराली गाली शयाम को सना रही सन-सन क शयामलाल सग-सग गवाल बाल

बाजि मदग िाल राा जी गा रही कहिा हशवदीन लाल ऐसी गलाल उड़ी

बादर बन लाल लाली चह ओर छा रही

बरज वनदावन ााम रग स रगा रगीला हरा मोहिया लाल रग ह पयारा पीला

ाम ााम स खल खल रह होरी दखो शयामा शयाम सजान और सग गोरी दखो

चह ओर हपचकाररया रग-रग की ाार हशवदीन सरस रस रहसक जन पीव करर-करर पयार

राम गर गायर

भारि की लोक समपदा फागन की फाग - आचायद सजीव वमाद सहलल भारि हवहवावरी लोक सवीकहि स सपनन- समि परमपराओ का दश ह इन परमपराओ म स एक लोकगीिो की ह ऋि पररविदन पर उतसवामी भारिीय जन-

मानस गायन-वादन और निदन की हिवरी परवाहहि कर आनहदि होि ह फागन वषािि िथा चि वषादरमभ क साथ-साथ फसलो क पकन क समय क सचक भी ह दहिरायनी सयद जस ही मकर राहश म परवश कर उततरायरी होि ह इस महादवीप म हदन की लमबाई और िापमान दोनो की वहि होन की लोकमानयिा ह सयद पजन गड़-हिल स हनहमदि पकवाननो का सवन और पिगबाजी क माधयम स गगनचमबी लोकानद की अहभवयहि सवदि दखी जा सकिी हमकर सकराहि हखचड़ी बसाखी पोगल आहद हवहवा नामो स यह लोकपवद सकल दश म मनाया जािा ह पवदराज होली स ही मधयोततर भारि म फागो की बयार बहन लगिी ह बदलखड म फाग बजभहम म नटनागर की लीलाए हचहिि करि रहसया और बााई गीि अवा म राम-हसया की जगल जोड़ी की होली-करीड़ा जन सामानय स लकर हवहशषट जनो िक को रसानद म आपादमवीिक डबा दि ह राम अवा स हनकाकर बदली माटी पर अपनी लीलाओ को हववीिार दि हए लमब समय िक हवचरि रह इसहलए बदली मानस उनस एकाकार होकर हर पवद-तयौहार पर ही नही हर हदन उनह याद कर जय राम जी की कहिा ह कषर का नागो स सघषद और पाडवो का अजञािवास नमददाचली बनदल भहम पर हआ गौरा-बौरा िो बदलखड क अपन ह हशवजा हशवातमजा हशवसिा हशवहपरया हशव वीवदोभवा आहद सजञाओ स समबोहाि आननददाहयनी नमददा िट पर बमबहलयो क साथ-साथ हशव-हशवा की लीलाओ स यि फाग गयी जाना वीवाभाहवक ह बदली फागो क एकछि समराट ह लोककहव ईसरी ईसरी न अपनी परहमका रजउ को अपन कहितव म अमर कर हदया ईसरी न फागो की एक हवहशषट शली चौघहड़या फाग को जनम हदया हम अपनी फाग चचाद चौघहड़या फागो स ही आरमभ करि ह ईसरी न अपनी पराकि परहिभा स रामीर मानव मन क उचवासो को सर-िाल क साथ समहनवि कर उपहिि और अनचीनही लोक भावनाओ को इन फागो म हपरोया ह रसराज शर गार क सयोग और हवयोग दोनो पि इन फागो म अदभि माायद क साथ वहरदि ह सदयवीनािा यविी की कशराहश पर मा ईसरी गा उठि ह ईसरी रााा जी क कानो म झल रह िरकला को उन दो िारो की िरह बिाि ह जो रााा जी क मख चनर क सौदयद क आग फीक फड़ गए ह कानन डल राहाका जी क लग िरकला नीक आनदकद चद क ऊपर िो िारागर फीक ईसरी की आराधया राहाका जी सदरी होन क साथ-साथ दीनो-दहखयो क दखहिाद भी ह मय बल राि राहाका जी को कर आसरा की कौ दीनदयाल दीन दःख दखन हजनको मख ह नीकौ पहटया कौन सगर न पारी लगी दहिन पयारी रचक घटी-बड़ी ह नया सास कसी ढारी िन रई आन सीस क ऊपर शयाम घटा सी कारी ईसर परार खान ज पहटया जब स िकी उघारी

कहव पछिा ह हक नाहयका की मोहक चोहटया हकस सघड़ न बनायी ह चोहटया जरा भी छोटी-बड़ी नही ह और आिी-जािी सासो की िरह हहल-डल रही ह व नाहयका क शीश क ऊपर शयामल मघो की िरह छाई ह ईसरी न जब स इस अनावतत कशराहश की सनदरिा को दखा ह उनकी जान हनकली जा रही ह ईसर की नाहयका ननो स िलवार चलािी ह दोई ननन की िरवार पयारी हफर उबार अलपान गजरान हसरोही सलमान झख मार ऐच बार मयान घघट की द काजर की ाार ईसर शयाम बरकि रहहयो अहायार उहजयार िलवार का वार िो हनकट स ही हकया जा सकिा ह नायक दर हो िो कया हकया जाए कया नाहयका उस य ही जान दगी यह िो हो ही नही सकिा नाहयका हनगाहो को बरछी स भी अहाक पन िीर बनाकर नायक का हरदय भदिी ह छट नन-बार इन खोरन हिरछी भौह मरोरन नोकदार बरछी स पन चलि करज फोरन नायक बचारा बचिा हफर रहा ह पर नाहयका उस जान दन क मड म नही ह िलवार और िीर क बाद वह अपनी काहिल हनगाहो को हपवीिौल बना लिी ह अहखया हपवीिौल सी करक मारन चाि समर क गोली बाज दरद की दार गज कर दि निर क इिन पर भी ईसरी जान हथली पर लकर नवयौवना नाहयका का गबखान करि नही अघाि जबना कड़ आय कर गहलया बला कसी कहलया ना हम दख जमि जमी म ना माली की बहगया सोन कस िबक चि ह बरछी कसी भहलया ईसर हाथ सभार ाररयो फटट न जाव गहदया लोक ईसरी की फाग-रचना क मल म उनकी परहमका रजऊ को मानिी ह रजऊ न हजस हदन गारो क साथ गल म काली काच की गररयो की लहड़यो स बन ४ छटा और हबचौली काच क मोहियो का हिदान जसा आभषर और चोली पहहनी उसक रप को दखकर दीवाना होकर हार झलन लगा ईसरी कहि ह हक रजऊ क सौदयद पर मा हए हबना कोई नही रह सकिा हजयना रजऊ न पनो गारो हरनी हजया हबरानो छटा चार हबचौली पर भर हफर गरदानो

जबनन ऊपर चोली पर लटक हार हदवानो ईसर कान बटकन नइया दख लव चह जवानो ईसरी को रजऊ की हरन (हचिवन) और हसन (हसी) नही भलिी हवशाल यौवन मिवाली चाल इकहरी पिली कमर बार की िरह िानी भौह हिरछी निर भलाय नही भलिी व निर क बार स मरन िक को ियार ह इसी बहान रजऊ एक बार उनकी ओर दख िो ल ऐसा समपदर ईसरी क अलावा और कौन कर सकिा ह हमख़ा हबसरि नही हबसारी हरन-हसन िमारी जबन हवशाल चाल मिवारी पिरी कमर इकारी भौह कमान बान स िान निर हिरीछी मारी ईसर कान हमारी कोदी िनक हर लो पयारी ईसरी क हलय रजऊ ही सवदवीव ह उनका जीवन-मरर सब कछ रजऊ ही ह व परभ-वीमरर की ही िरह रजऊ का नाम जपि हए मरन की कामना करि ह इसहलए कछ हवदवान रजऊ की सासाररक परहमका नही आदया माि शहि को उनक दवारा हदया गया समबोान मानि ह जौ जी रजऊ रजऊ क लान का काऊ स कान जौलो रहन रहि हजदगी रजऊ क हि कमान पला भोजन कर रजौआ पाछ क मोय खान रजऊ रजऊ कौ नाम ईसरी लि-लि मर जान ईसरी रहचि सहसतरो फाग चार कहड़यो (पहियो) म बाी होन क कारन चौकहड़या फाग कही जािी ह इनम सौदयद को पान क साथ-साथ पजन और उसक परहि मन-परार स समहपदि होन क आधयातमजहनि भावो की सहलला परवाहहि ह रचना हवाान य फाग ४ पहियो म हनबि ह हर पहि म २ चरर ह हवषम चरर (१ ३ ५ ७ ) म १६ िथा सम चरर (२ ४ ६ ८) म १२ मािाए ह चरराि म परायः गर मािाए ह हकनि कही-कही २ लघ मािाए भी हमलिी ह य फाग छद परभाकर क अनसार महाभागवि जािीय नर र छद म हनबि ह इस छद म खड़ी हहदी म रचनाए मर पिन म अब िक नही आयी ह ईसरी की एक फाग का खड़ी हहदी म रपािरर दहखए हकस चिरा न छोटी गथी लगिी बहद पयारी हकहचि छोटी-बड़ी न उठ-हगर रही सास सम नयारी मकट समान शीश पर शोहभि कषर मघ सी कारी हलय ल रही जान कश-छहव जब स हदखी उघारी नर र छद म एक चिषपदी दहखए

बाि बनाई हकसन कसी कौन हनभाय वाद सब सच समझ रही ह जनिा कहा फदकि पयाद राजा कौन विीर कौन हकसक बद-नक इराद हजसको चाह सहलल हजिा मि चाह उस हरा द बनदली लोकरग की सािी ईसरी की फाग सजीव बदलखड क महानिम लोककहव ईसरी क कावय म लोकजीवन क सावीकहिक साहहहतयक सामाहजक पि परी जीवनििा और रचनातमकिा क साथ उदघाहटि हए ह ईसरी का वहशषटय यह ह हक व िथाकहथि सभराििा या पाहडतय स कय भाषा शली आहद उाार नही लि व दशज रामीर लोक मकयो और परमपराओ को इिनी वीवाभाहवकिा परगाििा और अपनतव स अहकि करि ह हक उसक सममख हशषटिा-शालीनिा ओिहि सजदनाारा हवपनन परिीि होन लगिी ह उनका साहहतय पवीिकाकार रप म नही शरहि परपरा म सन-गाकर सहदयो िक जीहवि रखा गया बदलखड क जन-मन समराट महान लोककहव ईसरी की फाग गय परपरा क कारर लोक-वीमहि और लोक-मख म जीहवि रही सकलनकिाद कवर शरी दगद हसह न १९३१ स १९४१ क मधय इनका सकलन हकया शरी इलाशकर गहा न ाौराद राम (जहा ईसरी लमब समय रह थ) हनवाहसयो स सनकर फागो का सकलन हकया अपिाकि कम परचहलि हनमन फागो म ईसरी क नसहगदक कारहयिी परहिभा क साथ-साथ बनदली लोक परपरा हावीया एव शरीनगरहपरयिा क भी दशदन होि ह कषर-भि ईसरी वनदावन की माटी का महातमय कहि हए उस दविाओ क हलए भी दलदभ बिाि ह अपनी कवीन जीभ स चाटी वनदावन की माटी दरलभ भई हमली ना उनखो दई दविन डाटी हमल ना सकी अनकन हार पाव की पररपाटी पायो वीवाग काह न नइया मीठी ह की खाटी बाही रज बजबाहसन lsquoईसरrsquo हहसदारी म बाटी कदम कञज म खड़ कनहया राहगीरो को रावीिा भला दि ह इसहलए पहथक जमना की राह ही भल गय ह अथादि जमना स नही जाि हकसी को भला कर मजा लन की लोकरीि को ईसरी अचछा नही मानि और कषर को सलाह दि ह हक हकसी स अहाक हसी अचछी नही होिी आली मनमोहन क मार जमना गल हबसार जब दखो जब खडो कञज म गह कदम की डार जो कोउ भल जाि ह रवीिा बरबस आन हबगार जादा हसी नही काऊ स जा ना रीि हमार

lsquoईसरrsquo कौन चाल अब चहलए ज िौ परी पार राि भर घर स बाहर रह कषर को अपनी सफाई म कछ कहन का अवसर हमल हबना lsquoछहलयाrsquo का हखिाब दना ईसरी क ही बस की बाि ह ओइ घर जाब मरहलयाबार जहा राि रय पयार हर बाट मनइया बठी कर नन रिनार अब िौ कौनऊ काम िमारो नइया भवन हमार lsquoईसरrsquo कषर नद क छौना िम छहलया बजबार फगआ हो और रााा न खल यह कस हो सकिा ह कषर सर ह िो रााा सवा सर दोनो की लीलाओ का सजीव वरदन करि ह ईसरी मानो सािाि दख रह हो रााा न कषर की लकटी-कमररया छीन ली िो कषर न रााा क हसर स सारी खीच ली इिना ही हो िो गनीमि होली की मवीिी चरम पर हई िो रााा नटनागर बन गयी और कषर को नारी बना हदया खल फाग राहाका पयारी बज खोरन हगराारी इन भर बाह बास को टारो उन मारो हपचकारी इनन छीनी लकहट मरहलया उन छीनी हसर सारी ब िो आय नद क लाला ज बषभान दलारी अपन बनी नटनागर lsquoईसरrsquo उन बनाओ नारी अटारी क सीिी चिि घघर हनशबद हो गए फलो की सज पर बनवारी की नीद लग गयी रााा क आि ही यशोदा क अनाड़ी बट की बीन (बासरी) चोरी हो गयी कसी सहज-सरस ककपना ह चोरी गइ बीन हबहारी की जसदा क लाल अनारी की जाहमन अमल जगल क भीिर आवन भइ रााा पयारी की नपर सबद सनाक हखच रय हछहड़या चड़ि अटारी की बड़ी गलाम सज फलन की लग गइ नीद मरारी की काि lsquoईसरीrsquo घोरा प स उठा लई बनवारी की कषर रााा और गोहपयो क चगल म फस गय ह गोहपयो न अपन मनभावन कषर को पकड़कर सतरी बनान का उपकरम करन म कोई कसर नही छोड़ी कषर की बनमाला और मरली छीनकर हसर पर साड़ी उिा दी गयी रााा न उनह सभी आभषरो स सजाकर कमर म लहगा पहना हदया और सहखयो क सग फागन मनान म लीन हो गयी ह शर गार और हावीय का ऐसा जीवि शबद हचि ईसरी ही खीच सकि ह पकर गोहपन क मनभावन लागी नार बनावन छीन लई बनमाल मरहलया सारी सीस उड़ावन

सकल अभषन सज राहाका कहट लहगा पहरावन नारी भस बना क lsquoईसरrsquo फगआ लगी मगावन ईसरी परहमका स हनवदन करा रह ह हक वह अपन िीख नयनो का वार न कर हजरह-बखिर कछ न कर सक ग और दख ही दखि नयन-बार हदल क पार हो जायगा हकसी गरी वदय की औषहा भी काम नही आएगी ईसरी क दवाई िो हपरयिमा का दशदन ही ह पररय की ऐसी परगाि रसहसि अहभवयहि अपनी हमसाल आप ह नना ना मारो लग जह मरम पार हो जह बखिर हझलम कहा का लह ढाल पार कर जह औषद मर एक ना लहगह बद गनी का कह कहि lsquoईसरीrsquo सन लो पयारी दरस दबाई दह हनमन फाग म ईसरी नयनो की कथा कहि ह जो परदशी स लगकर हबगड़ गय बबादद हो गय ह य नयना अा हसपाही ह जो कभी लड़कर नही हार इनको बहि नाि स काजल की रखा भर-भरकर पाला ह हकनि य खो गए और इनस बहि आसओ स नयी की नयी सारी भीग गयी ह कसी माहमदक अहभवयहि ह नना परदसी स लग क भय बरबाद हबगरक नना मोर सर हसपाही कबऊ ना हार लरक ज नना बार स पाल काजर रख भरक lsquoईसरrsquo भीज गई नई सारी खोवन असआ ढरक शरगार क हवरह पि का परहिहनहातव करिी यह फाग ईसरी और उनकी परहमका रजऊ क हबछड़न की वयथा-कथा कहिी ह हबछरी सारस कसी जोरी रजो हमारी िोरी सङगसङग रह हनहस-बासर गर हलपटिी सोरी सो हो गई सपन की बाि अन हस बोल कोरी कछ हदनन को हिया अबादो हम बिा दो गोरी जबलो लागी रह lsquoईसरीrsquo आसा जी की मोरी ईसरी की य फाग शर गार क हमलन-हवरह पिो का हचिर करन क साथ-साथ हावीय क उदातत पि को भी सामन लािी ह इनम हसी-मजाक हसना-बोलना सभी कछ ह हकनि मयादहदि कही भी अशलीलिा का लश माि भी नही ह ईसरी की य फाग २८ मािी नरनर छद म रहचि ह इनम १६-१२ पर यहि का ईसरी न परी िरह पालन हकया ह सम चररानि म गर की अहाकिा ह हकनि २ लघ भी परापय ह इक फाग म ४ ५ या ६ िक पहिया हमलिी ह एक फाग की सभी पहियो म सम चररानि समान ह जबहक हवषम चररानि म लघ-गर का कोई बान नही ह

हम न गर हवीन और ख़शब ही को िोला होिा हफर िो हर पड़ गलाबो स भी हकका होिा उदाहरर क रप म समझा जाय िो एक मिदबा य भी समझा जा सकिा ह हक परमपराए हमशा पड़ या हफर पौा की िरह होिी ह और उन पर लगन वाल फल और उन फलो की ख़शबए आाहनक हवचाराारा समान यहद हम आाहनक हवचारााराओ ही को सबकछ समझ बठ ग िो य फल और ख़शबए कया आसमान स टपक ग समझन वाल इशारो को बहि जकद समझग बाय द टाइम आप इस अङक को पि रह हो ममहकन ह दहनया का एक बड़ा हहवीसा आप को होली की बराइया हगना रहा हो हम इिना ही हनवदन कर ग हक ldquoसपrdquo की िरह-िरह सार-सार को गह और थोथ को उड़ा फ क नीर-िीर-हववक हम सब की ामहनयो म यगो-यगो स परवाहमान ह अपन हववक का सदपयोग करि हय अचछी बािो को आग बिाए हमठाइयो क कारोबाररयो दवारा परोस जा रह अशि माल स परहि करि वक़ि याद रह हक कडबरी भी कोई अमि नही ह हर गली क नककड़ पर रङग हपचकारी वग़रह बचन वाल हमार कटीर उदयोग क खवनहार ह आप सभी को सपररवार होली की शभ-कामनाए

खहशयो का वीवागि कर हर आगन हर दवार| कछ ऐसा हो इस बरस होली का तयौहार||

होली हवषयक और भी सामरी मसलन छद ग़िल हजल नज़म कहविा गीि-नवगीि रहसया आलख कहानी कथा वग़रह पिन क हलय यहा हकलक कर

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हजनस हमन चलना सीखा हकिनी चोट लगाई उनको

हजनस हमन हसना सीखा वीनहहल आखो क आस कभी नही जग को हदख पाय इस होली पर घर म आकर कछ गलाब क फल चिा ल

जब स घर स दर गए हो ढोल नगाड़ बसर लगि

हबन पयारो क मीठी गहझया उड़ि रग सब फीक लगि

मटठी भर गलाल फागन म फीक चहरो को महका द सबक सग ठहाका लकरअपन घर को वीवगद बना ल

नमन कर

गर घटालो क पाव छऊ

भिहनयो क राजनीहि क मककारो नान स खली होली ह आओ छीट मार रग क बरा न मानो होली ह

गर ह गड स चला शककर गर क गर

पटाय जाकर गरभाई स राज पछकर गर की गया दह ली ह जहा हमला मौका दवर न जम क खली होली ह

घघट हटा क पग बनािी हहदी खश हो नाम कमािी

पि महथली सममख इसक अकसर भरि पानी ह हवहवीकी और कबाब न कस हसक खली होली ह

अामद करक ामद हसखाि ान पान क कमद हसखाि

निर बचाककस उसनदा म गोली घोली ह खददर पहन क निाओ न दश म खली होली ह

सिीश भाई क बलॉग पर जाए िो आप को हलखा हमलगा हक ldquoमा की दवा को चोरी करि बचच की वदना हलखगाrdquo एक अलग ही सोच वाल सिीश भाई हठामी रचनाकार ह बनान इनह वीवीकायद नही और भया होली हवशषाङक भी बनानो को उिनी िवज़िोह दना भी नही चाहिा होली ह िो बस होली क रङगो का मिा लि ह बस आइय पहल कछ कावय कहियो को पिि ह और हफर एक सटायर

इवीमि िदी ndash हशरा किगावी

ह होली रगो का तयोहार य रग बाट ह सब म पयार

न इन म दवष घोलना

य सदर भावो का सचार ह इक दज की य मनहार

न इन म दवष घोलना

ह होली नररि स इकार हदलो क बीच न हो वयापार

न इन म दवष घोलना

ह हपचकारी वो परम की ाार हगरा द नररि की दीवार

न इन म दवष घोलना

ह इन रगो क अथद हिार नही ह कवल य बौछार

न इन म दवष घोल

अनपमा हिपाठी

फागन की ऋि घर आई

परकहि गाय माविी

और बहार राग हर स ऐसा हछटका

फाग क अनराग का पराग

हदय छद हए वीवचछद मद मद महआ की गा

िोड़िी मन िटबा

हनशा रागवनिी हदवस परागवि अलमवीि मामास दख

वहनिा लाजवि

पलाश मन रग रगा पषप पखहड़यो स रगोली सजाई

हककी-फलकी बािो म स हावीय को िाड़ कर और हफर उस बग़र भौड़ा हय पाठको को गदगदान क हलय इवीिमाल करन क उपकरम ही को वयङय कहि ह भाई आलोक पराहरक ऐस ही वयङयकार ह जो हक बड़ी ही आसानी स पाठको क पट म गलगली मचा दि ह और कही-कही हम सोचन क हलय मिबर भी कर दि ह आइय उन क एक वयङयालख का आननद लि ह

होली क पासवडद - आलोक पराहरक

हजर वो वि गया जब शबद की वडद की कीमि होिी थी अब िो कीमि पासवडद की ह साफटवयर कारोबारी भी हनकल हलय ह नय ाा करन क हलए सो नयी कहानी सामन आयी गोहपयो स कहा गया हक इार मीहडया बहि माकट फर डली हो हलया ह आपक होली डास की फटज ल जािा ह फोकटी म और टीवी पर हदखा हदखाकर उनस इहशिहार वसलिा ह

करोड़ो म आप अपन होली डास को पासवडद परोटकटड कर लो जी होली डास का पासवडद दन क हम हसफद लाखो लग और मीहडया को वो पासवडद बिान क िम करोड़ो वसलना पर िब िो हमार वाल बाल भी हमार साथ डास ना कर पायग-गोहपयो न आशका जिायी नो पराबलम हम िमह पासवडद दग िम हजस चाहोगी उस य पासवडद द दना वह िमहार साफटवयर म इस फीड करगा और िम डास शर कर दोगी-टकनीकल एकसपटद न बिाया पर अगर हम पासवडद भल गय िो-सरल गोहपयो न सहज आशका रखी िो िम हमार कवीटमर कयर पर फोन कर लना दसरा पासवडद हमल जायगा टमसद एड कडीशनस एपलाई यानी पचास हजार रपय आपको दन होग पचास हजार रपय दन वाली बाि बहि ाीम स कही गयी गोहपया ियार हो गयी लाखो दकर पासवडद खरीद हलय करोड़ो कमान की उममीद म साफटवयर वाल हनकल हलय जाकर गोहपयो क पासवडद बिा हदय अमररकनो और उनस कहा हक आप इन पासवडो क सहार गोहपयो क साथ डास कर उनकी शहटग कर हफर उनह महग अमररकन चनलो पर हदखाय अमररकनो को पासवडद बिान क करोड़ो डालर वसलसाफटवयर वालो न होली क आसपास सीन य हआ हक बरजमडल म हसफद अमररकन गर गोहपयो क साथ डास कर रह थ गोहपया अहनचछक थी पर चहक उनक साफटवयर स अमररकनो का पासवडद मच कर गया था इसहलए वो खद ब खद डास कर रही थी और हआ य था हक गोहपया अपन पासवडद खद भल गयी थी गोहपयो न कवीटमर कयर सटर पर फोन कहा िो सीन य हआ- हलो म गोपी नबर वन बोल रही ह कया मरी बाि कवीटमर कयर एकजीकयहटव स हो सकिी ह जी कवीटमर कयर पर सपकद करन क हलए ानयवाद आपका हदन शभ हो आप अपनी जनमहिहथ बिाय जी जनमहिहथ िो मझ याद नही ह अर िो आप अपना पन काडद नबर बिाय

जी पन काडद िो मर पास ह ही नही ओक हफर िो आप को हमार नजदीकी दफिर म जाकर एक फामद भरना होगा िब आपको नया पासवडद कररयर स भजा जायगा पर जब िक य सब होगा होली हनकल जायगी मरी कमाई क सार चास खतम हो लग दहखय म िो आपको परोसीजर बिा रही ह होली हनकलगी या दीवाली हनकलगी य मझ नही पिा ओफफो जब आपक एकजीकयहटव पासवडद बचन आय थ िब िो बहि ही िमीज स बाि कर रह थ आप िो बहि बदिमीजी स बाि कर रही ह दहखय िमीज का सारा कोटा हम राहक बनान म खचद कर दि ह उसक बाद हमार पास हसफद बदिमीजी ही बचिी ह म आपको परोसीजर बिा चकी ह आप उस फालो कर ओफफो डास िो होली पर करना ह उसक बाद डास कयो करना दहखय अब िो डास साल भर चलिा रहिा ह कोई ना कोई फकशन होिा ह उसम डास कर सकिी ह हमारी सहयोगी कपनी िमाम शाहदयो म रौनक लगान क हलए अचछ डासर सपलाई करिी ह आप उस कपनी म अपना रहजवीरशन करा द पर साल आपको डास क आफर हमलि रहग ओफफो आप बाि नही समझ रही ह हम िो होली क मवीिी वाला डास करि ह हनमदल सहज आनद क हलए दहखय हनमदल सहज जस शबद जो आप बोल रही ह य िो अचछ नाम ह हनमदल नाम स घी या मकखन बचा जा सकिा ह कोई सि इस पर अपना कारोबार पहल ही चला गय ह सहज हकसी योग का बराड हो सकिा ह आप चाह िो य नाम रहजवीटर करा सकिी ह इस सबा म आप हमारी सहयोगी कपनी स मदद ल सकिी ह वह बहि सवीि भावो म आपको सहवदस द दगी ओफफो आप िो मझ कछ ना कछ बचन पर आमादा ह आप मरी पराबलम को साकव कीहजय ना चहलय मरी अपन हकसी सीहनयर कवीटमर कयर एकजीकयहटव स बाि कराइय दहखय िमा कर अभी हमार सार कवीटमर कयर आफीसर हकसी ना हकसी गोपी स बाि करन म हबजी ह आप राि को दो बज काल कीहजय िब वो फरी होग ओफफो राि को दो बज काल करन को कौन जगगा दहखय वो आपकी समवीया ह हमारी नही आपका हदन शभ हो और राि भी

इस होहलका कथा स हम य हशिा हमलिी ह हक कवीटमर कयर हडपाटदमट कवीटमर की कयर क हलए नही कपनी की कमाई की कयर करन भर क हलए होिा ह हम म स अहाकानश लोग पहरदमा वमदन जी क परककप lsquoअनभहिrsquo क बार म जानि होग ककपना जी उस परककप का एक महतवपरद हकरदार ह अनभहि को अनभहि हजस टीम न बनाया उस म ककपना जी का भी शमार होिा ह म इन स बस एक ही बार इन क खारघर हवीथि आवास पर हमला ह शायद एक दो बार फोन पर बाि हई हो वीवावीय को लगभग माि द चकी आदररीया ककपना जी साहहतय-सवा क हलय सदव ितपर रहिी ह साहहतय की हवहवा हवााओ म रचनातमक परयास करना इन का हपरय शगल ह आप क िप को नमन

ककपना रामानी

ऐ हवा रगो नहाओ आ गया फागन ाम मौसम की मचाओ आ गया फागन

दश स रठी हई ह राि पनम की

चाद को जाकर मनाओ आ गया फागन

वन चमन क फल आिर दख लो हकिन नह नयौिा दक आओ आ गया फागन

हफर रह ह मन-महदि सब बाल बहगया म झलना उनका झलाओ आ गया फागन

साज ह सरगम भी ह ियार ह घघर

िम सखी शभ गीि गाओ आ गया फागन

खग हवहग-व दो क जाकर कान म कह दो मोर कोयल को जगाओ आ गया फागन

िान हपचकारी खड़ी ह दवार पर होली परम की गगा बहाओ आ गया फागन

----------

फगनाहट स जाग उठी ह जग म होली

रग पलाशो स लकर जन

हए रगील साथ फब रह लाल हर

कसररया पील सख को मह हचिा रह रग

गील हसकर भग चिा पकवान हो गए

और रसील

हपचकारी पर हफदा हो रही कोरी चोली

फगनाहट स जाग उठी ह जग म होली

मौसम बदला नमद हवा न पाव पसार

खार जल क िाल हो गए मीठ सार

चस-चस कर आम कोहकला सर म कहकी

आए हमलन गल िमी स चाद हसिार

हररयारो स होड़ ल रह

ढम-ढम ढोली फगनाहट स जाग उठी ह

जग म होली

शहरो म डीज गावो म बजिी पजन

दश हो हक परदसपवद की

एक वही ान खिो म सरसो हखलिी

उदयानो कहलया कर कर म रस भर दिा

सखदाई फागन

आिा सग ामाल शगन की भरकर झोली

फगनाहट स जाग उठी ह जग म होली

------------ सार छद

रग हदवस फागन क

छनन पकया छनन पकया उड़ रग क बादल पीि गलाबी लाल हआ ह वसारा का आचल

छनन पकया छनन पकया यह ऋि सबको भाई भवरो की मनहार दखकर कली-कली इिराई

छनन पकया छनन पकया गमी घटाए िम की दख रही ह जलिी होली जाग राि पनम की

छनन पकया छनन पकया वन पलाश हफर दहक

रग सनहरा दख गगन म उड़ि पाखी बहक

छनन पकया छनन पकया हफर आम बौराया मोर कोहकला न बागो को सर म गीि सनाया

छनन पकया छनन पकया दखा दशय हवहगम

हपचकारी भर खग-मग लाए रग घोलकर अनपम

छनन पकया छनन पकया हई खब हखलवाई जब सहखयो न भग हमलाकर ठडई घोट हपलाई

छनन पकया छनन पकया गाए गीि शगन क

बार-बार जीवन म आए रग हदवस फागन क

अनिजादल पर lsquoछनन-पकयाrsquo को हमलोगो क बीच समभवि भाई योगराज परभाकर जी ल कर आय रामीर अञचल का साहननधय हजन लोगो को नसीब हआ हो वह जानि होग हक lsquoछनन पकयाrsquo या इस िरह क अनय िहकया कलामो क साथ हमार लोक-साहहतय म अपररहमि रचनाए हई ह और उन म स लगभग 99 अब लपत भी हो चली ह हम जसो को बावला कहन वालो का हम इसहलय बरा नही मानि चहक इस िरह की बािो को विदमान समय नोवीटाहकजया क नाम स जानिा ह याद आिा ह हम लोगो क बचपन म हवजञापन वाल हम बिाि थ हक नमक स दािन करन पर दाि ख़राब हो जाि ह और वही हवजञापन वाल अब हमार बचचो स पछ रह ह हक आप क टट-पवीट म नमक ह हक नही याहन आहख़रकार य लोग हमारी भोर को ख़चो क साथ शर करन म सफल हो ही गय ख़र समय न कब हकस की सनी ह जो हम लोगो ही की सनगा चहलय अब उस फरसहिया जी क सटायर स लतरनदोि हआ जाय -

ldquoएक रसबहकय की डायरीrdquo ndash अनप शकल उरद ररसहिया आजकल रसबक का जमाना ह लोग कछ भी करि ह उसका वीटटस FB पर डालि ह समोसा खा रह ह बोर हो रह ह अचछा लग रहा ह झझला रह ह बलॉकअनफ़र ड

कर हदया ऐसा रील कर रह ह वसा महसस हो रहा ह कछ हो रहा ह कछ-कछ हो रहा ह कछ भी हकया जाय अगर उसको रसबक पर न डाला जाय िो लगिा ह वो काम हआ ही नही रसबक वीटटस हबन सब सन हालाहक रसबक पर लोग सब कछ कह लि ह लहकन हरर भी बहि कछ रह जािा ह हजस शरारि क मार लोग साझा नही करि ऐस लोग अपन मन क भाव अपनी डायरी म हलखि ह ऐसी ही कछ डायररया हाथ लगी उनको दखकर लगा हक हकिना कछ छट जािा ह रसबक आन स उन डायररयो म स कछ क अश यहा परवीिि ह 1आज हरर उसन अपनी परोराइल हपक बदली बवकर को पिा नही हक परोराइल बदलन स शकल नही बदल जािी मन नही था लहकन लाइक करनी पड़ी हगकटी रील हो रहा ह रसबक क चलि हकतता झठ बोलना पड़िा ह 2उसन नयी रोटो लगायी ह हवा म उड़ि हय बाल दखकर मन हकया हक हलख- य बाल नही िर सर स बची-खची अकल हनकलकर बाहर भाग रही ह लहकन हरर हलखा नही उसको य खशरहमी हो जािी हक उसक पास भी अकल ह हकसी को कयो ाोख म रखना आख मदकर फोटो लाइक कर हदया

3उसन आज हकसी को बलॉक करन की उदघोषरा नही की मन हकया पछ हक िहबयि िो ठीक ह लहकन हरर नही पछा हकसी क पसदनल मटर म कया दखल दना हजतती दर म कमट हलखग उतत म दस ठो लाइक कर लग 4हपछल दस हदन स एक ही आईडी स रसबहकग करि-करि बोर हो रह ह खराब लग रहा ह सोचा था आज पकका नई आईडी बनायग लहकन नही बनाई य कया हो रहा मझ गगहलग करना पड़गी हक ऐसी मनहवीथहि को कया कहि ह कछ इमपरहसव कहि होग िो उसको अपना वीटटस बना लग - रीहलग हडटरमाइनड 5बलॉग दख रही ह आजकल वो मई उसका वीटटस सबस पहल लाइक करिी ह घोटाल क पीछ CAG की िरह उसक वीटटस स हचपकी रहिी ह पछना पड़गा उसस चककर कया ह आजकल चट भी नही करिा लगिा ह नई आईडी स चट करनी पड़गी य भी औरो की ही िरह ह 6आज उसन हरर कतत क साथ अपना रोट लगाया ह मन िो हकया मनका गााी को हलख द हक दहखय आपक रहि जानवरो क साथ हकतता िो अनयाय हो रहा ह लहकन हरर छोड़ हदया कमट हकया - (कतत का) रोटो बहि अचछा लग रहा ह बरकट क अदर वाली बाि मन म कही ही ही ही ही smile emoticon smile emoticon smile emoticon

7आजकल हजस दखो कहविा हलखन म लगा ह हकिना िो करर हो गय ह लोग शबदो क साथ अतयाचार दखकर मन दखी हो जािा ह कछ शबदो स बाि हई बचार कह रह थ -पिा होिा हक हमार साथ इतता बरहम सलक होगा िो हम हडकशनरी स भाग जाि रीहलग helliphelliphellip (खाली जगह रीिा स पछ कर भरगी उसको य सब अचछा आिा ह हक कब कस रील होना चाहहय ) 8िीन हदन स दषट न हकलो नही बोला सोचिा ह म पहल बोल माई रट मर पाच हजार दोवीि ह िीन हजार िीस रालोवर उस बवकर क िीन सौ इकवावन दोवीि गवीसा आ गया उसक वीटटस पर (हजसको पहल लाइक हकया था) जाकर वीटटस को सकड़ो बार हडसलाइकलाइक हकया वीटटस को हझझोड़ कर रख हदया कल रील हआ हरर वीटटस लगाया- भटटा चबा रह ह ठड़ा पीि हय smile emoticon

9कछ भाई लोग िो जञान की बाि इतती बवकरी स करि ह हक मन करिा ह एक उननाव क डौहडया गाव म खदाई क हलय लगी एक ठो जसीबी इनक हदमाग म भी लगा द सारी अकल का मलबा हनकाल क हदमाग को खाली कर द लहकन हरर लगिा ह कड़ा कड़दान म ही रह िो अचछा जमीन पर काह को रलाया जाय 10आज मड की भी छटटी थी छटटी मिलब सड समझकर मन टीना को सड वाली आईडी स हकलो बोल हदया वो घट भर िक मह रलाय रही िरह-िरह क बवकरी क आइकान भज कर उसको मनाना पड़ा य लड़हकया भी हकतती चजी होिी ह यार मन िो हकया हक वीटटस लगाऊ -टाहकग ट रल रीहलग इरीटटड लहकन हरर लगा वो समझ जायगी िो वीटटस लगाया- एनजवाइग सड रीहलग रट

11दोवीि बिा रहा था हक वो आजकल बहि वयवीि ह दो आईडी बनाई ह उसन दोनो पराानमहियो की िरर स रसबक पर जग लड़िा ह एक आईडी हकसी क हखलार वीटटस हलखिा ह दसरी स उसक हखलार िकद घट दो घट एक वीटटस पर कशिी लड़न क बाद अगला वीटटस लगा दिा ह बिा रहा था पराानमिी कोई बन उसका चमचा-इन-चीर बनना पकका ह राजयमिी क दज की आशा ह मन हकया उसको कह rsquoशखहचकली कही कrsquo लहकन rsquoरटrsquo कहक बॉय कह हदया वीटटस सटाया- रीहलग ररलकड 12भाईसाहब न बहि हदन स कोई वीटटस अपडट नही हकया आज एक लड़क को रसलाकर लगभग जबररयन समोसा हखला रह ह पकका दस हमनट क अदर वीटटस लगायग- आज एक भख को भोजन कराया सिषट महसस कर रहा ह म सोच रहा ह हक म कमट करगा ndash कया अजब पाखड ह लहकन मझ पिा ह हक म हकसी को हटद नही कर सकिा राइनली हदल पर पतथर रखकर हलखगा- मानविा की सचची सवा 13आज शाम एक फ़र ड का रोन आया कहा आज हकसी स रसबक बरकअप नही हआ िहबयि घबरा रही ह रीहलग लो मन कहा िो म कया कर िो उसन कहा यार ि ही मझस लवर बनकर बाि कर ल आईडीपासवडद भजा ह िरी मल म मन कहा -मझ इस सब झमल म नही पड़ना उसन हरर दोवीिी की कसम दी िो मझ दया आ गयी मन कहा अचछा चल लाग इन करि ह मरी हकवीमि अचछी लाइट चली गयी थी मन उसको एसएमएस हकया उसका जबाब आया -कोई नही मन खद दो बराउजर स चट करक बरक अप कर हलया िझ हहचहकचाहट हो रही थी अचछ स हो भी नही पािा िर स नाऊ रीहलग ररलकवीड मन वीटटस लगाया- कस-कस रस ह रसबक क रीहलग सरपराइजड ऐसी न जान हकिनी बाि डायरी म हलखी हई ह सबको यहा हलखना ठीक नही ह नमन बिा हदय आप अनदाजा लगाइय हक और कया-कया हलखा होगा डायररयो म आप भी रसबक डायरी हलखि हो िो शयर कररय अपन हवचार कोई हहचहकचाहट हो िो अनाम नाम स मझ भज दीहजय हम छाप दग आया न मिा और पिना चाहि ह इन को ठीक ह थोड़ी दर बाद पहल कछ और रचनााहमदयो को भी पि हलया जाय

डॉ (सशरी) शरद हसह

हदलो म रग भर द पयार का हफर इस दरा होली हक मौका द ही द दीदार का हफर इस दरा होली

न हशक़वा हो न कोई हो हगला इक-दसर क सग हमटा द दाग़ हर िक़रार का हफर इस दरा होली

ग़मो को दर सरका द खशी को साथ ल आय

रख माहौल बस इकरार का हफर इस दरा होली

महबबि की हसफाररश हो महबबि की इबादि हो रह तयोहार इक इसरार का हफर इस दरा होली

य होली म सभी क साथ होन का मिा आए

लग हर शख़स जयो पररवार का हफर इस दरा होली

सशीला हशवरार

कहा गए वो चग-डर अपनापन अनराग गीिो की रसाार हबन हकिना सना राग

ढोल-चग की गज पर मन उठिा था झम अब गहलया सनी हई कहा गई वो ाम

मवीिो की टोली नही नही वीवाग क रग बस टीवी म रह गया होली का हड़दग

रग हरिा म छा गए नील-पील-लाल

म हबरहन सखी रही मझको यही मलाल

मोहन अब रगि नही रााा िर गाल कलयग ह द वापर नही दहनया कर सवाल

सग अबीर-गलाल क मला कौन-सा रग लोग कह म बावरी जग स हई हनसग

सावररय क रग-सा हमला न दजा कोय िन लाग जो सावरा हर हदन होली होय

उसन य दखा मझ हई शमद स लाल

हसरि हदल म रह गई मलिी खब गलाल

ामनर कमार lsquoसजजनrsquo

िर भर चिकर जो हमट रग बड़ा बकार साि जनम िक साथ द वही रग िन डार

बदन रगा िो कया हकया मन को रग ल यार

मौका भी दवीिर भी होली का तयोहार

रगो क सग घोलकर कछ टट सवाद ऐसी होली खहलए बरसो आए याद

जाकर य सब स हमलो जस हमलि रग

कवल हपरयजन ही नही दशमन भी हो दग

रग सभी फीक पड़ जब आई मख लाज इन गालो क रग स आओ रग द आज

सख रगो स करो सिरगी ससार

पानी की हर बद को रखो सरहिि यार

फागन न आकर कहा अपन हदल का हाल गोरा मखड़ा ाप का हआ शमद स लाल

रग न हो िो परम भी रग दिा ससार परम न हो िो वयथद ह रगो का अबार

िझको रगन थी चली पीली पीली ाप गोरा िन छकर हई उजली उजली ाप

आखो आखो म चल सार रग गलाल

अपनी होली चल रही य ही सालो साल

ओबामा जी अगर हलकन हिदा होि िो

सजीव हनगम

सबह सबह चचचा अपन घर रपी िोप नली स गोल की िरह जो छट िो सीा हमार घर म आकर रट उनक हाथ म सबह का अखबार था और मह स दनादन ऐस शबद हनकल रह थ हजनह सन कर पहलस वाल भी शहमिदगी महसस करन लग ऐसी िबरदवीि गोलाबारी क सामन पड़ना अपन खद क अहिम सवीकार का इििाम करना जसा ही था इसहलए हम हाथ म सरद रमाल थाम उनक शाहबदक रप स ठडा होन की राह दखन लग थोड़ी दर बाद वह शभ घड़ी भी आ गयी और व उस अकसहशयन की िरह स शाि होकर बठ गए जो घर आय महमान पर भौक भौक कर थक गया हो मन हहममि करक पछा चचचा आप िो ओबामा की िरह स सभय आदमी थ य अचानक ओसामा कस बन गए यह सनि ही चचचा हफर स पाहकवीिानी फौहजयो की िरह स हबना कारर फायररग करन लग बोल नाम मि लो उस ओबामा का मर सामन जब अभी भारि आया था िो कया कया अरमान दख थ मन उसकी और अपनी दोवीिी क यह सोच सोच कर म हकिना खश था हक उस दोबारा यहा दख कर चीन हकिना जल रहा होगा पाहकवीिान हबलख रहा होगा यहा िक हक जब जाि जाि उसन हम हबन मागी सलाह द डाली िब भी मन उस पान क अडड पर खड़ हकसी दोवीि की चहलबािी समझ कर झल हलया था - पर उसन िो वहा जाकर भी - अमा िम अपनी िोि जसी चोच बद रखो य हम दो बड़ी हहवीियो क बीच का मामला ह उसम िम अरर जटली की िरह स बीच म घसन की कोहशश मि करो सषमा वीवराज की िरह स अलग ही रहो हम पिा ह हक उसन वहा जाकर भी हमारी िरफ इस बयान की हपचकारी मारी थी हक भारि म ााहमदक असहहषरिा इिनी बि गई ह हक यहद महातमा गााी हजदा होि िो व आहि होि - लहकन अब िो वहा भी hellip

- हा वही िो hellip बड़ा आया हम जञान दन वाला अब उसक अपन यहा ााहमदक असहहषरिा की ऐसी हरकि हो रही ह िो अब समझा ना अपन लोगो को हम जो जञान हदया था उस कॉपी पवीट करक अपन कपयटर जस दश क होम पज पर डाल न - सही कह रह ह आप पर य सब मझस कहन स कया फायदा - वो िो म भी जानिा ह िम जसा सवीि सट पहनन वाला इन सब बड़ी बड़ी बािो को कया समझगा य िो लाखो रपय का सट पहनन वालो क समझन की बाि ह - िो हफर उनह ही समझाईय न मर घर को कयो राज पथ बना कर 26 जनवरी का शहि परदशदन कर रह ह - हम यहा कोई शहि परदशदन करन नही आय ह बहकक राषर हहि म िमस एक कबादनी मागन क हलए आय ह कही गवीस म इनहोन इवीलाहमक वीटट जसा कोई आिकवादी सगठन न बना हलया हो और उसका पहला हफदायीन मझ ही बनान का न ठान हलया हो यह सोच कर मरी सास डर क मार अपन आप िोर िोर स अनलोम हवलोम करन लगी डरि डरि आवाि हनकली कसी कबादनी चचचा - हम थोड़ी दर क हलए क हलए िमहारा मोबाईल चाहहए - कयो भला - ओबामा स बाि करनी ह और उसस पछना ह हक आज अगर अबराहम हलकन हिदा होि िो व हकिना आहि होि लहकन मरी दशभहि न ही मझ मर मोबाईल क माधयम स अमररका स समबना ख़राब करन स रोक हदया मन मोबाईल म बलस न होन का कारगर बहाना बना हदया चचचा न दवादसा की िरह स अहिशय करोा स मझ घरा और हफर हकसी सचच मोबाईल ाारी दशभि की िलाश म हनकल गए

समीिा परवीर कशवा

रग लगाक ि न जा मझ रग लगाक अपन अग लगाल सावररया रhellip

पवन बसिी ि बनक सग बहा ल अपन हदल म बसा ल सावररया रhellip

फागन न जकफ खोली मदहोशी नभ म घोली

ाानी आकाश हआ ारिी भी उसकी होली

रगो स रग हमल सिरगी फल हखल पखरी लाज खोए

भवरा जो उसप डोल बाह पसार नदी क दोनो हकनार

इकदज को पकार बलम आजा रसावररया रhellip

लरज कपोल लाल सया रग गलाल भावभरा रग घला

िन मन हए सब लाल सजना क सग सखी

ऐस म रग रगी खद स ही परीि हई खद स ही जग हई

परीि लगाक अपनी नीद गवा क सजन सग बन गई म िो बावररया र सावररया रhellip

कावय करन को चल ह हम भरािा सच पछौ िौ हम कछ नही आिा 01

हफर ह हमन बहि िहनक लगाई

झट सो यो एक यहि बझ आई 02

एक शबद ह िाक अनक हवकार इनकौ कीज िजद- बनद वयवहार03

शबद-हवकार प पन-पन करौ परहार

ठोको- ठासौ और नक लउ हनहार 04

जस-जस शबद वीव- पकार सनाव िस-िस कावय पहि बन आव 05

अब िौ भईया हम ह कहव कहाए

मन ही मन यो मवीि मोद मनाए 06

एक हदन जमौ बड़ौ कावय वयापार कहव-कल कौ कछ कह आर न पार07

सब न अपन-अपन जब पाठ हकय

शरगार हावीय वीर रस क ठाट हकय08

अलकारन क अदभि उपयोग हकय वकरोहिन क हवलिर परयोग हकय09

छनदन सौ अनठ स अनबना हकय

चमतकहि क अतयि सपरबना हकय10

हमन ह हहममि अपनी नक न हारी कावय म कावय की यहि कह डारी11

अब हनरदय कौ अवसर जयो आयौ

हमरौ नाम उनन सवद- शरषठ सनायौ12

हलयौ पचन न हम पनः मच बलाय हदयौ टट जिन कौ एक हार हपराय13

िब व बोल मनद-वीवर य मद भाखा

नीच स आपकौ नमबर एक ह आका14

यह सब दखद दशय दखि घर-वारी घर पहचि ही वाकी हवकट सवारी15

बड़ चल हौ िम हनि कहव बनन कौ आयी न नक ह लाज या झठ रन कौ16

बालक भख घर सौ मस ह हफरि ह

टट ह पाि वसतरन क पबनद फटि ह17

मददि स हर बाररस यह छतत चआनी बस अब की बार ह सच फशद प आनी18

कहव-जन एक बाि म कहौ सहवचारी

मानौ न मानौ हौ अब आप अहाकारी19

रोजी-रोटी जब लौ नही हसि जगाड़ी कहव नही कबह कहव ननद अनाड़ी 20

- एन एल चिवदी नगीना उरद lsquoननदrsquo

साहहतयम पर आप लोग जो रसील और चटील वयङयालखो का रसावीवादन करि ह उस का हजममा भाई कमलश पाणडय जी न उठाया हआ ह कहन की आवशयकिा नही हक साहहतयम का कल कामकाज वीवहचछक और अविहनक ह आज क दौर म ऐस साहथयो का हमलना सौभाय ही कहा जायगा वस भी पसा सब कछ खरीद सकिा ह मगर समपदर की भावना नही कमलश जी वीवय भी एक बहिरीन वयङयकार ह कमलश जी क सटायसद की हवशषिा ldquoबारीक़ीrdquo ह आप बड़ ही हनराल अनदाि म पाठक को अपन साथ बहा ल जाि ह आइय कमलश जी क एक रसील और चटील वयङयालख का रसावीवादन करि ह-

फाहयान की हफकमी डायरी कमलश पाणडय

उस रोि फ-ची न बिाया हक भारि-भरमर पर जान स पहल वहा की कछ हफकम

दख ल िो पयादपत मागददशदन हमल सकिा ह फची कहिा ह हरकम हकसी भी समाज का दपदर होिी ह सो इनह दख लो सभव ह भारि जान की आवशयकिा ही न पड़ यही बठ-बठ भारि पर एक वहद रथ हलख सकि हो कल बािार स विदमान काल म बनी डि-दो सौ भारिीय हफकमो की सीडी क जलदवीय सवीकरर ल आया जो प-ईहचग क चोर-बािार म मोमो क एक पलट स भी सवीिी हमल गई आज परािः काल भजन-पजन क उपराि उनक अवलोकन क हलए बठ गया ह य एक नया ही ससार परिीि होिा ह फ-ची ठीक कहिा था हक चीन म फली भारि समबनाी भराहियो पर करद न ारो मझ सही मागददशदन दन वाल फ-ची को साावाद कहि हए अब आरमभ करिा ह एक आठ परहर स हनरिर भारिीय जीवन की इनरानषी छहवया दखि-दखि नि चहाया गए ह और महषिषक िो मानो हनहषकरय ही हो गया ह अभी थोड़ सरा-पान क उपराि जी

हकका हआ िो भारि- जो अब ईहनडया कहलान लगा ह ndash की आकहि कछ-कछ दहषटगोचर होन लगी ह य िो हनहिि ही ह हक इहणडया अतयि समि दश ह हफकम का नायक जो वीवय को आम-आदमी और हनादन मनषय बिािा ह एक बड़ स भवन म रहिा ह हडिाइनर परराान पहनिा ह चमकि वाहन पर यािायाि करिा ह और एक सनदरी स परम करिा ह कभी-कभी सदररयो की सखया एक स अहाक हो सकिी ह पर जब वह नतय रि होिा ह िो सदररया अनि होिी ह हजन ानाढय लोगो स उसकी शििा होिी ह उनक िो कया कहन उनकी जीवन शली चीन क समराट को भी लजा दन वाली ह वस अहाकाश हफकमो म नायक पहलस अहाकारी ह ऐसा परिीि होिा ह हक इहडया म सभी पहलस अहाकारी बनना चाहि ह हजसका कारर यही मालम होिा ह हक उनक घर और ठाट-बाट राजाओ स परहिवीपााद करि दीखि ह इसस िो यही लगिा ह हक इहडया म अब सवदहारा कोई नही बचा दो आम आदमी पर आााररि एक हफकम का अवलोकन करन क बाद इस हनषकषद पर जा पहचा ह हक इहडया क आम-आदमी सर-सपाट क शौकीन होि ह और परायः अपनी परहमका क साथ मनोरम वीथलो पर भरमरशील रहि ह उसकी परहमका वीवय को अतयि हनादन बिािी ह जो उसक अतयकप वसतरो को दख कर िो सतय परिीि होिा ह परनि जब उसक आभषरो और चरर पादका पर दहषट जािी ह िो थोड़ा सदह भी उतपनन होिा ह परायः य लोग कही आकाश स परसाररि होि सगीि पर गायन करन लगि ह िो हर बदलि लय क साथ वसतर वीथल और वाहनाहद बदल दि ह समहि का िब चरमोतकषद हदखिा ह जब य लोग गीि का हर अिरा हकसी अनय दश की भहम पर गाि ह और पलक झपकि ही उनह वहा पहचा दन वाला वाहन कही नही हदखिा हनिय ही वहा का हवजञान अभिपवद परगहि कर चका ह सभव ह वहा हर आम आदमी क पास अपना हनजी वाययान हो िीन आम आदमी की मोहक छहवयो वाल दशयो को दखि जी ही नही भरिा यह भी जञाि हआ हक इहडया एक अतयि सनदर दश ह जहा एक ही वीथल पर समर हहमाचछाहदि पवदि रहगवीिान और झरन ह कई एक वीथल िो ह-ब-ह हवीवटिरलड नामक दश क सामान ह य भी समभव ह हक आम आदमी क भरमर-लाभ हि इहडया म ही कही-कही यरोप-अमरीका आहद महादशो की परहिकहि रच ली गई ह गीिो क दशयो म िो य बाि एक दम हसि हो जािी ह जस ही नायक-नाहयका गायन परारमभ करि ह ढर-सारी सदररया नाचिी-गािी उनकी सगि करन आ जािी ह य भी वसतरो की दहषट स अतयि हनादन लगिी ह परनि हवीथहि पर गौर करन स वीपषट हो जािा ह हक ऐसा नही ह कया समरिट पर सट पहन कर जाया जािा ह या हक राहि-कलबो म बकाद ओि कर इसस य भी वीपषट ह हक इहडया म नाररयो को इचछा-नसार पहनन-ओढन घमन-हफरन नाचन-गान की वीविििा ह चार फची गलि कहिा ह हक इहडया म बहि गरीबी ह उस ऐसा कछ हरकम ही दखकर लगा था उसकी सलाह पर आज ऐसी कछ हरकम दखी इनम टट-फट घरो म कछ हभिक-परकार क पराहरयो का जीवन हदखाया गया था सकषम दहषट डालन पर इन बहवीियो क पीछ खड़ हवशाल महल हदख जाि थ जहा स कछ आम आदमी आकर इन बहवीियो को हगराना चाहि हदखाए गए थ पर उनका उदशय इन झोपहड़यो की जगह महल बना कर पर इहणडया को एकाकार कर दना था समयाभाव म इनका बनाना हदखाया नही जा सका एक राजनिा न बिाया हक गरीबी को परचाररि करन क पीछ हवरोाी राजनीहिक दलो का दषपरचार ह जो मझ सो सतय लगा मझ िो इसम

चीन का हवीि होन की भी समभावना हदखी कयोहक ऎसी एक हफकम म हनादन लोग बार-बार माओ का नाम ल रह थ पाच ऐसा परिीि होिा ह हक इहडया म सभय लोगो की भाषा हहनदी ह य भाषा अरजी क शबदो और वीथानीय भाषा क कारको स बनी ह हबना पि-हलख लोग कई वीथानीय भाषाए बोलि ह परायः लोग कवल अरिी भी बोलि पाए जाि ह पर आम िौर पर अरिी क दो एक वाकयो क बाद हहनदी पर उिर आन की परवहतत ह नाहयकाए और हसतरया अरिी बोलना पसद करिी ह पर जब वो हहनदी बोलिी ह िो भी धवहन अरिी-सी ही आिी ह ऐसा परिीि होिा ह हक उनह भाषा की दीिा मलिः अरिी म हमली ह और हहनदी उनहोन हकसी हहनदी हफकम म काम करन क उददशय स सीखी ह गान अहपि हहनदी म ही गाय जाि ह पर वहा और भी कई भाषाओ का मल हदख पड़िा ह एक गीि िो ऐसा था हजसम बड़-बड़ नगाड़ो की िाल पर पजाबी नामक भाषा म बहि सारी अरिी और थोड़ी हहनदी हमलाई गयी थी ऐस कछ गीिो क रचहयिा कोई lsquoयो योrsquo नामक महाकहव ह जो अपन गीिो म यवाओ को कम महदरा या मादक पदाथो क सवन करन जस सावीकाररक सदश दि रहि ह इन गीिो क भावाथद जो भी हो इसम कनयाओ का नतय अदभि ह- शबदो को समझ हबना ही सभी अथद वीपषट हो जाि ह छह आज दहिर इहडया की कछ हरकम दख कर पिा चला हक इहणडया क इस भखड म परष अहि-शहिशाली और नाररया खब भरी-परी होिी ह नायक िो इिना चपल होिा ह हक चशमा हसगरट या हपवीिौल जस उपकरर पलक झपकि ही अपन शरीर क हवहवा हहवीसो पर अिररि कर लिा ह इस नायक क एक आघाि स खलनायक कई पलो िक वायमडल म गोि खािा ह और कभी-कभी िो आकाश म ही हवलीन हो जािा ह उार नाररया रग-हबरग कलशो और इनरानषी आकहियो क बीच मादक नतय करिी रहिी ह वहा का एक नायक िो सवद-शहिमान ईशवर क समकि ह उसकी शहियो क हवषय म अनक हकवदहिया परचहलि ह जो फ-ची क अनसार रजनी-जोकस नामक रथ म सगहीि ह साि कछ राजनीहिक हरकम दख कर ऐसा परिीि हआ हक इहणडया म सभी निाओ की अपराा करन-करान म गहरी रहच ह परायः समाज म खलनायक निा ही होिा ह य लोग सरा-सदररयो हहथयारो सनदर परासादो और चमकि वाहनो क बीच ही रहना पसद करि ह आवशयकिा पड़न या न पड़न हकसी भी हवीथहि म हकसी की हततया कर दना इनक वाम-हवीि का कमद ह बलातकार हि इनह यो िो सभी हकवीम की नाररया पसद ह पर नायक की बहन या परहमका पर हवशष कपा रखि ह ऐसा लगिा ह हक इनकी हदनचयाद हकसी षडयि स आरमभ होकर हकसी हततया पर समापत होिी ह इनक अगरिक चीनी यि कला म हसिहवीि होि ह और अवसर पाि ही सााारर मानवो पर ईया-ऊआ करि टट पड़ि ह एक राजनिा की कररिा दख कर िो मरा हघघघी नामक अग बा ही गया इहडया म इनही अहिमानवो म स जनपरहिहनहा चनन का परावाान मालम होिा ह चन हलए जान क बाद य परायः शवि वसतर ाारर करि ह और सभाओ म भाषर दि हफरि ह पर अििः अपराा क सभी सि उनस ही जड़ होि ह चनाव एक रोचक अवसर होिा ह जब ढर सार वाहनो म लोग रग हबरगी झहडयो क साथ नारा लगाि घमि ह आठ इहडया का य रग दख कर िो दग रह गया ह एक मदान म लाल पील हार नील िातपयद य की सभी परकार क रगो स सराबोर हिारो मनषय एक साथ नतय कर रह ह सबक

वसतर शवि ह िाहक रगो की छाप गहरी उभर गाज-बाज क साथ एक समह गीि गाया जा रहा ह हजसम गोररयो की चोली पर रग डालन की परररा दी जा रही ह चनररया को हभगोन पर हवशष जोर ह सदररया परषो स जोड़ बना कर मादक नतय कर रही ह रग जो ह उड़ भी रह ह बौछार बन कर बरस रह ह और चहरो पर पोि भी जा रह ह इहडया की इस रगीन छहव को दख कर हपछली सारी छहवया ााली हो गई ह ऐसा परिीि हो रहा ह हक मानो परा दश एक ही रग म रगा ह भल ही वह हिारो रगो म वयि हो रहा हो पिा चला ह हक य एक तयौहार ह हजस होली कहि ह एक हदन पहल इहडया क लोग होहलका जलाि ह हजसम अपनी बराईयो की आहहि डालि ह मन भी आज इहडया की बरी छहव बनान वाली हपछली हफकमो की सीडी एकि कर उनकी होहलका जला दी और उसकी राख इन बरगलान वाली हरकम दखन की सलाह दन वाल फ-ची क मह पर मल आया आज इहणडया की यािा की ियारी परी कर ली ह दो हदनो क पिाि होली ह उस दख हबना इहडया की यािा कस समपरद होगी य ह कमलश पाणडय जी और य ह उन का अनोखा वाला रङग जो मझ बहद पसनद ह इस आहटदकल को चाह िो माि मनोरञजन क हलय भी पिा जा सकिा ह और अगर कोई वयहि समय हनकाल कर इस की थाह को नापना चाह िो नपप भी सकिा ह कमलश भाई जी क एक हमि ह हवनोद हमशर हवनोद जी ररसणटली बरसाना हो कर आय ह हवनोद जी न साहहतयम क हलय बरसान की होली की दो बहि ही सनदर-सनदर िवीवीर भजी ह हवनोद जी का बहि-बहि आभार य ह वह दो िवीवीर -

डा वी क भकला

हजजजा सग होली

लगा कर भोग महावीर को और चिा कर फल बिीसा बड़ भहिभाव स पि रह थ हम िो हनमान चाहलसा महावीर जब नाम सनाव

भि हपचास हनकट नही आव िभी मरी साहलया आ कर बोली खलग हम जीजजा सग होली और मरी हसटटीहपटटी गम होली कािर वीवर म हमन पकारा

ह हनमि अब िरा सहारा सन पकार मरी हनमानजी धयान म आए

और मझस य ररमाए वतस म िो ठहरा बाल बरहमचारी

कस हर म हवपदा िमहारी इस लरड़ म मझ न लाओ

िमहारी घहटया ह िमही बजाओ पड़ा सकट मोचन नाम भी झठा हदखा गए हनमानजी भी अगठा

मरी साहलओ न जी भर की मरी पिाई दिा रहा हाए म दहाई

िभी शरीमिी जी बाहर स आई मझ दखि ही हचलाई

अजी सनि हो जरा बाहर आओ कोई लरगा घर म घस आया ह

उस मार कर बाहर भगाओ ाीर स मन खखारा

अरी भागवान य म ह पहि िमहारा िो शरीमिी जी िनक कर बोली

वाह मर छला बहि भाए हो सबह सबह कहो हकसस

मह काला करवा कर आए हो मन अपनी करर गाथा उस सनाई

िो शरीमिी जी हभननाई और अपनी बहनो को आवाि लगाई

कया मरा ही पहि हमला था मह काला करन क हलए

िो वो बहयाई स बोली दीदी अगली होली म

िम हमार पहियो का मह काला कर दना िमहारा सारा हशकवा हमट जाएगा हहसाब एक दम बरोबर हो जाएगा

हमन कछ वि क हलए बाहर हनकलना बद कर ह

यह सोच कर हक अगर हकसी न पछा हक िमहारा मह हकसन काला हकया

िो कया जवाब दगा

हवजनर शमाद

सरहद स आया नही होली पर कय लाल मा की आख रग स करिी रही सवाल

आखो को भी ह हगला कर हशकायि गाल बरी ख़द आया नही हभजवा हदया गलाल

कौन बजाव फाग प ढोल नगाड़ चग चारो िरर उदाहसया गायब हई उमग

मौक़ा था पर यार न डाला नही गलाल

मरझाय स ही रह मर दोनो गाल

हरि म थ यार सब दशमन भी था दग मन उसक गाल पर लगा हदया जब रग

इििार क रग म गयी बावरी डब होली पर इसबार भी आया ना महबब

और अब ररसहिया जी का एक और ाास सटायर ाास इसहलय हक समझ म नही आ रहा हक इनह खाङरसी कहा जाय हक हफर भीजफी बाला

आजकल बचार कालान की मरन ह कोई भी घपला होिा ह काल ान पर िोहमि लगिी ह बलक मनी की थ-थ होिी ह जस निा चमच क हबना महनि चल क हबना आईपीएल हरहकसग क हबना

अारा लगिा ह वस ही कोई भी घपला काल ान की चचाद क हबना अारा लगिा ह घपला अगर कोई

आाहनक जहटल कहविा ह िो काला ान उसका आम जनिा की समझ म आन वाला सरल अनवाद ह घोटाला यहद कोई अबझ हसिाि ह िो काला ान उसकी सहज टीका ह जस पाहटदया चद क हबना निा लफ़राजी क हबना लखक अपनी उपिा का रोना रोय हबना नही रह पािा वस ही दहनया का कोई भी बड़ा ानाा हबना काल ान क नही पनप सकिा दहनया म हजिन भी मजबि ाना ह चाह वह हहथयार का हो ामद का हो या हरर हशिा का ही कयो न हो सबकी बहनयाद म काल ान की सीमनट लगी ह काला ान न हो िो हवीवस बक रवीस बक होकर रह जाय अपन दश म हपछल बीस सालो म हजतता हवकास हआ ह काला ान उसस कई गना जयादा बिा ह गहरि की भाषा म कह िो हकसी भी आाहनक समाज का हवकास उस समाज म मौजद कालान की मािा का समानपािी होिा ह इस सबक बावजद कालान को लोग इजजि की हनगाह स नही दखि कालाान कमान वाला िक खलआम उसकी आलोचना ही करिा ह राजनीहिजञ चनाव भल काल ान क सहार लड़ लहकन सावदजहनक रप स कालान की ऐसी बराई करि ह जस वामपथी दहिरपहथयो की करि ह अमररकी कयबा की करि ह पाहकवीिान वाल भारि की करि िरह ह अपन परहि दहनया का यह दवदातमक इजजिवाद दखकर बचार कालान क हदल पर कया बीििी होगी दहनया क ाोख को दखकर उसका मन भी हजया खान की िरह लटककर हनपट जान का करिा होगा उसका भी मन करिा होगा हक सरकारी गवाह बन जाय और सबकी पोल खोल द हक कस िमाम लोगो स उसक अिरग सबा रह कस लोगो न उसका सहारा हलया आग बि और सहारा हलया लहकन जब सरलिा क हकवीस सनान की बारी आयी िो शरय अपनी महनि लगन और बहि को हदया कालान क योगदान की सरासर उपिा कर दी यह वसा ही ह हक हकसी दश क इहिहास म राजा राहनयो क हकवीस हलख जाय लहकन महनिकश जनिा की कहानी गोलकर दी जाय लहकन हरर कालाान शायद यह सोचकर चप रह जािा होगा हक अपरााी कोई भी हो लहकन बराई उसी की होनी ह बइजजिी िो उसी की खराब होनी ह इसक बाद शायद वह यह सोचकर चपचाप अपनी करििो म जट जािा होगा हक आजनही िो कल उसको वह इजजि अवशय हमलगी हजसका वह हकदार ह उसको भी खल आम उिनी ही वीवीकायदिा हमलगी हजिनी की आज समाज म जाहिवाद सकीरदिा भाई भिीजावाद भायवाद और काहहली को हमली ह काला ान सोचिा होगा- जस बाहकयो क हदन बहर कया पिा वस ही उसक भी बहर

और साहथयो चलि-चलि अपनी जड़ो की ओर - बरहमलीन सनि कहव हशवदीन राम (जोशी) की सनि-वारी आप ही क आधयाहतमक हशषय आदररीय शरी हकशोर पारीक [खणडला] जी क सौजनय स

गोकल व बरसान की नार बजाय-बजाय बजा रही िारी अर वनदावन की बनी व बनी बनक ठनक अरी द रही गारी

शयाम को शयामा सजाय सजी अहो और गलाल लगावि पयारी हशवदीन व जोरी स जोरी हमलीबरज खलि होरी ह बाक हबहारी

मगल समगल सदा ही आननद रह नदलाल

ि गलाल डार दख सखी आ रही राा मिवाली आली चाली रग डारन को

गोहपया हनराली गाली शयाम को सना रही सन-सन क शयामलाल सग-सग गवाल बाल

बाजि मदग िाल राा जी गा रही कहिा हशवदीन लाल ऐसी गलाल उड़ी

बादर बन लाल लाली चह ओर छा रही

बरज वनदावन ााम रग स रगा रगीला हरा मोहिया लाल रग ह पयारा पीला

ाम ााम स खल खल रह होरी दखो शयामा शयाम सजान और सग गोरी दखो

चह ओर हपचकाररया रग-रग की ाार हशवदीन सरस रस रहसक जन पीव करर-करर पयार

राम गर गायर

भारि की लोक समपदा फागन की फाग - आचायद सजीव वमाद सहलल भारि हवहवावरी लोक सवीकहि स सपनन- समि परमपराओ का दश ह इन परमपराओ म स एक लोकगीिो की ह ऋि पररविदन पर उतसवामी भारिीय जन-

मानस गायन-वादन और निदन की हिवरी परवाहहि कर आनहदि होि ह फागन वषािि िथा चि वषादरमभ क साथ-साथ फसलो क पकन क समय क सचक भी ह दहिरायनी सयद जस ही मकर राहश म परवश कर उततरायरी होि ह इस महादवीप म हदन की लमबाई और िापमान दोनो की वहि होन की लोकमानयिा ह सयद पजन गड़-हिल स हनहमदि पकवाननो का सवन और पिगबाजी क माधयम स गगनचमबी लोकानद की अहभवयहि सवदि दखी जा सकिी हमकर सकराहि हखचड़ी बसाखी पोगल आहद हवहवा नामो स यह लोकपवद सकल दश म मनाया जािा ह पवदराज होली स ही मधयोततर भारि म फागो की बयार बहन लगिी ह बदलखड म फाग बजभहम म नटनागर की लीलाए हचहिि करि रहसया और बााई गीि अवा म राम-हसया की जगल जोड़ी की होली-करीड़ा जन सामानय स लकर हवहशषट जनो िक को रसानद म आपादमवीिक डबा दि ह राम अवा स हनकाकर बदली माटी पर अपनी लीलाओ को हववीिार दि हए लमब समय िक हवचरि रह इसहलए बदली मानस उनस एकाकार होकर हर पवद-तयौहार पर ही नही हर हदन उनह याद कर जय राम जी की कहिा ह कषर का नागो स सघषद और पाडवो का अजञािवास नमददाचली बनदल भहम पर हआ गौरा-बौरा िो बदलखड क अपन ह हशवजा हशवातमजा हशवसिा हशवहपरया हशव वीवदोभवा आहद सजञाओ स समबोहाि आननददाहयनी नमददा िट पर बमबहलयो क साथ-साथ हशव-हशवा की लीलाओ स यि फाग गयी जाना वीवाभाहवक ह बदली फागो क एकछि समराट ह लोककहव ईसरी ईसरी न अपनी परहमका रजउ को अपन कहितव म अमर कर हदया ईसरी न फागो की एक हवहशषट शली चौघहड़या फाग को जनम हदया हम अपनी फाग चचाद चौघहड़या फागो स ही आरमभ करि ह ईसरी न अपनी पराकि परहिभा स रामीर मानव मन क उचवासो को सर-िाल क साथ समहनवि कर उपहिि और अनचीनही लोक भावनाओ को इन फागो म हपरोया ह रसराज शर गार क सयोग और हवयोग दोनो पि इन फागो म अदभि माायद क साथ वहरदि ह सदयवीनािा यविी की कशराहश पर मा ईसरी गा उठि ह ईसरी रााा जी क कानो म झल रह िरकला को उन दो िारो की िरह बिाि ह जो रााा जी क मख चनर क सौदयद क आग फीक फड़ गए ह कानन डल राहाका जी क लग िरकला नीक आनदकद चद क ऊपर िो िारागर फीक ईसरी की आराधया राहाका जी सदरी होन क साथ-साथ दीनो-दहखयो क दखहिाद भी ह मय बल राि राहाका जी को कर आसरा की कौ दीनदयाल दीन दःख दखन हजनको मख ह नीकौ पहटया कौन सगर न पारी लगी दहिन पयारी रचक घटी-बड़ी ह नया सास कसी ढारी िन रई आन सीस क ऊपर शयाम घटा सी कारी ईसर परार खान ज पहटया जब स िकी उघारी

कहव पछिा ह हक नाहयका की मोहक चोहटया हकस सघड़ न बनायी ह चोहटया जरा भी छोटी-बड़ी नही ह और आिी-जािी सासो की िरह हहल-डल रही ह व नाहयका क शीश क ऊपर शयामल मघो की िरह छाई ह ईसरी न जब स इस अनावतत कशराहश की सनदरिा को दखा ह उनकी जान हनकली जा रही ह ईसर की नाहयका ननो स िलवार चलािी ह दोई ननन की िरवार पयारी हफर उबार अलपान गजरान हसरोही सलमान झख मार ऐच बार मयान घघट की द काजर की ाार ईसर शयाम बरकि रहहयो अहायार उहजयार िलवार का वार िो हनकट स ही हकया जा सकिा ह नायक दर हो िो कया हकया जाए कया नाहयका उस य ही जान दगी यह िो हो ही नही सकिा नाहयका हनगाहो को बरछी स भी अहाक पन िीर बनाकर नायक का हरदय भदिी ह छट नन-बार इन खोरन हिरछी भौह मरोरन नोकदार बरछी स पन चलि करज फोरन नायक बचारा बचिा हफर रहा ह पर नाहयका उस जान दन क मड म नही ह िलवार और िीर क बाद वह अपनी काहिल हनगाहो को हपवीिौल बना लिी ह अहखया हपवीिौल सी करक मारन चाि समर क गोली बाज दरद की दार गज कर दि निर क इिन पर भी ईसरी जान हथली पर लकर नवयौवना नाहयका का गबखान करि नही अघाि जबना कड़ आय कर गहलया बला कसी कहलया ना हम दख जमि जमी म ना माली की बहगया सोन कस िबक चि ह बरछी कसी भहलया ईसर हाथ सभार ाररयो फटट न जाव गहदया लोक ईसरी की फाग-रचना क मल म उनकी परहमका रजऊ को मानिी ह रजऊ न हजस हदन गारो क साथ गल म काली काच की गररयो की लहड़यो स बन ४ छटा और हबचौली काच क मोहियो का हिदान जसा आभषर और चोली पहहनी उसक रप को दखकर दीवाना होकर हार झलन लगा ईसरी कहि ह हक रजऊ क सौदयद पर मा हए हबना कोई नही रह सकिा हजयना रजऊ न पनो गारो हरनी हजया हबरानो छटा चार हबचौली पर भर हफर गरदानो

जबनन ऊपर चोली पर लटक हार हदवानो ईसर कान बटकन नइया दख लव चह जवानो ईसरी को रजऊ की हरन (हचिवन) और हसन (हसी) नही भलिी हवशाल यौवन मिवाली चाल इकहरी पिली कमर बार की िरह िानी भौह हिरछी निर भलाय नही भलिी व निर क बार स मरन िक को ियार ह इसी बहान रजऊ एक बार उनकी ओर दख िो ल ऐसा समपदर ईसरी क अलावा और कौन कर सकिा ह हमख़ा हबसरि नही हबसारी हरन-हसन िमारी जबन हवशाल चाल मिवारी पिरी कमर इकारी भौह कमान बान स िान निर हिरीछी मारी ईसर कान हमारी कोदी िनक हर लो पयारी ईसरी क हलय रजऊ ही सवदवीव ह उनका जीवन-मरर सब कछ रजऊ ही ह व परभ-वीमरर की ही िरह रजऊ का नाम जपि हए मरन की कामना करि ह इसहलए कछ हवदवान रजऊ की सासाररक परहमका नही आदया माि शहि को उनक दवारा हदया गया समबोान मानि ह जौ जी रजऊ रजऊ क लान का काऊ स कान जौलो रहन रहि हजदगी रजऊ क हि कमान पला भोजन कर रजौआ पाछ क मोय खान रजऊ रजऊ कौ नाम ईसरी लि-लि मर जान ईसरी रहचि सहसतरो फाग चार कहड़यो (पहियो) म बाी होन क कारन चौकहड़या फाग कही जािी ह इनम सौदयद को पान क साथ-साथ पजन और उसक परहि मन-परार स समहपदि होन क आधयातमजहनि भावो की सहलला परवाहहि ह रचना हवाान य फाग ४ पहियो म हनबि ह हर पहि म २ चरर ह हवषम चरर (१ ३ ५ ७ ) म १६ िथा सम चरर (२ ४ ६ ८) म १२ मािाए ह चरराि म परायः गर मािाए ह हकनि कही-कही २ लघ मािाए भी हमलिी ह य फाग छद परभाकर क अनसार महाभागवि जािीय नर र छद म हनबि ह इस छद म खड़ी हहदी म रचनाए मर पिन म अब िक नही आयी ह ईसरी की एक फाग का खड़ी हहदी म रपािरर दहखए हकस चिरा न छोटी गथी लगिी बहद पयारी हकहचि छोटी-बड़ी न उठ-हगर रही सास सम नयारी मकट समान शीश पर शोहभि कषर मघ सी कारी हलय ल रही जान कश-छहव जब स हदखी उघारी नर र छद म एक चिषपदी दहखए

बाि बनाई हकसन कसी कौन हनभाय वाद सब सच समझ रही ह जनिा कहा फदकि पयाद राजा कौन विीर कौन हकसक बद-नक इराद हजसको चाह सहलल हजिा मि चाह उस हरा द बनदली लोकरग की सािी ईसरी की फाग सजीव बदलखड क महानिम लोककहव ईसरी क कावय म लोकजीवन क सावीकहिक साहहहतयक सामाहजक पि परी जीवनििा और रचनातमकिा क साथ उदघाहटि हए ह ईसरी का वहशषटय यह ह हक व िथाकहथि सभराििा या पाहडतय स कय भाषा शली आहद उाार नही लि व दशज रामीर लोक मकयो और परमपराओ को इिनी वीवाभाहवकिा परगाििा और अपनतव स अहकि करि ह हक उसक सममख हशषटिा-शालीनिा ओिहि सजदनाारा हवपनन परिीि होन लगिी ह उनका साहहतय पवीिकाकार रप म नही शरहि परपरा म सन-गाकर सहदयो िक जीहवि रखा गया बदलखड क जन-मन समराट महान लोककहव ईसरी की फाग गय परपरा क कारर लोक-वीमहि और लोक-मख म जीहवि रही सकलनकिाद कवर शरी दगद हसह न १९३१ स १९४१ क मधय इनका सकलन हकया शरी इलाशकर गहा न ाौराद राम (जहा ईसरी लमब समय रह थ) हनवाहसयो स सनकर फागो का सकलन हकया अपिाकि कम परचहलि हनमन फागो म ईसरी क नसहगदक कारहयिी परहिभा क साथ-साथ बनदली लोक परपरा हावीया एव शरीनगरहपरयिा क भी दशदन होि ह कषर-भि ईसरी वनदावन की माटी का महातमय कहि हए उस दविाओ क हलए भी दलदभ बिाि ह अपनी कवीन जीभ स चाटी वनदावन की माटी दरलभ भई हमली ना उनखो दई दविन डाटी हमल ना सकी अनकन हार पाव की पररपाटी पायो वीवाग काह न नइया मीठी ह की खाटी बाही रज बजबाहसन lsquoईसरrsquo हहसदारी म बाटी कदम कञज म खड़ कनहया राहगीरो को रावीिा भला दि ह इसहलए पहथक जमना की राह ही भल गय ह अथादि जमना स नही जाि हकसी को भला कर मजा लन की लोकरीि को ईसरी अचछा नही मानि और कषर को सलाह दि ह हक हकसी स अहाक हसी अचछी नही होिी आली मनमोहन क मार जमना गल हबसार जब दखो जब खडो कञज म गह कदम की डार जो कोउ भल जाि ह रवीिा बरबस आन हबगार जादा हसी नही काऊ स जा ना रीि हमार

lsquoईसरrsquo कौन चाल अब चहलए ज िौ परी पार राि भर घर स बाहर रह कषर को अपनी सफाई म कछ कहन का अवसर हमल हबना lsquoछहलयाrsquo का हखिाब दना ईसरी क ही बस की बाि ह ओइ घर जाब मरहलयाबार जहा राि रय पयार हर बाट मनइया बठी कर नन रिनार अब िौ कौनऊ काम िमारो नइया भवन हमार lsquoईसरrsquo कषर नद क छौना िम छहलया बजबार फगआ हो और रााा न खल यह कस हो सकिा ह कषर सर ह िो रााा सवा सर दोनो की लीलाओ का सजीव वरदन करि ह ईसरी मानो सािाि दख रह हो रााा न कषर की लकटी-कमररया छीन ली िो कषर न रााा क हसर स सारी खीच ली इिना ही हो िो गनीमि होली की मवीिी चरम पर हई िो रााा नटनागर बन गयी और कषर को नारी बना हदया खल फाग राहाका पयारी बज खोरन हगराारी इन भर बाह बास को टारो उन मारो हपचकारी इनन छीनी लकहट मरहलया उन छीनी हसर सारी ब िो आय नद क लाला ज बषभान दलारी अपन बनी नटनागर lsquoईसरrsquo उन बनाओ नारी अटारी क सीिी चिि घघर हनशबद हो गए फलो की सज पर बनवारी की नीद लग गयी रााा क आि ही यशोदा क अनाड़ी बट की बीन (बासरी) चोरी हो गयी कसी सहज-सरस ककपना ह चोरी गइ बीन हबहारी की जसदा क लाल अनारी की जाहमन अमल जगल क भीिर आवन भइ रााा पयारी की नपर सबद सनाक हखच रय हछहड़या चड़ि अटारी की बड़ी गलाम सज फलन की लग गइ नीद मरारी की काि lsquoईसरीrsquo घोरा प स उठा लई बनवारी की कषर रााा और गोहपयो क चगल म फस गय ह गोहपयो न अपन मनभावन कषर को पकड़कर सतरी बनान का उपकरम करन म कोई कसर नही छोड़ी कषर की बनमाला और मरली छीनकर हसर पर साड़ी उिा दी गयी रााा न उनह सभी आभषरो स सजाकर कमर म लहगा पहना हदया और सहखयो क सग फागन मनान म लीन हो गयी ह शर गार और हावीय का ऐसा जीवि शबद हचि ईसरी ही खीच सकि ह पकर गोहपन क मनभावन लागी नार बनावन छीन लई बनमाल मरहलया सारी सीस उड़ावन

सकल अभषन सज राहाका कहट लहगा पहरावन नारी भस बना क lsquoईसरrsquo फगआ लगी मगावन ईसरी परहमका स हनवदन करा रह ह हक वह अपन िीख नयनो का वार न कर हजरह-बखिर कछ न कर सक ग और दख ही दखि नयन-बार हदल क पार हो जायगा हकसी गरी वदय की औषहा भी काम नही आएगी ईसरी क दवाई िो हपरयिमा का दशदन ही ह पररय की ऐसी परगाि रसहसि अहभवयहि अपनी हमसाल आप ह नना ना मारो लग जह मरम पार हो जह बखिर हझलम कहा का लह ढाल पार कर जह औषद मर एक ना लहगह बद गनी का कह कहि lsquoईसरीrsquo सन लो पयारी दरस दबाई दह हनमन फाग म ईसरी नयनो की कथा कहि ह जो परदशी स लगकर हबगड़ गय बबादद हो गय ह य नयना अा हसपाही ह जो कभी लड़कर नही हार इनको बहि नाि स काजल की रखा भर-भरकर पाला ह हकनि य खो गए और इनस बहि आसओ स नयी की नयी सारी भीग गयी ह कसी माहमदक अहभवयहि ह नना परदसी स लग क भय बरबाद हबगरक नना मोर सर हसपाही कबऊ ना हार लरक ज नना बार स पाल काजर रख भरक lsquoईसरrsquo भीज गई नई सारी खोवन असआ ढरक शरगार क हवरह पि का परहिहनहातव करिी यह फाग ईसरी और उनकी परहमका रजऊ क हबछड़न की वयथा-कथा कहिी ह हबछरी सारस कसी जोरी रजो हमारी िोरी सङगसङग रह हनहस-बासर गर हलपटिी सोरी सो हो गई सपन की बाि अन हस बोल कोरी कछ हदनन को हिया अबादो हम बिा दो गोरी जबलो लागी रह lsquoईसरीrsquo आसा जी की मोरी ईसरी की य फाग शर गार क हमलन-हवरह पिो का हचिर करन क साथ-साथ हावीय क उदातत पि को भी सामन लािी ह इनम हसी-मजाक हसना-बोलना सभी कछ ह हकनि मयादहदि कही भी अशलीलिा का लश माि भी नही ह ईसरी की य फाग २८ मािी नरनर छद म रहचि ह इनम १६-१२ पर यहि का ईसरी न परी िरह पालन हकया ह सम चररानि म गर की अहाकिा ह हकनि २ लघ भी परापय ह इक फाग म ४ ५ या ६ िक पहिया हमलिी ह एक फाग की सभी पहियो म सम चररानि समान ह जबहक हवषम चररानि म लघ-गर का कोई बान नही ह

हम न गर हवीन और ख़शब ही को िोला होिा हफर िो हर पड़ गलाबो स भी हकका होिा उदाहरर क रप म समझा जाय िो एक मिदबा य भी समझा जा सकिा ह हक परमपराए हमशा पड़ या हफर पौा की िरह होिी ह और उन पर लगन वाल फल और उन फलो की ख़शबए आाहनक हवचाराारा समान यहद हम आाहनक हवचारााराओ ही को सबकछ समझ बठ ग िो य फल और ख़शबए कया आसमान स टपक ग समझन वाल इशारो को बहि जकद समझग बाय द टाइम आप इस अङक को पि रह हो ममहकन ह दहनया का एक बड़ा हहवीसा आप को होली की बराइया हगना रहा हो हम इिना ही हनवदन कर ग हक ldquoसपrdquo की िरह-िरह सार-सार को गह और थोथ को उड़ा फ क नीर-िीर-हववक हम सब की ामहनयो म यगो-यगो स परवाहमान ह अपन हववक का सदपयोग करि हय अचछी बािो को आग बिाए हमठाइयो क कारोबाररयो दवारा परोस जा रह अशि माल स परहि करि वक़ि याद रह हक कडबरी भी कोई अमि नही ह हर गली क नककड़ पर रङग हपचकारी वग़रह बचन वाल हमार कटीर उदयोग क खवनहार ह आप सभी को सपररवार होली की शभ-कामनाए

खहशयो का वीवागि कर हर आगन हर दवार| कछ ऐसा हो इस बरस होली का तयौहार||

होली हवषयक और भी सामरी मसलन छद ग़िल हजल नज़म कहविा गीि-नवगीि रहसया आलख कहानी कथा वग़रह पिन क हलय यहा हकलक कर

Page 8: Saahityam dec14 jan feb 15

निर बचाककस उसनदा म गोली घोली ह खददर पहन क निाओ न दश म खली होली ह

सिीश भाई क बलॉग पर जाए िो आप को हलखा हमलगा हक ldquoमा की दवा को चोरी करि बचच की वदना हलखगाrdquo एक अलग ही सोच वाल सिीश भाई हठामी रचनाकार ह बनान इनह वीवीकायद नही और भया होली हवशषाङक भी बनानो को उिनी िवज़िोह दना भी नही चाहिा होली ह िो बस होली क रङगो का मिा लि ह बस आइय पहल कछ कावय कहियो को पिि ह और हफर एक सटायर

इवीमि िदी ndash हशरा किगावी

ह होली रगो का तयोहार य रग बाट ह सब म पयार

न इन म दवष घोलना

य सदर भावो का सचार ह इक दज की य मनहार

न इन म दवष घोलना

ह होली नररि स इकार हदलो क बीच न हो वयापार

न इन म दवष घोलना

ह हपचकारी वो परम की ाार हगरा द नररि की दीवार

न इन म दवष घोलना

ह इन रगो क अथद हिार नही ह कवल य बौछार

न इन म दवष घोल

अनपमा हिपाठी

फागन की ऋि घर आई

परकहि गाय माविी

और बहार राग हर स ऐसा हछटका

फाग क अनराग का पराग

हदय छद हए वीवचछद मद मद महआ की गा

िोड़िी मन िटबा

हनशा रागवनिी हदवस परागवि अलमवीि मामास दख

वहनिा लाजवि

पलाश मन रग रगा पषप पखहड़यो स रगोली सजाई

हककी-फलकी बािो म स हावीय को िाड़ कर और हफर उस बग़र भौड़ा हय पाठको को गदगदान क हलय इवीिमाल करन क उपकरम ही को वयङय कहि ह भाई आलोक पराहरक ऐस ही वयङयकार ह जो हक बड़ी ही आसानी स पाठको क पट म गलगली मचा दि ह और कही-कही हम सोचन क हलय मिबर भी कर दि ह आइय उन क एक वयङयालख का आननद लि ह

होली क पासवडद - आलोक पराहरक

हजर वो वि गया जब शबद की वडद की कीमि होिी थी अब िो कीमि पासवडद की ह साफटवयर कारोबारी भी हनकल हलय ह नय ाा करन क हलए सो नयी कहानी सामन आयी गोहपयो स कहा गया हक इार मीहडया बहि माकट फर डली हो हलया ह आपक होली डास की फटज ल जािा ह फोकटी म और टीवी पर हदखा हदखाकर उनस इहशिहार वसलिा ह

करोड़ो म आप अपन होली डास को पासवडद परोटकटड कर लो जी होली डास का पासवडद दन क हम हसफद लाखो लग और मीहडया को वो पासवडद बिान क िम करोड़ो वसलना पर िब िो हमार वाल बाल भी हमार साथ डास ना कर पायग-गोहपयो न आशका जिायी नो पराबलम हम िमह पासवडद दग िम हजस चाहोगी उस य पासवडद द दना वह िमहार साफटवयर म इस फीड करगा और िम डास शर कर दोगी-टकनीकल एकसपटद न बिाया पर अगर हम पासवडद भल गय िो-सरल गोहपयो न सहज आशका रखी िो िम हमार कवीटमर कयर पर फोन कर लना दसरा पासवडद हमल जायगा टमसद एड कडीशनस एपलाई यानी पचास हजार रपय आपको दन होग पचास हजार रपय दन वाली बाि बहि ाीम स कही गयी गोहपया ियार हो गयी लाखो दकर पासवडद खरीद हलय करोड़ो कमान की उममीद म साफटवयर वाल हनकल हलय जाकर गोहपयो क पासवडद बिा हदय अमररकनो और उनस कहा हक आप इन पासवडो क सहार गोहपयो क साथ डास कर उनकी शहटग कर हफर उनह महग अमररकन चनलो पर हदखाय अमररकनो को पासवडद बिान क करोड़ो डालर वसलसाफटवयर वालो न होली क आसपास सीन य हआ हक बरजमडल म हसफद अमररकन गर गोहपयो क साथ डास कर रह थ गोहपया अहनचछक थी पर चहक उनक साफटवयर स अमररकनो का पासवडद मच कर गया था इसहलए वो खद ब खद डास कर रही थी और हआ य था हक गोहपया अपन पासवडद खद भल गयी थी गोहपयो न कवीटमर कयर सटर पर फोन कहा िो सीन य हआ- हलो म गोपी नबर वन बोल रही ह कया मरी बाि कवीटमर कयर एकजीकयहटव स हो सकिी ह जी कवीटमर कयर पर सपकद करन क हलए ानयवाद आपका हदन शभ हो आप अपनी जनमहिहथ बिाय जी जनमहिहथ िो मझ याद नही ह अर िो आप अपना पन काडद नबर बिाय

जी पन काडद िो मर पास ह ही नही ओक हफर िो आप को हमार नजदीकी दफिर म जाकर एक फामद भरना होगा िब आपको नया पासवडद कररयर स भजा जायगा पर जब िक य सब होगा होली हनकल जायगी मरी कमाई क सार चास खतम हो लग दहखय म िो आपको परोसीजर बिा रही ह होली हनकलगी या दीवाली हनकलगी य मझ नही पिा ओफफो जब आपक एकजीकयहटव पासवडद बचन आय थ िब िो बहि ही िमीज स बाि कर रह थ आप िो बहि बदिमीजी स बाि कर रही ह दहखय िमीज का सारा कोटा हम राहक बनान म खचद कर दि ह उसक बाद हमार पास हसफद बदिमीजी ही बचिी ह म आपको परोसीजर बिा चकी ह आप उस फालो कर ओफफो डास िो होली पर करना ह उसक बाद डास कयो करना दहखय अब िो डास साल भर चलिा रहिा ह कोई ना कोई फकशन होिा ह उसम डास कर सकिी ह हमारी सहयोगी कपनी िमाम शाहदयो म रौनक लगान क हलए अचछ डासर सपलाई करिी ह आप उस कपनी म अपना रहजवीरशन करा द पर साल आपको डास क आफर हमलि रहग ओफफो आप बाि नही समझ रही ह हम िो होली क मवीिी वाला डास करि ह हनमदल सहज आनद क हलए दहखय हनमदल सहज जस शबद जो आप बोल रही ह य िो अचछ नाम ह हनमदल नाम स घी या मकखन बचा जा सकिा ह कोई सि इस पर अपना कारोबार पहल ही चला गय ह सहज हकसी योग का बराड हो सकिा ह आप चाह िो य नाम रहजवीटर करा सकिी ह इस सबा म आप हमारी सहयोगी कपनी स मदद ल सकिी ह वह बहि सवीि भावो म आपको सहवदस द दगी ओफफो आप िो मझ कछ ना कछ बचन पर आमादा ह आप मरी पराबलम को साकव कीहजय ना चहलय मरी अपन हकसी सीहनयर कवीटमर कयर एकजीकयहटव स बाि कराइय दहखय िमा कर अभी हमार सार कवीटमर कयर आफीसर हकसी ना हकसी गोपी स बाि करन म हबजी ह आप राि को दो बज काल कीहजय िब वो फरी होग ओफफो राि को दो बज काल करन को कौन जगगा दहखय वो आपकी समवीया ह हमारी नही आपका हदन शभ हो और राि भी

इस होहलका कथा स हम य हशिा हमलिी ह हक कवीटमर कयर हडपाटदमट कवीटमर की कयर क हलए नही कपनी की कमाई की कयर करन भर क हलए होिा ह हम म स अहाकानश लोग पहरदमा वमदन जी क परककप lsquoअनभहिrsquo क बार म जानि होग ककपना जी उस परककप का एक महतवपरद हकरदार ह अनभहि को अनभहि हजस टीम न बनाया उस म ककपना जी का भी शमार होिा ह म इन स बस एक ही बार इन क खारघर हवीथि आवास पर हमला ह शायद एक दो बार फोन पर बाि हई हो वीवावीय को लगभग माि द चकी आदररीया ककपना जी साहहतय-सवा क हलय सदव ितपर रहिी ह साहहतय की हवहवा हवााओ म रचनातमक परयास करना इन का हपरय शगल ह आप क िप को नमन

ककपना रामानी

ऐ हवा रगो नहाओ आ गया फागन ाम मौसम की मचाओ आ गया फागन

दश स रठी हई ह राि पनम की

चाद को जाकर मनाओ आ गया फागन

वन चमन क फल आिर दख लो हकिन नह नयौिा दक आओ आ गया फागन

हफर रह ह मन-महदि सब बाल बहगया म झलना उनका झलाओ आ गया फागन

साज ह सरगम भी ह ियार ह घघर

िम सखी शभ गीि गाओ आ गया फागन

खग हवहग-व दो क जाकर कान म कह दो मोर कोयल को जगाओ आ गया फागन

िान हपचकारी खड़ी ह दवार पर होली परम की गगा बहाओ आ गया फागन

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फगनाहट स जाग उठी ह जग म होली

रग पलाशो स लकर जन

हए रगील साथ फब रह लाल हर

कसररया पील सख को मह हचिा रह रग

गील हसकर भग चिा पकवान हो गए

और रसील

हपचकारी पर हफदा हो रही कोरी चोली

फगनाहट स जाग उठी ह जग म होली

मौसम बदला नमद हवा न पाव पसार

खार जल क िाल हो गए मीठ सार

चस-चस कर आम कोहकला सर म कहकी

आए हमलन गल िमी स चाद हसिार

हररयारो स होड़ ल रह

ढम-ढम ढोली फगनाहट स जाग उठी ह

जग म होली

शहरो म डीज गावो म बजिी पजन

दश हो हक परदसपवद की

एक वही ान खिो म सरसो हखलिी

उदयानो कहलया कर कर म रस भर दिा

सखदाई फागन

आिा सग ामाल शगन की भरकर झोली

फगनाहट स जाग उठी ह जग म होली

------------ सार छद

रग हदवस फागन क

छनन पकया छनन पकया उड़ रग क बादल पीि गलाबी लाल हआ ह वसारा का आचल

छनन पकया छनन पकया यह ऋि सबको भाई भवरो की मनहार दखकर कली-कली इिराई

छनन पकया छनन पकया गमी घटाए िम की दख रही ह जलिी होली जाग राि पनम की

छनन पकया छनन पकया वन पलाश हफर दहक

रग सनहरा दख गगन म उड़ि पाखी बहक

छनन पकया छनन पकया हफर आम बौराया मोर कोहकला न बागो को सर म गीि सनाया

छनन पकया छनन पकया दखा दशय हवहगम

हपचकारी भर खग-मग लाए रग घोलकर अनपम

छनन पकया छनन पकया हई खब हखलवाई जब सहखयो न भग हमलाकर ठडई घोट हपलाई

छनन पकया छनन पकया गाए गीि शगन क

बार-बार जीवन म आए रग हदवस फागन क

अनिजादल पर lsquoछनन-पकयाrsquo को हमलोगो क बीच समभवि भाई योगराज परभाकर जी ल कर आय रामीर अञचल का साहननधय हजन लोगो को नसीब हआ हो वह जानि होग हक lsquoछनन पकयाrsquo या इस िरह क अनय िहकया कलामो क साथ हमार लोक-साहहतय म अपररहमि रचनाए हई ह और उन म स लगभग 99 अब लपत भी हो चली ह हम जसो को बावला कहन वालो का हम इसहलय बरा नही मानि चहक इस िरह की बािो को विदमान समय नोवीटाहकजया क नाम स जानिा ह याद आिा ह हम लोगो क बचपन म हवजञापन वाल हम बिाि थ हक नमक स दािन करन पर दाि ख़राब हो जाि ह और वही हवजञापन वाल अब हमार बचचो स पछ रह ह हक आप क टट-पवीट म नमक ह हक नही याहन आहख़रकार य लोग हमारी भोर को ख़चो क साथ शर करन म सफल हो ही गय ख़र समय न कब हकस की सनी ह जो हम लोगो ही की सनगा चहलय अब उस फरसहिया जी क सटायर स लतरनदोि हआ जाय -

ldquoएक रसबहकय की डायरीrdquo ndash अनप शकल उरद ररसहिया आजकल रसबक का जमाना ह लोग कछ भी करि ह उसका वीटटस FB पर डालि ह समोसा खा रह ह बोर हो रह ह अचछा लग रहा ह झझला रह ह बलॉकअनफ़र ड

कर हदया ऐसा रील कर रह ह वसा महसस हो रहा ह कछ हो रहा ह कछ-कछ हो रहा ह कछ भी हकया जाय अगर उसको रसबक पर न डाला जाय िो लगिा ह वो काम हआ ही नही रसबक वीटटस हबन सब सन हालाहक रसबक पर लोग सब कछ कह लि ह लहकन हरर भी बहि कछ रह जािा ह हजस शरारि क मार लोग साझा नही करि ऐस लोग अपन मन क भाव अपनी डायरी म हलखि ह ऐसी ही कछ डायररया हाथ लगी उनको दखकर लगा हक हकिना कछ छट जािा ह रसबक आन स उन डायररयो म स कछ क अश यहा परवीिि ह 1आज हरर उसन अपनी परोराइल हपक बदली बवकर को पिा नही हक परोराइल बदलन स शकल नही बदल जािी मन नही था लहकन लाइक करनी पड़ी हगकटी रील हो रहा ह रसबक क चलि हकतता झठ बोलना पड़िा ह 2उसन नयी रोटो लगायी ह हवा म उड़ि हय बाल दखकर मन हकया हक हलख- य बाल नही िर सर स बची-खची अकल हनकलकर बाहर भाग रही ह लहकन हरर हलखा नही उसको य खशरहमी हो जािी हक उसक पास भी अकल ह हकसी को कयो ाोख म रखना आख मदकर फोटो लाइक कर हदया

3उसन आज हकसी को बलॉक करन की उदघोषरा नही की मन हकया पछ हक िहबयि िो ठीक ह लहकन हरर नही पछा हकसी क पसदनल मटर म कया दखल दना हजतती दर म कमट हलखग उतत म दस ठो लाइक कर लग 4हपछल दस हदन स एक ही आईडी स रसबहकग करि-करि बोर हो रह ह खराब लग रहा ह सोचा था आज पकका नई आईडी बनायग लहकन नही बनाई य कया हो रहा मझ गगहलग करना पड़गी हक ऐसी मनहवीथहि को कया कहि ह कछ इमपरहसव कहि होग िो उसको अपना वीटटस बना लग - रीहलग हडटरमाइनड 5बलॉग दख रही ह आजकल वो मई उसका वीटटस सबस पहल लाइक करिी ह घोटाल क पीछ CAG की िरह उसक वीटटस स हचपकी रहिी ह पछना पड़गा उसस चककर कया ह आजकल चट भी नही करिा लगिा ह नई आईडी स चट करनी पड़गी य भी औरो की ही िरह ह 6आज उसन हरर कतत क साथ अपना रोट लगाया ह मन िो हकया मनका गााी को हलख द हक दहखय आपक रहि जानवरो क साथ हकतता िो अनयाय हो रहा ह लहकन हरर छोड़ हदया कमट हकया - (कतत का) रोटो बहि अचछा लग रहा ह बरकट क अदर वाली बाि मन म कही ही ही ही ही smile emoticon smile emoticon smile emoticon

7आजकल हजस दखो कहविा हलखन म लगा ह हकिना िो करर हो गय ह लोग शबदो क साथ अतयाचार दखकर मन दखी हो जािा ह कछ शबदो स बाि हई बचार कह रह थ -पिा होिा हक हमार साथ इतता बरहम सलक होगा िो हम हडकशनरी स भाग जाि रीहलग helliphelliphellip (खाली जगह रीिा स पछ कर भरगी उसको य सब अचछा आिा ह हक कब कस रील होना चाहहय ) 8िीन हदन स दषट न हकलो नही बोला सोचिा ह म पहल बोल माई रट मर पाच हजार दोवीि ह िीन हजार िीस रालोवर उस बवकर क िीन सौ इकवावन दोवीि गवीसा आ गया उसक वीटटस पर (हजसको पहल लाइक हकया था) जाकर वीटटस को सकड़ो बार हडसलाइकलाइक हकया वीटटस को हझझोड़ कर रख हदया कल रील हआ हरर वीटटस लगाया- भटटा चबा रह ह ठड़ा पीि हय smile emoticon

9कछ भाई लोग िो जञान की बाि इतती बवकरी स करि ह हक मन करिा ह एक उननाव क डौहडया गाव म खदाई क हलय लगी एक ठो जसीबी इनक हदमाग म भी लगा द सारी अकल का मलबा हनकाल क हदमाग को खाली कर द लहकन हरर लगिा ह कड़ा कड़दान म ही रह िो अचछा जमीन पर काह को रलाया जाय 10आज मड की भी छटटी थी छटटी मिलब सड समझकर मन टीना को सड वाली आईडी स हकलो बोल हदया वो घट भर िक मह रलाय रही िरह-िरह क बवकरी क आइकान भज कर उसको मनाना पड़ा य लड़हकया भी हकतती चजी होिी ह यार मन िो हकया हक वीटटस लगाऊ -टाहकग ट रल रीहलग इरीटटड लहकन हरर लगा वो समझ जायगी िो वीटटस लगाया- एनजवाइग सड रीहलग रट

11दोवीि बिा रहा था हक वो आजकल बहि वयवीि ह दो आईडी बनाई ह उसन दोनो पराानमहियो की िरर स रसबक पर जग लड़िा ह एक आईडी हकसी क हखलार वीटटस हलखिा ह दसरी स उसक हखलार िकद घट दो घट एक वीटटस पर कशिी लड़न क बाद अगला वीटटस लगा दिा ह बिा रहा था पराानमिी कोई बन उसका चमचा-इन-चीर बनना पकका ह राजयमिी क दज की आशा ह मन हकया उसको कह rsquoशखहचकली कही कrsquo लहकन rsquoरटrsquo कहक बॉय कह हदया वीटटस सटाया- रीहलग ररलकड 12भाईसाहब न बहि हदन स कोई वीटटस अपडट नही हकया आज एक लड़क को रसलाकर लगभग जबररयन समोसा हखला रह ह पकका दस हमनट क अदर वीटटस लगायग- आज एक भख को भोजन कराया सिषट महसस कर रहा ह म सोच रहा ह हक म कमट करगा ndash कया अजब पाखड ह लहकन मझ पिा ह हक म हकसी को हटद नही कर सकिा राइनली हदल पर पतथर रखकर हलखगा- मानविा की सचची सवा 13आज शाम एक फ़र ड का रोन आया कहा आज हकसी स रसबक बरकअप नही हआ िहबयि घबरा रही ह रीहलग लो मन कहा िो म कया कर िो उसन कहा यार ि ही मझस लवर बनकर बाि कर ल आईडीपासवडद भजा ह िरी मल म मन कहा -मझ इस सब झमल म नही पड़ना उसन हरर दोवीिी की कसम दी िो मझ दया आ गयी मन कहा अचछा चल लाग इन करि ह मरी हकवीमि अचछी लाइट चली गयी थी मन उसको एसएमएस हकया उसका जबाब आया -कोई नही मन खद दो बराउजर स चट करक बरक अप कर हलया िझ हहचहकचाहट हो रही थी अचछ स हो भी नही पािा िर स नाऊ रीहलग ररलकवीड मन वीटटस लगाया- कस-कस रस ह रसबक क रीहलग सरपराइजड ऐसी न जान हकिनी बाि डायरी म हलखी हई ह सबको यहा हलखना ठीक नही ह नमन बिा हदय आप अनदाजा लगाइय हक और कया-कया हलखा होगा डायररयो म आप भी रसबक डायरी हलखि हो िो शयर कररय अपन हवचार कोई हहचहकचाहट हो िो अनाम नाम स मझ भज दीहजय हम छाप दग आया न मिा और पिना चाहि ह इन को ठीक ह थोड़ी दर बाद पहल कछ और रचनााहमदयो को भी पि हलया जाय

डॉ (सशरी) शरद हसह

हदलो म रग भर द पयार का हफर इस दरा होली हक मौका द ही द दीदार का हफर इस दरा होली

न हशक़वा हो न कोई हो हगला इक-दसर क सग हमटा द दाग़ हर िक़रार का हफर इस दरा होली

ग़मो को दर सरका द खशी को साथ ल आय

रख माहौल बस इकरार का हफर इस दरा होली

महबबि की हसफाररश हो महबबि की इबादि हो रह तयोहार इक इसरार का हफर इस दरा होली

य होली म सभी क साथ होन का मिा आए

लग हर शख़स जयो पररवार का हफर इस दरा होली

सशीला हशवरार

कहा गए वो चग-डर अपनापन अनराग गीिो की रसाार हबन हकिना सना राग

ढोल-चग की गज पर मन उठिा था झम अब गहलया सनी हई कहा गई वो ाम

मवीिो की टोली नही नही वीवाग क रग बस टीवी म रह गया होली का हड़दग

रग हरिा म छा गए नील-पील-लाल

म हबरहन सखी रही मझको यही मलाल

मोहन अब रगि नही रााा िर गाल कलयग ह द वापर नही दहनया कर सवाल

सग अबीर-गलाल क मला कौन-सा रग लोग कह म बावरी जग स हई हनसग

सावररय क रग-सा हमला न दजा कोय िन लाग जो सावरा हर हदन होली होय

उसन य दखा मझ हई शमद स लाल

हसरि हदल म रह गई मलिी खब गलाल

ामनर कमार lsquoसजजनrsquo

िर भर चिकर जो हमट रग बड़ा बकार साि जनम िक साथ द वही रग िन डार

बदन रगा िो कया हकया मन को रग ल यार

मौका भी दवीिर भी होली का तयोहार

रगो क सग घोलकर कछ टट सवाद ऐसी होली खहलए बरसो आए याद

जाकर य सब स हमलो जस हमलि रग

कवल हपरयजन ही नही दशमन भी हो दग

रग सभी फीक पड़ जब आई मख लाज इन गालो क रग स आओ रग द आज

सख रगो स करो सिरगी ससार

पानी की हर बद को रखो सरहिि यार

फागन न आकर कहा अपन हदल का हाल गोरा मखड़ा ाप का हआ शमद स लाल

रग न हो िो परम भी रग दिा ससार परम न हो िो वयथद ह रगो का अबार

िझको रगन थी चली पीली पीली ाप गोरा िन छकर हई उजली उजली ाप

आखो आखो म चल सार रग गलाल

अपनी होली चल रही य ही सालो साल

ओबामा जी अगर हलकन हिदा होि िो

सजीव हनगम

सबह सबह चचचा अपन घर रपी िोप नली स गोल की िरह जो छट िो सीा हमार घर म आकर रट उनक हाथ म सबह का अखबार था और मह स दनादन ऐस शबद हनकल रह थ हजनह सन कर पहलस वाल भी शहमिदगी महसस करन लग ऐसी िबरदवीि गोलाबारी क सामन पड़ना अपन खद क अहिम सवीकार का इििाम करना जसा ही था इसहलए हम हाथ म सरद रमाल थाम उनक शाहबदक रप स ठडा होन की राह दखन लग थोड़ी दर बाद वह शभ घड़ी भी आ गयी और व उस अकसहशयन की िरह स शाि होकर बठ गए जो घर आय महमान पर भौक भौक कर थक गया हो मन हहममि करक पछा चचचा आप िो ओबामा की िरह स सभय आदमी थ य अचानक ओसामा कस बन गए यह सनि ही चचचा हफर स पाहकवीिानी फौहजयो की िरह स हबना कारर फायररग करन लग बोल नाम मि लो उस ओबामा का मर सामन जब अभी भारि आया था िो कया कया अरमान दख थ मन उसकी और अपनी दोवीिी क यह सोच सोच कर म हकिना खश था हक उस दोबारा यहा दख कर चीन हकिना जल रहा होगा पाहकवीिान हबलख रहा होगा यहा िक हक जब जाि जाि उसन हम हबन मागी सलाह द डाली िब भी मन उस पान क अडड पर खड़ हकसी दोवीि की चहलबािी समझ कर झल हलया था - पर उसन िो वहा जाकर भी - अमा िम अपनी िोि जसी चोच बद रखो य हम दो बड़ी हहवीियो क बीच का मामला ह उसम िम अरर जटली की िरह स बीच म घसन की कोहशश मि करो सषमा वीवराज की िरह स अलग ही रहो हम पिा ह हक उसन वहा जाकर भी हमारी िरफ इस बयान की हपचकारी मारी थी हक भारि म ााहमदक असहहषरिा इिनी बि गई ह हक यहद महातमा गााी हजदा होि िो व आहि होि - लहकन अब िो वहा भी hellip

- हा वही िो hellip बड़ा आया हम जञान दन वाला अब उसक अपन यहा ााहमदक असहहषरिा की ऐसी हरकि हो रही ह िो अब समझा ना अपन लोगो को हम जो जञान हदया था उस कॉपी पवीट करक अपन कपयटर जस दश क होम पज पर डाल न - सही कह रह ह आप पर य सब मझस कहन स कया फायदा - वो िो म भी जानिा ह िम जसा सवीि सट पहनन वाला इन सब बड़ी बड़ी बािो को कया समझगा य िो लाखो रपय का सट पहनन वालो क समझन की बाि ह - िो हफर उनह ही समझाईय न मर घर को कयो राज पथ बना कर 26 जनवरी का शहि परदशदन कर रह ह - हम यहा कोई शहि परदशदन करन नही आय ह बहकक राषर हहि म िमस एक कबादनी मागन क हलए आय ह कही गवीस म इनहोन इवीलाहमक वीटट जसा कोई आिकवादी सगठन न बना हलया हो और उसका पहला हफदायीन मझ ही बनान का न ठान हलया हो यह सोच कर मरी सास डर क मार अपन आप िोर िोर स अनलोम हवलोम करन लगी डरि डरि आवाि हनकली कसी कबादनी चचचा - हम थोड़ी दर क हलए क हलए िमहारा मोबाईल चाहहए - कयो भला - ओबामा स बाि करनी ह और उसस पछना ह हक आज अगर अबराहम हलकन हिदा होि िो व हकिना आहि होि लहकन मरी दशभहि न ही मझ मर मोबाईल क माधयम स अमररका स समबना ख़राब करन स रोक हदया मन मोबाईल म बलस न होन का कारगर बहाना बना हदया चचचा न दवादसा की िरह स अहिशय करोा स मझ घरा और हफर हकसी सचच मोबाईल ाारी दशभि की िलाश म हनकल गए

समीिा परवीर कशवा

रग लगाक ि न जा मझ रग लगाक अपन अग लगाल सावररया रhellip

पवन बसिी ि बनक सग बहा ल अपन हदल म बसा ल सावररया रhellip

फागन न जकफ खोली मदहोशी नभ म घोली

ाानी आकाश हआ ारिी भी उसकी होली

रगो स रग हमल सिरगी फल हखल पखरी लाज खोए

भवरा जो उसप डोल बाह पसार नदी क दोनो हकनार

इकदज को पकार बलम आजा रसावररया रhellip

लरज कपोल लाल सया रग गलाल भावभरा रग घला

िन मन हए सब लाल सजना क सग सखी

ऐस म रग रगी खद स ही परीि हई खद स ही जग हई

परीि लगाक अपनी नीद गवा क सजन सग बन गई म िो बावररया र सावररया रhellip

कावय करन को चल ह हम भरािा सच पछौ िौ हम कछ नही आिा 01

हफर ह हमन बहि िहनक लगाई

झट सो यो एक यहि बझ आई 02

एक शबद ह िाक अनक हवकार इनकौ कीज िजद- बनद वयवहार03

शबद-हवकार प पन-पन करौ परहार

ठोको- ठासौ और नक लउ हनहार 04

जस-जस शबद वीव- पकार सनाव िस-िस कावय पहि बन आव 05

अब िौ भईया हम ह कहव कहाए

मन ही मन यो मवीि मोद मनाए 06

एक हदन जमौ बड़ौ कावय वयापार कहव-कल कौ कछ कह आर न पार07

सब न अपन-अपन जब पाठ हकय

शरगार हावीय वीर रस क ठाट हकय08

अलकारन क अदभि उपयोग हकय वकरोहिन क हवलिर परयोग हकय09

छनदन सौ अनठ स अनबना हकय

चमतकहि क अतयि सपरबना हकय10

हमन ह हहममि अपनी नक न हारी कावय म कावय की यहि कह डारी11

अब हनरदय कौ अवसर जयो आयौ

हमरौ नाम उनन सवद- शरषठ सनायौ12

हलयौ पचन न हम पनः मच बलाय हदयौ टट जिन कौ एक हार हपराय13

िब व बोल मनद-वीवर य मद भाखा

नीच स आपकौ नमबर एक ह आका14

यह सब दखद दशय दखि घर-वारी घर पहचि ही वाकी हवकट सवारी15

बड़ चल हौ िम हनि कहव बनन कौ आयी न नक ह लाज या झठ रन कौ16

बालक भख घर सौ मस ह हफरि ह

टट ह पाि वसतरन क पबनद फटि ह17

मददि स हर बाररस यह छतत चआनी बस अब की बार ह सच फशद प आनी18

कहव-जन एक बाि म कहौ सहवचारी

मानौ न मानौ हौ अब आप अहाकारी19

रोजी-रोटी जब लौ नही हसि जगाड़ी कहव नही कबह कहव ननद अनाड़ी 20

- एन एल चिवदी नगीना उरद lsquoननदrsquo

साहहतयम पर आप लोग जो रसील और चटील वयङयालखो का रसावीवादन करि ह उस का हजममा भाई कमलश पाणडय जी न उठाया हआ ह कहन की आवशयकिा नही हक साहहतयम का कल कामकाज वीवहचछक और अविहनक ह आज क दौर म ऐस साहथयो का हमलना सौभाय ही कहा जायगा वस भी पसा सब कछ खरीद सकिा ह मगर समपदर की भावना नही कमलश जी वीवय भी एक बहिरीन वयङयकार ह कमलश जी क सटायसद की हवशषिा ldquoबारीक़ीrdquo ह आप बड़ ही हनराल अनदाि म पाठक को अपन साथ बहा ल जाि ह आइय कमलश जी क एक रसील और चटील वयङयालख का रसावीवादन करि ह-

फाहयान की हफकमी डायरी कमलश पाणडय

उस रोि फ-ची न बिाया हक भारि-भरमर पर जान स पहल वहा की कछ हफकम

दख ल िो पयादपत मागददशदन हमल सकिा ह फची कहिा ह हरकम हकसी भी समाज का दपदर होिी ह सो इनह दख लो सभव ह भारि जान की आवशयकिा ही न पड़ यही बठ-बठ भारि पर एक वहद रथ हलख सकि हो कल बािार स विदमान काल म बनी डि-दो सौ भारिीय हफकमो की सीडी क जलदवीय सवीकरर ल आया जो प-ईहचग क चोर-बािार म मोमो क एक पलट स भी सवीिी हमल गई आज परािः काल भजन-पजन क उपराि उनक अवलोकन क हलए बठ गया ह य एक नया ही ससार परिीि होिा ह फ-ची ठीक कहिा था हक चीन म फली भारि समबनाी भराहियो पर करद न ारो मझ सही मागददशदन दन वाल फ-ची को साावाद कहि हए अब आरमभ करिा ह एक आठ परहर स हनरिर भारिीय जीवन की इनरानषी छहवया दखि-दखि नि चहाया गए ह और महषिषक िो मानो हनहषकरय ही हो गया ह अभी थोड़ सरा-पान क उपराि जी

हकका हआ िो भारि- जो अब ईहनडया कहलान लगा ह ndash की आकहि कछ-कछ दहषटगोचर होन लगी ह य िो हनहिि ही ह हक इहणडया अतयि समि दश ह हफकम का नायक जो वीवय को आम-आदमी और हनादन मनषय बिािा ह एक बड़ स भवन म रहिा ह हडिाइनर परराान पहनिा ह चमकि वाहन पर यािायाि करिा ह और एक सनदरी स परम करिा ह कभी-कभी सदररयो की सखया एक स अहाक हो सकिी ह पर जब वह नतय रि होिा ह िो सदररया अनि होिी ह हजन ानाढय लोगो स उसकी शििा होिी ह उनक िो कया कहन उनकी जीवन शली चीन क समराट को भी लजा दन वाली ह वस अहाकाश हफकमो म नायक पहलस अहाकारी ह ऐसा परिीि होिा ह हक इहडया म सभी पहलस अहाकारी बनना चाहि ह हजसका कारर यही मालम होिा ह हक उनक घर और ठाट-बाट राजाओ स परहिवीपााद करि दीखि ह इसस िो यही लगिा ह हक इहडया म अब सवदहारा कोई नही बचा दो आम आदमी पर आााररि एक हफकम का अवलोकन करन क बाद इस हनषकषद पर जा पहचा ह हक इहडया क आम-आदमी सर-सपाट क शौकीन होि ह और परायः अपनी परहमका क साथ मनोरम वीथलो पर भरमरशील रहि ह उसकी परहमका वीवय को अतयि हनादन बिािी ह जो उसक अतयकप वसतरो को दख कर िो सतय परिीि होिा ह परनि जब उसक आभषरो और चरर पादका पर दहषट जािी ह िो थोड़ा सदह भी उतपनन होिा ह परायः य लोग कही आकाश स परसाररि होि सगीि पर गायन करन लगि ह िो हर बदलि लय क साथ वसतर वीथल और वाहनाहद बदल दि ह समहि का िब चरमोतकषद हदखिा ह जब य लोग गीि का हर अिरा हकसी अनय दश की भहम पर गाि ह और पलक झपकि ही उनह वहा पहचा दन वाला वाहन कही नही हदखिा हनिय ही वहा का हवजञान अभिपवद परगहि कर चका ह सभव ह वहा हर आम आदमी क पास अपना हनजी वाययान हो िीन आम आदमी की मोहक छहवयो वाल दशयो को दखि जी ही नही भरिा यह भी जञाि हआ हक इहडया एक अतयि सनदर दश ह जहा एक ही वीथल पर समर हहमाचछाहदि पवदि रहगवीिान और झरन ह कई एक वीथल िो ह-ब-ह हवीवटिरलड नामक दश क सामान ह य भी समभव ह हक आम आदमी क भरमर-लाभ हि इहडया म ही कही-कही यरोप-अमरीका आहद महादशो की परहिकहि रच ली गई ह गीिो क दशयो म िो य बाि एक दम हसि हो जािी ह जस ही नायक-नाहयका गायन परारमभ करि ह ढर-सारी सदररया नाचिी-गािी उनकी सगि करन आ जािी ह य भी वसतरो की दहषट स अतयि हनादन लगिी ह परनि हवीथहि पर गौर करन स वीपषट हो जािा ह हक ऐसा नही ह कया समरिट पर सट पहन कर जाया जािा ह या हक राहि-कलबो म बकाद ओि कर इसस य भी वीपषट ह हक इहडया म नाररयो को इचछा-नसार पहनन-ओढन घमन-हफरन नाचन-गान की वीविििा ह चार फची गलि कहिा ह हक इहडया म बहि गरीबी ह उस ऐसा कछ हरकम ही दखकर लगा था उसकी सलाह पर आज ऐसी कछ हरकम दखी इनम टट-फट घरो म कछ हभिक-परकार क पराहरयो का जीवन हदखाया गया था सकषम दहषट डालन पर इन बहवीियो क पीछ खड़ हवशाल महल हदख जाि थ जहा स कछ आम आदमी आकर इन बहवीियो को हगराना चाहि हदखाए गए थ पर उनका उदशय इन झोपहड़यो की जगह महल बना कर पर इहणडया को एकाकार कर दना था समयाभाव म इनका बनाना हदखाया नही जा सका एक राजनिा न बिाया हक गरीबी को परचाररि करन क पीछ हवरोाी राजनीहिक दलो का दषपरचार ह जो मझ सो सतय लगा मझ िो इसम

चीन का हवीि होन की भी समभावना हदखी कयोहक ऎसी एक हफकम म हनादन लोग बार-बार माओ का नाम ल रह थ पाच ऐसा परिीि होिा ह हक इहडया म सभय लोगो की भाषा हहनदी ह य भाषा अरजी क शबदो और वीथानीय भाषा क कारको स बनी ह हबना पि-हलख लोग कई वीथानीय भाषाए बोलि ह परायः लोग कवल अरिी भी बोलि पाए जाि ह पर आम िौर पर अरिी क दो एक वाकयो क बाद हहनदी पर उिर आन की परवहतत ह नाहयकाए और हसतरया अरिी बोलना पसद करिी ह पर जब वो हहनदी बोलिी ह िो भी धवहन अरिी-सी ही आिी ह ऐसा परिीि होिा ह हक उनह भाषा की दीिा मलिः अरिी म हमली ह और हहनदी उनहोन हकसी हहनदी हफकम म काम करन क उददशय स सीखी ह गान अहपि हहनदी म ही गाय जाि ह पर वहा और भी कई भाषाओ का मल हदख पड़िा ह एक गीि िो ऐसा था हजसम बड़-बड़ नगाड़ो की िाल पर पजाबी नामक भाषा म बहि सारी अरिी और थोड़ी हहनदी हमलाई गयी थी ऐस कछ गीिो क रचहयिा कोई lsquoयो योrsquo नामक महाकहव ह जो अपन गीिो म यवाओ को कम महदरा या मादक पदाथो क सवन करन जस सावीकाररक सदश दि रहि ह इन गीिो क भावाथद जो भी हो इसम कनयाओ का नतय अदभि ह- शबदो को समझ हबना ही सभी अथद वीपषट हो जाि ह छह आज दहिर इहडया की कछ हरकम दख कर पिा चला हक इहणडया क इस भखड म परष अहि-शहिशाली और नाररया खब भरी-परी होिी ह नायक िो इिना चपल होिा ह हक चशमा हसगरट या हपवीिौल जस उपकरर पलक झपकि ही अपन शरीर क हवहवा हहवीसो पर अिररि कर लिा ह इस नायक क एक आघाि स खलनायक कई पलो िक वायमडल म गोि खािा ह और कभी-कभी िो आकाश म ही हवलीन हो जािा ह उार नाररया रग-हबरग कलशो और इनरानषी आकहियो क बीच मादक नतय करिी रहिी ह वहा का एक नायक िो सवद-शहिमान ईशवर क समकि ह उसकी शहियो क हवषय म अनक हकवदहिया परचहलि ह जो फ-ची क अनसार रजनी-जोकस नामक रथ म सगहीि ह साि कछ राजनीहिक हरकम दख कर ऐसा परिीि हआ हक इहणडया म सभी निाओ की अपराा करन-करान म गहरी रहच ह परायः समाज म खलनायक निा ही होिा ह य लोग सरा-सदररयो हहथयारो सनदर परासादो और चमकि वाहनो क बीच ही रहना पसद करि ह आवशयकिा पड़न या न पड़न हकसी भी हवीथहि म हकसी की हततया कर दना इनक वाम-हवीि का कमद ह बलातकार हि इनह यो िो सभी हकवीम की नाररया पसद ह पर नायक की बहन या परहमका पर हवशष कपा रखि ह ऐसा लगिा ह हक इनकी हदनचयाद हकसी षडयि स आरमभ होकर हकसी हततया पर समापत होिी ह इनक अगरिक चीनी यि कला म हसिहवीि होि ह और अवसर पाि ही सााारर मानवो पर ईया-ऊआ करि टट पड़ि ह एक राजनिा की कररिा दख कर िो मरा हघघघी नामक अग बा ही गया इहडया म इनही अहिमानवो म स जनपरहिहनहा चनन का परावाान मालम होिा ह चन हलए जान क बाद य परायः शवि वसतर ाारर करि ह और सभाओ म भाषर दि हफरि ह पर अििः अपराा क सभी सि उनस ही जड़ होि ह चनाव एक रोचक अवसर होिा ह जब ढर सार वाहनो म लोग रग हबरगी झहडयो क साथ नारा लगाि घमि ह आठ इहडया का य रग दख कर िो दग रह गया ह एक मदान म लाल पील हार नील िातपयद य की सभी परकार क रगो स सराबोर हिारो मनषय एक साथ नतय कर रह ह सबक

वसतर शवि ह िाहक रगो की छाप गहरी उभर गाज-बाज क साथ एक समह गीि गाया जा रहा ह हजसम गोररयो की चोली पर रग डालन की परररा दी जा रही ह चनररया को हभगोन पर हवशष जोर ह सदररया परषो स जोड़ बना कर मादक नतय कर रही ह रग जो ह उड़ भी रह ह बौछार बन कर बरस रह ह और चहरो पर पोि भी जा रह ह इहडया की इस रगीन छहव को दख कर हपछली सारी छहवया ााली हो गई ह ऐसा परिीि हो रहा ह हक मानो परा दश एक ही रग म रगा ह भल ही वह हिारो रगो म वयि हो रहा हो पिा चला ह हक य एक तयौहार ह हजस होली कहि ह एक हदन पहल इहडया क लोग होहलका जलाि ह हजसम अपनी बराईयो की आहहि डालि ह मन भी आज इहडया की बरी छहव बनान वाली हपछली हफकमो की सीडी एकि कर उनकी होहलका जला दी और उसकी राख इन बरगलान वाली हरकम दखन की सलाह दन वाल फ-ची क मह पर मल आया आज इहणडया की यािा की ियारी परी कर ली ह दो हदनो क पिाि होली ह उस दख हबना इहडया की यािा कस समपरद होगी य ह कमलश पाणडय जी और य ह उन का अनोखा वाला रङग जो मझ बहद पसनद ह इस आहटदकल को चाह िो माि मनोरञजन क हलय भी पिा जा सकिा ह और अगर कोई वयहि समय हनकाल कर इस की थाह को नापना चाह िो नपप भी सकिा ह कमलश भाई जी क एक हमि ह हवनोद हमशर हवनोद जी ररसणटली बरसाना हो कर आय ह हवनोद जी न साहहतयम क हलय बरसान की होली की दो बहि ही सनदर-सनदर िवीवीर भजी ह हवनोद जी का बहि-बहि आभार य ह वह दो िवीवीर -

डा वी क भकला

हजजजा सग होली

लगा कर भोग महावीर को और चिा कर फल बिीसा बड़ भहिभाव स पि रह थ हम िो हनमान चाहलसा महावीर जब नाम सनाव

भि हपचास हनकट नही आव िभी मरी साहलया आ कर बोली खलग हम जीजजा सग होली और मरी हसटटीहपटटी गम होली कािर वीवर म हमन पकारा

ह हनमि अब िरा सहारा सन पकार मरी हनमानजी धयान म आए

और मझस य ररमाए वतस म िो ठहरा बाल बरहमचारी

कस हर म हवपदा िमहारी इस लरड़ म मझ न लाओ

िमहारी घहटया ह िमही बजाओ पड़ा सकट मोचन नाम भी झठा हदखा गए हनमानजी भी अगठा

मरी साहलओ न जी भर की मरी पिाई दिा रहा हाए म दहाई

िभी शरीमिी जी बाहर स आई मझ दखि ही हचलाई

अजी सनि हो जरा बाहर आओ कोई लरगा घर म घस आया ह

उस मार कर बाहर भगाओ ाीर स मन खखारा

अरी भागवान य म ह पहि िमहारा िो शरीमिी जी िनक कर बोली

वाह मर छला बहि भाए हो सबह सबह कहो हकसस

मह काला करवा कर आए हो मन अपनी करर गाथा उस सनाई

िो शरीमिी जी हभननाई और अपनी बहनो को आवाि लगाई

कया मरा ही पहि हमला था मह काला करन क हलए

िो वो बहयाई स बोली दीदी अगली होली म

िम हमार पहियो का मह काला कर दना िमहारा सारा हशकवा हमट जाएगा हहसाब एक दम बरोबर हो जाएगा

हमन कछ वि क हलए बाहर हनकलना बद कर ह

यह सोच कर हक अगर हकसी न पछा हक िमहारा मह हकसन काला हकया

िो कया जवाब दगा

हवजनर शमाद

सरहद स आया नही होली पर कय लाल मा की आख रग स करिी रही सवाल

आखो को भी ह हगला कर हशकायि गाल बरी ख़द आया नही हभजवा हदया गलाल

कौन बजाव फाग प ढोल नगाड़ चग चारो िरर उदाहसया गायब हई उमग

मौक़ा था पर यार न डाला नही गलाल

मरझाय स ही रह मर दोनो गाल

हरि म थ यार सब दशमन भी था दग मन उसक गाल पर लगा हदया जब रग

इििार क रग म गयी बावरी डब होली पर इसबार भी आया ना महबब

और अब ररसहिया जी का एक और ाास सटायर ाास इसहलय हक समझ म नही आ रहा हक इनह खाङरसी कहा जाय हक हफर भीजफी बाला

आजकल बचार कालान की मरन ह कोई भी घपला होिा ह काल ान पर िोहमि लगिी ह बलक मनी की थ-थ होिी ह जस निा चमच क हबना महनि चल क हबना आईपीएल हरहकसग क हबना

अारा लगिा ह वस ही कोई भी घपला काल ान की चचाद क हबना अारा लगिा ह घपला अगर कोई

आाहनक जहटल कहविा ह िो काला ान उसका आम जनिा की समझ म आन वाला सरल अनवाद ह घोटाला यहद कोई अबझ हसिाि ह िो काला ान उसकी सहज टीका ह जस पाहटदया चद क हबना निा लफ़राजी क हबना लखक अपनी उपिा का रोना रोय हबना नही रह पािा वस ही दहनया का कोई भी बड़ा ानाा हबना काल ान क नही पनप सकिा दहनया म हजिन भी मजबि ाना ह चाह वह हहथयार का हो ामद का हो या हरर हशिा का ही कयो न हो सबकी बहनयाद म काल ान की सीमनट लगी ह काला ान न हो िो हवीवस बक रवीस बक होकर रह जाय अपन दश म हपछल बीस सालो म हजतता हवकास हआ ह काला ान उसस कई गना जयादा बिा ह गहरि की भाषा म कह िो हकसी भी आाहनक समाज का हवकास उस समाज म मौजद कालान की मािा का समानपािी होिा ह इस सबक बावजद कालान को लोग इजजि की हनगाह स नही दखि कालाान कमान वाला िक खलआम उसकी आलोचना ही करिा ह राजनीहिजञ चनाव भल काल ान क सहार लड़ लहकन सावदजहनक रप स कालान की ऐसी बराई करि ह जस वामपथी दहिरपहथयो की करि ह अमररकी कयबा की करि ह पाहकवीिान वाल भारि की करि िरह ह अपन परहि दहनया का यह दवदातमक इजजिवाद दखकर बचार कालान क हदल पर कया बीििी होगी दहनया क ाोख को दखकर उसका मन भी हजया खान की िरह लटककर हनपट जान का करिा होगा उसका भी मन करिा होगा हक सरकारी गवाह बन जाय और सबकी पोल खोल द हक कस िमाम लोगो स उसक अिरग सबा रह कस लोगो न उसका सहारा हलया आग बि और सहारा हलया लहकन जब सरलिा क हकवीस सनान की बारी आयी िो शरय अपनी महनि लगन और बहि को हदया कालान क योगदान की सरासर उपिा कर दी यह वसा ही ह हक हकसी दश क इहिहास म राजा राहनयो क हकवीस हलख जाय लहकन महनिकश जनिा की कहानी गोलकर दी जाय लहकन हरर कालाान शायद यह सोचकर चप रह जािा होगा हक अपरााी कोई भी हो लहकन बराई उसी की होनी ह बइजजिी िो उसी की खराब होनी ह इसक बाद शायद वह यह सोचकर चपचाप अपनी करििो म जट जािा होगा हक आजनही िो कल उसको वह इजजि अवशय हमलगी हजसका वह हकदार ह उसको भी खल आम उिनी ही वीवीकायदिा हमलगी हजिनी की आज समाज म जाहिवाद सकीरदिा भाई भिीजावाद भायवाद और काहहली को हमली ह काला ान सोचिा होगा- जस बाहकयो क हदन बहर कया पिा वस ही उसक भी बहर

और साहथयो चलि-चलि अपनी जड़ो की ओर - बरहमलीन सनि कहव हशवदीन राम (जोशी) की सनि-वारी आप ही क आधयाहतमक हशषय आदररीय शरी हकशोर पारीक [खणडला] जी क सौजनय स

गोकल व बरसान की नार बजाय-बजाय बजा रही िारी अर वनदावन की बनी व बनी बनक ठनक अरी द रही गारी

शयाम को शयामा सजाय सजी अहो और गलाल लगावि पयारी हशवदीन व जोरी स जोरी हमलीबरज खलि होरी ह बाक हबहारी

मगल समगल सदा ही आननद रह नदलाल

ि गलाल डार दख सखी आ रही राा मिवाली आली चाली रग डारन को

गोहपया हनराली गाली शयाम को सना रही सन-सन क शयामलाल सग-सग गवाल बाल

बाजि मदग िाल राा जी गा रही कहिा हशवदीन लाल ऐसी गलाल उड़ी

बादर बन लाल लाली चह ओर छा रही

बरज वनदावन ााम रग स रगा रगीला हरा मोहिया लाल रग ह पयारा पीला

ाम ााम स खल खल रह होरी दखो शयामा शयाम सजान और सग गोरी दखो

चह ओर हपचकाररया रग-रग की ाार हशवदीन सरस रस रहसक जन पीव करर-करर पयार

राम गर गायर

भारि की लोक समपदा फागन की फाग - आचायद सजीव वमाद सहलल भारि हवहवावरी लोक सवीकहि स सपनन- समि परमपराओ का दश ह इन परमपराओ म स एक लोकगीिो की ह ऋि पररविदन पर उतसवामी भारिीय जन-

मानस गायन-वादन और निदन की हिवरी परवाहहि कर आनहदि होि ह फागन वषािि िथा चि वषादरमभ क साथ-साथ फसलो क पकन क समय क सचक भी ह दहिरायनी सयद जस ही मकर राहश म परवश कर उततरायरी होि ह इस महादवीप म हदन की लमबाई और िापमान दोनो की वहि होन की लोकमानयिा ह सयद पजन गड़-हिल स हनहमदि पकवाननो का सवन और पिगबाजी क माधयम स गगनचमबी लोकानद की अहभवयहि सवदि दखी जा सकिी हमकर सकराहि हखचड़ी बसाखी पोगल आहद हवहवा नामो स यह लोकपवद सकल दश म मनाया जािा ह पवदराज होली स ही मधयोततर भारि म फागो की बयार बहन लगिी ह बदलखड म फाग बजभहम म नटनागर की लीलाए हचहिि करि रहसया और बााई गीि अवा म राम-हसया की जगल जोड़ी की होली-करीड़ा जन सामानय स लकर हवहशषट जनो िक को रसानद म आपादमवीिक डबा दि ह राम अवा स हनकाकर बदली माटी पर अपनी लीलाओ को हववीिार दि हए लमब समय िक हवचरि रह इसहलए बदली मानस उनस एकाकार होकर हर पवद-तयौहार पर ही नही हर हदन उनह याद कर जय राम जी की कहिा ह कषर का नागो स सघषद और पाडवो का अजञािवास नमददाचली बनदल भहम पर हआ गौरा-बौरा िो बदलखड क अपन ह हशवजा हशवातमजा हशवसिा हशवहपरया हशव वीवदोभवा आहद सजञाओ स समबोहाि आननददाहयनी नमददा िट पर बमबहलयो क साथ-साथ हशव-हशवा की लीलाओ स यि फाग गयी जाना वीवाभाहवक ह बदली फागो क एकछि समराट ह लोककहव ईसरी ईसरी न अपनी परहमका रजउ को अपन कहितव म अमर कर हदया ईसरी न फागो की एक हवहशषट शली चौघहड़या फाग को जनम हदया हम अपनी फाग चचाद चौघहड़या फागो स ही आरमभ करि ह ईसरी न अपनी पराकि परहिभा स रामीर मानव मन क उचवासो को सर-िाल क साथ समहनवि कर उपहिि और अनचीनही लोक भावनाओ को इन फागो म हपरोया ह रसराज शर गार क सयोग और हवयोग दोनो पि इन फागो म अदभि माायद क साथ वहरदि ह सदयवीनािा यविी की कशराहश पर मा ईसरी गा उठि ह ईसरी रााा जी क कानो म झल रह िरकला को उन दो िारो की िरह बिाि ह जो रााा जी क मख चनर क सौदयद क आग फीक फड़ गए ह कानन डल राहाका जी क लग िरकला नीक आनदकद चद क ऊपर िो िारागर फीक ईसरी की आराधया राहाका जी सदरी होन क साथ-साथ दीनो-दहखयो क दखहिाद भी ह मय बल राि राहाका जी को कर आसरा की कौ दीनदयाल दीन दःख दखन हजनको मख ह नीकौ पहटया कौन सगर न पारी लगी दहिन पयारी रचक घटी-बड़ी ह नया सास कसी ढारी िन रई आन सीस क ऊपर शयाम घटा सी कारी ईसर परार खान ज पहटया जब स िकी उघारी

कहव पछिा ह हक नाहयका की मोहक चोहटया हकस सघड़ न बनायी ह चोहटया जरा भी छोटी-बड़ी नही ह और आिी-जािी सासो की िरह हहल-डल रही ह व नाहयका क शीश क ऊपर शयामल मघो की िरह छाई ह ईसरी न जब स इस अनावतत कशराहश की सनदरिा को दखा ह उनकी जान हनकली जा रही ह ईसर की नाहयका ननो स िलवार चलािी ह दोई ननन की िरवार पयारी हफर उबार अलपान गजरान हसरोही सलमान झख मार ऐच बार मयान घघट की द काजर की ाार ईसर शयाम बरकि रहहयो अहायार उहजयार िलवार का वार िो हनकट स ही हकया जा सकिा ह नायक दर हो िो कया हकया जाए कया नाहयका उस य ही जान दगी यह िो हो ही नही सकिा नाहयका हनगाहो को बरछी स भी अहाक पन िीर बनाकर नायक का हरदय भदिी ह छट नन-बार इन खोरन हिरछी भौह मरोरन नोकदार बरछी स पन चलि करज फोरन नायक बचारा बचिा हफर रहा ह पर नाहयका उस जान दन क मड म नही ह िलवार और िीर क बाद वह अपनी काहिल हनगाहो को हपवीिौल बना लिी ह अहखया हपवीिौल सी करक मारन चाि समर क गोली बाज दरद की दार गज कर दि निर क इिन पर भी ईसरी जान हथली पर लकर नवयौवना नाहयका का गबखान करि नही अघाि जबना कड़ आय कर गहलया बला कसी कहलया ना हम दख जमि जमी म ना माली की बहगया सोन कस िबक चि ह बरछी कसी भहलया ईसर हाथ सभार ाररयो फटट न जाव गहदया लोक ईसरी की फाग-रचना क मल म उनकी परहमका रजऊ को मानिी ह रजऊ न हजस हदन गारो क साथ गल म काली काच की गररयो की लहड़यो स बन ४ छटा और हबचौली काच क मोहियो का हिदान जसा आभषर और चोली पहहनी उसक रप को दखकर दीवाना होकर हार झलन लगा ईसरी कहि ह हक रजऊ क सौदयद पर मा हए हबना कोई नही रह सकिा हजयना रजऊ न पनो गारो हरनी हजया हबरानो छटा चार हबचौली पर भर हफर गरदानो

जबनन ऊपर चोली पर लटक हार हदवानो ईसर कान बटकन नइया दख लव चह जवानो ईसरी को रजऊ की हरन (हचिवन) और हसन (हसी) नही भलिी हवशाल यौवन मिवाली चाल इकहरी पिली कमर बार की िरह िानी भौह हिरछी निर भलाय नही भलिी व निर क बार स मरन िक को ियार ह इसी बहान रजऊ एक बार उनकी ओर दख िो ल ऐसा समपदर ईसरी क अलावा और कौन कर सकिा ह हमख़ा हबसरि नही हबसारी हरन-हसन िमारी जबन हवशाल चाल मिवारी पिरी कमर इकारी भौह कमान बान स िान निर हिरीछी मारी ईसर कान हमारी कोदी िनक हर लो पयारी ईसरी क हलय रजऊ ही सवदवीव ह उनका जीवन-मरर सब कछ रजऊ ही ह व परभ-वीमरर की ही िरह रजऊ का नाम जपि हए मरन की कामना करि ह इसहलए कछ हवदवान रजऊ की सासाररक परहमका नही आदया माि शहि को उनक दवारा हदया गया समबोान मानि ह जौ जी रजऊ रजऊ क लान का काऊ स कान जौलो रहन रहि हजदगी रजऊ क हि कमान पला भोजन कर रजौआ पाछ क मोय खान रजऊ रजऊ कौ नाम ईसरी लि-लि मर जान ईसरी रहचि सहसतरो फाग चार कहड़यो (पहियो) म बाी होन क कारन चौकहड़या फाग कही जािी ह इनम सौदयद को पान क साथ-साथ पजन और उसक परहि मन-परार स समहपदि होन क आधयातमजहनि भावो की सहलला परवाहहि ह रचना हवाान य फाग ४ पहियो म हनबि ह हर पहि म २ चरर ह हवषम चरर (१ ३ ५ ७ ) म १६ िथा सम चरर (२ ४ ६ ८) म १२ मािाए ह चरराि म परायः गर मािाए ह हकनि कही-कही २ लघ मािाए भी हमलिी ह य फाग छद परभाकर क अनसार महाभागवि जािीय नर र छद म हनबि ह इस छद म खड़ी हहदी म रचनाए मर पिन म अब िक नही आयी ह ईसरी की एक फाग का खड़ी हहदी म रपािरर दहखए हकस चिरा न छोटी गथी लगिी बहद पयारी हकहचि छोटी-बड़ी न उठ-हगर रही सास सम नयारी मकट समान शीश पर शोहभि कषर मघ सी कारी हलय ल रही जान कश-छहव जब स हदखी उघारी नर र छद म एक चिषपदी दहखए

बाि बनाई हकसन कसी कौन हनभाय वाद सब सच समझ रही ह जनिा कहा फदकि पयाद राजा कौन विीर कौन हकसक बद-नक इराद हजसको चाह सहलल हजिा मि चाह उस हरा द बनदली लोकरग की सािी ईसरी की फाग सजीव बदलखड क महानिम लोककहव ईसरी क कावय म लोकजीवन क सावीकहिक साहहहतयक सामाहजक पि परी जीवनििा और रचनातमकिा क साथ उदघाहटि हए ह ईसरी का वहशषटय यह ह हक व िथाकहथि सभराििा या पाहडतय स कय भाषा शली आहद उाार नही लि व दशज रामीर लोक मकयो और परमपराओ को इिनी वीवाभाहवकिा परगाििा और अपनतव स अहकि करि ह हक उसक सममख हशषटिा-शालीनिा ओिहि सजदनाारा हवपनन परिीि होन लगिी ह उनका साहहतय पवीिकाकार रप म नही शरहि परपरा म सन-गाकर सहदयो िक जीहवि रखा गया बदलखड क जन-मन समराट महान लोककहव ईसरी की फाग गय परपरा क कारर लोक-वीमहि और लोक-मख म जीहवि रही सकलनकिाद कवर शरी दगद हसह न १९३१ स १९४१ क मधय इनका सकलन हकया शरी इलाशकर गहा न ाौराद राम (जहा ईसरी लमब समय रह थ) हनवाहसयो स सनकर फागो का सकलन हकया अपिाकि कम परचहलि हनमन फागो म ईसरी क नसहगदक कारहयिी परहिभा क साथ-साथ बनदली लोक परपरा हावीया एव शरीनगरहपरयिा क भी दशदन होि ह कषर-भि ईसरी वनदावन की माटी का महातमय कहि हए उस दविाओ क हलए भी दलदभ बिाि ह अपनी कवीन जीभ स चाटी वनदावन की माटी दरलभ भई हमली ना उनखो दई दविन डाटी हमल ना सकी अनकन हार पाव की पररपाटी पायो वीवाग काह न नइया मीठी ह की खाटी बाही रज बजबाहसन lsquoईसरrsquo हहसदारी म बाटी कदम कञज म खड़ कनहया राहगीरो को रावीिा भला दि ह इसहलए पहथक जमना की राह ही भल गय ह अथादि जमना स नही जाि हकसी को भला कर मजा लन की लोकरीि को ईसरी अचछा नही मानि और कषर को सलाह दि ह हक हकसी स अहाक हसी अचछी नही होिी आली मनमोहन क मार जमना गल हबसार जब दखो जब खडो कञज म गह कदम की डार जो कोउ भल जाि ह रवीिा बरबस आन हबगार जादा हसी नही काऊ स जा ना रीि हमार

lsquoईसरrsquo कौन चाल अब चहलए ज िौ परी पार राि भर घर स बाहर रह कषर को अपनी सफाई म कछ कहन का अवसर हमल हबना lsquoछहलयाrsquo का हखिाब दना ईसरी क ही बस की बाि ह ओइ घर जाब मरहलयाबार जहा राि रय पयार हर बाट मनइया बठी कर नन रिनार अब िौ कौनऊ काम िमारो नइया भवन हमार lsquoईसरrsquo कषर नद क छौना िम छहलया बजबार फगआ हो और रााा न खल यह कस हो सकिा ह कषर सर ह िो रााा सवा सर दोनो की लीलाओ का सजीव वरदन करि ह ईसरी मानो सािाि दख रह हो रााा न कषर की लकटी-कमररया छीन ली िो कषर न रााा क हसर स सारी खीच ली इिना ही हो िो गनीमि होली की मवीिी चरम पर हई िो रााा नटनागर बन गयी और कषर को नारी बना हदया खल फाग राहाका पयारी बज खोरन हगराारी इन भर बाह बास को टारो उन मारो हपचकारी इनन छीनी लकहट मरहलया उन छीनी हसर सारी ब िो आय नद क लाला ज बषभान दलारी अपन बनी नटनागर lsquoईसरrsquo उन बनाओ नारी अटारी क सीिी चिि घघर हनशबद हो गए फलो की सज पर बनवारी की नीद लग गयी रााा क आि ही यशोदा क अनाड़ी बट की बीन (बासरी) चोरी हो गयी कसी सहज-सरस ककपना ह चोरी गइ बीन हबहारी की जसदा क लाल अनारी की जाहमन अमल जगल क भीिर आवन भइ रााा पयारी की नपर सबद सनाक हखच रय हछहड़या चड़ि अटारी की बड़ी गलाम सज फलन की लग गइ नीद मरारी की काि lsquoईसरीrsquo घोरा प स उठा लई बनवारी की कषर रााा और गोहपयो क चगल म फस गय ह गोहपयो न अपन मनभावन कषर को पकड़कर सतरी बनान का उपकरम करन म कोई कसर नही छोड़ी कषर की बनमाला और मरली छीनकर हसर पर साड़ी उिा दी गयी रााा न उनह सभी आभषरो स सजाकर कमर म लहगा पहना हदया और सहखयो क सग फागन मनान म लीन हो गयी ह शर गार और हावीय का ऐसा जीवि शबद हचि ईसरी ही खीच सकि ह पकर गोहपन क मनभावन लागी नार बनावन छीन लई बनमाल मरहलया सारी सीस उड़ावन

सकल अभषन सज राहाका कहट लहगा पहरावन नारी भस बना क lsquoईसरrsquo फगआ लगी मगावन ईसरी परहमका स हनवदन करा रह ह हक वह अपन िीख नयनो का वार न कर हजरह-बखिर कछ न कर सक ग और दख ही दखि नयन-बार हदल क पार हो जायगा हकसी गरी वदय की औषहा भी काम नही आएगी ईसरी क दवाई िो हपरयिमा का दशदन ही ह पररय की ऐसी परगाि रसहसि अहभवयहि अपनी हमसाल आप ह नना ना मारो लग जह मरम पार हो जह बखिर हझलम कहा का लह ढाल पार कर जह औषद मर एक ना लहगह बद गनी का कह कहि lsquoईसरीrsquo सन लो पयारी दरस दबाई दह हनमन फाग म ईसरी नयनो की कथा कहि ह जो परदशी स लगकर हबगड़ गय बबादद हो गय ह य नयना अा हसपाही ह जो कभी लड़कर नही हार इनको बहि नाि स काजल की रखा भर-भरकर पाला ह हकनि य खो गए और इनस बहि आसओ स नयी की नयी सारी भीग गयी ह कसी माहमदक अहभवयहि ह नना परदसी स लग क भय बरबाद हबगरक नना मोर सर हसपाही कबऊ ना हार लरक ज नना बार स पाल काजर रख भरक lsquoईसरrsquo भीज गई नई सारी खोवन असआ ढरक शरगार क हवरह पि का परहिहनहातव करिी यह फाग ईसरी और उनकी परहमका रजऊ क हबछड़न की वयथा-कथा कहिी ह हबछरी सारस कसी जोरी रजो हमारी िोरी सङगसङग रह हनहस-बासर गर हलपटिी सोरी सो हो गई सपन की बाि अन हस बोल कोरी कछ हदनन को हिया अबादो हम बिा दो गोरी जबलो लागी रह lsquoईसरीrsquo आसा जी की मोरी ईसरी की य फाग शर गार क हमलन-हवरह पिो का हचिर करन क साथ-साथ हावीय क उदातत पि को भी सामन लािी ह इनम हसी-मजाक हसना-बोलना सभी कछ ह हकनि मयादहदि कही भी अशलीलिा का लश माि भी नही ह ईसरी की य फाग २८ मािी नरनर छद म रहचि ह इनम १६-१२ पर यहि का ईसरी न परी िरह पालन हकया ह सम चररानि म गर की अहाकिा ह हकनि २ लघ भी परापय ह इक फाग म ४ ५ या ६ िक पहिया हमलिी ह एक फाग की सभी पहियो म सम चररानि समान ह जबहक हवषम चररानि म लघ-गर का कोई बान नही ह

हम न गर हवीन और ख़शब ही को िोला होिा हफर िो हर पड़ गलाबो स भी हकका होिा उदाहरर क रप म समझा जाय िो एक मिदबा य भी समझा जा सकिा ह हक परमपराए हमशा पड़ या हफर पौा की िरह होिी ह और उन पर लगन वाल फल और उन फलो की ख़शबए आाहनक हवचाराारा समान यहद हम आाहनक हवचारााराओ ही को सबकछ समझ बठ ग िो य फल और ख़शबए कया आसमान स टपक ग समझन वाल इशारो को बहि जकद समझग बाय द टाइम आप इस अङक को पि रह हो ममहकन ह दहनया का एक बड़ा हहवीसा आप को होली की बराइया हगना रहा हो हम इिना ही हनवदन कर ग हक ldquoसपrdquo की िरह-िरह सार-सार को गह और थोथ को उड़ा फ क नीर-िीर-हववक हम सब की ामहनयो म यगो-यगो स परवाहमान ह अपन हववक का सदपयोग करि हय अचछी बािो को आग बिाए हमठाइयो क कारोबाररयो दवारा परोस जा रह अशि माल स परहि करि वक़ि याद रह हक कडबरी भी कोई अमि नही ह हर गली क नककड़ पर रङग हपचकारी वग़रह बचन वाल हमार कटीर उदयोग क खवनहार ह आप सभी को सपररवार होली की शभ-कामनाए

खहशयो का वीवागि कर हर आगन हर दवार| कछ ऐसा हो इस बरस होली का तयौहार||

होली हवषयक और भी सामरी मसलन छद ग़िल हजल नज़म कहविा गीि-नवगीि रहसया आलख कहानी कथा वग़रह पिन क हलय यहा हकलक कर

Page 9: Saahityam dec14 jan feb 15

ह इन रगो क अथद हिार नही ह कवल य बौछार

न इन म दवष घोल

अनपमा हिपाठी

फागन की ऋि घर आई

परकहि गाय माविी

और बहार राग हर स ऐसा हछटका

फाग क अनराग का पराग

हदय छद हए वीवचछद मद मद महआ की गा

िोड़िी मन िटबा

हनशा रागवनिी हदवस परागवि अलमवीि मामास दख

वहनिा लाजवि

पलाश मन रग रगा पषप पखहड़यो स रगोली सजाई

हककी-फलकी बािो म स हावीय को िाड़ कर और हफर उस बग़र भौड़ा हय पाठको को गदगदान क हलय इवीिमाल करन क उपकरम ही को वयङय कहि ह भाई आलोक पराहरक ऐस ही वयङयकार ह जो हक बड़ी ही आसानी स पाठको क पट म गलगली मचा दि ह और कही-कही हम सोचन क हलय मिबर भी कर दि ह आइय उन क एक वयङयालख का आननद लि ह

होली क पासवडद - आलोक पराहरक

हजर वो वि गया जब शबद की वडद की कीमि होिी थी अब िो कीमि पासवडद की ह साफटवयर कारोबारी भी हनकल हलय ह नय ाा करन क हलए सो नयी कहानी सामन आयी गोहपयो स कहा गया हक इार मीहडया बहि माकट फर डली हो हलया ह आपक होली डास की फटज ल जािा ह फोकटी म और टीवी पर हदखा हदखाकर उनस इहशिहार वसलिा ह

करोड़ो म आप अपन होली डास को पासवडद परोटकटड कर लो जी होली डास का पासवडद दन क हम हसफद लाखो लग और मीहडया को वो पासवडद बिान क िम करोड़ो वसलना पर िब िो हमार वाल बाल भी हमार साथ डास ना कर पायग-गोहपयो न आशका जिायी नो पराबलम हम िमह पासवडद दग िम हजस चाहोगी उस य पासवडद द दना वह िमहार साफटवयर म इस फीड करगा और िम डास शर कर दोगी-टकनीकल एकसपटद न बिाया पर अगर हम पासवडद भल गय िो-सरल गोहपयो न सहज आशका रखी िो िम हमार कवीटमर कयर पर फोन कर लना दसरा पासवडद हमल जायगा टमसद एड कडीशनस एपलाई यानी पचास हजार रपय आपको दन होग पचास हजार रपय दन वाली बाि बहि ाीम स कही गयी गोहपया ियार हो गयी लाखो दकर पासवडद खरीद हलय करोड़ो कमान की उममीद म साफटवयर वाल हनकल हलय जाकर गोहपयो क पासवडद बिा हदय अमररकनो और उनस कहा हक आप इन पासवडो क सहार गोहपयो क साथ डास कर उनकी शहटग कर हफर उनह महग अमररकन चनलो पर हदखाय अमररकनो को पासवडद बिान क करोड़ो डालर वसलसाफटवयर वालो न होली क आसपास सीन य हआ हक बरजमडल म हसफद अमररकन गर गोहपयो क साथ डास कर रह थ गोहपया अहनचछक थी पर चहक उनक साफटवयर स अमररकनो का पासवडद मच कर गया था इसहलए वो खद ब खद डास कर रही थी और हआ य था हक गोहपया अपन पासवडद खद भल गयी थी गोहपयो न कवीटमर कयर सटर पर फोन कहा िो सीन य हआ- हलो म गोपी नबर वन बोल रही ह कया मरी बाि कवीटमर कयर एकजीकयहटव स हो सकिी ह जी कवीटमर कयर पर सपकद करन क हलए ानयवाद आपका हदन शभ हो आप अपनी जनमहिहथ बिाय जी जनमहिहथ िो मझ याद नही ह अर िो आप अपना पन काडद नबर बिाय

जी पन काडद िो मर पास ह ही नही ओक हफर िो आप को हमार नजदीकी दफिर म जाकर एक फामद भरना होगा िब आपको नया पासवडद कररयर स भजा जायगा पर जब िक य सब होगा होली हनकल जायगी मरी कमाई क सार चास खतम हो लग दहखय म िो आपको परोसीजर बिा रही ह होली हनकलगी या दीवाली हनकलगी य मझ नही पिा ओफफो जब आपक एकजीकयहटव पासवडद बचन आय थ िब िो बहि ही िमीज स बाि कर रह थ आप िो बहि बदिमीजी स बाि कर रही ह दहखय िमीज का सारा कोटा हम राहक बनान म खचद कर दि ह उसक बाद हमार पास हसफद बदिमीजी ही बचिी ह म आपको परोसीजर बिा चकी ह आप उस फालो कर ओफफो डास िो होली पर करना ह उसक बाद डास कयो करना दहखय अब िो डास साल भर चलिा रहिा ह कोई ना कोई फकशन होिा ह उसम डास कर सकिी ह हमारी सहयोगी कपनी िमाम शाहदयो म रौनक लगान क हलए अचछ डासर सपलाई करिी ह आप उस कपनी म अपना रहजवीरशन करा द पर साल आपको डास क आफर हमलि रहग ओफफो आप बाि नही समझ रही ह हम िो होली क मवीिी वाला डास करि ह हनमदल सहज आनद क हलए दहखय हनमदल सहज जस शबद जो आप बोल रही ह य िो अचछ नाम ह हनमदल नाम स घी या मकखन बचा जा सकिा ह कोई सि इस पर अपना कारोबार पहल ही चला गय ह सहज हकसी योग का बराड हो सकिा ह आप चाह िो य नाम रहजवीटर करा सकिी ह इस सबा म आप हमारी सहयोगी कपनी स मदद ल सकिी ह वह बहि सवीि भावो म आपको सहवदस द दगी ओफफो आप िो मझ कछ ना कछ बचन पर आमादा ह आप मरी पराबलम को साकव कीहजय ना चहलय मरी अपन हकसी सीहनयर कवीटमर कयर एकजीकयहटव स बाि कराइय दहखय िमा कर अभी हमार सार कवीटमर कयर आफीसर हकसी ना हकसी गोपी स बाि करन म हबजी ह आप राि को दो बज काल कीहजय िब वो फरी होग ओफफो राि को दो बज काल करन को कौन जगगा दहखय वो आपकी समवीया ह हमारी नही आपका हदन शभ हो और राि भी

इस होहलका कथा स हम य हशिा हमलिी ह हक कवीटमर कयर हडपाटदमट कवीटमर की कयर क हलए नही कपनी की कमाई की कयर करन भर क हलए होिा ह हम म स अहाकानश लोग पहरदमा वमदन जी क परककप lsquoअनभहिrsquo क बार म जानि होग ककपना जी उस परककप का एक महतवपरद हकरदार ह अनभहि को अनभहि हजस टीम न बनाया उस म ककपना जी का भी शमार होिा ह म इन स बस एक ही बार इन क खारघर हवीथि आवास पर हमला ह शायद एक दो बार फोन पर बाि हई हो वीवावीय को लगभग माि द चकी आदररीया ककपना जी साहहतय-सवा क हलय सदव ितपर रहिी ह साहहतय की हवहवा हवााओ म रचनातमक परयास करना इन का हपरय शगल ह आप क िप को नमन

ककपना रामानी

ऐ हवा रगो नहाओ आ गया फागन ाम मौसम की मचाओ आ गया फागन

दश स रठी हई ह राि पनम की

चाद को जाकर मनाओ आ गया फागन

वन चमन क फल आिर दख लो हकिन नह नयौिा दक आओ आ गया फागन

हफर रह ह मन-महदि सब बाल बहगया म झलना उनका झलाओ आ गया फागन

साज ह सरगम भी ह ियार ह घघर

िम सखी शभ गीि गाओ आ गया फागन

खग हवहग-व दो क जाकर कान म कह दो मोर कोयल को जगाओ आ गया फागन

िान हपचकारी खड़ी ह दवार पर होली परम की गगा बहाओ आ गया फागन

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फगनाहट स जाग उठी ह जग म होली

रग पलाशो स लकर जन

हए रगील साथ फब रह लाल हर

कसररया पील सख को मह हचिा रह रग

गील हसकर भग चिा पकवान हो गए

और रसील

हपचकारी पर हफदा हो रही कोरी चोली

फगनाहट स जाग उठी ह जग म होली

मौसम बदला नमद हवा न पाव पसार

खार जल क िाल हो गए मीठ सार

चस-चस कर आम कोहकला सर म कहकी

आए हमलन गल िमी स चाद हसिार

हररयारो स होड़ ल रह

ढम-ढम ढोली फगनाहट स जाग उठी ह

जग म होली

शहरो म डीज गावो म बजिी पजन

दश हो हक परदसपवद की

एक वही ान खिो म सरसो हखलिी

उदयानो कहलया कर कर म रस भर दिा

सखदाई फागन

आिा सग ामाल शगन की भरकर झोली

फगनाहट स जाग उठी ह जग म होली

------------ सार छद

रग हदवस फागन क

छनन पकया छनन पकया उड़ रग क बादल पीि गलाबी लाल हआ ह वसारा का आचल

छनन पकया छनन पकया यह ऋि सबको भाई भवरो की मनहार दखकर कली-कली इिराई

छनन पकया छनन पकया गमी घटाए िम की दख रही ह जलिी होली जाग राि पनम की

छनन पकया छनन पकया वन पलाश हफर दहक

रग सनहरा दख गगन म उड़ि पाखी बहक

छनन पकया छनन पकया हफर आम बौराया मोर कोहकला न बागो को सर म गीि सनाया

छनन पकया छनन पकया दखा दशय हवहगम

हपचकारी भर खग-मग लाए रग घोलकर अनपम

छनन पकया छनन पकया हई खब हखलवाई जब सहखयो न भग हमलाकर ठडई घोट हपलाई

छनन पकया छनन पकया गाए गीि शगन क

बार-बार जीवन म आए रग हदवस फागन क

अनिजादल पर lsquoछनन-पकयाrsquo को हमलोगो क बीच समभवि भाई योगराज परभाकर जी ल कर आय रामीर अञचल का साहननधय हजन लोगो को नसीब हआ हो वह जानि होग हक lsquoछनन पकयाrsquo या इस िरह क अनय िहकया कलामो क साथ हमार लोक-साहहतय म अपररहमि रचनाए हई ह और उन म स लगभग 99 अब लपत भी हो चली ह हम जसो को बावला कहन वालो का हम इसहलय बरा नही मानि चहक इस िरह की बािो को विदमान समय नोवीटाहकजया क नाम स जानिा ह याद आिा ह हम लोगो क बचपन म हवजञापन वाल हम बिाि थ हक नमक स दािन करन पर दाि ख़राब हो जाि ह और वही हवजञापन वाल अब हमार बचचो स पछ रह ह हक आप क टट-पवीट म नमक ह हक नही याहन आहख़रकार य लोग हमारी भोर को ख़चो क साथ शर करन म सफल हो ही गय ख़र समय न कब हकस की सनी ह जो हम लोगो ही की सनगा चहलय अब उस फरसहिया जी क सटायर स लतरनदोि हआ जाय -

ldquoएक रसबहकय की डायरीrdquo ndash अनप शकल उरद ररसहिया आजकल रसबक का जमाना ह लोग कछ भी करि ह उसका वीटटस FB पर डालि ह समोसा खा रह ह बोर हो रह ह अचछा लग रहा ह झझला रह ह बलॉकअनफ़र ड

कर हदया ऐसा रील कर रह ह वसा महसस हो रहा ह कछ हो रहा ह कछ-कछ हो रहा ह कछ भी हकया जाय अगर उसको रसबक पर न डाला जाय िो लगिा ह वो काम हआ ही नही रसबक वीटटस हबन सब सन हालाहक रसबक पर लोग सब कछ कह लि ह लहकन हरर भी बहि कछ रह जािा ह हजस शरारि क मार लोग साझा नही करि ऐस लोग अपन मन क भाव अपनी डायरी म हलखि ह ऐसी ही कछ डायररया हाथ लगी उनको दखकर लगा हक हकिना कछ छट जािा ह रसबक आन स उन डायररयो म स कछ क अश यहा परवीिि ह 1आज हरर उसन अपनी परोराइल हपक बदली बवकर को पिा नही हक परोराइल बदलन स शकल नही बदल जािी मन नही था लहकन लाइक करनी पड़ी हगकटी रील हो रहा ह रसबक क चलि हकतता झठ बोलना पड़िा ह 2उसन नयी रोटो लगायी ह हवा म उड़ि हय बाल दखकर मन हकया हक हलख- य बाल नही िर सर स बची-खची अकल हनकलकर बाहर भाग रही ह लहकन हरर हलखा नही उसको य खशरहमी हो जािी हक उसक पास भी अकल ह हकसी को कयो ाोख म रखना आख मदकर फोटो लाइक कर हदया

3उसन आज हकसी को बलॉक करन की उदघोषरा नही की मन हकया पछ हक िहबयि िो ठीक ह लहकन हरर नही पछा हकसी क पसदनल मटर म कया दखल दना हजतती दर म कमट हलखग उतत म दस ठो लाइक कर लग 4हपछल दस हदन स एक ही आईडी स रसबहकग करि-करि बोर हो रह ह खराब लग रहा ह सोचा था आज पकका नई आईडी बनायग लहकन नही बनाई य कया हो रहा मझ गगहलग करना पड़गी हक ऐसी मनहवीथहि को कया कहि ह कछ इमपरहसव कहि होग िो उसको अपना वीटटस बना लग - रीहलग हडटरमाइनड 5बलॉग दख रही ह आजकल वो मई उसका वीटटस सबस पहल लाइक करिी ह घोटाल क पीछ CAG की िरह उसक वीटटस स हचपकी रहिी ह पछना पड़गा उसस चककर कया ह आजकल चट भी नही करिा लगिा ह नई आईडी स चट करनी पड़गी य भी औरो की ही िरह ह 6आज उसन हरर कतत क साथ अपना रोट लगाया ह मन िो हकया मनका गााी को हलख द हक दहखय आपक रहि जानवरो क साथ हकतता िो अनयाय हो रहा ह लहकन हरर छोड़ हदया कमट हकया - (कतत का) रोटो बहि अचछा लग रहा ह बरकट क अदर वाली बाि मन म कही ही ही ही ही smile emoticon smile emoticon smile emoticon

7आजकल हजस दखो कहविा हलखन म लगा ह हकिना िो करर हो गय ह लोग शबदो क साथ अतयाचार दखकर मन दखी हो जािा ह कछ शबदो स बाि हई बचार कह रह थ -पिा होिा हक हमार साथ इतता बरहम सलक होगा िो हम हडकशनरी स भाग जाि रीहलग helliphelliphellip (खाली जगह रीिा स पछ कर भरगी उसको य सब अचछा आिा ह हक कब कस रील होना चाहहय ) 8िीन हदन स दषट न हकलो नही बोला सोचिा ह म पहल बोल माई रट मर पाच हजार दोवीि ह िीन हजार िीस रालोवर उस बवकर क िीन सौ इकवावन दोवीि गवीसा आ गया उसक वीटटस पर (हजसको पहल लाइक हकया था) जाकर वीटटस को सकड़ो बार हडसलाइकलाइक हकया वीटटस को हझझोड़ कर रख हदया कल रील हआ हरर वीटटस लगाया- भटटा चबा रह ह ठड़ा पीि हय smile emoticon

9कछ भाई लोग िो जञान की बाि इतती बवकरी स करि ह हक मन करिा ह एक उननाव क डौहडया गाव म खदाई क हलय लगी एक ठो जसीबी इनक हदमाग म भी लगा द सारी अकल का मलबा हनकाल क हदमाग को खाली कर द लहकन हरर लगिा ह कड़ा कड़दान म ही रह िो अचछा जमीन पर काह को रलाया जाय 10आज मड की भी छटटी थी छटटी मिलब सड समझकर मन टीना को सड वाली आईडी स हकलो बोल हदया वो घट भर िक मह रलाय रही िरह-िरह क बवकरी क आइकान भज कर उसको मनाना पड़ा य लड़हकया भी हकतती चजी होिी ह यार मन िो हकया हक वीटटस लगाऊ -टाहकग ट रल रीहलग इरीटटड लहकन हरर लगा वो समझ जायगी िो वीटटस लगाया- एनजवाइग सड रीहलग रट

11दोवीि बिा रहा था हक वो आजकल बहि वयवीि ह दो आईडी बनाई ह उसन दोनो पराानमहियो की िरर स रसबक पर जग लड़िा ह एक आईडी हकसी क हखलार वीटटस हलखिा ह दसरी स उसक हखलार िकद घट दो घट एक वीटटस पर कशिी लड़न क बाद अगला वीटटस लगा दिा ह बिा रहा था पराानमिी कोई बन उसका चमचा-इन-चीर बनना पकका ह राजयमिी क दज की आशा ह मन हकया उसको कह rsquoशखहचकली कही कrsquo लहकन rsquoरटrsquo कहक बॉय कह हदया वीटटस सटाया- रीहलग ररलकड 12भाईसाहब न बहि हदन स कोई वीटटस अपडट नही हकया आज एक लड़क को रसलाकर लगभग जबररयन समोसा हखला रह ह पकका दस हमनट क अदर वीटटस लगायग- आज एक भख को भोजन कराया सिषट महसस कर रहा ह म सोच रहा ह हक म कमट करगा ndash कया अजब पाखड ह लहकन मझ पिा ह हक म हकसी को हटद नही कर सकिा राइनली हदल पर पतथर रखकर हलखगा- मानविा की सचची सवा 13आज शाम एक फ़र ड का रोन आया कहा आज हकसी स रसबक बरकअप नही हआ िहबयि घबरा रही ह रीहलग लो मन कहा िो म कया कर िो उसन कहा यार ि ही मझस लवर बनकर बाि कर ल आईडीपासवडद भजा ह िरी मल म मन कहा -मझ इस सब झमल म नही पड़ना उसन हरर दोवीिी की कसम दी िो मझ दया आ गयी मन कहा अचछा चल लाग इन करि ह मरी हकवीमि अचछी लाइट चली गयी थी मन उसको एसएमएस हकया उसका जबाब आया -कोई नही मन खद दो बराउजर स चट करक बरक अप कर हलया िझ हहचहकचाहट हो रही थी अचछ स हो भी नही पािा िर स नाऊ रीहलग ररलकवीड मन वीटटस लगाया- कस-कस रस ह रसबक क रीहलग सरपराइजड ऐसी न जान हकिनी बाि डायरी म हलखी हई ह सबको यहा हलखना ठीक नही ह नमन बिा हदय आप अनदाजा लगाइय हक और कया-कया हलखा होगा डायररयो म आप भी रसबक डायरी हलखि हो िो शयर कररय अपन हवचार कोई हहचहकचाहट हो िो अनाम नाम स मझ भज दीहजय हम छाप दग आया न मिा और पिना चाहि ह इन को ठीक ह थोड़ी दर बाद पहल कछ और रचनााहमदयो को भी पि हलया जाय

डॉ (सशरी) शरद हसह

हदलो म रग भर द पयार का हफर इस दरा होली हक मौका द ही द दीदार का हफर इस दरा होली

न हशक़वा हो न कोई हो हगला इक-दसर क सग हमटा द दाग़ हर िक़रार का हफर इस दरा होली

ग़मो को दर सरका द खशी को साथ ल आय

रख माहौल बस इकरार का हफर इस दरा होली

महबबि की हसफाररश हो महबबि की इबादि हो रह तयोहार इक इसरार का हफर इस दरा होली

य होली म सभी क साथ होन का मिा आए

लग हर शख़स जयो पररवार का हफर इस दरा होली

सशीला हशवरार

कहा गए वो चग-डर अपनापन अनराग गीिो की रसाार हबन हकिना सना राग

ढोल-चग की गज पर मन उठिा था झम अब गहलया सनी हई कहा गई वो ाम

मवीिो की टोली नही नही वीवाग क रग बस टीवी म रह गया होली का हड़दग

रग हरिा म छा गए नील-पील-लाल

म हबरहन सखी रही मझको यही मलाल

मोहन अब रगि नही रााा िर गाल कलयग ह द वापर नही दहनया कर सवाल

सग अबीर-गलाल क मला कौन-सा रग लोग कह म बावरी जग स हई हनसग

सावररय क रग-सा हमला न दजा कोय िन लाग जो सावरा हर हदन होली होय

उसन य दखा मझ हई शमद स लाल

हसरि हदल म रह गई मलिी खब गलाल

ामनर कमार lsquoसजजनrsquo

िर भर चिकर जो हमट रग बड़ा बकार साि जनम िक साथ द वही रग िन डार

बदन रगा िो कया हकया मन को रग ल यार

मौका भी दवीिर भी होली का तयोहार

रगो क सग घोलकर कछ टट सवाद ऐसी होली खहलए बरसो आए याद

जाकर य सब स हमलो जस हमलि रग

कवल हपरयजन ही नही दशमन भी हो दग

रग सभी फीक पड़ जब आई मख लाज इन गालो क रग स आओ रग द आज

सख रगो स करो सिरगी ससार

पानी की हर बद को रखो सरहिि यार

फागन न आकर कहा अपन हदल का हाल गोरा मखड़ा ाप का हआ शमद स लाल

रग न हो िो परम भी रग दिा ससार परम न हो िो वयथद ह रगो का अबार

िझको रगन थी चली पीली पीली ाप गोरा िन छकर हई उजली उजली ाप

आखो आखो म चल सार रग गलाल

अपनी होली चल रही य ही सालो साल

ओबामा जी अगर हलकन हिदा होि िो

सजीव हनगम

सबह सबह चचचा अपन घर रपी िोप नली स गोल की िरह जो छट िो सीा हमार घर म आकर रट उनक हाथ म सबह का अखबार था और मह स दनादन ऐस शबद हनकल रह थ हजनह सन कर पहलस वाल भी शहमिदगी महसस करन लग ऐसी िबरदवीि गोलाबारी क सामन पड़ना अपन खद क अहिम सवीकार का इििाम करना जसा ही था इसहलए हम हाथ म सरद रमाल थाम उनक शाहबदक रप स ठडा होन की राह दखन लग थोड़ी दर बाद वह शभ घड़ी भी आ गयी और व उस अकसहशयन की िरह स शाि होकर बठ गए जो घर आय महमान पर भौक भौक कर थक गया हो मन हहममि करक पछा चचचा आप िो ओबामा की िरह स सभय आदमी थ य अचानक ओसामा कस बन गए यह सनि ही चचचा हफर स पाहकवीिानी फौहजयो की िरह स हबना कारर फायररग करन लग बोल नाम मि लो उस ओबामा का मर सामन जब अभी भारि आया था िो कया कया अरमान दख थ मन उसकी और अपनी दोवीिी क यह सोच सोच कर म हकिना खश था हक उस दोबारा यहा दख कर चीन हकिना जल रहा होगा पाहकवीिान हबलख रहा होगा यहा िक हक जब जाि जाि उसन हम हबन मागी सलाह द डाली िब भी मन उस पान क अडड पर खड़ हकसी दोवीि की चहलबािी समझ कर झल हलया था - पर उसन िो वहा जाकर भी - अमा िम अपनी िोि जसी चोच बद रखो य हम दो बड़ी हहवीियो क बीच का मामला ह उसम िम अरर जटली की िरह स बीच म घसन की कोहशश मि करो सषमा वीवराज की िरह स अलग ही रहो हम पिा ह हक उसन वहा जाकर भी हमारी िरफ इस बयान की हपचकारी मारी थी हक भारि म ााहमदक असहहषरिा इिनी बि गई ह हक यहद महातमा गााी हजदा होि िो व आहि होि - लहकन अब िो वहा भी hellip

- हा वही िो hellip बड़ा आया हम जञान दन वाला अब उसक अपन यहा ााहमदक असहहषरिा की ऐसी हरकि हो रही ह िो अब समझा ना अपन लोगो को हम जो जञान हदया था उस कॉपी पवीट करक अपन कपयटर जस दश क होम पज पर डाल न - सही कह रह ह आप पर य सब मझस कहन स कया फायदा - वो िो म भी जानिा ह िम जसा सवीि सट पहनन वाला इन सब बड़ी बड़ी बािो को कया समझगा य िो लाखो रपय का सट पहनन वालो क समझन की बाि ह - िो हफर उनह ही समझाईय न मर घर को कयो राज पथ बना कर 26 जनवरी का शहि परदशदन कर रह ह - हम यहा कोई शहि परदशदन करन नही आय ह बहकक राषर हहि म िमस एक कबादनी मागन क हलए आय ह कही गवीस म इनहोन इवीलाहमक वीटट जसा कोई आिकवादी सगठन न बना हलया हो और उसका पहला हफदायीन मझ ही बनान का न ठान हलया हो यह सोच कर मरी सास डर क मार अपन आप िोर िोर स अनलोम हवलोम करन लगी डरि डरि आवाि हनकली कसी कबादनी चचचा - हम थोड़ी दर क हलए क हलए िमहारा मोबाईल चाहहए - कयो भला - ओबामा स बाि करनी ह और उसस पछना ह हक आज अगर अबराहम हलकन हिदा होि िो व हकिना आहि होि लहकन मरी दशभहि न ही मझ मर मोबाईल क माधयम स अमररका स समबना ख़राब करन स रोक हदया मन मोबाईल म बलस न होन का कारगर बहाना बना हदया चचचा न दवादसा की िरह स अहिशय करोा स मझ घरा और हफर हकसी सचच मोबाईल ाारी दशभि की िलाश म हनकल गए

समीिा परवीर कशवा

रग लगाक ि न जा मझ रग लगाक अपन अग लगाल सावररया रhellip

पवन बसिी ि बनक सग बहा ल अपन हदल म बसा ल सावररया रhellip

फागन न जकफ खोली मदहोशी नभ म घोली

ाानी आकाश हआ ारिी भी उसकी होली

रगो स रग हमल सिरगी फल हखल पखरी लाज खोए

भवरा जो उसप डोल बाह पसार नदी क दोनो हकनार

इकदज को पकार बलम आजा रसावररया रhellip

लरज कपोल लाल सया रग गलाल भावभरा रग घला

िन मन हए सब लाल सजना क सग सखी

ऐस म रग रगी खद स ही परीि हई खद स ही जग हई

परीि लगाक अपनी नीद गवा क सजन सग बन गई म िो बावररया र सावररया रhellip

कावय करन को चल ह हम भरािा सच पछौ िौ हम कछ नही आिा 01

हफर ह हमन बहि िहनक लगाई

झट सो यो एक यहि बझ आई 02

एक शबद ह िाक अनक हवकार इनकौ कीज िजद- बनद वयवहार03

शबद-हवकार प पन-पन करौ परहार

ठोको- ठासौ और नक लउ हनहार 04

जस-जस शबद वीव- पकार सनाव िस-िस कावय पहि बन आव 05

अब िौ भईया हम ह कहव कहाए

मन ही मन यो मवीि मोद मनाए 06

एक हदन जमौ बड़ौ कावय वयापार कहव-कल कौ कछ कह आर न पार07

सब न अपन-अपन जब पाठ हकय

शरगार हावीय वीर रस क ठाट हकय08

अलकारन क अदभि उपयोग हकय वकरोहिन क हवलिर परयोग हकय09

छनदन सौ अनठ स अनबना हकय

चमतकहि क अतयि सपरबना हकय10

हमन ह हहममि अपनी नक न हारी कावय म कावय की यहि कह डारी11

अब हनरदय कौ अवसर जयो आयौ

हमरौ नाम उनन सवद- शरषठ सनायौ12

हलयौ पचन न हम पनः मच बलाय हदयौ टट जिन कौ एक हार हपराय13

िब व बोल मनद-वीवर य मद भाखा

नीच स आपकौ नमबर एक ह आका14

यह सब दखद दशय दखि घर-वारी घर पहचि ही वाकी हवकट सवारी15

बड़ चल हौ िम हनि कहव बनन कौ आयी न नक ह लाज या झठ रन कौ16

बालक भख घर सौ मस ह हफरि ह

टट ह पाि वसतरन क पबनद फटि ह17

मददि स हर बाररस यह छतत चआनी बस अब की बार ह सच फशद प आनी18

कहव-जन एक बाि म कहौ सहवचारी

मानौ न मानौ हौ अब आप अहाकारी19

रोजी-रोटी जब लौ नही हसि जगाड़ी कहव नही कबह कहव ननद अनाड़ी 20

- एन एल चिवदी नगीना उरद lsquoननदrsquo

साहहतयम पर आप लोग जो रसील और चटील वयङयालखो का रसावीवादन करि ह उस का हजममा भाई कमलश पाणडय जी न उठाया हआ ह कहन की आवशयकिा नही हक साहहतयम का कल कामकाज वीवहचछक और अविहनक ह आज क दौर म ऐस साहथयो का हमलना सौभाय ही कहा जायगा वस भी पसा सब कछ खरीद सकिा ह मगर समपदर की भावना नही कमलश जी वीवय भी एक बहिरीन वयङयकार ह कमलश जी क सटायसद की हवशषिा ldquoबारीक़ीrdquo ह आप बड़ ही हनराल अनदाि म पाठक को अपन साथ बहा ल जाि ह आइय कमलश जी क एक रसील और चटील वयङयालख का रसावीवादन करि ह-

फाहयान की हफकमी डायरी कमलश पाणडय

उस रोि फ-ची न बिाया हक भारि-भरमर पर जान स पहल वहा की कछ हफकम

दख ल िो पयादपत मागददशदन हमल सकिा ह फची कहिा ह हरकम हकसी भी समाज का दपदर होिी ह सो इनह दख लो सभव ह भारि जान की आवशयकिा ही न पड़ यही बठ-बठ भारि पर एक वहद रथ हलख सकि हो कल बािार स विदमान काल म बनी डि-दो सौ भारिीय हफकमो की सीडी क जलदवीय सवीकरर ल आया जो प-ईहचग क चोर-बािार म मोमो क एक पलट स भी सवीिी हमल गई आज परािः काल भजन-पजन क उपराि उनक अवलोकन क हलए बठ गया ह य एक नया ही ससार परिीि होिा ह फ-ची ठीक कहिा था हक चीन म फली भारि समबनाी भराहियो पर करद न ारो मझ सही मागददशदन दन वाल फ-ची को साावाद कहि हए अब आरमभ करिा ह एक आठ परहर स हनरिर भारिीय जीवन की इनरानषी छहवया दखि-दखि नि चहाया गए ह और महषिषक िो मानो हनहषकरय ही हो गया ह अभी थोड़ सरा-पान क उपराि जी

हकका हआ िो भारि- जो अब ईहनडया कहलान लगा ह ndash की आकहि कछ-कछ दहषटगोचर होन लगी ह य िो हनहिि ही ह हक इहणडया अतयि समि दश ह हफकम का नायक जो वीवय को आम-आदमी और हनादन मनषय बिािा ह एक बड़ स भवन म रहिा ह हडिाइनर परराान पहनिा ह चमकि वाहन पर यािायाि करिा ह और एक सनदरी स परम करिा ह कभी-कभी सदररयो की सखया एक स अहाक हो सकिी ह पर जब वह नतय रि होिा ह िो सदररया अनि होिी ह हजन ानाढय लोगो स उसकी शििा होिी ह उनक िो कया कहन उनकी जीवन शली चीन क समराट को भी लजा दन वाली ह वस अहाकाश हफकमो म नायक पहलस अहाकारी ह ऐसा परिीि होिा ह हक इहडया म सभी पहलस अहाकारी बनना चाहि ह हजसका कारर यही मालम होिा ह हक उनक घर और ठाट-बाट राजाओ स परहिवीपााद करि दीखि ह इसस िो यही लगिा ह हक इहडया म अब सवदहारा कोई नही बचा दो आम आदमी पर आााररि एक हफकम का अवलोकन करन क बाद इस हनषकषद पर जा पहचा ह हक इहडया क आम-आदमी सर-सपाट क शौकीन होि ह और परायः अपनी परहमका क साथ मनोरम वीथलो पर भरमरशील रहि ह उसकी परहमका वीवय को अतयि हनादन बिािी ह जो उसक अतयकप वसतरो को दख कर िो सतय परिीि होिा ह परनि जब उसक आभषरो और चरर पादका पर दहषट जािी ह िो थोड़ा सदह भी उतपनन होिा ह परायः य लोग कही आकाश स परसाररि होि सगीि पर गायन करन लगि ह िो हर बदलि लय क साथ वसतर वीथल और वाहनाहद बदल दि ह समहि का िब चरमोतकषद हदखिा ह जब य लोग गीि का हर अिरा हकसी अनय दश की भहम पर गाि ह और पलक झपकि ही उनह वहा पहचा दन वाला वाहन कही नही हदखिा हनिय ही वहा का हवजञान अभिपवद परगहि कर चका ह सभव ह वहा हर आम आदमी क पास अपना हनजी वाययान हो िीन आम आदमी की मोहक छहवयो वाल दशयो को दखि जी ही नही भरिा यह भी जञाि हआ हक इहडया एक अतयि सनदर दश ह जहा एक ही वीथल पर समर हहमाचछाहदि पवदि रहगवीिान और झरन ह कई एक वीथल िो ह-ब-ह हवीवटिरलड नामक दश क सामान ह य भी समभव ह हक आम आदमी क भरमर-लाभ हि इहडया म ही कही-कही यरोप-अमरीका आहद महादशो की परहिकहि रच ली गई ह गीिो क दशयो म िो य बाि एक दम हसि हो जािी ह जस ही नायक-नाहयका गायन परारमभ करि ह ढर-सारी सदररया नाचिी-गािी उनकी सगि करन आ जािी ह य भी वसतरो की दहषट स अतयि हनादन लगिी ह परनि हवीथहि पर गौर करन स वीपषट हो जािा ह हक ऐसा नही ह कया समरिट पर सट पहन कर जाया जािा ह या हक राहि-कलबो म बकाद ओि कर इसस य भी वीपषट ह हक इहडया म नाररयो को इचछा-नसार पहनन-ओढन घमन-हफरन नाचन-गान की वीविििा ह चार फची गलि कहिा ह हक इहडया म बहि गरीबी ह उस ऐसा कछ हरकम ही दखकर लगा था उसकी सलाह पर आज ऐसी कछ हरकम दखी इनम टट-फट घरो म कछ हभिक-परकार क पराहरयो का जीवन हदखाया गया था सकषम दहषट डालन पर इन बहवीियो क पीछ खड़ हवशाल महल हदख जाि थ जहा स कछ आम आदमी आकर इन बहवीियो को हगराना चाहि हदखाए गए थ पर उनका उदशय इन झोपहड़यो की जगह महल बना कर पर इहणडया को एकाकार कर दना था समयाभाव म इनका बनाना हदखाया नही जा सका एक राजनिा न बिाया हक गरीबी को परचाररि करन क पीछ हवरोाी राजनीहिक दलो का दषपरचार ह जो मझ सो सतय लगा मझ िो इसम

चीन का हवीि होन की भी समभावना हदखी कयोहक ऎसी एक हफकम म हनादन लोग बार-बार माओ का नाम ल रह थ पाच ऐसा परिीि होिा ह हक इहडया म सभय लोगो की भाषा हहनदी ह य भाषा अरजी क शबदो और वीथानीय भाषा क कारको स बनी ह हबना पि-हलख लोग कई वीथानीय भाषाए बोलि ह परायः लोग कवल अरिी भी बोलि पाए जाि ह पर आम िौर पर अरिी क दो एक वाकयो क बाद हहनदी पर उिर आन की परवहतत ह नाहयकाए और हसतरया अरिी बोलना पसद करिी ह पर जब वो हहनदी बोलिी ह िो भी धवहन अरिी-सी ही आिी ह ऐसा परिीि होिा ह हक उनह भाषा की दीिा मलिः अरिी म हमली ह और हहनदी उनहोन हकसी हहनदी हफकम म काम करन क उददशय स सीखी ह गान अहपि हहनदी म ही गाय जाि ह पर वहा और भी कई भाषाओ का मल हदख पड़िा ह एक गीि िो ऐसा था हजसम बड़-बड़ नगाड़ो की िाल पर पजाबी नामक भाषा म बहि सारी अरिी और थोड़ी हहनदी हमलाई गयी थी ऐस कछ गीिो क रचहयिा कोई lsquoयो योrsquo नामक महाकहव ह जो अपन गीिो म यवाओ को कम महदरा या मादक पदाथो क सवन करन जस सावीकाररक सदश दि रहि ह इन गीिो क भावाथद जो भी हो इसम कनयाओ का नतय अदभि ह- शबदो को समझ हबना ही सभी अथद वीपषट हो जाि ह छह आज दहिर इहडया की कछ हरकम दख कर पिा चला हक इहणडया क इस भखड म परष अहि-शहिशाली और नाररया खब भरी-परी होिी ह नायक िो इिना चपल होिा ह हक चशमा हसगरट या हपवीिौल जस उपकरर पलक झपकि ही अपन शरीर क हवहवा हहवीसो पर अिररि कर लिा ह इस नायक क एक आघाि स खलनायक कई पलो िक वायमडल म गोि खािा ह और कभी-कभी िो आकाश म ही हवलीन हो जािा ह उार नाररया रग-हबरग कलशो और इनरानषी आकहियो क बीच मादक नतय करिी रहिी ह वहा का एक नायक िो सवद-शहिमान ईशवर क समकि ह उसकी शहियो क हवषय म अनक हकवदहिया परचहलि ह जो फ-ची क अनसार रजनी-जोकस नामक रथ म सगहीि ह साि कछ राजनीहिक हरकम दख कर ऐसा परिीि हआ हक इहणडया म सभी निाओ की अपराा करन-करान म गहरी रहच ह परायः समाज म खलनायक निा ही होिा ह य लोग सरा-सदररयो हहथयारो सनदर परासादो और चमकि वाहनो क बीच ही रहना पसद करि ह आवशयकिा पड़न या न पड़न हकसी भी हवीथहि म हकसी की हततया कर दना इनक वाम-हवीि का कमद ह बलातकार हि इनह यो िो सभी हकवीम की नाररया पसद ह पर नायक की बहन या परहमका पर हवशष कपा रखि ह ऐसा लगिा ह हक इनकी हदनचयाद हकसी षडयि स आरमभ होकर हकसी हततया पर समापत होिी ह इनक अगरिक चीनी यि कला म हसिहवीि होि ह और अवसर पाि ही सााारर मानवो पर ईया-ऊआ करि टट पड़ि ह एक राजनिा की कररिा दख कर िो मरा हघघघी नामक अग बा ही गया इहडया म इनही अहिमानवो म स जनपरहिहनहा चनन का परावाान मालम होिा ह चन हलए जान क बाद य परायः शवि वसतर ाारर करि ह और सभाओ म भाषर दि हफरि ह पर अििः अपराा क सभी सि उनस ही जड़ होि ह चनाव एक रोचक अवसर होिा ह जब ढर सार वाहनो म लोग रग हबरगी झहडयो क साथ नारा लगाि घमि ह आठ इहडया का य रग दख कर िो दग रह गया ह एक मदान म लाल पील हार नील िातपयद य की सभी परकार क रगो स सराबोर हिारो मनषय एक साथ नतय कर रह ह सबक

वसतर शवि ह िाहक रगो की छाप गहरी उभर गाज-बाज क साथ एक समह गीि गाया जा रहा ह हजसम गोररयो की चोली पर रग डालन की परररा दी जा रही ह चनररया को हभगोन पर हवशष जोर ह सदररया परषो स जोड़ बना कर मादक नतय कर रही ह रग जो ह उड़ भी रह ह बौछार बन कर बरस रह ह और चहरो पर पोि भी जा रह ह इहडया की इस रगीन छहव को दख कर हपछली सारी छहवया ााली हो गई ह ऐसा परिीि हो रहा ह हक मानो परा दश एक ही रग म रगा ह भल ही वह हिारो रगो म वयि हो रहा हो पिा चला ह हक य एक तयौहार ह हजस होली कहि ह एक हदन पहल इहडया क लोग होहलका जलाि ह हजसम अपनी बराईयो की आहहि डालि ह मन भी आज इहडया की बरी छहव बनान वाली हपछली हफकमो की सीडी एकि कर उनकी होहलका जला दी और उसकी राख इन बरगलान वाली हरकम दखन की सलाह दन वाल फ-ची क मह पर मल आया आज इहणडया की यािा की ियारी परी कर ली ह दो हदनो क पिाि होली ह उस दख हबना इहडया की यािा कस समपरद होगी य ह कमलश पाणडय जी और य ह उन का अनोखा वाला रङग जो मझ बहद पसनद ह इस आहटदकल को चाह िो माि मनोरञजन क हलय भी पिा जा सकिा ह और अगर कोई वयहि समय हनकाल कर इस की थाह को नापना चाह िो नपप भी सकिा ह कमलश भाई जी क एक हमि ह हवनोद हमशर हवनोद जी ररसणटली बरसाना हो कर आय ह हवनोद जी न साहहतयम क हलय बरसान की होली की दो बहि ही सनदर-सनदर िवीवीर भजी ह हवनोद जी का बहि-बहि आभार य ह वह दो िवीवीर -

डा वी क भकला

हजजजा सग होली

लगा कर भोग महावीर को और चिा कर फल बिीसा बड़ भहिभाव स पि रह थ हम िो हनमान चाहलसा महावीर जब नाम सनाव

भि हपचास हनकट नही आव िभी मरी साहलया आ कर बोली खलग हम जीजजा सग होली और मरी हसटटीहपटटी गम होली कािर वीवर म हमन पकारा

ह हनमि अब िरा सहारा सन पकार मरी हनमानजी धयान म आए

और मझस य ररमाए वतस म िो ठहरा बाल बरहमचारी

कस हर म हवपदा िमहारी इस लरड़ म मझ न लाओ

िमहारी घहटया ह िमही बजाओ पड़ा सकट मोचन नाम भी झठा हदखा गए हनमानजी भी अगठा

मरी साहलओ न जी भर की मरी पिाई दिा रहा हाए म दहाई

िभी शरीमिी जी बाहर स आई मझ दखि ही हचलाई

अजी सनि हो जरा बाहर आओ कोई लरगा घर म घस आया ह

उस मार कर बाहर भगाओ ाीर स मन खखारा

अरी भागवान य म ह पहि िमहारा िो शरीमिी जी िनक कर बोली

वाह मर छला बहि भाए हो सबह सबह कहो हकसस

मह काला करवा कर आए हो मन अपनी करर गाथा उस सनाई

िो शरीमिी जी हभननाई और अपनी बहनो को आवाि लगाई

कया मरा ही पहि हमला था मह काला करन क हलए

िो वो बहयाई स बोली दीदी अगली होली म

िम हमार पहियो का मह काला कर दना िमहारा सारा हशकवा हमट जाएगा हहसाब एक दम बरोबर हो जाएगा

हमन कछ वि क हलए बाहर हनकलना बद कर ह

यह सोच कर हक अगर हकसी न पछा हक िमहारा मह हकसन काला हकया

िो कया जवाब दगा

हवजनर शमाद

सरहद स आया नही होली पर कय लाल मा की आख रग स करिी रही सवाल

आखो को भी ह हगला कर हशकायि गाल बरी ख़द आया नही हभजवा हदया गलाल

कौन बजाव फाग प ढोल नगाड़ चग चारो िरर उदाहसया गायब हई उमग

मौक़ा था पर यार न डाला नही गलाल

मरझाय स ही रह मर दोनो गाल

हरि म थ यार सब दशमन भी था दग मन उसक गाल पर लगा हदया जब रग

इििार क रग म गयी बावरी डब होली पर इसबार भी आया ना महबब

और अब ररसहिया जी का एक और ाास सटायर ाास इसहलय हक समझ म नही आ रहा हक इनह खाङरसी कहा जाय हक हफर भीजफी बाला

आजकल बचार कालान की मरन ह कोई भी घपला होिा ह काल ान पर िोहमि लगिी ह बलक मनी की थ-थ होिी ह जस निा चमच क हबना महनि चल क हबना आईपीएल हरहकसग क हबना

अारा लगिा ह वस ही कोई भी घपला काल ान की चचाद क हबना अारा लगिा ह घपला अगर कोई

आाहनक जहटल कहविा ह िो काला ान उसका आम जनिा की समझ म आन वाला सरल अनवाद ह घोटाला यहद कोई अबझ हसिाि ह िो काला ान उसकी सहज टीका ह जस पाहटदया चद क हबना निा लफ़राजी क हबना लखक अपनी उपिा का रोना रोय हबना नही रह पािा वस ही दहनया का कोई भी बड़ा ानाा हबना काल ान क नही पनप सकिा दहनया म हजिन भी मजबि ाना ह चाह वह हहथयार का हो ामद का हो या हरर हशिा का ही कयो न हो सबकी बहनयाद म काल ान की सीमनट लगी ह काला ान न हो िो हवीवस बक रवीस बक होकर रह जाय अपन दश म हपछल बीस सालो म हजतता हवकास हआ ह काला ान उसस कई गना जयादा बिा ह गहरि की भाषा म कह िो हकसी भी आाहनक समाज का हवकास उस समाज म मौजद कालान की मािा का समानपािी होिा ह इस सबक बावजद कालान को लोग इजजि की हनगाह स नही दखि कालाान कमान वाला िक खलआम उसकी आलोचना ही करिा ह राजनीहिजञ चनाव भल काल ान क सहार लड़ लहकन सावदजहनक रप स कालान की ऐसी बराई करि ह जस वामपथी दहिरपहथयो की करि ह अमररकी कयबा की करि ह पाहकवीिान वाल भारि की करि िरह ह अपन परहि दहनया का यह दवदातमक इजजिवाद दखकर बचार कालान क हदल पर कया बीििी होगी दहनया क ाोख को दखकर उसका मन भी हजया खान की िरह लटककर हनपट जान का करिा होगा उसका भी मन करिा होगा हक सरकारी गवाह बन जाय और सबकी पोल खोल द हक कस िमाम लोगो स उसक अिरग सबा रह कस लोगो न उसका सहारा हलया आग बि और सहारा हलया लहकन जब सरलिा क हकवीस सनान की बारी आयी िो शरय अपनी महनि लगन और बहि को हदया कालान क योगदान की सरासर उपिा कर दी यह वसा ही ह हक हकसी दश क इहिहास म राजा राहनयो क हकवीस हलख जाय लहकन महनिकश जनिा की कहानी गोलकर दी जाय लहकन हरर कालाान शायद यह सोचकर चप रह जािा होगा हक अपरााी कोई भी हो लहकन बराई उसी की होनी ह बइजजिी िो उसी की खराब होनी ह इसक बाद शायद वह यह सोचकर चपचाप अपनी करििो म जट जािा होगा हक आजनही िो कल उसको वह इजजि अवशय हमलगी हजसका वह हकदार ह उसको भी खल आम उिनी ही वीवीकायदिा हमलगी हजिनी की आज समाज म जाहिवाद सकीरदिा भाई भिीजावाद भायवाद और काहहली को हमली ह काला ान सोचिा होगा- जस बाहकयो क हदन बहर कया पिा वस ही उसक भी बहर

और साहथयो चलि-चलि अपनी जड़ो की ओर - बरहमलीन सनि कहव हशवदीन राम (जोशी) की सनि-वारी आप ही क आधयाहतमक हशषय आदररीय शरी हकशोर पारीक [खणडला] जी क सौजनय स

गोकल व बरसान की नार बजाय-बजाय बजा रही िारी अर वनदावन की बनी व बनी बनक ठनक अरी द रही गारी

शयाम को शयामा सजाय सजी अहो और गलाल लगावि पयारी हशवदीन व जोरी स जोरी हमलीबरज खलि होरी ह बाक हबहारी

मगल समगल सदा ही आननद रह नदलाल

ि गलाल डार दख सखी आ रही राा मिवाली आली चाली रग डारन को

गोहपया हनराली गाली शयाम को सना रही सन-सन क शयामलाल सग-सग गवाल बाल

बाजि मदग िाल राा जी गा रही कहिा हशवदीन लाल ऐसी गलाल उड़ी

बादर बन लाल लाली चह ओर छा रही

बरज वनदावन ााम रग स रगा रगीला हरा मोहिया लाल रग ह पयारा पीला

ाम ााम स खल खल रह होरी दखो शयामा शयाम सजान और सग गोरी दखो

चह ओर हपचकाररया रग-रग की ाार हशवदीन सरस रस रहसक जन पीव करर-करर पयार

राम गर गायर

भारि की लोक समपदा फागन की फाग - आचायद सजीव वमाद सहलल भारि हवहवावरी लोक सवीकहि स सपनन- समि परमपराओ का दश ह इन परमपराओ म स एक लोकगीिो की ह ऋि पररविदन पर उतसवामी भारिीय जन-

मानस गायन-वादन और निदन की हिवरी परवाहहि कर आनहदि होि ह फागन वषािि िथा चि वषादरमभ क साथ-साथ फसलो क पकन क समय क सचक भी ह दहिरायनी सयद जस ही मकर राहश म परवश कर उततरायरी होि ह इस महादवीप म हदन की लमबाई और िापमान दोनो की वहि होन की लोकमानयिा ह सयद पजन गड़-हिल स हनहमदि पकवाननो का सवन और पिगबाजी क माधयम स गगनचमबी लोकानद की अहभवयहि सवदि दखी जा सकिी हमकर सकराहि हखचड़ी बसाखी पोगल आहद हवहवा नामो स यह लोकपवद सकल दश म मनाया जािा ह पवदराज होली स ही मधयोततर भारि म फागो की बयार बहन लगिी ह बदलखड म फाग बजभहम म नटनागर की लीलाए हचहिि करि रहसया और बााई गीि अवा म राम-हसया की जगल जोड़ी की होली-करीड़ा जन सामानय स लकर हवहशषट जनो िक को रसानद म आपादमवीिक डबा दि ह राम अवा स हनकाकर बदली माटी पर अपनी लीलाओ को हववीिार दि हए लमब समय िक हवचरि रह इसहलए बदली मानस उनस एकाकार होकर हर पवद-तयौहार पर ही नही हर हदन उनह याद कर जय राम जी की कहिा ह कषर का नागो स सघषद और पाडवो का अजञािवास नमददाचली बनदल भहम पर हआ गौरा-बौरा िो बदलखड क अपन ह हशवजा हशवातमजा हशवसिा हशवहपरया हशव वीवदोभवा आहद सजञाओ स समबोहाि आननददाहयनी नमददा िट पर बमबहलयो क साथ-साथ हशव-हशवा की लीलाओ स यि फाग गयी जाना वीवाभाहवक ह बदली फागो क एकछि समराट ह लोककहव ईसरी ईसरी न अपनी परहमका रजउ को अपन कहितव म अमर कर हदया ईसरी न फागो की एक हवहशषट शली चौघहड़या फाग को जनम हदया हम अपनी फाग चचाद चौघहड़या फागो स ही आरमभ करि ह ईसरी न अपनी पराकि परहिभा स रामीर मानव मन क उचवासो को सर-िाल क साथ समहनवि कर उपहिि और अनचीनही लोक भावनाओ को इन फागो म हपरोया ह रसराज शर गार क सयोग और हवयोग दोनो पि इन फागो म अदभि माायद क साथ वहरदि ह सदयवीनािा यविी की कशराहश पर मा ईसरी गा उठि ह ईसरी रााा जी क कानो म झल रह िरकला को उन दो िारो की िरह बिाि ह जो रााा जी क मख चनर क सौदयद क आग फीक फड़ गए ह कानन डल राहाका जी क लग िरकला नीक आनदकद चद क ऊपर िो िारागर फीक ईसरी की आराधया राहाका जी सदरी होन क साथ-साथ दीनो-दहखयो क दखहिाद भी ह मय बल राि राहाका जी को कर आसरा की कौ दीनदयाल दीन दःख दखन हजनको मख ह नीकौ पहटया कौन सगर न पारी लगी दहिन पयारी रचक घटी-बड़ी ह नया सास कसी ढारी िन रई आन सीस क ऊपर शयाम घटा सी कारी ईसर परार खान ज पहटया जब स िकी उघारी

कहव पछिा ह हक नाहयका की मोहक चोहटया हकस सघड़ न बनायी ह चोहटया जरा भी छोटी-बड़ी नही ह और आिी-जािी सासो की िरह हहल-डल रही ह व नाहयका क शीश क ऊपर शयामल मघो की िरह छाई ह ईसरी न जब स इस अनावतत कशराहश की सनदरिा को दखा ह उनकी जान हनकली जा रही ह ईसर की नाहयका ननो स िलवार चलािी ह दोई ननन की िरवार पयारी हफर उबार अलपान गजरान हसरोही सलमान झख मार ऐच बार मयान घघट की द काजर की ाार ईसर शयाम बरकि रहहयो अहायार उहजयार िलवार का वार िो हनकट स ही हकया जा सकिा ह नायक दर हो िो कया हकया जाए कया नाहयका उस य ही जान दगी यह िो हो ही नही सकिा नाहयका हनगाहो को बरछी स भी अहाक पन िीर बनाकर नायक का हरदय भदिी ह छट नन-बार इन खोरन हिरछी भौह मरोरन नोकदार बरछी स पन चलि करज फोरन नायक बचारा बचिा हफर रहा ह पर नाहयका उस जान दन क मड म नही ह िलवार और िीर क बाद वह अपनी काहिल हनगाहो को हपवीिौल बना लिी ह अहखया हपवीिौल सी करक मारन चाि समर क गोली बाज दरद की दार गज कर दि निर क इिन पर भी ईसरी जान हथली पर लकर नवयौवना नाहयका का गबखान करि नही अघाि जबना कड़ आय कर गहलया बला कसी कहलया ना हम दख जमि जमी म ना माली की बहगया सोन कस िबक चि ह बरछी कसी भहलया ईसर हाथ सभार ाररयो फटट न जाव गहदया लोक ईसरी की फाग-रचना क मल म उनकी परहमका रजऊ को मानिी ह रजऊ न हजस हदन गारो क साथ गल म काली काच की गररयो की लहड़यो स बन ४ छटा और हबचौली काच क मोहियो का हिदान जसा आभषर और चोली पहहनी उसक रप को दखकर दीवाना होकर हार झलन लगा ईसरी कहि ह हक रजऊ क सौदयद पर मा हए हबना कोई नही रह सकिा हजयना रजऊ न पनो गारो हरनी हजया हबरानो छटा चार हबचौली पर भर हफर गरदानो

जबनन ऊपर चोली पर लटक हार हदवानो ईसर कान बटकन नइया दख लव चह जवानो ईसरी को रजऊ की हरन (हचिवन) और हसन (हसी) नही भलिी हवशाल यौवन मिवाली चाल इकहरी पिली कमर बार की िरह िानी भौह हिरछी निर भलाय नही भलिी व निर क बार स मरन िक को ियार ह इसी बहान रजऊ एक बार उनकी ओर दख िो ल ऐसा समपदर ईसरी क अलावा और कौन कर सकिा ह हमख़ा हबसरि नही हबसारी हरन-हसन िमारी जबन हवशाल चाल मिवारी पिरी कमर इकारी भौह कमान बान स िान निर हिरीछी मारी ईसर कान हमारी कोदी िनक हर लो पयारी ईसरी क हलय रजऊ ही सवदवीव ह उनका जीवन-मरर सब कछ रजऊ ही ह व परभ-वीमरर की ही िरह रजऊ का नाम जपि हए मरन की कामना करि ह इसहलए कछ हवदवान रजऊ की सासाररक परहमका नही आदया माि शहि को उनक दवारा हदया गया समबोान मानि ह जौ जी रजऊ रजऊ क लान का काऊ स कान जौलो रहन रहि हजदगी रजऊ क हि कमान पला भोजन कर रजौआ पाछ क मोय खान रजऊ रजऊ कौ नाम ईसरी लि-लि मर जान ईसरी रहचि सहसतरो फाग चार कहड़यो (पहियो) म बाी होन क कारन चौकहड़या फाग कही जािी ह इनम सौदयद को पान क साथ-साथ पजन और उसक परहि मन-परार स समहपदि होन क आधयातमजहनि भावो की सहलला परवाहहि ह रचना हवाान य फाग ४ पहियो म हनबि ह हर पहि म २ चरर ह हवषम चरर (१ ३ ५ ७ ) म १६ िथा सम चरर (२ ४ ६ ८) म १२ मािाए ह चरराि म परायः गर मािाए ह हकनि कही-कही २ लघ मािाए भी हमलिी ह य फाग छद परभाकर क अनसार महाभागवि जािीय नर र छद म हनबि ह इस छद म खड़ी हहदी म रचनाए मर पिन म अब िक नही आयी ह ईसरी की एक फाग का खड़ी हहदी म रपािरर दहखए हकस चिरा न छोटी गथी लगिी बहद पयारी हकहचि छोटी-बड़ी न उठ-हगर रही सास सम नयारी मकट समान शीश पर शोहभि कषर मघ सी कारी हलय ल रही जान कश-छहव जब स हदखी उघारी नर र छद म एक चिषपदी दहखए

बाि बनाई हकसन कसी कौन हनभाय वाद सब सच समझ रही ह जनिा कहा फदकि पयाद राजा कौन विीर कौन हकसक बद-नक इराद हजसको चाह सहलल हजिा मि चाह उस हरा द बनदली लोकरग की सािी ईसरी की फाग सजीव बदलखड क महानिम लोककहव ईसरी क कावय म लोकजीवन क सावीकहिक साहहहतयक सामाहजक पि परी जीवनििा और रचनातमकिा क साथ उदघाहटि हए ह ईसरी का वहशषटय यह ह हक व िथाकहथि सभराििा या पाहडतय स कय भाषा शली आहद उाार नही लि व दशज रामीर लोक मकयो और परमपराओ को इिनी वीवाभाहवकिा परगाििा और अपनतव स अहकि करि ह हक उसक सममख हशषटिा-शालीनिा ओिहि सजदनाारा हवपनन परिीि होन लगिी ह उनका साहहतय पवीिकाकार रप म नही शरहि परपरा म सन-गाकर सहदयो िक जीहवि रखा गया बदलखड क जन-मन समराट महान लोककहव ईसरी की फाग गय परपरा क कारर लोक-वीमहि और लोक-मख म जीहवि रही सकलनकिाद कवर शरी दगद हसह न १९३१ स १९४१ क मधय इनका सकलन हकया शरी इलाशकर गहा न ाौराद राम (जहा ईसरी लमब समय रह थ) हनवाहसयो स सनकर फागो का सकलन हकया अपिाकि कम परचहलि हनमन फागो म ईसरी क नसहगदक कारहयिी परहिभा क साथ-साथ बनदली लोक परपरा हावीया एव शरीनगरहपरयिा क भी दशदन होि ह कषर-भि ईसरी वनदावन की माटी का महातमय कहि हए उस दविाओ क हलए भी दलदभ बिाि ह अपनी कवीन जीभ स चाटी वनदावन की माटी दरलभ भई हमली ना उनखो दई दविन डाटी हमल ना सकी अनकन हार पाव की पररपाटी पायो वीवाग काह न नइया मीठी ह की खाटी बाही रज बजबाहसन lsquoईसरrsquo हहसदारी म बाटी कदम कञज म खड़ कनहया राहगीरो को रावीिा भला दि ह इसहलए पहथक जमना की राह ही भल गय ह अथादि जमना स नही जाि हकसी को भला कर मजा लन की लोकरीि को ईसरी अचछा नही मानि और कषर को सलाह दि ह हक हकसी स अहाक हसी अचछी नही होिी आली मनमोहन क मार जमना गल हबसार जब दखो जब खडो कञज म गह कदम की डार जो कोउ भल जाि ह रवीिा बरबस आन हबगार जादा हसी नही काऊ स जा ना रीि हमार

lsquoईसरrsquo कौन चाल अब चहलए ज िौ परी पार राि भर घर स बाहर रह कषर को अपनी सफाई म कछ कहन का अवसर हमल हबना lsquoछहलयाrsquo का हखिाब दना ईसरी क ही बस की बाि ह ओइ घर जाब मरहलयाबार जहा राि रय पयार हर बाट मनइया बठी कर नन रिनार अब िौ कौनऊ काम िमारो नइया भवन हमार lsquoईसरrsquo कषर नद क छौना िम छहलया बजबार फगआ हो और रााा न खल यह कस हो सकिा ह कषर सर ह िो रााा सवा सर दोनो की लीलाओ का सजीव वरदन करि ह ईसरी मानो सािाि दख रह हो रााा न कषर की लकटी-कमररया छीन ली िो कषर न रााा क हसर स सारी खीच ली इिना ही हो िो गनीमि होली की मवीिी चरम पर हई िो रााा नटनागर बन गयी और कषर को नारी बना हदया खल फाग राहाका पयारी बज खोरन हगराारी इन भर बाह बास को टारो उन मारो हपचकारी इनन छीनी लकहट मरहलया उन छीनी हसर सारी ब िो आय नद क लाला ज बषभान दलारी अपन बनी नटनागर lsquoईसरrsquo उन बनाओ नारी अटारी क सीिी चिि घघर हनशबद हो गए फलो की सज पर बनवारी की नीद लग गयी रााा क आि ही यशोदा क अनाड़ी बट की बीन (बासरी) चोरी हो गयी कसी सहज-सरस ककपना ह चोरी गइ बीन हबहारी की जसदा क लाल अनारी की जाहमन अमल जगल क भीिर आवन भइ रााा पयारी की नपर सबद सनाक हखच रय हछहड़या चड़ि अटारी की बड़ी गलाम सज फलन की लग गइ नीद मरारी की काि lsquoईसरीrsquo घोरा प स उठा लई बनवारी की कषर रााा और गोहपयो क चगल म फस गय ह गोहपयो न अपन मनभावन कषर को पकड़कर सतरी बनान का उपकरम करन म कोई कसर नही छोड़ी कषर की बनमाला और मरली छीनकर हसर पर साड़ी उिा दी गयी रााा न उनह सभी आभषरो स सजाकर कमर म लहगा पहना हदया और सहखयो क सग फागन मनान म लीन हो गयी ह शर गार और हावीय का ऐसा जीवि शबद हचि ईसरी ही खीच सकि ह पकर गोहपन क मनभावन लागी नार बनावन छीन लई बनमाल मरहलया सारी सीस उड़ावन

सकल अभषन सज राहाका कहट लहगा पहरावन नारी भस बना क lsquoईसरrsquo फगआ लगी मगावन ईसरी परहमका स हनवदन करा रह ह हक वह अपन िीख नयनो का वार न कर हजरह-बखिर कछ न कर सक ग और दख ही दखि नयन-बार हदल क पार हो जायगा हकसी गरी वदय की औषहा भी काम नही आएगी ईसरी क दवाई िो हपरयिमा का दशदन ही ह पररय की ऐसी परगाि रसहसि अहभवयहि अपनी हमसाल आप ह नना ना मारो लग जह मरम पार हो जह बखिर हझलम कहा का लह ढाल पार कर जह औषद मर एक ना लहगह बद गनी का कह कहि lsquoईसरीrsquo सन लो पयारी दरस दबाई दह हनमन फाग म ईसरी नयनो की कथा कहि ह जो परदशी स लगकर हबगड़ गय बबादद हो गय ह य नयना अा हसपाही ह जो कभी लड़कर नही हार इनको बहि नाि स काजल की रखा भर-भरकर पाला ह हकनि य खो गए और इनस बहि आसओ स नयी की नयी सारी भीग गयी ह कसी माहमदक अहभवयहि ह नना परदसी स लग क भय बरबाद हबगरक नना मोर सर हसपाही कबऊ ना हार लरक ज नना बार स पाल काजर रख भरक lsquoईसरrsquo भीज गई नई सारी खोवन असआ ढरक शरगार क हवरह पि का परहिहनहातव करिी यह फाग ईसरी और उनकी परहमका रजऊ क हबछड़न की वयथा-कथा कहिी ह हबछरी सारस कसी जोरी रजो हमारी िोरी सङगसङग रह हनहस-बासर गर हलपटिी सोरी सो हो गई सपन की बाि अन हस बोल कोरी कछ हदनन को हिया अबादो हम बिा दो गोरी जबलो लागी रह lsquoईसरीrsquo आसा जी की मोरी ईसरी की य फाग शर गार क हमलन-हवरह पिो का हचिर करन क साथ-साथ हावीय क उदातत पि को भी सामन लािी ह इनम हसी-मजाक हसना-बोलना सभी कछ ह हकनि मयादहदि कही भी अशलीलिा का लश माि भी नही ह ईसरी की य फाग २८ मािी नरनर छद म रहचि ह इनम १६-१२ पर यहि का ईसरी न परी िरह पालन हकया ह सम चररानि म गर की अहाकिा ह हकनि २ लघ भी परापय ह इक फाग म ४ ५ या ६ िक पहिया हमलिी ह एक फाग की सभी पहियो म सम चररानि समान ह जबहक हवषम चररानि म लघ-गर का कोई बान नही ह

हम न गर हवीन और ख़शब ही को िोला होिा हफर िो हर पड़ गलाबो स भी हकका होिा उदाहरर क रप म समझा जाय िो एक मिदबा य भी समझा जा सकिा ह हक परमपराए हमशा पड़ या हफर पौा की िरह होिी ह और उन पर लगन वाल फल और उन फलो की ख़शबए आाहनक हवचाराारा समान यहद हम आाहनक हवचारााराओ ही को सबकछ समझ बठ ग िो य फल और ख़शबए कया आसमान स टपक ग समझन वाल इशारो को बहि जकद समझग बाय द टाइम आप इस अङक को पि रह हो ममहकन ह दहनया का एक बड़ा हहवीसा आप को होली की बराइया हगना रहा हो हम इिना ही हनवदन कर ग हक ldquoसपrdquo की िरह-िरह सार-सार को गह और थोथ को उड़ा फ क नीर-िीर-हववक हम सब की ामहनयो म यगो-यगो स परवाहमान ह अपन हववक का सदपयोग करि हय अचछी बािो को आग बिाए हमठाइयो क कारोबाररयो दवारा परोस जा रह अशि माल स परहि करि वक़ि याद रह हक कडबरी भी कोई अमि नही ह हर गली क नककड़ पर रङग हपचकारी वग़रह बचन वाल हमार कटीर उदयोग क खवनहार ह आप सभी को सपररवार होली की शभ-कामनाए

खहशयो का वीवागि कर हर आगन हर दवार| कछ ऐसा हो इस बरस होली का तयौहार||

होली हवषयक और भी सामरी मसलन छद ग़िल हजल नज़म कहविा गीि-नवगीि रहसया आलख कहानी कथा वग़रह पिन क हलय यहा हकलक कर

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होली क पासवडद - आलोक पराहरक

हजर वो वि गया जब शबद की वडद की कीमि होिी थी अब िो कीमि पासवडद की ह साफटवयर कारोबारी भी हनकल हलय ह नय ाा करन क हलए सो नयी कहानी सामन आयी गोहपयो स कहा गया हक इार मीहडया बहि माकट फर डली हो हलया ह आपक होली डास की फटज ल जािा ह फोकटी म और टीवी पर हदखा हदखाकर उनस इहशिहार वसलिा ह

करोड़ो म आप अपन होली डास को पासवडद परोटकटड कर लो जी होली डास का पासवडद दन क हम हसफद लाखो लग और मीहडया को वो पासवडद बिान क िम करोड़ो वसलना पर िब िो हमार वाल बाल भी हमार साथ डास ना कर पायग-गोहपयो न आशका जिायी नो पराबलम हम िमह पासवडद दग िम हजस चाहोगी उस य पासवडद द दना वह िमहार साफटवयर म इस फीड करगा और िम डास शर कर दोगी-टकनीकल एकसपटद न बिाया पर अगर हम पासवडद भल गय िो-सरल गोहपयो न सहज आशका रखी िो िम हमार कवीटमर कयर पर फोन कर लना दसरा पासवडद हमल जायगा टमसद एड कडीशनस एपलाई यानी पचास हजार रपय आपको दन होग पचास हजार रपय दन वाली बाि बहि ाीम स कही गयी गोहपया ियार हो गयी लाखो दकर पासवडद खरीद हलय करोड़ो कमान की उममीद म साफटवयर वाल हनकल हलय जाकर गोहपयो क पासवडद बिा हदय अमररकनो और उनस कहा हक आप इन पासवडो क सहार गोहपयो क साथ डास कर उनकी शहटग कर हफर उनह महग अमररकन चनलो पर हदखाय अमररकनो को पासवडद बिान क करोड़ो डालर वसलसाफटवयर वालो न होली क आसपास सीन य हआ हक बरजमडल म हसफद अमररकन गर गोहपयो क साथ डास कर रह थ गोहपया अहनचछक थी पर चहक उनक साफटवयर स अमररकनो का पासवडद मच कर गया था इसहलए वो खद ब खद डास कर रही थी और हआ य था हक गोहपया अपन पासवडद खद भल गयी थी गोहपयो न कवीटमर कयर सटर पर फोन कहा िो सीन य हआ- हलो म गोपी नबर वन बोल रही ह कया मरी बाि कवीटमर कयर एकजीकयहटव स हो सकिी ह जी कवीटमर कयर पर सपकद करन क हलए ानयवाद आपका हदन शभ हो आप अपनी जनमहिहथ बिाय जी जनमहिहथ िो मझ याद नही ह अर िो आप अपना पन काडद नबर बिाय

जी पन काडद िो मर पास ह ही नही ओक हफर िो आप को हमार नजदीकी दफिर म जाकर एक फामद भरना होगा िब आपको नया पासवडद कररयर स भजा जायगा पर जब िक य सब होगा होली हनकल जायगी मरी कमाई क सार चास खतम हो लग दहखय म िो आपको परोसीजर बिा रही ह होली हनकलगी या दीवाली हनकलगी य मझ नही पिा ओफफो जब आपक एकजीकयहटव पासवडद बचन आय थ िब िो बहि ही िमीज स बाि कर रह थ आप िो बहि बदिमीजी स बाि कर रही ह दहखय िमीज का सारा कोटा हम राहक बनान म खचद कर दि ह उसक बाद हमार पास हसफद बदिमीजी ही बचिी ह म आपको परोसीजर बिा चकी ह आप उस फालो कर ओफफो डास िो होली पर करना ह उसक बाद डास कयो करना दहखय अब िो डास साल भर चलिा रहिा ह कोई ना कोई फकशन होिा ह उसम डास कर सकिी ह हमारी सहयोगी कपनी िमाम शाहदयो म रौनक लगान क हलए अचछ डासर सपलाई करिी ह आप उस कपनी म अपना रहजवीरशन करा द पर साल आपको डास क आफर हमलि रहग ओफफो आप बाि नही समझ रही ह हम िो होली क मवीिी वाला डास करि ह हनमदल सहज आनद क हलए दहखय हनमदल सहज जस शबद जो आप बोल रही ह य िो अचछ नाम ह हनमदल नाम स घी या मकखन बचा जा सकिा ह कोई सि इस पर अपना कारोबार पहल ही चला गय ह सहज हकसी योग का बराड हो सकिा ह आप चाह िो य नाम रहजवीटर करा सकिी ह इस सबा म आप हमारी सहयोगी कपनी स मदद ल सकिी ह वह बहि सवीि भावो म आपको सहवदस द दगी ओफफो आप िो मझ कछ ना कछ बचन पर आमादा ह आप मरी पराबलम को साकव कीहजय ना चहलय मरी अपन हकसी सीहनयर कवीटमर कयर एकजीकयहटव स बाि कराइय दहखय िमा कर अभी हमार सार कवीटमर कयर आफीसर हकसी ना हकसी गोपी स बाि करन म हबजी ह आप राि को दो बज काल कीहजय िब वो फरी होग ओफफो राि को दो बज काल करन को कौन जगगा दहखय वो आपकी समवीया ह हमारी नही आपका हदन शभ हो और राि भी

इस होहलका कथा स हम य हशिा हमलिी ह हक कवीटमर कयर हडपाटदमट कवीटमर की कयर क हलए नही कपनी की कमाई की कयर करन भर क हलए होिा ह हम म स अहाकानश लोग पहरदमा वमदन जी क परककप lsquoअनभहिrsquo क बार म जानि होग ककपना जी उस परककप का एक महतवपरद हकरदार ह अनभहि को अनभहि हजस टीम न बनाया उस म ककपना जी का भी शमार होिा ह म इन स बस एक ही बार इन क खारघर हवीथि आवास पर हमला ह शायद एक दो बार फोन पर बाि हई हो वीवावीय को लगभग माि द चकी आदररीया ककपना जी साहहतय-सवा क हलय सदव ितपर रहिी ह साहहतय की हवहवा हवााओ म रचनातमक परयास करना इन का हपरय शगल ह आप क िप को नमन

ककपना रामानी

ऐ हवा रगो नहाओ आ गया फागन ाम मौसम की मचाओ आ गया फागन

दश स रठी हई ह राि पनम की

चाद को जाकर मनाओ आ गया फागन

वन चमन क फल आिर दख लो हकिन नह नयौिा दक आओ आ गया फागन

हफर रह ह मन-महदि सब बाल बहगया म झलना उनका झलाओ आ गया फागन

साज ह सरगम भी ह ियार ह घघर

िम सखी शभ गीि गाओ आ गया फागन

खग हवहग-व दो क जाकर कान म कह दो मोर कोयल को जगाओ आ गया फागन

िान हपचकारी खड़ी ह दवार पर होली परम की गगा बहाओ आ गया फागन

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फगनाहट स जाग उठी ह जग म होली

रग पलाशो स लकर जन

हए रगील साथ फब रह लाल हर

कसररया पील सख को मह हचिा रह रग

गील हसकर भग चिा पकवान हो गए

और रसील

हपचकारी पर हफदा हो रही कोरी चोली

फगनाहट स जाग उठी ह जग म होली

मौसम बदला नमद हवा न पाव पसार

खार जल क िाल हो गए मीठ सार

चस-चस कर आम कोहकला सर म कहकी

आए हमलन गल िमी स चाद हसिार

हररयारो स होड़ ल रह

ढम-ढम ढोली फगनाहट स जाग उठी ह

जग म होली

शहरो म डीज गावो म बजिी पजन

दश हो हक परदसपवद की

एक वही ान खिो म सरसो हखलिी

उदयानो कहलया कर कर म रस भर दिा

सखदाई फागन

आिा सग ामाल शगन की भरकर झोली

फगनाहट स जाग उठी ह जग म होली

------------ सार छद

रग हदवस फागन क

छनन पकया छनन पकया उड़ रग क बादल पीि गलाबी लाल हआ ह वसारा का आचल

छनन पकया छनन पकया यह ऋि सबको भाई भवरो की मनहार दखकर कली-कली इिराई

छनन पकया छनन पकया गमी घटाए िम की दख रही ह जलिी होली जाग राि पनम की

छनन पकया छनन पकया वन पलाश हफर दहक

रग सनहरा दख गगन म उड़ि पाखी बहक

छनन पकया छनन पकया हफर आम बौराया मोर कोहकला न बागो को सर म गीि सनाया

छनन पकया छनन पकया दखा दशय हवहगम

हपचकारी भर खग-मग लाए रग घोलकर अनपम

छनन पकया छनन पकया हई खब हखलवाई जब सहखयो न भग हमलाकर ठडई घोट हपलाई

छनन पकया छनन पकया गाए गीि शगन क

बार-बार जीवन म आए रग हदवस फागन क

अनिजादल पर lsquoछनन-पकयाrsquo को हमलोगो क बीच समभवि भाई योगराज परभाकर जी ल कर आय रामीर अञचल का साहननधय हजन लोगो को नसीब हआ हो वह जानि होग हक lsquoछनन पकयाrsquo या इस िरह क अनय िहकया कलामो क साथ हमार लोक-साहहतय म अपररहमि रचनाए हई ह और उन म स लगभग 99 अब लपत भी हो चली ह हम जसो को बावला कहन वालो का हम इसहलय बरा नही मानि चहक इस िरह की बािो को विदमान समय नोवीटाहकजया क नाम स जानिा ह याद आिा ह हम लोगो क बचपन म हवजञापन वाल हम बिाि थ हक नमक स दािन करन पर दाि ख़राब हो जाि ह और वही हवजञापन वाल अब हमार बचचो स पछ रह ह हक आप क टट-पवीट म नमक ह हक नही याहन आहख़रकार य लोग हमारी भोर को ख़चो क साथ शर करन म सफल हो ही गय ख़र समय न कब हकस की सनी ह जो हम लोगो ही की सनगा चहलय अब उस फरसहिया जी क सटायर स लतरनदोि हआ जाय -

ldquoएक रसबहकय की डायरीrdquo ndash अनप शकल उरद ररसहिया आजकल रसबक का जमाना ह लोग कछ भी करि ह उसका वीटटस FB पर डालि ह समोसा खा रह ह बोर हो रह ह अचछा लग रहा ह झझला रह ह बलॉकअनफ़र ड

कर हदया ऐसा रील कर रह ह वसा महसस हो रहा ह कछ हो रहा ह कछ-कछ हो रहा ह कछ भी हकया जाय अगर उसको रसबक पर न डाला जाय िो लगिा ह वो काम हआ ही नही रसबक वीटटस हबन सब सन हालाहक रसबक पर लोग सब कछ कह लि ह लहकन हरर भी बहि कछ रह जािा ह हजस शरारि क मार लोग साझा नही करि ऐस लोग अपन मन क भाव अपनी डायरी म हलखि ह ऐसी ही कछ डायररया हाथ लगी उनको दखकर लगा हक हकिना कछ छट जािा ह रसबक आन स उन डायररयो म स कछ क अश यहा परवीिि ह 1आज हरर उसन अपनी परोराइल हपक बदली बवकर को पिा नही हक परोराइल बदलन स शकल नही बदल जािी मन नही था लहकन लाइक करनी पड़ी हगकटी रील हो रहा ह रसबक क चलि हकतता झठ बोलना पड़िा ह 2उसन नयी रोटो लगायी ह हवा म उड़ि हय बाल दखकर मन हकया हक हलख- य बाल नही िर सर स बची-खची अकल हनकलकर बाहर भाग रही ह लहकन हरर हलखा नही उसको य खशरहमी हो जािी हक उसक पास भी अकल ह हकसी को कयो ाोख म रखना आख मदकर फोटो लाइक कर हदया

3उसन आज हकसी को बलॉक करन की उदघोषरा नही की मन हकया पछ हक िहबयि िो ठीक ह लहकन हरर नही पछा हकसी क पसदनल मटर म कया दखल दना हजतती दर म कमट हलखग उतत म दस ठो लाइक कर लग 4हपछल दस हदन स एक ही आईडी स रसबहकग करि-करि बोर हो रह ह खराब लग रहा ह सोचा था आज पकका नई आईडी बनायग लहकन नही बनाई य कया हो रहा मझ गगहलग करना पड़गी हक ऐसी मनहवीथहि को कया कहि ह कछ इमपरहसव कहि होग िो उसको अपना वीटटस बना लग - रीहलग हडटरमाइनड 5बलॉग दख रही ह आजकल वो मई उसका वीटटस सबस पहल लाइक करिी ह घोटाल क पीछ CAG की िरह उसक वीटटस स हचपकी रहिी ह पछना पड़गा उसस चककर कया ह आजकल चट भी नही करिा लगिा ह नई आईडी स चट करनी पड़गी य भी औरो की ही िरह ह 6आज उसन हरर कतत क साथ अपना रोट लगाया ह मन िो हकया मनका गााी को हलख द हक दहखय आपक रहि जानवरो क साथ हकतता िो अनयाय हो रहा ह लहकन हरर छोड़ हदया कमट हकया - (कतत का) रोटो बहि अचछा लग रहा ह बरकट क अदर वाली बाि मन म कही ही ही ही ही smile emoticon smile emoticon smile emoticon

7आजकल हजस दखो कहविा हलखन म लगा ह हकिना िो करर हो गय ह लोग शबदो क साथ अतयाचार दखकर मन दखी हो जािा ह कछ शबदो स बाि हई बचार कह रह थ -पिा होिा हक हमार साथ इतता बरहम सलक होगा िो हम हडकशनरी स भाग जाि रीहलग helliphelliphellip (खाली जगह रीिा स पछ कर भरगी उसको य सब अचछा आिा ह हक कब कस रील होना चाहहय ) 8िीन हदन स दषट न हकलो नही बोला सोचिा ह म पहल बोल माई रट मर पाच हजार दोवीि ह िीन हजार िीस रालोवर उस बवकर क िीन सौ इकवावन दोवीि गवीसा आ गया उसक वीटटस पर (हजसको पहल लाइक हकया था) जाकर वीटटस को सकड़ो बार हडसलाइकलाइक हकया वीटटस को हझझोड़ कर रख हदया कल रील हआ हरर वीटटस लगाया- भटटा चबा रह ह ठड़ा पीि हय smile emoticon

9कछ भाई लोग िो जञान की बाि इतती बवकरी स करि ह हक मन करिा ह एक उननाव क डौहडया गाव म खदाई क हलय लगी एक ठो जसीबी इनक हदमाग म भी लगा द सारी अकल का मलबा हनकाल क हदमाग को खाली कर द लहकन हरर लगिा ह कड़ा कड़दान म ही रह िो अचछा जमीन पर काह को रलाया जाय 10आज मड की भी छटटी थी छटटी मिलब सड समझकर मन टीना को सड वाली आईडी स हकलो बोल हदया वो घट भर िक मह रलाय रही िरह-िरह क बवकरी क आइकान भज कर उसको मनाना पड़ा य लड़हकया भी हकतती चजी होिी ह यार मन िो हकया हक वीटटस लगाऊ -टाहकग ट रल रीहलग इरीटटड लहकन हरर लगा वो समझ जायगी िो वीटटस लगाया- एनजवाइग सड रीहलग रट

11दोवीि बिा रहा था हक वो आजकल बहि वयवीि ह दो आईडी बनाई ह उसन दोनो पराानमहियो की िरर स रसबक पर जग लड़िा ह एक आईडी हकसी क हखलार वीटटस हलखिा ह दसरी स उसक हखलार िकद घट दो घट एक वीटटस पर कशिी लड़न क बाद अगला वीटटस लगा दिा ह बिा रहा था पराानमिी कोई बन उसका चमचा-इन-चीर बनना पकका ह राजयमिी क दज की आशा ह मन हकया उसको कह rsquoशखहचकली कही कrsquo लहकन rsquoरटrsquo कहक बॉय कह हदया वीटटस सटाया- रीहलग ररलकड 12भाईसाहब न बहि हदन स कोई वीटटस अपडट नही हकया आज एक लड़क को रसलाकर लगभग जबररयन समोसा हखला रह ह पकका दस हमनट क अदर वीटटस लगायग- आज एक भख को भोजन कराया सिषट महसस कर रहा ह म सोच रहा ह हक म कमट करगा ndash कया अजब पाखड ह लहकन मझ पिा ह हक म हकसी को हटद नही कर सकिा राइनली हदल पर पतथर रखकर हलखगा- मानविा की सचची सवा 13आज शाम एक फ़र ड का रोन आया कहा आज हकसी स रसबक बरकअप नही हआ िहबयि घबरा रही ह रीहलग लो मन कहा िो म कया कर िो उसन कहा यार ि ही मझस लवर बनकर बाि कर ल आईडीपासवडद भजा ह िरी मल म मन कहा -मझ इस सब झमल म नही पड़ना उसन हरर दोवीिी की कसम दी िो मझ दया आ गयी मन कहा अचछा चल लाग इन करि ह मरी हकवीमि अचछी लाइट चली गयी थी मन उसको एसएमएस हकया उसका जबाब आया -कोई नही मन खद दो बराउजर स चट करक बरक अप कर हलया िझ हहचहकचाहट हो रही थी अचछ स हो भी नही पािा िर स नाऊ रीहलग ररलकवीड मन वीटटस लगाया- कस-कस रस ह रसबक क रीहलग सरपराइजड ऐसी न जान हकिनी बाि डायरी म हलखी हई ह सबको यहा हलखना ठीक नही ह नमन बिा हदय आप अनदाजा लगाइय हक और कया-कया हलखा होगा डायररयो म आप भी रसबक डायरी हलखि हो िो शयर कररय अपन हवचार कोई हहचहकचाहट हो िो अनाम नाम स मझ भज दीहजय हम छाप दग आया न मिा और पिना चाहि ह इन को ठीक ह थोड़ी दर बाद पहल कछ और रचनााहमदयो को भी पि हलया जाय

डॉ (सशरी) शरद हसह

हदलो म रग भर द पयार का हफर इस दरा होली हक मौका द ही द दीदार का हफर इस दरा होली

न हशक़वा हो न कोई हो हगला इक-दसर क सग हमटा द दाग़ हर िक़रार का हफर इस दरा होली

ग़मो को दर सरका द खशी को साथ ल आय

रख माहौल बस इकरार का हफर इस दरा होली

महबबि की हसफाररश हो महबबि की इबादि हो रह तयोहार इक इसरार का हफर इस दरा होली

य होली म सभी क साथ होन का मिा आए

लग हर शख़स जयो पररवार का हफर इस दरा होली

सशीला हशवरार

कहा गए वो चग-डर अपनापन अनराग गीिो की रसाार हबन हकिना सना राग

ढोल-चग की गज पर मन उठिा था झम अब गहलया सनी हई कहा गई वो ाम

मवीिो की टोली नही नही वीवाग क रग बस टीवी म रह गया होली का हड़दग

रग हरिा म छा गए नील-पील-लाल

म हबरहन सखी रही मझको यही मलाल

मोहन अब रगि नही रााा िर गाल कलयग ह द वापर नही दहनया कर सवाल

सग अबीर-गलाल क मला कौन-सा रग लोग कह म बावरी जग स हई हनसग

सावररय क रग-सा हमला न दजा कोय िन लाग जो सावरा हर हदन होली होय

उसन य दखा मझ हई शमद स लाल

हसरि हदल म रह गई मलिी खब गलाल

ामनर कमार lsquoसजजनrsquo

िर भर चिकर जो हमट रग बड़ा बकार साि जनम िक साथ द वही रग िन डार

बदन रगा िो कया हकया मन को रग ल यार

मौका भी दवीिर भी होली का तयोहार

रगो क सग घोलकर कछ टट सवाद ऐसी होली खहलए बरसो आए याद

जाकर य सब स हमलो जस हमलि रग

कवल हपरयजन ही नही दशमन भी हो दग

रग सभी फीक पड़ जब आई मख लाज इन गालो क रग स आओ रग द आज

सख रगो स करो सिरगी ससार

पानी की हर बद को रखो सरहिि यार

फागन न आकर कहा अपन हदल का हाल गोरा मखड़ा ाप का हआ शमद स लाल

रग न हो िो परम भी रग दिा ससार परम न हो िो वयथद ह रगो का अबार

िझको रगन थी चली पीली पीली ाप गोरा िन छकर हई उजली उजली ाप

आखो आखो म चल सार रग गलाल

अपनी होली चल रही य ही सालो साल

ओबामा जी अगर हलकन हिदा होि िो

सजीव हनगम

सबह सबह चचचा अपन घर रपी िोप नली स गोल की िरह जो छट िो सीा हमार घर म आकर रट उनक हाथ म सबह का अखबार था और मह स दनादन ऐस शबद हनकल रह थ हजनह सन कर पहलस वाल भी शहमिदगी महसस करन लग ऐसी िबरदवीि गोलाबारी क सामन पड़ना अपन खद क अहिम सवीकार का इििाम करना जसा ही था इसहलए हम हाथ म सरद रमाल थाम उनक शाहबदक रप स ठडा होन की राह दखन लग थोड़ी दर बाद वह शभ घड़ी भी आ गयी और व उस अकसहशयन की िरह स शाि होकर बठ गए जो घर आय महमान पर भौक भौक कर थक गया हो मन हहममि करक पछा चचचा आप िो ओबामा की िरह स सभय आदमी थ य अचानक ओसामा कस बन गए यह सनि ही चचचा हफर स पाहकवीिानी फौहजयो की िरह स हबना कारर फायररग करन लग बोल नाम मि लो उस ओबामा का मर सामन जब अभी भारि आया था िो कया कया अरमान दख थ मन उसकी और अपनी दोवीिी क यह सोच सोच कर म हकिना खश था हक उस दोबारा यहा दख कर चीन हकिना जल रहा होगा पाहकवीिान हबलख रहा होगा यहा िक हक जब जाि जाि उसन हम हबन मागी सलाह द डाली िब भी मन उस पान क अडड पर खड़ हकसी दोवीि की चहलबािी समझ कर झल हलया था - पर उसन िो वहा जाकर भी - अमा िम अपनी िोि जसी चोच बद रखो य हम दो बड़ी हहवीियो क बीच का मामला ह उसम िम अरर जटली की िरह स बीच म घसन की कोहशश मि करो सषमा वीवराज की िरह स अलग ही रहो हम पिा ह हक उसन वहा जाकर भी हमारी िरफ इस बयान की हपचकारी मारी थी हक भारि म ााहमदक असहहषरिा इिनी बि गई ह हक यहद महातमा गााी हजदा होि िो व आहि होि - लहकन अब िो वहा भी hellip

- हा वही िो hellip बड़ा आया हम जञान दन वाला अब उसक अपन यहा ााहमदक असहहषरिा की ऐसी हरकि हो रही ह िो अब समझा ना अपन लोगो को हम जो जञान हदया था उस कॉपी पवीट करक अपन कपयटर जस दश क होम पज पर डाल न - सही कह रह ह आप पर य सब मझस कहन स कया फायदा - वो िो म भी जानिा ह िम जसा सवीि सट पहनन वाला इन सब बड़ी बड़ी बािो को कया समझगा य िो लाखो रपय का सट पहनन वालो क समझन की बाि ह - िो हफर उनह ही समझाईय न मर घर को कयो राज पथ बना कर 26 जनवरी का शहि परदशदन कर रह ह - हम यहा कोई शहि परदशदन करन नही आय ह बहकक राषर हहि म िमस एक कबादनी मागन क हलए आय ह कही गवीस म इनहोन इवीलाहमक वीटट जसा कोई आिकवादी सगठन न बना हलया हो और उसका पहला हफदायीन मझ ही बनान का न ठान हलया हो यह सोच कर मरी सास डर क मार अपन आप िोर िोर स अनलोम हवलोम करन लगी डरि डरि आवाि हनकली कसी कबादनी चचचा - हम थोड़ी दर क हलए क हलए िमहारा मोबाईल चाहहए - कयो भला - ओबामा स बाि करनी ह और उसस पछना ह हक आज अगर अबराहम हलकन हिदा होि िो व हकिना आहि होि लहकन मरी दशभहि न ही मझ मर मोबाईल क माधयम स अमररका स समबना ख़राब करन स रोक हदया मन मोबाईल म बलस न होन का कारगर बहाना बना हदया चचचा न दवादसा की िरह स अहिशय करोा स मझ घरा और हफर हकसी सचच मोबाईल ाारी दशभि की िलाश म हनकल गए

समीिा परवीर कशवा

रग लगाक ि न जा मझ रग लगाक अपन अग लगाल सावररया रhellip

पवन बसिी ि बनक सग बहा ल अपन हदल म बसा ल सावररया रhellip

फागन न जकफ खोली मदहोशी नभ म घोली

ाानी आकाश हआ ारिी भी उसकी होली

रगो स रग हमल सिरगी फल हखल पखरी लाज खोए

भवरा जो उसप डोल बाह पसार नदी क दोनो हकनार

इकदज को पकार बलम आजा रसावररया रhellip

लरज कपोल लाल सया रग गलाल भावभरा रग घला

िन मन हए सब लाल सजना क सग सखी

ऐस म रग रगी खद स ही परीि हई खद स ही जग हई

परीि लगाक अपनी नीद गवा क सजन सग बन गई म िो बावररया र सावररया रhellip

कावय करन को चल ह हम भरािा सच पछौ िौ हम कछ नही आिा 01

हफर ह हमन बहि िहनक लगाई

झट सो यो एक यहि बझ आई 02

एक शबद ह िाक अनक हवकार इनकौ कीज िजद- बनद वयवहार03

शबद-हवकार प पन-पन करौ परहार

ठोको- ठासौ और नक लउ हनहार 04

जस-जस शबद वीव- पकार सनाव िस-िस कावय पहि बन आव 05

अब िौ भईया हम ह कहव कहाए

मन ही मन यो मवीि मोद मनाए 06

एक हदन जमौ बड़ौ कावय वयापार कहव-कल कौ कछ कह आर न पार07

सब न अपन-अपन जब पाठ हकय

शरगार हावीय वीर रस क ठाट हकय08

अलकारन क अदभि उपयोग हकय वकरोहिन क हवलिर परयोग हकय09

छनदन सौ अनठ स अनबना हकय

चमतकहि क अतयि सपरबना हकय10

हमन ह हहममि अपनी नक न हारी कावय म कावय की यहि कह डारी11

अब हनरदय कौ अवसर जयो आयौ

हमरौ नाम उनन सवद- शरषठ सनायौ12

हलयौ पचन न हम पनः मच बलाय हदयौ टट जिन कौ एक हार हपराय13

िब व बोल मनद-वीवर य मद भाखा

नीच स आपकौ नमबर एक ह आका14

यह सब दखद दशय दखि घर-वारी घर पहचि ही वाकी हवकट सवारी15

बड़ चल हौ िम हनि कहव बनन कौ आयी न नक ह लाज या झठ रन कौ16

बालक भख घर सौ मस ह हफरि ह

टट ह पाि वसतरन क पबनद फटि ह17

मददि स हर बाररस यह छतत चआनी बस अब की बार ह सच फशद प आनी18

कहव-जन एक बाि म कहौ सहवचारी

मानौ न मानौ हौ अब आप अहाकारी19

रोजी-रोटी जब लौ नही हसि जगाड़ी कहव नही कबह कहव ननद अनाड़ी 20

- एन एल चिवदी नगीना उरद lsquoननदrsquo

साहहतयम पर आप लोग जो रसील और चटील वयङयालखो का रसावीवादन करि ह उस का हजममा भाई कमलश पाणडय जी न उठाया हआ ह कहन की आवशयकिा नही हक साहहतयम का कल कामकाज वीवहचछक और अविहनक ह आज क दौर म ऐस साहथयो का हमलना सौभाय ही कहा जायगा वस भी पसा सब कछ खरीद सकिा ह मगर समपदर की भावना नही कमलश जी वीवय भी एक बहिरीन वयङयकार ह कमलश जी क सटायसद की हवशषिा ldquoबारीक़ीrdquo ह आप बड़ ही हनराल अनदाि म पाठक को अपन साथ बहा ल जाि ह आइय कमलश जी क एक रसील और चटील वयङयालख का रसावीवादन करि ह-

फाहयान की हफकमी डायरी कमलश पाणडय

उस रोि फ-ची न बिाया हक भारि-भरमर पर जान स पहल वहा की कछ हफकम

दख ल िो पयादपत मागददशदन हमल सकिा ह फची कहिा ह हरकम हकसी भी समाज का दपदर होिी ह सो इनह दख लो सभव ह भारि जान की आवशयकिा ही न पड़ यही बठ-बठ भारि पर एक वहद रथ हलख सकि हो कल बािार स विदमान काल म बनी डि-दो सौ भारिीय हफकमो की सीडी क जलदवीय सवीकरर ल आया जो प-ईहचग क चोर-बािार म मोमो क एक पलट स भी सवीिी हमल गई आज परािः काल भजन-पजन क उपराि उनक अवलोकन क हलए बठ गया ह य एक नया ही ससार परिीि होिा ह फ-ची ठीक कहिा था हक चीन म फली भारि समबनाी भराहियो पर करद न ारो मझ सही मागददशदन दन वाल फ-ची को साावाद कहि हए अब आरमभ करिा ह एक आठ परहर स हनरिर भारिीय जीवन की इनरानषी छहवया दखि-दखि नि चहाया गए ह और महषिषक िो मानो हनहषकरय ही हो गया ह अभी थोड़ सरा-पान क उपराि जी

हकका हआ िो भारि- जो अब ईहनडया कहलान लगा ह ndash की आकहि कछ-कछ दहषटगोचर होन लगी ह य िो हनहिि ही ह हक इहणडया अतयि समि दश ह हफकम का नायक जो वीवय को आम-आदमी और हनादन मनषय बिािा ह एक बड़ स भवन म रहिा ह हडिाइनर परराान पहनिा ह चमकि वाहन पर यािायाि करिा ह और एक सनदरी स परम करिा ह कभी-कभी सदररयो की सखया एक स अहाक हो सकिी ह पर जब वह नतय रि होिा ह िो सदररया अनि होिी ह हजन ानाढय लोगो स उसकी शििा होिी ह उनक िो कया कहन उनकी जीवन शली चीन क समराट को भी लजा दन वाली ह वस अहाकाश हफकमो म नायक पहलस अहाकारी ह ऐसा परिीि होिा ह हक इहडया म सभी पहलस अहाकारी बनना चाहि ह हजसका कारर यही मालम होिा ह हक उनक घर और ठाट-बाट राजाओ स परहिवीपााद करि दीखि ह इसस िो यही लगिा ह हक इहडया म अब सवदहारा कोई नही बचा दो आम आदमी पर आााररि एक हफकम का अवलोकन करन क बाद इस हनषकषद पर जा पहचा ह हक इहडया क आम-आदमी सर-सपाट क शौकीन होि ह और परायः अपनी परहमका क साथ मनोरम वीथलो पर भरमरशील रहि ह उसकी परहमका वीवय को अतयि हनादन बिािी ह जो उसक अतयकप वसतरो को दख कर िो सतय परिीि होिा ह परनि जब उसक आभषरो और चरर पादका पर दहषट जािी ह िो थोड़ा सदह भी उतपनन होिा ह परायः य लोग कही आकाश स परसाररि होि सगीि पर गायन करन लगि ह िो हर बदलि लय क साथ वसतर वीथल और वाहनाहद बदल दि ह समहि का िब चरमोतकषद हदखिा ह जब य लोग गीि का हर अिरा हकसी अनय दश की भहम पर गाि ह और पलक झपकि ही उनह वहा पहचा दन वाला वाहन कही नही हदखिा हनिय ही वहा का हवजञान अभिपवद परगहि कर चका ह सभव ह वहा हर आम आदमी क पास अपना हनजी वाययान हो िीन आम आदमी की मोहक छहवयो वाल दशयो को दखि जी ही नही भरिा यह भी जञाि हआ हक इहडया एक अतयि सनदर दश ह जहा एक ही वीथल पर समर हहमाचछाहदि पवदि रहगवीिान और झरन ह कई एक वीथल िो ह-ब-ह हवीवटिरलड नामक दश क सामान ह य भी समभव ह हक आम आदमी क भरमर-लाभ हि इहडया म ही कही-कही यरोप-अमरीका आहद महादशो की परहिकहि रच ली गई ह गीिो क दशयो म िो य बाि एक दम हसि हो जािी ह जस ही नायक-नाहयका गायन परारमभ करि ह ढर-सारी सदररया नाचिी-गािी उनकी सगि करन आ जािी ह य भी वसतरो की दहषट स अतयि हनादन लगिी ह परनि हवीथहि पर गौर करन स वीपषट हो जािा ह हक ऐसा नही ह कया समरिट पर सट पहन कर जाया जािा ह या हक राहि-कलबो म बकाद ओि कर इसस य भी वीपषट ह हक इहडया म नाररयो को इचछा-नसार पहनन-ओढन घमन-हफरन नाचन-गान की वीविििा ह चार फची गलि कहिा ह हक इहडया म बहि गरीबी ह उस ऐसा कछ हरकम ही दखकर लगा था उसकी सलाह पर आज ऐसी कछ हरकम दखी इनम टट-फट घरो म कछ हभिक-परकार क पराहरयो का जीवन हदखाया गया था सकषम दहषट डालन पर इन बहवीियो क पीछ खड़ हवशाल महल हदख जाि थ जहा स कछ आम आदमी आकर इन बहवीियो को हगराना चाहि हदखाए गए थ पर उनका उदशय इन झोपहड़यो की जगह महल बना कर पर इहणडया को एकाकार कर दना था समयाभाव म इनका बनाना हदखाया नही जा सका एक राजनिा न बिाया हक गरीबी को परचाररि करन क पीछ हवरोाी राजनीहिक दलो का दषपरचार ह जो मझ सो सतय लगा मझ िो इसम

चीन का हवीि होन की भी समभावना हदखी कयोहक ऎसी एक हफकम म हनादन लोग बार-बार माओ का नाम ल रह थ पाच ऐसा परिीि होिा ह हक इहडया म सभय लोगो की भाषा हहनदी ह य भाषा अरजी क शबदो और वीथानीय भाषा क कारको स बनी ह हबना पि-हलख लोग कई वीथानीय भाषाए बोलि ह परायः लोग कवल अरिी भी बोलि पाए जाि ह पर आम िौर पर अरिी क दो एक वाकयो क बाद हहनदी पर उिर आन की परवहतत ह नाहयकाए और हसतरया अरिी बोलना पसद करिी ह पर जब वो हहनदी बोलिी ह िो भी धवहन अरिी-सी ही आिी ह ऐसा परिीि होिा ह हक उनह भाषा की दीिा मलिः अरिी म हमली ह और हहनदी उनहोन हकसी हहनदी हफकम म काम करन क उददशय स सीखी ह गान अहपि हहनदी म ही गाय जाि ह पर वहा और भी कई भाषाओ का मल हदख पड़िा ह एक गीि िो ऐसा था हजसम बड़-बड़ नगाड़ो की िाल पर पजाबी नामक भाषा म बहि सारी अरिी और थोड़ी हहनदी हमलाई गयी थी ऐस कछ गीिो क रचहयिा कोई lsquoयो योrsquo नामक महाकहव ह जो अपन गीिो म यवाओ को कम महदरा या मादक पदाथो क सवन करन जस सावीकाररक सदश दि रहि ह इन गीिो क भावाथद जो भी हो इसम कनयाओ का नतय अदभि ह- शबदो को समझ हबना ही सभी अथद वीपषट हो जाि ह छह आज दहिर इहडया की कछ हरकम दख कर पिा चला हक इहणडया क इस भखड म परष अहि-शहिशाली और नाररया खब भरी-परी होिी ह नायक िो इिना चपल होिा ह हक चशमा हसगरट या हपवीिौल जस उपकरर पलक झपकि ही अपन शरीर क हवहवा हहवीसो पर अिररि कर लिा ह इस नायक क एक आघाि स खलनायक कई पलो िक वायमडल म गोि खािा ह और कभी-कभी िो आकाश म ही हवलीन हो जािा ह उार नाररया रग-हबरग कलशो और इनरानषी आकहियो क बीच मादक नतय करिी रहिी ह वहा का एक नायक िो सवद-शहिमान ईशवर क समकि ह उसकी शहियो क हवषय म अनक हकवदहिया परचहलि ह जो फ-ची क अनसार रजनी-जोकस नामक रथ म सगहीि ह साि कछ राजनीहिक हरकम दख कर ऐसा परिीि हआ हक इहणडया म सभी निाओ की अपराा करन-करान म गहरी रहच ह परायः समाज म खलनायक निा ही होिा ह य लोग सरा-सदररयो हहथयारो सनदर परासादो और चमकि वाहनो क बीच ही रहना पसद करि ह आवशयकिा पड़न या न पड़न हकसी भी हवीथहि म हकसी की हततया कर दना इनक वाम-हवीि का कमद ह बलातकार हि इनह यो िो सभी हकवीम की नाररया पसद ह पर नायक की बहन या परहमका पर हवशष कपा रखि ह ऐसा लगिा ह हक इनकी हदनचयाद हकसी षडयि स आरमभ होकर हकसी हततया पर समापत होिी ह इनक अगरिक चीनी यि कला म हसिहवीि होि ह और अवसर पाि ही सााारर मानवो पर ईया-ऊआ करि टट पड़ि ह एक राजनिा की कररिा दख कर िो मरा हघघघी नामक अग बा ही गया इहडया म इनही अहिमानवो म स जनपरहिहनहा चनन का परावाान मालम होिा ह चन हलए जान क बाद य परायः शवि वसतर ाारर करि ह और सभाओ म भाषर दि हफरि ह पर अििः अपराा क सभी सि उनस ही जड़ होि ह चनाव एक रोचक अवसर होिा ह जब ढर सार वाहनो म लोग रग हबरगी झहडयो क साथ नारा लगाि घमि ह आठ इहडया का य रग दख कर िो दग रह गया ह एक मदान म लाल पील हार नील िातपयद य की सभी परकार क रगो स सराबोर हिारो मनषय एक साथ नतय कर रह ह सबक

वसतर शवि ह िाहक रगो की छाप गहरी उभर गाज-बाज क साथ एक समह गीि गाया जा रहा ह हजसम गोररयो की चोली पर रग डालन की परररा दी जा रही ह चनररया को हभगोन पर हवशष जोर ह सदररया परषो स जोड़ बना कर मादक नतय कर रही ह रग जो ह उड़ भी रह ह बौछार बन कर बरस रह ह और चहरो पर पोि भी जा रह ह इहडया की इस रगीन छहव को दख कर हपछली सारी छहवया ााली हो गई ह ऐसा परिीि हो रहा ह हक मानो परा दश एक ही रग म रगा ह भल ही वह हिारो रगो म वयि हो रहा हो पिा चला ह हक य एक तयौहार ह हजस होली कहि ह एक हदन पहल इहडया क लोग होहलका जलाि ह हजसम अपनी बराईयो की आहहि डालि ह मन भी आज इहडया की बरी छहव बनान वाली हपछली हफकमो की सीडी एकि कर उनकी होहलका जला दी और उसकी राख इन बरगलान वाली हरकम दखन की सलाह दन वाल फ-ची क मह पर मल आया आज इहणडया की यािा की ियारी परी कर ली ह दो हदनो क पिाि होली ह उस दख हबना इहडया की यािा कस समपरद होगी य ह कमलश पाणडय जी और य ह उन का अनोखा वाला रङग जो मझ बहद पसनद ह इस आहटदकल को चाह िो माि मनोरञजन क हलय भी पिा जा सकिा ह और अगर कोई वयहि समय हनकाल कर इस की थाह को नापना चाह िो नपप भी सकिा ह कमलश भाई जी क एक हमि ह हवनोद हमशर हवनोद जी ररसणटली बरसाना हो कर आय ह हवनोद जी न साहहतयम क हलय बरसान की होली की दो बहि ही सनदर-सनदर िवीवीर भजी ह हवनोद जी का बहि-बहि आभार य ह वह दो िवीवीर -

डा वी क भकला

हजजजा सग होली

लगा कर भोग महावीर को और चिा कर फल बिीसा बड़ भहिभाव स पि रह थ हम िो हनमान चाहलसा महावीर जब नाम सनाव

भि हपचास हनकट नही आव िभी मरी साहलया आ कर बोली खलग हम जीजजा सग होली और मरी हसटटीहपटटी गम होली कािर वीवर म हमन पकारा

ह हनमि अब िरा सहारा सन पकार मरी हनमानजी धयान म आए

और मझस य ररमाए वतस म िो ठहरा बाल बरहमचारी

कस हर म हवपदा िमहारी इस लरड़ म मझ न लाओ

िमहारी घहटया ह िमही बजाओ पड़ा सकट मोचन नाम भी झठा हदखा गए हनमानजी भी अगठा

मरी साहलओ न जी भर की मरी पिाई दिा रहा हाए म दहाई

िभी शरीमिी जी बाहर स आई मझ दखि ही हचलाई

अजी सनि हो जरा बाहर आओ कोई लरगा घर म घस आया ह

उस मार कर बाहर भगाओ ाीर स मन खखारा

अरी भागवान य म ह पहि िमहारा िो शरीमिी जी िनक कर बोली

वाह मर छला बहि भाए हो सबह सबह कहो हकसस

मह काला करवा कर आए हो मन अपनी करर गाथा उस सनाई

िो शरीमिी जी हभननाई और अपनी बहनो को आवाि लगाई

कया मरा ही पहि हमला था मह काला करन क हलए

िो वो बहयाई स बोली दीदी अगली होली म

िम हमार पहियो का मह काला कर दना िमहारा सारा हशकवा हमट जाएगा हहसाब एक दम बरोबर हो जाएगा

हमन कछ वि क हलए बाहर हनकलना बद कर ह

यह सोच कर हक अगर हकसी न पछा हक िमहारा मह हकसन काला हकया

िो कया जवाब दगा

हवजनर शमाद

सरहद स आया नही होली पर कय लाल मा की आख रग स करिी रही सवाल

आखो को भी ह हगला कर हशकायि गाल बरी ख़द आया नही हभजवा हदया गलाल

कौन बजाव फाग प ढोल नगाड़ चग चारो िरर उदाहसया गायब हई उमग

मौक़ा था पर यार न डाला नही गलाल

मरझाय स ही रह मर दोनो गाल

हरि म थ यार सब दशमन भी था दग मन उसक गाल पर लगा हदया जब रग

इििार क रग म गयी बावरी डब होली पर इसबार भी आया ना महबब

और अब ररसहिया जी का एक और ाास सटायर ाास इसहलय हक समझ म नही आ रहा हक इनह खाङरसी कहा जाय हक हफर भीजफी बाला

आजकल बचार कालान की मरन ह कोई भी घपला होिा ह काल ान पर िोहमि लगिी ह बलक मनी की थ-थ होिी ह जस निा चमच क हबना महनि चल क हबना आईपीएल हरहकसग क हबना

अारा लगिा ह वस ही कोई भी घपला काल ान की चचाद क हबना अारा लगिा ह घपला अगर कोई

आाहनक जहटल कहविा ह िो काला ान उसका आम जनिा की समझ म आन वाला सरल अनवाद ह घोटाला यहद कोई अबझ हसिाि ह िो काला ान उसकी सहज टीका ह जस पाहटदया चद क हबना निा लफ़राजी क हबना लखक अपनी उपिा का रोना रोय हबना नही रह पािा वस ही दहनया का कोई भी बड़ा ानाा हबना काल ान क नही पनप सकिा दहनया म हजिन भी मजबि ाना ह चाह वह हहथयार का हो ामद का हो या हरर हशिा का ही कयो न हो सबकी बहनयाद म काल ान की सीमनट लगी ह काला ान न हो िो हवीवस बक रवीस बक होकर रह जाय अपन दश म हपछल बीस सालो म हजतता हवकास हआ ह काला ान उसस कई गना जयादा बिा ह गहरि की भाषा म कह िो हकसी भी आाहनक समाज का हवकास उस समाज म मौजद कालान की मािा का समानपािी होिा ह इस सबक बावजद कालान को लोग इजजि की हनगाह स नही दखि कालाान कमान वाला िक खलआम उसकी आलोचना ही करिा ह राजनीहिजञ चनाव भल काल ान क सहार लड़ लहकन सावदजहनक रप स कालान की ऐसी बराई करि ह जस वामपथी दहिरपहथयो की करि ह अमररकी कयबा की करि ह पाहकवीिान वाल भारि की करि िरह ह अपन परहि दहनया का यह दवदातमक इजजिवाद दखकर बचार कालान क हदल पर कया बीििी होगी दहनया क ाोख को दखकर उसका मन भी हजया खान की िरह लटककर हनपट जान का करिा होगा उसका भी मन करिा होगा हक सरकारी गवाह बन जाय और सबकी पोल खोल द हक कस िमाम लोगो स उसक अिरग सबा रह कस लोगो न उसका सहारा हलया आग बि और सहारा हलया लहकन जब सरलिा क हकवीस सनान की बारी आयी िो शरय अपनी महनि लगन और बहि को हदया कालान क योगदान की सरासर उपिा कर दी यह वसा ही ह हक हकसी दश क इहिहास म राजा राहनयो क हकवीस हलख जाय लहकन महनिकश जनिा की कहानी गोलकर दी जाय लहकन हरर कालाान शायद यह सोचकर चप रह जािा होगा हक अपरााी कोई भी हो लहकन बराई उसी की होनी ह बइजजिी िो उसी की खराब होनी ह इसक बाद शायद वह यह सोचकर चपचाप अपनी करििो म जट जािा होगा हक आजनही िो कल उसको वह इजजि अवशय हमलगी हजसका वह हकदार ह उसको भी खल आम उिनी ही वीवीकायदिा हमलगी हजिनी की आज समाज म जाहिवाद सकीरदिा भाई भिीजावाद भायवाद और काहहली को हमली ह काला ान सोचिा होगा- जस बाहकयो क हदन बहर कया पिा वस ही उसक भी बहर

और साहथयो चलि-चलि अपनी जड़ो की ओर - बरहमलीन सनि कहव हशवदीन राम (जोशी) की सनि-वारी आप ही क आधयाहतमक हशषय आदररीय शरी हकशोर पारीक [खणडला] जी क सौजनय स

गोकल व बरसान की नार बजाय-बजाय बजा रही िारी अर वनदावन की बनी व बनी बनक ठनक अरी द रही गारी

शयाम को शयामा सजाय सजी अहो और गलाल लगावि पयारी हशवदीन व जोरी स जोरी हमलीबरज खलि होरी ह बाक हबहारी

मगल समगल सदा ही आननद रह नदलाल

ि गलाल डार दख सखी आ रही राा मिवाली आली चाली रग डारन को

गोहपया हनराली गाली शयाम को सना रही सन-सन क शयामलाल सग-सग गवाल बाल

बाजि मदग िाल राा जी गा रही कहिा हशवदीन लाल ऐसी गलाल उड़ी

बादर बन लाल लाली चह ओर छा रही

बरज वनदावन ााम रग स रगा रगीला हरा मोहिया लाल रग ह पयारा पीला

ाम ााम स खल खल रह होरी दखो शयामा शयाम सजान और सग गोरी दखो

चह ओर हपचकाररया रग-रग की ाार हशवदीन सरस रस रहसक जन पीव करर-करर पयार

राम गर गायर

भारि की लोक समपदा फागन की फाग - आचायद सजीव वमाद सहलल भारि हवहवावरी लोक सवीकहि स सपनन- समि परमपराओ का दश ह इन परमपराओ म स एक लोकगीिो की ह ऋि पररविदन पर उतसवामी भारिीय जन-

मानस गायन-वादन और निदन की हिवरी परवाहहि कर आनहदि होि ह फागन वषािि िथा चि वषादरमभ क साथ-साथ फसलो क पकन क समय क सचक भी ह दहिरायनी सयद जस ही मकर राहश म परवश कर उततरायरी होि ह इस महादवीप म हदन की लमबाई और िापमान दोनो की वहि होन की लोकमानयिा ह सयद पजन गड़-हिल स हनहमदि पकवाननो का सवन और पिगबाजी क माधयम स गगनचमबी लोकानद की अहभवयहि सवदि दखी जा सकिी हमकर सकराहि हखचड़ी बसाखी पोगल आहद हवहवा नामो स यह लोकपवद सकल दश म मनाया जािा ह पवदराज होली स ही मधयोततर भारि म फागो की बयार बहन लगिी ह बदलखड म फाग बजभहम म नटनागर की लीलाए हचहिि करि रहसया और बााई गीि अवा म राम-हसया की जगल जोड़ी की होली-करीड़ा जन सामानय स लकर हवहशषट जनो िक को रसानद म आपादमवीिक डबा दि ह राम अवा स हनकाकर बदली माटी पर अपनी लीलाओ को हववीिार दि हए लमब समय िक हवचरि रह इसहलए बदली मानस उनस एकाकार होकर हर पवद-तयौहार पर ही नही हर हदन उनह याद कर जय राम जी की कहिा ह कषर का नागो स सघषद और पाडवो का अजञािवास नमददाचली बनदल भहम पर हआ गौरा-बौरा िो बदलखड क अपन ह हशवजा हशवातमजा हशवसिा हशवहपरया हशव वीवदोभवा आहद सजञाओ स समबोहाि आननददाहयनी नमददा िट पर बमबहलयो क साथ-साथ हशव-हशवा की लीलाओ स यि फाग गयी जाना वीवाभाहवक ह बदली फागो क एकछि समराट ह लोककहव ईसरी ईसरी न अपनी परहमका रजउ को अपन कहितव म अमर कर हदया ईसरी न फागो की एक हवहशषट शली चौघहड़या फाग को जनम हदया हम अपनी फाग चचाद चौघहड़या फागो स ही आरमभ करि ह ईसरी न अपनी पराकि परहिभा स रामीर मानव मन क उचवासो को सर-िाल क साथ समहनवि कर उपहिि और अनचीनही लोक भावनाओ को इन फागो म हपरोया ह रसराज शर गार क सयोग और हवयोग दोनो पि इन फागो म अदभि माायद क साथ वहरदि ह सदयवीनािा यविी की कशराहश पर मा ईसरी गा उठि ह ईसरी रााा जी क कानो म झल रह िरकला को उन दो िारो की िरह बिाि ह जो रााा जी क मख चनर क सौदयद क आग फीक फड़ गए ह कानन डल राहाका जी क लग िरकला नीक आनदकद चद क ऊपर िो िारागर फीक ईसरी की आराधया राहाका जी सदरी होन क साथ-साथ दीनो-दहखयो क दखहिाद भी ह मय बल राि राहाका जी को कर आसरा की कौ दीनदयाल दीन दःख दखन हजनको मख ह नीकौ पहटया कौन सगर न पारी लगी दहिन पयारी रचक घटी-बड़ी ह नया सास कसी ढारी िन रई आन सीस क ऊपर शयाम घटा सी कारी ईसर परार खान ज पहटया जब स िकी उघारी

कहव पछिा ह हक नाहयका की मोहक चोहटया हकस सघड़ न बनायी ह चोहटया जरा भी छोटी-बड़ी नही ह और आिी-जािी सासो की िरह हहल-डल रही ह व नाहयका क शीश क ऊपर शयामल मघो की िरह छाई ह ईसरी न जब स इस अनावतत कशराहश की सनदरिा को दखा ह उनकी जान हनकली जा रही ह ईसर की नाहयका ननो स िलवार चलािी ह दोई ननन की िरवार पयारी हफर उबार अलपान गजरान हसरोही सलमान झख मार ऐच बार मयान घघट की द काजर की ाार ईसर शयाम बरकि रहहयो अहायार उहजयार िलवार का वार िो हनकट स ही हकया जा सकिा ह नायक दर हो िो कया हकया जाए कया नाहयका उस य ही जान दगी यह िो हो ही नही सकिा नाहयका हनगाहो को बरछी स भी अहाक पन िीर बनाकर नायक का हरदय भदिी ह छट नन-बार इन खोरन हिरछी भौह मरोरन नोकदार बरछी स पन चलि करज फोरन नायक बचारा बचिा हफर रहा ह पर नाहयका उस जान दन क मड म नही ह िलवार और िीर क बाद वह अपनी काहिल हनगाहो को हपवीिौल बना लिी ह अहखया हपवीिौल सी करक मारन चाि समर क गोली बाज दरद की दार गज कर दि निर क इिन पर भी ईसरी जान हथली पर लकर नवयौवना नाहयका का गबखान करि नही अघाि जबना कड़ आय कर गहलया बला कसी कहलया ना हम दख जमि जमी म ना माली की बहगया सोन कस िबक चि ह बरछी कसी भहलया ईसर हाथ सभार ाररयो फटट न जाव गहदया लोक ईसरी की फाग-रचना क मल म उनकी परहमका रजऊ को मानिी ह रजऊ न हजस हदन गारो क साथ गल म काली काच की गररयो की लहड़यो स बन ४ छटा और हबचौली काच क मोहियो का हिदान जसा आभषर और चोली पहहनी उसक रप को दखकर दीवाना होकर हार झलन लगा ईसरी कहि ह हक रजऊ क सौदयद पर मा हए हबना कोई नही रह सकिा हजयना रजऊ न पनो गारो हरनी हजया हबरानो छटा चार हबचौली पर भर हफर गरदानो

जबनन ऊपर चोली पर लटक हार हदवानो ईसर कान बटकन नइया दख लव चह जवानो ईसरी को रजऊ की हरन (हचिवन) और हसन (हसी) नही भलिी हवशाल यौवन मिवाली चाल इकहरी पिली कमर बार की िरह िानी भौह हिरछी निर भलाय नही भलिी व निर क बार स मरन िक को ियार ह इसी बहान रजऊ एक बार उनकी ओर दख िो ल ऐसा समपदर ईसरी क अलावा और कौन कर सकिा ह हमख़ा हबसरि नही हबसारी हरन-हसन िमारी जबन हवशाल चाल मिवारी पिरी कमर इकारी भौह कमान बान स िान निर हिरीछी मारी ईसर कान हमारी कोदी िनक हर लो पयारी ईसरी क हलय रजऊ ही सवदवीव ह उनका जीवन-मरर सब कछ रजऊ ही ह व परभ-वीमरर की ही िरह रजऊ का नाम जपि हए मरन की कामना करि ह इसहलए कछ हवदवान रजऊ की सासाररक परहमका नही आदया माि शहि को उनक दवारा हदया गया समबोान मानि ह जौ जी रजऊ रजऊ क लान का काऊ स कान जौलो रहन रहि हजदगी रजऊ क हि कमान पला भोजन कर रजौआ पाछ क मोय खान रजऊ रजऊ कौ नाम ईसरी लि-लि मर जान ईसरी रहचि सहसतरो फाग चार कहड़यो (पहियो) म बाी होन क कारन चौकहड़या फाग कही जािी ह इनम सौदयद को पान क साथ-साथ पजन और उसक परहि मन-परार स समहपदि होन क आधयातमजहनि भावो की सहलला परवाहहि ह रचना हवाान य फाग ४ पहियो म हनबि ह हर पहि म २ चरर ह हवषम चरर (१ ३ ५ ७ ) म १६ िथा सम चरर (२ ४ ६ ८) म १२ मािाए ह चरराि म परायः गर मािाए ह हकनि कही-कही २ लघ मािाए भी हमलिी ह य फाग छद परभाकर क अनसार महाभागवि जािीय नर र छद म हनबि ह इस छद म खड़ी हहदी म रचनाए मर पिन म अब िक नही आयी ह ईसरी की एक फाग का खड़ी हहदी म रपािरर दहखए हकस चिरा न छोटी गथी लगिी बहद पयारी हकहचि छोटी-बड़ी न उठ-हगर रही सास सम नयारी मकट समान शीश पर शोहभि कषर मघ सी कारी हलय ल रही जान कश-छहव जब स हदखी उघारी नर र छद म एक चिषपदी दहखए

बाि बनाई हकसन कसी कौन हनभाय वाद सब सच समझ रही ह जनिा कहा फदकि पयाद राजा कौन विीर कौन हकसक बद-नक इराद हजसको चाह सहलल हजिा मि चाह उस हरा द बनदली लोकरग की सािी ईसरी की फाग सजीव बदलखड क महानिम लोककहव ईसरी क कावय म लोकजीवन क सावीकहिक साहहहतयक सामाहजक पि परी जीवनििा और रचनातमकिा क साथ उदघाहटि हए ह ईसरी का वहशषटय यह ह हक व िथाकहथि सभराििा या पाहडतय स कय भाषा शली आहद उाार नही लि व दशज रामीर लोक मकयो और परमपराओ को इिनी वीवाभाहवकिा परगाििा और अपनतव स अहकि करि ह हक उसक सममख हशषटिा-शालीनिा ओिहि सजदनाारा हवपनन परिीि होन लगिी ह उनका साहहतय पवीिकाकार रप म नही शरहि परपरा म सन-गाकर सहदयो िक जीहवि रखा गया बदलखड क जन-मन समराट महान लोककहव ईसरी की फाग गय परपरा क कारर लोक-वीमहि और लोक-मख म जीहवि रही सकलनकिाद कवर शरी दगद हसह न १९३१ स १९४१ क मधय इनका सकलन हकया शरी इलाशकर गहा न ाौराद राम (जहा ईसरी लमब समय रह थ) हनवाहसयो स सनकर फागो का सकलन हकया अपिाकि कम परचहलि हनमन फागो म ईसरी क नसहगदक कारहयिी परहिभा क साथ-साथ बनदली लोक परपरा हावीया एव शरीनगरहपरयिा क भी दशदन होि ह कषर-भि ईसरी वनदावन की माटी का महातमय कहि हए उस दविाओ क हलए भी दलदभ बिाि ह अपनी कवीन जीभ स चाटी वनदावन की माटी दरलभ भई हमली ना उनखो दई दविन डाटी हमल ना सकी अनकन हार पाव की पररपाटी पायो वीवाग काह न नइया मीठी ह की खाटी बाही रज बजबाहसन lsquoईसरrsquo हहसदारी म बाटी कदम कञज म खड़ कनहया राहगीरो को रावीिा भला दि ह इसहलए पहथक जमना की राह ही भल गय ह अथादि जमना स नही जाि हकसी को भला कर मजा लन की लोकरीि को ईसरी अचछा नही मानि और कषर को सलाह दि ह हक हकसी स अहाक हसी अचछी नही होिी आली मनमोहन क मार जमना गल हबसार जब दखो जब खडो कञज म गह कदम की डार जो कोउ भल जाि ह रवीिा बरबस आन हबगार जादा हसी नही काऊ स जा ना रीि हमार

lsquoईसरrsquo कौन चाल अब चहलए ज िौ परी पार राि भर घर स बाहर रह कषर को अपनी सफाई म कछ कहन का अवसर हमल हबना lsquoछहलयाrsquo का हखिाब दना ईसरी क ही बस की बाि ह ओइ घर जाब मरहलयाबार जहा राि रय पयार हर बाट मनइया बठी कर नन रिनार अब िौ कौनऊ काम िमारो नइया भवन हमार lsquoईसरrsquo कषर नद क छौना िम छहलया बजबार फगआ हो और रााा न खल यह कस हो सकिा ह कषर सर ह िो रााा सवा सर दोनो की लीलाओ का सजीव वरदन करि ह ईसरी मानो सािाि दख रह हो रााा न कषर की लकटी-कमररया छीन ली िो कषर न रााा क हसर स सारी खीच ली इिना ही हो िो गनीमि होली की मवीिी चरम पर हई िो रााा नटनागर बन गयी और कषर को नारी बना हदया खल फाग राहाका पयारी बज खोरन हगराारी इन भर बाह बास को टारो उन मारो हपचकारी इनन छीनी लकहट मरहलया उन छीनी हसर सारी ब िो आय नद क लाला ज बषभान दलारी अपन बनी नटनागर lsquoईसरrsquo उन बनाओ नारी अटारी क सीिी चिि घघर हनशबद हो गए फलो की सज पर बनवारी की नीद लग गयी रााा क आि ही यशोदा क अनाड़ी बट की बीन (बासरी) चोरी हो गयी कसी सहज-सरस ककपना ह चोरी गइ बीन हबहारी की जसदा क लाल अनारी की जाहमन अमल जगल क भीिर आवन भइ रााा पयारी की नपर सबद सनाक हखच रय हछहड़या चड़ि अटारी की बड़ी गलाम सज फलन की लग गइ नीद मरारी की काि lsquoईसरीrsquo घोरा प स उठा लई बनवारी की कषर रााा और गोहपयो क चगल म फस गय ह गोहपयो न अपन मनभावन कषर को पकड़कर सतरी बनान का उपकरम करन म कोई कसर नही छोड़ी कषर की बनमाला और मरली छीनकर हसर पर साड़ी उिा दी गयी रााा न उनह सभी आभषरो स सजाकर कमर म लहगा पहना हदया और सहखयो क सग फागन मनान म लीन हो गयी ह शर गार और हावीय का ऐसा जीवि शबद हचि ईसरी ही खीच सकि ह पकर गोहपन क मनभावन लागी नार बनावन छीन लई बनमाल मरहलया सारी सीस उड़ावन

सकल अभषन सज राहाका कहट लहगा पहरावन नारी भस बना क lsquoईसरrsquo फगआ लगी मगावन ईसरी परहमका स हनवदन करा रह ह हक वह अपन िीख नयनो का वार न कर हजरह-बखिर कछ न कर सक ग और दख ही दखि नयन-बार हदल क पार हो जायगा हकसी गरी वदय की औषहा भी काम नही आएगी ईसरी क दवाई िो हपरयिमा का दशदन ही ह पररय की ऐसी परगाि रसहसि अहभवयहि अपनी हमसाल आप ह नना ना मारो लग जह मरम पार हो जह बखिर हझलम कहा का लह ढाल पार कर जह औषद मर एक ना लहगह बद गनी का कह कहि lsquoईसरीrsquo सन लो पयारी दरस दबाई दह हनमन फाग म ईसरी नयनो की कथा कहि ह जो परदशी स लगकर हबगड़ गय बबादद हो गय ह य नयना अा हसपाही ह जो कभी लड़कर नही हार इनको बहि नाि स काजल की रखा भर-भरकर पाला ह हकनि य खो गए और इनस बहि आसओ स नयी की नयी सारी भीग गयी ह कसी माहमदक अहभवयहि ह नना परदसी स लग क भय बरबाद हबगरक नना मोर सर हसपाही कबऊ ना हार लरक ज नना बार स पाल काजर रख भरक lsquoईसरrsquo भीज गई नई सारी खोवन असआ ढरक शरगार क हवरह पि का परहिहनहातव करिी यह फाग ईसरी और उनकी परहमका रजऊ क हबछड़न की वयथा-कथा कहिी ह हबछरी सारस कसी जोरी रजो हमारी िोरी सङगसङग रह हनहस-बासर गर हलपटिी सोरी सो हो गई सपन की बाि अन हस बोल कोरी कछ हदनन को हिया अबादो हम बिा दो गोरी जबलो लागी रह lsquoईसरीrsquo आसा जी की मोरी ईसरी की य फाग शर गार क हमलन-हवरह पिो का हचिर करन क साथ-साथ हावीय क उदातत पि को भी सामन लािी ह इनम हसी-मजाक हसना-बोलना सभी कछ ह हकनि मयादहदि कही भी अशलीलिा का लश माि भी नही ह ईसरी की य फाग २८ मािी नरनर छद म रहचि ह इनम १६-१२ पर यहि का ईसरी न परी िरह पालन हकया ह सम चररानि म गर की अहाकिा ह हकनि २ लघ भी परापय ह इक फाग म ४ ५ या ६ िक पहिया हमलिी ह एक फाग की सभी पहियो म सम चररानि समान ह जबहक हवषम चररानि म लघ-गर का कोई बान नही ह

हम न गर हवीन और ख़शब ही को िोला होिा हफर िो हर पड़ गलाबो स भी हकका होिा उदाहरर क रप म समझा जाय िो एक मिदबा य भी समझा जा सकिा ह हक परमपराए हमशा पड़ या हफर पौा की िरह होिी ह और उन पर लगन वाल फल और उन फलो की ख़शबए आाहनक हवचाराारा समान यहद हम आाहनक हवचारााराओ ही को सबकछ समझ बठ ग िो य फल और ख़शबए कया आसमान स टपक ग समझन वाल इशारो को बहि जकद समझग बाय द टाइम आप इस अङक को पि रह हो ममहकन ह दहनया का एक बड़ा हहवीसा आप को होली की बराइया हगना रहा हो हम इिना ही हनवदन कर ग हक ldquoसपrdquo की िरह-िरह सार-सार को गह और थोथ को उड़ा फ क नीर-िीर-हववक हम सब की ामहनयो म यगो-यगो स परवाहमान ह अपन हववक का सदपयोग करि हय अचछी बािो को आग बिाए हमठाइयो क कारोबाररयो दवारा परोस जा रह अशि माल स परहि करि वक़ि याद रह हक कडबरी भी कोई अमि नही ह हर गली क नककड़ पर रङग हपचकारी वग़रह बचन वाल हमार कटीर उदयोग क खवनहार ह आप सभी को सपररवार होली की शभ-कामनाए

खहशयो का वीवागि कर हर आगन हर दवार| कछ ऐसा हो इस बरस होली का तयौहार||

होली हवषयक और भी सामरी मसलन छद ग़िल हजल नज़म कहविा गीि-नवगीि रहसया आलख कहानी कथा वग़रह पिन क हलय यहा हकलक कर

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जी पन काडद िो मर पास ह ही नही ओक हफर िो आप को हमार नजदीकी दफिर म जाकर एक फामद भरना होगा िब आपको नया पासवडद कररयर स भजा जायगा पर जब िक य सब होगा होली हनकल जायगी मरी कमाई क सार चास खतम हो लग दहखय म िो आपको परोसीजर बिा रही ह होली हनकलगी या दीवाली हनकलगी य मझ नही पिा ओफफो जब आपक एकजीकयहटव पासवडद बचन आय थ िब िो बहि ही िमीज स बाि कर रह थ आप िो बहि बदिमीजी स बाि कर रही ह दहखय िमीज का सारा कोटा हम राहक बनान म खचद कर दि ह उसक बाद हमार पास हसफद बदिमीजी ही बचिी ह म आपको परोसीजर बिा चकी ह आप उस फालो कर ओफफो डास िो होली पर करना ह उसक बाद डास कयो करना दहखय अब िो डास साल भर चलिा रहिा ह कोई ना कोई फकशन होिा ह उसम डास कर सकिी ह हमारी सहयोगी कपनी िमाम शाहदयो म रौनक लगान क हलए अचछ डासर सपलाई करिी ह आप उस कपनी म अपना रहजवीरशन करा द पर साल आपको डास क आफर हमलि रहग ओफफो आप बाि नही समझ रही ह हम िो होली क मवीिी वाला डास करि ह हनमदल सहज आनद क हलए दहखय हनमदल सहज जस शबद जो आप बोल रही ह य िो अचछ नाम ह हनमदल नाम स घी या मकखन बचा जा सकिा ह कोई सि इस पर अपना कारोबार पहल ही चला गय ह सहज हकसी योग का बराड हो सकिा ह आप चाह िो य नाम रहजवीटर करा सकिी ह इस सबा म आप हमारी सहयोगी कपनी स मदद ल सकिी ह वह बहि सवीि भावो म आपको सहवदस द दगी ओफफो आप िो मझ कछ ना कछ बचन पर आमादा ह आप मरी पराबलम को साकव कीहजय ना चहलय मरी अपन हकसी सीहनयर कवीटमर कयर एकजीकयहटव स बाि कराइय दहखय िमा कर अभी हमार सार कवीटमर कयर आफीसर हकसी ना हकसी गोपी स बाि करन म हबजी ह आप राि को दो बज काल कीहजय िब वो फरी होग ओफफो राि को दो बज काल करन को कौन जगगा दहखय वो आपकी समवीया ह हमारी नही आपका हदन शभ हो और राि भी

इस होहलका कथा स हम य हशिा हमलिी ह हक कवीटमर कयर हडपाटदमट कवीटमर की कयर क हलए नही कपनी की कमाई की कयर करन भर क हलए होिा ह हम म स अहाकानश लोग पहरदमा वमदन जी क परककप lsquoअनभहिrsquo क बार म जानि होग ककपना जी उस परककप का एक महतवपरद हकरदार ह अनभहि को अनभहि हजस टीम न बनाया उस म ककपना जी का भी शमार होिा ह म इन स बस एक ही बार इन क खारघर हवीथि आवास पर हमला ह शायद एक दो बार फोन पर बाि हई हो वीवावीय को लगभग माि द चकी आदररीया ककपना जी साहहतय-सवा क हलय सदव ितपर रहिी ह साहहतय की हवहवा हवााओ म रचनातमक परयास करना इन का हपरय शगल ह आप क िप को नमन

ककपना रामानी

ऐ हवा रगो नहाओ आ गया फागन ाम मौसम की मचाओ आ गया फागन

दश स रठी हई ह राि पनम की

चाद को जाकर मनाओ आ गया फागन

वन चमन क फल आिर दख लो हकिन नह नयौिा दक आओ आ गया फागन

हफर रह ह मन-महदि सब बाल बहगया म झलना उनका झलाओ आ गया फागन

साज ह सरगम भी ह ियार ह घघर

िम सखी शभ गीि गाओ आ गया फागन

खग हवहग-व दो क जाकर कान म कह दो मोर कोयल को जगाओ आ गया फागन

िान हपचकारी खड़ी ह दवार पर होली परम की गगा बहाओ आ गया फागन

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फगनाहट स जाग उठी ह जग म होली

रग पलाशो स लकर जन

हए रगील साथ फब रह लाल हर

कसररया पील सख को मह हचिा रह रग

गील हसकर भग चिा पकवान हो गए

और रसील

हपचकारी पर हफदा हो रही कोरी चोली

फगनाहट स जाग उठी ह जग म होली

मौसम बदला नमद हवा न पाव पसार

खार जल क िाल हो गए मीठ सार

चस-चस कर आम कोहकला सर म कहकी

आए हमलन गल िमी स चाद हसिार

हररयारो स होड़ ल रह

ढम-ढम ढोली फगनाहट स जाग उठी ह

जग म होली

शहरो म डीज गावो म बजिी पजन

दश हो हक परदसपवद की

एक वही ान खिो म सरसो हखलिी

उदयानो कहलया कर कर म रस भर दिा

सखदाई फागन

आिा सग ामाल शगन की भरकर झोली

फगनाहट स जाग उठी ह जग म होली

------------ सार छद

रग हदवस फागन क

छनन पकया छनन पकया उड़ रग क बादल पीि गलाबी लाल हआ ह वसारा का आचल

छनन पकया छनन पकया यह ऋि सबको भाई भवरो की मनहार दखकर कली-कली इिराई

छनन पकया छनन पकया गमी घटाए िम की दख रही ह जलिी होली जाग राि पनम की

छनन पकया छनन पकया वन पलाश हफर दहक

रग सनहरा दख गगन म उड़ि पाखी बहक

छनन पकया छनन पकया हफर आम बौराया मोर कोहकला न बागो को सर म गीि सनाया

छनन पकया छनन पकया दखा दशय हवहगम

हपचकारी भर खग-मग लाए रग घोलकर अनपम

छनन पकया छनन पकया हई खब हखलवाई जब सहखयो न भग हमलाकर ठडई घोट हपलाई

छनन पकया छनन पकया गाए गीि शगन क

बार-बार जीवन म आए रग हदवस फागन क

अनिजादल पर lsquoछनन-पकयाrsquo को हमलोगो क बीच समभवि भाई योगराज परभाकर जी ल कर आय रामीर अञचल का साहननधय हजन लोगो को नसीब हआ हो वह जानि होग हक lsquoछनन पकयाrsquo या इस िरह क अनय िहकया कलामो क साथ हमार लोक-साहहतय म अपररहमि रचनाए हई ह और उन म स लगभग 99 अब लपत भी हो चली ह हम जसो को बावला कहन वालो का हम इसहलय बरा नही मानि चहक इस िरह की बािो को विदमान समय नोवीटाहकजया क नाम स जानिा ह याद आिा ह हम लोगो क बचपन म हवजञापन वाल हम बिाि थ हक नमक स दािन करन पर दाि ख़राब हो जाि ह और वही हवजञापन वाल अब हमार बचचो स पछ रह ह हक आप क टट-पवीट म नमक ह हक नही याहन आहख़रकार य लोग हमारी भोर को ख़चो क साथ शर करन म सफल हो ही गय ख़र समय न कब हकस की सनी ह जो हम लोगो ही की सनगा चहलय अब उस फरसहिया जी क सटायर स लतरनदोि हआ जाय -

ldquoएक रसबहकय की डायरीrdquo ndash अनप शकल उरद ररसहिया आजकल रसबक का जमाना ह लोग कछ भी करि ह उसका वीटटस FB पर डालि ह समोसा खा रह ह बोर हो रह ह अचछा लग रहा ह झझला रह ह बलॉकअनफ़र ड

कर हदया ऐसा रील कर रह ह वसा महसस हो रहा ह कछ हो रहा ह कछ-कछ हो रहा ह कछ भी हकया जाय अगर उसको रसबक पर न डाला जाय िो लगिा ह वो काम हआ ही नही रसबक वीटटस हबन सब सन हालाहक रसबक पर लोग सब कछ कह लि ह लहकन हरर भी बहि कछ रह जािा ह हजस शरारि क मार लोग साझा नही करि ऐस लोग अपन मन क भाव अपनी डायरी म हलखि ह ऐसी ही कछ डायररया हाथ लगी उनको दखकर लगा हक हकिना कछ छट जािा ह रसबक आन स उन डायररयो म स कछ क अश यहा परवीिि ह 1आज हरर उसन अपनी परोराइल हपक बदली बवकर को पिा नही हक परोराइल बदलन स शकल नही बदल जािी मन नही था लहकन लाइक करनी पड़ी हगकटी रील हो रहा ह रसबक क चलि हकतता झठ बोलना पड़िा ह 2उसन नयी रोटो लगायी ह हवा म उड़ि हय बाल दखकर मन हकया हक हलख- य बाल नही िर सर स बची-खची अकल हनकलकर बाहर भाग रही ह लहकन हरर हलखा नही उसको य खशरहमी हो जािी हक उसक पास भी अकल ह हकसी को कयो ाोख म रखना आख मदकर फोटो लाइक कर हदया

3उसन आज हकसी को बलॉक करन की उदघोषरा नही की मन हकया पछ हक िहबयि िो ठीक ह लहकन हरर नही पछा हकसी क पसदनल मटर म कया दखल दना हजतती दर म कमट हलखग उतत म दस ठो लाइक कर लग 4हपछल दस हदन स एक ही आईडी स रसबहकग करि-करि बोर हो रह ह खराब लग रहा ह सोचा था आज पकका नई आईडी बनायग लहकन नही बनाई य कया हो रहा मझ गगहलग करना पड़गी हक ऐसी मनहवीथहि को कया कहि ह कछ इमपरहसव कहि होग िो उसको अपना वीटटस बना लग - रीहलग हडटरमाइनड 5बलॉग दख रही ह आजकल वो मई उसका वीटटस सबस पहल लाइक करिी ह घोटाल क पीछ CAG की िरह उसक वीटटस स हचपकी रहिी ह पछना पड़गा उसस चककर कया ह आजकल चट भी नही करिा लगिा ह नई आईडी स चट करनी पड़गी य भी औरो की ही िरह ह 6आज उसन हरर कतत क साथ अपना रोट लगाया ह मन िो हकया मनका गााी को हलख द हक दहखय आपक रहि जानवरो क साथ हकतता िो अनयाय हो रहा ह लहकन हरर छोड़ हदया कमट हकया - (कतत का) रोटो बहि अचछा लग रहा ह बरकट क अदर वाली बाि मन म कही ही ही ही ही smile emoticon smile emoticon smile emoticon

7आजकल हजस दखो कहविा हलखन म लगा ह हकिना िो करर हो गय ह लोग शबदो क साथ अतयाचार दखकर मन दखी हो जािा ह कछ शबदो स बाि हई बचार कह रह थ -पिा होिा हक हमार साथ इतता बरहम सलक होगा िो हम हडकशनरी स भाग जाि रीहलग helliphelliphellip (खाली जगह रीिा स पछ कर भरगी उसको य सब अचछा आिा ह हक कब कस रील होना चाहहय ) 8िीन हदन स दषट न हकलो नही बोला सोचिा ह म पहल बोल माई रट मर पाच हजार दोवीि ह िीन हजार िीस रालोवर उस बवकर क िीन सौ इकवावन दोवीि गवीसा आ गया उसक वीटटस पर (हजसको पहल लाइक हकया था) जाकर वीटटस को सकड़ो बार हडसलाइकलाइक हकया वीटटस को हझझोड़ कर रख हदया कल रील हआ हरर वीटटस लगाया- भटटा चबा रह ह ठड़ा पीि हय smile emoticon

9कछ भाई लोग िो जञान की बाि इतती बवकरी स करि ह हक मन करिा ह एक उननाव क डौहडया गाव म खदाई क हलय लगी एक ठो जसीबी इनक हदमाग म भी लगा द सारी अकल का मलबा हनकाल क हदमाग को खाली कर द लहकन हरर लगिा ह कड़ा कड़दान म ही रह िो अचछा जमीन पर काह को रलाया जाय 10आज मड की भी छटटी थी छटटी मिलब सड समझकर मन टीना को सड वाली आईडी स हकलो बोल हदया वो घट भर िक मह रलाय रही िरह-िरह क बवकरी क आइकान भज कर उसको मनाना पड़ा य लड़हकया भी हकतती चजी होिी ह यार मन िो हकया हक वीटटस लगाऊ -टाहकग ट रल रीहलग इरीटटड लहकन हरर लगा वो समझ जायगी िो वीटटस लगाया- एनजवाइग सड रीहलग रट

11दोवीि बिा रहा था हक वो आजकल बहि वयवीि ह दो आईडी बनाई ह उसन दोनो पराानमहियो की िरर स रसबक पर जग लड़िा ह एक आईडी हकसी क हखलार वीटटस हलखिा ह दसरी स उसक हखलार िकद घट दो घट एक वीटटस पर कशिी लड़न क बाद अगला वीटटस लगा दिा ह बिा रहा था पराानमिी कोई बन उसका चमचा-इन-चीर बनना पकका ह राजयमिी क दज की आशा ह मन हकया उसको कह rsquoशखहचकली कही कrsquo लहकन rsquoरटrsquo कहक बॉय कह हदया वीटटस सटाया- रीहलग ररलकड 12भाईसाहब न बहि हदन स कोई वीटटस अपडट नही हकया आज एक लड़क को रसलाकर लगभग जबररयन समोसा हखला रह ह पकका दस हमनट क अदर वीटटस लगायग- आज एक भख को भोजन कराया सिषट महसस कर रहा ह म सोच रहा ह हक म कमट करगा ndash कया अजब पाखड ह लहकन मझ पिा ह हक म हकसी को हटद नही कर सकिा राइनली हदल पर पतथर रखकर हलखगा- मानविा की सचची सवा 13आज शाम एक फ़र ड का रोन आया कहा आज हकसी स रसबक बरकअप नही हआ िहबयि घबरा रही ह रीहलग लो मन कहा िो म कया कर िो उसन कहा यार ि ही मझस लवर बनकर बाि कर ल आईडीपासवडद भजा ह िरी मल म मन कहा -मझ इस सब झमल म नही पड़ना उसन हरर दोवीिी की कसम दी िो मझ दया आ गयी मन कहा अचछा चल लाग इन करि ह मरी हकवीमि अचछी लाइट चली गयी थी मन उसको एसएमएस हकया उसका जबाब आया -कोई नही मन खद दो बराउजर स चट करक बरक अप कर हलया िझ हहचहकचाहट हो रही थी अचछ स हो भी नही पािा िर स नाऊ रीहलग ररलकवीड मन वीटटस लगाया- कस-कस रस ह रसबक क रीहलग सरपराइजड ऐसी न जान हकिनी बाि डायरी म हलखी हई ह सबको यहा हलखना ठीक नही ह नमन बिा हदय आप अनदाजा लगाइय हक और कया-कया हलखा होगा डायररयो म आप भी रसबक डायरी हलखि हो िो शयर कररय अपन हवचार कोई हहचहकचाहट हो िो अनाम नाम स मझ भज दीहजय हम छाप दग आया न मिा और पिना चाहि ह इन को ठीक ह थोड़ी दर बाद पहल कछ और रचनााहमदयो को भी पि हलया जाय

डॉ (सशरी) शरद हसह

हदलो म रग भर द पयार का हफर इस दरा होली हक मौका द ही द दीदार का हफर इस दरा होली

न हशक़वा हो न कोई हो हगला इक-दसर क सग हमटा द दाग़ हर िक़रार का हफर इस दरा होली

ग़मो को दर सरका द खशी को साथ ल आय

रख माहौल बस इकरार का हफर इस दरा होली

महबबि की हसफाररश हो महबबि की इबादि हो रह तयोहार इक इसरार का हफर इस दरा होली

य होली म सभी क साथ होन का मिा आए

लग हर शख़स जयो पररवार का हफर इस दरा होली

सशीला हशवरार

कहा गए वो चग-डर अपनापन अनराग गीिो की रसाार हबन हकिना सना राग

ढोल-चग की गज पर मन उठिा था झम अब गहलया सनी हई कहा गई वो ाम

मवीिो की टोली नही नही वीवाग क रग बस टीवी म रह गया होली का हड़दग

रग हरिा म छा गए नील-पील-लाल

म हबरहन सखी रही मझको यही मलाल

मोहन अब रगि नही रााा िर गाल कलयग ह द वापर नही दहनया कर सवाल

सग अबीर-गलाल क मला कौन-सा रग लोग कह म बावरी जग स हई हनसग

सावररय क रग-सा हमला न दजा कोय िन लाग जो सावरा हर हदन होली होय

उसन य दखा मझ हई शमद स लाल

हसरि हदल म रह गई मलिी खब गलाल

ामनर कमार lsquoसजजनrsquo

िर भर चिकर जो हमट रग बड़ा बकार साि जनम िक साथ द वही रग िन डार

बदन रगा िो कया हकया मन को रग ल यार

मौका भी दवीिर भी होली का तयोहार

रगो क सग घोलकर कछ टट सवाद ऐसी होली खहलए बरसो आए याद

जाकर य सब स हमलो जस हमलि रग

कवल हपरयजन ही नही दशमन भी हो दग

रग सभी फीक पड़ जब आई मख लाज इन गालो क रग स आओ रग द आज

सख रगो स करो सिरगी ससार

पानी की हर बद को रखो सरहिि यार

फागन न आकर कहा अपन हदल का हाल गोरा मखड़ा ाप का हआ शमद स लाल

रग न हो िो परम भी रग दिा ससार परम न हो िो वयथद ह रगो का अबार

िझको रगन थी चली पीली पीली ाप गोरा िन छकर हई उजली उजली ाप

आखो आखो म चल सार रग गलाल

अपनी होली चल रही य ही सालो साल

ओबामा जी अगर हलकन हिदा होि िो

सजीव हनगम

सबह सबह चचचा अपन घर रपी िोप नली स गोल की िरह जो छट िो सीा हमार घर म आकर रट उनक हाथ म सबह का अखबार था और मह स दनादन ऐस शबद हनकल रह थ हजनह सन कर पहलस वाल भी शहमिदगी महसस करन लग ऐसी िबरदवीि गोलाबारी क सामन पड़ना अपन खद क अहिम सवीकार का इििाम करना जसा ही था इसहलए हम हाथ म सरद रमाल थाम उनक शाहबदक रप स ठडा होन की राह दखन लग थोड़ी दर बाद वह शभ घड़ी भी आ गयी और व उस अकसहशयन की िरह स शाि होकर बठ गए जो घर आय महमान पर भौक भौक कर थक गया हो मन हहममि करक पछा चचचा आप िो ओबामा की िरह स सभय आदमी थ य अचानक ओसामा कस बन गए यह सनि ही चचचा हफर स पाहकवीिानी फौहजयो की िरह स हबना कारर फायररग करन लग बोल नाम मि लो उस ओबामा का मर सामन जब अभी भारि आया था िो कया कया अरमान दख थ मन उसकी और अपनी दोवीिी क यह सोच सोच कर म हकिना खश था हक उस दोबारा यहा दख कर चीन हकिना जल रहा होगा पाहकवीिान हबलख रहा होगा यहा िक हक जब जाि जाि उसन हम हबन मागी सलाह द डाली िब भी मन उस पान क अडड पर खड़ हकसी दोवीि की चहलबािी समझ कर झल हलया था - पर उसन िो वहा जाकर भी - अमा िम अपनी िोि जसी चोच बद रखो य हम दो बड़ी हहवीियो क बीच का मामला ह उसम िम अरर जटली की िरह स बीच म घसन की कोहशश मि करो सषमा वीवराज की िरह स अलग ही रहो हम पिा ह हक उसन वहा जाकर भी हमारी िरफ इस बयान की हपचकारी मारी थी हक भारि म ााहमदक असहहषरिा इिनी बि गई ह हक यहद महातमा गााी हजदा होि िो व आहि होि - लहकन अब िो वहा भी hellip

- हा वही िो hellip बड़ा आया हम जञान दन वाला अब उसक अपन यहा ााहमदक असहहषरिा की ऐसी हरकि हो रही ह िो अब समझा ना अपन लोगो को हम जो जञान हदया था उस कॉपी पवीट करक अपन कपयटर जस दश क होम पज पर डाल न - सही कह रह ह आप पर य सब मझस कहन स कया फायदा - वो िो म भी जानिा ह िम जसा सवीि सट पहनन वाला इन सब बड़ी बड़ी बािो को कया समझगा य िो लाखो रपय का सट पहनन वालो क समझन की बाि ह - िो हफर उनह ही समझाईय न मर घर को कयो राज पथ बना कर 26 जनवरी का शहि परदशदन कर रह ह - हम यहा कोई शहि परदशदन करन नही आय ह बहकक राषर हहि म िमस एक कबादनी मागन क हलए आय ह कही गवीस म इनहोन इवीलाहमक वीटट जसा कोई आिकवादी सगठन न बना हलया हो और उसका पहला हफदायीन मझ ही बनान का न ठान हलया हो यह सोच कर मरी सास डर क मार अपन आप िोर िोर स अनलोम हवलोम करन लगी डरि डरि आवाि हनकली कसी कबादनी चचचा - हम थोड़ी दर क हलए क हलए िमहारा मोबाईल चाहहए - कयो भला - ओबामा स बाि करनी ह और उसस पछना ह हक आज अगर अबराहम हलकन हिदा होि िो व हकिना आहि होि लहकन मरी दशभहि न ही मझ मर मोबाईल क माधयम स अमररका स समबना ख़राब करन स रोक हदया मन मोबाईल म बलस न होन का कारगर बहाना बना हदया चचचा न दवादसा की िरह स अहिशय करोा स मझ घरा और हफर हकसी सचच मोबाईल ाारी दशभि की िलाश म हनकल गए

समीिा परवीर कशवा

रग लगाक ि न जा मझ रग लगाक अपन अग लगाल सावररया रhellip

पवन बसिी ि बनक सग बहा ल अपन हदल म बसा ल सावररया रhellip

फागन न जकफ खोली मदहोशी नभ म घोली

ाानी आकाश हआ ारिी भी उसकी होली

रगो स रग हमल सिरगी फल हखल पखरी लाज खोए

भवरा जो उसप डोल बाह पसार नदी क दोनो हकनार

इकदज को पकार बलम आजा रसावररया रhellip

लरज कपोल लाल सया रग गलाल भावभरा रग घला

िन मन हए सब लाल सजना क सग सखी

ऐस म रग रगी खद स ही परीि हई खद स ही जग हई

परीि लगाक अपनी नीद गवा क सजन सग बन गई म िो बावररया र सावररया रhellip

कावय करन को चल ह हम भरािा सच पछौ िौ हम कछ नही आिा 01

हफर ह हमन बहि िहनक लगाई

झट सो यो एक यहि बझ आई 02

एक शबद ह िाक अनक हवकार इनकौ कीज िजद- बनद वयवहार03

शबद-हवकार प पन-पन करौ परहार

ठोको- ठासौ और नक लउ हनहार 04

जस-जस शबद वीव- पकार सनाव िस-िस कावय पहि बन आव 05

अब िौ भईया हम ह कहव कहाए

मन ही मन यो मवीि मोद मनाए 06

एक हदन जमौ बड़ौ कावय वयापार कहव-कल कौ कछ कह आर न पार07

सब न अपन-अपन जब पाठ हकय

शरगार हावीय वीर रस क ठाट हकय08

अलकारन क अदभि उपयोग हकय वकरोहिन क हवलिर परयोग हकय09

छनदन सौ अनठ स अनबना हकय

चमतकहि क अतयि सपरबना हकय10

हमन ह हहममि अपनी नक न हारी कावय म कावय की यहि कह डारी11

अब हनरदय कौ अवसर जयो आयौ

हमरौ नाम उनन सवद- शरषठ सनायौ12

हलयौ पचन न हम पनः मच बलाय हदयौ टट जिन कौ एक हार हपराय13

िब व बोल मनद-वीवर य मद भाखा

नीच स आपकौ नमबर एक ह आका14

यह सब दखद दशय दखि घर-वारी घर पहचि ही वाकी हवकट सवारी15

बड़ चल हौ िम हनि कहव बनन कौ आयी न नक ह लाज या झठ रन कौ16

बालक भख घर सौ मस ह हफरि ह

टट ह पाि वसतरन क पबनद फटि ह17

मददि स हर बाररस यह छतत चआनी बस अब की बार ह सच फशद प आनी18

कहव-जन एक बाि म कहौ सहवचारी

मानौ न मानौ हौ अब आप अहाकारी19

रोजी-रोटी जब लौ नही हसि जगाड़ी कहव नही कबह कहव ननद अनाड़ी 20

- एन एल चिवदी नगीना उरद lsquoननदrsquo

साहहतयम पर आप लोग जो रसील और चटील वयङयालखो का रसावीवादन करि ह उस का हजममा भाई कमलश पाणडय जी न उठाया हआ ह कहन की आवशयकिा नही हक साहहतयम का कल कामकाज वीवहचछक और अविहनक ह आज क दौर म ऐस साहथयो का हमलना सौभाय ही कहा जायगा वस भी पसा सब कछ खरीद सकिा ह मगर समपदर की भावना नही कमलश जी वीवय भी एक बहिरीन वयङयकार ह कमलश जी क सटायसद की हवशषिा ldquoबारीक़ीrdquo ह आप बड़ ही हनराल अनदाि म पाठक को अपन साथ बहा ल जाि ह आइय कमलश जी क एक रसील और चटील वयङयालख का रसावीवादन करि ह-

फाहयान की हफकमी डायरी कमलश पाणडय

उस रोि फ-ची न बिाया हक भारि-भरमर पर जान स पहल वहा की कछ हफकम

दख ल िो पयादपत मागददशदन हमल सकिा ह फची कहिा ह हरकम हकसी भी समाज का दपदर होिी ह सो इनह दख लो सभव ह भारि जान की आवशयकिा ही न पड़ यही बठ-बठ भारि पर एक वहद रथ हलख सकि हो कल बािार स विदमान काल म बनी डि-दो सौ भारिीय हफकमो की सीडी क जलदवीय सवीकरर ल आया जो प-ईहचग क चोर-बािार म मोमो क एक पलट स भी सवीिी हमल गई आज परािः काल भजन-पजन क उपराि उनक अवलोकन क हलए बठ गया ह य एक नया ही ससार परिीि होिा ह फ-ची ठीक कहिा था हक चीन म फली भारि समबनाी भराहियो पर करद न ारो मझ सही मागददशदन दन वाल फ-ची को साावाद कहि हए अब आरमभ करिा ह एक आठ परहर स हनरिर भारिीय जीवन की इनरानषी छहवया दखि-दखि नि चहाया गए ह और महषिषक िो मानो हनहषकरय ही हो गया ह अभी थोड़ सरा-पान क उपराि जी

हकका हआ िो भारि- जो अब ईहनडया कहलान लगा ह ndash की आकहि कछ-कछ दहषटगोचर होन लगी ह य िो हनहिि ही ह हक इहणडया अतयि समि दश ह हफकम का नायक जो वीवय को आम-आदमी और हनादन मनषय बिािा ह एक बड़ स भवन म रहिा ह हडिाइनर परराान पहनिा ह चमकि वाहन पर यािायाि करिा ह और एक सनदरी स परम करिा ह कभी-कभी सदररयो की सखया एक स अहाक हो सकिी ह पर जब वह नतय रि होिा ह िो सदररया अनि होिी ह हजन ानाढय लोगो स उसकी शििा होिी ह उनक िो कया कहन उनकी जीवन शली चीन क समराट को भी लजा दन वाली ह वस अहाकाश हफकमो म नायक पहलस अहाकारी ह ऐसा परिीि होिा ह हक इहडया म सभी पहलस अहाकारी बनना चाहि ह हजसका कारर यही मालम होिा ह हक उनक घर और ठाट-बाट राजाओ स परहिवीपााद करि दीखि ह इसस िो यही लगिा ह हक इहडया म अब सवदहारा कोई नही बचा दो आम आदमी पर आााररि एक हफकम का अवलोकन करन क बाद इस हनषकषद पर जा पहचा ह हक इहडया क आम-आदमी सर-सपाट क शौकीन होि ह और परायः अपनी परहमका क साथ मनोरम वीथलो पर भरमरशील रहि ह उसकी परहमका वीवय को अतयि हनादन बिािी ह जो उसक अतयकप वसतरो को दख कर िो सतय परिीि होिा ह परनि जब उसक आभषरो और चरर पादका पर दहषट जािी ह िो थोड़ा सदह भी उतपनन होिा ह परायः य लोग कही आकाश स परसाररि होि सगीि पर गायन करन लगि ह िो हर बदलि लय क साथ वसतर वीथल और वाहनाहद बदल दि ह समहि का िब चरमोतकषद हदखिा ह जब य लोग गीि का हर अिरा हकसी अनय दश की भहम पर गाि ह और पलक झपकि ही उनह वहा पहचा दन वाला वाहन कही नही हदखिा हनिय ही वहा का हवजञान अभिपवद परगहि कर चका ह सभव ह वहा हर आम आदमी क पास अपना हनजी वाययान हो िीन आम आदमी की मोहक छहवयो वाल दशयो को दखि जी ही नही भरिा यह भी जञाि हआ हक इहडया एक अतयि सनदर दश ह जहा एक ही वीथल पर समर हहमाचछाहदि पवदि रहगवीिान और झरन ह कई एक वीथल िो ह-ब-ह हवीवटिरलड नामक दश क सामान ह य भी समभव ह हक आम आदमी क भरमर-लाभ हि इहडया म ही कही-कही यरोप-अमरीका आहद महादशो की परहिकहि रच ली गई ह गीिो क दशयो म िो य बाि एक दम हसि हो जािी ह जस ही नायक-नाहयका गायन परारमभ करि ह ढर-सारी सदररया नाचिी-गािी उनकी सगि करन आ जािी ह य भी वसतरो की दहषट स अतयि हनादन लगिी ह परनि हवीथहि पर गौर करन स वीपषट हो जािा ह हक ऐसा नही ह कया समरिट पर सट पहन कर जाया जािा ह या हक राहि-कलबो म बकाद ओि कर इसस य भी वीपषट ह हक इहडया म नाररयो को इचछा-नसार पहनन-ओढन घमन-हफरन नाचन-गान की वीविििा ह चार फची गलि कहिा ह हक इहडया म बहि गरीबी ह उस ऐसा कछ हरकम ही दखकर लगा था उसकी सलाह पर आज ऐसी कछ हरकम दखी इनम टट-फट घरो म कछ हभिक-परकार क पराहरयो का जीवन हदखाया गया था सकषम दहषट डालन पर इन बहवीियो क पीछ खड़ हवशाल महल हदख जाि थ जहा स कछ आम आदमी आकर इन बहवीियो को हगराना चाहि हदखाए गए थ पर उनका उदशय इन झोपहड़यो की जगह महल बना कर पर इहणडया को एकाकार कर दना था समयाभाव म इनका बनाना हदखाया नही जा सका एक राजनिा न बिाया हक गरीबी को परचाररि करन क पीछ हवरोाी राजनीहिक दलो का दषपरचार ह जो मझ सो सतय लगा मझ िो इसम

चीन का हवीि होन की भी समभावना हदखी कयोहक ऎसी एक हफकम म हनादन लोग बार-बार माओ का नाम ल रह थ पाच ऐसा परिीि होिा ह हक इहडया म सभय लोगो की भाषा हहनदी ह य भाषा अरजी क शबदो और वीथानीय भाषा क कारको स बनी ह हबना पि-हलख लोग कई वीथानीय भाषाए बोलि ह परायः लोग कवल अरिी भी बोलि पाए जाि ह पर आम िौर पर अरिी क दो एक वाकयो क बाद हहनदी पर उिर आन की परवहतत ह नाहयकाए और हसतरया अरिी बोलना पसद करिी ह पर जब वो हहनदी बोलिी ह िो भी धवहन अरिी-सी ही आिी ह ऐसा परिीि होिा ह हक उनह भाषा की दीिा मलिः अरिी म हमली ह और हहनदी उनहोन हकसी हहनदी हफकम म काम करन क उददशय स सीखी ह गान अहपि हहनदी म ही गाय जाि ह पर वहा और भी कई भाषाओ का मल हदख पड़िा ह एक गीि िो ऐसा था हजसम बड़-बड़ नगाड़ो की िाल पर पजाबी नामक भाषा म बहि सारी अरिी और थोड़ी हहनदी हमलाई गयी थी ऐस कछ गीिो क रचहयिा कोई lsquoयो योrsquo नामक महाकहव ह जो अपन गीिो म यवाओ को कम महदरा या मादक पदाथो क सवन करन जस सावीकाररक सदश दि रहि ह इन गीिो क भावाथद जो भी हो इसम कनयाओ का नतय अदभि ह- शबदो को समझ हबना ही सभी अथद वीपषट हो जाि ह छह आज दहिर इहडया की कछ हरकम दख कर पिा चला हक इहणडया क इस भखड म परष अहि-शहिशाली और नाररया खब भरी-परी होिी ह नायक िो इिना चपल होिा ह हक चशमा हसगरट या हपवीिौल जस उपकरर पलक झपकि ही अपन शरीर क हवहवा हहवीसो पर अिररि कर लिा ह इस नायक क एक आघाि स खलनायक कई पलो िक वायमडल म गोि खािा ह और कभी-कभी िो आकाश म ही हवलीन हो जािा ह उार नाररया रग-हबरग कलशो और इनरानषी आकहियो क बीच मादक नतय करिी रहिी ह वहा का एक नायक िो सवद-शहिमान ईशवर क समकि ह उसकी शहियो क हवषय म अनक हकवदहिया परचहलि ह जो फ-ची क अनसार रजनी-जोकस नामक रथ म सगहीि ह साि कछ राजनीहिक हरकम दख कर ऐसा परिीि हआ हक इहणडया म सभी निाओ की अपराा करन-करान म गहरी रहच ह परायः समाज म खलनायक निा ही होिा ह य लोग सरा-सदररयो हहथयारो सनदर परासादो और चमकि वाहनो क बीच ही रहना पसद करि ह आवशयकिा पड़न या न पड़न हकसी भी हवीथहि म हकसी की हततया कर दना इनक वाम-हवीि का कमद ह बलातकार हि इनह यो िो सभी हकवीम की नाररया पसद ह पर नायक की बहन या परहमका पर हवशष कपा रखि ह ऐसा लगिा ह हक इनकी हदनचयाद हकसी षडयि स आरमभ होकर हकसी हततया पर समापत होिी ह इनक अगरिक चीनी यि कला म हसिहवीि होि ह और अवसर पाि ही सााारर मानवो पर ईया-ऊआ करि टट पड़ि ह एक राजनिा की कररिा दख कर िो मरा हघघघी नामक अग बा ही गया इहडया म इनही अहिमानवो म स जनपरहिहनहा चनन का परावाान मालम होिा ह चन हलए जान क बाद य परायः शवि वसतर ाारर करि ह और सभाओ म भाषर दि हफरि ह पर अििः अपराा क सभी सि उनस ही जड़ होि ह चनाव एक रोचक अवसर होिा ह जब ढर सार वाहनो म लोग रग हबरगी झहडयो क साथ नारा लगाि घमि ह आठ इहडया का य रग दख कर िो दग रह गया ह एक मदान म लाल पील हार नील िातपयद य की सभी परकार क रगो स सराबोर हिारो मनषय एक साथ नतय कर रह ह सबक

वसतर शवि ह िाहक रगो की छाप गहरी उभर गाज-बाज क साथ एक समह गीि गाया जा रहा ह हजसम गोररयो की चोली पर रग डालन की परररा दी जा रही ह चनररया को हभगोन पर हवशष जोर ह सदररया परषो स जोड़ बना कर मादक नतय कर रही ह रग जो ह उड़ भी रह ह बौछार बन कर बरस रह ह और चहरो पर पोि भी जा रह ह इहडया की इस रगीन छहव को दख कर हपछली सारी छहवया ााली हो गई ह ऐसा परिीि हो रहा ह हक मानो परा दश एक ही रग म रगा ह भल ही वह हिारो रगो म वयि हो रहा हो पिा चला ह हक य एक तयौहार ह हजस होली कहि ह एक हदन पहल इहडया क लोग होहलका जलाि ह हजसम अपनी बराईयो की आहहि डालि ह मन भी आज इहडया की बरी छहव बनान वाली हपछली हफकमो की सीडी एकि कर उनकी होहलका जला दी और उसकी राख इन बरगलान वाली हरकम दखन की सलाह दन वाल फ-ची क मह पर मल आया आज इहणडया की यािा की ियारी परी कर ली ह दो हदनो क पिाि होली ह उस दख हबना इहडया की यािा कस समपरद होगी य ह कमलश पाणडय जी और य ह उन का अनोखा वाला रङग जो मझ बहद पसनद ह इस आहटदकल को चाह िो माि मनोरञजन क हलय भी पिा जा सकिा ह और अगर कोई वयहि समय हनकाल कर इस की थाह को नापना चाह िो नपप भी सकिा ह कमलश भाई जी क एक हमि ह हवनोद हमशर हवनोद जी ररसणटली बरसाना हो कर आय ह हवनोद जी न साहहतयम क हलय बरसान की होली की दो बहि ही सनदर-सनदर िवीवीर भजी ह हवनोद जी का बहि-बहि आभार य ह वह दो िवीवीर -

डा वी क भकला

हजजजा सग होली

लगा कर भोग महावीर को और चिा कर फल बिीसा बड़ भहिभाव स पि रह थ हम िो हनमान चाहलसा महावीर जब नाम सनाव

भि हपचास हनकट नही आव िभी मरी साहलया आ कर बोली खलग हम जीजजा सग होली और मरी हसटटीहपटटी गम होली कािर वीवर म हमन पकारा

ह हनमि अब िरा सहारा सन पकार मरी हनमानजी धयान म आए

और मझस य ररमाए वतस म िो ठहरा बाल बरहमचारी

कस हर म हवपदा िमहारी इस लरड़ म मझ न लाओ

िमहारी घहटया ह िमही बजाओ पड़ा सकट मोचन नाम भी झठा हदखा गए हनमानजी भी अगठा

मरी साहलओ न जी भर की मरी पिाई दिा रहा हाए म दहाई

िभी शरीमिी जी बाहर स आई मझ दखि ही हचलाई

अजी सनि हो जरा बाहर आओ कोई लरगा घर म घस आया ह

उस मार कर बाहर भगाओ ाीर स मन खखारा

अरी भागवान य म ह पहि िमहारा िो शरीमिी जी िनक कर बोली

वाह मर छला बहि भाए हो सबह सबह कहो हकसस

मह काला करवा कर आए हो मन अपनी करर गाथा उस सनाई

िो शरीमिी जी हभननाई और अपनी बहनो को आवाि लगाई

कया मरा ही पहि हमला था मह काला करन क हलए

िो वो बहयाई स बोली दीदी अगली होली म

िम हमार पहियो का मह काला कर दना िमहारा सारा हशकवा हमट जाएगा हहसाब एक दम बरोबर हो जाएगा

हमन कछ वि क हलए बाहर हनकलना बद कर ह

यह सोच कर हक अगर हकसी न पछा हक िमहारा मह हकसन काला हकया

िो कया जवाब दगा

हवजनर शमाद

सरहद स आया नही होली पर कय लाल मा की आख रग स करिी रही सवाल

आखो को भी ह हगला कर हशकायि गाल बरी ख़द आया नही हभजवा हदया गलाल

कौन बजाव फाग प ढोल नगाड़ चग चारो िरर उदाहसया गायब हई उमग

मौक़ा था पर यार न डाला नही गलाल

मरझाय स ही रह मर दोनो गाल

हरि म थ यार सब दशमन भी था दग मन उसक गाल पर लगा हदया जब रग

इििार क रग म गयी बावरी डब होली पर इसबार भी आया ना महबब

और अब ररसहिया जी का एक और ाास सटायर ाास इसहलय हक समझ म नही आ रहा हक इनह खाङरसी कहा जाय हक हफर भीजफी बाला

आजकल बचार कालान की मरन ह कोई भी घपला होिा ह काल ान पर िोहमि लगिी ह बलक मनी की थ-थ होिी ह जस निा चमच क हबना महनि चल क हबना आईपीएल हरहकसग क हबना

अारा लगिा ह वस ही कोई भी घपला काल ान की चचाद क हबना अारा लगिा ह घपला अगर कोई

आाहनक जहटल कहविा ह िो काला ान उसका आम जनिा की समझ म आन वाला सरल अनवाद ह घोटाला यहद कोई अबझ हसिाि ह िो काला ान उसकी सहज टीका ह जस पाहटदया चद क हबना निा लफ़राजी क हबना लखक अपनी उपिा का रोना रोय हबना नही रह पािा वस ही दहनया का कोई भी बड़ा ानाा हबना काल ान क नही पनप सकिा दहनया म हजिन भी मजबि ाना ह चाह वह हहथयार का हो ामद का हो या हरर हशिा का ही कयो न हो सबकी बहनयाद म काल ान की सीमनट लगी ह काला ान न हो िो हवीवस बक रवीस बक होकर रह जाय अपन दश म हपछल बीस सालो म हजतता हवकास हआ ह काला ान उसस कई गना जयादा बिा ह गहरि की भाषा म कह िो हकसी भी आाहनक समाज का हवकास उस समाज म मौजद कालान की मािा का समानपािी होिा ह इस सबक बावजद कालान को लोग इजजि की हनगाह स नही दखि कालाान कमान वाला िक खलआम उसकी आलोचना ही करिा ह राजनीहिजञ चनाव भल काल ान क सहार लड़ लहकन सावदजहनक रप स कालान की ऐसी बराई करि ह जस वामपथी दहिरपहथयो की करि ह अमररकी कयबा की करि ह पाहकवीिान वाल भारि की करि िरह ह अपन परहि दहनया का यह दवदातमक इजजिवाद दखकर बचार कालान क हदल पर कया बीििी होगी दहनया क ाोख को दखकर उसका मन भी हजया खान की िरह लटककर हनपट जान का करिा होगा उसका भी मन करिा होगा हक सरकारी गवाह बन जाय और सबकी पोल खोल द हक कस िमाम लोगो स उसक अिरग सबा रह कस लोगो न उसका सहारा हलया आग बि और सहारा हलया लहकन जब सरलिा क हकवीस सनान की बारी आयी िो शरय अपनी महनि लगन और बहि को हदया कालान क योगदान की सरासर उपिा कर दी यह वसा ही ह हक हकसी दश क इहिहास म राजा राहनयो क हकवीस हलख जाय लहकन महनिकश जनिा की कहानी गोलकर दी जाय लहकन हरर कालाान शायद यह सोचकर चप रह जािा होगा हक अपरााी कोई भी हो लहकन बराई उसी की होनी ह बइजजिी िो उसी की खराब होनी ह इसक बाद शायद वह यह सोचकर चपचाप अपनी करििो म जट जािा होगा हक आजनही िो कल उसको वह इजजि अवशय हमलगी हजसका वह हकदार ह उसको भी खल आम उिनी ही वीवीकायदिा हमलगी हजिनी की आज समाज म जाहिवाद सकीरदिा भाई भिीजावाद भायवाद और काहहली को हमली ह काला ान सोचिा होगा- जस बाहकयो क हदन बहर कया पिा वस ही उसक भी बहर

और साहथयो चलि-चलि अपनी जड़ो की ओर - बरहमलीन सनि कहव हशवदीन राम (जोशी) की सनि-वारी आप ही क आधयाहतमक हशषय आदररीय शरी हकशोर पारीक [खणडला] जी क सौजनय स

गोकल व बरसान की नार बजाय-बजाय बजा रही िारी अर वनदावन की बनी व बनी बनक ठनक अरी द रही गारी

शयाम को शयामा सजाय सजी अहो और गलाल लगावि पयारी हशवदीन व जोरी स जोरी हमलीबरज खलि होरी ह बाक हबहारी

मगल समगल सदा ही आननद रह नदलाल

ि गलाल डार दख सखी आ रही राा मिवाली आली चाली रग डारन को

गोहपया हनराली गाली शयाम को सना रही सन-सन क शयामलाल सग-सग गवाल बाल

बाजि मदग िाल राा जी गा रही कहिा हशवदीन लाल ऐसी गलाल उड़ी

बादर बन लाल लाली चह ओर छा रही

बरज वनदावन ााम रग स रगा रगीला हरा मोहिया लाल रग ह पयारा पीला

ाम ााम स खल खल रह होरी दखो शयामा शयाम सजान और सग गोरी दखो

चह ओर हपचकाररया रग-रग की ाार हशवदीन सरस रस रहसक जन पीव करर-करर पयार

राम गर गायर

भारि की लोक समपदा फागन की फाग - आचायद सजीव वमाद सहलल भारि हवहवावरी लोक सवीकहि स सपनन- समि परमपराओ का दश ह इन परमपराओ म स एक लोकगीिो की ह ऋि पररविदन पर उतसवामी भारिीय जन-

मानस गायन-वादन और निदन की हिवरी परवाहहि कर आनहदि होि ह फागन वषािि िथा चि वषादरमभ क साथ-साथ फसलो क पकन क समय क सचक भी ह दहिरायनी सयद जस ही मकर राहश म परवश कर उततरायरी होि ह इस महादवीप म हदन की लमबाई और िापमान दोनो की वहि होन की लोकमानयिा ह सयद पजन गड़-हिल स हनहमदि पकवाननो का सवन और पिगबाजी क माधयम स गगनचमबी लोकानद की अहभवयहि सवदि दखी जा सकिी हमकर सकराहि हखचड़ी बसाखी पोगल आहद हवहवा नामो स यह लोकपवद सकल दश म मनाया जािा ह पवदराज होली स ही मधयोततर भारि म फागो की बयार बहन लगिी ह बदलखड म फाग बजभहम म नटनागर की लीलाए हचहिि करि रहसया और बााई गीि अवा म राम-हसया की जगल जोड़ी की होली-करीड़ा जन सामानय स लकर हवहशषट जनो िक को रसानद म आपादमवीिक डबा दि ह राम अवा स हनकाकर बदली माटी पर अपनी लीलाओ को हववीिार दि हए लमब समय िक हवचरि रह इसहलए बदली मानस उनस एकाकार होकर हर पवद-तयौहार पर ही नही हर हदन उनह याद कर जय राम जी की कहिा ह कषर का नागो स सघषद और पाडवो का अजञािवास नमददाचली बनदल भहम पर हआ गौरा-बौरा िो बदलखड क अपन ह हशवजा हशवातमजा हशवसिा हशवहपरया हशव वीवदोभवा आहद सजञाओ स समबोहाि आननददाहयनी नमददा िट पर बमबहलयो क साथ-साथ हशव-हशवा की लीलाओ स यि फाग गयी जाना वीवाभाहवक ह बदली फागो क एकछि समराट ह लोककहव ईसरी ईसरी न अपनी परहमका रजउ को अपन कहितव म अमर कर हदया ईसरी न फागो की एक हवहशषट शली चौघहड़या फाग को जनम हदया हम अपनी फाग चचाद चौघहड़या फागो स ही आरमभ करि ह ईसरी न अपनी पराकि परहिभा स रामीर मानव मन क उचवासो को सर-िाल क साथ समहनवि कर उपहिि और अनचीनही लोक भावनाओ को इन फागो म हपरोया ह रसराज शर गार क सयोग और हवयोग दोनो पि इन फागो म अदभि माायद क साथ वहरदि ह सदयवीनािा यविी की कशराहश पर मा ईसरी गा उठि ह ईसरी रााा जी क कानो म झल रह िरकला को उन दो िारो की िरह बिाि ह जो रााा जी क मख चनर क सौदयद क आग फीक फड़ गए ह कानन डल राहाका जी क लग िरकला नीक आनदकद चद क ऊपर िो िारागर फीक ईसरी की आराधया राहाका जी सदरी होन क साथ-साथ दीनो-दहखयो क दखहिाद भी ह मय बल राि राहाका जी को कर आसरा की कौ दीनदयाल दीन दःख दखन हजनको मख ह नीकौ पहटया कौन सगर न पारी लगी दहिन पयारी रचक घटी-बड़ी ह नया सास कसी ढारी िन रई आन सीस क ऊपर शयाम घटा सी कारी ईसर परार खान ज पहटया जब स िकी उघारी

कहव पछिा ह हक नाहयका की मोहक चोहटया हकस सघड़ न बनायी ह चोहटया जरा भी छोटी-बड़ी नही ह और आिी-जािी सासो की िरह हहल-डल रही ह व नाहयका क शीश क ऊपर शयामल मघो की िरह छाई ह ईसरी न जब स इस अनावतत कशराहश की सनदरिा को दखा ह उनकी जान हनकली जा रही ह ईसर की नाहयका ननो स िलवार चलािी ह दोई ननन की िरवार पयारी हफर उबार अलपान गजरान हसरोही सलमान झख मार ऐच बार मयान घघट की द काजर की ाार ईसर शयाम बरकि रहहयो अहायार उहजयार िलवार का वार िो हनकट स ही हकया जा सकिा ह नायक दर हो िो कया हकया जाए कया नाहयका उस य ही जान दगी यह िो हो ही नही सकिा नाहयका हनगाहो को बरछी स भी अहाक पन िीर बनाकर नायक का हरदय भदिी ह छट नन-बार इन खोरन हिरछी भौह मरोरन नोकदार बरछी स पन चलि करज फोरन नायक बचारा बचिा हफर रहा ह पर नाहयका उस जान दन क मड म नही ह िलवार और िीर क बाद वह अपनी काहिल हनगाहो को हपवीिौल बना लिी ह अहखया हपवीिौल सी करक मारन चाि समर क गोली बाज दरद की दार गज कर दि निर क इिन पर भी ईसरी जान हथली पर लकर नवयौवना नाहयका का गबखान करि नही अघाि जबना कड़ आय कर गहलया बला कसी कहलया ना हम दख जमि जमी म ना माली की बहगया सोन कस िबक चि ह बरछी कसी भहलया ईसर हाथ सभार ाररयो फटट न जाव गहदया लोक ईसरी की फाग-रचना क मल म उनकी परहमका रजऊ को मानिी ह रजऊ न हजस हदन गारो क साथ गल म काली काच की गररयो की लहड़यो स बन ४ छटा और हबचौली काच क मोहियो का हिदान जसा आभषर और चोली पहहनी उसक रप को दखकर दीवाना होकर हार झलन लगा ईसरी कहि ह हक रजऊ क सौदयद पर मा हए हबना कोई नही रह सकिा हजयना रजऊ न पनो गारो हरनी हजया हबरानो छटा चार हबचौली पर भर हफर गरदानो

जबनन ऊपर चोली पर लटक हार हदवानो ईसर कान बटकन नइया दख लव चह जवानो ईसरी को रजऊ की हरन (हचिवन) और हसन (हसी) नही भलिी हवशाल यौवन मिवाली चाल इकहरी पिली कमर बार की िरह िानी भौह हिरछी निर भलाय नही भलिी व निर क बार स मरन िक को ियार ह इसी बहान रजऊ एक बार उनकी ओर दख िो ल ऐसा समपदर ईसरी क अलावा और कौन कर सकिा ह हमख़ा हबसरि नही हबसारी हरन-हसन िमारी जबन हवशाल चाल मिवारी पिरी कमर इकारी भौह कमान बान स िान निर हिरीछी मारी ईसर कान हमारी कोदी िनक हर लो पयारी ईसरी क हलय रजऊ ही सवदवीव ह उनका जीवन-मरर सब कछ रजऊ ही ह व परभ-वीमरर की ही िरह रजऊ का नाम जपि हए मरन की कामना करि ह इसहलए कछ हवदवान रजऊ की सासाररक परहमका नही आदया माि शहि को उनक दवारा हदया गया समबोान मानि ह जौ जी रजऊ रजऊ क लान का काऊ स कान जौलो रहन रहि हजदगी रजऊ क हि कमान पला भोजन कर रजौआ पाछ क मोय खान रजऊ रजऊ कौ नाम ईसरी लि-लि मर जान ईसरी रहचि सहसतरो फाग चार कहड़यो (पहियो) म बाी होन क कारन चौकहड़या फाग कही जािी ह इनम सौदयद को पान क साथ-साथ पजन और उसक परहि मन-परार स समहपदि होन क आधयातमजहनि भावो की सहलला परवाहहि ह रचना हवाान य फाग ४ पहियो म हनबि ह हर पहि म २ चरर ह हवषम चरर (१ ३ ५ ७ ) म १६ िथा सम चरर (२ ४ ६ ८) म १२ मािाए ह चरराि म परायः गर मािाए ह हकनि कही-कही २ लघ मािाए भी हमलिी ह य फाग छद परभाकर क अनसार महाभागवि जािीय नर र छद म हनबि ह इस छद म खड़ी हहदी म रचनाए मर पिन म अब िक नही आयी ह ईसरी की एक फाग का खड़ी हहदी म रपािरर दहखए हकस चिरा न छोटी गथी लगिी बहद पयारी हकहचि छोटी-बड़ी न उठ-हगर रही सास सम नयारी मकट समान शीश पर शोहभि कषर मघ सी कारी हलय ल रही जान कश-छहव जब स हदखी उघारी नर र छद म एक चिषपदी दहखए

बाि बनाई हकसन कसी कौन हनभाय वाद सब सच समझ रही ह जनिा कहा फदकि पयाद राजा कौन विीर कौन हकसक बद-नक इराद हजसको चाह सहलल हजिा मि चाह उस हरा द बनदली लोकरग की सािी ईसरी की फाग सजीव बदलखड क महानिम लोककहव ईसरी क कावय म लोकजीवन क सावीकहिक साहहहतयक सामाहजक पि परी जीवनििा और रचनातमकिा क साथ उदघाहटि हए ह ईसरी का वहशषटय यह ह हक व िथाकहथि सभराििा या पाहडतय स कय भाषा शली आहद उाार नही लि व दशज रामीर लोक मकयो और परमपराओ को इिनी वीवाभाहवकिा परगाििा और अपनतव स अहकि करि ह हक उसक सममख हशषटिा-शालीनिा ओिहि सजदनाारा हवपनन परिीि होन लगिी ह उनका साहहतय पवीिकाकार रप म नही शरहि परपरा म सन-गाकर सहदयो िक जीहवि रखा गया बदलखड क जन-मन समराट महान लोककहव ईसरी की फाग गय परपरा क कारर लोक-वीमहि और लोक-मख म जीहवि रही सकलनकिाद कवर शरी दगद हसह न १९३१ स १९४१ क मधय इनका सकलन हकया शरी इलाशकर गहा न ाौराद राम (जहा ईसरी लमब समय रह थ) हनवाहसयो स सनकर फागो का सकलन हकया अपिाकि कम परचहलि हनमन फागो म ईसरी क नसहगदक कारहयिी परहिभा क साथ-साथ बनदली लोक परपरा हावीया एव शरीनगरहपरयिा क भी दशदन होि ह कषर-भि ईसरी वनदावन की माटी का महातमय कहि हए उस दविाओ क हलए भी दलदभ बिाि ह अपनी कवीन जीभ स चाटी वनदावन की माटी दरलभ भई हमली ना उनखो दई दविन डाटी हमल ना सकी अनकन हार पाव की पररपाटी पायो वीवाग काह न नइया मीठी ह की खाटी बाही रज बजबाहसन lsquoईसरrsquo हहसदारी म बाटी कदम कञज म खड़ कनहया राहगीरो को रावीिा भला दि ह इसहलए पहथक जमना की राह ही भल गय ह अथादि जमना स नही जाि हकसी को भला कर मजा लन की लोकरीि को ईसरी अचछा नही मानि और कषर को सलाह दि ह हक हकसी स अहाक हसी अचछी नही होिी आली मनमोहन क मार जमना गल हबसार जब दखो जब खडो कञज म गह कदम की डार जो कोउ भल जाि ह रवीिा बरबस आन हबगार जादा हसी नही काऊ स जा ना रीि हमार

lsquoईसरrsquo कौन चाल अब चहलए ज िौ परी पार राि भर घर स बाहर रह कषर को अपनी सफाई म कछ कहन का अवसर हमल हबना lsquoछहलयाrsquo का हखिाब दना ईसरी क ही बस की बाि ह ओइ घर जाब मरहलयाबार जहा राि रय पयार हर बाट मनइया बठी कर नन रिनार अब िौ कौनऊ काम िमारो नइया भवन हमार lsquoईसरrsquo कषर नद क छौना िम छहलया बजबार फगआ हो और रााा न खल यह कस हो सकिा ह कषर सर ह िो रााा सवा सर दोनो की लीलाओ का सजीव वरदन करि ह ईसरी मानो सािाि दख रह हो रााा न कषर की लकटी-कमररया छीन ली िो कषर न रााा क हसर स सारी खीच ली इिना ही हो िो गनीमि होली की मवीिी चरम पर हई िो रााा नटनागर बन गयी और कषर को नारी बना हदया खल फाग राहाका पयारी बज खोरन हगराारी इन भर बाह बास को टारो उन मारो हपचकारी इनन छीनी लकहट मरहलया उन छीनी हसर सारी ब िो आय नद क लाला ज बषभान दलारी अपन बनी नटनागर lsquoईसरrsquo उन बनाओ नारी अटारी क सीिी चिि घघर हनशबद हो गए फलो की सज पर बनवारी की नीद लग गयी रााा क आि ही यशोदा क अनाड़ी बट की बीन (बासरी) चोरी हो गयी कसी सहज-सरस ककपना ह चोरी गइ बीन हबहारी की जसदा क लाल अनारी की जाहमन अमल जगल क भीिर आवन भइ रााा पयारी की नपर सबद सनाक हखच रय हछहड़या चड़ि अटारी की बड़ी गलाम सज फलन की लग गइ नीद मरारी की काि lsquoईसरीrsquo घोरा प स उठा लई बनवारी की कषर रााा और गोहपयो क चगल म फस गय ह गोहपयो न अपन मनभावन कषर को पकड़कर सतरी बनान का उपकरम करन म कोई कसर नही छोड़ी कषर की बनमाला और मरली छीनकर हसर पर साड़ी उिा दी गयी रााा न उनह सभी आभषरो स सजाकर कमर म लहगा पहना हदया और सहखयो क सग फागन मनान म लीन हो गयी ह शर गार और हावीय का ऐसा जीवि शबद हचि ईसरी ही खीच सकि ह पकर गोहपन क मनभावन लागी नार बनावन छीन लई बनमाल मरहलया सारी सीस उड़ावन

सकल अभषन सज राहाका कहट लहगा पहरावन नारी भस बना क lsquoईसरrsquo फगआ लगी मगावन ईसरी परहमका स हनवदन करा रह ह हक वह अपन िीख नयनो का वार न कर हजरह-बखिर कछ न कर सक ग और दख ही दखि नयन-बार हदल क पार हो जायगा हकसी गरी वदय की औषहा भी काम नही आएगी ईसरी क दवाई िो हपरयिमा का दशदन ही ह पररय की ऐसी परगाि रसहसि अहभवयहि अपनी हमसाल आप ह नना ना मारो लग जह मरम पार हो जह बखिर हझलम कहा का लह ढाल पार कर जह औषद मर एक ना लहगह बद गनी का कह कहि lsquoईसरीrsquo सन लो पयारी दरस दबाई दह हनमन फाग म ईसरी नयनो की कथा कहि ह जो परदशी स लगकर हबगड़ गय बबादद हो गय ह य नयना अा हसपाही ह जो कभी लड़कर नही हार इनको बहि नाि स काजल की रखा भर-भरकर पाला ह हकनि य खो गए और इनस बहि आसओ स नयी की नयी सारी भीग गयी ह कसी माहमदक अहभवयहि ह नना परदसी स लग क भय बरबाद हबगरक नना मोर सर हसपाही कबऊ ना हार लरक ज नना बार स पाल काजर रख भरक lsquoईसरrsquo भीज गई नई सारी खोवन असआ ढरक शरगार क हवरह पि का परहिहनहातव करिी यह फाग ईसरी और उनकी परहमका रजऊ क हबछड़न की वयथा-कथा कहिी ह हबछरी सारस कसी जोरी रजो हमारी िोरी सङगसङग रह हनहस-बासर गर हलपटिी सोरी सो हो गई सपन की बाि अन हस बोल कोरी कछ हदनन को हिया अबादो हम बिा दो गोरी जबलो लागी रह lsquoईसरीrsquo आसा जी की मोरी ईसरी की य फाग शर गार क हमलन-हवरह पिो का हचिर करन क साथ-साथ हावीय क उदातत पि को भी सामन लािी ह इनम हसी-मजाक हसना-बोलना सभी कछ ह हकनि मयादहदि कही भी अशलीलिा का लश माि भी नही ह ईसरी की य फाग २८ मािी नरनर छद म रहचि ह इनम १६-१२ पर यहि का ईसरी न परी िरह पालन हकया ह सम चररानि म गर की अहाकिा ह हकनि २ लघ भी परापय ह इक फाग म ४ ५ या ६ िक पहिया हमलिी ह एक फाग की सभी पहियो म सम चररानि समान ह जबहक हवषम चररानि म लघ-गर का कोई बान नही ह

हम न गर हवीन और ख़शब ही को िोला होिा हफर िो हर पड़ गलाबो स भी हकका होिा उदाहरर क रप म समझा जाय िो एक मिदबा य भी समझा जा सकिा ह हक परमपराए हमशा पड़ या हफर पौा की िरह होिी ह और उन पर लगन वाल फल और उन फलो की ख़शबए आाहनक हवचाराारा समान यहद हम आाहनक हवचारााराओ ही को सबकछ समझ बठ ग िो य फल और ख़शबए कया आसमान स टपक ग समझन वाल इशारो को बहि जकद समझग बाय द टाइम आप इस अङक को पि रह हो ममहकन ह दहनया का एक बड़ा हहवीसा आप को होली की बराइया हगना रहा हो हम इिना ही हनवदन कर ग हक ldquoसपrdquo की िरह-िरह सार-सार को गह और थोथ को उड़ा फ क नीर-िीर-हववक हम सब की ामहनयो म यगो-यगो स परवाहमान ह अपन हववक का सदपयोग करि हय अचछी बािो को आग बिाए हमठाइयो क कारोबाररयो दवारा परोस जा रह अशि माल स परहि करि वक़ि याद रह हक कडबरी भी कोई अमि नही ह हर गली क नककड़ पर रङग हपचकारी वग़रह बचन वाल हमार कटीर उदयोग क खवनहार ह आप सभी को सपररवार होली की शभ-कामनाए

खहशयो का वीवागि कर हर आगन हर दवार| कछ ऐसा हो इस बरस होली का तयौहार||

होली हवषयक और भी सामरी मसलन छद ग़िल हजल नज़म कहविा गीि-नवगीि रहसया आलख कहानी कथा वग़रह पिन क हलय यहा हकलक कर

Page 12: Saahityam dec14 jan feb 15

इस होहलका कथा स हम य हशिा हमलिी ह हक कवीटमर कयर हडपाटदमट कवीटमर की कयर क हलए नही कपनी की कमाई की कयर करन भर क हलए होिा ह हम म स अहाकानश लोग पहरदमा वमदन जी क परककप lsquoअनभहिrsquo क बार म जानि होग ककपना जी उस परककप का एक महतवपरद हकरदार ह अनभहि को अनभहि हजस टीम न बनाया उस म ककपना जी का भी शमार होिा ह म इन स बस एक ही बार इन क खारघर हवीथि आवास पर हमला ह शायद एक दो बार फोन पर बाि हई हो वीवावीय को लगभग माि द चकी आदररीया ककपना जी साहहतय-सवा क हलय सदव ितपर रहिी ह साहहतय की हवहवा हवााओ म रचनातमक परयास करना इन का हपरय शगल ह आप क िप को नमन

ककपना रामानी

ऐ हवा रगो नहाओ आ गया फागन ाम मौसम की मचाओ आ गया फागन

दश स रठी हई ह राि पनम की

चाद को जाकर मनाओ आ गया फागन

वन चमन क फल आिर दख लो हकिन नह नयौिा दक आओ आ गया फागन

हफर रह ह मन-महदि सब बाल बहगया म झलना उनका झलाओ आ गया फागन

साज ह सरगम भी ह ियार ह घघर

िम सखी शभ गीि गाओ आ गया फागन

खग हवहग-व दो क जाकर कान म कह दो मोर कोयल को जगाओ आ गया फागन

िान हपचकारी खड़ी ह दवार पर होली परम की गगा बहाओ आ गया फागन

----------

फगनाहट स जाग उठी ह जग म होली

रग पलाशो स लकर जन

हए रगील साथ फब रह लाल हर

कसररया पील सख को मह हचिा रह रग

गील हसकर भग चिा पकवान हो गए

और रसील

हपचकारी पर हफदा हो रही कोरी चोली

फगनाहट स जाग उठी ह जग म होली

मौसम बदला नमद हवा न पाव पसार

खार जल क िाल हो गए मीठ सार

चस-चस कर आम कोहकला सर म कहकी

आए हमलन गल िमी स चाद हसिार

हररयारो स होड़ ल रह

ढम-ढम ढोली फगनाहट स जाग उठी ह

जग म होली

शहरो म डीज गावो म बजिी पजन

दश हो हक परदसपवद की

एक वही ान खिो म सरसो हखलिी

उदयानो कहलया कर कर म रस भर दिा

सखदाई फागन

आिा सग ामाल शगन की भरकर झोली

फगनाहट स जाग उठी ह जग म होली

------------ सार छद

रग हदवस फागन क

छनन पकया छनन पकया उड़ रग क बादल पीि गलाबी लाल हआ ह वसारा का आचल

छनन पकया छनन पकया यह ऋि सबको भाई भवरो की मनहार दखकर कली-कली इिराई

छनन पकया छनन पकया गमी घटाए िम की दख रही ह जलिी होली जाग राि पनम की

छनन पकया छनन पकया वन पलाश हफर दहक

रग सनहरा दख गगन म उड़ि पाखी बहक

छनन पकया छनन पकया हफर आम बौराया मोर कोहकला न बागो को सर म गीि सनाया

छनन पकया छनन पकया दखा दशय हवहगम

हपचकारी भर खग-मग लाए रग घोलकर अनपम

छनन पकया छनन पकया हई खब हखलवाई जब सहखयो न भग हमलाकर ठडई घोट हपलाई

छनन पकया छनन पकया गाए गीि शगन क

बार-बार जीवन म आए रग हदवस फागन क

अनिजादल पर lsquoछनन-पकयाrsquo को हमलोगो क बीच समभवि भाई योगराज परभाकर जी ल कर आय रामीर अञचल का साहननधय हजन लोगो को नसीब हआ हो वह जानि होग हक lsquoछनन पकयाrsquo या इस िरह क अनय िहकया कलामो क साथ हमार लोक-साहहतय म अपररहमि रचनाए हई ह और उन म स लगभग 99 अब लपत भी हो चली ह हम जसो को बावला कहन वालो का हम इसहलय बरा नही मानि चहक इस िरह की बािो को विदमान समय नोवीटाहकजया क नाम स जानिा ह याद आिा ह हम लोगो क बचपन म हवजञापन वाल हम बिाि थ हक नमक स दािन करन पर दाि ख़राब हो जाि ह और वही हवजञापन वाल अब हमार बचचो स पछ रह ह हक आप क टट-पवीट म नमक ह हक नही याहन आहख़रकार य लोग हमारी भोर को ख़चो क साथ शर करन म सफल हो ही गय ख़र समय न कब हकस की सनी ह जो हम लोगो ही की सनगा चहलय अब उस फरसहिया जी क सटायर स लतरनदोि हआ जाय -

ldquoएक रसबहकय की डायरीrdquo ndash अनप शकल उरद ररसहिया आजकल रसबक का जमाना ह लोग कछ भी करि ह उसका वीटटस FB पर डालि ह समोसा खा रह ह बोर हो रह ह अचछा लग रहा ह झझला रह ह बलॉकअनफ़र ड

कर हदया ऐसा रील कर रह ह वसा महसस हो रहा ह कछ हो रहा ह कछ-कछ हो रहा ह कछ भी हकया जाय अगर उसको रसबक पर न डाला जाय िो लगिा ह वो काम हआ ही नही रसबक वीटटस हबन सब सन हालाहक रसबक पर लोग सब कछ कह लि ह लहकन हरर भी बहि कछ रह जािा ह हजस शरारि क मार लोग साझा नही करि ऐस लोग अपन मन क भाव अपनी डायरी म हलखि ह ऐसी ही कछ डायररया हाथ लगी उनको दखकर लगा हक हकिना कछ छट जािा ह रसबक आन स उन डायररयो म स कछ क अश यहा परवीिि ह 1आज हरर उसन अपनी परोराइल हपक बदली बवकर को पिा नही हक परोराइल बदलन स शकल नही बदल जािी मन नही था लहकन लाइक करनी पड़ी हगकटी रील हो रहा ह रसबक क चलि हकतता झठ बोलना पड़िा ह 2उसन नयी रोटो लगायी ह हवा म उड़ि हय बाल दखकर मन हकया हक हलख- य बाल नही िर सर स बची-खची अकल हनकलकर बाहर भाग रही ह लहकन हरर हलखा नही उसको य खशरहमी हो जािी हक उसक पास भी अकल ह हकसी को कयो ाोख म रखना आख मदकर फोटो लाइक कर हदया

3उसन आज हकसी को बलॉक करन की उदघोषरा नही की मन हकया पछ हक िहबयि िो ठीक ह लहकन हरर नही पछा हकसी क पसदनल मटर म कया दखल दना हजतती दर म कमट हलखग उतत म दस ठो लाइक कर लग 4हपछल दस हदन स एक ही आईडी स रसबहकग करि-करि बोर हो रह ह खराब लग रहा ह सोचा था आज पकका नई आईडी बनायग लहकन नही बनाई य कया हो रहा मझ गगहलग करना पड़गी हक ऐसी मनहवीथहि को कया कहि ह कछ इमपरहसव कहि होग िो उसको अपना वीटटस बना लग - रीहलग हडटरमाइनड 5बलॉग दख रही ह आजकल वो मई उसका वीटटस सबस पहल लाइक करिी ह घोटाल क पीछ CAG की िरह उसक वीटटस स हचपकी रहिी ह पछना पड़गा उसस चककर कया ह आजकल चट भी नही करिा लगिा ह नई आईडी स चट करनी पड़गी य भी औरो की ही िरह ह 6आज उसन हरर कतत क साथ अपना रोट लगाया ह मन िो हकया मनका गााी को हलख द हक दहखय आपक रहि जानवरो क साथ हकतता िो अनयाय हो रहा ह लहकन हरर छोड़ हदया कमट हकया - (कतत का) रोटो बहि अचछा लग रहा ह बरकट क अदर वाली बाि मन म कही ही ही ही ही smile emoticon smile emoticon smile emoticon

7आजकल हजस दखो कहविा हलखन म लगा ह हकिना िो करर हो गय ह लोग शबदो क साथ अतयाचार दखकर मन दखी हो जािा ह कछ शबदो स बाि हई बचार कह रह थ -पिा होिा हक हमार साथ इतता बरहम सलक होगा िो हम हडकशनरी स भाग जाि रीहलग helliphelliphellip (खाली जगह रीिा स पछ कर भरगी उसको य सब अचछा आिा ह हक कब कस रील होना चाहहय ) 8िीन हदन स दषट न हकलो नही बोला सोचिा ह म पहल बोल माई रट मर पाच हजार दोवीि ह िीन हजार िीस रालोवर उस बवकर क िीन सौ इकवावन दोवीि गवीसा आ गया उसक वीटटस पर (हजसको पहल लाइक हकया था) जाकर वीटटस को सकड़ो बार हडसलाइकलाइक हकया वीटटस को हझझोड़ कर रख हदया कल रील हआ हरर वीटटस लगाया- भटटा चबा रह ह ठड़ा पीि हय smile emoticon

9कछ भाई लोग िो जञान की बाि इतती बवकरी स करि ह हक मन करिा ह एक उननाव क डौहडया गाव म खदाई क हलय लगी एक ठो जसीबी इनक हदमाग म भी लगा द सारी अकल का मलबा हनकाल क हदमाग को खाली कर द लहकन हरर लगिा ह कड़ा कड़दान म ही रह िो अचछा जमीन पर काह को रलाया जाय 10आज मड की भी छटटी थी छटटी मिलब सड समझकर मन टीना को सड वाली आईडी स हकलो बोल हदया वो घट भर िक मह रलाय रही िरह-िरह क बवकरी क आइकान भज कर उसको मनाना पड़ा य लड़हकया भी हकतती चजी होिी ह यार मन िो हकया हक वीटटस लगाऊ -टाहकग ट रल रीहलग इरीटटड लहकन हरर लगा वो समझ जायगी िो वीटटस लगाया- एनजवाइग सड रीहलग रट

11दोवीि बिा रहा था हक वो आजकल बहि वयवीि ह दो आईडी बनाई ह उसन दोनो पराानमहियो की िरर स रसबक पर जग लड़िा ह एक आईडी हकसी क हखलार वीटटस हलखिा ह दसरी स उसक हखलार िकद घट दो घट एक वीटटस पर कशिी लड़न क बाद अगला वीटटस लगा दिा ह बिा रहा था पराानमिी कोई बन उसका चमचा-इन-चीर बनना पकका ह राजयमिी क दज की आशा ह मन हकया उसको कह rsquoशखहचकली कही कrsquo लहकन rsquoरटrsquo कहक बॉय कह हदया वीटटस सटाया- रीहलग ररलकड 12भाईसाहब न बहि हदन स कोई वीटटस अपडट नही हकया आज एक लड़क को रसलाकर लगभग जबररयन समोसा हखला रह ह पकका दस हमनट क अदर वीटटस लगायग- आज एक भख को भोजन कराया सिषट महसस कर रहा ह म सोच रहा ह हक म कमट करगा ndash कया अजब पाखड ह लहकन मझ पिा ह हक म हकसी को हटद नही कर सकिा राइनली हदल पर पतथर रखकर हलखगा- मानविा की सचची सवा 13आज शाम एक फ़र ड का रोन आया कहा आज हकसी स रसबक बरकअप नही हआ िहबयि घबरा रही ह रीहलग लो मन कहा िो म कया कर िो उसन कहा यार ि ही मझस लवर बनकर बाि कर ल आईडीपासवडद भजा ह िरी मल म मन कहा -मझ इस सब झमल म नही पड़ना उसन हरर दोवीिी की कसम दी िो मझ दया आ गयी मन कहा अचछा चल लाग इन करि ह मरी हकवीमि अचछी लाइट चली गयी थी मन उसको एसएमएस हकया उसका जबाब आया -कोई नही मन खद दो बराउजर स चट करक बरक अप कर हलया िझ हहचहकचाहट हो रही थी अचछ स हो भी नही पािा िर स नाऊ रीहलग ररलकवीड मन वीटटस लगाया- कस-कस रस ह रसबक क रीहलग सरपराइजड ऐसी न जान हकिनी बाि डायरी म हलखी हई ह सबको यहा हलखना ठीक नही ह नमन बिा हदय आप अनदाजा लगाइय हक और कया-कया हलखा होगा डायररयो म आप भी रसबक डायरी हलखि हो िो शयर कररय अपन हवचार कोई हहचहकचाहट हो िो अनाम नाम स मझ भज दीहजय हम छाप दग आया न मिा और पिना चाहि ह इन को ठीक ह थोड़ी दर बाद पहल कछ और रचनााहमदयो को भी पि हलया जाय

डॉ (सशरी) शरद हसह

हदलो म रग भर द पयार का हफर इस दरा होली हक मौका द ही द दीदार का हफर इस दरा होली

न हशक़वा हो न कोई हो हगला इक-दसर क सग हमटा द दाग़ हर िक़रार का हफर इस दरा होली

ग़मो को दर सरका द खशी को साथ ल आय

रख माहौल बस इकरार का हफर इस दरा होली

महबबि की हसफाररश हो महबबि की इबादि हो रह तयोहार इक इसरार का हफर इस दरा होली

य होली म सभी क साथ होन का मिा आए

लग हर शख़स जयो पररवार का हफर इस दरा होली

सशीला हशवरार

कहा गए वो चग-डर अपनापन अनराग गीिो की रसाार हबन हकिना सना राग

ढोल-चग की गज पर मन उठिा था झम अब गहलया सनी हई कहा गई वो ाम

मवीिो की टोली नही नही वीवाग क रग बस टीवी म रह गया होली का हड़दग

रग हरिा म छा गए नील-पील-लाल

म हबरहन सखी रही मझको यही मलाल

मोहन अब रगि नही रााा िर गाल कलयग ह द वापर नही दहनया कर सवाल

सग अबीर-गलाल क मला कौन-सा रग लोग कह म बावरी जग स हई हनसग

सावररय क रग-सा हमला न दजा कोय िन लाग जो सावरा हर हदन होली होय

उसन य दखा मझ हई शमद स लाल

हसरि हदल म रह गई मलिी खब गलाल

ामनर कमार lsquoसजजनrsquo

िर भर चिकर जो हमट रग बड़ा बकार साि जनम िक साथ द वही रग िन डार

बदन रगा िो कया हकया मन को रग ल यार

मौका भी दवीिर भी होली का तयोहार

रगो क सग घोलकर कछ टट सवाद ऐसी होली खहलए बरसो आए याद

जाकर य सब स हमलो जस हमलि रग

कवल हपरयजन ही नही दशमन भी हो दग

रग सभी फीक पड़ जब आई मख लाज इन गालो क रग स आओ रग द आज

सख रगो स करो सिरगी ससार

पानी की हर बद को रखो सरहिि यार

फागन न आकर कहा अपन हदल का हाल गोरा मखड़ा ाप का हआ शमद स लाल

रग न हो िो परम भी रग दिा ससार परम न हो िो वयथद ह रगो का अबार

िझको रगन थी चली पीली पीली ाप गोरा िन छकर हई उजली उजली ाप

आखो आखो म चल सार रग गलाल

अपनी होली चल रही य ही सालो साल

ओबामा जी अगर हलकन हिदा होि िो

सजीव हनगम

सबह सबह चचचा अपन घर रपी िोप नली स गोल की िरह जो छट िो सीा हमार घर म आकर रट उनक हाथ म सबह का अखबार था और मह स दनादन ऐस शबद हनकल रह थ हजनह सन कर पहलस वाल भी शहमिदगी महसस करन लग ऐसी िबरदवीि गोलाबारी क सामन पड़ना अपन खद क अहिम सवीकार का इििाम करना जसा ही था इसहलए हम हाथ म सरद रमाल थाम उनक शाहबदक रप स ठडा होन की राह दखन लग थोड़ी दर बाद वह शभ घड़ी भी आ गयी और व उस अकसहशयन की िरह स शाि होकर बठ गए जो घर आय महमान पर भौक भौक कर थक गया हो मन हहममि करक पछा चचचा आप िो ओबामा की िरह स सभय आदमी थ य अचानक ओसामा कस बन गए यह सनि ही चचचा हफर स पाहकवीिानी फौहजयो की िरह स हबना कारर फायररग करन लग बोल नाम मि लो उस ओबामा का मर सामन जब अभी भारि आया था िो कया कया अरमान दख थ मन उसकी और अपनी दोवीिी क यह सोच सोच कर म हकिना खश था हक उस दोबारा यहा दख कर चीन हकिना जल रहा होगा पाहकवीिान हबलख रहा होगा यहा िक हक जब जाि जाि उसन हम हबन मागी सलाह द डाली िब भी मन उस पान क अडड पर खड़ हकसी दोवीि की चहलबािी समझ कर झल हलया था - पर उसन िो वहा जाकर भी - अमा िम अपनी िोि जसी चोच बद रखो य हम दो बड़ी हहवीियो क बीच का मामला ह उसम िम अरर जटली की िरह स बीच म घसन की कोहशश मि करो सषमा वीवराज की िरह स अलग ही रहो हम पिा ह हक उसन वहा जाकर भी हमारी िरफ इस बयान की हपचकारी मारी थी हक भारि म ााहमदक असहहषरिा इिनी बि गई ह हक यहद महातमा गााी हजदा होि िो व आहि होि - लहकन अब िो वहा भी hellip

- हा वही िो hellip बड़ा आया हम जञान दन वाला अब उसक अपन यहा ााहमदक असहहषरिा की ऐसी हरकि हो रही ह िो अब समझा ना अपन लोगो को हम जो जञान हदया था उस कॉपी पवीट करक अपन कपयटर जस दश क होम पज पर डाल न - सही कह रह ह आप पर य सब मझस कहन स कया फायदा - वो िो म भी जानिा ह िम जसा सवीि सट पहनन वाला इन सब बड़ी बड़ी बािो को कया समझगा य िो लाखो रपय का सट पहनन वालो क समझन की बाि ह - िो हफर उनह ही समझाईय न मर घर को कयो राज पथ बना कर 26 जनवरी का शहि परदशदन कर रह ह - हम यहा कोई शहि परदशदन करन नही आय ह बहकक राषर हहि म िमस एक कबादनी मागन क हलए आय ह कही गवीस म इनहोन इवीलाहमक वीटट जसा कोई आिकवादी सगठन न बना हलया हो और उसका पहला हफदायीन मझ ही बनान का न ठान हलया हो यह सोच कर मरी सास डर क मार अपन आप िोर िोर स अनलोम हवलोम करन लगी डरि डरि आवाि हनकली कसी कबादनी चचचा - हम थोड़ी दर क हलए क हलए िमहारा मोबाईल चाहहए - कयो भला - ओबामा स बाि करनी ह और उसस पछना ह हक आज अगर अबराहम हलकन हिदा होि िो व हकिना आहि होि लहकन मरी दशभहि न ही मझ मर मोबाईल क माधयम स अमररका स समबना ख़राब करन स रोक हदया मन मोबाईल म बलस न होन का कारगर बहाना बना हदया चचचा न दवादसा की िरह स अहिशय करोा स मझ घरा और हफर हकसी सचच मोबाईल ाारी दशभि की िलाश म हनकल गए

समीिा परवीर कशवा

रग लगाक ि न जा मझ रग लगाक अपन अग लगाल सावररया रhellip

पवन बसिी ि बनक सग बहा ल अपन हदल म बसा ल सावररया रhellip

फागन न जकफ खोली मदहोशी नभ म घोली

ाानी आकाश हआ ारिी भी उसकी होली

रगो स रग हमल सिरगी फल हखल पखरी लाज खोए

भवरा जो उसप डोल बाह पसार नदी क दोनो हकनार

इकदज को पकार बलम आजा रसावररया रhellip

लरज कपोल लाल सया रग गलाल भावभरा रग घला

िन मन हए सब लाल सजना क सग सखी

ऐस म रग रगी खद स ही परीि हई खद स ही जग हई

परीि लगाक अपनी नीद गवा क सजन सग बन गई म िो बावररया र सावररया रhellip

कावय करन को चल ह हम भरािा सच पछौ िौ हम कछ नही आिा 01

हफर ह हमन बहि िहनक लगाई

झट सो यो एक यहि बझ आई 02

एक शबद ह िाक अनक हवकार इनकौ कीज िजद- बनद वयवहार03

शबद-हवकार प पन-पन करौ परहार

ठोको- ठासौ और नक लउ हनहार 04

जस-जस शबद वीव- पकार सनाव िस-िस कावय पहि बन आव 05

अब िौ भईया हम ह कहव कहाए

मन ही मन यो मवीि मोद मनाए 06

एक हदन जमौ बड़ौ कावय वयापार कहव-कल कौ कछ कह आर न पार07

सब न अपन-अपन जब पाठ हकय

शरगार हावीय वीर रस क ठाट हकय08

अलकारन क अदभि उपयोग हकय वकरोहिन क हवलिर परयोग हकय09

छनदन सौ अनठ स अनबना हकय

चमतकहि क अतयि सपरबना हकय10

हमन ह हहममि अपनी नक न हारी कावय म कावय की यहि कह डारी11

अब हनरदय कौ अवसर जयो आयौ

हमरौ नाम उनन सवद- शरषठ सनायौ12

हलयौ पचन न हम पनः मच बलाय हदयौ टट जिन कौ एक हार हपराय13

िब व बोल मनद-वीवर य मद भाखा

नीच स आपकौ नमबर एक ह आका14

यह सब दखद दशय दखि घर-वारी घर पहचि ही वाकी हवकट सवारी15

बड़ चल हौ िम हनि कहव बनन कौ आयी न नक ह लाज या झठ रन कौ16

बालक भख घर सौ मस ह हफरि ह

टट ह पाि वसतरन क पबनद फटि ह17

मददि स हर बाररस यह छतत चआनी बस अब की बार ह सच फशद प आनी18

कहव-जन एक बाि म कहौ सहवचारी

मानौ न मानौ हौ अब आप अहाकारी19

रोजी-रोटी जब लौ नही हसि जगाड़ी कहव नही कबह कहव ननद अनाड़ी 20

- एन एल चिवदी नगीना उरद lsquoननदrsquo

साहहतयम पर आप लोग जो रसील और चटील वयङयालखो का रसावीवादन करि ह उस का हजममा भाई कमलश पाणडय जी न उठाया हआ ह कहन की आवशयकिा नही हक साहहतयम का कल कामकाज वीवहचछक और अविहनक ह आज क दौर म ऐस साहथयो का हमलना सौभाय ही कहा जायगा वस भी पसा सब कछ खरीद सकिा ह मगर समपदर की भावना नही कमलश जी वीवय भी एक बहिरीन वयङयकार ह कमलश जी क सटायसद की हवशषिा ldquoबारीक़ीrdquo ह आप बड़ ही हनराल अनदाि म पाठक को अपन साथ बहा ल जाि ह आइय कमलश जी क एक रसील और चटील वयङयालख का रसावीवादन करि ह-

फाहयान की हफकमी डायरी कमलश पाणडय

उस रोि फ-ची न बिाया हक भारि-भरमर पर जान स पहल वहा की कछ हफकम

दख ल िो पयादपत मागददशदन हमल सकिा ह फची कहिा ह हरकम हकसी भी समाज का दपदर होिी ह सो इनह दख लो सभव ह भारि जान की आवशयकिा ही न पड़ यही बठ-बठ भारि पर एक वहद रथ हलख सकि हो कल बािार स विदमान काल म बनी डि-दो सौ भारिीय हफकमो की सीडी क जलदवीय सवीकरर ल आया जो प-ईहचग क चोर-बािार म मोमो क एक पलट स भी सवीिी हमल गई आज परािः काल भजन-पजन क उपराि उनक अवलोकन क हलए बठ गया ह य एक नया ही ससार परिीि होिा ह फ-ची ठीक कहिा था हक चीन म फली भारि समबनाी भराहियो पर करद न ारो मझ सही मागददशदन दन वाल फ-ची को साावाद कहि हए अब आरमभ करिा ह एक आठ परहर स हनरिर भारिीय जीवन की इनरानषी छहवया दखि-दखि नि चहाया गए ह और महषिषक िो मानो हनहषकरय ही हो गया ह अभी थोड़ सरा-पान क उपराि जी

हकका हआ िो भारि- जो अब ईहनडया कहलान लगा ह ndash की आकहि कछ-कछ दहषटगोचर होन लगी ह य िो हनहिि ही ह हक इहणडया अतयि समि दश ह हफकम का नायक जो वीवय को आम-आदमी और हनादन मनषय बिािा ह एक बड़ स भवन म रहिा ह हडिाइनर परराान पहनिा ह चमकि वाहन पर यािायाि करिा ह और एक सनदरी स परम करिा ह कभी-कभी सदररयो की सखया एक स अहाक हो सकिी ह पर जब वह नतय रि होिा ह िो सदररया अनि होिी ह हजन ानाढय लोगो स उसकी शििा होिी ह उनक िो कया कहन उनकी जीवन शली चीन क समराट को भी लजा दन वाली ह वस अहाकाश हफकमो म नायक पहलस अहाकारी ह ऐसा परिीि होिा ह हक इहडया म सभी पहलस अहाकारी बनना चाहि ह हजसका कारर यही मालम होिा ह हक उनक घर और ठाट-बाट राजाओ स परहिवीपााद करि दीखि ह इसस िो यही लगिा ह हक इहडया म अब सवदहारा कोई नही बचा दो आम आदमी पर आााररि एक हफकम का अवलोकन करन क बाद इस हनषकषद पर जा पहचा ह हक इहडया क आम-आदमी सर-सपाट क शौकीन होि ह और परायः अपनी परहमका क साथ मनोरम वीथलो पर भरमरशील रहि ह उसकी परहमका वीवय को अतयि हनादन बिािी ह जो उसक अतयकप वसतरो को दख कर िो सतय परिीि होिा ह परनि जब उसक आभषरो और चरर पादका पर दहषट जािी ह िो थोड़ा सदह भी उतपनन होिा ह परायः य लोग कही आकाश स परसाररि होि सगीि पर गायन करन लगि ह िो हर बदलि लय क साथ वसतर वीथल और वाहनाहद बदल दि ह समहि का िब चरमोतकषद हदखिा ह जब य लोग गीि का हर अिरा हकसी अनय दश की भहम पर गाि ह और पलक झपकि ही उनह वहा पहचा दन वाला वाहन कही नही हदखिा हनिय ही वहा का हवजञान अभिपवद परगहि कर चका ह सभव ह वहा हर आम आदमी क पास अपना हनजी वाययान हो िीन आम आदमी की मोहक छहवयो वाल दशयो को दखि जी ही नही भरिा यह भी जञाि हआ हक इहडया एक अतयि सनदर दश ह जहा एक ही वीथल पर समर हहमाचछाहदि पवदि रहगवीिान और झरन ह कई एक वीथल िो ह-ब-ह हवीवटिरलड नामक दश क सामान ह य भी समभव ह हक आम आदमी क भरमर-लाभ हि इहडया म ही कही-कही यरोप-अमरीका आहद महादशो की परहिकहि रच ली गई ह गीिो क दशयो म िो य बाि एक दम हसि हो जािी ह जस ही नायक-नाहयका गायन परारमभ करि ह ढर-सारी सदररया नाचिी-गािी उनकी सगि करन आ जािी ह य भी वसतरो की दहषट स अतयि हनादन लगिी ह परनि हवीथहि पर गौर करन स वीपषट हो जािा ह हक ऐसा नही ह कया समरिट पर सट पहन कर जाया जािा ह या हक राहि-कलबो म बकाद ओि कर इसस य भी वीपषट ह हक इहडया म नाररयो को इचछा-नसार पहनन-ओढन घमन-हफरन नाचन-गान की वीविििा ह चार फची गलि कहिा ह हक इहडया म बहि गरीबी ह उस ऐसा कछ हरकम ही दखकर लगा था उसकी सलाह पर आज ऐसी कछ हरकम दखी इनम टट-फट घरो म कछ हभिक-परकार क पराहरयो का जीवन हदखाया गया था सकषम दहषट डालन पर इन बहवीियो क पीछ खड़ हवशाल महल हदख जाि थ जहा स कछ आम आदमी आकर इन बहवीियो को हगराना चाहि हदखाए गए थ पर उनका उदशय इन झोपहड़यो की जगह महल बना कर पर इहणडया को एकाकार कर दना था समयाभाव म इनका बनाना हदखाया नही जा सका एक राजनिा न बिाया हक गरीबी को परचाररि करन क पीछ हवरोाी राजनीहिक दलो का दषपरचार ह जो मझ सो सतय लगा मझ िो इसम

चीन का हवीि होन की भी समभावना हदखी कयोहक ऎसी एक हफकम म हनादन लोग बार-बार माओ का नाम ल रह थ पाच ऐसा परिीि होिा ह हक इहडया म सभय लोगो की भाषा हहनदी ह य भाषा अरजी क शबदो और वीथानीय भाषा क कारको स बनी ह हबना पि-हलख लोग कई वीथानीय भाषाए बोलि ह परायः लोग कवल अरिी भी बोलि पाए जाि ह पर आम िौर पर अरिी क दो एक वाकयो क बाद हहनदी पर उिर आन की परवहतत ह नाहयकाए और हसतरया अरिी बोलना पसद करिी ह पर जब वो हहनदी बोलिी ह िो भी धवहन अरिी-सी ही आिी ह ऐसा परिीि होिा ह हक उनह भाषा की दीिा मलिः अरिी म हमली ह और हहनदी उनहोन हकसी हहनदी हफकम म काम करन क उददशय स सीखी ह गान अहपि हहनदी म ही गाय जाि ह पर वहा और भी कई भाषाओ का मल हदख पड़िा ह एक गीि िो ऐसा था हजसम बड़-बड़ नगाड़ो की िाल पर पजाबी नामक भाषा म बहि सारी अरिी और थोड़ी हहनदी हमलाई गयी थी ऐस कछ गीिो क रचहयिा कोई lsquoयो योrsquo नामक महाकहव ह जो अपन गीिो म यवाओ को कम महदरा या मादक पदाथो क सवन करन जस सावीकाररक सदश दि रहि ह इन गीिो क भावाथद जो भी हो इसम कनयाओ का नतय अदभि ह- शबदो को समझ हबना ही सभी अथद वीपषट हो जाि ह छह आज दहिर इहडया की कछ हरकम दख कर पिा चला हक इहणडया क इस भखड म परष अहि-शहिशाली और नाररया खब भरी-परी होिी ह नायक िो इिना चपल होिा ह हक चशमा हसगरट या हपवीिौल जस उपकरर पलक झपकि ही अपन शरीर क हवहवा हहवीसो पर अिररि कर लिा ह इस नायक क एक आघाि स खलनायक कई पलो िक वायमडल म गोि खािा ह और कभी-कभी िो आकाश म ही हवलीन हो जािा ह उार नाररया रग-हबरग कलशो और इनरानषी आकहियो क बीच मादक नतय करिी रहिी ह वहा का एक नायक िो सवद-शहिमान ईशवर क समकि ह उसकी शहियो क हवषय म अनक हकवदहिया परचहलि ह जो फ-ची क अनसार रजनी-जोकस नामक रथ म सगहीि ह साि कछ राजनीहिक हरकम दख कर ऐसा परिीि हआ हक इहणडया म सभी निाओ की अपराा करन-करान म गहरी रहच ह परायः समाज म खलनायक निा ही होिा ह य लोग सरा-सदररयो हहथयारो सनदर परासादो और चमकि वाहनो क बीच ही रहना पसद करि ह आवशयकिा पड़न या न पड़न हकसी भी हवीथहि म हकसी की हततया कर दना इनक वाम-हवीि का कमद ह बलातकार हि इनह यो िो सभी हकवीम की नाररया पसद ह पर नायक की बहन या परहमका पर हवशष कपा रखि ह ऐसा लगिा ह हक इनकी हदनचयाद हकसी षडयि स आरमभ होकर हकसी हततया पर समापत होिी ह इनक अगरिक चीनी यि कला म हसिहवीि होि ह और अवसर पाि ही सााारर मानवो पर ईया-ऊआ करि टट पड़ि ह एक राजनिा की कररिा दख कर िो मरा हघघघी नामक अग बा ही गया इहडया म इनही अहिमानवो म स जनपरहिहनहा चनन का परावाान मालम होिा ह चन हलए जान क बाद य परायः शवि वसतर ाारर करि ह और सभाओ म भाषर दि हफरि ह पर अििः अपराा क सभी सि उनस ही जड़ होि ह चनाव एक रोचक अवसर होिा ह जब ढर सार वाहनो म लोग रग हबरगी झहडयो क साथ नारा लगाि घमि ह आठ इहडया का य रग दख कर िो दग रह गया ह एक मदान म लाल पील हार नील िातपयद य की सभी परकार क रगो स सराबोर हिारो मनषय एक साथ नतय कर रह ह सबक

वसतर शवि ह िाहक रगो की छाप गहरी उभर गाज-बाज क साथ एक समह गीि गाया जा रहा ह हजसम गोररयो की चोली पर रग डालन की परररा दी जा रही ह चनररया को हभगोन पर हवशष जोर ह सदररया परषो स जोड़ बना कर मादक नतय कर रही ह रग जो ह उड़ भी रह ह बौछार बन कर बरस रह ह और चहरो पर पोि भी जा रह ह इहडया की इस रगीन छहव को दख कर हपछली सारी छहवया ााली हो गई ह ऐसा परिीि हो रहा ह हक मानो परा दश एक ही रग म रगा ह भल ही वह हिारो रगो म वयि हो रहा हो पिा चला ह हक य एक तयौहार ह हजस होली कहि ह एक हदन पहल इहडया क लोग होहलका जलाि ह हजसम अपनी बराईयो की आहहि डालि ह मन भी आज इहडया की बरी छहव बनान वाली हपछली हफकमो की सीडी एकि कर उनकी होहलका जला दी और उसकी राख इन बरगलान वाली हरकम दखन की सलाह दन वाल फ-ची क मह पर मल आया आज इहणडया की यािा की ियारी परी कर ली ह दो हदनो क पिाि होली ह उस दख हबना इहडया की यािा कस समपरद होगी य ह कमलश पाणडय जी और य ह उन का अनोखा वाला रङग जो मझ बहद पसनद ह इस आहटदकल को चाह िो माि मनोरञजन क हलय भी पिा जा सकिा ह और अगर कोई वयहि समय हनकाल कर इस की थाह को नापना चाह िो नपप भी सकिा ह कमलश भाई जी क एक हमि ह हवनोद हमशर हवनोद जी ररसणटली बरसाना हो कर आय ह हवनोद जी न साहहतयम क हलय बरसान की होली की दो बहि ही सनदर-सनदर िवीवीर भजी ह हवनोद जी का बहि-बहि आभार य ह वह दो िवीवीर -

डा वी क भकला

हजजजा सग होली

लगा कर भोग महावीर को और चिा कर फल बिीसा बड़ भहिभाव स पि रह थ हम िो हनमान चाहलसा महावीर जब नाम सनाव

भि हपचास हनकट नही आव िभी मरी साहलया आ कर बोली खलग हम जीजजा सग होली और मरी हसटटीहपटटी गम होली कािर वीवर म हमन पकारा

ह हनमि अब िरा सहारा सन पकार मरी हनमानजी धयान म आए

और मझस य ररमाए वतस म िो ठहरा बाल बरहमचारी

कस हर म हवपदा िमहारी इस लरड़ म मझ न लाओ

िमहारी घहटया ह िमही बजाओ पड़ा सकट मोचन नाम भी झठा हदखा गए हनमानजी भी अगठा

मरी साहलओ न जी भर की मरी पिाई दिा रहा हाए म दहाई

िभी शरीमिी जी बाहर स आई मझ दखि ही हचलाई

अजी सनि हो जरा बाहर आओ कोई लरगा घर म घस आया ह

उस मार कर बाहर भगाओ ाीर स मन खखारा

अरी भागवान य म ह पहि िमहारा िो शरीमिी जी िनक कर बोली

वाह मर छला बहि भाए हो सबह सबह कहो हकसस

मह काला करवा कर आए हो मन अपनी करर गाथा उस सनाई

िो शरीमिी जी हभननाई और अपनी बहनो को आवाि लगाई

कया मरा ही पहि हमला था मह काला करन क हलए

िो वो बहयाई स बोली दीदी अगली होली म

िम हमार पहियो का मह काला कर दना िमहारा सारा हशकवा हमट जाएगा हहसाब एक दम बरोबर हो जाएगा

हमन कछ वि क हलए बाहर हनकलना बद कर ह

यह सोच कर हक अगर हकसी न पछा हक िमहारा मह हकसन काला हकया

िो कया जवाब दगा

हवजनर शमाद

सरहद स आया नही होली पर कय लाल मा की आख रग स करिी रही सवाल

आखो को भी ह हगला कर हशकायि गाल बरी ख़द आया नही हभजवा हदया गलाल

कौन बजाव फाग प ढोल नगाड़ चग चारो िरर उदाहसया गायब हई उमग

मौक़ा था पर यार न डाला नही गलाल

मरझाय स ही रह मर दोनो गाल

हरि म थ यार सब दशमन भी था दग मन उसक गाल पर लगा हदया जब रग

इििार क रग म गयी बावरी डब होली पर इसबार भी आया ना महबब

और अब ररसहिया जी का एक और ाास सटायर ाास इसहलय हक समझ म नही आ रहा हक इनह खाङरसी कहा जाय हक हफर भीजफी बाला

आजकल बचार कालान की मरन ह कोई भी घपला होिा ह काल ान पर िोहमि लगिी ह बलक मनी की थ-थ होिी ह जस निा चमच क हबना महनि चल क हबना आईपीएल हरहकसग क हबना

अारा लगिा ह वस ही कोई भी घपला काल ान की चचाद क हबना अारा लगिा ह घपला अगर कोई

आाहनक जहटल कहविा ह िो काला ान उसका आम जनिा की समझ म आन वाला सरल अनवाद ह घोटाला यहद कोई अबझ हसिाि ह िो काला ान उसकी सहज टीका ह जस पाहटदया चद क हबना निा लफ़राजी क हबना लखक अपनी उपिा का रोना रोय हबना नही रह पािा वस ही दहनया का कोई भी बड़ा ानाा हबना काल ान क नही पनप सकिा दहनया म हजिन भी मजबि ाना ह चाह वह हहथयार का हो ामद का हो या हरर हशिा का ही कयो न हो सबकी बहनयाद म काल ान की सीमनट लगी ह काला ान न हो िो हवीवस बक रवीस बक होकर रह जाय अपन दश म हपछल बीस सालो म हजतता हवकास हआ ह काला ान उसस कई गना जयादा बिा ह गहरि की भाषा म कह िो हकसी भी आाहनक समाज का हवकास उस समाज म मौजद कालान की मािा का समानपािी होिा ह इस सबक बावजद कालान को लोग इजजि की हनगाह स नही दखि कालाान कमान वाला िक खलआम उसकी आलोचना ही करिा ह राजनीहिजञ चनाव भल काल ान क सहार लड़ लहकन सावदजहनक रप स कालान की ऐसी बराई करि ह जस वामपथी दहिरपहथयो की करि ह अमररकी कयबा की करि ह पाहकवीिान वाल भारि की करि िरह ह अपन परहि दहनया का यह दवदातमक इजजिवाद दखकर बचार कालान क हदल पर कया बीििी होगी दहनया क ाोख को दखकर उसका मन भी हजया खान की िरह लटककर हनपट जान का करिा होगा उसका भी मन करिा होगा हक सरकारी गवाह बन जाय और सबकी पोल खोल द हक कस िमाम लोगो स उसक अिरग सबा रह कस लोगो न उसका सहारा हलया आग बि और सहारा हलया लहकन जब सरलिा क हकवीस सनान की बारी आयी िो शरय अपनी महनि लगन और बहि को हदया कालान क योगदान की सरासर उपिा कर दी यह वसा ही ह हक हकसी दश क इहिहास म राजा राहनयो क हकवीस हलख जाय लहकन महनिकश जनिा की कहानी गोलकर दी जाय लहकन हरर कालाान शायद यह सोचकर चप रह जािा होगा हक अपरााी कोई भी हो लहकन बराई उसी की होनी ह बइजजिी िो उसी की खराब होनी ह इसक बाद शायद वह यह सोचकर चपचाप अपनी करििो म जट जािा होगा हक आजनही िो कल उसको वह इजजि अवशय हमलगी हजसका वह हकदार ह उसको भी खल आम उिनी ही वीवीकायदिा हमलगी हजिनी की आज समाज म जाहिवाद सकीरदिा भाई भिीजावाद भायवाद और काहहली को हमली ह काला ान सोचिा होगा- जस बाहकयो क हदन बहर कया पिा वस ही उसक भी बहर

और साहथयो चलि-चलि अपनी जड़ो की ओर - बरहमलीन सनि कहव हशवदीन राम (जोशी) की सनि-वारी आप ही क आधयाहतमक हशषय आदररीय शरी हकशोर पारीक [खणडला] जी क सौजनय स

गोकल व बरसान की नार बजाय-बजाय बजा रही िारी अर वनदावन की बनी व बनी बनक ठनक अरी द रही गारी

शयाम को शयामा सजाय सजी अहो और गलाल लगावि पयारी हशवदीन व जोरी स जोरी हमलीबरज खलि होरी ह बाक हबहारी

मगल समगल सदा ही आननद रह नदलाल

ि गलाल डार दख सखी आ रही राा मिवाली आली चाली रग डारन को

गोहपया हनराली गाली शयाम को सना रही सन-सन क शयामलाल सग-सग गवाल बाल

बाजि मदग िाल राा जी गा रही कहिा हशवदीन लाल ऐसी गलाल उड़ी

बादर बन लाल लाली चह ओर छा रही

बरज वनदावन ााम रग स रगा रगीला हरा मोहिया लाल रग ह पयारा पीला

ाम ााम स खल खल रह होरी दखो शयामा शयाम सजान और सग गोरी दखो

चह ओर हपचकाररया रग-रग की ाार हशवदीन सरस रस रहसक जन पीव करर-करर पयार

राम गर गायर

भारि की लोक समपदा फागन की फाग - आचायद सजीव वमाद सहलल भारि हवहवावरी लोक सवीकहि स सपनन- समि परमपराओ का दश ह इन परमपराओ म स एक लोकगीिो की ह ऋि पररविदन पर उतसवामी भारिीय जन-

मानस गायन-वादन और निदन की हिवरी परवाहहि कर आनहदि होि ह फागन वषािि िथा चि वषादरमभ क साथ-साथ फसलो क पकन क समय क सचक भी ह दहिरायनी सयद जस ही मकर राहश म परवश कर उततरायरी होि ह इस महादवीप म हदन की लमबाई और िापमान दोनो की वहि होन की लोकमानयिा ह सयद पजन गड़-हिल स हनहमदि पकवाननो का सवन और पिगबाजी क माधयम स गगनचमबी लोकानद की अहभवयहि सवदि दखी जा सकिी हमकर सकराहि हखचड़ी बसाखी पोगल आहद हवहवा नामो स यह लोकपवद सकल दश म मनाया जािा ह पवदराज होली स ही मधयोततर भारि म फागो की बयार बहन लगिी ह बदलखड म फाग बजभहम म नटनागर की लीलाए हचहिि करि रहसया और बााई गीि अवा म राम-हसया की जगल जोड़ी की होली-करीड़ा जन सामानय स लकर हवहशषट जनो िक को रसानद म आपादमवीिक डबा दि ह राम अवा स हनकाकर बदली माटी पर अपनी लीलाओ को हववीिार दि हए लमब समय िक हवचरि रह इसहलए बदली मानस उनस एकाकार होकर हर पवद-तयौहार पर ही नही हर हदन उनह याद कर जय राम जी की कहिा ह कषर का नागो स सघषद और पाडवो का अजञािवास नमददाचली बनदल भहम पर हआ गौरा-बौरा िो बदलखड क अपन ह हशवजा हशवातमजा हशवसिा हशवहपरया हशव वीवदोभवा आहद सजञाओ स समबोहाि आननददाहयनी नमददा िट पर बमबहलयो क साथ-साथ हशव-हशवा की लीलाओ स यि फाग गयी जाना वीवाभाहवक ह बदली फागो क एकछि समराट ह लोककहव ईसरी ईसरी न अपनी परहमका रजउ को अपन कहितव म अमर कर हदया ईसरी न फागो की एक हवहशषट शली चौघहड़या फाग को जनम हदया हम अपनी फाग चचाद चौघहड़या फागो स ही आरमभ करि ह ईसरी न अपनी पराकि परहिभा स रामीर मानव मन क उचवासो को सर-िाल क साथ समहनवि कर उपहिि और अनचीनही लोक भावनाओ को इन फागो म हपरोया ह रसराज शर गार क सयोग और हवयोग दोनो पि इन फागो म अदभि माायद क साथ वहरदि ह सदयवीनािा यविी की कशराहश पर मा ईसरी गा उठि ह ईसरी रााा जी क कानो म झल रह िरकला को उन दो िारो की िरह बिाि ह जो रााा जी क मख चनर क सौदयद क आग फीक फड़ गए ह कानन डल राहाका जी क लग िरकला नीक आनदकद चद क ऊपर िो िारागर फीक ईसरी की आराधया राहाका जी सदरी होन क साथ-साथ दीनो-दहखयो क दखहिाद भी ह मय बल राि राहाका जी को कर आसरा की कौ दीनदयाल दीन दःख दखन हजनको मख ह नीकौ पहटया कौन सगर न पारी लगी दहिन पयारी रचक घटी-बड़ी ह नया सास कसी ढारी िन रई आन सीस क ऊपर शयाम घटा सी कारी ईसर परार खान ज पहटया जब स िकी उघारी

कहव पछिा ह हक नाहयका की मोहक चोहटया हकस सघड़ न बनायी ह चोहटया जरा भी छोटी-बड़ी नही ह और आिी-जािी सासो की िरह हहल-डल रही ह व नाहयका क शीश क ऊपर शयामल मघो की िरह छाई ह ईसरी न जब स इस अनावतत कशराहश की सनदरिा को दखा ह उनकी जान हनकली जा रही ह ईसर की नाहयका ननो स िलवार चलािी ह दोई ननन की िरवार पयारी हफर उबार अलपान गजरान हसरोही सलमान झख मार ऐच बार मयान घघट की द काजर की ाार ईसर शयाम बरकि रहहयो अहायार उहजयार िलवार का वार िो हनकट स ही हकया जा सकिा ह नायक दर हो िो कया हकया जाए कया नाहयका उस य ही जान दगी यह िो हो ही नही सकिा नाहयका हनगाहो को बरछी स भी अहाक पन िीर बनाकर नायक का हरदय भदिी ह छट नन-बार इन खोरन हिरछी भौह मरोरन नोकदार बरछी स पन चलि करज फोरन नायक बचारा बचिा हफर रहा ह पर नाहयका उस जान दन क मड म नही ह िलवार और िीर क बाद वह अपनी काहिल हनगाहो को हपवीिौल बना लिी ह अहखया हपवीिौल सी करक मारन चाि समर क गोली बाज दरद की दार गज कर दि निर क इिन पर भी ईसरी जान हथली पर लकर नवयौवना नाहयका का गबखान करि नही अघाि जबना कड़ आय कर गहलया बला कसी कहलया ना हम दख जमि जमी म ना माली की बहगया सोन कस िबक चि ह बरछी कसी भहलया ईसर हाथ सभार ाररयो फटट न जाव गहदया लोक ईसरी की फाग-रचना क मल म उनकी परहमका रजऊ को मानिी ह रजऊ न हजस हदन गारो क साथ गल म काली काच की गररयो की लहड़यो स बन ४ छटा और हबचौली काच क मोहियो का हिदान जसा आभषर और चोली पहहनी उसक रप को दखकर दीवाना होकर हार झलन लगा ईसरी कहि ह हक रजऊ क सौदयद पर मा हए हबना कोई नही रह सकिा हजयना रजऊ न पनो गारो हरनी हजया हबरानो छटा चार हबचौली पर भर हफर गरदानो

जबनन ऊपर चोली पर लटक हार हदवानो ईसर कान बटकन नइया दख लव चह जवानो ईसरी को रजऊ की हरन (हचिवन) और हसन (हसी) नही भलिी हवशाल यौवन मिवाली चाल इकहरी पिली कमर बार की िरह िानी भौह हिरछी निर भलाय नही भलिी व निर क बार स मरन िक को ियार ह इसी बहान रजऊ एक बार उनकी ओर दख िो ल ऐसा समपदर ईसरी क अलावा और कौन कर सकिा ह हमख़ा हबसरि नही हबसारी हरन-हसन िमारी जबन हवशाल चाल मिवारी पिरी कमर इकारी भौह कमान बान स िान निर हिरीछी मारी ईसर कान हमारी कोदी िनक हर लो पयारी ईसरी क हलय रजऊ ही सवदवीव ह उनका जीवन-मरर सब कछ रजऊ ही ह व परभ-वीमरर की ही िरह रजऊ का नाम जपि हए मरन की कामना करि ह इसहलए कछ हवदवान रजऊ की सासाररक परहमका नही आदया माि शहि को उनक दवारा हदया गया समबोान मानि ह जौ जी रजऊ रजऊ क लान का काऊ स कान जौलो रहन रहि हजदगी रजऊ क हि कमान पला भोजन कर रजौआ पाछ क मोय खान रजऊ रजऊ कौ नाम ईसरी लि-लि मर जान ईसरी रहचि सहसतरो फाग चार कहड़यो (पहियो) म बाी होन क कारन चौकहड़या फाग कही जािी ह इनम सौदयद को पान क साथ-साथ पजन और उसक परहि मन-परार स समहपदि होन क आधयातमजहनि भावो की सहलला परवाहहि ह रचना हवाान य फाग ४ पहियो म हनबि ह हर पहि म २ चरर ह हवषम चरर (१ ३ ५ ७ ) म १६ िथा सम चरर (२ ४ ६ ८) म १२ मािाए ह चरराि म परायः गर मािाए ह हकनि कही-कही २ लघ मािाए भी हमलिी ह य फाग छद परभाकर क अनसार महाभागवि जािीय नर र छद म हनबि ह इस छद म खड़ी हहदी म रचनाए मर पिन म अब िक नही आयी ह ईसरी की एक फाग का खड़ी हहदी म रपािरर दहखए हकस चिरा न छोटी गथी लगिी बहद पयारी हकहचि छोटी-बड़ी न उठ-हगर रही सास सम नयारी मकट समान शीश पर शोहभि कषर मघ सी कारी हलय ल रही जान कश-छहव जब स हदखी उघारी नर र छद म एक चिषपदी दहखए

बाि बनाई हकसन कसी कौन हनभाय वाद सब सच समझ रही ह जनिा कहा फदकि पयाद राजा कौन विीर कौन हकसक बद-नक इराद हजसको चाह सहलल हजिा मि चाह उस हरा द बनदली लोकरग की सािी ईसरी की फाग सजीव बदलखड क महानिम लोककहव ईसरी क कावय म लोकजीवन क सावीकहिक साहहहतयक सामाहजक पि परी जीवनििा और रचनातमकिा क साथ उदघाहटि हए ह ईसरी का वहशषटय यह ह हक व िथाकहथि सभराििा या पाहडतय स कय भाषा शली आहद उाार नही लि व दशज रामीर लोक मकयो और परमपराओ को इिनी वीवाभाहवकिा परगाििा और अपनतव स अहकि करि ह हक उसक सममख हशषटिा-शालीनिा ओिहि सजदनाारा हवपनन परिीि होन लगिी ह उनका साहहतय पवीिकाकार रप म नही शरहि परपरा म सन-गाकर सहदयो िक जीहवि रखा गया बदलखड क जन-मन समराट महान लोककहव ईसरी की फाग गय परपरा क कारर लोक-वीमहि और लोक-मख म जीहवि रही सकलनकिाद कवर शरी दगद हसह न १९३१ स १९४१ क मधय इनका सकलन हकया शरी इलाशकर गहा न ाौराद राम (जहा ईसरी लमब समय रह थ) हनवाहसयो स सनकर फागो का सकलन हकया अपिाकि कम परचहलि हनमन फागो म ईसरी क नसहगदक कारहयिी परहिभा क साथ-साथ बनदली लोक परपरा हावीया एव शरीनगरहपरयिा क भी दशदन होि ह कषर-भि ईसरी वनदावन की माटी का महातमय कहि हए उस दविाओ क हलए भी दलदभ बिाि ह अपनी कवीन जीभ स चाटी वनदावन की माटी दरलभ भई हमली ना उनखो दई दविन डाटी हमल ना सकी अनकन हार पाव की पररपाटी पायो वीवाग काह न नइया मीठी ह की खाटी बाही रज बजबाहसन lsquoईसरrsquo हहसदारी म बाटी कदम कञज म खड़ कनहया राहगीरो को रावीिा भला दि ह इसहलए पहथक जमना की राह ही भल गय ह अथादि जमना स नही जाि हकसी को भला कर मजा लन की लोकरीि को ईसरी अचछा नही मानि और कषर को सलाह दि ह हक हकसी स अहाक हसी अचछी नही होिी आली मनमोहन क मार जमना गल हबसार जब दखो जब खडो कञज म गह कदम की डार जो कोउ भल जाि ह रवीिा बरबस आन हबगार जादा हसी नही काऊ स जा ना रीि हमार

lsquoईसरrsquo कौन चाल अब चहलए ज िौ परी पार राि भर घर स बाहर रह कषर को अपनी सफाई म कछ कहन का अवसर हमल हबना lsquoछहलयाrsquo का हखिाब दना ईसरी क ही बस की बाि ह ओइ घर जाब मरहलयाबार जहा राि रय पयार हर बाट मनइया बठी कर नन रिनार अब िौ कौनऊ काम िमारो नइया भवन हमार lsquoईसरrsquo कषर नद क छौना िम छहलया बजबार फगआ हो और रााा न खल यह कस हो सकिा ह कषर सर ह िो रााा सवा सर दोनो की लीलाओ का सजीव वरदन करि ह ईसरी मानो सािाि दख रह हो रााा न कषर की लकटी-कमररया छीन ली िो कषर न रााा क हसर स सारी खीच ली इिना ही हो िो गनीमि होली की मवीिी चरम पर हई िो रााा नटनागर बन गयी और कषर को नारी बना हदया खल फाग राहाका पयारी बज खोरन हगराारी इन भर बाह बास को टारो उन मारो हपचकारी इनन छीनी लकहट मरहलया उन छीनी हसर सारी ब िो आय नद क लाला ज बषभान दलारी अपन बनी नटनागर lsquoईसरrsquo उन बनाओ नारी अटारी क सीिी चिि घघर हनशबद हो गए फलो की सज पर बनवारी की नीद लग गयी रााा क आि ही यशोदा क अनाड़ी बट की बीन (बासरी) चोरी हो गयी कसी सहज-सरस ककपना ह चोरी गइ बीन हबहारी की जसदा क लाल अनारी की जाहमन अमल जगल क भीिर आवन भइ रााा पयारी की नपर सबद सनाक हखच रय हछहड़या चड़ि अटारी की बड़ी गलाम सज फलन की लग गइ नीद मरारी की काि lsquoईसरीrsquo घोरा प स उठा लई बनवारी की कषर रााा और गोहपयो क चगल म फस गय ह गोहपयो न अपन मनभावन कषर को पकड़कर सतरी बनान का उपकरम करन म कोई कसर नही छोड़ी कषर की बनमाला और मरली छीनकर हसर पर साड़ी उिा दी गयी रााा न उनह सभी आभषरो स सजाकर कमर म लहगा पहना हदया और सहखयो क सग फागन मनान म लीन हो गयी ह शर गार और हावीय का ऐसा जीवि शबद हचि ईसरी ही खीच सकि ह पकर गोहपन क मनभावन लागी नार बनावन छीन लई बनमाल मरहलया सारी सीस उड़ावन

सकल अभषन सज राहाका कहट लहगा पहरावन नारी भस बना क lsquoईसरrsquo फगआ लगी मगावन ईसरी परहमका स हनवदन करा रह ह हक वह अपन िीख नयनो का वार न कर हजरह-बखिर कछ न कर सक ग और दख ही दखि नयन-बार हदल क पार हो जायगा हकसी गरी वदय की औषहा भी काम नही आएगी ईसरी क दवाई िो हपरयिमा का दशदन ही ह पररय की ऐसी परगाि रसहसि अहभवयहि अपनी हमसाल आप ह नना ना मारो लग जह मरम पार हो जह बखिर हझलम कहा का लह ढाल पार कर जह औषद मर एक ना लहगह बद गनी का कह कहि lsquoईसरीrsquo सन लो पयारी दरस दबाई दह हनमन फाग म ईसरी नयनो की कथा कहि ह जो परदशी स लगकर हबगड़ गय बबादद हो गय ह य नयना अा हसपाही ह जो कभी लड़कर नही हार इनको बहि नाि स काजल की रखा भर-भरकर पाला ह हकनि य खो गए और इनस बहि आसओ स नयी की नयी सारी भीग गयी ह कसी माहमदक अहभवयहि ह नना परदसी स लग क भय बरबाद हबगरक नना मोर सर हसपाही कबऊ ना हार लरक ज नना बार स पाल काजर रख भरक lsquoईसरrsquo भीज गई नई सारी खोवन असआ ढरक शरगार क हवरह पि का परहिहनहातव करिी यह फाग ईसरी और उनकी परहमका रजऊ क हबछड़न की वयथा-कथा कहिी ह हबछरी सारस कसी जोरी रजो हमारी िोरी सङगसङग रह हनहस-बासर गर हलपटिी सोरी सो हो गई सपन की बाि अन हस बोल कोरी कछ हदनन को हिया अबादो हम बिा दो गोरी जबलो लागी रह lsquoईसरीrsquo आसा जी की मोरी ईसरी की य फाग शर गार क हमलन-हवरह पिो का हचिर करन क साथ-साथ हावीय क उदातत पि को भी सामन लािी ह इनम हसी-मजाक हसना-बोलना सभी कछ ह हकनि मयादहदि कही भी अशलीलिा का लश माि भी नही ह ईसरी की य फाग २८ मािी नरनर छद म रहचि ह इनम १६-१२ पर यहि का ईसरी न परी िरह पालन हकया ह सम चररानि म गर की अहाकिा ह हकनि २ लघ भी परापय ह इक फाग म ४ ५ या ६ िक पहिया हमलिी ह एक फाग की सभी पहियो म सम चररानि समान ह जबहक हवषम चररानि म लघ-गर का कोई बान नही ह

हम न गर हवीन और ख़शब ही को िोला होिा हफर िो हर पड़ गलाबो स भी हकका होिा उदाहरर क रप म समझा जाय िो एक मिदबा य भी समझा जा सकिा ह हक परमपराए हमशा पड़ या हफर पौा की िरह होिी ह और उन पर लगन वाल फल और उन फलो की ख़शबए आाहनक हवचाराारा समान यहद हम आाहनक हवचारााराओ ही को सबकछ समझ बठ ग िो य फल और ख़शबए कया आसमान स टपक ग समझन वाल इशारो को बहि जकद समझग बाय द टाइम आप इस अङक को पि रह हो ममहकन ह दहनया का एक बड़ा हहवीसा आप को होली की बराइया हगना रहा हो हम इिना ही हनवदन कर ग हक ldquoसपrdquo की िरह-िरह सार-सार को गह और थोथ को उड़ा फ क नीर-िीर-हववक हम सब की ामहनयो म यगो-यगो स परवाहमान ह अपन हववक का सदपयोग करि हय अचछी बािो को आग बिाए हमठाइयो क कारोबाररयो दवारा परोस जा रह अशि माल स परहि करि वक़ि याद रह हक कडबरी भी कोई अमि नही ह हर गली क नककड़ पर रङग हपचकारी वग़रह बचन वाल हमार कटीर उदयोग क खवनहार ह आप सभी को सपररवार होली की शभ-कामनाए

खहशयो का वीवागि कर हर आगन हर दवार| कछ ऐसा हो इस बरस होली का तयौहार||

होली हवषयक और भी सामरी मसलन छद ग़िल हजल नज़म कहविा गीि-नवगीि रहसया आलख कहानी कथा वग़रह पिन क हलय यहा हकलक कर

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फगनाहट स जाग उठी ह जग म होली

रग पलाशो स लकर जन

हए रगील साथ फब रह लाल हर

कसररया पील सख को मह हचिा रह रग

गील हसकर भग चिा पकवान हो गए

और रसील

हपचकारी पर हफदा हो रही कोरी चोली

फगनाहट स जाग उठी ह जग म होली

मौसम बदला नमद हवा न पाव पसार

खार जल क िाल हो गए मीठ सार

चस-चस कर आम कोहकला सर म कहकी

आए हमलन गल िमी स चाद हसिार

हररयारो स होड़ ल रह

ढम-ढम ढोली फगनाहट स जाग उठी ह

जग म होली

शहरो म डीज गावो म बजिी पजन

दश हो हक परदसपवद की

एक वही ान खिो म सरसो हखलिी

उदयानो कहलया कर कर म रस भर दिा

सखदाई फागन

आिा सग ामाल शगन की भरकर झोली

फगनाहट स जाग उठी ह जग म होली

------------ सार छद

रग हदवस फागन क

छनन पकया छनन पकया उड़ रग क बादल पीि गलाबी लाल हआ ह वसारा का आचल

छनन पकया छनन पकया यह ऋि सबको भाई भवरो की मनहार दखकर कली-कली इिराई

छनन पकया छनन पकया गमी घटाए िम की दख रही ह जलिी होली जाग राि पनम की

छनन पकया छनन पकया वन पलाश हफर दहक

रग सनहरा दख गगन म उड़ि पाखी बहक

छनन पकया छनन पकया हफर आम बौराया मोर कोहकला न बागो को सर म गीि सनाया

छनन पकया छनन पकया दखा दशय हवहगम

हपचकारी भर खग-मग लाए रग घोलकर अनपम

छनन पकया छनन पकया हई खब हखलवाई जब सहखयो न भग हमलाकर ठडई घोट हपलाई

छनन पकया छनन पकया गाए गीि शगन क

बार-बार जीवन म आए रग हदवस फागन क

अनिजादल पर lsquoछनन-पकयाrsquo को हमलोगो क बीच समभवि भाई योगराज परभाकर जी ल कर आय रामीर अञचल का साहननधय हजन लोगो को नसीब हआ हो वह जानि होग हक lsquoछनन पकयाrsquo या इस िरह क अनय िहकया कलामो क साथ हमार लोक-साहहतय म अपररहमि रचनाए हई ह और उन म स लगभग 99 अब लपत भी हो चली ह हम जसो को बावला कहन वालो का हम इसहलय बरा नही मानि चहक इस िरह की बािो को विदमान समय नोवीटाहकजया क नाम स जानिा ह याद आिा ह हम लोगो क बचपन म हवजञापन वाल हम बिाि थ हक नमक स दािन करन पर दाि ख़राब हो जाि ह और वही हवजञापन वाल अब हमार बचचो स पछ रह ह हक आप क टट-पवीट म नमक ह हक नही याहन आहख़रकार य लोग हमारी भोर को ख़चो क साथ शर करन म सफल हो ही गय ख़र समय न कब हकस की सनी ह जो हम लोगो ही की सनगा चहलय अब उस फरसहिया जी क सटायर स लतरनदोि हआ जाय -

ldquoएक रसबहकय की डायरीrdquo ndash अनप शकल उरद ररसहिया आजकल रसबक का जमाना ह लोग कछ भी करि ह उसका वीटटस FB पर डालि ह समोसा खा रह ह बोर हो रह ह अचछा लग रहा ह झझला रह ह बलॉकअनफ़र ड

कर हदया ऐसा रील कर रह ह वसा महसस हो रहा ह कछ हो रहा ह कछ-कछ हो रहा ह कछ भी हकया जाय अगर उसको रसबक पर न डाला जाय िो लगिा ह वो काम हआ ही नही रसबक वीटटस हबन सब सन हालाहक रसबक पर लोग सब कछ कह लि ह लहकन हरर भी बहि कछ रह जािा ह हजस शरारि क मार लोग साझा नही करि ऐस लोग अपन मन क भाव अपनी डायरी म हलखि ह ऐसी ही कछ डायररया हाथ लगी उनको दखकर लगा हक हकिना कछ छट जािा ह रसबक आन स उन डायररयो म स कछ क अश यहा परवीिि ह 1आज हरर उसन अपनी परोराइल हपक बदली बवकर को पिा नही हक परोराइल बदलन स शकल नही बदल जािी मन नही था लहकन लाइक करनी पड़ी हगकटी रील हो रहा ह रसबक क चलि हकतता झठ बोलना पड़िा ह 2उसन नयी रोटो लगायी ह हवा म उड़ि हय बाल दखकर मन हकया हक हलख- य बाल नही िर सर स बची-खची अकल हनकलकर बाहर भाग रही ह लहकन हरर हलखा नही उसको य खशरहमी हो जािी हक उसक पास भी अकल ह हकसी को कयो ाोख म रखना आख मदकर फोटो लाइक कर हदया

3उसन आज हकसी को बलॉक करन की उदघोषरा नही की मन हकया पछ हक िहबयि िो ठीक ह लहकन हरर नही पछा हकसी क पसदनल मटर म कया दखल दना हजतती दर म कमट हलखग उतत म दस ठो लाइक कर लग 4हपछल दस हदन स एक ही आईडी स रसबहकग करि-करि बोर हो रह ह खराब लग रहा ह सोचा था आज पकका नई आईडी बनायग लहकन नही बनाई य कया हो रहा मझ गगहलग करना पड़गी हक ऐसी मनहवीथहि को कया कहि ह कछ इमपरहसव कहि होग िो उसको अपना वीटटस बना लग - रीहलग हडटरमाइनड 5बलॉग दख रही ह आजकल वो मई उसका वीटटस सबस पहल लाइक करिी ह घोटाल क पीछ CAG की िरह उसक वीटटस स हचपकी रहिी ह पछना पड़गा उसस चककर कया ह आजकल चट भी नही करिा लगिा ह नई आईडी स चट करनी पड़गी य भी औरो की ही िरह ह 6आज उसन हरर कतत क साथ अपना रोट लगाया ह मन िो हकया मनका गााी को हलख द हक दहखय आपक रहि जानवरो क साथ हकतता िो अनयाय हो रहा ह लहकन हरर छोड़ हदया कमट हकया - (कतत का) रोटो बहि अचछा लग रहा ह बरकट क अदर वाली बाि मन म कही ही ही ही ही smile emoticon smile emoticon smile emoticon

7आजकल हजस दखो कहविा हलखन म लगा ह हकिना िो करर हो गय ह लोग शबदो क साथ अतयाचार दखकर मन दखी हो जािा ह कछ शबदो स बाि हई बचार कह रह थ -पिा होिा हक हमार साथ इतता बरहम सलक होगा िो हम हडकशनरी स भाग जाि रीहलग helliphelliphellip (खाली जगह रीिा स पछ कर भरगी उसको य सब अचछा आिा ह हक कब कस रील होना चाहहय ) 8िीन हदन स दषट न हकलो नही बोला सोचिा ह म पहल बोल माई रट मर पाच हजार दोवीि ह िीन हजार िीस रालोवर उस बवकर क िीन सौ इकवावन दोवीि गवीसा आ गया उसक वीटटस पर (हजसको पहल लाइक हकया था) जाकर वीटटस को सकड़ो बार हडसलाइकलाइक हकया वीटटस को हझझोड़ कर रख हदया कल रील हआ हरर वीटटस लगाया- भटटा चबा रह ह ठड़ा पीि हय smile emoticon

9कछ भाई लोग िो जञान की बाि इतती बवकरी स करि ह हक मन करिा ह एक उननाव क डौहडया गाव म खदाई क हलय लगी एक ठो जसीबी इनक हदमाग म भी लगा द सारी अकल का मलबा हनकाल क हदमाग को खाली कर द लहकन हरर लगिा ह कड़ा कड़दान म ही रह िो अचछा जमीन पर काह को रलाया जाय 10आज मड की भी छटटी थी छटटी मिलब सड समझकर मन टीना को सड वाली आईडी स हकलो बोल हदया वो घट भर िक मह रलाय रही िरह-िरह क बवकरी क आइकान भज कर उसको मनाना पड़ा य लड़हकया भी हकतती चजी होिी ह यार मन िो हकया हक वीटटस लगाऊ -टाहकग ट रल रीहलग इरीटटड लहकन हरर लगा वो समझ जायगी िो वीटटस लगाया- एनजवाइग सड रीहलग रट

11दोवीि बिा रहा था हक वो आजकल बहि वयवीि ह दो आईडी बनाई ह उसन दोनो पराानमहियो की िरर स रसबक पर जग लड़िा ह एक आईडी हकसी क हखलार वीटटस हलखिा ह दसरी स उसक हखलार िकद घट दो घट एक वीटटस पर कशिी लड़न क बाद अगला वीटटस लगा दिा ह बिा रहा था पराानमिी कोई बन उसका चमचा-इन-चीर बनना पकका ह राजयमिी क दज की आशा ह मन हकया उसको कह rsquoशखहचकली कही कrsquo लहकन rsquoरटrsquo कहक बॉय कह हदया वीटटस सटाया- रीहलग ररलकड 12भाईसाहब न बहि हदन स कोई वीटटस अपडट नही हकया आज एक लड़क को रसलाकर लगभग जबररयन समोसा हखला रह ह पकका दस हमनट क अदर वीटटस लगायग- आज एक भख को भोजन कराया सिषट महसस कर रहा ह म सोच रहा ह हक म कमट करगा ndash कया अजब पाखड ह लहकन मझ पिा ह हक म हकसी को हटद नही कर सकिा राइनली हदल पर पतथर रखकर हलखगा- मानविा की सचची सवा 13आज शाम एक फ़र ड का रोन आया कहा आज हकसी स रसबक बरकअप नही हआ िहबयि घबरा रही ह रीहलग लो मन कहा िो म कया कर िो उसन कहा यार ि ही मझस लवर बनकर बाि कर ल आईडीपासवडद भजा ह िरी मल म मन कहा -मझ इस सब झमल म नही पड़ना उसन हरर दोवीिी की कसम दी िो मझ दया आ गयी मन कहा अचछा चल लाग इन करि ह मरी हकवीमि अचछी लाइट चली गयी थी मन उसको एसएमएस हकया उसका जबाब आया -कोई नही मन खद दो बराउजर स चट करक बरक अप कर हलया िझ हहचहकचाहट हो रही थी अचछ स हो भी नही पािा िर स नाऊ रीहलग ररलकवीड मन वीटटस लगाया- कस-कस रस ह रसबक क रीहलग सरपराइजड ऐसी न जान हकिनी बाि डायरी म हलखी हई ह सबको यहा हलखना ठीक नही ह नमन बिा हदय आप अनदाजा लगाइय हक और कया-कया हलखा होगा डायररयो म आप भी रसबक डायरी हलखि हो िो शयर कररय अपन हवचार कोई हहचहकचाहट हो िो अनाम नाम स मझ भज दीहजय हम छाप दग आया न मिा और पिना चाहि ह इन को ठीक ह थोड़ी दर बाद पहल कछ और रचनााहमदयो को भी पि हलया जाय

डॉ (सशरी) शरद हसह

हदलो म रग भर द पयार का हफर इस दरा होली हक मौका द ही द दीदार का हफर इस दरा होली

न हशक़वा हो न कोई हो हगला इक-दसर क सग हमटा द दाग़ हर िक़रार का हफर इस दरा होली

ग़मो को दर सरका द खशी को साथ ल आय

रख माहौल बस इकरार का हफर इस दरा होली

महबबि की हसफाररश हो महबबि की इबादि हो रह तयोहार इक इसरार का हफर इस दरा होली

य होली म सभी क साथ होन का मिा आए

लग हर शख़स जयो पररवार का हफर इस दरा होली

सशीला हशवरार

कहा गए वो चग-डर अपनापन अनराग गीिो की रसाार हबन हकिना सना राग

ढोल-चग की गज पर मन उठिा था झम अब गहलया सनी हई कहा गई वो ाम

मवीिो की टोली नही नही वीवाग क रग बस टीवी म रह गया होली का हड़दग

रग हरिा म छा गए नील-पील-लाल

म हबरहन सखी रही मझको यही मलाल

मोहन अब रगि नही रााा िर गाल कलयग ह द वापर नही दहनया कर सवाल

सग अबीर-गलाल क मला कौन-सा रग लोग कह म बावरी जग स हई हनसग

सावररय क रग-सा हमला न दजा कोय िन लाग जो सावरा हर हदन होली होय

उसन य दखा मझ हई शमद स लाल

हसरि हदल म रह गई मलिी खब गलाल

ामनर कमार lsquoसजजनrsquo

िर भर चिकर जो हमट रग बड़ा बकार साि जनम िक साथ द वही रग िन डार

बदन रगा िो कया हकया मन को रग ल यार

मौका भी दवीिर भी होली का तयोहार

रगो क सग घोलकर कछ टट सवाद ऐसी होली खहलए बरसो आए याद

जाकर य सब स हमलो जस हमलि रग

कवल हपरयजन ही नही दशमन भी हो दग

रग सभी फीक पड़ जब आई मख लाज इन गालो क रग स आओ रग द आज

सख रगो स करो सिरगी ससार

पानी की हर बद को रखो सरहिि यार

फागन न आकर कहा अपन हदल का हाल गोरा मखड़ा ाप का हआ शमद स लाल

रग न हो िो परम भी रग दिा ससार परम न हो िो वयथद ह रगो का अबार

िझको रगन थी चली पीली पीली ाप गोरा िन छकर हई उजली उजली ाप

आखो आखो म चल सार रग गलाल

अपनी होली चल रही य ही सालो साल

ओबामा जी अगर हलकन हिदा होि िो

सजीव हनगम

सबह सबह चचचा अपन घर रपी िोप नली स गोल की िरह जो छट िो सीा हमार घर म आकर रट उनक हाथ म सबह का अखबार था और मह स दनादन ऐस शबद हनकल रह थ हजनह सन कर पहलस वाल भी शहमिदगी महसस करन लग ऐसी िबरदवीि गोलाबारी क सामन पड़ना अपन खद क अहिम सवीकार का इििाम करना जसा ही था इसहलए हम हाथ म सरद रमाल थाम उनक शाहबदक रप स ठडा होन की राह दखन लग थोड़ी दर बाद वह शभ घड़ी भी आ गयी और व उस अकसहशयन की िरह स शाि होकर बठ गए जो घर आय महमान पर भौक भौक कर थक गया हो मन हहममि करक पछा चचचा आप िो ओबामा की िरह स सभय आदमी थ य अचानक ओसामा कस बन गए यह सनि ही चचचा हफर स पाहकवीिानी फौहजयो की िरह स हबना कारर फायररग करन लग बोल नाम मि लो उस ओबामा का मर सामन जब अभी भारि आया था िो कया कया अरमान दख थ मन उसकी और अपनी दोवीिी क यह सोच सोच कर म हकिना खश था हक उस दोबारा यहा दख कर चीन हकिना जल रहा होगा पाहकवीिान हबलख रहा होगा यहा िक हक जब जाि जाि उसन हम हबन मागी सलाह द डाली िब भी मन उस पान क अडड पर खड़ हकसी दोवीि की चहलबािी समझ कर झल हलया था - पर उसन िो वहा जाकर भी - अमा िम अपनी िोि जसी चोच बद रखो य हम दो बड़ी हहवीियो क बीच का मामला ह उसम िम अरर जटली की िरह स बीच म घसन की कोहशश मि करो सषमा वीवराज की िरह स अलग ही रहो हम पिा ह हक उसन वहा जाकर भी हमारी िरफ इस बयान की हपचकारी मारी थी हक भारि म ााहमदक असहहषरिा इिनी बि गई ह हक यहद महातमा गााी हजदा होि िो व आहि होि - लहकन अब िो वहा भी hellip

- हा वही िो hellip बड़ा आया हम जञान दन वाला अब उसक अपन यहा ााहमदक असहहषरिा की ऐसी हरकि हो रही ह िो अब समझा ना अपन लोगो को हम जो जञान हदया था उस कॉपी पवीट करक अपन कपयटर जस दश क होम पज पर डाल न - सही कह रह ह आप पर य सब मझस कहन स कया फायदा - वो िो म भी जानिा ह िम जसा सवीि सट पहनन वाला इन सब बड़ी बड़ी बािो को कया समझगा य िो लाखो रपय का सट पहनन वालो क समझन की बाि ह - िो हफर उनह ही समझाईय न मर घर को कयो राज पथ बना कर 26 जनवरी का शहि परदशदन कर रह ह - हम यहा कोई शहि परदशदन करन नही आय ह बहकक राषर हहि म िमस एक कबादनी मागन क हलए आय ह कही गवीस म इनहोन इवीलाहमक वीटट जसा कोई आिकवादी सगठन न बना हलया हो और उसका पहला हफदायीन मझ ही बनान का न ठान हलया हो यह सोच कर मरी सास डर क मार अपन आप िोर िोर स अनलोम हवलोम करन लगी डरि डरि आवाि हनकली कसी कबादनी चचचा - हम थोड़ी दर क हलए क हलए िमहारा मोबाईल चाहहए - कयो भला - ओबामा स बाि करनी ह और उसस पछना ह हक आज अगर अबराहम हलकन हिदा होि िो व हकिना आहि होि लहकन मरी दशभहि न ही मझ मर मोबाईल क माधयम स अमररका स समबना ख़राब करन स रोक हदया मन मोबाईल म बलस न होन का कारगर बहाना बना हदया चचचा न दवादसा की िरह स अहिशय करोा स मझ घरा और हफर हकसी सचच मोबाईल ाारी दशभि की िलाश म हनकल गए

समीिा परवीर कशवा

रग लगाक ि न जा मझ रग लगाक अपन अग लगाल सावररया रhellip

पवन बसिी ि बनक सग बहा ल अपन हदल म बसा ल सावररया रhellip

फागन न जकफ खोली मदहोशी नभ म घोली

ाानी आकाश हआ ारिी भी उसकी होली

रगो स रग हमल सिरगी फल हखल पखरी लाज खोए

भवरा जो उसप डोल बाह पसार नदी क दोनो हकनार

इकदज को पकार बलम आजा रसावररया रhellip

लरज कपोल लाल सया रग गलाल भावभरा रग घला

िन मन हए सब लाल सजना क सग सखी

ऐस म रग रगी खद स ही परीि हई खद स ही जग हई

परीि लगाक अपनी नीद गवा क सजन सग बन गई म िो बावररया र सावररया रhellip

कावय करन को चल ह हम भरािा सच पछौ िौ हम कछ नही आिा 01

हफर ह हमन बहि िहनक लगाई

झट सो यो एक यहि बझ आई 02

एक शबद ह िाक अनक हवकार इनकौ कीज िजद- बनद वयवहार03

शबद-हवकार प पन-पन करौ परहार

ठोको- ठासौ और नक लउ हनहार 04

जस-जस शबद वीव- पकार सनाव िस-िस कावय पहि बन आव 05

अब िौ भईया हम ह कहव कहाए

मन ही मन यो मवीि मोद मनाए 06

एक हदन जमौ बड़ौ कावय वयापार कहव-कल कौ कछ कह आर न पार07

सब न अपन-अपन जब पाठ हकय

शरगार हावीय वीर रस क ठाट हकय08

अलकारन क अदभि उपयोग हकय वकरोहिन क हवलिर परयोग हकय09

छनदन सौ अनठ स अनबना हकय

चमतकहि क अतयि सपरबना हकय10

हमन ह हहममि अपनी नक न हारी कावय म कावय की यहि कह डारी11

अब हनरदय कौ अवसर जयो आयौ

हमरौ नाम उनन सवद- शरषठ सनायौ12

हलयौ पचन न हम पनः मच बलाय हदयौ टट जिन कौ एक हार हपराय13

िब व बोल मनद-वीवर य मद भाखा

नीच स आपकौ नमबर एक ह आका14

यह सब दखद दशय दखि घर-वारी घर पहचि ही वाकी हवकट सवारी15

बड़ चल हौ िम हनि कहव बनन कौ आयी न नक ह लाज या झठ रन कौ16

बालक भख घर सौ मस ह हफरि ह

टट ह पाि वसतरन क पबनद फटि ह17

मददि स हर बाररस यह छतत चआनी बस अब की बार ह सच फशद प आनी18

कहव-जन एक बाि म कहौ सहवचारी

मानौ न मानौ हौ अब आप अहाकारी19

रोजी-रोटी जब लौ नही हसि जगाड़ी कहव नही कबह कहव ननद अनाड़ी 20

- एन एल चिवदी नगीना उरद lsquoननदrsquo

साहहतयम पर आप लोग जो रसील और चटील वयङयालखो का रसावीवादन करि ह उस का हजममा भाई कमलश पाणडय जी न उठाया हआ ह कहन की आवशयकिा नही हक साहहतयम का कल कामकाज वीवहचछक और अविहनक ह आज क दौर म ऐस साहथयो का हमलना सौभाय ही कहा जायगा वस भी पसा सब कछ खरीद सकिा ह मगर समपदर की भावना नही कमलश जी वीवय भी एक बहिरीन वयङयकार ह कमलश जी क सटायसद की हवशषिा ldquoबारीक़ीrdquo ह आप बड़ ही हनराल अनदाि म पाठक को अपन साथ बहा ल जाि ह आइय कमलश जी क एक रसील और चटील वयङयालख का रसावीवादन करि ह-

फाहयान की हफकमी डायरी कमलश पाणडय

उस रोि फ-ची न बिाया हक भारि-भरमर पर जान स पहल वहा की कछ हफकम

दख ल िो पयादपत मागददशदन हमल सकिा ह फची कहिा ह हरकम हकसी भी समाज का दपदर होिी ह सो इनह दख लो सभव ह भारि जान की आवशयकिा ही न पड़ यही बठ-बठ भारि पर एक वहद रथ हलख सकि हो कल बािार स विदमान काल म बनी डि-दो सौ भारिीय हफकमो की सीडी क जलदवीय सवीकरर ल आया जो प-ईहचग क चोर-बािार म मोमो क एक पलट स भी सवीिी हमल गई आज परािः काल भजन-पजन क उपराि उनक अवलोकन क हलए बठ गया ह य एक नया ही ससार परिीि होिा ह फ-ची ठीक कहिा था हक चीन म फली भारि समबनाी भराहियो पर करद न ारो मझ सही मागददशदन दन वाल फ-ची को साावाद कहि हए अब आरमभ करिा ह एक आठ परहर स हनरिर भारिीय जीवन की इनरानषी छहवया दखि-दखि नि चहाया गए ह और महषिषक िो मानो हनहषकरय ही हो गया ह अभी थोड़ सरा-पान क उपराि जी

हकका हआ िो भारि- जो अब ईहनडया कहलान लगा ह ndash की आकहि कछ-कछ दहषटगोचर होन लगी ह य िो हनहिि ही ह हक इहणडया अतयि समि दश ह हफकम का नायक जो वीवय को आम-आदमी और हनादन मनषय बिािा ह एक बड़ स भवन म रहिा ह हडिाइनर परराान पहनिा ह चमकि वाहन पर यािायाि करिा ह और एक सनदरी स परम करिा ह कभी-कभी सदररयो की सखया एक स अहाक हो सकिी ह पर जब वह नतय रि होिा ह िो सदररया अनि होिी ह हजन ानाढय लोगो स उसकी शििा होिी ह उनक िो कया कहन उनकी जीवन शली चीन क समराट को भी लजा दन वाली ह वस अहाकाश हफकमो म नायक पहलस अहाकारी ह ऐसा परिीि होिा ह हक इहडया म सभी पहलस अहाकारी बनना चाहि ह हजसका कारर यही मालम होिा ह हक उनक घर और ठाट-बाट राजाओ स परहिवीपााद करि दीखि ह इसस िो यही लगिा ह हक इहडया म अब सवदहारा कोई नही बचा दो आम आदमी पर आााररि एक हफकम का अवलोकन करन क बाद इस हनषकषद पर जा पहचा ह हक इहडया क आम-आदमी सर-सपाट क शौकीन होि ह और परायः अपनी परहमका क साथ मनोरम वीथलो पर भरमरशील रहि ह उसकी परहमका वीवय को अतयि हनादन बिािी ह जो उसक अतयकप वसतरो को दख कर िो सतय परिीि होिा ह परनि जब उसक आभषरो और चरर पादका पर दहषट जािी ह िो थोड़ा सदह भी उतपनन होिा ह परायः य लोग कही आकाश स परसाररि होि सगीि पर गायन करन लगि ह िो हर बदलि लय क साथ वसतर वीथल और वाहनाहद बदल दि ह समहि का िब चरमोतकषद हदखिा ह जब य लोग गीि का हर अिरा हकसी अनय दश की भहम पर गाि ह और पलक झपकि ही उनह वहा पहचा दन वाला वाहन कही नही हदखिा हनिय ही वहा का हवजञान अभिपवद परगहि कर चका ह सभव ह वहा हर आम आदमी क पास अपना हनजी वाययान हो िीन आम आदमी की मोहक छहवयो वाल दशयो को दखि जी ही नही भरिा यह भी जञाि हआ हक इहडया एक अतयि सनदर दश ह जहा एक ही वीथल पर समर हहमाचछाहदि पवदि रहगवीिान और झरन ह कई एक वीथल िो ह-ब-ह हवीवटिरलड नामक दश क सामान ह य भी समभव ह हक आम आदमी क भरमर-लाभ हि इहडया म ही कही-कही यरोप-अमरीका आहद महादशो की परहिकहि रच ली गई ह गीिो क दशयो म िो य बाि एक दम हसि हो जािी ह जस ही नायक-नाहयका गायन परारमभ करि ह ढर-सारी सदररया नाचिी-गािी उनकी सगि करन आ जािी ह य भी वसतरो की दहषट स अतयि हनादन लगिी ह परनि हवीथहि पर गौर करन स वीपषट हो जािा ह हक ऐसा नही ह कया समरिट पर सट पहन कर जाया जािा ह या हक राहि-कलबो म बकाद ओि कर इसस य भी वीपषट ह हक इहडया म नाररयो को इचछा-नसार पहनन-ओढन घमन-हफरन नाचन-गान की वीविििा ह चार फची गलि कहिा ह हक इहडया म बहि गरीबी ह उस ऐसा कछ हरकम ही दखकर लगा था उसकी सलाह पर आज ऐसी कछ हरकम दखी इनम टट-फट घरो म कछ हभिक-परकार क पराहरयो का जीवन हदखाया गया था सकषम दहषट डालन पर इन बहवीियो क पीछ खड़ हवशाल महल हदख जाि थ जहा स कछ आम आदमी आकर इन बहवीियो को हगराना चाहि हदखाए गए थ पर उनका उदशय इन झोपहड़यो की जगह महल बना कर पर इहणडया को एकाकार कर दना था समयाभाव म इनका बनाना हदखाया नही जा सका एक राजनिा न बिाया हक गरीबी को परचाररि करन क पीछ हवरोाी राजनीहिक दलो का दषपरचार ह जो मझ सो सतय लगा मझ िो इसम

चीन का हवीि होन की भी समभावना हदखी कयोहक ऎसी एक हफकम म हनादन लोग बार-बार माओ का नाम ल रह थ पाच ऐसा परिीि होिा ह हक इहडया म सभय लोगो की भाषा हहनदी ह य भाषा अरजी क शबदो और वीथानीय भाषा क कारको स बनी ह हबना पि-हलख लोग कई वीथानीय भाषाए बोलि ह परायः लोग कवल अरिी भी बोलि पाए जाि ह पर आम िौर पर अरिी क दो एक वाकयो क बाद हहनदी पर उिर आन की परवहतत ह नाहयकाए और हसतरया अरिी बोलना पसद करिी ह पर जब वो हहनदी बोलिी ह िो भी धवहन अरिी-सी ही आिी ह ऐसा परिीि होिा ह हक उनह भाषा की दीिा मलिः अरिी म हमली ह और हहनदी उनहोन हकसी हहनदी हफकम म काम करन क उददशय स सीखी ह गान अहपि हहनदी म ही गाय जाि ह पर वहा और भी कई भाषाओ का मल हदख पड़िा ह एक गीि िो ऐसा था हजसम बड़-बड़ नगाड़ो की िाल पर पजाबी नामक भाषा म बहि सारी अरिी और थोड़ी हहनदी हमलाई गयी थी ऐस कछ गीिो क रचहयिा कोई lsquoयो योrsquo नामक महाकहव ह जो अपन गीिो म यवाओ को कम महदरा या मादक पदाथो क सवन करन जस सावीकाररक सदश दि रहि ह इन गीिो क भावाथद जो भी हो इसम कनयाओ का नतय अदभि ह- शबदो को समझ हबना ही सभी अथद वीपषट हो जाि ह छह आज दहिर इहडया की कछ हरकम दख कर पिा चला हक इहणडया क इस भखड म परष अहि-शहिशाली और नाररया खब भरी-परी होिी ह नायक िो इिना चपल होिा ह हक चशमा हसगरट या हपवीिौल जस उपकरर पलक झपकि ही अपन शरीर क हवहवा हहवीसो पर अिररि कर लिा ह इस नायक क एक आघाि स खलनायक कई पलो िक वायमडल म गोि खािा ह और कभी-कभी िो आकाश म ही हवलीन हो जािा ह उार नाररया रग-हबरग कलशो और इनरानषी आकहियो क बीच मादक नतय करिी रहिी ह वहा का एक नायक िो सवद-शहिमान ईशवर क समकि ह उसकी शहियो क हवषय म अनक हकवदहिया परचहलि ह जो फ-ची क अनसार रजनी-जोकस नामक रथ म सगहीि ह साि कछ राजनीहिक हरकम दख कर ऐसा परिीि हआ हक इहणडया म सभी निाओ की अपराा करन-करान म गहरी रहच ह परायः समाज म खलनायक निा ही होिा ह य लोग सरा-सदररयो हहथयारो सनदर परासादो और चमकि वाहनो क बीच ही रहना पसद करि ह आवशयकिा पड़न या न पड़न हकसी भी हवीथहि म हकसी की हततया कर दना इनक वाम-हवीि का कमद ह बलातकार हि इनह यो िो सभी हकवीम की नाररया पसद ह पर नायक की बहन या परहमका पर हवशष कपा रखि ह ऐसा लगिा ह हक इनकी हदनचयाद हकसी षडयि स आरमभ होकर हकसी हततया पर समापत होिी ह इनक अगरिक चीनी यि कला म हसिहवीि होि ह और अवसर पाि ही सााारर मानवो पर ईया-ऊआ करि टट पड़ि ह एक राजनिा की कररिा दख कर िो मरा हघघघी नामक अग बा ही गया इहडया म इनही अहिमानवो म स जनपरहिहनहा चनन का परावाान मालम होिा ह चन हलए जान क बाद य परायः शवि वसतर ाारर करि ह और सभाओ म भाषर दि हफरि ह पर अििः अपराा क सभी सि उनस ही जड़ होि ह चनाव एक रोचक अवसर होिा ह जब ढर सार वाहनो म लोग रग हबरगी झहडयो क साथ नारा लगाि घमि ह आठ इहडया का य रग दख कर िो दग रह गया ह एक मदान म लाल पील हार नील िातपयद य की सभी परकार क रगो स सराबोर हिारो मनषय एक साथ नतय कर रह ह सबक

वसतर शवि ह िाहक रगो की छाप गहरी उभर गाज-बाज क साथ एक समह गीि गाया जा रहा ह हजसम गोररयो की चोली पर रग डालन की परररा दी जा रही ह चनररया को हभगोन पर हवशष जोर ह सदररया परषो स जोड़ बना कर मादक नतय कर रही ह रग जो ह उड़ भी रह ह बौछार बन कर बरस रह ह और चहरो पर पोि भी जा रह ह इहडया की इस रगीन छहव को दख कर हपछली सारी छहवया ााली हो गई ह ऐसा परिीि हो रहा ह हक मानो परा दश एक ही रग म रगा ह भल ही वह हिारो रगो म वयि हो रहा हो पिा चला ह हक य एक तयौहार ह हजस होली कहि ह एक हदन पहल इहडया क लोग होहलका जलाि ह हजसम अपनी बराईयो की आहहि डालि ह मन भी आज इहडया की बरी छहव बनान वाली हपछली हफकमो की सीडी एकि कर उनकी होहलका जला दी और उसकी राख इन बरगलान वाली हरकम दखन की सलाह दन वाल फ-ची क मह पर मल आया आज इहणडया की यािा की ियारी परी कर ली ह दो हदनो क पिाि होली ह उस दख हबना इहडया की यािा कस समपरद होगी य ह कमलश पाणडय जी और य ह उन का अनोखा वाला रङग जो मझ बहद पसनद ह इस आहटदकल को चाह िो माि मनोरञजन क हलय भी पिा जा सकिा ह और अगर कोई वयहि समय हनकाल कर इस की थाह को नापना चाह िो नपप भी सकिा ह कमलश भाई जी क एक हमि ह हवनोद हमशर हवनोद जी ररसणटली बरसाना हो कर आय ह हवनोद जी न साहहतयम क हलय बरसान की होली की दो बहि ही सनदर-सनदर िवीवीर भजी ह हवनोद जी का बहि-बहि आभार य ह वह दो िवीवीर -

डा वी क भकला

हजजजा सग होली

लगा कर भोग महावीर को और चिा कर फल बिीसा बड़ भहिभाव स पि रह थ हम िो हनमान चाहलसा महावीर जब नाम सनाव

भि हपचास हनकट नही आव िभी मरी साहलया आ कर बोली खलग हम जीजजा सग होली और मरी हसटटीहपटटी गम होली कािर वीवर म हमन पकारा

ह हनमि अब िरा सहारा सन पकार मरी हनमानजी धयान म आए

और मझस य ररमाए वतस म िो ठहरा बाल बरहमचारी

कस हर म हवपदा िमहारी इस लरड़ म मझ न लाओ

िमहारी घहटया ह िमही बजाओ पड़ा सकट मोचन नाम भी झठा हदखा गए हनमानजी भी अगठा

मरी साहलओ न जी भर की मरी पिाई दिा रहा हाए म दहाई

िभी शरीमिी जी बाहर स आई मझ दखि ही हचलाई

अजी सनि हो जरा बाहर आओ कोई लरगा घर म घस आया ह

उस मार कर बाहर भगाओ ाीर स मन खखारा

अरी भागवान य म ह पहि िमहारा िो शरीमिी जी िनक कर बोली

वाह मर छला बहि भाए हो सबह सबह कहो हकसस

मह काला करवा कर आए हो मन अपनी करर गाथा उस सनाई

िो शरीमिी जी हभननाई और अपनी बहनो को आवाि लगाई

कया मरा ही पहि हमला था मह काला करन क हलए

िो वो बहयाई स बोली दीदी अगली होली म

िम हमार पहियो का मह काला कर दना िमहारा सारा हशकवा हमट जाएगा हहसाब एक दम बरोबर हो जाएगा

हमन कछ वि क हलए बाहर हनकलना बद कर ह

यह सोच कर हक अगर हकसी न पछा हक िमहारा मह हकसन काला हकया

िो कया जवाब दगा

हवजनर शमाद

सरहद स आया नही होली पर कय लाल मा की आख रग स करिी रही सवाल

आखो को भी ह हगला कर हशकायि गाल बरी ख़द आया नही हभजवा हदया गलाल

कौन बजाव फाग प ढोल नगाड़ चग चारो िरर उदाहसया गायब हई उमग

मौक़ा था पर यार न डाला नही गलाल

मरझाय स ही रह मर दोनो गाल

हरि म थ यार सब दशमन भी था दग मन उसक गाल पर लगा हदया जब रग

इििार क रग म गयी बावरी डब होली पर इसबार भी आया ना महबब

और अब ररसहिया जी का एक और ाास सटायर ाास इसहलय हक समझ म नही आ रहा हक इनह खाङरसी कहा जाय हक हफर भीजफी बाला

आजकल बचार कालान की मरन ह कोई भी घपला होिा ह काल ान पर िोहमि लगिी ह बलक मनी की थ-थ होिी ह जस निा चमच क हबना महनि चल क हबना आईपीएल हरहकसग क हबना

अारा लगिा ह वस ही कोई भी घपला काल ान की चचाद क हबना अारा लगिा ह घपला अगर कोई

आाहनक जहटल कहविा ह िो काला ान उसका आम जनिा की समझ म आन वाला सरल अनवाद ह घोटाला यहद कोई अबझ हसिाि ह िो काला ान उसकी सहज टीका ह जस पाहटदया चद क हबना निा लफ़राजी क हबना लखक अपनी उपिा का रोना रोय हबना नही रह पािा वस ही दहनया का कोई भी बड़ा ानाा हबना काल ान क नही पनप सकिा दहनया म हजिन भी मजबि ाना ह चाह वह हहथयार का हो ामद का हो या हरर हशिा का ही कयो न हो सबकी बहनयाद म काल ान की सीमनट लगी ह काला ान न हो िो हवीवस बक रवीस बक होकर रह जाय अपन दश म हपछल बीस सालो म हजतता हवकास हआ ह काला ान उसस कई गना जयादा बिा ह गहरि की भाषा म कह िो हकसी भी आाहनक समाज का हवकास उस समाज म मौजद कालान की मािा का समानपािी होिा ह इस सबक बावजद कालान को लोग इजजि की हनगाह स नही दखि कालाान कमान वाला िक खलआम उसकी आलोचना ही करिा ह राजनीहिजञ चनाव भल काल ान क सहार लड़ लहकन सावदजहनक रप स कालान की ऐसी बराई करि ह जस वामपथी दहिरपहथयो की करि ह अमररकी कयबा की करि ह पाहकवीिान वाल भारि की करि िरह ह अपन परहि दहनया का यह दवदातमक इजजिवाद दखकर बचार कालान क हदल पर कया बीििी होगी दहनया क ाोख को दखकर उसका मन भी हजया खान की िरह लटककर हनपट जान का करिा होगा उसका भी मन करिा होगा हक सरकारी गवाह बन जाय और सबकी पोल खोल द हक कस िमाम लोगो स उसक अिरग सबा रह कस लोगो न उसका सहारा हलया आग बि और सहारा हलया लहकन जब सरलिा क हकवीस सनान की बारी आयी िो शरय अपनी महनि लगन और बहि को हदया कालान क योगदान की सरासर उपिा कर दी यह वसा ही ह हक हकसी दश क इहिहास म राजा राहनयो क हकवीस हलख जाय लहकन महनिकश जनिा की कहानी गोलकर दी जाय लहकन हरर कालाान शायद यह सोचकर चप रह जािा होगा हक अपरााी कोई भी हो लहकन बराई उसी की होनी ह बइजजिी िो उसी की खराब होनी ह इसक बाद शायद वह यह सोचकर चपचाप अपनी करििो म जट जािा होगा हक आजनही िो कल उसको वह इजजि अवशय हमलगी हजसका वह हकदार ह उसको भी खल आम उिनी ही वीवीकायदिा हमलगी हजिनी की आज समाज म जाहिवाद सकीरदिा भाई भिीजावाद भायवाद और काहहली को हमली ह काला ान सोचिा होगा- जस बाहकयो क हदन बहर कया पिा वस ही उसक भी बहर

और साहथयो चलि-चलि अपनी जड़ो की ओर - बरहमलीन सनि कहव हशवदीन राम (जोशी) की सनि-वारी आप ही क आधयाहतमक हशषय आदररीय शरी हकशोर पारीक [खणडला] जी क सौजनय स

गोकल व बरसान की नार बजाय-बजाय बजा रही िारी अर वनदावन की बनी व बनी बनक ठनक अरी द रही गारी

शयाम को शयामा सजाय सजी अहो और गलाल लगावि पयारी हशवदीन व जोरी स जोरी हमलीबरज खलि होरी ह बाक हबहारी

मगल समगल सदा ही आननद रह नदलाल

ि गलाल डार दख सखी आ रही राा मिवाली आली चाली रग डारन को

गोहपया हनराली गाली शयाम को सना रही सन-सन क शयामलाल सग-सग गवाल बाल

बाजि मदग िाल राा जी गा रही कहिा हशवदीन लाल ऐसी गलाल उड़ी

बादर बन लाल लाली चह ओर छा रही

बरज वनदावन ााम रग स रगा रगीला हरा मोहिया लाल रग ह पयारा पीला

ाम ााम स खल खल रह होरी दखो शयामा शयाम सजान और सग गोरी दखो

चह ओर हपचकाररया रग-रग की ाार हशवदीन सरस रस रहसक जन पीव करर-करर पयार

राम गर गायर

भारि की लोक समपदा फागन की फाग - आचायद सजीव वमाद सहलल भारि हवहवावरी लोक सवीकहि स सपनन- समि परमपराओ का दश ह इन परमपराओ म स एक लोकगीिो की ह ऋि पररविदन पर उतसवामी भारिीय जन-

मानस गायन-वादन और निदन की हिवरी परवाहहि कर आनहदि होि ह फागन वषािि िथा चि वषादरमभ क साथ-साथ फसलो क पकन क समय क सचक भी ह दहिरायनी सयद जस ही मकर राहश म परवश कर उततरायरी होि ह इस महादवीप म हदन की लमबाई और िापमान दोनो की वहि होन की लोकमानयिा ह सयद पजन गड़-हिल स हनहमदि पकवाननो का सवन और पिगबाजी क माधयम स गगनचमबी लोकानद की अहभवयहि सवदि दखी जा सकिी हमकर सकराहि हखचड़ी बसाखी पोगल आहद हवहवा नामो स यह लोकपवद सकल दश म मनाया जािा ह पवदराज होली स ही मधयोततर भारि म फागो की बयार बहन लगिी ह बदलखड म फाग बजभहम म नटनागर की लीलाए हचहिि करि रहसया और बााई गीि अवा म राम-हसया की जगल जोड़ी की होली-करीड़ा जन सामानय स लकर हवहशषट जनो िक को रसानद म आपादमवीिक डबा दि ह राम अवा स हनकाकर बदली माटी पर अपनी लीलाओ को हववीिार दि हए लमब समय िक हवचरि रह इसहलए बदली मानस उनस एकाकार होकर हर पवद-तयौहार पर ही नही हर हदन उनह याद कर जय राम जी की कहिा ह कषर का नागो स सघषद और पाडवो का अजञािवास नमददाचली बनदल भहम पर हआ गौरा-बौरा िो बदलखड क अपन ह हशवजा हशवातमजा हशवसिा हशवहपरया हशव वीवदोभवा आहद सजञाओ स समबोहाि आननददाहयनी नमददा िट पर बमबहलयो क साथ-साथ हशव-हशवा की लीलाओ स यि फाग गयी जाना वीवाभाहवक ह बदली फागो क एकछि समराट ह लोककहव ईसरी ईसरी न अपनी परहमका रजउ को अपन कहितव म अमर कर हदया ईसरी न फागो की एक हवहशषट शली चौघहड़या फाग को जनम हदया हम अपनी फाग चचाद चौघहड़या फागो स ही आरमभ करि ह ईसरी न अपनी पराकि परहिभा स रामीर मानव मन क उचवासो को सर-िाल क साथ समहनवि कर उपहिि और अनचीनही लोक भावनाओ को इन फागो म हपरोया ह रसराज शर गार क सयोग और हवयोग दोनो पि इन फागो म अदभि माायद क साथ वहरदि ह सदयवीनािा यविी की कशराहश पर मा ईसरी गा उठि ह ईसरी रााा जी क कानो म झल रह िरकला को उन दो िारो की िरह बिाि ह जो रााा जी क मख चनर क सौदयद क आग फीक फड़ गए ह कानन डल राहाका जी क लग िरकला नीक आनदकद चद क ऊपर िो िारागर फीक ईसरी की आराधया राहाका जी सदरी होन क साथ-साथ दीनो-दहखयो क दखहिाद भी ह मय बल राि राहाका जी को कर आसरा की कौ दीनदयाल दीन दःख दखन हजनको मख ह नीकौ पहटया कौन सगर न पारी लगी दहिन पयारी रचक घटी-बड़ी ह नया सास कसी ढारी िन रई आन सीस क ऊपर शयाम घटा सी कारी ईसर परार खान ज पहटया जब स िकी उघारी

कहव पछिा ह हक नाहयका की मोहक चोहटया हकस सघड़ न बनायी ह चोहटया जरा भी छोटी-बड़ी नही ह और आिी-जािी सासो की िरह हहल-डल रही ह व नाहयका क शीश क ऊपर शयामल मघो की िरह छाई ह ईसरी न जब स इस अनावतत कशराहश की सनदरिा को दखा ह उनकी जान हनकली जा रही ह ईसर की नाहयका ननो स िलवार चलािी ह दोई ननन की िरवार पयारी हफर उबार अलपान गजरान हसरोही सलमान झख मार ऐच बार मयान घघट की द काजर की ाार ईसर शयाम बरकि रहहयो अहायार उहजयार िलवार का वार िो हनकट स ही हकया जा सकिा ह नायक दर हो िो कया हकया जाए कया नाहयका उस य ही जान दगी यह िो हो ही नही सकिा नाहयका हनगाहो को बरछी स भी अहाक पन िीर बनाकर नायक का हरदय भदिी ह छट नन-बार इन खोरन हिरछी भौह मरोरन नोकदार बरछी स पन चलि करज फोरन नायक बचारा बचिा हफर रहा ह पर नाहयका उस जान दन क मड म नही ह िलवार और िीर क बाद वह अपनी काहिल हनगाहो को हपवीिौल बना लिी ह अहखया हपवीिौल सी करक मारन चाि समर क गोली बाज दरद की दार गज कर दि निर क इिन पर भी ईसरी जान हथली पर लकर नवयौवना नाहयका का गबखान करि नही अघाि जबना कड़ आय कर गहलया बला कसी कहलया ना हम दख जमि जमी म ना माली की बहगया सोन कस िबक चि ह बरछी कसी भहलया ईसर हाथ सभार ाररयो फटट न जाव गहदया लोक ईसरी की फाग-रचना क मल म उनकी परहमका रजऊ को मानिी ह रजऊ न हजस हदन गारो क साथ गल म काली काच की गररयो की लहड़यो स बन ४ छटा और हबचौली काच क मोहियो का हिदान जसा आभषर और चोली पहहनी उसक रप को दखकर दीवाना होकर हार झलन लगा ईसरी कहि ह हक रजऊ क सौदयद पर मा हए हबना कोई नही रह सकिा हजयना रजऊ न पनो गारो हरनी हजया हबरानो छटा चार हबचौली पर भर हफर गरदानो

जबनन ऊपर चोली पर लटक हार हदवानो ईसर कान बटकन नइया दख लव चह जवानो ईसरी को रजऊ की हरन (हचिवन) और हसन (हसी) नही भलिी हवशाल यौवन मिवाली चाल इकहरी पिली कमर बार की िरह िानी भौह हिरछी निर भलाय नही भलिी व निर क बार स मरन िक को ियार ह इसी बहान रजऊ एक बार उनकी ओर दख िो ल ऐसा समपदर ईसरी क अलावा और कौन कर सकिा ह हमख़ा हबसरि नही हबसारी हरन-हसन िमारी जबन हवशाल चाल मिवारी पिरी कमर इकारी भौह कमान बान स िान निर हिरीछी मारी ईसर कान हमारी कोदी िनक हर लो पयारी ईसरी क हलय रजऊ ही सवदवीव ह उनका जीवन-मरर सब कछ रजऊ ही ह व परभ-वीमरर की ही िरह रजऊ का नाम जपि हए मरन की कामना करि ह इसहलए कछ हवदवान रजऊ की सासाररक परहमका नही आदया माि शहि को उनक दवारा हदया गया समबोान मानि ह जौ जी रजऊ रजऊ क लान का काऊ स कान जौलो रहन रहि हजदगी रजऊ क हि कमान पला भोजन कर रजौआ पाछ क मोय खान रजऊ रजऊ कौ नाम ईसरी लि-लि मर जान ईसरी रहचि सहसतरो फाग चार कहड़यो (पहियो) म बाी होन क कारन चौकहड़या फाग कही जािी ह इनम सौदयद को पान क साथ-साथ पजन और उसक परहि मन-परार स समहपदि होन क आधयातमजहनि भावो की सहलला परवाहहि ह रचना हवाान य फाग ४ पहियो म हनबि ह हर पहि म २ चरर ह हवषम चरर (१ ३ ५ ७ ) म १६ िथा सम चरर (२ ४ ६ ८) म १२ मािाए ह चरराि म परायः गर मािाए ह हकनि कही-कही २ लघ मािाए भी हमलिी ह य फाग छद परभाकर क अनसार महाभागवि जािीय नर र छद म हनबि ह इस छद म खड़ी हहदी म रचनाए मर पिन म अब िक नही आयी ह ईसरी की एक फाग का खड़ी हहदी म रपािरर दहखए हकस चिरा न छोटी गथी लगिी बहद पयारी हकहचि छोटी-बड़ी न उठ-हगर रही सास सम नयारी मकट समान शीश पर शोहभि कषर मघ सी कारी हलय ल रही जान कश-छहव जब स हदखी उघारी नर र छद म एक चिषपदी दहखए

बाि बनाई हकसन कसी कौन हनभाय वाद सब सच समझ रही ह जनिा कहा फदकि पयाद राजा कौन विीर कौन हकसक बद-नक इराद हजसको चाह सहलल हजिा मि चाह उस हरा द बनदली लोकरग की सािी ईसरी की फाग सजीव बदलखड क महानिम लोककहव ईसरी क कावय म लोकजीवन क सावीकहिक साहहहतयक सामाहजक पि परी जीवनििा और रचनातमकिा क साथ उदघाहटि हए ह ईसरी का वहशषटय यह ह हक व िथाकहथि सभराििा या पाहडतय स कय भाषा शली आहद उाार नही लि व दशज रामीर लोक मकयो और परमपराओ को इिनी वीवाभाहवकिा परगाििा और अपनतव स अहकि करि ह हक उसक सममख हशषटिा-शालीनिा ओिहि सजदनाारा हवपनन परिीि होन लगिी ह उनका साहहतय पवीिकाकार रप म नही शरहि परपरा म सन-गाकर सहदयो िक जीहवि रखा गया बदलखड क जन-मन समराट महान लोककहव ईसरी की फाग गय परपरा क कारर लोक-वीमहि और लोक-मख म जीहवि रही सकलनकिाद कवर शरी दगद हसह न १९३१ स १९४१ क मधय इनका सकलन हकया शरी इलाशकर गहा न ाौराद राम (जहा ईसरी लमब समय रह थ) हनवाहसयो स सनकर फागो का सकलन हकया अपिाकि कम परचहलि हनमन फागो म ईसरी क नसहगदक कारहयिी परहिभा क साथ-साथ बनदली लोक परपरा हावीया एव शरीनगरहपरयिा क भी दशदन होि ह कषर-भि ईसरी वनदावन की माटी का महातमय कहि हए उस दविाओ क हलए भी दलदभ बिाि ह अपनी कवीन जीभ स चाटी वनदावन की माटी दरलभ भई हमली ना उनखो दई दविन डाटी हमल ना सकी अनकन हार पाव की पररपाटी पायो वीवाग काह न नइया मीठी ह की खाटी बाही रज बजबाहसन lsquoईसरrsquo हहसदारी म बाटी कदम कञज म खड़ कनहया राहगीरो को रावीिा भला दि ह इसहलए पहथक जमना की राह ही भल गय ह अथादि जमना स नही जाि हकसी को भला कर मजा लन की लोकरीि को ईसरी अचछा नही मानि और कषर को सलाह दि ह हक हकसी स अहाक हसी अचछी नही होिी आली मनमोहन क मार जमना गल हबसार जब दखो जब खडो कञज म गह कदम की डार जो कोउ भल जाि ह रवीिा बरबस आन हबगार जादा हसी नही काऊ स जा ना रीि हमार

lsquoईसरrsquo कौन चाल अब चहलए ज िौ परी पार राि भर घर स बाहर रह कषर को अपनी सफाई म कछ कहन का अवसर हमल हबना lsquoछहलयाrsquo का हखिाब दना ईसरी क ही बस की बाि ह ओइ घर जाब मरहलयाबार जहा राि रय पयार हर बाट मनइया बठी कर नन रिनार अब िौ कौनऊ काम िमारो नइया भवन हमार lsquoईसरrsquo कषर नद क छौना िम छहलया बजबार फगआ हो और रााा न खल यह कस हो सकिा ह कषर सर ह िो रााा सवा सर दोनो की लीलाओ का सजीव वरदन करि ह ईसरी मानो सािाि दख रह हो रााा न कषर की लकटी-कमररया छीन ली िो कषर न रााा क हसर स सारी खीच ली इिना ही हो िो गनीमि होली की मवीिी चरम पर हई िो रााा नटनागर बन गयी और कषर को नारी बना हदया खल फाग राहाका पयारी बज खोरन हगराारी इन भर बाह बास को टारो उन मारो हपचकारी इनन छीनी लकहट मरहलया उन छीनी हसर सारी ब िो आय नद क लाला ज बषभान दलारी अपन बनी नटनागर lsquoईसरrsquo उन बनाओ नारी अटारी क सीिी चिि घघर हनशबद हो गए फलो की सज पर बनवारी की नीद लग गयी रााा क आि ही यशोदा क अनाड़ी बट की बीन (बासरी) चोरी हो गयी कसी सहज-सरस ककपना ह चोरी गइ बीन हबहारी की जसदा क लाल अनारी की जाहमन अमल जगल क भीिर आवन भइ रााा पयारी की नपर सबद सनाक हखच रय हछहड़या चड़ि अटारी की बड़ी गलाम सज फलन की लग गइ नीद मरारी की काि lsquoईसरीrsquo घोरा प स उठा लई बनवारी की कषर रााा और गोहपयो क चगल म फस गय ह गोहपयो न अपन मनभावन कषर को पकड़कर सतरी बनान का उपकरम करन म कोई कसर नही छोड़ी कषर की बनमाला और मरली छीनकर हसर पर साड़ी उिा दी गयी रााा न उनह सभी आभषरो स सजाकर कमर म लहगा पहना हदया और सहखयो क सग फागन मनान म लीन हो गयी ह शर गार और हावीय का ऐसा जीवि शबद हचि ईसरी ही खीच सकि ह पकर गोहपन क मनभावन लागी नार बनावन छीन लई बनमाल मरहलया सारी सीस उड़ावन

सकल अभषन सज राहाका कहट लहगा पहरावन नारी भस बना क lsquoईसरrsquo फगआ लगी मगावन ईसरी परहमका स हनवदन करा रह ह हक वह अपन िीख नयनो का वार न कर हजरह-बखिर कछ न कर सक ग और दख ही दखि नयन-बार हदल क पार हो जायगा हकसी गरी वदय की औषहा भी काम नही आएगी ईसरी क दवाई िो हपरयिमा का दशदन ही ह पररय की ऐसी परगाि रसहसि अहभवयहि अपनी हमसाल आप ह नना ना मारो लग जह मरम पार हो जह बखिर हझलम कहा का लह ढाल पार कर जह औषद मर एक ना लहगह बद गनी का कह कहि lsquoईसरीrsquo सन लो पयारी दरस दबाई दह हनमन फाग म ईसरी नयनो की कथा कहि ह जो परदशी स लगकर हबगड़ गय बबादद हो गय ह य नयना अा हसपाही ह जो कभी लड़कर नही हार इनको बहि नाि स काजल की रखा भर-भरकर पाला ह हकनि य खो गए और इनस बहि आसओ स नयी की नयी सारी भीग गयी ह कसी माहमदक अहभवयहि ह नना परदसी स लग क भय बरबाद हबगरक नना मोर सर हसपाही कबऊ ना हार लरक ज नना बार स पाल काजर रख भरक lsquoईसरrsquo भीज गई नई सारी खोवन असआ ढरक शरगार क हवरह पि का परहिहनहातव करिी यह फाग ईसरी और उनकी परहमका रजऊ क हबछड़न की वयथा-कथा कहिी ह हबछरी सारस कसी जोरी रजो हमारी िोरी सङगसङग रह हनहस-बासर गर हलपटिी सोरी सो हो गई सपन की बाि अन हस बोल कोरी कछ हदनन को हिया अबादो हम बिा दो गोरी जबलो लागी रह lsquoईसरीrsquo आसा जी की मोरी ईसरी की य फाग शर गार क हमलन-हवरह पिो का हचिर करन क साथ-साथ हावीय क उदातत पि को भी सामन लािी ह इनम हसी-मजाक हसना-बोलना सभी कछ ह हकनि मयादहदि कही भी अशलीलिा का लश माि भी नही ह ईसरी की य फाग २८ मािी नरनर छद म रहचि ह इनम १६-१२ पर यहि का ईसरी न परी िरह पालन हकया ह सम चररानि म गर की अहाकिा ह हकनि २ लघ भी परापय ह इक फाग म ४ ५ या ६ िक पहिया हमलिी ह एक फाग की सभी पहियो म सम चररानि समान ह जबहक हवषम चररानि म लघ-गर का कोई बान नही ह

हम न गर हवीन और ख़शब ही को िोला होिा हफर िो हर पड़ गलाबो स भी हकका होिा उदाहरर क रप म समझा जाय िो एक मिदबा य भी समझा जा सकिा ह हक परमपराए हमशा पड़ या हफर पौा की िरह होिी ह और उन पर लगन वाल फल और उन फलो की ख़शबए आाहनक हवचाराारा समान यहद हम आाहनक हवचारााराओ ही को सबकछ समझ बठ ग िो य फल और ख़शबए कया आसमान स टपक ग समझन वाल इशारो को बहि जकद समझग बाय द टाइम आप इस अङक को पि रह हो ममहकन ह दहनया का एक बड़ा हहवीसा आप को होली की बराइया हगना रहा हो हम इिना ही हनवदन कर ग हक ldquoसपrdquo की िरह-िरह सार-सार को गह और थोथ को उड़ा फ क नीर-िीर-हववक हम सब की ामहनयो म यगो-यगो स परवाहमान ह अपन हववक का सदपयोग करि हय अचछी बािो को आग बिाए हमठाइयो क कारोबाररयो दवारा परोस जा रह अशि माल स परहि करि वक़ि याद रह हक कडबरी भी कोई अमि नही ह हर गली क नककड़ पर रङग हपचकारी वग़रह बचन वाल हमार कटीर उदयोग क खवनहार ह आप सभी को सपररवार होली की शभ-कामनाए

खहशयो का वीवागि कर हर आगन हर दवार| कछ ऐसा हो इस बरस होली का तयौहार||

होली हवषयक और भी सामरी मसलन छद ग़िल हजल नज़म कहविा गीि-नवगीि रहसया आलख कहानी कथा वग़रह पिन क हलय यहा हकलक कर

Page 14: Saahityam dec14 jan feb 15

एक वही ान खिो म सरसो हखलिी

उदयानो कहलया कर कर म रस भर दिा

सखदाई फागन

आिा सग ामाल शगन की भरकर झोली

फगनाहट स जाग उठी ह जग म होली

------------ सार छद

रग हदवस फागन क

छनन पकया छनन पकया उड़ रग क बादल पीि गलाबी लाल हआ ह वसारा का आचल

छनन पकया छनन पकया यह ऋि सबको भाई भवरो की मनहार दखकर कली-कली इिराई

छनन पकया छनन पकया गमी घटाए िम की दख रही ह जलिी होली जाग राि पनम की

छनन पकया छनन पकया वन पलाश हफर दहक

रग सनहरा दख गगन म उड़ि पाखी बहक

छनन पकया छनन पकया हफर आम बौराया मोर कोहकला न बागो को सर म गीि सनाया

छनन पकया छनन पकया दखा दशय हवहगम

हपचकारी भर खग-मग लाए रग घोलकर अनपम

छनन पकया छनन पकया हई खब हखलवाई जब सहखयो न भग हमलाकर ठडई घोट हपलाई

छनन पकया छनन पकया गाए गीि शगन क

बार-बार जीवन म आए रग हदवस फागन क

अनिजादल पर lsquoछनन-पकयाrsquo को हमलोगो क बीच समभवि भाई योगराज परभाकर जी ल कर आय रामीर अञचल का साहननधय हजन लोगो को नसीब हआ हो वह जानि होग हक lsquoछनन पकयाrsquo या इस िरह क अनय िहकया कलामो क साथ हमार लोक-साहहतय म अपररहमि रचनाए हई ह और उन म स लगभग 99 अब लपत भी हो चली ह हम जसो को बावला कहन वालो का हम इसहलय बरा नही मानि चहक इस िरह की बािो को विदमान समय नोवीटाहकजया क नाम स जानिा ह याद आिा ह हम लोगो क बचपन म हवजञापन वाल हम बिाि थ हक नमक स दािन करन पर दाि ख़राब हो जाि ह और वही हवजञापन वाल अब हमार बचचो स पछ रह ह हक आप क टट-पवीट म नमक ह हक नही याहन आहख़रकार य लोग हमारी भोर को ख़चो क साथ शर करन म सफल हो ही गय ख़र समय न कब हकस की सनी ह जो हम लोगो ही की सनगा चहलय अब उस फरसहिया जी क सटायर स लतरनदोि हआ जाय -

ldquoएक रसबहकय की डायरीrdquo ndash अनप शकल उरद ररसहिया आजकल रसबक का जमाना ह लोग कछ भी करि ह उसका वीटटस FB पर डालि ह समोसा खा रह ह बोर हो रह ह अचछा लग रहा ह झझला रह ह बलॉकअनफ़र ड

कर हदया ऐसा रील कर रह ह वसा महसस हो रहा ह कछ हो रहा ह कछ-कछ हो रहा ह कछ भी हकया जाय अगर उसको रसबक पर न डाला जाय िो लगिा ह वो काम हआ ही नही रसबक वीटटस हबन सब सन हालाहक रसबक पर लोग सब कछ कह लि ह लहकन हरर भी बहि कछ रह जािा ह हजस शरारि क मार लोग साझा नही करि ऐस लोग अपन मन क भाव अपनी डायरी म हलखि ह ऐसी ही कछ डायररया हाथ लगी उनको दखकर लगा हक हकिना कछ छट जािा ह रसबक आन स उन डायररयो म स कछ क अश यहा परवीिि ह 1आज हरर उसन अपनी परोराइल हपक बदली बवकर को पिा नही हक परोराइल बदलन स शकल नही बदल जािी मन नही था लहकन लाइक करनी पड़ी हगकटी रील हो रहा ह रसबक क चलि हकतता झठ बोलना पड़िा ह 2उसन नयी रोटो लगायी ह हवा म उड़ि हय बाल दखकर मन हकया हक हलख- य बाल नही िर सर स बची-खची अकल हनकलकर बाहर भाग रही ह लहकन हरर हलखा नही उसको य खशरहमी हो जािी हक उसक पास भी अकल ह हकसी को कयो ाोख म रखना आख मदकर फोटो लाइक कर हदया

3उसन आज हकसी को बलॉक करन की उदघोषरा नही की मन हकया पछ हक िहबयि िो ठीक ह लहकन हरर नही पछा हकसी क पसदनल मटर म कया दखल दना हजतती दर म कमट हलखग उतत म दस ठो लाइक कर लग 4हपछल दस हदन स एक ही आईडी स रसबहकग करि-करि बोर हो रह ह खराब लग रहा ह सोचा था आज पकका नई आईडी बनायग लहकन नही बनाई य कया हो रहा मझ गगहलग करना पड़गी हक ऐसी मनहवीथहि को कया कहि ह कछ इमपरहसव कहि होग िो उसको अपना वीटटस बना लग - रीहलग हडटरमाइनड 5बलॉग दख रही ह आजकल वो मई उसका वीटटस सबस पहल लाइक करिी ह घोटाल क पीछ CAG की िरह उसक वीटटस स हचपकी रहिी ह पछना पड़गा उसस चककर कया ह आजकल चट भी नही करिा लगिा ह नई आईडी स चट करनी पड़गी य भी औरो की ही िरह ह 6आज उसन हरर कतत क साथ अपना रोट लगाया ह मन िो हकया मनका गााी को हलख द हक दहखय आपक रहि जानवरो क साथ हकतता िो अनयाय हो रहा ह लहकन हरर छोड़ हदया कमट हकया - (कतत का) रोटो बहि अचछा लग रहा ह बरकट क अदर वाली बाि मन म कही ही ही ही ही smile emoticon smile emoticon smile emoticon

7आजकल हजस दखो कहविा हलखन म लगा ह हकिना िो करर हो गय ह लोग शबदो क साथ अतयाचार दखकर मन दखी हो जािा ह कछ शबदो स बाि हई बचार कह रह थ -पिा होिा हक हमार साथ इतता बरहम सलक होगा िो हम हडकशनरी स भाग जाि रीहलग helliphelliphellip (खाली जगह रीिा स पछ कर भरगी उसको य सब अचछा आिा ह हक कब कस रील होना चाहहय ) 8िीन हदन स दषट न हकलो नही बोला सोचिा ह म पहल बोल माई रट मर पाच हजार दोवीि ह िीन हजार िीस रालोवर उस बवकर क िीन सौ इकवावन दोवीि गवीसा आ गया उसक वीटटस पर (हजसको पहल लाइक हकया था) जाकर वीटटस को सकड़ो बार हडसलाइकलाइक हकया वीटटस को हझझोड़ कर रख हदया कल रील हआ हरर वीटटस लगाया- भटटा चबा रह ह ठड़ा पीि हय smile emoticon

9कछ भाई लोग िो जञान की बाि इतती बवकरी स करि ह हक मन करिा ह एक उननाव क डौहडया गाव म खदाई क हलय लगी एक ठो जसीबी इनक हदमाग म भी लगा द सारी अकल का मलबा हनकाल क हदमाग को खाली कर द लहकन हरर लगिा ह कड़ा कड़दान म ही रह िो अचछा जमीन पर काह को रलाया जाय 10आज मड की भी छटटी थी छटटी मिलब सड समझकर मन टीना को सड वाली आईडी स हकलो बोल हदया वो घट भर िक मह रलाय रही िरह-िरह क बवकरी क आइकान भज कर उसको मनाना पड़ा य लड़हकया भी हकतती चजी होिी ह यार मन िो हकया हक वीटटस लगाऊ -टाहकग ट रल रीहलग इरीटटड लहकन हरर लगा वो समझ जायगी िो वीटटस लगाया- एनजवाइग सड रीहलग रट

11दोवीि बिा रहा था हक वो आजकल बहि वयवीि ह दो आईडी बनाई ह उसन दोनो पराानमहियो की िरर स रसबक पर जग लड़िा ह एक आईडी हकसी क हखलार वीटटस हलखिा ह दसरी स उसक हखलार िकद घट दो घट एक वीटटस पर कशिी लड़न क बाद अगला वीटटस लगा दिा ह बिा रहा था पराानमिी कोई बन उसका चमचा-इन-चीर बनना पकका ह राजयमिी क दज की आशा ह मन हकया उसको कह rsquoशखहचकली कही कrsquo लहकन rsquoरटrsquo कहक बॉय कह हदया वीटटस सटाया- रीहलग ररलकड 12भाईसाहब न बहि हदन स कोई वीटटस अपडट नही हकया आज एक लड़क को रसलाकर लगभग जबररयन समोसा हखला रह ह पकका दस हमनट क अदर वीटटस लगायग- आज एक भख को भोजन कराया सिषट महसस कर रहा ह म सोच रहा ह हक म कमट करगा ndash कया अजब पाखड ह लहकन मझ पिा ह हक म हकसी को हटद नही कर सकिा राइनली हदल पर पतथर रखकर हलखगा- मानविा की सचची सवा 13आज शाम एक फ़र ड का रोन आया कहा आज हकसी स रसबक बरकअप नही हआ िहबयि घबरा रही ह रीहलग लो मन कहा िो म कया कर िो उसन कहा यार ि ही मझस लवर बनकर बाि कर ल आईडीपासवडद भजा ह िरी मल म मन कहा -मझ इस सब झमल म नही पड़ना उसन हरर दोवीिी की कसम दी िो मझ दया आ गयी मन कहा अचछा चल लाग इन करि ह मरी हकवीमि अचछी लाइट चली गयी थी मन उसको एसएमएस हकया उसका जबाब आया -कोई नही मन खद दो बराउजर स चट करक बरक अप कर हलया िझ हहचहकचाहट हो रही थी अचछ स हो भी नही पािा िर स नाऊ रीहलग ररलकवीड मन वीटटस लगाया- कस-कस रस ह रसबक क रीहलग सरपराइजड ऐसी न जान हकिनी बाि डायरी म हलखी हई ह सबको यहा हलखना ठीक नही ह नमन बिा हदय आप अनदाजा लगाइय हक और कया-कया हलखा होगा डायररयो म आप भी रसबक डायरी हलखि हो िो शयर कररय अपन हवचार कोई हहचहकचाहट हो िो अनाम नाम स मझ भज दीहजय हम छाप दग आया न मिा और पिना चाहि ह इन को ठीक ह थोड़ी दर बाद पहल कछ और रचनााहमदयो को भी पि हलया जाय

डॉ (सशरी) शरद हसह

हदलो म रग भर द पयार का हफर इस दरा होली हक मौका द ही द दीदार का हफर इस दरा होली

न हशक़वा हो न कोई हो हगला इक-दसर क सग हमटा द दाग़ हर िक़रार का हफर इस दरा होली

ग़मो को दर सरका द खशी को साथ ल आय

रख माहौल बस इकरार का हफर इस दरा होली

महबबि की हसफाररश हो महबबि की इबादि हो रह तयोहार इक इसरार का हफर इस दरा होली

य होली म सभी क साथ होन का मिा आए

लग हर शख़स जयो पररवार का हफर इस दरा होली

सशीला हशवरार

कहा गए वो चग-डर अपनापन अनराग गीिो की रसाार हबन हकिना सना राग

ढोल-चग की गज पर मन उठिा था झम अब गहलया सनी हई कहा गई वो ाम

मवीिो की टोली नही नही वीवाग क रग बस टीवी म रह गया होली का हड़दग

रग हरिा म छा गए नील-पील-लाल

म हबरहन सखी रही मझको यही मलाल

मोहन अब रगि नही रााा िर गाल कलयग ह द वापर नही दहनया कर सवाल

सग अबीर-गलाल क मला कौन-सा रग लोग कह म बावरी जग स हई हनसग

सावररय क रग-सा हमला न दजा कोय िन लाग जो सावरा हर हदन होली होय

उसन य दखा मझ हई शमद स लाल

हसरि हदल म रह गई मलिी खब गलाल

ामनर कमार lsquoसजजनrsquo

िर भर चिकर जो हमट रग बड़ा बकार साि जनम िक साथ द वही रग िन डार

बदन रगा िो कया हकया मन को रग ल यार

मौका भी दवीिर भी होली का तयोहार

रगो क सग घोलकर कछ टट सवाद ऐसी होली खहलए बरसो आए याद

जाकर य सब स हमलो जस हमलि रग

कवल हपरयजन ही नही दशमन भी हो दग

रग सभी फीक पड़ जब आई मख लाज इन गालो क रग स आओ रग द आज

सख रगो स करो सिरगी ससार

पानी की हर बद को रखो सरहिि यार

फागन न आकर कहा अपन हदल का हाल गोरा मखड़ा ाप का हआ शमद स लाल

रग न हो िो परम भी रग दिा ससार परम न हो िो वयथद ह रगो का अबार

िझको रगन थी चली पीली पीली ाप गोरा िन छकर हई उजली उजली ाप

आखो आखो म चल सार रग गलाल

अपनी होली चल रही य ही सालो साल

ओबामा जी अगर हलकन हिदा होि िो

सजीव हनगम

सबह सबह चचचा अपन घर रपी िोप नली स गोल की िरह जो छट िो सीा हमार घर म आकर रट उनक हाथ म सबह का अखबार था और मह स दनादन ऐस शबद हनकल रह थ हजनह सन कर पहलस वाल भी शहमिदगी महसस करन लग ऐसी िबरदवीि गोलाबारी क सामन पड़ना अपन खद क अहिम सवीकार का इििाम करना जसा ही था इसहलए हम हाथ म सरद रमाल थाम उनक शाहबदक रप स ठडा होन की राह दखन लग थोड़ी दर बाद वह शभ घड़ी भी आ गयी और व उस अकसहशयन की िरह स शाि होकर बठ गए जो घर आय महमान पर भौक भौक कर थक गया हो मन हहममि करक पछा चचचा आप िो ओबामा की िरह स सभय आदमी थ य अचानक ओसामा कस बन गए यह सनि ही चचचा हफर स पाहकवीिानी फौहजयो की िरह स हबना कारर फायररग करन लग बोल नाम मि लो उस ओबामा का मर सामन जब अभी भारि आया था िो कया कया अरमान दख थ मन उसकी और अपनी दोवीिी क यह सोच सोच कर म हकिना खश था हक उस दोबारा यहा दख कर चीन हकिना जल रहा होगा पाहकवीिान हबलख रहा होगा यहा िक हक जब जाि जाि उसन हम हबन मागी सलाह द डाली िब भी मन उस पान क अडड पर खड़ हकसी दोवीि की चहलबािी समझ कर झल हलया था - पर उसन िो वहा जाकर भी - अमा िम अपनी िोि जसी चोच बद रखो य हम दो बड़ी हहवीियो क बीच का मामला ह उसम िम अरर जटली की िरह स बीच म घसन की कोहशश मि करो सषमा वीवराज की िरह स अलग ही रहो हम पिा ह हक उसन वहा जाकर भी हमारी िरफ इस बयान की हपचकारी मारी थी हक भारि म ााहमदक असहहषरिा इिनी बि गई ह हक यहद महातमा गााी हजदा होि िो व आहि होि - लहकन अब िो वहा भी hellip

- हा वही िो hellip बड़ा आया हम जञान दन वाला अब उसक अपन यहा ााहमदक असहहषरिा की ऐसी हरकि हो रही ह िो अब समझा ना अपन लोगो को हम जो जञान हदया था उस कॉपी पवीट करक अपन कपयटर जस दश क होम पज पर डाल न - सही कह रह ह आप पर य सब मझस कहन स कया फायदा - वो िो म भी जानिा ह िम जसा सवीि सट पहनन वाला इन सब बड़ी बड़ी बािो को कया समझगा य िो लाखो रपय का सट पहनन वालो क समझन की बाि ह - िो हफर उनह ही समझाईय न मर घर को कयो राज पथ बना कर 26 जनवरी का शहि परदशदन कर रह ह - हम यहा कोई शहि परदशदन करन नही आय ह बहकक राषर हहि म िमस एक कबादनी मागन क हलए आय ह कही गवीस म इनहोन इवीलाहमक वीटट जसा कोई आिकवादी सगठन न बना हलया हो और उसका पहला हफदायीन मझ ही बनान का न ठान हलया हो यह सोच कर मरी सास डर क मार अपन आप िोर िोर स अनलोम हवलोम करन लगी डरि डरि आवाि हनकली कसी कबादनी चचचा - हम थोड़ी दर क हलए क हलए िमहारा मोबाईल चाहहए - कयो भला - ओबामा स बाि करनी ह और उसस पछना ह हक आज अगर अबराहम हलकन हिदा होि िो व हकिना आहि होि लहकन मरी दशभहि न ही मझ मर मोबाईल क माधयम स अमररका स समबना ख़राब करन स रोक हदया मन मोबाईल म बलस न होन का कारगर बहाना बना हदया चचचा न दवादसा की िरह स अहिशय करोा स मझ घरा और हफर हकसी सचच मोबाईल ाारी दशभि की िलाश म हनकल गए

समीिा परवीर कशवा

रग लगाक ि न जा मझ रग लगाक अपन अग लगाल सावररया रhellip

पवन बसिी ि बनक सग बहा ल अपन हदल म बसा ल सावररया रhellip

फागन न जकफ खोली मदहोशी नभ म घोली

ाानी आकाश हआ ारिी भी उसकी होली

रगो स रग हमल सिरगी फल हखल पखरी लाज खोए

भवरा जो उसप डोल बाह पसार नदी क दोनो हकनार

इकदज को पकार बलम आजा रसावररया रhellip

लरज कपोल लाल सया रग गलाल भावभरा रग घला

िन मन हए सब लाल सजना क सग सखी

ऐस म रग रगी खद स ही परीि हई खद स ही जग हई

परीि लगाक अपनी नीद गवा क सजन सग बन गई म िो बावररया र सावररया रhellip

कावय करन को चल ह हम भरािा सच पछौ िौ हम कछ नही आिा 01

हफर ह हमन बहि िहनक लगाई

झट सो यो एक यहि बझ आई 02

एक शबद ह िाक अनक हवकार इनकौ कीज िजद- बनद वयवहार03

शबद-हवकार प पन-पन करौ परहार

ठोको- ठासौ और नक लउ हनहार 04

जस-जस शबद वीव- पकार सनाव िस-िस कावय पहि बन आव 05

अब िौ भईया हम ह कहव कहाए

मन ही मन यो मवीि मोद मनाए 06

एक हदन जमौ बड़ौ कावय वयापार कहव-कल कौ कछ कह आर न पार07

सब न अपन-अपन जब पाठ हकय

शरगार हावीय वीर रस क ठाट हकय08

अलकारन क अदभि उपयोग हकय वकरोहिन क हवलिर परयोग हकय09

छनदन सौ अनठ स अनबना हकय

चमतकहि क अतयि सपरबना हकय10

हमन ह हहममि अपनी नक न हारी कावय म कावय की यहि कह डारी11

अब हनरदय कौ अवसर जयो आयौ

हमरौ नाम उनन सवद- शरषठ सनायौ12

हलयौ पचन न हम पनः मच बलाय हदयौ टट जिन कौ एक हार हपराय13

िब व बोल मनद-वीवर य मद भाखा

नीच स आपकौ नमबर एक ह आका14

यह सब दखद दशय दखि घर-वारी घर पहचि ही वाकी हवकट सवारी15

बड़ चल हौ िम हनि कहव बनन कौ आयी न नक ह लाज या झठ रन कौ16

बालक भख घर सौ मस ह हफरि ह

टट ह पाि वसतरन क पबनद फटि ह17

मददि स हर बाररस यह छतत चआनी बस अब की बार ह सच फशद प आनी18

कहव-जन एक बाि म कहौ सहवचारी

मानौ न मानौ हौ अब आप अहाकारी19

रोजी-रोटी जब लौ नही हसि जगाड़ी कहव नही कबह कहव ननद अनाड़ी 20

- एन एल चिवदी नगीना उरद lsquoननदrsquo

साहहतयम पर आप लोग जो रसील और चटील वयङयालखो का रसावीवादन करि ह उस का हजममा भाई कमलश पाणडय जी न उठाया हआ ह कहन की आवशयकिा नही हक साहहतयम का कल कामकाज वीवहचछक और अविहनक ह आज क दौर म ऐस साहथयो का हमलना सौभाय ही कहा जायगा वस भी पसा सब कछ खरीद सकिा ह मगर समपदर की भावना नही कमलश जी वीवय भी एक बहिरीन वयङयकार ह कमलश जी क सटायसद की हवशषिा ldquoबारीक़ीrdquo ह आप बड़ ही हनराल अनदाि म पाठक को अपन साथ बहा ल जाि ह आइय कमलश जी क एक रसील और चटील वयङयालख का रसावीवादन करि ह-

फाहयान की हफकमी डायरी कमलश पाणडय

उस रोि फ-ची न बिाया हक भारि-भरमर पर जान स पहल वहा की कछ हफकम

दख ल िो पयादपत मागददशदन हमल सकिा ह फची कहिा ह हरकम हकसी भी समाज का दपदर होिी ह सो इनह दख लो सभव ह भारि जान की आवशयकिा ही न पड़ यही बठ-बठ भारि पर एक वहद रथ हलख सकि हो कल बािार स विदमान काल म बनी डि-दो सौ भारिीय हफकमो की सीडी क जलदवीय सवीकरर ल आया जो प-ईहचग क चोर-बािार म मोमो क एक पलट स भी सवीिी हमल गई आज परािः काल भजन-पजन क उपराि उनक अवलोकन क हलए बठ गया ह य एक नया ही ससार परिीि होिा ह फ-ची ठीक कहिा था हक चीन म फली भारि समबनाी भराहियो पर करद न ारो मझ सही मागददशदन दन वाल फ-ची को साावाद कहि हए अब आरमभ करिा ह एक आठ परहर स हनरिर भारिीय जीवन की इनरानषी छहवया दखि-दखि नि चहाया गए ह और महषिषक िो मानो हनहषकरय ही हो गया ह अभी थोड़ सरा-पान क उपराि जी

हकका हआ िो भारि- जो अब ईहनडया कहलान लगा ह ndash की आकहि कछ-कछ दहषटगोचर होन लगी ह य िो हनहिि ही ह हक इहणडया अतयि समि दश ह हफकम का नायक जो वीवय को आम-आदमी और हनादन मनषय बिािा ह एक बड़ स भवन म रहिा ह हडिाइनर परराान पहनिा ह चमकि वाहन पर यािायाि करिा ह और एक सनदरी स परम करिा ह कभी-कभी सदररयो की सखया एक स अहाक हो सकिी ह पर जब वह नतय रि होिा ह िो सदररया अनि होिी ह हजन ानाढय लोगो स उसकी शििा होिी ह उनक िो कया कहन उनकी जीवन शली चीन क समराट को भी लजा दन वाली ह वस अहाकाश हफकमो म नायक पहलस अहाकारी ह ऐसा परिीि होिा ह हक इहडया म सभी पहलस अहाकारी बनना चाहि ह हजसका कारर यही मालम होिा ह हक उनक घर और ठाट-बाट राजाओ स परहिवीपााद करि दीखि ह इसस िो यही लगिा ह हक इहडया म अब सवदहारा कोई नही बचा दो आम आदमी पर आााररि एक हफकम का अवलोकन करन क बाद इस हनषकषद पर जा पहचा ह हक इहडया क आम-आदमी सर-सपाट क शौकीन होि ह और परायः अपनी परहमका क साथ मनोरम वीथलो पर भरमरशील रहि ह उसकी परहमका वीवय को अतयि हनादन बिािी ह जो उसक अतयकप वसतरो को दख कर िो सतय परिीि होिा ह परनि जब उसक आभषरो और चरर पादका पर दहषट जािी ह िो थोड़ा सदह भी उतपनन होिा ह परायः य लोग कही आकाश स परसाररि होि सगीि पर गायन करन लगि ह िो हर बदलि लय क साथ वसतर वीथल और वाहनाहद बदल दि ह समहि का िब चरमोतकषद हदखिा ह जब य लोग गीि का हर अिरा हकसी अनय दश की भहम पर गाि ह और पलक झपकि ही उनह वहा पहचा दन वाला वाहन कही नही हदखिा हनिय ही वहा का हवजञान अभिपवद परगहि कर चका ह सभव ह वहा हर आम आदमी क पास अपना हनजी वाययान हो िीन आम आदमी की मोहक छहवयो वाल दशयो को दखि जी ही नही भरिा यह भी जञाि हआ हक इहडया एक अतयि सनदर दश ह जहा एक ही वीथल पर समर हहमाचछाहदि पवदि रहगवीिान और झरन ह कई एक वीथल िो ह-ब-ह हवीवटिरलड नामक दश क सामान ह य भी समभव ह हक आम आदमी क भरमर-लाभ हि इहडया म ही कही-कही यरोप-अमरीका आहद महादशो की परहिकहि रच ली गई ह गीिो क दशयो म िो य बाि एक दम हसि हो जािी ह जस ही नायक-नाहयका गायन परारमभ करि ह ढर-सारी सदररया नाचिी-गािी उनकी सगि करन आ जािी ह य भी वसतरो की दहषट स अतयि हनादन लगिी ह परनि हवीथहि पर गौर करन स वीपषट हो जािा ह हक ऐसा नही ह कया समरिट पर सट पहन कर जाया जािा ह या हक राहि-कलबो म बकाद ओि कर इसस य भी वीपषट ह हक इहडया म नाररयो को इचछा-नसार पहनन-ओढन घमन-हफरन नाचन-गान की वीविििा ह चार फची गलि कहिा ह हक इहडया म बहि गरीबी ह उस ऐसा कछ हरकम ही दखकर लगा था उसकी सलाह पर आज ऐसी कछ हरकम दखी इनम टट-फट घरो म कछ हभिक-परकार क पराहरयो का जीवन हदखाया गया था सकषम दहषट डालन पर इन बहवीियो क पीछ खड़ हवशाल महल हदख जाि थ जहा स कछ आम आदमी आकर इन बहवीियो को हगराना चाहि हदखाए गए थ पर उनका उदशय इन झोपहड़यो की जगह महल बना कर पर इहणडया को एकाकार कर दना था समयाभाव म इनका बनाना हदखाया नही जा सका एक राजनिा न बिाया हक गरीबी को परचाररि करन क पीछ हवरोाी राजनीहिक दलो का दषपरचार ह जो मझ सो सतय लगा मझ िो इसम

चीन का हवीि होन की भी समभावना हदखी कयोहक ऎसी एक हफकम म हनादन लोग बार-बार माओ का नाम ल रह थ पाच ऐसा परिीि होिा ह हक इहडया म सभय लोगो की भाषा हहनदी ह य भाषा अरजी क शबदो और वीथानीय भाषा क कारको स बनी ह हबना पि-हलख लोग कई वीथानीय भाषाए बोलि ह परायः लोग कवल अरिी भी बोलि पाए जाि ह पर आम िौर पर अरिी क दो एक वाकयो क बाद हहनदी पर उिर आन की परवहतत ह नाहयकाए और हसतरया अरिी बोलना पसद करिी ह पर जब वो हहनदी बोलिी ह िो भी धवहन अरिी-सी ही आिी ह ऐसा परिीि होिा ह हक उनह भाषा की दीिा मलिः अरिी म हमली ह और हहनदी उनहोन हकसी हहनदी हफकम म काम करन क उददशय स सीखी ह गान अहपि हहनदी म ही गाय जाि ह पर वहा और भी कई भाषाओ का मल हदख पड़िा ह एक गीि िो ऐसा था हजसम बड़-बड़ नगाड़ो की िाल पर पजाबी नामक भाषा म बहि सारी अरिी और थोड़ी हहनदी हमलाई गयी थी ऐस कछ गीिो क रचहयिा कोई lsquoयो योrsquo नामक महाकहव ह जो अपन गीिो म यवाओ को कम महदरा या मादक पदाथो क सवन करन जस सावीकाररक सदश दि रहि ह इन गीिो क भावाथद जो भी हो इसम कनयाओ का नतय अदभि ह- शबदो को समझ हबना ही सभी अथद वीपषट हो जाि ह छह आज दहिर इहडया की कछ हरकम दख कर पिा चला हक इहणडया क इस भखड म परष अहि-शहिशाली और नाररया खब भरी-परी होिी ह नायक िो इिना चपल होिा ह हक चशमा हसगरट या हपवीिौल जस उपकरर पलक झपकि ही अपन शरीर क हवहवा हहवीसो पर अिररि कर लिा ह इस नायक क एक आघाि स खलनायक कई पलो िक वायमडल म गोि खािा ह और कभी-कभी िो आकाश म ही हवलीन हो जािा ह उार नाररया रग-हबरग कलशो और इनरानषी आकहियो क बीच मादक नतय करिी रहिी ह वहा का एक नायक िो सवद-शहिमान ईशवर क समकि ह उसकी शहियो क हवषय म अनक हकवदहिया परचहलि ह जो फ-ची क अनसार रजनी-जोकस नामक रथ म सगहीि ह साि कछ राजनीहिक हरकम दख कर ऐसा परिीि हआ हक इहणडया म सभी निाओ की अपराा करन-करान म गहरी रहच ह परायः समाज म खलनायक निा ही होिा ह य लोग सरा-सदररयो हहथयारो सनदर परासादो और चमकि वाहनो क बीच ही रहना पसद करि ह आवशयकिा पड़न या न पड़न हकसी भी हवीथहि म हकसी की हततया कर दना इनक वाम-हवीि का कमद ह बलातकार हि इनह यो िो सभी हकवीम की नाररया पसद ह पर नायक की बहन या परहमका पर हवशष कपा रखि ह ऐसा लगिा ह हक इनकी हदनचयाद हकसी षडयि स आरमभ होकर हकसी हततया पर समापत होिी ह इनक अगरिक चीनी यि कला म हसिहवीि होि ह और अवसर पाि ही सााारर मानवो पर ईया-ऊआ करि टट पड़ि ह एक राजनिा की कररिा दख कर िो मरा हघघघी नामक अग बा ही गया इहडया म इनही अहिमानवो म स जनपरहिहनहा चनन का परावाान मालम होिा ह चन हलए जान क बाद य परायः शवि वसतर ाारर करि ह और सभाओ म भाषर दि हफरि ह पर अििः अपराा क सभी सि उनस ही जड़ होि ह चनाव एक रोचक अवसर होिा ह जब ढर सार वाहनो म लोग रग हबरगी झहडयो क साथ नारा लगाि घमि ह आठ इहडया का य रग दख कर िो दग रह गया ह एक मदान म लाल पील हार नील िातपयद य की सभी परकार क रगो स सराबोर हिारो मनषय एक साथ नतय कर रह ह सबक

वसतर शवि ह िाहक रगो की छाप गहरी उभर गाज-बाज क साथ एक समह गीि गाया जा रहा ह हजसम गोररयो की चोली पर रग डालन की परररा दी जा रही ह चनररया को हभगोन पर हवशष जोर ह सदररया परषो स जोड़ बना कर मादक नतय कर रही ह रग जो ह उड़ भी रह ह बौछार बन कर बरस रह ह और चहरो पर पोि भी जा रह ह इहडया की इस रगीन छहव को दख कर हपछली सारी छहवया ााली हो गई ह ऐसा परिीि हो रहा ह हक मानो परा दश एक ही रग म रगा ह भल ही वह हिारो रगो म वयि हो रहा हो पिा चला ह हक य एक तयौहार ह हजस होली कहि ह एक हदन पहल इहडया क लोग होहलका जलाि ह हजसम अपनी बराईयो की आहहि डालि ह मन भी आज इहडया की बरी छहव बनान वाली हपछली हफकमो की सीडी एकि कर उनकी होहलका जला दी और उसकी राख इन बरगलान वाली हरकम दखन की सलाह दन वाल फ-ची क मह पर मल आया आज इहणडया की यािा की ियारी परी कर ली ह दो हदनो क पिाि होली ह उस दख हबना इहडया की यािा कस समपरद होगी य ह कमलश पाणडय जी और य ह उन का अनोखा वाला रङग जो मझ बहद पसनद ह इस आहटदकल को चाह िो माि मनोरञजन क हलय भी पिा जा सकिा ह और अगर कोई वयहि समय हनकाल कर इस की थाह को नापना चाह िो नपप भी सकिा ह कमलश भाई जी क एक हमि ह हवनोद हमशर हवनोद जी ररसणटली बरसाना हो कर आय ह हवनोद जी न साहहतयम क हलय बरसान की होली की दो बहि ही सनदर-सनदर िवीवीर भजी ह हवनोद जी का बहि-बहि आभार य ह वह दो िवीवीर -

डा वी क भकला

हजजजा सग होली

लगा कर भोग महावीर को और चिा कर फल बिीसा बड़ भहिभाव स पि रह थ हम िो हनमान चाहलसा महावीर जब नाम सनाव

भि हपचास हनकट नही आव िभी मरी साहलया आ कर बोली खलग हम जीजजा सग होली और मरी हसटटीहपटटी गम होली कािर वीवर म हमन पकारा

ह हनमि अब िरा सहारा सन पकार मरी हनमानजी धयान म आए

और मझस य ररमाए वतस म िो ठहरा बाल बरहमचारी

कस हर म हवपदा िमहारी इस लरड़ म मझ न लाओ

िमहारी घहटया ह िमही बजाओ पड़ा सकट मोचन नाम भी झठा हदखा गए हनमानजी भी अगठा

मरी साहलओ न जी भर की मरी पिाई दिा रहा हाए म दहाई

िभी शरीमिी जी बाहर स आई मझ दखि ही हचलाई

अजी सनि हो जरा बाहर आओ कोई लरगा घर म घस आया ह

उस मार कर बाहर भगाओ ाीर स मन खखारा

अरी भागवान य म ह पहि िमहारा िो शरीमिी जी िनक कर बोली

वाह मर छला बहि भाए हो सबह सबह कहो हकसस

मह काला करवा कर आए हो मन अपनी करर गाथा उस सनाई

िो शरीमिी जी हभननाई और अपनी बहनो को आवाि लगाई

कया मरा ही पहि हमला था मह काला करन क हलए

िो वो बहयाई स बोली दीदी अगली होली म

िम हमार पहियो का मह काला कर दना िमहारा सारा हशकवा हमट जाएगा हहसाब एक दम बरोबर हो जाएगा

हमन कछ वि क हलए बाहर हनकलना बद कर ह

यह सोच कर हक अगर हकसी न पछा हक िमहारा मह हकसन काला हकया

िो कया जवाब दगा

हवजनर शमाद

सरहद स आया नही होली पर कय लाल मा की आख रग स करिी रही सवाल

आखो को भी ह हगला कर हशकायि गाल बरी ख़द आया नही हभजवा हदया गलाल

कौन बजाव फाग प ढोल नगाड़ चग चारो िरर उदाहसया गायब हई उमग

मौक़ा था पर यार न डाला नही गलाल

मरझाय स ही रह मर दोनो गाल

हरि म थ यार सब दशमन भी था दग मन उसक गाल पर लगा हदया जब रग

इििार क रग म गयी बावरी डब होली पर इसबार भी आया ना महबब

और अब ररसहिया जी का एक और ाास सटायर ाास इसहलय हक समझ म नही आ रहा हक इनह खाङरसी कहा जाय हक हफर भीजफी बाला

आजकल बचार कालान की मरन ह कोई भी घपला होिा ह काल ान पर िोहमि लगिी ह बलक मनी की थ-थ होिी ह जस निा चमच क हबना महनि चल क हबना आईपीएल हरहकसग क हबना

अारा लगिा ह वस ही कोई भी घपला काल ान की चचाद क हबना अारा लगिा ह घपला अगर कोई

आाहनक जहटल कहविा ह िो काला ान उसका आम जनिा की समझ म आन वाला सरल अनवाद ह घोटाला यहद कोई अबझ हसिाि ह िो काला ान उसकी सहज टीका ह जस पाहटदया चद क हबना निा लफ़राजी क हबना लखक अपनी उपिा का रोना रोय हबना नही रह पािा वस ही दहनया का कोई भी बड़ा ानाा हबना काल ान क नही पनप सकिा दहनया म हजिन भी मजबि ाना ह चाह वह हहथयार का हो ामद का हो या हरर हशिा का ही कयो न हो सबकी बहनयाद म काल ान की सीमनट लगी ह काला ान न हो िो हवीवस बक रवीस बक होकर रह जाय अपन दश म हपछल बीस सालो म हजतता हवकास हआ ह काला ान उसस कई गना जयादा बिा ह गहरि की भाषा म कह िो हकसी भी आाहनक समाज का हवकास उस समाज म मौजद कालान की मािा का समानपािी होिा ह इस सबक बावजद कालान को लोग इजजि की हनगाह स नही दखि कालाान कमान वाला िक खलआम उसकी आलोचना ही करिा ह राजनीहिजञ चनाव भल काल ान क सहार लड़ लहकन सावदजहनक रप स कालान की ऐसी बराई करि ह जस वामपथी दहिरपहथयो की करि ह अमररकी कयबा की करि ह पाहकवीिान वाल भारि की करि िरह ह अपन परहि दहनया का यह दवदातमक इजजिवाद दखकर बचार कालान क हदल पर कया बीििी होगी दहनया क ाोख को दखकर उसका मन भी हजया खान की िरह लटककर हनपट जान का करिा होगा उसका भी मन करिा होगा हक सरकारी गवाह बन जाय और सबकी पोल खोल द हक कस िमाम लोगो स उसक अिरग सबा रह कस लोगो न उसका सहारा हलया आग बि और सहारा हलया लहकन जब सरलिा क हकवीस सनान की बारी आयी िो शरय अपनी महनि लगन और बहि को हदया कालान क योगदान की सरासर उपिा कर दी यह वसा ही ह हक हकसी दश क इहिहास म राजा राहनयो क हकवीस हलख जाय लहकन महनिकश जनिा की कहानी गोलकर दी जाय लहकन हरर कालाान शायद यह सोचकर चप रह जािा होगा हक अपरााी कोई भी हो लहकन बराई उसी की होनी ह बइजजिी िो उसी की खराब होनी ह इसक बाद शायद वह यह सोचकर चपचाप अपनी करििो म जट जािा होगा हक आजनही िो कल उसको वह इजजि अवशय हमलगी हजसका वह हकदार ह उसको भी खल आम उिनी ही वीवीकायदिा हमलगी हजिनी की आज समाज म जाहिवाद सकीरदिा भाई भिीजावाद भायवाद और काहहली को हमली ह काला ान सोचिा होगा- जस बाहकयो क हदन बहर कया पिा वस ही उसक भी बहर

और साहथयो चलि-चलि अपनी जड़ो की ओर - बरहमलीन सनि कहव हशवदीन राम (जोशी) की सनि-वारी आप ही क आधयाहतमक हशषय आदररीय शरी हकशोर पारीक [खणडला] जी क सौजनय स

गोकल व बरसान की नार बजाय-बजाय बजा रही िारी अर वनदावन की बनी व बनी बनक ठनक अरी द रही गारी

शयाम को शयामा सजाय सजी अहो और गलाल लगावि पयारी हशवदीन व जोरी स जोरी हमलीबरज खलि होरी ह बाक हबहारी

मगल समगल सदा ही आननद रह नदलाल

ि गलाल डार दख सखी आ रही राा मिवाली आली चाली रग डारन को

गोहपया हनराली गाली शयाम को सना रही सन-सन क शयामलाल सग-सग गवाल बाल

बाजि मदग िाल राा जी गा रही कहिा हशवदीन लाल ऐसी गलाल उड़ी

बादर बन लाल लाली चह ओर छा रही

बरज वनदावन ााम रग स रगा रगीला हरा मोहिया लाल रग ह पयारा पीला

ाम ााम स खल खल रह होरी दखो शयामा शयाम सजान और सग गोरी दखो

चह ओर हपचकाररया रग-रग की ाार हशवदीन सरस रस रहसक जन पीव करर-करर पयार

राम गर गायर

भारि की लोक समपदा फागन की फाग - आचायद सजीव वमाद सहलल भारि हवहवावरी लोक सवीकहि स सपनन- समि परमपराओ का दश ह इन परमपराओ म स एक लोकगीिो की ह ऋि पररविदन पर उतसवामी भारिीय जन-

मानस गायन-वादन और निदन की हिवरी परवाहहि कर आनहदि होि ह फागन वषािि िथा चि वषादरमभ क साथ-साथ फसलो क पकन क समय क सचक भी ह दहिरायनी सयद जस ही मकर राहश म परवश कर उततरायरी होि ह इस महादवीप म हदन की लमबाई और िापमान दोनो की वहि होन की लोकमानयिा ह सयद पजन गड़-हिल स हनहमदि पकवाननो का सवन और पिगबाजी क माधयम स गगनचमबी लोकानद की अहभवयहि सवदि दखी जा सकिी हमकर सकराहि हखचड़ी बसाखी पोगल आहद हवहवा नामो स यह लोकपवद सकल दश म मनाया जािा ह पवदराज होली स ही मधयोततर भारि म फागो की बयार बहन लगिी ह बदलखड म फाग बजभहम म नटनागर की लीलाए हचहिि करि रहसया और बााई गीि अवा म राम-हसया की जगल जोड़ी की होली-करीड़ा जन सामानय स लकर हवहशषट जनो िक को रसानद म आपादमवीिक डबा दि ह राम अवा स हनकाकर बदली माटी पर अपनी लीलाओ को हववीिार दि हए लमब समय िक हवचरि रह इसहलए बदली मानस उनस एकाकार होकर हर पवद-तयौहार पर ही नही हर हदन उनह याद कर जय राम जी की कहिा ह कषर का नागो स सघषद और पाडवो का अजञािवास नमददाचली बनदल भहम पर हआ गौरा-बौरा िो बदलखड क अपन ह हशवजा हशवातमजा हशवसिा हशवहपरया हशव वीवदोभवा आहद सजञाओ स समबोहाि आननददाहयनी नमददा िट पर बमबहलयो क साथ-साथ हशव-हशवा की लीलाओ स यि फाग गयी जाना वीवाभाहवक ह बदली फागो क एकछि समराट ह लोककहव ईसरी ईसरी न अपनी परहमका रजउ को अपन कहितव म अमर कर हदया ईसरी न फागो की एक हवहशषट शली चौघहड़या फाग को जनम हदया हम अपनी फाग चचाद चौघहड़या फागो स ही आरमभ करि ह ईसरी न अपनी पराकि परहिभा स रामीर मानव मन क उचवासो को सर-िाल क साथ समहनवि कर उपहिि और अनचीनही लोक भावनाओ को इन फागो म हपरोया ह रसराज शर गार क सयोग और हवयोग दोनो पि इन फागो म अदभि माायद क साथ वहरदि ह सदयवीनािा यविी की कशराहश पर मा ईसरी गा उठि ह ईसरी रााा जी क कानो म झल रह िरकला को उन दो िारो की िरह बिाि ह जो रााा जी क मख चनर क सौदयद क आग फीक फड़ गए ह कानन डल राहाका जी क लग िरकला नीक आनदकद चद क ऊपर िो िारागर फीक ईसरी की आराधया राहाका जी सदरी होन क साथ-साथ दीनो-दहखयो क दखहिाद भी ह मय बल राि राहाका जी को कर आसरा की कौ दीनदयाल दीन दःख दखन हजनको मख ह नीकौ पहटया कौन सगर न पारी लगी दहिन पयारी रचक घटी-बड़ी ह नया सास कसी ढारी िन रई आन सीस क ऊपर शयाम घटा सी कारी ईसर परार खान ज पहटया जब स िकी उघारी

कहव पछिा ह हक नाहयका की मोहक चोहटया हकस सघड़ न बनायी ह चोहटया जरा भी छोटी-बड़ी नही ह और आिी-जािी सासो की िरह हहल-डल रही ह व नाहयका क शीश क ऊपर शयामल मघो की िरह छाई ह ईसरी न जब स इस अनावतत कशराहश की सनदरिा को दखा ह उनकी जान हनकली जा रही ह ईसर की नाहयका ननो स िलवार चलािी ह दोई ननन की िरवार पयारी हफर उबार अलपान गजरान हसरोही सलमान झख मार ऐच बार मयान घघट की द काजर की ाार ईसर शयाम बरकि रहहयो अहायार उहजयार िलवार का वार िो हनकट स ही हकया जा सकिा ह नायक दर हो िो कया हकया जाए कया नाहयका उस य ही जान दगी यह िो हो ही नही सकिा नाहयका हनगाहो को बरछी स भी अहाक पन िीर बनाकर नायक का हरदय भदिी ह छट नन-बार इन खोरन हिरछी भौह मरोरन नोकदार बरछी स पन चलि करज फोरन नायक बचारा बचिा हफर रहा ह पर नाहयका उस जान दन क मड म नही ह िलवार और िीर क बाद वह अपनी काहिल हनगाहो को हपवीिौल बना लिी ह अहखया हपवीिौल सी करक मारन चाि समर क गोली बाज दरद की दार गज कर दि निर क इिन पर भी ईसरी जान हथली पर लकर नवयौवना नाहयका का गबखान करि नही अघाि जबना कड़ आय कर गहलया बला कसी कहलया ना हम दख जमि जमी म ना माली की बहगया सोन कस िबक चि ह बरछी कसी भहलया ईसर हाथ सभार ाररयो फटट न जाव गहदया लोक ईसरी की फाग-रचना क मल म उनकी परहमका रजऊ को मानिी ह रजऊ न हजस हदन गारो क साथ गल म काली काच की गररयो की लहड़यो स बन ४ छटा और हबचौली काच क मोहियो का हिदान जसा आभषर और चोली पहहनी उसक रप को दखकर दीवाना होकर हार झलन लगा ईसरी कहि ह हक रजऊ क सौदयद पर मा हए हबना कोई नही रह सकिा हजयना रजऊ न पनो गारो हरनी हजया हबरानो छटा चार हबचौली पर भर हफर गरदानो

जबनन ऊपर चोली पर लटक हार हदवानो ईसर कान बटकन नइया दख लव चह जवानो ईसरी को रजऊ की हरन (हचिवन) और हसन (हसी) नही भलिी हवशाल यौवन मिवाली चाल इकहरी पिली कमर बार की िरह िानी भौह हिरछी निर भलाय नही भलिी व निर क बार स मरन िक को ियार ह इसी बहान रजऊ एक बार उनकी ओर दख िो ल ऐसा समपदर ईसरी क अलावा और कौन कर सकिा ह हमख़ा हबसरि नही हबसारी हरन-हसन िमारी जबन हवशाल चाल मिवारी पिरी कमर इकारी भौह कमान बान स िान निर हिरीछी मारी ईसर कान हमारी कोदी िनक हर लो पयारी ईसरी क हलय रजऊ ही सवदवीव ह उनका जीवन-मरर सब कछ रजऊ ही ह व परभ-वीमरर की ही िरह रजऊ का नाम जपि हए मरन की कामना करि ह इसहलए कछ हवदवान रजऊ की सासाररक परहमका नही आदया माि शहि को उनक दवारा हदया गया समबोान मानि ह जौ जी रजऊ रजऊ क लान का काऊ स कान जौलो रहन रहि हजदगी रजऊ क हि कमान पला भोजन कर रजौआ पाछ क मोय खान रजऊ रजऊ कौ नाम ईसरी लि-लि मर जान ईसरी रहचि सहसतरो फाग चार कहड़यो (पहियो) म बाी होन क कारन चौकहड़या फाग कही जािी ह इनम सौदयद को पान क साथ-साथ पजन और उसक परहि मन-परार स समहपदि होन क आधयातमजहनि भावो की सहलला परवाहहि ह रचना हवाान य फाग ४ पहियो म हनबि ह हर पहि म २ चरर ह हवषम चरर (१ ३ ५ ७ ) म १६ िथा सम चरर (२ ४ ६ ८) म १२ मािाए ह चरराि म परायः गर मािाए ह हकनि कही-कही २ लघ मािाए भी हमलिी ह य फाग छद परभाकर क अनसार महाभागवि जािीय नर र छद म हनबि ह इस छद म खड़ी हहदी म रचनाए मर पिन म अब िक नही आयी ह ईसरी की एक फाग का खड़ी हहदी म रपािरर दहखए हकस चिरा न छोटी गथी लगिी बहद पयारी हकहचि छोटी-बड़ी न उठ-हगर रही सास सम नयारी मकट समान शीश पर शोहभि कषर मघ सी कारी हलय ल रही जान कश-छहव जब स हदखी उघारी नर र छद म एक चिषपदी दहखए

बाि बनाई हकसन कसी कौन हनभाय वाद सब सच समझ रही ह जनिा कहा फदकि पयाद राजा कौन विीर कौन हकसक बद-नक इराद हजसको चाह सहलल हजिा मि चाह उस हरा द बनदली लोकरग की सािी ईसरी की फाग सजीव बदलखड क महानिम लोककहव ईसरी क कावय म लोकजीवन क सावीकहिक साहहहतयक सामाहजक पि परी जीवनििा और रचनातमकिा क साथ उदघाहटि हए ह ईसरी का वहशषटय यह ह हक व िथाकहथि सभराििा या पाहडतय स कय भाषा शली आहद उाार नही लि व दशज रामीर लोक मकयो और परमपराओ को इिनी वीवाभाहवकिा परगाििा और अपनतव स अहकि करि ह हक उसक सममख हशषटिा-शालीनिा ओिहि सजदनाारा हवपनन परिीि होन लगिी ह उनका साहहतय पवीिकाकार रप म नही शरहि परपरा म सन-गाकर सहदयो िक जीहवि रखा गया बदलखड क जन-मन समराट महान लोककहव ईसरी की फाग गय परपरा क कारर लोक-वीमहि और लोक-मख म जीहवि रही सकलनकिाद कवर शरी दगद हसह न १९३१ स १९४१ क मधय इनका सकलन हकया शरी इलाशकर गहा न ाौराद राम (जहा ईसरी लमब समय रह थ) हनवाहसयो स सनकर फागो का सकलन हकया अपिाकि कम परचहलि हनमन फागो म ईसरी क नसहगदक कारहयिी परहिभा क साथ-साथ बनदली लोक परपरा हावीया एव शरीनगरहपरयिा क भी दशदन होि ह कषर-भि ईसरी वनदावन की माटी का महातमय कहि हए उस दविाओ क हलए भी दलदभ बिाि ह अपनी कवीन जीभ स चाटी वनदावन की माटी दरलभ भई हमली ना उनखो दई दविन डाटी हमल ना सकी अनकन हार पाव की पररपाटी पायो वीवाग काह न नइया मीठी ह की खाटी बाही रज बजबाहसन lsquoईसरrsquo हहसदारी म बाटी कदम कञज म खड़ कनहया राहगीरो को रावीिा भला दि ह इसहलए पहथक जमना की राह ही भल गय ह अथादि जमना स नही जाि हकसी को भला कर मजा लन की लोकरीि को ईसरी अचछा नही मानि और कषर को सलाह दि ह हक हकसी स अहाक हसी अचछी नही होिी आली मनमोहन क मार जमना गल हबसार जब दखो जब खडो कञज म गह कदम की डार जो कोउ भल जाि ह रवीिा बरबस आन हबगार जादा हसी नही काऊ स जा ना रीि हमार

lsquoईसरrsquo कौन चाल अब चहलए ज िौ परी पार राि भर घर स बाहर रह कषर को अपनी सफाई म कछ कहन का अवसर हमल हबना lsquoछहलयाrsquo का हखिाब दना ईसरी क ही बस की बाि ह ओइ घर जाब मरहलयाबार जहा राि रय पयार हर बाट मनइया बठी कर नन रिनार अब िौ कौनऊ काम िमारो नइया भवन हमार lsquoईसरrsquo कषर नद क छौना िम छहलया बजबार फगआ हो और रााा न खल यह कस हो सकिा ह कषर सर ह िो रााा सवा सर दोनो की लीलाओ का सजीव वरदन करि ह ईसरी मानो सािाि दख रह हो रााा न कषर की लकटी-कमररया छीन ली िो कषर न रााा क हसर स सारी खीच ली इिना ही हो िो गनीमि होली की मवीिी चरम पर हई िो रााा नटनागर बन गयी और कषर को नारी बना हदया खल फाग राहाका पयारी बज खोरन हगराारी इन भर बाह बास को टारो उन मारो हपचकारी इनन छीनी लकहट मरहलया उन छीनी हसर सारी ब िो आय नद क लाला ज बषभान दलारी अपन बनी नटनागर lsquoईसरrsquo उन बनाओ नारी अटारी क सीिी चिि घघर हनशबद हो गए फलो की सज पर बनवारी की नीद लग गयी रााा क आि ही यशोदा क अनाड़ी बट की बीन (बासरी) चोरी हो गयी कसी सहज-सरस ककपना ह चोरी गइ बीन हबहारी की जसदा क लाल अनारी की जाहमन अमल जगल क भीिर आवन भइ रााा पयारी की नपर सबद सनाक हखच रय हछहड़या चड़ि अटारी की बड़ी गलाम सज फलन की लग गइ नीद मरारी की काि lsquoईसरीrsquo घोरा प स उठा लई बनवारी की कषर रााा और गोहपयो क चगल म फस गय ह गोहपयो न अपन मनभावन कषर को पकड़कर सतरी बनान का उपकरम करन म कोई कसर नही छोड़ी कषर की बनमाला और मरली छीनकर हसर पर साड़ी उिा दी गयी रााा न उनह सभी आभषरो स सजाकर कमर म लहगा पहना हदया और सहखयो क सग फागन मनान म लीन हो गयी ह शर गार और हावीय का ऐसा जीवि शबद हचि ईसरी ही खीच सकि ह पकर गोहपन क मनभावन लागी नार बनावन छीन लई बनमाल मरहलया सारी सीस उड़ावन

सकल अभषन सज राहाका कहट लहगा पहरावन नारी भस बना क lsquoईसरrsquo फगआ लगी मगावन ईसरी परहमका स हनवदन करा रह ह हक वह अपन िीख नयनो का वार न कर हजरह-बखिर कछ न कर सक ग और दख ही दखि नयन-बार हदल क पार हो जायगा हकसी गरी वदय की औषहा भी काम नही आएगी ईसरी क दवाई िो हपरयिमा का दशदन ही ह पररय की ऐसी परगाि रसहसि अहभवयहि अपनी हमसाल आप ह नना ना मारो लग जह मरम पार हो जह बखिर हझलम कहा का लह ढाल पार कर जह औषद मर एक ना लहगह बद गनी का कह कहि lsquoईसरीrsquo सन लो पयारी दरस दबाई दह हनमन फाग म ईसरी नयनो की कथा कहि ह जो परदशी स लगकर हबगड़ गय बबादद हो गय ह य नयना अा हसपाही ह जो कभी लड़कर नही हार इनको बहि नाि स काजल की रखा भर-भरकर पाला ह हकनि य खो गए और इनस बहि आसओ स नयी की नयी सारी भीग गयी ह कसी माहमदक अहभवयहि ह नना परदसी स लग क भय बरबाद हबगरक नना मोर सर हसपाही कबऊ ना हार लरक ज नना बार स पाल काजर रख भरक lsquoईसरrsquo भीज गई नई सारी खोवन असआ ढरक शरगार क हवरह पि का परहिहनहातव करिी यह फाग ईसरी और उनकी परहमका रजऊ क हबछड़न की वयथा-कथा कहिी ह हबछरी सारस कसी जोरी रजो हमारी िोरी सङगसङग रह हनहस-बासर गर हलपटिी सोरी सो हो गई सपन की बाि अन हस बोल कोरी कछ हदनन को हिया अबादो हम बिा दो गोरी जबलो लागी रह lsquoईसरीrsquo आसा जी की मोरी ईसरी की य फाग शर गार क हमलन-हवरह पिो का हचिर करन क साथ-साथ हावीय क उदातत पि को भी सामन लािी ह इनम हसी-मजाक हसना-बोलना सभी कछ ह हकनि मयादहदि कही भी अशलीलिा का लश माि भी नही ह ईसरी की य फाग २८ मािी नरनर छद म रहचि ह इनम १६-१२ पर यहि का ईसरी न परी िरह पालन हकया ह सम चररानि म गर की अहाकिा ह हकनि २ लघ भी परापय ह इक फाग म ४ ५ या ६ िक पहिया हमलिी ह एक फाग की सभी पहियो म सम चररानि समान ह जबहक हवषम चररानि म लघ-गर का कोई बान नही ह

हम न गर हवीन और ख़शब ही को िोला होिा हफर िो हर पड़ गलाबो स भी हकका होिा उदाहरर क रप म समझा जाय िो एक मिदबा य भी समझा जा सकिा ह हक परमपराए हमशा पड़ या हफर पौा की िरह होिी ह और उन पर लगन वाल फल और उन फलो की ख़शबए आाहनक हवचाराारा समान यहद हम आाहनक हवचारााराओ ही को सबकछ समझ बठ ग िो य फल और ख़शबए कया आसमान स टपक ग समझन वाल इशारो को बहि जकद समझग बाय द टाइम आप इस अङक को पि रह हो ममहकन ह दहनया का एक बड़ा हहवीसा आप को होली की बराइया हगना रहा हो हम इिना ही हनवदन कर ग हक ldquoसपrdquo की िरह-िरह सार-सार को गह और थोथ को उड़ा फ क नीर-िीर-हववक हम सब की ामहनयो म यगो-यगो स परवाहमान ह अपन हववक का सदपयोग करि हय अचछी बािो को आग बिाए हमठाइयो क कारोबाररयो दवारा परोस जा रह अशि माल स परहि करि वक़ि याद रह हक कडबरी भी कोई अमि नही ह हर गली क नककड़ पर रङग हपचकारी वग़रह बचन वाल हमार कटीर उदयोग क खवनहार ह आप सभी को सपररवार होली की शभ-कामनाए

खहशयो का वीवागि कर हर आगन हर दवार| कछ ऐसा हो इस बरस होली का तयौहार||

होली हवषयक और भी सामरी मसलन छद ग़िल हजल नज़म कहविा गीि-नवगीि रहसया आलख कहानी कथा वग़रह पिन क हलय यहा हकलक कर

Page 15: Saahityam dec14 jan feb 15

अनिजादल पर lsquoछनन-पकयाrsquo को हमलोगो क बीच समभवि भाई योगराज परभाकर जी ल कर आय रामीर अञचल का साहननधय हजन लोगो को नसीब हआ हो वह जानि होग हक lsquoछनन पकयाrsquo या इस िरह क अनय िहकया कलामो क साथ हमार लोक-साहहतय म अपररहमि रचनाए हई ह और उन म स लगभग 99 अब लपत भी हो चली ह हम जसो को बावला कहन वालो का हम इसहलय बरा नही मानि चहक इस िरह की बािो को विदमान समय नोवीटाहकजया क नाम स जानिा ह याद आिा ह हम लोगो क बचपन म हवजञापन वाल हम बिाि थ हक नमक स दािन करन पर दाि ख़राब हो जाि ह और वही हवजञापन वाल अब हमार बचचो स पछ रह ह हक आप क टट-पवीट म नमक ह हक नही याहन आहख़रकार य लोग हमारी भोर को ख़चो क साथ शर करन म सफल हो ही गय ख़र समय न कब हकस की सनी ह जो हम लोगो ही की सनगा चहलय अब उस फरसहिया जी क सटायर स लतरनदोि हआ जाय -

ldquoएक रसबहकय की डायरीrdquo ndash अनप शकल उरद ररसहिया आजकल रसबक का जमाना ह लोग कछ भी करि ह उसका वीटटस FB पर डालि ह समोसा खा रह ह बोर हो रह ह अचछा लग रहा ह झझला रह ह बलॉकअनफ़र ड

कर हदया ऐसा रील कर रह ह वसा महसस हो रहा ह कछ हो रहा ह कछ-कछ हो रहा ह कछ भी हकया जाय अगर उसको रसबक पर न डाला जाय िो लगिा ह वो काम हआ ही नही रसबक वीटटस हबन सब सन हालाहक रसबक पर लोग सब कछ कह लि ह लहकन हरर भी बहि कछ रह जािा ह हजस शरारि क मार लोग साझा नही करि ऐस लोग अपन मन क भाव अपनी डायरी म हलखि ह ऐसी ही कछ डायररया हाथ लगी उनको दखकर लगा हक हकिना कछ छट जािा ह रसबक आन स उन डायररयो म स कछ क अश यहा परवीिि ह 1आज हरर उसन अपनी परोराइल हपक बदली बवकर को पिा नही हक परोराइल बदलन स शकल नही बदल जािी मन नही था लहकन लाइक करनी पड़ी हगकटी रील हो रहा ह रसबक क चलि हकतता झठ बोलना पड़िा ह 2उसन नयी रोटो लगायी ह हवा म उड़ि हय बाल दखकर मन हकया हक हलख- य बाल नही िर सर स बची-खची अकल हनकलकर बाहर भाग रही ह लहकन हरर हलखा नही उसको य खशरहमी हो जािी हक उसक पास भी अकल ह हकसी को कयो ाोख म रखना आख मदकर फोटो लाइक कर हदया

3उसन आज हकसी को बलॉक करन की उदघोषरा नही की मन हकया पछ हक िहबयि िो ठीक ह लहकन हरर नही पछा हकसी क पसदनल मटर म कया दखल दना हजतती दर म कमट हलखग उतत म दस ठो लाइक कर लग 4हपछल दस हदन स एक ही आईडी स रसबहकग करि-करि बोर हो रह ह खराब लग रहा ह सोचा था आज पकका नई आईडी बनायग लहकन नही बनाई य कया हो रहा मझ गगहलग करना पड़गी हक ऐसी मनहवीथहि को कया कहि ह कछ इमपरहसव कहि होग िो उसको अपना वीटटस बना लग - रीहलग हडटरमाइनड 5बलॉग दख रही ह आजकल वो मई उसका वीटटस सबस पहल लाइक करिी ह घोटाल क पीछ CAG की िरह उसक वीटटस स हचपकी रहिी ह पछना पड़गा उसस चककर कया ह आजकल चट भी नही करिा लगिा ह नई आईडी स चट करनी पड़गी य भी औरो की ही िरह ह 6आज उसन हरर कतत क साथ अपना रोट लगाया ह मन िो हकया मनका गााी को हलख द हक दहखय आपक रहि जानवरो क साथ हकतता िो अनयाय हो रहा ह लहकन हरर छोड़ हदया कमट हकया - (कतत का) रोटो बहि अचछा लग रहा ह बरकट क अदर वाली बाि मन म कही ही ही ही ही smile emoticon smile emoticon smile emoticon

7आजकल हजस दखो कहविा हलखन म लगा ह हकिना िो करर हो गय ह लोग शबदो क साथ अतयाचार दखकर मन दखी हो जािा ह कछ शबदो स बाि हई बचार कह रह थ -पिा होिा हक हमार साथ इतता बरहम सलक होगा िो हम हडकशनरी स भाग जाि रीहलग helliphelliphellip (खाली जगह रीिा स पछ कर भरगी उसको य सब अचछा आिा ह हक कब कस रील होना चाहहय ) 8िीन हदन स दषट न हकलो नही बोला सोचिा ह म पहल बोल माई रट मर पाच हजार दोवीि ह िीन हजार िीस रालोवर उस बवकर क िीन सौ इकवावन दोवीि गवीसा आ गया उसक वीटटस पर (हजसको पहल लाइक हकया था) जाकर वीटटस को सकड़ो बार हडसलाइकलाइक हकया वीटटस को हझझोड़ कर रख हदया कल रील हआ हरर वीटटस लगाया- भटटा चबा रह ह ठड़ा पीि हय smile emoticon

9कछ भाई लोग िो जञान की बाि इतती बवकरी स करि ह हक मन करिा ह एक उननाव क डौहडया गाव म खदाई क हलय लगी एक ठो जसीबी इनक हदमाग म भी लगा द सारी अकल का मलबा हनकाल क हदमाग को खाली कर द लहकन हरर लगिा ह कड़ा कड़दान म ही रह िो अचछा जमीन पर काह को रलाया जाय 10आज मड की भी छटटी थी छटटी मिलब सड समझकर मन टीना को सड वाली आईडी स हकलो बोल हदया वो घट भर िक मह रलाय रही िरह-िरह क बवकरी क आइकान भज कर उसको मनाना पड़ा य लड़हकया भी हकतती चजी होिी ह यार मन िो हकया हक वीटटस लगाऊ -टाहकग ट रल रीहलग इरीटटड लहकन हरर लगा वो समझ जायगी िो वीटटस लगाया- एनजवाइग सड रीहलग रट

11दोवीि बिा रहा था हक वो आजकल बहि वयवीि ह दो आईडी बनाई ह उसन दोनो पराानमहियो की िरर स रसबक पर जग लड़िा ह एक आईडी हकसी क हखलार वीटटस हलखिा ह दसरी स उसक हखलार िकद घट दो घट एक वीटटस पर कशिी लड़न क बाद अगला वीटटस लगा दिा ह बिा रहा था पराानमिी कोई बन उसका चमचा-इन-चीर बनना पकका ह राजयमिी क दज की आशा ह मन हकया उसको कह rsquoशखहचकली कही कrsquo लहकन rsquoरटrsquo कहक बॉय कह हदया वीटटस सटाया- रीहलग ररलकड 12भाईसाहब न बहि हदन स कोई वीटटस अपडट नही हकया आज एक लड़क को रसलाकर लगभग जबररयन समोसा हखला रह ह पकका दस हमनट क अदर वीटटस लगायग- आज एक भख को भोजन कराया सिषट महसस कर रहा ह म सोच रहा ह हक म कमट करगा ndash कया अजब पाखड ह लहकन मझ पिा ह हक म हकसी को हटद नही कर सकिा राइनली हदल पर पतथर रखकर हलखगा- मानविा की सचची सवा 13आज शाम एक फ़र ड का रोन आया कहा आज हकसी स रसबक बरकअप नही हआ िहबयि घबरा रही ह रीहलग लो मन कहा िो म कया कर िो उसन कहा यार ि ही मझस लवर बनकर बाि कर ल आईडीपासवडद भजा ह िरी मल म मन कहा -मझ इस सब झमल म नही पड़ना उसन हरर दोवीिी की कसम दी िो मझ दया आ गयी मन कहा अचछा चल लाग इन करि ह मरी हकवीमि अचछी लाइट चली गयी थी मन उसको एसएमएस हकया उसका जबाब आया -कोई नही मन खद दो बराउजर स चट करक बरक अप कर हलया िझ हहचहकचाहट हो रही थी अचछ स हो भी नही पािा िर स नाऊ रीहलग ररलकवीड मन वीटटस लगाया- कस-कस रस ह रसबक क रीहलग सरपराइजड ऐसी न जान हकिनी बाि डायरी म हलखी हई ह सबको यहा हलखना ठीक नही ह नमन बिा हदय आप अनदाजा लगाइय हक और कया-कया हलखा होगा डायररयो म आप भी रसबक डायरी हलखि हो िो शयर कररय अपन हवचार कोई हहचहकचाहट हो िो अनाम नाम स मझ भज दीहजय हम छाप दग आया न मिा और पिना चाहि ह इन को ठीक ह थोड़ी दर बाद पहल कछ और रचनााहमदयो को भी पि हलया जाय

डॉ (सशरी) शरद हसह

हदलो म रग भर द पयार का हफर इस दरा होली हक मौका द ही द दीदार का हफर इस दरा होली

न हशक़वा हो न कोई हो हगला इक-दसर क सग हमटा द दाग़ हर िक़रार का हफर इस दरा होली

ग़मो को दर सरका द खशी को साथ ल आय

रख माहौल बस इकरार का हफर इस दरा होली

महबबि की हसफाररश हो महबबि की इबादि हो रह तयोहार इक इसरार का हफर इस दरा होली

य होली म सभी क साथ होन का मिा आए

लग हर शख़स जयो पररवार का हफर इस दरा होली

सशीला हशवरार

कहा गए वो चग-डर अपनापन अनराग गीिो की रसाार हबन हकिना सना राग

ढोल-चग की गज पर मन उठिा था झम अब गहलया सनी हई कहा गई वो ाम

मवीिो की टोली नही नही वीवाग क रग बस टीवी म रह गया होली का हड़दग

रग हरिा म छा गए नील-पील-लाल

म हबरहन सखी रही मझको यही मलाल

मोहन अब रगि नही रााा िर गाल कलयग ह द वापर नही दहनया कर सवाल

सग अबीर-गलाल क मला कौन-सा रग लोग कह म बावरी जग स हई हनसग

सावररय क रग-सा हमला न दजा कोय िन लाग जो सावरा हर हदन होली होय

उसन य दखा मझ हई शमद स लाल

हसरि हदल म रह गई मलिी खब गलाल

ामनर कमार lsquoसजजनrsquo

िर भर चिकर जो हमट रग बड़ा बकार साि जनम िक साथ द वही रग िन डार

बदन रगा िो कया हकया मन को रग ल यार

मौका भी दवीिर भी होली का तयोहार

रगो क सग घोलकर कछ टट सवाद ऐसी होली खहलए बरसो आए याद

जाकर य सब स हमलो जस हमलि रग

कवल हपरयजन ही नही दशमन भी हो दग

रग सभी फीक पड़ जब आई मख लाज इन गालो क रग स आओ रग द आज

सख रगो स करो सिरगी ससार

पानी की हर बद को रखो सरहिि यार

फागन न आकर कहा अपन हदल का हाल गोरा मखड़ा ाप का हआ शमद स लाल

रग न हो िो परम भी रग दिा ससार परम न हो िो वयथद ह रगो का अबार

िझको रगन थी चली पीली पीली ाप गोरा िन छकर हई उजली उजली ाप

आखो आखो म चल सार रग गलाल

अपनी होली चल रही य ही सालो साल

ओबामा जी अगर हलकन हिदा होि िो

सजीव हनगम

सबह सबह चचचा अपन घर रपी िोप नली स गोल की िरह जो छट िो सीा हमार घर म आकर रट उनक हाथ म सबह का अखबार था और मह स दनादन ऐस शबद हनकल रह थ हजनह सन कर पहलस वाल भी शहमिदगी महसस करन लग ऐसी िबरदवीि गोलाबारी क सामन पड़ना अपन खद क अहिम सवीकार का इििाम करना जसा ही था इसहलए हम हाथ म सरद रमाल थाम उनक शाहबदक रप स ठडा होन की राह दखन लग थोड़ी दर बाद वह शभ घड़ी भी आ गयी और व उस अकसहशयन की िरह स शाि होकर बठ गए जो घर आय महमान पर भौक भौक कर थक गया हो मन हहममि करक पछा चचचा आप िो ओबामा की िरह स सभय आदमी थ य अचानक ओसामा कस बन गए यह सनि ही चचचा हफर स पाहकवीिानी फौहजयो की िरह स हबना कारर फायररग करन लग बोल नाम मि लो उस ओबामा का मर सामन जब अभी भारि आया था िो कया कया अरमान दख थ मन उसकी और अपनी दोवीिी क यह सोच सोच कर म हकिना खश था हक उस दोबारा यहा दख कर चीन हकिना जल रहा होगा पाहकवीिान हबलख रहा होगा यहा िक हक जब जाि जाि उसन हम हबन मागी सलाह द डाली िब भी मन उस पान क अडड पर खड़ हकसी दोवीि की चहलबािी समझ कर झल हलया था - पर उसन िो वहा जाकर भी - अमा िम अपनी िोि जसी चोच बद रखो य हम दो बड़ी हहवीियो क बीच का मामला ह उसम िम अरर जटली की िरह स बीच म घसन की कोहशश मि करो सषमा वीवराज की िरह स अलग ही रहो हम पिा ह हक उसन वहा जाकर भी हमारी िरफ इस बयान की हपचकारी मारी थी हक भारि म ााहमदक असहहषरिा इिनी बि गई ह हक यहद महातमा गााी हजदा होि िो व आहि होि - लहकन अब िो वहा भी hellip

- हा वही िो hellip बड़ा आया हम जञान दन वाला अब उसक अपन यहा ााहमदक असहहषरिा की ऐसी हरकि हो रही ह िो अब समझा ना अपन लोगो को हम जो जञान हदया था उस कॉपी पवीट करक अपन कपयटर जस दश क होम पज पर डाल न - सही कह रह ह आप पर य सब मझस कहन स कया फायदा - वो िो म भी जानिा ह िम जसा सवीि सट पहनन वाला इन सब बड़ी बड़ी बािो को कया समझगा य िो लाखो रपय का सट पहनन वालो क समझन की बाि ह - िो हफर उनह ही समझाईय न मर घर को कयो राज पथ बना कर 26 जनवरी का शहि परदशदन कर रह ह - हम यहा कोई शहि परदशदन करन नही आय ह बहकक राषर हहि म िमस एक कबादनी मागन क हलए आय ह कही गवीस म इनहोन इवीलाहमक वीटट जसा कोई आिकवादी सगठन न बना हलया हो और उसका पहला हफदायीन मझ ही बनान का न ठान हलया हो यह सोच कर मरी सास डर क मार अपन आप िोर िोर स अनलोम हवलोम करन लगी डरि डरि आवाि हनकली कसी कबादनी चचचा - हम थोड़ी दर क हलए क हलए िमहारा मोबाईल चाहहए - कयो भला - ओबामा स बाि करनी ह और उसस पछना ह हक आज अगर अबराहम हलकन हिदा होि िो व हकिना आहि होि लहकन मरी दशभहि न ही मझ मर मोबाईल क माधयम स अमररका स समबना ख़राब करन स रोक हदया मन मोबाईल म बलस न होन का कारगर बहाना बना हदया चचचा न दवादसा की िरह स अहिशय करोा स मझ घरा और हफर हकसी सचच मोबाईल ाारी दशभि की िलाश म हनकल गए

समीिा परवीर कशवा

रग लगाक ि न जा मझ रग लगाक अपन अग लगाल सावररया रhellip

पवन बसिी ि बनक सग बहा ल अपन हदल म बसा ल सावररया रhellip

फागन न जकफ खोली मदहोशी नभ म घोली

ाानी आकाश हआ ारिी भी उसकी होली

रगो स रग हमल सिरगी फल हखल पखरी लाज खोए

भवरा जो उसप डोल बाह पसार नदी क दोनो हकनार

इकदज को पकार बलम आजा रसावररया रhellip

लरज कपोल लाल सया रग गलाल भावभरा रग घला

िन मन हए सब लाल सजना क सग सखी

ऐस म रग रगी खद स ही परीि हई खद स ही जग हई

परीि लगाक अपनी नीद गवा क सजन सग बन गई म िो बावररया र सावररया रhellip

कावय करन को चल ह हम भरािा सच पछौ िौ हम कछ नही आिा 01

हफर ह हमन बहि िहनक लगाई

झट सो यो एक यहि बझ आई 02

एक शबद ह िाक अनक हवकार इनकौ कीज िजद- बनद वयवहार03

शबद-हवकार प पन-पन करौ परहार

ठोको- ठासौ और नक लउ हनहार 04

जस-जस शबद वीव- पकार सनाव िस-िस कावय पहि बन आव 05

अब िौ भईया हम ह कहव कहाए

मन ही मन यो मवीि मोद मनाए 06

एक हदन जमौ बड़ौ कावय वयापार कहव-कल कौ कछ कह आर न पार07

सब न अपन-अपन जब पाठ हकय

शरगार हावीय वीर रस क ठाट हकय08

अलकारन क अदभि उपयोग हकय वकरोहिन क हवलिर परयोग हकय09

छनदन सौ अनठ स अनबना हकय

चमतकहि क अतयि सपरबना हकय10

हमन ह हहममि अपनी नक न हारी कावय म कावय की यहि कह डारी11

अब हनरदय कौ अवसर जयो आयौ

हमरौ नाम उनन सवद- शरषठ सनायौ12

हलयौ पचन न हम पनः मच बलाय हदयौ टट जिन कौ एक हार हपराय13

िब व बोल मनद-वीवर य मद भाखा

नीच स आपकौ नमबर एक ह आका14

यह सब दखद दशय दखि घर-वारी घर पहचि ही वाकी हवकट सवारी15

बड़ चल हौ िम हनि कहव बनन कौ आयी न नक ह लाज या झठ रन कौ16

बालक भख घर सौ मस ह हफरि ह

टट ह पाि वसतरन क पबनद फटि ह17

मददि स हर बाररस यह छतत चआनी बस अब की बार ह सच फशद प आनी18

कहव-जन एक बाि म कहौ सहवचारी

मानौ न मानौ हौ अब आप अहाकारी19

रोजी-रोटी जब लौ नही हसि जगाड़ी कहव नही कबह कहव ननद अनाड़ी 20

- एन एल चिवदी नगीना उरद lsquoननदrsquo

साहहतयम पर आप लोग जो रसील और चटील वयङयालखो का रसावीवादन करि ह उस का हजममा भाई कमलश पाणडय जी न उठाया हआ ह कहन की आवशयकिा नही हक साहहतयम का कल कामकाज वीवहचछक और अविहनक ह आज क दौर म ऐस साहथयो का हमलना सौभाय ही कहा जायगा वस भी पसा सब कछ खरीद सकिा ह मगर समपदर की भावना नही कमलश जी वीवय भी एक बहिरीन वयङयकार ह कमलश जी क सटायसद की हवशषिा ldquoबारीक़ीrdquo ह आप बड़ ही हनराल अनदाि म पाठक को अपन साथ बहा ल जाि ह आइय कमलश जी क एक रसील और चटील वयङयालख का रसावीवादन करि ह-

फाहयान की हफकमी डायरी कमलश पाणडय

उस रोि फ-ची न बिाया हक भारि-भरमर पर जान स पहल वहा की कछ हफकम

दख ल िो पयादपत मागददशदन हमल सकिा ह फची कहिा ह हरकम हकसी भी समाज का दपदर होिी ह सो इनह दख लो सभव ह भारि जान की आवशयकिा ही न पड़ यही बठ-बठ भारि पर एक वहद रथ हलख सकि हो कल बािार स विदमान काल म बनी डि-दो सौ भारिीय हफकमो की सीडी क जलदवीय सवीकरर ल आया जो प-ईहचग क चोर-बािार म मोमो क एक पलट स भी सवीिी हमल गई आज परािः काल भजन-पजन क उपराि उनक अवलोकन क हलए बठ गया ह य एक नया ही ससार परिीि होिा ह फ-ची ठीक कहिा था हक चीन म फली भारि समबनाी भराहियो पर करद न ारो मझ सही मागददशदन दन वाल फ-ची को साावाद कहि हए अब आरमभ करिा ह एक आठ परहर स हनरिर भारिीय जीवन की इनरानषी छहवया दखि-दखि नि चहाया गए ह और महषिषक िो मानो हनहषकरय ही हो गया ह अभी थोड़ सरा-पान क उपराि जी

हकका हआ िो भारि- जो अब ईहनडया कहलान लगा ह ndash की आकहि कछ-कछ दहषटगोचर होन लगी ह य िो हनहिि ही ह हक इहणडया अतयि समि दश ह हफकम का नायक जो वीवय को आम-आदमी और हनादन मनषय बिािा ह एक बड़ स भवन म रहिा ह हडिाइनर परराान पहनिा ह चमकि वाहन पर यािायाि करिा ह और एक सनदरी स परम करिा ह कभी-कभी सदररयो की सखया एक स अहाक हो सकिी ह पर जब वह नतय रि होिा ह िो सदररया अनि होिी ह हजन ानाढय लोगो स उसकी शििा होिी ह उनक िो कया कहन उनकी जीवन शली चीन क समराट को भी लजा दन वाली ह वस अहाकाश हफकमो म नायक पहलस अहाकारी ह ऐसा परिीि होिा ह हक इहडया म सभी पहलस अहाकारी बनना चाहि ह हजसका कारर यही मालम होिा ह हक उनक घर और ठाट-बाट राजाओ स परहिवीपााद करि दीखि ह इसस िो यही लगिा ह हक इहडया म अब सवदहारा कोई नही बचा दो आम आदमी पर आााररि एक हफकम का अवलोकन करन क बाद इस हनषकषद पर जा पहचा ह हक इहडया क आम-आदमी सर-सपाट क शौकीन होि ह और परायः अपनी परहमका क साथ मनोरम वीथलो पर भरमरशील रहि ह उसकी परहमका वीवय को अतयि हनादन बिािी ह जो उसक अतयकप वसतरो को दख कर िो सतय परिीि होिा ह परनि जब उसक आभषरो और चरर पादका पर दहषट जािी ह िो थोड़ा सदह भी उतपनन होिा ह परायः य लोग कही आकाश स परसाररि होि सगीि पर गायन करन लगि ह िो हर बदलि लय क साथ वसतर वीथल और वाहनाहद बदल दि ह समहि का िब चरमोतकषद हदखिा ह जब य लोग गीि का हर अिरा हकसी अनय दश की भहम पर गाि ह और पलक झपकि ही उनह वहा पहचा दन वाला वाहन कही नही हदखिा हनिय ही वहा का हवजञान अभिपवद परगहि कर चका ह सभव ह वहा हर आम आदमी क पास अपना हनजी वाययान हो िीन आम आदमी की मोहक छहवयो वाल दशयो को दखि जी ही नही भरिा यह भी जञाि हआ हक इहडया एक अतयि सनदर दश ह जहा एक ही वीथल पर समर हहमाचछाहदि पवदि रहगवीिान और झरन ह कई एक वीथल िो ह-ब-ह हवीवटिरलड नामक दश क सामान ह य भी समभव ह हक आम आदमी क भरमर-लाभ हि इहडया म ही कही-कही यरोप-अमरीका आहद महादशो की परहिकहि रच ली गई ह गीिो क दशयो म िो य बाि एक दम हसि हो जािी ह जस ही नायक-नाहयका गायन परारमभ करि ह ढर-सारी सदररया नाचिी-गािी उनकी सगि करन आ जािी ह य भी वसतरो की दहषट स अतयि हनादन लगिी ह परनि हवीथहि पर गौर करन स वीपषट हो जािा ह हक ऐसा नही ह कया समरिट पर सट पहन कर जाया जािा ह या हक राहि-कलबो म बकाद ओि कर इसस य भी वीपषट ह हक इहडया म नाररयो को इचछा-नसार पहनन-ओढन घमन-हफरन नाचन-गान की वीविििा ह चार फची गलि कहिा ह हक इहडया म बहि गरीबी ह उस ऐसा कछ हरकम ही दखकर लगा था उसकी सलाह पर आज ऐसी कछ हरकम दखी इनम टट-फट घरो म कछ हभिक-परकार क पराहरयो का जीवन हदखाया गया था सकषम दहषट डालन पर इन बहवीियो क पीछ खड़ हवशाल महल हदख जाि थ जहा स कछ आम आदमी आकर इन बहवीियो को हगराना चाहि हदखाए गए थ पर उनका उदशय इन झोपहड़यो की जगह महल बना कर पर इहणडया को एकाकार कर दना था समयाभाव म इनका बनाना हदखाया नही जा सका एक राजनिा न बिाया हक गरीबी को परचाररि करन क पीछ हवरोाी राजनीहिक दलो का दषपरचार ह जो मझ सो सतय लगा मझ िो इसम

चीन का हवीि होन की भी समभावना हदखी कयोहक ऎसी एक हफकम म हनादन लोग बार-बार माओ का नाम ल रह थ पाच ऐसा परिीि होिा ह हक इहडया म सभय लोगो की भाषा हहनदी ह य भाषा अरजी क शबदो और वीथानीय भाषा क कारको स बनी ह हबना पि-हलख लोग कई वीथानीय भाषाए बोलि ह परायः लोग कवल अरिी भी बोलि पाए जाि ह पर आम िौर पर अरिी क दो एक वाकयो क बाद हहनदी पर उिर आन की परवहतत ह नाहयकाए और हसतरया अरिी बोलना पसद करिी ह पर जब वो हहनदी बोलिी ह िो भी धवहन अरिी-सी ही आिी ह ऐसा परिीि होिा ह हक उनह भाषा की दीिा मलिः अरिी म हमली ह और हहनदी उनहोन हकसी हहनदी हफकम म काम करन क उददशय स सीखी ह गान अहपि हहनदी म ही गाय जाि ह पर वहा और भी कई भाषाओ का मल हदख पड़िा ह एक गीि िो ऐसा था हजसम बड़-बड़ नगाड़ो की िाल पर पजाबी नामक भाषा म बहि सारी अरिी और थोड़ी हहनदी हमलाई गयी थी ऐस कछ गीिो क रचहयिा कोई lsquoयो योrsquo नामक महाकहव ह जो अपन गीिो म यवाओ को कम महदरा या मादक पदाथो क सवन करन जस सावीकाररक सदश दि रहि ह इन गीिो क भावाथद जो भी हो इसम कनयाओ का नतय अदभि ह- शबदो को समझ हबना ही सभी अथद वीपषट हो जाि ह छह आज दहिर इहडया की कछ हरकम दख कर पिा चला हक इहणडया क इस भखड म परष अहि-शहिशाली और नाररया खब भरी-परी होिी ह नायक िो इिना चपल होिा ह हक चशमा हसगरट या हपवीिौल जस उपकरर पलक झपकि ही अपन शरीर क हवहवा हहवीसो पर अिररि कर लिा ह इस नायक क एक आघाि स खलनायक कई पलो िक वायमडल म गोि खािा ह और कभी-कभी िो आकाश म ही हवलीन हो जािा ह उार नाररया रग-हबरग कलशो और इनरानषी आकहियो क बीच मादक नतय करिी रहिी ह वहा का एक नायक िो सवद-शहिमान ईशवर क समकि ह उसकी शहियो क हवषय म अनक हकवदहिया परचहलि ह जो फ-ची क अनसार रजनी-जोकस नामक रथ म सगहीि ह साि कछ राजनीहिक हरकम दख कर ऐसा परिीि हआ हक इहणडया म सभी निाओ की अपराा करन-करान म गहरी रहच ह परायः समाज म खलनायक निा ही होिा ह य लोग सरा-सदररयो हहथयारो सनदर परासादो और चमकि वाहनो क बीच ही रहना पसद करि ह आवशयकिा पड़न या न पड़न हकसी भी हवीथहि म हकसी की हततया कर दना इनक वाम-हवीि का कमद ह बलातकार हि इनह यो िो सभी हकवीम की नाररया पसद ह पर नायक की बहन या परहमका पर हवशष कपा रखि ह ऐसा लगिा ह हक इनकी हदनचयाद हकसी षडयि स आरमभ होकर हकसी हततया पर समापत होिी ह इनक अगरिक चीनी यि कला म हसिहवीि होि ह और अवसर पाि ही सााारर मानवो पर ईया-ऊआ करि टट पड़ि ह एक राजनिा की कररिा दख कर िो मरा हघघघी नामक अग बा ही गया इहडया म इनही अहिमानवो म स जनपरहिहनहा चनन का परावाान मालम होिा ह चन हलए जान क बाद य परायः शवि वसतर ाारर करि ह और सभाओ म भाषर दि हफरि ह पर अििः अपराा क सभी सि उनस ही जड़ होि ह चनाव एक रोचक अवसर होिा ह जब ढर सार वाहनो म लोग रग हबरगी झहडयो क साथ नारा लगाि घमि ह आठ इहडया का य रग दख कर िो दग रह गया ह एक मदान म लाल पील हार नील िातपयद य की सभी परकार क रगो स सराबोर हिारो मनषय एक साथ नतय कर रह ह सबक

वसतर शवि ह िाहक रगो की छाप गहरी उभर गाज-बाज क साथ एक समह गीि गाया जा रहा ह हजसम गोररयो की चोली पर रग डालन की परररा दी जा रही ह चनररया को हभगोन पर हवशष जोर ह सदररया परषो स जोड़ बना कर मादक नतय कर रही ह रग जो ह उड़ भी रह ह बौछार बन कर बरस रह ह और चहरो पर पोि भी जा रह ह इहडया की इस रगीन छहव को दख कर हपछली सारी छहवया ााली हो गई ह ऐसा परिीि हो रहा ह हक मानो परा दश एक ही रग म रगा ह भल ही वह हिारो रगो म वयि हो रहा हो पिा चला ह हक य एक तयौहार ह हजस होली कहि ह एक हदन पहल इहडया क लोग होहलका जलाि ह हजसम अपनी बराईयो की आहहि डालि ह मन भी आज इहडया की बरी छहव बनान वाली हपछली हफकमो की सीडी एकि कर उनकी होहलका जला दी और उसकी राख इन बरगलान वाली हरकम दखन की सलाह दन वाल फ-ची क मह पर मल आया आज इहणडया की यािा की ियारी परी कर ली ह दो हदनो क पिाि होली ह उस दख हबना इहडया की यािा कस समपरद होगी य ह कमलश पाणडय जी और य ह उन का अनोखा वाला रङग जो मझ बहद पसनद ह इस आहटदकल को चाह िो माि मनोरञजन क हलय भी पिा जा सकिा ह और अगर कोई वयहि समय हनकाल कर इस की थाह को नापना चाह िो नपप भी सकिा ह कमलश भाई जी क एक हमि ह हवनोद हमशर हवनोद जी ररसणटली बरसाना हो कर आय ह हवनोद जी न साहहतयम क हलय बरसान की होली की दो बहि ही सनदर-सनदर िवीवीर भजी ह हवनोद जी का बहि-बहि आभार य ह वह दो िवीवीर -

डा वी क भकला

हजजजा सग होली

लगा कर भोग महावीर को और चिा कर फल बिीसा बड़ भहिभाव स पि रह थ हम िो हनमान चाहलसा महावीर जब नाम सनाव

भि हपचास हनकट नही आव िभी मरी साहलया आ कर बोली खलग हम जीजजा सग होली और मरी हसटटीहपटटी गम होली कािर वीवर म हमन पकारा

ह हनमि अब िरा सहारा सन पकार मरी हनमानजी धयान म आए

और मझस य ररमाए वतस म िो ठहरा बाल बरहमचारी

कस हर म हवपदा िमहारी इस लरड़ म मझ न लाओ

िमहारी घहटया ह िमही बजाओ पड़ा सकट मोचन नाम भी झठा हदखा गए हनमानजी भी अगठा

मरी साहलओ न जी भर की मरी पिाई दिा रहा हाए म दहाई

िभी शरीमिी जी बाहर स आई मझ दखि ही हचलाई

अजी सनि हो जरा बाहर आओ कोई लरगा घर म घस आया ह

उस मार कर बाहर भगाओ ाीर स मन खखारा

अरी भागवान य म ह पहि िमहारा िो शरीमिी जी िनक कर बोली

वाह मर छला बहि भाए हो सबह सबह कहो हकसस

मह काला करवा कर आए हो मन अपनी करर गाथा उस सनाई

िो शरीमिी जी हभननाई और अपनी बहनो को आवाि लगाई

कया मरा ही पहि हमला था मह काला करन क हलए

िो वो बहयाई स बोली दीदी अगली होली म

िम हमार पहियो का मह काला कर दना िमहारा सारा हशकवा हमट जाएगा हहसाब एक दम बरोबर हो जाएगा

हमन कछ वि क हलए बाहर हनकलना बद कर ह

यह सोच कर हक अगर हकसी न पछा हक िमहारा मह हकसन काला हकया

िो कया जवाब दगा

हवजनर शमाद

सरहद स आया नही होली पर कय लाल मा की आख रग स करिी रही सवाल

आखो को भी ह हगला कर हशकायि गाल बरी ख़द आया नही हभजवा हदया गलाल

कौन बजाव फाग प ढोल नगाड़ चग चारो िरर उदाहसया गायब हई उमग

मौक़ा था पर यार न डाला नही गलाल

मरझाय स ही रह मर दोनो गाल

हरि म थ यार सब दशमन भी था दग मन उसक गाल पर लगा हदया जब रग

इििार क रग म गयी बावरी डब होली पर इसबार भी आया ना महबब

और अब ररसहिया जी का एक और ाास सटायर ाास इसहलय हक समझ म नही आ रहा हक इनह खाङरसी कहा जाय हक हफर भीजफी बाला

आजकल बचार कालान की मरन ह कोई भी घपला होिा ह काल ान पर िोहमि लगिी ह बलक मनी की थ-थ होिी ह जस निा चमच क हबना महनि चल क हबना आईपीएल हरहकसग क हबना

अारा लगिा ह वस ही कोई भी घपला काल ान की चचाद क हबना अारा लगिा ह घपला अगर कोई

आाहनक जहटल कहविा ह िो काला ान उसका आम जनिा की समझ म आन वाला सरल अनवाद ह घोटाला यहद कोई अबझ हसिाि ह िो काला ान उसकी सहज टीका ह जस पाहटदया चद क हबना निा लफ़राजी क हबना लखक अपनी उपिा का रोना रोय हबना नही रह पािा वस ही दहनया का कोई भी बड़ा ानाा हबना काल ान क नही पनप सकिा दहनया म हजिन भी मजबि ाना ह चाह वह हहथयार का हो ामद का हो या हरर हशिा का ही कयो न हो सबकी बहनयाद म काल ान की सीमनट लगी ह काला ान न हो िो हवीवस बक रवीस बक होकर रह जाय अपन दश म हपछल बीस सालो म हजतता हवकास हआ ह काला ान उसस कई गना जयादा बिा ह गहरि की भाषा म कह िो हकसी भी आाहनक समाज का हवकास उस समाज म मौजद कालान की मािा का समानपािी होिा ह इस सबक बावजद कालान को लोग इजजि की हनगाह स नही दखि कालाान कमान वाला िक खलआम उसकी आलोचना ही करिा ह राजनीहिजञ चनाव भल काल ान क सहार लड़ लहकन सावदजहनक रप स कालान की ऐसी बराई करि ह जस वामपथी दहिरपहथयो की करि ह अमररकी कयबा की करि ह पाहकवीिान वाल भारि की करि िरह ह अपन परहि दहनया का यह दवदातमक इजजिवाद दखकर बचार कालान क हदल पर कया बीििी होगी दहनया क ाोख को दखकर उसका मन भी हजया खान की िरह लटककर हनपट जान का करिा होगा उसका भी मन करिा होगा हक सरकारी गवाह बन जाय और सबकी पोल खोल द हक कस िमाम लोगो स उसक अिरग सबा रह कस लोगो न उसका सहारा हलया आग बि और सहारा हलया लहकन जब सरलिा क हकवीस सनान की बारी आयी िो शरय अपनी महनि लगन और बहि को हदया कालान क योगदान की सरासर उपिा कर दी यह वसा ही ह हक हकसी दश क इहिहास म राजा राहनयो क हकवीस हलख जाय लहकन महनिकश जनिा की कहानी गोलकर दी जाय लहकन हरर कालाान शायद यह सोचकर चप रह जािा होगा हक अपरााी कोई भी हो लहकन बराई उसी की होनी ह बइजजिी िो उसी की खराब होनी ह इसक बाद शायद वह यह सोचकर चपचाप अपनी करििो म जट जािा होगा हक आजनही िो कल उसको वह इजजि अवशय हमलगी हजसका वह हकदार ह उसको भी खल आम उिनी ही वीवीकायदिा हमलगी हजिनी की आज समाज म जाहिवाद सकीरदिा भाई भिीजावाद भायवाद और काहहली को हमली ह काला ान सोचिा होगा- जस बाहकयो क हदन बहर कया पिा वस ही उसक भी बहर

और साहथयो चलि-चलि अपनी जड़ो की ओर - बरहमलीन सनि कहव हशवदीन राम (जोशी) की सनि-वारी आप ही क आधयाहतमक हशषय आदररीय शरी हकशोर पारीक [खणडला] जी क सौजनय स

गोकल व बरसान की नार बजाय-बजाय बजा रही िारी अर वनदावन की बनी व बनी बनक ठनक अरी द रही गारी

शयाम को शयामा सजाय सजी अहो और गलाल लगावि पयारी हशवदीन व जोरी स जोरी हमलीबरज खलि होरी ह बाक हबहारी

मगल समगल सदा ही आननद रह नदलाल

ि गलाल डार दख सखी आ रही राा मिवाली आली चाली रग डारन को

गोहपया हनराली गाली शयाम को सना रही सन-सन क शयामलाल सग-सग गवाल बाल

बाजि मदग िाल राा जी गा रही कहिा हशवदीन लाल ऐसी गलाल उड़ी

बादर बन लाल लाली चह ओर छा रही

बरज वनदावन ााम रग स रगा रगीला हरा मोहिया लाल रग ह पयारा पीला

ाम ााम स खल खल रह होरी दखो शयामा शयाम सजान और सग गोरी दखो

चह ओर हपचकाररया रग-रग की ाार हशवदीन सरस रस रहसक जन पीव करर-करर पयार

राम गर गायर

भारि की लोक समपदा फागन की फाग - आचायद सजीव वमाद सहलल भारि हवहवावरी लोक सवीकहि स सपनन- समि परमपराओ का दश ह इन परमपराओ म स एक लोकगीिो की ह ऋि पररविदन पर उतसवामी भारिीय जन-

मानस गायन-वादन और निदन की हिवरी परवाहहि कर आनहदि होि ह फागन वषािि िथा चि वषादरमभ क साथ-साथ फसलो क पकन क समय क सचक भी ह दहिरायनी सयद जस ही मकर राहश म परवश कर उततरायरी होि ह इस महादवीप म हदन की लमबाई और िापमान दोनो की वहि होन की लोकमानयिा ह सयद पजन गड़-हिल स हनहमदि पकवाननो का सवन और पिगबाजी क माधयम स गगनचमबी लोकानद की अहभवयहि सवदि दखी जा सकिी हमकर सकराहि हखचड़ी बसाखी पोगल आहद हवहवा नामो स यह लोकपवद सकल दश म मनाया जािा ह पवदराज होली स ही मधयोततर भारि म फागो की बयार बहन लगिी ह बदलखड म फाग बजभहम म नटनागर की लीलाए हचहिि करि रहसया और बााई गीि अवा म राम-हसया की जगल जोड़ी की होली-करीड़ा जन सामानय स लकर हवहशषट जनो िक को रसानद म आपादमवीिक डबा दि ह राम अवा स हनकाकर बदली माटी पर अपनी लीलाओ को हववीिार दि हए लमब समय िक हवचरि रह इसहलए बदली मानस उनस एकाकार होकर हर पवद-तयौहार पर ही नही हर हदन उनह याद कर जय राम जी की कहिा ह कषर का नागो स सघषद और पाडवो का अजञािवास नमददाचली बनदल भहम पर हआ गौरा-बौरा िो बदलखड क अपन ह हशवजा हशवातमजा हशवसिा हशवहपरया हशव वीवदोभवा आहद सजञाओ स समबोहाि आननददाहयनी नमददा िट पर बमबहलयो क साथ-साथ हशव-हशवा की लीलाओ स यि फाग गयी जाना वीवाभाहवक ह बदली फागो क एकछि समराट ह लोककहव ईसरी ईसरी न अपनी परहमका रजउ को अपन कहितव म अमर कर हदया ईसरी न फागो की एक हवहशषट शली चौघहड़या फाग को जनम हदया हम अपनी फाग चचाद चौघहड़या फागो स ही आरमभ करि ह ईसरी न अपनी पराकि परहिभा स रामीर मानव मन क उचवासो को सर-िाल क साथ समहनवि कर उपहिि और अनचीनही लोक भावनाओ को इन फागो म हपरोया ह रसराज शर गार क सयोग और हवयोग दोनो पि इन फागो म अदभि माायद क साथ वहरदि ह सदयवीनािा यविी की कशराहश पर मा ईसरी गा उठि ह ईसरी रााा जी क कानो म झल रह िरकला को उन दो िारो की िरह बिाि ह जो रााा जी क मख चनर क सौदयद क आग फीक फड़ गए ह कानन डल राहाका जी क लग िरकला नीक आनदकद चद क ऊपर िो िारागर फीक ईसरी की आराधया राहाका जी सदरी होन क साथ-साथ दीनो-दहखयो क दखहिाद भी ह मय बल राि राहाका जी को कर आसरा की कौ दीनदयाल दीन दःख दखन हजनको मख ह नीकौ पहटया कौन सगर न पारी लगी दहिन पयारी रचक घटी-बड़ी ह नया सास कसी ढारी िन रई आन सीस क ऊपर शयाम घटा सी कारी ईसर परार खान ज पहटया जब स िकी उघारी

कहव पछिा ह हक नाहयका की मोहक चोहटया हकस सघड़ न बनायी ह चोहटया जरा भी छोटी-बड़ी नही ह और आिी-जािी सासो की िरह हहल-डल रही ह व नाहयका क शीश क ऊपर शयामल मघो की िरह छाई ह ईसरी न जब स इस अनावतत कशराहश की सनदरिा को दखा ह उनकी जान हनकली जा रही ह ईसर की नाहयका ननो स िलवार चलािी ह दोई ननन की िरवार पयारी हफर उबार अलपान गजरान हसरोही सलमान झख मार ऐच बार मयान घघट की द काजर की ाार ईसर शयाम बरकि रहहयो अहायार उहजयार िलवार का वार िो हनकट स ही हकया जा सकिा ह नायक दर हो िो कया हकया जाए कया नाहयका उस य ही जान दगी यह िो हो ही नही सकिा नाहयका हनगाहो को बरछी स भी अहाक पन िीर बनाकर नायक का हरदय भदिी ह छट नन-बार इन खोरन हिरछी भौह मरोरन नोकदार बरछी स पन चलि करज फोरन नायक बचारा बचिा हफर रहा ह पर नाहयका उस जान दन क मड म नही ह िलवार और िीर क बाद वह अपनी काहिल हनगाहो को हपवीिौल बना लिी ह अहखया हपवीिौल सी करक मारन चाि समर क गोली बाज दरद की दार गज कर दि निर क इिन पर भी ईसरी जान हथली पर लकर नवयौवना नाहयका का गबखान करि नही अघाि जबना कड़ आय कर गहलया बला कसी कहलया ना हम दख जमि जमी म ना माली की बहगया सोन कस िबक चि ह बरछी कसी भहलया ईसर हाथ सभार ाररयो फटट न जाव गहदया लोक ईसरी की फाग-रचना क मल म उनकी परहमका रजऊ को मानिी ह रजऊ न हजस हदन गारो क साथ गल म काली काच की गररयो की लहड़यो स बन ४ छटा और हबचौली काच क मोहियो का हिदान जसा आभषर और चोली पहहनी उसक रप को दखकर दीवाना होकर हार झलन लगा ईसरी कहि ह हक रजऊ क सौदयद पर मा हए हबना कोई नही रह सकिा हजयना रजऊ न पनो गारो हरनी हजया हबरानो छटा चार हबचौली पर भर हफर गरदानो

जबनन ऊपर चोली पर लटक हार हदवानो ईसर कान बटकन नइया दख लव चह जवानो ईसरी को रजऊ की हरन (हचिवन) और हसन (हसी) नही भलिी हवशाल यौवन मिवाली चाल इकहरी पिली कमर बार की िरह िानी भौह हिरछी निर भलाय नही भलिी व निर क बार स मरन िक को ियार ह इसी बहान रजऊ एक बार उनकी ओर दख िो ल ऐसा समपदर ईसरी क अलावा और कौन कर सकिा ह हमख़ा हबसरि नही हबसारी हरन-हसन िमारी जबन हवशाल चाल मिवारी पिरी कमर इकारी भौह कमान बान स िान निर हिरीछी मारी ईसर कान हमारी कोदी िनक हर लो पयारी ईसरी क हलय रजऊ ही सवदवीव ह उनका जीवन-मरर सब कछ रजऊ ही ह व परभ-वीमरर की ही िरह रजऊ का नाम जपि हए मरन की कामना करि ह इसहलए कछ हवदवान रजऊ की सासाररक परहमका नही आदया माि शहि को उनक दवारा हदया गया समबोान मानि ह जौ जी रजऊ रजऊ क लान का काऊ स कान जौलो रहन रहि हजदगी रजऊ क हि कमान पला भोजन कर रजौआ पाछ क मोय खान रजऊ रजऊ कौ नाम ईसरी लि-लि मर जान ईसरी रहचि सहसतरो फाग चार कहड़यो (पहियो) म बाी होन क कारन चौकहड़या फाग कही जािी ह इनम सौदयद को पान क साथ-साथ पजन और उसक परहि मन-परार स समहपदि होन क आधयातमजहनि भावो की सहलला परवाहहि ह रचना हवाान य फाग ४ पहियो म हनबि ह हर पहि म २ चरर ह हवषम चरर (१ ३ ५ ७ ) म १६ िथा सम चरर (२ ४ ६ ८) म १२ मािाए ह चरराि म परायः गर मािाए ह हकनि कही-कही २ लघ मािाए भी हमलिी ह य फाग छद परभाकर क अनसार महाभागवि जािीय नर र छद म हनबि ह इस छद म खड़ी हहदी म रचनाए मर पिन म अब िक नही आयी ह ईसरी की एक फाग का खड़ी हहदी म रपािरर दहखए हकस चिरा न छोटी गथी लगिी बहद पयारी हकहचि छोटी-बड़ी न उठ-हगर रही सास सम नयारी मकट समान शीश पर शोहभि कषर मघ सी कारी हलय ल रही जान कश-छहव जब स हदखी उघारी नर र छद म एक चिषपदी दहखए

बाि बनाई हकसन कसी कौन हनभाय वाद सब सच समझ रही ह जनिा कहा फदकि पयाद राजा कौन विीर कौन हकसक बद-नक इराद हजसको चाह सहलल हजिा मि चाह उस हरा द बनदली लोकरग की सािी ईसरी की फाग सजीव बदलखड क महानिम लोककहव ईसरी क कावय म लोकजीवन क सावीकहिक साहहहतयक सामाहजक पि परी जीवनििा और रचनातमकिा क साथ उदघाहटि हए ह ईसरी का वहशषटय यह ह हक व िथाकहथि सभराििा या पाहडतय स कय भाषा शली आहद उाार नही लि व दशज रामीर लोक मकयो और परमपराओ को इिनी वीवाभाहवकिा परगाििा और अपनतव स अहकि करि ह हक उसक सममख हशषटिा-शालीनिा ओिहि सजदनाारा हवपनन परिीि होन लगिी ह उनका साहहतय पवीिकाकार रप म नही शरहि परपरा म सन-गाकर सहदयो िक जीहवि रखा गया बदलखड क जन-मन समराट महान लोककहव ईसरी की फाग गय परपरा क कारर लोक-वीमहि और लोक-मख म जीहवि रही सकलनकिाद कवर शरी दगद हसह न १९३१ स १९४१ क मधय इनका सकलन हकया शरी इलाशकर गहा न ाौराद राम (जहा ईसरी लमब समय रह थ) हनवाहसयो स सनकर फागो का सकलन हकया अपिाकि कम परचहलि हनमन फागो म ईसरी क नसहगदक कारहयिी परहिभा क साथ-साथ बनदली लोक परपरा हावीया एव शरीनगरहपरयिा क भी दशदन होि ह कषर-भि ईसरी वनदावन की माटी का महातमय कहि हए उस दविाओ क हलए भी दलदभ बिाि ह अपनी कवीन जीभ स चाटी वनदावन की माटी दरलभ भई हमली ना उनखो दई दविन डाटी हमल ना सकी अनकन हार पाव की पररपाटी पायो वीवाग काह न नइया मीठी ह की खाटी बाही रज बजबाहसन lsquoईसरrsquo हहसदारी म बाटी कदम कञज म खड़ कनहया राहगीरो को रावीिा भला दि ह इसहलए पहथक जमना की राह ही भल गय ह अथादि जमना स नही जाि हकसी को भला कर मजा लन की लोकरीि को ईसरी अचछा नही मानि और कषर को सलाह दि ह हक हकसी स अहाक हसी अचछी नही होिी आली मनमोहन क मार जमना गल हबसार जब दखो जब खडो कञज म गह कदम की डार जो कोउ भल जाि ह रवीिा बरबस आन हबगार जादा हसी नही काऊ स जा ना रीि हमार

lsquoईसरrsquo कौन चाल अब चहलए ज िौ परी पार राि भर घर स बाहर रह कषर को अपनी सफाई म कछ कहन का अवसर हमल हबना lsquoछहलयाrsquo का हखिाब दना ईसरी क ही बस की बाि ह ओइ घर जाब मरहलयाबार जहा राि रय पयार हर बाट मनइया बठी कर नन रिनार अब िौ कौनऊ काम िमारो नइया भवन हमार lsquoईसरrsquo कषर नद क छौना िम छहलया बजबार फगआ हो और रााा न खल यह कस हो सकिा ह कषर सर ह िो रााा सवा सर दोनो की लीलाओ का सजीव वरदन करि ह ईसरी मानो सािाि दख रह हो रााा न कषर की लकटी-कमररया छीन ली िो कषर न रााा क हसर स सारी खीच ली इिना ही हो िो गनीमि होली की मवीिी चरम पर हई िो रााा नटनागर बन गयी और कषर को नारी बना हदया खल फाग राहाका पयारी बज खोरन हगराारी इन भर बाह बास को टारो उन मारो हपचकारी इनन छीनी लकहट मरहलया उन छीनी हसर सारी ब िो आय नद क लाला ज बषभान दलारी अपन बनी नटनागर lsquoईसरrsquo उन बनाओ नारी अटारी क सीिी चिि घघर हनशबद हो गए फलो की सज पर बनवारी की नीद लग गयी रााा क आि ही यशोदा क अनाड़ी बट की बीन (बासरी) चोरी हो गयी कसी सहज-सरस ककपना ह चोरी गइ बीन हबहारी की जसदा क लाल अनारी की जाहमन अमल जगल क भीिर आवन भइ रााा पयारी की नपर सबद सनाक हखच रय हछहड़या चड़ि अटारी की बड़ी गलाम सज फलन की लग गइ नीद मरारी की काि lsquoईसरीrsquo घोरा प स उठा लई बनवारी की कषर रााा और गोहपयो क चगल म फस गय ह गोहपयो न अपन मनभावन कषर को पकड़कर सतरी बनान का उपकरम करन म कोई कसर नही छोड़ी कषर की बनमाला और मरली छीनकर हसर पर साड़ी उिा दी गयी रााा न उनह सभी आभषरो स सजाकर कमर म लहगा पहना हदया और सहखयो क सग फागन मनान म लीन हो गयी ह शर गार और हावीय का ऐसा जीवि शबद हचि ईसरी ही खीच सकि ह पकर गोहपन क मनभावन लागी नार बनावन छीन लई बनमाल मरहलया सारी सीस उड़ावन

सकल अभषन सज राहाका कहट लहगा पहरावन नारी भस बना क lsquoईसरrsquo फगआ लगी मगावन ईसरी परहमका स हनवदन करा रह ह हक वह अपन िीख नयनो का वार न कर हजरह-बखिर कछ न कर सक ग और दख ही दखि नयन-बार हदल क पार हो जायगा हकसी गरी वदय की औषहा भी काम नही आएगी ईसरी क दवाई िो हपरयिमा का दशदन ही ह पररय की ऐसी परगाि रसहसि अहभवयहि अपनी हमसाल आप ह नना ना मारो लग जह मरम पार हो जह बखिर हझलम कहा का लह ढाल पार कर जह औषद मर एक ना लहगह बद गनी का कह कहि lsquoईसरीrsquo सन लो पयारी दरस दबाई दह हनमन फाग म ईसरी नयनो की कथा कहि ह जो परदशी स लगकर हबगड़ गय बबादद हो गय ह य नयना अा हसपाही ह जो कभी लड़कर नही हार इनको बहि नाि स काजल की रखा भर-भरकर पाला ह हकनि य खो गए और इनस बहि आसओ स नयी की नयी सारी भीग गयी ह कसी माहमदक अहभवयहि ह नना परदसी स लग क भय बरबाद हबगरक नना मोर सर हसपाही कबऊ ना हार लरक ज नना बार स पाल काजर रख भरक lsquoईसरrsquo भीज गई नई सारी खोवन असआ ढरक शरगार क हवरह पि का परहिहनहातव करिी यह फाग ईसरी और उनकी परहमका रजऊ क हबछड़न की वयथा-कथा कहिी ह हबछरी सारस कसी जोरी रजो हमारी िोरी सङगसङग रह हनहस-बासर गर हलपटिी सोरी सो हो गई सपन की बाि अन हस बोल कोरी कछ हदनन को हिया अबादो हम बिा दो गोरी जबलो लागी रह lsquoईसरीrsquo आसा जी की मोरी ईसरी की य फाग शर गार क हमलन-हवरह पिो का हचिर करन क साथ-साथ हावीय क उदातत पि को भी सामन लािी ह इनम हसी-मजाक हसना-बोलना सभी कछ ह हकनि मयादहदि कही भी अशलीलिा का लश माि भी नही ह ईसरी की य फाग २८ मािी नरनर छद म रहचि ह इनम १६-१२ पर यहि का ईसरी न परी िरह पालन हकया ह सम चररानि म गर की अहाकिा ह हकनि २ लघ भी परापय ह इक फाग म ४ ५ या ६ िक पहिया हमलिी ह एक फाग की सभी पहियो म सम चररानि समान ह जबहक हवषम चररानि म लघ-गर का कोई बान नही ह

हम न गर हवीन और ख़शब ही को िोला होिा हफर िो हर पड़ गलाबो स भी हकका होिा उदाहरर क रप म समझा जाय िो एक मिदबा य भी समझा जा सकिा ह हक परमपराए हमशा पड़ या हफर पौा की िरह होिी ह और उन पर लगन वाल फल और उन फलो की ख़शबए आाहनक हवचाराारा समान यहद हम आाहनक हवचारााराओ ही को सबकछ समझ बठ ग िो य फल और ख़शबए कया आसमान स टपक ग समझन वाल इशारो को बहि जकद समझग बाय द टाइम आप इस अङक को पि रह हो ममहकन ह दहनया का एक बड़ा हहवीसा आप को होली की बराइया हगना रहा हो हम इिना ही हनवदन कर ग हक ldquoसपrdquo की िरह-िरह सार-सार को गह और थोथ को उड़ा फ क नीर-िीर-हववक हम सब की ामहनयो म यगो-यगो स परवाहमान ह अपन हववक का सदपयोग करि हय अचछी बािो को आग बिाए हमठाइयो क कारोबाररयो दवारा परोस जा रह अशि माल स परहि करि वक़ि याद रह हक कडबरी भी कोई अमि नही ह हर गली क नककड़ पर रङग हपचकारी वग़रह बचन वाल हमार कटीर उदयोग क खवनहार ह आप सभी को सपररवार होली की शभ-कामनाए

खहशयो का वीवागि कर हर आगन हर दवार| कछ ऐसा हो इस बरस होली का तयौहार||

होली हवषयक और भी सामरी मसलन छद ग़िल हजल नज़म कहविा गीि-नवगीि रहसया आलख कहानी कथा वग़रह पिन क हलय यहा हकलक कर

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3उसन आज हकसी को बलॉक करन की उदघोषरा नही की मन हकया पछ हक िहबयि िो ठीक ह लहकन हरर नही पछा हकसी क पसदनल मटर म कया दखल दना हजतती दर म कमट हलखग उतत म दस ठो लाइक कर लग 4हपछल दस हदन स एक ही आईडी स रसबहकग करि-करि बोर हो रह ह खराब लग रहा ह सोचा था आज पकका नई आईडी बनायग लहकन नही बनाई य कया हो रहा मझ गगहलग करना पड़गी हक ऐसी मनहवीथहि को कया कहि ह कछ इमपरहसव कहि होग िो उसको अपना वीटटस बना लग - रीहलग हडटरमाइनड 5बलॉग दख रही ह आजकल वो मई उसका वीटटस सबस पहल लाइक करिी ह घोटाल क पीछ CAG की िरह उसक वीटटस स हचपकी रहिी ह पछना पड़गा उसस चककर कया ह आजकल चट भी नही करिा लगिा ह नई आईडी स चट करनी पड़गी य भी औरो की ही िरह ह 6आज उसन हरर कतत क साथ अपना रोट लगाया ह मन िो हकया मनका गााी को हलख द हक दहखय आपक रहि जानवरो क साथ हकतता िो अनयाय हो रहा ह लहकन हरर छोड़ हदया कमट हकया - (कतत का) रोटो बहि अचछा लग रहा ह बरकट क अदर वाली बाि मन म कही ही ही ही ही smile emoticon smile emoticon smile emoticon

7आजकल हजस दखो कहविा हलखन म लगा ह हकिना िो करर हो गय ह लोग शबदो क साथ अतयाचार दखकर मन दखी हो जािा ह कछ शबदो स बाि हई बचार कह रह थ -पिा होिा हक हमार साथ इतता बरहम सलक होगा िो हम हडकशनरी स भाग जाि रीहलग helliphelliphellip (खाली जगह रीिा स पछ कर भरगी उसको य सब अचछा आिा ह हक कब कस रील होना चाहहय ) 8िीन हदन स दषट न हकलो नही बोला सोचिा ह म पहल बोल माई रट मर पाच हजार दोवीि ह िीन हजार िीस रालोवर उस बवकर क िीन सौ इकवावन दोवीि गवीसा आ गया उसक वीटटस पर (हजसको पहल लाइक हकया था) जाकर वीटटस को सकड़ो बार हडसलाइकलाइक हकया वीटटस को हझझोड़ कर रख हदया कल रील हआ हरर वीटटस लगाया- भटटा चबा रह ह ठड़ा पीि हय smile emoticon

9कछ भाई लोग िो जञान की बाि इतती बवकरी स करि ह हक मन करिा ह एक उननाव क डौहडया गाव म खदाई क हलय लगी एक ठो जसीबी इनक हदमाग म भी लगा द सारी अकल का मलबा हनकाल क हदमाग को खाली कर द लहकन हरर लगिा ह कड़ा कड़दान म ही रह िो अचछा जमीन पर काह को रलाया जाय 10आज मड की भी छटटी थी छटटी मिलब सड समझकर मन टीना को सड वाली आईडी स हकलो बोल हदया वो घट भर िक मह रलाय रही िरह-िरह क बवकरी क आइकान भज कर उसको मनाना पड़ा य लड़हकया भी हकतती चजी होिी ह यार मन िो हकया हक वीटटस लगाऊ -टाहकग ट रल रीहलग इरीटटड लहकन हरर लगा वो समझ जायगी िो वीटटस लगाया- एनजवाइग सड रीहलग रट

11दोवीि बिा रहा था हक वो आजकल बहि वयवीि ह दो आईडी बनाई ह उसन दोनो पराानमहियो की िरर स रसबक पर जग लड़िा ह एक आईडी हकसी क हखलार वीटटस हलखिा ह दसरी स उसक हखलार िकद घट दो घट एक वीटटस पर कशिी लड़न क बाद अगला वीटटस लगा दिा ह बिा रहा था पराानमिी कोई बन उसका चमचा-इन-चीर बनना पकका ह राजयमिी क दज की आशा ह मन हकया उसको कह rsquoशखहचकली कही कrsquo लहकन rsquoरटrsquo कहक बॉय कह हदया वीटटस सटाया- रीहलग ररलकड 12भाईसाहब न बहि हदन स कोई वीटटस अपडट नही हकया आज एक लड़क को रसलाकर लगभग जबररयन समोसा हखला रह ह पकका दस हमनट क अदर वीटटस लगायग- आज एक भख को भोजन कराया सिषट महसस कर रहा ह म सोच रहा ह हक म कमट करगा ndash कया अजब पाखड ह लहकन मझ पिा ह हक म हकसी को हटद नही कर सकिा राइनली हदल पर पतथर रखकर हलखगा- मानविा की सचची सवा 13आज शाम एक फ़र ड का रोन आया कहा आज हकसी स रसबक बरकअप नही हआ िहबयि घबरा रही ह रीहलग लो मन कहा िो म कया कर िो उसन कहा यार ि ही मझस लवर बनकर बाि कर ल आईडीपासवडद भजा ह िरी मल म मन कहा -मझ इस सब झमल म नही पड़ना उसन हरर दोवीिी की कसम दी िो मझ दया आ गयी मन कहा अचछा चल लाग इन करि ह मरी हकवीमि अचछी लाइट चली गयी थी मन उसको एसएमएस हकया उसका जबाब आया -कोई नही मन खद दो बराउजर स चट करक बरक अप कर हलया िझ हहचहकचाहट हो रही थी अचछ स हो भी नही पािा िर स नाऊ रीहलग ररलकवीड मन वीटटस लगाया- कस-कस रस ह रसबक क रीहलग सरपराइजड ऐसी न जान हकिनी बाि डायरी म हलखी हई ह सबको यहा हलखना ठीक नही ह नमन बिा हदय आप अनदाजा लगाइय हक और कया-कया हलखा होगा डायररयो म आप भी रसबक डायरी हलखि हो िो शयर कररय अपन हवचार कोई हहचहकचाहट हो िो अनाम नाम स मझ भज दीहजय हम छाप दग आया न मिा और पिना चाहि ह इन को ठीक ह थोड़ी दर बाद पहल कछ और रचनााहमदयो को भी पि हलया जाय

डॉ (सशरी) शरद हसह

हदलो म रग भर द पयार का हफर इस दरा होली हक मौका द ही द दीदार का हफर इस दरा होली

न हशक़वा हो न कोई हो हगला इक-दसर क सग हमटा द दाग़ हर िक़रार का हफर इस दरा होली

ग़मो को दर सरका द खशी को साथ ल आय

रख माहौल बस इकरार का हफर इस दरा होली

महबबि की हसफाररश हो महबबि की इबादि हो रह तयोहार इक इसरार का हफर इस दरा होली

य होली म सभी क साथ होन का मिा आए

लग हर शख़स जयो पररवार का हफर इस दरा होली

सशीला हशवरार

कहा गए वो चग-डर अपनापन अनराग गीिो की रसाार हबन हकिना सना राग

ढोल-चग की गज पर मन उठिा था झम अब गहलया सनी हई कहा गई वो ाम

मवीिो की टोली नही नही वीवाग क रग बस टीवी म रह गया होली का हड़दग

रग हरिा म छा गए नील-पील-लाल

म हबरहन सखी रही मझको यही मलाल

मोहन अब रगि नही रााा िर गाल कलयग ह द वापर नही दहनया कर सवाल

सग अबीर-गलाल क मला कौन-सा रग लोग कह म बावरी जग स हई हनसग

सावररय क रग-सा हमला न दजा कोय िन लाग जो सावरा हर हदन होली होय

उसन य दखा मझ हई शमद स लाल

हसरि हदल म रह गई मलिी खब गलाल

ामनर कमार lsquoसजजनrsquo

िर भर चिकर जो हमट रग बड़ा बकार साि जनम िक साथ द वही रग िन डार

बदन रगा िो कया हकया मन को रग ल यार

मौका भी दवीिर भी होली का तयोहार

रगो क सग घोलकर कछ टट सवाद ऐसी होली खहलए बरसो आए याद

जाकर य सब स हमलो जस हमलि रग

कवल हपरयजन ही नही दशमन भी हो दग

रग सभी फीक पड़ जब आई मख लाज इन गालो क रग स आओ रग द आज

सख रगो स करो सिरगी ससार

पानी की हर बद को रखो सरहिि यार

फागन न आकर कहा अपन हदल का हाल गोरा मखड़ा ाप का हआ शमद स लाल

रग न हो िो परम भी रग दिा ससार परम न हो िो वयथद ह रगो का अबार

िझको रगन थी चली पीली पीली ाप गोरा िन छकर हई उजली उजली ाप

आखो आखो म चल सार रग गलाल

अपनी होली चल रही य ही सालो साल

ओबामा जी अगर हलकन हिदा होि िो

सजीव हनगम

सबह सबह चचचा अपन घर रपी िोप नली स गोल की िरह जो छट िो सीा हमार घर म आकर रट उनक हाथ म सबह का अखबार था और मह स दनादन ऐस शबद हनकल रह थ हजनह सन कर पहलस वाल भी शहमिदगी महसस करन लग ऐसी िबरदवीि गोलाबारी क सामन पड़ना अपन खद क अहिम सवीकार का इििाम करना जसा ही था इसहलए हम हाथ म सरद रमाल थाम उनक शाहबदक रप स ठडा होन की राह दखन लग थोड़ी दर बाद वह शभ घड़ी भी आ गयी और व उस अकसहशयन की िरह स शाि होकर बठ गए जो घर आय महमान पर भौक भौक कर थक गया हो मन हहममि करक पछा चचचा आप िो ओबामा की िरह स सभय आदमी थ य अचानक ओसामा कस बन गए यह सनि ही चचचा हफर स पाहकवीिानी फौहजयो की िरह स हबना कारर फायररग करन लग बोल नाम मि लो उस ओबामा का मर सामन जब अभी भारि आया था िो कया कया अरमान दख थ मन उसकी और अपनी दोवीिी क यह सोच सोच कर म हकिना खश था हक उस दोबारा यहा दख कर चीन हकिना जल रहा होगा पाहकवीिान हबलख रहा होगा यहा िक हक जब जाि जाि उसन हम हबन मागी सलाह द डाली िब भी मन उस पान क अडड पर खड़ हकसी दोवीि की चहलबािी समझ कर झल हलया था - पर उसन िो वहा जाकर भी - अमा िम अपनी िोि जसी चोच बद रखो य हम दो बड़ी हहवीियो क बीच का मामला ह उसम िम अरर जटली की िरह स बीच म घसन की कोहशश मि करो सषमा वीवराज की िरह स अलग ही रहो हम पिा ह हक उसन वहा जाकर भी हमारी िरफ इस बयान की हपचकारी मारी थी हक भारि म ााहमदक असहहषरिा इिनी बि गई ह हक यहद महातमा गााी हजदा होि िो व आहि होि - लहकन अब िो वहा भी hellip

- हा वही िो hellip बड़ा आया हम जञान दन वाला अब उसक अपन यहा ााहमदक असहहषरिा की ऐसी हरकि हो रही ह िो अब समझा ना अपन लोगो को हम जो जञान हदया था उस कॉपी पवीट करक अपन कपयटर जस दश क होम पज पर डाल न - सही कह रह ह आप पर य सब मझस कहन स कया फायदा - वो िो म भी जानिा ह िम जसा सवीि सट पहनन वाला इन सब बड़ी बड़ी बािो को कया समझगा य िो लाखो रपय का सट पहनन वालो क समझन की बाि ह - िो हफर उनह ही समझाईय न मर घर को कयो राज पथ बना कर 26 जनवरी का शहि परदशदन कर रह ह - हम यहा कोई शहि परदशदन करन नही आय ह बहकक राषर हहि म िमस एक कबादनी मागन क हलए आय ह कही गवीस म इनहोन इवीलाहमक वीटट जसा कोई आिकवादी सगठन न बना हलया हो और उसका पहला हफदायीन मझ ही बनान का न ठान हलया हो यह सोच कर मरी सास डर क मार अपन आप िोर िोर स अनलोम हवलोम करन लगी डरि डरि आवाि हनकली कसी कबादनी चचचा - हम थोड़ी दर क हलए क हलए िमहारा मोबाईल चाहहए - कयो भला - ओबामा स बाि करनी ह और उसस पछना ह हक आज अगर अबराहम हलकन हिदा होि िो व हकिना आहि होि लहकन मरी दशभहि न ही मझ मर मोबाईल क माधयम स अमररका स समबना ख़राब करन स रोक हदया मन मोबाईल म बलस न होन का कारगर बहाना बना हदया चचचा न दवादसा की िरह स अहिशय करोा स मझ घरा और हफर हकसी सचच मोबाईल ाारी दशभि की िलाश म हनकल गए

समीिा परवीर कशवा

रग लगाक ि न जा मझ रग लगाक अपन अग लगाल सावररया रhellip

पवन बसिी ि बनक सग बहा ल अपन हदल म बसा ल सावररया रhellip

फागन न जकफ खोली मदहोशी नभ म घोली

ाानी आकाश हआ ारिी भी उसकी होली

रगो स रग हमल सिरगी फल हखल पखरी लाज खोए

भवरा जो उसप डोल बाह पसार नदी क दोनो हकनार

इकदज को पकार बलम आजा रसावररया रhellip

लरज कपोल लाल सया रग गलाल भावभरा रग घला

िन मन हए सब लाल सजना क सग सखी

ऐस म रग रगी खद स ही परीि हई खद स ही जग हई

परीि लगाक अपनी नीद गवा क सजन सग बन गई म िो बावररया र सावररया रhellip

कावय करन को चल ह हम भरािा सच पछौ िौ हम कछ नही आिा 01

हफर ह हमन बहि िहनक लगाई

झट सो यो एक यहि बझ आई 02

एक शबद ह िाक अनक हवकार इनकौ कीज िजद- बनद वयवहार03

शबद-हवकार प पन-पन करौ परहार

ठोको- ठासौ और नक लउ हनहार 04

जस-जस शबद वीव- पकार सनाव िस-िस कावय पहि बन आव 05

अब िौ भईया हम ह कहव कहाए

मन ही मन यो मवीि मोद मनाए 06

एक हदन जमौ बड़ौ कावय वयापार कहव-कल कौ कछ कह आर न पार07

सब न अपन-अपन जब पाठ हकय

शरगार हावीय वीर रस क ठाट हकय08

अलकारन क अदभि उपयोग हकय वकरोहिन क हवलिर परयोग हकय09

छनदन सौ अनठ स अनबना हकय

चमतकहि क अतयि सपरबना हकय10

हमन ह हहममि अपनी नक न हारी कावय म कावय की यहि कह डारी11

अब हनरदय कौ अवसर जयो आयौ

हमरौ नाम उनन सवद- शरषठ सनायौ12

हलयौ पचन न हम पनः मच बलाय हदयौ टट जिन कौ एक हार हपराय13

िब व बोल मनद-वीवर य मद भाखा

नीच स आपकौ नमबर एक ह आका14

यह सब दखद दशय दखि घर-वारी घर पहचि ही वाकी हवकट सवारी15

बड़ चल हौ िम हनि कहव बनन कौ आयी न नक ह लाज या झठ रन कौ16

बालक भख घर सौ मस ह हफरि ह

टट ह पाि वसतरन क पबनद फटि ह17

मददि स हर बाररस यह छतत चआनी बस अब की बार ह सच फशद प आनी18

कहव-जन एक बाि म कहौ सहवचारी

मानौ न मानौ हौ अब आप अहाकारी19

रोजी-रोटी जब लौ नही हसि जगाड़ी कहव नही कबह कहव ननद अनाड़ी 20

- एन एल चिवदी नगीना उरद lsquoननदrsquo

साहहतयम पर आप लोग जो रसील और चटील वयङयालखो का रसावीवादन करि ह उस का हजममा भाई कमलश पाणडय जी न उठाया हआ ह कहन की आवशयकिा नही हक साहहतयम का कल कामकाज वीवहचछक और अविहनक ह आज क दौर म ऐस साहथयो का हमलना सौभाय ही कहा जायगा वस भी पसा सब कछ खरीद सकिा ह मगर समपदर की भावना नही कमलश जी वीवय भी एक बहिरीन वयङयकार ह कमलश जी क सटायसद की हवशषिा ldquoबारीक़ीrdquo ह आप बड़ ही हनराल अनदाि म पाठक को अपन साथ बहा ल जाि ह आइय कमलश जी क एक रसील और चटील वयङयालख का रसावीवादन करि ह-

फाहयान की हफकमी डायरी कमलश पाणडय

उस रोि फ-ची न बिाया हक भारि-भरमर पर जान स पहल वहा की कछ हफकम

दख ल िो पयादपत मागददशदन हमल सकिा ह फची कहिा ह हरकम हकसी भी समाज का दपदर होिी ह सो इनह दख लो सभव ह भारि जान की आवशयकिा ही न पड़ यही बठ-बठ भारि पर एक वहद रथ हलख सकि हो कल बािार स विदमान काल म बनी डि-दो सौ भारिीय हफकमो की सीडी क जलदवीय सवीकरर ल आया जो प-ईहचग क चोर-बािार म मोमो क एक पलट स भी सवीिी हमल गई आज परािः काल भजन-पजन क उपराि उनक अवलोकन क हलए बठ गया ह य एक नया ही ससार परिीि होिा ह फ-ची ठीक कहिा था हक चीन म फली भारि समबनाी भराहियो पर करद न ारो मझ सही मागददशदन दन वाल फ-ची को साावाद कहि हए अब आरमभ करिा ह एक आठ परहर स हनरिर भारिीय जीवन की इनरानषी छहवया दखि-दखि नि चहाया गए ह और महषिषक िो मानो हनहषकरय ही हो गया ह अभी थोड़ सरा-पान क उपराि जी

हकका हआ िो भारि- जो अब ईहनडया कहलान लगा ह ndash की आकहि कछ-कछ दहषटगोचर होन लगी ह य िो हनहिि ही ह हक इहणडया अतयि समि दश ह हफकम का नायक जो वीवय को आम-आदमी और हनादन मनषय बिािा ह एक बड़ स भवन म रहिा ह हडिाइनर परराान पहनिा ह चमकि वाहन पर यािायाि करिा ह और एक सनदरी स परम करिा ह कभी-कभी सदररयो की सखया एक स अहाक हो सकिी ह पर जब वह नतय रि होिा ह िो सदररया अनि होिी ह हजन ानाढय लोगो स उसकी शििा होिी ह उनक िो कया कहन उनकी जीवन शली चीन क समराट को भी लजा दन वाली ह वस अहाकाश हफकमो म नायक पहलस अहाकारी ह ऐसा परिीि होिा ह हक इहडया म सभी पहलस अहाकारी बनना चाहि ह हजसका कारर यही मालम होिा ह हक उनक घर और ठाट-बाट राजाओ स परहिवीपााद करि दीखि ह इसस िो यही लगिा ह हक इहडया म अब सवदहारा कोई नही बचा दो आम आदमी पर आााररि एक हफकम का अवलोकन करन क बाद इस हनषकषद पर जा पहचा ह हक इहडया क आम-आदमी सर-सपाट क शौकीन होि ह और परायः अपनी परहमका क साथ मनोरम वीथलो पर भरमरशील रहि ह उसकी परहमका वीवय को अतयि हनादन बिािी ह जो उसक अतयकप वसतरो को दख कर िो सतय परिीि होिा ह परनि जब उसक आभषरो और चरर पादका पर दहषट जािी ह िो थोड़ा सदह भी उतपनन होिा ह परायः य लोग कही आकाश स परसाररि होि सगीि पर गायन करन लगि ह िो हर बदलि लय क साथ वसतर वीथल और वाहनाहद बदल दि ह समहि का िब चरमोतकषद हदखिा ह जब य लोग गीि का हर अिरा हकसी अनय दश की भहम पर गाि ह और पलक झपकि ही उनह वहा पहचा दन वाला वाहन कही नही हदखिा हनिय ही वहा का हवजञान अभिपवद परगहि कर चका ह सभव ह वहा हर आम आदमी क पास अपना हनजी वाययान हो िीन आम आदमी की मोहक छहवयो वाल दशयो को दखि जी ही नही भरिा यह भी जञाि हआ हक इहडया एक अतयि सनदर दश ह जहा एक ही वीथल पर समर हहमाचछाहदि पवदि रहगवीिान और झरन ह कई एक वीथल िो ह-ब-ह हवीवटिरलड नामक दश क सामान ह य भी समभव ह हक आम आदमी क भरमर-लाभ हि इहडया म ही कही-कही यरोप-अमरीका आहद महादशो की परहिकहि रच ली गई ह गीिो क दशयो म िो य बाि एक दम हसि हो जािी ह जस ही नायक-नाहयका गायन परारमभ करि ह ढर-सारी सदररया नाचिी-गािी उनकी सगि करन आ जािी ह य भी वसतरो की दहषट स अतयि हनादन लगिी ह परनि हवीथहि पर गौर करन स वीपषट हो जािा ह हक ऐसा नही ह कया समरिट पर सट पहन कर जाया जािा ह या हक राहि-कलबो म बकाद ओि कर इसस य भी वीपषट ह हक इहडया म नाररयो को इचछा-नसार पहनन-ओढन घमन-हफरन नाचन-गान की वीविििा ह चार फची गलि कहिा ह हक इहडया म बहि गरीबी ह उस ऐसा कछ हरकम ही दखकर लगा था उसकी सलाह पर आज ऐसी कछ हरकम दखी इनम टट-फट घरो म कछ हभिक-परकार क पराहरयो का जीवन हदखाया गया था सकषम दहषट डालन पर इन बहवीियो क पीछ खड़ हवशाल महल हदख जाि थ जहा स कछ आम आदमी आकर इन बहवीियो को हगराना चाहि हदखाए गए थ पर उनका उदशय इन झोपहड़यो की जगह महल बना कर पर इहणडया को एकाकार कर दना था समयाभाव म इनका बनाना हदखाया नही जा सका एक राजनिा न बिाया हक गरीबी को परचाररि करन क पीछ हवरोाी राजनीहिक दलो का दषपरचार ह जो मझ सो सतय लगा मझ िो इसम

चीन का हवीि होन की भी समभावना हदखी कयोहक ऎसी एक हफकम म हनादन लोग बार-बार माओ का नाम ल रह थ पाच ऐसा परिीि होिा ह हक इहडया म सभय लोगो की भाषा हहनदी ह य भाषा अरजी क शबदो और वीथानीय भाषा क कारको स बनी ह हबना पि-हलख लोग कई वीथानीय भाषाए बोलि ह परायः लोग कवल अरिी भी बोलि पाए जाि ह पर आम िौर पर अरिी क दो एक वाकयो क बाद हहनदी पर उिर आन की परवहतत ह नाहयकाए और हसतरया अरिी बोलना पसद करिी ह पर जब वो हहनदी बोलिी ह िो भी धवहन अरिी-सी ही आिी ह ऐसा परिीि होिा ह हक उनह भाषा की दीिा मलिः अरिी म हमली ह और हहनदी उनहोन हकसी हहनदी हफकम म काम करन क उददशय स सीखी ह गान अहपि हहनदी म ही गाय जाि ह पर वहा और भी कई भाषाओ का मल हदख पड़िा ह एक गीि िो ऐसा था हजसम बड़-बड़ नगाड़ो की िाल पर पजाबी नामक भाषा म बहि सारी अरिी और थोड़ी हहनदी हमलाई गयी थी ऐस कछ गीिो क रचहयिा कोई lsquoयो योrsquo नामक महाकहव ह जो अपन गीिो म यवाओ को कम महदरा या मादक पदाथो क सवन करन जस सावीकाररक सदश दि रहि ह इन गीिो क भावाथद जो भी हो इसम कनयाओ का नतय अदभि ह- शबदो को समझ हबना ही सभी अथद वीपषट हो जाि ह छह आज दहिर इहडया की कछ हरकम दख कर पिा चला हक इहणडया क इस भखड म परष अहि-शहिशाली और नाररया खब भरी-परी होिी ह नायक िो इिना चपल होिा ह हक चशमा हसगरट या हपवीिौल जस उपकरर पलक झपकि ही अपन शरीर क हवहवा हहवीसो पर अिररि कर लिा ह इस नायक क एक आघाि स खलनायक कई पलो िक वायमडल म गोि खािा ह और कभी-कभी िो आकाश म ही हवलीन हो जािा ह उार नाररया रग-हबरग कलशो और इनरानषी आकहियो क बीच मादक नतय करिी रहिी ह वहा का एक नायक िो सवद-शहिमान ईशवर क समकि ह उसकी शहियो क हवषय म अनक हकवदहिया परचहलि ह जो फ-ची क अनसार रजनी-जोकस नामक रथ म सगहीि ह साि कछ राजनीहिक हरकम दख कर ऐसा परिीि हआ हक इहणडया म सभी निाओ की अपराा करन-करान म गहरी रहच ह परायः समाज म खलनायक निा ही होिा ह य लोग सरा-सदररयो हहथयारो सनदर परासादो और चमकि वाहनो क बीच ही रहना पसद करि ह आवशयकिा पड़न या न पड़न हकसी भी हवीथहि म हकसी की हततया कर दना इनक वाम-हवीि का कमद ह बलातकार हि इनह यो िो सभी हकवीम की नाररया पसद ह पर नायक की बहन या परहमका पर हवशष कपा रखि ह ऐसा लगिा ह हक इनकी हदनचयाद हकसी षडयि स आरमभ होकर हकसी हततया पर समापत होिी ह इनक अगरिक चीनी यि कला म हसिहवीि होि ह और अवसर पाि ही सााारर मानवो पर ईया-ऊआ करि टट पड़ि ह एक राजनिा की कररिा दख कर िो मरा हघघघी नामक अग बा ही गया इहडया म इनही अहिमानवो म स जनपरहिहनहा चनन का परावाान मालम होिा ह चन हलए जान क बाद य परायः शवि वसतर ाारर करि ह और सभाओ म भाषर दि हफरि ह पर अििः अपराा क सभी सि उनस ही जड़ होि ह चनाव एक रोचक अवसर होिा ह जब ढर सार वाहनो म लोग रग हबरगी झहडयो क साथ नारा लगाि घमि ह आठ इहडया का य रग दख कर िो दग रह गया ह एक मदान म लाल पील हार नील िातपयद य की सभी परकार क रगो स सराबोर हिारो मनषय एक साथ नतय कर रह ह सबक

वसतर शवि ह िाहक रगो की छाप गहरी उभर गाज-बाज क साथ एक समह गीि गाया जा रहा ह हजसम गोररयो की चोली पर रग डालन की परररा दी जा रही ह चनररया को हभगोन पर हवशष जोर ह सदररया परषो स जोड़ बना कर मादक नतय कर रही ह रग जो ह उड़ भी रह ह बौछार बन कर बरस रह ह और चहरो पर पोि भी जा रह ह इहडया की इस रगीन छहव को दख कर हपछली सारी छहवया ााली हो गई ह ऐसा परिीि हो रहा ह हक मानो परा दश एक ही रग म रगा ह भल ही वह हिारो रगो म वयि हो रहा हो पिा चला ह हक य एक तयौहार ह हजस होली कहि ह एक हदन पहल इहडया क लोग होहलका जलाि ह हजसम अपनी बराईयो की आहहि डालि ह मन भी आज इहडया की बरी छहव बनान वाली हपछली हफकमो की सीडी एकि कर उनकी होहलका जला दी और उसकी राख इन बरगलान वाली हरकम दखन की सलाह दन वाल फ-ची क मह पर मल आया आज इहणडया की यािा की ियारी परी कर ली ह दो हदनो क पिाि होली ह उस दख हबना इहडया की यािा कस समपरद होगी य ह कमलश पाणडय जी और य ह उन का अनोखा वाला रङग जो मझ बहद पसनद ह इस आहटदकल को चाह िो माि मनोरञजन क हलय भी पिा जा सकिा ह और अगर कोई वयहि समय हनकाल कर इस की थाह को नापना चाह िो नपप भी सकिा ह कमलश भाई जी क एक हमि ह हवनोद हमशर हवनोद जी ररसणटली बरसाना हो कर आय ह हवनोद जी न साहहतयम क हलय बरसान की होली की दो बहि ही सनदर-सनदर िवीवीर भजी ह हवनोद जी का बहि-बहि आभार य ह वह दो िवीवीर -

डा वी क भकला

हजजजा सग होली

लगा कर भोग महावीर को और चिा कर फल बिीसा बड़ भहिभाव स पि रह थ हम िो हनमान चाहलसा महावीर जब नाम सनाव

भि हपचास हनकट नही आव िभी मरी साहलया आ कर बोली खलग हम जीजजा सग होली और मरी हसटटीहपटटी गम होली कािर वीवर म हमन पकारा

ह हनमि अब िरा सहारा सन पकार मरी हनमानजी धयान म आए

और मझस य ररमाए वतस म िो ठहरा बाल बरहमचारी

कस हर म हवपदा िमहारी इस लरड़ म मझ न लाओ

िमहारी घहटया ह िमही बजाओ पड़ा सकट मोचन नाम भी झठा हदखा गए हनमानजी भी अगठा

मरी साहलओ न जी भर की मरी पिाई दिा रहा हाए म दहाई

िभी शरीमिी जी बाहर स आई मझ दखि ही हचलाई

अजी सनि हो जरा बाहर आओ कोई लरगा घर म घस आया ह

उस मार कर बाहर भगाओ ाीर स मन खखारा

अरी भागवान य म ह पहि िमहारा िो शरीमिी जी िनक कर बोली

वाह मर छला बहि भाए हो सबह सबह कहो हकसस

मह काला करवा कर आए हो मन अपनी करर गाथा उस सनाई

िो शरीमिी जी हभननाई और अपनी बहनो को आवाि लगाई

कया मरा ही पहि हमला था मह काला करन क हलए

िो वो बहयाई स बोली दीदी अगली होली म

िम हमार पहियो का मह काला कर दना िमहारा सारा हशकवा हमट जाएगा हहसाब एक दम बरोबर हो जाएगा

हमन कछ वि क हलए बाहर हनकलना बद कर ह

यह सोच कर हक अगर हकसी न पछा हक िमहारा मह हकसन काला हकया

िो कया जवाब दगा

हवजनर शमाद

सरहद स आया नही होली पर कय लाल मा की आख रग स करिी रही सवाल

आखो को भी ह हगला कर हशकायि गाल बरी ख़द आया नही हभजवा हदया गलाल

कौन बजाव फाग प ढोल नगाड़ चग चारो िरर उदाहसया गायब हई उमग

मौक़ा था पर यार न डाला नही गलाल

मरझाय स ही रह मर दोनो गाल

हरि म थ यार सब दशमन भी था दग मन उसक गाल पर लगा हदया जब रग

इििार क रग म गयी बावरी डब होली पर इसबार भी आया ना महबब

और अब ररसहिया जी का एक और ाास सटायर ाास इसहलय हक समझ म नही आ रहा हक इनह खाङरसी कहा जाय हक हफर भीजफी बाला

आजकल बचार कालान की मरन ह कोई भी घपला होिा ह काल ान पर िोहमि लगिी ह बलक मनी की थ-थ होिी ह जस निा चमच क हबना महनि चल क हबना आईपीएल हरहकसग क हबना

अारा लगिा ह वस ही कोई भी घपला काल ान की चचाद क हबना अारा लगिा ह घपला अगर कोई

आाहनक जहटल कहविा ह िो काला ान उसका आम जनिा की समझ म आन वाला सरल अनवाद ह घोटाला यहद कोई अबझ हसिाि ह िो काला ान उसकी सहज टीका ह जस पाहटदया चद क हबना निा लफ़राजी क हबना लखक अपनी उपिा का रोना रोय हबना नही रह पािा वस ही दहनया का कोई भी बड़ा ानाा हबना काल ान क नही पनप सकिा दहनया म हजिन भी मजबि ाना ह चाह वह हहथयार का हो ामद का हो या हरर हशिा का ही कयो न हो सबकी बहनयाद म काल ान की सीमनट लगी ह काला ान न हो िो हवीवस बक रवीस बक होकर रह जाय अपन दश म हपछल बीस सालो म हजतता हवकास हआ ह काला ान उसस कई गना जयादा बिा ह गहरि की भाषा म कह िो हकसी भी आाहनक समाज का हवकास उस समाज म मौजद कालान की मािा का समानपािी होिा ह इस सबक बावजद कालान को लोग इजजि की हनगाह स नही दखि कालाान कमान वाला िक खलआम उसकी आलोचना ही करिा ह राजनीहिजञ चनाव भल काल ान क सहार लड़ लहकन सावदजहनक रप स कालान की ऐसी बराई करि ह जस वामपथी दहिरपहथयो की करि ह अमररकी कयबा की करि ह पाहकवीिान वाल भारि की करि िरह ह अपन परहि दहनया का यह दवदातमक इजजिवाद दखकर बचार कालान क हदल पर कया बीििी होगी दहनया क ाोख को दखकर उसका मन भी हजया खान की िरह लटककर हनपट जान का करिा होगा उसका भी मन करिा होगा हक सरकारी गवाह बन जाय और सबकी पोल खोल द हक कस िमाम लोगो स उसक अिरग सबा रह कस लोगो न उसका सहारा हलया आग बि और सहारा हलया लहकन जब सरलिा क हकवीस सनान की बारी आयी िो शरय अपनी महनि लगन और बहि को हदया कालान क योगदान की सरासर उपिा कर दी यह वसा ही ह हक हकसी दश क इहिहास म राजा राहनयो क हकवीस हलख जाय लहकन महनिकश जनिा की कहानी गोलकर दी जाय लहकन हरर कालाान शायद यह सोचकर चप रह जािा होगा हक अपरााी कोई भी हो लहकन बराई उसी की होनी ह बइजजिी िो उसी की खराब होनी ह इसक बाद शायद वह यह सोचकर चपचाप अपनी करििो म जट जािा होगा हक आजनही िो कल उसको वह इजजि अवशय हमलगी हजसका वह हकदार ह उसको भी खल आम उिनी ही वीवीकायदिा हमलगी हजिनी की आज समाज म जाहिवाद सकीरदिा भाई भिीजावाद भायवाद और काहहली को हमली ह काला ान सोचिा होगा- जस बाहकयो क हदन बहर कया पिा वस ही उसक भी बहर

और साहथयो चलि-चलि अपनी जड़ो की ओर - बरहमलीन सनि कहव हशवदीन राम (जोशी) की सनि-वारी आप ही क आधयाहतमक हशषय आदररीय शरी हकशोर पारीक [खणडला] जी क सौजनय स

गोकल व बरसान की नार बजाय-बजाय बजा रही िारी अर वनदावन की बनी व बनी बनक ठनक अरी द रही गारी

शयाम को शयामा सजाय सजी अहो और गलाल लगावि पयारी हशवदीन व जोरी स जोरी हमलीबरज खलि होरी ह बाक हबहारी

मगल समगल सदा ही आननद रह नदलाल

ि गलाल डार दख सखी आ रही राा मिवाली आली चाली रग डारन को

गोहपया हनराली गाली शयाम को सना रही सन-सन क शयामलाल सग-सग गवाल बाल

बाजि मदग िाल राा जी गा रही कहिा हशवदीन लाल ऐसी गलाल उड़ी

बादर बन लाल लाली चह ओर छा रही

बरज वनदावन ााम रग स रगा रगीला हरा मोहिया लाल रग ह पयारा पीला

ाम ााम स खल खल रह होरी दखो शयामा शयाम सजान और सग गोरी दखो

चह ओर हपचकाररया रग-रग की ाार हशवदीन सरस रस रहसक जन पीव करर-करर पयार

राम गर गायर

भारि की लोक समपदा फागन की फाग - आचायद सजीव वमाद सहलल भारि हवहवावरी लोक सवीकहि स सपनन- समि परमपराओ का दश ह इन परमपराओ म स एक लोकगीिो की ह ऋि पररविदन पर उतसवामी भारिीय जन-

मानस गायन-वादन और निदन की हिवरी परवाहहि कर आनहदि होि ह फागन वषािि िथा चि वषादरमभ क साथ-साथ फसलो क पकन क समय क सचक भी ह दहिरायनी सयद जस ही मकर राहश म परवश कर उततरायरी होि ह इस महादवीप म हदन की लमबाई और िापमान दोनो की वहि होन की लोकमानयिा ह सयद पजन गड़-हिल स हनहमदि पकवाननो का सवन और पिगबाजी क माधयम स गगनचमबी लोकानद की अहभवयहि सवदि दखी जा सकिी हमकर सकराहि हखचड़ी बसाखी पोगल आहद हवहवा नामो स यह लोकपवद सकल दश म मनाया जािा ह पवदराज होली स ही मधयोततर भारि म फागो की बयार बहन लगिी ह बदलखड म फाग बजभहम म नटनागर की लीलाए हचहिि करि रहसया और बााई गीि अवा म राम-हसया की जगल जोड़ी की होली-करीड़ा जन सामानय स लकर हवहशषट जनो िक को रसानद म आपादमवीिक डबा दि ह राम अवा स हनकाकर बदली माटी पर अपनी लीलाओ को हववीिार दि हए लमब समय िक हवचरि रह इसहलए बदली मानस उनस एकाकार होकर हर पवद-तयौहार पर ही नही हर हदन उनह याद कर जय राम जी की कहिा ह कषर का नागो स सघषद और पाडवो का अजञािवास नमददाचली बनदल भहम पर हआ गौरा-बौरा िो बदलखड क अपन ह हशवजा हशवातमजा हशवसिा हशवहपरया हशव वीवदोभवा आहद सजञाओ स समबोहाि आननददाहयनी नमददा िट पर बमबहलयो क साथ-साथ हशव-हशवा की लीलाओ स यि फाग गयी जाना वीवाभाहवक ह बदली फागो क एकछि समराट ह लोककहव ईसरी ईसरी न अपनी परहमका रजउ को अपन कहितव म अमर कर हदया ईसरी न फागो की एक हवहशषट शली चौघहड़या फाग को जनम हदया हम अपनी फाग चचाद चौघहड़या फागो स ही आरमभ करि ह ईसरी न अपनी पराकि परहिभा स रामीर मानव मन क उचवासो को सर-िाल क साथ समहनवि कर उपहिि और अनचीनही लोक भावनाओ को इन फागो म हपरोया ह रसराज शर गार क सयोग और हवयोग दोनो पि इन फागो म अदभि माायद क साथ वहरदि ह सदयवीनािा यविी की कशराहश पर मा ईसरी गा उठि ह ईसरी रााा जी क कानो म झल रह िरकला को उन दो िारो की िरह बिाि ह जो रााा जी क मख चनर क सौदयद क आग फीक फड़ गए ह कानन डल राहाका जी क लग िरकला नीक आनदकद चद क ऊपर िो िारागर फीक ईसरी की आराधया राहाका जी सदरी होन क साथ-साथ दीनो-दहखयो क दखहिाद भी ह मय बल राि राहाका जी को कर आसरा की कौ दीनदयाल दीन दःख दखन हजनको मख ह नीकौ पहटया कौन सगर न पारी लगी दहिन पयारी रचक घटी-बड़ी ह नया सास कसी ढारी िन रई आन सीस क ऊपर शयाम घटा सी कारी ईसर परार खान ज पहटया जब स िकी उघारी

कहव पछिा ह हक नाहयका की मोहक चोहटया हकस सघड़ न बनायी ह चोहटया जरा भी छोटी-बड़ी नही ह और आिी-जािी सासो की िरह हहल-डल रही ह व नाहयका क शीश क ऊपर शयामल मघो की िरह छाई ह ईसरी न जब स इस अनावतत कशराहश की सनदरिा को दखा ह उनकी जान हनकली जा रही ह ईसर की नाहयका ननो स िलवार चलािी ह दोई ननन की िरवार पयारी हफर उबार अलपान गजरान हसरोही सलमान झख मार ऐच बार मयान घघट की द काजर की ाार ईसर शयाम बरकि रहहयो अहायार उहजयार िलवार का वार िो हनकट स ही हकया जा सकिा ह नायक दर हो िो कया हकया जाए कया नाहयका उस य ही जान दगी यह िो हो ही नही सकिा नाहयका हनगाहो को बरछी स भी अहाक पन िीर बनाकर नायक का हरदय भदिी ह छट नन-बार इन खोरन हिरछी भौह मरोरन नोकदार बरछी स पन चलि करज फोरन नायक बचारा बचिा हफर रहा ह पर नाहयका उस जान दन क मड म नही ह िलवार और िीर क बाद वह अपनी काहिल हनगाहो को हपवीिौल बना लिी ह अहखया हपवीिौल सी करक मारन चाि समर क गोली बाज दरद की दार गज कर दि निर क इिन पर भी ईसरी जान हथली पर लकर नवयौवना नाहयका का गबखान करि नही अघाि जबना कड़ आय कर गहलया बला कसी कहलया ना हम दख जमि जमी म ना माली की बहगया सोन कस िबक चि ह बरछी कसी भहलया ईसर हाथ सभार ाररयो फटट न जाव गहदया लोक ईसरी की फाग-रचना क मल म उनकी परहमका रजऊ को मानिी ह रजऊ न हजस हदन गारो क साथ गल म काली काच की गररयो की लहड़यो स बन ४ छटा और हबचौली काच क मोहियो का हिदान जसा आभषर और चोली पहहनी उसक रप को दखकर दीवाना होकर हार झलन लगा ईसरी कहि ह हक रजऊ क सौदयद पर मा हए हबना कोई नही रह सकिा हजयना रजऊ न पनो गारो हरनी हजया हबरानो छटा चार हबचौली पर भर हफर गरदानो

जबनन ऊपर चोली पर लटक हार हदवानो ईसर कान बटकन नइया दख लव चह जवानो ईसरी को रजऊ की हरन (हचिवन) और हसन (हसी) नही भलिी हवशाल यौवन मिवाली चाल इकहरी पिली कमर बार की िरह िानी भौह हिरछी निर भलाय नही भलिी व निर क बार स मरन िक को ियार ह इसी बहान रजऊ एक बार उनकी ओर दख िो ल ऐसा समपदर ईसरी क अलावा और कौन कर सकिा ह हमख़ा हबसरि नही हबसारी हरन-हसन िमारी जबन हवशाल चाल मिवारी पिरी कमर इकारी भौह कमान बान स िान निर हिरीछी मारी ईसर कान हमारी कोदी िनक हर लो पयारी ईसरी क हलय रजऊ ही सवदवीव ह उनका जीवन-मरर सब कछ रजऊ ही ह व परभ-वीमरर की ही िरह रजऊ का नाम जपि हए मरन की कामना करि ह इसहलए कछ हवदवान रजऊ की सासाररक परहमका नही आदया माि शहि को उनक दवारा हदया गया समबोान मानि ह जौ जी रजऊ रजऊ क लान का काऊ स कान जौलो रहन रहि हजदगी रजऊ क हि कमान पला भोजन कर रजौआ पाछ क मोय खान रजऊ रजऊ कौ नाम ईसरी लि-लि मर जान ईसरी रहचि सहसतरो फाग चार कहड़यो (पहियो) म बाी होन क कारन चौकहड़या फाग कही जािी ह इनम सौदयद को पान क साथ-साथ पजन और उसक परहि मन-परार स समहपदि होन क आधयातमजहनि भावो की सहलला परवाहहि ह रचना हवाान य फाग ४ पहियो म हनबि ह हर पहि म २ चरर ह हवषम चरर (१ ३ ५ ७ ) म १६ िथा सम चरर (२ ४ ६ ८) म १२ मािाए ह चरराि म परायः गर मािाए ह हकनि कही-कही २ लघ मािाए भी हमलिी ह य फाग छद परभाकर क अनसार महाभागवि जािीय नर र छद म हनबि ह इस छद म खड़ी हहदी म रचनाए मर पिन म अब िक नही आयी ह ईसरी की एक फाग का खड़ी हहदी म रपािरर दहखए हकस चिरा न छोटी गथी लगिी बहद पयारी हकहचि छोटी-बड़ी न उठ-हगर रही सास सम नयारी मकट समान शीश पर शोहभि कषर मघ सी कारी हलय ल रही जान कश-छहव जब स हदखी उघारी नर र छद म एक चिषपदी दहखए

बाि बनाई हकसन कसी कौन हनभाय वाद सब सच समझ रही ह जनिा कहा फदकि पयाद राजा कौन विीर कौन हकसक बद-नक इराद हजसको चाह सहलल हजिा मि चाह उस हरा द बनदली लोकरग की सािी ईसरी की फाग सजीव बदलखड क महानिम लोककहव ईसरी क कावय म लोकजीवन क सावीकहिक साहहहतयक सामाहजक पि परी जीवनििा और रचनातमकिा क साथ उदघाहटि हए ह ईसरी का वहशषटय यह ह हक व िथाकहथि सभराििा या पाहडतय स कय भाषा शली आहद उाार नही लि व दशज रामीर लोक मकयो और परमपराओ को इिनी वीवाभाहवकिा परगाििा और अपनतव स अहकि करि ह हक उसक सममख हशषटिा-शालीनिा ओिहि सजदनाारा हवपनन परिीि होन लगिी ह उनका साहहतय पवीिकाकार रप म नही शरहि परपरा म सन-गाकर सहदयो िक जीहवि रखा गया बदलखड क जन-मन समराट महान लोककहव ईसरी की फाग गय परपरा क कारर लोक-वीमहि और लोक-मख म जीहवि रही सकलनकिाद कवर शरी दगद हसह न १९३१ स १९४१ क मधय इनका सकलन हकया शरी इलाशकर गहा न ाौराद राम (जहा ईसरी लमब समय रह थ) हनवाहसयो स सनकर फागो का सकलन हकया अपिाकि कम परचहलि हनमन फागो म ईसरी क नसहगदक कारहयिी परहिभा क साथ-साथ बनदली लोक परपरा हावीया एव शरीनगरहपरयिा क भी दशदन होि ह कषर-भि ईसरी वनदावन की माटी का महातमय कहि हए उस दविाओ क हलए भी दलदभ बिाि ह अपनी कवीन जीभ स चाटी वनदावन की माटी दरलभ भई हमली ना उनखो दई दविन डाटी हमल ना सकी अनकन हार पाव की पररपाटी पायो वीवाग काह न नइया मीठी ह की खाटी बाही रज बजबाहसन lsquoईसरrsquo हहसदारी म बाटी कदम कञज म खड़ कनहया राहगीरो को रावीिा भला दि ह इसहलए पहथक जमना की राह ही भल गय ह अथादि जमना स नही जाि हकसी को भला कर मजा लन की लोकरीि को ईसरी अचछा नही मानि और कषर को सलाह दि ह हक हकसी स अहाक हसी अचछी नही होिी आली मनमोहन क मार जमना गल हबसार जब दखो जब खडो कञज म गह कदम की डार जो कोउ भल जाि ह रवीिा बरबस आन हबगार जादा हसी नही काऊ स जा ना रीि हमार

lsquoईसरrsquo कौन चाल अब चहलए ज िौ परी पार राि भर घर स बाहर रह कषर को अपनी सफाई म कछ कहन का अवसर हमल हबना lsquoछहलयाrsquo का हखिाब दना ईसरी क ही बस की बाि ह ओइ घर जाब मरहलयाबार जहा राि रय पयार हर बाट मनइया बठी कर नन रिनार अब िौ कौनऊ काम िमारो नइया भवन हमार lsquoईसरrsquo कषर नद क छौना िम छहलया बजबार फगआ हो और रााा न खल यह कस हो सकिा ह कषर सर ह िो रााा सवा सर दोनो की लीलाओ का सजीव वरदन करि ह ईसरी मानो सािाि दख रह हो रााा न कषर की लकटी-कमररया छीन ली िो कषर न रााा क हसर स सारी खीच ली इिना ही हो िो गनीमि होली की मवीिी चरम पर हई िो रााा नटनागर बन गयी और कषर को नारी बना हदया खल फाग राहाका पयारी बज खोरन हगराारी इन भर बाह बास को टारो उन मारो हपचकारी इनन छीनी लकहट मरहलया उन छीनी हसर सारी ब िो आय नद क लाला ज बषभान दलारी अपन बनी नटनागर lsquoईसरrsquo उन बनाओ नारी अटारी क सीिी चिि घघर हनशबद हो गए फलो की सज पर बनवारी की नीद लग गयी रााा क आि ही यशोदा क अनाड़ी बट की बीन (बासरी) चोरी हो गयी कसी सहज-सरस ककपना ह चोरी गइ बीन हबहारी की जसदा क लाल अनारी की जाहमन अमल जगल क भीिर आवन भइ रााा पयारी की नपर सबद सनाक हखच रय हछहड़या चड़ि अटारी की बड़ी गलाम सज फलन की लग गइ नीद मरारी की काि lsquoईसरीrsquo घोरा प स उठा लई बनवारी की कषर रााा और गोहपयो क चगल म फस गय ह गोहपयो न अपन मनभावन कषर को पकड़कर सतरी बनान का उपकरम करन म कोई कसर नही छोड़ी कषर की बनमाला और मरली छीनकर हसर पर साड़ी उिा दी गयी रााा न उनह सभी आभषरो स सजाकर कमर म लहगा पहना हदया और सहखयो क सग फागन मनान म लीन हो गयी ह शर गार और हावीय का ऐसा जीवि शबद हचि ईसरी ही खीच सकि ह पकर गोहपन क मनभावन लागी नार बनावन छीन लई बनमाल मरहलया सारी सीस उड़ावन

सकल अभषन सज राहाका कहट लहगा पहरावन नारी भस बना क lsquoईसरrsquo फगआ लगी मगावन ईसरी परहमका स हनवदन करा रह ह हक वह अपन िीख नयनो का वार न कर हजरह-बखिर कछ न कर सक ग और दख ही दखि नयन-बार हदल क पार हो जायगा हकसी गरी वदय की औषहा भी काम नही आएगी ईसरी क दवाई िो हपरयिमा का दशदन ही ह पररय की ऐसी परगाि रसहसि अहभवयहि अपनी हमसाल आप ह नना ना मारो लग जह मरम पार हो जह बखिर हझलम कहा का लह ढाल पार कर जह औषद मर एक ना लहगह बद गनी का कह कहि lsquoईसरीrsquo सन लो पयारी दरस दबाई दह हनमन फाग म ईसरी नयनो की कथा कहि ह जो परदशी स लगकर हबगड़ गय बबादद हो गय ह य नयना अा हसपाही ह जो कभी लड़कर नही हार इनको बहि नाि स काजल की रखा भर-भरकर पाला ह हकनि य खो गए और इनस बहि आसओ स नयी की नयी सारी भीग गयी ह कसी माहमदक अहभवयहि ह नना परदसी स लग क भय बरबाद हबगरक नना मोर सर हसपाही कबऊ ना हार लरक ज नना बार स पाल काजर रख भरक lsquoईसरrsquo भीज गई नई सारी खोवन असआ ढरक शरगार क हवरह पि का परहिहनहातव करिी यह फाग ईसरी और उनकी परहमका रजऊ क हबछड़न की वयथा-कथा कहिी ह हबछरी सारस कसी जोरी रजो हमारी िोरी सङगसङग रह हनहस-बासर गर हलपटिी सोरी सो हो गई सपन की बाि अन हस बोल कोरी कछ हदनन को हिया अबादो हम बिा दो गोरी जबलो लागी रह lsquoईसरीrsquo आसा जी की मोरी ईसरी की य फाग शर गार क हमलन-हवरह पिो का हचिर करन क साथ-साथ हावीय क उदातत पि को भी सामन लािी ह इनम हसी-मजाक हसना-बोलना सभी कछ ह हकनि मयादहदि कही भी अशलीलिा का लश माि भी नही ह ईसरी की य फाग २८ मािी नरनर छद म रहचि ह इनम १६-१२ पर यहि का ईसरी न परी िरह पालन हकया ह सम चररानि म गर की अहाकिा ह हकनि २ लघ भी परापय ह इक फाग म ४ ५ या ६ िक पहिया हमलिी ह एक फाग की सभी पहियो म सम चररानि समान ह जबहक हवषम चररानि म लघ-गर का कोई बान नही ह

हम न गर हवीन और ख़शब ही को िोला होिा हफर िो हर पड़ गलाबो स भी हकका होिा उदाहरर क रप म समझा जाय िो एक मिदबा य भी समझा जा सकिा ह हक परमपराए हमशा पड़ या हफर पौा की िरह होिी ह और उन पर लगन वाल फल और उन फलो की ख़शबए आाहनक हवचाराारा समान यहद हम आाहनक हवचारााराओ ही को सबकछ समझ बठ ग िो य फल और ख़शबए कया आसमान स टपक ग समझन वाल इशारो को बहि जकद समझग बाय द टाइम आप इस अङक को पि रह हो ममहकन ह दहनया का एक बड़ा हहवीसा आप को होली की बराइया हगना रहा हो हम इिना ही हनवदन कर ग हक ldquoसपrdquo की िरह-िरह सार-सार को गह और थोथ को उड़ा फ क नीर-िीर-हववक हम सब की ामहनयो म यगो-यगो स परवाहमान ह अपन हववक का सदपयोग करि हय अचछी बािो को आग बिाए हमठाइयो क कारोबाररयो दवारा परोस जा रह अशि माल स परहि करि वक़ि याद रह हक कडबरी भी कोई अमि नही ह हर गली क नककड़ पर रङग हपचकारी वग़रह बचन वाल हमार कटीर उदयोग क खवनहार ह आप सभी को सपररवार होली की शभ-कामनाए

खहशयो का वीवागि कर हर आगन हर दवार| कछ ऐसा हो इस बरस होली का तयौहार||

होली हवषयक और भी सामरी मसलन छद ग़िल हजल नज़म कहविा गीि-नवगीि रहसया आलख कहानी कथा वग़रह पिन क हलय यहा हकलक कर

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11दोवीि बिा रहा था हक वो आजकल बहि वयवीि ह दो आईडी बनाई ह उसन दोनो पराानमहियो की िरर स रसबक पर जग लड़िा ह एक आईडी हकसी क हखलार वीटटस हलखिा ह दसरी स उसक हखलार िकद घट दो घट एक वीटटस पर कशिी लड़न क बाद अगला वीटटस लगा दिा ह बिा रहा था पराानमिी कोई बन उसका चमचा-इन-चीर बनना पकका ह राजयमिी क दज की आशा ह मन हकया उसको कह rsquoशखहचकली कही कrsquo लहकन rsquoरटrsquo कहक बॉय कह हदया वीटटस सटाया- रीहलग ररलकड 12भाईसाहब न बहि हदन स कोई वीटटस अपडट नही हकया आज एक लड़क को रसलाकर लगभग जबररयन समोसा हखला रह ह पकका दस हमनट क अदर वीटटस लगायग- आज एक भख को भोजन कराया सिषट महसस कर रहा ह म सोच रहा ह हक म कमट करगा ndash कया अजब पाखड ह लहकन मझ पिा ह हक म हकसी को हटद नही कर सकिा राइनली हदल पर पतथर रखकर हलखगा- मानविा की सचची सवा 13आज शाम एक फ़र ड का रोन आया कहा आज हकसी स रसबक बरकअप नही हआ िहबयि घबरा रही ह रीहलग लो मन कहा िो म कया कर िो उसन कहा यार ि ही मझस लवर बनकर बाि कर ल आईडीपासवडद भजा ह िरी मल म मन कहा -मझ इस सब झमल म नही पड़ना उसन हरर दोवीिी की कसम दी िो मझ दया आ गयी मन कहा अचछा चल लाग इन करि ह मरी हकवीमि अचछी लाइट चली गयी थी मन उसको एसएमएस हकया उसका जबाब आया -कोई नही मन खद दो बराउजर स चट करक बरक अप कर हलया िझ हहचहकचाहट हो रही थी अचछ स हो भी नही पािा िर स नाऊ रीहलग ररलकवीड मन वीटटस लगाया- कस-कस रस ह रसबक क रीहलग सरपराइजड ऐसी न जान हकिनी बाि डायरी म हलखी हई ह सबको यहा हलखना ठीक नही ह नमन बिा हदय आप अनदाजा लगाइय हक और कया-कया हलखा होगा डायररयो म आप भी रसबक डायरी हलखि हो िो शयर कररय अपन हवचार कोई हहचहकचाहट हो िो अनाम नाम स मझ भज दीहजय हम छाप दग आया न मिा और पिना चाहि ह इन को ठीक ह थोड़ी दर बाद पहल कछ और रचनााहमदयो को भी पि हलया जाय

डॉ (सशरी) शरद हसह

हदलो म रग भर द पयार का हफर इस दरा होली हक मौका द ही द दीदार का हफर इस दरा होली

न हशक़वा हो न कोई हो हगला इक-दसर क सग हमटा द दाग़ हर िक़रार का हफर इस दरा होली

ग़मो को दर सरका द खशी को साथ ल आय

रख माहौल बस इकरार का हफर इस दरा होली

महबबि की हसफाररश हो महबबि की इबादि हो रह तयोहार इक इसरार का हफर इस दरा होली

य होली म सभी क साथ होन का मिा आए

लग हर शख़स जयो पररवार का हफर इस दरा होली

सशीला हशवरार

कहा गए वो चग-डर अपनापन अनराग गीिो की रसाार हबन हकिना सना राग

ढोल-चग की गज पर मन उठिा था झम अब गहलया सनी हई कहा गई वो ाम

मवीिो की टोली नही नही वीवाग क रग बस टीवी म रह गया होली का हड़दग

रग हरिा म छा गए नील-पील-लाल

म हबरहन सखी रही मझको यही मलाल

मोहन अब रगि नही रााा िर गाल कलयग ह द वापर नही दहनया कर सवाल

सग अबीर-गलाल क मला कौन-सा रग लोग कह म बावरी जग स हई हनसग

सावररय क रग-सा हमला न दजा कोय िन लाग जो सावरा हर हदन होली होय

उसन य दखा मझ हई शमद स लाल

हसरि हदल म रह गई मलिी खब गलाल

ामनर कमार lsquoसजजनrsquo

िर भर चिकर जो हमट रग बड़ा बकार साि जनम िक साथ द वही रग िन डार

बदन रगा िो कया हकया मन को रग ल यार

मौका भी दवीिर भी होली का तयोहार

रगो क सग घोलकर कछ टट सवाद ऐसी होली खहलए बरसो आए याद

जाकर य सब स हमलो जस हमलि रग

कवल हपरयजन ही नही दशमन भी हो दग

रग सभी फीक पड़ जब आई मख लाज इन गालो क रग स आओ रग द आज

सख रगो स करो सिरगी ससार

पानी की हर बद को रखो सरहिि यार

फागन न आकर कहा अपन हदल का हाल गोरा मखड़ा ाप का हआ शमद स लाल

रग न हो िो परम भी रग दिा ससार परम न हो िो वयथद ह रगो का अबार

िझको रगन थी चली पीली पीली ाप गोरा िन छकर हई उजली उजली ाप

आखो आखो म चल सार रग गलाल

अपनी होली चल रही य ही सालो साल

ओबामा जी अगर हलकन हिदा होि िो

सजीव हनगम

सबह सबह चचचा अपन घर रपी िोप नली स गोल की िरह जो छट िो सीा हमार घर म आकर रट उनक हाथ म सबह का अखबार था और मह स दनादन ऐस शबद हनकल रह थ हजनह सन कर पहलस वाल भी शहमिदगी महसस करन लग ऐसी िबरदवीि गोलाबारी क सामन पड़ना अपन खद क अहिम सवीकार का इििाम करना जसा ही था इसहलए हम हाथ म सरद रमाल थाम उनक शाहबदक रप स ठडा होन की राह दखन लग थोड़ी दर बाद वह शभ घड़ी भी आ गयी और व उस अकसहशयन की िरह स शाि होकर बठ गए जो घर आय महमान पर भौक भौक कर थक गया हो मन हहममि करक पछा चचचा आप िो ओबामा की िरह स सभय आदमी थ य अचानक ओसामा कस बन गए यह सनि ही चचचा हफर स पाहकवीिानी फौहजयो की िरह स हबना कारर फायररग करन लग बोल नाम मि लो उस ओबामा का मर सामन जब अभी भारि आया था िो कया कया अरमान दख थ मन उसकी और अपनी दोवीिी क यह सोच सोच कर म हकिना खश था हक उस दोबारा यहा दख कर चीन हकिना जल रहा होगा पाहकवीिान हबलख रहा होगा यहा िक हक जब जाि जाि उसन हम हबन मागी सलाह द डाली िब भी मन उस पान क अडड पर खड़ हकसी दोवीि की चहलबािी समझ कर झल हलया था - पर उसन िो वहा जाकर भी - अमा िम अपनी िोि जसी चोच बद रखो य हम दो बड़ी हहवीियो क बीच का मामला ह उसम िम अरर जटली की िरह स बीच म घसन की कोहशश मि करो सषमा वीवराज की िरह स अलग ही रहो हम पिा ह हक उसन वहा जाकर भी हमारी िरफ इस बयान की हपचकारी मारी थी हक भारि म ााहमदक असहहषरिा इिनी बि गई ह हक यहद महातमा गााी हजदा होि िो व आहि होि - लहकन अब िो वहा भी hellip

- हा वही िो hellip बड़ा आया हम जञान दन वाला अब उसक अपन यहा ााहमदक असहहषरिा की ऐसी हरकि हो रही ह िो अब समझा ना अपन लोगो को हम जो जञान हदया था उस कॉपी पवीट करक अपन कपयटर जस दश क होम पज पर डाल न - सही कह रह ह आप पर य सब मझस कहन स कया फायदा - वो िो म भी जानिा ह िम जसा सवीि सट पहनन वाला इन सब बड़ी बड़ी बािो को कया समझगा य िो लाखो रपय का सट पहनन वालो क समझन की बाि ह - िो हफर उनह ही समझाईय न मर घर को कयो राज पथ बना कर 26 जनवरी का शहि परदशदन कर रह ह - हम यहा कोई शहि परदशदन करन नही आय ह बहकक राषर हहि म िमस एक कबादनी मागन क हलए आय ह कही गवीस म इनहोन इवीलाहमक वीटट जसा कोई आिकवादी सगठन न बना हलया हो और उसका पहला हफदायीन मझ ही बनान का न ठान हलया हो यह सोच कर मरी सास डर क मार अपन आप िोर िोर स अनलोम हवलोम करन लगी डरि डरि आवाि हनकली कसी कबादनी चचचा - हम थोड़ी दर क हलए क हलए िमहारा मोबाईल चाहहए - कयो भला - ओबामा स बाि करनी ह और उसस पछना ह हक आज अगर अबराहम हलकन हिदा होि िो व हकिना आहि होि लहकन मरी दशभहि न ही मझ मर मोबाईल क माधयम स अमररका स समबना ख़राब करन स रोक हदया मन मोबाईल म बलस न होन का कारगर बहाना बना हदया चचचा न दवादसा की िरह स अहिशय करोा स मझ घरा और हफर हकसी सचच मोबाईल ाारी दशभि की िलाश म हनकल गए

समीिा परवीर कशवा

रग लगाक ि न जा मझ रग लगाक अपन अग लगाल सावररया रhellip

पवन बसिी ि बनक सग बहा ल अपन हदल म बसा ल सावररया रhellip

फागन न जकफ खोली मदहोशी नभ म घोली

ाानी आकाश हआ ारिी भी उसकी होली

रगो स रग हमल सिरगी फल हखल पखरी लाज खोए

भवरा जो उसप डोल बाह पसार नदी क दोनो हकनार

इकदज को पकार बलम आजा रसावररया रhellip

लरज कपोल लाल सया रग गलाल भावभरा रग घला

िन मन हए सब लाल सजना क सग सखी

ऐस म रग रगी खद स ही परीि हई खद स ही जग हई

परीि लगाक अपनी नीद गवा क सजन सग बन गई म िो बावररया र सावररया रhellip

कावय करन को चल ह हम भरािा सच पछौ िौ हम कछ नही आिा 01

हफर ह हमन बहि िहनक लगाई

झट सो यो एक यहि बझ आई 02

एक शबद ह िाक अनक हवकार इनकौ कीज िजद- बनद वयवहार03

शबद-हवकार प पन-पन करौ परहार

ठोको- ठासौ और नक लउ हनहार 04

जस-जस शबद वीव- पकार सनाव िस-िस कावय पहि बन आव 05

अब िौ भईया हम ह कहव कहाए

मन ही मन यो मवीि मोद मनाए 06

एक हदन जमौ बड़ौ कावय वयापार कहव-कल कौ कछ कह आर न पार07

सब न अपन-अपन जब पाठ हकय

शरगार हावीय वीर रस क ठाट हकय08

अलकारन क अदभि उपयोग हकय वकरोहिन क हवलिर परयोग हकय09

छनदन सौ अनठ स अनबना हकय

चमतकहि क अतयि सपरबना हकय10

हमन ह हहममि अपनी नक न हारी कावय म कावय की यहि कह डारी11

अब हनरदय कौ अवसर जयो आयौ

हमरौ नाम उनन सवद- शरषठ सनायौ12

हलयौ पचन न हम पनः मच बलाय हदयौ टट जिन कौ एक हार हपराय13

िब व बोल मनद-वीवर य मद भाखा

नीच स आपकौ नमबर एक ह आका14

यह सब दखद दशय दखि घर-वारी घर पहचि ही वाकी हवकट सवारी15

बड़ चल हौ िम हनि कहव बनन कौ आयी न नक ह लाज या झठ रन कौ16

बालक भख घर सौ मस ह हफरि ह

टट ह पाि वसतरन क पबनद फटि ह17

मददि स हर बाररस यह छतत चआनी बस अब की बार ह सच फशद प आनी18

कहव-जन एक बाि म कहौ सहवचारी

मानौ न मानौ हौ अब आप अहाकारी19

रोजी-रोटी जब लौ नही हसि जगाड़ी कहव नही कबह कहव ननद अनाड़ी 20

- एन एल चिवदी नगीना उरद lsquoननदrsquo

साहहतयम पर आप लोग जो रसील और चटील वयङयालखो का रसावीवादन करि ह उस का हजममा भाई कमलश पाणडय जी न उठाया हआ ह कहन की आवशयकिा नही हक साहहतयम का कल कामकाज वीवहचछक और अविहनक ह आज क दौर म ऐस साहथयो का हमलना सौभाय ही कहा जायगा वस भी पसा सब कछ खरीद सकिा ह मगर समपदर की भावना नही कमलश जी वीवय भी एक बहिरीन वयङयकार ह कमलश जी क सटायसद की हवशषिा ldquoबारीक़ीrdquo ह आप बड़ ही हनराल अनदाि म पाठक को अपन साथ बहा ल जाि ह आइय कमलश जी क एक रसील और चटील वयङयालख का रसावीवादन करि ह-

फाहयान की हफकमी डायरी कमलश पाणडय

उस रोि फ-ची न बिाया हक भारि-भरमर पर जान स पहल वहा की कछ हफकम

दख ल िो पयादपत मागददशदन हमल सकिा ह फची कहिा ह हरकम हकसी भी समाज का दपदर होिी ह सो इनह दख लो सभव ह भारि जान की आवशयकिा ही न पड़ यही बठ-बठ भारि पर एक वहद रथ हलख सकि हो कल बािार स विदमान काल म बनी डि-दो सौ भारिीय हफकमो की सीडी क जलदवीय सवीकरर ल आया जो प-ईहचग क चोर-बािार म मोमो क एक पलट स भी सवीिी हमल गई आज परािः काल भजन-पजन क उपराि उनक अवलोकन क हलए बठ गया ह य एक नया ही ससार परिीि होिा ह फ-ची ठीक कहिा था हक चीन म फली भारि समबनाी भराहियो पर करद न ारो मझ सही मागददशदन दन वाल फ-ची को साावाद कहि हए अब आरमभ करिा ह एक आठ परहर स हनरिर भारिीय जीवन की इनरानषी छहवया दखि-दखि नि चहाया गए ह और महषिषक िो मानो हनहषकरय ही हो गया ह अभी थोड़ सरा-पान क उपराि जी

हकका हआ िो भारि- जो अब ईहनडया कहलान लगा ह ndash की आकहि कछ-कछ दहषटगोचर होन लगी ह य िो हनहिि ही ह हक इहणडया अतयि समि दश ह हफकम का नायक जो वीवय को आम-आदमी और हनादन मनषय बिािा ह एक बड़ स भवन म रहिा ह हडिाइनर परराान पहनिा ह चमकि वाहन पर यािायाि करिा ह और एक सनदरी स परम करिा ह कभी-कभी सदररयो की सखया एक स अहाक हो सकिी ह पर जब वह नतय रि होिा ह िो सदररया अनि होिी ह हजन ानाढय लोगो स उसकी शििा होिी ह उनक िो कया कहन उनकी जीवन शली चीन क समराट को भी लजा दन वाली ह वस अहाकाश हफकमो म नायक पहलस अहाकारी ह ऐसा परिीि होिा ह हक इहडया म सभी पहलस अहाकारी बनना चाहि ह हजसका कारर यही मालम होिा ह हक उनक घर और ठाट-बाट राजाओ स परहिवीपााद करि दीखि ह इसस िो यही लगिा ह हक इहडया म अब सवदहारा कोई नही बचा दो आम आदमी पर आााररि एक हफकम का अवलोकन करन क बाद इस हनषकषद पर जा पहचा ह हक इहडया क आम-आदमी सर-सपाट क शौकीन होि ह और परायः अपनी परहमका क साथ मनोरम वीथलो पर भरमरशील रहि ह उसकी परहमका वीवय को अतयि हनादन बिािी ह जो उसक अतयकप वसतरो को दख कर िो सतय परिीि होिा ह परनि जब उसक आभषरो और चरर पादका पर दहषट जािी ह िो थोड़ा सदह भी उतपनन होिा ह परायः य लोग कही आकाश स परसाररि होि सगीि पर गायन करन लगि ह िो हर बदलि लय क साथ वसतर वीथल और वाहनाहद बदल दि ह समहि का िब चरमोतकषद हदखिा ह जब य लोग गीि का हर अिरा हकसी अनय दश की भहम पर गाि ह और पलक झपकि ही उनह वहा पहचा दन वाला वाहन कही नही हदखिा हनिय ही वहा का हवजञान अभिपवद परगहि कर चका ह सभव ह वहा हर आम आदमी क पास अपना हनजी वाययान हो िीन आम आदमी की मोहक छहवयो वाल दशयो को दखि जी ही नही भरिा यह भी जञाि हआ हक इहडया एक अतयि सनदर दश ह जहा एक ही वीथल पर समर हहमाचछाहदि पवदि रहगवीिान और झरन ह कई एक वीथल िो ह-ब-ह हवीवटिरलड नामक दश क सामान ह य भी समभव ह हक आम आदमी क भरमर-लाभ हि इहडया म ही कही-कही यरोप-अमरीका आहद महादशो की परहिकहि रच ली गई ह गीिो क दशयो म िो य बाि एक दम हसि हो जािी ह जस ही नायक-नाहयका गायन परारमभ करि ह ढर-सारी सदररया नाचिी-गािी उनकी सगि करन आ जािी ह य भी वसतरो की दहषट स अतयि हनादन लगिी ह परनि हवीथहि पर गौर करन स वीपषट हो जािा ह हक ऐसा नही ह कया समरिट पर सट पहन कर जाया जािा ह या हक राहि-कलबो म बकाद ओि कर इसस य भी वीपषट ह हक इहडया म नाररयो को इचछा-नसार पहनन-ओढन घमन-हफरन नाचन-गान की वीविििा ह चार फची गलि कहिा ह हक इहडया म बहि गरीबी ह उस ऐसा कछ हरकम ही दखकर लगा था उसकी सलाह पर आज ऐसी कछ हरकम दखी इनम टट-फट घरो म कछ हभिक-परकार क पराहरयो का जीवन हदखाया गया था सकषम दहषट डालन पर इन बहवीियो क पीछ खड़ हवशाल महल हदख जाि थ जहा स कछ आम आदमी आकर इन बहवीियो को हगराना चाहि हदखाए गए थ पर उनका उदशय इन झोपहड़यो की जगह महल बना कर पर इहणडया को एकाकार कर दना था समयाभाव म इनका बनाना हदखाया नही जा सका एक राजनिा न बिाया हक गरीबी को परचाररि करन क पीछ हवरोाी राजनीहिक दलो का दषपरचार ह जो मझ सो सतय लगा मझ िो इसम

चीन का हवीि होन की भी समभावना हदखी कयोहक ऎसी एक हफकम म हनादन लोग बार-बार माओ का नाम ल रह थ पाच ऐसा परिीि होिा ह हक इहडया म सभय लोगो की भाषा हहनदी ह य भाषा अरजी क शबदो और वीथानीय भाषा क कारको स बनी ह हबना पि-हलख लोग कई वीथानीय भाषाए बोलि ह परायः लोग कवल अरिी भी बोलि पाए जाि ह पर आम िौर पर अरिी क दो एक वाकयो क बाद हहनदी पर उिर आन की परवहतत ह नाहयकाए और हसतरया अरिी बोलना पसद करिी ह पर जब वो हहनदी बोलिी ह िो भी धवहन अरिी-सी ही आिी ह ऐसा परिीि होिा ह हक उनह भाषा की दीिा मलिः अरिी म हमली ह और हहनदी उनहोन हकसी हहनदी हफकम म काम करन क उददशय स सीखी ह गान अहपि हहनदी म ही गाय जाि ह पर वहा और भी कई भाषाओ का मल हदख पड़िा ह एक गीि िो ऐसा था हजसम बड़-बड़ नगाड़ो की िाल पर पजाबी नामक भाषा म बहि सारी अरिी और थोड़ी हहनदी हमलाई गयी थी ऐस कछ गीिो क रचहयिा कोई lsquoयो योrsquo नामक महाकहव ह जो अपन गीिो म यवाओ को कम महदरा या मादक पदाथो क सवन करन जस सावीकाररक सदश दि रहि ह इन गीिो क भावाथद जो भी हो इसम कनयाओ का नतय अदभि ह- शबदो को समझ हबना ही सभी अथद वीपषट हो जाि ह छह आज दहिर इहडया की कछ हरकम दख कर पिा चला हक इहणडया क इस भखड म परष अहि-शहिशाली और नाररया खब भरी-परी होिी ह नायक िो इिना चपल होिा ह हक चशमा हसगरट या हपवीिौल जस उपकरर पलक झपकि ही अपन शरीर क हवहवा हहवीसो पर अिररि कर लिा ह इस नायक क एक आघाि स खलनायक कई पलो िक वायमडल म गोि खािा ह और कभी-कभी िो आकाश म ही हवलीन हो जािा ह उार नाररया रग-हबरग कलशो और इनरानषी आकहियो क बीच मादक नतय करिी रहिी ह वहा का एक नायक िो सवद-शहिमान ईशवर क समकि ह उसकी शहियो क हवषय म अनक हकवदहिया परचहलि ह जो फ-ची क अनसार रजनी-जोकस नामक रथ म सगहीि ह साि कछ राजनीहिक हरकम दख कर ऐसा परिीि हआ हक इहणडया म सभी निाओ की अपराा करन-करान म गहरी रहच ह परायः समाज म खलनायक निा ही होिा ह य लोग सरा-सदररयो हहथयारो सनदर परासादो और चमकि वाहनो क बीच ही रहना पसद करि ह आवशयकिा पड़न या न पड़न हकसी भी हवीथहि म हकसी की हततया कर दना इनक वाम-हवीि का कमद ह बलातकार हि इनह यो िो सभी हकवीम की नाररया पसद ह पर नायक की बहन या परहमका पर हवशष कपा रखि ह ऐसा लगिा ह हक इनकी हदनचयाद हकसी षडयि स आरमभ होकर हकसी हततया पर समापत होिी ह इनक अगरिक चीनी यि कला म हसिहवीि होि ह और अवसर पाि ही सााारर मानवो पर ईया-ऊआ करि टट पड़ि ह एक राजनिा की कररिा दख कर िो मरा हघघघी नामक अग बा ही गया इहडया म इनही अहिमानवो म स जनपरहिहनहा चनन का परावाान मालम होिा ह चन हलए जान क बाद य परायः शवि वसतर ाारर करि ह और सभाओ म भाषर दि हफरि ह पर अििः अपराा क सभी सि उनस ही जड़ होि ह चनाव एक रोचक अवसर होिा ह जब ढर सार वाहनो म लोग रग हबरगी झहडयो क साथ नारा लगाि घमि ह आठ इहडया का य रग दख कर िो दग रह गया ह एक मदान म लाल पील हार नील िातपयद य की सभी परकार क रगो स सराबोर हिारो मनषय एक साथ नतय कर रह ह सबक

वसतर शवि ह िाहक रगो की छाप गहरी उभर गाज-बाज क साथ एक समह गीि गाया जा रहा ह हजसम गोररयो की चोली पर रग डालन की परररा दी जा रही ह चनररया को हभगोन पर हवशष जोर ह सदररया परषो स जोड़ बना कर मादक नतय कर रही ह रग जो ह उड़ भी रह ह बौछार बन कर बरस रह ह और चहरो पर पोि भी जा रह ह इहडया की इस रगीन छहव को दख कर हपछली सारी छहवया ााली हो गई ह ऐसा परिीि हो रहा ह हक मानो परा दश एक ही रग म रगा ह भल ही वह हिारो रगो म वयि हो रहा हो पिा चला ह हक य एक तयौहार ह हजस होली कहि ह एक हदन पहल इहडया क लोग होहलका जलाि ह हजसम अपनी बराईयो की आहहि डालि ह मन भी आज इहडया की बरी छहव बनान वाली हपछली हफकमो की सीडी एकि कर उनकी होहलका जला दी और उसकी राख इन बरगलान वाली हरकम दखन की सलाह दन वाल फ-ची क मह पर मल आया आज इहणडया की यािा की ियारी परी कर ली ह दो हदनो क पिाि होली ह उस दख हबना इहडया की यािा कस समपरद होगी य ह कमलश पाणडय जी और य ह उन का अनोखा वाला रङग जो मझ बहद पसनद ह इस आहटदकल को चाह िो माि मनोरञजन क हलय भी पिा जा सकिा ह और अगर कोई वयहि समय हनकाल कर इस की थाह को नापना चाह िो नपप भी सकिा ह कमलश भाई जी क एक हमि ह हवनोद हमशर हवनोद जी ररसणटली बरसाना हो कर आय ह हवनोद जी न साहहतयम क हलय बरसान की होली की दो बहि ही सनदर-सनदर िवीवीर भजी ह हवनोद जी का बहि-बहि आभार य ह वह दो िवीवीर -

डा वी क भकला

हजजजा सग होली

लगा कर भोग महावीर को और चिा कर फल बिीसा बड़ भहिभाव स पि रह थ हम िो हनमान चाहलसा महावीर जब नाम सनाव

भि हपचास हनकट नही आव िभी मरी साहलया आ कर बोली खलग हम जीजजा सग होली और मरी हसटटीहपटटी गम होली कािर वीवर म हमन पकारा

ह हनमि अब िरा सहारा सन पकार मरी हनमानजी धयान म आए

और मझस य ररमाए वतस म िो ठहरा बाल बरहमचारी

कस हर म हवपदा िमहारी इस लरड़ म मझ न लाओ

िमहारी घहटया ह िमही बजाओ पड़ा सकट मोचन नाम भी झठा हदखा गए हनमानजी भी अगठा

मरी साहलओ न जी भर की मरी पिाई दिा रहा हाए म दहाई

िभी शरीमिी जी बाहर स आई मझ दखि ही हचलाई

अजी सनि हो जरा बाहर आओ कोई लरगा घर म घस आया ह

उस मार कर बाहर भगाओ ाीर स मन खखारा

अरी भागवान य म ह पहि िमहारा िो शरीमिी जी िनक कर बोली

वाह मर छला बहि भाए हो सबह सबह कहो हकसस

मह काला करवा कर आए हो मन अपनी करर गाथा उस सनाई

िो शरीमिी जी हभननाई और अपनी बहनो को आवाि लगाई

कया मरा ही पहि हमला था मह काला करन क हलए

िो वो बहयाई स बोली दीदी अगली होली म

िम हमार पहियो का मह काला कर दना िमहारा सारा हशकवा हमट जाएगा हहसाब एक दम बरोबर हो जाएगा

हमन कछ वि क हलए बाहर हनकलना बद कर ह

यह सोच कर हक अगर हकसी न पछा हक िमहारा मह हकसन काला हकया

िो कया जवाब दगा

हवजनर शमाद

सरहद स आया नही होली पर कय लाल मा की आख रग स करिी रही सवाल

आखो को भी ह हगला कर हशकायि गाल बरी ख़द आया नही हभजवा हदया गलाल

कौन बजाव फाग प ढोल नगाड़ चग चारो िरर उदाहसया गायब हई उमग

मौक़ा था पर यार न डाला नही गलाल

मरझाय स ही रह मर दोनो गाल

हरि म थ यार सब दशमन भी था दग मन उसक गाल पर लगा हदया जब रग

इििार क रग म गयी बावरी डब होली पर इसबार भी आया ना महबब

और अब ररसहिया जी का एक और ाास सटायर ाास इसहलय हक समझ म नही आ रहा हक इनह खाङरसी कहा जाय हक हफर भीजफी बाला

आजकल बचार कालान की मरन ह कोई भी घपला होिा ह काल ान पर िोहमि लगिी ह बलक मनी की थ-थ होिी ह जस निा चमच क हबना महनि चल क हबना आईपीएल हरहकसग क हबना

अारा लगिा ह वस ही कोई भी घपला काल ान की चचाद क हबना अारा लगिा ह घपला अगर कोई

आाहनक जहटल कहविा ह िो काला ान उसका आम जनिा की समझ म आन वाला सरल अनवाद ह घोटाला यहद कोई अबझ हसिाि ह िो काला ान उसकी सहज टीका ह जस पाहटदया चद क हबना निा लफ़राजी क हबना लखक अपनी उपिा का रोना रोय हबना नही रह पािा वस ही दहनया का कोई भी बड़ा ानाा हबना काल ान क नही पनप सकिा दहनया म हजिन भी मजबि ाना ह चाह वह हहथयार का हो ामद का हो या हरर हशिा का ही कयो न हो सबकी बहनयाद म काल ान की सीमनट लगी ह काला ान न हो िो हवीवस बक रवीस बक होकर रह जाय अपन दश म हपछल बीस सालो म हजतता हवकास हआ ह काला ान उसस कई गना जयादा बिा ह गहरि की भाषा म कह िो हकसी भी आाहनक समाज का हवकास उस समाज म मौजद कालान की मािा का समानपािी होिा ह इस सबक बावजद कालान को लोग इजजि की हनगाह स नही दखि कालाान कमान वाला िक खलआम उसकी आलोचना ही करिा ह राजनीहिजञ चनाव भल काल ान क सहार लड़ लहकन सावदजहनक रप स कालान की ऐसी बराई करि ह जस वामपथी दहिरपहथयो की करि ह अमररकी कयबा की करि ह पाहकवीिान वाल भारि की करि िरह ह अपन परहि दहनया का यह दवदातमक इजजिवाद दखकर बचार कालान क हदल पर कया बीििी होगी दहनया क ाोख को दखकर उसका मन भी हजया खान की िरह लटककर हनपट जान का करिा होगा उसका भी मन करिा होगा हक सरकारी गवाह बन जाय और सबकी पोल खोल द हक कस िमाम लोगो स उसक अिरग सबा रह कस लोगो न उसका सहारा हलया आग बि और सहारा हलया लहकन जब सरलिा क हकवीस सनान की बारी आयी िो शरय अपनी महनि लगन और बहि को हदया कालान क योगदान की सरासर उपिा कर दी यह वसा ही ह हक हकसी दश क इहिहास म राजा राहनयो क हकवीस हलख जाय लहकन महनिकश जनिा की कहानी गोलकर दी जाय लहकन हरर कालाान शायद यह सोचकर चप रह जािा होगा हक अपरााी कोई भी हो लहकन बराई उसी की होनी ह बइजजिी िो उसी की खराब होनी ह इसक बाद शायद वह यह सोचकर चपचाप अपनी करििो म जट जािा होगा हक आजनही िो कल उसको वह इजजि अवशय हमलगी हजसका वह हकदार ह उसको भी खल आम उिनी ही वीवीकायदिा हमलगी हजिनी की आज समाज म जाहिवाद सकीरदिा भाई भिीजावाद भायवाद और काहहली को हमली ह काला ान सोचिा होगा- जस बाहकयो क हदन बहर कया पिा वस ही उसक भी बहर

और साहथयो चलि-चलि अपनी जड़ो की ओर - बरहमलीन सनि कहव हशवदीन राम (जोशी) की सनि-वारी आप ही क आधयाहतमक हशषय आदररीय शरी हकशोर पारीक [खणडला] जी क सौजनय स

गोकल व बरसान की नार बजाय-बजाय बजा रही िारी अर वनदावन की बनी व बनी बनक ठनक अरी द रही गारी

शयाम को शयामा सजाय सजी अहो और गलाल लगावि पयारी हशवदीन व जोरी स जोरी हमलीबरज खलि होरी ह बाक हबहारी

मगल समगल सदा ही आननद रह नदलाल

ि गलाल डार दख सखी आ रही राा मिवाली आली चाली रग डारन को

गोहपया हनराली गाली शयाम को सना रही सन-सन क शयामलाल सग-सग गवाल बाल

बाजि मदग िाल राा जी गा रही कहिा हशवदीन लाल ऐसी गलाल उड़ी

बादर बन लाल लाली चह ओर छा रही

बरज वनदावन ााम रग स रगा रगीला हरा मोहिया लाल रग ह पयारा पीला

ाम ााम स खल खल रह होरी दखो शयामा शयाम सजान और सग गोरी दखो

चह ओर हपचकाररया रग-रग की ाार हशवदीन सरस रस रहसक जन पीव करर-करर पयार

राम गर गायर

भारि की लोक समपदा फागन की फाग - आचायद सजीव वमाद सहलल भारि हवहवावरी लोक सवीकहि स सपनन- समि परमपराओ का दश ह इन परमपराओ म स एक लोकगीिो की ह ऋि पररविदन पर उतसवामी भारिीय जन-

मानस गायन-वादन और निदन की हिवरी परवाहहि कर आनहदि होि ह फागन वषािि िथा चि वषादरमभ क साथ-साथ फसलो क पकन क समय क सचक भी ह दहिरायनी सयद जस ही मकर राहश म परवश कर उततरायरी होि ह इस महादवीप म हदन की लमबाई और िापमान दोनो की वहि होन की लोकमानयिा ह सयद पजन गड़-हिल स हनहमदि पकवाननो का सवन और पिगबाजी क माधयम स गगनचमबी लोकानद की अहभवयहि सवदि दखी जा सकिी हमकर सकराहि हखचड़ी बसाखी पोगल आहद हवहवा नामो स यह लोकपवद सकल दश म मनाया जािा ह पवदराज होली स ही मधयोततर भारि म फागो की बयार बहन लगिी ह बदलखड म फाग बजभहम म नटनागर की लीलाए हचहिि करि रहसया और बााई गीि अवा म राम-हसया की जगल जोड़ी की होली-करीड़ा जन सामानय स लकर हवहशषट जनो िक को रसानद म आपादमवीिक डबा दि ह राम अवा स हनकाकर बदली माटी पर अपनी लीलाओ को हववीिार दि हए लमब समय िक हवचरि रह इसहलए बदली मानस उनस एकाकार होकर हर पवद-तयौहार पर ही नही हर हदन उनह याद कर जय राम जी की कहिा ह कषर का नागो स सघषद और पाडवो का अजञािवास नमददाचली बनदल भहम पर हआ गौरा-बौरा िो बदलखड क अपन ह हशवजा हशवातमजा हशवसिा हशवहपरया हशव वीवदोभवा आहद सजञाओ स समबोहाि आननददाहयनी नमददा िट पर बमबहलयो क साथ-साथ हशव-हशवा की लीलाओ स यि फाग गयी जाना वीवाभाहवक ह बदली फागो क एकछि समराट ह लोककहव ईसरी ईसरी न अपनी परहमका रजउ को अपन कहितव म अमर कर हदया ईसरी न फागो की एक हवहशषट शली चौघहड़या फाग को जनम हदया हम अपनी फाग चचाद चौघहड़या फागो स ही आरमभ करि ह ईसरी न अपनी पराकि परहिभा स रामीर मानव मन क उचवासो को सर-िाल क साथ समहनवि कर उपहिि और अनचीनही लोक भावनाओ को इन फागो म हपरोया ह रसराज शर गार क सयोग और हवयोग दोनो पि इन फागो म अदभि माायद क साथ वहरदि ह सदयवीनािा यविी की कशराहश पर मा ईसरी गा उठि ह ईसरी रााा जी क कानो म झल रह िरकला को उन दो िारो की िरह बिाि ह जो रााा जी क मख चनर क सौदयद क आग फीक फड़ गए ह कानन डल राहाका जी क लग िरकला नीक आनदकद चद क ऊपर िो िारागर फीक ईसरी की आराधया राहाका जी सदरी होन क साथ-साथ दीनो-दहखयो क दखहिाद भी ह मय बल राि राहाका जी को कर आसरा की कौ दीनदयाल दीन दःख दखन हजनको मख ह नीकौ पहटया कौन सगर न पारी लगी दहिन पयारी रचक घटी-बड़ी ह नया सास कसी ढारी िन रई आन सीस क ऊपर शयाम घटा सी कारी ईसर परार खान ज पहटया जब स िकी उघारी

कहव पछिा ह हक नाहयका की मोहक चोहटया हकस सघड़ न बनायी ह चोहटया जरा भी छोटी-बड़ी नही ह और आिी-जािी सासो की िरह हहल-डल रही ह व नाहयका क शीश क ऊपर शयामल मघो की िरह छाई ह ईसरी न जब स इस अनावतत कशराहश की सनदरिा को दखा ह उनकी जान हनकली जा रही ह ईसर की नाहयका ननो स िलवार चलािी ह दोई ननन की िरवार पयारी हफर उबार अलपान गजरान हसरोही सलमान झख मार ऐच बार मयान घघट की द काजर की ाार ईसर शयाम बरकि रहहयो अहायार उहजयार िलवार का वार िो हनकट स ही हकया जा सकिा ह नायक दर हो िो कया हकया जाए कया नाहयका उस य ही जान दगी यह िो हो ही नही सकिा नाहयका हनगाहो को बरछी स भी अहाक पन िीर बनाकर नायक का हरदय भदिी ह छट नन-बार इन खोरन हिरछी भौह मरोरन नोकदार बरछी स पन चलि करज फोरन नायक बचारा बचिा हफर रहा ह पर नाहयका उस जान दन क मड म नही ह िलवार और िीर क बाद वह अपनी काहिल हनगाहो को हपवीिौल बना लिी ह अहखया हपवीिौल सी करक मारन चाि समर क गोली बाज दरद की दार गज कर दि निर क इिन पर भी ईसरी जान हथली पर लकर नवयौवना नाहयका का गबखान करि नही अघाि जबना कड़ आय कर गहलया बला कसी कहलया ना हम दख जमि जमी म ना माली की बहगया सोन कस िबक चि ह बरछी कसी भहलया ईसर हाथ सभार ाररयो फटट न जाव गहदया लोक ईसरी की फाग-रचना क मल म उनकी परहमका रजऊ को मानिी ह रजऊ न हजस हदन गारो क साथ गल म काली काच की गररयो की लहड़यो स बन ४ छटा और हबचौली काच क मोहियो का हिदान जसा आभषर और चोली पहहनी उसक रप को दखकर दीवाना होकर हार झलन लगा ईसरी कहि ह हक रजऊ क सौदयद पर मा हए हबना कोई नही रह सकिा हजयना रजऊ न पनो गारो हरनी हजया हबरानो छटा चार हबचौली पर भर हफर गरदानो

जबनन ऊपर चोली पर लटक हार हदवानो ईसर कान बटकन नइया दख लव चह जवानो ईसरी को रजऊ की हरन (हचिवन) और हसन (हसी) नही भलिी हवशाल यौवन मिवाली चाल इकहरी पिली कमर बार की िरह िानी भौह हिरछी निर भलाय नही भलिी व निर क बार स मरन िक को ियार ह इसी बहान रजऊ एक बार उनकी ओर दख िो ल ऐसा समपदर ईसरी क अलावा और कौन कर सकिा ह हमख़ा हबसरि नही हबसारी हरन-हसन िमारी जबन हवशाल चाल मिवारी पिरी कमर इकारी भौह कमान बान स िान निर हिरीछी मारी ईसर कान हमारी कोदी िनक हर लो पयारी ईसरी क हलय रजऊ ही सवदवीव ह उनका जीवन-मरर सब कछ रजऊ ही ह व परभ-वीमरर की ही िरह रजऊ का नाम जपि हए मरन की कामना करि ह इसहलए कछ हवदवान रजऊ की सासाररक परहमका नही आदया माि शहि को उनक दवारा हदया गया समबोान मानि ह जौ जी रजऊ रजऊ क लान का काऊ स कान जौलो रहन रहि हजदगी रजऊ क हि कमान पला भोजन कर रजौआ पाछ क मोय खान रजऊ रजऊ कौ नाम ईसरी लि-लि मर जान ईसरी रहचि सहसतरो फाग चार कहड़यो (पहियो) म बाी होन क कारन चौकहड़या फाग कही जािी ह इनम सौदयद को पान क साथ-साथ पजन और उसक परहि मन-परार स समहपदि होन क आधयातमजहनि भावो की सहलला परवाहहि ह रचना हवाान य फाग ४ पहियो म हनबि ह हर पहि म २ चरर ह हवषम चरर (१ ३ ५ ७ ) म १६ िथा सम चरर (२ ४ ६ ८) म १२ मािाए ह चरराि म परायः गर मािाए ह हकनि कही-कही २ लघ मािाए भी हमलिी ह य फाग छद परभाकर क अनसार महाभागवि जािीय नर र छद म हनबि ह इस छद म खड़ी हहदी म रचनाए मर पिन म अब िक नही आयी ह ईसरी की एक फाग का खड़ी हहदी म रपािरर दहखए हकस चिरा न छोटी गथी लगिी बहद पयारी हकहचि छोटी-बड़ी न उठ-हगर रही सास सम नयारी मकट समान शीश पर शोहभि कषर मघ सी कारी हलय ल रही जान कश-छहव जब स हदखी उघारी नर र छद म एक चिषपदी दहखए

बाि बनाई हकसन कसी कौन हनभाय वाद सब सच समझ रही ह जनिा कहा फदकि पयाद राजा कौन विीर कौन हकसक बद-नक इराद हजसको चाह सहलल हजिा मि चाह उस हरा द बनदली लोकरग की सािी ईसरी की फाग सजीव बदलखड क महानिम लोककहव ईसरी क कावय म लोकजीवन क सावीकहिक साहहहतयक सामाहजक पि परी जीवनििा और रचनातमकिा क साथ उदघाहटि हए ह ईसरी का वहशषटय यह ह हक व िथाकहथि सभराििा या पाहडतय स कय भाषा शली आहद उाार नही लि व दशज रामीर लोक मकयो और परमपराओ को इिनी वीवाभाहवकिा परगाििा और अपनतव स अहकि करि ह हक उसक सममख हशषटिा-शालीनिा ओिहि सजदनाारा हवपनन परिीि होन लगिी ह उनका साहहतय पवीिकाकार रप म नही शरहि परपरा म सन-गाकर सहदयो िक जीहवि रखा गया बदलखड क जन-मन समराट महान लोककहव ईसरी की फाग गय परपरा क कारर लोक-वीमहि और लोक-मख म जीहवि रही सकलनकिाद कवर शरी दगद हसह न १९३१ स १९४१ क मधय इनका सकलन हकया शरी इलाशकर गहा न ाौराद राम (जहा ईसरी लमब समय रह थ) हनवाहसयो स सनकर फागो का सकलन हकया अपिाकि कम परचहलि हनमन फागो म ईसरी क नसहगदक कारहयिी परहिभा क साथ-साथ बनदली लोक परपरा हावीया एव शरीनगरहपरयिा क भी दशदन होि ह कषर-भि ईसरी वनदावन की माटी का महातमय कहि हए उस दविाओ क हलए भी दलदभ बिाि ह अपनी कवीन जीभ स चाटी वनदावन की माटी दरलभ भई हमली ना उनखो दई दविन डाटी हमल ना सकी अनकन हार पाव की पररपाटी पायो वीवाग काह न नइया मीठी ह की खाटी बाही रज बजबाहसन lsquoईसरrsquo हहसदारी म बाटी कदम कञज म खड़ कनहया राहगीरो को रावीिा भला दि ह इसहलए पहथक जमना की राह ही भल गय ह अथादि जमना स नही जाि हकसी को भला कर मजा लन की लोकरीि को ईसरी अचछा नही मानि और कषर को सलाह दि ह हक हकसी स अहाक हसी अचछी नही होिी आली मनमोहन क मार जमना गल हबसार जब दखो जब खडो कञज म गह कदम की डार जो कोउ भल जाि ह रवीिा बरबस आन हबगार जादा हसी नही काऊ स जा ना रीि हमार

lsquoईसरrsquo कौन चाल अब चहलए ज िौ परी पार राि भर घर स बाहर रह कषर को अपनी सफाई म कछ कहन का अवसर हमल हबना lsquoछहलयाrsquo का हखिाब दना ईसरी क ही बस की बाि ह ओइ घर जाब मरहलयाबार जहा राि रय पयार हर बाट मनइया बठी कर नन रिनार अब िौ कौनऊ काम िमारो नइया भवन हमार lsquoईसरrsquo कषर नद क छौना िम छहलया बजबार फगआ हो और रााा न खल यह कस हो सकिा ह कषर सर ह िो रााा सवा सर दोनो की लीलाओ का सजीव वरदन करि ह ईसरी मानो सािाि दख रह हो रााा न कषर की लकटी-कमररया छीन ली िो कषर न रााा क हसर स सारी खीच ली इिना ही हो िो गनीमि होली की मवीिी चरम पर हई िो रााा नटनागर बन गयी और कषर को नारी बना हदया खल फाग राहाका पयारी बज खोरन हगराारी इन भर बाह बास को टारो उन मारो हपचकारी इनन छीनी लकहट मरहलया उन छीनी हसर सारी ब िो आय नद क लाला ज बषभान दलारी अपन बनी नटनागर lsquoईसरrsquo उन बनाओ नारी अटारी क सीिी चिि घघर हनशबद हो गए फलो की सज पर बनवारी की नीद लग गयी रााा क आि ही यशोदा क अनाड़ी बट की बीन (बासरी) चोरी हो गयी कसी सहज-सरस ककपना ह चोरी गइ बीन हबहारी की जसदा क लाल अनारी की जाहमन अमल जगल क भीिर आवन भइ रााा पयारी की नपर सबद सनाक हखच रय हछहड़या चड़ि अटारी की बड़ी गलाम सज फलन की लग गइ नीद मरारी की काि lsquoईसरीrsquo घोरा प स उठा लई बनवारी की कषर रााा और गोहपयो क चगल म फस गय ह गोहपयो न अपन मनभावन कषर को पकड़कर सतरी बनान का उपकरम करन म कोई कसर नही छोड़ी कषर की बनमाला और मरली छीनकर हसर पर साड़ी उिा दी गयी रााा न उनह सभी आभषरो स सजाकर कमर म लहगा पहना हदया और सहखयो क सग फागन मनान म लीन हो गयी ह शर गार और हावीय का ऐसा जीवि शबद हचि ईसरी ही खीच सकि ह पकर गोहपन क मनभावन लागी नार बनावन छीन लई बनमाल मरहलया सारी सीस उड़ावन

सकल अभषन सज राहाका कहट लहगा पहरावन नारी भस बना क lsquoईसरrsquo फगआ लगी मगावन ईसरी परहमका स हनवदन करा रह ह हक वह अपन िीख नयनो का वार न कर हजरह-बखिर कछ न कर सक ग और दख ही दखि नयन-बार हदल क पार हो जायगा हकसी गरी वदय की औषहा भी काम नही आएगी ईसरी क दवाई िो हपरयिमा का दशदन ही ह पररय की ऐसी परगाि रसहसि अहभवयहि अपनी हमसाल आप ह नना ना मारो लग जह मरम पार हो जह बखिर हझलम कहा का लह ढाल पार कर जह औषद मर एक ना लहगह बद गनी का कह कहि lsquoईसरीrsquo सन लो पयारी दरस दबाई दह हनमन फाग म ईसरी नयनो की कथा कहि ह जो परदशी स लगकर हबगड़ गय बबादद हो गय ह य नयना अा हसपाही ह जो कभी लड़कर नही हार इनको बहि नाि स काजल की रखा भर-भरकर पाला ह हकनि य खो गए और इनस बहि आसओ स नयी की नयी सारी भीग गयी ह कसी माहमदक अहभवयहि ह नना परदसी स लग क भय बरबाद हबगरक नना मोर सर हसपाही कबऊ ना हार लरक ज नना बार स पाल काजर रख भरक lsquoईसरrsquo भीज गई नई सारी खोवन असआ ढरक शरगार क हवरह पि का परहिहनहातव करिी यह फाग ईसरी और उनकी परहमका रजऊ क हबछड़न की वयथा-कथा कहिी ह हबछरी सारस कसी जोरी रजो हमारी िोरी सङगसङग रह हनहस-बासर गर हलपटिी सोरी सो हो गई सपन की बाि अन हस बोल कोरी कछ हदनन को हिया अबादो हम बिा दो गोरी जबलो लागी रह lsquoईसरीrsquo आसा जी की मोरी ईसरी की य फाग शर गार क हमलन-हवरह पिो का हचिर करन क साथ-साथ हावीय क उदातत पि को भी सामन लािी ह इनम हसी-मजाक हसना-बोलना सभी कछ ह हकनि मयादहदि कही भी अशलीलिा का लश माि भी नही ह ईसरी की य फाग २८ मािी नरनर छद म रहचि ह इनम १६-१२ पर यहि का ईसरी न परी िरह पालन हकया ह सम चररानि म गर की अहाकिा ह हकनि २ लघ भी परापय ह इक फाग म ४ ५ या ६ िक पहिया हमलिी ह एक फाग की सभी पहियो म सम चररानि समान ह जबहक हवषम चररानि म लघ-गर का कोई बान नही ह

हम न गर हवीन और ख़शब ही को िोला होिा हफर िो हर पड़ गलाबो स भी हकका होिा उदाहरर क रप म समझा जाय िो एक मिदबा य भी समझा जा सकिा ह हक परमपराए हमशा पड़ या हफर पौा की िरह होिी ह और उन पर लगन वाल फल और उन फलो की ख़शबए आाहनक हवचाराारा समान यहद हम आाहनक हवचारााराओ ही को सबकछ समझ बठ ग िो य फल और ख़शबए कया आसमान स टपक ग समझन वाल इशारो को बहि जकद समझग बाय द टाइम आप इस अङक को पि रह हो ममहकन ह दहनया का एक बड़ा हहवीसा आप को होली की बराइया हगना रहा हो हम इिना ही हनवदन कर ग हक ldquoसपrdquo की िरह-िरह सार-सार को गह और थोथ को उड़ा फ क नीर-िीर-हववक हम सब की ामहनयो म यगो-यगो स परवाहमान ह अपन हववक का सदपयोग करि हय अचछी बािो को आग बिाए हमठाइयो क कारोबाररयो दवारा परोस जा रह अशि माल स परहि करि वक़ि याद रह हक कडबरी भी कोई अमि नही ह हर गली क नककड़ पर रङग हपचकारी वग़रह बचन वाल हमार कटीर उदयोग क खवनहार ह आप सभी को सपररवार होली की शभ-कामनाए

खहशयो का वीवागि कर हर आगन हर दवार| कछ ऐसा हो इस बरस होली का तयौहार||

होली हवषयक और भी सामरी मसलन छद ग़िल हजल नज़म कहविा गीि-नवगीि रहसया आलख कहानी कथा वग़रह पिन क हलय यहा हकलक कर

Page 18: Saahityam dec14 jan feb 15

हदलो म रग भर द पयार का हफर इस दरा होली हक मौका द ही द दीदार का हफर इस दरा होली

न हशक़वा हो न कोई हो हगला इक-दसर क सग हमटा द दाग़ हर िक़रार का हफर इस दरा होली

ग़मो को दर सरका द खशी को साथ ल आय

रख माहौल बस इकरार का हफर इस दरा होली

महबबि की हसफाररश हो महबबि की इबादि हो रह तयोहार इक इसरार का हफर इस दरा होली

य होली म सभी क साथ होन का मिा आए

लग हर शख़स जयो पररवार का हफर इस दरा होली

सशीला हशवरार

कहा गए वो चग-डर अपनापन अनराग गीिो की रसाार हबन हकिना सना राग

ढोल-चग की गज पर मन उठिा था झम अब गहलया सनी हई कहा गई वो ाम

मवीिो की टोली नही नही वीवाग क रग बस टीवी म रह गया होली का हड़दग

रग हरिा म छा गए नील-पील-लाल

म हबरहन सखी रही मझको यही मलाल

मोहन अब रगि नही रााा िर गाल कलयग ह द वापर नही दहनया कर सवाल

सग अबीर-गलाल क मला कौन-सा रग लोग कह म बावरी जग स हई हनसग

सावररय क रग-सा हमला न दजा कोय िन लाग जो सावरा हर हदन होली होय

उसन य दखा मझ हई शमद स लाल

हसरि हदल म रह गई मलिी खब गलाल

ामनर कमार lsquoसजजनrsquo

िर भर चिकर जो हमट रग बड़ा बकार साि जनम िक साथ द वही रग िन डार

बदन रगा िो कया हकया मन को रग ल यार

मौका भी दवीिर भी होली का तयोहार

रगो क सग घोलकर कछ टट सवाद ऐसी होली खहलए बरसो आए याद

जाकर य सब स हमलो जस हमलि रग

कवल हपरयजन ही नही दशमन भी हो दग

रग सभी फीक पड़ जब आई मख लाज इन गालो क रग स आओ रग द आज

सख रगो स करो सिरगी ससार

पानी की हर बद को रखो सरहिि यार

फागन न आकर कहा अपन हदल का हाल गोरा मखड़ा ाप का हआ शमद स लाल

रग न हो िो परम भी रग दिा ससार परम न हो िो वयथद ह रगो का अबार

िझको रगन थी चली पीली पीली ाप गोरा िन छकर हई उजली उजली ाप

आखो आखो म चल सार रग गलाल

अपनी होली चल रही य ही सालो साल

ओबामा जी अगर हलकन हिदा होि िो

सजीव हनगम

सबह सबह चचचा अपन घर रपी िोप नली स गोल की िरह जो छट िो सीा हमार घर म आकर रट उनक हाथ म सबह का अखबार था और मह स दनादन ऐस शबद हनकल रह थ हजनह सन कर पहलस वाल भी शहमिदगी महसस करन लग ऐसी िबरदवीि गोलाबारी क सामन पड़ना अपन खद क अहिम सवीकार का इििाम करना जसा ही था इसहलए हम हाथ म सरद रमाल थाम उनक शाहबदक रप स ठडा होन की राह दखन लग थोड़ी दर बाद वह शभ घड़ी भी आ गयी और व उस अकसहशयन की िरह स शाि होकर बठ गए जो घर आय महमान पर भौक भौक कर थक गया हो मन हहममि करक पछा चचचा आप िो ओबामा की िरह स सभय आदमी थ य अचानक ओसामा कस बन गए यह सनि ही चचचा हफर स पाहकवीिानी फौहजयो की िरह स हबना कारर फायररग करन लग बोल नाम मि लो उस ओबामा का मर सामन जब अभी भारि आया था िो कया कया अरमान दख थ मन उसकी और अपनी दोवीिी क यह सोच सोच कर म हकिना खश था हक उस दोबारा यहा दख कर चीन हकिना जल रहा होगा पाहकवीिान हबलख रहा होगा यहा िक हक जब जाि जाि उसन हम हबन मागी सलाह द डाली िब भी मन उस पान क अडड पर खड़ हकसी दोवीि की चहलबािी समझ कर झल हलया था - पर उसन िो वहा जाकर भी - अमा िम अपनी िोि जसी चोच बद रखो य हम दो बड़ी हहवीियो क बीच का मामला ह उसम िम अरर जटली की िरह स बीच म घसन की कोहशश मि करो सषमा वीवराज की िरह स अलग ही रहो हम पिा ह हक उसन वहा जाकर भी हमारी िरफ इस बयान की हपचकारी मारी थी हक भारि म ााहमदक असहहषरिा इिनी बि गई ह हक यहद महातमा गााी हजदा होि िो व आहि होि - लहकन अब िो वहा भी hellip

- हा वही िो hellip बड़ा आया हम जञान दन वाला अब उसक अपन यहा ााहमदक असहहषरिा की ऐसी हरकि हो रही ह िो अब समझा ना अपन लोगो को हम जो जञान हदया था उस कॉपी पवीट करक अपन कपयटर जस दश क होम पज पर डाल न - सही कह रह ह आप पर य सब मझस कहन स कया फायदा - वो िो म भी जानिा ह िम जसा सवीि सट पहनन वाला इन सब बड़ी बड़ी बािो को कया समझगा य िो लाखो रपय का सट पहनन वालो क समझन की बाि ह - िो हफर उनह ही समझाईय न मर घर को कयो राज पथ बना कर 26 जनवरी का शहि परदशदन कर रह ह - हम यहा कोई शहि परदशदन करन नही आय ह बहकक राषर हहि म िमस एक कबादनी मागन क हलए आय ह कही गवीस म इनहोन इवीलाहमक वीटट जसा कोई आिकवादी सगठन न बना हलया हो और उसका पहला हफदायीन मझ ही बनान का न ठान हलया हो यह सोच कर मरी सास डर क मार अपन आप िोर िोर स अनलोम हवलोम करन लगी डरि डरि आवाि हनकली कसी कबादनी चचचा - हम थोड़ी दर क हलए क हलए िमहारा मोबाईल चाहहए - कयो भला - ओबामा स बाि करनी ह और उसस पछना ह हक आज अगर अबराहम हलकन हिदा होि िो व हकिना आहि होि लहकन मरी दशभहि न ही मझ मर मोबाईल क माधयम स अमररका स समबना ख़राब करन स रोक हदया मन मोबाईल म बलस न होन का कारगर बहाना बना हदया चचचा न दवादसा की िरह स अहिशय करोा स मझ घरा और हफर हकसी सचच मोबाईल ाारी दशभि की िलाश म हनकल गए

समीिा परवीर कशवा

रग लगाक ि न जा मझ रग लगाक अपन अग लगाल सावररया रhellip

पवन बसिी ि बनक सग बहा ल अपन हदल म बसा ल सावररया रhellip

फागन न जकफ खोली मदहोशी नभ म घोली

ाानी आकाश हआ ारिी भी उसकी होली

रगो स रग हमल सिरगी फल हखल पखरी लाज खोए

भवरा जो उसप डोल बाह पसार नदी क दोनो हकनार

इकदज को पकार बलम आजा रसावररया रhellip

लरज कपोल लाल सया रग गलाल भावभरा रग घला

िन मन हए सब लाल सजना क सग सखी

ऐस म रग रगी खद स ही परीि हई खद स ही जग हई

परीि लगाक अपनी नीद गवा क सजन सग बन गई म िो बावररया र सावररया रhellip

कावय करन को चल ह हम भरािा सच पछौ िौ हम कछ नही आिा 01

हफर ह हमन बहि िहनक लगाई

झट सो यो एक यहि बझ आई 02

एक शबद ह िाक अनक हवकार इनकौ कीज िजद- बनद वयवहार03

शबद-हवकार प पन-पन करौ परहार

ठोको- ठासौ और नक लउ हनहार 04

जस-जस शबद वीव- पकार सनाव िस-िस कावय पहि बन आव 05

अब िौ भईया हम ह कहव कहाए

मन ही मन यो मवीि मोद मनाए 06

एक हदन जमौ बड़ौ कावय वयापार कहव-कल कौ कछ कह आर न पार07

सब न अपन-अपन जब पाठ हकय

शरगार हावीय वीर रस क ठाट हकय08

अलकारन क अदभि उपयोग हकय वकरोहिन क हवलिर परयोग हकय09

छनदन सौ अनठ स अनबना हकय

चमतकहि क अतयि सपरबना हकय10

हमन ह हहममि अपनी नक न हारी कावय म कावय की यहि कह डारी11

अब हनरदय कौ अवसर जयो आयौ

हमरौ नाम उनन सवद- शरषठ सनायौ12

हलयौ पचन न हम पनः मच बलाय हदयौ टट जिन कौ एक हार हपराय13

िब व बोल मनद-वीवर य मद भाखा

नीच स आपकौ नमबर एक ह आका14

यह सब दखद दशय दखि घर-वारी घर पहचि ही वाकी हवकट सवारी15

बड़ चल हौ िम हनि कहव बनन कौ आयी न नक ह लाज या झठ रन कौ16

बालक भख घर सौ मस ह हफरि ह

टट ह पाि वसतरन क पबनद फटि ह17

मददि स हर बाररस यह छतत चआनी बस अब की बार ह सच फशद प आनी18

कहव-जन एक बाि म कहौ सहवचारी

मानौ न मानौ हौ अब आप अहाकारी19

रोजी-रोटी जब लौ नही हसि जगाड़ी कहव नही कबह कहव ननद अनाड़ी 20

- एन एल चिवदी नगीना उरद lsquoननदrsquo

साहहतयम पर आप लोग जो रसील और चटील वयङयालखो का रसावीवादन करि ह उस का हजममा भाई कमलश पाणडय जी न उठाया हआ ह कहन की आवशयकिा नही हक साहहतयम का कल कामकाज वीवहचछक और अविहनक ह आज क दौर म ऐस साहथयो का हमलना सौभाय ही कहा जायगा वस भी पसा सब कछ खरीद सकिा ह मगर समपदर की भावना नही कमलश जी वीवय भी एक बहिरीन वयङयकार ह कमलश जी क सटायसद की हवशषिा ldquoबारीक़ीrdquo ह आप बड़ ही हनराल अनदाि म पाठक को अपन साथ बहा ल जाि ह आइय कमलश जी क एक रसील और चटील वयङयालख का रसावीवादन करि ह-

फाहयान की हफकमी डायरी कमलश पाणडय

उस रोि फ-ची न बिाया हक भारि-भरमर पर जान स पहल वहा की कछ हफकम

दख ल िो पयादपत मागददशदन हमल सकिा ह फची कहिा ह हरकम हकसी भी समाज का दपदर होिी ह सो इनह दख लो सभव ह भारि जान की आवशयकिा ही न पड़ यही बठ-बठ भारि पर एक वहद रथ हलख सकि हो कल बािार स विदमान काल म बनी डि-दो सौ भारिीय हफकमो की सीडी क जलदवीय सवीकरर ल आया जो प-ईहचग क चोर-बािार म मोमो क एक पलट स भी सवीिी हमल गई आज परािः काल भजन-पजन क उपराि उनक अवलोकन क हलए बठ गया ह य एक नया ही ससार परिीि होिा ह फ-ची ठीक कहिा था हक चीन म फली भारि समबनाी भराहियो पर करद न ारो मझ सही मागददशदन दन वाल फ-ची को साावाद कहि हए अब आरमभ करिा ह एक आठ परहर स हनरिर भारिीय जीवन की इनरानषी छहवया दखि-दखि नि चहाया गए ह और महषिषक िो मानो हनहषकरय ही हो गया ह अभी थोड़ सरा-पान क उपराि जी

हकका हआ िो भारि- जो अब ईहनडया कहलान लगा ह ndash की आकहि कछ-कछ दहषटगोचर होन लगी ह य िो हनहिि ही ह हक इहणडया अतयि समि दश ह हफकम का नायक जो वीवय को आम-आदमी और हनादन मनषय बिािा ह एक बड़ स भवन म रहिा ह हडिाइनर परराान पहनिा ह चमकि वाहन पर यािायाि करिा ह और एक सनदरी स परम करिा ह कभी-कभी सदररयो की सखया एक स अहाक हो सकिी ह पर जब वह नतय रि होिा ह िो सदररया अनि होिी ह हजन ानाढय लोगो स उसकी शििा होिी ह उनक िो कया कहन उनकी जीवन शली चीन क समराट को भी लजा दन वाली ह वस अहाकाश हफकमो म नायक पहलस अहाकारी ह ऐसा परिीि होिा ह हक इहडया म सभी पहलस अहाकारी बनना चाहि ह हजसका कारर यही मालम होिा ह हक उनक घर और ठाट-बाट राजाओ स परहिवीपााद करि दीखि ह इसस िो यही लगिा ह हक इहडया म अब सवदहारा कोई नही बचा दो आम आदमी पर आााररि एक हफकम का अवलोकन करन क बाद इस हनषकषद पर जा पहचा ह हक इहडया क आम-आदमी सर-सपाट क शौकीन होि ह और परायः अपनी परहमका क साथ मनोरम वीथलो पर भरमरशील रहि ह उसकी परहमका वीवय को अतयि हनादन बिािी ह जो उसक अतयकप वसतरो को दख कर िो सतय परिीि होिा ह परनि जब उसक आभषरो और चरर पादका पर दहषट जािी ह िो थोड़ा सदह भी उतपनन होिा ह परायः य लोग कही आकाश स परसाररि होि सगीि पर गायन करन लगि ह िो हर बदलि लय क साथ वसतर वीथल और वाहनाहद बदल दि ह समहि का िब चरमोतकषद हदखिा ह जब य लोग गीि का हर अिरा हकसी अनय दश की भहम पर गाि ह और पलक झपकि ही उनह वहा पहचा दन वाला वाहन कही नही हदखिा हनिय ही वहा का हवजञान अभिपवद परगहि कर चका ह सभव ह वहा हर आम आदमी क पास अपना हनजी वाययान हो िीन आम आदमी की मोहक छहवयो वाल दशयो को दखि जी ही नही भरिा यह भी जञाि हआ हक इहडया एक अतयि सनदर दश ह जहा एक ही वीथल पर समर हहमाचछाहदि पवदि रहगवीिान और झरन ह कई एक वीथल िो ह-ब-ह हवीवटिरलड नामक दश क सामान ह य भी समभव ह हक आम आदमी क भरमर-लाभ हि इहडया म ही कही-कही यरोप-अमरीका आहद महादशो की परहिकहि रच ली गई ह गीिो क दशयो म िो य बाि एक दम हसि हो जािी ह जस ही नायक-नाहयका गायन परारमभ करि ह ढर-सारी सदररया नाचिी-गािी उनकी सगि करन आ जािी ह य भी वसतरो की दहषट स अतयि हनादन लगिी ह परनि हवीथहि पर गौर करन स वीपषट हो जािा ह हक ऐसा नही ह कया समरिट पर सट पहन कर जाया जािा ह या हक राहि-कलबो म बकाद ओि कर इसस य भी वीपषट ह हक इहडया म नाररयो को इचछा-नसार पहनन-ओढन घमन-हफरन नाचन-गान की वीविििा ह चार फची गलि कहिा ह हक इहडया म बहि गरीबी ह उस ऐसा कछ हरकम ही दखकर लगा था उसकी सलाह पर आज ऐसी कछ हरकम दखी इनम टट-फट घरो म कछ हभिक-परकार क पराहरयो का जीवन हदखाया गया था सकषम दहषट डालन पर इन बहवीियो क पीछ खड़ हवशाल महल हदख जाि थ जहा स कछ आम आदमी आकर इन बहवीियो को हगराना चाहि हदखाए गए थ पर उनका उदशय इन झोपहड़यो की जगह महल बना कर पर इहणडया को एकाकार कर दना था समयाभाव म इनका बनाना हदखाया नही जा सका एक राजनिा न बिाया हक गरीबी को परचाररि करन क पीछ हवरोाी राजनीहिक दलो का दषपरचार ह जो मझ सो सतय लगा मझ िो इसम

चीन का हवीि होन की भी समभावना हदखी कयोहक ऎसी एक हफकम म हनादन लोग बार-बार माओ का नाम ल रह थ पाच ऐसा परिीि होिा ह हक इहडया म सभय लोगो की भाषा हहनदी ह य भाषा अरजी क शबदो और वीथानीय भाषा क कारको स बनी ह हबना पि-हलख लोग कई वीथानीय भाषाए बोलि ह परायः लोग कवल अरिी भी बोलि पाए जाि ह पर आम िौर पर अरिी क दो एक वाकयो क बाद हहनदी पर उिर आन की परवहतत ह नाहयकाए और हसतरया अरिी बोलना पसद करिी ह पर जब वो हहनदी बोलिी ह िो भी धवहन अरिी-सी ही आिी ह ऐसा परिीि होिा ह हक उनह भाषा की दीिा मलिः अरिी म हमली ह और हहनदी उनहोन हकसी हहनदी हफकम म काम करन क उददशय स सीखी ह गान अहपि हहनदी म ही गाय जाि ह पर वहा और भी कई भाषाओ का मल हदख पड़िा ह एक गीि िो ऐसा था हजसम बड़-बड़ नगाड़ो की िाल पर पजाबी नामक भाषा म बहि सारी अरिी और थोड़ी हहनदी हमलाई गयी थी ऐस कछ गीिो क रचहयिा कोई lsquoयो योrsquo नामक महाकहव ह जो अपन गीिो म यवाओ को कम महदरा या मादक पदाथो क सवन करन जस सावीकाररक सदश दि रहि ह इन गीिो क भावाथद जो भी हो इसम कनयाओ का नतय अदभि ह- शबदो को समझ हबना ही सभी अथद वीपषट हो जाि ह छह आज दहिर इहडया की कछ हरकम दख कर पिा चला हक इहणडया क इस भखड म परष अहि-शहिशाली और नाररया खब भरी-परी होिी ह नायक िो इिना चपल होिा ह हक चशमा हसगरट या हपवीिौल जस उपकरर पलक झपकि ही अपन शरीर क हवहवा हहवीसो पर अिररि कर लिा ह इस नायक क एक आघाि स खलनायक कई पलो िक वायमडल म गोि खािा ह और कभी-कभी िो आकाश म ही हवलीन हो जािा ह उार नाररया रग-हबरग कलशो और इनरानषी आकहियो क बीच मादक नतय करिी रहिी ह वहा का एक नायक िो सवद-शहिमान ईशवर क समकि ह उसकी शहियो क हवषय म अनक हकवदहिया परचहलि ह जो फ-ची क अनसार रजनी-जोकस नामक रथ म सगहीि ह साि कछ राजनीहिक हरकम दख कर ऐसा परिीि हआ हक इहणडया म सभी निाओ की अपराा करन-करान म गहरी रहच ह परायः समाज म खलनायक निा ही होिा ह य लोग सरा-सदररयो हहथयारो सनदर परासादो और चमकि वाहनो क बीच ही रहना पसद करि ह आवशयकिा पड़न या न पड़न हकसी भी हवीथहि म हकसी की हततया कर दना इनक वाम-हवीि का कमद ह बलातकार हि इनह यो िो सभी हकवीम की नाररया पसद ह पर नायक की बहन या परहमका पर हवशष कपा रखि ह ऐसा लगिा ह हक इनकी हदनचयाद हकसी षडयि स आरमभ होकर हकसी हततया पर समापत होिी ह इनक अगरिक चीनी यि कला म हसिहवीि होि ह और अवसर पाि ही सााारर मानवो पर ईया-ऊआ करि टट पड़ि ह एक राजनिा की कररिा दख कर िो मरा हघघघी नामक अग बा ही गया इहडया म इनही अहिमानवो म स जनपरहिहनहा चनन का परावाान मालम होिा ह चन हलए जान क बाद य परायः शवि वसतर ाारर करि ह और सभाओ म भाषर दि हफरि ह पर अििः अपराा क सभी सि उनस ही जड़ होि ह चनाव एक रोचक अवसर होिा ह जब ढर सार वाहनो म लोग रग हबरगी झहडयो क साथ नारा लगाि घमि ह आठ इहडया का य रग दख कर िो दग रह गया ह एक मदान म लाल पील हार नील िातपयद य की सभी परकार क रगो स सराबोर हिारो मनषय एक साथ नतय कर रह ह सबक

वसतर शवि ह िाहक रगो की छाप गहरी उभर गाज-बाज क साथ एक समह गीि गाया जा रहा ह हजसम गोररयो की चोली पर रग डालन की परररा दी जा रही ह चनररया को हभगोन पर हवशष जोर ह सदररया परषो स जोड़ बना कर मादक नतय कर रही ह रग जो ह उड़ भी रह ह बौछार बन कर बरस रह ह और चहरो पर पोि भी जा रह ह इहडया की इस रगीन छहव को दख कर हपछली सारी छहवया ााली हो गई ह ऐसा परिीि हो रहा ह हक मानो परा दश एक ही रग म रगा ह भल ही वह हिारो रगो म वयि हो रहा हो पिा चला ह हक य एक तयौहार ह हजस होली कहि ह एक हदन पहल इहडया क लोग होहलका जलाि ह हजसम अपनी बराईयो की आहहि डालि ह मन भी आज इहडया की बरी छहव बनान वाली हपछली हफकमो की सीडी एकि कर उनकी होहलका जला दी और उसकी राख इन बरगलान वाली हरकम दखन की सलाह दन वाल फ-ची क मह पर मल आया आज इहणडया की यािा की ियारी परी कर ली ह दो हदनो क पिाि होली ह उस दख हबना इहडया की यािा कस समपरद होगी य ह कमलश पाणडय जी और य ह उन का अनोखा वाला रङग जो मझ बहद पसनद ह इस आहटदकल को चाह िो माि मनोरञजन क हलय भी पिा जा सकिा ह और अगर कोई वयहि समय हनकाल कर इस की थाह को नापना चाह िो नपप भी सकिा ह कमलश भाई जी क एक हमि ह हवनोद हमशर हवनोद जी ररसणटली बरसाना हो कर आय ह हवनोद जी न साहहतयम क हलय बरसान की होली की दो बहि ही सनदर-सनदर िवीवीर भजी ह हवनोद जी का बहि-बहि आभार य ह वह दो िवीवीर -

डा वी क भकला

हजजजा सग होली

लगा कर भोग महावीर को और चिा कर फल बिीसा बड़ भहिभाव स पि रह थ हम िो हनमान चाहलसा महावीर जब नाम सनाव

भि हपचास हनकट नही आव िभी मरी साहलया आ कर बोली खलग हम जीजजा सग होली और मरी हसटटीहपटटी गम होली कािर वीवर म हमन पकारा

ह हनमि अब िरा सहारा सन पकार मरी हनमानजी धयान म आए

और मझस य ररमाए वतस म िो ठहरा बाल बरहमचारी

कस हर म हवपदा िमहारी इस लरड़ म मझ न लाओ

िमहारी घहटया ह िमही बजाओ पड़ा सकट मोचन नाम भी झठा हदखा गए हनमानजी भी अगठा

मरी साहलओ न जी भर की मरी पिाई दिा रहा हाए म दहाई

िभी शरीमिी जी बाहर स आई मझ दखि ही हचलाई

अजी सनि हो जरा बाहर आओ कोई लरगा घर म घस आया ह

उस मार कर बाहर भगाओ ाीर स मन खखारा

अरी भागवान य म ह पहि िमहारा िो शरीमिी जी िनक कर बोली

वाह मर छला बहि भाए हो सबह सबह कहो हकसस

मह काला करवा कर आए हो मन अपनी करर गाथा उस सनाई

िो शरीमिी जी हभननाई और अपनी बहनो को आवाि लगाई

कया मरा ही पहि हमला था मह काला करन क हलए

िो वो बहयाई स बोली दीदी अगली होली म

िम हमार पहियो का मह काला कर दना िमहारा सारा हशकवा हमट जाएगा हहसाब एक दम बरोबर हो जाएगा

हमन कछ वि क हलए बाहर हनकलना बद कर ह

यह सोच कर हक अगर हकसी न पछा हक िमहारा मह हकसन काला हकया

िो कया जवाब दगा

हवजनर शमाद

सरहद स आया नही होली पर कय लाल मा की आख रग स करिी रही सवाल

आखो को भी ह हगला कर हशकायि गाल बरी ख़द आया नही हभजवा हदया गलाल

कौन बजाव फाग प ढोल नगाड़ चग चारो िरर उदाहसया गायब हई उमग

मौक़ा था पर यार न डाला नही गलाल

मरझाय स ही रह मर दोनो गाल

हरि म थ यार सब दशमन भी था दग मन उसक गाल पर लगा हदया जब रग

इििार क रग म गयी बावरी डब होली पर इसबार भी आया ना महबब

और अब ररसहिया जी का एक और ाास सटायर ाास इसहलय हक समझ म नही आ रहा हक इनह खाङरसी कहा जाय हक हफर भीजफी बाला

आजकल बचार कालान की मरन ह कोई भी घपला होिा ह काल ान पर िोहमि लगिी ह बलक मनी की थ-थ होिी ह जस निा चमच क हबना महनि चल क हबना आईपीएल हरहकसग क हबना

अारा लगिा ह वस ही कोई भी घपला काल ान की चचाद क हबना अारा लगिा ह घपला अगर कोई

आाहनक जहटल कहविा ह िो काला ान उसका आम जनिा की समझ म आन वाला सरल अनवाद ह घोटाला यहद कोई अबझ हसिाि ह िो काला ान उसकी सहज टीका ह जस पाहटदया चद क हबना निा लफ़राजी क हबना लखक अपनी उपिा का रोना रोय हबना नही रह पािा वस ही दहनया का कोई भी बड़ा ानाा हबना काल ान क नही पनप सकिा दहनया म हजिन भी मजबि ाना ह चाह वह हहथयार का हो ामद का हो या हरर हशिा का ही कयो न हो सबकी बहनयाद म काल ान की सीमनट लगी ह काला ान न हो िो हवीवस बक रवीस बक होकर रह जाय अपन दश म हपछल बीस सालो म हजतता हवकास हआ ह काला ान उसस कई गना जयादा बिा ह गहरि की भाषा म कह िो हकसी भी आाहनक समाज का हवकास उस समाज म मौजद कालान की मािा का समानपािी होिा ह इस सबक बावजद कालान को लोग इजजि की हनगाह स नही दखि कालाान कमान वाला िक खलआम उसकी आलोचना ही करिा ह राजनीहिजञ चनाव भल काल ान क सहार लड़ लहकन सावदजहनक रप स कालान की ऐसी बराई करि ह जस वामपथी दहिरपहथयो की करि ह अमररकी कयबा की करि ह पाहकवीिान वाल भारि की करि िरह ह अपन परहि दहनया का यह दवदातमक इजजिवाद दखकर बचार कालान क हदल पर कया बीििी होगी दहनया क ाोख को दखकर उसका मन भी हजया खान की िरह लटककर हनपट जान का करिा होगा उसका भी मन करिा होगा हक सरकारी गवाह बन जाय और सबकी पोल खोल द हक कस िमाम लोगो स उसक अिरग सबा रह कस लोगो न उसका सहारा हलया आग बि और सहारा हलया लहकन जब सरलिा क हकवीस सनान की बारी आयी िो शरय अपनी महनि लगन और बहि को हदया कालान क योगदान की सरासर उपिा कर दी यह वसा ही ह हक हकसी दश क इहिहास म राजा राहनयो क हकवीस हलख जाय लहकन महनिकश जनिा की कहानी गोलकर दी जाय लहकन हरर कालाान शायद यह सोचकर चप रह जािा होगा हक अपरााी कोई भी हो लहकन बराई उसी की होनी ह बइजजिी िो उसी की खराब होनी ह इसक बाद शायद वह यह सोचकर चपचाप अपनी करििो म जट जािा होगा हक आजनही िो कल उसको वह इजजि अवशय हमलगी हजसका वह हकदार ह उसको भी खल आम उिनी ही वीवीकायदिा हमलगी हजिनी की आज समाज म जाहिवाद सकीरदिा भाई भिीजावाद भायवाद और काहहली को हमली ह काला ान सोचिा होगा- जस बाहकयो क हदन बहर कया पिा वस ही उसक भी बहर

और साहथयो चलि-चलि अपनी जड़ो की ओर - बरहमलीन सनि कहव हशवदीन राम (जोशी) की सनि-वारी आप ही क आधयाहतमक हशषय आदररीय शरी हकशोर पारीक [खणडला] जी क सौजनय स

गोकल व बरसान की नार बजाय-बजाय बजा रही िारी अर वनदावन की बनी व बनी बनक ठनक अरी द रही गारी

शयाम को शयामा सजाय सजी अहो और गलाल लगावि पयारी हशवदीन व जोरी स जोरी हमलीबरज खलि होरी ह बाक हबहारी

मगल समगल सदा ही आननद रह नदलाल

ि गलाल डार दख सखी आ रही राा मिवाली आली चाली रग डारन को

गोहपया हनराली गाली शयाम को सना रही सन-सन क शयामलाल सग-सग गवाल बाल

बाजि मदग िाल राा जी गा रही कहिा हशवदीन लाल ऐसी गलाल उड़ी

बादर बन लाल लाली चह ओर छा रही

बरज वनदावन ााम रग स रगा रगीला हरा मोहिया लाल रग ह पयारा पीला

ाम ााम स खल खल रह होरी दखो शयामा शयाम सजान और सग गोरी दखो

चह ओर हपचकाररया रग-रग की ाार हशवदीन सरस रस रहसक जन पीव करर-करर पयार

राम गर गायर

भारि की लोक समपदा फागन की फाग - आचायद सजीव वमाद सहलल भारि हवहवावरी लोक सवीकहि स सपनन- समि परमपराओ का दश ह इन परमपराओ म स एक लोकगीिो की ह ऋि पररविदन पर उतसवामी भारिीय जन-

मानस गायन-वादन और निदन की हिवरी परवाहहि कर आनहदि होि ह फागन वषािि िथा चि वषादरमभ क साथ-साथ फसलो क पकन क समय क सचक भी ह दहिरायनी सयद जस ही मकर राहश म परवश कर उततरायरी होि ह इस महादवीप म हदन की लमबाई और िापमान दोनो की वहि होन की लोकमानयिा ह सयद पजन गड़-हिल स हनहमदि पकवाननो का सवन और पिगबाजी क माधयम स गगनचमबी लोकानद की अहभवयहि सवदि दखी जा सकिी हमकर सकराहि हखचड़ी बसाखी पोगल आहद हवहवा नामो स यह लोकपवद सकल दश म मनाया जािा ह पवदराज होली स ही मधयोततर भारि म फागो की बयार बहन लगिी ह बदलखड म फाग बजभहम म नटनागर की लीलाए हचहिि करि रहसया और बााई गीि अवा म राम-हसया की जगल जोड़ी की होली-करीड़ा जन सामानय स लकर हवहशषट जनो िक को रसानद म आपादमवीिक डबा दि ह राम अवा स हनकाकर बदली माटी पर अपनी लीलाओ को हववीिार दि हए लमब समय िक हवचरि रह इसहलए बदली मानस उनस एकाकार होकर हर पवद-तयौहार पर ही नही हर हदन उनह याद कर जय राम जी की कहिा ह कषर का नागो स सघषद और पाडवो का अजञािवास नमददाचली बनदल भहम पर हआ गौरा-बौरा िो बदलखड क अपन ह हशवजा हशवातमजा हशवसिा हशवहपरया हशव वीवदोभवा आहद सजञाओ स समबोहाि आननददाहयनी नमददा िट पर बमबहलयो क साथ-साथ हशव-हशवा की लीलाओ स यि फाग गयी जाना वीवाभाहवक ह बदली फागो क एकछि समराट ह लोककहव ईसरी ईसरी न अपनी परहमका रजउ को अपन कहितव म अमर कर हदया ईसरी न फागो की एक हवहशषट शली चौघहड़या फाग को जनम हदया हम अपनी फाग चचाद चौघहड़या फागो स ही आरमभ करि ह ईसरी न अपनी पराकि परहिभा स रामीर मानव मन क उचवासो को सर-िाल क साथ समहनवि कर उपहिि और अनचीनही लोक भावनाओ को इन फागो म हपरोया ह रसराज शर गार क सयोग और हवयोग दोनो पि इन फागो म अदभि माायद क साथ वहरदि ह सदयवीनािा यविी की कशराहश पर मा ईसरी गा उठि ह ईसरी रााा जी क कानो म झल रह िरकला को उन दो िारो की िरह बिाि ह जो रााा जी क मख चनर क सौदयद क आग फीक फड़ गए ह कानन डल राहाका जी क लग िरकला नीक आनदकद चद क ऊपर िो िारागर फीक ईसरी की आराधया राहाका जी सदरी होन क साथ-साथ दीनो-दहखयो क दखहिाद भी ह मय बल राि राहाका जी को कर आसरा की कौ दीनदयाल दीन दःख दखन हजनको मख ह नीकौ पहटया कौन सगर न पारी लगी दहिन पयारी रचक घटी-बड़ी ह नया सास कसी ढारी िन रई आन सीस क ऊपर शयाम घटा सी कारी ईसर परार खान ज पहटया जब स िकी उघारी

कहव पछिा ह हक नाहयका की मोहक चोहटया हकस सघड़ न बनायी ह चोहटया जरा भी छोटी-बड़ी नही ह और आिी-जािी सासो की िरह हहल-डल रही ह व नाहयका क शीश क ऊपर शयामल मघो की िरह छाई ह ईसरी न जब स इस अनावतत कशराहश की सनदरिा को दखा ह उनकी जान हनकली जा रही ह ईसर की नाहयका ननो स िलवार चलािी ह दोई ननन की िरवार पयारी हफर उबार अलपान गजरान हसरोही सलमान झख मार ऐच बार मयान घघट की द काजर की ाार ईसर शयाम बरकि रहहयो अहायार उहजयार िलवार का वार िो हनकट स ही हकया जा सकिा ह नायक दर हो िो कया हकया जाए कया नाहयका उस य ही जान दगी यह िो हो ही नही सकिा नाहयका हनगाहो को बरछी स भी अहाक पन िीर बनाकर नायक का हरदय भदिी ह छट नन-बार इन खोरन हिरछी भौह मरोरन नोकदार बरछी स पन चलि करज फोरन नायक बचारा बचिा हफर रहा ह पर नाहयका उस जान दन क मड म नही ह िलवार और िीर क बाद वह अपनी काहिल हनगाहो को हपवीिौल बना लिी ह अहखया हपवीिौल सी करक मारन चाि समर क गोली बाज दरद की दार गज कर दि निर क इिन पर भी ईसरी जान हथली पर लकर नवयौवना नाहयका का गबखान करि नही अघाि जबना कड़ आय कर गहलया बला कसी कहलया ना हम दख जमि जमी म ना माली की बहगया सोन कस िबक चि ह बरछी कसी भहलया ईसर हाथ सभार ाररयो फटट न जाव गहदया लोक ईसरी की फाग-रचना क मल म उनकी परहमका रजऊ को मानिी ह रजऊ न हजस हदन गारो क साथ गल म काली काच की गररयो की लहड़यो स बन ४ छटा और हबचौली काच क मोहियो का हिदान जसा आभषर और चोली पहहनी उसक रप को दखकर दीवाना होकर हार झलन लगा ईसरी कहि ह हक रजऊ क सौदयद पर मा हए हबना कोई नही रह सकिा हजयना रजऊ न पनो गारो हरनी हजया हबरानो छटा चार हबचौली पर भर हफर गरदानो

जबनन ऊपर चोली पर लटक हार हदवानो ईसर कान बटकन नइया दख लव चह जवानो ईसरी को रजऊ की हरन (हचिवन) और हसन (हसी) नही भलिी हवशाल यौवन मिवाली चाल इकहरी पिली कमर बार की िरह िानी भौह हिरछी निर भलाय नही भलिी व निर क बार स मरन िक को ियार ह इसी बहान रजऊ एक बार उनकी ओर दख िो ल ऐसा समपदर ईसरी क अलावा और कौन कर सकिा ह हमख़ा हबसरि नही हबसारी हरन-हसन िमारी जबन हवशाल चाल मिवारी पिरी कमर इकारी भौह कमान बान स िान निर हिरीछी मारी ईसर कान हमारी कोदी िनक हर लो पयारी ईसरी क हलय रजऊ ही सवदवीव ह उनका जीवन-मरर सब कछ रजऊ ही ह व परभ-वीमरर की ही िरह रजऊ का नाम जपि हए मरन की कामना करि ह इसहलए कछ हवदवान रजऊ की सासाररक परहमका नही आदया माि शहि को उनक दवारा हदया गया समबोान मानि ह जौ जी रजऊ रजऊ क लान का काऊ स कान जौलो रहन रहि हजदगी रजऊ क हि कमान पला भोजन कर रजौआ पाछ क मोय खान रजऊ रजऊ कौ नाम ईसरी लि-लि मर जान ईसरी रहचि सहसतरो फाग चार कहड़यो (पहियो) म बाी होन क कारन चौकहड़या फाग कही जािी ह इनम सौदयद को पान क साथ-साथ पजन और उसक परहि मन-परार स समहपदि होन क आधयातमजहनि भावो की सहलला परवाहहि ह रचना हवाान य फाग ४ पहियो म हनबि ह हर पहि म २ चरर ह हवषम चरर (१ ३ ५ ७ ) म १६ िथा सम चरर (२ ४ ६ ८) म १२ मािाए ह चरराि म परायः गर मािाए ह हकनि कही-कही २ लघ मािाए भी हमलिी ह य फाग छद परभाकर क अनसार महाभागवि जािीय नर र छद म हनबि ह इस छद म खड़ी हहदी म रचनाए मर पिन म अब िक नही आयी ह ईसरी की एक फाग का खड़ी हहदी म रपािरर दहखए हकस चिरा न छोटी गथी लगिी बहद पयारी हकहचि छोटी-बड़ी न उठ-हगर रही सास सम नयारी मकट समान शीश पर शोहभि कषर मघ सी कारी हलय ल रही जान कश-छहव जब स हदखी उघारी नर र छद म एक चिषपदी दहखए

बाि बनाई हकसन कसी कौन हनभाय वाद सब सच समझ रही ह जनिा कहा फदकि पयाद राजा कौन विीर कौन हकसक बद-नक इराद हजसको चाह सहलल हजिा मि चाह उस हरा द बनदली लोकरग की सािी ईसरी की फाग सजीव बदलखड क महानिम लोककहव ईसरी क कावय म लोकजीवन क सावीकहिक साहहहतयक सामाहजक पि परी जीवनििा और रचनातमकिा क साथ उदघाहटि हए ह ईसरी का वहशषटय यह ह हक व िथाकहथि सभराििा या पाहडतय स कय भाषा शली आहद उाार नही लि व दशज रामीर लोक मकयो और परमपराओ को इिनी वीवाभाहवकिा परगाििा और अपनतव स अहकि करि ह हक उसक सममख हशषटिा-शालीनिा ओिहि सजदनाारा हवपनन परिीि होन लगिी ह उनका साहहतय पवीिकाकार रप म नही शरहि परपरा म सन-गाकर सहदयो िक जीहवि रखा गया बदलखड क जन-मन समराट महान लोककहव ईसरी की फाग गय परपरा क कारर लोक-वीमहि और लोक-मख म जीहवि रही सकलनकिाद कवर शरी दगद हसह न १९३१ स १९४१ क मधय इनका सकलन हकया शरी इलाशकर गहा न ाौराद राम (जहा ईसरी लमब समय रह थ) हनवाहसयो स सनकर फागो का सकलन हकया अपिाकि कम परचहलि हनमन फागो म ईसरी क नसहगदक कारहयिी परहिभा क साथ-साथ बनदली लोक परपरा हावीया एव शरीनगरहपरयिा क भी दशदन होि ह कषर-भि ईसरी वनदावन की माटी का महातमय कहि हए उस दविाओ क हलए भी दलदभ बिाि ह अपनी कवीन जीभ स चाटी वनदावन की माटी दरलभ भई हमली ना उनखो दई दविन डाटी हमल ना सकी अनकन हार पाव की पररपाटी पायो वीवाग काह न नइया मीठी ह की खाटी बाही रज बजबाहसन lsquoईसरrsquo हहसदारी म बाटी कदम कञज म खड़ कनहया राहगीरो को रावीिा भला दि ह इसहलए पहथक जमना की राह ही भल गय ह अथादि जमना स नही जाि हकसी को भला कर मजा लन की लोकरीि को ईसरी अचछा नही मानि और कषर को सलाह दि ह हक हकसी स अहाक हसी अचछी नही होिी आली मनमोहन क मार जमना गल हबसार जब दखो जब खडो कञज म गह कदम की डार जो कोउ भल जाि ह रवीिा बरबस आन हबगार जादा हसी नही काऊ स जा ना रीि हमार

lsquoईसरrsquo कौन चाल अब चहलए ज िौ परी पार राि भर घर स बाहर रह कषर को अपनी सफाई म कछ कहन का अवसर हमल हबना lsquoछहलयाrsquo का हखिाब दना ईसरी क ही बस की बाि ह ओइ घर जाब मरहलयाबार जहा राि रय पयार हर बाट मनइया बठी कर नन रिनार अब िौ कौनऊ काम िमारो नइया भवन हमार lsquoईसरrsquo कषर नद क छौना िम छहलया बजबार फगआ हो और रााा न खल यह कस हो सकिा ह कषर सर ह िो रााा सवा सर दोनो की लीलाओ का सजीव वरदन करि ह ईसरी मानो सािाि दख रह हो रााा न कषर की लकटी-कमररया छीन ली िो कषर न रााा क हसर स सारी खीच ली इिना ही हो िो गनीमि होली की मवीिी चरम पर हई िो रााा नटनागर बन गयी और कषर को नारी बना हदया खल फाग राहाका पयारी बज खोरन हगराारी इन भर बाह बास को टारो उन मारो हपचकारी इनन छीनी लकहट मरहलया उन छीनी हसर सारी ब िो आय नद क लाला ज बषभान दलारी अपन बनी नटनागर lsquoईसरrsquo उन बनाओ नारी अटारी क सीिी चिि घघर हनशबद हो गए फलो की सज पर बनवारी की नीद लग गयी रााा क आि ही यशोदा क अनाड़ी बट की बीन (बासरी) चोरी हो गयी कसी सहज-सरस ककपना ह चोरी गइ बीन हबहारी की जसदा क लाल अनारी की जाहमन अमल जगल क भीिर आवन भइ रााा पयारी की नपर सबद सनाक हखच रय हछहड़या चड़ि अटारी की बड़ी गलाम सज फलन की लग गइ नीद मरारी की काि lsquoईसरीrsquo घोरा प स उठा लई बनवारी की कषर रााा और गोहपयो क चगल म फस गय ह गोहपयो न अपन मनभावन कषर को पकड़कर सतरी बनान का उपकरम करन म कोई कसर नही छोड़ी कषर की बनमाला और मरली छीनकर हसर पर साड़ी उिा दी गयी रााा न उनह सभी आभषरो स सजाकर कमर म लहगा पहना हदया और सहखयो क सग फागन मनान म लीन हो गयी ह शर गार और हावीय का ऐसा जीवि शबद हचि ईसरी ही खीच सकि ह पकर गोहपन क मनभावन लागी नार बनावन छीन लई बनमाल मरहलया सारी सीस उड़ावन

सकल अभषन सज राहाका कहट लहगा पहरावन नारी भस बना क lsquoईसरrsquo फगआ लगी मगावन ईसरी परहमका स हनवदन करा रह ह हक वह अपन िीख नयनो का वार न कर हजरह-बखिर कछ न कर सक ग और दख ही दखि नयन-बार हदल क पार हो जायगा हकसी गरी वदय की औषहा भी काम नही आएगी ईसरी क दवाई िो हपरयिमा का दशदन ही ह पररय की ऐसी परगाि रसहसि अहभवयहि अपनी हमसाल आप ह नना ना मारो लग जह मरम पार हो जह बखिर हझलम कहा का लह ढाल पार कर जह औषद मर एक ना लहगह बद गनी का कह कहि lsquoईसरीrsquo सन लो पयारी दरस दबाई दह हनमन फाग म ईसरी नयनो की कथा कहि ह जो परदशी स लगकर हबगड़ गय बबादद हो गय ह य नयना अा हसपाही ह जो कभी लड़कर नही हार इनको बहि नाि स काजल की रखा भर-भरकर पाला ह हकनि य खो गए और इनस बहि आसओ स नयी की नयी सारी भीग गयी ह कसी माहमदक अहभवयहि ह नना परदसी स लग क भय बरबाद हबगरक नना मोर सर हसपाही कबऊ ना हार लरक ज नना बार स पाल काजर रख भरक lsquoईसरrsquo भीज गई नई सारी खोवन असआ ढरक शरगार क हवरह पि का परहिहनहातव करिी यह फाग ईसरी और उनकी परहमका रजऊ क हबछड़न की वयथा-कथा कहिी ह हबछरी सारस कसी जोरी रजो हमारी िोरी सङगसङग रह हनहस-बासर गर हलपटिी सोरी सो हो गई सपन की बाि अन हस बोल कोरी कछ हदनन को हिया अबादो हम बिा दो गोरी जबलो लागी रह lsquoईसरीrsquo आसा जी की मोरी ईसरी की य फाग शर गार क हमलन-हवरह पिो का हचिर करन क साथ-साथ हावीय क उदातत पि को भी सामन लािी ह इनम हसी-मजाक हसना-बोलना सभी कछ ह हकनि मयादहदि कही भी अशलीलिा का लश माि भी नही ह ईसरी की य फाग २८ मािी नरनर छद म रहचि ह इनम १६-१२ पर यहि का ईसरी न परी िरह पालन हकया ह सम चररानि म गर की अहाकिा ह हकनि २ लघ भी परापय ह इक फाग म ४ ५ या ६ िक पहिया हमलिी ह एक फाग की सभी पहियो म सम चररानि समान ह जबहक हवषम चररानि म लघ-गर का कोई बान नही ह

हम न गर हवीन और ख़शब ही को िोला होिा हफर िो हर पड़ गलाबो स भी हकका होिा उदाहरर क रप म समझा जाय िो एक मिदबा य भी समझा जा सकिा ह हक परमपराए हमशा पड़ या हफर पौा की िरह होिी ह और उन पर लगन वाल फल और उन फलो की ख़शबए आाहनक हवचाराारा समान यहद हम आाहनक हवचारााराओ ही को सबकछ समझ बठ ग िो य फल और ख़शबए कया आसमान स टपक ग समझन वाल इशारो को बहि जकद समझग बाय द टाइम आप इस अङक को पि रह हो ममहकन ह दहनया का एक बड़ा हहवीसा आप को होली की बराइया हगना रहा हो हम इिना ही हनवदन कर ग हक ldquoसपrdquo की िरह-िरह सार-सार को गह और थोथ को उड़ा फ क नीर-िीर-हववक हम सब की ामहनयो म यगो-यगो स परवाहमान ह अपन हववक का सदपयोग करि हय अचछी बािो को आग बिाए हमठाइयो क कारोबाररयो दवारा परोस जा रह अशि माल स परहि करि वक़ि याद रह हक कडबरी भी कोई अमि नही ह हर गली क नककड़ पर रङग हपचकारी वग़रह बचन वाल हमार कटीर उदयोग क खवनहार ह आप सभी को सपररवार होली की शभ-कामनाए

खहशयो का वीवागि कर हर आगन हर दवार| कछ ऐसा हो इस बरस होली का तयौहार||

होली हवषयक और भी सामरी मसलन छद ग़िल हजल नज़म कहविा गीि-नवगीि रहसया आलख कहानी कथा वग़रह पिन क हलय यहा हकलक कर

Page 19: Saahityam dec14 jan feb 15

सग अबीर-गलाल क मला कौन-सा रग लोग कह म बावरी जग स हई हनसग

सावररय क रग-सा हमला न दजा कोय िन लाग जो सावरा हर हदन होली होय

उसन य दखा मझ हई शमद स लाल

हसरि हदल म रह गई मलिी खब गलाल

ामनर कमार lsquoसजजनrsquo

िर भर चिकर जो हमट रग बड़ा बकार साि जनम िक साथ द वही रग िन डार

बदन रगा िो कया हकया मन को रग ल यार

मौका भी दवीिर भी होली का तयोहार

रगो क सग घोलकर कछ टट सवाद ऐसी होली खहलए बरसो आए याद

जाकर य सब स हमलो जस हमलि रग

कवल हपरयजन ही नही दशमन भी हो दग

रग सभी फीक पड़ जब आई मख लाज इन गालो क रग स आओ रग द आज

सख रगो स करो सिरगी ससार

पानी की हर बद को रखो सरहिि यार

फागन न आकर कहा अपन हदल का हाल गोरा मखड़ा ाप का हआ शमद स लाल

रग न हो िो परम भी रग दिा ससार परम न हो िो वयथद ह रगो का अबार

िझको रगन थी चली पीली पीली ाप गोरा िन छकर हई उजली उजली ाप

आखो आखो म चल सार रग गलाल

अपनी होली चल रही य ही सालो साल

ओबामा जी अगर हलकन हिदा होि िो

सजीव हनगम

सबह सबह चचचा अपन घर रपी िोप नली स गोल की िरह जो छट िो सीा हमार घर म आकर रट उनक हाथ म सबह का अखबार था और मह स दनादन ऐस शबद हनकल रह थ हजनह सन कर पहलस वाल भी शहमिदगी महसस करन लग ऐसी िबरदवीि गोलाबारी क सामन पड़ना अपन खद क अहिम सवीकार का इििाम करना जसा ही था इसहलए हम हाथ म सरद रमाल थाम उनक शाहबदक रप स ठडा होन की राह दखन लग थोड़ी दर बाद वह शभ घड़ी भी आ गयी और व उस अकसहशयन की िरह स शाि होकर बठ गए जो घर आय महमान पर भौक भौक कर थक गया हो मन हहममि करक पछा चचचा आप िो ओबामा की िरह स सभय आदमी थ य अचानक ओसामा कस बन गए यह सनि ही चचचा हफर स पाहकवीिानी फौहजयो की िरह स हबना कारर फायररग करन लग बोल नाम मि लो उस ओबामा का मर सामन जब अभी भारि आया था िो कया कया अरमान दख थ मन उसकी और अपनी दोवीिी क यह सोच सोच कर म हकिना खश था हक उस दोबारा यहा दख कर चीन हकिना जल रहा होगा पाहकवीिान हबलख रहा होगा यहा िक हक जब जाि जाि उसन हम हबन मागी सलाह द डाली िब भी मन उस पान क अडड पर खड़ हकसी दोवीि की चहलबािी समझ कर झल हलया था - पर उसन िो वहा जाकर भी - अमा िम अपनी िोि जसी चोच बद रखो य हम दो बड़ी हहवीियो क बीच का मामला ह उसम िम अरर जटली की िरह स बीच म घसन की कोहशश मि करो सषमा वीवराज की िरह स अलग ही रहो हम पिा ह हक उसन वहा जाकर भी हमारी िरफ इस बयान की हपचकारी मारी थी हक भारि म ााहमदक असहहषरिा इिनी बि गई ह हक यहद महातमा गााी हजदा होि िो व आहि होि - लहकन अब िो वहा भी hellip

- हा वही िो hellip बड़ा आया हम जञान दन वाला अब उसक अपन यहा ााहमदक असहहषरिा की ऐसी हरकि हो रही ह िो अब समझा ना अपन लोगो को हम जो जञान हदया था उस कॉपी पवीट करक अपन कपयटर जस दश क होम पज पर डाल न - सही कह रह ह आप पर य सब मझस कहन स कया फायदा - वो िो म भी जानिा ह िम जसा सवीि सट पहनन वाला इन सब बड़ी बड़ी बािो को कया समझगा य िो लाखो रपय का सट पहनन वालो क समझन की बाि ह - िो हफर उनह ही समझाईय न मर घर को कयो राज पथ बना कर 26 जनवरी का शहि परदशदन कर रह ह - हम यहा कोई शहि परदशदन करन नही आय ह बहकक राषर हहि म िमस एक कबादनी मागन क हलए आय ह कही गवीस म इनहोन इवीलाहमक वीटट जसा कोई आिकवादी सगठन न बना हलया हो और उसका पहला हफदायीन मझ ही बनान का न ठान हलया हो यह सोच कर मरी सास डर क मार अपन आप िोर िोर स अनलोम हवलोम करन लगी डरि डरि आवाि हनकली कसी कबादनी चचचा - हम थोड़ी दर क हलए क हलए िमहारा मोबाईल चाहहए - कयो भला - ओबामा स बाि करनी ह और उसस पछना ह हक आज अगर अबराहम हलकन हिदा होि िो व हकिना आहि होि लहकन मरी दशभहि न ही मझ मर मोबाईल क माधयम स अमररका स समबना ख़राब करन स रोक हदया मन मोबाईल म बलस न होन का कारगर बहाना बना हदया चचचा न दवादसा की िरह स अहिशय करोा स मझ घरा और हफर हकसी सचच मोबाईल ाारी दशभि की िलाश म हनकल गए

समीिा परवीर कशवा

रग लगाक ि न जा मझ रग लगाक अपन अग लगाल सावररया रhellip

पवन बसिी ि बनक सग बहा ल अपन हदल म बसा ल सावररया रhellip

फागन न जकफ खोली मदहोशी नभ म घोली

ाानी आकाश हआ ारिी भी उसकी होली

रगो स रग हमल सिरगी फल हखल पखरी लाज खोए

भवरा जो उसप डोल बाह पसार नदी क दोनो हकनार

इकदज को पकार बलम आजा रसावररया रhellip

लरज कपोल लाल सया रग गलाल भावभरा रग घला

िन मन हए सब लाल सजना क सग सखी

ऐस म रग रगी खद स ही परीि हई खद स ही जग हई

परीि लगाक अपनी नीद गवा क सजन सग बन गई म िो बावररया र सावररया रhellip

कावय करन को चल ह हम भरािा सच पछौ िौ हम कछ नही आिा 01

हफर ह हमन बहि िहनक लगाई

झट सो यो एक यहि बझ आई 02

एक शबद ह िाक अनक हवकार इनकौ कीज िजद- बनद वयवहार03

शबद-हवकार प पन-पन करौ परहार

ठोको- ठासौ और नक लउ हनहार 04

जस-जस शबद वीव- पकार सनाव िस-िस कावय पहि बन आव 05

अब िौ भईया हम ह कहव कहाए

मन ही मन यो मवीि मोद मनाए 06

एक हदन जमौ बड़ौ कावय वयापार कहव-कल कौ कछ कह आर न पार07

सब न अपन-अपन जब पाठ हकय

शरगार हावीय वीर रस क ठाट हकय08

अलकारन क अदभि उपयोग हकय वकरोहिन क हवलिर परयोग हकय09

छनदन सौ अनठ स अनबना हकय

चमतकहि क अतयि सपरबना हकय10

हमन ह हहममि अपनी नक न हारी कावय म कावय की यहि कह डारी11

अब हनरदय कौ अवसर जयो आयौ

हमरौ नाम उनन सवद- शरषठ सनायौ12

हलयौ पचन न हम पनः मच बलाय हदयौ टट जिन कौ एक हार हपराय13

िब व बोल मनद-वीवर य मद भाखा

नीच स आपकौ नमबर एक ह आका14

यह सब दखद दशय दखि घर-वारी घर पहचि ही वाकी हवकट सवारी15

बड़ चल हौ िम हनि कहव बनन कौ आयी न नक ह लाज या झठ रन कौ16

बालक भख घर सौ मस ह हफरि ह

टट ह पाि वसतरन क पबनद फटि ह17

मददि स हर बाररस यह छतत चआनी बस अब की बार ह सच फशद प आनी18

कहव-जन एक बाि म कहौ सहवचारी

मानौ न मानौ हौ अब आप अहाकारी19

रोजी-रोटी जब लौ नही हसि जगाड़ी कहव नही कबह कहव ननद अनाड़ी 20

- एन एल चिवदी नगीना उरद lsquoननदrsquo

साहहतयम पर आप लोग जो रसील और चटील वयङयालखो का रसावीवादन करि ह उस का हजममा भाई कमलश पाणडय जी न उठाया हआ ह कहन की आवशयकिा नही हक साहहतयम का कल कामकाज वीवहचछक और अविहनक ह आज क दौर म ऐस साहथयो का हमलना सौभाय ही कहा जायगा वस भी पसा सब कछ खरीद सकिा ह मगर समपदर की भावना नही कमलश जी वीवय भी एक बहिरीन वयङयकार ह कमलश जी क सटायसद की हवशषिा ldquoबारीक़ीrdquo ह आप बड़ ही हनराल अनदाि म पाठक को अपन साथ बहा ल जाि ह आइय कमलश जी क एक रसील और चटील वयङयालख का रसावीवादन करि ह-

फाहयान की हफकमी डायरी कमलश पाणडय

उस रोि फ-ची न बिाया हक भारि-भरमर पर जान स पहल वहा की कछ हफकम

दख ल िो पयादपत मागददशदन हमल सकिा ह फची कहिा ह हरकम हकसी भी समाज का दपदर होिी ह सो इनह दख लो सभव ह भारि जान की आवशयकिा ही न पड़ यही बठ-बठ भारि पर एक वहद रथ हलख सकि हो कल बािार स विदमान काल म बनी डि-दो सौ भारिीय हफकमो की सीडी क जलदवीय सवीकरर ल आया जो प-ईहचग क चोर-बािार म मोमो क एक पलट स भी सवीिी हमल गई आज परािः काल भजन-पजन क उपराि उनक अवलोकन क हलए बठ गया ह य एक नया ही ससार परिीि होिा ह फ-ची ठीक कहिा था हक चीन म फली भारि समबनाी भराहियो पर करद न ारो मझ सही मागददशदन दन वाल फ-ची को साावाद कहि हए अब आरमभ करिा ह एक आठ परहर स हनरिर भारिीय जीवन की इनरानषी छहवया दखि-दखि नि चहाया गए ह और महषिषक िो मानो हनहषकरय ही हो गया ह अभी थोड़ सरा-पान क उपराि जी

हकका हआ िो भारि- जो अब ईहनडया कहलान लगा ह ndash की आकहि कछ-कछ दहषटगोचर होन लगी ह य िो हनहिि ही ह हक इहणडया अतयि समि दश ह हफकम का नायक जो वीवय को आम-आदमी और हनादन मनषय बिािा ह एक बड़ स भवन म रहिा ह हडिाइनर परराान पहनिा ह चमकि वाहन पर यािायाि करिा ह और एक सनदरी स परम करिा ह कभी-कभी सदररयो की सखया एक स अहाक हो सकिी ह पर जब वह नतय रि होिा ह िो सदररया अनि होिी ह हजन ानाढय लोगो स उसकी शििा होिी ह उनक िो कया कहन उनकी जीवन शली चीन क समराट को भी लजा दन वाली ह वस अहाकाश हफकमो म नायक पहलस अहाकारी ह ऐसा परिीि होिा ह हक इहडया म सभी पहलस अहाकारी बनना चाहि ह हजसका कारर यही मालम होिा ह हक उनक घर और ठाट-बाट राजाओ स परहिवीपााद करि दीखि ह इसस िो यही लगिा ह हक इहडया म अब सवदहारा कोई नही बचा दो आम आदमी पर आााररि एक हफकम का अवलोकन करन क बाद इस हनषकषद पर जा पहचा ह हक इहडया क आम-आदमी सर-सपाट क शौकीन होि ह और परायः अपनी परहमका क साथ मनोरम वीथलो पर भरमरशील रहि ह उसकी परहमका वीवय को अतयि हनादन बिािी ह जो उसक अतयकप वसतरो को दख कर िो सतय परिीि होिा ह परनि जब उसक आभषरो और चरर पादका पर दहषट जािी ह िो थोड़ा सदह भी उतपनन होिा ह परायः य लोग कही आकाश स परसाररि होि सगीि पर गायन करन लगि ह िो हर बदलि लय क साथ वसतर वीथल और वाहनाहद बदल दि ह समहि का िब चरमोतकषद हदखिा ह जब य लोग गीि का हर अिरा हकसी अनय दश की भहम पर गाि ह और पलक झपकि ही उनह वहा पहचा दन वाला वाहन कही नही हदखिा हनिय ही वहा का हवजञान अभिपवद परगहि कर चका ह सभव ह वहा हर आम आदमी क पास अपना हनजी वाययान हो िीन आम आदमी की मोहक छहवयो वाल दशयो को दखि जी ही नही भरिा यह भी जञाि हआ हक इहडया एक अतयि सनदर दश ह जहा एक ही वीथल पर समर हहमाचछाहदि पवदि रहगवीिान और झरन ह कई एक वीथल िो ह-ब-ह हवीवटिरलड नामक दश क सामान ह य भी समभव ह हक आम आदमी क भरमर-लाभ हि इहडया म ही कही-कही यरोप-अमरीका आहद महादशो की परहिकहि रच ली गई ह गीिो क दशयो म िो य बाि एक दम हसि हो जािी ह जस ही नायक-नाहयका गायन परारमभ करि ह ढर-सारी सदररया नाचिी-गािी उनकी सगि करन आ जािी ह य भी वसतरो की दहषट स अतयि हनादन लगिी ह परनि हवीथहि पर गौर करन स वीपषट हो जािा ह हक ऐसा नही ह कया समरिट पर सट पहन कर जाया जािा ह या हक राहि-कलबो म बकाद ओि कर इसस य भी वीपषट ह हक इहडया म नाररयो को इचछा-नसार पहनन-ओढन घमन-हफरन नाचन-गान की वीविििा ह चार फची गलि कहिा ह हक इहडया म बहि गरीबी ह उस ऐसा कछ हरकम ही दखकर लगा था उसकी सलाह पर आज ऐसी कछ हरकम दखी इनम टट-फट घरो म कछ हभिक-परकार क पराहरयो का जीवन हदखाया गया था सकषम दहषट डालन पर इन बहवीियो क पीछ खड़ हवशाल महल हदख जाि थ जहा स कछ आम आदमी आकर इन बहवीियो को हगराना चाहि हदखाए गए थ पर उनका उदशय इन झोपहड़यो की जगह महल बना कर पर इहणडया को एकाकार कर दना था समयाभाव म इनका बनाना हदखाया नही जा सका एक राजनिा न बिाया हक गरीबी को परचाररि करन क पीछ हवरोाी राजनीहिक दलो का दषपरचार ह जो मझ सो सतय लगा मझ िो इसम

चीन का हवीि होन की भी समभावना हदखी कयोहक ऎसी एक हफकम म हनादन लोग बार-बार माओ का नाम ल रह थ पाच ऐसा परिीि होिा ह हक इहडया म सभय लोगो की भाषा हहनदी ह य भाषा अरजी क शबदो और वीथानीय भाषा क कारको स बनी ह हबना पि-हलख लोग कई वीथानीय भाषाए बोलि ह परायः लोग कवल अरिी भी बोलि पाए जाि ह पर आम िौर पर अरिी क दो एक वाकयो क बाद हहनदी पर उिर आन की परवहतत ह नाहयकाए और हसतरया अरिी बोलना पसद करिी ह पर जब वो हहनदी बोलिी ह िो भी धवहन अरिी-सी ही आिी ह ऐसा परिीि होिा ह हक उनह भाषा की दीिा मलिः अरिी म हमली ह और हहनदी उनहोन हकसी हहनदी हफकम म काम करन क उददशय स सीखी ह गान अहपि हहनदी म ही गाय जाि ह पर वहा और भी कई भाषाओ का मल हदख पड़िा ह एक गीि िो ऐसा था हजसम बड़-बड़ नगाड़ो की िाल पर पजाबी नामक भाषा म बहि सारी अरिी और थोड़ी हहनदी हमलाई गयी थी ऐस कछ गीिो क रचहयिा कोई lsquoयो योrsquo नामक महाकहव ह जो अपन गीिो म यवाओ को कम महदरा या मादक पदाथो क सवन करन जस सावीकाररक सदश दि रहि ह इन गीिो क भावाथद जो भी हो इसम कनयाओ का नतय अदभि ह- शबदो को समझ हबना ही सभी अथद वीपषट हो जाि ह छह आज दहिर इहडया की कछ हरकम दख कर पिा चला हक इहणडया क इस भखड म परष अहि-शहिशाली और नाररया खब भरी-परी होिी ह नायक िो इिना चपल होिा ह हक चशमा हसगरट या हपवीिौल जस उपकरर पलक झपकि ही अपन शरीर क हवहवा हहवीसो पर अिररि कर लिा ह इस नायक क एक आघाि स खलनायक कई पलो िक वायमडल म गोि खािा ह और कभी-कभी िो आकाश म ही हवलीन हो जािा ह उार नाररया रग-हबरग कलशो और इनरानषी आकहियो क बीच मादक नतय करिी रहिी ह वहा का एक नायक िो सवद-शहिमान ईशवर क समकि ह उसकी शहियो क हवषय म अनक हकवदहिया परचहलि ह जो फ-ची क अनसार रजनी-जोकस नामक रथ म सगहीि ह साि कछ राजनीहिक हरकम दख कर ऐसा परिीि हआ हक इहणडया म सभी निाओ की अपराा करन-करान म गहरी रहच ह परायः समाज म खलनायक निा ही होिा ह य लोग सरा-सदररयो हहथयारो सनदर परासादो और चमकि वाहनो क बीच ही रहना पसद करि ह आवशयकिा पड़न या न पड़न हकसी भी हवीथहि म हकसी की हततया कर दना इनक वाम-हवीि का कमद ह बलातकार हि इनह यो िो सभी हकवीम की नाररया पसद ह पर नायक की बहन या परहमका पर हवशष कपा रखि ह ऐसा लगिा ह हक इनकी हदनचयाद हकसी षडयि स आरमभ होकर हकसी हततया पर समापत होिी ह इनक अगरिक चीनी यि कला म हसिहवीि होि ह और अवसर पाि ही सााारर मानवो पर ईया-ऊआ करि टट पड़ि ह एक राजनिा की कररिा दख कर िो मरा हघघघी नामक अग बा ही गया इहडया म इनही अहिमानवो म स जनपरहिहनहा चनन का परावाान मालम होिा ह चन हलए जान क बाद य परायः शवि वसतर ाारर करि ह और सभाओ म भाषर दि हफरि ह पर अििः अपराा क सभी सि उनस ही जड़ होि ह चनाव एक रोचक अवसर होिा ह जब ढर सार वाहनो म लोग रग हबरगी झहडयो क साथ नारा लगाि घमि ह आठ इहडया का य रग दख कर िो दग रह गया ह एक मदान म लाल पील हार नील िातपयद य की सभी परकार क रगो स सराबोर हिारो मनषय एक साथ नतय कर रह ह सबक

वसतर शवि ह िाहक रगो की छाप गहरी उभर गाज-बाज क साथ एक समह गीि गाया जा रहा ह हजसम गोररयो की चोली पर रग डालन की परररा दी जा रही ह चनररया को हभगोन पर हवशष जोर ह सदररया परषो स जोड़ बना कर मादक नतय कर रही ह रग जो ह उड़ भी रह ह बौछार बन कर बरस रह ह और चहरो पर पोि भी जा रह ह इहडया की इस रगीन छहव को दख कर हपछली सारी छहवया ााली हो गई ह ऐसा परिीि हो रहा ह हक मानो परा दश एक ही रग म रगा ह भल ही वह हिारो रगो म वयि हो रहा हो पिा चला ह हक य एक तयौहार ह हजस होली कहि ह एक हदन पहल इहडया क लोग होहलका जलाि ह हजसम अपनी बराईयो की आहहि डालि ह मन भी आज इहडया की बरी छहव बनान वाली हपछली हफकमो की सीडी एकि कर उनकी होहलका जला दी और उसकी राख इन बरगलान वाली हरकम दखन की सलाह दन वाल फ-ची क मह पर मल आया आज इहणडया की यािा की ियारी परी कर ली ह दो हदनो क पिाि होली ह उस दख हबना इहडया की यािा कस समपरद होगी य ह कमलश पाणडय जी और य ह उन का अनोखा वाला रङग जो मझ बहद पसनद ह इस आहटदकल को चाह िो माि मनोरञजन क हलय भी पिा जा सकिा ह और अगर कोई वयहि समय हनकाल कर इस की थाह को नापना चाह िो नपप भी सकिा ह कमलश भाई जी क एक हमि ह हवनोद हमशर हवनोद जी ररसणटली बरसाना हो कर आय ह हवनोद जी न साहहतयम क हलय बरसान की होली की दो बहि ही सनदर-सनदर िवीवीर भजी ह हवनोद जी का बहि-बहि आभार य ह वह दो िवीवीर -

डा वी क भकला

हजजजा सग होली

लगा कर भोग महावीर को और चिा कर फल बिीसा बड़ भहिभाव स पि रह थ हम िो हनमान चाहलसा महावीर जब नाम सनाव

भि हपचास हनकट नही आव िभी मरी साहलया आ कर बोली खलग हम जीजजा सग होली और मरी हसटटीहपटटी गम होली कािर वीवर म हमन पकारा

ह हनमि अब िरा सहारा सन पकार मरी हनमानजी धयान म आए

और मझस य ररमाए वतस म िो ठहरा बाल बरहमचारी

कस हर म हवपदा िमहारी इस लरड़ म मझ न लाओ

िमहारी घहटया ह िमही बजाओ पड़ा सकट मोचन नाम भी झठा हदखा गए हनमानजी भी अगठा

मरी साहलओ न जी भर की मरी पिाई दिा रहा हाए म दहाई

िभी शरीमिी जी बाहर स आई मझ दखि ही हचलाई

अजी सनि हो जरा बाहर आओ कोई लरगा घर म घस आया ह

उस मार कर बाहर भगाओ ाीर स मन खखारा

अरी भागवान य म ह पहि िमहारा िो शरीमिी जी िनक कर बोली

वाह मर छला बहि भाए हो सबह सबह कहो हकसस

मह काला करवा कर आए हो मन अपनी करर गाथा उस सनाई

िो शरीमिी जी हभननाई और अपनी बहनो को आवाि लगाई

कया मरा ही पहि हमला था मह काला करन क हलए

िो वो बहयाई स बोली दीदी अगली होली म

िम हमार पहियो का मह काला कर दना िमहारा सारा हशकवा हमट जाएगा हहसाब एक दम बरोबर हो जाएगा

हमन कछ वि क हलए बाहर हनकलना बद कर ह

यह सोच कर हक अगर हकसी न पछा हक िमहारा मह हकसन काला हकया

िो कया जवाब दगा

हवजनर शमाद

सरहद स आया नही होली पर कय लाल मा की आख रग स करिी रही सवाल

आखो को भी ह हगला कर हशकायि गाल बरी ख़द आया नही हभजवा हदया गलाल

कौन बजाव फाग प ढोल नगाड़ चग चारो िरर उदाहसया गायब हई उमग

मौक़ा था पर यार न डाला नही गलाल

मरझाय स ही रह मर दोनो गाल

हरि म थ यार सब दशमन भी था दग मन उसक गाल पर लगा हदया जब रग

इििार क रग म गयी बावरी डब होली पर इसबार भी आया ना महबब

और अब ररसहिया जी का एक और ाास सटायर ाास इसहलय हक समझ म नही आ रहा हक इनह खाङरसी कहा जाय हक हफर भीजफी बाला

आजकल बचार कालान की मरन ह कोई भी घपला होिा ह काल ान पर िोहमि लगिी ह बलक मनी की थ-थ होिी ह जस निा चमच क हबना महनि चल क हबना आईपीएल हरहकसग क हबना

अारा लगिा ह वस ही कोई भी घपला काल ान की चचाद क हबना अारा लगिा ह घपला अगर कोई

आाहनक जहटल कहविा ह िो काला ान उसका आम जनिा की समझ म आन वाला सरल अनवाद ह घोटाला यहद कोई अबझ हसिाि ह िो काला ान उसकी सहज टीका ह जस पाहटदया चद क हबना निा लफ़राजी क हबना लखक अपनी उपिा का रोना रोय हबना नही रह पािा वस ही दहनया का कोई भी बड़ा ानाा हबना काल ान क नही पनप सकिा दहनया म हजिन भी मजबि ाना ह चाह वह हहथयार का हो ामद का हो या हरर हशिा का ही कयो न हो सबकी बहनयाद म काल ान की सीमनट लगी ह काला ान न हो िो हवीवस बक रवीस बक होकर रह जाय अपन दश म हपछल बीस सालो म हजतता हवकास हआ ह काला ान उसस कई गना जयादा बिा ह गहरि की भाषा म कह िो हकसी भी आाहनक समाज का हवकास उस समाज म मौजद कालान की मािा का समानपािी होिा ह इस सबक बावजद कालान को लोग इजजि की हनगाह स नही दखि कालाान कमान वाला िक खलआम उसकी आलोचना ही करिा ह राजनीहिजञ चनाव भल काल ान क सहार लड़ लहकन सावदजहनक रप स कालान की ऐसी बराई करि ह जस वामपथी दहिरपहथयो की करि ह अमररकी कयबा की करि ह पाहकवीिान वाल भारि की करि िरह ह अपन परहि दहनया का यह दवदातमक इजजिवाद दखकर बचार कालान क हदल पर कया बीििी होगी दहनया क ाोख को दखकर उसका मन भी हजया खान की िरह लटककर हनपट जान का करिा होगा उसका भी मन करिा होगा हक सरकारी गवाह बन जाय और सबकी पोल खोल द हक कस िमाम लोगो स उसक अिरग सबा रह कस लोगो न उसका सहारा हलया आग बि और सहारा हलया लहकन जब सरलिा क हकवीस सनान की बारी आयी िो शरय अपनी महनि लगन और बहि को हदया कालान क योगदान की सरासर उपिा कर दी यह वसा ही ह हक हकसी दश क इहिहास म राजा राहनयो क हकवीस हलख जाय लहकन महनिकश जनिा की कहानी गोलकर दी जाय लहकन हरर कालाान शायद यह सोचकर चप रह जािा होगा हक अपरााी कोई भी हो लहकन बराई उसी की होनी ह बइजजिी िो उसी की खराब होनी ह इसक बाद शायद वह यह सोचकर चपचाप अपनी करििो म जट जािा होगा हक आजनही िो कल उसको वह इजजि अवशय हमलगी हजसका वह हकदार ह उसको भी खल आम उिनी ही वीवीकायदिा हमलगी हजिनी की आज समाज म जाहिवाद सकीरदिा भाई भिीजावाद भायवाद और काहहली को हमली ह काला ान सोचिा होगा- जस बाहकयो क हदन बहर कया पिा वस ही उसक भी बहर

और साहथयो चलि-चलि अपनी जड़ो की ओर - बरहमलीन सनि कहव हशवदीन राम (जोशी) की सनि-वारी आप ही क आधयाहतमक हशषय आदररीय शरी हकशोर पारीक [खणडला] जी क सौजनय स

गोकल व बरसान की नार बजाय-बजाय बजा रही िारी अर वनदावन की बनी व बनी बनक ठनक अरी द रही गारी

शयाम को शयामा सजाय सजी अहो और गलाल लगावि पयारी हशवदीन व जोरी स जोरी हमलीबरज खलि होरी ह बाक हबहारी

मगल समगल सदा ही आननद रह नदलाल

ि गलाल डार दख सखी आ रही राा मिवाली आली चाली रग डारन को

गोहपया हनराली गाली शयाम को सना रही सन-सन क शयामलाल सग-सग गवाल बाल

बाजि मदग िाल राा जी गा रही कहिा हशवदीन लाल ऐसी गलाल उड़ी

बादर बन लाल लाली चह ओर छा रही

बरज वनदावन ााम रग स रगा रगीला हरा मोहिया लाल रग ह पयारा पीला

ाम ााम स खल खल रह होरी दखो शयामा शयाम सजान और सग गोरी दखो

चह ओर हपचकाररया रग-रग की ाार हशवदीन सरस रस रहसक जन पीव करर-करर पयार

राम गर गायर

भारि की लोक समपदा फागन की फाग - आचायद सजीव वमाद सहलल भारि हवहवावरी लोक सवीकहि स सपनन- समि परमपराओ का दश ह इन परमपराओ म स एक लोकगीिो की ह ऋि पररविदन पर उतसवामी भारिीय जन-

मानस गायन-वादन और निदन की हिवरी परवाहहि कर आनहदि होि ह फागन वषािि िथा चि वषादरमभ क साथ-साथ फसलो क पकन क समय क सचक भी ह दहिरायनी सयद जस ही मकर राहश म परवश कर उततरायरी होि ह इस महादवीप म हदन की लमबाई और िापमान दोनो की वहि होन की लोकमानयिा ह सयद पजन गड़-हिल स हनहमदि पकवाननो का सवन और पिगबाजी क माधयम स गगनचमबी लोकानद की अहभवयहि सवदि दखी जा सकिी हमकर सकराहि हखचड़ी बसाखी पोगल आहद हवहवा नामो स यह लोकपवद सकल दश म मनाया जािा ह पवदराज होली स ही मधयोततर भारि म फागो की बयार बहन लगिी ह बदलखड म फाग बजभहम म नटनागर की लीलाए हचहिि करि रहसया और बााई गीि अवा म राम-हसया की जगल जोड़ी की होली-करीड़ा जन सामानय स लकर हवहशषट जनो िक को रसानद म आपादमवीिक डबा दि ह राम अवा स हनकाकर बदली माटी पर अपनी लीलाओ को हववीिार दि हए लमब समय िक हवचरि रह इसहलए बदली मानस उनस एकाकार होकर हर पवद-तयौहार पर ही नही हर हदन उनह याद कर जय राम जी की कहिा ह कषर का नागो स सघषद और पाडवो का अजञािवास नमददाचली बनदल भहम पर हआ गौरा-बौरा िो बदलखड क अपन ह हशवजा हशवातमजा हशवसिा हशवहपरया हशव वीवदोभवा आहद सजञाओ स समबोहाि आननददाहयनी नमददा िट पर बमबहलयो क साथ-साथ हशव-हशवा की लीलाओ स यि फाग गयी जाना वीवाभाहवक ह बदली फागो क एकछि समराट ह लोककहव ईसरी ईसरी न अपनी परहमका रजउ को अपन कहितव म अमर कर हदया ईसरी न फागो की एक हवहशषट शली चौघहड़या फाग को जनम हदया हम अपनी फाग चचाद चौघहड़या फागो स ही आरमभ करि ह ईसरी न अपनी पराकि परहिभा स रामीर मानव मन क उचवासो को सर-िाल क साथ समहनवि कर उपहिि और अनचीनही लोक भावनाओ को इन फागो म हपरोया ह रसराज शर गार क सयोग और हवयोग दोनो पि इन फागो म अदभि माायद क साथ वहरदि ह सदयवीनािा यविी की कशराहश पर मा ईसरी गा उठि ह ईसरी रााा जी क कानो म झल रह िरकला को उन दो िारो की िरह बिाि ह जो रााा जी क मख चनर क सौदयद क आग फीक फड़ गए ह कानन डल राहाका जी क लग िरकला नीक आनदकद चद क ऊपर िो िारागर फीक ईसरी की आराधया राहाका जी सदरी होन क साथ-साथ दीनो-दहखयो क दखहिाद भी ह मय बल राि राहाका जी को कर आसरा की कौ दीनदयाल दीन दःख दखन हजनको मख ह नीकौ पहटया कौन सगर न पारी लगी दहिन पयारी रचक घटी-बड़ी ह नया सास कसी ढारी िन रई आन सीस क ऊपर शयाम घटा सी कारी ईसर परार खान ज पहटया जब स िकी उघारी

कहव पछिा ह हक नाहयका की मोहक चोहटया हकस सघड़ न बनायी ह चोहटया जरा भी छोटी-बड़ी नही ह और आिी-जािी सासो की िरह हहल-डल रही ह व नाहयका क शीश क ऊपर शयामल मघो की िरह छाई ह ईसरी न जब स इस अनावतत कशराहश की सनदरिा को दखा ह उनकी जान हनकली जा रही ह ईसर की नाहयका ननो स िलवार चलािी ह दोई ननन की िरवार पयारी हफर उबार अलपान गजरान हसरोही सलमान झख मार ऐच बार मयान घघट की द काजर की ाार ईसर शयाम बरकि रहहयो अहायार उहजयार िलवार का वार िो हनकट स ही हकया जा सकिा ह नायक दर हो िो कया हकया जाए कया नाहयका उस य ही जान दगी यह िो हो ही नही सकिा नाहयका हनगाहो को बरछी स भी अहाक पन िीर बनाकर नायक का हरदय भदिी ह छट नन-बार इन खोरन हिरछी भौह मरोरन नोकदार बरछी स पन चलि करज फोरन नायक बचारा बचिा हफर रहा ह पर नाहयका उस जान दन क मड म नही ह िलवार और िीर क बाद वह अपनी काहिल हनगाहो को हपवीिौल बना लिी ह अहखया हपवीिौल सी करक मारन चाि समर क गोली बाज दरद की दार गज कर दि निर क इिन पर भी ईसरी जान हथली पर लकर नवयौवना नाहयका का गबखान करि नही अघाि जबना कड़ आय कर गहलया बला कसी कहलया ना हम दख जमि जमी म ना माली की बहगया सोन कस िबक चि ह बरछी कसी भहलया ईसर हाथ सभार ाररयो फटट न जाव गहदया लोक ईसरी की फाग-रचना क मल म उनकी परहमका रजऊ को मानिी ह रजऊ न हजस हदन गारो क साथ गल म काली काच की गररयो की लहड़यो स बन ४ छटा और हबचौली काच क मोहियो का हिदान जसा आभषर और चोली पहहनी उसक रप को दखकर दीवाना होकर हार झलन लगा ईसरी कहि ह हक रजऊ क सौदयद पर मा हए हबना कोई नही रह सकिा हजयना रजऊ न पनो गारो हरनी हजया हबरानो छटा चार हबचौली पर भर हफर गरदानो

जबनन ऊपर चोली पर लटक हार हदवानो ईसर कान बटकन नइया दख लव चह जवानो ईसरी को रजऊ की हरन (हचिवन) और हसन (हसी) नही भलिी हवशाल यौवन मिवाली चाल इकहरी पिली कमर बार की िरह िानी भौह हिरछी निर भलाय नही भलिी व निर क बार स मरन िक को ियार ह इसी बहान रजऊ एक बार उनकी ओर दख िो ल ऐसा समपदर ईसरी क अलावा और कौन कर सकिा ह हमख़ा हबसरि नही हबसारी हरन-हसन िमारी जबन हवशाल चाल मिवारी पिरी कमर इकारी भौह कमान बान स िान निर हिरीछी मारी ईसर कान हमारी कोदी िनक हर लो पयारी ईसरी क हलय रजऊ ही सवदवीव ह उनका जीवन-मरर सब कछ रजऊ ही ह व परभ-वीमरर की ही िरह रजऊ का नाम जपि हए मरन की कामना करि ह इसहलए कछ हवदवान रजऊ की सासाररक परहमका नही आदया माि शहि को उनक दवारा हदया गया समबोान मानि ह जौ जी रजऊ रजऊ क लान का काऊ स कान जौलो रहन रहि हजदगी रजऊ क हि कमान पला भोजन कर रजौआ पाछ क मोय खान रजऊ रजऊ कौ नाम ईसरी लि-लि मर जान ईसरी रहचि सहसतरो फाग चार कहड़यो (पहियो) म बाी होन क कारन चौकहड़या फाग कही जािी ह इनम सौदयद को पान क साथ-साथ पजन और उसक परहि मन-परार स समहपदि होन क आधयातमजहनि भावो की सहलला परवाहहि ह रचना हवाान य फाग ४ पहियो म हनबि ह हर पहि म २ चरर ह हवषम चरर (१ ३ ५ ७ ) म १६ िथा सम चरर (२ ४ ६ ८) म १२ मािाए ह चरराि म परायः गर मािाए ह हकनि कही-कही २ लघ मािाए भी हमलिी ह य फाग छद परभाकर क अनसार महाभागवि जािीय नर र छद म हनबि ह इस छद म खड़ी हहदी म रचनाए मर पिन म अब िक नही आयी ह ईसरी की एक फाग का खड़ी हहदी म रपािरर दहखए हकस चिरा न छोटी गथी लगिी बहद पयारी हकहचि छोटी-बड़ी न उठ-हगर रही सास सम नयारी मकट समान शीश पर शोहभि कषर मघ सी कारी हलय ल रही जान कश-छहव जब स हदखी उघारी नर र छद म एक चिषपदी दहखए

बाि बनाई हकसन कसी कौन हनभाय वाद सब सच समझ रही ह जनिा कहा फदकि पयाद राजा कौन विीर कौन हकसक बद-नक इराद हजसको चाह सहलल हजिा मि चाह उस हरा द बनदली लोकरग की सािी ईसरी की फाग सजीव बदलखड क महानिम लोककहव ईसरी क कावय म लोकजीवन क सावीकहिक साहहहतयक सामाहजक पि परी जीवनििा और रचनातमकिा क साथ उदघाहटि हए ह ईसरी का वहशषटय यह ह हक व िथाकहथि सभराििा या पाहडतय स कय भाषा शली आहद उाार नही लि व दशज रामीर लोक मकयो और परमपराओ को इिनी वीवाभाहवकिा परगाििा और अपनतव स अहकि करि ह हक उसक सममख हशषटिा-शालीनिा ओिहि सजदनाारा हवपनन परिीि होन लगिी ह उनका साहहतय पवीिकाकार रप म नही शरहि परपरा म सन-गाकर सहदयो िक जीहवि रखा गया बदलखड क जन-मन समराट महान लोककहव ईसरी की फाग गय परपरा क कारर लोक-वीमहि और लोक-मख म जीहवि रही सकलनकिाद कवर शरी दगद हसह न १९३१ स १९४१ क मधय इनका सकलन हकया शरी इलाशकर गहा न ाौराद राम (जहा ईसरी लमब समय रह थ) हनवाहसयो स सनकर फागो का सकलन हकया अपिाकि कम परचहलि हनमन फागो म ईसरी क नसहगदक कारहयिी परहिभा क साथ-साथ बनदली लोक परपरा हावीया एव शरीनगरहपरयिा क भी दशदन होि ह कषर-भि ईसरी वनदावन की माटी का महातमय कहि हए उस दविाओ क हलए भी दलदभ बिाि ह अपनी कवीन जीभ स चाटी वनदावन की माटी दरलभ भई हमली ना उनखो दई दविन डाटी हमल ना सकी अनकन हार पाव की पररपाटी पायो वीवाग काह न नइया मीठी ह की खाटी बाही रज बजबाहसन lsquoईसरrsquo हहसदारी म बाटी कदम कञज म खड़ कनहया राहगीरो को रावीिा भला दि ह इसहलए पहथक जमना की राह ही भल गय ह अथादि जमना स नही जाि हकसी को भला कर मजा लन की लोकरीि को ईसरी अचछा नही मानि और कषर को सलाह दि ह हक हकसी स अहाक हसी अचछी नही होिी आली मनमोहन क मार जमना गल हबसार जब दखो जब खडो कञज म गह कदम की डार जो कोउ भल जाि ह रवीिा बरबस आन हबगार जादा हसी नही काऊ स जा ना रीि हमार

lsquoईसरrsquo कौन चाल अब चहलए ज िौ परी पार राि भर घर स बाहर रह कषर को अपनी सफाई म कछ कहन का अवसर हमल हबना lsquoछहलयाrsquo का हखिाब दना ईसरी क ही बस की बाि ह ओइ घर जाब मरहलयाबार जहा राि रय पयार हर बाट मनइया बठी कर नन रिनार अब िौ कौनऊ काम िमारो नइया भवन हमार lsquoईसरrsquo कषर नद क छौना िम छहलया बजबार फगआ हो और रााा न खल यह कस हो सकिा ह कषर सर ह िो रााा सवा सर दोनो की लीलाओ का सजीव वरदन करि ह ईसरी मानो सािाि दख रह हो रााा न कषर की लकटी-कमररया छीन ली िो कषर न रााा क हसर स सारी खीच ली इिना ही हो िो गनीमि होली की मवीिी चरम पर हई िो रााा नटनागर बन गयी और कषर को नारी बना हदया खल फाग राहाका पयारी बज खोरन हगराारी इन भर बाह बास को टारो उन मारो हपचकारी इनन छीनी लकहट मरहलया उन छीनी हसर सारी ब िो आय नद क लाला ज बषभान दलारी अपन बनी नटनागर lsquoईसरrsquo उन बनाओ नारी अटारी क सीिी चिि घघर हनशबद हो गए फलो की सज पर बनवारी की नीद लग गयी रााा क आि ही यशोदा क अनाड़ी बट की बीन (बासरी) चोरी हो गयी कसी सहज-सरस ककपना ह चोरी गइ बीन हबहारी की जसदा क लाल अनारी की जाहमन अमल जगल क भीिर आवन भइ रााा पयारी की नपर सबद सनाक हखच रय हछहड़या चड़ि अटारी की बड़ी गलाम सज फलन की लग गइ नीद मरारी की काि lsquoईसरीrsquo घोरा प स उठा लई बनवारी की कषर रााा और गोहपयो क चगल म फस गय ह गोहपयो न अपन मनभावन कषर को पकड़कर सतरी बनान का उपकरम करन म कोई कसर नही छोड़ी कषर की बनमाला और मरली छीनकर हसर पर साड़ी उिा दी गयी रााा न उनह सभी आभषरो स सजाकर कमर म लहगा पहना हदया और सहखयो क सग फागन मनान म लीन हो गयी ह शर गार और हावीय का ऐसा जीवि शबद हचि ईसरी ही खीच सकि ह पकर गोहपन क मनभावन लागी नार बनावन छीन लई बनमाल मरहलया सारी सीस उड़ावन

सकल अभषन सज राहाका कहट लहगा पहरावन नारी भस बना क lsquoईसरrsquo फगआ लगी मगावन ईसरी परहमका स हनवदन करा रह ह हक वह अपन िीख नयनो का वार न कर हजरह-बखिर कछ न कर सक ग और दख ही दखि नयन-बार हदल क पार हो जायगा हकसी गरी वदय की औषहा भी काम नही आएगी ईसरी क दवाई िो हपरयिमा का दशदन ही ह पररय की ऐसी परगाि रसहसि अहभवयहि अपनी हमसाल आप ह नना ना मारो लग जह मरम पार हो जह बखिर हझलम कहा का लह ढाल पार कर जह औषद मर एक ना लहगह बद गनी का कह कहि lsquoईसरीrsquo सन लो पयारी दरस दबाई दह हनमन फाग म ईसरी नयनो की कथा कहि ह जो परदशी स लगकर हबगड़ गय बबादद हो गय ह य नयना अा हसपाही ह जो कभी लड़कर नही हार इनको बहि नाि स काजल की रखा भर-भरकर पाला ह हकनि य खो गए और इनस बहि आसओ स नयी की नयी सारी भीग गयी ह कसी माहमदक अहभवयहि ह नना परदसी स लग क भय बरबाद हबगरक नना मोर सर हसपाही कबऊ ना हार लरक ज नना बार स पाल काजर रख भरक lsquoईसरrsquo भीज गई नई सारी खोवन असआ ढरक शरगार क हवरह पि का परहिहनहातव करिी यह फाग ईसरी और उनकी परहमका रजऊ क हबछड़न की वयथा-कथा कहिी ह हबछरी सारस कसी जोरी रजो हमारी िोरी सङगसङग रह हनहस-बासर गर हलपटिी सोरी सो हो गई सपन की बाि अन हस बोल कोरी कछ हदनन को हिया अबादो हम बिा दो गोरी जबलो लागी रह lsquoईसरीrsquo आसा जी की मोरी ईसरी की य फाग शर गार क हमलन-हवरह पिो का हचिर करन क साथ-साथ हावीय क उदातत पि को भी सामन लािी ह इनम हसी-मजाक हसना-बोलना सभी कछ ह हकनि मयादहदि कही भी अशलीलिा का लश माि भी नही ह ईसरी की य फाग २८ मािी नरनर छद म रहचि ह इनम १६-१२ पर यहि का ईसरी न परी िरह पालन हकया ह सम चररानि म गर की अहाकिा ह हकनि २ लघ भी परापय ह इक फाग म ४ ५ या ६ िक पहिया हमलिी ह एक फाग की सभी पहियो म सम चररानि समान ह जबहक हवषम चररानि म लघ-गर का कोई बान नही ह

हम न गर हवीन और ख़शब ही को िोला होिा हफर िो हर पड़ गलाबो स भी हकका होिा उदाहरर क रप म समझा जाय िो एक मिदबा य भी समझा जा सकिा ह हक परमपराए हमशा पड़ या हफर पौा की िरह होिी ह और उन पर लगन वाल फल और उन फलो की ख़शबए आाहनक हवचाराारा समान यहद हम आाहनक हवचारााराओ ही को सबकछ समझ बठ ग िो य फल और ख़शबए कया आसमान स टपक ग समझन वाल इशारो को बहि जकद समझग बाय द टाइम आप इस अङक को पि रह हो ममहकन ह दहनया का एक बड़ा हहवीसा आप को होली की बराइया हगना रहा हो हम इिना ही हनवदन कर ग हक ldquoसपrdquo की िरह-िरह सार-सार को गह और थोथ को उड़ा फ क नीर-िीर-हववक हम सब की ामहनयो म यगो-यगो स परवाहमान ह अपन हववक का सदपयोग करि हय अचछी बािो को आग बिाए हमठाइयो क कारोबाररयो दवारा परोस जा रह अशि माल स परहि करि वक़ि याद रह हक कडबरी भी कोई अमि नही ह हर गली क नककड़ पर रङग हपचकारी वग़रह बचन वाल हमार कटीर उदयोग क खवनहार ह आप सभी को सपररवार होली की शभ-कामनाए

खहशयो का वीवागि कर हर आगन हर दवार| कछ ऐसा हो इस बरस होली का तयौहार||

होली हवषयक और भी सामरी मसलन छद ग़िल हजल नज़म कहविा गीि-नवगीि रहसया आलख कहानी कथा वग़रह पिन क हलय यहा हकलक कर

Page 20: Saahityam dec14 jan feb 15

िझको रगन थी चली पीली पीली ाप गोरा िन छकर हई उजली उजली ाप

आखो आखो म चल सार रग गलाल

अपनी होली चल रही य ही सालो साल

ओबामा जी अगर हलकन हिदा होि िो

सजीव हनगम

सबह सबह चचचा अपन घर रपी िोप नली स गोल की िरह जो छट िो सीा हमार घर म आकर रट उनक हाथ म सबह का अखबार था और मह स दनादन ऐस शबद हनकल रह थ हजनह सन कर पहलस वाल भी शहमिदगी महसस करन लग ऐसी िबरदवीि गोलाबारी क सामन पड़ना अपन खद क अहिम सवीकार का इििाम करना जसा ही था इसहलए हम हाथ म सरद रमाल थाम उनक शाहबदक रप स ठडा होन की राह दखन लग थोड़ी दर बाद वह शभ घड़ी भी आ गयी और व उस अकसहशयन की िरह स शाि होकर बठ गए जो घर आय महमान पर भौक भौक कर थक गया हो मन हहममि करक पछा चचचा आप िो ओबामा की िरह स सभय आदमी थ य अचानक ओसामा कस बन गए यह सनि ही चचचा हफर स पाहकवीिानी फौहजयो की िरह स हबना कारर फायररग करन लग बोल नाम मि लो उस ओबामा का मर सामन जब अभी भारि आया था िो कया कया अरमान दख थ मन उसकी और अपनी दोवीिी क यह सोच सोच कर म हकिना खश था हक उस दोबारा यहा दख कर चीन हकिना जल रहा होगा पाहकवीिान हबलख रहा होगा यहा िक हक जब जाि जाि उसन हम हबन मागी सलाह द डाली िब भी मन उस पान क अडड पर खड़ हकसी दोवीि की चहलबािी समझ कर झल हलया था - पर उसन िो वहा जाकर भी - अमा िम अपनी िोि जसी चोच बद रखो य हम दो बड़ी हहवीियो क बीच का मामला ह उसम िम अरर जटली की िरह स बीच म घसन की कोहशश मि करो सषमा वीवराज की िरह स अलग ही रहो हम पिा ह हक उसन वहा जाकर भी हमारी िरफ इस बयान की हपचकारी मारी थी हक भारि म ााहमदक असहहषरिा इिनी बि गई ह हक यहद महातमा गााी हजदा होि िो व आहि होि - लहकन अब िो वहा भी hellip

- हा वही िो hellip बड़ा आया हम जञान दन वाला अब उसक अपन यहा ााहमदक असहहषरिा की ऐसी हरकि हो रही ह िो अब समझा ना अपन लोगो को हम जो जञान हदया था उस कॉपी पवीट करक अपन कपयटर जस दश क होम पज पर डाल न - सही कह रह ह आप पर य सब मझस कहन स कया फायदा - वो िो म भी जानिा ह िम जसा सवीि सट पहनन वाला इन सब बड़ी बड़ी बािो को कया समझगा य िो लाखो रपय का सट पहनन वालो क समझन की बाि ह - िो हफर उनह ही समझाईय न मर घर को कयो राज पथ बना कर 26 जनवरी का शहि परदशदन कर रह ह - हम यहा कोई शहि परदशदन करन नही आय ह बहकक राषर हहि म िमस एक कबादनी मागन क हलए आय ह कही गवीस म इनहोन इवीलाहमक वीटट जसा कोई आिकवादी सगठन न बना हलया हो और उसका पहला हफदायीन मझ ही बनान का न ठान हलया हो यह सोच कर मरी सास डर क मार अपन आप िोर िोर स अनलोम हवलोम करन लगी डरि डरि आवाि हनकली कसी कबादनी चचचा - हम थोड़ी दर क हलए क हलए िमहारा मोबाईल चाहहए - कयो भला - ओबामा स बाि करनी ह और उसस पछना ह हक आज अगर अबराहम हलकन हिदा होि िो व हकिना आहि होि लहकन मरी दशभहि न ही मझ मर मोबाईल क माधयम स अमररका स समबना ख़राब करन स रोक हदया मन मोबाईल म बलस न होन का कारगर बहाना बना हदया चचचा न दवादसा की िरह स अहिशय करोा स मझ घरा और हफर हकसी सचच मोबाईल ाारी दशभि की िलाश म हनकल गए

समीिा परवीर कशवा

रग लगाक ि न जा मझ रग लगाक अपन अग लगाल सावररया रhellip

पवन बसिी ि बनक सग बहा ल अपन हदल म बसा ल सावररया रhellip

फागन न जकफ खोली मदहोशी नभ म घोली

ाानी आकाश हआ ारिी भी उसकी होली

रगो स रग हमल सिरगी फल हखल पखरी लाज खोए

भवरा जो उसप डोल बाह पसार नदी क दोनो हकनार

इकदज को पकार बलम आजा रसावररया रhellip

लरज कपोल लाल सया रग गलाल भावभरा रग घला

िन मन हए सब लाल सजना क सग सखी

ऐस म रग रगी खद स ही परीि हई खद स ही जग हई

परीि लगाक अपनी नीद गवा क सजन सग बन गई म िो बावररया र सावररया रhellip

कावय करन को चल ह हम भरािा सच पछौ िौ हम कछ नही आिा 01

हफर ह हमन बहि िहनक लगाई

झट सो यो एक यहि बझ आई 02

एक शबद ह िाक अनक हवकार इनकौ कीज िजद- बनद वयवहार03

शबद-हवकार प पन-पन करौ परहार

ठोको- ठासौ और नक लउ हनहार 04

जस-जस शबद वीव- पकार सनाव िस-िस कावय पहि बन आव 05

अब िौ भईया हम ह कहव कहाए

मन ही मन यो मवीि मोद मनाए 06

एक हदन जमौ बड़ौ कावय वयापार कहव-कल कौ कछ कह आर न पार07

सब न अपन-अपन जब पाठ हकय

शरगार हावीय वीर रस क ठाट हकय08

अलकारन क अदभि उपयोग हकय वकरोहिन क हवलिर परयोग हकय09

छनदन सौ अनठ स अनबना हकय

चमतकहि क अतयि सपरबना हकय10

हमन ह हहममि अपनी नक न हारी कावय म कावय की यहि कह डारी11

अब हनरदय कौ अवसर जयो आयौ

हमरौ नाम उनन सवद- शरषठ सनायौ12

हलयौ पचन न हम पनः मच बलाय हदयौ टट जिन कौ एक हार हपराय13

िब व बोल मनद-वीवर य मद भाखा

नीच स आपकौ नमबर एक ह आका14

यह सब दखद दशय दखि घर-वारी घर पहचि ही वाकी हवकट सवारी15

बड़ चल हौ िम हनि कहव बनन कौ आयी न नक ह लाज या झठ रन कौ16

बालक भख घर सौ मस ह हफरि ह

टट ह पाि वसतरन क पबनद फटि ह17

मददि स हर बाररस यह छतत चआनी बस अब की बार ह सच फशद प आनी18

कहव-जन एक बाि म कहौ सहवचारी

मानौ न मानौ हौ अब आप अहाकारी19

रोजी-रोटी जब लौ नही हसि जगाड़ी कहव नही कबह कहव ननद अनाड़ी 20

- एन एल चिवदी नगीना उरद lsquoननदrsquo

साहहतयम पर आप लोग जो रसील और चटील वयङयालखो का रसावीवादन करि ह उस का हजममा भाई कमलश पाणडय जी न उठाया हआ ह कहन की आवशयकिा नही हक साहहतयम का कल कामकाज वीवहचछक और अविहनक ह आज क दौर म ऐस साहथयो का हमलना सौभाय ही कहा जायगा वस भी पसा सब कछ खरीद सकिा ह मगर समपदर की भावना नही कमलश जी वीवय भी एक बहिरीन वयङयकार ह कमलश जी क सटायसद की हवशषिा ldquoबारीक़ीrdquo ह आप बड़ ही हनराल अनदाि म पाठक को अपन साथ बहा ल जाि ह आइय कमलश जी क एक रसील और चटील वयङयालख का रसावीवादन करि ह-

फाहयान की हफकमी डायरी कमलश पाणडय

उस रोि फ-ची न बिाया हक भारि-भरमर पर जान स पहल वहा की कछ हफकम

दख ल िो पयादपत मागददशदन हमल सकिा ह फची कहिा ह हरकम हकसी भी समाज का दपदर होिी ह सो इनह दख लो सभव ह भारि जान की आवशयकिा ही न पड़ यही बठ-बठ भारि पर एक वहद रथ हलख सकि हो कल बािार स विदमान काल म बनी डि-दो सौ भारिीय हफकमो की सीडी क जलदवीय सवीकरर ल आया जो प-ईहचग क चोर-बािार म मोमो क एक पलट स भी सवीिी हमल गई आज परािः काल भजन-पजन क उपराि उनक अवलोकन क हलए बठ गया ह य एक नया ही ससार परिीि होिा ह फ-ची ठीक कहिा था हक चीन म फली भारि समबनाी भराहियो पर करद न ारो मझ सही मागददशदन दन वाल फ-ची को साावाद कहि हए अब आरमभ करिा ह एक आठ परहर स हनरिर भारिीय जीवन की इनरानषी छहवया दखि-दखि नि चहाया गए ह और महषिषक िो मानो हनहषकरय ही हो गया ह अभी थोड़ सरा-पान क उपराि जी

हकका हआ िो भारि- जो अब ईहनडया कहलान लगा ह ndash की आकहि कछ-कछ दहषटगोचर होन लगी ह य िो हनहिि ही ह हक इहणडया अतयि समि दश ह हफकम का नायक जो वीवय को आम-आदमी और हनादन मनषय बिािा ह एक बड़ स भवन म रहिा ह हडिाइनर परराान पहनिा ह चमकि वाहन पर यािायाि करिा ह और एक सनदरी स परम करिा ह कभी-कभी सदररयो की सखया एक स अहाक हो सकिी ह पर जब वह नतय रि होिा ह िो सदररया अनि होिी ह हजन ानाढय लोगो स उसकी शििा होिी ह उनक िो कया कहन उनकी जीवन शली चीन क समराट को भी लजा दन वाली ह वस अहाकाश हफकमो म नायक पहलस अहाकारी ह ऐसा परिीि होिा ह हक इहडया म सभी पहलस अहाकारी बनना चाहि ह हजसका कारर यही मालम होिा ह हक उनक घर और ठाट-बाट राजाओ स परहिवीपााद करि दीखि ह इसस िो यही लगिा ह हक इहडया म अब सवदहारा कोई नही बचा दो आम आदमी पर आााररि एक हफकम का अवलोकन करन क बाद इस हनषकषद पर जा पहचा ह हक इहडया क आम-आदमी सर-सपाट क शौकीन होि ह और परायः अपनी परहमका क साथ मनोरम वीथलो पर भरमरशील रहि ह उसकी परहमका वीवय को अतयि हनादन बिािी ह जो उसक अतयकप वसतरो को दख कर िो सतय परिीि होिा ह परनि जब उसक आभषरो और चरर पादका पर दहषट जािी ह िो थोड़ा सदह भी उतपनन होिा ह परायः य लोग कही आकाश स परसाररि होि सगीि पर गायन करन लगि ह िो हर बदलि लय क साथ वसतर वीथल और वाहनाहद बदल दि ह समहि का िब चरमोतकषद हदखिा ह जब य लोग गीि का हर अिरा हकसी अनय दश की भहम पर गाि ह और पलक झपकि ही उनह वहा पहचा दन वाला वाहन कही नही हदखिा हनिय ही वहा का हवजञान अभिपवद परगहि कर चका ह सभव ह वहा हर आम आदमी क पास अपना हनजी वाययान हो िीन आम आदमी की मोहक छहवयो वाल दशयो को दखि जी ही नही भरिा यह भी जञाि हआ हक इहडया एक अतयि सनदर दश ह जहा एक ही वीथल पर समर हहमाचछाहदि पवदि रहगवीिान और झरन ह कई एक वीथल िो ह-ब-ह हवीवटिरलड नामक दश क सामान ह य भी समभव ह हक आम आदमी क भरमर-लाभ हि इहडया म ही कही-कही यरोप-अमरीका आहद महादशो की परहिकहि रच ली गई ह गीिो क दशयो म िो य बाि एक दम हसि हो जािी ह जस ही नायक-नाहयका गायन परारमभ करि ह ढर-सारी सदररया नाचिी-गािी उनकी सगि करन आ जािी ह य भी वसतरो की दहषट स अतयि हनादन लगिी ह परनि हवीथहि पर गौर करन स वीपषट हो जािा ह हक ऐसा नही ह कया समरिट पर सट पहन कर जाया जािा ह या हक राहि-कलबो म बकाद ओि कर इसस य भी वीपषट ह हक इहडया म नाररयो को इचछा-नसार पहनन-ओढन घमन-हफरन नाचन-गान की वीविििा ह चार फची गलि कहिा ह हक इहडया म बहि गरीबी ह उस ऐसा कछ हरकम ही दखकर लगा था उसकी सलाह पर आज ऐसी कछ हरकम दखी इनम टट-फट घरो म कछ हभिक-परकार क पराहरयो का जीवन हदखाया गया था सकषम दहषट डालन पर इन बहवीियो क पीछ खड़ हवशाल महल हदख जाि थ जहा स कछ आम आदमी आकर इन बहवीियो को हगराना चाहि हदखाए गए थ पर उनका उदशय इन झोपहड़यो की जगह महल बना कर पर इहणडया को एकाकार कर दना था समयाभाव म इनका बनाना हदखाया नही जा सका एक राजनिा न बिाया हक गरीबी को परचाररि करन क पीछ हवरोाी राजनीहिक दलो का दषपरचार ह जो मझ सो सतय लगा मझ िो इसम

चीन का हवीि होन की भी समभावना हदखी कयोहक ऎसी एक हफकम म हनादन लोग बार-बार माओ का नाम ल रह थ पाच ऐसा परिीि होिा ह हक इहडया म सभय लोगो की भाषा हहनदी ह य भाषा अरजी क शबदो और वीथानीय भाषा क कारको स बनी ह हबना पि-हलख लोग कई वीथानीय भाषाए बोलि ह परायः लोग कवल अरिी भी बोलि पाए जाि ह पर आम िौर पर अरिी क दो एक वाकयो क बाद हहनदी पर उिर आन की परवहतत ह नाहयकाए और हसतरया अरिी बोलना पसद करिी ह पर जब वो हहनदी बोलिी ह िो भी धवहन अरिी-सी ही आिी ह ऐसा परिीि होिा ह हक उनह भाषा की दीिा मलिः अरिी म हमली ह और हहनदी उनहोन हकसी हहनदी हफकम म काम करन क उददशय स सीखी ह गान अहपि हहनदी म ही गाय जाि ह पर वहा और भी कई भाषाओ का मल हदख पड़िा ह एक गीि िो ऐसा था हजसम बड़-बड़ नगाड़ो की िाल पर पजाबी नामक भाषा म बहि सारी अरिी और थोड़ी हहनदी हमलाई गयी थी ऐस कछ गीिो क रचहयिा कोई lsquoयो योrsquo नामक महाकहव ह जो अपन गीिो म यवाओ को कम महदरा या मादक पदाथो क सवन करन जस सावीकाररक सदश दि रहि ह इन गीिो क भावाथद जो भी हो इसम कनयाओ का नतय अदभि ह- शबदो को समझ हबना ही सभी अथद वीपषट हो जाि ह छह आज दहिर इहडया की कछ हरकम दख कर पिा चला हक इहणडया क इस भखड म परष अहि-शहिशाली और नाररया खब भरी-परी होिी ह नायक िो इिना चपल होिा ह हक चशमा हसगरट या हपवीिौल जस उपकरर पलक झपकि ही अपन शरीर क हवहवा हहवीसो पर अिररि कर लिा ह इस नायक क एक आघाि स खलनायक कई पलो िक वायमडल म गोि खािा ह और कभी-कभी िो आकाश म ही हवलीन हो जािा ह उार नाररया रग-हबरग कलशो और इनरानषी आकहियो क बीच मादक नतय करिी रहिी ह वहा का एक नायक िो सवद-शहिमान ईशवर क समकि ह उसकी शहियो क हवषय म अनक हकवदहिया परचहलि ह जो फ-ची क अनसार रजनी-जोकस नामक रथ म सगहीि ह साि कछ राजनीहिक हरकम दख कर ऐसा परिीि हआ हक इहणडया म सभी निाओ की अपराा करन-करान म गहरी रहच ह परायः समाज म खलनायक निा ही होिा ह य लोग सरा-सदररयो हहथयारो सनदर परासादो और चमकि वाहनो क बीच ही रहना पसद करि ह आवशयकिा पड़न या न पड़न हकसी भी हवीथहि म हकसी की हततया कर दना इनक वाम-हवीि का कमद ह बलातकार हि इनह यो िो सभी हकवीम की नाररया पसद ह पर नायक की बहन या परहमका पर हवशष कपा रखि ह ऐसा लगिा ह हक इनकी हदनचयाद हकसी षडयि स आरमभ होकर हकसी हततया पर समापत होिी ह इनक अगरिक चीनी यि कला म हसिहवीि होि ह और अवसर पाि ही सााारर मानवो पर ईया-ऊआ करि टट पड़ि ह एक राजनिा की कररिा दख कर िो मरा हघघघी नामक अग बा ही गया इहडया म इनही अहिमानवो म स जनपरहिहनहा चनन का परावाान मालम होिा ह चन हलए जान क बाद य परायः शवि वसतर ाारर करि ह और सभाओ म भाषर दि हफरि ह पर अििः अपराा क सभी सि उनस ही जड़ होि ह चनाव एक रोचक अवसर होिा ह जब ढर सार वाहनो म लोग रग हबरगी झहडयो क साथ नारा लगाि घमि ह आठ इहडया का य रग दख कर िो दग रह गया ह एक मदान म लाल पील हार नील िातपयद य की सभी परकार क रगो स सराबोर हिारो मनषय एक साथ नतय कर रह ह सबक

वसतर शवि ह िाहक रगो की छाप गहरी उभर गाज-बाज क साथ एक समह गीि गाया जा रहा ह हजसम गोररयो की चोली पर रग डालन की परररा दी जा रही ह चनररया को हभगोन पर हवशष जोर ह सदररया परषो स जोड़ बना कर मादक नतय कर रही ह रग जो ह उड़ भी रह ह बौछार बन कर बरस रह ह और चहरो पर पोि भी जा रह ह इहडया की इस रगीन छहव को दख कर हपछली सारी छहवया ााली हो गई ह ऐसा परिीि हो रहा ह हक मानो परा दश एक ही रग म रगा ह भल ही वह हिारो रगो म वयि हो रहा हो पिा चला ह हक य एक तयौहार ह हजस होली कहि ह एक हदन पहल इहडया क लोग होहलका जलाि ह हजसम अपनी बराईयो की आहहि डालि ह मन भी आज इहडया की बरी छहव बनान वाली हपछली हफकमो की सीडी एकि कर उनकी होहलका जला दी और उसकी राख इन बरगलान वाली हरकम दखन की सलाह दन वाल फ-ची क मह पर मल आया आज इहणडया की यािा की ियारी परी कर ली ह दो हदनो क पिाि होली ह उस दख हबना इहडया की यािा कस समपरद होगी य ह कमलश पाणडय जी और य ह उन का अनोखा वाला रङग जो मझ बहद पसनद ह इस आहटदकल को चाह िो माि मनोरञजन क हलय भी पिा जा सकिा ह और अगर कोई वयहि समय हनकाल कर इस की थाह को नापना चाह िो नपप भी सकिा ह कमलश भाई जी क एक हमि ह हवनोद हमशर हवनोद जी ररसणटली बरसाना हो कर आय ह हवनोद जी न साहहतयम क हलय बरसान की होली की दो बहि ही सनदर-सनदर िवीवीर भजी ह हवनोद जी का बहि-बहि आभार य ह वह दो िवीवीर -

डा वी क भकला

हजजजा सग होली

लगा कर भोग महावीर को और चिा कर फल बिीसा बड़ भहिभाव स पि रह थ हम िो हनमान चाहलसा महावीर जब नाम सनाव

भि हपचास हनकट नही आव िभी मरी साहलया आ कर बोली खलग हम जीजजा सग होली और मरी हसटटीहपटटी गम होली कािर वीवर म हमन पकारा

ह हनमि अब िरा सहारा सन पकार मरी हनमानजी धयान म आए

और मझस य ररमाए वतस म िो ठहरा बाल बरहमचारी

कस हर म हवपदा िमहारी इस लरड़ म मझ न लाओ

िमहारी घहटया ह िमही बजाओ पड़ा सकट मोचन नाम भी झठा हदखा गए हनमानजी भी अगठा

मरी साहलओ न जी भर की मरी पिाई दिा रहा हाए म दहाई

िभी शरीमिी जी बाहर स आई मझ दखि ही हचलाई

अजी सनि हो जरा बाहर आओ कोई लरगा घर म घस आया ह

उस मार कर बाहर भगाओ ाीर स मन खखारा

अरी भागवान य म ह पहि िमहारा िो शरीमिी जी िनक कर बोली

वाह मर छला बहि भाए हो सबह सबह कहो हकसस

मह काला करवा कर आए हो मन अपनी करर गाथा उस सनाई

िो शरीमिी जी हभननाई और अपनी बहनो को आवाि लगाई

कया मरा ही पहि हमला था मह काला करन क हलए

िो वो बहयाई स बोली दीदी अगली होली म

िम हमार पहियो का मह काला कर दना िमहारा सारा हशकवा हमट जाएगा हहसाब एक दम बरोबर हो जाएगा

हमन कछ वि क हलए बाहर हनकलना बद कर ह

यह सोच कर हक अगर हकसी न पछा हक िमहारा मह हकसन काला हकया

िो कया जवाब दगा

हवजनर शमाद

सरहद स आया नही होली पर कय लाल मा की आख रग स करिी रही सवाल

आखो को भी ह हगला कर हशकायि गाल बरी ख़द आया नही हभजवा हदया गलाल

कौन बजाव फाग प ढोल नगाड़ चग चारो िरर उदाहसया गायब हई उमग

मौक़ा था पर यार न डाला नही गलाल

मरझाय स ही रह मर दोनो गाल

हरि म थ यार सब दशमन भी था दग मन उसक गाल पर लगा हदया जब रग

इििार क रग म गयी बावरी डब होली पर इसबार भी आया ना महबब

और अब ररसहिया जी का एक और ाास सटायर ाास इसहलय हक समझ म नही आ रहा हक इनह खाङरसी कहा जाय हक हफर भीजफी बाला

आजकल बचार कालान की मरन ह कोई भी घपला होिा ह काल ान पर िोहमि लगिी ह बलक मनी की थ-थ होिी ह जस निा चमच क हबना महनि चल क हबना आईपीएल हरहकसग क हबना

अारा लगिा ह वस ही कोई भी घपला काल ान की चचाद क हबना अारा लगिा ह घपला अगर कोई

आाहनक जहटल कहविा ह िो काला ान उसका आम जनिा की समझ म आन वाला सरल अनवाद ह घोटाला यहद कोई अबझ हसिाि ह िो काला ान उसकी सहज टीका ह जस पाहटदया चद क हबना निा लफ़राजी क हबना लखक अपनी उपिा का रोना रोय हबना नही रह पािा वस ही दहनया का कोई भी बड़ा ानाा हबना काल ान क नही पनप सकिा दहनया म हजिन भी मजबि ाना ह चाह वह हहथयार का हो ामद का हो या हरर हशिा का ही कयो न हो सबकी बहनयाद म काल ान की सीमनट लगी ह काला ान न हो िो हवीवस बक रवीस बक होकर रह जाय अपन दश म हपछल बीस सालो म हजतता हवकास हआ ह काला ान उसस कई गना जयादा बिा ह गहरि की भाषा म कह िो हकसी भी आाहनक समाज का हवकास उस समाज म मौजद कालान की मािा का समानपािी होिा ह इस सबक बावजद कालान को लोग इजजि की हनगाह स नही दखि कालाान कमान वाला िक खलआम उसकी आलोचना ही करिा ह राजनीहिजञ चनाव भल काल ान क सहार लड़ लहकन सावदजहनक रप स कालान की ऐसी बराई करि ह जस वामपथी दहिरपहथयो की करि ह अमररकी कयबा की करि ह पाहकवीिान वाल भारि की करि िरह ह अपन परहि दहनया का यह दवदातमक इजजिवाद दखकर बचार कालान क हदल पर कया बीििी होगी दहनया क ाोख को दखकर उसका मन भी हजया खान की िरह लटककर हनपट जान का करिा होगा उसका भी मन करिा होगा हक सरकारी गवाह बन जाय और सबकी पोल खोल द हक कस िमाम लोगो स उसक अिरग सबा रह कस लोगो न उसका सहारा हलया आग बि और सहारा हलया लहकन जब सरलिा क हकवीस सनान की बारी आयी िो शरय अपनी महनि लगन और बहि को हदया कालान क योगदान की सरासर उपिा कर दी यह वसा ही ह हक हकसी दश क इहिहास म राजा राहनयो क हकवीस हलख जाय लहकन महनिकश जनिा की कहानी गोलकर दी जाय लहकन हरर कालाान शायद यह सोचकर चप रह जािा होगा हक अपरााी कोई भी हो लहकन बराई उसी की होनी ह बइजजिी िो उसी की खराब होनी ह इसक बाद शायद वह यह सोचकर चपचाप अपनी करििो म जट जािा होगा हक आजनही िो कल उसको वह इजजि अवशय हमलगी हजसका वह हकदार ह उसको भी खल आम उिनी ही वीवीकायदिा हमलगी हजिनी की आज समाज म जाहिवाद सकीरदिा भाई भिीजावाद भायवाद और काहहली को हमली ह काला ान सोचिा होगा- जस बाहकयो क हदन बहर कया पिा वस ही उसक भी बहर

और साहथयो चलि-चलि अपनी जड़ो की ओर - बरहमलीन सनि कहव हशवदीन राम (जोशी) की सनि-वारी आप ही क आधयाहतमक हशषय आदररीय शरी हकशोर पारीक [खणडला] जी क सौजनय स

गोकल व बरसान की नार बजाय-बजाय बजा रही िारी अर वनदावन की बनी व बनी बनक ठनक अरी द रही गारी

शयाम को शयामा सजाय सजी अहो और गलाल लगावि पयारी हशवदीन व जोरी स जोरी हमलीबरज खलि होरी ह बाक हबहारी

मगल समगल सदा ही आननद रह नदलाल

ि गलाल डार दख सखी आ रही राा मिवाली आली चाली रग डारन को

गोहपया हनराली गाली शयाम को सना रही सन-सन क शयामलाल सग-सग गवाल बाल

बाजि मदग िाल राा जी गा रही कहिा हशवदीन लाल ऐसी गलाल उड़ी

बादर बन लाल लाली चह ओर छा रही

बरज वनदावन ााम रग स रगा रगीला हरा मोहिया लाल रग ह पयारा पीला

ाम ााम स खल खल रह होरी दखो शयामा शयाम सजान और सग गोरी दखो

चह ओर हपचकाररया रग-रग की ाार हशवदीन सरस रस रहसक जन पीव करर-करर पयार

राम गर गायर

भारि की लोक समपदा फागन की फाग - आचायद सजीव वमाद सहलल भारि हवहवावरी लोक सवीकहि स सपनन- समि परमपराओ का दश ह इन परमपराओ म स एक लोकगीिो की ह ऋि पररविदन पर उतसवामी भारिीय जन-

मानस गायन-वादन और निदन की हिवरी परवाहहि कर आनहदि होि ह फागन वषािि िथा चि वषादरमभ क साथ-साथ फसलो क पकन क समय क सचक भी ह दहिरायनी सयद जस ही मकर राहश म परवश कर उततरायरी होि ह इस महादवीप म हदन की लमबाई और िापमान दोनो की वहि होन की लोकमानयिा ह सयद पजन गड़-हिल स हनहमदि पकवाननो का सवन और पिगबाजी क माधयम स गगनचमबी लोकानद की अहभवयहि सवदि दखी जा सकिी हमकर सकराहि हखचड़ी बसाखी पोगल आहद हवहवा नामो स यह लोकपवद सकल दश म मनाया जािा ह पवदराज होली स ही मधयोततर भारि म फागो की बयार बहन लगिी ह बदलखड म फाग बजभहम म नटनागर की लीलाए हचहिि करि रहसया और बााई गीि अवा म राम-हसया की जगल जोड़ी की होली-करीड़ा जन सामानय स लकर हवहशषट जनो िक को रसानद म आपादमवीिक डबा दि ह राम अवा स हनकाकर बदली माटी पर अपनी लीलाओ को हववीिार दि हए लमब समय िक हवचरि रह इसहलए बदली मानस उनस एकाकार होकर हर पवद-तयौहार पर ही नही हर हदन उनह याद कर जय राम जी की कहिा ह कषर का नागो स सघषद और पाडवो का अजञािवास नमददाचली बनदल भहम पर हआ गौरा-बौरा िो बदलखड क अपन ह हशवजा हशवातमजा हशवसिा हशवहपरया हशव वीवदोभवा आहद सजञाओ स समबोहाि आननददाहयनी नमददा िट पर बमबहलयो क साथ-साथ हशव-हशवा की लीलाओ स यि फाग गयी जाना वीवाभाहवक ह बदली फागो क एकछि समराट ह लोककहव ईसरी ईसरी न अपनी परहमका रजउ को अपन कहितव म अमर कर हदया ईसरी न फागो की एक हवहशषट शली चौघहड़या फाग को जनम हदया हम अपनी फाग चचाद चौघहड़या फागो स ही आरमभ करि ह ईसरी न अपनी पराकि परहिभा स रामीर मानव मन क उचवासो को सर-िाल क साथ समहनवि कर उपहिि और अनचीनही लोक भावनाओ को इन फागो म हपरोया ह रसराज शर गार क सयोग और हवयोग दोनो पि इन फागो म अदभि माायद क साथ वहरदि ह सदयवीनािा यविी की कशराहश पर मा ईसरी गा उठि ह ईसरी रााा जी क कानो म झल रह िरकला को उन दो िारो की िरह बिाि ह जो रााा जी क मख चनर क सौदयद क आग फीक फड़ गए ह कानन डल राहाका जी क लग िरकला नीक आनदकद चद क ऊपर िो िारागर फीक ईसरी की आराधया राहाका जी सदरी होन क साथ-साथ दीनो-दहखयो क दखहिाद भी ह मय बल राि राहाका जी को कर आसरा की कौ दीनदयाल दीन दःख दखन हजनको मख ह नीकौ पहटया कौन सगर न पारी लगी दहिन पयारी रचक घटी-बड़ी ह नया सास कसी ढारी िन रई आन सीस क ऊपर शयाम घटा सी कारी ईसर परार खान ज पहटया जब स िकी उघारी

कहव पछिा ह हक नाहयका की मोहक चोहटया हकस सघड़ न बनायी ह चोहटया जरा भी छोटी-बड़ी नही ह और आिी-जािी सासो की िरह हहल-डल रही ह व नाहयका क शीश क ऊपर शयामल मघो की िरह छाई ह ईसरी न जब स इस अनावतत कशराहश की सनदरिा को दखा ह उनकी जान हनकली जा रही ह ईसर की नाहयका ननो स िलवार चलािी ह दोई ननन की िरवार पयारी हफर उबार अलपान गजरान हसरोही सलमान झख मार ऐच बार मयान घघट की द काजर की ाार ईसर शयाम बरकि रहहयो अहायार उहजयार िलवार का वार िो हनकट स ही हकया जा सकिा ह नायक दर हो िो कया हकया जाए कया नाहयका उस य ही जान दगी यह िो हो ही नही सकिा नाहयका हनगाहो को बरछी स भी अहाक पन िीर बनाकर नायक का हरदय भदिी ह छट नन-बार इन खोरन हिरछी भौह मरोरन नोकदार बरछी स पन चलि करज फोरन नायक बचारा बचिा हफर रहा ह पर नाहयका उस जान दन क मड म नही ह िलवार और िीर क बाद वह अपनी काहिल हनगाहो को हपवीिौल बना लिी ह अहखया हपवीिौल सी करक मारन चाि समर क गोली बाज दरद की दार गज कर दि निर क इिन पर भी ईसरी जान हथली पर लकर नवयौवना नाहयका का गबखान करि नही अघाि जबना कड़ आय कर गहलया बला कसी कहलया ना हम दख जमि जमी म ना माली की बहगया सोन कस िबक चि ह बरछी कसी भहलया ईसर हाथ सभार ाररयो फटट न जाव गहदया लोक ईसरी की फाग-रचना क मल म उनकी परहमका रजऊ को मानिी ह रजऊ न हजस हदन गारो क साथ गल म काली काच की गररयो की लहड़यो स बन ४ छटा और हबचौली काच क मोहियो का हिदान जसा आभषर और चोली पहहनी उसक रप को दखकर दीवाना होकर हार झलन लगा ईसरी कहि ह हक रजऊ क सौदयद पर मा हए हबना कोई नही रह सकिा हजयना रजऊ न पनो गारो हरनी हजया हबरानो छटा चार हबचौली पर भर हफर गरदानो

जबनन ऊपर चोली पर लटक हार हदवानो ईसर कान बटकन नइया दख लव चह जवानो ईसरी को रजऊ की हरन (हचिवन) और हसन (हसी) नही भलिी हवशाल यौवन मिवाली चाल इकहरी पिली कमर बार की िरह िानी भौह हिरछी निर भलाय नही भलिी व निर क बार स मरन िक को ियार ह इसी बहान रजऊ एक बार उनकी ओर दख िो ल ऐसा समपदर ईसरी क अलावा और कौन कर सकिा ह हमख़ा हबसरि नही हबसारी हरन-हसन िमारी जबन हवशाल चाल मिवारी पिरी कमर इकारी भौह कमान बान स िान निर हिरीछी मारी ईसर कान हमारी कोदी िनक हर लो पयारी ईसरी क हलय रजऊ ही सवदवीव ह उनका जीवन-मरर सब कछ रजऊ ही ह व परभ-वीमरर की ही िरह रजऊ का नाम जपि हए मरन की कामना करि ह इसहलए कछ हवदवान रजऊ की सासाररक परहमका नही आदया माि शहि को उनक दवारा हदया गया समबोान मानि ह जौ जी रजऊ रजऊ क लान का काऊ स कान जौलो रहन रहि हजदगी रजऊ क हि कमान पला भोजन कर रजौआ पाछ क मोय खान रजऊ रजऊ कौ नाम ईसरी लि-लि मर जान ईसरी रहचि सहसतरो फाग चार कहड़यो (पहियो) म बाी होन क कारन चौकहड़या फाग कही जािी ह इनम सौदयद को पान क साथ-साथ पजन और उसक परहि मन-परार स समहपदि होन क आधयातमजहनि भावो की सहलला परवाहहि ह रचना हवाान य फाग ४ पहियो म हनबि ह हर पहि म २ चरर ह हवषम चरर (१ ३ ५ ७ ) म १६ िथा सम चरर (२ ४ ६ ८) म १२ मािाए ह चरराि म परायः गर मािाए ह हकनि कही-कही २ लघ मािाए भी हमलिी ह य फाग छद परभाकर क अनसार महाभागवि जािीय नर र छद म हनबि ह इस छद म खड़ी हहदी म रचनाए मर पिन म अब िक नही आयी ह ईसरी की एक फाग का खड़ी हहदी म रपािरर दहखए हकस चिरा न छोटी गथी लगिी बहद पयारी हकहचि छोटी-बड़ी न उठ-हगर रही सास सम नयारी मकट समान शीश पर शोहभि कषर मघ सी कारी हलय ल रही जान कश-छहव जब स हदखी उघारी नर र छद म एक चिषपदी दहखए

बाि बनाई हकसन कसी कौन हनभाय वाद सब सच समझ रही ह जनिा कहा फदकि पयाद राजा कौन विीर कौन हकसक बद-नक इराद हजसको चाह सहलल हजिा मि चाह उस हरा द बनदली लोकरग की सािी ईसरी की फाग सजीव बदलखड क महानिम लोककहव ईसरी क कावय म लोकजीवन क सावीकहिक साहहहतयक सामाहजक पि परी जीवनििा और रचनातमकिा क साथ उदघाहटि हए ह ईसरी का वहशषटय यह ह हक व िथाकहथि सभराििा या पाहडतय स कय भाषा शली आहद उाार नही लि व दशज रामीर लोक मकयो और परमपराओ को इिनी वीवाभाहवकिा परगाििा और अपनतव स अहकि करि ह हक उसक सममख हशषटिा-शालीनिा ओिहि सजदनाारा हवपनन परिीि होन लगिी ह उनका साहहतय पवीिकाकार रप म नही शरहि परपरा म सन-गाकर सहदयो िक जीहवि रखा गया बदलखड क जन-मन समराट महान लोककहव ईसरी की फाग गय परपरा क कारर लोक-वीमहि और लोक-मख म जीहवि रही सकलनकिाद कवर शरी दगद हसह न १९३१ स १९४१ क मधय इनका सकलन हकया शरी इलाशकर गहा न ाौराद राम (जहा ईसरी लमब समय रह थ) हनवाहसयो स सनकर फागो का सकलन हकया अपिाकि कम परचहलि हनमन फागो म ईसरी क नसहगदक कारहयिी परहिभा क साथ-साथ बनदली लोक परपरा हावीया एव शरीनगरहपरयिा क भी दशदन होि ह कषर-भि ईसरी वनदावन की माटी का महातमय कहि हए उस दविाओ क हलए भी दलदभ बिाि ह अपनी कवीन जीभ स चाटी वनदावन की माटी दरलभ भई हमली ना उनखो दई दविन डाटी हमल ना सकी अनकन हार पाव की पररपाटी पायो वीवाग काह न नइया मीठी ह की खाटी बाही रज बजबाहसन lsquoईसरrsquo हहसदारी म बाटी कदम कञज म खड़ कनहया राहगीरो को रावीिा भला दि ह इसहलए पहथक जमना की राह ही भल गय ह अथादि जमना स नही जाि हकसी को भला कर मजा लन की लोकरीि को ईसरी अचछा नही मानि और कषर को सलाह दि ह हक हकसी स अहाक हसी अचछी नही होिी आली मनमोहन क मार जमना गल हबसार जब दखो जब खडो कञज म गह कदम की डार जो कोउ भल जाि ह रवीिा बरबस आन हबगार जादा हसी नही काऊ स जा ना रीि हमार

lsquoईसरrsquo कौन चाल अब चहलए ज िौ परी पार राि भर घर स बाहर रह कषर को अपनी सफाई म कछ कहन का अवसर हमल हबना lsquoछहलयाrsquo का हखिाब दना ईसरी क ही बस की बाि ह ओइ घर जाब मरहलयाबार जहा राि रय पयार हर बाट मनइया बठी कर नन रिनार अब िौ कौनऊ काम िमारो नइया भवन हमार lsquoईसरrsquo कषर नद क छौना िम छहलया बजबार फगआ हो और रााा न खल यह कस हो सकिा ह कषर सर ह िो रााा सवा सर दोनो की लीलाओ का सजीव वरदन करि ह ईसरी मानो सािाि दख रह हो रााा न कषर की लकटी-कमररया छीन ली िो कषर न रााा क हसर स सारी खीच ली इिना ही हो िो गनीमि होली की मवीिी चरम पर हई िो रााा नटनागर बन गयी और कषर को नारी बना हदया खल फाग राहाका पयारी बज खोरन हगराारी इन भर बाह बास को टारो उन मारो हपचकारी इनन छीनी लकहट मरहलया उन छीनी हसर सारी ब िो आय नद क लाला ज बषभान दलारी अपन बनी नटनागर lsquoईसरrsquo उन बनाओ नारी अटारी क सीिी चिि घघर हनशबद हो गए फलो की सज पर बनवारी की नीद लग गयी रााा क आि ही यशोदा क अनाड़ी बट की बीन (बासरी) चोरी हो गयी कसी सहज-सरस ककपना ह चोरी गइ बीन हबहारी की जसदा क लाल अनारी की जाहमन अमल जगल क भीिर आवन भइ रााा पयारी की नपर सबद सनाक हखच रय हछहड़या चड़ि अटारी की बड़ी गलाम सज फलन की लग गइ नीद मरारी की काि lsquoईसरीrsquo घोरा प स उठा लई बनवारी की कषर रााा और गोहपयो क चगल म फस गय ह गोहपयो न अपन मनभावन कषर को पकड़कर सतरी बनान का उपकरम करन म कोई कसर नही छोड़ी कषर की बनमाला और मरली छीनकर हसर पर साड़ी उिा दी गयी रााा न उनह सभी आभषरो स सजाकर कमर म लहगा पहना हदया और सहखयो क सग फागन मनान म लीन हो गयी ह शर गार और हावीय का ऐसा जीवि शबद हचि ईसरी ही खीच सकि ह पकर गोहपन क मनभावन लागी नार बनावन छीन लई बनमाल मरहलया सारी सीस उड़ावन

सकल अभषन सज राहाका कहट लहगा पहरावन नारी भस बना क lsquoईसरrsquo फगआ लगी मगावन ईसरी परहमका स हनवदन करा रह ह हक वह अपन िीख नयनो का वार न कर हजरह-बखिर कछ न कर सक ग और दख ही दखि नयन-बार हदल क पार हो जायगा हकसी गरी वदय की औषहा भी काम नही आएगी ईसरी क दवाई िो हपरयिमा का दशदन ही ह पररय की ऐसी परगाि रसहसि अहभवयहि अपनी हमसाल आप ह नना ना मारो लग जह मरम पार हो जह बखिर हझलम कहा का लह ढाल पार कर जह औषद मर एक ना लहगह बद गनी का कह कहि lsquoईसरीrsquo सन लो पयारी दरस दबाई दह हनमन फाग म ईसरी नयनो की कथा कहि ह जो परदशी स लगकर हबगड़ गय बबादद हो गय ह य नयना अा हसपाही ह जो कभी लड़कर नही हार इनको बहि नाि स काजल की रखा भर-भरकर पाला ह हकनि य खो गए और इनस बहि आसओ स नयी की नयी सारी भीग गयी ह कसी माहमदक अहभवयहि ह नना परदसी स लग क भय बरबाद हबगरक नना मोर सर हसपाही कबऊ ना हार लरक ज नना बार स पाल काजर रख भरक lsquoईसरrsquo भीज गई नई सारी खोवन असआ ढरक शरगार क हवरह पि का परहिहनहातव करिी यह फाग ईसरी और उनकी परहमका रजऊ क हबछड़न की वयथा-कथा कहिी ह हबछरी सारस कसी जोरी रजो हमारी िोरी सङगसङग रह हनहस-बासर गर हलपटिी सोरी सो हो गई सपन की बाि अन हस बोल कोरी कछ हदनन को हिया अबादो हम बिा दो गोरी जबलो लागी रह lsquoईसरीrsquo आसा जी की मोरी ईसरी की य फाग शर गार क हमलन-हवरह पिो का हचिर करन क साथ-साथ हावीय क उदातत पि को भी सामन लािी ह इनम हसी-मजाक हसना-बोलना सभी कछ ह हकनि मयादहदि कही भी अशलीलिा का लश माि भी नही ह ईसरी की य फाग २८ मािी नरनर छद म रहचि ह इनम १६-१२ पर यहि का ईसरी न परी िरह पालन हकया ह सम चररानि म गर की अहाकिा ह हकनि २ लघ भी परापय ह इक फाग म ४ ५ या ६ िक पहिया हमलिी ह एक फाग की सभी पहियो म सम चररानि समान ह जबहक हवषम चररानि म लघ-गर का कोई बान नही ह

हम न गर हवीन और ख़शब ही को िोला होिा हफर िो हर पड़ गलाबो स भी हकका होिा उदाहरर क रप म समझा जाय िो एक मिदबा य भी समझा जा सकिा ह हक परमपराए हमशा पड़ या हफर पौा की िरह होिी ह और उन पर लगन वाल फल और उन फलो की ख़शबए आाहनक हवचाराारा समान यहद हम आाहनक हवचारााराओ ही को सबकछ समझ बठ ग िो य फल और ख़शबए कया आसमान स टपक ग समझन वाल इशारो को बहि जकद समझग बाय द टाइम आप इस अङक को पि रह हो ममहकन ह दहनया का एक बड़ा हहवीसा आप को होली की बराइया हगना रहा हो हम इिना ही हनवदन कर ग हक ldquoसपrdquo की िरह-िरह सार-सार को गह और थोथ को उड़ा फ क नीर-िीर-हववक हम सब की ामहनयो म यगो-यगो स परवाहमान ह अपन हववक का सदपयोग करि हय अचछी बािो को आग बिाए हमठाइयो क कारोबाररयो दवारा परोस जा रह अशि माल स परहि करि वक़ि याद रह हक कडबरी भी कोई अमि नही ह हर गली क नककड़ पर रङग हपचकारी वग़रह बचन वाल हमार कटीर उदयोग क खवनहार ह आप सभी को सपररवार होली की शभ-कामनाए

खहशयो का वीवागि कर हर आगन हर दवार| कछ ऐसा हो इस बरस होली का तयौहार||

होली हवषयक और भी सामरी मसलन छद ग़िल हजल नज़म कहविा गीि-नवगीि रहसया आलख कहानी कथा वग़रह पिन क हलय यहा हकलक कर

Page 21: Saahityam dec14 jan feb 15

- हा वही िो hellip बड़ा आया हम जञान दन वाला अब उसक अपन यहा ााहमदक असहहषरिा की ऐसी हरकि हो रही ह िो अब समझा ना अपन लोगो को हम जो जञान हदया था उस कॉपी पवीट करक अपन कपयटर जस दश क होम पज पर डाल न - सही कह रह ह आप पर य सब मझस कहन स कया फायदा - वो िो म भी जानिा ह िम जसा सवीि सट पहनन वाला इन सब बड़ी बड़ी बािो को कया समझगा य िो लाखो रपय का सट पहनन वालो क समझन की बाि ह - िो हफर उनह ही समझाईय न मर घर को कयो राज पथ बना कर 26 जनवरी का शहि परदशदन कर रह ह - हम यहा कोई शहि परदशदन करन नही आय ह बहकक राषर हहि म िमस एक कबादनी मागन क हलए आय ह कही गवीस म इनहोन इवीलाहमक वीटट जसा कोई आिकवादी सगठन न बना हलया हो और उसका पहला हफदायीन मझ ही बनान का न ठान हलया हो यह सोच कर मरी सास डर क मार अपन आप िोर िोर स अनलोम हवलोम करन लगी डरि डरि आवाि हनकली कसी कबादनी चचचा - हम थोड़ी दर क हलए क हलए िमहारा मोबाईल चाहहए - कयो भला - ओबामा स बाि करनी ह और उसस पछना ह हक आज अगर अबराहम हलकन हिदा होि िो व हकिना आहि होि लहकन मरी दशभहि न ही मझ मर मोबाईल क माधयम स अमररका स समबना ख़राब करन स रोक हदया मन मोबाईल म बलस न होन का कारगर बहाना बना हदया चचचा न दवादसा की िरह स अहिशय करोा स मझ घरा और हफर हकसी सचच मोबाईल ाारी दशभि की िलाश म हनकल गए

समीिा परवीर कशवा

रग लगाक ि न जा मझ रग लगाक अपन अग लगाल सावररया रhellip

पवन बसिी ि बनक सग बहा ल अपन हदल म बसा ल सावररया रhellip

फागन न जकफ खोली मदहोशी नभ म घोली

ाानी आकाश हआ ारिी भी उसकी होली

रगो स रग हमल सिरगी फल हखल पखरी लाज खोए

भवरा जो उसप डोल बाह पसार नदी क दोनो हकनार

इकदज को पकार बलम आजा रसावररया रhellip

लरज कपोल लाल सया रग गलाल भावभरा रग घला

िन मन हए सब लाल सजना क सग सखी

ऐस म रग रगी खद स ही परीि हई खद स ही जग हई

परीि लगाक अपनी नीद गवा क सजन सग बन गई म िो बावररया र सावररया रhellip

कावय करन को चल ह हम भरािा सच पछौ िौ हम कछ नही आिा 01

हफर ह हमन बहि िहनक लगाई

झट सो यो एक यहि बझ आई 02

एक शबद ह िाक अनक हवकार इनकौ कीज िजद- बनद वयवहार03

शबद-हवकार प पन-पन करौ परहार

ठोको- ठासौ और नक लउ हनहार 04

जस-जस शबद वीव- पकार सनाव िस-िस कावय पहि बन आव 05

अब िौ भईया हम ह कहव कहाए

मन ही मन यो मवीि मोद मनाए 06

एक हदन जमौ बड़ौ कावय वयापार कहव-कल कौ कछ कह आर न पार07

सब न अपन-अपन जब पाठ हकय

शरगार हावीय वीर रस क ठाट हकय08

अलकारन क अदभि उपयोग हकय वकरोहिन क हवलिर परयोग हकय09

छनदन सौ अनठ स अनबना हकय

चमतकहि क अतयि सपरबना हकय10

हमन ह हहममि अपनी नक न हारी कावय म कावय की यहि कह डारी11

अब हनरदय कौ अवसर जयो आयौ

हमरौ नाम उनन सवद- शरषठ सनायौ12

हलयौ पचन न हम पनः मच बलाय हदयौ टट जिन कौ एक हार हपराय13

िब व बोल मनद-वीवर य मद भाखा

नीच स आपकौ नमबर एक ह आका14

यह सब दखद दशय दखि घर-वारी घर पहचि ही वाकी हवकट सवारी15

बड़ चल हौ िम हनि कहव बनन कौ आयी न नक ह लाज या झठ रन कौ16

बालक भख घर सौ मस ह हफरि ह

टट ह पाि वसतरन क पबनद फटि ह17

मददि स हर बाररस यह छतत चआनी बस अब की बार ह सच फशद प आनी18

कहव-जन एक बाि म कहौ सहवचारी

मानौ न मानौ हौ अब आप अहाकारी19

रोजी-रोटी जब लौ नही हसि जगाड़ी कहव नही कबह कहव ननद अनाड़ी 20

- एन एल चिवदी नगीना उरद lsquoननदrsquo

साहहतयम पर आप लोग जो रसील और चटील वयङयालखो का रसावीवादन करि ह उस का हजममा भाई कमलश पाणडय जी न उठाया हआ ह कहन की आवशयकिा नही हक साहहतयम का कल कामकाज वीवहचछक और अविहनक ह आज क दौर म ऐस साहथयो का हमलना सौभाय ही कहा जायगा वस भी पसा सब कछ खरीद सकिा ह मगर समपदर की भावना नही कमलश जी वीवय भी एक बहिरीन वयङयकार ह कमलश जी क सटायसद की हवशषिा ldquoबारीक़ीrdquo ह आप बड़ ही हनराल अनदाि म पाठक को अपन साथ बहा ल जाि ह आइय कमलश जी क एक रसील और चटील वयङयालख का रसावीवादन करि ह-

फाहयान की हफकमी डायरी कमलश पाणडय

उस रोि फ-ची न बिाया हक भारि-भरमर पर जान स पहल वहा की कछ हफकम

दख ल िो पयादपत मागददशदन हमल सकिा ह फची कहिा ह हरकम हकसी भी समाज का दपदर होिी ह सो इनह दख लो सभव ह भारि जान की आवशयकिा ही न पड़ यही बठ-बठ भारि पर एक वहद रथ हलख सकि हो कल बािार स विदमान काल म बनी डि-दो सौ भारिीय हफकमो की सीडी क जलदवीय सवीकरर ल आया जो प-ईहचग क चोर-बािार म मोमो क एक पलट स भी सवीिी हमल गई आज परािः काल भजन-पजन क उपराि उनक अवलोकन क हलए बठ गया ह य एक नया ही ससार परिीि होिा ह फ-ची ठीक कहिा था हक चीन म फली भारि समबनाी भराहियो पर करद न ारो मझ सही मागददशदन दन वाल फ-ची को साावाद कहि हए अब आरमभ करिा ह एक आठ परहर स हनरिर भारिीय जीवन की इनरानषी छहवया दखि-दखि नि चहाया गए ह और महषिषक िो मानो हनहषकरय ही हो गया ह अभी थोड़ सरा-पान क उपराि जी

हकका हआ िो भारि- जो अब ईहनडया कहलान लगा ह ndash की आकहि कछ-कछ दहषटगोचर होन लगी ह य िो हनहिि ही ह हक इहणडया अतयि समि दश ह हफकम का नायक जो वीवय को आम-आदमी और हनादन मनषय बिािा ह एक बड़ स भवन म रहिा ह हडिाइनर परराान पहनिा ह चमकि वाहन पर यािायाि करिा ह और एक सनदरी स परम करिा ह कभी-कभी सदररयो की सखया एक स अहाक हो सकिी ह पर जब वह नतय रि होिा ह िो सदररया अनि होिी ह हजन ानाढय लोगो स उसकी शििा होिी ह उनक िो कया कहन उनकी जीवन शली चीन क समराट को भी लजा दन वाली ह वस अहाकाश हफकमो म नायक पहलस अहाकारी ह ऐसा परिीि होिा ह हक इहडया म सभी पहलस अहाकारी बनना चाहि ह हजसका कारर यही मालम होिा ह हक उनक घर और ठाट-बाट राजाओ स परहिवीपााद करि दीखि ह इसस िो यही लगिा ह हक इहडया म अब सवदहारा कोई नही बचा दो आम आदमी पर आााररि एक हफकम का अवलोकन करन क बाद इस हनषकषद पर जा पहचा ह हक इहडया क आम-आदमी सर-सपाट क शौकीन होि ह और परायः अपनी परहमका क साथ मनोरम वीथलो पर भरमरशील रहि ह उसकी परहमका वीवय को अतयि हनादन बिािी ह जो उसक अतयकप वसतरो को दख कर िो सतय परिीि होिा ह परनि जब उसक आभषरो और चरर पादका पर दहषट जािी ह िो थोड़ा सदह भी उतपनन होिा ह परायः य लोग कही आकाश स परसाररि होि सगीि पर गायन करन लगि ह िो हर बदलि लय क साथ वसतर वीथल और वाहनाहद बदल दि ह समहि का िब चरमोतकषद हदखिा ह जब य लोग गीि का हर अिरा हकसी अनय दश की भहम पर गाि ह और पलक झपकि ही उनह वहा पहचा दन वाला वाहन कही नही हदखिा हनिय ही वहा का हवजञान अभिपवद परगहि कर चका ह सभव ह वहा हर आम आदमी क पास अपना हनजी वाययान हो िीन आम आदमी की मोहक छहवयो वाल दशयो को दखि जी ही नही भरिा यह भी जञाि हआ हक इहडया एक अतयि सनदर दश ह जहा एक ही वीथल पर समर हहमाचछाहदि पवदि रहगवीिान और झरन ह कई एक वीथल िो ह-ब-ह हवीवटिरलड नामक दश क सामान ह य भी समभव ह हक आम आदमी क भरमर-लाभ हि इहडया म ही कही-कही यरोप-अमरीका आहद महादशो की परहिकहि रच ली गई ह गीिो क दशयो म िो य बाि एक दम हसि हो जािी ह जस ही नायक-नाहयका गायन परारमभ करि ह ढर-सारी सदररया नाचिी-गािी उनकी सगि करन आ जािी ह य भी वसतरो की दहषट स अतयि हनादन लगिी ह परनि हवीथहि पर गौर करन स वीपषट हो जािा ह हक ऐसा नही ह कया समरिट पर सट पहन कर जाया जािा ह या हक राहि-कलबो म बकाद ओि कर इसस य भी वीपषट ह हक इहडया म नाररयो को इचछा-नसार पहनन-ओढन घमन-हफरन नाचन-गान की वीविििा ह चार फची गलि कहिा ह हक इहडया म बहि गरीबी ह उस ऐसा कछ हरकम ही दखकर लगा था उसकी सलाह पर आज ऐसी कछ हरकम दखी इनम टट-फट घरो म कछ हभिक-परकार क पराहरयो का जीवन हदखाया गया था सकषम दहषट डालन पर इन बहवीियो क पीछ खड़ हवशाल महल हदख जाि थ जहा स कछ आम आदमी आकर इन बहवीियो को हगराना चाहि हदखाए गए थ पर उनका उदशय इन झोपहड़यो की जगह महल बना कर पर इहणडया को एकाकार कर दना था समयाभाव म इनका बनाना हदखाया नही जा सका एक राजनिा न बिाया हक गरीबी को परचाररि करन क पीछ हवरोाी राजनीहिक दलो का दषपरचार ह जो मझ सो सतय लगा मझ िो इसम

चीन का हवीि होन की भी समभावना हदखी कयोहक ऎसी एक हफकम म हनादन लोग बार-बार माओ का नाम ल रह थ पाच ऐसा परिीि होिा ह हक इहडया म सभय लोगो की भाषा हहनदी ह य भाषा अरजी क शबदो और वीथानीय भाषा क कारको स बनी ह हबना पि-हलख लोग कई वीथानीय भाषाए बोलि ह परायः लोग कवल अरिी भी बोलि पाए जाि ह पर आम िौर पर अरिी क दो एक वाकयो क बाद हहनदी पर उिर आन की परवहतत ह नाहयकाए और हसतरया अरिी बोलना पसद करिी ह पर जब वो हहनदी बोलिी ह िो भी धवहन अरिी-सी ही आिी ह ऐसा परिीि होिा ह हक उनह भाषा की दीिा मलिः अरिी म हमली ह और हहनदी उनहोन हकसी हहनदी हफकम म काम करन क उददशय स सीखी ह गान अहपि हहनदी म ही गाय जाि ह पर वहा और भी कई भाषाओ का मल हदख पड़िा ह एक गीि िो ऐसा था हजसम बड़-बड़ नगाड़ो की िाल पर पजाबी नामक भाषा म बहि सारी अरिी और थोड़ी हहनदी हमलाई गयी थी ऐस कछ गीिो क रचहयिा कोई lsquoयो योrsquo नामक महाकहव ह जो अपन गीिो म यवाओ को कम महदरा या मादक पदाथो क सवन करन जस सावीकाररक सदश दि रहि ह इन गीिो क भावाथद जो भी हो इसम कनयाओ का नतय अदभि ह- शबदो को समझ हबना ही सभी अथद वीपषट हो जाि ह छह आज दहिर इहडया की कछ हरकम दख कर पिा चला हक इहणडया क इस भखड म परष अहि-शहिशाली और नाररया खब भरी-परी होिी ह नायक िो इिना चपल होिा ह हक चशमा हसगरट या हपवीिौल जस उपकरर पलक झपकि ही अपन शरीर क हवहवा हहवीसो पर अिररि कर लिा ह इस नायक क एक आघाि स खलनायक कई पलो िक वायमडल म गोि खािा ह और कभी-कभी िो आकाश म ही हवलीन हो जािा ह उार नाररया रग-हबरग कलशो और इनरानषी आकहियो क बीच मादक नतय करिी रहिी ह वहा का एक नायक िो सवद-शहिमान ईशवर क समकि ह उसकी शहियो क हवषय म अनक हकवदहिया परचहलि ह जो फ-ची क अनसार रजनी-जोकस नामक रथ म सगहीि ह साि कछ राजनीहिक हरकम दख कर ऐसा परिीि हआ हक इहणडया म सभी निाओ की अपराा करन-करान म गहरी रहच ह परायः समाज म खलनायक निा ही होिा ह य लोग सरा-सदररयो हहथयारो सनदर परासादो और चमकि वाहनो क बीच ही रहना पसद करि ह आवशयकिा पड़न या न पड़न हकसी भी हवीथहि म हकसी की हततया कर दना इनक वाम-हवीि का कमद ह बलातकार हि इनह यो िो सभी हकवीम की नाररया पसद ह पर नायक की बहन या परहमका पर हवशष कपा रखि ह ऐसा लगिा ह हक इनकी हदनचयाद हकसी षडयि स आरमभ होकर हकसी हततया पर समापत होिी ह इनक अगरिक चीनी यि कला म हसिहवीि होि ह और अवसर पाि ही सााारर मानवो पर ईया-ऊआ करि टट पड़ि ह एक राजनिा की कररिा दख कर िो मरा हघघघी नामक अग बा ही गया इहडया म इनही अहिमानवो म स जनपरहिहनहा चनन का परावाान मालम होिा ह चन हलए जान क बाद य परायः शवि वसतर ाारर करि ह और सभाओ म भाषर दि हफरि ह पर अििः अपराा क सभी सि उनस ही जड़ होि ह चनाव एक रोचक अवसर होिा ह जब ढर सार वाहनो म लोग रग हबरगी झहडयो क साथ नारा लगाि घमि ह आठ इहडया का य रग दख कर िो दग रह गया ह एक मदान म लाल पील हार नील िातपयद य की सभी परकार क रगो स सराबोर हिारो मनषय एक साथ नतय कर रह ह सबक

वसतर शवि ह िाहक रगो की छाप गहरी उभर गाज-बाज क साथ एक समह गीि गाया जा रहा ह हजसम गोररयो की चोली पर रग डालन की परररा दी जा रही ह चनररया को हभगोन पर हवशष जोर ह सदररया परषो स जोड़ बना कर मादक नतय कर रही ह रग जो ह उड़ भी रह ह बौछार बन कर बरस रह ह और चहरो पर पोि भी जा रह ह इहडया की इस रगीन छहव को दख कर हपछली सारी छहवया ााली हो गई ह ऐसा परिीि हो रहा ह हक मानो परा दश एक ही रग म रगा ह भल ही वह हिारो रगो म वयि हो रहा हो पिा चला ह हक य एक तयौहार ह हजस होली कहि ह एक हदन पहल इहडया क लोग होहलका जलाि ह हजसम अपनी बराईयो की आहहि डालि ह मन भी आज इहडया की बरी छहव बनान वाली हपछली हफकमो की सीडी एकि कर उनकी होहलका जला दी और उसकी राख इन बरगलान वाली हरकम दखन की सलाह दन वाल फ-ची क मह पर मल आया आज इहणडया की यािा की ियारी परी कर ली ह दो हदनो क पिाि होली ह उस दख हबना इहडया की यािा कस समपरद होगी य ह कमलश पाणडय जी और य ह उन का अनोखा वाला रङग जो मझ बहद पसनद ह इस आहटदकल को चाह िो माि मनोरञजन क हलय भी पिा जा सकिा ह और अगर कोई वयहि समय हनकाल कर इस की थाह को नापना चाह िो नपप भी सकिा ह कमलश भाई जी क एक हमि ह हवनोद हमशर हवनोद जी ररसणटली बरसाना हो कर आय ह हवनोद जी न साहहतयम क हलय बरसान की होली की दो बहि ही सनदर-सनदर िवीवीर भजी ह हवनोद जी का बहि-बहि आभार य ह वह दो िवीवीर -

डा वी क भकला

हजजजा सग होली

लगा कर भोग महावीर को और चिा कर फल बिीसा बड़ भहिभाव स पि रह थ हम िो हनमान चाहलसा महावीर जब नाम सनाव

भि हपचास हनकट नही आव िभी मरी साहलया आ कर बोली खलग हम जीजजा सग होली और मरी हसटटीहपटटी गम होली कािर वीवर म हमन पकारा

ह हनमि अब िरा सहारा सन पकार मरी हनमानजी धयान म आए

और मझस य ररमाए वतस म िो ठहरा बाल बरहमचारी

कस हर म हवपदा िमहारी इस लरड़ म मझ न लाओ

िमहारी घहटया ह िमही बजाओ पड़ा सकट मोचन नाम भी झठा हदखा गए हनमानजी भी अगठा

मरी साहलओ न जी भर की मरी पिाई दिा रहा हाए म दहाई

िभी शरीमिी जी बाहर स आई मझ दखि ही हचलाई

अजी सनि हो जरा बाहर आओ कोई लरगा घर म घस आया ह

उस मार कर बाहर भगाओ ाीर स मन खखारा

अरी भागवान य म ह पहि िमहारा िो शरीमिी जी िनक कर बोली

वाह मर छला बहि भाए हो सबह सबह कहो हकसस

मह काला करवा कर आए हो मन अपनी करर गाथा उस सनाई

िो शरीमिी जी हभननाई और अपनी बहनो को आवाि लगाई

कया मरा ही पहि हमला था मह काला करन क हलए

िो वो बहयाई स बोली दीदी अगली होली म

िम हमार पहियो का मह काला कर दना िमहारा सारा हशकवा हमट जाएगा हहसाब एक दम बरोबर हो जाएगा

हमन कछ वि क हलए बाहर हनकलना बद कर ह

यह सोच कर हक अगर हकसी न पछा हक िमहारा मह हकसन काला हकया

िो कया जवाब दगा

हवजनर शमाद

सरहद स आया नही होली पर कय लाल मा की आख रग स करिी रही सवाल

आखो को भी ह हगला कर हशकायि गाल बरी ख़द आया नही हभजवा हदया गलाल

कौन बजाव फाग प ढोल नगाड़ चग चारो िरर उदाहसया गायब हई उमग

मौक़ा था पर यार न डाला नही गलाल

मरझाय स ही रह मर दोनो गाल

हरि म थ यार सब दशमन भी था दग मन उसक गाल पर लगा हदया जब रग

इििार क रग म गयी बावरी डब होली पर इसबार भी आया ना महबब

और अब ररसहिया जी का एक और ाास सटायर ाास इसहलय हक समझ म नही आ रहा हक इनह खाङरसी कहा जाय हक हफर भीजफी बाला

आजकल बचार कालान की मरन ह कोई भी घपला होिा ह काल ान पर िोहमि लगिी ह बलक मनी की थ-थ होिी ह जस निा चमच क हबना महनि चल क हबना आईपीएल हरहकसग क हबना

अारा लगिा ह वस ही कोई भी घपला काल ान की चचाद क हबना अारा लगिा ह घपला अगर कोई

आाहनक जहटल कहविा ह िो काला ान उसका आम जनिा की समझ म आन वाला सरल अनवाद ह घोटाला यहद कोई अबझ हसिाि ह िो काला ान उसकी सहज टीका ह जस पाहटदया चद क हबना निा लफ़राजी क हबना लखक अपनी उपिा का रोना रोय हबना नही रह पािा वस ही दहनया का कोई भी बड़ा ानाा हबना काल ान क नही पनप सकिा दहनया म हजिन भी मजबि ाना ह चाह वह हहथयार का हो ामद का हो या हरर हशिा का ही कयो न हो सबकी बहनयाद म काल ान की सीमनट लगी ह काला ान न हो िो हवीवस बक रवीस बक होकर रह जाय अपन दश म हपछल बीस सालो म हजतता हवकास हआ ह काला ान उसस कई गना जयादा बिा ह गहरि की भाषा म कह िो हकसी भी आाहनक समाज का हवकास उस समाज म मौजद कालान की मािा का समानपािी होिा ह इस सबक बावजद कालान को लोग इजजि की हनगाह स नही दखि कालाान कमान वाला िक खलआम उसकी आलोचना ही करिा ह राजनीहिजञ चनाव भल काल ान क सहार लड़ लहकन सावदजहनक रप स कालान की ऐसी बराई करि ह जस वामपथी दहिरपहथयो की करि ह अमररकी कयबा की करि ह पाहकवीिान वाल भारि की करि िरह ह अपन परहि दहनया का यह दवदातमक इजजिवाद दखकर बचार कालान क हदल पर कया बीििी होगी दहनया क ाोख को दखकर उसका मन भी हजया खान की िरह लटककर हनपट जान का करिा होगा उसका भी मन करिा होगा हक सरकारी गवाह बन जाय और सबकी पोल खोल द हक कस िमाम लोगो स उसक अिरग सबा रह कस लोगो न उसका सहारा हलया आग बि और सहारा हलया लहकन जब सरलिा क हकवीस सनान की बारी आयी िो शरय अपनी महनि लगन और बहि को हदया कालान क योगदान की सरासर उपिा कर दी यह वसा ही ह हक हकसी दश क इहिहास म राजा राहनयो क हकवीस हलख जाय लहकन महनिकश जनिा की कहानी गोलकर दी जाय लहकन हरर कालाान शायद यह सोचकर चप रह जािा होगा हक अपरााी कोई भी हो लहकन बराई उसी की होनी ह बइजजिी िो उसी की खराब होनी ह इसक बाद शायद वह यह सोचकर चपचाप अपनी करििो म जट जािा होगा हक आजनही िो कल उसको वह इजजि अवशय हमलगी हजसका वह हकदार ह उसको भी खल आम उिनी ही वीवीकायदिा हमलगी हजिनी की आज समाज म जाहिवाद सकीरदिा भाई भिीजावाद भायवाद और काहहली को हमली ह काला ान सोचिा होगा- जस बाहकयो क हदन बहर कया पिा वस ही उसक भी बहर

और साहथयो चलि-चलि अपनी जड़ो की ओर - बरहमलीन सनि कहव हशवदीन राम (जोशी) की सनि-वारी आप ही क आधयाहतमक हशषय आदररीय शरी हकशोर पारीक [खणडला] जी क सौजनय स

गोकल व बरसान की नार बजाय-बजाय बजा रही िारी अर वनदावन की बनी व बनी बनक ठनक अरी द रही गारी

शयाम को शयामा सजाय सजी अहो और गलाल लगावि पयारी हशवदीन व जोरी स जोरी हमलीबरज खलि होरी ह बाक हबहारी

मगल समगल सदा ही आननद रह नदलाल

ि गलाल डार दख सखी आ रही राा मिवाली आली चाली रग डारन को

गोहपया हनराली गाली शयाम को सना रही सन-सन क शयामलाल सग-सग गवाल बाल

बाजि मदग िाल राा जी गा रही कहिा हशवदीन लाल ऐसी गलाल उड़ी

बादर बन लाल लाली चह ओर छा रही

बरज वनदावन ााम रग स रगा रगीला हरा मोहिया लाल रग ह पयारा पीला

ाम ााम स खल खल रह होरी दखो शयामा शयाम सजान और सग गोरी दखो

चह ओर हपचकाररया रग-रग की ाार हशवदीन सरस रस रहसक जन पीव करर-करर पयार

राम गर गायर

भारि की लोक समपदा फागन की फाग - आचायद सजीव वमाद सहलल भारि हवहवावरी लोक सवीकहि स सपनन- समि परमपराओ का दश ह इन परमपराओ म स एक लोकगीिो की ह ऋि पररविदन पर उतसवामी भारिीय जन-

मानस गायन-वादन और निदन की हिवरी परवाहहि कर आनहदि होि ह फागन वषािि िथा चि वषादरमभ क साथ-साथ फसलो क पकन क समय क सचक भी ह दहिरायनी सयद जस ही मकर राहश म परवश कर उततरायरी होि ह इस महादवीप म हदन की लमबाई और िापमान दोनो की वहि होन की लोकमानयिा ह सयद पजन गड़-हिल स हनहमदि पकवाननो का सवन और पिगबाजी क माधयम स गगनचमबी लोकानद की अहभवयहि सवदि दखी जा सकिी हमकर सकराहि हखचड़ी बसाखी पोगल आहद हवहवा नामो स यह लोकपवद सकल दश म मनाया जािा ह पवदराज होली स ही मधयोततर भारि म फागो की बयार बहन लगिी ह बदलखड म फाग बजभहम म नटनागर की लीलाए हचहिि करि रहसया और बााई गीि अवा म राम-हसया की जगल जोड़ी की होली-करीड़ा जन सामानय स लकर हवहशषट जनो िक को रसानद म आपादमवीिक डबा दि ह राम अवा स हनकाकर बदली माटी पर अपनी लीलाओ को हववीिार दि हए लमब समय िक हवचरि रह इसहलए बदली मानस उनस एकाकार होकर हर पवद-तयौहार पर ही नही हर हदन उनह याद कर जय राम जी की कहिा ह कषर का नागो स सघषद और पाडवो का अजञािवास नमददाचली बनदल भहम पर हआ गौरा-बौरा िो बदलखड क अपन ह हशवजा हशवातमजा हशवसिा हशवहपरया हशव वीवदोभवा आहद सजञाओ स समबोहाि आननददाहयनी नमददा िट पर बमबहलयो क साथ-साथ हशव-हशवा की लीलाओ स यि फाग गयी जाना वीवाभाहवक ह बदली फागो क एकछि समराट ह लोककहव ईसरी ईसरी न अपनी परहमका रजउ को अपन कहितव म अमर कर हदया ईसरी न फागो की एक हवहशषट शली चौघहड़या फाग को जनम हदया हम अपनी फाग चचाद चौघहड़या फागो स ही आरमभ करि ह ईसरी न अपनी पराकि परहिभा स रामीर मानव मन क उचवासो को सर-िाल क साथ समहनवि कर उपहिि और अनचीनही लोक भावनाओ को इन फागो म हपरोया ह रसराज शर गार क सयोग और हवयोग दोनो पि इन फागो म अदभि माायद क साथ वहरदि ह सदयवीनािा यविी की कशराहश पर मा ईसरी गा उठि ह ईसरी रााा जी क कानो म झल रह िरकला को उन दो िारो की िरह बिाि ह जो रााा जी क मख चनर क सौदयद क आग फीक फड़ गए ह कानन डल राहाका जी क लग िरकला नीक आनदकद चद क ऊपर िो िारागर फीक ईसरी की आराधया राहाका जी सदरी होन क साथ-साथ दीनो-दहखयो क दखहिाद भी ह मय बल राि राहाका जी को कर आसरा की कौ दीनदयाल दीन दःख दखन हजनको मख ह नीकौ पहटया कौन सगर न पारी लगी दहिन पयारी रचक घटी-बड़ी ह नया सास कसी ढारी िन रई आन सीस क ऊपर शयाम घटा सी कारी ईसर परार खान ज पहटया जब स िकी उघारी

कहव पछिा ह हक नाहयका की मोहक चोहटया हकस सघड़ न बनायी ह चोहटया जरा भी छोटी-बड़ी नही ह और आिी-जािी सासो की िरह हहल-डल रही ह व नाहयका क शीश क ऊपर शयामल मघो की िरह छाई ह ईसरी न जब स इस अनावतत कशराहश की सनदरिा को दखा ह उनकी जान हनकली जा रही ह ईसर की नाहयका ननो स िलवार चलािी ह दोई ननन की िरवार पयारी हफर उबार अलपान गजरान हसरोही सलमान झख मार ऐच बार मयान घघट की द काजर की ाार ईसर शयाम बरकि रहहयो अहायार उहजयार िलवार का वार िो हनकट स ही हकया जा सकिा ह नायक दर हो िो कया हकया जाए कया नाहयका उस य ही जान दगी यह िो हो ही नही सकिा नाहयका हनगाहो को बरछी स भी अहाक पन िीर बनाकर नायक का हरदय भदिी ह छट नन-बार इन खोरन हिरछी भौह मरोरन नोकदार बरछी स पन चलि करज फोरन नायक बचारा बचिा हफर रहा ह पर नाहयका उस जान दन क मड म नही ह िलवार और िीर क बाद वह अपनी काहिल हनगाहो को हपवीिौल बना लिी ह अहखया हपवीिौल सी करक मारन चाि समर क गोली बाज दरद की दार गज कर दि निर क इिन पर भी ईसरी जान हथली पर लकर नवयौवना नाहयका का गबखान करि नही अघाि जबना कड़ आय कर गहलया बला कसी कहलया ना हम दख जमि जमी म ना माली की बहगया सोन कस िबक चि ह बरछी कसी भहलया ईसर हाथ सभार ाररयो फटट न जाव गहदया लोक ईसरी की फाग-रचना क मल म उनकी परहमका रजऊ को मानिी ह रजऊ न हजस हदन गारो क साथ गल म काली काच की गररयो की लहड़यो स बन ४ छटा और हबचौली काच क मोहियो का हिदान जसा आभषर और चोली पहहनी उसक रप को दखकर दीवाना होकर हार झलन लगा ईसरी कहि ह हक रजऊ क सौदयद पर मा हए हबना कोई नही रह सकिा हजयना रजऊ न पनो गारो हरनी हजया हबरानो छटा चार हबचौली पर भर हफर गरदानो

जबनन ऊपर चोली पर लटक हार हदवानो ईसर कान बटकन नइया दख लव चह जवानो ईसरी को रजऊ की हरन (हचिवन) और हसन (हसी) नही भलिी हवशाल यौवन मिवाली चाल इकहरी पिली कमर बार की िरह िानी भौह हिरछी निर भलाय नही भलिी व निर क बार स मरन िक को ियार ह इसी बहान रजऊ एक बार उनकी ओर दख िो ल ऐसा समपदर ईसरी क अलावा और कौन कर सकिा ह हमख़ा हबसरि नही हबसारी हरन-हसन िमारी जबन हवशाल चाल मिवारी पिरी कमर इकारी भौह कमान बान स िान निर हिरीछी मारी ईसर कान हमारी कोदी िनक हर लो पयारी ईसरी क हलय रजऊ ही सवदवीव ह उनका जीवन-मरर सब कछ रजऊ ही ह व परभ-वीमरर की ही िरह रजऊ का नाम जपि हए मरन की कामना करि ह इसहलए कछ हवदवान रजऊ की सासाररक परहमका नही आदया माि शहि को उनक दवारा हदया गया समबोान मानि ह जौ जी रजऊ रजऊ क लान का काऊ स कान जौलो रहन रहि हजदगी रजऊ क हि कमान पला भोजन कर रजौआ पाछ क मोय खान रजऊ रजऊ कौ नाम ईसरी लि-लि मर जान ईसरी रहचि सहसतरो फाग चार कहड़यो (पहियो) म बाी होन क कारन चौकहड़या फाग कही जािी ह इनम सौदयद को पान क साथ-साथ पजन और उसक परहि मन-परार स समहपदि होन क आधयातमजहनि भावो की सहलला परवाहहि ह रचना हवाान य फाग ४ पहियो म हनबि ह हर पहि म २ चरर ह हवषम चरर (१ ३ ५ ७ ) म १६ िथा सम चरर (२ ४ ६ ८) म १२ मािाए ह चरराि म परायः गर मािाए ह हकनि कही-कही २ लघ मािाए भी हमलिी ह य फाग छद परभाकर क अनसार महाभागवि जािीय नर र छद म हनबि ह इस छद म खड़ी हहदी म रचनाए मर पिन म अब िक नही आयी ह ईसरी की एक फाग का खड़ी हहदी म रपािरर दहखए हकस चिरा न छोटी गथी लगिी बहद पयारी हकहचि छोटी-बड़ी न उठ-हगर रही सास सम नयारी मकट समान शीश पर शोहभि कषर मघ सी कारी हलय ल रही जान कश-छहव जब स हदखी उघारी नर र छद म एक चिषपदी दहखए

बाि बनाई हकसन कसी कौन हनभाय वाद सब सच समझ रही ह जनिा कहा फदकि पयाद राजा कौन विीर कौन हकसक बद-नक इराद हजसको चाह सहलल हजिा मि चाह उस हरा द बनदली लोकरग की सािी ईसरी की फाग सजीव बदलखड क महानिम लोककहव ईसरी क कावय म लोकजीवन क सावीकहिक साहहहतयक सामाहजक पि परी जीवनििा और रचनातमकिा क साथ उदघाहटि हए ह ईसरी का वहशषटय यह ह हक व िथाकहथि सभराििा या पाहडतय स कय भाषा शली आहद उाार नही लि व दशज रामीर लोक मकयो और परमपराओ को इिनी वीवाभाहवकिा परगाििा और अपनतव स अहकि करि ह हक उसक सममख हशषटिा-शालीनिा ओिहि सजदनाारा हवपनन परिीि होन लगिी ह उनका साहहतय पवीिकाकार रप म नही शरहि परपरा म सन-गाकर सहदयो िक जीहवि रखा गया बदलखड क जन-मन समराट महान लोककहव ईसरी की फाग गय परपरा क कारर लोक-वीमहि और लोक-मख म जीहवि रही सकलनकिाद कवर शरी दगद हसह न १९३१ स १९४१ क मधय इनका सकलन हकया शरी इलाशकर गहा न ाौराद राम (जहा ईसरी लमब समय रह थ) हनवाहसयो स सनकर फागो का सकलन हकया अपिाकि कम परचहलि हनमन फागो म ईसरी क नसहगदक कारहयिी परहिभा क साथ-साथ बनदली लोक परपरा हावीया एव शरीनगरहपरयिा क भी दशदन होि ह कषर-भि ईसरी वनदावन की माटी का महातमय कहि हए उस दविाओ क हलए भी दलदभ बिाि ह अपनी कवीन जीभ स चाटी वनदावन की माटी दरलभ भई हमली ना उनखो दई दविन डाटी हमल ना सकी अनकन हार पाव की पररपाटी पायो वीवाग काह न नइया मीठी ह की खाटी बाही रज बजबाहसन lsquoईसरrsquo हहसदारी म बाटी कदम कञज म खड़ कनहया राहगीरो को रावीिा भला दि ह इसहलए पहथक जमना की राह ही भल गय ह अथादि जमना स नही जाि हकसी को भला कर मजा लन की लोकरीि को ईसरी अचछा नही मानि और कषर को सलाह दि ह हक हकसी स अहाक हसी अचछी नही होिी आली मनमोहन क मार जमना गल हबसार जब दखो जब खडो कञज म गह कदम की डार जो कोउ भल जाि ह रवीिा बरबस आन हबगार जादा हसी नही काऊ स जा ना रीि हमार

lsquoईसरrsquo कौन चाल अब चहलए ज िौ परी पार राि भर घर स बाहर रह कषर को अपनी सफाई म कछ कहन का अवसर हमल हबना lsquoछहलयाrsquo का हखिाब दना ईसरी क ही बस की बाि ह ओइ घर जाब मरहलयाबार जहा राि रय पयार हर बाट मनइया बठी कर नन रिनार अब िौ कौनऊ काम िमारो नइया भवन हमार lsquoईसरrsquo कषर नद क छौना िम छहलया बजबार फगआ हो और रााा न खल यह कस हो सकिा ह कषर सर ह िो रााा सवा सर दोनो की लीलाओ का सजीव वरदन करि ह ईसरी मानो सािाि दख रह हो रााा न कषर की लकटी-कमररया छीन ली िो कषर न रााा क हसर स सारी खीच ली इिना ही हो िो गनीमि होली की मवीिी चरम पर हई िो रााा नटनागर बन गयी और कषर को नारी बना हदया खल फाग राहाका पयारी बज खोरन हगराारी इन भर बाह बास को टारो उन मारो हपचकारी इनन छीनी लकहट मरहलया उन छीनी हसर सारी ब िो आय नद क लाला ज बषभान दलारी अपन बनी नटनागर lsquoईसरrsquo उन बनाओ नारी अटारी क सीिी चिि घघर हनशबद हो गए फलो की सज पर बनवारी की नीद लग गयी रााा क आि ही यशोदा क अनाड़ी बट की बीन (बासरी) चोरी हो गयी कसी सहज-सरस ककपना ह चोरी गइ बीन हबहारी की जसदा क लाल अनारी की जाहमन अमल जगल क भीिर आवन भइ रााा पयारी की नपर सबद सनाक हखच रय हछहड़या चड़ि अटारी की बड़ी गलाम सज फलन की लग गइ नीद मरारी की काि lsquoईसरीrsquo घोरा प स उठा लई बनवारी की कषर रााा और गोहपयो क चगल म फस गय ह गोहपयो न अपन मनभावन कषर को पकड़कर सतरी बनान का उपकरम करन म कोई कसर नही छोड़ी कषर की बनमाला और मरली छीनकर हसर पर साड़ी उिा दी गयी रााा न उनह सभी आभषरो स सजाकर कमर म लहगा पहना हदया और सहखयो क सग फागन मनान म लीन हो गयी ह शर गार और हावीय का ऐसा जीवि शबद हचि ईसरी ही खीच सकि ह पकर गोहपन क मनभावन लागी नार बनावन छीन लई बनमाल मरहलया सारी सीस उड़ावन

सकल अभषन सज राहाका कहट लहगा पहरावन नारी भस बना क lsquoईसरrsquo फगआ लगी मगावन ईसरी परहमका स हनवदन करा रह ह हक वह अपन िीख नयनो का वार न कर हजरह-बखिर कछ न कर सक ग और दख ही दखि नयन-बार हदल क पार हो जायगा हकसी गरी वदय की औषहा भी काम नही आएगी ईसरी क दवाई िो हपरयिमा का दशदन ही ह पररय की ऐसी परगाि रसहसि अहभवयहि अपनी हमसाल आप ह नना ना मारो लग जह मरम पार हो जह बखिर हझलम कहा का लह ढाल पार कर जह औषद मर एक ना लहगह बद गनी का कह कहि lsquoईसरीrsquo सन लो पयारी दरस दबाई दह हनमन फाग म ईसरी नयनो की कथा कहि ह जो परदशी स लगकर हबगड़ गय बबादद हो गय ह य नयना अा हसपाही ह जो कभी लड़कर नही हार इनको बहि नाि स काजल की रखा भर-भरकर पाला ह हकनि य खो गए और इनस बहि आसओ स नयी की नयी सारी भीग गयी ह कसी माहमदक अहभवयहि ह नना परदसी स लग क भय बरबाद हबगरक नना मोर सर हसपाही कबऊ ना हार लरक ज नना बार स पाल काजर रख भरक lsquoईसरrsquo भीज गई नई सारी खोवन असआ ढरक शरगार क हवरह पि का परहिहनहातव करिी यह फाग ईसरी और उनकी परहमका रजऊ क हबछड़न की वयथा-कथा कहिी ह हबछरी सारस कसी जोरी रजो हमारी िोरी सङगसङग रह हनहस-बासर गर हलपटिी सोरी सो हो गई सपन की बाि अन हस बोल कोरी कछ हदनन को हिया अबादो हम बिा दो गोरी जबलो लागी रह lsquoईसरीrsquo आसा जी की मोरी ईसरी की य फाग शर गार क हमलन-हवरह पिो का हचिर करन क साथ-साथ हावीय क उदातत पि को भी सामन लािी ह इनम हसी-मजाक हसना-बोलना सभी कछ ह हकनि मयादहदि कही भी अशलीलिा का लश माि भी नही ह ईसरी की य फाग २८ मािी नरनर छद म रहचि ह इनम १६-१२ पर यहि का ईसरी न परी िरह पालन हकया ह सम चररानि म गर की अहाकिा ह हकनि २ लघ भी परापय ह इक फाग म ४ ५ या ६ िक पहिया हमलिी ह एक फाग की सभी पहियो म सम चररानि समान ह जबहक हवषम चररानि म लघ-गर का कोई बान नही ह

हम न गर हवीन और ख़शब ही को िोला होिा हफर िो हर पड़ गलाबो स भी हकका होिा उदाहरर क रप म समझा जाय िो एक मिदबा य भी समझा जा सकिा ह हक परमपराए हमशा पड़ या हफर पौा की िरह होिी ह और उन पर लगन वाल फल और उन फलो की ख़शबए आाहनक हवचाराारा समान यहद हम आाहनक हवचारााराओ ही को सबकछ समझ बठ ग िो य फल और ख़शबए कया आसमान स टपक ग समझन वाल इशारो को बहि जकद समझग बाय द टाइम आप इस अङक को पि रह हो ममहकन ह दहनया का एक बड़ा हहवीसा आप को होली की बराइया हगना रहा हो हम इिना ही हनवदन कर ग हक ldquoसपrdquo की िरह-िरह सार-सार को गह और थोथ को उड़ा फ क नीर-िीर-हववक हम सब की ामहनयो म यगो-यगो स परवाहमान ह अपन हववक का सदपयोग करि हय अचछी बािो को आग बिाए हमठाइयो क कारोबाररयो दवारा परोस जा रह अशि माल स परहि करि वक़ि याद रह हक कडबरी भी कोई अमि नही ह हर गली क नककड़ पर रङग हपचकारी वग़रह बचन वाल हमार कटीर उदयोग क खवनहार ह आप सभी को सपररवार होली की शभ-कामनाए

खहशयो का वीवागि कर हर आगन हर दवार| कछ ऐसा हो इस बरस होली का तयौहार||

होली हवषयक और भी सामरी मसलन छद ग़िल हजल नज़म कहविा गीि-नवगीि रहसया आलख कहानी कथा वग़रह पिन क हलय यहा हकलक कर

Page 22: Saahityam dec14 jan feb 15

समीिा परवीर कशवा

रग लगाक ि न जा मझ रग लगाक अपन अग लगाल सावररया रhellip

पवन बसिी ि बनक सग बहा ल अपन हदल म बसा ल सावररया रhellip

फागन न जकफ खोली मदहोशी नभ म घोली

ाानी आकाश हआ ारिी भी उसकी होली

रगो स रग हमल सिरगी फल हखल पखरी लाज खोए

भवरा जो उसप डोल बाह पसार नदी क दोनो हकनार

इकदज को पकार बलम आजा रसावररया रhellip

लरज कपोल लाल सया रग गलाल भावभरा रग घला

िन मन हए सब लाल सजना क सग सखी

ऐस म रग रगी खद स ही परीि हई खद स ही जग हई

परीि लगाक अपनी नीद गवा क सजन सग बन गई म िो बावररया र सावररया रhellip

कावय करन को चल ह हम भरािा सच पछौ िौ हम कछ नही आिा 01

हफर ह हमन बहि िहनक लगाई

झट सो यो एक यहि बझ आई 02

एक शबद ह िाक अनक हवकार इनकौ कीज िजद- बनद वयवहार03

शबद-हवकार प पन-पन करौ परहार

ठोको- ठासौ और नक लउ हनहार 04

जस-जस शबद वीव- पकार सनाव िस-िस कावय पहि बन आव 05

अब िौ भईया हम ह कहव कहाए

मन ही मन यो मवीि मोद मनाए 06

एक हदन जमौ बड़ौ कावय वयापार कहव-कल कौ कछ कह आर न पार07

सब न अपन-अपन जब पाठ हकय

शरगार हावीय वीर रस क ठाट हकय08

अलकारन क अदभि उपयोग हकय वकरोहिन क हवलिर परयोग हकय09

छनदन सौ अनठ स अनबना हकय

चमतकहि क अतयि सपरबना हकय10

हमन ह हहममि अपनी नक न हारी कावय म कावय की यहि कह डारी11

अब हनरदय कौ अवसर जयो आयौ

हमरौ नाम उनन सवद- शरषठ सनायौ12

हलयौ पचन न हम पनः मच बलाय हदयौ टट जिन कौ एक हार हपराय13

िब व बोल मनद-वीवर य मद भाखा

नीच स आपकौ नमबर एक ह आका14

यह सब दखद दशय दखि घर-वारी घर पहचि ही वाकी हवकट सवारी15

बड़ चल हौ िम हनि कहव बनन कौ आयी न नक ह लाज या झठ रन कौ16

बालक भख घर सौ मस ह हफरि ह

टट ह पाि वसतरन क पबनद फटि ह17

मददि स हर बाररस यह छतत चआनी बस अब की बार ह सच फशद प आनी18

कहव-जन एक बाि म कहौ सहवचारी

मानौ न मानौ हौ अब आप अहाकारी19

रोजी-रोटी जब लौ नही हसि जगाड़ी कहव नही कबह कहव ननद अनाड़ी 20

- एन एल चिवदी नगीना उरद lsquoननदrsquo

साहहतयम पर आप लोग जो रसील और चटील वयङयालखो का रसावीवादन करि ह उस का हजममा भाई कमलश पाणडय जी न उठाया हआ ह कहन की आवशयकिा नही हक साहहतयम का कल कामकाज वीवहचछक और अविहनक ह आज क दौर म ऐस साहथयो का हमलना सौभाय ही कहा जायगा वस भी पसा सब कछ खरीद सकिा ह मगर समपदर की भावना नही कमलश जी वीवय भी एक बहिरीन वयङयकार ह कमलश जी क सटायसद की हवशषिा ldquoबारीक़ीrdquo ह आप बड़ ही हनराल अनदाि म पाठक को अपन साथ बहा ल जाि ह आइय कमलश जी क एक रसील और चटील वयङयालख का रसावीवादन करि ह-

फाहयान की हफकमी डायरी कमलश पाणडय

उस रोि फ-ची न बिाया हक भारि-भरमर पर जान स पहल वहा की कछ हफकम

दख ल िो पयादपत मागददशदन हमल सकिा ह फची कहिा ह हरकम हकसी भी समाज का दपदर होिी ह सो इनह दख लो सभव ह भारि जान की आवशयकिा ही न पड़ यही बठ-बठ भारि पर एक वहद रथ हलख सकि हो कल बािार स विदमान काल म बनी डि-दो सौ भारिीय हफकमो की सीडी क जलदवीय सवीकरर ल आया जो प-ईहचग क चोर-बािार म मोमो क एक पलट स भी सवीिी हमल गई आज परािः काल भजन-पजन क उपराि उनक अवलोकन क हलए बठ गया ह य एक नया ही ससार परिीि होिा ह फ-ची ठीक कहिा था हक चीन म फली भारि समबनाी भराहियो पर करद न ारो मझ सही मागददशदन दन वाल फ-ची को साावाद कहि हए अब आरमभ करिा ह एक आठ परहर स हनरिर भारिीय जीवन की इनरानषी छहवया दखि-दखि नि चहाया गए ह और महषिषक िो मानो हनहषकरय ही हो गया ह अभी थोड़ सरा-पान क उपराि जी

हकका हआ िो भारि- जो अब ईहनडया कहलान लगा ह ndash की आकहि कछ-कछ दहषटगोचर होन लगी ह य िो हनहिि ही ह हक इहणडया अतयि समि दश ह हफकम का नायक जो वीवय को आम-आदमी और हनादन मनषय बिािा ह एक बड़ स भवन म रहिा ह हडिाइनर परराान पहनिा ह चमकि वाहन पर यािायाि करिा ह और एक सनदरी स परम करिा ह कभी-कभी सदररयो की सखया एक स अहाक हो सकिी ह पर जब वह नतय रि होिा ह िो सदररया अनि होिी ह हजन ानाढय लोगो स उसकी शििा होिी ह उनक िो कया कहन उनकी जीवन शली चीन क समराट को भी लजा दन वाली ह वस अहाकाश हफकमो म नायक पहलस अहाकारी ह ऐसा परिीि होिा ह हक इहडया म सभी पहलस अहाकारी बनना चाहि ह हजसका कारर यही मालम होिा ह हक उनक घर और ठाट-बाट राजाओ स परहिवीपााद करि दीखि ह इसस िो यही लगिा ह हक इहडया म अब सवदहारा कोई नही बचा दो आम आदमी पर आााररि एक हफकम का अवलोकन करन क बाद इस हनषकषद पर जा पहचा ह हक इहडया क आम-आदमी सर-सपाट क शौकीन होि ह और परायः अपनी परहमका क साथ मनोरम वीथलो पर भरमरशील रहि ह उसकी परहमका वीवय को अतयि हनादन बिािी ह जो उसक अतयकप वसतरो को दख कर िो सतय परिीि होिा ह परनि जब उसक आभषरो और चरर पादका पर दहषट जािी ह िो थोड़ा सदह भी उतपनन होिा ह परायः य लोग कही आकाश स परसाररि होि सगीि पर गायन करन लगि ह िो हर बदलि लय क साथ वसतर वीथल और वाहनाहद बदल दि ह समहि का िब चरमोतकषद हदखिा ह जब य लोग गीि का हर अिरा हकसी अनय दश की भहम पर गाि ह और पलक झपकि ही उनह वहा पहचा दन वाला वाहन कही नही हदखिा हनिय ही वहा का हवजञान अभिपवद परगहि कर चका ह सभव ह वहा हर आम आदमी क पास अपना हनजी वाययान हो िीन आम आदमी की मोहक छहवयो वाल दशयो को दखि जी ही नही भरिा यह भी जञाि हआ हक इहडया एक अतयि सनदर दश ह जहा एक ही वीथल पर समर हहमाचछाहदि पवदि रहगवीिान और झरन ह कई एक वीथल िो ह-ब-ह हवीवटिरलड नामक दश क सामान ह य भी समभव ह हक आम आदमी क भरमर-लाभ हि इहडया म ही कही-कही यरोप-अमरीका आहद महादशो की परहिकहि रच ली गई ह गीिो क दशयो म िो य बाि एक दम हसि हो जािी ह जस ही नायक-नाहयका गायन परारमभ करि ह ढर-सारी सदररया नाचिी-गािी उनकी सगि करन आ जािी ह य भी वसतरो की दहषट स अतयि हनादन लगिी ह परनि हवीथहि पर गौर करन स वीपषट हो जािा ह हक ऐसा नही ह कया समरिट पर सट पहन कर जाया जािा ह या हक राहि-कलबो म बकाद ओि कर इसस य भी वीपषट ह हक इहडया म नाररयो को इचछा-नसार पहनन-ओढन घमन-हफरन नाचन-गान की वीविििा ह चार फची गलि कहिा ह हक इहडया म बहि गरीबी ह उस ऐसा कछ हरकम ही दखकर लगा था उसकी सलाह पर आज ऐसी कछ हरकम दखी इनम टट-फट घरो म कछ हभिक-परकार क पराहरयो का जीवन हदखाया गया था सकषम दहषट डालन पर इन बहवीियो क पीछ खड़ हवशाल महल हदख जाि थ जहा स कछ आम आदमी आकर इन बहवीियो को हगराना चाहि हदखाए गए थ पर उनका उदशय इन झोपहड़यो की जगह महल बना कर पर इहणडया को एकाकार कर दना था समयाभाव म इनका बनाना हदखाया नही जा सका एक राजनिा न बिाया हक गरीबी को परचाररि करन क पीछ हवरोाी राजनीहिक दलो का दषपरचार ह जो मझ सो सतय लगा मझ िो इसम

चीन का हवीि होन की भी समभावना हदखी कयोहक ऎसी एक हफकम म हनादन लोग बार-बार माओ का नाम ल रह थ पाच ऐसा परिीि होिा ह हक इहडया म सभय लोगो की भाषा हहनदी ह य भाषा अरजी क शबदो और वीथानीय भाषा क कारको स बनी ह हबना पि-हलख लोग कई वीथानीय भाषाए बोलि ह परायः लोग कवल अरिी भी बोलि पाए जाि ह पर आम िौर पर अरिी क दो एक वाकयो क बाद हहनदी पर उिर आन की परवहतत ह नाहयकाए और हसतरया अरिी बोलना पसद करिी ह पर जब वो हहनदी बोलिी ह िो भी धवहन अरिी-सी ही आिी ह ऐसा परिीि होिा ह हक उनह भाषा की दीिा मलिः अरिी म हमली ह और हहनदी उनहोन हकसी हहनदी हफकम म काम करन क उददशय स सीखी ह गान अहपि हहनदी म ही गाय जाि ह पर वहा और भी कई भाषाओ का मल हदख पड़िा ह एक गीि िो ऐसा था हजसम बड़-बड़ नगाड़ो की िाल पर पजाबी नामक भाषा म बहि सारी अरिी और थोड़ी हहनदी हमलाई गयी थी ऐस कछ गीिो क रचहयिा कोई lsquoयो योrsquo नामक महाकहव ह जो अपन गीिो म यवाओ को कम महदरा या मादक पदाथो क सवन करन जस सावीकाररक सदश दि रहि ह इन गीिो क भावाथद जो भी हो इसम कनयाओ का नतय अदभि ह- शबदो को समझ हबना ही सभी अथद वीपषट हो जाि ह छह आज दहिर इहडया की कछ हरकम दख कर पिा चला हक इहणडया क इस भखड म परष अहि-शहिशाली और नाररया खब भरी-परी होिी ह नायक िो इिना चपल होिा ह हक चशमा हसगरट या हपवीिौल जस उपकरर पलक झपकि ही अपन शरीर क हवहवा हहवीसो पर अिररि कर लिा ह इस नायक क एक आघाि स खलनायक कई पलो िक वायमडल म गोि खािा ह और कभी-कभी िो आकाश म ही हवलीन हो जािा ह उार नाररया रग-हबरग कलशो और इनरानषी आकहियो क बीच मादक नतय करिी रहिी ह वहा का एक नायक िो सवद-शहिमान ईशवर क समकि ह उसकी शहियो क हवषय म अनक हकवदहिया परचहलि ह जो फ-ची क अनसार रजनी-जोकस नामक रथ म सगहीि ह साि कछ राजनीहिक हरकम दख कर ऐसा परिीि हआ हक इहणडया म सभी निाओ की अपराा करन-करान म गहरी रहच ह परायः समाज म खलनायक निा ही होिा ह य लोग सरा-सदररयो हहथयारो सनदर परासादो और चमकि वाहनो क बीच ही रहना पसद करि ह आवशयकिा पड़न या न पड़न हकसी भी हवीथहि म हकसी की हततया कर दना इनक वाम-हवीि का कमद ह बलातकार हि इनह यो िो सभी हकवीम की नाररया पसद ह पर नायक की बहन या परहमका पर हवशष कपा रखि ह ऐसा लगिा ह हक इनकी हदनचयाद हकसी षडयि स आरमभ होकर हकसी हततया पर समापत होिी ह इनक अगरिक चीनी यि कला म हसिहवीि होि ह और अवसर पाि ही सााारर मानवो पर ईया-ऊआ करि टट पड़ि ह एक राजनिा की कररिा दख कर िो मरा हघघघी नामक अग बा ही गया इहडया म इनही अहिमानवो म स जनपरहिहनहा चनन का परावाान मालम होिा ह चन हलए जान क बाद य परायः शवि वसतर ाारर करि ह और सभाओ म भाषर दि हफरि ह पर अििः अपराा क सभी सि उनस ही जड़ होि ह चनाव एक रोचक अवसर होिा ह जब ढर सार वाहनो म लोग रग हबरगी झहडयो क साथ नारा लगाि घमि ह आठ इहडया का य रग दख कर िो दग रह गया ह एक मदान म लाल पील हार नील िातपयद य की सभी परकार क रगो स सराबोर हिारो मनषय एक साथ नतय कर रह ह सबक

वसतर शवि ह िाहक रगो की छाप गहरी उभर गाज-बाज क साथ एक समह गीि गाया जा रहा ह हजसम गोररयो की चोली पर रग डालन की परररा दी जा रही ह चनररया को हभगोन पर हवशष जोर ह सदररया परषो स जोड़ बना कर मादक नतय कर रही ह रग जो ह उड़ भी रह ह बौछार बन कर बरस रह ह और चहरो पर पोि भी जा रह ह इहडया की इस रगीन छहव को दख कर हपछली सारी छहवया ााली हो गई ह ऐसा परिीि हो रहा ह हक मानो परा दश एक ही रग म रगा ह भल ही वह हिारो रगो म वयि हो रहा हो पिा चला ह हक य एक तयौहार ह हजस होली कहि ह एक हदन पहल इहडया क लोग होहलका जलाि ह हजसम अपनी बराईयो की आहहि डालि ह मन भी आज इहडया की बरी छहव बनान वाली हपछली हफकमो की सीडी एकि कर उनकी होहलका जला दी और उसकी राख इन बरगलान वाली हरकम दखन की सलाह दन वाल फ-ची क मह पर मल आया आज इहणडया की यािा की ियारी परी कर ली ह दो हदनो क पिाि होली ह उस दख हबना इहडया की यािा कस समपरद होगी य ह कमलश पाणडय जी और य ह उन का अनोखा वाला रङग जो मझ बहद पसनद ह इस आहटदकल को चाह िो माि मनोरञजन क हलय भी पिा जा सकिा ह और अगर कोई वयहि समय हनकाल कर इस की थाह को नापना चाह िो नपप भी सकिा ह कमलश भाई जी क एक हमि ह हवनोद हमशर हवनोद जी ररसणटली बरसाना हो कर आय ह हवनोद जी न साहहतयम क हलय बरसान की होली की दो बहि ही सनदर-सनदर िवीवीर भजी ह हवनोद जी का बहि-बहि आभार य ह वह दो िवीवीर -

डा वी क भकला

हजजजा सग होली

लगा कर भोग महावीर को और चिा कर फल बिीसा बड़ भहिभाव स पि रह थ हम िो हनमान चाहलसा महावीर जब नाम सनाव

भि हपचास हनकट नही आव िभी मरी साहलया आ कर बोली खलग हम जीजजा सग होली और मरी हसटटीहपटटी गम होली कािर वीवर म हमन पकारा

ह हनमि अब िरा सहारा सन पकार मरी हनमानजी धयान म आए

और मझस य ररमाए वतस म िो ठहरा बाल बरहमचारी

कस हर म हवपदा िमहारी इस लरड़ म मझ न लाओ

िमहारी घहटया ह िमही बजाओ पड़ा सकट मोचन नाम भी झठा हदखा गए हनमानजी भी अगठा

मरी साहलओ न जी भर की मरी पिाई दिा रहा हाए म दहाई

िभी शरीमिी जी बाहर स आई मझ दखि ही हचलाई

अजी सनि हो जरा बाहर आओ कोई लरगा घर म घस आया ह

उस मार कर बाहर भगाओ ाीर स मन खखारा

अरी भागवान य म ह पहि िमहारा िो शरीमिी जी िनक कर बोली

वाह मर छला बहि भाए हो सबह सबह कहो हकसस

मह काला करवा कर आए हो मन अपनी करर गाथा उस सनाई

िो शरीमिी जी हभननाई और अपनी बहनो को आवाि लगाई

कया मरा ही पहि हमला था मह काला करन क हलए

िो वो बहयाई स बोली दीदी अगली होली म

िम हमार पहियो का मह काला कर दना िमहारा सारा हशकवा हमट जाएगा हहसाब एक दम बरोबर हो जाएगा

हमन कछ वि क हलए बाहर हनकलना बद कर ह

यह सोच कर हक अगर हकसी न पछा हक िमहारा मह हकसन काला हकया

िो कया जवाब दगा

हवजनर शमाद

सरहद स आया नही होली पर कय लाल मा की आख रग स करिी रही सवाल

आखो को भी ह हगला कर हशकायि गाल बरी ख़द आया नही हभजवा हदया गलाल

कौन बजाव फाग प ढोल नगाड़ चग चारो िरर उदाहसया गायब हई उमग

मौक़ा था पर यार न डाला नही गलाल

मरझाय स ही रह मर दोनो गाल

हरि म थ यार सब दशमन भी था दग मन उसक गाल पर लगा हदया जब रग

इििार क रग म गयी बावरी डब होली पर इसबार भी आया ना महबब

और अब ररसहिया जी का एक और ाास सटायर ाास इसहलय हक समझ म नही आ रहा हक इनह खाङरसी कहा जाय हक हफर भीजफी बाला

आजकल बचार कालान की मरन ह कोई भी घपला होिा ह काल ान पर िोहमि लगिी ह बलक मनी की थ-थ होिी ह जस निा चमच क हबना महनि चल क हबना आईपीएल हरहकसग क हबना

अारा लगिा ह वस ही कोई भी घपला काल ान की चचाद क हबना अारा लगिा ह घपला अगर कोई

आाहनक जहटल कहविा ह िो काला ान उसका आम जनिा की समझ म आन वाला सरल अनवाद ह घोटाला यहद कोई अबझ हसिाि ह िो काला ान उसकी सहज टीका ह जस पाहटदया चद क हबना निा लफ़राजी क हबना लखक अपनी उपिा का रोना रोय हबना नही रह पािा वस ही दहनया का कोई भी बड़ा ानाा हबना काल ान क नही पनप सकिा दहनया म हजिन भी मजबि ाना ह चाह वह हहथयार का हो ामद का हो या हरर हशिा का ही कयो न हो सबकी बहनयाद म काल ान की सीमनट लगी ह काला ान न हो िो हवीवस बक रवीस बक होकर रह जाय अपन दश म हपछल बीस सालो म हजतता हवकास हआ ह काला ान उसस कई गना जयादा बिा ह गहरि की भाषा म कह िो हकसी भी आाहनक समाज का हवकास उस समाज म मौजद कालान की मािा का समानपािी होिा ह इस सबक बावजद कालान को लोग इजजि की हनगाह स नही दखि कालाान कमान वाला िक खलआम उसकी आलोचना ही करिा ह राजनीहिजञ चनाव भल काल ान क सहार लड़ लहकन सावदजहनक रप स कालान की ऐसी बराई करि ह जस वामपथी दहिरपहथयो की करि ह अमररकी कयबा की करि ह पाहकवीिान वाल भारि की करि िरह ह अपन परहि दहनया का यह दवदातमक इजजिवाद दखकर बचार कालान क हदल पर कया बीििी होगी दहनया क ाोख को दखकर उसका मन भी हजया खान की िरह लटककर हनपट जान का करिा होगा उसका भी मन करिा होगा हक सरकारी गवाह बन जाय और सबकी पोल खोल द हक कस िमाम लोगो स उसक अिरग सबा रह कस लोगो न उसका सहारा हलया आग बि और सहारा हलया लहकन जब सरलिा क हकवीस सनान की बारी आयी िो शरय अपनी महनि लगन और बहि को हदया कालान क योगदान की सरासर उपिा कर दी यह वसा ही ह हक हकसी दश क इहिहास म राजा राहनयो क हकवीस हलख जाय लहकन महनिकश जनिा की कहानी गोलकर दी जाय लहकन हरर कालाान शायद यह सोचकर चप रह जािा होगा हक अपरााी कोई भी हो लहकन बराई उसी की होनी ह बइजजिी िो उसी की खराब होनी ह इसक बाद शायद वह यह सोचकर चपचाप अपनी करििो म जट जािा होगा हक आजनही िो कल उसको वह इजजि अवशय हमलगी हजसका वह हकदार ह उसको भी खल आम उिनी ही वीवीकायदिा हमलगी हजिनी की आज समाज म जाहिवाद सकीरदिा भाई भिीजावाद भायवाद और काहहली को हमली ह काला ान सोचिा होगा- जस बाहकयो क हदन बहर कया पिा वस ही उसक भी बहर

और साहथयो चलि-चलि अपनी जड़ो की ओर - बरहमलीन सनि कहव हशवदीन राम (जोशी) की सनि-वारी आप ही क आधयाहतमक हशषय आदररीय शरी हकशोर पारीक [खणडला] जी क सौजनय स

गोकल व बरसान की नार बजाय-बजाय बजा रही िारी अर वनदावन की बनी व बनी बनक ठनक अरी द रही गारी

शयाम को शयामा सजाय सजी अहो और गलाल लगावि पयारी हशवदीन व जोरी स जोरी हमलीबरज खलि होरी ह बाक हबहारी

मगल समगल सदा ही आननद रह नदलाल

ि गलाल डार दख सखी आ रही राा मिवाली आली चाली रग डारन को

गोहपया हनराली गाली शयाम को सना रही सन-सन क शयामलाल सग-सग गवाल बाल

बाजि मदग िाल राा जी गा रही कहिा हशवदीन लाल ऐसी गलाल उड़ी

बादर बन लाल लाली चह ओर छा रही

बरज वनदावन ााम रग स रगा रगीला हरा मोहिया लाल रग ह पयारा पीला

ाम ााम स खल खल रह होरी दखो शयामा शयाम सजान और सग गोरी दखो

चह ओर हपचकाररया रग-रग की ाार हशवदीन सरस रस रहसक जन पीव करर-करर पयार

राम गर गायर

भारि की लोक समपदा फागन की फाग - आचायद सजीव वमाद सहलल भारि हवहवावरी लोक सवीकहि स सपनन- समि परमपराओ का दश ह इन परमपराओ म स एक लोकगीिो की ह ऋि पररविदन पर उतसवामी भारिीय जन-

मानस गायन-वादन और निदन की हिवरी परवाहहि कर आनहदि होि ह फागन वषािि िथा चि वषादरमभ क साथ-साथ फसलो क पकन क समय क सचक भी ह दहिरायनी सयद जस ही मकर राहश म परवश कर उततरायरी होि ह इस महादवीप म हदन की लमबाई और िापमान दोनो की वहि होन की लोकमानयिा ह सयद पजन गड़-हिल स हनहमदि पकवाननो का सवन और पिगबाजी क माधयम स गगनचमबी लोकानद की अहभवयहि सवदि दखी जा सकिी हमकर सकराहि हखचड़ी बसाखी पोगल आहद हवहवा नामो स यह लोकपवद सकल दश म मनाया जािा ह पवदराज होली स ही मधयोततर भारि म फागो की बयार बहन लगिी ह बदलखड म फाग बजभहम म नटनागर की लीलाए हचहिि करि रहसया और बााई गीि अवा म राम-हसया की जगल जोड़ी की होली-करीड़ा जन सामानय स लकर हवहशषट जनो िक को रसानद म आपादमवीिक डबा दि ह राम अवा स हनकाकर बदली माटी पर अपनी लीलाओ को हववीिार दि हए लमब समय िक हवचरि रह इसहलए बदली मानस उनस एकाकार होकर हर पवद-तयौहार पर ही नही हर हदन उनह याद कर जय राम जी की कहिा ह कषर का नागो स सघषद और पाडवो का अजञािवास नमददाचली बनदल भहम पर हआ गौरा-बौरा िो बदलखड क अपन ह हशवजा हशवातमजा हशवसिा हशवहपरया हशव वीवदोभवा आहद सजञाओ स समबोहाि आननददाहयनी नमददा िट पर बमबहलयो क साथ-साथ हशव-हशवा की लीलाओ स यि फाग गयी जाना वीवाभाहवक ह बदली फागो क एकछि समराट ह लोककहव ईसरी ईसरी न अपनी परहमका रजउ को अपन कहितव म अमर कर हदया ईसरी न फागो की एक हवहशषट शली चौघहड़या फाग को जनम हदया हम अपनी फाग चचाद चौघहड़या फागो स ही आरमभ करि ह ईसरी न अपनी पराकि परहिभा स रामीर मानव मन क उचवासो को सर-िाल क साथ समहनवि कर उपहिि और अनचीनही लोक भावनाओ को इन फागो म हपरोया ह रसराज शर गार क सयोग और हवयोग दोनो पि इन फागो म अदभि माायद क साथ वहरदि ह सदयवीनािा यविी की कशराहश पर मा ईसरी गा उठि ह ईसरी रााा जी क कानो म झल रह िरकला को उन दो िारो की िरह बिाि ह जो रााा जी क मख चनर क सौदयद क आग फीक फड़ गए ह कानन डल राहाका जी क लग िरकला नीक आनदकद चद क ऊपर िो िारागर फीक ईसरी की आराधया राहाका जी सदरी होन क साथ-साथ दीनो-दहखयो क दखहिाद भी ह मय बल राि राहाका जी को कर आसरा की कौ दीनदयाल दीन दःख दखन हजनको मख ह नीकौ पहटया कौन सगर न पारी लगी दहिन पयारी रचक घटी-बड़ी ह नया सास कसी ढारी िन रई आन सीस क ऊपर शयाम घटा सी कारी ईसर परार खान ज पहटया जब स िकी उघारी

कहव पछिा ह हक नाहयका की मोहक चोहटया हकस सघड़ न बनायी ह चोहटया जरा भी छोटी-बड़ी नही ह और आिी-जािी सासो की िरह हहल-डल रही ह व नाहयका क शीश क ऊपर शयामल मघो की िरह छाई ह ईसरी न जब स इस अनावतत कशराहश की सनदरिा को दखा ह उनकी जान हनकली जा रही ह ईसर की नाहयका ननो स िलवार चलािी ह दोई ननन की िरवार पयारी हफर उबार अलपान गजरान हसरोही सलमान झख मार ऐच बार मयान घघट की द काजर की ाार ईसर शयाम बरकि रहहयो अहायार उहजयार िलवार का वार िो हनकट स ही हकया जा सकिा ह नायक दर हो िो कया हकया जाए कया नाहयका उस य ही जान दगी यह िो हो ही नही सकिा नाहयका हनगाहो को बरछी स भी अहाक पन िीर बनाकर नायक का हरदय भदिी ह छट नन-बार इन खोरन हिरछी भौह मरोरन नोकदार बरछी स पन चलि करज फोरन नायक बचारा बचिा हफर रहा ह पर नाहयका उस जान दन क मड म नही ह िलवार और िीर क बाद वह अपनी काहिल हनगाहो को हपवीिौल बना लिी ह अहखया हपवीिौल सी करक मारन चाि समर क गोली बाज दरद की दार गज कर दि निर क इिन पर भी ईसरी जान हथली पर लकर नवयौवना नाहयका का गबखान करि नही अघाि जबना कड़ आय कर गहलया बला कसी कहलया ना हम दख जमि जमी म ना माली की बहगया सोन कस िबक चि ह बरछी कसी भहलया ईसर हाथ सभार ाररयो फटट न जाव गहदया लोक ईसरी की फाग-रचना क मल म उनकी परहमका रजऊ को मानिी ह रजऊ न हजस हदन गारो क साथ गल म काली काच की गररयो की लहड़यो स बन ४ छटा और हबचौली काच क मोहियो का हिदान जसा आभषर और चोली पहहनी उसक रप को दखकर दीवाना होकर हार झलन लगा ईसरी कहि ह हक रजऊ क सौदयद पर मा हए हबना कोई नही रह सकिा हजयना रजऊ न पनो गारो हरनी हजया हबरानो छटा चार हबचौली पर भर हफर गरदानो

जबनन ऊपर चोली पर लटक हार हदवानो ईसर कान बटकन नइया दख लव चह जवानो ईसरी को रजऊ की हरन (हचिवन) और हसन (हसी) नही भलिी हवशाल यौवन मिवाली चाल इकहरी पिली कमर बार की िरह िानी भौह हिरछी निर भलाय नही भलिी व निर क बार स मरन िक को ियार ह इसी बहान रजऊ एक बार उनकी ओर दख िो ल ऐसा समपदर ईसरी क अलावा और कौन कर सकिा ह हमख़ा हबसरि नही हबसारी हरन-हसन िमारी जबन हवशाल चाल मिवारी पिरी कमर इकारी भौह कमान बान स िान निर हिरीछी मारी ईसर कान हमारी कोदी िनक हर लो पयारी ईसरी क हलय रजऊ ही सवदवीव ह उनका जीवन-मरर सब कछ रजऊ ही ह व परभ-वीमरर की ही िरह रजऊ का नाम जपि हए मरन की कामना करि ह इसहलए कछ हवदवान रजऊ की सासाररक परहमका नही आदया माि शहि को उनक दवारा हदया गया समबोान मानि ह जौ जी रजऊ रजऊ क लान का काऊ स कान जौलो रहन रहि हजदगी रजऊ क हि कमान पला भोजन कर रजौआ पाछ क मोय खान रजऊ रजऊ कौ नाम ईसरी लि-लि मर जान ईसरी रहचि सहसतरो फाग चार कहड़यो (पहियो) म बाी होन क कारन चौकहड़या फाग कही जािी ह इनम सौदयद को पान क साथ-साथ पजन और उसक परहि मन-परार स समहपदि होन क आधयातमजहनि भावो की सहलला परवाहहि ह रचना हवाान य फाग ४ पहियो म हनबि ह हर पहि म २ चरर ह हवषम चरर (१ ३ ५ ७ ) म १६ िथा सम चरर (२ ४ ६ ८) म १२ मािाए ह चरराि म परायः गर मािाए ह हकनि कही-कही २ लघ मािाए भी हमलिी ह य फाग छद परभाकर क अनसार महाभागवि जािीय नर र छद म हनबि ह इस छद म खड़ी हहदी म रचनाए मर पिन म अब िक नही आयी ह ईसरी की एक फाग का खड़ी हहदी म रपािरर दहखए हकस चिरा न छोटी गथी लगिी बहद पयारी हकहचि छोटी-बड़ी न उठ-हगर रही सास सम नयारी मकट समान शीश पर शोहभि कषर मघ सी कारी हलय ल रही जान कश-छहव जब स हदखी उघारी नर र छद म एक चिषपदी दहखए

बाि बनाई हकसन कसी कौन हनभाय वाद सब सच समझ रही ह जनिा कहा फदकि पयाद राजा कौन विीर कौन हकसक बद-नक इराद हजसको चाह सहलल हजिा मि चाह उस हरा द बनदली लोकरग की सािी ईसरी की फाग सजीव बदलखड क महानिम लोककहव ईसरी क कावय म लोकजीवन क सावीकहिक साहहहतयक सामाहजक पि परी जीवनििा और रचनातमकिा क साथ उदघाहटि हए ह ईसरी का वहशषटय यह ह हक व िथाकहथि सभराििा या पाहडतय स कय भाषा शली आहद उाार नही लि व दशज रामीर लोक मकयो और परमपराओ को इिनी वीवाभाहवकिा परगाििा और अपनतव स अहकि करि ह हक उसक सममख हशषटिा-शालीनिा ओिहि सजदनाारा हवपनन परिीि होन लगिी ह उनका साहहतय पवीिकाकार रप म नही शरहि परपरा म सन-गाकर सहदयो िक जीहवि रखा गया बदलखड क जन-मन समराट महान लोककहव ईसरी की फाग गय परपरा क कारर लोक-वीमहि और लोक-मख म जीहवि रही सकलनकिाद कवर शरी दगद हसह न १९३१ स १९४१ क मधय इनका सकलन हकया शरी इलाशकर गहा न ाौराद राम (जहा ईसरी लमब समय रह थ) हनवाहसयो स सनकर फागो का सकलन हकया अपिाकि कम परचहलि हनमन फागो म ईसरी क नसहगदक कारहयिी परहिभा क साथ-साथ बनदली लोक परपरा हावीया एव शरीनगरहपरयिा क भी दशदन होि ह कषर-भि ईसरी वनदावन की माटी का महातमय कहि हए उस दविाओ क हलए भी दलदभ बिाि ह अपनी कवीन जीभ स चाटी वनदावन की माटी दरलभ भई हमली ना उनखो दई दविन डाटी हमल ना सकी अनकन हार पाव की पररपाटी पायो वीवाग काह न नइया मीठी ह की खाटी बाही रज बजबाहसन lsquoईसरrsquo हहसदारी म बाटी कदम कञज म खड़ कनहया राहगीरो को रावीिा भला दि ह इसहलए पहथक जमना की राह ही भल गय ह अथादि जमना स नही जाि हकसी को भला कर मजा लन की लोकरीि को ईसरी अचछा नही मानि और कषर को सलाह दि ह हक हकसी स अहाक हसी अचछी नही होिी आली मनमोहन क मार जमना गल हबसार जब दखो जब खडो कञज म गह कदम की डार जो कोउ भल जाि ह रवीिा बरबस आन हबगार जादा हसी नही काऊ स जा ना रीि हमार

lsquoईसरrsquo कौन चाल अब चहलए ज िौ परी पार राि भर घर स बाहर रह कषर को अपनी सफाई म कछ कहन का अवसर हमल हबना lsquoछहलयाrsquo का हखिाब दना ईसरी क ही बस की बाि ह ओइ घर जाब मरहलयाबार जहा राि रय पयार हर बाट मनइया बठी कर नन रिनार अब िौ कौनऊ काम िमारो नइया भवन हमार lsquoईसरrsquo कषर नद क छौना िम छहलया बजबार फगआ हो और रााा न खल यह कस हो सकिा ह कषर सर ह िो रााा सवा सर दोनो की लीलाओ का सजीव वरदन करि ह ईसरी मानो सािाि दख रह हो रााा न कषर की लकटी-कमररया छीन ली िो कषर न रााा क हसर स सारी खीच ली इिना ही हो िो गनीमि होली की मवीिी चरम पर हई िो रााा नटनागर बन गयी और कषर को नारी बना हदया खल फाग राहाका पयारी बज खोरन हगराारी इन भर बाह बास को टारो उन मारो हपचकारी इनन छीनी लकहट मरहलया उन छीनी हसर सारी ब िो आय नद क लाला ज बषभान दलारी अपन बनी नटनागर lsquoईसरrsquo उन बनाओ नारी अटारी क सीिी चिि घघर हनशबद हो गए फलो की सज पर बनवारी की नीद लग गयी रााा क आि ही यशोदा क अनाड़ी बट की बीन (बासरी) चोरी हो गयी कसी सहज-सरस ककपना ह चोरी गइ बीन हबहारी की जसदा क लाल अनारी की जाहमन अमल जगल क भीिर आवन भइ रााा पयारी की नपर सबद सनाक हखच रय हछहड़या चड़ि अटारी की बड़ी गलाम सज फलन की लग गइ नीद मरारी की काि lsquoईसरीrsquo घोरा प स उठा लई बनवारी की कषर रााा और गोहपयो क चगल म फस गय ह गोहपयो न अपन मनभावन कषर को पकड़कर सतरी बनान का उपकरम करन म कोई कसर नही छोड़ी कषर की बनमाला और मरली छीनकर हसर पर साड़ी उिा दी गयी रााा न उनह सभी आभषरो स सजाकर कमर म लहगा पहना हदया और सहखयो क सग फागन मनान म लीन हो गयी ह शर गार और हावीय का ऐसा जीवि शबद हचि ईसरी ही खीच सकि ह पकर गोहपन क मनभावन लागी नार बनावन छीन लई बनमाल मरहलया सारी सीस उड़ावन

सकल अभषन सज राहाका कहट लहगा पहरावन नारी भस बना क lsquoईसरrsquo फगआ लगी मगावन ईसरी परहमका स हनवदन करा रह ह हक वह अपन िीख नयनो का वार न कर हजरह-बखिर कछ न कर सक ग और दख ही दखि नयन-बार हदल क पार हो जायगा हकसी गरी वदय की औषहा भी काम नही आएगी ईसरी क दवाई िो हपरयिमा का दशदन ही ह पररय की ऐसी परगाि रसहसि अहभवयहि अपनी हमसाल आप ह नना ना मारो लग जह मरम पार हो जह बखिर हझलम कहा का लह ढाल पार कर जह औषद मर एक ना लहगह बद गनी का कह कहि lsquoईसरीrsquo सन लो पयारी दरस दबाई दह हनमन फाग म ईसरी नयनो की कथा कहि ह जो परदशी स लगकर हबगड़ गय बबादद हो गय ह य नयना अा हसपाही ह जो कभी लड़कर नही हार इनको बहि नाि स काजल की रखा भर-भरकर पाला ह हकनि य खो गए और इनस बहि आसओ स नयी की नयी सारी भीग गयी ह कसी माहमदक अहभवयहि ह नना परदसी स लग क भय बरबाद हबगरक नना मोर सर हसपाही कबऊ ना हार लरक ज नना बार स पाल काजर रख भरक lsquoईसरrsquo भीज गई नई सारी खोवन असआ ढरक शरगार क हवरह पि का परहिहनहातव करिी यह फाग ईसरी और उनकी परहमका रजऊ क हबछड़न की वयथा-कथा कहिी ह हबछरी सारस कसी जोरी रजो हमारी िोरी सङगसङग रह हनहस-बासर गर हलपटिी सोरी सो हो गई सपन की बाि अन हस बोल कोरी कछ हदनन को हिया अबादो हम बिा दो गोरी जबलो लागी रह lsquoईसरीrsquo आसा जी की मोरी ईसरी की य फाग शर गार क हमलन-हवरह पिो का हचिर करन क साथ-साथ हावीय क उदातत पि को भी सामन लािी ह इनम हसी-मजाक हसना-बोलना सभी कछ ह हकनि मयादहदि कही भी अशलीलिा का लश माि भी नही ह ईसरी की य फाग २८ मािी नरनर छद म रहचि ह इनम १६-१२ पर यहि का ईसरी न परी िरह पालन हकया ह सम चररानि म गर की अहाकिा ह हकनि २ लघ भी परापय ह इक फाग म ४ ५ या ६ िक पहिया हमलिी ह एक फाग की सभी पहियो म सम चररानि समान ह जबहक हवषम चररानि म लघ-गर का कोई बान नही ह

हम न गर हवीन और ख़शब ही को िोला होिा हफर िो हर पड़ गलाबो स भी हकका होिा उदाहरर क रप म समझा जाय िो एक मिदबा य भी समझा जा सकिा ह हक परमपराए हमशा पड़ या हफर पौा की िरह होिी ह और उन पर लगन वाल फल और उन फलो की ख़शबए आाहनक हवचाराारा समान यहद हम आाहनक हवचारााराओ ही को सबकछ समझ बठ ग िो य फल और ख़शबए कया आसमान स टपक ग समझन वाल इशारो को बहि जकद समझग बाय द टाइम आप इस अङक को पि रह हो ममहकन ह दहनया का एक बड़ा हहवीसा आप को होली की बराइया हगना रहा हो हम इिना ही हनवदन कर ग हक ldquoसपrdquo की िरह-िरह सार-सार को गह और थोथ को उड़ा फ क नीर-िीर-हववक हम सब की ामहनयो म यगो-यगो स परवाहमान ह अपन हववक का सदपयोग करि हय अचछी बािो को आग बिाए हमठाइयो क कारोबाररयो दवारा परोस जा रह अशि माल स परहि करि वक़ि याद रह हक कडबरी भी कोई अमि नही ह हर गली क नककड़ पर रङग हपचकारी वग़रह बचन वाल हमार कटीर उदयोग क खवनहार ह आप सभी को सपररवार होली की शभ-कामनाए

खहशयो का वीवागि कर हर आगन हर दवार| कछ ऐसा हो इस बरस होली का तयौहार||

होली हवषयक और भी सामरी मसलन छद ग़िल हजल नज़म कहविा गीि-नवगीि रहसया आलख कहानी कथा वग़रह पिन क हलय यहा हकलक कर

Page 23: Saahityam dec14 jan feb 15

एक शबद ह िाक अनक हवकार इनकौ कीज िजद- बनद वयवहार03

शबद-हवकार प पन-पन करौ परहार

ठोको- ठासौ और नक लउ हनहार 04

जस-जस शबद वीव- पकार सनाव िस-िस कावय पहि बन आव 05

अब िौ भईया हम ह कहव कहाए

मन ही मन यो मवीि मोद मनाए 06

एक हदन जमौ बड़ौ कावय वयापार कहव-कल कौ कछ कह आर न पार07

सब न अपन-अपन जब पाठ हकय

शरगार हावीय वीर रस क ठाट हकय08

अलकारन क अदभि उपयोग हकय वकरोहिन क हवलिर परयोग हकय09

छनदन सौ अनठ स अनबना हकय

चमतकहि क अतयि सपरबना हकय10

हमन ह हहममि अपनी नक न हारी कावय म कावय की यहि कह डारी11

अब हनरदय कौ अवसर जयो आयौ

हमरौ नाम उनन सवद- शरषठ सनायौ12

हलयौ पचन न हम पनः मच बलाय हदयौ टट जिन कौ एक हार हपराय13

िब व बोल मनद-वीवर य मद भाखा

नीच स आपकौ नमबर एक ह आका14

यह सब दखद दशय दखि घर-वारी घर पहचि ही वाकी हवकट सवारी15

बड़ चल हौ िम हनि कहव बनन कौ आयी न नक ह लाज या झठ रन कौ16

बालक भख घर सौ मस ह हफरि ह

टट ह पाि वसतरन क पबनद फटि ह17

मददि स हर बाररस यह छतत चआनी बस अब की बार ह सच फशद प आनी18

कहव-जन एक बाि म कहौ सहवचारी

मानौ न मानौ हौ अब आप अहाकारी19

रोजी-रोटी जब लौ नही हसि जगाड़ी कहव नही कबह कहव ननद अनाड़ी 20

- एन एल चिवदी नगीना उरद lsquoननदrsquo

साहहतयम पर आप लोग जो रसील और चटील वयङयालखो का रसावीवादन करि ह उस का हजममा भाई कमलश पाणडय जी न उठाया हआ ह कहन की आवशयकिा नही हक साहहतयम का कल कामकाज वीवहचछक और अविहनक ह आज क दौर म ऐस साहथयो का हमलना सौभाय ही कहा जायगा वस भी पसा सब कछ खरीद सकिा ह मगर समपदर की भावना नही कमलश जी वीवय भी एक बहिरीन वयङयकार ह कमलश जी क सटायसद की हवशषिा ldquoबारीक़ीrdquo ह आप बड़ ही हनराल अनदाि म पाठक को अपन साथ बहा ल जाि ह आइय कमलश जी क एक रसील और चटील वयङयालख का रसावीवादन करि ह-

फाहयान की हफकमी डायरी कमलश पाणडय

उस रोि फ-ची न बिाया हक भारि-भरमर पर जान स पहल वहा की कछ हफकम

दख ल िो पयादपत मागददशदन हमल सकिा ह फची कहिा ह हरकम हकसी भी समाज का दपदर होिी ह सो इनह दख लो सभव ह भारि जान की आवशयकिा ही न पड़ यही बठ-बठ भारि पर एक वहद रथ हलख सकि हो कल बािार स विदमान काल म बनी डि-दो सौ भारिीय हफकमो की सीडी क जलदवीय सवीकरर ल आया जो प-ईहचग क चोर-बािार म मोमो क एक पलट स भी सवीिी हमल गई आज परािः काल भजन-पजन क उपराि उनक अवलोकन क हलए बठ गया ह य एक नया ही ससार परिीि होिा ह फ-ची ठीक कहिा था हक चीन म फली भारि समबनाी भराहियो पर करद न ारो मझ सही मागददशदन दन वाल फ-ची को साावाद कहि हए अब आरमभ करिा ह एक आठ परहर स हनरिर भारिीय जीवन की इनरानषी छहवया दखि-दखि नि चहाया गए ह और महषिषक िो मानो हनहषकरय ही हो गया ह अभी थोड़ सरा-पान क उपराि जी

हकका हआ िो भारि- जो अब ईहनडया कहलान लगा ह ndash की आकहि कछ-कछ दहषटगोचर होन लगी ह य िो हनहिि ही ह हक इहणडया अतयि समि दश ह हफकम का नायक जो वीवय को आम-आदमी और हनादन मनषय बिािा ह एक बड़ स भवन म रहिा ह हडिाइनर परराान पहनिा ह चमकि वाहन पर यािायाि करिा ह और एक सनदरी स परम करिा ह कभी-कभी सदररयो की सखया एक स अहाक हो सकिी ह पर जब वह नतय रि होिा ह िो सदररया अनि होिी ह हजन ानाढय लोगो स उसकी शििा होिी ह उनक िो कया कहन उनकी जीवन शली चीन क समराट को भी लजा दन वाली ह वस अहाकाश हफकमो म नायक पहलस अहाकारी ह ऐसा परिीि होिा ह हक इहडया म सभी पहलस अहाकारी बनना चाहि ह हजसका कारर यही मालम होिा ह हक उनक घर और ठाट-बाट राजाओ स परहिवीपााद करि दीखि ह इसस िो यही लगिा ह हक इहडया म अब सवदहारा कोई नही बचा दो आम आदमी पर आााररि एक हफकम का अवलोकन करन क बाद इस हनषकषद पर जा पहचा ह हक इहडया क आम-आदमी सर-सपाट क शौकीन होि ह और परायः अपनी परहमका क साथ मनोरम वीथलो पर भरमरशील रहि ह उसकी परहमका वीवय को अतयि हनादन बिािी ह जो उसक अतयकप वसतरो को दख कर िो सतय परिीि होिा ह परनि जब उसक आभषरो और चरर पादका पर दहषट जािी ह िो थोड़ा सदह भी उतपनन होिा ह परायः य लोग कही आकाश स परसाररि होि सगीि पर गायन करन लगि ह िो हर बदलि लय क साथ वसतर वीथल और वाहनाहद बदल दि ह समहि का िब चरमोतकषद हदखिा ह जब य लोग गीि का हर अिरा हकसी अनय दश की भहम पर गाि ह और पलक झपकि ही उनह वहा पहचा दन वाला वाहन कही नही हदखिा हनिय ही वहा का हवजञान अभिपवद परगहि कर चका ह सभव ह वहा हर आम आदमी क पास अपना हनजी वाययान हो िीन आम आदमी की मोहक छहवयो वाल दशयो को दखि जी ही नही भरिा यह भी जञाि हआ हक इहडया एक अतयि सनदर दश ह जहा एक ही वीथल पर समर हहमाचछाहदि पवदि रहगवीिान और झरन ह कई एक वीथल िो ह-ब-ह हवीवटिरलड नामक दश क सामान ह य भी समभव ह हक आम आदमी क भरमर-लाभ हि इहडया म ही कही-कही यरोप-अमरीका आहद महादशो की परहिकहि रच ली गई ह गीिो क दशयो म िो य बाि एक दम हसि हो जािी ह जस ही नायक-नाहयका गायन परारमभ करि ह ढर-सारी सदररया नाचिी-गािी उनकी सगि करन आ जािी ह य भी वसतरो की दहषट स अतयि हनादन लगिी ह परनि हवीथहि पर गौर करन स वीपषट हो जािा ह हक ऐसा नही ह कया समरिट पर सट पहन कर जाया जािा ह या हक राहि-कलबो म बकाद ओि कर इसस य भी वीपषट ह हक इहडया म नाररयो को इचछा-नसार पहनन-ओढन घमन-हफरन नाचन-गान की वीविििा ह चार फची गलि कहिा ह हक इहडया म बहि गरीबी ह उस ऐसा कछ हरकम ही दखकर लगा था उसकी सलाह पर आज ऐसी कछ हरकम दखी इनम टट-फट घरो म कछ हभिक-परकार क पराहरयो का जीवन हदखाया गया था सकषम दहषट डालन पर इन बहवीियो क पीछ खड़ हवशाल महल हदख जाि थ जहा स कछ आम आदमी आकर इन बहवीियो को हगराना चाहि हदखाए गए थ पर उनका उदशय इन झोपहड़यो की जगह महल बना कर पर इहणडया को एकाकार कर दना था समयाभाव म इनका बनाना हदखाया नही जा सका एक राजनिा न बिाया हक गरीबी को परचाररि करन क पीछ हवरोाी राजनीहिक दलो का दषपरचार ह जो मझ सो सतय लगा मझ िो इसम

चीन का हवीि होन की भी समभावना हदखी कयोहक ऎसी एक हफकम म हनादन लोग बार-बार माओ का नाम ल रह थ पाच ऐसा परिीि होिा ह हक इहडया म सभय लोगो की भाषा हहनदी ह य भाषा अरजी क शबदो और वीथानीय भाषा क कारको स बनी ह हबना पि-हलख लोग कई वीथानीय भाषाए बोलि ह परायः लोग कवल अरिी भी बोलि पाए जाि ह पर आम िौर पर अरिी क दो एक वाकयो क बाद हहनदी पर उिर आन की परवहतत ह नाहयकाए और हसतरया अरिी बोलना पसद करिी ह पर जब वो हहनदी बोलिी ह िो भी धवहन अरिी-सी ही आिी ह ऐसा परिीि होिा ह हक उनह भाषा की दीिा मलिः अरिी म हमली ह और हहनदी उनहोन हकसी हहनदी हफकम म काम करन क उददशय स सीखी ह गान अहपि हहनदी म ही गाय जाि ह पर वहा और भी कई भाषाओ का मल हदख पड़िा ह एक गीि िो ऐसा था हजसम बड़-बड़ नगाड़ो की िाल पर पजाबी नामक भाषा म बहि सारी अरिी और थोड़ी हहनदी हमलाई गयी थी ऐस कछ गीिो क रचहयिा कोई lsquoयो योrsquo नामक महाकहव ह जो अपन गीिो म यवाओ को कम महदरा या मादक पदाथो क सवन करन जस सावीकाररक सदश दि रहि ह इन गीिो क भावाथद जो भी हो इसम कनयाओ का नतय अदभि ह- शबदो को समझ हबना ही सभी अथद वीपषट हो जाि ह छह आज दहिर इहडया की कछ हरकम दख कर पिा चला हक इहणडया क इस भखड म परष अहि-शहिशाली और नाररया खब भरी-परी होिी ह नायक िो इिना चपल होिा ह हक चशमा हसगरट या हपवीिौल जस उपकरर पलक झपकि ही अपन शरीर क हवहवा हहवीसो पर अिररि कर लिा ह इस नायक क एक आघाि स खलनायक कई पलो िक वायमडल म गोि खािा ह और कभी-कभी िो आकाश म ही हवलीन हो जािा ह उार नाररया रग-हबरग कलशो और इनरानषी आकहियो क बीच मादक नतय करिी रहिी ह वहा का एक नायक िो सवद-शहिमान ईशवर क समकि ह उसकी शहियो क हवषय म अनक हकवदहिया परचहलि ह जो फ-ची क अनसार रजनी-जोकस नामक रथ म सगहीि ह साि कछ राजनीहिक हरकम दख कर ऐसा परिीि हआ हक इहणडया म सभी निाओ की अपराा करन-करान म गहरी रहच ह परायः समाज म खलनायक निा ही होिा ह य लोग सरा-सदररयो हहथयारो सनदर परासादो और चमकि वाहनो क बीच ही रहना पसद करि ह आवशयकिा पड़न या न पड़न हकसी भी हवीथहि म हकसी की हततया कर दना इनक वाम-हवीि का कमद ह बलातकार हि इनह यो िो सभी हकवीम की नाररया पसद ह पर नायक की बहन या परहमका पर हवशष कपा रखि ह ऐसा लगिा ह हक इनकी हदनचयाद हकसी षडयि स आरमभ होकर हकसी हततया पर समापत होिी ह इनक अगरिक चीनी यि कला म हसिहवीि होि ह और अवसर पाि ही सााारर मानवो पर ईया-ऊआ करि टट पड़ि ह एक राजनिा की कररिा दख कर िो मरा हघघघी नामक अग बा ही गया इहडया म इनही अहिमानवो म स जनपरहिहनहा चनन का परावाान मालम होिा ह चन हलए जान क बाद य परायः शवि वसतर ाारर करि ह और सभाओ म भाषर दि हफरि ह पर अििः अपराा क सभी सि उनस ही जड़ होि ह चनाव एक रोचक अवसर होिा ह जब ढर सार वाहनो म लोग रग हबरगी झहडयो क साथ नारा लगाि घमि ह आठ इहडया का य रग दख कर िो दग रह गया ह एक मदान म लाल पील हार नील िातपयद य की सभी परकार क रगो स सराबोर हिारो मनषय एक साथ नतय कर रह ह सबक

वसतर शवि ह िाहक रगो की छाप गहरी उभर गाज-बाज क साथ एक समह गीि गाया जा रहा ह हजसम गोररयो की चोली पर रग डालन की परररा दी जा रही ह चनररया को हभगोन पर हवशष जोर ह सदररया परषो स जोड़ बना कर मादक नतय कर रही ह रग जो ह उड़ भी रह ह बौछार बन कर बरस रह ह और चहरो पर पोि भी जा रह ह इहडया की इस रगीन छहव को दख कर हपछली सारी छहवया ााली हो गई ह ऐसा परिीि हो रहा ह हक मानो परा दश एक ही रग म रगा ह भल ही वह हिारो रगो म वयि हो रहा हो पिा चला ह हक य एक तयौहार ह हजस होली कहि ह एक हदन पहल इहडया क लोग होहलका जलाि ह हजसम अपनी बराईयो की आहहि डालि ह मन भी आज इहडया की बरी छहव बनान वाली हपछली हफकमो की सीडी एकि कर उनकी होहलका जला दी और उसकी राख इन बरगलान वाली हरकम दखन की सलाह दन वाल फ-ची क मह पर मल आया आज इहणडया की यािा की ियारी परी कर ली ह दो हदनो क पिाि होली ह उस दख हबना इहडया की यािा कस समपरद होगी य ह कमलश पाणडय जी और य ह उन का अनोखा वाला रङग जो मझ बहद पसनद ह इस आहटदकल को चाह िो माि मनोरञजन क हलय भी पिा जा सकिा ह और अगर कोई वयहि समय हनकाल कर इस की थाह को नापना चाह िो नपप भी सकिा ह कमलश भाई जी क एक हमि ह हवनोद हमशर हवनोद जी ररसणटली बरसाना हो कर आय ह हवनोद जी न साहहतयम क हलय बरसान की होली की दो बहि ही सनदर-सनदर िवीवीर भजी ह हवनोद जी का बहि-बहि आभार य ह वह दो िवीवीर -

डा वी क भकला

हजजजा सग होली

लगा कर भोग महावीर को और चिा कर फल बिीसा बड़ भहिभाव स पि रह थ हम िो हनमान चाहलसा महावीर जब नाम सनाव

भि हपचास हनकट नही आव िभी मरी साहलया आ कर बोली खलग हम जीजजा सग होली और मरी हसटटीहपटटी गम होली कािर वीवर म हमन पकारा

ह हनमि अब िरा सहारा सन पकार मरी हनमानजी धयान म आए

और मझस य ररमाए वतस म िो ठहरा बाल बरहमचारी

कस हर म हवपदा िमहारी इस लरड़ म मझ न लाओ

िमहारी घहटया ह िमही बजाओ पड़ा सकट मोचन नाम भी झठा हदखा गए हनमानजी भी अगठा

मरी साहलओ न जी भर की मरी पिाई दिा रहा हाए म दहाई

िभी शरीमिी जी बाहर स आई मझ दखि ही हचलाई

अजी सनि हो जरा बाहर आओ कोई लरगा घर म घस आया ह

उस मार कर बाहर भगाओ ाीर स मन खखारा

अरी भागवान य म ह पहि िमहारा िो शरीमिी जी िनक कर बोली

वाह मर छला बहि भाए हो सबह सबह कहो हकसस

मह काला करवा कर आए हो मन अपनी करर गाथा उस सनाई

िो शरीमिी जी हभननाई और अपनी बहनो को आवाि लगाई

कया मरा ही पहि हमला था मह काला करन क हलए

िो वो बहयाई स बोली दीदी अगली होली म

िम हमार पहियो का मह काला कर दना िमहारा सारा हशकवा हमट जाएगा हहसाब एक दम बरोबर हो जाएगा

हमन कछ वि क हलए बाहर हनकलना बद कर ह

यह सोच कर हक अगर हकसी न पछा हक िमहारा मह हकसन काला हकया

िो कया जवाब दगा

हवजनर शमाद

सरहद स आया नही होली पर कय लाल मा की आख रग स करिी रही सवाल

आखो को भी ह हगला कर हशकायि गाल बरी ख़द आया नही हभजवा हदया गलाल

कौन बजाव फाग प ढोल नगाड़ चग चारो िरर उदाहसया गायब हई उमग

मौक़ा था पर यार न डाला नही गलाल

मरझाय स ही रह मर दोनो गाल

हरि म थ यार सब दशमन भी था दग मन उसक गाल पर लगा हदया जब रग

इििार क रग म गयी बावरी डब होली पर इसबार भी आया ना महबब

और अब ररसहिया जी का एक और ाास सटायर ाास इसहलय हक समझ म नही आ रहा हक इनह खाङरसी कहा जाय हक हफर भीजफी बाला

आजकल बचार कालान की मरन ह कोई भी घपला होिा ह काल ान पर िोहमि लगिी ह बलक मनी की थ-थ होिी ह जस निा चमच क हबना महनि चल क हबना आईपीएल हरहकसग क हबना

अारा लगिा ह वस ही कोई भी घपला काल ान की चचाद क हबना अारा लगिा ह घपला अगर कोई

आाहनक जहटल कहविा ह िो काला ान उसका आम जनिा की समझ म आन वाला सरल अनवाद ह घोटाला यहद कोई अबझ हसिाि ह िो काला ान उसकी सहज टीका ह जस पाहटदया चद क हबना निा लफ़राजी क हबना लखक अपनी उपिा का रोना रोय हबना नही रह पािा वस ही दहनया का कोई भी बड़ा ानाा हबना काल ान क नही पनप सकिा दहनया म हजिन भी मजबि ाना ह चाह वह हहथयार का हो ामद का हो या हरर हशिा का ही कयो न हो सबकी बहनयाद म काल ान की सीमनट लगी ह काला ान न हो िो हवीवस बक रवीस बक होकर रह जाय अपन दश म हपछल बीस सालो म हजतता हवकास हआ ह काला ान उसस कई गना जयादा बिा ह गहरि की भाषा म कह िो हकसी भी आाहनक समाज का हवकास उस समाज म मौजद कालान की मािा का समानपािी होिा ह इस सबक बावजद कालान को लोग इजजि की हनगाह स नही दखि कालाान कमान वाला िक खलआम उसकी आलोचना ही करिा ह राजनीहिजञ चनाव भल काल ान क सहार लड़ लहकन सावदजहनक रप स कालान की ऐसी बराई करि ह जस वामपथी दहिरपहथयो की करि ह अमररकी कयबा की करि ह पाहकवीिान वाल भारि की करि िरह ह अपन परहि दहनया का यह दवदातमक इजजिवाद दखकर बचार कालान क हदल पर कया बीििी होगी दहनया क ाोख को दखकर उसका मन भी हजया खान की िरह लटककर हनपट जान का करिा होगा उसका भी मन करिा होगा हक सरकारी गवाह बन जाय और सबकी पोल खोल द हक कस िमाम लोगो स उसक अिरग सबा रह कस लोगो न उसका सहारा हलया आग बि और सहारा हलया लहकन जब सरलिा क हकवीस सनान की बारी आयी िो शरय अपनी महनि लगन और बहि को हदया कालान क योगदान की सरासर उपिा कर दी यह वसा ही ह हक हकसी दश क इहिहास म राजा राहनयो क हकवीस हलख जाय लहकन महनिकश जनिा की कहानी गोलकर दी जाय लहकन हरर कालाान शायद यह सोचकर चप रह जािा होगा हक अपरााी कोई भी हो लहकन बराई उसी की होनी ह बइजजिी िो उसी की खराब होनी ह इसक बाद शायद वह यह सोचकर चपचाप अपनी करििो म जट जािा होगा हक आजनही िो कल उसको वह इजजि अवशय हमलगी हजसका वह हकदार ह उसको भी खल आम उिनी ही वीवीकायदिा हमलगी हजिनी की आज समाज म जाहिवाद सकीरदिा भाई भिीजावाद भायवाद और काहहली को हमली ह काला ान सोचिा होगा- जस बाहकयो क हदन बहर कया पिा वस ही उसक भी बहर

और साहथयो चलि-चलि अपनी जड़ो की ओर - बरहमलीन सनि कहव हशवदीन राम (जोशी) की सनि-वारी आप ही क आधयाहतमक हशषय आदररीय शरी हकशोर पारीक [खणडला] जी क सौजनय स

गोकल व बरसान की नार बजाय-बजाय बजा रही िारी अर वनदावन की बनी व बनी बनक ठनक अरी द रही गारी

शयाम को शयामा सजाय सजी अहो और गलाल लगावि पयारी हशवदीन व जोरी स जोरी हमलीबरज खलि होरी ह बाक हबहारी

मगल समगल सदा ही आननद रह नदलाल

ि गलाल डार दख सखी आ रही राा मिवाली आली चाली रग डारन को

गोहपया हनराली गाली शयाम को सना रही सन-सन क शयामलाल सग-सग गवाल बाल

बाजि मदग िाल राा जी गा रही कहिा हशवदीन लाल ऐसी गलाल उड़ी

बादर बन लाल लाली चह ओर छा रही

बरज वनदावन ााम रग स रगा रगीला हरा मोहिया लाल रग ह पयारा पीला

ाम ााम स खल खल रह होरी दखो शयामा शयाम सजान और सग गोरी दखो

चह ओर हपचकाररया रग-रग की ाार हशवदीन सरस रस रहसक जन पीव करर-करर पयार

राम गर गायर

भारि की लोक समपदा फागन की फाग - आचायद सजीव वमाद सहलल भारि हवहवावरी लोक सवीकहि स सपनन- समि परमपराओ का दश ह इन परमपराओ म स एक लोकगीिो की ह ऋि पररविदन पर उतसवामी भारिीय जन-

मानस गायन-वादन और निदन की हिवरी परवाहहि कर आनहदि होि ह फागन वषािि िथा चि वषादरमभ क साथ-साथ फसलो क पकन क समय क सचक भी ह दहिरायनी सयद जस ही मकर राहश म परवश कर उततरायरी होि ह इस महादवीप म हदन की लमबाई और िापमान दोनो की वहि होन की लोकमानयिा ह सयद पजन गड़-हिल स हनहमदि पकवाननो का सवन और पिगबाजी क माधयम स गगनचमबी लोकानद की अहभवयहि सवदि दखी जा सकिी हमकर सकराहि हखचड़ी बसाखी पोगल आहद हवहवा नामो स यह लोकपवद सकल दश म मनाया जािा ह पवदराज होली स ही मधयोततर भारि म फागो की बयार बहन लगिी ह बदलखड म फाग बजभहम म नटनागर की लीलाए हचहिि करि रहसया और बााई गीि अवा म राम-हसया की जगल जोड़ी की होली-करीड़ा जन सामानय स लकर हवहशषट जनो िक को रसानद म आपादमवीिक डबा दि ह राम अवा स हनकाकर बदली माटी पर अपनी लीलाओ को हववीिार दि हए लमब समय िक हवचरि रह इसहलए बदली मानस उनस एकाकार होकर हर पवद-तयौहार पर ही नही हर हदन उनह याद कर जय राम जी की कहिा ह कषर का नागो स सघषद और पाडवो का अजञािवास नमददाचली बनदल भहम पर हआ गौरा-बौरा िो बदलखड क अपन ह हशवजा हशवातमजा हशवसिा हशवहपरया हशव वीवदोभवा आहद सजञाओ स समबोहाि आननददाहयनी नमददा िट पर बमबहलयो क साथ-साथ हशव-हशवा की लीलाओ स यि फाग गयी जाना वीवाभाहवक ह बदली फागो क एकछि समराट ह लोककहव ईसरी ईसरी न अपनी परहमका रजउ को अपन कहितव म अमर कर हदया ईसरी न फागो की एक हवहशषट शली चौघहड़या फाग को जनम हदया हम अपनी फाग चचाद चौघहड़या फागो स ही आरमभ करि ह ईसरी न अपनी पराकि परहिभा स रामीर मानव मन क उचवासो को सर-िाल क साथ समहनवि कर उपहिि और अनचीनही लोक भावनाओ को इन फागो म हपरोया ह रसराज शर गार क सयोग और हवयोग दोनो पि इन फागो म अदभि माायद क साथ वहरदि ह सदयवीनािा यविी की कशराहश पर मा ईसरी गा उठि ह ईसरी रााा जी क कानो म झल रह िरकला को उन दो िारो की िरह बिाि ह जो रााा जी क मख चनर क सौदयद क आग फीक फड़ गए ह कानन डल राहाका जी क लग िरकला नीक आनदकद चद क ऊपर िो िारागर फीक ईसरी की आराधया राहाका जी सदरी होन क साथ-साथ दीनो-दहखयो क दखहिाद भी ह मय बल राि राहाका जी को कर आसरा की कौ दीनदयाल दीन दःख दखन हजनको मख ह नीकौ पहटया कौन सगर न पारी लगी दहिन पयारी रचक घटी-बड़ी ह नया सास कसी ढारी िन रई आन सीस क ऊपर शयाम घटा सी कारी ईसर परार खान ज पहटया जब स िकी उघारी

कहव पछिा ह हक नाहयका की मोहक चोहटया हकस सघड़ न बनायी ह चोहटया जरा भी छोटी-बड़ी नही ह और आिी-जािी सासो की िरह हहल-डल रही ह व नाहयका क शीश क ऊपर शयामल मघो की िरह छाई ह ईसरी न जब स इस अनावतत कशराहश की सनदरिा को दखा ह उनकी जान हनकली जा रही ह ईसर की नाहयका ननो स िलवार चलािी ह दोई ननन की िरवार पयारी हफर उबार अलपान गजरान हसरोही सलमान झख मार ऐच बार मयान घघट की द काजर की ाार ईसर शयाम बरकि रहहयो अहायार उहजयार िलवार का वार िो हनकट स ही हकया जा सकिा ह नायक दर हो िो कया हकया जाए कया नाहयका उस य ही जान दगी यह िो हो ही नही सकिा नाहयका हनगाहो को बरछी स भी अहाक पन िीर बनाकर नायक का हरदय भदिी ह छट नन-बार इन खोरन हिरछी भौह मरोरन नोकदार बरछी स पन चलि करज फोरन नायक बचारा बचिा हफर रहा ह पर नाहयका उस जान दन क मड म नही ह िलवार और िीर क बाद वह अपनी काहिल हनगाहो को हपवीिौल बना लिी ह अहखया हपवीिौल सी करक मारन चाि समर क गोली बाज दरद की दार गज कर दि निर क इिन पर भी ईसरी जान हथली पर लकर नवयौवना नाहयका का गबखान करि नही अघाि जबना कड़ आय कर गहलया बला कसी कहलया ना हम दख जमि जमी म ना माली की बहगया सोन कस िबक चि ह बरछी कसी भहलया ईसर हाथ सभार ाररयो फटट न जाव गहदया लोक ईसरी की फाग-रचना क मल म उनकी परहमका रजऊ को मानिी ह रजऊ न हजस हदन गारो क साथ गल म काली काच की गररयो की लहड़यो स बन ४ छटा और हबचौली काच क मोहियो का हिदान जसा आभषर और चोली पहहनी उसक रप को दखकर दीवाना होकर हार झलन लगा ईसरी कहि ह हक रजऊ क सौदयद पर मा हए हबना कोई नही रह सकिा हजयना रजऊ न पनो गारो हरनी हजया हबरानो छटा चार हबचौली पर भर हफर गरदानो

जबनन ऊपर चोली पर लटक हार हदवानो ईसर कान बटकन नइया दख लव चह जवानो ईसरी को रजऊ की हरन (हचिवन) और हसन (हसी) नही भलिी हवशाल यौवन मिवाली चाल इकहरी पिली कमर बार की िरह िानी भौह हिरछी निर भलाय नही भलिी व निर क बार स मरन िक को ियार ह इसी बहान रजऊ एक बार उनकी ओर दख िो ल ऐसा समपदर ईसरी क अलावा और कौन कर सकिा ह हमख़ा हबसरि नही हबसारी हरन-हसन िमारी जबन हवशाल चाल मिवारी पिरी कमर इकारी भौह कमान बान स िान निर हिरीछी मारी ईसर कान हमारी कोदी िनक हर लो पयारी ईसरी क हलय रजऊ ही सवदवीव ह उनका जीवन-मरर सब कछ रजऊ ही ह व परभ-वीमरर की ही िरह रजऊ का नाम जपि हए मरन की कामना करि ह इसहलए कछ हवदवान रजऊ की सासाररक परहमका नही आदया माि शहि को उनक दवारा हदया गया समबोान मानि ह जौ जी रजऊ रजऊ क लान का काऊ स कान जौलो रहन रहि हजदगी रजऊ क हि कमान पला भोजन कर रजौआ पाछ क मोय खान रजऊ रजऊ कौ नाम ईसरी लि-लि मर जान ईसरी रहचि सहसतरो फाग चार कहड़यो (पहियो) म बाी होन क कारन चौकहड़या फाग कही जािी ह इनम सौदयद को पान क साथ-साथ पजन और उसक परहि मन-परार स समहपदि होन क आधयातमजहनि भावो की सहलला परवाहहि ह रचना हवाान य फाग ४ पहियो म हनबि ह हर पहि म २ चरर ह हवषम चरर (१ ३ ५ ७ ) म १६ िथा सम चरर (२ ४ ६ ८) म १२ मािाए ह चरराि म परायः गर मािाए ह हकनि कही-कही २ लघ मािाए भी हमलिी ह य फाग छद परभाकर क अनसार महाभागवि जािीय नर र छद म हनबि ह इस छद म खड़ी हहदी म रचनाए मर पिन म अब िक नही आयी ह ईसरी की एक फाग का खड़ी हहदी म रपािरर दहखए हकस चिरा न छोटी गथी लगिी बहद पयारी हकहचि छोटी-बड़ी न उठ-हगर रही सास सम नयारी मकट समान शीश पर शोहभि कषर मघ सी कारी हलय ल रही जान कश-छहव जब स हदखी उघारी नर र छद म एक चिषपदी दहखए

बाि बनाई हकसन कसी कौन हनभाय वाद सब सच समझ रही ह जनिा कहा फदकि पयाद राजा कौन विीर कौन हकसक बद-नक इराद हजसको चाह सहलल हजिा मि चाह उस हरा द बनदली लोकरग की सािी ईसरी की फाग सजीव बदलखड क महानिम लोककहव ईसरी क कावय म लोकजीवन क सावीकहिक साहहहतयक सामाहजक पि परी जीवनििा और रचनातमकिा क साथ उदघाहटि हए ह ईसरी का वहशषटय यह ह हक व िथाकहथि सभराििा या पाहडतय स कय भाषा शली आहद उाार नही लि व दशज रामीर लोक मकयो और परमपराओ को इिनी वीवाभाहवकिा परगाििा और अपनतव स अहकि करि ह हक उसक सममख हशषटिा-शालीनिा ओिहि सजदनाारा हवपनन परिीि होन लगिी ह उनका साहहतय पवीिकाकार रप म नही शरहि परपरा म सन-गाकर सहदयो िक जीहवि रखा गया बदलखड क जन-मन समराट महान लोककहव ईसरी की फाग गय परपरा क कारर लोक-वीमहि और लोक-मख म जीहवि रही सकलनकिाद कवर शरी दगद हसह न १९३१ स १९४१ क मधय इनका सकलन हकया शरी इलाशकर गहा न ाौराद राम (जहा ईसरी लमब समय रह थ) हनवाहसयो स सनकर फागो का सकलन हकया अपिाकि कम परचहलि हनमन फागो म ईसरी क नसहगदक कारहयिी परहिभा क साथ-साथ बनदली लोक परपरा हावीया एव शरीनगरहपरयिा क भी दशदन होि ह कषर-भि ईसरी वनदावन की माटी का महातमय कहि हए उस दविाओ क हलए भी दलदभ बिाि ह अपनी कवीन जीभ स चाटी वनदावन की माटी दरलभ भई हमली ना उनखो दई दविन डाटी हमल ना सकी अनकन हार पाव की पररपाटी पायो वीवाग काह न नइया मीठी ह की खाटी बाही रज बजबाहसन lsquoईसरrsquo हहसदारी म बाटी कदम कञज म खड़ कनहया राहगीरो को रावीिा भला दि ह इसहलए पहथक जमना की राह ही भल गय ह अथादि जमना स नही जाि हकसी को भला कर मजा लन की लोकरीि को ईसरी अचछा नही मानि और कषर को सलाह दि ह हक हकसी स अहाक हसी अचछी नही होिी आली मनमोहन क मार जमना गल हबसार जब दखो जब खडो कञज म गह कदम की डार जो कोउ भल जाि ह रवीिा बरबस आन हबगार जादा हसी नही काऊ स जा ना रीि हमार

lsquoईसरrsquo कौन चाल अब चहलए ज िौ परी पार राि भर घर स बाहर रह कषर को अपनी सफाई म कछ कहन का अवसर हमल हबना lsquoछहलयाrsquo का हखिाब दना ईसरी क ही बस की बाि ह ओइ घर जाब मरहलयाबार जहा राि रय पयार हर बाट मनइया बठी कर नन रिनार अब िौ कौनऊ काम िमारो नइया भवन हमार lsquoईसरrsquo कषर नद क छौना िम छहलया बजबार फगआ हो और रााा न खल यह कस हो सकिा ह कषर सर ह िो रााा सवा सर दोनो की लीलाओ का सजीव वरदन करि ह ईसरी मानो सािाि दख रह हो रााा न कषर की लकटी-कमररया छीन ली िो कषर न रााा क हसर स सारी खीच ली इिना ही हो िो गनीमि होली की मवीिी चरम पर हई िो रााा नटनागर बन गयी और कषर को नारी बना हदया खल फाग राहाका पयारी बज खोरन हगराारी इन भर बाह बास को टारो उन मारो हपचकारी इनन छीनी लकहट मरहलया उन छीनी हसर सारी ब िो आय नद क लाला ज बषभान दलारी अपन बनी नटनागर lsquoईसरrsquo उन बनाओ नारी अटारी क सीिी चिि घघर हनशबद हो गए फलो की सज पर बनवारी की नीद लग गयी रााा क आि ही यशोदा क अनाड़ी बट की बीन (बासरी) चोरी हो गयी कसी सहज-सरस ककपना ह चोरी गइ बीन हबहारी की जसदा क लाल अनारी की जाहमन अमल जगल क भीिर आवन भइ रााा पयारी की नपर सबद सनाक हखच रय हछहड़या चड़ि अटारी की बड़ी गलाम सज फलन की लग गइ नीद मरारी की काि lsquoईसरीrsquo घोरा प स उठा लई बनवारी की कषर रााा और गोहपयो क चगल म फस गय ह गोहपयो न अपन मनभावन कषर को पकड़कर सतरी बनान का उपकरम करन म कोई कसर नही छोड़ी कषर की बनमाला और मरली छीनकर हसर पर साड़ी उिा दी गयी रााा न उनह सभी आभषरो स सजाकर कमर म लहगा पहना हदया और सहखयो क सग फागन मनान म लीन हो गयी ह शर गार और हावीय का ऐसा जीवि शबद हचि ईसरी ही खीच सकि ह पकर गोहपन क मनभावन लागी नार बनावन छीन लई बनमाल मरहलया सारी सीस उड़ावन

सकल अभषन सज राहाका कहट लहगा पहरावन नारी भस बना क lsquoईसरrsquo फगआ लगी मगावन ईसरी परहमका स हनवदन करा रह ह हक वह अपन िीख नयनो का वार न कर हजरह-बखिर कछ न कर सक ग और दख ही दखि नयन-बार हदल क पार हो जायगा हकसी गरी वदय की औषहा भी काम नही आएगी ईसरी क दवाई िो हपरयिमा का दशदन ही ह पररय की ऐसी परगाि रसहसि अहभवयहि अपनी हमसाल आप ह नना ना मारो लग जह मरम पार हो जह बखिर हझलम कहा का लह ढाल पार कर जह औषद मर एक ना लहगह बद गनी का कह कहि lsquoईसरीrsquo सन लो पयारी दरस दबाई दह हनमन फाग म ईसरी नयनो की कथा कहि ह जो परदशी स लगकर हबगड़ गय बबादद हो गय ह य नयना अा हसपाही ह जो कभी लड़कर नही हार इनको बहि नाि स काजल की रखा भर-भरकर पाला ह हकनि य खो गए और इनस बहि आसओ स नयी की नयी सारी भीग गयी ह कसी माहमदक अहभवयहि ह नना परदसी स लग क भय बरबाद हबगरक नना मोर सर हसपाही कबऊ ना हार लरक ज नना बार स पाल काजर रख भरक lsquoईसरrsquo भीज गई नई सारी खोवन असआ ढरक शरगार क हवरह पि का परहिहनहातव करिी यह फाग ईसरी और उनकी परहमका रजऊ क हबछड़न की वयथा-कथा कहिी ह हबछरी सारस कसी जोरी रजो हमारी िोरी सङगसङग रह हनहस-बासर गर हलपटिी सोरी सो हो गई सपन की बाि अन हस बोल कोरी कछ हदनन को हिया अबादो हम बिा दो गोरी जबलो लागी रह lsquoईसरीrsquo आसा जी की मोरी ईसरी की य फाग शर गार क हमलन-हवरह पिो का हचिर करन क साथ-साथ हावीय क उदातत पि को भी सामन लािी ह इनम हसी-मजाक हसना-बोलना सभी कछ ह हकनि मयादहदि कही भी अशलीलिा का लश माि भी नही ह ईसरी की य फाग २८ मािी नरनर छद म रहचि ह इनम १६-१२ पर यहि का ईसरी न परी िरह पालन हकया ह सम चररानि म गर की अहाकिा ह हकनि २ लघ भी परापय ह इक फाग म ४ ५ या ६ िक पहिया हमलिी ह एक फाग की सभी पहियो म सम चररानि समान ह जबहक हवषम चररानि म लघ-गर का कोई बान नही ह

हम न गर हवीन और ख़शब ही को िोला होिा हफर िो हर पड़ गलाबो स भी हकका होिा उदाहरर क रप म समझा जाय िो एक मिदबा य भी समझा जा सकिा ह हक परमपराए हमशा पड़ या हफर पौा की िरह होिी ह और उन पर लगन वाल फल और उन फलो की ख़शबए आाहनक हवचाराारा समान यहद हम आाहनक हवचारााराओ ही को सबकछ समझ बठ ग िो य फल और ख़शबए कया आसमान स टपक ग समझन वाल इशारो को बहि जकद समझग बाय द टाइम आप इस अङक को पि रह हो ममहकन ह दहनया का एक बड़ा हहवीसा आप को होली की बराइया हगना रहा हो हम इिना ही हनवदन कर ग हक ldquoसपrdquo की िरह-िरह सार-सार को गह और थोथ को उड़ा फ क नीर-िीर-हववक हम सब की ामहनयो म यगो-यगो स परवाहमान ह अपन हववक का सदपयोग करि हय अचछी बािो को आग बिाए हमठाइयो क कारोबाररयो दवारा परोस जा रह अशि माल स परहि करि वक़ि याद रह हक कडबरी भी कोई अमि नही ह हर गली क नककड़ पर रङग हपचकारी वग़रह बचन वाल हमार कटीर उदयोग क खवनहार ह आप सभी को सपररवार होली की शभ-कामनाए

खहशयो का वीवागि कर हर आगन हर दवार| कछ ऐसा हो इस बरस होली का तयौहार||

होली हवषयक और भी सामरी मसलन छद ग़िल हजल नज़म कहविा गीि-नवगीि रहसया आलख कहानी कथा वग़रह पिन क हलय यहा हकलक कर

Page 24: Saahityam dec14 jan feb 15

बड़ चल हौ िम हनि कहव बनन कौ आयी न नक ह लाज या झठ रन कौ16

बालक भख घर सौ मस ह हफरि ह

टट ह पाि वसतरन क पबनद फटि ह17

मददि स हर बाररस यह छतत चआनी बस अब की बार ह सच फशद प आनी18

कहव-जन एक बाि म कहौ सहवचारी

मानौ न मानौ हौ अब आप अहाकारी19

रोजी-रोटी जब लौ नही हसि जगाड़ी कहव नही कबह कहव ननद अनाड़ी 20

- एन एल चिवदी नगीना उरद lsquoननदrsquo

साहहतयम पर आप लोग जो रसील और चटील वयङयालखो का रसावीवादन करि ह उस का हजममा भाई कमलश पाणडय जी न उठाया हआ ह कहन की आवशयकिा नही हक साहहतयम का कल कामकाज वीवहचछक और अविहनक ह आज क दौर म ऐस साहथयो का हमलना सौभाय ही कहा जायगा वस भी पसा सब कछ खरीद सकिा ह मगर समपदर की भावना नही कमलश जी वीवय भी एक बहिरीन वयङयकार ह कमलश जी क सटायसद की हवशषिा ldquoबारीक़ीrdquo ह आप बड़ ही हनराल अनदाि म पाठक को अपन साथ बहा ल जाि ह आइय कमलश जी क एक रसील और चटील वयङयालख का रसावीवादन करि ह-

फाहयान की हफकमी डायरी कमलश पाणडय

उस रोि फ-ची न बिाया हक भारि-भरमर पर जान स पहल वहा की कछ हफकम

दख ल िो पयादपत मागददशदन हमल सकिा ह फची कहिा ह हरकम हकसी भी समाज का दपदर होिी ह सो इनह दख लो सभव ह भारि जान की आवशयकिा ही न पड़ यही बठ-बठ भारि पर एक वहद रथ हलख सकि हो कल बािार स विदमान काल म बनी डि-दो सौ भारिीय हफकमो की सीडी क जलदवीय सवीकरर ल आया जो प-ईहचग क चोर-बािार म मोमो क एक पलट स भी सवीिी हमल गई आज परािः काल भजन-पजन क उपराि उनक अवलोकन क हलए बठ गया ह य एक नया ही ससार परिीि होिा ह फ-ची ठीक कहिा था हक चीन म फली भारि समबनाी भराहियो पर करद न ारो मझ सही मागददशदन दन वाल फ-ची को साावाद कहि हए अब आरमभ करिा ह एक आठ परहर स हनरिर भारिीय जीवन की इनरानषी छहवया दखि-दखि नि चहाया गए ह और महषिषक िो मानो हनहषकरय ही हो गया ह अभी थोड़ सरा-पान क उपराि जी

हकका हआ िो भारि- जो अब ईहनडया कहलान लगा ह ndash की आकहि कछ-कछ दहषटगोचर होन लगी ह य िो हनहिि ही ह हक इहणडया अतयि समि दश ह हफकम का नायक जो वीवय को आम-आदमी और हनादन मनषय बिािा ह एक बड़ स भवन म रहिा ह हडिाइनर परराान पहनिा ह चमकि वाहन पर यािायाि करिा ह और एक सनदरी स परम करिा ह कभी-कभी सदररयो की सखया एक स अहाक हो सकिी ह पर जब वह नतय रि होिा ह िो सदररया अनि होिी ह हजन ानाढय लोगो स उसकी शििा होिी ह उनक िो कया कहन उनकी जीवन शली चीन क समराट को भी लजा दन वाली ह वस अहाकाश हफकमो म नायक पहलस अहाकारी ह ऐसा परिीि होिा ह हक इहडया म सभी पहलस अहाकारी बनना चाहि ह हजसका कारर यही मालम होिा ह हक उनक घर और ठाट-बाट राजाओ स परहिवीपााद करि दीखि ह इसस िो यही लगिा ह हक इहडया म अब सवदहारा कोई नही बचा दो आम आदमी पर आााररि एक हफकम का अवलोकन करन क बाद इस हनषकषद पर जा पहचा ह हक इहडया क आम-आदमी सर-सपाट क शौकीन होि ह और परायः अपनी परहमका क साथ मनोरम वीथलो पर भरमरशील रहि ह उसकी परहमका वीवय को अतयि हनादन बिािी ह जो उसक अतयकप वसतरो को दख कर िो सतय परिीि होिा ह परनि जब उसक आभषरो और चरर पादका पर दहषट जािी ह िो थोड़ा सदह भी उतपनन होिा ह परायः य लोग कही आकाश स परसाररि होि सगीि पर गायन करन लगि ह िो हर बदलि लय क साथ वसतर वीथल और वाहनाहद बदल दि ह समहि का िब चरमोतकषद हदखिा ह जब य लोग गीि का हर अिरा हकसी अनय दश की भहम पर गाि ह और पलक झपकि ही उनह वहा पहचा दन वाला वाहन कही नही हदखिा हनिय ही वहा का हवजञान अभिपवद परगहि कर चका ह सभव ह वहा हर आम आदमी क पास अपना हनजी वाययान हो िीन आम आदमी की मोहक छहवयो वाल दशयो को दखि जी ही नही भरिा यह भी जञाि हआ हक इहडया एक अतयि सनदर दश ह जहा एक ही वीथल पर समर हहमाचछाहदि पवदि रहगवीिान और झरन ह कई एक वीथल िो ह-ब-ह हवीवटिरलड नामक दश क सामान ह य भी समभव ह हक आम आदमी क भरमर-लाभ हि इहडया म ही कही-कही यरोप-अमरीका आहद महादशो की परहिकहि रच ली गई ह गीिो क दशयो म िो य बाि एक दम हसि हो जािी ह जस ही नायक-नाहयका गायन परारमभ करि ह ढर-सारी सदररया नाचिी-गािी उनकी सगि करन आ जािी ह य भी वसतरो की दहषट स अतयि हनादन लगिी ह परनि हवीथहि पर गौर करन स वीपषट हो जािा ह हक ऐसा नही ह कया समरिट पर सट पहन कर जाया जािा ह या हक राहि-कलबो म बकाद ओि कर इसस य भी वीपषट ह हक इहडया म नाररयो को इचछा-नसार पहनन-ओढन घमन-हफरन नाचन-गान की वीविििा ह चार फची गलि कहिा ह हक इहडया म बहि गरीबी ह उस ऐसा कछ हरकम ही दखकर लगा था उसकी सलाह पर आज ऐसी कछ हरकम दखी इनम टट-फट घरो म कछ हभिक-परकार क पराहरयो का जीवन हदखाया गया था सकषम दहषट डालन पर इन बहवीियो क पीछ खड़ हवशाल महल हदख जाि थ जहा स कछ आम आदमी आकर इन बहवीियो को हगराना चाहि हदखाए गए थ पर उनका उदशय इन झोपहड़यो की जगह महल बना कर पर इहणडया को एकाकार कर दना था समयाभाव म इनका बनाना हदखाया नही जा सका एक राजनिा न बिाया हक गरीबी को परचाररि करन क पीछ हवरोाी राजनीहिक दलो का दषपरचार ह जो मझ सो सतय लगा मझ िो इसम

चीन का हवीि होन की भी समभावना हदखी कयोहक ऎसी एक हफकम म हनादन लोग बार-बार माओ का नाम ल रह थ पाच ऐसा परिीि होिा ह हक इहडया म सभय लोगो की भाषा हहनदी ह य भाषा अरजी क शबदो और वीथानीय भाषा क कारको स बनी ह हबना पि-हलख लोग कई वीथानीय भाषाए बोलि ह परायः लोग कवल अरिी भी बोलि पाए जाि ह पर आम िौर पर अरिी क दो एक वाकयो क बाद हहनदी पर उिर आन की परवहतत ह नाहयकाए और हसतरया अरिी बोलना पसद करिी ह पर जब वो हहनदी बोलिी ह िो भी धवहन अरिी-सी ही आिी ह ऐसा परिीि होिा ह हक उनह भाषा की दीिा मलिः अरिी म हमली ह और हहनदी उनहोन हकसी हहनदी हफकम म काम करन क उददशय स सीखी ह गान अहपि हहनदी म ही गाय जाि ह पर वहा और भी कई भाषाओ का मल हदख पड़िा ह एक गीि िो ऐसा था हजसम बड़-बड़ नगाड़ो की िाल पर पजाबी नामक भाषा म बहि सारी अरिी और थोड़ी हहनदी हमलाई गयी थी ऐस कछ गीिो क रचहयिा कोई lsquoयो योrsquo नामक महाकहव ह जो अपन गीिो म यवाओ को कम महदरा या मादक पदाथो क सवन करन जस सावीकाररक सदश दि रहि ह इन गीिो क भावाथद जो भी हो इसम कनयाओ का नतय अदभि ह- शबदो को समझ हबना ही सभी अथद वीपषट हो जाि ह छह आज दहिर इहडया की कछ हरकम दख कर पिा चला हक इहणडया क इस भखड म परष अहि-शहिशाली और नाररया खब भरी-परी होिी ह नायक िो इिना चपल होिा ह हक चशमा हसगरट या हपवीिौल जस उपकरर पलक झपकि ही अपन शरीर क हवहवा हहवीसो पर अिररि कर लिा ह इस नायक क एक आघाि स खलनायक कई पलो िक वायमडल म गोि खािा ह और कभी-कभी िो आकाश म ही हवलीन हो जािा ह उार नाररया रग-हबरग कलशो और इनरानषी आकहियो क बीच मादक नतय करिी रहिी ह वहा का एक नायक िो सवद-शहिमान ईशवर क समकि ह उसकी शहियो क हवषय म अनक हकवदहिया परचहलि ह जो फ-ची क अनसार रजनी-जोकस नामक रथ म सगहीि ह साि कछ राजनीहिक हरकम दख कर ऐसा परिीि हआ हक इहणडया म सभी निाओ की अपराा करन-करान म गहरी रहच ह परायः समाज म खलनायक निा ही होिा ह य लोग सरा-सदररयो हहथयारो सनदर परासादो और चमकि वाहनो क बीच ही रहना पसद करि ह आवशयकिा पड़न या न पड़न हकसी भी हवीथहि म हकसी की हततया कर दना इनक वाम-हवीि का कमद ह बलातकार हि इनह यो िो सभी हकवीम की नाररया पसद ह पर नायक की बहन या परहमका पर हवशष कपा रखि ह ऐसा लगिा ह हक इनकी हदनचयाद हकसी षडयि स आरमभ होकर हकसी हततया पर समापत होिी ह इनक अगरिक चीनी यि कला म हसिहवीि होि ह और अवसर पाि ही सााारर मानवो पर ईया-ऊआ करि टट पड़ि ह एक राजनिा की कररिा दख कर िो मरा हघघघी नामक अग बा ही गया इहडया म इनही अहिमानवो म स जनपरहिहनहा चनन का परावाान मालम होिा ह चन हलए जान क बाद य परायः शवि वसतर ाारर करि ह और सभाओ म भाषर दि हफरि ह पर अििः अपराा क सभी सि उनस ही जड़ होि ह चनाव एक रोचक अवसर होिा ह जब ढर सार वाहनो म लोग रग हबरगी झहडयो क साथ नारा लगाि घमि ह आठ इहडया का य रग दख कर िो दग रह गया ह एक मदान म लाल पील हार नील िातपयद य की सभी परकार क रगो स सराबोर हिारो मनषय एक साथ नतय कर रह ह सबक

वसतर शवि ह िाहक रगो की छाप गहरी उभर गाज-बाज क साथ एक समह गीि गाया जा रहा ह हजसम गोररयो की चोली पर रग डालन की परररा दी जा रही ह चनररया को हभगोन पर हवशष जोर ह सदररया परषो स जोड़ बना कर मादक नतय कर रही ह रग जो ह उड़ भी रह ह बौछार बन कर बरस रह ह और चहरो पर पोि भी जा रह ह इहडया की इस रगीन छहव को दख कर हपछली सारी छहवया ााली हो गई ह ऐसा परिीि हो रहा ह हक मानो परा दश एक ही रग म रगा ह भल ही वह हिारो रगो म वयि हो रहा हो पिा चला ह हक य एक तयौहार ह हजस होली कहि ह एक हदन पहल इहडया क लोग होहलका जलाि ह हजसम अपनी बराईयो की आहहि डालि ह मन भी आज इहडया की बरी छहव बनान वाली हपछली हफकमो की सीडी एकि कर उनकी होहलका जला दी और उसकी राख इन बरगलान वाली हरकम दखन की सलाह दन वाल फ-ची क मह पर मल आया आज इहणडया की यािा की ियारी परी कर ली ह दो हदनो क पिाि होली ह उस दख हबना इहडया की यािा कस समपरद होगी य ह कमलश पाणडय जी और य ह उन का अनोखा वाला रङग जो मझ बहद पसनद ह इस आहटदकल को चाह िो माि मनोरञजन क हलय भी पिा जा सकिा ह और अगर कोई वयहि समय हनकाल कर इस की थाह को नापना चाह िो नपप भी सकिा ह कमलश भाई जी क एक हमि ह हवनोद हमशर हवनोद जी ररसणटली बरसाना हो कर आय ह हवनोद जी न साहहतयम क हलय बरसान की होली की दो बहि ही सनदर-सनदर िवीवीर भजी ह हवनोद जी का बहि-बहि आभार य ह वह दो िवीवीर -

डा वी क भकला

हजजजा सग होली

लगा कर भोग महावीर को और चिा कर फल बिीसा बड़ भहिभाव स पि रह थ हम िो हनमान चाहलसा महावीर जब नाम सनाव

भि हपचास हनकट नही आव िभी मरी साहलया आ कर बोली खलग हम जीजजा सग होली और मरी हसटटीहपटटी गम होली कािर वीवर म हमन पकारा

ह हनमि अब िरा सहारा सन पकार मरी हनमानजी धयान म आए

और मझस य ररमाए वतस म िो ठहरा बाल बरहमचारी

कस हर म हवपदा िमहारी इस लरड़ म मझ न लाओ

िमहारी घहटया ह िमही बजाओ पड़ा सकट मोचन नाम भी झठा हदखा गए हनमानजी भी अगठा

मरी साहलओ न जी भर की मरी पिाई दिा रहा हाए म दहाई

िभी शरीमिी जी बाहर स आई मझ दखि ही हचलाई

अजी सनि हो जरा बाहर आओ कोई लरगा घर म घस आया ह

उस मार कर बाहर भगाओ ाीर स मन खखारा

अरी भागवान य म ह पहि िमहारा िो शरीमिी जी िनक कर बोली

वाह मर छला बहि भाए हो सबह सबह कहो हकसस

मह काला करवा कर आए हो मन अपनी करर गाथा उस सनाई

िो शरीमिी जी हभननाई और अपनी बहनो को आवाि लगाई

कया मरा ही पहि हमला था मह काला करन क हलए

िो वो बहयाई स बोली दीदी अगली होली म

िम हमार पहियो का मह काला कर दना िमहारा सारा हशकवा हमट जाएगा हहसाब एक दम बरोबर हो जाएगा

हमन कछ वि क हलए बाहर हनकलना बद कर ह

यह सोच कर हक अगर हकसी न पछा हक िमहारा मह हकसन काला हकया

िो कया जवाब दगा

हवजनर शमाद

सरहद स आया नही होली पर कय लाल मा की आख रग स करिी रही सवाल

आखो को भी ह हगला कर हशकायि गाल बरी ख़द आया नही हभजवा हदया गलाल

कौन बजाव फाग प ढोल नगाड़ चग चारो िरर उदाहसया गायब हई उमग

मौक़ा था पर यार न डाला नही गलाल

मरझाय स ही रह मर दोनो गाल

हरि म थ यार सब दशमन भी था दग मन उसक गाल पर लगा हदया जब रग

इििार क रग म गयी बावरी डब होली पर इसबार भी आया ना महबब

और अब ररसहिया जी का एक और ाास सटायर ाास इसहलय हक समझ म नही आ रहा हक इनह खाङरसी कहा जाय हक हफर भीजफी बाला

आजकल बचार कालान की मरन ह कोई भी घपला होिा ह काल ान पर िोहमि लगिी ह बलक मनी की थ-थ होिी ह जस निा चमच क हबना महनि चल क हबना आईपीएल हरहकसग क हबना

अारा लगिा ह वस ही कोई भी घपला काल ान की चचाद क हबना अारा लगिा ह घपला अगर कोई

आाहनक जहटल कहविा ह िो काला ान उसका आम जनिा की समझ म आन वाला सरल अनवाद ह घोटाला यहद कोई अबझ हसिाि ह िो काला ान उसकी सहज टीका ह जस पाहटदया चद क हबना निा लफ़राजी क हबना लखक अपनी उपिा का रोना रोय हबना नही रह पािा वस ही दहनया का कोई भी बड़ा ानाा हबना काल ान क नही पनप सकिा दहनया म हजिन भी मजबि ाना ह चाह वह हहथयार का हो ामद का हो या हरर हशिा का ही कयो न हो सबकी बहनयाद म काल ान की सीमनट लगी ह काला ान न हो िो हवीवस बक रवीस बक होकर रह जाय अपन दश म हपछल बीस सालो म हजतता हवकास हआ ह काला ान उसस कई गना जयादा बिा ह गहरि की भाषा म कह िो हकसी भी आाहनक समाज का हवकास उस समाज म मौजद कालान की मािा का समानपािी होिा ह इस सबक बावजद कालान को लोग इजजि की हनगाह स नही दखि कालाान कमान वाला िक खलआम उसकी आलोचना ही करिा ह राजनीहिजञ चनाव भल काल ान क सहार लड़ लहकन सावदजहनक रप स कालान की ऐसी बराई करि ह जस वामपथी दहिरपहथयो की करि ह अमररकी कयबा की करि ह पाहकवीिान वाल भारि की करि िरह ह अपन परहि दहनया का यह दवदातमक इजजिवाद दखकर बचार कालान क हदल पर कया बीििी होगी दहनया क ाोख को दखकर उसका मन भी हजया खान की िरह लटककर हनपट जान का करिा होगा उसका भी मन करिा होगा हक सरकारी गवाह बन जाय और सबकी पोल खोल द हक कस िमाम लोगो स उसक अिरग सबा रह कस लोगो न उसका सहारा हलया आग बि और सहारा हलया लहकन जब सरलिा क हकवीस सनान की बारी आयी िो शरय अपनी महनि लगन और बहि को हदया कालान क योगदान की सरासर उपिा कर दी यह वसा ही ह हक हकसी दश क इहिहास म राजा राहनयो क हकवीस हलख जाय लहकन महनिकश जनिा की कहानी गोलकर दी जाय लहकन हरर कालाान शायद यह सोचकर चप रह जािा होगा हक अपरााी कोई भी हो लहकन बराई उसी की होनी ह बइजजिी िो उसी की खराब होनी ह इसक बाद शायद वह यह सोचकर चपचाप अपनी करििो म जट जािा होगा हक आजनही िो कल उसको वह इजजि अवशय हमलगी हजसका वह हकदार ह उसको भी खल आम उिनी ही वीवीकायदिा हमलगी हजिनी की आज समाज म जाहिवाद सकीरदिा भाई भिीजावाद भायवाद और काहहली को हमली ह काला ान सोचिा होगा- जस बाहकयो क हदन बहर कया पिा वस ही उसक भी बहर

और साहथयो चलि-चलि अपनी जड़ो की ओर - बरहमलीन सनि कहव हशवदीन राम (जोशी) की सनि-वारी आप ही क आधयाहतमक हशषय आदररीय शरी हकशोर पारीक [खणडला] जी क सौजनय स

गोकल व बरसान की नार बजाय-बजाय बजा रही िारी अर वनदावन की बनी व बनी बनक ठनक अरी द रही गारी

शयाम को शयामा सजाय सजी अहो और गलाल लगावि पयारी हशवदीन व जोरी स जोरी हमलीबरज खलि होरी ह बाक हबहारी

मगल समगल सदा ही आननद रह नदलाल

ि गलाल डार दख सखी आ रही राा मिवाली आली चाली रग डारन को

गोहपया हनराली गाली शयाम को सना रही सन-सन क शयामलाल सग-सग गवाल बाल

बाजि मदग िाल राा जी गा रही कहिा हशवदीन लाल ऐसी गलाल उड़ी

बादर बन लाल लाली चह ओर छा रही

बरज वनदावन ााम रग स रगा रगीला हरा मोहिया लाल रग ह पयारा पीला

ाम ााम स खल खल रह होरी दखो शयामा शयाम सजान और सग गोरी दखो

चह ओर हपचकाररया रग-रग की ाार हशवदीन सरस रस रहसक जन पीव करर-करर पयार

राम गर गायर

भारि की लोक समपदा फागन की फाग - आचायद सजीव वमाद सहलल भारि हवहवावरी लोक सवीकहि स सपनन- समि परमपराओ का दश ह इन परमपराओ म स एक लोकगीिो की ह ऋि पररविदन पर उतसवामी भारिीय जन-

मानस गायन-वादन और निदन की हिवरी परवाहहि कर आनहदि होि ह फागन वषािि िथा चि वषादरमभ क साथ-साथ फसलो क पकन क समय क सचक भी ह दहिरायनी सयद जस ही मकर राहश म परवश कर उततरायरी होि ह इस महादवीप म हदन की लमबाई और िापमान दोनो की वहि होन की लोकमानयिा ह सयद पजन गड़-हिल स हनहमदि पकवाननो का सवन और पिगबाजी क माधयम स गगनचमबी लोकानद की अहभवयहि सवदि दखी जा सकिी हमकर सकराहि हखचड़ी बसाखी पोगल आहद हवहवा नामो स यह लोकपवद सकल दश म मनाया जािा ह पवदराज होली स ही मधयोततर भारि म फागो की बयार बहन लगिी ह बदलखड म फाग बजभहम म नटनागर की लीलाए हचहिि करि रहसया और बााई गीि अवा म राम-हसया की जगल जोड़ी की होली-करीड़ा जन सामानय स लकर हवहशषट जनो िक को रसानद म आपादमवीिक डबा दि ह राम अवा स हनकाकर बदली माटी पर अपनी लीलाओ को हववीिार दि हए लमब समय िक हवचरि रह इसहलए बदली मानस उनस एकाकार होकर हर पवद-तयौहार पर ही नही हर हदन उनह याद कर जय राम जी की कहिा ह कषर का नागो स सघषद और पाडवो का अजञािवास नमददाचली बनदल भहम पर हआ गौरा-बौरा िो बदलखड क अपन ह हशवजा हशवातमजा हशवसिा हशवहपरया हशव वीवदोभवा आहद सजञाओ स समबोहाि आननददाहयनी नमददा िट पर बमबहलयो क साथ-साथ हशव-हशवा की लीलाओ स यि फाग गयी जाना वीवाभाहवक ह बदली फागो क एकछि समराट ह लोककहव ईसरी ईसरी न अपनी परहमका रजउ को अपन कहितव म अमर कर हदया ईसरी न फागो की एक हवहशषट शली चौघहड़या फाग को जनम हदया हम अपनी फाग चचाद चौघहड़या फागो स ही आरमभ करि ह ईसरी न अपनी पराकि परहिभा स रामीर मानव मन क उचवासो को सर-िाल क साथ समहनवि कर उपहिि और अनचीनही लोक भावनाओ को इन फागो म हपरोया ह रसराज शर गार क सयोग और हवयोग दोनो पि इन फागो म अदभि माायद क साथ वहरदि ह सदयवीनािा यविी की कशराहश पर मा ईसरी गा उठि ह ईसरी रााा जी क कानो म झल रह िरकला को उन दो िारो की िरह बिाि ह जो रााा जी क मख चनर क सौदयद क आग फीक फड़ गए ह कानन डल राहाका जी क लग िरकला नीक आनदकद चद क ऊपर िो िारागर फीक ईसरी की आराधया राहाका जी सदरी होन क साथ-साथ दीनो-दहखयो क दखहिाद भी ह मय बल राि राहाका जी को कर आसरा की कौ दीनदयाल दीन दःख दखन हजनको मख ह नीकौ पहटया कौन सगर न पारी लगी दहिन पयारी रचक घटी-बड़ी ह नया सास कसी ढारी िन रई आन सीस क ऊपर शयाम घटा सी कारी ईसर परार खान ज पहटया जब स िकी उघारी

कहव पछिा ह हक नाहयका की मोहक चोहटया हकस सघड़ न बनायी ह चोहटया जरा भी छोटी-बड़ी नही ह और आिी-जािी सासो की िरह हहल-डल रही ह व नाहयका क शीश क ऊपर शयामल मघो की िरह छाई ह ईसरी न जब स इस अनावतत कशराहश की सनदरिा को दखा ह उनकी जान हनकली जा रही ह ईसर की नाहयका ननो स िलवार चलािी ह दोई ननन की िरवार पयारी हफर उबार अलपान गजरान हसरोही सलमान झख मार ऐच बार मयान घघट की द काजर की ाार ईसर शयाम बरकि रहहयो अहायार उहजयार िलवार का वार िो हनकट स ही हकया जा सकिा ह नायक दर हो िो कया हकया जाए कया नाहयका उस य ही जान दगी यह िो हो ही नही सकिा नाहयका हनगाहो को बरछी स भी अहाक पन िीर बनाकर नायक का हरदय भदिी ह छट नन-बार इन खोरन हिरछी भौह मरोरन नोकदार बरछी स पन चलि करज फोरन नायक बचारा बचिा हफर रहा ह पर नाहयका उस जान दन क मड म नही ह िलवार और िीर क बाद वह अपनी काहिल हनगाहो को हपवीिौल बना लिी ह अहखया हपवीिौल सी करक मारन चाि समर क गोली बाज दरद की दार गज कर दि निर क इिन पर भी ईसरी जान हथली पर लकर नवयौवना नाहयका का गबखान करि नही अघाि जबना कड़ आय कर गहलया बला कसी कहलया ना हम दख जमि जमी म ना माली की बहगया सोन कस िबक चि ह बरछी कसी भहलया ईसर हाथ सभार ाररयो फटट न जाव गहदया लोक ईसरी की फाग-रचना क मल म उनकी परहमका रजऊ को मानिी ह रजऊ न हजस हदन गारो क साथ गल म काली काच की गररयो की लहड़यो स बन ४ छटा और हबचौली काच क मोहियो का हिदान जसा आभषर और चोली पहहनी उसक रप को दखकर दीवाना होकर हार झलन लगा ईसरी कहि ह हक रजऊ क सौदयद पर मा हए हबना कोई नही रह सकिा हजयना रजऊ न पनो गारो हरनी हजया हबरानो छटा चार हबचौली पर भर हफर गरदानो

जबनन ऊपर चोली पर लटक हार हदवानो ईसर कान बटकन नइया दख लव चह जवानो ईसरी को रजऊ की हरन (हचिवन) और हसन (हसी) नही भलिी हवशाल यौवन मिवाली चाल इकहरी पिली कमर बार की िरह िानी भौह हिरछी निर भलाय नही भलिी व निर क बार स मरन िक को ियार ह इसी बहान रजऊ एक बार उनकी ओर दख िो ल ऐसा समपदर ईसरी क अलावा और कौन कर सकिा ह हमख़ा हबसरि नही हबसारी हरन-हसन िमारी जबन हवशाल चाल मिवारी पिरी कमर इकारी भौह कमान बान स िान निर हिरीछी मारी ईसर कान हमारी कोदी िनक हर लो पयारी ईसरी क हलय रजऊ ही सवदवीव ह उनका जीवन-मरर सब कछ रजऊ ही ह व परभ-वीमरर की ही िरह रजऊ का नाम जपि हए मरन की कामना करि ह इसहलए कछ हवदवान रजऊ की सासाररक परहमका नही आदया माि शहि को उनक दवारा हदया गया समबोान मानि ह जौ जी रजऊ रजऊ क लान का काऊ स कान जौलो रहन रहि हजदगी रजऊ क हि कमान पला भोजन कर रजौआ पाछ क मोय खान रजऊ रजऊ कौ नाम ईसरी लि-लि मर जान ईसरी रहचि सहसतरो फाग चार कहड़यो (पहियो) म बाी होन क कारन चौकहड़या फाग कही जािी ह इनम सौदयद को पान क साथ-साथ पजन और उसक परहि मन-परार स समहपदि होन क आधयातमजहनि भावो की सहलला परवाहहि ह रचना हवाान य फाग ४ पहियो म हनबि ह हर पहि म २ चरर ह हवषम चरर (१ ३ ५ ७ ) म १६ िथा सम चरर (२ ४ ६ ८) म १२ मािाए ह चरराि म परायः गर मािाए ह हकनि कही-कही २ लघ मािाए भी हमलिी ह य फाग छद परभाकर क अनसार महाभागवि जािीय नर र छद म हनबि ह इस छद म खड़ी हहदी म रचनाए मर पिन म अब िक नही आयी ह ईसरी की एक फाग का खड़ी हहदी म रपािरर दहखए हकस चिरा न छोटी गथी लगिी बहद पयारी हकहचि छोटी-बड़ी न उठ-हगर रही सास सम नयारी मकट समान शीश पर शोहभि कषर मघ सी कारी हलय ल रही जान कश-छहव जब स हदखी उघारी नर र छद म एक चिषपदी दहखए

बाि बनाई हकसन कसी कौन हनभाय वाद सब सच समझ रही ह जनिा कहा फदकि पयाद राजा कौन विीर कौन हकसक बद-नक इराद हजसको चाह सहलल हजिा मि चाह उस हरा द बनदली लोकरग की सािी ईसरी की फाग सजीव बदलखड क महानिम लोककहव ईसरी क कावय म लोकजीवन क सावीकहिक साहहहतयक सामाहजक पि परी जीवनििा और रचनातमकिा क साथ उदघाहटि हए ह ईसरी का वहशषटय यह ह हक व िथाकहथि सभराििा या पाहडतय स कय भाषा शली आहद उाार नही लि व दशज रामीर लोक मकयो और परमपराओ को इिनी वीवाभाहवकिा परगाििा और अपनतव स अहकि करि ह हक उसक सममख हशषटिा-शालीनिा ओिहि सजदनाारा हवपनन परिीि होन लगिी ह उनका साहहतय पवीिकाकार रप म नही शरहि परपरा म सन-गाकर सहदयो िक जीहवि रखा गया बदलखड क जन-मन समराट महान लोककहव ईसरी की फाग गय परपरा क कारर लोक-वीमहि और लोक-मख म जीहवि रही सकलनकिाद कवर शरी दगद हसह न १९३१ स १९४१ क मधय इनका सकलन हकया शरी इलाशकर गहा न ाौराद राम (जहा ईसरी लमब समय रह थ) हनवाहसयो स सनकर फागो का सकलन हकया अपिाकि कम परचहलि हनमन फागो म ईसरी क नसहगदक कारहयिी परहिभा क साथ-साथ बनदली लोक परपरा हावीया एव शरीनगरहपरयिा क भी दशदन होि ह कषर-भि ईसरी वनदावन की माटी का महातमय कहि हए उस दविाओ क हलए भी दलदभ बिाि ह अपनी कवीन जीभ स चाटी वनदावन की माटी दरलभ भई हमली ना उनखो दई दविन डाटी हमल ना सकी अनकन हार पाव की पररपाटी पायो वीवाग काह न नइया मीठी ह की खाटी बाही रज बजबाहसन lsquoईसरrsquo हहसदारी म बाटी कदम कञज म खड़ कनहया राहगीरो को रावीिा भला दि ह इसहलए पहथक जमना की राह ही भल गय ह अथादि जमना स नही जाि हकसी को भला कर मजा लन की लोकरीि को ईसरी अचछा नही मानि और कषर को सलाह दि ह हक हकसी स अहाक हसी अचछी नही होिी आली मनमोहन क मार जमना गल हबसार जब दखो जब खडो कञज म गह कदम की डार जो कोउ भल जाि ह रवीिा बरबस आन हबगार जादा हसी नही काऊ स जा ना रीि हमार

lsquoईसरrsquo कौन चाल अब चहलए ज िौ परी पार राि भर घर स बाहर रह कषर को अपनी सफाई म कछ कहन का अवसर हमल हबना lsquoछहलयाrsquo का हखिाब दना ईसरी क ही बस की बाि ह ओइ घर जाब मरहलयाबार जहा राि रय पयार हर बाट मनइया बठी कर नन रिनार अब िौ कौनऊ काम िमारो नइया भवन हमार lsquoईसरrsquo कषर नद क छौना िम छहलया बजबार फगआ हो और रााा न खल यह कस हो सकिा ह कषर सर ह िो रााा सवा सर दोनो की लीलाओ का सजीव वरदन करि ह ईसरी मानो सािाि दख रह हो रााा न कषर की लकटी-कमररया छीन ली िो कषर न रााा क हसर स सारी खीच ली इिना ही हो िो गनीमि होली की मवीिी चरम पर हई िो रााा नटनागर बन गयी और कषर को नारी बना हदया खल फाग राहाका पयारी बज खोरन हगराारी इन भर बाह बास को टारो उन मारो हपचकारी इनन छीनी लकहट मरहलया उन छीनी हसर सारी ब िो आय नद क लाला ज बषभान दलारी अपन बनी नटनागर lsquoईसरrsquo उन बनाओ नारी अटारी क सीिी चिि घघर हनशबद हो गए फलो की सज पर बनवारी की नीद लग गयी रााा क आि ही यशोदा क अनाड़ी बट की बीन (बासरी) चोरी हो गयी कसी सहज-सरस ककपना ह चोरी गइ बीन हबहारी की जसदा क लाल अनारी की जाहमन अमल जगल क भीिर आवन भइ रााा पयारी की नपर सबद सनाक हखच रय हछहड़या चड़ि अटारी की बड़ी गलाम सज फलन की लग गइ नीद मरारी की काि lsquoईसरीrsquo घोरा प स उठा लई बनवारी की कषर रााा और गोहपयो क चगल म फस गय ह गोहपयो न अपन मनभावन कषर को पकड़कर सतरी बनान का उपकरम करन म कोई कसर नही छोड़ी कषर की बनमाला और मरली छीनकर हसर पर साड़ी उिा दी गयी रााा न उनह सभी आभषरो स सजाकर कमर म लहगा पहना हदया और सहखयो क सग फागन मनान म लीन हो गयी ह शर गार और हावीय का ऐसा जीवि शबद हचि ईसरी ही खीच सकि ह पकर गोहपन क मनभावन लागी नार बनावन छीन लई बनमाल मरहलया सारी सीस उड़ावन

सकल अभषन सज राहाका कहट लहगा पहरावन नारी भस बना क lsquoईसरrsquo फगआ लगी मगावन ईसरी परहमका स हनवदन करा रह ह हक वह अपन िीख नयनो का वार न कर हजरह-बखिर कछ न कर सक ग और दख ही दखि नयन-बार हदल क पार हो जायगा हकसी गरी वदय की औषहा भी काम नही आएगी ईसरी क दवाई िो हपरयिमा का दशदन ही ह पररय की ऐसी परगाि रसहसि अहभवयहि अपनी हमसाल आप ह नना ना मारो लग जह मरम पार हो जह बखिर हझलम कहा का लह ढाल पार कर जह औषद मर एक ना लहगह बद गनी का कह कहि lsquoईसरीrsquo सन लो पयारी दरस दबाई दह हनमन फाग म ईसरी नयनो की कथा कहि ह जो परदशी स लगकर हबगड़ गय बबादद हो गय ह य नयना अा हसपाही ह जो कभी लड़कर नही हार इनको बहि नाि स काजल की रखा भर-भरकर पाला ह हकनि य खो गए और इनस बहि आसओ स नयी की नयी सारी भीग गयी ह कसी माहमदक अहभवयहि ह नना परदसी स लग क भय बरबाद हबगरक नना मोर सर हसपाही कबऊ ना हार लरक ज नना बार स पाल काजर रख भरक lsquoईसरrsquo भीज गई नई सारी खोवन असआ ढरक शरगार क हवरह पि का परहिहनहातव करिी यह फाग ईसरी और उनकी परहमका रजऊ क हबछड़न की वयथा-कथा कहिी ह हबछरी सारस कसी जोरी रजो हमारी िोरी सङगसङग रह हनहस-बासर गर हलपटिी सोरी सो हो गई सपन की बाि अन हस बोल कोरी कछ हदनन को हिया अबादो हम बिा दो गोरी जबलो लागी रह lsquoईसरीrsquo आसा जी की मोरी ईसरी की य फाग शर गार क हमलन-हवरह पिो का हचिर करन क साथ-साथ हावीय क उदातत पि को भी सामन लािी ह इनम हसी-मजाक हसना-बोलना सभी कछ ह हकनि मयादहदि कही भी अशलीलिा का लश माि भी नही ह ईसरी की य फाग २८ मािी नरनर छद म रहचि ह इनम १६-१२ पर यहि का ईसरी न परी िरह पालन हकया ह सम चररानि म गर की अहाकिा ह हकनि २ लघ भी परापय ह इक फाग म ४ ५ या ६ िक पहिया हमलिी ह एक फाग की सभी पहियो म सम चररानि समान ह जबहक हवषम चररानि म लघ-गर का कोई बान नही ह

हम न गर हवीन और ख़शब ही को िोला होिा हफर िो हर पड़ गलाबो स भी हकका होिा उदाहरर क रप म समझा जाय िो एक मिदबा य भी समझा जा सकिा ह हक परमपराए हमशा पड़ या हफर पौा की िरह होिी ह और उन पर लगन वाल फल और उन फलो की ख़शबए आाहनक हवचाराारा समान यहद हम आाहनक हवचारााराओ ही को सबकछ समझ बठ ग िो य फल और ख़शबए कया आसमान स टपक ग समझन वाल इशारो को बहि जकद समझग बाय द टाइम आप इस अङक को पि रह हो ममहकन ह दहनया का एक बड़ा हहवीसा आप को होली की बराइया हगना रहा हो हम इिना ही हनवदन कर ग हक ldquoसपrdquo की िरह-िरह सार-सार को गह और थोथ को उड़ा फ क नीर-िीर-हववक हम सब की ामहनयो म यगो-यगो स परवाहमान ह अपन हववक का सदपयोग करि हय अचछी बािो को आग बिाए हमठाइयो क कारोबाररयो दवारा परोस जा रह अशि माल स परहि करि वक़ि याद रह हक कडबरी भी कोई अमि नही ह हर गली क नककड़ पर रङग हपचकारी वग़रह बचन वाल हमार कटीर उदयोग क खवनहार ह आप सभी को सपररवार होली की शभ-कामनाए

खहशयो का वीवागि कर हर आगन हर दवार| कछ ऐसा हो इस बरस होली का तयौहार||

होली हवषयक और भी सामरी मसलन छद ग़िल हजल नज़म कहविा गीि-नवगीि रहसया आलख कहानी कथा वग़रह पिन क हलय यहा हकलक कर

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हकका हआ िो भारि- जो अब ईहनडया कहलान लगा ह ndash की आकहि कछ-कछ दहषटगोचर होन लगी ह य िो हनहिि ही ह हक इहणडया अतयि समि दश ह हफकम का नायक जो वीवय को आम-आदमी और हनादन मनषय बिािा ह एक बड़ स भवन म रहिा ह हडिाइनर परराान पहनिा ह चमकि वाहन पर यािायाि करिा ह और एक सनदरी स परम करिा ह कभी-कभी सदररयो की सखया एक स अहाक हो सकिी ह पर जब वह नतय रि होिा ह िो सदररया अनि होिी ह हजन ानाढय लोगो स उसकी शििा होिी ह उनक िो कया कहन उनकी जीवन शली चीन क समराट को भी लजा दन वाली ह वस अहाकाश हफकमो म नायक पहलस अहाकारी ह ऐसा परिीि होिा ह हक इहडया म सभी पहलस अहाकारी बनना चाहि ह हजसका कारर यही मालम होिा ह हक उनक घर और ठाट-बाट राजाओ स परहिवीपााद करि दीखि ह इसस िो यही लगिा ह हक इहडया म अब सवदहारा कोई नही बचा दो आम आदमी पर आााररि एक हफकम का अवलोकन करन क बाद इस हनषकषद पर जा पहचा ह हक इहडया क आम-आदमी सर-सपाट क शौकीन होि ह और परायः अपनी परहमका क साथ मनोरम वीथलो पर भरमरशील रहि ह उसकी परहमका वीवय को अतयि हनादन बिािी ह जो उसक अतयकप वसतरो को दख कर िो सतय परिीि होिा ह परनि जब उसक आभषरो और चरर पादका पर दहषट जािी ह िो थोड़ा सदह भी उतपनन होिा ह परायः य लोग कही आकाश स परसाररि होि सगीि पर गायन करन लगि ह िो हर बदलि लय क साथ वसतर वीथल और वाहनाहद बदल दि ह समहि का िब चरमोतकषद हदखिा ह जब य लोग गीि का हर अिरा हकसी अनय दश की भहम पर गाि ह और पलक झपकि ही उनह वहा पहचा दन वाला वाहन कही नही हदखिा हनिय ही वहा का हवजञान अभिपवद परगहि कर चका ह सभव ह वहा हर आम आदमी क पास अपना हनजी वाययान हो िीन आम आदमी की मोहक छहवयो वाल दशयो को दखि जी ही नही भरिा यह भी जञाि हआ हक इहडया एक अतयि सनदर दश ह जहा एक ही वीथल पर समर हहमाचछाहदि पवदि रहगवीिान और झरन ह कई एक वीथल िो ह-ब-ह हवीवटिरलड नामक दश क सामान ह य भी समभव ह हक आम आदमी क भरमर-लाभ हि इहडया म ही कही-कही यरोप-अमरीका आहद महादशो की परहिकहि रच ली गई ह गीिो क दशयो म िो य बाि एक दम हसि हो जािी ह जस ही नायक-नाहयका गायन परारमभ करि ह ढर-सारी सदररया नाचिी-गािी उनकी सगि करन आ जािी ह य भी वसतरो की दहषट स अतयि हनादन लगिी ह परनि हवीथहि पर गौर करन स वीपषट हो जािा ह हक ऐसा नही ह कया समरिट पर सट पहन कर जाया जािा ह या हक राहि-कलबो म बकाद ओि कर इसस य भी वीपषट ह हक इहडया म नाररयो को इचछा-नसार पहनन-ओढन घमन-हफरन नाचन-गान की वीविििा ह चार फची गलि कहिा ह हक इहडया म बहि गरीबी ह उस ऐसा कछ हरकम ही दखकर लगा था उसकी सलाह पर आज ऐसी कछ हरकम दखी इनम टट-फट घरो म कछ हभिक-परकार क पराहरयो का जीवन हदखाया गया था सकषम दहषट डालन पर इन बहवीियो क पीछ खड़ हवशाल महल हदख जाि थ जहा स कछ आम आदमी आकर इन बहवीियो को हगराना चाहि हदखाए गए थ पर उनका उदशय इन झोपहड़यो की जगह महल बना कर पर इहणडया को एकाकार कर दना था समयाभाव म इनका बनाना हदखाया नही जा सका एक राजनिा न बिाया हक गरीबी को परचाररि करन क पीछ हवरोाी राजनीहिक दलो का दषपरचार ह जो मझ सो सतय लगा मझ िो इसम

चीन का हवीि होन की भी समभावना हदखी कयोहक ऎसी एक हफकम म हनादन लोग बार-बार माओ का नाम ल रह थ पाच ऐसा परिीि होिा ह हक इहडया म सभय लोगो की भाषा हहनदी ह य भाषा अरजी क शबदो और वीथानीय भाषा क कारको स बनी ह हबना पि-हलख लोग कई वीथानीय भाषाए बोलि ह परायः लोग कवल अरिी भी बोलि पाए जाि ह पर आम िौर पर अरिी क दो एक वाकयो क बाद हहनदी पर उिर आन की परवहतत ह नाहयकाए और हसतरया अरिी बोलना पसद करिी ह पर जब वो हहनदी बोलिी ह िो भी धवहन अरिी-सी ही आिी ह ऐसा परिीि होिा ह हक उनह भाषा की दीिा मलिः अरिी म हमली ह और हहनदी उनहोन हकसी हहनदी हफकम म काम करन क उददशय स सीखी ह गान अहपि हहनदी म ही गाय जाि ह पर वहा और भी कई भाषाओ का मल हदख पड़िा ह एक गीि िो ऐसा था हजसम बड़-बड़ नगाड़ो की िाल पर पजाबी नामक भाषा म बहि सारी अरिी और थोड़ी हहनदी हमलाई गयी थी ऐस कछ गीिो क रचहयिा कोई lsquoयो योrsquo नामक महाकहव ह जो अपन गीिो म यवाओ को कम महदरा या मादक पदाथो क सवन करन जस सावीकाररक सदश दि रहि ह इन गीिो क भावाथद जो भी हो इसम कनयाओ का नतय अदभि ह- शबदो को समझ हबना ही सभी अथद वीपषट हो जाि ह छह आज दहिर इहडया की कछ हरकम दख कर पिा चला हक इहणडया क इस भखड म परष अहि-शहिशाली और नाररया खब भरी-परी होिी ह नायक िो इिना चपल होिा ह हक चशमा हसगरट या हपवीिौल जस उपकरर पलक झपकि ही अपन शरीर क हवहवा हहवीसो पर अिररि कर लिा ह इस नायक क एक आघाि स खलनायक कई पलो िक वायमडल म गोि खािा ह और कभी-कभी िो आकाश म ही हवलीन हो जािा ह उार नाररया रग-हबरग कलशो और इनरानषी आकहियो क बीच मादक नतय करिी रहिी ह वहा का एक नायक िो सवद-शहिमान ईशवर क समकि ह उसकी शहियो क हवषय म अनक हकवदहिया परचहलि ह जो फ-ची क अनसार रजनी-जोकस नामक रथ म सगहीि ह साि कछ राजनीहिक हरकम दख कर ऐसा परिीि हआ हक इहणडया म सभी निाओ की अपराा करन-करान म गहरी रहच ह परायः समाज म खलनायक निा ही होिा ह य लोग सरा-सदररयो हहथयारो सनदर परासादो और चमकि वाहनो क बीच ही रहना पसद करि ह आवशयकिा पड़न या न पड़न हकसी भी हवीथहि म हकसी की हततया कर दना इनक वाम-हवीि का कमद ह बलातकार हि इनह यो िो सभी हकवीम की नाररया पसद ह पर नायक की बहन या परहमका पर हवशष कपा रखि ह ऐसा लगिा ह हक इनकी हदनचयाद हकसी षडयि स आरमभ होकर हकसी हततया पर समापत होिी ह इनक अगरिक चीनी यि कला म हसिहवीि होि ह और अवसर पाि ही सााारर मानवो पर ईया-ऊआ करि टट पड़ि ह एक राजनिा की कररिा दख कर िो मरा हघघघी नामक अग बा ही गया इहडया म इनही अहिमानवो म स जनपरहिहनहा चनन का परावाान मालम होिा ह चन हलए जान क बाद य परायः शवि वसतर ाारर करि ह और सभाओ म भाषर दि हफरि ह पर अििः अपराा क सभी सि उनस ही जड़ होि ह चनाव एक रोचक अवसर होिा ह जब ढर सार वाहनो म लोग रग हबरगी झहडयो क साथ नारा लगाि घमि ह आठ इहडया का य रग दख कर िो दग रह गया ह एक मदान म लाल पील हार नील िातपयद य की सभी परकार क रगो स सराबोर हिारो मनषय एक साथ नतय कर रह ह सबक

वसतर शवि ह िाहक रगो की छाप गहरी उभर गाज-बाज क साथ एक समह गीि गाया जा रहा ह हजसम गोररयो की चोली पर रग डालन की परररा दी जा रही ह चनररया को हभगोन पर हवशष जोर ह सदररया परषो स जोड़ बना कर मादक नतय कर रही ह रग जो ह उड़ भी रह ह बौछार बन कर बरस रह ह और चहरो पर पोि भी जा रह ह इहडया की इस रगीन छहव को दख कर हपछली सारी छहवया ााली हो गई ह ऐसा परिीि हो रहा ह हक मानो परा दश एक ही रग म रगा ह भल ही वह हिारो रगो म वयि हो रहा हो पिा चला ह हक य एक तयौहार ह हजस होली कहि ह एक हदन पहल इहडया क लोग होहलका जलाि ह हजसम अपनी बराईयो की आहहि डालि ह मन भी आज इहडया की बरी छहव बनान वाली हपछली हफकमो की सीडी एकि कर उनकी होहलका जला दी और उसकी राख इन बरगलान वाली हरकम दखन की सलाह दन वाल फ-ची क मह पर मल आया आज इहणडया की यािा की ियारी परी कर ली ह दो हदनो क पिाि होली ह उस दख हबना इहडया की यािा कस समपरद होगी य ह कमलश पाणडय जी और य ह उन का अनोखा वाला रङग जो मझ बहद पसनद ह इस आहटदकल को चाह िो माि मनोरञजन क हलय भी पिा जा सकिा ह और अगर कोई वयहि समय हनकाल कर इस की थाह को नापना चाह िो नपप भी सकिा ह कमलश भाई जी क एक हमि ह हवनोद हमशर हवनोद जी ररसणटली बरसाना हो कर आय ह हवनोद जी न साहहतयम क हलय बरसान की होली की दो बहि ही सनदर-सनदर िवीवीर भजी ह हवनोद जी का बहि-बहि आभार य ह वह दो िवीवीर -

डा वी क भकला

हजजजा सग होली

लगा कर भोग महावीर को और चिा कर फल बिीसा बड़ भहिभाव स पि रह थ हम िो हनमान चाहलसा महावीर जब नाम सनाव

भि हपचास हनकट नही आव िभी मरी साहलया आ कर बोली खलग हम जीजजा सग होली और मरी हसटटीहपटटी गम होली कािर वीवर म हमन पकारा

ह हनमि अब िरा सहारा सन पकार मरी हनमानजी धयान म आए

और मझस य ररमाए वतस म िो ठहरा बाल बरहमचारी

कस हर म हवपदा िमहारी इस लरड़ म मझ न लाओ

िमहारी घहटया ह िमही बजाओ पड़ा सकट मोचन नाम भी झठा हदखा गए हनमानजी भी अगठा

मरी साहलओ न जी भर की मरी पिाई दिा रहा हाए म दहाई

िभी शरीमिी जी बाहर स आई मझ दखि ही हचलाई

अजी सनि हो जरा बाहर आओ कोई लरगा घर म घस आया ह

उस मार कर बाहर भगाओ ाीर स मन खखारा

अरी भागवान य म ह पहि िमहारा िो शरीमिी जी िनक कर बोली

वाह मर छला बहि भाए हो सबह सबह कहो हकसस

मह काला करवा कर आए हो मन अपनी करर गाथा उस सनाई

िो शरीमिी जी हभननाई और अपनी बहनो को आवाि लगाई

कया मरा ही पहि हमला था मह काला करन क हलए

िो वो बहयाई स बोली दीदी अगली होली म

िम हमार पहियो का मह काला कर दना िमहारा सारा हशकवा हमट जाएगा हहसाब एक दम बरोबर हो जाएगा

हमन कछ वि क हलए बाहर हनकलना बद कर ह

यह सोच कर हक अगर हकसी न पछा हक िमहारा मह हकसन काला हकया

िो कया जवाब दगा

हवजनर शमाद

सरहद स आया नही होली पर कय लाल मा की आख रग स करिी रही सवाल

आखो को भी ह हगला कर हशकायि गाल बरी ख़द आया नही हभजवा हदया गलाल

कौन बजाव फाग प ढोल नगाड़ चग चारो िरर उदाहसया गायब हई उमग

मौक़ा था पर यार न डाला नही गलाल

मरझाय स ही रह मर दोनो गाल

हरि म थ यार सब दशमन भी था दग मन उसक गाल पर लगा हदया जब रग

इििार क रग म गयी बावरी डब होली पर इसबार भी आया ना महबब

और अब ररसहिया जी का एक और ाास सटायर ाास इसहलय हक समझ म नही आ रहा हक इनह खाङरसी कहा जाय हक हफर भीजफी बाला

आजकल बचार कालान की मरन ह कोई भी घपला होिा ह काल ान पर िोहमि लगिी ह बलक मनी की थ-थ होिी ह जस निा चमच क हबना महनि चल क हबना आईपीएल हरहकसग क हबना

अारा लगिा ह वस ही कोई भी घपला काल ान की चचाद क हबना अारा लगिा ह घपला अगर कोई

आाहनक जहटल कहविा ह िो काला ान उसका आम जनिा की समझ म आन वाला सरल अनवाद ह घोटाला यहद कोई अबझ हसिाि ह िो काला ान उसकी सहज टीका ह जस पाहटदया चद क हबना निा लफ़राजी क हबना लखक अपनी उपिा का रोना रोय हबना नही रह पािा वस ही दहनया का कोई भी बड़ा ानाा हबना काल ान क नही पनप सकिा दहनया म हजिन भी मजबि ाना ह चाह वह हहथयार का हो ामद का हो या हरर हशिा का ही कयो न हो सबकी बहनयाद म काल ान की सीमनट लगी ह काला ान न हो िो हवीवस बक रवीस बक होकर रह जाय अपन दश म हपछल बीस सालो म हजतता हवकास हआ ह काला ान उसस कई गना जयादा बिा ह गहरि की भाषा म कह िो हकसी भी आाहनक समाज का हवकास उस समाज म मौजद कालान की मािा का समानपािी होिा ह इस सबक बावजद कालान को लोग इजजि की हनगाह स नही दखि कालाान कमान वाला िक खलआम उसकी आलोचना ही करिा ह राजनीहिजञ चनाव भल काल ान क सहार लड़ लहकन सावदजहनक रप स कालान की ऐसी बराई करि ह जस वामपथी दहिरपहथयो की करि ह अमररकी कयबा की करि ह पाहकवीिान वाल भारि की करि िरह ह अपन परहि दहनया का यह दवदातमक इजजिवाद दखकर बचार कालान क हदल पर कया बीििी होगी दहनया क ाोख को दखकर उसका मन भी हजया खान की िरह लटककर हनपट जान का करिा होगा उसका भी मन करिा होगा हक सरकारी गवाह बन जाय और सबकी पोल खोल द हक कस िमाम लोगो स उसक अिरग सबा रह कस लोगो न उसका सहारा हलया आग बि और सहारा हलया लहकन जब सरलिा क हकवीस सनान की बारी आयी िो शरय अपनी महनि लगन और बहि को हदया कालान क योगदान की सरासर उपिा कर दी यह वसा ही ह हक हकसी दश क इहिहास म राजा राहनयो क हकवीस हलख जाय लहकन महनिकश जनिा की कहानी गोलकर दी जाय लहकन हरर कालाान शायद यह सोचकर चप रह जािा होगा हक अपरााी कोई भी हो लहकन बराई उसी की होनी ह बइजजिी िो उसी की खराब होनी ह इसक बाद शायद वह यह सोचकर चपचाप अपनी करििो म जट जािा होगा हक आजनही िो कल उसको वह इजजि अवशय हमलगी हजसका वह हकदार ह उसको भी खल आम उिनी ही वीवीकायदिा हमलगी हजिनी की आज समाज म जाहिवाद सकीरदिा भाई भिीजावाद भायवाद और काहहली को हमली ह काला ान सोचिा होगा- जस बाहकयो क हदन बहर कया पिा वस ही उसक भी बहर

और साहथयो चलि-चलि अपनी जड़ो की ओर - बरहमलीन सनि कहव हशवदीन राम (जोशी) की सनि-वारी आप ही क आधयाहतमक हशषय आदररीय शरी हकशोर पारीक [खणडला] जी क सौजनय स

गोकल व बरसान की नार बजाय-बजाय बजा रही िारी अर वनदावन की बनी व बनी बनक ठनक अरी द रही गारी

शयाम को शयामा सजाय सजी अहो और गलाल लगावि पयारी हशवदीन व जोरी स जोरी हमलीबरज खलि होरी ह बाक हबहारी

मगल समगल सदा ही आननद रह नदलाल

ि गलाल डार दख सखी आ रही राा मिवाली आली चाली रग डारन को

गोहपया हनराली गाली शयाम को सना रही सन-सन क शयामलाल सग-सग गवाल बाल

बाजि मदग िाल राा जी गा रही कहिा हशवदीन लाल ऐसी गलाल उड़ी

बादर बन लाल लाली चह ओर छा रही

बरज वनदावन ााम रग स रगा रगीला हरा मोहिया लाल रग ह पयारा पीला

ाम ााम स खल खल रह होरी दखो शयामा शयाम सजान और सग गोरी दखो

चह ओर हपचकाररया रग-रग की ाार हशवदीन सरस रस रहसक जन पीव करर-करर पयार

राम गर गायर

भारि की लोक समपदा फागन की फाग - आचायद सजीव वमाद सहलल भारि हवहवावरी लोक सवीकहि स सपनन- समि परमपराओ का दश ह इन परमपराओ म स एक लोकगीिो की ह ऋि पररविदन पर उतसवामी भारिीय जन-

मानस गायन-वादन और निदन की हिवरी परवाहहि कर आनहदि होि ह फागन वषािि िथा चि वषादरमभ क साथ-साथ फसलो क पकन क समय क सचक भी ह दहिरायनी सयद जस ही मकर राहश म परवश कर उततरायरी होि ह इस महादवीप म हदन की लमबाई और िापमान दोनो की वहि होन की लोकमानयिा ह सयद पजन गड़-हिल स हनहमदि पकवाननो का सवन और पिगबाजी क माधयम स गगनचमबी लोकानद की अहभवयहि सवदि दखी जा सकिी हमकर सकराहि हखचड़ी बसाखी पोगल आहद हवहवा नामो स यह लोकपवद सकल दश म मनाया जािा ह पवदराज होली स ही मधयोततर भारि म फागो की बयार बहन लगिी ह बदलखड म फाग बजभहम म नटनागर की लीलाए हचहिि करि रहसया और बााई गीि अवा म राम-हसया की जगल जोड़ी की होली-करीड़ा जन सामानय स लकर हवहशषट जनो िक को रसानद म आपादमवीिक डबा दि ह राम अवा स हनकाकर बदली माटी पर अपनी लीलाओ को हववीिार दि हए लमब समय िक हवचरि रह इसहलए बदली मानस उनस एकाकार होकर हर पवद-तयौहार पर ही नही हर हदन उनह याद कर जय राम जी की कहिा ह कषर का नागो स सघषद और पाडवो का अजञािवास नमददाचली बनदल भहम पर हआ गौरा-बौरा िो बदलखड क अपन ह हशवजा हशवातमजा हशवसिा हशवहपरया हशव वीवदोभवा आहद सजञाओ स समबोहाि आननददाहयनी नमददा िट पर बमबहलयो क साथ-साथ हशव-हशवा की लीलाओ स यि फाग गयी जाना वीवाभाहवक ह बदली फागो क एकछि समराट ह लोककहव ईसरी ईसरी न अपनी परहमका रजउ को अपन कहितव म अमर कर हदया ईसरी न फागो की एक हवहशषट शली चौघहड़या फाग को जनम हदया हम अपनी फाग चचाद चौघहड़या फागो स ही आरमभ करि ह ईसरी न अपनी पराकि परहिभा स रामीर मानव मन क उचवासो को सर-िाल क साथ समहनवि कर उपहिि और अनचीनही लोक भावनाओ को इन फागो म हपरोया ह रसराज शर गार क सयोग और हवयोग दोनो पि इन फागो म अदभि माायद क साथ वहरदि ह सदयवीनािा यविी की कशराहश पर मा ईसरी गा उठि ह ईसरी रााा जी क कानो म झल रह िरकला को उन दो िारो की िरह बिाि ह जो रााा जी क मख चनर क सौदयद क आग फीक फड़ गए ह कानन डल राहाका जी क लग िरकला नीक आनदकद चद क ऊपर िो िारागर फीक ईसरी की आराधया राहाका जी सदरी होन क साथ-साथ दीनो-दहखयो क दखहिाद भी ह मय बल राि राहाका जी को कर आसरा की कौ दीनदयाल दीन दःख दखन हजनको मख ह नीकौ पहटया कौन सगर न पारी लगी दहिन पयारी रचक घटी-बड़ी ह नया सास कसी ढारी िन रई आन सीस क ऊपर शयाम घटा सी कारी ईसर परार खान ज पहटया जब स िकी उघारी

कहव पछिा ह हक नाहयका की मोहक चोहटया हकस सघड़ न बनायी ह चोहटया जरा भी छोटी-बड़ी नही ह और आिी-जािी सासो की िरह हहल-डल रही ह व नाहयका क शीश क ऊपर शयामल मघो की िरह छाई ह ईसरी न जब स इस अनावतत कशराहश की सनदरिा को दखा ह उनकी जान हनकली जा रही ह ईसर की नाहयका ननो स िलवार चलािी ह दोई ननन की िरवार पयारी हफर उबार अलपान गजरान हसरोही सलमान झख मार ऐच बार मयान घघट की द काजर की ाार ईसर शयाम बरकि रहहयो अहायार उहजयार िलवार का वार िो हनकट स ही हकया जा सकिा ह नायक दर हो िो कया हकया जाए कया नाहयका उस य ही जान दगी यह िो हो ही नही सकिा नाहयका हनगाहो को बरछी स भी अहाक पन िीर बनाकर नायक का हरदय भदिी ह छट नन-बार इन खोरन हिरछी भौह मरोरन नोकदार बरछी स पन चलि करज फोरन नायक बचारा बचिा हफर रहा ह पर नाहयका उस जान दन क मड म नही ह िलवार और िीर क बाद वह अपनी काहिल हनगाहो को हपवीिौल बना लिी ह अहखया हपवीिौल सी करक मारन चाि समर क गोली बाज दरद की दार गज कर दि निर क इिन पर भी ईसरी जान हथली पर लकर नवयौवना नाहयका का गबखान करि नही अघाि जबना कड़ आय कर गहलया बला कसी कहलया ना हम दख जमि जमी म ना माली की बहगया सोन कस िबक चि ह बरछी कसी भहलया ईसर हाथ सभार ाररयो फटट न जाव गहदया लोक ईसरी की फाग-रचना क मल म उनकी परहमका रजऊ को मानिी ह रजऊ न हजस हदन गारो क साथ गल म काली काच की गररयो की लहड़यो स बन ४ छटा और हबचौली काच क मोहियो का हिदान जसा आभषर और चोली पहहनी उसक रप को दखकर दीवाना होकर हार झलन लगा ईसरी कहि ह हक रजऊ क सौदयद पर मा हए हबना कोई नही रह सकिा हजयना रजऊ न पनो गारो हरनी हजया हबरानो छटा चार हबचौली पर भर हफर गरदानो

जबनन ऊपर चोली पर लटक हार हदवानो ईसर कान बटकन नइया दख लव चह जवानो ईसरी को रजऊ की हरन (हचिवन) और हसन (हसी) नही भलिी हवशाल यौवन मिवाली चाल इकहरी पिली कमर बार की िरह िानी भौह हिरछी निर भलाय नही भलिी व निर क बार स मरन िक को ियार ह इसी बहान रजऊ एक बार उनकी ओर दख िो ल ऐसा समपदर ईसरी क अलावा और कौन कर सकिा ह हमख़ा हबसरि नही हबसारी हरन-हसन िमारी जबन हवशाल चाल मिवारी पिरी कमर इकारी भौह कमान बान स िान निर हिरीछी मारी ईसर कान हमारी कोदी िनक हर लो पयारी ईसरी क हलय रजऊ ही सवदवीव ह उनका जीवन-मरर सब कछ रजऊ ही ह व परभ-वीमरर की ही िरह रजऊ का नाम जपि हए मरन की कामना करि ह इसहलए कछ हवदवान रजऊ की सासाररक परहमका नही आदया माि शहि को उनक दवारा हदया गया समबोान मानि ह जौ जी रजऊ रजऊ क लान का काऊ स कान जौलो रहन रहि हजदगी रजऊ क हि कमान पला भोजन कर रजौआ पाछ क मोय खान रजऊ रजऊ कौ नाम ईसरी लि-लि मर जान ईसरी रहचि सहसतरो फाग चार कहड़यो (पहियो) म बाी होन क कारन चौकहड़या फाग कही जािी ह इनम सौदयद को पान क साथ-साथ पजन और उसक परहि मन-परार स समहपदि होन क आधयातमजहनि भावो की सहलला परवाहहि ह रचना हवाान य फाग ४ पहियो म हनबि ह हर पहि म २ चरर ह हवषम चरर (१ ३ ५ ७ ) म १६ िथा सम चरर (२ ४ ६ ८) म १२ मािाए ह चरराि म परायः गर मािाए ह हकनि कही-कही २ लघ मािाए भी हमलिी ह य फाग छद परभाकर क अनसार महाभागवि जािीय नर र छद म हनबि ह इस छद म खड़ी हहदी म रचनाए मर पिन म अब िक नही आयी ह ईसरी की एक फाग का खड़ी हहदी म रपािरर दहखए हकस चिरा न छोटी गथी लगिी बहद पयारी हकहचि छोटी-बड़ी न उठ-हगर रही सास सम नयारी मकट समान शीश पर शोहभि कषर मघ सी कारी हलय ल रही जान कश-छहव जब स हदखी उघारी नर र छद म एक चिषपदी दहखए

बाि बनाई हकसन कसी कौन हनभाय वाद सब सच समझ रही ह जनिा कहा फदकि पयाद राजा कौन विीर कौन हकसक बद-नक इराद हजसको चाह सहलल हजिा मि चाह उस हरा द बनदली लोकरग की सािी ईसरी की फाग सजीव बदलखड क महानिम लोककहव ईसरी क कावय म लोकजीवन क सावीकहिक साहहहतयक सामाहजक पि परी जीवनििा और रचनातमकिा क साथ उदघाहटि हए ह ईसरी का वहशषटय यह ह हक व िथाकहथि सभराििा या पाहडतय स कय भाषा शली आहद उाार नही लि व दशज रामीर लोक मकयो और परमपराओ को इिनी वीवाभाहवकिा परगाििा और अपनतव स अहकि करि ह हक उसक सममख हशषटिा-शालीनिा ओिहि सजदनाारा हवपनन परिीि होन लगिी ह उनका साहहतय पवीिकाकार रप म नही शरहि परपरा म सन-गाकर सहदयो िक जीहवि रखा गया बदलखड क जन-मन समराट महान लोककहव ईसरी की फाग गय परपरा क कारर लोक-वीमहि और लोक-मख म जीहवि रही सकलनकिाद कवर शरी दगद हसह न १९३१ स १९४१ क मधय इनका सकलन हकया शरी इलाशकर गहा न ाौराद राम (जहा ईसरी लमब समय रह थ) हनवाहसयो स सनकर फागो का सकलन हकया अपिाकि कम परचहलि हनमन फागो म ईसरी क नसहगदक कारहयिी परहिभा क साथ-साथ बनदली लोक परपरा हावीया एव शरीनगरहपरयिा क भी दशदन होि ह कषर-भि ईसरी वनदावन की माटी का महातमय कहि हए उस दविाओ क हलए भी दलदभ बिाि ह अपनी कवीन जीभ स चाटी वनदावन की माटी दरलभ भई हमली ना उनखो दई दविन डाटी हमल ना सकी अनकन हार पाव की पररपाटी पायो वीवाग काह न नइया मीठी ह की खाटी बाही रज बजबाहसन lsquoईसरrsquo हहसदारी म बाटी कदम कञज म खड़ कनहया राहगीरो को रावीिा भला दि ह इसहलए पहथक जमना की राह ही भल गय ह अथादि जमना स नही जाि हकसी को भला कर मजा लन की लोकरीि को ईसरी अचछा नही मानि और कषर को सलाह दि ह हक हकसी स अहाक हसी अचछी नही होिी आली मनमोहन क मार जमना गल हबसार जब दखो जब खडो कञज म गह कदम की डार जो कोउ भल जाि ह रवीिा बरबस आन हबगार जादा हसी नही काऊ स जा ना रीि हमार

lsquoईसरrsquo कौन चाल अब चहलए ज िौ परी पार राि भर घर स बाहर रह कषर को अपनी सफाई म कछ कहन का अवसर हमल हबना lsquoछहलयाrsquo का हखिाब दना ईसरी क ही बस की बाि ह ओइ घर जाब मरहलयाबार जहा राि रय पयार हर बाट मनइया बठी कर नन रिनार अब िौ कौनऊ काम िमारो नइया भवन हमार lsquoईसरrsquo कषर नद क छौना िम छहलया बजबार फगआ हो और रााा न खल यह कस हो सकिा ह कषर सर ह िो रााा सवा सर दोनो की लीलाओ का सजीव वरदन करि ह ईसरी मानो सािाि दख रह हो रााा न कषर की लकटी-कमररया छीन ली िो कषर न रााा क हसर स सारी खीच ली इिना ही हो िो गनीमि होली की मवीिी चरम पर हई िो रााा नटनागर बन गयी और कषर को नारी बना हदया खल फाग राहाका पयारी बज खोरन हगराारी इन भर बाह बास को टारो उन मारो हपचकारी इनन छीनी लकहट मरहलया उन छीनी हसर सारी ब िो आय नद क लाला ज बषभान दलारी अपन बनी नटनागर lsquoईसरrsquo उन बनाओ नारी अटारी क सीिी चिि घघर हनशबद हो गए फलो की सज पर बनवारी की नीद लग गयी रााा क आि ही यशोदा क अनाड़ी बट की बीन (बासरी) चोरी हो गयी कसी सहज-सरस ककपना ह चोरी गइ बीन हबहारी की जसदा क लाल अनारी की जाहमन अमल जगल क भीिर आवन भइ रााा पयारी की नपर सबद सनाक हखच रय हछहड़या चड़ि अटारी की बड़ी गलाम सज फलन की लग गइ नीद मरारी की काि lsquoईसरीrsquo घोरा प स उठा लई बनवारी की कषर रााा और गोहपयो क चगल म फस गय ह गोहपयो न अपन मनभावन कषर को पकड़कर सतरी बनान का उपकरम करन म कोई कसर नही छोड़ी कषर की बनमाला और मरली छीनकर हसर पर साड़ी उिा दी गयी रााा न उनह सभी आभषरो स सजाकर कमर म लहगा पहना हदया और सहखयो क सग फागन मनान म लीन हो गयी ह शर गार और हावीय का ऐसा जीवि शबद हचि ईसरी ही खीच सकि ह पकर गोहपन क मनभावन लागी नार बनावन छीन लई बनमाल मरहलया सारी सीस उड़ावन

सकल अभषन सज राहाका कहट लहगा पहरावन नारी भस बना क lsquoईसरrsquo फगआ लगी मगावन ईसरी परहमका स हनवदन करा रह ह हक वह अपन िीख नयनो का वार न कर हजरह-बखिर कछ न कर सक ग और दख ही दखि नयन-बार हदल क पार हो जायगा हकसी गरी वदय की औषहा भी काम नही आएगी ईसरी क दवाई िो हपरयिमा का दशदन ही ह पररय की ऐसी परगाि रसहसि अहभवयहि अपनी हमसाल आप ह नना ना मारो लग जह मरम पार हो जह बखिर हझलम कहा का लह ढाल पार कर जह औषद मर एक ना लहगह बद गनी का कह कहि lsquoईसरीrsquo सन लो पयारी दरस दबाई दह हनमन फाग म ईसरी नयनो की कथा कहि ह जो परदशी स लगकर हबगड़ गय बबादद हो गय ह य नयना अा हसपाही ह जो कभी लड़कर नही हार इनको बहि नाि स काजल की रखा भर-भरकर पाला ह हकनि य खो गए और इनस बहि आसओ स नयी की नयी सारी भीग गयी ह कसी माहमदक अहभवयहि ह नना परदसी स लग क भय बरबाद हबगरक नना मोर सर हसपाही कबऊ ना हार लरक ज नना बार स पाल काजर रख भरक lsquoईसरrsquo भीज गई नई सारी खोवन असआ ढरक शरगार क हवरह पि का परहिहनहातव करिी यह फाग ईसरी और उनकी परहमका रजऊ क हबछड़न की वयथा-कथा कहिी ह हबछरी सारस कसी जोरी रजो हमारी िोरी सङगसङग रह हनहस-बासर गर हलपटिी सोरी सो हो गई सपन की बाि अन हस बोल कोरी कछ हदनन को हिया अबादो हम बिा दो गोरी जबलो लागी रह lsquoईसरीrsquo आसा जी की मोरी ईसरी की य फाग शर गार क हमलन-हवरह पिो का हचिर करन क साथ-साथ हावीय क उदातत पि को भी सामन लािी ह इनम हसी-मजाक हसना-बोलना सभी कछ ह हकनि मयादहदि कही भी अशलीलिा का लश माि भी नही ह ईसरी की य फाग २८ मािी नरनर छद म रहचि ह इनम १६-१२ पर यहि का ईसरी न परी िरह पालन हकया ह सम चररानि म गर की अहाकिा ह हकनि २ लघ भी परापय ह इक फाग म ४ ५ या ६ िक पहिया हमलिी ह एक फाग की सभी पहियो म सम चररानि समान ह जबहक हवषम चररानि म लघ-गर का कोई बान नही ह

हम न गर हवीन और ख़शब ही को िोला होिा हफर िो हर पड़ गलाबो स भी हकका होिा उदाहरर क रप म समझा जाय िो एक मिदबा य भी समझा जा सकिा ह हक परमपराए हमशा पड़ या हफर पौा की िरह होिी ह और उन पर लगन वाल फल और उन फलो की ख़शबए आाहनक हवचाराारा समान यहद हम आाहनक हवचारााराओ ही को सबकछ समझ बठ ग िो य फल और ख़शबए कया आसमान स टपक ग समझन वाल इशारो को बहि जकद समझग बाय द टाइम आप इस अङक को पि रह हो ममहकन ह दहनया का एक बड़ा हहवीसा आप को होली की बराइया हगना रहा हो हम इिना ही हनवदन कर ग हक ldquoसपrdquo की िरह-िरह सार-सार को गह और थोथ को उड़ा फ क नीर-िीर-हववक हम सब की ामहनयो म यगो-यगो स परवाहमान ह अपन हववक का सदपयोग करि हय अचछी बािो को आग बिाए हमठाइयो क कारोबाररयो दवारा परोस जा रह अशि माल स परहि करि वक़ि याद रह हक कडबरी भी कोई अमि नही ह हर गली क नककड़ पर रङग हपचकारी वग़रह बचन वाल हमार कटीर उदयोग क खवनहार ह आप सभी को सपररवार होली की शभ-कामनाए

खहशयो का वीवागि कर हर आगन हर दवार| कछ ऐसा हो इस बरस होली का तयौहार||

होली हवषयक और भी सामरी मसलन छद ग़िल हजल नज़म कहविा गीि-नवगीि रहसया आलख कहानी कथा वग़रह पिन क हलय यहा हकलक कर

Page 26: Saahityam dec14 jan feb 15

चीन का हवीि होन की भी समभावना हदखी कयोहक ऎसी एक हफकम म हनादन लोग बार-बार माओ का नाम ल रह थ पाच ऐसा परिीि होिा ह हक इहडया म सभय लोगो की भाषा हहनदी ह य भाषा अरजी क शबदो और वीथानीय भाषा क कारको स बनी ह हबना पि-हलख लोग कई वीथानीय भाषाए बोलि ह परायः लोग कवल अरिी भी बोलि पाए जाि ह पर आम िौर पर अरिी क दो एक वाकयो क बाद हहनदी पर उिर आन की परवहतत ह नाहयकाए और हसतरया अरिी बोलना पसद करिी ह पर जब वो हहनदी बोलिी ह िो भी धवहन अरिी-सी ही आिी ह ऐसा परिीि होिा ह हक उनह भाषा की दीिा मलिः अरिी म हमली ह और हहनदी उनहोन हकसी हहनदी हफकम म काम करन क उददशय स सीखी ह गान अहपि हहनदी म ही गाय जाि ह पर वहा और भी कई भाषाओ का मल हदख पड़िा ह एक गीि िो ऐसा था हजसम बड़-बड़ नगाड़ो की िाल पर पजाबी नामक भाषा म बहि सारी अरिी और थोड़ी हहनदी हमलाई गयी थी ऐस कछ गीिो क रचहयिा कोई lsquoयो योrsquo नामक महाकहव ह जो अपन गीिो म यवाओ को कम महदरा या मादक पदाथो क सवन करन जस सावीकाररक सदश दि रहि ह इन गीिो क भावाथद जो भी हो इसम कनयाओ का नतय अदभि ह- शबदो को समझ हबना ही सभी अथद वीपषट हो जाि ह छह आज दहिर इहडया की कछ हरकम दख कर पिा चला हक इहणडया क इस भखड म परष अहि-शहिशाली और नाररया खब भरी-परी होिी ह नायक िो इिना चपल होिा ह हक चशमा हसगरट या हपवीिौल जस उपकरर पलक झपकि ही अपन शरीर क हवहवा हहवीसो पर अिररि कर लिा ह इस नायक क एक आघाि स खलनायक कई पलो िक वायमडल म गोि खािा ह और कभी-कभी िो आकाश म ही हवलीन हो जािा ह उार नाररया रग-हबरग कलशो और इनरानषी आकहियो क बीच मादक नतय करिी रहिी ह वहा का एक नायक िो सवद-शहिमान ईशवर क समकि ह उसकी शहियो क हवषय म अनक हकवदहिया परचहलि ह जो फ-ची क अनसार रजनी-जोकस नामक रथ म सगहीि ह साि कछ राजनीहिक हरकम दख कर ऐसा परिीि हआ हक इहणडया म सभी निाओ की अपराा करन-करान म गहरी रहच ह परायः समाज म खलनायक निा ही होिा ह य लोग सरा-सदररयो हहथयारो सनदर परासादो और चमकि वाहनो क बीच ही रहना पसद करि ह आवशयकिा पड़न या न पड़न हकसी भी हवीथहि म हकसी की हततया कर दना इनक वाम-हवीि का कमद ह बलातकार हि इनह यो िो सभी हकवीम की नाररया पसद ह पर नायक की बहन या परहमका पर हवशष कपा रखि ह ऐसा लगिा ह हक इनकी हदनचयाद हकसी षडयि स आरमभ होकर हकसी हततया पर समापत होिी ह इनक अगरिक चीनी यि कला म हसिहवीि होि ह और अवसर पाि ही सााारर मानवो पर ईया-ऊआ करि टट पड़ि ह एक राजनिा की कररिा दख कर िो मरा हघघघी नामक अग बा ही गया इहडया म इनही अहिमानवो म स जनपरहिहनहा चनन का परावाान मालम होिा ह चन हलए जान क बाद य परायः शवि वसतर ाारर करि ह और सभाओ म भाषर दि हफरि ह पर अििः अपराा क सभी सि उनस ही जड़ होि ह चनाव एक रोचक अवसर होिा ह जब ढर सार वाहनो म लोग रग हबरगी झहडयो क साथ नारा लगाि घमि ह आठ इहडया का य रग दख कर िो दग रह गया ह एक मदान म लाल पील हार नील िातपयद य की सभी परकार क रगो स सराबोर हिारो मनषय एक साथ नतय कर रह ह सबक

वसतर शवि ह िाहक रगो की छाप गहरी उभर गाज-बाज क साथ एक समह गीि गाया जा रहा ह हजसम गोररयो की चोली पर रग डालन की परररा दी जा रही ह चनररया को हभगोन पर हवशष जोर ह सदररया परषो स जोड़ बना कर मादक नतय कर रही ह रग जो ह उड़ भी रह ह बौछार बन कर बरस रह ह और चहरो पर पोि भी जा रह ह इहडया की इस रगीन छहव को दख कर हपछली सारी छहवया ााली हो गई ह ऐसा परिीि हो रहा ह हक मानो परा दश एक ही रग म रगा ह भल ही वह हिारो रगो म वयि हो रहा हो पिा चला ह हक य एक तयौहार ह हजस होली कहि ह एक हदन पहल इहडया क लोग होहलका जलाि ह हजसम अपनी बराईयो की आहहि डालि ह मन भी आज इहडया की बरी छहव बनान वाली हपछली हफकमो की सीडी एकि कर उनकी होहलका जला दी और उसकी राख इन बरगलान वाली हरकम दखन की सलाह दन वाल फ-ची क मह पर मल आया आज इहणडया की यािा की ियारी परी कर ली ह दो हदनो क पिाि होली ह उस दख हबना इहडया की यािा कस समपरद होगी य ह कमलश पाणडय जी और य ह उन का अनोखा वाला रङग जो मझ बहद पसनद ह इस आहटदकल को चाह िो माि मनोरञजन क हलय भी पिा जा सकिा ह और अगर कोई वयहि समय हनकाल कर इस की थाह को नापना चाह िो नपप भी सकिा ह कमलश भाई जी क एक हमि ह हवनोद हमशर हवनोद जी ररसणटली बरसाना हो कर आय ह हवनोद जी न साहहतयम क हलय बरसान की होली की दो बहि ही सनदर-सनदर िवीवीर भजी ह हवनोद जी का बहि-बहि आभार य ह वह दो िवीवीर -

डा वी क भकला

हजजजा सग होली

लगा कर भोग महावीर को और चिा कर फल बिीसा बड़ भहिभाव स पि रह थ हम िो हनमान चाहलसा महावीर जब नाम सनाव

भि हपचास हनकट नही आव िभी मरी साहलया आ कर बोली खलग हम जीजजा सग होली और मरी हसटटीहपटटी गम होली कािर वीवर म हमन पकारा

ह हनमि अब िरा सहारा सन पकार मरी हनमानजी धयान म आए

और मझस य ररमाए वतस म िो ठहरा बाल बरहमचारी

कस हर म हवपदा िमहारी इस लरड़ म मझ न लाओ

िमहारी घहटया ह िमही बजाओ पड़ा सकट मोचन नाम भी झठा हदखा गए हनमानजी भी अगठा

मरी साहलओ न जी भर की मरी पिाई दिा रहा हाए म दहाई

िभी शरीमिी जी बाहर स आई मझ दखि ही हचलाई

अजी सनि हो जरा बाहर आओ कोई लरगा घर म घस आया ह

उस मार कर बाहर भगाओ ाीर स मन खखारा

अरी भागवान य म ह पहि िमहारा िो शरीमिी जी िनक कर बोली

वाह मर छला बहि भाए हो सबह सबह कहो हकसस

मह काला करवा कर आए हो मन अपनी करर गाथा उस सनाई

िो शरीमिी जी हभननाई और अपनी बहनो को आवाि लगाई

कया मरा ही पहि हमला था मह काला करन क हलए

िो वो बहयाई स बोली दीदी अगली होली म

िम हमार पहियो का मह काला कर दना िमहारा सारा हशकवा हमट जाएगा हहसाब एक दम बरोबर हो जाएगा

हमन कछ वि क हलए बाहर हनकलना बद कर ह

यह सोच कर हक अगर हकसी न पछा हक िमहारा मह हकसन काला हकया

िो कया जवाब दगा

हवजनर शमाद

सरहद स आया नही होली पर कय लाल मा की आख रग स करिी रही सवाल

आखो को भी ह हगला कर हशकायि गाल बरी ख़द आया नही हभजवा हदया गलाल

कौन बजाव फाग प ढोल नगाड़ चग चारो िरर उदाहसया गायब हई उमग

मौक़ा था पर यार न डाला नही गलाल

मरझाय स ही रह मर दोनो गाल

हरि म थ यार सब दशमन भी था दग मन उसक गाल पर लगा हदया जब रग

इििार क रग म गयी बावरी डब होली पर इसबार भी आया ना महबब

और अब ररसहिया जी का एक और ाास सटायर ाास इसहलय हक समझ म नही आ रहा हक इनह खाङरसी कहा जाय हक हफर भीजफी बाला

आजकल बचार कालान की मरन ह कोई भी घपला होिा ह काल ान पर िोहमि लगिी ह बलक मनी की थ-थ होिी ह जस निा चमच क हबना महनि चल क हबना आईपीएल हरहकसग क हबना

अारा लगिा ह वस ही कोई भी घपला काल ान की चचाद क हबना अारा लगिा ह घपला अगर कोई

आाहनक जहटल कहविा ह िो काला ान उसका आम जनिा की समझ म आन वाला सरल अनवाद ह घोटाला यहद कोई अबझ हसिाि ह िो काला ान उसकी सहज टीका ह जस पाहटदया चद क हबना निा लफ़राजी क हबना लखक अपनी उपिा का रोना रोय हबना नही रह पािा वस ही दहनया का कोई भी बड़ा ानाा हबना काल ान क नही पनप सकिा दहनया म हजिन भी मजबि ाना ह चाह वह हहथयार का हो ामद का हो या हरर हशिा का ही कयो न हो सबकी बहनयाद म काल ान की सीमनट लगी ह काला ान न हो िो हवीवस बक रवीस बक होकर रह जाय अपन दश म हपछल बीस सालो म हजतता हवकास हआ ह काला ान उसस कई गना जयादा बिा ह गहरि की भाषा म कह िो हकसी भी आाहनक समाज का हवकास उस समाज म मौजद कालान की मािा का समानपािी होिा ह इस सबक बावजद कालान को लोग इजजि की हनगाह स नही दखि कालाान कमान वाला िक खलआम उसकी आलोचना ही करिा ह राजनीहिजञ चनाव भल काल ान क सहार लड़ लहकन सावदजहनक रप स कालान की ऐसी बराई करि ह जस वामपथी दहिरपहथयो की करि ह अमररकी कयबा की करि ह पाहकवीिान वाल भारि की करि िरह ह अपन परहि दहनया का यह दवदातमक इजजिवाद दखकर बचार कालान क हदल पर कया बीििी होगी दहनया क ाोख को दखकर उसका मन भी हजया खान की िरह लटककर हनपट जान का करिा होगा उसका भी मन करिा होगा हक सरकारी गवाह बन जाय और सबकी पोल खोल द हक कस िमाम लोगो स उसक अिरग सबा रह कस लोगो न उसका सहारा हलया आग बि और सहारा हलया लहकन जब सरलिा क हकवीस सनान की बारी आयी िो शरय अपनी महनि लगन और बहि को हदया कालान क योगदान की सरासर उपिा कर दी यह वसा ही ह हक हकसी दश क इहिहास म राजा राहनयो क हकवीस हलख जाय लहकन महनिकश जनिा की कहानी गोलकर दी जाय लहकन हरर कालाान शायद यह सोचकर चप रह जािा होगा हक अपरााी कोई भी हो लहकन बराई उसी की होनी ह बइजजिी िो उसी की खराब होनी ह इसक बाद शायद वह यह सोचकर चपचाप अपनी करििो म जट जािा होगा हक आजनही िो कल उसको वह इजजि अवशय हमलगी हजसका वह हकदार ह उसको भी खल आम उिनी ही वीवीकायदिा हमलगी हजिनी की आज समाज म जाहिवाद सकीरदिा भाई भिीजावाद भायवाद और काहहली को हमली ह काला ान सोचिा होगा- जस बाहकयो क हदन बहर कया पिा वस ही उसक भी बहर

और साहथयो चलि-चलि अपनी जड़ो की ओर - बरहमलीन सनि कहव हशवदीन राम (जोशी) की सनि-वारी आप ही क आधयाहतमक हशषय आदररीय शरी हकशोर पारीक [खणडला] जी क सौजनय स

गोकल व बरसान की नार बजाय-बजाय बजा रही िारी अर वनदावन की बनी व बनी बनक ठनक अरी द रही गारी

शयाम को शयामा सजाय सजी अहो और गलाल लगावि पयारी हशवदीन व जोरी स जोरी हमलीबरज खलि होरी ह बाक हबहारी

मगल समगल सदा ही आननद रह नदलाल

ि गलाल डार दख सखी आ रही राा मिवाली आली चाली रग डारन को

गोहपया हनराली गाली शयाम को सना रही सन-सन क शयामलाल सग-सग गवाल बाल

बाजि मदग िाल राा जी गा रही कहिा हशवदीन लाल ऐसी गलाल उड़ी

बादर बन लाल लाली चह ओर छा रही

बरज वनदावन ााम रग स रगा रगीला हरा मोहिया लाल रग ह पयारा पीला

ाम ााम स खल खल रह होरी दखो शयामा शयाम सजान और सग गोरी दखो

चह ओर हपचकाररया रग-रग की ाार हशवदीन सरस रस रहसक जन पीव करर-करर पयार

राम गर गायर

भारि की लोक समपदा फागन की फाग - आचायद सजीव वमाद सहलल भारि हवहवावरी लोक सवीकहि स सपनन- समि परमपराओ का दश ह इन परमपराओ म स एक लोकगीिो की ह ऋि पररविदन पर उतसवामी भारिीय जन-

मानस गायन-वादन और निदन की हिवरी परवाहहि कर आनहदि होि ह फागन वषािि िथा चि वषादरमभ क साथ-साथ फसलो क पकन क समय क सचक भी ह दहिरायनी सयद जस ही मकर राहश म परवश कर उततरायरी होि ह इस महादवीप म हदन की लमबाई और िापमान दोनो की वहि होन की लोकमानयिा ह सयद पजन गड़-हिल स हनहमदि पकवाननो का सवन और पिगबाजी क माधयम स गगनचमबी लोकानद की अहभवयहि सवदि दखी जा सकिी हमकर सकराहि हखचड़ी बसाखी पोगल आहद हवहवा नामो स यह लोकपवद सकल दश म मनाया जािा ह पवदराज होली स ही मधयोततर भारि म फागो की बयार बहन लगिी ह बदलखड म फाग बजभहम म नटनागर की लीलाए हचहिि करि रहसया और बााई गीि अवा म राम-हसया की जगल जोड़ी की होली-करीड़ा जन सामानय स लकर हवहशषट जनो िक को रसानद म आपादमवीिक डबा दि ह राम अवा स हनकाकर बदली माटी पर अपनी लीलाओ को हववीिार दि हए लमब समय िक हवचरि रह इसहलए बदली मानस उनस एकाकार होकर हर पवद-तयौहार पर ही नही हर हदन उनह याद कर जय राम जी की कहिा ह कषर का नागो स सघषद और पाडवो का अजञािवास नमददाचली बनदल भहम पर हआ गौरा-बौरा िो बदलखड क अपन ह हशवजा हशवातमजा हशवसिा हशवहपरया हशव वीवदोभवा आहद सजञाओ स समबोहाि आननददाहयनी नमददा िट पर बमबहलयो क साथ-साथ हशव-हशवा की लीलाओ स यि फाग गयी जाना वीवाभाहवक ह बदली फागो क एकछि समराट ह लोककहव ईसरी ईसरी न अपनी परहमका रजउ को अपन कहितव म अमर कर हदया ईसरी न फागो की एक हवहशषट शली चौघहड़या फाग को जनम हदया हम अपनी फाग चचाद चौघहड़या फागो स ही आरमभ करि ह ईसरी न अपनी पराकि परहिभा स रामीर मानव मन क उचवासो को सर-िाल क साथ समहनवि कर उपहिि और अनचीनही लोक भावनाओ को इन फागो म हपरोया ह रसराज शर गार क सयोग और हवयोग दोनो पि इन फागो म अदभि माायद क साथ वहरदि ह सदयवीनािा यविी की कशराहश पर मा ईसरी गा उठि ह ईसरी रााा जी क कानो म झल रह िरकला को उन दो िारो की िरह बिाि ह जो रााा जी क मख चनर क सौदयद क आग फीक फड़ गए ह कानन डल राहाका जी क लग िरकला नीक आनदकद चद क ऊपर िो िारागर फीक ईसरी की आराधया राहाका जी सदरी होन क साथ-साथ दीनो-दहखयो क दखहिाद भी ह मय बल राि राहाका जी को कर आसरा की कौ दीनदयाल दीन दःख दखन हजनको मख ह नीकौ पहटया कौन सगर न पारी लगी दहिन पयारी रचक घटी-बड़ी ह नया सास कसी ढारी िन रई आन सीस क ऊपर शयाम घटा सी कारी ईसर परार खान ज पहटया जब स िकी उघारी

कहव पछिा ह हक नाहयका की मोहक चोहटया हकस सघड़ न बनायी ह चोहटया जरा भी छोटी-बड़ी नही ह और आिी-जािी सासो की िरह हहल-डल रही ह व नाहयका क शीश क ऊपर शयामल मघो की िरह छाई ह ईसरी न जब स इस अनावतत कशराहश की सनदरिा को दखा ह उनकी जान हनकली जा रही ह ईसर की नाहयका ननो स िलवार चलािी ह दोई ननन की िरवार पयारी हफर उबार अलपान गजरान हसरोही सलमान झख मार ऐच बार मयान घघट की द काजर की ाार ईसर शयाम बरकि रहहयो अहायार उहजयार िलवार का वार िो हनकट स ही हकया जा सकिा ह नायक दर हो िो कया हकया जाए कया नाहयका उस य ही जान दगी यह िो हो ही नही सकिा नाहयका हनगाहो को बरछी स भी अहाक पन िीर बनाकर नायक का हरदय भदिी ह छट नन-बार इन खोरन हिरछी भौह मरोरन नोकदार बरछी स पन चलि करज फोरन नायक बचारा बचिा हफर रहा ह पर नाहयका उस जान दन क मड म नही ह िलवार और िीर क बाद वह अपनी काहिल हनगाहो को हपवीिौल बना लिी ह अहखया हपवीिौल सी करक मारन चाि समर क गोली बाज दरद की दार गज कर दि निर क इिन पर भी ईसरी जान हथली पर लकर नवयौवना नाहयका का गबखान करि नही अघाि जबना कड़ आय कर गहलया बला कसी कहलया ना हम दख जमि जमी म ना माली की बहगया सोन कस िबक चि ह बरछी कसी भहलया ईसर हाथ सभार ाररयो फटट न जाव गहदया लोक ईसरी की फाग-रचना क मल म उनकी परहमका रजऊ को मानिी ह रजऊ न हजस हदन गारो क साथ गल म काली काच की गररयो की लहड़यो स बन ४ छटा और हबचौली काच क मोहियो का हिदान जसा आभषर और चोली पहहनी उसक रप को दखकर दीवाना होकर हार झलन लगा ईसरी कहि ह हक रजऊ क सौदयद पर मा हए हबना कोई नही रह सकिा हजयना रजऊ न पनो गारो हरनी हजया हबरानो छटा चार हबचौली पर भर हफर गरदानो

जबनन ऊपर चोली पर लटक हार हदवानो ईसर कान बटकन नइया दख लव चह जवानो ईसरी को रजऊ की हरन (हचिवन) और हसन (हसी) नही भलिी हवशाल यौवन मिवाली चाल इकहरी पिली कमर बार की िरह िानी भौह हिरछी निर भलाय नही भलिी व निर क बार स मरन िक को ियार ह इसी बहान रजऊ एक बार उनकी ओर दख िो ल ऐसा समपदर ईसरी क अलावा और कौन कर सकिा ह हमख़ा हबसरि नही हबसारी हरन-हसन िमारी जबन हवशाल चाल मिवारी पिरी कमर इकारी भौह कमान बान स िान निर हिरीछी मारी ईसर कान हमारी कोदी िनक हर लो पयारी ईसरी क हलय रजऊ ही सवदवीव ह उनका जीवन-मरर सब कछ रजऊ ही ह व परभ-वीमरर की ही िरह रजऊ का नाम जपि हए मरन की कामना करि ह इसहलए कछ हवदवान रजऊ की सासाररक परहमका नही आदया माि शहि को उनक दवारा हदया गया समबोान मानि ह जौ जी रजऊ रजऊ क लान का काऊ स कान जौलो रहन रहि हजदगी रजऊ क हि कमान पला भोजन कर रजौआ पाछ क मोय खान रजऊ रजऊ कौ नाम ईसरी लि-लि मर जान ईसरी रहचि सहसतरो फाग चार कहड़यो (पहियो) म बाी होन क कारन चौकहड़या फाग कही जािी ह इनम सौदयद को पान क साथ-साथ पजन और उसक परहि मन-परार स समहपदि होन क आधयातमजहनि भावो की सहलला परवाहहि ह रचना हवाान य फाग ४ पहियो म हनबि ह हर पहि म २ चरर ह हवषम चरर (१ ३ ५ ७ ) म १६ िथा सम चरर (२ ४ ६ ८) म १२ मािाए ह चरराि म परायः गर मािाए ह हकनि कही-कही २ लघ मािाए भी हमलिी ह य फाग छद परभाकर क अनसार महाभागवि जािीय नर र छद म हनबि ह इस छद म खड़ी हहदी म रचनाए मर पिन म अब िक नही आयी ह ईसरी की एक फाग का खड़ी हहदी म रपािरर दहखए हकस चिरा न छोटी गथी लगिी बहद पयारी हकहचि छोटी-बड़ी न उठ-हगर रही सास सम नयारी मकट समान शीश पर शोहभि कषर मघ सी कारी हलय ल रही जान कश-छहव जब स हदखी उघारी नर र छद म एक चिषपदी दहखए

बाि बनाई हकसन कसी कौन हनभाय वाद सब सच समझ रही ह जनिा कहा फदकि पयाद राजा कौन विीर कौन हकसक बद-नक इराद हजसको चाह सहलल हजिा मि चाह उस हरा द बनदली लोकरग की सािी ईसरी की फाग सजीव बदलखड क महानिम लोककहव ईसरी क कावय म लोकजीवन क सावीकहिक साहहहतयक सामाहजक पि परी जीवनििा और रचनातमकिा क साथ उदघाहटि हए ह ईसरी का वहशषटय यह ह हक व िथाकहथि सभराििा या पाहडतय स कय भाषा शली आहद उाार नही लि व दशज रामीर लोक मकयो और परमपराओ को इिनी वीवाभाहवकिा परगाििा और अपनतव स अहकि करि ह हक उसक सममख हशषटिा-शालीनिा ओिहि सजदनाारा हवपनन परिीि होन लगिी ह उनका साहहतय पवीिकाकार रप म नही शरहि परपरा म सन-गाकर सहदयो िक जीहवि रखा गया बदलखड क जन-मन समराट महान लोककहव ईसरी की फाग गय परपरा क कारर लोक-वीमहि और लोक-मख म जीहवि रही सकलनकिाद कवर शरी दगद हसह न १९३१ स १९४१ क मधय इनका सकलन हकया शरी इलाशकर गहा न ाौराद राम (जहा ईसरी लमब समय रह थ) हनवाहसयो स सनकर फागो का सकलन हकया अपिाकि कम परचहलि हनमन फागो म ईसरी क नसहगदक कारहयिी परहिभा क साथ-साथ बनदली लोक परपरा हावीया एव शरीनगरहपरयिा क भी दशदन होि ह कषर-भि ईसरी वनदावन की माटी का महातमय कहि हए उस दविाओ क हलए भी दलदभ बिाि ह अपनी कवीन जीभ स चाटी वनदावन की माटी दरलभ भई हमली ना उनखो दई दविन डाटी हमल ना सकी अनकन हार पाव की पररपाटी पायो वीवाग काह न नइया मीठी ह की खाटी बाही रज बजबाहसन lsquoईसरrsquo हहसदारी म बाटी कदम कञज म खड़ कनहया राहगीरो को रावीिा भला दि ह इसहलए पहथक जमना की राह ही भल गय ह अथादि जमना स नही जाि हकसी को भला कर मजा लन की लोकरीि को ईसरी अचछा नही मानि और कषर को सलाह दि ह हक हकसी स अहाक हसी अचछी नही होिी आली मनमोहन क मार जमना गल हबसार जब दखो जब खडो कञज म गह कदम की डार जो कोउ भल जाि ह रवीिा बरबस आन हबगार जादा हसी नही काऊ स जा ना रीि हमार

lsquoईसरrsquo कौन चाल अब चहलए ज िौ परी पार राि भर घर स बाहर रह कषर को अपनी सफाई म कछ कहन का अवसर हमल हबना lsquoछहलयाrsquo का हखिाब दना ईसरी क ही बस की बाि ह ओइ घर जाब मरहलयाबार जहा राि रय पयार हर बाट मनइया बठी कर नन रिनार अब िौ कौनऊ काम िमारो नइया भवन हमार lsquoईसरrsquo कषर नद क छौना िम छहलया बजबार फगआ हो और रााा न खल यह कस हो सकिा ह कषर सर ह िो रााा सवा सर दोनो की लीलाओ का सजीव वरदन करि ह ईसरी मानो सािाि दख रह हो रााा न कषर की लकटी-कमररया छीन ली िो कषर न रााा क हसर स सारी खीच ली इिना ही हो िो गनीमि होली की मवीिी चरम पर हई िो रााा नटनागर बन गयी और कषर को नारी बना हदया खल फाग राहाका पयारी बज खोरन हगराारी इन भर बाह बास को टारो उन मारो हपचकारी इनन छीनी लकहट मरहलया उन छीनी हसर सारी ब िो आय नद क लाला ज बषभान दलारी अपन बनी नटनागर lsquoईसरrsquo उन बनाओ नारी अटारी क सीिी चिि घघर हनशबद हो गए फलो की सज पर बनवारी की नीद लग गयी रााा क आि ही यशोदा क अनाड़ी बट की बीन (बासरी) चोरी हो गयी कसी सहज-सरस ककपना ह चोरी गइ बीन हबहारी की जसदा क लाल अनारी की जाहमन अमल जगल क भीिर आवन भइ रााा पयारी की नपर सबद सनाक हखच रय हछहड़या चड़ि अटारी की बड़ी गलाम सज फलन की लग गइ नीद मरारी की काि lsquoईसरीrsquo घोरा प स उठा लई बनवारी की कषर रााा और गोहपयो क चगल म फस गय ह गोहपयो न अपन मनभावन कषर को पकड़कर सतरी बनान का उपकरम करन म कोई कसर नही छोड़ी कषर की बनमाला और मरली छीनकर हसर पर साड़ी उिा दी गयी रााा न उनह सभी आभषरो स सजाकर कमर म लहगा पहना हदया और सहखयो क सग फागन मनान म लीन हो गयी ह शर गार और हावीय का ऐसा जीवि शबद हचि ईसरी ही खीच सकि ह पकर गोहपन क मनभावन लागी नार बनावन छीन लई बनमाल मरहलया सारी सीस उड़ावन

सकल अभषन सज राहाका कहट लहगा पहरावन नारी भस बना क lsquoईसरrsquo फगआ लगी मगावन ईसरी परहमका स हनवदन करा रह ह हक वह अपन िीख नयनो का वार न कर हजरह-बखिर कछ न कर सक ग और दख ही दखि नयन-बार हदल क पार हो जायगा हकसी गरी वदय की औषहा भी काम नही आएगी ईसरी क दवाई िो हपरयिमा का दशदन ही ह पररय की ऐसी परगाि रसहसि अहभवयहि अपनी हमसाल आप ह नना ना मारो लग जह मरम पार हो जह बखिर हझलम कहा का लह ढाल पार कर जह औषद मर एक ना लहगह बद गनी का कह कहि lsquoईसरीrsquo सन लो पयारी दरस दबाई दह हनमन फाग म ईसरी नयनो की कथा कहि ह जो परदशी स लगकर हबगड़ गय बबादद हो गय ह य नयना अा हसपाही ह जो कभी लड़कर नही हार इनको बहि नाि स काजल की रखा भर-भरकर पाला ह हकनि य खो गए और इनस बहि आसओ स नयी की नयी सारी भीग गयी ह कसी माहमदक अहभवयहि ह नना परदसी स लग क भय बरबाद हबगरक नना मोर सर हसपाही कबऊ ना हार लरक ज नना बार स पाल काजर रख भरक lsquoईसरrsquo भीज गई नई सारी खोवन असआ ढरक शरगार क हवरह पि का परहिहनहातव करिी यह फाग ईसरी और उनकी परहमका रजऊ क हबछड़न की वयथा-कथा कहिी ह हबछरी सारस कसी जोरी रजो हमारी िोरी सङगसङग रह हनहस-बासर गर हलपटिी सोरी सो हो गई सपन की बाि अन हस बोल कोरी कछ हदनन को हिया अबादो हम बिा दो गोरी जबलो लागी रह lsquoईसरीrsquo आसा जी की मोरी ईसरी की य फाग शर गार क हमलन-हवरह पिो का हचिर करन क साथ-साथ हावीय क उदातत पि को भी सामन लािी ह इनम हसी-मजाक हसना-बोलना सभी कछ ह हकनि मयादहदि कही भी अशलीलिा का लश माि भी नही ह ईसरी की य फाग २८ मािी नरनर छद म रहचि ह इनम १६-१२ पर यहि का ईसरी न परी िरह पालन हकया ह सम चररानि म गर की अहाकिा ह हकनि २ लघ भी परापय ह इक फाग म ४ ५ या ६ िक पहिया हमलिी ह एक फाग की सभी पहियो म सम चररानि समान ह जबहक हवषम चररानि म लघ-गर का कोई बान नही ह

हम न गर हवीन और ख़शब ही को िोला होिा हफर िो हर पड़ गलाबो स भी हकका होिा उदाहरर क रप म समझा जाय िो एक मिदबा य भी समझा जा सकिा ह हक परमपराए हमशा पड़ या हफर पौा की िरह होिी ह और उन पर लगन वाल फल और उन फलो की ख़शबए आाहनक हवचाराारा समान यहद हम आाहनक हवचारााराओ ही को सबकछ समझ बठ ग िो य फल और ख़शबए कया आसमान स टपक ग समझन वाल इशारो को बहि जकद समझग बाय द टाइम आप इस अङक को पि रह हो ममहकन ह दहनया का एक बड़ा हहवीसा आप को होली की बराइया हगना रहा हो हम इिना ही हनवदन कर ग हक ldquoसपrdquo की िरह-िरह सार-सार को गह और थोथ को उड़ा फ क नीर-िीर-हववक हम सब की ामहनयो म यगो-यगो स परवाहमान ह अपन हववक का सदपयोग करि हय अचछी बािो को आग बिाए हमठाइयो क कारोबाररयो दवारा परोस जा रह अशि माल स परहि करि वक़ि याद रह हक कडबरी भी कोई अमि नही ह हर गली क नककड़ पर रङग हपचकारी वग़रह बचन वाल हमार कटीर उदयोग क खवनहार ह आप सभी को सपररवार होली की शभ-कामनाए

खहशयो का वीवागि कर हर आगन हर दवार| कछ ऐसा हो इस बरस होली का तयौहार||

होली हवषयक और भी सामरी मसलन छद ग़िल हजल नज़म कहविा गीि-नवगीि रहसया आलख कहानी कथा वग़रह पिन क हलय यहा हकलक कर

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वसतर शवि ह िाहक रगो की छाप गहरी उभर गाज-बाज क साथ एक समह गीि गाया जा रहा ह हजसम गोररयो की चोली पर रग डालन की परररा दी जा रही ह चनररया को हभगोन पर हवशष जोर ह सदररया परषो स जोड़ बना कर मादक नतय कर रही ह रग जो ह उड़ भी रह ह बौछार बन कर बरस रह ह और चहरो पर पोि भी जा रह ह इहडया की इस रगीन छहव को दख कर हपछली सारी छहवया ााली हो गई ह ऐसा परिीि हो रहा ह हक मानो परा दश एक ही रग म रगा ह भल ही वह हिारो रगो म वयि हो रहा हो पिा चला ह हक य एक तयौहार ह हजस होली कहि ह एक हदन पहल इहडया क लोग होहलका जलाि ह हजसम अपनी बराईयो की आहहि डालि ह मन भी आज इहडया की बरी छहव बनान वाली हपछली हफकमो की सीडी एकि कर उनकी होहलका जला दी और उसकी राख इन बरगलान वाली हरकम दखन की सलाह दन वाल फ-ची क मह पर मल आया आज इहणडया की यािा की ियारी परी कर ली ह दो हदनो क पिाि होली ह उस दख हबना इहडया की यािा कस समपरद होगी य ह कमलश पाणडय जी और य ह उन का अनोखा वाला रङग जो मझ बहद पसनद ह इस आहटदकल को चाह िो माि मनोरञजन क हलय भी पिा जा सकिा ह और अगर कोई वयहि समय हनकाल कर इस की थाह को नापना चाह िो नपप भी सकिा ह कमलश भाई जी क एक हमि ह हवनोद हमशर हवनोद जी ररसणटली बरसाना हो कर आय ह हवनोद जी न साहहतयम क हलय बरसान की होली की दो बहि ही सनदर-सनदर िवीवीर भजी ह हवनोद जी का बहि-बहि आभार य ह वह दो िवीवीर -

डा वी क भकला

हजजजा सग होली

लगा कर भोग महावीर को और चिा कर फल बिीसा बड़ भहिभाव स पि रह थ हम िो हनमान चाहलसा महावीर जब नाम सनाव

भि हपचास हनकट नही आव िभी मरी साहलया आ कर बोली खलग हम जीजजा सग होली और मरी हसटटीहपटटी गम होली कािर वीवर म हमन पकारा

ह हनमि अब िरा सहारा सन पकार मरी हनमानजी धयान म आए

और मझस य ररमाए वतस म िो ठहरा बाल बरहमचारी

कस हर म हवपदा िमहारी इस लरड़ म मझ न लाओ

िमहारी घहटया ह िमही बजाओ पड़ा सकट मोचन नाम भी झठा हदखा गए हनमानजी भी अगठा

मरी साहलओ न जी भर की मरी पिाई दिा रहा हाए म दहाई

िभी शरीमिी जी बाहर स आई मझ दखि ही हचलाई

अजी सनि हो जरा बाहर आओ कोई लरगा घर म घस आया ह

उस मार कर बाहर भगाओ ाीर स मन खखारा

अरी भागवान य म ह पहि िमहारा िो शरीमिी जी िनक कर बोली

वाह मर छला बहि भाए हो सबह सबह कहो हकसस

मह काला करवा कर आए हो मन अपनी करर गाथा उस सनाई

िो शरीमिी जी हभननाई और अपनी बहनो को आवाि लगाई

कया मरा ही पहि हमला था मह काला करन क हलए

िो वो बहयाई स बोली दीदी अगली होली म

िम हमार पहियो का मह काला कर दना िमहारा सारा हशकवा हमट जाएगा हहसाब एक दम बरोबर हो जाएगा

हमन कछ वि क हलए बाहर हनकलना बद कर ह

यह सोच कर हक अगर हकसी न पछा हक िमहारा मह हकसन काला हकया

िो कया जवाब दगा

हवजनर शमाद

सरहद स आया नही होली पर कय लाल मा की आख रग स करिी रही सवाल

आखो को भी ह हगला कर हशकायि गाल बरी ख़द आया नही हभजवा हदया गलाल

कौन बजाव फाग प ढोल नगाड़ चग चारो िरर उदाहसया गायब हई उमग

मौक़ा था पर यार न डाला नही गलाल

मरझाय स ही रह मर दोनो गाल

हरि म थ यार सब दशमन भी था दग मन उसक गाल पर लगा हदया जब रग

इििार क रग म गयी बावरी डब होली पर इसबार भी आया ना महबब

और अब ररसहिया जी का एक और ाास सटायर ाास इसहलय हक समझ म नही आ रहा हक इनह खाङरसी कहा जाय हक हफर भीजफी बाला

आजकल बचार कालान की मरन ह कोई भी घपला होिा ह काल ान पर िोहमि लगिी ह बलक मनी की थ-थ होिी ह जस निा चमच क हबना महनि चल क हबना आईपीएल हरहकसग क हबना

अारा लगिा ह वस ही कोई भी घपला काल ान की चचाद क हबना अारा लगिा ह घपला अगर कोई

आाहनक जहटल कहविा ह िो काला ान उसका आम जनिा की समझ म आन वाला सरल अनवाद ह घोटाला यहद कोई अबझ हसिाि ह िो काला ान उसकी सहज टीका ह जस पाहटदया चद क हबना निा लफ़राजी क हबना लखक अपनी उपिा का रोना रोय हबना नही रह पािा वस ही दहनया का कोई भी बड़ा ानाा हबना काल ान क नही पनप सकिा दहनया म हजिन भी मजबि ाना ह चाह वह हहथयार का हो ामद का हो या हरर हशिा का ही कयो न हो सबकी बहनयाद म काल ान की सीमनट लगी ह काला ान न हो िो हवीवस बक रवीस बक होकर रह जाय अपन दश म हपछल बीस सालो म हजतता हवकास हआ ह काला ान उसस कई गना जयादा बिा ह गहरि की भाषा म कह िो हकसी भी आाहनक समाज का हवकास उस समाज म मौजद कालान की मािा का समानपािी होिा ह इस सबक बावजद कालान को लोग इजजि की हनगाह स नही दखि कालाान कमान वाला िक खलआम उसकी आलोचना ही करिा ह राजनीहिजञ चनाव भल काल ान क सहार लड़ लहकन सावदजहनक रप स कालान की ऐसी बराई करि ह जस वामपथी दहिरपहथयो की करि ह अमररकी कयबा की करि ह पाहकवीिान वाल भारि की करि िरह ह अपन परहि दहनया का यह दवदातमक इजजिवाद दखकर बचार कालान क हदल पर कया बीििी होगी दहनया क ाोख को दखकर उसका मन भी हजया खान की िरह लटककर हनपट जान का करिा होगा उसका भी मन करिा होगा हक सरकारी गवाह बन जाय और सबकी पोल खोल द हक कस िमाम लोगो स उसक अिरग सबा रह कस लोगो न उसका सहारा हलया आग बि और सहारा हलया लहकन जब सरलिा क हकवीस सनान की बारी आयी िो शरय अपनी महनि लगन और बहि को हदया कालान क योगदान की सरासर उपिा कर दी यह वसा ही ह हक हकसी दश क इहिहास म राजा राहनयो क हकवीस हलख जाय लहकन महनिकश जनिा की कहानी गोलकर दी जाय लहकन हरर कालाान शायद यह सोचकर चप रह जािा होगा हक अपरााी कोई भी हो लहकन बराई उसी की होनी ह बइजजिी िो उसी की खराब होनी ह इसक बाद शायद वह यह सोचकर चपचाप अपनी करििो म जट जािा होगा हक आजनही िो कल उसको वह इजजि अवशय हमलगी हजसका वह हकदार ह उसको भी खल आम उिनी ही वीवीकायदिा हमलगी हजिनी की आज समाज म जाहिवाद सकीरदिा भाई भिीजावाद भायवाद और काहहली को हमली ह काला ान सोचिा होगा- जस बाहकयो क हदन बहर कया पिा वस ही उसक भी बहर

और साहथयो चलि-चलि अपनी जड़ो की ओर - बरहमलीन सनि कहव हशवदीन राम (जोशी) की सनि-वारी आप ही क आधयाहतमक हशषय आदररीय शरी हकशोर पारीक [खणडला] जी क सौजनय स

गोकल व बरसान की नार बजाय-बजाय बजा रही िारी अर वनदावन की बनी व बनी बनक ठनक अरी द रही गारी

शयाम को शयामा सजाय सजी अहो और गलाल लगावि पयारी हशवदीन व जोरी स जोरी हमलीबरज खलि होरी ह बाक हबहारी

मगल समगल सदा ही आननद रह नदलाल

ि गलाल डार दख सखी आ रही राा मिवाली आली चाली रग डारन को

गोहपया हनराली गाली शयाम को सना रही सन-सन क शयामलाल सग-सग गवाल बाल

बाजि मदग िाल राा जी गा रही कहिा हशवदीन लाल ऐसी गलाल उड़ी

बादर बन लाल लाली चह ओर छा रही

बरज वनदावन ााम रग स रगा रगीला हरा मोहिया लाल रग ह पयारा पीला

ाम ााम स खल खल रह होरी दखो शयामा शयाम सजान और सग गोरी दखो

चह ओर हपचकाररया रग-रग की ाार हशवदीन सरस रस रहसक जन पीव करर-करर पयार

राम गर गायर

भारि की लोक समपदा फागन की फाग - आचायद सजीव वमाद सहलल भारि हवहवावरी लोक सवीकहि स सपनन- समि परमपराओ का दश ह इन परमपराओ म स एक लोकगीिो की ह ऋि पररविदन पर उतसवामी भारिीय जन-

मानस गायन-वादन और निदन की हिवरी परवाहहि कर आनहदि होि ह फागन वषािि िथा चि वषादरमभ क साथ-साथ फसलो क पकन क समय क सचक भी ह दहिरायनी सयद जस ही मकर राहश म परवश कर उततरायरी होि ह इस महादवीप म हदन की लमबाई और िापमान दोनो की वहि होन की लोकमानयिा ह सयद पजन गड़-हिल स हनहमदि पकवाननो का सवन और पिगबाजी क माधयम स गगनचमबी लोकानद की अहभवयहि सवदि दखी जा सकिी हमकर सकराहि हखचड़ी बसाखी पोगल आहद हवहवा नामो स यह लोकपवद सकल दश म मनाया जािा ह पवदराज होली स ही मधयोततर भारि म फागो की बयार बहन लगिी ह बदलखड म फाग बजभहम म नटनागर की लीलाए हचहिि करि रहसया और बााई गीि अवा म राम-हसया की जगल जोड़ी की होली-करीड़ा जन सामानय स लकर हवहशषट जनो िक को रसानद म आपादमवीिक डबा दि ह राम अवा स हनकाकर बदली माटी पर अपनी लीलाओ को हववीिार दि हए लमब समय िक हवचरि रह इसहलए बदली मानस उनस एकाकार होकर हर पवद-तयौहार पर ही नही हर हदन उनह याद कर जय राम जी की कहिा ह कषर का नागो स सघषद और पाडवो का अजञािवास नमददाचली बनदल भहम पर हआ गौरा-बौरा िो बदलखड क अपन ह हशवजा हशवातमजा हशवसिा हशवहपरया हशव वीवदोभवा आहद सजञाओ स समबोहाि आननददाहयनी नमददा िट पर बमबहलयो क साथ-साथ हशव-हशवा की लीलाओ स यि फाग गयी जाना वीवाभाहवक ह बदली फागो क एकछि समराट ह लोककहव ईसरी ईसरी न अपनी परहमका रजउ को अपन कहितव म अमर कर हदया ईसरी न फागो की एक हवहशषट शली चौघहड़या फाग को जनम हदया हम अपनी फाग चचाद चौघहड़या फागो स ही आरमभ करि ह ईसरी न अपनी पराकि परहिभा स रामीर मानव मन क उचवासो को सर-िाल क साथ समहनवि कर उपहिि और अनचीनही लोक भावनाओ को इन फागो म हपरोया ह रसराज शर गार क सयोग और हवयोग दोनो पि इन फागो म अदभि माायद क साथ वहरदि ह सदयवीनािा यविी की कशराहश पर मा ईसरी गा उठि ह ईसरी रााा जी क कानो म झल रह िरकला को उन दो िारो की िरह बिाि ह जो रााा जी क मख चनर क सौदयद क आग फीक फड़ गए ह कानन डल राहाका जी क लग िरकला नीक आनदकद चद क ऊपर िो िारागर फीक ईसरी की आराधया राहाका जी सदरी होन क साथ-साथ दीनो-दहखयो क दखहिाद भी ह मय बल राि राहाका जी को कर आसरा की कौ दीनदयाल दीन दःख दखन हजनको मख ह नीकौ पहटया कौन सगर न पारी लगी दहिन पयारी रचक घटी-बड़ी ह नया सास कसी ढारी िन रई आन सीस क ऊपर शयाम घटा सी कारी ईसर परार खान ज पहटया जब स िकी उघारी

कहव पछिा ह हक नाहयका की मोहक चोहटया हकस सघड़ न बनायी ह चोहटया जरा भी छोटी-बड़ी नही ह और आिी-जािी सासो की िरह हहल-डल रही ह व नाहयका क शीश क ऊपर शयामल मघो की िरह छाई ह ईसरी न जब स इस अनावतत कशराहश की सनदरिा को दखा ह उनकी जान हनकली जा रही ह ईसर की नाहयका ननो स िलवार चलािी ह दोई ननन की िरवार पयारी हफर उबार अलपान गजरान हसरोही सलमान झख मार ऐच बार मयान घघट की द काजर की ाार ईसर शयाम बरकि रहहयो अहायार उहजयार िलवार का वार िो हनकट स ही हकया जा सकिा ह नायक दर हो िो कया हकया जाए कया नाहयका उस य ही जान दगी यह िो हो ही नही सकिा नाहयका हनगाहो को बरछी स भी अहाक पन िीर बनाकर नायक का हरदय भदिी ह छट नन-बार इन खोरन हिरछी भौह मरोरन नोकदार बरछी स पन चलि करज फोरन नायक बचारा बचिा हफर रहा ह पर नाहयका उस जान दन क मड म नही ह िलवार और िीर क बाद वह अपनी काहिल हनगाहो को हपवीिौल बना लिी ह अहखया हपवीिौल सी करक मारन चाि समर क गोली बाज दरद की दार गज कर दि निर क इिन पर भी ईसरी जान हथली पर लकर नवयौवना नाहयका का गबखान करि नही अघाि जबना कड़ आय कर गहलया बला कसी कहलया ना हम दख जमि जमी म ना माली की बहगया सोन कस िबक चि ह बरछी कसी भहलया ईसर हाथ सभार ाररयो फटट न जाव गहदया लोक ईसरी की फाग-रचना क मल म उनकी परहमका रजऊ को मानिी ह रजऊ न हजस हदन गारो क साथ गल म काली काच की गररयो की लहड़यो स बन ४ छटा और हबचौली काच क मोहियो का हिदान जसा आभषर और चोली पहहनी उसक रप को दखकर दीवाना होकर हार झलन लगा ईसरी कहि ह हक रजऊ क सौदयद पर मा हए हबना कोई नही रह सकिा हजयना रजऊ न पनो गारो हरनी हजया हबरानो छटा चार हबचौली पर भर हफर गरदानो

जबनन ऊपर चोली पर लटक हार हदवानो ईसर कान बटकन नइया दख लव चह जवानो ईसरी को रजऊ की हरन (हचिवन) और हसन (हसी) नही भलिी हवशाल यौवन मिवाली चाल इकहरी पिली कमर बार की िरह िानी भौह हिरछी निर भलाय नही भलिी व निर क बार स मरन िक को ियार ह इसी बहान रजऊ एक बार उनकी ओर दख िो ल ऐसा समपदर ईसरी क अलावा और कौन कर सकिा ह हमख़ा हबसरि नही हबसारी हरन-हसन िमारी जबन हवशाल चाल मिवारी पिरी कमर इकारी भौह कमान बान स िान निर हिरीछी मारी ईसर कान हमारी कोदी िनक हर लो पयारी ईसरी क हलय रजऊ ही सवदवीव ह उनका जीवन-मरर सब कछ रजऊ ही ह व परभ-वीमरर की ही िरह रजऊ का नाम जपि हए मरन की कामना करि ह इसहलए कछ हवदवान रजऊ की सासाररक परहमका नही आदया माि शहि को उनक दवारा हदया गया समबोान मानि ह जौ जी रजऊ रजऊ क लान का काऊ स कान जौलो रहन रहि हजदगी रजऊ क हि कमान पला भोजन कर रजौआ पाछ क मोय खान रजऊ रजऊ कौ नाम ईसरी लि-लि मर जान ईसरी रहचि सहसतरो फाग चार कहड़यो (पहियो) म बाी होन क कारन चौकहड़या फाग कही जािी ह इनम सौदयद को पान क साथ-साथ पजन और उसक परहि मन-परार स समहपदि होन क आधयातमजहनि भावो की सहलला परवाहहि ह रचना हवाान य फाग ४ पहियो म हनबि ह हर पहि म २ चरर ह हवषम चरर (१ ३ ५ ७ ) म १६ िथा सम चरर (२ ४ ६ ८) म १२ मािाए ह चरराि म परायः गर मािाए ह हकनि कही-कही २ लघ मािाए भी हमलिी ह य फाग छद परभाकर क अनसार महाभागवि जािीय नर र छद म हनबि ह इस छद म खड़ी हहदी म रचनाए मर पिन म अब िक नही आयी ह ईसरी की एक फाग का खड़ी हहदी म रपािरर दहखए हकस चिरा न छोटी गथी लगिी बहद पयारी हकहचि छोटी-बड़ी न उठ-हगर रही सास सम नयारी मकट समान शीश पर शोहभि कषर मघ सी कारी हलय ल रही जान कश-छहव जब स हदखी उघारी नर र छद म एक चिषपदी दहखए

बाि बनाई हकसन कसी कौन हनभाय वाद सब सच समझ रही ह जनिा कहा फदकि पयाद राजा कौन विीर कौन हकसक बद-नक इराद हजसको चाह सहलल हजिा मि चाह उस हरा द बनदली लोकरग की सािी ईसरी की फाग सजीव बदलखड क महानिम लोककहव ईसरी क कावय म लोकजीवन क सावीकहिक साहहहतयक सामाहजक पि परी जीवनििा और रचनातमकिा क साथ उदघाहटि हए ह ईसरी का वहशषटय यह ह हक व िथाकहथि सभराििा या पाहडतय स कय भाषा शली आहद उाार नही लि व दशज रामीर लोक मकयो और परमपराओ को इिनी वीवाभाहवकिा परगाििा और अपनतव स अहकि करि ह हक उसक सममख हशषटिा-शालीनिा ओिहि सजदनाारा हवपनन परिीि होन लगिी ह उनका साहहतय पवीिकाकार रप म नही शरहि परपरा म सन-गाकर सहदयो िक जीहवि रखा गया बदलखड क जन-मन समराट महान लोककहव ईसरी की फाग गय परपरा क कारर लोक-वीमहि और लोक-मख म जीहवि रही सकलनकिाद कवर शरी दगद हसह न १९३१ स १९४१ क मधय इनका सकलन हकया शरी इलाशकर गहा न ाौराद राम (जहा ईसरी लमब समय रह थ) हनवाहसयो स सनकर फागो का सकलन हकया अपिाकि कम परचहलि हनमन फागो म ईसरी क नसहगदक कारहयिी परहिभा क साथ-साथ बनदली लोक परपरा हावीया एव शरीनगरहपरयिा क भी दशदन होि ह कषर-भि ईसरी वनदावन की माटी का महातमय कहि हए उस दविाओ क हलए भी दलदभ बिाि ह अपनी कवीन जीभ स चाटी वनदावन की माटी दरलभ भई हमली ना उनखो दई दविन डाटी हमल ना सकी अनकन हार पाव की पररपाटी पायो वीवाग काह न नइया मीठी ह की खाटी बाही रज बजबाहसन lsquoईसरrsquo हहसदारी म बाटी कदम कञज म खड़ कनहया राहगीरो को रावीिा भला दि ह इसहलए पहथक जमना की राह ही भल गय ह अथादि जमना स नही जाि हकसी को भला कर मजा लन की लोकरीि को ईसरी अचछा नही मानि और कषर को सलाह दि ह हक हकसी स अहाक हसी अचछी नही होिी आली मनमोहन क मार जमना गल हबसार जब दखो जब खडो कञज म गह कदम की डार जो कोउ भल जाि ह रवीिा बरबस आन हबगार जादा हसी नही काऊ स जा ना रीि हमार

lsquoईसरrsquo कौन चाल अब चहलए ज िौ परी पार राि भर घर स बाहर रह कषर को अपनी सफाई म कछ कहन का अवसर हमल हबना lsquoछहलयाrsquo का हखिाब दना ईसरी क ही बस की बाि ह ओइ घर जाब मरहलयाबार जहा राि रय पयार हर बाट मनइया बठी कर नन रिनार अब िौ कौनऊ काम िमारो नइया भवन हमार lsquoईसरrsquo कषर नद क छौना िम छहलया बजबार फगआ हो और रााा न खल यह कस हो सकिा ह कषर सर ह िो रााा सवा सर दोनो की लीलाओ का सजीव वरदन करि ह ईसरी मानो सािाि दख रह हो रााा न कषर की लकटी-कमररया छीन ली िो कषर न रााा क हसर स सारी खीच ली इिना ही हो िो गनीमि होली की मवीिी चरम पर हई िो रााा नटनागर बन गयी और कषर को नारी बना हदया खल फाग राहाका पयारी बज खोरन हगराारी इन भर बाह बास को टारो उन मारो हपचकारी इनन छीनी लकहट मरहलया उन छीनी हसर सारी ब िो आय नद क लाला ज बषभान दलारी अपन बनी नटनागर lsquoईसरrsquo उन बनाओ नारी अटारी क सीिी चिि घघर हनशबद हो गए फलो की सज पर बनवारी की नीद लग गयी रााा क आि ही यशोदा क अनाड़ी बट की बीन (बासरी) चोरी हो गयी कसी सहज-सरस ककपना ह चोरी गइ बीन हबहारी की जसदा क लाल अनारी की जाहमन अमल जगल क भीिर आवन भइ रााा पयारी की नपर सबद सनाक हखच रय हछहड़या चड़ि अटारी की बड़ी गलाम सज फलन की लग गइ नीद मरारी की काि lsquoईसरीrsquo घोरा प स उठा लई बनवारी की कषर रााा और गोहपयो क चगल म फस गय ह गोहपयो न अपन मनभावन कषर को पकड़कर सतरी बनान का उपकरम करन म कोई कसर नही छोड़ी कषर की बनमाला और मरली छीनकर हसर पर साड़ी उिा दी गयी रााा न उनह सभी आभषरो स सजाकर कमर म लहगा पहना हदया और सहखयो क सग फागन मनान म लीन हो गयी ह शर गार और हावीय का ऐसा जीवि शबद हचि ईसरी ही खीच सकि ह पकर गोहपन क मनभावन लागी नार बनावन छीन लई बनमाल मरहलया सारी सीस उड़ावन

सकल अभषन सज राहाका कहट लहगा पहरावन नारी भस बना क lsquoईसरrsquo फगआ लगी मगावन ईसरी परहमका स हनवदन करा रह ह हक वह अपन िीख नयनो का वार न कर हजरह-बखिर कछ न कर सक ग और दख ही दखि नयन-बार हदल क पार हो जायगा हकसी गरी वदय की औषहा भी काम नही आएगी ईसरी क दवाई िो हपरयिमा का दशदन ही ह पररय की ऐसी परगाि रसहसि अहभवयहि अपनी हमसाल आप ह नना ना मारो लग जह मरम पार हो जह बखिर हझलम कहा का लह ढाल पार कर जह औषद मर एक ना लहगह बद गनी का कह कहि lsquoईसरीrsquo सन लो पयारी दरस दबाई दह हनमन फाग म ईसरी नयनो की कथा कहि ह जो परदशी स लगकर हबगड़ गय बबादद हो गय ह य नयना अा हसपाही ह जो कभी लड़कर नही हार इनको बहि नाि स काजल की रखा भर-भरकर पाला ह हकनि य खो गए और इनस बहि आसओ स नयी की नयी सारी भीग गयी ह कसी माहमदक अहभवयहि ह नना परदसी स लग क भय बरबाद हबगरक नना मोर सर हसपाही कबऊ ना हार लरक ज नना बार स पाल काजर रख भरक lsquoईसरrsquo भीज गई नई सारी खोवन असआ ढरक शरगार क हवरह पि का परहिहनहातव करिी यह फाग ईसरी और उनकी परहमका रजऊ क हबछड़न की वयथा-कथा कहिी ह हबछरी सारस कसी जोरी रजो हमारी िोरी सङगसङग रह हनहस-बासर गर हलपटिी सोरी सो हो गई सपन की बाि अन हस बोल कोरी कछ हदनन को हिया अबादो हम बिा दो गोरी जबलो लागी रह lsquoईसरीrsquo आसा जी की मोरी ईसरी की य फाग शर गार क हमलन-हवरह पिो का हचिर करन क साथ-साथ हावीय क उदातत पि को भी सामन लािी ह इनम हसी-मजाक हसना-बोलना सभी कछ ह हकनि मयादहदि कही भी अशलीलिा का लश माि भी नही ह ईसरी की य फाग २८ मािी नरनर छद म रहचि ह इनम १६-१२ पर यहि का ईसरी न परी िरह पालन हकया ह सम चररानि म गर की अहाकिा ह हकनि २ लघ भी परापय ह इक फाग म ४ ५ या ६ िक पहिया हमलिी ह एक फाग की सभी पहियो म सम चररानि समान ह जबहक हवषम चररानि म लघ-गर का कोई बान नही ह

हम न गर हवीन और ख़शब ही को िोला होिा हफर िो हर पड़ गलाबो स भी हकका होिा उदाहरर क रप म समझा जाय िो एक मिदबा य भी समझा जा सकिा ह हक परमपराए हमशा पड़ या हफर पौा की िरह होिी ह और उन पर लगन वाल फल और उन फलो की ख़शबए आाहनक हवचाराारा समान यहद हम आाहनक हवचारााराओ ही को सबकछ समझ बठ ग िो य फल और ख़शबए कया आसमान स टपक ग समझन वाल इशारो को बहि जकद समझग बाय द टाइम आप इस अङक को पि रह हो ममहकन ह दहनया का एक बड़ा हहवीसा आप को होली की बराइया हगना रहा हो हम इिना ही हनवदन कर ग हक ldquoसपrdquo की िरह-िरह सार-सार को गह और थोथ को उड़ा फ क नीर-िीर-हववक हम सब की ामहनयो म यगो-यगो स परवाहमान ह अपन हववक का सदपयोग करि हय अचछी बािो को आग बिाए हमठाइयो क कारोबाररयो दवारा परोस जा रह अशि माल स परहि करि वक़ि याद रह हक कडबरी भी कोई अमि नही ह हर गली क नककड़ पर रङग हपचकारी वग़रह बचन वाल हमार कटीर उदयोग क खवनहार ह आप सभी को सपररवार होली की शभ-कामनाए

खहशयो का वीवागि कर हर आगन हर दवार| कछ ऐसा हो इस बरस होली का तयौहार||

होली हवषयक और भी सामरी मसलन छद ग़िल हजल नज़म कहविा गीि-नवगीि रहसया आलख कहानी कथा वग़रह पिन क हलय यहा हकलक कर

Page 28: Saahityam dec14 jan feb 15

डा वी क भकला

हजजजा सग होली

लगा कर भोग महावीर को और चिा कर फल बिीसा बड़ भहिभाव स पि रह थ हम िो हनमान चाहलसा महावीर जब नाम सनाव

भि हपचास हनकट नही आव िभी मरी साहलया आ कर बोली खलग हम जीजजा सग होली और मरी हसटटीहपटटी गम होली कािर वीवर म हमन पकारा

ह हनमि अब िरा सहारा सन पकार मरी हनमानजी धयान म आए

और मझस य ररमाए वतस म िो ठहरा बाल बरहमचारी

कस हर म हवपदा िमहारी इस लरड़ म मझ न लाओ

िमहारी घहटया ह िमही बजाओ पड़ा सकट मोचन नाम भी झठा हदखा गए हनमानजी भी अगठा

मरी साहलओ न जी भर की मरी पिाई दिा रहा हाए म दहाई

िभी शरीमिी जी बाहर स आई मझ दखि ही हचलाई

अजी सनि हो जरा बाहर आओ कोई लरगा घर म घस आया ह

उस मार कर बाहर भगाओ ाीर स मन खखारा

अरी भागवान य म ह पहि िमहारा िो शरीमिी जी िनक कर बोली

वाह मर छला बहि भाए हो सबह सबह कहो हकसस

मह काला करवा कर आए हो मन अपनी करर गाथा उस सनाई

िो शरीमिी जी हभननाई और अपनी बहनो को आवाि लगाई

कया मरा ही पहि हमला था मह काला करन क हलए

िो वो बहयाई स बोली दीदी अगली होली म

िम हमार पहियो का मह काला कर दना िमहारा सारा हशकवा हमट जाएगा हहसाब एक दम बरोबर हो जाएगा

हमन कछ वि क हलए बाहर हनकलना बद कर ह

यह सोच कर हक अगर हकसी न पछा हक िमहारा मह हकसन काला हकया

िो कया जवाब दगा

हवजनर शमाद

सरहद स आया नही होली पर कय लाल मा की आख रग स करिी रही सवाल

आखो को भी ह हगला कर हशकायि गाल बरी ख़द आया नही हभजवा हदया गलाल

कौन बजाव फाग प ढोल नगाड़ चग चारो िरर उदाहसया गायब हई उमग

मौक़ा था पर यार न डाला नही गलाल

मरझाय स ही रह मर दोनो गाल

हरि म थ यार सब दशमन भी था दग मन उसक गाल पर लगा हदया जब रग

इििार क रग म गयी बावरी डब होली पर इसबार भी आया ना महबब

और अब ररसहिया जी का एक और ाास सटायर ाास इसहलय हक समझ म नही आ रहा हक इनह खाङरसी कहा जाय हक हफर भीजफी बाला

आजकल बचार कालान की मरन ह कोई भी घपला होिा ह काल ान पर िोहमि लगिी ह बलक मनी की थ-थ होिी ह जस निा चमच क हबना महनि चल क हबना आईपीएल हरहकसग क हबना

अारा लगिा ह वस ही कोई भी घपला काल ान की चचाद क हबना अारा लगिा ह घपला अगर कोई

आाहनक जहटल कहविा ह िो काला ान उसका आम जनिा की समझ म आन वाला सरल अनवाद ह घोटाला यहद कोई अबझ हसिाि ह िो काला ान उसकी सहज टीका ह जस पाहटदया चद क हबना निा लफ़राजी क हबना लखक अपनी उपिा का रोना रोय हबना नही रह पािा वस ही दहनया का कोई भी बड़ा ानाा हबना काल ान क नही पनप सकिा दहनया म हजिन भी मजबि ाना ह चाह वह हहथयार का हो ामद का हो या हरर हशिा का ही कयो न हो सबकी बहनयाद म काल ान की सीमनट लगी ह काला ान न हो िो हवीवस बक रवीस बक होकर रह जाय अपन दश म हपछल बीस सालो म हजतता हवकास हआ ह काला ान उसस कई गना जयादा बिा ह गहरि की भाषा म कह िो हकसी भी आाहनक समाज का हवकास उस समाज म मौजद कालान की मािा का समानपािी होिा ह इस सबक बावजद कालान को लोग इजजि की हनगाह स नही दखि कालाान कमान वाला िक खलआम उसकी आलोचना ही करिा ह राजनीहिजञ चनाव भल काल ान क सहार लड़ लहकन सावदजहनक रप स कालान की ऐसी बराई करि ह जस वामपथी दहिरपहथयो की करि ह अमररकी कयबा की करि ह पाहकवीिान वाल भारि की करि िरह ह अपन परहि दहनया का यह दवदातमक इजजिवाद दखकर बचार कालान क हदल पर कया बीििी होगी दहनया क ाोख को दखकर उसका मन भी हजया खान की िरह लटककर हनपट जान का करिा होगा उसका भी मन करिा होगा हक सरकारी गवाह बन जाय और सबकी पोल खोल द हक कस िमाम लोगो स उसक अिरग सबा रह कस लोगो न उसका सहारा हलया आग बि और सहारा हलया लहकन जब सरलिा क हकवीस सनान की बारी आयी िो शरय अपनी महनि लगन और बहि को हदया कालान क योगदान की सरासर उपिा कर दी यह वसा ही ह हक हकसी दश क इहिहास म राजा राहनयो क हकवीस हलख जाय लहकन महनिकश जनिा की कहानी गोलकर दी जाय लहकन हरर कालाान शायद यह सोचकर चप रह जािा होगा हक अपरााी कोई भी हो लहकन बराई उसी की होनी ह बइजजिी िो उसी की खराब होनी ह इसक बाद शायद वह यह सोचकर चपचाप अपनी करििो म जट जािा होगा हक आजनही िो कल उसको वह इजजि अवशय हमलगी हजसका वह हकदार ह उसको भी खल आम उिनी ही वीवीकायदिा हमलगी हजिनी की आज समाज म जाहिवाद सकीरदिा भाई भिीजावाद भायवाद और काहहली को हमली ह काला ान सोचिा होगा- जस बाहकयो क हदन बहर कया पिा वस ही उसक भी बहर

और साहथयो चलि-चलि अपनी जड़ो की ओर - बरहमलीन सनि कहव हशवदीन राम (जोशी) की सनि-वारी आप ही क आधयाहतमक हशषय आदररीय शरी हकशोर पारीक [खणडला] जी क सौजनय स

गोकल व बरसान की नार बजाय-बजाय बजा रही िारी अर वनदावन की बनी व बनी बनक ठनक अरी द रही गारी

शयाम को शयामा सजाय सजी अहो और गलाल लगावि पयारी हशवदीन व जोरी स जोरी हमलीबरज खलि होरी ह बाक हबहारी

मगल समगल सदा ही आननद रह नदलाल

ि गलाल डार दख सखी आ रही राा मिवाली आली चाली रग डारन को

गोहपया हनराली गाली शयाम को सना रही सन-सन क शयामलाल सग-सग गवाल बाल

बाजि मदग िाल राा जी गा रही कहिा हशवदीन लाल ऐसी गलाल उड़ी

बादर बन लाल लाली चह ओर छा रही

बरज वनदावन ााम रग स रगा रगीला हरा मोहिया लाल रग ह पयारा पीला

ाम ााम स खल खल रह होरी दखो शयामा शयाम सजान और सग गोरी दखो

चह ओर हपचकाररया रग-रग की ाार हशवदीन सरस रस रहसक जन पीव करर-करर पयार

राम गर गायर

भारि की लोक समपदा फागन की फाग - आचायद सजीव वमाद सहलल भारि हवहवावरी लोक सवीकहि स सपनन- समि परमपराओ का दश ह इन परमपराओ म स एक लोकगीिो की ह ऋि पररविदन पर उतसवामी भारिीय जन-

मानस गायन-वादन और निदन की हिवरी परवाहहि कर आनहदि होि ह फागन वषािि िथा चि वषादरमभ क साथ-साथ फसलो क पकन क समय क सचक भी ह दहिरायनी सयद जस ही मकर राहश म परवश कर उततरायरी होि ह इस महादवीप म हदन की लमबाई और िापमान दोनो की वहि होन की लोकमानयिा ह सयद पजन गड़-हिल स हनहमदि पकवाननो का सवन और पिगबाजी क माधयम स गगनचमबी लोकानद की अहभवयहि सवदि दखी जा सकिी हमकर सकराहि हखचड़ी बसाखी पोगल आहद हवहवा नामो स यह लोकपवद सकल दश म मनाया जािा ह पवदराज होली स ही मधयोततर भारि म फागो की बयार बहन लगिी ह बदलखड म फाग बजभहम म नटनागर की लीलाए हचहिि करि रहसया और बााई गीि अवा म राम-हसया की जगल जोड़ी की होली-करीड़ा जन सामानय स लकर हवहशषट जनो िक को रसानद म आपादमवीिक डबा दि ह राम अवा स हनकाकर बदली माटी पर अपनी लीलाओ को हववीिार दि हए लमब समय िक हवचरि रह इसहलए बदली मानस उनस एकाकार होकर हर पवद-तयौहार पर ही नही हर हदन उनह याद कर जय राम जी की कहिा ह कषर का नागो स सघषद और पाडवो का अजञािवास नमददाचली बनदल भहम पर हआ गौरा-बौरा िो बदलखड क अपन ह हशवजा हशवातमजा हशवसिा हशवहपरया हशव वीवदोभवा आहद सजञाओ स समबोहाि आननददाहयनी नमददा िट पर बमबहलयो क साथ-साथ हशव-हशवा की लीलाओ स यि फाग गयी जाना वीवाभाहवक ह बदली फागो क एकछि समराट ह लोककहव ईसरी ईसरी न अपनी परहमका रजउ को अपन कहितव म अमर कर हदया ईसरी न फागो की एक हवहशषट शली चौघहड़या फाग को जनम हदया हम अपनी फाग चचाद चौघहड़या फागो स ही आरमभ करि ह ईसरी न अपनी पराकि परहिभा स रामीर मानव मन क उचवासो को सर-िाल क साथ समहनवि कर उपहिि और अनचीनही लोक भावनाओ को इन फागो म हपरोया ह रसराज शर गार क सयोग और हवयोग दोनो पि इन फागो म अदभि माायद क साथ वहरदि ह सदयवीनािा यविी की कशराहश पर मा ईसरी गा उठि ह ईसरी रााा जी क कानो म झल रह िरकला को उन दो िारो की िरह बिाि ह जो रााा जी क मख चनर क सौदयद क आग फीक फड़ गए ह कानन डल राहाका जी क लग िरकला नीक आनदकद चद क ऊपर िो िारागर फीक ईसरी की आराधया राहाका जी सदरी होन क साथ-साथ दीनो-दहखयो क दखहिाद भी ह मय बल राि राहाका जी को कर आसरा की कौ दीनदयाल दीन दःख दखन हजनको मख ह नीकौ पहटया कौन सगर न पारी लगी दहिन पयारी रचक घटी-बड़ी ह नया सास कसी ढारी िन रई आन सीस क ऊपर शयाम घटा सी कारी ईसर परार खान ज पहटया जब स िकी उघारी

कहव पछिा ह हक नाहयका की मोहक चोहटया हकस सघड़ न बनायी ह चोहटया जरा भी छोटी-बड़ी नही ह और आिी-जािी सासो की िरह हहल-डल रही ह व नाहयका क शीश क ऊपर शयामल मघो की िरह छाई ह ईसरी न जब स इस अनावतत कशराहश की सनदरिा को दखा ह उनकी जान हनकली जा रही ह ईसर की नाहयका ननो स िलवार चलािी ह दोई ननन की िरवार पयारी हफर उबार अलपान गजरान हसरोही सलमान झख मार ऐच बार मयान घघट की द काजर की ाार ईसर शयाम बरकि रहहयो अहायार उहजयार िलवार का वार िो हनकट स ही हकया जा सकिा ह नायक दर हो िो कया हकया जाए कया नाहयका उस य ही जान दगी यह िो हो ही नही सकिा नाहयका हनगाहो को बरछी स भी अहाक पन िीर बनाकर नायक का हरदय भदिी ह छट नन-बार इन खोरन हिरछी भौह मरोरन नोकदार बरछी स पन चलि करज फोरन नायक बचारा बचिा हफर रहा ह पर नाहयका उस जान दन क मड म नही ह िलवार और िीर क बाद वह अपनी काहिल हनगाहो को हपवीिौल बना लिी ह अहखया हपवीिौल सी करक मारन चाि समर क गोली बाज दरद की दार गज कर दि निर क इिन पर भी ईसरी जान हथली पर लकर नवयौवना नाहयका का गबखान करि नही अघाि जबना कड़ आय कर गहलया बला कसी कहलया ना हम दख जमि जमी म ना माली की बहगया सोन कस िबक चि ह बरछी कसी भहलया ईसर हाथ सभार ाररयो फटट न जाव गहदया लोक ईसरी की फाग-रचना क मल म उनकी परहमका रजऊ को मानिी ह रजऊ न हजस हदन गारो क साथ गल म काली काच की गररयो की लहड़यो स बन ४ छटा और हबचौली काच क मोहियो का हिदान जसा आभषर और चोली पहहनी उसक रप को दखकर दीवाना होकर हार झलन लगा ईसरी कहि ह हक रजऊ क सौदयद पर मा हए हबना कोई नही रह सकिा हजयना रजऊ न पनो गारो हरनी हजया हबरानो छटा चार हबचौली पर भर हफर गरदानो

जबनन ऊपर चोली पर लटक हार हदवानो ईसर कान बटकन नइया दख लव चह जवानो ईसरी को रजऊ की हरन (हचिवन) और हसन (हसी) नही भलिी हवशाल यौवन मिवाली चाल इकहरी पिली कमर बार की िरह िानी भौह हिरछी निर भलाय नही भलिी व निर क बार स मरन िक को ियार ह इसी बहान रजऊ एक बार उनकी ओर दख िो ल ऐसा समपदर ईसरी क अलावा और कौन कर सकिा ह हमख़ा हबसरि नही हबसारी हरन-हसन िमारी जबन हवशाल चाल मिवारी पिरी कमर इकारी भौह कमान बान स िान निर हिरीछी मारी ईसर कान हमारी कोदी िनक हर लो पयारी ईसरी क हलय रजऊ ही सवदवीव ह उनका जीवन-मरर सब कछ रजऊ ही ह व परभ-वीमरर की ही िरह रजऊ का नाम जपि हए मरन की कामना करि ह इसहलए कछ हवदवान रजऊ की सासाररक परहमका नही आदया माि शहि को उनक दवारा हदया गया समबोान मानि ह जौ जी रजऊ रजऊ क लान का काऊ स कान जौलो रहन रहि हजदगी रजऊ क हि कमान पला भोजन कर रजौआ पाछ क मोय खान रजऊ रजऊ कौ नाम ईसरी लि-लि मर जान ईसरी रहचि सहसतरो फाग चार कहड़यो (पहियो) म बाी होन क कारन चौकहड़या फाग कही जािी ह इनम सौदयद को पान क साथ-साथ पजन और उसक परहि मन-परार स समहपदि होन क आधयातमजहनि भावो की सहलला परवाहहि ह रचना हवाान य फाग ४ पहियो म हनबि ह हर पहि म २ चरर ह हवषम चरर (१ ३ ५ ७ ) म १६ िथा सम चरर (२ ४ ६ ८) म १२ मािाए ह चरराि म परायः गर मािाए ह हकनि कही-कही २ लघ मािाए भी हमलिी ह य फाग छद परभाकर क अनसार महाभागवि जािीय नर र छद म हनबि ह इस छद म खड़ी हहदी म रचनाए मर पिन म अब िक नही आयी ह ईसरी की एक फाग का खड़ी हहदी म रपािरर दहखए हकस चिरा न छोटी गथी लगिी बहद पयारी हकहचि छोटी-बड़ी न उठ-हगर रही सास सम नयारी मकट समान शीश पर शोहभि कषर मघ सी कारी हलय ल रही जान कश-छहव जब स हदखी उघारी नर र छद म एक चिषपदी दहखए

बाि बनाई हकसन कसी कौन हनभाय वाद सब सच समझ रही ह जनिा कहा फदकि पयाद राजा कौन विीर कौन हकसक बद-नक इराद हजसको चाह सहलल हजिा मि चाह उस हरा द बनदली लोकरग की सािी ईसरी की फाग सजीव बदलखड क महानिम लोककहव ईसरी क कावय म लोकजीवन क सावीकहिक साहहहतयक सामाहजक पि परी जीवनििा और रचनातमकिा क साथ उदघाहटि हए ह ईसरी का वहशषटय यह ह हक व िथाकहथि सभराििा या पाहडतय स कय भाषा शली आहद उाार नही लि व दशज रामीर लोक मकयो और परमपराओ को इिनी वीवाभाहवकिा परगाििा और अपनतव स अहकि करि ह हक उसक सममख हशषटिा-शालीनिा ओिहि सजदनाारा हवपनन परिीि होन लगिी ह उनका साहहतय पवीिकाकार रप म नही शरहि परपरा म सन-गाकर सहदयो िक जीहवि रखा गया बदलखड क जन-मन समराट महान लोककहव ईसरी की फाग गय परपरा क कारर लोक-वीमहि और लोक-मख म जीहवि रही सकलनकिाद कवर शरी दगद हसह न १९३१ स १९४१ क मधय इनका सकलन हकया शरी इलाशकर गहा न ाौराद राम (जहा ईसरी लमब समय रह थ) हनवाहसयो स सनकर फागो का सकलन हकया अपिाकि कम परचहलि हनमन फागो म ईसरी क नसहगदक कारहयिी परहिभा क साथ-साथ बनदली लोक परपरा हावीया एव शरीनगरहपरयिा क भी दशदन होि ह कषर-भि ईसरी वनदावन की माटी का महातमय कहि हए उस दविाओ क हलए भी दलदभ बिाि ह अपनी कवीन जीभ स चाटी वनदावन की माटी दरलभ भई हमली ना उनखो दई दविन डाटी हमल ना सकी अनकन हार पाव की पररपाटी पायो वीवाग काह न नइया मीठी ह की खाटी बाही रज बजबाहसन lsquoईसरrsquo हहसदारी म बाटी कदम कञज म खड़ कनहया राहगीरो को रावीिा भला दि ह इसहलए पहथक जमना की राह ही भल गय ह अथादि जमना स नही जाि हकसी को भला कर मजा लन की लोकरीि को ईसरी अचछा नही मानि और कषर को सलाह दि ह हक हकसी स अहाक हसी अचछी नही होिी आली मनमोहन क मार जमना गल हबसार जब दखो जब खडो कञज म गह कदम की डार जो कोउ भल जाि ह रवीिा बरबस आन हबगार जादा हसी नही काऊ स जा ना रीि हमार

lsquoईसरrsquo कौन चाल अब चहलए ज िौ परी पार राि भर घर स बाहर रह कषर को अपनी सफाई म कछ कहन का अवसर हमल हबना lsquoछहलयाrsquo का हखिाब दना ईसरी क ही बस की बाि ह ओइ घर जाब मरहलयाबार जहा राि रय पयार हर बाट मनइया बठी कर नन रिनार अब िौ कौनऊ काम िमारो नइया भवन हमार lsquoईसरrsquo कषर नद क छौना िम छहलया बजबार फगआ हो और रााा न खल यह कस हो सकिा ह कषर सर ह िो रााा सवा सर दोनो की लीलाओ का सजीव वरदन करि ह ईसरी मानो सािाि दख रह हो रााा न कषर की लकटी-कमररया छीन ली िो कषर न रााा क हसर स सारी खीच ली इिना ही हो िो गनीमि होली की मवीिी चरम पर हई िो रााा नटनागर बन गयी और कषर को नारी बना हदया खल फाग राहाका पयारी बज खोरन हगराारी इन भर बाह बास को टारो उन मारो हपचकारी इनन छीनी लकहट मरहलया उन छीनी हसर सारी ब िो आय नद क लाला ज बषभान दलारी अपन बनी नटनागर lsquoईसरrsquo उन बनाओ नारी अटारी क सीिी चिि घघर हनशबद हो गए फलो की सज पर बनवारी की नीद लग गयी रााा क आि ही यशोदा क अनाड़ी बट की बीन (बासरी) चोरी हो गयी कसी सहज-सरस ककपना ह चोरी गइ बीन हबहारी की जसदा क लाल अनारी की जाहमन अमल जगल क भीिर आवन भइ रााा पयारी की नपर सबद सनाक हखच रय हछहड़या चड़ि अटारी की बड़ी गलाम सज फलन की लग गइ नीद मरारी की काि lsquoईसरीrsquo घोरा प स उठा लई बनवारी की कषर रााा और गोहपयो क चगल म फस गय ह गोहपयो न अपन मनभावन कषर को पकड़कर सतरी बनान का उपकरम करन म कोई कसर नही छोड़ी कषर की बनमाला और मरली छीनकर हसर पर साड़ी उिा दी गयी रााा न उनह सभी आभषरो स सजाकर कमर म लहगा पहना हदया और सहखयो क सग फागन मनान म लीन हो गयी ह शर गार और हावीय का ऐसा जीवि शबद हचि ईसरी ही खीच सकि ह पकर गोहपन क मनभावन लागी नार बनावन छीन लई बनमाल मरहलया सारी सीस उड़ावन

सकल अभषन सज राहाका कहट लहगा पहरावन नारी भस बना क lsquoईसरrsquo फगआ लगी मगावन ईसरी परहमका स हनवदन करा रह ह हक वह अपन िीख नयनो का वार न कर हजरह-बखिर कछ न कर सक ग और दख ही दखि नयन-बार हदल क पार हो जायगा हकसी गरी वदय की औषहा भी काम नही आएगी ईसरी क दवाई िो हपरयिमा का दशदन ही ह पररय की ऐसी परगाि रसहसि अहभवयहि अपनी हमसाल आप ह नना ना मारो लग जह मरम पार हो जह बखिर हझलम कहा का लह ढाल पार कर जह औषद मर एक ना लहगह बद गनी का कह कहि lsquoईसरीrsquo सन लो पयारी दरस दबाई दह हनमन फाग म ईसरी नयनो की कथा कहि ह जो परदशी स लगकर हबगड़ गय बबादद हो गय ह य नयना अा हसपाही ह जो कभी लड़कर नही हार इनको बहि नाि स काजल की रखा भर-भरकर पाला ह हकनि य खो गए और इनस बहि आसओ स नयी की नयी सारी भीग गयी ह कसी माहमदक अहभवयहि ह नना परदसी स लग क भय बरबाद हबगरक नना मोर सर हसपाही कबऊ ना हार लरक ज नना बार स पाल काजर रख भरक lsquoईसरrsquo भीज गई नई सारी खोवन असआ ढरक शरगार क हवरह पि का परहिहनहातव करिी यह फाग ईसरी और उनकी परहमका रजऊ क हबछड़न की वयथा-कथा कहिी ह हबछरी सारस कसी जोरी रजो हमारी िोरी सङगसङग रह हनहस-बासर गर हलपटिी सोरी सो हो गई सपन की बाि अन हस बोल कोरी कछ हदनन को हिया अबादो हम बिा दो गोरी जबलो लागी रह lsquoईसरीrsquo आसा जी की मोरी ईसरी की य फाग शर गार क हमलन-हवरह पिो का हचिर करन क साथ-साथ हावीय क उदातत पि को भी सामन लािी ह इनम हसी-मजाक हसना-बोलना सभी कछ ह हकनि मयादहदि कही भी अशलीलिा का लश माि भी नही ह ईसरी की य फाग २८ मािी नरनर छद म रहचि ह इनम १६-१२ पर यहि का ईसरी न परी िरह पालन हकया ह सम चररानि म गर की अहाकिा ह हकनि २ लघ भी परापय ह इक फाग म ४ ५ या ६ िक पहिया हमलिी ह एक फाग की सभी पहियो म सम चररानि समान ह जबहक हवषम चररानि म लघ-गर का कोई बान नही ह

हम न गर हवीन और ख़शब ही को िोला होिा हफर िो हर पड़ गलाबो स भी हकका होिा उदाहरर क रप म समझा जाय िो एक मिदबा य भी समझा जा सकिा ह हक परमपराए हमशा पड़ या हफर पौा की िरह होिी ह और उन पर लगन वाल फल और उन फलो की ख़शबए आाहनक हवचाराारा समान यहद हम आाहनक हवचारााराओ ही को सबकछ समझ बठ ग िो य फल और ख़शबए कया आसमान स टपक ग समझन वाल इशारो को बहि जकद समझग बाय द टाइम आप इस अङक को पि रह हो ममहकन ह दहनया का एक बड़ा हहवीसा आप को होली की बराइया हगना रहा हो हम इिना ही हनवदन कर ग हक ldquoसपrdquo की िरह-िरह सार-सार को गह और थोथ को उड़ा फ क नीर-िीर-हववक हम सब की ामहनयो म यगो-यगो स परवाहमान ह अपन हववक का सदपयोग करि हय अचछी बािो को आग बिाए हमठाइयो क कारोबाररयो दवारा परोस जा रह अशि माल स परहि करि वक़ि याद रह हक कडबरी भी कोई अमि नही ह हर गली क नककड़ पर रङग हपचकारी वग़रह बचन वाल हमार कटीर उदयोग क खवनहार ह आप सभी को सपररवार होली की शभ-कामनाए

खहशयो का वीवागि कर हर आगन हर दवार| कछ ऐसा हो इस बरस होली का तयौहार||

होली हवषयक और भी सामरी मसलन छद ग़िल हजल नज़म कहविा गीि-नवगीि रहसया आलख कहानी कथा वग़रह पिन क हलय यहा हकलक कर

Page 29: Saahityam dec14 jan feb 15

ह हनमि अब िरा सहारा सन पकार मरी हनमानजी धयान म आए

और मझस य ररमाए वतस म िो ठहरा बाल बरहमचारी

कस हर म हवपदा िमहारी इस लरड़ म मझ न लाओ

िमहारी घहटया ह िमही बजाओ पड़ा सकट मोचन नाम भी झठा हदखा गए हनमानजी भी अगठा

मरी साहलओ न जी भर की मरी पिाई दिा रहा हाए म दहाई

िभी शरीमिी जी बाहर स आई मझ दखि ही हचलाई

अजी सनि हो जरा बाहर आओ कोई लरगा घर म घस आया ह

उस मार कर बाहर भगाओ ाीर स मन खखारा

अरी भागवान य म ह पहि िमहारा िो शरीमिी जी िनक कर बोली

वाह मर छला बहि भाए हो सबह सबह कहो हकसस

मह काला करवा कर आए हो मन अपनी करर गाथा उस सनाई

िो शरीमिी जी हभननाई और अपनी बहनो को आवाि लगाई

कया मरा ही पहि हमला था मह काला करन क हलए

िो वो बहयाई स बोली दीदी अगली होली म

िम हमार पहियो का मह काला कर दना िमहारा सारा हशकवा हमट जाएगा हहसाब एक दम बरोबर हो जाएगा

हमन कछ वि क हलए बाहर हनकलना बद कर ह

यह सोच कर हक अगर हकसी न पछा हक िमहारा मह हकसन काला हकया

िो कया जवाब दगा

हवजनर शमाद

सरहद स आया नही होली पर कय लाल मा की आख रग स करिी रही सवाल

आखो को भी ह हगला कर हशकायि गाल बरी ख़द आया नही हभजवा हदया गलाल

कौन बजाव फाग प ढोल नगाड़ चग चारो िरर उदाहसया गायब हई उमग

मौक़ा था पर यार न डाला नही गलाल

मरझाय स ही रह मर दोनो गाल

हरि म थ यार सब दशमन भी था दग मन उसक गाल पर लगा हदया जब रग

इििार क रग म गयी बावरी डब होली पर इसबार भी आया ना महबब

और अब ररसहिया जी का एक और ाास सटायर ाास इसहलय हक समझ म नही आ रहा हक इनह खाङरसी कहा जाय हक हफर भीजफी बाला

आजकल बचार कालान की मरन ह कोई भी घपला होिा ह काल ान पर िोहमि लगिी ह बलक मनी की थ-थ होिी ह जस निा चमच क हबना महनि चल क हबना आईपीएल हरहकसग क हबना

अारा लगिा ह वस ही कोई भी घपला काल ान की चचाद क हबना अारा लगिा ह घपला अगर कोई

आाहनक जहटल कहविा ह िो काला ान उसका आम जनिा की समझ म आन वाला सरल अनवाद ह घोटाला यहद कोई अबझ हसिाि ह िो काला ान उसकी सहज टीका ह जस पाहटदया चद क हबना निा लफ़राजी क हबना लखक अपनी उपिा का रोना रोय हबना नही रह पािा वस ही दहनया का कोई भी बड़ा ानाा हबना काल ान क नही पनप सकिा दहनया म हजिन भी मजबि ाना ह चाह वह हहथयार का हो ामद का हो या हरर हशिा का ही कयो न हो सबकी बहनयाद म काल ान की सीमनट लगी ह काला ान न हो िो हवीवस बक रवीस बक होकर रह जाय अपन दश म हपछल बीस सालो म हजतता हवकास हआ ह काला ान उसस कई गना जयादा बिा ह गहरि की भाषा म कह िो हकसी भी आाहनक समाज का हवकास उस समाज म मौजद कालान की मािा का समानपािी होिा ह इस सबक बावजद कालान को लोग इजजि की हनगाह स नही दखि कालाान कमान वाला िक खलआम उसकी आलोचना ही करिा ह राजनीहिजञ चनाव भल काल ान क सहार लड़ लहकन सावदजहनक रप स कालान की ऐसी बराई करि ह जस वामपथी दहिरपहथयो की करि ह अमररकी कयबा की करि ह पाहकवीिान वाल भारि की करि िरह ह अपन परहि दहनया का यह दवदातमक इजजिवाद दखकर बचार कालान क हदल पर कया बीििी होगी दहनया क ाोख को दखकर उसका मन भी हजया खान की िरह लटककर हनपट जान का करिा होगा उसका भी मन करिा होगा हक सरकारी गवाह बन जाय और सबकी पोल खोल द हक कस िमाम लोगो स उसक अिरग सबा रह कस लोगो न उसका सहारा हलया आग बि और सहारा हलया लहकन जब सरलिा क हकवीस सनान की बारी आयी िो शरय अपनी महनि लगन और बहि को हदया कालान क योगदान की सरासर उपिा कर दी यह वसा ही ह हक हकसी दश क इहिहास म राजा राहनयो क हकवीस हलख जाय लहकन महनिकश जनिा की कहानी गोलकर दी जाय लहकन हरर कालाान शायद यह सोचकर चप रह जािा होगा हक अपरााी कोई भी हो लहकन बराई उसी की होनी ह बइजजिी िो उसी की खराब होनी ह इसक बाद शायद वह यह सोचकर चपचाप अपनी करििो म जट जािा होगा हक आजनही िो कल उसको वह इजजि अवशय हमलगी हजसका वह हकदार ह उसको भी खल आम उिनी ही वीवीकायदिा हमलगी हजिनी की आज समाज म जाहिवाद सकीरदिा भाई भिीजावाद भायवाद और काहहली को हमली ह काला ान सोचिा होगा- जस बाहकयो क हदन बहर कया पिा वस ही उसक भी बहर

और साहथयो चलि-चलि अपनी जड़ो की ओर - बरहमलीन सनि कहव हशवदीन राम (जोशी) की सनि-वारी आप ही क आधयाहतमक हशषय आदररीय शरी हकशोर पारीक [खणडला] जी क सौजनय स

गोकल व बरसान की नार बजाय-बजाय बजा रही िारी अर वनदावन की बनी व बनी बनक ठनक अरी द रही गारी

शयाम को शयामा सजाय सजी अहो और गलाल लगावि पयारी हशवदीन व जोरी स जोरी हमलीबरज खलि होरी ह बाक हबहारी

मगल समगल सदा ही आननद रह नदलाल

ि गलाल डार दख सखी आ रही राा मिवाली आली चाली रग डारन को

गोहपया हनराली गाली शयाम को सना रही सन-सन क शयामलाल सग-सग गवाल बाल

बाजि मदग िाल राा जी गा रही कहिा हशवदीन लाल ऐसी गलाल उड़ी

बादर बन लाल लाली चह ओर छा रही

बरज वनदावन ााम रग स रगा रगीला हरा मोहिया लाल रग ह पयारा पीला

ाम ााम स खल खल रह होरी दखो शयामा शयाम सजान और सग गोरी दखो

चह ओर हपचकाररया रग-रग की ाार हशवदीन सरस रस रहसक जन पीव करर-करर पयार

राम गर गायर

भारि की लोक समपदा फागन की फाग - आचायद सजीव वमाद सहलल भारि हवहवावरी लोक सवीकहि स सपनन- समि परमपराओ का दश ह इन परमपराओ म स एक लोकगीिो की ह ऋि पररविदन पर उतसवामी भारिीय जन-

मानस गायन-वादन और निदन की हिवरी परवाहहि कर आनहदि होि ह फागन वषािि िथा चि वषादरमभ क साथ-साथ फसलो क पकन क समय क सचक भी ह दहिरायनी सयद जस ही मकर राहश म परवश कर उततरायरी होि ह इस महादवीप म हदन की लमबाई और िापमान दोनो की वहि होन की लोकमानयिा ह सयद पजन गड़-हिल स हनहमदि पकवाननो का सवन और पिगबाजी क माधयम स गगनचमबी लोकानद की अहभवयहि सवदि दखी जा सकिी हमकर सकराहि हखचड़ी बसाखी पोगल आहद हवहवा नामो स यह लोकपवद सकल दश म मनाया जािा ह पवदराज होली स ही मधयोततर भारि म फागो की बयार बहन लगिी ह बदलखड म फाग बजभहम म नटनागर की लीलाए हचहिि करि रहसया और बााई गीि अवा म राम-हसया की जगल जोड़ी की होली-करीड़ा जन सामानय स लकर हवहशषट जनो िक को रसानद म आपादमवीिक डबा दि ह राम अवा स हनकाकर बदली माटी पर अपनी लीलाओ को हववीिार दि हए लमब समय िक हवचरि रह इसहलए बदली मानस उनस एकाकार होकर हर पवद-तयौहार पर ही नही हर हदन उनह याद कर जय राम जी की कहिा ह कषर का नागो स सघषद और पाडवो का अजञािवास नमददाचली बनदल भहम पर हआ गौरा-बौरा िो बदलखड क अपन ह हशवजा हशवातमजा हशवसिा हशवहपरया हशव वीवदोभवा आहद सजञाओ स समबोहाि आननददाहयनी नमददा िट पर बमबहलयो क साथ-साथ हशव-हशवा की लीलाओ स यि फाग गयी जाना वीवाभाहवक ह बदली फागो क एकछि समराट ह लोककहव ईसरी ईसरी न अपनी परहमका रजउ को अपन कहितव म अमर कर हदया ईसरी न फागो की एक हवहशषट शली चौघहड़या फाग को जनम हदया हम अपनी फाग चचाद चौघहड़या फागो स ही आरमभ करि ह ईसरी न अपनी पराकि परहिभा स रामीर मानव मन क उचवासो को सर-िाल क साथ समहनवि कर उपहिि और अनचीनही लोक भावनाओ को इन फागो म हपरोया ह रसराज शर गार क सयोग और हवयोग दोनो पि इन फागो म अदभि माायद क साथ वहरदि ह सदयवीनािा यविी की कशराहश पर मा ईसरी गा उठि ह ईसरी रााा जी क कानो म झल रह िरकला को उन दो िारो की िरह बिाि ह जो रााा जी क मख चनर क सौदयद क आग फीक फड़ गए ह कानन डल राहाका जी क लग िरकला नीक आनदकद चद क ऊपर िो िारागर फीक ईसरी की आराधया राहाका जी सदरी होन क साथ-साथ दीनो-दहखयो क दखहिाद भी ह मय बल राि राहाका जी को कर आसरा की कौ दीनदयाल दीन दःख दखन हजनको मख ह नीकौ पहटया कौन सगर न पारी लगी दहिन पयारी रचक घटी-बड़ी ह नया सास कसी ढारी िन रई आन सीस क ऊपर शयाम घटा सी कारी ईसर परार खान ज पहटया जब स िकी उघारी

कहव पछिा ह हक नाहयका की मोहक चोहटया हकस सघड़ न बनायी ह चोहटया जरा भी छोटी-बड़ी नही ह और आिी-जािी सासो की िरह हहल-डल रही ह व नाहयका क शीश क ऊपर शयामल मघो की िरह छाई ह ईसरी न जब स इस अनावतत कशराहश की सनदरिा को दखा ह उनकी जान हनकली जा रही ह ईसर की नाहयका ननो स िलवार चलािी ह दोई ननन की िरवार पयारी हफर उबार अलपान गजरान हसरोही सलमान झख मार ऐच बार मयान घघट की द काजर की ाार ईसर शयाम बरकि रहहयो अहायार उहजयार िलवार का वार िो हनकट स ही हकया जा सकिा ह नायक दर हो िो कया हकया जाए कया नाहयका उस य ही जान दगी यह िो हो ही नही सकिा नाहयका हनगाहो को बरछी स भी अहाक पन िीर बनाकर नायक का हरदय भदिी ह छट नन-बार इन खोरन हिरछी भौह मरोरन नोकदार बरछी स पन चलि करज फोरन नायक बचारा बचिा हफर रहा ह पर नाहयका उस जान दन क मड म नही ह िलवार और िीर क बाद वह अपनी काहिल हनगाहो को हपवीिौल बना लिी ह अहखया हपवीिौल सी करक मारन चाि समर क गोली बाज दरद की दार गज कर दि निर क इिन पर भी ईसरी जान हथली पर लकर नवयौवना नाहयका का गबखान करि नही अघाि जबना कड़ आय कर गहलया बला कसी कहलया ना हम दख जमि जमी म ना माली की बहगया सोन कस िबक चि ह बरछी कसी भहलया ईसर हाथ सभार ाररयो फटट न जाव गहदया लोक ईसरी की फाग-रचना क मल म उनकी परहमका रजऊ को मानिी ह रजऊ न हजस हदन गारो क साथ गल म काली काच की गररयो की लहड़यो स बन ४ छटा और हबचौली काच क मोहियो का हिदान जसा आभषर और चोली पहहनी उसक रप को दखकर दीवाना होकर हार झलन लगा ईसरी कहि ह हक रजऊ क सौदयद पर मा हए हबना कोई नही रह सकिा हजयना रजऊ न पनो गारो हरनी हजया हबरानो छटा चार हबचौली पर भर हफर गरदानो

जबनन ऊपर चोली पर लटक हार हदवानो ईसर कान बटकन नइया दख लव चह जवानो ईसरी को रजऊ की हरन (हचिवन) और हसन (हसी) नही भलिी हवशाल यौवन मिवाली चाल इकहरी पिली कमर बार की िरह िानी भौह हिरछी निर भलाय नही भलिी व निर क बार स मरन िक को ियार ह इसी बहान रजऊ एक बार उनकी ओर दख िो ल ऐसा समपदर ईसरी क अलावा और कौन कर सकिा ह हमख़ा हबसरि नही हबसारी हरन-हसन िमारी जबन हवशाल चाल मिवारी पिरी कमर इकारी भौह कमान बान स िान निर हिरीछी मारी ईसर कान हमारी कोदी िनक हर लो पयारी ईसरी क हलय रजऊ ही सवदवीव ह उनका जीवन-मरर सब कछ रजऊ ही ह व परभ-वीमरर की ही िरह रजऊ का नाम जपि हए मरन की कामना करि ह इसहलए कछ हवदवान रजऊ की सासाररक परहमका नही आदया माि शहि को उनक दवारा हदया गया समबोान मानि ह जौ जी रजऊ रजऊ क लान का काऊ स कान जौलो रहन रहि हजदगी रजऊ क हि कमान पला भोजन कर रजौआ पाछ क मोय खान रजऊ रजऊ कौ नाम ईसरी लि-लि मर जान ईसरी रहचि सहसतरो फाग चार कहड़यो (पहियो) म बाी होन क कारन चौकहड़या फाग कही जािी ह इनम सौदयद को पान क साथ-साथ पजन और उसक परहि मन-परार स समहपदि होन क आधयातमजहनि भावो की सहलला परवाहहि ह रचना हवाान य फाग ४ पहियो म हनबि ह हर पहि म २ चरर ह हवषम चरर (१ ३ ५ ७ ) म १६ िथा सम चरर (२ ४ ६ ८) म १२ मािाए ह चरराि म परायः गर मािाए ह हकनि कही-कही २ लघ मािाए भी हमलिी ह य फाग छद परभाकर क अनसार महाभागवि जािीय नर र छद म हनबि ह इस छद म खड़ी हहदी म रचनाए मर पिन म अब िक नही आयी ह ईसरी की एक फाग का खड़ी हहदी म रपािरर दहखए हकस चिरा न छोटी गथी लगिी बहद पयारी हकहचि छोटी-बड़ी न उठ-हगर रही सास सम नयारी मकट समान शीश पर शोहभि कषर मघ सी कारी हलय ल रही जान कश-छहव जब स हदखी उघारी नर र छद म एक चिषपदी दहखए

बाि बनाई हकसन कसी कौन हनभाय वाद सब सच समझ रही ह जनिा कहा फदकि पयाद राजा कौन विीर कौन हकसक बद-नक इराद हजसको चाह सहलल हजिा मि चाह उस हरा द बनदली लोकरग की सािी ईसरी की फाग सजीव बदलखड क महानिम लोककहव ईसरी क कावय म लोकजीवन क सावीकहिक साहहहतयक सामाहजक पि परी जीवनििा और रचनातमकिा क साथ उदघाहटि हए ह ईसरी का वहशषटय यह ह हक व िथाकहथि सभराििा या पाहडतय स कय भाषा शली आहद उाार नही लि व दशज रामीर लोक मकयो और परमपराओ को इिनी वीवाभाहवकिा परगाििा और अपनतव स अहकि करि ह हक उसक सममख हशषटिा-शालीनिा ओिहि सजदनाारा हवपनन परिीि होन लगिी ह उनका साहहतय पवीिकाकार रप म नही शरहि परपरा म सन-गाकर सहदयो िक जीहवि रखा गया बदलखड क जन-मन समराट महान लोककहव ईसरी की फाग गय परपरा क कारर लोक-वीमहि और लोक-मख म जीहवि रही सकलनकिाद कवर शरी दगद हसह न १९३१ स १९४१ क मधय इनका सकलन हकया शरी इलाशकर गहा न ाौराद राम (जहा ईसरी लमब समय रह थ) हनवाहसयो स सनकर फागो का सकलन हकया अपिाकि कम परचहलि हनमन फागो म ईसरी क नसहगदक कारहयिी परहिभा क साथ-साथ बनदली लोक परपरा हावीया एव शरीनगरहपरयिा क भी दशदन होि ह कषर-भि ईसरी वनदावन की माटी का महातमय कहि हए उस दविाओ क हलए भी दलदभ बिाि ह अपनी कवीन जीभ स चाटी वनदावन की माटी दरलभ भई हमली ना उनखो दई दविन डाटी हमल ना सकी अनकन हार पाव की पररपाटी पायो वीवाग काह न नइया मीठी ह की खाटी बाही रज बजबाहसन lsquoईसरrsquo हहसदारी म बाटी कदम कञज म खड़ कनहया राहगीरो को रावीिा भला दि ह इसहलए पहथक जमना की राह ही भल गय ह अथादि जमना स नही जाि हकसी को भला कर मजा लन की लोकरीि को ईसरी अचछा नही मानि और कषर को सलाह दि ह हक हकसी स अहाक हसी अचछी नही होिी आली मनमोहन क मार जमना गल हबसार जब दखो जब खडो कञज म गह कदम की डार जो कोउ भल जाि ह रवीिा बरबस आन हबगार जादा हसी नही काऊ स जा ना रीि हमार

lsquoईसरrsquo कौन चाल अब चहलए ज िौ परी पार राि भर घर स बाहर रह कषर को अपनी सफाई म कछ कहन का अवसर हमल हबना lsquoछहलयाrsquo का हखिाब दना ईसरी क ही बस की बाि ह ओइ घर जाब मरहलयाबार जहा राि रय पयार हर बाट मनइया बठी कर नन रिनार अब िौ कौनऊ काम िमारो नइया भवन हमार lsquoईसरrsquo कषर नद क छौना िम छहलया बजबार फगआ हो और रााा न खल यह कस हो सकिा ह कषर सर ह िो रााा सवा सर दोनो की लीलाओ का सजीव वरदन करि ह ईसरी मानो सािाि दख रह हो रााा न कषर की लकटी-कमररया छीन ली िो कषर न रााा क हसर स सारी खीच ली इिना ही हो िो गनीमि होली की मवीिी चरम पर हई िो रााा नटनागर बन गयी और कषर को नारी बना हदया खल फाग राहाका पयारी बज खोरन हगराारी इन भर बाह बास को टारो उन मारो हपचकारी इनन छीनी लकहट मरहलया उन छीनी हसर सारी ब िो आय नद क लाला ज बषभान दलारी अपन बनी नटनागर lsquoईसरrsquo उन बनाओ नारी अटारी क सीिी चिि घघर हनशबद हो गए फलो की सज पर बनवारी की नीद लग गयी रााा क आि ही यशोदा क अनाड़ी बट की बीन (बासरी) चोरी हो गयी कसी सहज-सरस ककपना ह चोरी गइ बीन हबहारी की जसदा क लाल अनारी की जाहमन अमल जगल क भीिर आवन भइ रााा पयारी की नपर सबद सनाक हखच रय हछहड़या चड़ि अटारी की बड़ी गलाम सज फलन की लग गइ नीद मरारी की काि lsquoईसरीrsquo घोरा प स उठा लई बनवारी की कषर रााा और गोहपयो क चगल म फस गय ह गोहपयो न अपन मनभावन कषर को पकड़कर सतरी बनान का उपकरम करन म कोई कसर नही छोड़ी कषर की बनमाला और मरली छीनकर हसर पर साड़ी उिा दी गयी रााा न उनह सभी आभषरो स सजाकर कमर म लहगा पहना हदया और सहखयो क सग फागन मनान म लीन हो गयी ह शर गार और हावीय का ऐसा जीवि शबद हचि ईसरी ही खीच सकि ह पकर गोहपन क मनभावन लागी नार बनावन छीन लई बनमाल मरहलया सारी सीस उड़ावन

सकल अभषन सज राहाका कहट लहगा पहरावन नारी भस बना क lsquoईसरrsquo फगआ लगी मगावन ईसरी परहमका स हनवदन करा रह ह हक वह अपन िीख नयनो का वार न कर हजरह-बखिर कछ न कर सक ग और दख ही दखि नयन-बार हदल क पार हो जायगा हकसी गरी वदय की औषहा भी काम नही आएगी ईसरी क दवाई िो हपरयिमा का दशदन ही ह पररय की ऐसी परगाि रसहसि अहभवयहि अपनी हमसाल आप ह नना ना मारो लग जह मरम पार हो जह बखिर हझलम कहा का लह ढाल पार कर जह औषद मर एक ना लहगह बद गनी का कह कहि lsquoईसरीrsquo सन लो पयारी दरस दबाई दह हनमन फाग म ईसरी नयनो की कथा कहि ह जो परदशी स लगकर हबगड़ गय बबादद हो गय ह य नयना अा हसपाही ह जो कभी लड़कर नही हार इनको बहि नाि स काजल की रखा भर-भरकर पाला ह हकनि य खो गए और इनस बहि आसओ स नयी की नयी सारी भीग गयी ह कसी माहमदक अहभवयहि ह नना परदसी स लग क भय बरबाद हबगरक नना मोर सर हसपाही कबऊ ना हार लरक ज नना बार स पाल काजर रख भरक lsquoईसरrsquo भीज गई नई सारी खोवन असआ ढरक शरगार क हवरह पि का परहिहनहातव करिी यह फाग ईसरी और उनकी परहमका रजऊ क हबछड़न की वयथा-कथा कहिी ह हबछरी सारस कसी जोरी रजो हमारी िोरी सङगसङग रह हनहस-बासर गर हलपटिी सोरी सो हो गई सपन की बाि अन हस बोल कोरी कछ हदनन को हिया अबादो हम बिा दो गोरी जबलो लागी रह lsquoईसरीrsquo आसा जी की मोरी ईसरी की य फाग शर गार क हमलन-हवरह पिो का हचिर करन क साथ-साथ हावीय क उदातत पि को भी सामन लािी ह इनम हसी-मजाक हसना-बोलना सभी कछ ह हकनि मयादहदि कही भी अशलीलिा का लश माि भी नही ह ईसरी की य फाग २८ मािी नरनर छद म रहचि ह इनम १६-१२ पर यहि का ईसरी न परी िरह पालन हकया ह सम चररानि म गर की अहाकिा ह हकनि २ लघ भी परापय ह इक फाग म ४ ५ या ६ िक पहिया हमलिी ह एक फाग की सभी पहियो म सम चररानि समान ह जबहक हवषम चररानि म लघ-गर का कोई बान नही ह

हम न गर हवीन और ख़शब ही को िोला होिा हफर िो हर पड़ गलाबो स भी हकका होिा उदाहरर क रप म समझा जाय िो एक मिदबा य भी समझा जा सकिा ह हक परमपराए हमशा पड़ या हफर पौा की िरह होिी ह और उन पर लगन वाल फल और उन फलो की ख़शबए आाहनक हवचाराारा समान यहद हम आाहनक हवचारााराओ ही को सबकछ समझ बठ ग िो य फल और ख़शबए कया आसमान स टपक ग समझन वाल इशारो को बहि जकद समझग बाय द टाइम आप इस अङक को पि रह हो ममहकन ह दहनया का एक बड़ा हहवीसा आप को होली की बराइया हगना रहा हो हम इिना ही हनवदन कर ग हक ldquoसपrdquo की िरह-िरह सार-सार को गह और थोथ को उड़ा फ क नीर-िीर-हववक हम सब की ामहनयो म यगो-यगो स परवाहमान ह अपन हववक का सदपयोग करि हय अचछी बािो को आग बिाए हमठाइयो क कारोबाररयो दवारा परोस जा रह अशि माल स परहि करि वक़ि याद रह हक कडबरी भी कोई अमि नही ह हर गली क नककड़ पर रङग हपचकारी वग़रह बचन वाल हमार कटीर उदयोग क खवनहार ह आप सभी को सपररवार होली की शभ-कामनाए

खहशयो का वीवागि कर हर आगन हर दवार| कछ ऐसा हो इस बरस होली का तयौहार||

होली हवषयक और भी सामरी मसलन छद ग़िल हजल नज़म कहविा गीि-नवगीि रहसया आलख कहानी कथा वग़रह पिन क हलय यहा हकलक कर

Page 30: Saahityam dec14 jan feb 15

हवजनर शमाद

सरहद स आया नही होली पर कय लाल मा की आख रग स करिी रही सवाल

आखो को भी ह हगला कर हशकायि गाल बरी ख़द आया नही हभजवा हदया गलाल

कौन बजाव फाग प ढोल नगाड़ चग चारो िरर उदाहसया गायब हई उमग

मौक़ा था पर यार न डाला नही गलाल

मरझाय स ही रह मर दोनो गाल

हरि म थ यार सब दशमन भी था दग मन उसक गाल पर लगा हदया जब रग

इििार क रग म गयी बावरी डब होली पर इसबार भी आया ना महबब

और अब ररसहिया जी का एक और ाास सटायर ाास इसहलय हक समझ म नही आ रहा हक इनह खाङरसी कहा जाय हक हफर भीजफी बाला

आजकल बचार कालान की मरन ह कोई भी घपला होिा ह काल ान पर िोहमि लगिी ह बलक मनी की थ-थ होिी ह जस निा चमच क हबना महनि चल क हबना आईपीएल हरहकसग क हबना

अारा लगिा ह वस ही कोई भी घपला काल ान की चचाद क हबना अारा लगिा ह घपला अगर कोई

आाहनक जहटल कहविा ह िो काला ान उसका आम जनिा की समझ म आन वाला सरल अनवाद ह घोटाला यहद कोई अबझ हसिाि ह िो काला ान उसकी सहज टीका ह जस पाहटदया चद क हबना निा लफ़राजी क हबना लखक अपनी उपिा का रोना रोय हबना नही रह पािा वस ही दहनया का कोई भी बड़ा ानाा हबना काल ान क नही पनप सकिा दहनया म हजिन भी मजबि ाना ह चाह वह हहथयार का हो ामद का हो या हरर हशिा का ही कयो न हो सबकी बहनयाद म काल ान की सीमनट लगी ह काला ान न हो िो हवीवस बक रवीस बक होकर रह जाय अपन दश म हपछल बीस सालो म हजतता हवकास हआ ह काला ान उसस कई गना जयादा बिा ह गहरि की भाषा म कह िो हकसी भी आाहनक समाज का हवकास उस समाज म मौजद कालान की मािा का समानपािी होिा ह इस सबक बावजद कालान को लोग इजजि की हनगाह स नही दखि कालाान कमान वाला िक खलआम उसकी आलोचना ही करिा ह राजनीहिजञ चनाव भल काल ान क सहार लड़ लहकन सावदजहनक रप स कालान की ऐसी बराई करि ह जस वामपथी दहिरपहथयो की करि ह अमररकी कयबा की करि ह पाहकवीिान वाल भारि की करि िरह ह अपन परहि दहनया का यह दवदातमक इजजिवाद दखकर बचार कालान क हदल पर कया बीििी होगी दहनया क ाोख को दखकर उसका मन भी हजया खान की िरह लटककर हनपट जान का करिा होगा उसका भी मन करिा होगा हक सरकारी गवाह बन जाय और सबकी पोल खोल द हक कस िमाम लोगो स उसक अिरग सबा रह कस लोगो न उसका सहारा हलया आग बि और सहारा हलया लहकन जब सरलिा क हकवीस सनान की बारी आयी िो शरय अपनी महनि लगन और बहि को हदया कालान क योगदान की सरासर उपिा कर दी यह वसा ही ह हक हकसी दश क इहिहास म राजा राहनयो क हकवीस हलख जाय लहकन महनिकश जनिा की कहानी गोलकर दी जाय लहकन हरर कालाान शायद यह सोचकर चप रह जािा होगा हक अपरााी कोई भी हो लहकन बराई उसी की होनी ह बइजजिी िो उसी की खराब होनी ह इसक बाद शायद वह यह सोचकर चपचाप अपनी करििो म जट जािा होगा हक आजनही िो कल उसको वह इजजि अवशय हमलगी हजसका वह हकदार ह उसको भी खल आम उिनी ही वीवीकायदिा हमलगी हजिनी की आज समाज म जाहिवाद सकीरदिा भाई भिीजावाद भायवाद और काहहली को हमली ह काला ान सोचिा होगा- जस बाहकयो क हदन बहर कया पिा वस ही उसक भी बहर

और साहथयो चलि-चलि अपनी जड़ो की ओर - बरहमलीन सनि कहव हशवदीन राम (जोशी) की सनि-वारी आप ही क आधयाहतमक हशषय आदररीय शरी हकशोर पारीक [खणडला] जी क सौजनय स

गोकल व बरसान की नार बजाय-बजाय बजा रही िारी अर वनदावन की बनी व बनी बनक ठनक अरी द रही गारी

शयाम को शयामा सजाय सजी अहो और गलाल लगावि पयारी हशवदीन व जोरी स जोरी हमलीबरज खलि होरी ह बाक हबहारी

मगल समगल सदा ही आननद रह नदलाल

ि गलाल डार दख सखी आ रही राा मिवाली आली चाली रग डारन को

गोहपया हनराली गाली शयाम को सना रही सन-सन क शयामलाल सग-सग गवाल बाल

बाजि मदग िाल राा जी गा रही कहिा हशवदीन लाल ऐसी गलाल उड़ी

बादर बन लाल लाली चह ओर छा रही

बरज वनदावन ााम रग स रगा रगीला हरा मोहिया लाल रग ह पयारा पीला

ाम ााम स खल खल रह होरी दखो शयामा शयाम सजान और सग गोरी दखो

चह ओर हपचकाररया रग-रग की ाार हशवदीन सरस रस रहसक जन पीव करर-करर पयार

राम गर गायर

भारि की लोक समपदा फागन की फाग - आचायद सजीव वमाद सहलल भारि हवहवावरी लोक सवीकहि स सपनन- समि परमपराओ का दश ह इन परमपराओ म स एक लोकगीिो की ह ऋि पररविदन पर उतसवामी भारिीय जन-

मानस गायन-वादन और निदन की हिवरी परवाहहि कर आनहदि होि ह फागन वषािि िथा चि वषादरमभ क साथ-साथ फसलो क पकन क समय क सचक भी ह दहिरायनी सयद जस ही मकर राहश म परवश कर उततरायरी होि ह इस महादवीप म हदन की लमबाई और िापमान दोनो की वहि होन की लोकमानयिा ह सयद पजन गड़-हिल स हनहमदि पकवाननो का सवन और पिगबाजी क माधयम स गगनचमबी लोकानद की अहभवयहि सवदि दखी जा सकिी हमकर सकराहि हखचड़ी बसाखी पोगल आहद हवहवा नामो स यह लोकपवद सकल दश म मनाया जािा ह पवदराज होली स ही मधयोततर भारि म फागो की बयार बहन लगिी ह बदलखड म फाग बजभहम म नटनागर की लीलाए हचहिि करि रहसया और बााई गीि अवा म राम-हसया की जगल जोड़ी की होली-करीड़ा जन सामानय स लकर हवहशषट जनो िक को रसानद म आपादमवीिक डबा दि ह राम अवा स हनकाकर बदली माटी पर अपनी लीलाओ को हववीिार दि हए लमब समय िक हवचरि रह इसहलए बदली मानस उनस एकाकार होकर हर पवद-तयौहार पर ही नही हर हदन उनह याद कर जय राम जी की कहिा ह कषर का नागो स सघषद और पाडवो का अजञािवास नमददाचली बनदल भहम पर हआ गौरा-बौरा िो बदलखड क अपन ह हशवजा हशवातमजा हशवसिा हशवहपरया हशव वीवदोभवा आहद सजञाओ स समबोहाि आननददाहयनी नमददा िट पर बमबहलयो क साथ-साथ हशव-हशवा की लीलाओ स यि फाग गयी जाना वीवाभाहवक ह बदली फागो क एकछि समराट ह लोककहव ईसरी ईसरी न अपनी परहमका रजउ को अपन कहितव म अमर कर हदया ईसरी न फागो की एक हवहशषट शली चौघहड़या फाग को जनम हदया हम अपनी फाग चचाद चौघहड़या फागो स ही आरमभ करि ह ईसरी न अपनी पराकि परहिभा स रामीर मानव मन क उचवासो को सर-िाल क साथ समहनवि कर उपहिि और अनचीनही लोक भावनाओ को इन फागो म हपरोया ह रसराज शर गार क सयोग और हवयोग दोनो पि इन फागो म अदभि माायद क साथ वहरदि ह सदयवीनािा यविी की कशराहश पर मा ईसरी गा उठि ह ईसरी रााा जी क कानो म झल रह िरकला को उन दो िारो की िरह बिाि ह जो रााा जी क मख चनर क सौदयद क आग फीक फड़ गए ह कानन डल राहाका जी क लग िरकला नीक आनदकद चद क ऊपर िो िारागर फीक ईसरी की आराधया राहाका जी सदरी होन क साथ-साथ दीनो-दहखयो क दखहिाद भी ह मय बल राि राहाका जी को कर आसरा की कौ दीनदयाल दीन दःख दखन हजनको मख ह नीकौ पहटया कौन सगर न पारी लगी दहिन पयारी रचक घटी-बड़ी ह नया सास कसी ढारी िन रई आन सीस क ऊपर शयाम घटा सी कारी ईसर परार खान ज पहटया जब स िकी उघारी

कहव पछिा ह हक नाहयका की मोहक चोहटया हकस सघड़ न बनायी ह चोहटया जरा भी छोटी-बड़ी नही ह और आिी-जािी सासो की िरह हहल-डल रही ह व नाहयका क शीश क ऊपर शयामल मघो की िरह छाई ह ईसरी न जब स इस अनावतत कशराहश की सनदरिा को दखा ह उनकी जान हनकली जा रही ह ईसर की नाहयका ननो स िलवार चलािी ह दोई ननन की िरवार पयारी हफर उबार अलपान गजरान हसरोही सलमान झख मार ऐच बार मयान घघट की द काजर की ाार ईसर शयाम बरकि रहहयो अहायार उहजयार िलवार का वार िो हनकट स ही हकया जा सकिा ह नायक दर हो िो कया हकया जाए कया नाहयका उस य ही जान दगी यह िो हो ही नही सकिा नाहयका हनगाहो को बरछी स भी अहाक पन िीर बनाकर नायक का हरदय भदिी ह छट नन-बार इन खोरन हिरछी भौह मरोरन नोकदार बरछी स पन चलि करज फोरन नायक बचारा बचिा हफर रहा ह पर नाहयका उस जान दन क मड म नही ह िलवार और िीर क बाद वह अपनी काहिल हनगाहो को हपवीिौल बना लिी ह अहखया हपवीिौल सी करक मारन चाि समर क गोली बाज दरद की दार गज कर दि निर क इिन पर भी ईसरी जान हथली पर लकर नवयौवना नाहयका का गबखान करि नही अघाि जबना कड़ आय कर गहलया बला कसी कहलया ना हम दख जमि जमी म ना माली की बहगया सोन कस िबक चि ह बरछी कसी भहलया ईसर हाथ सभार ाररयो फटट न जाव गहदया लोक ईसरी की फाग-रचना क मल म उनकी परहमका रजऊ को मानिी ह रजऊ न हजस हदन गारो क साथ गल म काली काच की गररयो की लहड़यो स बन ४ छटा और हबचौली काच क मोहियो का हिदान जसा आभषर और चोली पहहनी उसक रप को दखकर दीवाना होकर हार झलन लगा ईसरी कहि ह हक रजऊ क सौदयद पर मा हए हबना कोई नही रह सकिा हजयना रजऊ न पनो गारो हरनी हजया हबरानो छटा चार हबचौली पर भर हफर गरदानो

जबनन ऊपर चोली पर लटक हार हदवानो ईसर कान बटकन नइया दख लव चह जवानो ईसरी को रजऊ की हरन (हचिवन) और हसन (हसी) नही भलिी हवशाल यौवन मिवाली चाल इकहरी पिली कमर बार की िरह िानी भौह हिरछी निर भलाय नही भलिी व निर क बार स मरन िक को ियार ह इसी बहान रजऊ एक बार उनकी ओर दख िो ल ऐसा समपदर ईसरी क अलावा और कौन कर सकिा ह हमख़ा हबसरि नही हबसारी हरन-हसन िमारी जबन हवशाल चाल मिवारी पिरी कमर इकारी भौह कमान बान स िान निर हिरीछी मारी ईसर कान हमारी कोदी िनक हर लो पयारी ईसरी क हलय रजऊ ही सवदवीव ह उनका जीवन-मरर सब कछ रजऊ ही ह व परभ-वीमरर की ही िरह रजऊ का नाम जपि हए मरन की कामना करि ह इसहलए कछ हवदवान रजऊ की सासाररक परहमका नही आदया माि शहि को उनक दवारा हदया गया समबोान मानि ह जौ जी रजऊ रजऊ क लान का काऊ स कान जौलो रहन रहि हजदगी रजऊ क हि कमान पला भोजन कर रजौआ पाछ क मोय खान रजऊ रजऊ कौ नाम ईसरी लि-लि मर जान ईसरी रहचि सहसतरो फाग चार कहड़यो (पहियो) म बाी होन क कारन चौकहड़या फाग कही जािी ह इनम सौदयद को पान क साथ-साथ पजन और उसक परहि मन-परार स समहपदि होन क आधयातमजहनि भावो की सहलला परवाहहि ह रचना हवाान य फाग ४ पहियो म हनबि ह हर पहि म २ चरर ह हवषम चरर (१ ३ ५ ७ ) म १६ िथा सम चरर (२ ४ ६ ८) म १२ मािाए ह चरराि म परायः गर मािाए ह हकनि कही-कही २ लघ मािाए भी हमलिी ह य फाग छद परभाकर क अनसार महाभागवि जािीय नर र छद म हनबि ह इस छद म खड़ी हहदी म रचनाए मर पिन म अब िक नही आयी ह ईसरी की एक फाग का खड़ी हहदी म रपािरर दहखए हकस चिरा न छोटी गथी लगिी बहद पयारी हकहचि छोटी-बड़ी न उठ-हगर रही सास सम नयारी मकट समान शीश पर शोहभि कषर मघ सी कारी हलय ल रही जान कश-छहव जब स हदखी उघारी नर र छद म एक चिषपदी दहखए

बाि बनाई हकसन कसी कौन हनभाय वाद सब सच समझ रही ह जनिा कहा फदकि पयाद राजा कौन विीर कौन हकसक बद-नक इराद हजसको चाह सहलल हजिा मि चाह उस हरा द बनदली लोकरग की सािी ईसरी की फाग सजीव बदलखड क महानिम लोककहव ईसरी क कावय म लोकजीवन क सावीकहिक साहहहतयक सामाहजक पि परी जीवनििा और रचनातमकिा क साथ उदघाहटि हए ह ईसरी का वहशषटय यह ह हक व िथाकहथि सभराििा या पाहडतय स कय भाषा शली आहद उाार नही लि व दशज रामीर लोक मकयो और परमपराओ को इिनी वीवाभाहवकिा परगाििा और अपनतव स अहकि करि ह हक उसक सममख हशषटिा-शालीनिा ओिहि सजदनाारा हवपनन परिीि होन लगिी ह उनका साहहतय पवीिकाकार रप म नही शरहि परपरा म सन-गाकर सहदयो िक जीहवि रखा गया बदलखड क जन-मन समराट महान लोककहव ईसरी की फाग गय परपरा क कारर लोक-वीमहि और लोक-मख म जीहवि रही सकलनकिाद कवर शरी दगद हसह न १९३१ स १९४१ क मधय इनका सकलन हकया शरी इलाशकर गहा न ाौराद राम (जहा ईसरी लमब समय रह थ) हनवाहसयो स सनकर फागो का सकलन हकया अपिाकि कम परचहलि हनमन फागो म ईसरी क नसहगदक कारहयिी परहिभा क साथ-साथ बनदली लोक परपरा हावीया एव शरीनगरहपरयिा क भी दशदन होि ह कषर-भि ईसरी वनदावन की माटी का महातमय कहि हए उस दविाओ क हलए भी दलदभ बिाि ह अपनी कवीन जीभ स चाटी वनदावन की माटी दरलभ भई हमली ना उनखो दई दविन डाटी हमल ना सकी अनकन हार पाव की पररपाटी पायो वीवाग काह न नइया मीठी ह की खाटी बाही रज बजबाहसन lsquoईसरrsquo हहसदारी म बाटी कदम कञज म खड़ कनहया राहगीरो को रावीिा भला दि ह इसहलए पहथक जमना की राह ही भल गय ह अथादि जमना स नही जाि हकसी को भला कर मजा लन की लोकरीि को ईसरी अचछा नही मानि और कषर को सलाह दि ह हक हकसी स अहाक हसी अचछी नही होिी आली मनमोहन क मार जमना गल हबसार जब दखो जब खडो कञज म गह कदम की डार जो कोउ भल जाि ह रवीिा बरबस आन हबगार जादा हसी नही काऊ स जा ना रीि हमार

lsquoईसरrsquo कौन चाल अब चहलए ज िौ परी पार राि भर घर स बाहर रह कषर को अपनी सफाई म कछ कहन का अवसर हमल हबना lsquoछहलयाrsquo का हखिाब दना ईसरी क ही बस की बाि ह ओइ घर जाब मरहलयाबार जहा राि रय पयार हर बाट मनइया बठी कर नन रिनार अब िौ कौनऊ काम िमारो नइया भवन हमार lsquoईसरrsquo कषर नद क छौना िम छहलया बजबार फगआ हो और रााा न खल यह कस हो सकिा ह कषर सर ह िो रााा सवा सर दोनो की लीलाओ का सजीव वरदन करि ह ईसरी मानो सािाि दख रह हो रााा न कषर की लकटी-कमररया छीन ली िो कषर न रााा क हसर स सारी खीच ली इिना ही हो िो गनीमि होली की मवीिी चरम पर हई िो रााा नटनागर बन गयी और कषर को नारी बना हदया खल फाग राहाका पयारी बज खोरन हगराारी इन भर बाह बास को टारो उन मारो हपचकारी इनन छीनी लकहट मरहलया उन छीनी हसर सारी ब िो आय नद क लाला ज बषभान दलारी अपन बनी नटनागर lsquoईसरrsquo उन बनाओ नारी अटारी क सीिी चिि घघर हनशबद हो गए फलो की सज पर बनवारी की नीद लग गयी रााा क आि ही यशोदा क अनाड़ी बट की बीन (बासरी) चोरी हो गयी कसी सहज-सरस ककपना ह चोरी गइ बीन हबहारी की जसदा क लाल अनारी की जाहमन अमल जगल क भीिर आवन भइ रााा पयारी की नपर सबद सनाक हखच रय हछहड़या चड़ि अटारी की बड़ी गलाम सज फलन की लग गइ नीद मरारी की काि lsquoईसरीrsquo घोरा प स उठा लई बनवारी की कषर रााा और गोहपयो क चगल म फस गय ह गोहपयो न अपन मनभावन कषर को पकड़कर सतरी बनान का उपकरम करन म कोई कसर नही छोड़ी कषर की बनमाला और मरली छीनकर हसर पर साड़ी उिा दी गयी रााा न उनह सभी आभषरो स सजाकर कमर म लहगा पहना हदया और सहखयो क सग फागन मनान म लीन हो गयी ह शर गार और हावीय का ऐसा जीवि शबद हचि ईसरी ही खीच सकि ह पकर गोहपन क मनभावन लागी नार बनावन छीन लई बनमाल मरहलया सारी सीस उड़ावन

सकल अभषन सज राहाका कहट लहगा पहरावन नारी भस बना क lsquoईसरrsquo फगआ लगी मगावन ईसरी परहमका स हनवदन करा रह ह हक वह अपन िीख नयनो का वार न कर हजरह-बखिर कछ न कर सक ग और दख ही दखि नयन-बार हदल क पार हो जायगा हकसी गरी वदय की औषहा भी काम नही आएगी ईसरी क दवाई िो हपरयिमा का दशदन ही ह पररय की ऐसी परगाि रसहसि अहभवयहि अपनी हमसाल आप ह नना ना मारो लग जह मरम पार हो जह बखिर हझलम कहा का लह ढाल पार कर जह औषद मर एक ना लहगह बद गनी का कह कहि lsquoईसरीrsquo सन लो पयारी दरस दबाई दह हनमन फाग म ईसरी नयनो की कथा कहि ह जो परदशी स लगकर हबगड़ गय बबादद हो गय ह य नयना अा हसपाही ह जो कभी लड़कर नही हार इनको बहि नाि स काजल की रखा भर-भरकर पाला ह हकनि य खो गए और इनस बहि आसओ स नयी की नयी सारी भीग गयी ह कसी माहमदक अहभवयहि ह नना परदसी स लग क भय बरबाद हबगरक नना मोर सर हसपाही कबऊ ना हार लरक ज नना बार स पाल काजर रख भरक lsquoईसरrsquo भीज गई नई सारी खोवन असआ ढरक शरगार क हवरह पि का परहिहनहातव करिी यह फाग ईसरी और उनकी परहमका रजऊ क हबछड़न की वयथा-कथा कहिी ह हबछरी सारस कसी जोरी रजो हमारी िोरी सङगसङग रह हनहस-बासर गर हलपटिी सोरी सो हो गई सपन की बाि अन हस बोल कोरी कछ हदनन को हिया अबादो हम बिा दो गोरी जबलो लागी रह lsquoईसरीrsquo आसा जी की मोरी ईसरी की य फाग शर गार क हमलन-हवरह पिो का हचिर करन क साथ-साथ हावीय क उदातत पि को भी सामन लािी ह इनम हसी-मजाक हसना-बोलना सभी कछ ह हकनि मयादहदि कही भी अशलीलिा का लश माि भी नही ह ईसरी की य फाग २८ मािी नरनर छद म रहचि ह इनम १६-१२ पर यहि का ईसरी न परी िरह पालन हकया ह सम चररानि म गर की अहाकिा ह हकनि २ लघ भी परापय ह इक फाग म ४ ५ या ६ िक पहिया हमलिी ह एक फाग की सभी पहियो म सम चररानि समान ह जबहक हवषम चररानि म लघ-गर का कोई बान नही ह

हम न गर हवीन और ख़शब ही को िोला होिा हफर िो हर पड़ गलाबो स भी हकका होिा उदाहरर क रप म समझा जाय िो एक मिदबा य भी समझा जा सकिा ह हक परमपराए हमशा पड़ या हफर पौा की िरह होिी ह और उन पर लगन वाल फल और उन फलो की ख़शबए आाहनक हवचाराारा समान यहद हम आाहनक हवचारााराओ ही को सबकछ समझ बठ ग िो य फल और ख़शबए कया आसमान स टपक ग समझन वाल इशारो को बहि जकद समझग बाय द टाइम आप इस अङक को पि रह हो ममहकन ह दहनया का एक बड़ा हहवीसा आप को होली की बराइया हगना रहा हो हम इिना ही हनवदन कर ग हक ldquoसपrdquo की िरह-िरह सार-सार को गह और थोथ को उड़ा फ क नीर-िीर-हववक हम सब की ामहनयो म यगो-यगो स परवाहमान ह अपन हववक का सदपयोग करि हय अचछी बािो को आग बिाए हमठाइयो क कारोबाररयो दवारा परोस जा रह अशि माल स परहि करि वक़ि याद रह हक कडबरी भी कोई अमि नही ह हर गली क नककड़ पर रङग हपचकारी वग़रह बचन वाल हमार कटीर उदयोग क खवनहार ह आप सभी को सपररवार होली की शभ-कामनाए

खहशयो का वीवागि कर हर आगन हर दवार| कछ ऐसा हो इस बरस होली का तयौहार||

होली हवषयक और भी सामरी मसलन छद ग़िल हजल नज़म कहविा गीि-नवगीि रहसया आलख कहानी कथा वग़रह पिन क हलय यहा हकलक कर

Page 31: Saahityam dec14 jan feb 15

आाहनक जहटल कहविा ह िो काला ान उसका आम जनिा की समझ म आन वाला सरल अनवाद ह घोटाला यहद कोई अबझ हसिाि ह िो काला ान उसकी सहज टीका ह जस पाहटदया चद क हबना निा लफ़राजी क हबना लखक अपनी उपिा का रोना रोय हबना नही रह पािा वस ही दहनया का कोई भी बड़ा ानाा हबना काल ान क नही पनप सकिा दहनया म हजिन भी मजबि ाना ह चाह वह हहथयार का हो ामद का हो या हरर हशिा का ही कयो न हो सबकी बहनयाद म काल ान की सीमनट लगी ह काला ान न हो िो हवीवस बक रवीस बक होकर रह जाय अपन दश म हपछल बीस सालो म हजतता हवकास हआ ह काला ान उसस कई गना जयादा बिा ह गहरि की भाषा म कह िो हकसी भी आाहनक समाज का हवकास उस समाज म मौजद कालान की मािा का समानपािी होिा ह इस सबक बावजद कालान को लोग इजजि की हनगाह स नही दखि कालाान कमान वाला िक खलआम उसकी आलोचना ही करिा ह राजनीहिजञ चनाव भल काल ान क सहार लड़ लहकन सावदजहनक रप स कालान की ऐसी बराई करि ह जस वामपथी दहिरपहथयो की करि ह अमररकी कयबा की करि ह पाहकवीिान वाल भारि की करि िरह ह अपन परहि दहनया का यह दवदातमक इजजिवाद दखकर बचार कालान क हदल पर कया बीििी होगी दहनया क ाोख को दखकर उसका मन भी हजया खान की िरह लटककर हनपट जान का करिा होगा उसका भी मन करिा होगा हक सरकारी गवाह बन जाय और सबकी पोल खोल द हक कस िमाम लोगो स उसक अिरग सबा रह कस लोगो न उसका सहारा हलया आग बि और सहारा हलया लहकन जब सरलिा क हकवीस सनान की बारी आयी िो शरय अपनी महनि लगन और बहि को हदया कालान क योगदान की सरासर उपिा कर दी यह वसा ही ह हक हकसी दश क इहिहास म राजा राहनयो क हकवीस हलख जाय लहकन महनिकश जनिा की कहानी गोलकर दी जाय लहकन हरर कालाान शायद यह सोचकर चप रह जािा होगा हक अपरााी कोई भी हो लहकन बराई उसी की होनी ह बइजजिी िो उसी की खराब होनी ह इसक बाद शायद वह यह सोचकर चपचाप अपनी करििो म जट जािा होगा हक आजनही िो कल उसको वह इजजि अवशय हमलगी हजसका वह हकदार ह उसको भी खल आम उिनी ही वीवीकायदिा हमलगी हजिनी की आज समाज म जाहिवाद सकीरदिा भाई भिीजावाद भायवाद और काहहली को हमली ह काला ान सोचिा होगा- जस बाहकयो क हदन बहर कया पिा वस ही उसक भी बहर

और साहथयो चलि-चलि अपनी जड़ो की ओर - बरहमलीन सनि कहव हशवदीन राम (जोशी) की सनि-वारी आप ही क आधयाहतमक हशषय आदररीय शरी हकशोर पारीक [खणडला] जी क सौजनय स

गोकल व बरसान की नार बजाय-बजाय बजा रही िारी अर वनदावन की बनी व बनी बनक ठनक अरी द रही गारी

शयाम को शयामा सजाय सजी अहो और गलाल लगावि पयारी हशवदीन व जोरी स जोरी हमलीबरज खलि होरी ह बाक हबहारी

मगल समगल सदा ही आननद रह नदलाल

ि गलाल डार दख सखी आ रही राा मिवाली आली चाली रग डारन को

गोहपया हनराली गाली शयाम को सना रही सन-सन क शयामलाल सग-सग गवाल बाल

बाजि मदग िाल राा जी गा रही कहिा हशवदीन लाल ऐसी गलाल उड़ी

बादर बन लाल लाली चह ओर छा रही

बरज वनदावन ााम रग स रगा रगीला हरा मोहिया लाल रग ह पयारा पीला

ाम ााम स खल खल रह होरी दखो शयामा शयाम सजान और सग गोरी दखो

चह ओर हपचकाररया रग-रग की ाार हशवदीन सरस रस रहसक जन पीव करर-करर पयार

राम गर गायर

भारि की लोक समपदा फागन की फाग - आचायद सजीव वमाद सहलल भारि हवहवावरी लोक सवीकहि स सपनन- समि परमपराओ का दश ह इन परमपराओ म स एक लोकगीिो की ह ऋि पररविदन पर उतसवामी भारिीय जन-

मानस गायन-वादन और निदन की हिवरी परवाहहि कर आनहदि होि ह फागन वषािि िथा चि वषादरमभ क साथ-साथ फसलो क पकन क समय क सचक भी ह दहिरायनी सयद जस ही मकर राहश म परवश कर उततरायरी होि ह इस महादवीप म हदन की लमबाई और िापमान दोनो की वहि होन की लोकमानयिा ह सयद पजन गड़-हिल स हनहमदि पकवाननो का सवन और पिगबाजी क माधयम स गगनचमबी लोकानद की अहभवयहि सवदि दखी जा सकिी हमकर सकराहि हखचड़ी बसाखी पोगल आहद हवहवा नामो स यह लोकपवद सकल दश म मनाया जािा ह पवदराज होली स ही मधयोततर भारि म फागो की बयार बहन लगिी ह बदलखड म फाग बजभहम म नटनागर की लीलाए हचहिि करि रहसया और बााई गीि अवा म राम-हसया की जगल जोड़ी की होली-करीड़ा जन सामानय स लकर हवहशषट जनो िक को रसानद म आपादमवीिक डबा दि ह राम अवा स हनकाकर बदली माटी पर अपनी लीलाओ को हववीिार दि हए लमब समय िक हवचरि रह इसहलए बदली मानस उनस एकाकार होकर हर पवद-तयौहार पर ही नही हर हदन उनह याद कर जय राम जी की कहिा ह कषर का नागो स सघषद और पाडवो का अजञािवास नमददाचली बनदल भहम पर हआ गौरा-बौरा िो बदलखड क अपन ह हशवजा हशवातमजा हशवसिा हशवहपरया हशव वीवदोभवा आहद सजञाओ स समबोहाि आननददाहयनी नमददा िट पर बमबहलयो क साथ-साथ हशव-हशवा की लीलाओ स यि फाग गयी जाना वीवाभाहवक ह बदली फागो क एकछि समराट ह लोककहव ईसरी ईसरी न अपनी परहमका रजउ को अपन कहितव म अमर कर हदया ईसरी न फागो की एक हवहशषट शली चौघहड़या फाग को जनम हदया हम अपनी फाग चचाद चौघहड़या फागो स ही आरमभ करि ह ईसरी न अपनी पराकि परहिभा स रामीर मानव मन क उचवासो को सर-िाल क साथ समहनवि कर उपहिि और अनचीनही लोक भावनाओ को इन फागो म हपरोया ह रसराज शर गार क सयोग और हवयोग दोनो पि इन फागो म अदभि माायद क साथ वहरदि ह सदयवीनािा यविी की कशराहश पर मा ईसरी गा उठि ह ईसरी रााा जी क कानो म झल रह िरकला को उन दो िारो की िरह बिाि ह जो रााा जी क मख चनर क सौदयद क आग फीक फड़ गए ह कानन डल राहाका जी क लग िरकला नीक आनदकद चद क ऊपर िो िारागर फीक ईसरी की आराधया राहाका जी सदरी होन क साथ-साथ दीनो-दहखयो क दखहिाद भी ह मय बल राि राहाका जी को कर आसरा की कौ दीनदयाल दीन दःख दखन हजनको मख ह नीकौ पहटया कौन सगर न पारी लगी दहिन पयारी रचक घटी-बड़ी ह नया सास कसी ढारी िन रई आन सीस क ऊपर शयाम घटा सी कारी ईसर परार खान ज पहटया जब स िकी उघारी

कहव पछिा ह हक नाहयका की मोहक चोहटया हकस सघड़ न बनायी ह चोहटया जरा भी छोटी-बड़ी नही ह और आिी-जािी सासो की िरह हहल-डल रही ह व नाहयका क शीश क ऊपर शयामल मघो की िरह छाई ह ईसरी न जब स इस अनावतत कशराहश की सनदरिा को दखा ह उनकी जान हनकली जा रही ह ईसर की नाहयका ननो स िलवार चलािी ह दोई ननन की िरवार पयारी हफर उबार अलपान गजरान हसरोही सलमान झख मार ऐच बार मयान घघट की द काजर की ाार ईसर शयाम बरकि रहहयो अहायार उहजयार िलवार का वार िो हनकट स ही हकया जा सकिा ह नायक दर हो िो कया हकया जाए कया नाहयका उस य ही जान दगी यह िो हो ही नही सकिा नाहयका हनगाहो को बरछी स भी अहाक पन िीर बनाकर नायक का हरदय भदिी ह छट नन-बार इन खोरन हिरछी भौह मरोरन नोकदार बरछी स पन चलि करज फोरन नायक बचारा बचिा हफर रहा ह पर नाहयका उस जान दन क मड म नही ह िलवार और िीर क बाद वह अपनी काहिल हनगाहो को हपवीिौल बना लिी ह अहखया हपवीिौल सी करक मारन चाि समर क गोली बाज दरद की दार गज कर दि निर क इिन पर भी ईसरी जान हथली पर लकर नवयौवना नाहयका का गबखान करि नही अघाि जबना कड़ आय कर गहलया बला कसी कहलया ना हम दख जमि जमी म ना माली की बहगया सोन कस िबक चि ह बरछी कसी भहलया ईसर हाथ सभार ाररयो फटट न जाव गहदया लोक ईसरी की फाग-रचना क मल म उनकी परहमका रजऊ को मानिी ह रजऊ न हजस हदन गारो क साथ गल म काली काच की गररयो की लहड़यो स बन ४ छटा और हबचौली काच क मोहियो का हिदान जसा आभषर और चोली पहहनी उसक रप को दखकर दीवाना होकर हार झलन लगा ईसरी कहि ह हक रजऊ क सौदयद पर मा हए हबना कोई नही रह सकिा हजयना रजऊ न पनो गारो हरनी हजया हबरानो छटा चार हबचौली पर भर हफर गरदानो

जबनन ऊपर चोली पर लटक हार हदवानो ईसर कान बटकन नइया दख लव चह जवानो ईसरी को रजऊ की हरन (हचिवन) और हसन (हसी) नही भलिी हवशाल यौवन मिवाली चाल इकहरी पिली कमर बार की िरह िानी भौह हिरछी निर भलाय नही भलिी व निर क बार स मरन िक को ियार ह इसी बहान रजऊ एक बार उनकी ओर दख िो ल ऐसा समपदर ईसरी क अलावा और कौन कर सकिा ह हमख़ा हबसरि नही हबसारी हरन-हसन िमारी जबन हवशाल चाल मिवारी पिरी कमर इकारी भौह कमान बान स िान निर हिरीछी मारी ईसर कान हमारी कोदी िनक हर लो पयारी ईसरी क हलय रजऊ ही सवदवीव ह उनका जीवन-मरर सब कछ रजऊ ही ह व परभ-वीमरर की ही िरह रजऊ का नाम जपि हए मरन की कामना करि ह इसहलए कछ हवदवान रजऊ की सासाररक परहमका नही आदया माि शहि को उनक दवारा हदया गया समबोान मानि ह जौ जी रजऊ रजऊ क लान का काऊ स कान जौलो रहन रहि हजदगी रजऊ क हि कमान पला भोजन कर रजौआ पाछ क मोय खान रजऊ रजऊ कौ नाम ईसरी लि-लि मर जान ईसरी रहचि सहसतरो फाग चार कहड़यो (पहियो) म बाी होन क कारन चौकहड़या फाग कही जािी ह इनम सौदयद को पान क साथ-साथ पजन और उसक परहि मन-परार स समहपदि होन क आधयातमजहनि भावो की सहलला परवाहहि ह रचना हवाान य फाग ४ पहियो म हनबि ह हर पहि म २ चरर ह हवषम चरर (१ ३ ५ ७ ) म १६ िथा सम चरर (२ ४ ६ ८) म १२ मािाए ह चरराि म परायः गर मािाए ह हकनि कही-कही २ लघ मािाए भी हमलिी ह य फाग छद परभाकर क अनसार महाभागवि जािीय नर र छद म हनबि ह इस छद म खड़ी हहदी म रचनाए मर पिन म अब िक नही आयी ह ईसरी की एक फाग का खड़ी हहदी म रपािरर दहखए हकस चिरा न छोटी गथी लगिी बहद पयारी हकहचि छोटी-बड़ी न उठ-हगर रही सास सम नयारी मकट समान शीश पर शोहभि कषर मघ सी कारी हलय ल रही जान कश-छहव जब स हदखी उघारी नर र छद म एक चिषपदी दहखए

बाि बनाई हकसन कसी कौन हनभाय वाद सब सच समझ रही ह जनिा कहा फदकि पयाद राजा कौन विीर कौन हकसक बद-नक इराद हजसको चाह सहलल हजिा मि चाह उस हरा द बनदली लोकरग की सािी ईसरी की फाग सजीव बदलखड क महानिम लोककहव ईसरी क कावय म लोकजीवन क सावीकहिक साहहहतयक सामाहजक पि परी जीवनििा और रचनातमकिा क साथ उदघाहटि हए ह ईसरी का वहशषटय यह ह हक व िथाकहथि सभराििा या पाहडतय स कय भाषा शली आहद उाार नही लि व दशज रामीर लोक मकयो और परमपराओ को इिनी वीवाभाहवकिा परगाििा और अपनतव स अहकि करि ह हक उसक सममख हशषटिा-शालीनिा ओिहि सजदनाारा हवपनन परिीि होन लगिी ह उनका साहहतय पवीिकाकार रप म नही शरहि परपरा म सन-गाकर सहदयो िक जीहवि रखा गया बदलखड क जन-मन समराट महान लोककहव ईसरी की फाग गय परपरा क कारर लोक-वीमहि और लोक-मख म जीहवि रही सकलनकिाद कवर शरी दगद हसह न १९३१ स १९४१ क मधय इनका सकलन हकया शरी इलाशकर गहा न ाौराद राम (जहा ईसरी लमब समय रह थ) हनवाहसयो स सनकर फागो का सकलन हकया अपिाकि कम परचहलि हनमन फागो म ईसरी क नसहगदक कारहयिी परहिभा क साथ-साथ बनदली लोक परपरा हावीया एव शरीनगरहपरयिा क भी दशदन होि ह कषर-भि ईसरी वनदावन की माटी का महातमय कहि हए उस दविाओ क हलए भी दलदभ बिाि ह अपनी कवीन जीभ स चाटी वनदावन की माटी दरलभ भई हमली ना उनखो दई दविन डाटी हमल ना सकी अनकन हार पाव की पररपाटी पायो वीवाग काह न नइया मीठी ह की खाटी बाही रज बजबाहसन lsquoईसरrsquo हहसदारी म बाटी कदम कञज म खड़ कनहया राहगीरो को रावीिा भला दि ह इसहलए पहथक जमना की राह ही भल गय ह अथादि जमना स नही जाि हकसी को भला कर मजा लन की लोकरीि को ईसरी अचछा नही मानि और कषर को सलाह दि ह हक हकसी स अहाक हसी अचछी नही होिी आली मनमोहन क मार जमना गल हबसार जब दखो जब खडो कञज म गह कदम की डार जो कोउ भल जाि ह रवीिा बरबस आन हबगार जादा हसी नही काऊ स जा ना रीि हमार

lsquoईसरrsquo कौन चाल अब चहलए ज िौ परी पार राि भर घर स बाहर रह कषर को अपनी सफाई म कछ कहन का अवसर हमल हबना lsquoछहलयाrsquo का हखिाब दना ईसरी क ही बस की बाि ह ओइ घर जाब मरहलयाबार जहा राि रय पयार हर बाट मनइया बठी कर नन रिनार अब िौ कौनऊ काम िमारो नइया भवन हमार lsquoईसरrsquo कषर नद क छौना िम छहलया बजबार फगआ हो और रााा न खल यह कस हो सकिा ह कषर सर ह िो रााा सवा सर दोनो की लीलाओ का सजीव वरदन करि ह ईसरी मानो सािाि दख रह हो रााा न कषर की लकटी-कमररया छीन ली िो कषर न रााा क हसर स सारी खीच ली इिना ही हो िो गनीमि होली की मवीिी चरम पर हई िो रााा नटनागर बन गयी और कषर को नारी बना हदया खल फाग राहाका पयारी बज खोरन हगराारी इन भर बाह बास को टारो उन मारो हपचकारी इनन छीनी लकहट मरहलया उन छीनी हसर सारी ब िो आय नद क लाला ज बषभान दलारी अपन बनी नटनागर lsquoईसरrsquo उन बनाओ नारी अटारी क सीिी चिि घघर हनशबद हो गए फलो की सज पर बनवारी की नीद लग गयी रााा क आि ही यशोदा क अनाड़ी बट की बीन (बासरी) चोरी हो गयी कसी सहज-सरस ककपना ह चोरी गइ बीन हबहारी की जसदा क लाल अनारी की जाहमन अमल जगल क भीिर आवन भइ रााा पयारी की नपर सबद सनाक हखच रय हछहड़या चड़ि अटारी की बड़ी गलाम सज फलन की लग गइ नीद मरारी की काि lsquoईसरीrsquo घोरा प स उठा लई बनवारी की कषर रााा और गोहपयो क चगल म फस गय ह गोहपयो न अपन मनभावन कषर को पकड़कर सतरी बनान का उपकरम करन म कोई कसर नही छोड़ी कषर की बनमाला और मरली छीनकर हसर पर साड़ी उिा दी गयी रााा न उनह सभी आभषरो स सजाकर कमर म लहगा पहना हदया और सहखयो क सग फागन मनान म लीन हो गयी ह शर गार और हावीय का ऐसा जीवि शबद हचि ईसरी ही खीच सकि ह पकर गोहपन क मनभावन लागी नार बनावन छीन लई बनमाल मरहलया सारी सीस उड़ावन

सकल अभषन सज राहाका कहट लहगा पहरावन नारी भस बना क lsquoईसरrsquo फगआ लगी मगावन ईसरी परहमका स हनवदन करा रह ह हक वह अपन िीख नयनो का वार न कर हजरह-बखिर कछ न कर सक ग और दख ही दखि नयन-बार हदल क पार हो जायगा हकसी गरी वदय की औषहा भी काम नही आएगी ईसरी क दवाई िो हपरयिमा का दशदन ही ह पररय की ऐसी परगाि रसहसि अहभवयहि अपनी हमसाल आप ह नना ना मारो लग जह मरम पार हो जह बखिर हझलम कहा का लह ढाल पार कर जह औषद मर एक ना लहगह बद गनी का कह कहि lsquoईसरीrsquo सन लो पयारी दरस दबाई दह हनमन फाग म ईसरी नयनो की कथा कहि ह जो परदशी स लगकर हबगड़ गय बबादद हो गय ह य नयना अा हसपाही ह जो कभी लड़कर नही हार इनको बहि नाि स काजल की रखा भर-भरकर पाला ह हकनि य खो गए और इनस बहि आसओ स नयी की नयी सारी भीग गयी ह कसी माहमदक अहभवयहि ह नना परदसी स लग क भय बरबाद हबगरक नना मोर सर हसपाही कबऊ ना हार लरक ज नना बार स पाल काजर रख भरक lsquoईसरrsquo भीज गई नई सारी खोवन असआ ढरक शरगार क हवरह पि का परहिहनहातव करिी यह फाग ईसरी और उनकी परहमका रजऊ क हबछड़न की वयथा-कथा कहिी ह हबछरी सारस कसी जोरी रजो हमारी िोरी सङगसङग रह हनहस-बासर गर हलपटिी सोरी सो हो गई सपन की बाि अन हस बोल कोरी कछ हदनन को हिया अबादो हम बिा दो गोरी जबलो लागी रह lsquoईसरीrsquo आसा जी की मोरी ईसरी की य फाग शर गार क हमलन-हवरह पिो का हचिर करन क साथ-साथ हावीय क उदातत पि को भी सामन लािी ह इनम हसी-मजाक हसना-बोलना सभी कछ ह हकनि मयादहदि कही भी अशलीलिा का लश माि भी नही ह ईसरी की य फाग २८ मािी नरनर छद म रहचि ह इनम १६-१२ पर यहि का ईसरी न परी िरह पालन हकया ह सम चररानि म गर की अहाकिा ह हकनि २ लघ भी परापय ह इक फाग म ४ ५ या ६ िक पहिया हमलिी ह एक फाग की सभी पहियो म सम चररानि समान ह जबहक हवषम चररानि म लघ-गर का कोई बान नही ह

हम न गर हवीन और ख़शब ही को िोला होिा हफर िो हर पड़ गलाबो स भी हकका होिा उदाहरर क रप म समझा जाय िो एक मिदबा य भी समझा जा सकिा ह हक परमपराए हमशा पड़ या हफर पौा की िरह होिी ह और उन पर लगन वाल फल और उन फलो की ख़शबए आाहनक हवचाराारा समान यहद हम आाहनक हवचारााराओ ही को सबकछ समझ बठ ग िो य फल और ख़शबए कया आसमान स टपक ग समझन वाल इशारो को बहि जकद समझग बाय द टाइम आप इस अङक को पि रह हो ममहकन ह दहनया का एक बड़ा हहवीसा आप को होली की बराइया हगना रहा हो हम इिना ही हनवदन कर ग हक ldquoसपrdquo की िरह-िरह सार-सार को गह और थोथ को उड़ा फ क नीर-िीर-हववक हम सब की ामहनयो म यगो-यगो स परवाहमान ह अपन हववक का सदपयोग करि हय अचछी बािो को आग बिाए हमठाइयो क कारोबाररयो दवारा परोस जा रह अशि माल स परहि करि वक़ि याद रह हक कडबरी भी कोई अमि नही ह हर गली क नककड़ पर रङग हपचकारी वग़रह बचन वाल हमार कटीर उदयोग क खवनहार ह आप सभी को सपररवार होली की शभ-कामनाए

खहशयो का वीवागि कर हर आगन हर दवार| कछ ऐसा हो इस बरस होली का तयौहार||

होली हवषयक और भी सामरी मसलन छद ग़िल हजल नज़म कहविा गीि-नवगीि रहसया आलख कहानी कथा वग़रह पिन क हलय यहा हकलक कर

Page 32: Saahityam dec14 jan feb 15

और साहथयो चलि-चलि अपनी जड़ो की ओर - बरहमलीन सनि कहव हशवदीन राम (जोशी) की सनि-वारी आप ही क आधयाहतमक हशषय आदररीय शरी हकशोर पारीक [खणडला] जी क सौजनय स

गोकल व बरसान की नार बजाय-बजाय बजा रही िारी अर वनदावन की बनी व बनी बनक ठनक अरी द रही गारी

शयाम को शयामा सजाय सजी अहो और गलाल लगावि पयारी हशवदीन व जोरी स जोरी हमलीबरज खलि होरी ह बाक हबहारी

मगल समगल सदा ही आननद रह नदलाल

ि गलाल डार दख सखी आ रही राा मिवाली आली चाली रग डारन को

गोहपया हनराली गाली शयाम को सना रही सन-सन क शयामलाल सग-सग गवाल बाल

बाजि मदग िाल राा जी गा रही कहिा हशवदीन लाल ऐसी गलाल उड़ी

बादर बन लाल लाली चह ओर छा रही

बरज वनदावन ााम रग स रगा रगीला हरा मोहिया लाल रग ह पयारा पीला

ाम ााम स खल खल रह होरी दखो शयामा शयाम सजान और सग गोरी दखो

चह ओर हपचकाररया रग-रग की ाार हशवदीन सरस रस रहसक जन पीव करर-करर पयार

राम गर गायर

भारि की लोक समपदा फागन की फाग - आचायद सजीव वमाद सहलल भारि हवहवावरी लोक सवीकहि स सपनन- समि परमपराओ का दश ह इन परमपराओ म स एक लोकगीिो की ह ऋि पररविदन पर उतसवामी भारिीय जन-

मानस गायन-वादन और निदन की हिवरी परवाहहि कर आनहदि होि ह फागन वषािि िथा चि वषादरमभ क साथ-साथ फसलो क पकन क समय क सचक भी ह दहिरायनी सयद जस ही मकर राहश म परवश कर उततरायरी होि ह इस महादवीप म हदन की लमबाई और िापमान दोनो की वहि होन की लोकमानयिा ह सयद पजन गड़-हिल स हनहमदि पकवाननो का सवन और पिगबाजी क माधयम स गगनचमबी लोकानद की अहभवयहि सवदि दखी जा सकिी हमकर सकराहि हखचड़ी बसाखी पोगल आहद हवहवा नामो स यह लोकपवद सकल दश म मनाया जािा ह पवदराज होली स ही मधयोततर भारि म फागो की बयार बहन लगिी ह बदलखड म फाग बजभहम म नटनागर की लीलाए हचहिि करि रहसया और बााई गीि अवा म राम-हसया की जगल जोड़ी की होली-करीड़ा जन सामानय स लकर हवहशषट जनो िक को रसानद म आपादमवीिक डबा दि ह राम अवा स हनकाकर बदली माटी पर अपनी लीलाओ को हववीिार दि हए लमब समय िक हवचरि रह इसहलए बदली मानस उनस एकाकार होकर हर पवद-तयौहार पर ही नही हर हदन उनह याद कर जय राम जी की कहिा ह कषर का नागो स सघषद और पाडवो का अजञािवास नमददाचली बनदल भहम पर हआ गौरा-बौरा िो बदलखड क अपन ह हशवजा हशवातमजा हशवसिा हशवहपरया हशव वीवदोभवा आहद सजञाओ स समबोहाि आननददाहयनी नमददा िट पर बमबहलयो क साथ-साथ हशव-हशवा की लीलाओ स यि फाग गयी जाना वीवाभाहवक ह बदली फागो क एकछि समराट ह लोककहव ईसरी ईसरी न अपनी परहमका रजउ को अपन कहितव म अमर कर हदया ईसरी न फागो की एक हवहशषट शली चौघहड़या फाग को जनम हदया हम अपनी फाग चचाद चौघहड़या फागो स ही आरमभ करि ह ईसरी न अपनी पराकि परहिभा स रामीर मानव मन क उचवासो को सर-िाल क साथ समहनवि कर उपहिि और अनचीनही लोक भावनाओ को इन फागो म हपरोया ह रसराज शर गार क सयोग और हवयोग दोनो पि इन फागो म अदभि माायद क साथ वहरदि ह सदयवीनािा यविी की कशराहश पर मा ईसरी गा उठि ह ईसरी रााा जी क कानो म झल रह िरकला को उन दो िारो की िरह बिाि ह जो रााा जी क मख चनर क सौदयद क आग फीक फड़ गए ह कानन डल राहाका जी क लग िरकला नीक आनदकद चद क ऊपर िो िारागर फीक ईसरी की आराधया राहाका जी सदरी होन क साथ-साथ दीनो-दहखयो क दखहिाद भी ह मय बल राि राहाका जी को कर आसरा की कौ दीनदयाल दीन दःख दखन हजनको मख ह नीकौ पहटया कौन सगर न पारी लगी दहिन पयारी रचक घटी-बड़ी ह नया सास कसी ढारी िन रई आन सीस क ऊपर शयाम घटा सी कारी ईसर परार खान ज पहटया जब स िकी उघारी

कहव पछिा ह हक नाहयका की मोहक चोहटया हकस सघड़ न बनायी ह चोहटया जरा भी छोटी-बड़ी नही ह और आिी-जािी सासो की िरह हहल-डल रही ह व नाहयका क शीश क ऊपर शयामल मघो की िरह छाई ह ईसरी न जब स इस अनावतत कशराहश की सनदरिा को दखा ह उनकी जान हनकली जा रही ह ईसर की नाहयका ननो स िलवार चलािी ह दोई ननन की िरवार पयारी हफर उबार अलपान गजरान हसरोही सलमान झख मार ऐच बार मयान घघट की द काजर की ाार ईसर शयाम बरकि रहहयो अहायार उहजयार िलवार का वार िो हनकट स ही हकया जा सकिा ह नायक दर हो िो कया हकया जाए कया नाहयका उस य ही जान दगी यह िो हो ही नही सकिा नाहयका हनगाहो को बरछी स भी अहाक पन िीर बनाकर नायक का हरदय भदिी ह छट नन-बार इन खोरन हिरछी भौह मरोरन नोकदार बरछी स पन चलि करज फोरन नायक बचारा बचिा हफर रहा ह पर नाहयका उस जान दन क मड म नही ह िलवार और िीर क बाद वह अपनी काहिल हनगाहो को हपवीिौल बना लिी ह अहखया हपवीिौल सी करक मारन चाि समर क गोली बाज दरद की दार गज कर दि निर क इिन पर भी ईसरी जान हथली पर लकर नवयौवना नाहयका का गबखान करि नही अघाि जबना कड़ आय कर गहलया बला कसी कहलया ना हम दख जमि जमी म ना माली की बहगया सोन कस िबक चि ह बरछी कसी भहलया ईसर हाथ सभार ाररयो फटट न जाव गहदया लोक ईसरी की फाग-रचना क मल म उनकी परहमका रजऊ को मानिी ह रजऊ न हजस हदन गारो क साथ गल म काली काच की गररयो की लहड़यो स बन ४ छटा और हबचौली काच क मोहियो का हिदान जसा आभषर और चोली पहहनी उसक रप को दखकर दीवाना होकर हार झलन लगा ईसरी कहि ह हक रजऊ क सौदयद पर मा हए हबना कोई नही रह सकिा हजयना रजऊ न पनो गारो हरनी हजया हबरानो छटा चार हबचौली पर भर हफर गरदानो

जबनन ऊपर चोली पर लटक हार हदवानो ईसर कान बटकन नइया दख लव चह जवानो ईसरी को रजऊ की हरन (हचिवन) और हसन (हसी) नही भलिी हवशाल यौवन मिवाली चाल इकहरी पिली कमर बार की िरह िानी भौह हिरछी निर भलाय नही भलिी व निर क बार स मरन िक को ियार ह इसी बहान रजऊ एक बार उनकी ओर दख िो ल ऐसा समपदर ईसरी क अलावा और कौन कर सकिा ह हमख़ा हबसरि नही हबसारी हरन-हसन िमारी जबन हवशाल चाल मिवारी पिरी कमर इकारी भौह कमान बान स िान निर हिरीछी मारी ईसर कान हमारी कोदी िनक हर लो पयारी ईसरी क हलय रजऊ ही सवदवीव ह उनका जीवन-मरर सब कछ रजऊ ही ह व परभ-वीमरर की ही िरह रजऊ का नाम जपि हए मरन की कामना करि ह इसहलए कछ हवदवान रजऊ की सासाररक परहमका नही आदया माि शहि को उनक दवारा हदया गया समबोान मानि ह जौ जी रजऊ रजऊ क लान का काऊ स कान जौलो रहन रहि हजदगी रजऊ क हि कमान पला भोजन कर रजौआ पाछ क मोय खान रजऊ रजऊ कौ नाम ईसरी लि-लि मर जान ईसरी रहचि सहसतरो फाग चार कहड़यो (पहियो) म बाी होन क कारन चौकहड़या फाग कही जािी ह इनम सौदयद को पान क साथ-साथ पजन और उसक परहि मन-परार स समहपदि होन क आधयातमजहनि भावो की सहलला परवाहहि ह रचना हवाान य फाग ४ पहियो म हनबि ह हर पहि म २ चरर ह हवषम चरर (१ ३ ५ ७ ) म १६ िथा सम चरर (२ ४ ६ ८) म १२ मािाए ह चरराि म परायः गर मािाए ह हकनि कही-कही २ लघ मािाए भी हमलिी ह य फाग छद परभाकर क अनसार महाभागवि जािीय नर र छद म हनबि ह इस छद म खड़ी हहदी म रचनाए मर पिन म अब िक नही आयी ह ईसरी की एक फाग का खड़ी हहदी म रपािरर दहखए हकस चिरा न छोटी गथी लगिी बहद पयारी हकहचि छोटी-बड़ी न उठ-हगर रही सास सम नयारी मकट समान शीश पर शोहभि कषर मघ सी कारी हलय ल रही जान कश-छहव जब स हदखी उघारी नर र छद म एक चिषपदी दहखए

बाि बनाई हकसन कसी कौन हनभाय वाद सब सच समझ रही ह जनिा कहा फदकि पयाद राजा कौन विीर कौन हकसक बद-नक इराद हजसको चाह सहलल हजिा मि चाह उस हरा द बनदली लोकरग की सािी ईसरी की फाग सजीव बदलखड क महानिम लोककहव ईसरी क कावय म लोकजीवन क सावीकहिक साहहहतयक सामाहजक पि परी जीवनििा और रचनातमकिा क साथ उदघाहटि हए ह ईसरी का वहशषटय यह ह हक व िथाकहथि सभराििा या पाहडतय स कय भाषा शली आहद उाार नही लि व दशज रामीर लोक मकयो और परमपराओ को इिनी वीवाभाहवकिा परगाििा और अपनतव स अहकि करि ह हक उसक सममख हशषटिा-शालीनिा ओिहि सजदनाारा हवपनन परिीि होन लगिी ह उनका साहहतय पवीिकाकार रप म नही शरहि परपरा म सन-गाकर सहदयो िक जीहवि रखा गया बदलखड क जन-मन समराट महान लोककहव ईसरी की फाग गय परपरा क कारर लोक-वीमहि और लोक-मख म जीहवि रही सकलनकिाद कवर शरी दगद हसह न १९३१ स १९४१ क मधय इनका सकलन हकया शरी इलाशकर गहा न ाौराद राम (जहा ईसरी लमब समय रह थ) हनवाहसयो स सनकर फागो का सकलन हकया अपिाकि कम परचहलि हनमन फागो म ईसरी क नसहगदक कारहयिी परहिभा क साथ-साथ बनदली लोक परपरा हावीया एव शरीनगरहपरयिा क भी दशदन होि ह कषर-भि ईसरी वनदावन की माटी का महातमय कहि हए उस दविाओ क हलए भी दलदभ बिाि ह अपनी कवीन जीभ स चाटी वनदावन की माटी दरलभ भई हमली ना उनखो दई दविन डाटी हमल ना सकी अनकन हार पाव की पररपाटी पायो वीवाग काह न नइया मीठी ह की खाटी बाही रज बजबाहसन lsquoईसरrsquo हहसदारी म बाटी कदम कञज म खड़ कनहया राहगीरो को रावीिा भला दि ह इसहलए पहथक जमना की राह ही भल गय ह अथादि जमना स नही जाि हकसी को भला कर मजा लन की लोकरीि को ईसरी अचछा नही मानि और कषर को सलाह दि ह हक हकसी स अहाक हसी अचछी नही होिी आली मनमोहन क मार जमना गल हबसार जब दखो जब खडो कञज म गह कदम की डार जो कोउ भल जाि ह रवीिा बरबस आन हबगार जादा हसी नही काऊ स जा ना रीि हमार

lsquoईसरrsquo कौन चाल अब चहलए ज िौ परी पार राि भर घर स बाहर रह कषर को अपनी सफाई म कछ कहन का अवसर हमल हबना lsquoछहलयाrsquo का हखिाब दना ईसरी क ही बस की बाि ह ओइ घर जाब मरहलयाबार जहा राि रय पयार हर बाट मनइया बठी कर नन रिनार अब िौ कौनऊ काम िमारो नइया भवन हमार lsquoईसरrsquo कषर नद क छौना िम छहलया बजबार फगआ हो और रााा न खल यह कस हो सकिा ह कषर सर ह िो रााा सवा सर दोनो की लीलाओ का सजीव वरदन करि ह ईसरी मानो सािाि दख रह हो रााा न कषर की लकटी-कमररया छीन ली िो कषर न रााा क हसर स सारी खीच ली इिना ही हो िो गनीमि होली की मवीिी चरम पर हई िो रााा नटनागर बन गयी और कषर को नारी बना हदया खल फाग राहाका पयारी बज खोरन हगराारी इन भर बाह बास को टारो उन मारो हपचकारी इनन छीनी लकहट मरहलया उन छीनी हसर सारी ब िो आय नद क लाला ज बषभान दलारी अपन बनी नटनागर lsquoईसरrsquo उन बनाओ नारी अटारी क सीिी चिि घघर हनशबद हो गए फलो की सज पर बनवारी की नीद लग गयी रााा क आि ही यशोदा क अनाड़ी बट की बीन (बासरी) चोरी हो गयी कसी सहज-सरस ककपना ह चोरी गइ बीन हबहारी की जसदा क लाल अनारी की जाहमन अमल जगल क भीिर आवन भइ रााा पयारी की नपर सबद सनाक हखच रय हछहड़या चड़ि अटारी की बड़ी गलाम सज फलन की लग गइ नीद मरारी की काि lsquoईसरीrsquo घोरा प स उठा लई बनवारी की कषर रााा और गोहपयो क चगल म फस गय ह गोहपयो न अपन मनभावन कषर को पकड़कर सतरी बनान का उपकरम करन म कोई कसर नही छोड़ी कषर की बनमाला और मरली छीनकर हसर पर साड़ी उिा दी गयी रााा न उनह सभी आभषरो स सजाकर कमर म लहगा पहना हदया और सहखयो क सग फागन मनान म लीन हो गयी ह शर गार और हावीय का ऐसा जीवि शबद हचि ईसरी ही खीच सकि ह पकर गोहपन क मनभावन लागी नार बनावन छीन लई बनमाल मरहलया सारी सीस उड़ावन

सकल अभषन सज राहाका कहट लहगा पहरावन नारी भस बना क lsquoईसरrsquo फगआ लगी मगावन ईसरी परहमका स हनवदन करा रह ह हक वह अपन िीख नयनो का वार न कर हजरह-बखिर कछ न कर सक ग और दख ही दखि नयन-बार हदल क पार हो जायगा हकसी गरी वदय की औषहा भी काम नही आएगी ईसरी क दवाई िो हपरयिमा का दशदन ही ह पररय की ऐसी परगाि रसहसि अहभवयहि अपनी हमसाल आप ह नना ना मारो लग जह मरम पार हो जह बखिर हझलम कहा का लह ढाल पार कर जह औषद मर एक ना लहगह बद गनी का कह कहि lsquoईसरीrsquo सन लो पयारी दरस दबाई दह हनमन फाग म ईसरी नयनो की कथा कहि ह जो परदशी स लगकर हबगड़ गय बबादद हो गय ह य नयना अा हसपाही ह जो कभी लड़कर नही हार इनको बहि नाि स काजल की रखा भर-भरकर पाला ह हकनि य खो गए और इनस बहि आसओ स नयी की नयी सारी भीग गयी ह कसी माहमदक अहभवयहि ह नना परदसी स लग क भय बरबाद हबगरक नना मोर सर हसपाही कबऊ ना हार लरक ज नना बार स पाल काजर रख भरक lsquoईसरrsquo भीज गई नई सारी खोवन असआ ढरक शरगार क हवरह पि का परहिहनहातव करिी यह फाग ईसरी और उनकी परहमका रजऊ क हबछड़न की वयथा-कथा कहिी ह हबछरी सारस कसी जोरी रजो हमारी िोरी सङगसङग रह हनहस-बासर गर हलपटिी सोरी सो हो गई सपन की बाि अन हस बोल कोरी कछ हदनन को हिया अबादो हम बिा दो गोरी जबलो लागी रह lsquoईसरीrsquo आसा जी की मोरी ईसरी की य फाग शर गार क हमलन-हवरह पिो का हचिर करन क साथ-साथ हावीय क उदातत पि को भी सामन लािी ह इनम हसी-मजाक हसना-बोलना सभी कछ ह हकनि मयादहदि कही भी अशलीलिा का लश माि भी नही ह ईसरी की य फाग २८ मािी नरनर छद म रहचि ह इनम १६-१२ पर यहि का ईसरी न परी िरह पालन हकया ह सम चररानि म गर की अहाकिा ह हकनि २ लघ भी परापय ह इक फाग म ४ ५ या ६ िक पहिया हमलिी ह एक फाग की सभी पहियो म सम चररानि समान ह जबहक हवषम चररानि म लघ-गर का कोई बान नही ह

हम न गर हवीन और ख़शब ही को िोला होिा हफर िो हर पड़ गलाबो स भी हकका होिा उदाहरर क रप म समझा जाय िो एक मिदबा य भी समझा जा सकिा ह हक परमपराए हमशा पड़ या हफर पौा की िरह होिी ह और उन पर लगन वाल फल और उन फलो की ख़शबए आाहनक हवचाराारा समान यहद हम आाहनक हवचारााराओ ही को सबकछ समझ बठ ग िो य फल और ख़शबए कया आसमान स टपक ग समझन वाल इशारो को बहि जकद समझग बाय द टाइम आप इस अङक को पि रह हो ममहकन ह दहनया का एक बड़ा हहवीसा आप को होली की बराइया हगना रहा हो हम इिना ही हनवदन कर ग हक ldquoसपrdquo की िरह-िरह सार-सार को गह और थोथ को उड़ा फ क नीर-िीर-हववक हम सब की ामहनयो म यगो-यगो स परवाहमान ह अपन हववक का सदपयोग करि हय अचछी बािो को आग बिाए हमठाइयो क कारोबाररयो दवारा परोस जा रह अशि माल स परहि करि वक़ि याद रह हक कडबरी भी कोई अमि नही ह हर गली क नककड़ पर रङग हपचकारी वग़रह बचन वाल हमार कटीर उदयोग क खवनहार ह आप सभी को सपररवार होली की शभ-कामनाए

खहशयो का वीवागि कर हर आगन हर दवार| कछ ऐसा हो इस बरस होली का तयौहार||

होली हवषयक और भी सामरी मसलन छद ग़िल हजल नज़म कहविा गीि-नवगीि रहसया आलख कहानी कथा वग़रह पिन क हलय यहा हकलक कर

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मानस गायन-वादन और निदन की हिवरी परवाहहि कर आनहदि होि ह फागन वषािि िथा चि वषादरमभ क साथ-साथ फसलो क पकन क समय क सचक भी ह दहिरायनी सयद जस ही मकर राहश म परवश कर उततरायरी होि ह इस महादवीप म हदन की लमबाई और िापमान दोनो की वहि होन की लोकमानयिा ह सयद पजन गड़-हिल स हनहमदि पकवाननो का सवन और पिगबाजी क माधयम स गगनचमबी लोकानद की अहभवयहि सवदि दखी जा सकिी हमकर सकराहि हखचड़ी बसाखी पोगल आहद हवहवा नामो स यह लोकपवद सकल दश म मनाया जािा ह पवदराज होली स ही मधयोततर भारि म फागो की बयार बहन लगिी ह बदलखड म फाग बजभहम म नटनागर की लीलाए हचहिि करि रहसया और बााई गीि अवा म राम-हसया की जगल जोड़ी की होली-करीड़ा जन सामानय स लकर हवहशषट जनो िक को रसानद म आपादमवीिक डबा दि ह राम अवा स हनकाकर बदली माटी पर अपनी लीलाओ को हववीिार दि हए लमब समय िक हवचरि रह इसहलए बदली मानस उनस एकाकार होकर हर पवद-तयौहार पर ही नही हर हदन उनह याद कर जय राम जी की कहिा ह कषर का नागो स सघषद और पाडवो का अजञािवास नमददाचली बनदल भहम पर हआ गौरा-बौरा िो बदलखड क अपन ह हशवजा हशवातमजा हशवसिा हशवहपरया हशव वीवदोभवा आहद सजञाओ स समबोहाि आननददाहयनी नमददा िट पर बमबहलयो क साथ-साथ हशव-हशवा की लीलाओ स यि फाग गयी जाना वीवाभाहवक ह बदली फागो क एकछि समराट ह लोककहव ईसरी ईसरी न अपनी परहमका रजउ को अपन कहितव म अमर कर हदया ईसरी न फागो की एक हवहशषट शली चौघहड़या फाग को जनम हदया हम अपनी फाग चचाद चौघहड़या फागो स ही आरमभ करि ह ईसरी न अपनी पराकि परहिभा स रामीर मानव मन क उचवासो को सर-िाल क साथ समहनवि कर उपहिि और अनचीनही लोक भावनाओ को इन फागो म हपरोया ह रसराज शर गार क सयोग और हवयोग दोनो पि इन फागो म अदभि माायद क साथ वहरदि ह सदयवीनािा यविी की कशराहश पर मा ईसरी गा उठि ह ईसरी रााा जी क कानो म झल रह िरकला को उन दो िारो की िरह बिाि ह जो रााा जी क मख चनर क सौदयद क आग फीक फड़ गए ह कानन डल राहाका जी क लग िरकला नीक आनदकद चद क ऊपर िो िारागर फीक ईसरी की आराधया राहाका जी सदरी होन क साथ-साथ दीनो-दहखयो क दखहिाद भी ह मय बल राि राहाका जी को कर आसरा की कौ दीनदयाल दीन दःख दखन हजनको मख ह नीकौ पहटया कौन सगर न पारी लगी दहिन पयारी रचक घटी-बड़ी ह नया सास कसी ढारी िन रई आन सीस क ऊपर शयाम घटा सी कारी ईसर परार खान ज पहटया जब स िकी उघारी

कहव पछिा ह हक नाहयका की मोहक चोहटया हकस सघड़ न बनायी ह चोहटया जरा भी छोटी-बड़ी नही ह और आिी-जािी सासो की िरह हहल-डल रही ह व नाहयका क शीश क ऊपर शयामल मघो की िरह छाई ह ईसरी न जब स इस अनावतत कशराहश की सनदरिा को दखा ह उनकी जान हनकली जा रही ह ईसर की नाहयका ननो स िलवार चलािी ह दोई ननन की िरवार पयारी हफर उबार अलपान गजरान हसरोही सलमान झख मार ऐच बार मयान घघट की द काजर की ाार ईसर शयाम बरकि रहहयो अहायार उहजयार िलवार का वार िो हनकट स ही हकया जा सकिा ह नायक दर हो िो कया हकया जाए कया नाहयका उस य ही जान दगी यह िो हो ही नही सकिा नाहयका हनगाहो को बरछी स भी अहाक पन िीर बनाकर नायक का हरदय भदिी ह छट नन-बार इन खोरन हिरछी भौह मरोरन नोकदार बरछी स पन चलि करज फोरन नायक बचारा बचिा हफर रहा ह पर नाहयका उस जान दन क मड म नही ह िलवार और िीर क बाद वह अपनी काहिल हनगाहो को हपवीिौल बना लिी ह अहखया हपवीिौल सी करक मारन चाि समर क गोली बाज दरद की दार गज कर दि निर क इिन पर भी ईसरी जान हथली पर लकर नवयौवना नाहयका का गबखान करि नही अघाि जबना कड़ आय कर गहलया बला कसी कहलया ना हम दख जमि जमी म ना माली की बहगया सोन कस िबक चि ह बरछी कसी भहलया ईसर हाथ सभार ाररयो फटट न जाव गहदया लोक ईसरी की फाग-रचना क मल म उनकी परहमका रजऊ को मानिी ह रजऊ न हजस हदन गारो क साथ गल म काली काच की गररयो की लहड़यो स बन ४ छटा और हबचौली काच क मोहियो का हिदान जसा आभषर और चोली पहहनी उसक रप को दखकर दीवाना होकर हार झलन लगा ईसरी कहि ह हक रजऊ क सौदयद पर मा हए हबना कोई नही रह सकिा हजयना रजऊ न पनो गारो हरनी हजया हबरानो छटा चार हबचौली पर भर हफर गरदानो

जबनन ऊपर चोली पर लटक हार हदवानो ईसर कान बटकन नइया दख लव चह जवानो ईसरी को रजऊ की हरन (हचिवन) और हसन (हसी) नही भलिी हवशाल यौवन मिवाली चाल इकहरी पिली कमर बार की िरह िानी भौह हिरछी निर भलाय नही भलिी व निर क बार स मरन िक को ियार ह इसी बहान रजऊ एक बार उनकी ओर दख िो ल ऐसा समपदर ईसरी क अलावा और कौन कर सकिा ह हमख़ा हबसरि नही हबसारी हरन-हसन िमारी जबन हवशाल चाल मिवारी पिरी कमर इकारी भौह कमान बान स िान निर हिरीछी मारी ईसर कान हमारी कोदी िनक हर लो पयारी ईसरी क हलय रजऊ ही सवदवीव ह उनका जीवन-मरर सब कछ रजऊ ही ह व परभ-वीमरर की ही िरह रजऊ का नाम जपि हए मरन की कामना करि ह इसहलए कछ हवदवान रजऊ की सासाररक परहमका नही आदया माि शहि को उनक दवारा हदया गया समबोान मानि ह जौ जी रजऊ रजऊ क लान का काऊ स कान जौलो रहन रहि हजदगी रजऊ क हि कमान पला भोजन कर रजौआ पाछ क मोय खान रजऊ रजऊ कौ नाम ईसरी लि-लि मर जान ईसरी रहचि सहसतरो फाग चार कहड़यो (पहियो) म बाी होन क कारन चौकहड़या फाग कही जािी ह इनम सौदयद को पान क साथ-साथ पजन और उसक परहि मन-परार स समहपदि होन क आधयातमजहनि भावो की सहलला परवाहहि ह रचना हवाान य फाग ४ पहियो म हनबि ह हर पहि म २ चरर ह हवषम चरर (१ ३ ५ ७ ) म १६ िथा सम चरर (२ ४ ६ ८) म १२ मािाए ह चरराि म परायः गर मािाए ह हकनि कही-कही २ लघ मािाए भी हमलिी ह य फाग छद परभाकर क अनसार महाभागवि जािीय नर र छद म हनबि ह इस छद म खड़ी हहदी म रचनाए मर पिन म अब िक नही आयी ह ईसरी की एक फाग का खड़ी हहदी म रपािरर दहखए हकस चिरा न छोटी गथी लगिी बहद पयारी हकहचि छोटी-बड़ी न उठ-हगर रही सास सम नयारी मकट समान शीश पर शोहभि कषर मघ सी कारी हलय ल रही जान कश-छहव जब स हदखी उघारी नर र छद म एक चिषपदी दहखए

बाि बनाई हकसन कसी कौन हनभाय वाद सब सच समझ रही ह जनिा कहा फदकि पयाद राजा कौन विीर कौन हकसक बद-नक इराद हजसको चाह सहलल हजिा मि चाह उस हरा द बनदली लोकरग की सािी ईसरी की फाग सजीव बदलखड क महानिम लोककहव ईसरी क कावय म लोकजीवन क सावीकहिक साहहहतयक सामाहजक पि परी जीवनििा और रचनातमकिा क साथ उदघाहटि हए ह ईसरी का वहशषटय यह ह हक व िथाकहथि सभराििा या पाहडतय स कय भाषा शली आहद उाार नही लि व दशज रामीर लोक मकयो और परमपराओ को इिनी वीवाभाहवकिा परगाििा और अपनतव स अहकि करि ह हक उसक सममख हशषटिा-शालीनिा ओिहि सजदनाारा हवपनन परिीि होन लगिी ह उनका साहहतय पवीिकाकार रप म नही शरहि परपरा म सन-गाकर सहदयो िक जीहवि रखा गया बदलखड क जन-मन समराट महान लोककहव ईसरी की फाग गय परपरा क कारर लोक-वीमहि और लोक-मख म जीहवि रही सकलनकिाद कवर शरी दगद हसह न १९३१ स १९४१ क मधय इनका सकलन हकया शरी इलाशकर गहा न ाौराद राम (जहा ईसरी लमब समय रह थ) हनवाहसयो स सनकर फागो का सकलन हकया अपिाकि कम परचहलि हनमन फागो म ईसरी क नसहगदक कारहयिी परहिभा क साथ-साथ बनदली लोक परपरा हावीया एव शरीनगरहपरयिा क भी दशदन होि ह कषर-भि ईसरी वनदावन की माटी का महातमय कहि हए उस दविाओ क हलए भी दलदभ बिाि ह अपनी कवीन जीभ स चाटी वनदावन की माटी दरलभ भई हमली ना उनखो दई दविन डाटी हमल ना सकी अनकन हार पाव की पररपाटी पायो वीवाग काह न नइया मीठी ह की खाटी बाही रज बजबाहसन lsquoईसरrsquo हहसदारी म बाटी कदम कञज म खड़ कनहया राहगीरो को रावीिा भला दि ह इसहलए पहथक जमना की राह ही भल गय ह अथादि जमना स नही जाि हकसी को भला कर मजा लन की लोकरीि को ईसरी अचछा नही मानि और कषर को सलाह दि ह हक हकसी स अहाक हसी अचछी नही होिी आली मनमोहन क मार जमना गल हबसार जब दखो जब खडो कञज म गह कदम की डार जो कोउ भल जाि ह रवीिा बरबस आन हबगार जादा हसी नही काऊ स जा ना रीि हमार

lsquoईसरrsquo कौन चाल अब चहलए ज िौ परी पार राि भर घर स बाहर रह कषर को अपनी सफाई म कछ कहन का अवसर हमल हबना lsquoछहलयाrsquo का हखिाब दना ईसरी क ही बस की बाि ह ओइ घर जाब मरहलयाबार जहा राि रय पयार हर बाट मनइया बठी कर नन रिनार अब िौ कौनऊ काम िमारो नइया भवन हमार lsquoईसरrsquo कषर नद क छौना िम छहलया बजबार फगआ हो और रााा न खल यह कस हो सकिा ह कषर सर ह िो रााा सवा सर दोनो की लीलाओ का सजीव वरदन करि ह ईसरी मानो सािाि दख रह हो रााा न कषर की लकटी-कमररया छीन ली िो कषर न रााा क हसर स सारी खीच ली इिना ही हो िो गनीमि होली की मवीिी चरम पर हई िो रााा नटनागर बन गयी और कषर को नारी बना हदया खल फाग राहाका पयारी बज खोरन हगराारी इन भर बाह बास को टारो उन मारो हपचकारी इनन छीनी लकहट मरहलया उन छीनी हसर सारी ब िो आय नद क लाला ज बषभान दलारी अपन बनी नटनागर lsquoईसरrsquo उन बनाओ नारी अटारी क सीिी चिि घघर हनशबद हो गए फलो की सज पर बनवारी की नीद लग गयी रााा क आि ही यशोदा क अनाड़ी बट की बीन (बासरी) चोरी हो गयी कसी सहज-सरस ककपना ह चोरी गइ बीन हबहारी की जसदा क लाल अनारी की जाहमन अमल जगल क भीिर आवन भइ रााा पयारी की नपर सबद सनाक हखच रय हछहड़या चड़ि अटारी की बड़ी गलाम सज फलन की लग गइ नीद मरारी की काि lsquoईसरीrsquo घोरा प स उठा लई बनवारी की कषर रााा और गोहपयो क चगल म फस गय ह गोहपयो न अपन मनभावन कषर को पकड़कर सतरी बनान का उपकरम करन म कोई कसर नही छोड़ी कषर की बनमाला और मरली छीनकर हसर पर साड़ी उिा दी गयी रााा न उनह सभी आभषरो स सजाकर कमर म लहगा पहना हदया और सहखयो क सग फागन मनान म लीन हो गयी ह शर गार और हावीय का ऐसा जीवि शबद हचि ईसरी ही खीच सकि ह पकर गोहपन क मनभावन लागी नार बनावन छीन लई बनमाल मरहलया सारी सीस उड़ावन

सकल अभषन सज राहाका कहट लहगा पहरावन नारी भस बना क lsquoईसरrsquo फगआ लगी मगावन ईसरी परहमका स हनवदन करा रह ह हक वह अपन िीख नयनो का वार न कर हजरह-बखिर कछ न कर सक ग और दख ही दखि नयन-बार हदल क पार हो जायगा हकसी गरी वदय की औषहा भी काम नही आएगी ईसरी क दवाई िो हपरयिमा का दशदन ही ह पररय की ऐसी परगाि रसहसि अहभवयहि अपनी हमसाल आप ह नना ना मारो लग जह मरम पार हो जह बखिर हझलम कहा का लह ढाल पार कर जह औषद मर एक ना लहगह बद गनी का कह कहि lsquoईसरीrsquo सन लो पयारी दरस दबाई दह हनमन फाग म ईसरी नयनो की कथा कहि ह जो परदशी स लगकर हबगड़ गय बबादद हो गय ह य नयना अा हसपाही ह जो कभी लड़कर नही हार इनको बहि नाि स काजल की रखा भर-भरकर पाला ह हकनि य खो गए और इनस बहि आसओ स नयी की नयी सारी भीग गयी ह कसी माहमदक अहभवयहि ह नना परदसी स लग क भय बरबाद हबगरक नना मोर सर हसपाही कबऊ ना हार लरक ज नना बार स पाल काजर रख भरक lsquoईसरrsquo भीज गई नई सारी खोवन असआ ढरक शरगार क हवरह पि का परहिहनहातव करिी यह फाग ईसरी और उनकी परहमका रजऊ क हबछड़न की वयथा-कथा कहिी ह हबछरी सारस कसी जोरी रजो हमारी िोरी सङगसङग रह हनहस-बासर गर हलपटिी सोरी सो हो गई सपन की बाि अन हस बोल कोरी कछ हदनन को हिया अबादो हम बिा दो गोरी जबलो लागी रह lsquoईसरीrsquo आसा जी की मोरी ईसरी की य फाग शर गार क हमलन-हवरह पिो का हचिर करन क साथ-साथ हावीय क उदातत पि को भी सामन लािी ह इनम हसी-मजाक हसना-बोलना सभी कछ ह हकनि मयादहदि कही भी अशलीलिा का लश माि भी नही ह ईसरी की य फाग २८ मािी नरनर छद म रहचि ह इनम १६-१२ पर यहि का ईसरी न परी िरह पालन हकया ह सम चररानि म गर की अहाकिा ह हकनि २ लघ भी परापय ह इक फाग म ४ ५ या ६ िक पहिया हमलिी ह एक फाग की सभी पहियो म सम चररानि समान ह जबहक हवषम चररानि म लघ-गर का कोई बान नही ह

हम न गर हवीन और ख़शब ही को िोला होिा हफर िो हर पड़ गलाबो स भी हकका होिा उदाहरर क रप म समझा जाय िो एक मिदबा य भी समझा जा सकिा ह हक परमपराए हमशा पड़ या हफर पौा की िरह होिी ह और उन पर लगन वाल फल और उन फलो की ख़शबए आाहनक हवचाराारा समान यहद हम आाहनक हवचारााराओ ही को सबकछ समझ बठ ग िो य फल और ख़शबए कया आसमान स टपक ग समझन वाल इशारो को बहि जकद समझग बाय द टाइम आप इस अङक को पि रह हो ममहकन ह दहनया का एक बड़ा हहवीसा आप को होली की बराइया हगना रहा हो हम इिना ही हनवदन कर ग हक ldquoसपrdquo की िरह-िरह सार-सार को गह और थोथ को उड़ा फ क नीर-िीर-हववक हम सब की ामहनयो म यगो-यगो स परवाहमान ह अपन हववक का सदपयोग करि हय अचछी बािो को आग बिाए हमठाइयो क कारोबाररयो दवारा परोस जा रह अशि माल स परहि करि वक़ि याद रह हक कडबरी भी कोई अमि नही ह हर गली क नककड़ पर रङग हपचकारी वग़रह बचन वाल हमार कटीर उदयोग क खवनहार ह आप सभी को सपररवार होली की शभ-कामनाए

खहशयो का वीवागि कर हर आगन हर दवार| कछ ऐसा हो इस बरस होली का तयौहार||

होली हवषयक और भी सामरी मसलन छद ग़िल हजल नज़म कहविा गीि-नवगीि रहसया आलख कहानी कथा वग़रह पिन क हलय यहा हकलक कर

Page 34: Saahityam dec14 jan feb 15

कहव पछिा ह हक नाहयका की मोहक चोहटया हकस सघड़ न बनायी ह चोहटया जरा भी छोटी-बड़ी नही ह और आिी-जािी सासो की िरह हहल-डल रही ह व नाहयका क शीश क ऊपर शयामल मघो की िरह छाई ह ईसरी न जब स इस अनावतत कशराहश की सनदरिा को दखा ह उनकी जान हनकली जा रही ह ईसर की नाहयका ननो स िलवार चलािी ह दोई ननन की िरवार पयारी हफर उबार अलपान गजरान हसरोही सलमान झख मार ऐच बार मयान घघट की द काजर की ाार ईसर शयाम बरकि रहहयो अहायार उहजयार िलवार का वार िो हनकट स ही हकया जा सकिा ह नायक दर हो िो कया हकया जाए कया नाहयका उस य ही जान दगी यह िो हो ही नही सकिा नाहयका हनगाहो को बरछी स भी अहाक पन िीर बनाकर नायक का हरदय भदिी ह छट नन-बार इन खोरन हिरछी भौह मरोरन नोकदार बरछी स पन चलि करज फोरन नायक बचारा बचिा हफर रहा ह पर नाहयका उस जान दन क मड म नही ह िलवार और िीर क बाद वह अपनी काहिल हनगाहो को हपवीिौल बना लिी ह अहखया हपवीिौल सी करक मारन चाि समर क गोली बाज दरद की दार गज कर दि निर क इिन पर भी ईसरी जान हथली पर लकर नवयौवना नाहयका का गबखान करि नही अघाि जबना कड़ आय कर गहलया बला कसी कहलया ना हम दख जमि जमी म ना माली की बहगया सोन कस िबक चि ह बरछी कसी भहलया ईसर हाथ सभार ाररयो फटट न जाव गहदया लोक ईसरी की फाग-रचना क मल म उनकी परहमका रजऊ को मानिी ह रजऊ न हजस हदन गारो क साथ गल म काली काच की गररयो की लहड़यो स बन ४ छटा और हबचौली काच क मोहियो का हिदान जसा आभषर और चोली पहहनी उसक रप को दखकर दीवाना होकर हार झलन लगा ईसरी कहि ह हक रजऊ क सौदयद पर मा हए हबना कोई नही रह सकिा हजयना रजऊ न पनो गारो हरनी हजया हबरानो छटा चार हबचौली पर भर हफर गरदानो

जबनन ऊपर चोली पर लटक हार हदवानो ईसर कान बटकन नइया दख लव चह जवानो ईसरी को रजऊ की हरन (हचिवन) और हसन (हसी) नही भलिी हवशाल यौवन मिवाली चाल इकहरी पिली कमर बार की िरह िानी भौह हिरछी निर भलाय नही भलिी व निर क बार स मरन िक को ियार ह इसी बहान रजऊ एक बार उनकी ओर दख िो ल ऐसा समपदर ईसरी क अलावा और कौन कर सकिा ह हमख़ा हबसरि नही हबसारी हरन-हसन िमारी जबन हवशाल चाल मिवारी पिरी कमर इकारी भौह कमान बान स िान निर हिरीछी मारी ईसर कान हमारी कोदी िनक हर लो पयारी ईसरी क हलय रजऊ ही सवदवीव ह उनका जीवन-मरर सब कछ रजऊ ही ह व परभ-वीमरर की ही िरह रजऊ का नाम जपि हए मरन की कामना करि ह इसहलए कछ हवदवान रजऊ की सासाररक परहमका नही आदया माि शहि को उनक दवारा हदया गया समबोान मानि ह जौ जी रजऊ रजऊ क लान का काऊ स कान जौलो रहन रहि हजदगी रजऊ क हि कमान पला भोजन कर रजौआ पाछ क मोय खान रजऊ रजऊ कौ नाम ईसरी लि-लि मर जान ईसरी रहचि सहसतरो फाग चार कहड़यो (पहियो) म बाी होन क कारन चौकहड़या फाग कही जािी ह इनम सौदयद को पान क साथ-साथ पजन और उसक परहि मन-परार स समहपदि होन क आधयातमजहनि भावो की सहलला परवाहहि ह रचना हवाान य फाग ४ पहियो म हनबि ह हर पहि म २ चरर ह हवषम चरर (१ ३ ५ ७ ) म १६ िथा सम चरर (२ ४ ६ ८) म १२ मािाए ह चरराि म परायः गर मािाए ह हकनि कही-कही २ लघ मािाए भी हमलिी ह य फाग छद परभाकर क अनसार महाभागवि जािीय नर र छद म हनबि ह इस छद म खड़ी हहदी म रचनाए मर पिन म अब िक नही आयी ह ईसरी की एक फाग का खड़ी हहदी म रपािरर दहखए हकस चिरा न छोटी गथी लगिी बहद पयारी हकहचि छोटी-बड़ी न उठ-हगर रही सास सम नयारी मकट समान शीश पर शोहभि कषर मघ सी कारी हलय ल रही जान कश-छहव जब स हदखी उघारी नर र छद म एक चिषपदी दहखए

बाि बनाई हकसन कसी कौन हनभाय वाद सब सच समझ रही ह जनिा कहा फदकि पयाद राजा कौन विीर कौन हकसक बद-नक इराद हजसको चाह सहलल हजिा मि चाह उस हरा द बनदली लोकरग की सािी ईसरी की फाग सजीव बदलखड क महानिम लोककहव ईसरी क कावय म लोकजीवन क सावीकहिक साहहहतयक सामाहजक पि परी जीवनििा और रचनातमकिा क साथ उदघाहटि हए ह ईसरी का वहशषटय यह ह हक व िथाकहथि सभराििा या पाहडतय स कय भाषा शली आहद उाार नही लि व दशज रामीर लोक मकयो और परमपराओ को इिनी वीवाभाहवकिा परगाििा और अपनतव स अहकि करि ह हक उसक सममख हशषटिा-शालीनिा ओिहि सजदनाारा हवपनन परिीि होन लगिी ह उनका साहहतय पवीिकाकार रप म नही शरहि परपरा म सन-गाकर सहदयो िक जीहवि रखा गया बदलखड क जन-मन समराट महान लोककहव ईसरी की फाग गय परपरा क कारर लोक-वीमहि और लोक-मख म जीहवि रही सकलनकिाद कवर शरी दगद हसह न १९३१ स १९४१ क मधय इनका सकलन हकया शरी इलाशकर गहा न ाौराद राम (जहा ईसरी लमब समय रह थ) हनवाहसयो स सनकर फागो का सकलन हकया अपिाकि कम परचहलि हनमन फागो म ईसरी क नसहगदक कारहयिी परहिभा क साथ-साथ बनदली लोक परपरा हावीया एव शरीनगरहपरयिा क भी दशदन होि ह कषर-भि ईसरी वनदावन की माटी का महातमय कहि हए उस दविाओ क हलए भी दलदभ बिाि ह अपनी कवीन जीभ स चाटी वनदावन की माटी दरलभ भई हमली ना उनखो दई दविन डाटी हमल ना सकी अनकन हार पाव की पररपाटी पायो वीवाग काह न नइया मीठी ह की खाटी बाही रज बजबाहसन lsquoईसरrsquo हहसदारी म बाटी कदम कञज म खड़ कनहया राहगीरो को रावीिा भला दि ह इसहलए पहथक जमना की राह ही भल गय ह अथादि जमना स नही जाि हकसी को भला कर मजा लन की लोकरीि को ईसरी अचछा नही मानि और कषर को सलाह दि ह हक हकसी स अहाक हसी अचछी नही होिी आली मनमोहन क मार जमना गल हबसार जब दखो जब खडो कञज म गह कदम की डार जो कोउ भल जाि ह रवीिा बरबस आन हबगार जादा हसी नही काऊ स जा ना रीि हमार

lsquoईसरrsquo कौन चाल अब चहलए ज िौ परी पार राि भर घर स बाहर रह कषर को अपनी सफाई म कछ कहन का अवसर हमल हबना lsquoछहलयाrsquo का हखिाब दना ईसरी क ही बस की बाि ह ओइ घर जाब मरहलयाबार जहा राि रय पयार हर बाट मनइया बठी कर नन रिनार अब िौ कौनऊ काम िमारो नइया भवन हमार lsquoईसरrsquo कषर नद क छौना िम छहलया बजबार फगआ हो और रााा न खल यह कस हो सकिा ह कषर सर ह िो रााा सवा सर दोनो की लीलाओ का सजीव वरदन करि ह ईसरी मानो सािाि दख रह हो रााा न कषर की लकटी-कमररया छीन ली िो कषर न रााा क हसर स सारी खीच ली इिना ही हो िो गनीमि होली की मवीिी चरम पर हई िो रााा नटनागर बन गयी और कषर को नारी बना हदया खल फाग राहाका पयारी बज खोरन हगराारी इन भर बाह बास को टारो उन मारो हपचकारी इनन छीनी लकहट मरहलया उन छीनी हसर सारी ब िो आय नद क लाला ज बषभान दलारी अपन बनी नटनागर lsquoईसरrsquo उन बनाओ नारी अटारी क सीिी चिि घघर हनशबद हो गए फलो की सज पर बनवारी की नीद लग गयी रााा क आि ही यशोदा क अनाड़ी बट की बीन (बासरी) चोरी हो गयी कसी सहज-सरस ककपना ह चोरी गइ बीन हबहारी की जसदा क लाल अनारी की जाहमन अमल जगल क भीिर आवन भइ रााा पयारी की नपर सबद सनाक हखच रय हछहड़या चड़ि अटारी की बड़ी गलाम सज फलन की लग गइ नीद मरारी की काि lsquoईसरीrsquo घोरा प स उठा लई बनवारी की कषर रााा और गोहपयो क चगल म फस गय ह गोहपयो न अपन मनभावन कषर को पकड़कर सतरी बनान का उपकरम करन म कोई कसर नही छोड़ी कषर की बनमाला और मरली छीनकर हसर पर साड़ी उिा दी गयी रााा न उनह सभी आभषरो स सजाकर कमर म लहगा पहना हदया और सहखयो क सग फागन मनान म लीन हो गयी ह शर गार और हावीय का ऐसा जीवि शबद हचि ईसरी ही खीच सकि ह पकर गोहपन क मनभावन लागी नार बनावन छीन लई बनमाल मरहलया सारी सीस उड़ावन

सकल अभषन सज राहाका कहट लहगा पहरावन नारी भस बना क lsquoईसरrsquo फगआ लगी मगावन ईसरी परहमका स हनवदन करा रह ह हक वह अपन िीख नयनो का वार न कर हजरह-बखिर कछ न कर सक ग और दख ही दखि नयन-बार हदल क पार हो जायगा हकसी गरी वदय की औषहा भी काम नही आएगी ईसरी क दवाई िो हपरयिमा का दशदन ही ह पररय की ऐसी परगाि रसहसि अहभवयहि अपनी हमसाल आप ह नना ना मारो लग जह मरम पार हो जह बखिर हझलम कहा का लह ढाल पार कर जह औषद मर एक ना लहगह बद गनी का कह कहि lsquoईसरीrsquo सन लो पयारी दरस दबाई दह हनमन फाग म ईसरी नयनो की कथा कहि ह जो परदशी स लगकर हबगड़ गय बबादद हो गय ह य नयना अा हसपाही ह जो कभी लड़कर नही हार इनको बहि नाि स काजल की रखा भर-भरकर पाला ह हकनि य खो गए और इनस बहि आसओ स नयी की नयी सारी भीग गयी ह कसी माहमदक अहभवयहि ह नना परदसी स लग क भय बरबाद हबगरक नना मोर सर हसपाही कबऊ ना हार लरक ज नना बार स पाल काजर रख भरक lsquoईसरrsquo भीज गई नई सारी खोवन असआ ढरक शरगार क हवरह पि का परहिहनहातव करिी यह फाग ईसरी और उनकी परहमका रजऊ क हबछड़न की वयथा-कथा कहिी ह हबछरी सारस कसी जोरी रजो हमारी िोरी सङगसङग रह हनहस-बासर गर हलपटिी सोरी सो हो गई सपन की बाि अन हस बोल कोरी कछ हदनन को हिया अबादो हम बिा दो गोरी जबलो लागी रह lsquoईसरीrsquo आसा जी की मोरी ईसरी की य फाग शर गार क हमलन-हवरह पिो का हचिर करन क साथ-साथ हावीय क उदातत पि को भी सामन लािी ह इनम हसी-मजाक हसना-बोलना सभी कछ ह हकनि मयादहदि कही भी अशलीलिा का लश माि भी नही ह ईसरी की य फाग २८ मािी नरनर छद म रहचि ह इनम १६-१२ पर यहि का ईसरी न परी िरह पालन हकया ह सम चररानि म गर की अहाकिा ह हकनि २ लघ भी परापय ह इक फाग म ४ ५ या ६ िक पहिया हमलिी ह एक फाग की सभी पहियो म सम चररानि समान ह जबहक हवषम चररानि म लघ-गर का कोई बान नही ह

हम न गर हवीन और ख़शब ही को िोला होिा हफर िो हर पड़ गलाबो स भी हकका होिा उदाहरर क रप म समझा जाय िो एक मिदबा य भी समझा जा सकिा ह हक परमपराए हमशा पड़ या हफर पौा की िरह होिी ह और उन पर लगन वाल फल और उन फलो की ख़शबए आाहनक हवचाराारा समान यहद हम आाहनक हवचारााराओ ही को सबकछ समझ बठ ग िो य फल और ख़शबए कया आसमान स टपक ग समझन वाल इशारो को बहि जकद समझग बाय द टाइम आप इस अङक को पि रह हो ममहकन ह दहनया का एक बड़ा हहवीसा आप को होली की बराइया हगना रहा हो हम इिना ही हनवदन कर ग हक ldquoसपrdquo की िरह-िरह सार-सार को गह और थोथ को उड़ा फ क नीर-िीर-हववक हम सब की ामहनयो म यगो-यगो स परवाहमान ह अपन हववक का सदपयोग करि हय अचछी बािो को आग बिाए हमठाइयो क कारोबाररयो दवारा परोस जा रह अशि माल स परहि करि वक़ि याद रह हक कडबरी भी कोई अमि नही ह हर गली क नककड़ पर रङग हपचकारी वग़रह बचन वाल हमार कटीर उदयोग क खवनहार ह आप सभी को सपररवार होली की शभ-कामनाए

खहशयो का वीवागि कर हर आगन हर दवार| कछ ऐसा हो इस बरस होली का तयौहार||

होली हवषयक और भी सामरी मसलन छद ग़िल हजल नज़म कहविा गीि-नवगीि रहसया आलख कहानी कथा वग़रह पिन क हलय यहा हकलक कर

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जबनन ऊपर चोली पर लटक हार हदवानो ईसर कान बटकन नइया दख लव चह जवानो ईसरी को रजऊ की हरन (हचिवन) और हसन (हसी) नही भलिी हवशाल यौवन मिवाली चाल इकहरी पिली कमर बार की िरह िानी भौह हिरछी निर भलाय नही भलिी व निर क बार स मरन िक को ियार ह इसी बहान रजऊ एक बार उनकी ओर दख िो ल ऐसा समपदर ईसरी क अलावा और कौन कर सकिा ह हमख़ा हबसरि नही हबसारी हरन-हसन िमारी जबन हवशाल चाल मिवारी पिरी कमर इकारी भौह कमान बान स िान निर हिरीछी मारी ईसर कान हमारी कोदी िनक हर लो पयारी ईसरी क हलय रजऊ ही सवदवीव ह उनका जीवन-मरर सब कछ रजऊ ही ह व परभ-वीमरर की ही िरह रजऊ का नाम जपि हए मरन की कामना करि ह इसहलए कछ हवदवान रजऊ की सासाररक परहमका नही आदया माि शहि को उनक दवारा हदया गया समबोान मानि ह जौ जी रजऊ रजऊ क लान का काऊ स कान जौलो रहन रहि हजदगी रजऊ क हि कमान पला भोजन कर रजौआ पाछ क मोय खान रजऊ रजऊ कौ नाम ईसरी लि-लि मर जान ईसरी रहचि सहसतरो फाग चार कहड़यो (पहियो) म बाी होन क कारन चौकहड़या फाग कही जािी ह इनम सौदयद को पान क साथ-साथ पजन और उसक परहि मन-परार स समहपदि होन क आधयातमजहनि भावो की सहलला परवाहहि ह रचना हवाान य फाग ४ पहियो म हनबि ह हर पहि म २ चरर ह हवषम चरर (१ ३ ५ ७ ) म १६ िथा सम चरर (२ ४ ६ ८) म १२ मािाए ह चरराि म परायः गर मािाए ह हकनि कही-कही २ लघ मािाए भी हमलिी ह य फाग छद परभाकर क अनसार महाभागवि जािीय नर र छद म हनबि ह इस छद म खड़ी हहदी म रचनाए मर पिन म अब िक नही आयी ह ईसरी की एक फाग का खड़ी हहदी म रपािरर दहखए हकस चिरा न छोटी गथी लगिी बहद पयारी हकहचि छोटी-बड़ी न उठ-हगर रही सास सम नयारी मकट समान शीश पर शोहभि कषर मघ सी कारी हलय ल रही जान कश-छहव जब स हदखी उघारी नर र छद म एक चिषपदी दहखए

बाि बनाई हकसन कसी कौन हनभाय वाद सब सच समझ रही ह जनिा कहा फदकि पयाद राजा कौन विीर कौन हकसक बद-नक इराद हजसको चाह सहलल हजिा मि चाह उस हरा द बनदली लोकरग की सािी ईसरी की फाग सजीव बदलखड क महानिम लोककहव ईसरी क कावय म लोकजीवन क सावीकहिक साहहहतयक सामाहजक पि परी जीवनििा और रचनातमकिा क साथ उदघाहटि हए ह ईसरी का वहशषटय यह ह हक व िथाकहथि सभराििा या पाहडतय स कय भाषा शली आहद उाार नही लि व दशज रामीर लोक मकयो और परमपराओ को इिनी वीवाभाहवकिा परगाििा और अपनतव स अहकि करि ह हक उसक सममख हशषटिा-शालीनिा ओिहि सजदनाारा हवपनन परिीि होन लगिी ह उनका साहहतय पवीिकाकार रप म नही शरहि परपरा म सन-गाकर सहदयो िक जीहवि रखा गया बदलखड क जन-मन समराट महान लोककहव ईसरी की फाग गय परपरा क कारर लोक-वीमहि और लोक-मख म जीहवि रही सकलनकिाद कवर शरी दगद हसह न १९३१ स १९४१ क मधय इनका सकलन हकया शरी इलाशकर गहा न ाौराद राम (जहा ईसरी लमब समय रह थ) हनवाहसयो स सनकर फागो का सकलन हकया अपिाकि कम परचहलि हनमन फागो म ईसरी क नसहगदक कारहयिी परहिभा क साथ-साथ बनदली लोक परपरा हावीया एव शरीनगरहपरयिा क भी दशदन होि ह कषर-भि ईसरी वनदावन की माटी का महातमय कहि हए उस दविाओ क हलए भी दलदभ बिाि ह अपनी कवीन जीभ स चाटी वनदावन की माटी दरलभ भई हमली ना उनखो दई दविन डाटी हमल ना सकी अनकन हार पाव की पररपाटी पायो वीवाग काह न नइया मीठी ह की खाटी बाही रज बजबाहसन lsquoईसरrsquo हहसदारी म बाटी कदम कञज म खड़ कनहया राहगीरो को रावीिा भला दि ह इसहलए पहथक जमना की राह ही भल गय ह अथादि जमना स नही जाि हकसी को भला कर मजा लन की लोकरीि को ईसरी अचछा नही मानि और कषर को सलाह दि ह हक हकसी स अहाक हसी अचछी नही होिी आली मनमोहन क मार जमना गल हबसार जब दखो जब खडो कञज म गह कदम की डार जो कोउ भल जाि ह रवीिा बरबस आन हबगार जादा हसी नही काऊ स जा ना रीि हमार

lsquoईसरrsquo कौन चाल अब चहलए ज िौ परी पार राि भर घर स बाहर रह कषर को अपनी सफाई म कछ कहन का अवसर हमल हबना lsquoछहलयाrsquo का हखिाब दना ईसरी क ही बस की बाि ह ओइ घर जाब मरहलयाबार जहा राि रय पयार हर बाट मनइया बठी कर नन रिनार अब िौ कौनऊ काम िमारो नइया भवन हमार lsquoईसरrsquo कषर नद क छौना िम छहलया बजबार फगआ हो और रााा न खल यह कस हो सकिा ह कषर सर ह िो रााा सवा सर दोनो की लीलाओ का सजीव वरदन करि ह ईसरी मानो सािाि दख रह हो रााा न कषर की लकटी-कमररया छीन ली िो कषर न रााा क हसर स सारी खीच ली इिना ही हो िो गनीमि होली की मवीिी चरम पर हई िो रााा नटनागर बन गयी और कषर को नारी बना हदया खल फाग राहाका पयारी बज खोरन हगराारी इन भर बाह बास को टारो उन मारो हपचकारी इनन छीनी लकहट मरहलया उन छीनी हसर सारी ब िो आय नद क लाला ज बषभान दलारी अपन बनी नटनागर lsquoईसरrsquo उन बनाओ नारी अटारी क सीिी चिि घघर हनशबद हो गए फलो की सज पर बनवारी की नीद लग गयी रााा क आि ही यशोदा क अनाड़ी बट की बीन (बासरी) चोरी हो गयी कसी सहज-सरस ककपना ह चोरी गइ बीन हबहारी की जसदा क लाल अनारी की जाहमन अमल जगल क भीिर आवन भइ रााा पयारी की नपर सबद सनाक हखच रय हछहड़या चड़ि अटारी की बड़ी गलाम सज फलन की लग गइ नीद मरारी की काि lsquoईसरीrsquo घोरा प स उठा लई बनवारी की कषर रााा और गोहपयो क चगल म फस गय ह गोहपयो न अपन मनभावन कषर को पकड़कर सतरी बनान का उपकरम करन म कोई कसर नही छोड़ी कषर की बनमाला और मरली छीनकर हसर पर साड़ी उिा दी गयी रााा न उनह सभी आभषरो स सजाकर कमर म लहगा पहना हदया और सहखयो क सग फागन मनान म लीन हो गयी ह शर गार और हावीय का ऐसा जीवि शबद हचि ईसरी ही खीच सकि ह पकर गोहपन क मनभावन लागी नार बनावन छीन लई बनमाल मरहलया सारी सीस उड़ावन

सकल अभषन सज राहाका कहट लहगा पहरावन नारी भस बना क lsquoईसरrsquo फगआ लगी मगावन ईसरी परहमका स हनवदन करा रह ह हक वह अपन िीख नयनो का वार न कर हजरह-बखिर कछ न कर सक ग और दख ही दखि नयन-बार हदल क पार हो जायगा हकसी गरी वदय की औषहा भी काम नही आएगी ईसरी क दवाई िो हपरयिमा का दशदन ही ह पररय की ऐसी परगाि रसहसि अहभवयहि अपनी हमसाल आप ह नना ना मारो लग जह मरम पार हो जह बखिर हझलम कहा का लह ढाल पार कर जह औषद मर एक ना लहगह बद गनी का कह कहि lsquoईसरीrsquo सन लो पयारी दरस दबाई दह हनमन फाग म ईसरी नयनो की कथा कहि ह जो परदशी स लगकर हबगड़ गय बबादद हो गय ह य नयना अा हसपाही ह जो कभी लड़कर नही हार इनको बहि नाि स काजल की रखा भर-भरकर पाला ह हकनि य खो गए और इनस बहि आसओ स नयी की नयी सारी भीग गयी ह कसी माहमदक अहभवयहि ह नना परदसी स लग क भय बरबाद हबगरक नना मोर सर हसपाही कबऊ ना हार लरक ज नना बार स पाल काजर रख भरक lsquoईसरrsquo भीज गई नई सारी खोवन असआ ढरक शरगार क हवरह पि का परहिहनहातव करिी यह फाग ईसरी और उनकी परहमका रजऊ क हबछड़न की वयथा-कथा कहिी ह हबछरी सारस कसी जोरी रजो हमारी िोरी सङगसङग रह हनहस-बासर गर हलपटिी सोरी सो हो गई सपन की बाि अन हस बोल कोरी कछ हदनन को हिया अबादो हम बिा दो गोरी जबलो लागी रह lsquoईसरीrsquo आसा जी की मोरी ईसरी की य फाग शर गार क हमलन-हवरह पिो का हचिर करन क साथ-साथ हावीय क उदातत पि को भी सामन लािी ह इनम हसी-मजाक हसना-बोलना सभी कछ ह हकनि मयादहदि कही भी अशलीलिा का लश माि भी नही ह ईसरी की य फाग २८ मािी नरनर छद म रहचि ह इनम १६-१२ पर यहि का ईसरी न परी िरह पालन हकया ह सम चररानि म गर की अहाकिा ह हकनि २ लघ भी परापय ह इक फाग म ४ ५ या ६ िक पहिया हमलिी ह एक फाग की सभी पहियो म सम चररानि समान ह जबहक हवषम चररानि म लघ-गर का कोई बान नही ह

हम न गर हवीन और ख़शब ही को िोला होिा हफर िो हर पड़ गलाबो स भी हकका होिा उदाहरर क रप म समझा जाय िो एक मिदबा य भी समझा जा सकिा ह हक परमपराए हमशा पड़ या हफर पौा की िरह होिी ह और उन पर लगन वाल फल और उन फलो की ख़शबए आाहनक हवचाराारा समान यहद हम आाहनक हवचारााराओ ही को सबकछ समझ बठ ग िो य फल और ख़शबए कया आसमान स टपक ग समझन वाल इशारो को बहि जकद समझग बाय द टाइम आप इस अङक को पि रह हो ममहकन ह दहनया का एक बड़ा हहवीसा आप को होली की बराइया हगना रहा हो हम इिना ही हनवदन कर ग हक ldquoसपrdquo की िरह-िरह सार-सार को गह और थोथ को उड़ा फ क नीर-िीर-हववक हम सब की ामहनयो म यगो-यगो स परवाहमान ह अपन हववक का सदपयोग करि हय अचछी बािो को आग बिाए हमठाइयो क कारोबाररयो दवारा परोस जा रह अशि माल स परहि करि वक़ि याद रह हक कडबरी भी कोई अमि नही ह हर गली क नककड़ पर रङग हपचकारी वग़रह बचन वाल हमार कटीर उदयोग क खवनहार ह आप सभी को सपररवार होली की शभ-कामनाए

खहशयो का वीवागि कर हर आगन हर दवार| कछ ऐसा हो इस बरस होली का तयौहार||

होली हवषयक और भी सामरी मसलन छद ग़िल हजल नज़म कहविा गीि-नवगीि रहसया आलख कहानी कथा वग़रह पिन क हलय यहा हकलक कर

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बाि बनाई हकसन कसी कौन हनभाय वाद सब सच समझ रही ह जनिा कहा फदकि पयाद राजा कौन विीर कौन हकसक बद-नक इराद हजसको चाह सहलल हजिा मि चाह उस हरा द बनदली लोकरग की सािी ईसरी की फाग सजीव बदलखड क महानिम लोककहव ईसरी क कावय म लोकजीवन क सावीकहिक साहहहतयक सामाहजक पि परी जीवनििा और रचनातमकिा क साथ उदघाहटि हए ह ईसरी का वहशषटय यह ह हक व िथाकहथि सभराििा या पाहडतय स कय भाषा शली आहद उाार नही लि व दशज रामीर लोक मकयो और परमपराओ को इिनी वीवाभाहवकिा परगाििा और अपनतव स अहकि करि ह हक उसक सममख हशषटिा-शालीनिा ओिहि सजदनाारा हवपनन परिीि होन लगिी ह उनका साहहतय पवीिकाकार रप म नही शरहि परपरा म सन-गाकर सहदयो िक जीहवि रखा गया बदलखड क जन-मन समराट महान लोककहव ईसरी की फाग गय परपरा क कारर लोक-वीमहि और लोक-मख म जीहवि रही सकलनकिाद कवर शरी दगद हसह न १९३१ स १९४१ क मधय इनका सकलन हकया शरी इलाशकर गहा न ाौराद राम (जहा ईसरी लमब समय रह थ) हनवाहसयो स सनकर फागो का सकलन हकया अपिाकि कम परचहलि हनमन फागो म ईसरी क नसहगदक कारहयिी परहिभा क साथ-साथ बनदली लोक परपरा हावीया एव शरीनगरहपरयिा क भी दशदन होि ह कषर-भि ईसरी वनदावन की माटी का महातमय कहि हए उस दविाओ क हलए भी दलदभ बिाि ह अपनी कवीन जीभ स चाटी वनदावन की माटी दरलभ भई हमली ना उनखो दई दविन डाटी हमल ना सकी अनकन हार पाव की पररपाटी पायो वीवाग काह न नइया मीठी ह की खाटी बाही रज बजबाहसन lsquoईसरrsquo हहसदारी म बाटी कदम कञज म खड़ कनहया राहगीरो को रावीिा भला दि ह इसहलए पहथक जमना की राह ही भल गय ह अथादि जमना स नही जाि हकसी को भला कर मजा लन की लोकरीि को ईसरी अचछा नही मानि और कषर को सलाह दि ह हक हकसी स अहाक हसी अचछी नही होिी आली मनमोहन क मार जमना गल हबसार जब दखो जब खडो कञज म गह कदम की डार जो कोउ भल जाि ह रवीिा बरबस आन हबगार जादा हसी नही काऊ स जा ना रीि हमार

lsquoईसरrsquo कौन चाल अब चहलए ज िौ परी पार राि भर घर स बाहर रह कषर को अपनी सफाई म कछ कहन का अवसर हमल हबना lsquoछहलयाrsquo का हखिाब दना ईसरी क ही बस की बाि ह ओइ घर जाब मरहलयाबार जहा राि रय पयार हर बाट मनइया बठी कर नन रिनार अब िौ कौनऊ काम िमारो नइया भवन हमार lsquoईसरrsquo कषर नद क छौना िम छहलया बजबार फगआ हो और रााा न खल यह कस हो सकिा ह कषर सर ह िो रााा सवा सर दोनो की लीलाओ का सजीव वरदन करि ह ईसरी मानो सािाि दख रह हो रााा न कषर की लकटी-कमररया छीन ली िो कषर न रााा क हसर स सारी खीच ली इिना ही हो िो गनीमि होली की मवीिी चरम पर हई िो रााा नटनागर बन गयी और कषर को नारी बना हदया खल फाग राहाका पयारी बज खोरन हगराारी इन भर बाह बास को टारो उन मारो हपचकारी इनन छीनी लकहट मरहलया उन छीनी हसर सारी ब िो आय नद क लाला ज बषभान दलारी अपन बनी नटनागर lsquoईसरrsquo उन बनाओ नारी अटारी क सीिी चिि घघर हनशबद हो गए फलो की सज पर बनवारी की नीद लग गयी रााा क आि ही यशोदा क अनाड़ी बट की बीन (बासरी) चोरी हो गयी कसी सहज-सरस ककपना ह चोरी गइ बीन हबहारी की जसदा क लाल अनारी की जाहमन अमल जगल क भीिर आवन भइ रााा पयारी की नपर सबद सनाक हखच रय हछहड़या चड़ि अटारी की बड़ी गलाम सज फलन की लग गइ नीद मरारी की काि lsquoईसरीrsquo घोरा प स उठा लई बनवारी की कषर रााा और गोहपयो क चगल म फस गय ह गोहपयो न अपन मनभावन कषर को पकड़कर सतरी बनान का उपकरम करन म कोई कसर नही छोड़ी कषर की बनमाला और मरली छीनकर हसर पर साड़ी उिा दी गयी रााा न उनह सभी आभषरो स सजाकर कमर म लहगा पहना हदया और सहखयो क सग फागन मनान म लीन हो गयी ह शर गार और हावीय का ऐसा जीवि शबद हचि ईसरी ही खीच सकि ह पकर गोहपन क मनभावन लागी नार बनावन छीन लई बनमाल मरहलया सारी सीस उड़ावन

सकल अभषन सज राहाका कहट लहगा पहरावन नारी भस बना क lsquoईसरrsquo फगआ लगी मगावन ईसरी परहमका स हनवदन करा रह ह हक वह अपन िीख नयनो का वार न कर हजरह-बखिर कछ न कर सक ग और दख ही दखि नयन-बार हदल क पार हो जायगा हकसी गरी वदय की औषहा भी काम नही आएगी ईसरी क दवाई िो हपरयिमा का दशदन ही ह पररय की ऐसी परगाि रसहसि अहभवयहि अपनी हमसाल आप ह नना ना मारो लग जह मरम पार हो जह बखिर हझलम कहा का लह ढाल पार कर जह औषद मर एक ना लहगह बद गनी का कह कहि lsquoईसरीrsquo सन लो पयारी दरस दबाई दह हनमन फाग म ईसरी नयनो की कथा कहि ह जो परदशी स लगकर हबगड़ गय बबादद हो गय ह य नयना अा हसपाही ह जो कभी लड़कर नही हार इनको बहि नाि स काजल की रखा भर-भरकर पाला ह हकनि य खो गए और इनस बहि आसओ स नयी की नयी सारी भीग गयी ह कसी माहमदक अहभवयहि ह नना परदसी स लग क भय बरबाद हबगरक नना मोर सर हसपाही कबऊ ना हार लरक ज नना बार स पाल काजर रख भरक lsquoईसरrsquo भीज गई नई सारी खोवन असआ ढरक शरगार क हवरह पि का परहिहनहातव करिी यह फाग ईसरी और उनकी परहमका रजऊ क हबछड़न की वयथा-कथा कहिी ह हबछरी सारस कसी जोरी रजो हमारी िोरी सङगसङग रह हनहस-बासर गर हलपटिी सोरी सो हो गई सपन की बाि अन हस बोल कोरी कछ हदनन को हिया अबादो हम बिा दो गोरी जबलो लागी रह lsquoईसरीrsquo आसा जी की मोरी ईसरी की य फाग शर गार क हमलन-हवरह पिो का हचिर करन क साथ-साथ हावीय क उदातत पि को भी सामन लािी ह इनम हसी-मजाक हसना-बोलना सभी कछ ह हकनि मयादहदि कही भी अशलीलिा का लश माि भी नही ह ईसरी की य फाग २८ मािी नरनर छद म रहचि ह इनम १६-१२ पर यहि का ईसरी न परी िरह पालन हकया ह सम चररानि म गर की अहाकिा ह हकनि २ लघ भी परापय ह इक फाग म ४ ५ या ६ िक पहिया हमलिी ह एक फाग की सभी पहियो म सम चररानि समान ह जबहक हवषम चररानि म लघ-गर का कोई बान नही ह

हम न गर हवीन और ख़शब ही को िोला होिा हफर िो हर पड़ गलाबो स भी हकका होिा उदाहरर क रप म समझा जाय िो एक मिदबा य भी समझा जा सकिा ह हक परमपराए हमशा पड़ या हफर पौा की िरह होिी ह और उन पर लगन वाल फल और उन फलो की ख़शबए आाहनक हवचाराारा समान यहद हम आाहनक हवचारााराओ ही को सबकछ समझ बठ ग िो य फल और ख़शबए कया आसमान स टपक ग समझन वाल इशारो को बहि जकद समझग बाय द टाइम आप इस अङक को पि रह हो ममहकन ह दहनया का एक बड़ा हहवीसा आप को होली की बराइया हगना रहा हो हम इिना ही हनवदन कर ग हक ldquoसपrdquo की िरह-िरह सार-सार को गह और थोथ को उड़ा फ क नीर-िीर-हववक हम सब की ामहनयो म यगो-यगो स परवाहमान ह अपन हववक का सदपयोग करि हय अचछी बािो को आग बिाए हमठाइयो क कारोबाररयो दवारा परोस जा रह अशि माल स परहि करि वक़ि याद रह हक कडबरी भी कोई अमि नही ह हर गली क नककड़ पर रङग हपचकारी वग़रह बचन वाल हमार कटीर उदयोग क खवनहार ह आप सभी को सपररवार होली की शभ-कामनाए

खहशयो का वीवागि कर हर आगन हर दवार| कछ ऐसा हो इस बरस होली का तयौहार||

होली हवषयक और भी सामरी मसलन छद ग़िल हजल नज़म कहविा गीि-नवगीि रहसया आलख कहानी कथा वग़रह पिन क हलय यहा हकलक कर

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lsquoईसरrsquo कौन चाल अब चहलए ज िौ परी पार राि भर घर स बाहर रह कषर को अपनी सफाई म कछ कहन का अवसर हमल हबना lsquoछहलयाrsquo का हखिाब दना ईसरी क ही बस की बाि ह ओइ घर जाब मरहलयाबार जहा राि रय पयार हर बाट मनइया बठी कर नन रिनार अब िौ कौनऊ काम िमारो नइया भवन हमार lsquoईसरrsquo कषर नद क छौना िम छहलया बजबार फगआ हो और रााा न खल यह कस हो सकिा ह कषर सर ह िो रााा सवा सर दोनो की लीलाओ का सजीव वरदन करि ह ईसरी मानो सािाि दख रह हो रााा न कषर की लकटी-कमररया छीन ली िो कषर न रााा क हसर स सारी खीच ली इिना ही हो िो गनीमि होली की मवीिी चरम पर हई िो रााा नटनागर बन गयी और कषर को नारी बना हदया खल फाग राहाका पयारी बज खोरन हगराारी इन भर बाह बास को टारो उन मारो हपचकारी इनन छीनी लकहट मरहलया उन छीनी हसर सारी ब िो आय नद क लाला ज बषभान दलारी अपन बनी नटनागर lsquoईसरrsquo उन बनाओ नारी अटारी क सीिी चिि घघर हनशबद हो गए फलो की सज पर बनवारी की नीद लग गयी रााा क आि ही यशोदा क अनाड़ी बट की बीन (बासरी) चोरी हो गयी कसी सहज-सरस ककपना ह चोरी गइ बीन हबहारी की जसदा क लाल अनारी की जाहमन अमल जगल क भीिर आवन भइ रााा पयारी की नपर सबद सनाक हखच रय हछहड़या चड़ि अटारी की बड़ी गलाम सज फलन की लग गइ नीद मरारी की काि lsquoईसरीrsquo घोरा प स उठा लई बनवारी की कषर रााा और गोहपयो क चगल म फस गय ह गोहपयो न अपन मनभावन कषर को पकड़कर सतरी बनान का उपकरम करन म कोई कसर नही छोड़ी कषर की बनमाला और मरली छीनकर हसर पर साड़ी उिा दी गयी रााा न उनह सभी आभषरो स सजाकर कमर म लहगा पहना हदया और सहखयो क सग फागन मनान म लीन हो गयी ह शर गार और हावीय का ऐसा जीवि शबद हचि ईसरी ही खीच सकि ह पकर गोहपन क मनभावन लागी नार बनावन छीन लई बनमाल मरहलया सारी सीस उड़ावन

सकल अभषन सज राहाका कहट लहगा पहरावन नारी भस बना क lsquoईसरrsquo फगआ लगी मगावन ईसरी परहमका स हनवदन करा रह ह हक वह अपन िीख नयनो का वार न कर हजरह-बखिर कछ न कर सक ग और दख ही दखि नयन-बार हदल क पार हो जायगा हकसी गरी वदय की औषहा भी काम नही आएगी ईसरी क दवाई िो हपरयिमा का दशदन ही ह पररय की ऐसी परगाि रसहसि अहभवयहि अपनी हमसाल आप ह नना ना मारो लग जह मरम पार हो जह बखिर हझलम कहा का लह ढाल पार कर जह औषद मर एक ना लहगह बद गनी का कह कहि lsquoईसरीrsquo सन लो पयारी दरस दबाई दह हनमन फाग म ईसरी नयनो की कथा कहि ह जो परदशी स लगकर हबगड़ गय बबादद हो गय ह य नयना अा हसपाही ह जो कभी लड़कर नही हार इनको बहि नाि स काजल की रखा भर-भरकर पाला ह हकनि य खो गए और इनस बहि आसओ स नयी की नयी सारी भीग गयी ह कसी माहमदक अहभवयहि ह नना परदसी स लग क भय बरबाद हबगरक नना मोर सर हसपाही कबऊ ना हार लरक ज नना बार स पाल काजर रख भरक lsquoईसरrsquo भीज गई नई सारी खोवन असआ ढरक शरगार क हवरह पि का परहिहनहातव करिी यह फाग ईसरी और उनकी परहमका रजऊ क हबछड़न की वयथा-कथा कहिी ह हबछरी सारस कसी जोरी रजो हमारी िोरी सङगसङग रह हनहस-बासर गर हलपटिी सोरी सो हो गई सपन की बाि अन हस बोल कोरी कछ हदनन को हिया अबादो हम बिा दो गोरी जबलो लागी रह lsquoईसरीrsquo आसा जी की मोरी ईसरी की य फाग शर गार क हमलन-हवरह पिो का हचिर करन क साथ-साथ हावीय क उदातत पि को भी सामन लािी ह इनम हसी-मजाक हसना-बोलना सभी कछ ह हकनि मयादहदि कही भी अशलीलिा का लश माि भी नही ह ईसरी की य फाग २८ मािी नरनर छद म रहचि ह इनम १६-१२ पर यहि का ईसरी न परी िरह पालन हकया ह सम चररानि म गर की अहाकिा ह हकनि २ लघ भी परापय ह इक फाग म ४ ५ या ६ िक पहिया हमलिी ह एक फाग की सभी पहियो म सम चररानि समान ह जबहक हवषम चररानि म लघ-गर का कोई बान नही ह

हम न गर हवीन और ख़शब ही को िोला होिा हफर िो हर पड़ गलाबो स भी हकका होिा उदाहरर क रप म समझा जाय िो एक मिदबा य भी समझा जा सकिा ह हक परमपराए हमशा पड़ या हफर पौा की िरह होिी ह और उन पर लगन वाल फल और उन फलो की ख़शबए आाहनक हवचाराारा समान यहद हम आाहनक हवचारााराओ ही को सबकछ समझ बठ ग िो य फल और ख़शबए कया आसमान स टपक ग समझन वाल इशारो को बहि जकद समझग बाय द टाइम आप इस अङक को पि रह हो ममहकन ह दहनया का एक बड़ा हहवीसा आप को होली की बराइया हगना रहा हो हम इिना ही हनवदन कर ग हक ldquoसपrdquo की िरह-िरह सार-सार को गह और थोथ को उड़ा फ क नीर-िीर-हववक हम सब की ामहनयो म यगो-यगो स परवाहमान ह अपन हववक का सदपयोग करि हय अचछी बािो को आग बिाए हमठाइयो क कारोबाररयो दवारा परोस जा रह अशि माल स परहि करि वक़ि याद रह हक कडबरी भी कोई अमि नही ह हर गली क नककड़ पर रङग हपचकारी वग़रह बचन वाल हमार कटीर उदयोग क खवनहार ह आप सभी को सपररवार होली की शभ-कामनाए

खहशयो का वीवागि कर हर आगन हर दवार| कछ ऐसा हो इस बरस होली का तयौहार||

होली हवषयक और भी सामरी मसलन छद ग़िल हजल नज़म कहविा गीि-नवगीि रहसया आलख कहानी कथा वग़रह पिन क हलय यहा हकलक कर

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सकल अभषन सज राहाका कहट लहगा पहरावन नारी भस बना क lsquoईसरrsquo फगआ लगी मगावन ईसरी परहमका स हनवदन करा रह ह हक वह अपन िीख नयनो का वार न कर हजरह-बखिर कछ न कर सक ग और दख ही दखि नयन-बार हदल क पार हो जायगा हकसी गरी वदय की औषहा भी काम नही आएगी ईसरी क दवाई िो हपरयिमा का दशदन ही ह पररय की ऐसी परगाि रसहसि अहभवयहि अपनी हमसाल आप ह नना ना मारो लग जह मरम पार हो जह बखिर हझलम कहा का लह ढाल पार कर जह औषद मर एक ना लहगह बद गनी का कह कहि lsquoईसरीrsquo सन लो पयारी दरस दबाई दह हनमन फाग म ईसरी नयनो की कथा कहि ह जो परदशी स लगकर हबगड़ गय बबादद हो गय ह य नयना अा हसपाही ह जो कभी लड़कर नही हार इनको बहि नाि स काजल की रखा भर-भरकर पाला ह हकनि य खो गए और इनस बहि आसओ स नयी की नयी सारी भीग गयी ह कसी माहमदक अहभवयहि ह नना परदसी स लग क भय बरबाद हबगरक नना मोर सर हसपाही कबऊ ना हार लरक ज नना बार स पाल काजर रख भरक lsquoईसरrsquo भीज गई नई सारी खोवन असआ ढरक शरगार क हवरह पि का परहिहनहातव करिी यह फाग ईसरी और उनकी परहमका रजऊ क हबछड़न की वयथा-कथा कहिी ह हबछरी सारस कसी जोरी रजो हमारी िोरी सङगसङग रह हनहस-बासर गर हलपटिी सोरी सो हो गई सपन की बाि अन हस बोल कोरी कछ हदनन को हिया अबादो हम बिा दो गोरी जबलो लागी रह lsquoईसरीrsquo आसा जी की मोरी ईसरी की य फाग शर गार क हमलन-हवरह पिो का हचिर करन क साथ-साथ हावीय क उदातत पि को भी सामन लािी ह इनम हसी-मजाक हसना-बोलना सभी कछ ह हकनि मयादहदि कही भी अशलीलिा का लश माि भी नही ह ईसरी की य फाग २८ मािी नरनर छद म रहचि ह इनम १६-१२ पर यहि का ईसरी न परी िरह पालन हकया ह सम चररानि म गर की अहाकिा ह हकनि २ लघ भी परापय ह इक फाग म ४ ५ या ६ िक पहिया हमलिी ह एक फाग की सभी पहियो म सम चररानि समान ह जबहक हवषम चररानि म लघ-गर का कोई बान नही ह

हम न गर हवीन और ख़शब ही को िोला होिा हफर िो हर पड़ गलाबो स भी हकका होिा उदाहरर क रप म समझा जाय िो एक मिदबा य भी समझा जा सकिा ह हक परमपराए हमशा पड़ या हफर पौा की िरह होिी ह और उन पर लगन वाल फल और उन फलो की ख़शबए आाहनक हवचाराारा समान यहद हम आाहनक हवचारााराओ ही को सबकछ समझ बठ ग िो य फल और ख़शबए कया आसमान स टपक ग समझन वाल इशारो को बहि जकद समझग बाय द टाइम आप इस अङक को पि रह हो ममहकन ह दहनया का एक बड़ा हहवीसा आप को होली की बराइया हगना रहा हो हम इिना ही हनवदन कर ग हक ldquoसपrdquo की िरह-िरह सार-सार को गह और थोथ को उड़ा फ क नीर-िीर-हववक हम सब की ामहनयो म यगो-यगो स परवाहमान ह अपन हववक का सदपयोग करि हय अचछी बािो को आग बिाए हमठाइयो क कारोबाररयो दवारा परोस जा रह अशि माल स परहि करि वक़ि याद रह हक कडबरी भी कोई अमि नही ह हर गली क नककड़ पर रङग हपचकारी वग़रह बचन वाल हमार कटीर उदयोग क खवनहार ह आप सभी को सपररवार होली की शभ-कामनाए

खहशयो का वीवागि कर हर आगन हर दवार| कछ ऐसा हो इस बरस होली का तयौहार||

होली हवषयक और भी सामरी मसलन छद ग़िल हजल नज़म कहविा गीि-नवगीि रहसया आलख कहानी कथा वग़रह पिन क हलय यहा हकलक कर

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हम न गर हवीन और ख़शब ही को िोला होिा हफर िो हर पड़ गलाबो स भी हकका होिा उदाहरर क रप म समझा जाय िो एक मिदबा य भी समझा जा सकिा ह हक परमपराए हमशा पड़ या हफर पौा की िरह होिी ह और उन पर लगन वाल फल और उन फलो की ख़शबए आाहनक हवचाराारा समान यहद हम आाहनक हवचारााराओ ही को सबकछ समझ बठ ग िो य फल और ख़शबए कया आसमान स टपक ग समझन वाल इशारो को बहि जकद समझग बाय द टाइम आप इस अङक को पि रह हो ममहकन ह दहनया का एक बड़ा हहवीसा आप को होली की बराइया हगना रहा हो हम इिना ही हनवदन कर ग हक ldquoसपrdquo की िरह-िरह सार-सार को गह और थोथ को उड़ा फ क नीर-िीर-हववक हम सब की ामहनयो म यगो-यगो स परवाहमान ह अपन हववक का सदपयोग करि हय अचछी बािो को आग बिाए हमठाइयो क कारोबाररयो दवारा परोस जा रह अशि माल स परहि करि वक़ि याद रह हक कडबरी भी कोई अमि नही ह हर गली क नककड़ पर रङग हपचकारी वग़रह बचन वाल हमार कटीर उदयोग क खवनहार ह आप सभी को सपररवार होली की शभ-कामनाए

खहशयो का वीवागि कर हर आगन हर दवार| कछ ऐसा हो इस बरस होली का तयौहार||

होली हवषयक और भी सामरी मसलन छद ग़िल हजल नज़म कहविा गीि-नवगीि रहसया आलख कहानी कथा वग़रह पिन क हलय यहा हकलक कर


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